मैंने कुछ तो खोया है ,मुझे ऐसा क्यों लगता है मैंने कुछ तो खोया है,
एक तरफ जवानी मिली मुझको तो कहीं मैंने अपना बचपन भी खोया है ,मैंने अपने स्कूल के उन दोस्तों को खोया है जो कभी कभी मुझसे झगड़े किया करते थे तो कभी मुझसे लड़ाई,
मैंने कुछ तो खोया है ,मुझे ऐसा क्यों लगता है मैंने कुछ तो खोया है,
अब नहीं मिलती टीचर की फटकार अब नहीं पढ़ती मुझे पापा की मार अब मम्मी भी नहीं देती मुझे उतना दुलार अब भाई बहेन में नहीं होती वो झगड़े बार बार ,
मैंने कुछ तो खोया है ,मुझे ऐसा क्यों लगता है मैंने कुछ तो खोया है,
रातों को अब आसमान में तारे गिनता नहीं हूं ,अब रातो को जल्दी सोता नहीं हूं , वो परियों के सपने भी नहीं आते , लोरियां सुने तो सालों गुज़र गए , जिंदगी एक ऐसी ट्रेन है जो स्टेशन पर रुकने का नाम नहीं लेती,
मैंने कुछ तो खोया है ,मुझे ऐसा क्यों लगता है मैंने कुछ तो खोया है,
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