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#दही जमाने के तरीके
newslobster · 1 year
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क्या ठंड में दही जमाने में आती है परेशानी, तो आजमा लीजिए ये 5 आसान नुस्खा
क्या ठंड में दही जमाने में आती है परेशानी, तो आजमा लीजिए ये 5 आसान नुस्खा
Winter food : ठंड में जामन ज्यादा डालें, इससे थोड़ा आसान हो जाएगा दही का जमना. Dahi jamane ki tips : दही एक ऐसा डेयरी प्रोडक्ट है (dairy product) जिसे हर महीने में लोग खाना पसंद करते हैं. कुछ लोग मीठा तो कुछ सादा या नमक डालकर खाते हैं. स्वाद में खट्टी ये दही सर्दियों के मौसम में जमने में थोड़ा समय लेती है. जिसको लेकर गृहणियों का सवाल होता है कि इस मौसम में दही को किस तरीके से रखना चाहिए की वो…
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kisansatta · 4 years
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अब हलवाई जैसा गाढ़ा दही जमाएं अपने घर, यहां जानें तरीका
अक्सर अधिकतर लोग गर्मी से बचने से के लिए शरीर को ठंडा रखने के लिए लोग दही का सेवन करते हैं। पर आमतौर से घरों में जो दही जमाई जाती है। अक्सर वैसी गाढ़ी नहीं जमती जैसा कि हम हलवाईयों के यहां से लाते हैं। अगर आप भी हलवाई की तरह दही जमाना चाहते है तो आइए जानते हैं वो आसान तरीका जिसकी मदद से आप बड़ी आसानी से घर पर ही बेहद कम जामन के साथ हलवाईयों जैसा दही जमा सकते हैं-
1- दही कैल्शियम और प्रोटीन का अच्छा स्रोत होने के साथ एक अच्छा प्राकृतिक प्रोबायोटिक भी है। दही पेट को स्‍वस्‍थ रखने के साथ शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाने में मदद करता है। आइए जानते हैं कैसे जमाते हैं गाढ़ा दही।
2- थोड़े दही से दही जमाने के लिए सबसे पहले दूध को उबालकर उसे ठंडा कर लें। दूध के गुनगुना होने पर उसमें दही का जामन डालकर उसे अच्छी तरह मिला लें। अब दही मिले इस दूध को ढककर 3-4 घंटे के लिए रख दें। जब दही जम जाए तो उसे एक घंटे के लिए फ्रिज में थोड़ा टाइट जमने के लिए रख दें।
3- अगर आप चाहते हैं कि दही जल्‍दी जम जाए तो उसके लिए माइक्रोवेव ओवन का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं। माइक्रोवेव को 180 डिग्री पर दो मिनट के लिए प्री हीट करने के बाद उसे बंद कर दें। अब हल्‍के गुनगुने दूध में जामन लगाकर उसे ढककर उसे माइक्रोवेव में दूध का बर्तन रख दें। ओवन का ढक्कन बंद ही रखें, दही तीन या चार घंटे में जम जाएगा।
4- इस तरीके में दही जमाने के लिए आपको सूखी लाल मिर्च की जरूरत होती है। आधा किलो दूध उबालकर ��से ठंडा होने दें। जब दूध गुनगुना हो जाए तो 2-3 सूखी साबुत लाल मिर्च (डंठल सहित) दूध के बीचों बीच डाल दें। सूखी लाल मिर्च में लैक्टोबैसिल्ली होता है, यह एक प्रकार का बैक्टीरिया है, जिसकी मदद से दूध से दही बनता है। हालांकि इस तरीके से दही जमाने से दही ज्यादा गाढ़ा नहीं होता लेकिन इससे आप जो दही जमाएंगे, उस दही से दूसरा दही बहुत गाढ़ा जमता हैं।
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hindijankari · 4 years
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सेहत कैसे बनाये घरेलू उपाय क्या है ? || How to make health, what are the home remedies?
अच्छी सेहत कैसे बनाये – हेलो फ्रेंड्स कैसे हो आप लोग आज की पोस्ट में हम आपके साथ कुछ बेहद जरूरी हेल्थ टिप्स इन हिंदी शेयर करने वाले हैं और आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे अच्छी हेल्थ कैसे बनाएं और अच्छी सेहत बनाने के घरेलू उपाय और तरीके.
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दोस्तों आजकल के जमाने में इतना ज्यादा प्रदूषण हो गया है और तरह-तरह की बीमारियां लोगों को कितनी जल्दी पकड़ लेती जिसकी वजह से उनकी हैल्थ और सेहत नहीं बन पाती है. लेकिन आपके लिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी सेहत और हेल्थ का ख्याल रखें. यदि आप बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती है पतले हो या आपकी Health नहीं बनती है सब आप लोगों को हमारे इस पोस्ट को बड़े ध्यान से पढ़ना है क्योंकि आज के इस पोस्ट में हम आपको कुछ जरूरी हैल्थ और फिटनेस टिप्स देने वाले हैं जिसको पढ़ने के बाद आप बहुत ही जल्दी अपनी अच्छी हेल्थ और सेहत बनाने में कामयाब हो जाओगे. चलिए दोस्तों ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए हम आज के इस महत्वपूर्ण पोस्ट की शुरुआत करते हैं और हम आप से रिक्वेस्ट करेंगे कि आप इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें आपको बहुत ज्यादा फायदा और लाभ होगा. अच्छी सेहत बनाने के लिए आपको चाहिए की आप ऐसा खाना खाएं जिसमे विटामिन मिनरल मौजूद हों।
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दूध – दही ,लस्सी घी का सेवन भी करे। काम से कम 50 या 100 grm देसी का सेवन हर रोज़ करे, या अपनी capicity के हिसाब से कम ज्यादा भी कर सकते है। ध्यान रखें घी बाज़ार में बिकने वाला डब्बाबंद न होकर गाय या भैंस का हो तो ज्यादा फायदा करेगा। क्योंकि देसी घी बिल्कुल शुद्ध होता है, Sehat Kaise Banaye सेहत बनाने के लिए हमें क्या खाना चाहिए। सेहत बनाने के लिए हमें निम्न चीजों का सेवन करना चाहिए।  1. चने व सोयाबीन:- हमें रात के समय में चने व सोयाबीन को मिट्टी के एक छोटे से बर्तन में भिगोकर रखना है, सुबह चाय पीने से पहले इनको अच्छी तरह चबा – चबा कर खाना है।  और इसके पानी का सेवन करें तो यह और भी बहुत लाभ दायक है।  2. नीम की पतियाँ:-
सुबह जब आप सैर के लिए जाते है तो आपके आस – पास कहीं भी नीम का पेड़ दिखें।
तो उसकी 4 से 5 कच्ची व हरी पतियों का सेवन रोज़ाना करें।
संभव हो सके तो ब्रश न करके नीम की दांतुन करें। इससे आपके पेट में कीड़े नहीं पड़ेंगे।
अगर इसकी दांतुन करते है तो आपके दाँत नहीं ख़राब होंगे और आपके Toothpaste के पैसे भी बच जायेंगे।
3. चने , मूंगफली व सोयाबीन का पाउडर 
दोस्तों आपको 1 किलोग्राम काले चने, मूंगफली की कच्ची गिरी और 1 ही किलो सोयाबीन लेना है।
