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#दही कब खाना चाहिए
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एक धनवान युवक को खाँसी बहुत रहती थी। कई उपाय किए, कई दवाएँ ली, परन्तु खाँसी जाती नहीं थी। जाती भी कैसे? उसे खट्टी वस्तुएंँ खाने का बड़ा शौक था। खट्टी दही, खट्टी लस्सी, खट्टी चटनी, खट्टी चाट, खट्टा अचार और ऐसी ही कई अन्य वस्तुएँ वह खाता था। खाँसी ठीक कैसे होती? एक दिन वह एक वैद्य के पास आया और बोला- मुझे बहुत खाँसी रहती है। क्या आप मेरा इलाज कर देंगे? वैद्य जी अनुभवी थे। खाँसी ठीक करना तो उनके लिए चुटकियों का काम था। बोले- तुम बैठो। मैं अभी दवा देता हूँ। पर यदि वैद्य जी अनुभवी थे, तो वह भी कोई कम अनुभवी नहीं था, वह जानता था कि दवा देते ही ये खट्टा खाने को मना करेंगे। तो इससे पहले कि वे कुछ कहते, वह बोला- मैं आपकी दवा तो अवश्य ले लूंगा, पर मेरी एक शर्त है। मैं खट्टी वस्तुएँ खाना बन्द नहीं करूँगा। वैद्य जी समझ गए कि यह जीभ का चटोरा है। सोचा कि यह परहेज नहीं करेगा तो ठीक कैसे होगा? आखिर वे हंस कर बोले- खट्टा खूब खाना, मैंने तुम्हें कब रोका? फिर खट्टा खाने का तो मजा ही कुछ और है। और खाँसी हो और खट्टा खाए, तब तो लाभ ही लाभ है, इसमें नुकसान ही क्या है? खाँसी में खट्टा जो खाए, उसके घर कभी चोरी नहीं होती, उसे कभी कुत्ता नहीं काटता और वह कभी बूढ़ा नहीं होता। युवक ने यह सुना तो हैरान रह गया। ऐसा सुनना तो दूर, उसने कभी स्वप्न में सोचा तक नहीं था। वह बोला- यह तो आपने बहुत अच्छी बात कही। पर मैं समझा नहीं। आप समझाकर कहिए। वैद्य जी बोले- देखो! यदि तुम्हें खाँसी है और ऊपर से खट्टा खाने की लत है, तो जल्दी ही तुम्हें कुत्ता खाँसी हो जाएगी, तब तुम रात भर कुत्ते की तरह खाँसते रहोगे। स्वयं भी जागोगे, घर वालों को भी जगाए रखोगे। तो जब सभी जागते हुए ही पड़े रहेंगे, सोएँगे ही नहीं, तो ऐसे घर में चोर आएगा ही कैसे? और यों लगातार खाँसते-खाँसते जब तुम्हारा शरीर और अधिक निर्बल हो जाएगा, पाँव काँपने लगेंगे, तब तुमसे बिना लाठी के चला नहीं जाएगा। और तुम स्वयं विचार करो कि जिसके हाथ में हर समय लाठी रहेगी उसे कुत्ता कैसे काटेगा? फिर जब खाँसी से तुम्हारे फेफड़े बिल्कुल ही खत्म हो जाएँगे और शरीर सूख कर काँटा हो जाएगा। तब तुम इस जवानी में ही मर जाओगे, तब तुम्हारे लिए बुढ़ापा आएगा ही कैसे? तो खाँसी में तो खट्टा खाना बहुत लाभदायक है। यह सब सुन कर वह युवक रोने लगा। वैद्य जी ने बड़े ही प्रेम से उसके सिर पर हाथ फिराया और कहा- मेरे प्यारे बेटे! मेरी बात मानो तो जिद छोड़ दो। कुछ ही दिनों की बात है। जब तक खाँसी पूरी तरह से ठीक न हो जाए, तब तक पूर्ण परहेज रखना ही चाहिए। फिर तो जैसा सामान्यतया सभी खाते हैं, तु https://www.instagram.com/p/CgNwjrGBz84/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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vilaspatelvlogs · 3 years
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काम की खबर: पुरुष गर्मियों में इस वक्त खाना शुरू कर दें दही, मिलेंगे जबरदस्त फायदे!
काम की खबर: पुरुष गर्मियों में इस वक्त खाना शुरू कर दें दही, मिलेंगे जबरदस्त फायदे!
नई दिल्ली: आज हम आपके लिए लेकर आए हैं दही के फायदे. दही अधिकतर लोगों की डाइट का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. गर्मियों में इसका सेवन करना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है. गर्मी के मौसम में नियमित तौर पर दही का सेवन करने से न केवल आप तरोताजा रहते हैं, बल्कि इससे पाचन तंत्र भी ठीक रहता है और कई शारीरिक बीमारियों से बचाता है. खासकर पुरुषों की सेहत के लिए यह ज्यादा फायदा…
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vicharodaya · 3 years
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Sugar kam karne ke upay in hindi- ये घरेलू नुस्खे दिलाएंगी डायबिटीज़ से राहत और शुगर का इलाज घर मे
Sugar kam karne ke upay in hindi- ये घरेलू नुस्खे दिलाएंगी डायबिटीज़ से राहत और शुगर का इलाज घर मे
शुगर की बीमारी के लिए भी ऐसे कई घरेलू उपचार है जो कि शुगर का इलाज और शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में बहुत मदद करते हैं भोपाल। वैसे तो हम ज्यादातर बीमारियों के लिए डॉक्टर के पास दवा लेते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि दवाईयों के अलावा भी हर बीमारी का इलाज होता है। ये इलाज होते हैं घरेलू नुस्खे जो कि बहुत ही पुराने समय से चले आ रहे हैं और बहुत ही कारगर भी साबित हो चुके हैं। आज हम बात करेगें जो…
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गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक भोजन
डॉक्टर द्वारा महिलाओं के गर्भावस्था के दौरान बहुत खास ख्याल रखने के लिए कहा जाता है महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य दोनों के बारे में ख्याल रखना होता है इसके लिए महिलाओं को रहन-सहन और स्वस्थ भोजन करने की सलाह दी जाती है महिला को गर्भावस्था के दौरान अपने खानपान का खास तौर से ध्यान रखना होता है क्योंकि खान-पान का असर उसके बच्चे पर पड़ता है और उसका शारीरिक विकास में सुधार होता है सही खान-पान के नहीं होने से बच्चे की शारीरिक विकास पर असर पड़ सकता है।
इसके लिए महिलाओं को सभी उपयोगी और पोषक तत्व वाली चीजों का सेवन करना चाहिए।  महिलाओं को समय-समय पर खानपान में बदलाव करना चाहिए और उन्हें जरूरत वाली चीजों का सेवन करना चाहिए जिसमें बदाम प्���ोटीन वाली चीजें दाल दूध वाली चीजें हैं। सब्जियां फल-फूल आदि का सेवन करना चाहिए। जो महिलाएं गर्भावस्था के समय अपना ख्याल नहीं रख पाते हैं, उसका परिणाम उसके बच्चे को भुगतना पड़ता है और प्रसव के दौरान बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गर्भावस्था में स्वस्थ भोजन क्या है?
गर्भावस्था के दौरान महिला और बच्चे के लिए शारीरिक विकास और मानसिक विकास के लिए मां को स्वस्थ भोजन करने की आवश्यकता होती है। स्वस्थ भोजन के अंदर विटामिन सी विटामिन डी कैल्शियम पोटेशियम वसा कार्बोहाइड्रेट आदि सभी प्रचुर मात्रा में दी जाती है ताकि बच्चा और मां दोनों स्वस्थ रहें और प्रसव के दौरान किसी की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
इसके लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन करने की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान महिला को स्वस्थ भोजन करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन
गर्भावस्था के समय महिला को अपने होने वाले बच्चे के खास खयाल के लिए स्वस्थ भोजन करने की आवश्यकता होती है इससे उसके बच्चे को अच्छा पोषण मिलता है ताकि वह हष्ट पुष्ट पैदा हो। गर्भावस्था के दौरान यदि महिला द्वारा स्वस्थ भोजन का ध्यान नहीं रखा जाता है तो महिला को आयरन कैल्शियम जैसे बहुत से पोषक तत्व की कमी हो जाती है।
जिससे बच्चे की शारीरिक विकास में बाधा आती है। हमने नीचे कुछ चीजों का उल्लेख किया है जिसमें बताया गया है कि गर्भावस्था के समय महिला को क्या-क्या खाना चाहिए।
दूध से बनी चीजें
महिला के प्रेग्नेंट होने पर गर्भावस्था के समय महिला को ज्यादा से ज्यादा दूध से बनी चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। दूध से बनी चीजें से दही इसके अंदर प्रोटीन विटामिन कैल्शियम आदि के अच्छे स्रोत पाए जाते हैं महिला गर्भावस्था के दौरान पनीर का सेवन भी कर सकती है क्योंकि इसके अंदर बड़ी मात्रा में कैल्शियम होते हैं जो मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत ही जरूरी है इसे बच्चे का शारीरिक विकास होने में मदद मिलती है।
दालें
दाल शरीर के लिए बहुत ही जरूरी चीज है क्योंकि इसके अंदर प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है और एक गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन की सही मात्रा मिलना जरूरी है जो महिला शाकाहारी है उन्हें मांसाहारी चीजों से दूर रहना चाहिए उसके लिए दालों का सेवन कर सकती है, क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन मिलता है खासकर महिला मसूर की दाल का भरपूर सेवन कर सकती है।  यह बच्चे और महिला के लिए अच्छा है।
मांस और मछली
जो महिलाएं मांस और मछली जैसी चीजों का सेवन करती है वह मांस और मछली का सेवन कर सकती है यह प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है जिस महिलाओं को दालों से प्रोटीन कब मिलता है वह मांस मछली खा सकती है।
अंडा सफेद होने के कारण इससे सफेदी प्रोटीन अच्छी मात्रा में मिल जाता है जबकि मटन के अंदर आयरन किसकी मात्रा होती है दो शिशु के लिए बहुत ही जरूरी है मछली का सेवन करने से बच्चे का शारीरिक विकास होता है।
बादाम
गर्भावस्था के दौरान महिला को स्वस्थ भोजन के अंदर मेवा और बादाम खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसके अंदर प्रोटीन की मात्रा होती है महिलाएं गर्भावस्था के दौरान मेले के साथ में बादाम पैसा खर्च आदि का सेवन कर सकती है यह बच्चे के लिए भी गुणकारी है।
सब्जियां
मनुष्य को शरीर में उर्जा प्रदान करने के लिए सब्जियों की बहुत जरूरत है क्योंकि सबसे के अंदर आयरन विटामिन बी विटामिन सी विटामिन फोलिक एसिड जैसे बहुत से तत्व पाए जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिला को हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर बहुत से पोषक तत्व होते हैं।
