Grasses of Nallamala Forests in Eastern Ghats
Pennisetum pedicellatum
Scaly breasted munia birds are sitting on Heteropogan contrartus grass
By: Rupak
View On WordPress
0 notes
Humanity
Humanity✨
Be Kind. Be Human. Take care of our planet Earth 🌎 There is no planet Earth 'B'.
What is the greatest gift someone could give you?
Me seeing people doing humanity.. A human belongs to Humanity only. Helping others, Spread love ❤ Be respectful to others. Someone can give me respect, love and support me in taking care of our planet. Because of pollution, I have been suffered alot. Being healthy and getting clean water, air, land, is my basic right, which I also deserve as…
View On WordPress
4 notes
·
View notes
बचपन के दिन
#HappyChildrensDay
बचपन के दिन
Happy Children’s Day
ना कुछ पाने की आशा,
ना कुछ खोने का डर,
बस अपनी ही धुन,
बस अपने सपनो का घर,
ऐसे अनमोल होते हैं बचपन के पल ❤
मुझे आज भी याद है कि कैसे काम में ना आने वाली चीजों से हम खिलौने बनाते थे, सभी टूटी चीजों को दूसरे काम के उपयोग में लाते थे। हम सभी दोस्तों की मण्डली हर घर जाकर किसी भी माँजी, चाची, ताई से कुछ मांगते थे तो वो अपने बच्चो की भाँति ही व्यवहार करती थी।
घर मे पड़ी टूटी…
View On WordPress
0 notes
WILDLIFE DAY 2022
Nature & Human Beings
#Just a thought
Human Being!
The most intelligent, sensible, ability of language (the way of communication), humanitarian, adaptability, thinking, feeling, sense of self-awareness, etc., and considered as a superior or important part of nature.
But!
Can we have another thought? Like Nature has not only one way of communication. Every species micro to large, have…
View On WordPress
207 notes
·
View notes
TIGER & FOREST
TIGER & FOREST
View On WordPress
1 note
·
View note
Haryana is one of the oldest yet one of the most modern places in India. "It's the land of fertile Grains & Brains"🌈🌸🌳
3 notes
·
View notes
Happy Rakhi ✨
1 note
·
View note
विविध धर्मों में जैव-विविधता_5
विविध धर्मों में जैव-विविधता_5
“एक नेक व अच्छा इंसान वही है, जो प्रकृति मे सभी छोटे-बड़े, अतिसुक्ष्म, निर्जीव-जीव प्राणियों का व वनस्पति जगत का आदर करता है और उनके संरक्षण को परम धर्म मानता हैं”- रुपक
ईसाई धर्म
ईसाई एकेश्वरवादी हैं, लेकिन वे ईश्वर को त्रीएक के रूप में समझते हैं- परमपिता परमेश्वर, उनके पुत्र ईसा मसीह (यीशु मसीह) और पवित्र आत्मा।
ईसाई धर्म पन्थ की आधारशिला तथा ईसाइयों का पवित्रतम धर्मग्रन्थ है-…
View On WordPress
0 notes
Am collecting Moments not Things...