इन तीनो को अच्छी तरह साफ़ करके 3 को हल्की आंच पर 10 से 15 मिनट तक सेंकना है।
और ठंडा होने पर इसे पीस लेना है। अच्छी तरह पीसने के बाद तीनो को mix कर ले। 
और ये आपका प्रोटीन से भरपूर पाउडर तैयार हो गया है। इसे रोजना दूध के साथ सुबह – शाम mix करके पिए।
कुछ ही दिनों में आपकी सेहत अच्छी बन जाएगी और आपका वज़न भी बढ़ने लग जायेगा। 
4. अंकुरीत चना और बादाम गिरी 
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एक से दो मुट्ठी देसी चने  और दो बादाम गिरी रात को किसी बर्तन में भिगो कर रख दें।
सुबह फ़्रेश होकर चने खूब चबा चबा कर खाएं। और दो या तीन घंटे बाद नाश्ते के बाद बादाम गिरी को खाएं।
देसी चने को आप अगर अंकुरित करके खाये तो और ज्यादा फायदा करेंगे।
इसको अंकुरित करने के लिए पहले दिन भिगो कर अगले दिन पानी से निकाल कर किसी सूती कपडे में लपेटकर रख दे। ये दो से तीन दिन में अंकुरित हो जाएंगे
5. आँवला का चूर्ण | Kaise Banaye Sehat in hindi 
आँवला का चूर्ण,या मुरब्बा,या फिर आँवला की candy इनमें से कोई एक चीज़ सुबह -शाम खाएं।
क्योंकि आंवले में शीतल गुण होते है। और ये पाचन तन्त्र को भी मजबूत करेगा। साथ ही आँवला सप्त धातु पुष्ट वर्धक भी होता है।
भोजन में हरी सब्जियां  और दाल बदल-बदल कर खाएं। दोपहर के भोजन के बाद जूस भी पियेंगे। 
तो और जल्दी लाभ होगा। जिस मौसम में जो फल आये हो वो ज़रूर खाये।
वजन बढ़ाना है तो रात को छोड़कर किसी भी टाइम 50 या 100 grm पनीर  और दिन में किसी भी समय या रात को भी जितने खाये जा सके केले खाये।
क्योंकि केला रात को खाने पर ज्यादा फायदा करता है। बस ध्यान ये रखें केले पके होने चाहिए।
तो ज्यादा फायदा करेंगे। खायेंगे तो हर महीने 2 से तीन kg weight बढ़ाया जा सकता है । ये मैं अपने अनुभव के आधार पर बता रहा हूं, मैंने खुद और मेरे कई दोस्तों ने इसको कई बार आजमाया है। ये 100% काम करता है। दोस्तों अच्छी सेहत बनाने के लिए जरूरी है कि आपका खान पान भी अच्छा होना जरूरी है। और कहा भी गया है कि जैसा खाओगे अन्न वैसा होगा मन। यानी हम जो कुछ भी खाते है उसका सीधा असर हमारे शरीर पर तो पड़ता ही है साथ ही मन मस्तिष्क पर भी पड़ता है। इसलिये सुपाच्य और संतुलित भोजन खाएं। और उसे चबा चबा कर खाएं। कहा जाता है कि पानी खाओ भोजन पीओ इसका मतलब है, कि हमे पानी को धीरे मुँह चला कर पीना चाहिए जैसे कि आप कुछ खा रहें हो, और भोजन को इतना चबा कर खाएं की आपको लगे कि आप कुछ पी रहे हों।, ऐसा करने से हमारे मुँह में मौजूद लार ज्यादा पैदा होती है, और वो भोजन या पानी पीते वक़्त साथ मिलकर पेट में जाती है जो भोजन पचाने में बहुत बडा योगदान देती है। इसलिए इन बातों का खास ध्यान रखें। तली भुनी चीज़, ज्यादा तीखा, spicy मसालेदार और बाहर की खुली चीज़ें, चाट पकौड़ी, इस तरह की चीज़ों को खाने से बचें। व्यायाम ज़रूर करें
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Sehat Kaise Banaye
सुबह और शाम कम से कम आधा या एक घंटा। exercise ज़रूर करें, या फिर सुबह शाम धीमी गति की दौड़ लगा सकते है। या कोई जिम जॉइन कर सकते है, जिससे शरीर में रक्तसंचार सही रहता है साथ ही भूख भी सही लगती है। खाया पिया भी पचता है, आप चाहे तो योगासन भी कर सकते हैं। जो बहुत फायदेमंद होगा। और तंदरुस्ती बनी रहेगी। मानसिक तनाव से दूर दोस्तों अगर आपको अच्छी सेहत चाहिए तो आपको चाहिए कि शारिरिक तौर पर ही नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी ध्यान दे, इसके लिए आपको तनाव और अवसाद से खुद को बचाए रखे। क्योंकि अगर व्यक्ति खाना पीना तो अच्छा खा रहा है, लेकिन टेंशन को दिमाग मे पाले रखता है तो । खाना पीना भी कम या बिल्कुल फ़ायदा नहीं कर पाता,  वो कहानी तो आपने सुनी होगी — एक बार अकबर ने बीरबल से कहा कि इस बकरी को अच्छे से अच्छा खाना खिलाओ लेकिन इसका वजन नहीं बढ़ना चाहिए, तो बीरबल उस बकरी को खुराक तो अच्छी देता है लेकिन एक शेर के पिंजरे से उस बकरी को बांध देता है, फलस्वरूप बकरी खाना अच्छा खाने के बावजूद भी ना तो उसकी सेहत बनती ना घटती,  क्योंकि बकरी को तनाव ही इतना ज्यादा रहता। की पता नहीं शेर कब उसको खा जाए, ठीक इसी तरह से इन्सान भी अगर खाना तो अच्छा खाये लेकिन दुनिया जहान की tension दिमाग मे रखे, तो सेहत बनाने में जरा परेशानी आ सकती है। तो friends मुझे उम्मीद है सेहत बनाने के लिए ये टिप्स आपको जरूर फायदा करेंगे।
Sehat Banane Ke Liye Kya Na Khaye
आम का अचार , चटनी,  सॉस ,जैसी खट्टी चीज़ें खाने से परहेज रखें, आखिरी में कहना चाहूंगा सेहत बनाने के लिए किसी तरह की दवाओं या powder का इस्तेमाल ना ही करें तो अच्छा है। मैं ये नहीं कह रहा के एक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। या ये  बुरे हैं, लेकिन जब कुदरत ने हमें इतना सबकुछ खाने दिया है तो natural तरीके से क्यू  न सेहत बनाये, और मुझे पूरा विश्वास है के चाहे कोई male हो या female इन तरीक़ों को अपनाकर हर कोई अपनी अच्छी सेहत बना सकता है। अच्छी दिनचर्या दोस्तों अच्छी सेहत बनाने के लिए ज़रूरी है कि हमारी दिनचर्या भी अच्छी होनी चाहिए, यानि समय से उठना समय से सोना। स्नान आदि करके भोजन करना, ऐसा करने से सारा दिन आप तरो ताज़गी महसूस करेंगे। काम में भी मन लगेगा, इसलिए अपनी दिनचर्या को sheduled रखिए। आप पाएंगे कि आपकी सेहत धीरे – धीरे सुधर रही है। 
क्या करना चाहिए
1. अधिक पानी पिये 
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जी हाँ , दोस्तों Achhi Sehat के लिए हमें पानी अधिक से अधिक मात्रा में पीना चाहिए, आपको पता ही होगा 70 प्रतिशत तक हमारी सेहत पानी से बनती है, और पानी पीने का भी एक trika होता है। हमें पानी हमेशा बैठकर पीना चाहिए न की खड़े होकर, जब हम पानी खड़े होकर पीते है तो यह हमारी सेहत पर इसका नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हमें इसका असर जवानी में तो नहीं दिखता पर हमारी जब उम्र कुछ गुज़र जाती है तो हमें इसका प्रभाव देखने को मिलता है, अगर हम सुबह खाली पेट हल्का गर्म पानी पीते है तो ये हमारे sehat ke लिए बहुत ही फायदेमंद होता है , अगर किसी को पत्थरी की शिकायत है तो वह सुबह ख़ाली पेट 10 दिन लगातार हल्के गर्म पानी में 2 नीम्बुओं का रस निकाल कर पिए।