महिला को खासतौर से पालक का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर आयरन की प्रचुर मात्रा होती है इसके अलावा विटामिन बी होता जो बच्चे के लिए अच्छा होता है। गर्भावस्था के दौरान महिला को टमाटर का सेवन करना चाहिए क्योंकि टमाटर के अंदर विटामिन सी होता है और साथ ही साथ मटर रोड डोकली जैसी चीजों का भी सेवन नंबर चाहिए हरे सलाद का सेवन महिलाएं कर सकती है क्योंकि इसके अंदर आयरन पोटेशियम कैल्शियम फाइबर आदि की प्रचुर मात्रा होती है जो शरीर के विकास के लिए बहुत ही जरूरी होती है।
फल फूल
शरीर में कमजोरी को दूर करने के लिए व्यक्ति फलों का सेवन करता है यहां तक कि फलों के जूस का भी इस्तेमाल करता है।  गर्भवती महिलाओं को कब्ज की समस्या हो जाती है इसके लिए महिला को फाइबर युक्त फलों का सेवन करना चाहिए जिससे एक कब्ज से परेशानी का सामना किया जा सकता है। इसके अलावा फलों के अंदर बहुत से खनिज तत्व पाए जाते हैं और विटामिन पाए जाते हैं महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान तरबूज का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर मॉर्निंग सिकनेस जैसी समस्याओं को लड़ने की ताकत होती है आम संतरे नींबू जैसे फलों का सेवन करना चाहिए जिसके अंदर विटामिन सी की प्रचुर मात्रा पाई जाती है विटामिन सी के लिए पोषक तत्व है।
तरल पदार्थ
गर्भवती महिला को समय-समय पर जूस पीना चाहिए जो उसके अंदर महिलाओं को खनिज और विटामिन की प्रचुर मात्रा मिल जाती है महिलाएं ज्यादा पानी पीती है इससे महिलाओं हाइड्रेटेड जैसी परेशानी से लड़ लेती है।
फलों को अक्सर भिगोकर उसका पानी पीना चाहिए यह हाइड्रेटेड रहने का एक सबसे बेहतरीन तरीका है। इससे पानी का स्वाद भी कहीं हद तक बदल जाता हैं। ध्यान रहे महिलाओं को डिब्बाबंद फलों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर उच्च मात्रा में अप्राकृतिक मिठास होती है जो बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
वसा
गर्भवती महिला को आहार के अंदर वसा युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए यह बच्चे की विकास के लिए बहुत ही जरूरी है और प्रसव अच्छे से हो सके उसके लिए भी बहुत जरूरी है यह महिलाओं को प्रसव के लिए तैयार करने में मदद करता है। गर्भवती महिला को वनस्पति तेल जैसे वसायुक्त तत्वों का इस्तेमाल करना चाहिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मक्खन और घी जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए यह अतिरिक्त वसा पैदा कर सकता है जो गर्भावस्था के समय परेशानी पैदा कर सकता है।
गर्भावस्था के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर द्वारा महिलाओं को कुछ चीजें के लिए मना किया जाता है क्योंकि यह महिला और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक होते हैं। महिलाओं को पता होना चाहिए कि गर्भावस्था के दौरान किन चीजों को खाने से बचना चाहिए। क्योंकि कुछ खाते बताता है ऐसे होते हैं जो महिला को गर्भ अवस्था के दौरान परेशानी पैदा कर सकते हैं।
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बैंगन खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह है मासिक धर्म उत्तेजित करने का काम करता है और महिला को कच्चे अंडे नहीं खाने चाहिए क्योंकि इससे सालमोनेला नामक संक्रमण पैदा हो जाता है और  आंत पर प्रभाव पड़ता है जिससे महिलाओं को दस्त बुखार पेट दर्द जैसी परेशानियां हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान महिला को कुछ खाद्य पदार्थ जैसे तिल के बीज सॉफ और मेथी  आदि चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर फाइटोएस्ट्रोजन पाया जाता है जो गर्भाशय को खत्�� कर सकता है।
गर्भावस्था के दौरान जरूरी विटामिन कौन से हैं?
गर्भवती महिला को गर्भावस्था के समय विटामिन की बहुत जरूरत होती है एक हष्ट पुष्ट बच्चे के लिए विटामिन की सही मात्रा होना जरूरी है सभी जानते हैं कौन-कौन से विटामिन जरूरी होते हैं।
गर्भवती महिला को विटामिन बी या फॉलिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण विटामिन तत्वों की आवश्यकता होती है यह गर्भधान से पहले बहुत जरूरी होती है महिलाओं में विटामिन बी की कमी से बच्चे में न्यूरल ट्यूब का दोष हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को प्रचुर मात्रा में विटामिन डी और कैल्शियम की आवश्यकता होती है इसकी कमी के कारण बच्चे की कंकाल प्रणाली मैं परेशानी आ सकती है और बच्चे और महा दोनों को खतरा हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को विटामिन सी की प्रचुर मात्रा लेनी जरूरी है क्योंकि यह आयरन को अवशोषित कर लेता है और शरीर में खनिज तत्वों की कमी को पूरी करता है यह महिला के मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत जरूरी है।
गर्भावस्था के समय सावधानियां
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को वह सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि यह इसके बच्चे के जीवन का सवाल में हो सकता है महिलाओं को  गर्भावस्था के समय कुछ विशेष बातों को ध्यान रखना चाहिए हमने यह विशेष बातें नीचे एक ही करके बताइए चलिए जानते हैं।
धूम्रपान
गर्भवती महिला को धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए यह महिला और उसके बच्चे दोनों को चौकी में डाल सकता है और बच्चे का आंतरिक संरचना पर प्रभाव पड़ सकता है और इससे उसकी मृत्यु हो सकती है।
शराब
गर्भवती महिला यदि शराब का सेवन करती है तो उसका असर बच्चे भी पड़ता है और बच्चे की कोशिकाएं का विकास रुक जाता है जिससे बच्चे की मृत्यु हो सकती है इसलिए गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के समय शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
ज्यादा खाना
गर्भवती महिला को ज्यादा खाने से भी परेशानी हो सकती है महिला को अपना संतुलन बनाए रखने के लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह खाने की मात्रा को निश्चित करें क्योंकि डिलीवरी के दौरान महिला का वजन सही होना चाहिए। ज्यादा खाने से गर्भवती महिला को डायबिटीज की परेशानी हो सकती है जिसका असर महिला और बच्चे पर पड़ता है।
कच्चे मांस का सेवन
गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान कच्चे मांस खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसके अंदर परजीवी  होते हैं जो बच्चे के शारीरिक विकास को रोकने का काम करते हैं और भोजन में विष का कारण बन सकते हैं।
मछली का सेवन
महिलाओं के पास मांस और मछली का सेवन करने का विकल्प होता है परंतु इसके अंदर झींगा और कैंडल लाइट पूर्णा बहुत ही अच्छी फूड है महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि मछलियों के अंदर भी अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती है जो गर्भावस्था के दौरान नहीं खानी चाहिए। महिलाओं को प्रतिदिन फिश लिवर ऑयल कैप्सूल का सेवन करना चाहिए यह महिला के गर्भ अवस्था के दौरान एक अच्छी खुराक है।
वजन
गर्भावस्था के दौरान महिला का वजन बढ़ जाता है जिसके कारण अशोक के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता है महिला को अपने व्यवस्था के दौरान वजन को एक सही मात्रा में रखना चाहिए ताकि उसे किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
Calcium का सेवन
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कैल्शियम वाले पदार्थों का सेवन करना चाहिए यह अंतिम दो तिमाही में बच्चे की विकास को अच्छे से करने में मदद करता है। इसके बाद यह ओस्टियोपोरोसिस विकसित होने वाली जैसी परेशानी से लड़ने के लिए भी फायदेमंद है।
जिस प्रकार एक स्वस्थ व्यक्ति को जीने के लिए एक स्वस्थ भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार एक गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन की आवश्यकता होती है।  यह उसके और उसके बच्चे के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।  महिला और अपने बच्चे के शारीरिक विकास हेतु महिला को स्वस्थ भोजन प्रणाली को अपनाना चाहिए। महिला को गर्भावस्था के दौरान बहुत ही सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह मां और बच्चे दोनों का सवाल होता है।
Reference : https://www.ghareluayurvedicupay.com/paushtik-bhojan-for-pregnancy/
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ayurvedaseilaj · 4 years
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दही कब, क्यों, कितना खाना चाहिए। दही के फायदे व नुकशान
आयुर्वेद के अष्टाङ्ग ह्रदय में 5 अध्याय में बताए हुए दही खाने के फायदे (curd benefits), नुकशान, कब खाना चाहिए और कब नहीं खाना चाहिए।
आयुर्वेद के अष्टाङ्ग ह्रदय में 5 अध्याय में बताए हुए दही खाने के फायदे (curd benefits), नुकशान, कब खाना चाहिए और कब नहीं खाना चाहिए। इसके साथ आपके कुछ खास प्रश्न जैसे की curd benefits, benefits of curd, benefits of eating curd, health benefits of curd, benefits of curd in hindi, रात में दही खाने के फायदे,दही और आयुर्वेद,दही कब खाना चाहिए,दही गुड़ खाने के फायदे, दही चेहरे के लिए,दही गरम है या ठंडा…