2 notes
·
View notes
चटनी (Chutney)
दादी माँ चलती देवी
जैसे समय के साथ हर क्षेत्र मे नए बदलाव आये है वैसे ही खानपान के क्षेत्र मे भी बदलाव साफ देखे जा सकते है। एक तरफ जहाँ बर्गर, पिज़्ज़ा जैसी चटपटे फास्ट फूड्स खाने को मिलते है व विभिन्न प्रकार की तकनिकियां आ गयी है वही दूसरी तरफ एक साधरण सी चीज़ आज भी लोगो के स्वाद मे शामिल है। वह व्यंजन है चटनी। यह भिन्न-भिन्न रूप मे भिन्न-भिन्न जगहो पर भोजन का एक छोटा परंतु अहम हिस्सा है। आज हम…
View On WordPress
0 notes
किसी के मदद करने पर कृतज्ञ बनना चाहिए। शुक्रिया कहना आना चाहिए।
किस्मत पलटती जरूर है पर अगर आपका व्यवहार और नियत साफ नही है तो फिर पलटती है।
Be greatful for what you have🌺
3 notes
·
View notes
परिवार की इज़्ज़त के लिए ख्वाईशे छोड़ दो
बाप की नाक के लिए प्यार छोड़ दो
ससुर की शान के लिए नौकरी, नाम सब छोड़ दो
पति के लिए अपना घर छोड़ दो,
भाई के लिए प्रोपर्टी छोड़ दो
बच्चो के लिए ख़ुद को छोड़ दो,
बाहर कोई छेड़े तो बाहर जाना छोड़ दो
अंदर कोई छेड़े तो मदद की उम्मीद छोड़ दो
दुनिया के लिए सबसे अच्छी औरत वही होती है
'जो जीना ही छोड़ दे'
सब खुश रहते हैं फिर।
5 notes
·
View notes
विविध धर्मों में जैव-विविधता_4
विविध धर्मों में जैव-विविधता_4
“एक नेक व अच्छा इंसान वही है, जो प्रकृति मे सभी छोटे-बड़े, अतिसुक्ष्म, निर्जीव-जीव प्राणियों का व वनस्पति जगत का आदर करता है और उनके संरक्षण को परम धर्म मानता हैं”- रुपक
सिख धर्म
सिख धर्मग्रंथ, श्री गुरु ग्रंथ साहिब, की सबसे पहली पंक्ति है – ‘कर्ता-पुरुख‘ जिसका अर्थ है कि ‘वाहेगुरु जी’, “इक ओंकार“- वाहेगुरु केवल एक है, वह संपूर्ण ब्रह्मांड के निर्माता हैं। इसलिए सिख धर्म मे प्रकृति और ‘पर्यावरण…
View On WordPress
3 notes
·
View notes
विविध धर्मों में जैव-विविधता_3
विविध धर्मों में जैव-विविधता_3
“एक नेक व अच्छा इंसान वही है, जो प्रकृति मे सभी छोटे-बड़े, अतिसुक्ष्म, निर्जीव-जीव प्राणियों का व वनस्पति जगत का आदर करता है और उनके संरक्षण को परम धर्म मानता हैं ” -रुपक
बौद्ध धर्म
बौद्ध धर्म की मूल शिक्षा प्रकृति एवं मनुष्य के बीच आत्मिक जुड़ाव की है।
pic-Internet
बुद्ध के उपदेश
यह धर्म पांच उपदेशों (चार आर्य सत्य- दुःख, दुःख कारण, दुःख निरोध, दुःख निरोध का मार्ग) के पालन के माध्यम से,…
View On WordPress
2 notes
·
View notes
विविध धर्मों में जैव-विविधता_2
विविध धर्मों में जैव-विविधता_2
“एक नेक व अच्छा इंसान वही है, जो प्रकृति मे सभी छोटे-बड़े, अतिसुक्ष्म, निर्जीव-जीव प्राणियों का व वनस्पति जगत का आदर करता है और उनके संरक्षण को परम धर्म मानता हैं ” -रुपक
इस्लाम धर्म
इस्लाम जैव-विविधता को ईश्वर की बुद्धि और सर्वशक्तिमानता की अभिव्यक्ति और मानव विकास के समर्थन के रूप में देखता है।
pic- Internet
इस्लामी शिक्षाएं मानव जाति को जैव-विविधता का संरक्षण व अन्य सभी जैविक रचनाओं के…
View On WordPress
2 notes
·
View notes
विविध धर्मों में जैव-विविधता
विविध धर्मों में जैव-विविधता
“एक नेक व अच्छा इंसान वही है, जो प्रकृति मे सभी छोटे-बड़े, अतिसुक्ष्म, निर्जीव-जीव प्राणियों का व वनस्पति जगत का आदर करता है और उनके संरक्षण को परम धर्म मानता हैं ” -रुपक
प्राचीन काल से ही हमारे धर्मग्रंथों में विभिन्न पेड़-पौधों, औषधीय पौधों, वनस्पतियों व वन्य प्राणियों का विशेष उल्लेख किया गया है।
हमारे धर्म, संस्कृति, सभ्यता व रोजमर्रा की गतिविधियों मे उन्हें धार्मिक आस्थाओं से जोड़कर, मानव…
View On WordPress
1 note
·
View note