Benefits of drinking water in the morning
2. नशा छोड़े
Sehat Kaise Banaye
दोस्तों आप अपनी sehat अच्छी बनाये रखना चाहते है तो नशे की लत को छोड़ दे, नशा चाहे छोटा हो या बड़ा हमारे शरीर के लिए तो नुक्सान दायक ही है, अगर आप नशा नहीं छोड़ सकते तो Govt Hospital में जाये और वहा से नशा छुड़वाने वाली Medicine लेकर आये। आजकल तो नशा छुड़वाने वाली दुकाने या आश्रम जगह – जगह खुल चुके है।
Sehat banane ke upay hindi me
3. पाचन शक्ति कमजोर होना
पाचन शक्ति कमजोर होने के कारण खाया – पिया हमारे शरीर को लगता नहीं है जिस से हमारी सेहत अच्छी  नहीं होती है, हमें अपनी Pachan Shakti को मजबूत करने के लिए रात को सोते समय 1 चम्मच शहद में 8 से 7 किसमिस जिसे दाख़ भी कहते mix कर लेना, और रोजाना 1 चम्मच शहद और किसमिस का 10 दिन तक का सेवन करना है, आपकी पाचन शक्ति मजबूत हो जाएगी। 4. नींद पूरी लें अच्छी सेहत बनाने के लिए नींद हमें भरपूर लेनी चाहिए यानि 7 से 8 घंटे नींद हमें अवश्य पूरी करनी चाहिए, ये नहीं की हम रात के 12 बजे सो रहे है और सुबह 10 बजे उठ रहे इससे नींद पूरी नहीं होती है, हमें जल्दी सोना चाहिए और सुबह जल्दी उठना चाहिए। 5. दूध का सेवन करें
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Sehat Kaise Banaye
हमें दूध का सेवन सुबह और शाम दोनों समय में करना चाहिए, ज्यादा नहीं तो आधा लीटर सुबह और आधा लीटर शाम को पीना चाहि, इससे आपकी सेहत अच्छी बनी रेहगी, अगर आप Cut वाली बॉडी बनाना चाहते है तो रोजाना सुबह जल्दी उठाकर 5 से 6 किलोमीटर लंबी रनिंग करें। और हलके – फुल्के exercise कर ले, Diet के अंदर आप आधा लीटर दूध ले  और उसमे 2 चम्मच शुद्ध देसी गई डाल कर पिए, इससे आपको अपनी Body में 15 दिन में फर्क दिखने लग जायेगा, और 1 महीने बाद अच्छी body बन जायेगी। अगर आप इसे 3 month तक ऐसा करते है तो आप की body में चार चाँद लग जायेंगे। Garmiyo me sehat kaise banaye Achhi सेहत के लिए हरे व ताज़े फल खाने चाहिए। कई लोग ऐसे होते है जिनके पास खूब सारा पैसा होता है, वह तो कोई भी फल खरीद के खा सकते है। दिक्क्त तो उन लोगो को जिनकी रोजाना की income only 300 रूपये है।  इसलिए आप लोग Daily 2 केले अवश्य खाये। 7. Juice पिए 1. गर्मियों में गन्ने के जूस का अधिक सेवन करें। जो juice आप पि रहे है उसमे अधिक बर्फ नहीं होनी चाहिए। 2.गाजर का Juice पिए और उसमे थोड़ा सा चकुंदर का रस मिला ले। इससे आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी। और आप लगातार इसका सेवन करते हो तो आप जवां दिखने लग जाओगे। 3. एलोवेरा जूस भी हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता। हमें हफ़्ते में 1 बार जरूर सेवन करना चाहिए, आप जो बाज़ार से जूस लाते है वो शुद्ध जूस नहीं होता है। आप घर पर ही इसका जूस निकाल कर इसका सेवन करें। 4. अनार का जूस पिए ये आपकी सेहत के लिए तो अच्छा है ही और ये शारीर में रक्त की मात्रा को भी बढ़ाता है। और शरीर में आई कमजोरी को दूर करता है। 5. मौसमी के जूस का सेवन मौसम के अनुसार ही करें। इसमें Vitamin C की मात्रा अधिक पायी जाती है, किसी भी juice का सेवन लगातार 15 दिन से अधिक ना करें। 6. बादाम , कांजू , इलायची और किशमिश
Sehat Kaise Banaye
अच्छी Sehat के लिए रोजाना बादाम , काजू , ईलायची और किशमिश का सेवन करें। रोटी खाने के बाद आपको एक ईलायची ज़रुर खानी है। और बादाम , काजू , और किशमिश को मिक्सी में दूध  के साथ मिक्स करके हफ़्ते में 3 से 4 बार अवश्य सेवन करना है। इन सभी में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और विटामिन की मात्रा पाई जाती है।
Sehat banane ke gharelu upay in hindi
दोस्तों आपको पक्के हुए दो केले लेने है और उन केलो को किसी मिक्सी में 1 गिलास दूध के साथ मिक्स कर लेना है, अगर आपके पास मिक्सी नहीं है तो दो केले खाकर ऊपर से दूध पी लेना है उसमे भी कोई problem नहीं है, अगर आपके पास मिक्सी है तो आपको दो केलो का एक गिलास दूध में BAnana शेक बनाना है, उसमे 1 से 10 ग्राम किसमिस लेना या आप को एक चम्मच किसमिस डालकर दूध को अच्छे से मिक्स कर लेना है।
और उसको पी लेना है बनाना शेक का सेवन करने के बाद लगभग 10 मिनट बाद 2 ईलायची का सेवन करना है, इनको चबा – चबा के खाना है। दोस्तों ये ईलायची जो आप बनाना शेक पीयोगे उसको प्रो��र तरीके से हज़म करेंगा, जब बनाना शेक हज़म होगा तो डेफेनेल्टी हमारे शरीर को ही लगेगा। ईलायची केले को पचाने के लिए बहुत लाभदायक है। Breakfast करने के बाद अंकुरित मुंग की दाल का सेवन करना है। लगभग एक कटोरी दाल लेनी है, उसको एक गिलास पानी में भिगो कर रख दे। सुबह उस पानी को सूती कपड़े में छान ले, उसे  2 या 3 घंटे के लिए बाँध कर ऱख दे, तो ये मूंग की दाल अँकुरित हो जाएगी, और आप अपने लंच से पहले इसको खा लेना और इससे आपका हाजमा दरुस्त रहेगा और खाया पीया आपके शरीर को लगेग���। Sehat Kaise Banaye Achhi Sehat Ke Anay Tips
हस्तमैथुन की गंदी आदत को छोड़े।
समय पर खाना खाएं और भोजन में पौष्टिक आहार शामिल करें। और खाना खाने के बाद एक कच्चा आँवला खाएं तो हम���रे लिए बहुत अच्छा साबित होगा।
रात को जल्दी सोएं और सुबह जल्दी ऊठे और कम से कम 8 घंटे की नींद अवश्य ले।
हरी सब्जी व हरे फल अवश्य खाएं।
चेहरे पर हमेशा मुस्कान रखें।
रोजाना व्यायाम करें।
खाना खाने के बाद हो सके तो ब्रश न करके नीम की दांतुन करें।
हमेशा सकारत्मक सोचें।
मोबाइल फ़ोन का कम use करें।
अधिक से अधिक पानी पीये।
Achhi Sehat Ke Liye Apani Aadto Me Sudhar kro
हस्थमैथुन की गंदी आदत को छोड़े।
 अधिक से अधिक पानी पिने की आदत डालें।
समय पर भोजन खाएं।
खाना खाने के बाद चाय ना पिए।
सुबह जल्दी उठे और शाम को समय पर सोए।
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imsaki07 · 4 years
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बिना जामन के घर पर इस तरह जमाएं दही ..