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dinkidawat123 · 4 years
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हर रोज दही खाने से होते है ये 5 चोंकाने वाले फायदे । Yogurt benefits in hindi
हर रोज दही खाने से होते है ये 5 चोंकाने वाले फायदे । Yogurt benefits in hindi
हर रोज दही खाने से होते है ये 5 चोंकाने वाले फायदे । Yogurt benefits in hindi
दोस्तों आज हम दही खाने के फायदे के बारे में जानेंगे
तो आइए जानते है दही हमारे लिए कितना फायदेमंद हैं
तो दोस्तों आज का हमारा टोपिक है हर रोज दही खाने से होते है ये 5 चोंकाने वाले फायदे । Yogurt benefits in hindi
दोस्तों कहते है किसी भी शुभ काम की शुरुआत से पहले उस काम के लिए जाने वाले को सफलता मिलती है साथ ही दही को सेहत…
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sethjikenuskhe · 5 years
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gethealthy18-blog · 4 years
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हरे सेब के फायदे और नुकसान – Green Apple Benefits and Side Effects in Hindi
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हरे सेब के फायदे और नुकसान – Green Apple Benefits and Side Effects in Hindi
आहार में सेब को शामिल करने के फायदे आपने जरूर सुने होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लाल सेब की तरह ही हरे सेब भी सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। माना जाता है कि हरे सेब का सेवन आंतरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ त्वचा पर भी सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है। आप सोच रहे होंगे कि इन लाभ के लिए हरे सेब काम कैसे करते हैं? इस सवाल का जवाब आपको स्टाइलक्रेज के इस लेख में मिलेगा। इस लेख को पढ़कर आपको हरे सेब के फायदे और इसके उपयोग संबंधी जानकारी मिलेगी। साथ ही लेख के अंत में हरे सेब के नुकसान भी बताए गए हैं। लेख में आगे बढ़ने से पहले, पाठक इस बात पर जरूर ध्यान दें कि हरा सेब लेख में बताई गई किसी भी समस्या का इलाज नहीं है, लेकिन यह इनके प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में एक सहायक भूमिका जरूर निभा सकता है।
लेख में आगे बढ़ने से पहले आइये जानते हैं कि शरीर के लिए हरे सेब के फायदे क्या हैं।
विषय सूची
हरे सेब के फायदे – Benefits of Green Apple in Hindi
सेब के विभिन्न प्रकार माने गए हैं। बेशक, ये रंग और रूप में अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हमें स्वस���थ रखने में ये सभी लगभग समान रूप से काम करते हैं। हालांकि, इनमें मौजूद पोषक तत्व लगभग एक जैसे ही होते हैं, लेकिन उनकी मात्रा में थोड़ा फर्क हो सकता है। सेब का ऐसा ही एक प्रकार है “ग्रैनी स्मिथ एप्पल (Granny Smith apples)”, जिसे आम भाषा में हरा सेब कहा जाता है। आइए, विस्तार से जानते हैं सेहत के लिए हरे सेब के फायदे।
1. लिवर के लिए हरे सेब के फायदे
सेब में कई प्रकार के फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं और इन्हीं में से एक है क्वेरसेटिन (Quercetin)। यह एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो लिवर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने और स्वस्थ रखने में लाभदायक हो सकता है। इसके साथ ही, सेब के छिलकों में पाए जाने वाले खास एंटीऑक्सीडेंट गुण लिवर को कैंसर के खतरे से बचाने में भी लाभदायक हो सकते हैं (1)। लिवर के लिए हरे सेब के फायदे उठाने के लिए रोज सुबह एक सेब खाया जा सकता है (2)।
2. फेफड़ों के लिए हरे सेब के फायदे
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि फल और सब्जियों का सेवन महिलाओं में लंग्स कैंसर के खतरे को 21 प्रतिशत तक कम कर सकता है। लंग्स कैंसर के इस खतरे को कम करने में हरे सेब में मौजूद फ्लावोनोइड प्रभावी पाया गया है। वहीं, शोध में शामिल 10,000 पुरुषों और महिलाओं पर किए गए परीक्षण में फ्लेवोनॉयड के सेवन और फेफड़ों के कैंसर के मध्य विपरीत संबंध देखा गया है। फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन एक ग्रीन एप्पल का सेवन किया जा सकता है (1)। ध्यान रहे कि कैंसर जैसी स्थितियों में घरेलू उपाय की जगह डॉक्टरी इलाज करवाएं।
3. हड्डियों के लिए हरे सेब के फायदे
हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की आवश्यकता होता है, जैसे कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटेशियम। इनके साथ ही कुछ अन्य खनिज जैसे कॉपर, आयरन, जिंक, विटामिन-ए और विटामिन-के भी हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। ये पोषक तत्व बोन मास बढ़ाने के साथ-साथ हड्डियों को मजबूत रखने में सहायक माने जाते हैं (3) यहां हरे सेब के लाभ देखे जा सकते हैं, क्योंकि यह उपरोक्त बताए गए सभी पोषक तत्वों से समृद्ध होता है (4)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि हरे सेब के उपयोग से हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
4. वजन कम करने में सहायक
सेब का सेवन वजन कम करने के उपाय के रूप में किया जा सकता है। सेब की इस कार्यप्रणाली के पीछे इसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स काम करते हैं। ये पॉलीफेनोल्स एंटी-ओबेसिटी गुण को प्रदर्शित करते हैं और शरीर से फ्री रेडिकल्स और फैट टिश्यू को कम करके वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। फिलहाल, वजन नियंत्रण में हरे सेब के बेहतर प्रभाव जानने के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है (5)।
5. त्वचा के लिए हरे सेब के फायदे
कच्चे हरे सेब के उपयोग की बात करें तो इसके फल का सिर्फ गूदा ही नहीं, बल्कि छिलका भी त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, इसमें मौजूद टैनिन एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट तो होता ही है, साथ ही यह त्वचा के लिए एक प्रभावी एसट्रिनजेंट की तरह भी काम करता है। एसट्रिनजेंट, त्वचा के रोमछिद्रों को छोटा करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही, हरे सेब के छिलके का उपयोग त्वचा से सीबम के स्राव को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है (6)। त्वचा को स्वस्थ रखने के उपाय के रूप में हरे सेब का उपयोग नीचे बताए गए तरीकों से किया जा सकता है –
सामग्री :
दो से तीन हरे सेब के छिलके
छाछ (आवश्यकतानुसार)
विधि :
सेब के छिलकों को धूप में सूखा लें।
जब वे अच्छी तरह सूख जाएं तो उन्हें पीस कर पाउडर बना लें।
अब एक बाउल में इस पाउडर को लें और उसमें जरूरत अनुसार छाछ मिलाकर पेस्ट बना लें।
इस पेस्ट को ब्रश या उंगलियों की मदद से चेहरे पर लगाएं।
लगभग 15 से 20 मिनट के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।
इसके अलावा, त्वचा के लिए हरे सेब के गुदे का भी उपयोग किया जा सकता है।
सामग्री :
आधा हरा सेब (कटा हुआ)
आधा चम्मच शहद
एक चम्मच दही
विधि :
हरे सेब को ब्लेंडर में डाल कर पेस्ट बना लें।
अब इस पेस्ट को एक बाउल में निकाल लें और बची हुई दोनों सामग्री डालकर अच्छी तरह मिला लें।
इसके बाद, इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और लगभग 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
20 मिनट के बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।
अंत में तौलिये से थपथपा पर चेहरा पोंछें और मॉइस्चराइजर लगाएं।
लेख के अगले भाग में जानिए हरे सेब में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में।
हरे सेब के पौष्टिक तत्व – Green Apple Nutritional Value in Hindi
नीचे दिए गए टेबल की मदद से जानिए हरे सेब में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में (4)।
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम पानी 85.46 ग्राम ऊर्जा 58 kcal प्रोटीन 0.44 ग्राम फैट 0.19  ग्राम कार्बोहाइड्रेट 13.61 ग्राम फाइबर 2.8 ग्राम शुगर 9.59 ग्राम मिनरल कैल्शियम 5 मिलीग्राम आयरन 0.15 मिलीग्राम मैग्नीशियम 5 मिलीग्राम फास्फोरस 12 मिलीग्राम पोटेशियम 120 मिलीग्राम सोडियम 1 मिलीग्राम जिंक 0.04 मिलीग्राम कॉपर 0.031 मिलीग्राम सिलेनियम 0.1 माइक्रोग्राम मैंगनीज 0.044 मिलीग्राम विटामिन थियामिन 0.019 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन 0.025 मिलीग्राम नियासिन 0.126 मिलीग्राम पैंटोथैनिक एसिड 0.056 मिलीग्राम विटामिन-बी 6 0.037 मिलीग्राम फोलेट, टोटल 3 माइक्रोग्राम कोलीन 3.4 मिलीग्राम विटामिन-ए RAE 5  माइक्रोग्राम विटामिन-ए, आईयू 100 आईयू विटामिन-ई 0.18 मिलीग्राम विटामिन-के 3.2  माइक्रोग्राम
लेख के अगले भाग में जानिए हरे सेब के उपयोग के बारे में।
हरे सेब का उपयोग – How to Use Green Apple in Hindi
कैसे करें उपयोग :
रोज सुबह एक साबुत हरे सेब का सेवन किया जा सकता है।
सेब का जूस निकालकर भी पी सकते हैं।
ओटमील और ड्राई फ्रूट्स के साथ हरे सेब के छोटे छोटे टुकड़े मिलाकर खाए सकते हैं।
दूध में पपीता, संतरा और हरा सेब डालकर स्मूदी बनाई जा सकती है।
एक बाउल में ग्रेपफ्रूट, हरा सेब और ड्राई फ्रूट्स (अखरोट और बादाम) मिलाकर खा सकते हैं।
कब और कितना करें उपयोग :
सुबह नाश्ते में एक हरे सेब का सेवन किया जा सकता है (7)।
इस लेख के आखिरी भाग में जानिए कि क्या हरे सेब के नुकसान भी हो सकते हैं?