मनुष्य के पेट के लिए दही बेहद लाभदायक होती है. ये पेट को ठंडक पहुँचाने के साथ ही खाना पचाने में भी सहायता करता है. वैसे तो आपने देखा ही होगा कि दही जमाने के लिए लोग जामन का इस्तेमाल करते हैं. अगर दूध में थोड़ा सा जामन मिला दे तो दूध दही में तब्दील हो जाता है. दरअसल, जामन के बिना भी दही को जमाया जा सकता है. जी हां, ऐसा हो सकता है. आज हम आपको बिना जामन के दही जमाने के तरीके के बारें में बताने जा रहे…
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ivxtimes · 4 years
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गर्मियों में दही सेहत के लिए सबसे अच्छा होता है। रोजाना इसे खाने से न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है बल्कि पेट के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। कई लोग बाजार से दही खरीदकर खाते हैं तो कई घर पर ही इसे जमाकर खाते हैं। दही जमाने के लिए दही का होना बहुत जरूरी है। जिसे बोलचाल की भाषा में हम लोग जामन कहते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि आप दही जमाने चले लेकिन जामन ही नहीं है ऐसे में दही जमाना नामुमकिन है। ऐसे में आज हम आपको दही बिना जामन के कैसे जमाते है उसकी एक ट्रिक बताएंगे। इसे अपनाकर आप बिना जामन के ही बाजार जैसा बेहतरीन दही घर पर ही जमा लेंगे। 
दही जमाने के लिए जरूरी चीजें
���ुल क्रीम दूध बर्तन जिसमें दही जमाना हो
जमाने की विधि- सबसे पहले आप फुल क्रीम दूध को एक बर्तन में निकाल लें। दही जमाने के लिए फु्ल क्रीम दूध सबसे अच्छा रहता हैं क्योंकि वो मलाईदार होता है। दूध में एक खौल आने के बाद गैस बंद कर दें। दूध के थोड़ा ठंडा होने के बाद अब आपको जरूरत पड़ेगी जामन की यानी कि बिना जामन के दही जमाने की ट्रिक की। ये ट्रिक है चांदी। आप कोई चांदी का प्योर सिक्का या फिर कड़ा लीजिए। पहले इस सिक्के को पानी से अच्छे से साफ करिए। 
सिक्के को साफ करने के बाद इसे अब दूध में डाल दीजिए। दूध में सिक्के को डालने के बाद उसे ऐसे स्थान पर रखिए जहां पर उसे कोई छुए न। दूध को करीब 6 से 7 घंटे के लिए रख दें। थोड़ी देर बाद आप देखेंगे कि आपका बाजार जैसा दही जमकर एकदम तैयार है। 
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gethealthy18-blog · 4 years
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क्या कीटो डाइट आसानी से वजन घटाने में मदद करती है? – Keto Diet in Hindi
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क्या कीटो डाइट आसानी से वजन घटाने में मदद करती है? – Keto Diet in Hindi
क्या कीटो डाइट आसानी से वजन घटाने में मदद करती है? – Keto Diet in Hindi Arpita Biswas Hyderabd040-395603080 December 30, 2019
आजकल लोग वजन घटाने या खुद को फिट रखने के लिए कई तरीके आजमाते हैं। कोई जिम जाता है, कोई योग करता है, तो कोई डाइट पर ध्यान देता है। लगभग हर व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने के लिए अपने आहार पर ध्यान देता है। अगर डाइट प्लान की बात करें, तो अभी के जमाने में कई तरह की डाइटिंग चलन में हैं। उन्हीं में से एक है कीटो डाइट, जिसे कीटोजेनिक डाइट भी कहा जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम कीटो डाइट संबंधी सभी जरूरी जानकारी जैसे – कीटो डाइट प्लान क्या है, कीटो डाइट चार्ट में कौन सी चीजें हो सकती है, कीटो डाइट के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं आदि के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं अगर कीटो डाइट के नुकसान हैं, तो हम उस बारे में भी बात करेंगे। इसलिए, कीटो डाइट प्लान से संबंधित सभी जानकारियों के लिए इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।
सबसे पहले जानते हैं कि कीटो डाइट क्या है।
विषय सूची
कीटो डाइट प्लान क्या है? – What Is Keto Diet In Hindi
कीटोजेनिक आहार में लोग प्रतिदिन कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, एक मध्यम मात्रा में प्रोटीन और उच्च मात्रा में वसायुक्त आहार का सेवन करते हैं। इसका मतलब यह है कि शरीर एनर्जी के लिए फैट को अधिक बर्न करता है। फिर केटोसिस नामक एक प्रक्रिया में इसे ‘कीटोन बॉडीज’ या कीटोन में तोड़ता है। कीटोजेनिक आहार में लोग आमतौर पर प्रतिदिन केवल 20 से 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट खाते हैं। उदाहरण के रूप में ब्रेड के 2 स्लाइस और एक केले का सेवन मतलब 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेना है (1)।
कीटोजेनिक डाइट 4 प्रकार के होते हैं (2): 
स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट (Standard ketogenic diet-SKD)- इसमें कम कार्बोहाइड्रेट, मध्यम मात्रा में प्रोटीन और उच्च मात्रा में फैट लिया जाता है। इसमें आमतौर पर 70 प्रतिशत वसा, 20 प्रतिशत प्रोटीन और केवल 10 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट लिया जाता है।
साइक्लिकल कीटोजेनिक डाइट (Cyclical ketogenic diet-CKD) – इसमें कीटोजेनिक डाइट साइकिल के बीच उच्च कार्बोहाइड्रेट का सेवन भी शामिल है। उदाहरण के लिए हफ्ते में 5 दिन कीटोजेनिक डाइट और दो दिन उच्च कार्बोहाइड्रेट डाइट।
टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट (Targeted ketogenic diet -TKD)- इसमें एक्सरसाइज के साथ-साथ अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जा सकता है।
हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट (High-protein ketogenic diet-HPKD)- इसमें प्रोटीन का सेवन अधिक किया जाता है। लगभग 60 प्रतिशत फैट, 35 प्रतिशत प्रोटीन और 5 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट शामिल हैं। इसके बावजूद यह अधिक फैट वाली डाइट है।
नोट : स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट (SKD) और हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट (HPKD) का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। साइक्लिकल कीटोजेनिक डाइट (CKD) और टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट (TKD) हाल ही में चर्चा में आई हैं। इन्हें ज्यादातर बॉडीबिल्डर या फिर एथलीट अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं।
अब बारी आती है कीटो डाइट के फायदे जानने की।
कीटो डाइट प्लान के फायदे – Keto Diet Benefits In Hindi
लेख के इस भाग में हम कीटो डाइट के फायदे के बारे में जानकारी दे रहे हैं। नीचे पढ़ें कीटो डाइट प्लान के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं (1) (2) (3) (4)।
वजन कम करने में मददगार हो सकती है।
टाइप 2 डायबिटीज के लिए लाभकारी हो सकती है।
कोलेस्ट्रॉल में सुधार करने में सहायक हो सकती है।
कैंसर के जोखिम को कम करने या कैंसर के उपचार के लिए लाभकारी हो सकती है।
अल्जाइमर से बचाव के लिए मददगार हो सकती है।
मिर्गी के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकती है।
लेख के आगे के भाग में जानिए कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए कीटो डाइट प्लान।
4 हफ्ते का नमूना कीटो डाइट प्लान – Sample Keto Diet Plan in Hindi 
ध्यान रहे कि यहां कीटो डाइट चार्ट को एक नमूने के तौर पर तैयार किया गया है। इसमें मौजूद सामग्रियों व उसकी मात्रा में आहार विशेषज्ञ की सलाह और व्यक्ति के उम्र, जरूरत व स्वास्थ्य के अनुसार बदलाव किया जा सकता है। हर व्यक्ति का शरीर और खाने की पसंद एक जैसी नहीं होती है, इसलिए इन कीटो डाइट चार्ट में बदलाव संभव है।
पहला सप्ताह:
समय डाइट सुबह 7 बजे ●     गर्म या गुनगुने पानी के साथ नींबू
या फिर
●     गर्म या गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण
नाश्ता सुबह 8:30 बजे ●     1 उबला अंडा + केल स्मूदी
या फिर
●     नारियल का दूध, चिया हलवा या पुडिंग थोड़े से नारियल और अखरोट के साथ
या फिर
●     बादाम दूध, हरी सब्जियां, बादाम मक्खन के साथ बनाई गई स्मूदी
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ●     सब्जियों का सूप
या फिर
●     मशरूम और सलाद पत्तों का सलाद उच्च वसा के ड्रेसिंग के साथ
या फिर
●     हाई फैट ड्रेसिंग के साथ चिकन, गाजर, शिमला मिर्च और हरी बीन्स की सलाद
दोपहर के भोजन के बाद 2:30 बजे ●     1 कप ग्रीक योगर्ट और 2 बादाम शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ●      1 कप ग्रीन टी में थोड़ा नींबू का रस रात का खाना 7:30 बजे ●     झींगा और जूड्ल्स (एक प्रकार का नूडल्स)
या फिर
●     एवोकैडो और उबली हुई ब्रोकली साथ में थोड़ा ओलिव ऑयल
या फिर
●     मशरूम और क्रीम सूप
कैसे लाभकारी हो सकती है?
कीटो डाइट प्लान के पहले हफ्ते में वजन में ज्यादा कमी हो सकती है, क्योंकि कम कार्ब वाला आहार खाने से शरीर से अतिरिक्त पानी बाहर निकल जाता है। इतना ही नहीं लिवर से अतिरिक्त सोडियम भी निकलता है। इससे तेजी से वजन कम होने में मदद मिल सकती है। शरीर में उत्पादित अतिरिक्त कीटोन्स जमा नहीं होते हैं, बल्कि मूत्र के जरिए बाहर निकल जाते हैं। चयापचय को बढ़ावा देने और फैट को बर्न करने के लिए हर रोज खूब सारा प्रोटीन युक्त और अच्छे फैट वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करें। पूरे दिन में 6 मील लें। जैसे कि इस डाइट में कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों के बारे में बताया गया है। शरीर को पोषण देने के लिए आहार में हरी सब्जियां, फल और नट्स को शामिल किया जा सकता है। एक हफ्ते के लिए तैयार किए गए इस कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस से शरीर को ऊर्जा मिल सकती है।
दूसरा सप्ताह:
समय  डाइट प्रातः सुबह 7 बजे गुनगुने या गर्म पानी के साथ एक चम्मच सेब का सिरका नाश्ता सुबह 8:30 बजे ●     गुनगुने या गर्म पानी के साथ एक चम्मच सेब का सिरका
या फिर
●     कार्बनिक मेपल सिरप के साथ 1 कप हर्बल टी + 1 क्रीम चीज़ पैनकेक
या फिर
●     एक पूरा उबला हुआ अंडा और एक गिलास दूध या सोया दूध
या फिर
●     1 कप बुलेटप्रूफ कॉफी + क्रिस्पी फूलगोभी के पकौड़े
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ●     एवोकैडो और टमाटर के साथ सलाद पत्तों का टैको (मकई या गेहूं से बनी एक प्रकार की रोटी, जिसमें वेज या नॉन-वेज की फिलिंग हो सकती है)
या फिर
●     भूना हुआ चिकन और सब्जियां
या फिर
●     ब्रोकली और हरी बीन्स के साथ ग्रील्ड चिकन के साथ अच्छा उच्च फैट सॉस
दोपहर के भोजन के बाद 2:30 बजे ●     1 छोटी कटोरी फ्लेवर्ड दही शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ●     2 अलसी की कूकीज + 1 कप मसालेदार चाय या हर्बल टी रात का खाना 7:30 बजे ●     गाजर और हरी सब्जियों के साथ ग्रील्ड मछली
या फिर
●     ताजा क्रीम के साथ बटरनट (अखरोट) स्क्वैश सूप
●     लौकी और फूलगोभी के साथ दाल का सूप
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
पहले हफ्ते की तरह ही दूसरे हफ्ते में भी 6 मील खाने की आवश्यकता है। साथ ही दिन में दो बार हर्बल टी का सेवन करें। ध्यान रहे कि सही मात्रा में प्रोटीन का भी सेवन किया जाना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट की न्यूनतम मात्रा भी आवश्यक है, इसलिए सब्जियों का सेवन भी सही तरीके से करना जरूरी है। हर्बल टी के बजाय बुलेटप्रूफ कॉफी (मक्खन वाली कॉफी) भी ली जा सकती है। सामान्य ब्लैक कॉफी में मक्खन, नारियल तेल और क्रीम को मिलाकर बुलेटप्रूफ कॉफी बनाई जाती है। इससे शरीर को ऊर्जा प्राप्त हो सकती है।
तीसरा सप्ताह:
प्रातः सुबह 7 बजे ●     नींबू और आर्गेनिक शहद के 1 बड़े चम्मच के साथ गर्म या गुनगुना पानी नाश्ता सुबह 8:30 बजे ●     1 कप ग्रीन टी + 1 उबला अंडा + पालक की स्मूदी
या फिर
●     1 मध्यम कटोरे में क्विनोआ घी में पकाई गई सब्जियां
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ●     2 बादाम या 1 कप ग्रीक योगर्ट शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ●     1 कप ग्रीन टी रात का खाना 7 बजे ●     ग्रील्ड चिकन सलाद अच्छी उच्च वसा ड्रेसिंग के साथ
●     सोया चंक रैप (गेहूं के फ्लैट ब्रेड का उपयोग करें)
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
तीसरा हफ्ता पहले दो हफ्ते के ही समान होता है, लेकिन सेवन की जाने वाली कैलोरी की संख्या के आधार पर यह काफी अलग होता है। इस हफ्ते में दोपहर के खाने के बाद छोटे मील को हटाया जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शरीर भारी नाश्ते से मिली ऊर्जा का उपयोग करे और खाने को पचने में भी आसानी हो। इसके बाद प्रोटीन युक्त डिनर से शरीर को फिर से एनर्जी मिल सकती है।
चौथा सप्ताह:
प्रातः सुबह 7 बजे ●     नींबू पानी के साथ अलसी बीज का चूर्ण नाश्ता सुबह 8:30 बजे ●     1 कप ग्रीन टी या ब्लैक कॉफी दोपहर का भोजन 12:30 बजे ●     1 सेब या 1 गिलास छाछ रात का खाना 7 बजे ●     चिकन सूप + फ्रूट कस्टर्ड
या फिर
●     पालक, लहसुन, खट्टा क्रीम और पारमेसन चीज़ + फ्लेवर्ड दही के साथ मसली हुई गोभी
या फिर
●     स्मोक्ड चिकन + हरी सब्जियां + 1 मध्यम आकार की चॉकलेट ब्राउनी
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