हरे सेब के नुकसान – Side Effects of Green Apple in Hindi
कुछ मामलों में हरे सेब के उपयोग से निम्नलिखित दुष्प्रभाव सामने आ सकते हैं (8) (9) –
ओरल एलर्जी सिंड्रोम (होठों, जुबान और गले में सूजन व खुजली)
हे फीवर (एक तरह की एलर्जी, जिसमें आंखों और नाक में खुजली होती है और पानी आता है)
इसके साथ ही, गर्भावस्था में सेवन करने से हरे सेब के नुकसान हो सकते या नहीं, इस पर ज्या��ा शोध उपलब्ध नहीं है। इसलिए, इस दौरान हरे सेब के उपयोग से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें।
इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद आप हरे सेब के फायदे से अच्छी तरह परिचित हो गए होंगे। फायदों के साथ, अब आपको हरे सेब के उपयोग से जुड़ी जानकारी भी मिल चुकी होगी और आप समझ गए होंगे कि इसका इस्तेमाल कितनी मात्रा में किया जा सकता है। अनियंत्रित रूप से उपयोग करने के कारण हरे सेब के नुकसान भी हो सकते हैं, जिसके बारे में भी हमने इस लेख में बताया है। तो अब देर किस बात की, आज ही से अपने आहार में इसे शामिल करें और इसके लाभ उठाएं।
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सौम्या व्यास ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बीएससी किया है और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया, बेंगलुरु से टेलीविजन मीडिया में पीजी किया है। सौम्या एक प्रशिक्षित डांसर हैं। साथ ही इन्हें कविताएं लिखने का भी शौक है। इनके सबसे पसंदीदा कवि फैज़ अहमद फैज़, गुलज़ार और रूमी हैं। साथ ही ये हैरी पॉटर की भी बड़ी प्रशंसक हैं। अपने खाली समय में सौम्या पढ़ना और फिल्मे देखना पसंद करती हैं।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/hare-seb-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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rajatgarg79 · 5 years
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जाने लोगों के ताने सुन थक चुकी निशा ने कैसे घटाए 25 किलो वजन
अत्यधिक वजन की वजह से अगर आपकी उम्र ज्यादा लगने लगे तो आपके लिए वो किसी बुरे सपने से कम नहीं होता। कुछ ऐसा ही निशा के साथ था, मोटापे की वजह से निशा अपने आप को बूढ़ा समझने लगी थी और उनके अधिक वजन की वजह से लोग उनके बारें में बातें बनाया करते थे। उनकी वेट लॉस यात्रा के दौरान उन्होंने ये साबित किया कि कुछ भी मुमकिन है अगर आप उसका पालन अच्छे से करते है तब।
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के उपाय)
चलिए आपको आगे बताते हैं कि कैसे निशा ने 25 किलो किए कम:
आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?
जब मेरा 88 किलो वजन बढ़ गया था, तो मेरी उम्र 40 साल की लगने लगी थी। अत्यधिक वजन की वजह से मेरा आत्म-विश्वास भी टूट रहा था, तब मैंने महसूस किया कि अब बहुत हुआ और अब मुझे खुद के लिए कुछ करना है जिससे मैं 40 साल की न लगूं। तो कुछ भी खाने की बजाए मैंने स्वस्थ खाना शुरू किया और रोजाना वर्कआउट किया करती थी।
(और पढ़ें - पेट कम करने के लिए एक्सरसाइज)
आप क्या खाती थी?
मेरा नाश्ता: नाश्ते के दौरान मैं उपमा, उत्तपम, इडली, पोहा, ओट्स, म्यूस्ली और फल।
मेरा दोपहर का खाना: दाल, कुछ सब्जियां, दही, सलाद और एक गेहूं की रोटी।
मेरा रात का खाना: सलाद, कुछ सब्जियां, दाल या ओट्स या बेसन का चीला। (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए नाश्ते में क्या खाएं)
चीट डेस के समय: मैं चीट डेस के दौरान पानी पूरी, पाव भाजी और आइस क्रीम खाती थी।
कम कैलोरी वाला आहार: सब्जियों के सूप, उत्तपम और ऑमलेट।
(और पढ़ें - संतुलित आहार चार्ट)
क्या आप वर्कआउट करती थीं?
मैं वर्कआउट में दौड़ना, कार्डियो, जुम्बा, स्क्वाट, जम्पिंग जैक और बरपीस करती थी।
(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डाइट टिप्स)
आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?
शादी के दिनों की पुरानी फोटो को देखकर और उन कपड़ो को पहनकर प्रेरित होती थी जो मुझे मोटापे के समय नहीं आते थे।
(और पढ़ें - पेट कम करने के उपाय)
आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?
मैं शीशे में देखकर खुश होती थी कि मैं अब अपने लक्ष्य से कितना आगे आ चुकी हूं। यह भी मैं जानती हूं कि मैं फिर से उस रास्ते में नहीं जाना चाहती, इस तरह मैं अपने लक्ष्य से भटकती नहीं थी।
(और पढ़ें - हाथ की चर्बी कम करने के उपाय)
अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?
मोटापे की वजह से मैंने अपने ऊपर पूरी तरह से विश्वास करना छोड़ दिया था और मेरा आत्म-विश्वास धीरे-धीरे गिरता जा रहा था। मुझे अपनी साइज के कपड़े भी बेहद मुश्किल से मिलते थे। सबसे ज्यादा दुख तब होता था जब मैं लोगों के साथ घूमने के लिए निकलती थी तो वो मोटापा कम करने की नई-नई राय देने लग जाते थे। इन सब चीजों को देख-देखकर मैं तंग आ चुकी थी और फिर तब मैंने फैसला लिया कि अब मैं लोगों के साथ घूमने तब ही जाउंगी जब मैं अपना कुछ वजन कम कर लुंगी।
(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितनी कैलोरी खाएं)
आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?
अगले दस सालों में, मैं अपने आपको फिट देखना चाहती हूं और मैराथन में हिस्सा लेना चाहती हूं।
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)
जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए अपने क्या क्या किया?
मैंने बाहर का खाना खाना बंद कर दिया था, क्योंकि उससे आपको किसी भी तरह का पोषण नहीं ��िलता है। मैं रोजाना अपना डाइट प्लान अपनाती थी और वर्कआउट भी किया करती थी। एक अनुशासित जीवन आपको क्या दे सकता है यह चीज मुझसे बेहतर कोई नहीं जान सकता। इसलिए आप भी हर चीज का पालन करें। 
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के घरेलू उपाय)
आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?
अधिक वजन की वजह से एक रात मैं बेहद रोने लगी थी। तब मैंने सोचा कि अब मुझे अपने खुद के लिए कुछ करना चाहिए और वजन कम करना मेरे लिए बहुत बड़ा फैसला था।
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए योग)
वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?
यह बहुत ही लंबी और मुश्किल यात्रा होती है लेकिन आखिर में इसके परिणाम सकारात्मक और सुखद होते हैं। साथ ही आपको खुद को सजा देने की जरूरत नहीं है। अलग-अलग तरह के वर्कआउट करें जो आपको सूट करते हैं। फिटनेस कोई लक्ष्य नहीं है जिसे आपको हासिल करना है, यह एक जीवनशैली है। चीजे र���तों रात नहीं बदलती आपको धैर्य के साथ लगातार प्रयास करना पड़ता है।
(और पढ़ें - हिप्स को कम करने के टिप्स)
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आशा करते हैं कि आपको निशा के बारे में पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।
अगर आपके पास भी अपनी या अपने किसी मित्र, परिवार के सदस्य या परिचित की कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, तो हमसे ज़रूर शेयर करें। आप अपनी कहानी हमें [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं।
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via https://www.myupchar.com/weightloss/how-did-nisha-reduce-25-kilos-of-weight
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एक धनवान युवक को खाँसी बहुत रहती थी। कई उपाय किए, कई दवाएँ ली, परन्तु खाँसी जाती नहीं थी। जाती भी कैसे? उसे खट्टी वस्तुएंँ खाने का बड़ा शौक था। खट्टी दही, खट्टी लस्सी, खट्टी चटनी, खट्टी चाट, खट्टा अचार और ऐसी ही कई अन्य वस्तुएँ वह खाता था। खाँसी ठीक कैसे होती? एक दिन वह एक वैद्य के पास आया और बोला- मुझे बहुत खाँसी रहती है। क्या आप मेरा इलाज कर देंगे? वैद्य जी अनुभवी थे। खाँसी ठीक करना तो उनके लिए चुटकियों का काम था। बोले- तुम बैठो। मैं अभी दवा देता हूँ। पर यदि वैद्य जी अनुभवी थे, तो वह भी कोई कम अनुभवी नहीं था, वह जानता था कि दवा देते ही ये खट्टा खाने को मना करेंगे। तो इससे पहले कि वे कुछ कहते, वह बोला- मैं आपकी दवा तो अवश्य ले लूंगा, पर मेरी एक शर्त है। मैं खट्टी वस्तुएँ खाना बन्द नहीं करूँगा। वैद्य जी समझ गए कि यह जीभ का चटोरा है। सोचा कि यह परहेज नहीं करेगा तो ठीक कैसे होगा? आखिर वे हंस कर बोले- खट्टा खूब खाना, मैंने तुम्हें कब रोका? फिर खट्टा खाने का तो मजा ही कुछ और है। और खाँसी हो और खट्टा खाए, तब तो लाभ ही लाभ है, इसमें नुकसान ही क्या है? खाँसी में खट्टा जो खाए, उसके घर कभी चोरी नहीं होती, उसे कभी कुत्ता नहीं काटता और वह कभी बूढ़ा नहीं होता। युवक ने यह सुना तो हैरान रह गया। ऐसा सुनना तो दूर, उसने कभी स्वप्न में सोचा तक नहीं था। वह बोला- यह तो आपने बहुत अच्छी बात कही। पर मैं समझा नहीं। आप समझाकर कहिए। वैद्य जी बोले- देखो! यदि तुम्हें खाँसी है और ऊपर से खट्टा खाने की लत है, तो जल्दी ही तुम्हें कुत्ता खाँसी हो जाएगी, तब तुम रात भर कुत्ते की तरह खाँसते रहोगे। स्वयं भी जागोगे, घर वालों को भी जगाए रखोगे। तो जब सभी जागते हुए ही पड़े रहेंगे, सोएँगे ही नहीं, तो ऐसे घर में चोर आएगा ही कैसे? और यों लगातार खाँसते-खाँसते जब तुम्हारा शरीर और अधिक निर्बल हो जाएगा, पाँव काँपने लगेंगे, तब तुमसे बिना लाठी के चला नहीं जाएगा। और तुम स्वयं विचार करो कि जिसके हाथ में हर समय लाठी रहेगी उसे कुत्ता कैसे काटेगा? फिर जब खाँसी से तुम्हारे फेफड़े बिल्कुल ही खत्म हो जाएँगे और शरीर सूख कर काँटा हो जाएगा। तब तुम इस जवानी में ही मर जाओगे, तब तुम्हारे लिए बुढ़ापा आएगा ही कैसे? तो खाँसी में तो खट्टा खाना बहुत लाभदायक है। यह सब सुन कर वह युवक रोने लगा। वैद्य जी ने बड़े ही प्रेम से उसके सिर पर हाथ फिराया और कहा- मेरे प्यारे बेटे! मेरी बात मानो तो जिद छोड़ दो। कुछ ही दिनों की बात है। जब तक खाँसी पूरी तरह से ठीक न हो जाए, तब तक पूर्ण परहेज रखना ही चाहिए। फिर तो जैसा सामान्यतया सभी खाते हैं, तु https://www.instagram.com/p/CgNwg0aBdtv/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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desidozzz · 6 years