कीटो डाइट प्लान के चौथे सप्ताह में हाई फैट, उच्च प्रोटीन और कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थ खाने की आवश्यकता होती है। इस हफ्ते में काफी हद तक वजन कम हो सकता है, क्योंकि किटोसिस फैट को बर्न करने में मदद कर सकता है। यह वह सप्ताह है, जब कीटो डाइट प्लान के साथ नियमित व्यायाम करने वालों को सबसे अधिक फायदा हो सकता है।
ये तो थे हफ्ते के अनुसार कीटो डाइट चार्ट के नमूने। अब बारी आती है यह जानने की कि कीटो डाइट में और क्‍या-क्या खा सकते हैं।
कीटो डाइट में क्‍या खाएं – Foods to Eat on the Keto Diet In Hindi
नीचे हम कीटो डाइट प्लान में खाए जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थों की सूची शेयर कर रहे हैं (2) (5) (6)।
हरी सब्जियां जैसे – पालक, खीरा, ब्रोकली, स्प्राउट्स, शिमला मिर्च, मशरूम, गोभी
चिकन
साबुत अनाज
नट्स जैसे – बादाम, अखरोट
बीज
जैतून का तेल
तरह-तरह के फल
खूब सारा पानी
लेख के अगले भाग में जानिए कि कीटो डाइट प्लान में किन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कीटो डाइट में क्‍या न खाएं – Foods to Avoid on the Keto Diet In Hindi
कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें (7)।
शराब का सेवन न करें।
सॉफ्ट ड्रिंक या सोडायुक्त पेय पदार्थों से दूर रहें।
तले-भुने खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
बाहर का खाना या जंक फूड का सेवन न करें।
ज्यादा मसाले वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
ज्यादा सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
प्रोसेस्ड मीट का सेवन न करें।
नोट : अगर कीटो डाइट चार्ट में मौजूद किसी खाद्य पदार्थ से किसी व्यक्ति को एलर्जी है, तो उसका सेवन न करें। कीटो डाइट प्लान के बारे में आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें। कीटो डाइट प्लान की कई चीजें व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है। इसलिए, बेहतर है कि कीटो डाइट प्लान शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
लेख के आगे के भाग में जानिए कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए किस तरह की एक्सरसाइज और योग फायदेमंद हो सकते हैं।
वजन घटाने के लिए कीटो डाइट के साथ कुछ व्यायाम और योगासन
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस में अगर व्यायाम या योग को शामिल कर लिया जाए, तो उसका प्रभाव और जल्दी दिख सकता है। साथ ही इन्हें सही प्रकार से करना भी जरूरी है। व्यायाम या योग न सिर्फ मोटापे को कम करने में मदद कर सकते हैं, बल्कि अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी बचाव करने में मदद कर सकते हैं (8) (9) (10) (11) (12)।
नीचे हम चार हफ्तों में किए जाने वाले कुछ आसान व्यायाम व योग के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पहले तीन हफ्ते मुश्किल व्यायाम किए जा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि चौथे सप्ताह में हल्के-फुल्के स्ट्रेचिंग योगासन का सहारा लें, क्योंकि चौथे सप्ताह में व्यक्ति लिक्विड डाइट पर रहता है।
पहला हफ्ता – वॉर्मअप + जॉगिंग + रनिंग + जंपिंग जैक + रस्सी कूदना
दूसरा हफ्ता – वॉर्मअप + रस्सी कूदना + स्क्वाट + पुश अप + एरोबिक्स
तीसरा हफ्ता – वॉर्मअप + सीढ़ी चढ़ना + पुश अप + कार्डियो
चौथा हफ्ता – वॉर्मअप + योग + चलना + ध्यान लगाना या मेडिटेट करना
नोट : कोई भी एक्सरसाइज या योगासन करने से पहले किसी विशेषज्ञ द्वारा राय जरूर लें। साथ ही किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। साथ ही व्यक्ति अपने उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार व्यायाम या योग के बारे में विशेषज्ञ की सलाह ले सकता है।
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस कुछ लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए, लेख के इस भाग में हम कीटो डाइट प्लान से संबंधित कुछ टिप्स दे रहे हैं।
कीटो डाइट के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips for Keto Diet in Hindi
कीटो डाइट प्लान के शुरुआत में कुछ परेशानियां हो सकती है। पसंद की चीजें खाने का मन हो सकता है। ऐसे में इधर-उधर की चीजों में मन लगाकर ध्यान भटकाने का प्रयास करें।
कीटो डाइट प्लान का प्रभाव और अच्छा हो, उसके लिए नियमित व्यायाम व योग करें। चाहें तो जिम या योग सेंटर भी जॉइन कर सकते हैं।
नियमित रूप से पानी पिएं।
कीटो डाइट प्लान के साथ शरीर को आराम भी दें।
कीटो डाइट प्लान के साथ जीवनशैली में भी बदलाव किया जा सकता है। बाहर खाने की जगह बेहतर है कि घर में ही बना खाना खाएं।
एक कप कॉफी और सैंडविच के लिए कॉफी शॉप जाने की जगह घर में ही कॉफी बनाए और साथ में अंडे या हरी सब्जियों का सैंडविच बनाकर खाएं।
सही वक्त पर खाना खाएं।
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस के शुरुआत से ही हर दिन या हर हफ्ते वजन चेक करें और उसे लिखते जाएं। इससे पता चलेगा कि कीटो डाइट फॉर वेट लॉस का कितना असर हो रहा है।
सही वक्त पर सोएं और सुबह उठें। ध्यान रहे कि नींद पूरी करें।
कीटो डाइट प्लान हर किसी के लिए आसान नहीं है, क्योंकि इसमें कई चीजों को खाने में रोक लगी होती है। ऐसे में इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिसके बारे में लेख के इस भाग में जानकारी दी जा रही है।
कीटो डाइट प्लान के नुकसान – Keto Diet Plan Side Effect In Hindi
हर चीज के दो पहलू होते हैं एक फायदा और एक नुकसान। उसी तरह कीटो डाइट के फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी हैं। नीचे पढ़ें कीटो डाइट के नुकसान (6) (7)।
पोषक तत्वों की कमी
मतली या उल्टी
सिरदर्द
थकान
मूड स्विंग्स या चिड़चड़ापन
चक्कर आना
थकान
कब्ज
अनिद्रा
कीटो डाइट के फायदे जानने के बाद कई लोग इसे फॉलो करना चाहेंगे। उससे पहले कीटो डाइट प्लान को आजमाने के लिए कीटो डाइट चार्ट के बारे में आहार विशेषज्ञ से सलाह लें। साथ ही कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस को अगर सही तरीके से किया जाए, तो इसका असर शरीर पर कुछ ही वक्त में दिख सकता है। ध्यान रहे कि कीटो डाइट के साथ सावधानी जरूरी है, क्योंकि कीटो डाइट के नुकसान भी हैं। इसलिए, डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार कीटो डाइट प्लान को फॉलो करें। अगर डाइट के दौरान कोई भी असुविधा महसूस हो, तो तुरंत विशेषज्ञ से इस बारे में बात करें। कीटो डाइट प्लान को फॉलो कर आप अपने अनुभव नीचे दिए कमेंट बॉक्स की मदद से हमारे साथ जरूर शेयर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या कीटो डाइट सुरक्षित है?