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जन्माष्टमी विशेषः इस प्रकार से रखें व्रत नहीं होगा शरीर को कोई नुकसान
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जन्माष्टमी का त्यौहार नजदीक है जिसकी चहल कदमी हम मार्केट में देख सकते हैं। लेकिन इसके पहले हम बात करते हैं आने वाले व्रतों की। जी हां आमतौर पर जन्माष्टमी या फिर अन्य पर बहुत से लोगो के द्वारा व्रत रखा जाता है। लेकिन इस दौरान हमें अपने खान-पान पर भी ध्यान देना चाहिए। आज हम आपसे इसी सिलसिले पर चर्चा करने वाले हैं। यहां पर हम जानेंगे कि व्रत के दौरान हम किस प्रकार से हमारी सेहत का ध्यान रख सकते हैं। शेविंग करने वाले पुरूष ध्यान दें इस बात पर वरना पछताना आपको ही पड़ेगा
व्रत के दौरान इन चीजों मिलती है एनर्जी
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These things get energy during the fasted आमतौर पर हम व्रत तो रख लेते हैं लेकिन इस दौरान हमें कमजोरी का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए व्रत के दौरान हमें फल या फिर फल के जूस का सेवन करना चाहिए। आॅक्सीडेंट, विटामिन सी, फाॅलेट, बीटा-कैराॅटिन और दूसरे न्यूट्रिएंट्स, से भरपूर फलों का सेवन करने से आपका पाचन तंत्र मजबूत रहता है। इससे आप व्रत के दौरान शक्ति महसूस कर सकते हैं। बस 1 इलायची का सेवन होते हैं कमाल के फायदे
व्रत के दौरान नहीं होगी शारीरिक कमजोरी
अगर आप जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं तो इस दौरान आप दिन में पानी, फल और दूध ले सकते हैं। ऐसे में दूध से बनी ठंडाई का सेवन करें। कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर ठंडाई पेट के लिए बहुत अच्छी होती है और इससे आपको तुरंत एनर्जी मिलती है। गुस्से से हैं परेशान तो करें बिना पैसों के समाधान, साथ ही होगा ये फायदा व्रत के दौरान रखें पाचन क्रिया को मजबूत बहुत से लोगो के साथ व्रत रखने पर पाचन क्रिया बिगड़ने की परेशानी होती है। इसलिए व्रत के एक दिन पहले पौष्टिक खाना खाएं। यह आपके पाचन क्रिया को स्वास्थ्य रखेगी। साथ ही इस दिन अधिक तेल-मसाले वाली चीजें खाने से भी बचें। ऐसा करने पर आपको एसिडिटी की भी दिक्कत नहीं होगी। सफर के दौरान उल्टी और जी मिचलाने से रहते हैं परेशान तो घर बैठे करें ये उपाय व्रत के दौरान करें खूब पानी का सेवन अगर आप चाहते हैं कि व्रत के दौरान आपको किसी प्रकार की कोई कमजोरी न हो तो आप इस दौरान खूब पानी पिएं। अगर आपका निर्जला व्रत है तो आप इसके एक दिन पहले तक खूब पानी पिएं। शरीर में पानी की मात्रा अधिक होती है तो इससे आपको कमजोरी नहीं होगी। क्या आपको भी आती रहती है उबासी, यह इन बीमारियों का संकेत है नजरअंदाज बिलकुल न करें व्रत तोड़ने पर न खाएं ये चीज बहुत से लोगो की आदत होती है कि जब वह व्रत तोड़ते हैं तो उन्हे इस दौरान तली भुनी चीजें खाना पसन्द होता है। अगर आप भी कुछ ऐसा ही खाना पसन्द करते है। तो यहां पर हम आपको बतादें की इससे आपकी पाचन क्रिया भी बिगड़ सकती है। व्रत रखने के ठीक बाद तली भुनी चीजों को न खाएं। इसे खाना ही है तो 2 दिन बाद खाएं। All story image source from Google हमारे सोशल परिवार का हिस्सा बनने के लिए आगे दिए सोशल बटन पर लाइक तथा फॉलो जरूर करे: और Follow @DesiDozz भविष्य में आने वाली नयी Health News अपडेट के लिए सीधे हाथ पर दिए नोटिफिकेशन को चालू (allow) और डाउनलोड करे फ़ास्ट Mobile App . नीचे दी गयी स्टोरी भी पढ़े: क्या आप भी सब्जी या फल को छीलकर खाना पसन्द करते हैं तो ध्यान से पढ़ें ये खबर करना चाहते हैं जिम ज्वाइन तो सही उम्र और जरूरी बातें जान लें जान लें कब-कब दही खाना होता है फायदेमंद एक नहीं कई बीमारी का इलाज है आम की पत्ती Read the full article
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bharatmani-blog · 6 years
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ग्रहण कब से कब तक, ग्रहण काल में रखे ये सावधानियां… भारतमणि : नितिन भारद्वाज / तरसेम सिंह चंद्र ग्रहण सूतक कब प्रारंभ होगा 27-28 जुलाई 2018 आषाढ़ पूर्णिमा ( गुरु पूर्णिमा) के दिन खग्रास यानी पूर्ण चंद्रग्रहण होने जा रहा है। यह ग्रहण कई मायनों में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पूर्ण चंद्रग्रहण सदी का सबसे लंबा और बड़ा चंद्रग्रहण है। इसकी पूर्ण अवधि 3 घंटा 55 मिनट होगी। यह ग्रहण भारत समेत दुनिया के अधिकांश देशों में देखा जा सकेगा। इस चंद्रग्रहण को ब्लड मून कहा जा रहा है क्योंकि ग्रहण के दौरान एक अवस्था में पहुंचकर चंद्रमा का रंग रक्त की तरह लाल दिखाई देने लगेगा। यह एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा धरती के अत्यंत करीब दिखाई देता है। खग्रास चंद्रग्रहण यह खग्रास चंद्रग्रहण उत्तराषाढ़ा-श्रवण नक्षत्र तथा मकर राशि में लग रहा है। इसलिए जिन लोगों का जन्म उत्तराषाढ़ा-श्रवण नक्षत्र और जन्म राशि मकर या लग्न मकर है उनके लिए ग्रहण अशुभ रहेगा। मेष, सिंह, वृश्चिक व मीन राशि वालों के लिए यह ग्रहण श्रेष्ठ, वृषभ, कर्क, कन्या और धनु राशि के लिए ग्रहण मध्यम फलदायी तथा मिथुन, तुला, मकर व कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ रहेगा। ग्रहण कब से कब तक ग्रहण 27 जुलाई की मध्यरात्रि से प्रारंभ होकर 28 जुलाई को तड़के समाप्त होगा। स्पर्श : रात्रि 11 बजकर 54 मिनट सम्मिलन : रात्रि 1 बजे मध्य : रात्रि 1 बजकर 52 मिनट उन्मीलन : रात्रि 2 बजकर 44 मिनट मोक्ष : रात्रि 3 बजकर 49 मिनट ग्रहण का कुल पर्व काल : 3 घंटा 55 मिनट सूतक कब प्रारंभ होगा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस खग्रास चंद्रग्रहण का सूतक आषाढ़ पूर्णिमा शुक्रवार दिनांक 27 जुलाई को ग्रहण प्रारंभ होने के तीन प्रहर यानी 9 घंटे पहले लग जाएगा। यानी 27 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 54 मिनट पर लग जाएगा। सूतक लगने के बाद कुछ भी खाना-पीना वर्जित रहता है। रोगी, वृद्ध, बच्चे और गर्भवती स्त्रियां सूतक के दौरान खाना-पीना कर सकती हैं। सूतक प्रारंभ होने से पहले पके हुए भोजन, पीने के पानी, दूध, दही आदि में तुलसी पत्र या कुशा डाल दें। इससे सूतक का प्रभाव इन चीजों पर नहीं होता। ग्रहण काल में क्या सावधानियां रखें *ग्रहणकाल में प्रकृति में कई तरह की अशुद्ध और हानिकारक किरणों का प्रभाव रहता है। इसलिए कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान नहीं ��िया जाता है। *ग्रहणकाल में सोना नहीं चाहिए। वृद्ध, रोगी, बच्चे और गर्भवती स्त्रियां जरूरत के अनुसार सो सकती हैं। वैसे यह ग्रहण मध्यरात्रि से लेकर तड़के के बीच होगा इसलिए धरती के अधिकांश देशों के लोग निद्रा में होते हैं। *ग्रहणकाल में अन्न, जल ग्रहण नहीं करना चाहिए। *ग्रहणकाल में यात्रा नहीं करना चाहिए, दुर्घटनाएं होने की आशंका रहती है। *ग्रहणकाल में स्नान न करें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करें। *ग्रहण को खुली आंखों से न देखें। *ग्रहणकाल के दौरान महामृत्युंजय मत्र का जाप करते रहना चाहिए। गर्भवती स्त्रियां क्या करें ग्रहण का सबसे अधिक असर गर्भवती स्त्रियों पर होता है। ग्रहण काल के दौरान गर्भवती स्त्रियां घर से बाहर न निकलें। बाहर निकलना जरूरी हो तो गर्भ पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप कर लें। इससे ग्रहण का प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर नहीं होगा। ग्रहण काल के दौरान यदि खाना जरूरी हो तो सिर्फ खानपान की उन्हीं वस्तुओं का उपयोग करें जिनमें सूतक लगने से पहले तुलसी पत्र या कुशा डला हो। गर्भवती स्त्रियां ग्रहण के दौरान चाकू, छुरी, ब्लेड, कैंची जैसी काटने की किसी भी वस्तु का प्रयोग न करें। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों पर बुरा असर पड़ता है। सुई से सिलाई भी न करें। माना जाता है इससे बच्चे के कोई अंग जुड़ सकते हैं। ग्रहण काल के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करती रहें।
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प्रेगनेंसी में इम्यूनिटी पावर कैसे बढ़ाए |Pregnancy Me Immunity Power Kaise Badhaye
मां बनना हर औरत का सपना होता है। मां बनने से औरत को संपूर्ण माना जाता है। एक औरत के जीवन में एक पल ऐसा भी आता है, जब वह ऐसे दौर से गुजरती है जब सारी दुनिया की खुशी अपने पास ही पाती है।
मां बनना किसी भी औरत के जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ होता है पर ऐसे समय में खुद का ख्याल रखने की भी जरूरत होती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि अपने खान-पान दिनचर्या को ध्यान में रखते हुए इम्यूनिटी पर पूरा ध्यान दिया जाए। कई बार इम्यून��टी पावर कम हो जाती है जिससे महिलाओं को बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे ही लाजवाब टिप्स बताने जा रहे हैं जिनसे आप प्रेगनेंसी में भी अपनी  इम्यूनिटी पावर को बढ़ा सकते हैं।
प्रेगनेंसी में यूनिटी पावर को बढ़ाने के लिए ले इन  आहारों को
प्रेगनेंसी में पूरा घर महिला का ध्यान रखता है लेकिन इस समय खुद का ध्यान रखना भी बहुत ही जरूरी हो जाता है। जब तक मां की  इम्यूनिटी सही नहीं होगी तब तक बच्चा भी सही तरीके से विकसित नहीं हो पाएगा इसीलिए इम्युनिटी के लिए मां को विशेष आहार लेने की आवश्यकता होगी।
1) कैल्शियम
कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने का कार्य करती है। ऐसे में अगर आप नियमित रूप से कैल्शियम युक्त आहार जैसे चिकन, दूध, पनीर, दही, लेती हैं तो इससे आपकी  इम्यूनिटी में बहुत फर्क पड़ेगा।
2) जिंक
अगर प्रेग्नेंट महिलाएं अपने आहार में जिंक का उपयोग करें ,तो निश्चित रूप से यह इंफेक्शन को कम कर अपनी इम्यूनिटी को भी बढ़ाती हैं। इसके लिए आप खजूर का उपयोग कर सकती हैं।
3) विटामिन ए
विटामिन ए युक्त आहार सभी के लिए आवश्यक और लाभदाई हैं लेकिन अगर प्रेग्नेंट महिलाएं विटामिन ए का बहुतायत उपयोग करें तो निश्चित रूप से   इम्यूनिटी बढ़ती नजर आएगी। प्रेग्नेंसी के समय किसी भी रोगों से शिशु की रक्षा करता है यह सामान्यतः  आम, गाजर, बादाम, सभी मेंवो, अंडे, दूध में पाया जाता है।
4) डेयरी उत्पाद
इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा डेयरी उत्पाद का इस्तेमाल करना भी अति लाभदाई होता है, जो किसी भी बीमारी से मां और शिशु को दूर रखता है।
5) लहसुन
लहसुन में गजब की रोग प्रतिरोधक क्षमता है। इसका यदि सीमित मात्रा में उपयोग किया जाए तो प्रेगनेंसी में भी इम्यूनिटी  को बनाए रखा जा सकता है।
6) प्रोटीन
अगर प्रेग्नेंट महिलाएं अपने आहार में प्रोटीन का उपयोग करें तो यह भी लाभदाई होगा।  प्रोटीन हीं होते है, जो हमारे इम्यून सिस्टम का निर्माण करते हैं ऐसे में यह बहुत ही आवश्यक है कि अपने आहार में प्रेगनेंसी में प्रोटीन को शामिल किया जाए।
हंसना भी है आवश्यक क्रिया
हंसना एक बहुत ही खूबसूरत किया है जिसमें शरीर के सभी अंग सक्रिय रूप से कार्य करते हैं। अगर आप प्रेग्नेंट है, तो ज्यादा से ज्यादा खुश रहने और हंसने की आदत  डालें। एक सर्वे के अनुसार ऐसा माना गया है कि हंसते रहने से हमारी इम्यूनिटी मजबूत होती है। खासतौर से प्रेगनेंसी में किसी भी दुख, परेशानी, तनाव से दूर रहने की कोशिश करिए और हंसकर अपने इम्यूनिटी को मजबूत बनाएं। अगर आप हंसते रहेंगी और खुश रहेंगी तो इसका सीधा असर आपके बच्चे की  इम्यूनिटी पर भी पड़ेगा और बच्चा भी स्वस्थ रहेगा।
अपनी इम्यून सिस्टम मजबूत करें इन तरीकों से भी
ऐसा माना जाता है कि प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में कमजोरी और थकान आने लगती है। इस वजह से इम्यूनिटी में फर्क पड़ने लगता है। अगर आप अपनी  इम्यूनिटी को पूरे 9 महीने बरकरार रखना चाहती हैं, तो इन तरीकों को अपनाएं और साथ ही साथ अपने शिशु को भी स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाए।
1) थोड़ा व्यायाम जरूर करें
अगर आप थोड़ा समय निकालकर व्यायाम कर ले, तो यह इम्यूनिटी को बढ़ाने में मददगार होगा। साथ ही साथ यह आपके बच्चे के लिए भी फायदेमंद होगा। अगर आप डायबिटीज से भी ग्रसित हैं, तो ऐसे में भी आप  व्यायाम के माध्यम से भी अपनी  इम्यूनिटी को बढ़ा सकती हैं।
2) उचित आहार लें
प्रेगनेंसी में सभी प्रकार के पोस्टिक आहार जैसे प्रोटीन, विटामिन, वसा ,कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार ले। इन सभी आहारो को पर्याप्त मात्रा में लेने पर आपकी इम्यूनिटी में फर्क पड़ेगा। साथ ही साथ आप मेवो, फलों का सेवन अनिवार्य रूप से करें।
3) भरपूर नींद लें
ऐसे समय में आपको आराम की सख्त आवश्यकता है। ऐसे में आप भरपूर नींद, आराम ले। पर्याप्त नींद लेने से आपकी थकान दूर होती है और इससे आपकी  इम्यूनिटी भी बढ़ती है।
4) संगीत सुनें
अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके पास करने को कोई काम नहीं है, तो ऐसे में आप अपना मनपसंद संगीत सुन सकती हैं। संगीत सुनने से हमारा दिमाग सक्रिय होकर इम्यूनिटी को बढ़ाने का कार्य करता है इसीलिए खाली समय में आप  संगीत सुनें।
घरेलू उपाय भी हो सकते हैं कारगर
कई बार ऐसा भी होता है कि प्रेगनेंसी में बहुत से समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ घरेलू उपाय करके भी अपने इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है।
इसके लिए आप भोजन में ज्यादा से ज्यादा हल्दी, जीरा, लहसुन का उपयोग करें तो यह बहुत ही फायदेमंद होगा। इसके अलावा गुनगुने दूध में हल्दी डालकर पिए तो इससे भी फायदा नजर आता है और घटती इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए हर्बल चाय का भी उपयोग किया जा सकता है।
प्रेगनेंसी में किन आहारो से रहें दूर
प्रेगनेंसी में अपने खान-पान का विशेष ध्यान देना होता है। ऐसे में इन   आहारो को लेने से बचना होगा जिनसे इम्यूनिटी में फर्क पड़ता है। कई बार महिलाओं को पर्याप्त जानकारी नहीं होती तो आज हम उन आहारो के बारे में बता रहे हैं, जो आप प्रेगनेंसी में ना लें तो ही बेहतर है।
1) पपीता |papita
पपीते को कभी भी प्रेगनेंसी पीरियड में नहीं खाना चाहिए। पपीते में अत्यधिक मात्रा में लेटेक्स होता है, जो भ्रूण के विकास में बाधक है अतः इस फल से दूर ही रहे।
2) चायनीज फूड |chinese food
लोगों को चाइनीस फूड ज्यादा ही पसंद आते हैं। प्रेगनेंसी में महिलाओं को तरह-तरह की चीजें खाने का मन करता है कुछ भी हो लेकिन ऐसे समय में ज्यादा मात्रा में चाइनीस फूड नहीं खाना चाहिए। चाइनीस फूड में मोनोसोडियम ग्लूटामैट होता है, जो  इम्यूनिटी को कम करने का काम करता है और भ्रूण को भी नुकसान होता है। ऐसे में चाइनीस फूड से दूरी बना ले।
3) जिमीकंद | jimikand
प्रेगनेंसी में अपनी इम्यूनिटी को बचाए रखना है, तो  जिमीकंद से दूर रहना होगा। जिमीकंद की तासीर गर्म है, जो प्रेगनेंसी में बच्चे की उन्नति कम करने का भी काम करती है।
4) धूम्रपान और शराब | dhoomrapaan aur sharaab
प्रेगनेंसी में शराब और धूम्रपान से दूर रहना ही बेहतर होगा। शिशु के विकास में बाधक होने के साथ-साथ इम्यूनिटी को भी बहुत हद तक कम कर देते हैं अतः इनसे दूरी ही बना ले।
5) चाय और कॉफी | chai or coffee
लोगों को चाय और कॉफी का बहुत ज्यादा ही शौक होता है लेकिन इससे इम्यूनिटी कम होने लगती है खासतौर से प्रेगनेंसी में। चाय और कॉफी में कैफीन होती है जो निश्चित रूप से स्वास्थ्य में गिरावट और इम्यूनिटी कम करने का काम करती है। इन्हें सीमित मात्रा में लेना ही बेहतर होगा।
6) तुलसी के पत्ते | tulsi ke patte
तुलसी को औषधि रूप से महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। इसके उपयोग से हम सभी वाकिफ हैं लेकिन प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हानि प्रद हो सकता है। तुलसी में एस्ट्रो गोल उपस्थित होता है जो शिशु के विकास में भी बाधक होता है।
pregnancy me immunity power kaise badhaye
घरवालों को रखना होगा विशेष ध्यान
जब भी कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसे सबसे ज्यादा जरूरत अपने घर वालों की होती है खासतौर पर पति की। ऐसे में घर वालों को भी पूरी तरह से महिला का ध्यान रखना चाहिए और उसे खुश रखना चाहिए। जब महिला खुश रहेगी तो प्रेगनेंसी में स्वता ही इम्यूनिटी बढ़ जाएगी इसलिए किसी भी तनाव, प्रेशर से दूर रख कर खुश रहने में ही भलाई है। जीवन में प्रेगनेंसी का दौर बहुत ही महत्वपूर्ण है इसे खुश होकर इससे खुश होकर जिए और घर वालों को भी प्रेग्नेंट महिला की हर खुशी का ख्याल रखना होगा तभी एक स्वस्थ बच्चे का विकास हो पाएगा और कोई भी दिक्कत नहीं आ पाएगी।
महामारी मे ध्यान रखें खुद का
अगर आप प्रेग्नेंट है, तो इस महामारी में अपना खुद का ही ध्यान रखना होगा। प्रेग्नेंट होने पर खुद के साथ साथ बच्चे की जिम्मेदारी भी आपके ही कंधों पर है। ऐसे में सही आहार लें और खुद का सही तरीके से ध्यान रखें। बाहरी लोगों से मिलने से बचें और बाहर तभी निकले जब आपको ज्यादा जरूरत हो।  इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए फल, हरी पत्तेदार सब्जियों का इस्तेमाल करते रहे। साथ ही साथ गाजर, पालक का सूप व जूस जरूर लें ताकि आपकी इम्यूनिटी इस महामारी में भी बरकरार रहे। यह तो हम नहीं जानते हैं कि महामारी कब खत्म होगी पर इस दौर में खुद का ध्यान रखते हुए अपनी  इम्यूनिटी को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। खुद का ध्यान रखें और स्वस्थ रहे।
निष्कर्ष