हां, कीटो डाइट सुरक्षित है (5)। हालांकि, यह व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है कि उसके लिए कीटो डाइट सुरक्षित है या नहीं। इसलिए, बेहतर है कि इस बारे में अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
कीटो डाइट का पालन कर मैं कितना वजन कम कर सकता हूं?
अगर कीटो डाइट प्लान को सही तरीके से फॉलो किया जाए और साथ में व्यायाम किया जाए, तो पहले दो हफ्ते में 4.5 किलो तक वजन कम हो सकता है (7)।
मैं तीन सप्ताह के लिए कीटो डाइट पर हूं, लेकिन मेरा वजन कम नहीं हुआ है । कृपया मदद करे।
कम कार्ब आहार पर वजन कम न होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे एक दिन में कम कार्ब के खाद्य पदार्थों का सेवन करना, बहुत से फल खाना, पर्याप्त व्यायाम न करना, बहुत अधिक या बहुत कम प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाना, हर हफ्ते बहुत से चीटमील खाना, बहुत ज्यादा फैट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन। इतना ही नहीं तनाव, हार्मोनल असंतुलन और पर्याप्त नींद नहीं लेना भी कारण हो सकता है। इसलिए, कम से कम तीन दिन तक आप अपनी दिनचर्या, पूरे दिन किन खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं और ऐसी ही अन्य छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बातों को एक जगह नोट करते जाएं। इसके अलावा, आप अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से इस बारे में बात कर सकते हैं।
क्या मिर्गी रोगी कीटो डाइट कर सकते हैं ?
कभी-कभी जब अन्य उपचार विफल हो जाते हैं, तो मिर्गी रोग से ग्रस्त बच्चों को डॉक्टर कीटो डाइट की सलाह देते हैं (7)। अगर किसी भी व्यक्ति के घर में कोई मिर्गी रोगी है, तो उसे कीटो डाइट का पालन कराने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें ।
बॉडी बिल्डिंग के लिए एक सही किटोजेनिक डाइट प्लान क्या है?
अगर कोई व्यक्ति बॉडी बिल्डिंग में रुचि रखता है, तो सबसे पहले उसे शरीर से फैट कम करना होगा। ऊपर बताए गए कीटो डाइट प्लान में कम कार्ब, उच्च फैट और मध्यम मात्रा में प्रोटीन लेने की सलाह दी गई है। फैट को कम करने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले 5-सप्ताह केटोजेनिक आहार योजना से शुरुआत करनी होगी। एक बार जब शरीर का फैट बर्न होने लगता है और काफी फैट कम हो चुका होता है, तब बारी आती है विटामिन, खनिज और प्रोटीन सप्लीमेंट (यदि आवश्यक हो) के साथ उच्च प्रोटीन आहार लेने की। फिर भी हम यही सुझाव देंगे कि पहले अपने डॉक्टर, डायटीशियन या जिम ट्रेनर से मिलकर इस बारे में बात की जाए। वो व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार बेहतर जानकारी दे सकते हैं।
क्या मैं बच्चे के जन्म के बाद वजन कम करने के लिए कीटो डाइट प्लान को फॉलो कर सकती हूं?
नहीं, डिलीवरी के ठीक बाद आपके बच्चे को पोषण की आवश्यकता होगी। आप जो पौष्टिक और पूर्ण आहार लेंगी वही आपके शिशु को मिलेगा। ऐसे में अगर आप सही और पोषक तत्व युक्त आहार नहीं लेंगी, तो उसका प्रभाव आपके बच्चे पर हो सकता है। इसलिए, पर्याप्त प्रोटीन, वसा और कार्ब्स खाएं, ताकि आपका शिशु स्वस्थ रहे। डिलवरी के कुछ महीनों बाद आप डॉक्टर से परामर्श लें कि कीटोजेनिक डाइट आपके लिए सही है या नहीं। फिर डॉक्टर के कहे अनुसार ही डाइट का चुनाव करें।
क्या ज्यादा फैट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से फैट बर्न हो सकता है?
हां, कीटो डाइट प्लान में अच्छे वसा शामिल हैं। इसमें ऐसे फैट शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, जैसे – मोनोअनसैचुरेटेड फैट (1) (2)। इसके अलावा, दैनिक आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड को शामिल करें। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (13)।
क्या कीटो डाइट प्लान के दौरान शराब का सेवन किया जा सकता है ?
सप्ताह में सिर्फ एक बार एक छोटा गिलास वाइन का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसलिए, बेहतर है कि आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें। स्टाइलक्रेज अल्कोहल सेवन को बढ़ावा नहीं देता है।
क्या मुझे सप्लीमेंट लेने की भी जरूरत है?
यदि आप पहली बार कीटो डाइट कर रहे हैं या कम कार्ब आहार के लिए नए हैं, तो आप कमजोरी महसूस कर सकते हैं। आपके मांसपेशियों में ऐंठन महसूस हो सकती है। ऐसे में आपको सप्लीमेंट की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन सप्लीमेंट के सेवन से पहले न्यूट्रिशनिस्ट या डॉक्टर से बात जरूर करें (1)।
मुझे कब्ज की शिकायत हो रही है। कृपया मदद करें।
आपको अधिक तरल पदार्थ (पानी, ताजे फलों जैसे – बेरीज) का सेवन करना चाहिए (5) (6)। ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। फाइबर न सिर्फ पाचन क्रिया में सुधार करने में मदद कर सकता है, बल्कि कब्ज की परेशानी से भी राहत दिला सकता है (14) (15)। अगर समस्या ज्यादा बढ़े या ज्यादा दिन से है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
कीटोन्स को कैसे मापा जा सकता है?
कीटोन्स को मापने के लिए बाजार में कई उपकरण हैं, जैसे कि कीटोस्टिक्स (Ketostix)। आप उन्हें ऑनलाइन या मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं। इसका उपयोग करने से पहले पैकेट पर दिए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें।
कीटोसिस चरण में प्रवेश करने में कितने दिन लगेंगे?
कम कार्ब वाले आहार के सेवन के साथ अगर रोज व्यायाम भी किया जाए, तो कुछ ही दिनों में आप कीटोसिस चरण में प्रवेश कर जाएंगे। कीटो डाइट प्लान को अगर सही तरीके से फॉलो किया जाए, तो पहले ही दो हफ्तों में 4.5 (10 lbs) किलो वजन कम किया जा सकता है (7)। यह काफी हद तक व्यक्ति की दिनचर्या और वो किन चीजों का सेवन कर रहा है, उस पर भी निर्भर करता है। जब शरीर में जमा वसा ऊर्जा में परिवर्तित होने लगती है, तो कीटोन निकलने शुरू हो जाते हैं। इसे ही कीटोसिस चरण कहा जाता है।
मुझे घर में खाना बनाने का वक्त नहीं मिलता है। ऐसे में लो कार्ब डाइट को कैसे फॉलो किया जा सकता है?