इस प्रकार से देखा गया है कि यदि प्रेगनेंसी में खुश रहकर तनाव को दूर कर सही आहार लिया जाए तो अपनी मिनिटी को बढ़ाया जा सकता है। अगर आप अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं तो भी इस माध्यम से भी इम्यूनिटी को बढ़ा सकती हैं। अपने इस कीमती समय को एंजॉय करिए और किसी भी प्रकार के तनाव से दूर  रहकर ध्यान रखें। खुद का ध्यान रखने पर ही आप बच्चे पर ध्यान दे पाएंगे। हंसते रहिए, मुस्कुराते रहिए और आने वाले सुनहरे कल की शुरुआत करिए।
हमारा लेख पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद उम्मीद है यह आपके लिए लाभप्रद होगा।
Reference : https://www.ghareluayurvedicupay.com/pregnancy-me-immunity-power-kaise-badhaye/
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imruchin · 7 years
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रोज़ की रामलीला
तो... भई, किस्सा कुछ यूं है... और इससे पहले की मैं किस्सा बताऊँ, ये मत समझ लेना की किस्सा बताने के लिए ही बता रही हूँ। दरअसल, ये वाकया, और इस तरह के बहुत सारे और वाकये, मेरे अच्छे-भले दिमाग का, सालों से दही किए हुए है, तो फिर लिखना पड़ा। 
चलिये, फिर से शुरू करते है... तो किस्सा यूं है की "वो" मेरी दोस्त की दोस्त है। यहाँ नाम बताना बिलकुल भी जरूरी नहीं है। मैं उसे पूरे किस्से मे बस "वो" ही पुकारने वाली हूँ। इस बात का मुझे कतई डर नहीं है की "वो" इसे पढ़ लेगी, क्यूँकी जहां लिख रही हूँ वहाँ "वो" तो क्या, मेरे अलावा कोई भी नहीं पढ़ेगा। पर फिर भी, किसी की निजी जिंदगी का सार्वजनिक तौर पे मज़ाक बनाना तो सही बात नहीं है। है ना? [अतएव, कतई निजता की, गोपनियता की शपथ लिए बिना ही, इसका अंदरखाने मज़ाक बनाना मुझको सही लगता है, बाकी पता नहीं]
बहुत समय बाद मैं अपनी दोस्त से मिली। दोस्त के साथ "वो" भी थी। मुझे बताया गया की "वो" काफी समय से मेरे बारे मे सुनकर, मुझसे मिलना ही चाहती थी, अतः फौरी तौर पे ये मुलाक़ात तय की गयी हैं। 
कुछ लोगों को इस तरह के अहसास, ज़ाहिरी तौर पर आंदोलित कर देते है की उनके बारे मे केवल सुनकर ही लोग उनसे मिलना चाहते है, पर मेरी वाइरिंग में कुछ गड़बड़ है। इस तरह के मौकों पे मेरी छठी इंद्रिय सक्रिय हो-होकर मुझे चेताती रहती की....बे��ा, भाग लो। अभी भी वक़्त है। पर, हम हिंदुस्तानी!! भई, बेघर होने का डर ना हो तो हम अम्मा-बाउजी की ना सुने, ये कमबख़्त "गट फीलिंग" किस खेत की मूली है, ख़ैर [नहीं, अनुपम खेर नहीं]। 
उन्हे देखते ही मुझे प्रतीत हुआ की "वो" प्रकट तौर पे उदास लग रही है। कहा तो मैंने कुछ नहीं, पर बात-चीत के शुरूआती दौर में ही, उनकी घोर उदासी टपक-टपक के बह रही थी। हर  बात को उनका ठंडी आह भरकर, 'कोई फर्क नहीं पड़ता' के अंदाज़ में सिरे से खारिज़ करते जाना जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो भरसक अपनी चिढ़ को दबाकर, मैंने पूरी सभ्यता का उपयोग करते हुए पूछ ही डाला, "कुछ परेशान लग रहे हो आप। सब ठीक?"
यकीन मानिए, बंदा कितना भी अपरिचित क्यूँ ना हो। आपसे उसका कुछ भी लेना देना हो या ना हों। अगर आपने एक बार, मतलब...हल्का सा, पूछ भर लिया ना...की सब ठीक, तो कसम से आप हर वो संभावित कारण तक जान लेंगे जो उस बंदे को ऐसे ना कैसे कर के परेशान कर रहा है या कर सकता है!
उन्होने तो जो रोने का दौर शुरू किया, वो दीगर बात है पर मेरी दोस्त के चेहरे पे जो असमंजस उभरा, उसने मुझे सारे वाकये पे गौर करने के  लिए बाध्य किया। मोटा-माटी बात ये थी की उनका उसी शाम, औपचारिक एवं अनौपचारिक [मतलब हर तरीके से] ब्रेक-अप हुआ था। 
बात मेरे लिए भी दु:ख की ही थी। एक रिश्ते पर आप अपना समय, इमोशन, मन [और धन] लगाते हों और एक झटके में बात खत्म? बहुत अजीब सा लगता है, नही? बार-बार आप एक रास्ते से आते-जाते हों तो आपको उस रास्ते का एक-एक मोड, सड़क के खड्डे, आस-पास का माहौल, ...सब-कुछ दो के पहाड़े की तरह रट जाता है, फिर ये तो जीता-जागता इंसान है। अक्सर ऐसा भी हों जाता है की आप उस रास्ते पे जाना छोड़ दो, पर आदतन कई बार आप अपने आप को उसी रास्ते पे पाते हों, क्यूंकी दिमाग के पास ऑन-ऑफ वाला स्विच नहीं ना होता। लोग दिल के पीछे पड़े रहते है पर होता ये दिमाग ही है जो सारे खेल खेलता रहता है। आप कितना भी ब्रेक-अप कर लो, दिमाग भैया, दही के रायते की लस्सी बनाए ही जाते है। 
अपने सारे व्यंग्य, तर्कों के विषैले तीर परे कर, मैंने सादगी से खेद ज्ञापित किया एवं उन्हे थोड़ा संपट में लाने के लिए उसी विषय पर बात-चीत करनी शुरू की। अगर बात से बात निकलना अब तक मात्र मुहावरा ही था, तो आज मेरे समक्ष उसका चरित्र-चित्रण प्रस्तुत था। 
"वो" और "उनके वो" कहाँ मिले, कब मिले, कैसे मिले, किस बात पर झगड़ा हुआ, कौनसा रंग, कौनसी प��क्चर, कैसा गाना, कब-क्या खाना, सगाई पे कपड़ों के और शादी के बाद परदों के, घर की अंदरूनी एवं बाहरी दीवारों के रंग क्या होंगे, तक मुझे सब बताया गया। मतलब Bruce Almighty याद आ गयी। [Remeber? I am the alpha baby, I am the omega!!]
एक बार फिर मैंने अपने आप को ज़ब्त किया। खुद को याद दिलाया की भई, सुधर जाओ! ब्रेक-अप हुआ है लड़की का। दुखी तो होगी ही ना। इमोशनली अटेच्ड थी भई। देखो ना, पर्दों के रंग और फेब्रिक टाइप तक सोच लिया था, मतलब बरसों का रिश्ता रहा होगा। अब सब तुम्हारी तरह सड़ू [ये संज्ञा मुझे अक्सर दी जाती है] तो होते नही ना, की हर बात में खुद से ही तर्क करते रहे। याद आ रही होगी बेचारी को। फूट-फूट के रो रही है...रो रही है और वो भी उस अजनबी के सामने जिसे वो सिर्फ पंद्रह मिनट पहले मिली है! नही यार, ये तो ना...सच्चा वाला प्यार ही होगा। 
उस आत्मानुभूति के गहन क्षण में एक बारगी तो मेरा मन हुआ की अपना सिल्क स्कार्फ़ उतार कर उसकी आंखे [और शायद नाक भी] पोंछ दी जाएँ। और मतलब, ऐसा लगा की ध्यान से देख लूँ उसे, अभी। क्या पता, फिर कोई इत्ता सच्चा प्यार करने वाला देख पाऊँ, ना देख पाऊँ। एक मिनट, नाम क्या बताया था मेरी दोस्त ने इसका? बड़ा ध्यान रखूंगी मैं, इसे? नाम तक तो याद नही रहा मुझे। फिर, तर्क ने सिर उठाया। नाम क्यूँ नही याद रहा मुझे? इतनी भी वाहियात नही हूँ यार मैं [एक्चुअल्ली बिलकुल भी नही हूँ] की जिस व्यक्ति को इतनी गंभीरता से लेने के बारे में विचार कर रही हूँ उसका नाम भी ना याद रख सकूँ। तो फिर? फिर क्या, बरसों का अभ्यास है की शक्ल देखते ही आदमी का स्वभाव समझ आ जाता है और जैसे ही मैंने इसे देखा था, मुझे लग गया था की ये गंभीरता से ली जाने वाली चीज़ [माफ़ कर दीजिएगा] तो नही है। पर कहानी तो वाकई... एक मिनट। तर्क का क्या हुआ यार? रुको, अभी करते है।
तो, जब तक "वो" अपनी गंगा-जमुनी अँखियाँ बहा कर, काजल वगैरह फैला कर, दोबारा प्रसाधन कक्ष में जाकर, तरो-ताज़ा होकर लौटे, मैं दोस्त से मुख़ातिब होती हूँ। दोस्त, जो की खुद बहुत शर्मिंदा दिख रही है? अब "वो" की फुरकत के उन अनमोल क्षणों में जो मेरी दोस्त ने बताया, वो वाकई इतना क्रान्तिकारी था की मैं पूरी शाम 'प्लॉट ट्विस्ट' चिल्लाते हुए डोलती ना, तो भी कम पड़ जाता। 
दोस्त के मुताबिक, सिक्के का दूसरा पहलू ये था की हमारी "वो" सिरियल डेटर है। नही, दिल की बुरी नही है, बस दिमाग से पैदल है। जिस तरह कुछ अति-उत्साही लड़के प्रत्येक लड़की को देखते ही उसे अपनी गर्ल-फ्रेंड की फेहरिस्त में शुमार कर लेते है, उसी तरह हमारी "वो" भी हर रईस लड़के से मिलते ही उसे अपना "Current" मान लेती है [ताकि दूसरा मिलते ही इस वाले को "Ex" मान लेने में मासूम दिमाग को जरा भी कष्ट ना होने पाएँ]। और सनद रहे, ऐसा हर दूसरे हफ्ते होता है [!!!]। प्यार होता है, और इतना जोरदार की Head Over Heals भी कम पद जाता है।
तो जी, जिस जन्म-जन्मांतर के प्यार के बारे में सोच-सोच कर मेरा दिमाग रेशा-खत्मी हुआ जा रहा था, वो प्यार दरअसल, गिन-गिनाकर सत्रह दिन पुराना था!! [कृप्या 'नया नौ दिन, पुराना सौ दिन' पर तो बिलकुल भी मत पहुंचिएगा]। देविजी अपने इस पवित्र प्यार से Tinder पे मिली थी और लड़के से ज्यादा उसके IAS के सुपुत्र होने की योग्यता ज्यादा कारगर थी। Facebook पर "उनके वो" की आलीशान कोठी की [और गज़ब इंटीरियर की भी] समस्त फोटुओं ने कुछ ऐसा प्रेम-रंग जमाया की मोहतरमा अपने नाम के साथ, उनका नाम जोड़कर Facebook Profile भी बना चुकी थी। मेरे ये कहने पर की, वो प्रोफ़ाइल तो अब डिलीट भी नही होगा ना, दोस्त ने बाकायदा मुझ पर अपनी वक्र द्रष्टि डाली।
तो बात खत्म कैसे हुई? भई, प्यार पुराना कितना भी हो [या चाहे नया ही हो], था तो सही। जब "वो" इतने सारे रंग तय कर रही थी, तो "उनके वो" क्या कर रहे थे? अगर आप किसी बात से इत्तेफ़ाक नही रखते तो उस पर कम-अज़-कम अपना विरोध तो दर्शाओगे ना? या किसी को अपने खयाली-पुलाव पकाने के लिए खुला छोड़ दोगे? आखिर-कार इंसानियत भी कोई चीज़ है। शादी नही करनी थी तो साफ-साफ बोलता ना। ये क्या की एक शाम को 'It's Over' बोलकर बात ख़त्म कर दी? और अगर ऐसा करना भी था, तो वो कौनसा गले पड़ रही थी? तमीज़ से समझा देते। अगर आप किसी को बीच राह छोड़ोगे तो वो दुखी तो होगा ही ना! मतलब, रो तो रही थी ना... वो भी फूट-फूट कर। अब, ऐसे तो कोई तभी रोएगा ना, जब उसका दिल टूटेगा, नही?
नही। एक्चुअल्ली...नही। दिल तो तब टूटता, जब अफ़सोस प्यार के लिए होता। अफ़सोस प्यार के लिए नही, BMW कार के लिए है। शादी तो दो जनों को करनी होती है, यहाँ तो सारा राग इन्ही की तरफ से था। लड़के का कसूर ये था, की जब ये दाने डाल रही थी, तो वो भी पीछे नही हटा। उसने कॉफी के लिए पूछा, "वो" डिनर के लिए तैयार हो गयी। इन सत्रह दिनों में लड़के ने तो गिनकर चार या पाँच ही बार फोन किया, ये ही सोते-जागते, उठते-बैठते शुरू रही। बेबी की कार इन्हे इतनी भाई की वो बेचारा खुद डर गया। ऑफिस से घर, घर से मार्केट, शॉपिंग, सैलून, मूवी मतलब बेचारे की जिंदगी ही हाइजैक कार ली, वो भी एक कार के पीछे? क्यूंकी लड़के की शक्ल तो कभी पसंद थी ही नही। तो? कार से शादी करनी थी? नही, एक्चुअल्ली, सिर्फ स्टेटस-सिंबल चाहिए था दुनिया को दिखाने के लिए और फिर ट्रान्स्पोर्टेशन, मूवी टिकिट, डिनर, शॉपिंग सब होने वाले ससुर साहब के पैसों से स्पोंसर्ड था ना!
और लड़का? मतलब बेचारा लड़का? नहीं जी, कोई बेचारा-वेचारा नहीं,वो तो इनका भी गुरुदेव निकला। ये कार और स्पोनसरशिप के पीछे लगी रही और उधर वो इनके सितम दिखा-गिना कर, अपने भारी दु:ख की गठरी सिर पे ढोते हुए, इनसे तीन-चार साल कमसिन, डेढ़गुना ज्यादा हसीन [बेशक दौलतमंद और रसूखदार पिता की संतान], इन्ही की कलीग को अपनी 'Current' बना के इन्हे ज़ोर का झटका, जोरदार तरीके से दे गया। उसपर इन्हे ये भी समझा कर गया की इन्हे अब तक बर्दाश्त ही इसीलिए किया गया ताकि 'इन' से 'उन' तक आराम से पहुंचा जाए। शुरू-शुरू में थोड़े दिन तो उसने भी इस बेतरह अटेन्शन को इंजोय किया पर जैसे ही उसे समझ मे आया की उसका इस्तेमाल किया जा रहा है, वो भी रेस में शामिल हो गया। ज़ाहिरना तौर पे जीत भी गया.
अरे, तो इतना रो क्यूँ रही थी? भई, रोएगी तो न। अब वही BMW कलीग की सवारी बनेगी। कलीग,जो मुंह पर कुछ भी नहीं बोलेगी पर पूरे ऑफिस में इनके गोल्ड डिगर होने की सच्चाई को जन-जन तक पहुंचाएगी और फिर क्यूंकी दूसरा मिलने में समय लगेगा तो वो स्पोंसर्ड जिंदगी जब-जब याद आएगी... मी-लॉर्ड ये गरीब जरूर रोएगी। 
तो, दोस्त कहानी सुना चुकी, शुरू से खतम तक और मेरा दिमाग अभी भी दौड़ रहा है। हाँ... देखो, ये हुआ ना इश्क़! मतलब, "वो" तो जो ****** निकली सो निकली, "उनके वो" और भी बड़े वाले निकले। भई, तू सवा सेर, मैं सीधे साढ़े तीन सेर! और बताओ!
बताने को और कुछ बचा ही नहीं। कहानी के दोनों वर्जन लिख दिये गए है, "इनका" भी, और "उनका" भी। पर, एक्चुअल वर्जन तक तो मैं अभी पहुंची भी नहीं। नहीं जी, और कोई पहलू नहीं बचा इस कहानी का। जो है, यही है। बस, अब मुझे घुटन हो रही है। हालांकि हम टेरेस गार्डन में है, माहौल खुला-खुला है पर फिर भी। बाहर निकलने की कोई राह ही नहीं है। 
ये जो घटियापन मानसिकता में घर कर चुका है, इससे बाहर निकालने की कोई राह ही नहीं है। ये घटिया मानसिकता, अपनी कमतरी की अहसास से लबरेज़, उपर पहुँचने और आगे निकलने के लिए रिश्तों को बेतरह इस्तेमाल करता हुआ, भारत का अनिश्चित भविष्य। दस में से नौ लोगों के पास अपनी सोच ही नहीं है। नयी फिल्म कौनसी रिलीज़ होगी, यही उनके वीकेंड का भविष्य तय करती है। अच्छे कपड़े, अच्छी कार, अच्छा घर, अच्छी नौकरी आदमी के अच्छा होने की गारंटी बनते जा रहे है। जहां, जिसकी सोच में, बात-व्यवहार में, चाल-चलन में थोड़ा बहुत भी अच्छापन, सच्चापन दिखे, वही, तुरंत उस व्यक���ति को अजीब घोषित कर दों। कोई आपको धोखा दे, उससे पहले आप उसे धोखा दो। और बिना ये सोचे समझे ऐसा करो की कहीं उसका इरादा चोट पहुचाने का न हुआ तो? 
अब आपने सारे जहां का ठेका थोड़े ही तो ले रखा है! लोग भगवान बनना चाहे तो क्या, आप तो इंसान ही बने रहो जी। और फिर, घर पे भी तो यही सिखाया गया है, हमेशा से! हाँ...देखो, ये है सारे फ़साद की जड़। जब माता-पिता अपने बच्चों को व्यावहारिक होना सीखा रहे होते है, तब उन्हे मालूम ही नहीं चलता की कब वो इस घटियापन के बीज़ डालकर, उन्हे सींचते चले गए? वो तो जब इस पेड़ के फल उन्हे दिखते तब समझ में आता है की क्या पाल-पोस दिया गया है। और ये कहानी सिर्फ एक "वो" की नहीं है, हर तीसरे युवा की यही रामलीला है।
रात के [सुबह के] चार बज चुके है, दिमाग तो नहीं रुकेगा पर की-बोर्ड को अब आराम देना ही होगा। खैर, आख़िर में, मैंने ये सब क्यूँ लिखा? क्यूंकी जब कुछ आधे घंटे बाद, हमारी "वो" प्रसाधन कक्ष से तरो-ताज़ा होकर लौटी तो मेरे घोर-औपचारिकतावश ये पूछने पर की अब कैसा महसूस कर रही है, "वो" पहले खुल कर हंसी। बाद में उन्होने ये रहस्योद्घाटन किया की रो तो इसलिए रही थी की ये उनका 'प्रोसैस' करने का तरीका है। "उनके वो" को तो सबक सीखा कर ही रहेंगी, एक्चुअल्ली प्लान भी ऑल्मोस्ट रेडी है। 
तो, मुझसे क्यूँ मिलना चाहती थी? भाई, प्रोफ़ाइलर हूँ, वो भी सर्टिफाइड। सीखना चाहती है की शक्ल देखकर कैसे मालूम चल जाता है आदमी कितना घटिया है। मुझे डर ये है की अगर किसी भी तरह से, इन्होने ये विधा सीख ली, तो आईना देख कर क्या करेंगी? इनका तो पता नहीं, पर मैंने तय कर लिया है की जब भी कोई मुझसे मिलने की ज़िद करेगा [या करेगी], मैं सबसे पहले उसका नंबर ब्लॉक कर दूँगी। क्यूंकी इन की तो रोज़ की रामलीला है मगर मुझे तो लिखने के लिए मसला मिल जाता है न! 
तो जब तक नया मसला नहीं मिलता, तब तक अलख!
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