आप नीचे बताए गए तरीकों को फॉलो कर सकते हैं (16) (17):
हाई कार्ब फूड्स जैसे कूकीज, केक, पेस्ट्री, पास्ता व ब्रेड से दूर रहें।
डिब्बा बंद व सोडा युक्त पेय पदार्थों का सेवन न करें।
अगर आप कहीं बाहर खाने जा रहे हैं, तो वेटर या शेफ से बात करें और अपने खाने की जरूरतों को समझाएं।
सहकर्मियों या दोस्तों के साथ डिनर या लंच के लिए बाहर जाते समय, कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों जैसे – चिकन, हरी सब्जियां व फलों के रस आदि को ऑर्डर करें।
ज्यादा मसाले वाले आहार से दूर रहें।
अंत में हमारा सुझाव है कि आप हरी सब्जियां, फल खरीदें। हर दिन बाहर या ऑफिस जाने से पहले उन्हें धोएं और काटकर जिपलॉक बैग में रख लें। बाहर के खाने से दूरी बनाएं और भूख लगने पर हरी सब्जियों की सलाद या फलों का सेवन करें। इसके अलावा, आप फ्रीज में भी एक दिन के लिए सब्जियां काटकर रख सकते हैं और जब आप घर आएं, तो उन पर जैतून का तेल और नींबू का रस मिलाकर उनका सेवन कर सकते हैं। आप अंडे उबालकर भी रख सकते हैं। इन चीजों से आप अपना काम आसान कर सकते हैं।
क्या कीटो डाइट प्लान में अच्छी मात्रा में प्रोटीन का सेवन किया जा सकता है?
कीटो डाइट प्लान में सीमित मात्रा में प्रोटीन के सेवन की सलाह दी जाती है (1)। उच्च प्रोटीन वाले आहार से बचें, क्योंकि प्रोटीन का अधिक सेवन शरीर को कीटोसिस स्टेट में जाने से बाधित कर सकता है (18)।
क्या कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस के दौरान बहुत अधिक पेशाब आना सामान्य है?
हां, कीटो डाइट के दौरान यह सामान्य बात है। इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होता है। इस डाइट में पहले हफ्ते में पेशाब बार-बार आता है, जिससे वजन कम हो सकता है (7)। बार-बार पेशाब जाना केटोसिस का संकेत हो सकता है, मतलब कि आपका शरीर केटोसिस स्टेट में प्रवेश कर चुका है। इसलिए, ध्यान रहे कि आप खूब पानी या अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें, ताकि आपके शरीर में पानी की कमी न हो।
कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के दौरान इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई कैसे करें?
कीटो डाइट के दौरान व्यक्ति के शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट निकलते हैं, तो ऐसे में उनकी भरपाई भी जरूरी है। इस स्थिति में व्यक्ति मैग्नीशियम और पोटैशियम की खुराक व मल्टीविटामिन की खुराक ले सकता हैं। रोजाना दो कप सूप पिएं, अपने पीने के पानी या डिटॉक्स ड्रिंक में एक चुटकीभर नमक मिलाएं। ध्यान रहे कि अगर कोई व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी या डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो नमक का उपयोग न करें। इसके अलावा, बाजार में उपलब्ध लो-सोडियम साल्ट जैसे लाइट साल्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कीटो फ्लू क्या है?
कीटो फ्लू शरीर में कीटोसिस का एक विशेष संकेत है। कीटो फ्लू कीटो डाइट प्लान शुरू करने के दो से सात दिन बाद दिखाई दे सकता है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार है (19):
सिरदर्द
नींद न आना
कब्ज
थकान
उल्टी या मतली
चिड़चिड़ापन
ऐसा अचानक डाइट में होने वाले परिवर्तन के कारण हो सकता है।
भोजन में कार्ब्स की गणना कैसे कर सकते हैं?
आप न्यूट्रीशन डेटा वेबसाइट पर ऑनलाइन जांच कर सकते हैं या ऑनलाइन टूल जैसे फिटनेस पाल टू कैलकुलेट दी टोटल कार्ब्स (fitness pal to calculate the total carbs) का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, विकल्प के तौर पर आप कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जानकर अपनी डाइट में कम कार्ब वाली सामग्रियों का चुनाव कर सकते हैं।
कीटो डाइट प्लान के लिए स्वस्थ फैट क्या है?
नीचे हम कुछ स्वस्थ फैट युक्त खाद्य पदार्थों की जानकारी दे रहे हैं, जिनका सेवन आप कर सकते हैं। स्वस्थ फैट में मोनो-अनसैचुरेटेड और पोलीअनसैचुरेटेड फैट मौजूद है। इसका सेवन हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है (20) (21)।
जैतून का तेल
अलसी के बीज
सूरजमुखी के बीज का तेल
सोया
मकई
मछली
एवोकैडो
नट्स
कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के चरण क्या हैं?
अगर बात करें कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के चरण की, तो लोगों के अनुभव के अनुसार आमतौर पर कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के तीन चरण होते हैं। ध्यान रहे कि इनके बारे में कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। इसलिए, हम लोगों के अनुभव के आधार पर इस बारे में बता रहे हैं।
तीन स्टेजेस कुछ इस प्रकार हैं :
रैपिड वेट लॉस स्टेज (Rapid weight loss stage) – इस चरण में व्यक्ति के शरीर से अधिक से अधिक पानी का वजन कम होगा। इसे कीटो डाइट प्लान का पहला चरण कहा जा सकता है।
कीटो अडैप्शन स्टेज (Keto-adaptation stage) – इस चरण में व्यक्ति का वजन घटना स्थिर हो सकता है। हालांकि, इस स्टेज में व्यक्ति का वजन बढ़ भी सकता है। इस स्टेज में शरीर नए ऊर्जा स्रोत और ऊर्जा के रूप में शुगर की कमी का अनुभव कर सकता है। यह लगभग एक सप्ताह तक चल सकता है।
कम्पलीट कीटो अडैप्शन स्टेज (Complete keto-adaptation stage) – इस स्टेज में शरीर मुख्य ऊर्जा स्रोत के रूप में कीटोन्स का उपयोग करना सीख जाता है। इस स्टेज में शरीर ज्यादा फैट बर्न कर सकता है। यह स्टेज तीसरे सप्ताह के मध्य से शुरू हो सकता है और चौथे सप्ताह तक रह सकता है। इस दौरान कुछ लोग वजन बढ़ने का या वजन न घटने का भी अनुभव कर सकते हैं, लेकिन इसमें कोई चिंता की बात नहीं है। यह वजन बढ़ाने या वजन कम न करने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। ध्यान रहे कि आप सही तरीके से डाइट का पालन करें और नियमित रूप से व्यायाम या योग करते रहें, ताकि वजन संतुलित रहे।
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अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी शौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।
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शरीर की विभिन्न समस्याओं के लिए जड़ी-बूटियों को विशेष स्थान दिया गया है। यही वजह से है कि आज पूरा विश्व आयुर्वेदिक इलाज को अपना रहा है।
ब्लूबेरी (नीलबदरी) के 15 फायदे, उपयोग और नुकसान – Blueberry Benefits and Side Effects in Hindi
प्रकृति ने हमें कई प्रकार के फल, सब्जियां और जड़ी-बूटियां दी हैं। इनमें पाए जाने वाले औषधीय गुण हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। कोई फल वजन को बढ़ाने में मदद करता है, तो कोई वजन कम करने में। किसी में एंटीकैंसर गुण होते हैं, तो किसी में शुगर को कंट्रोल करने की क्षमता होती है।
Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-ghatane-ke-liye-keto-diet-in-hindi/
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gyanyognet-blog · 5 years
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बिना डरे घी खाएं
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बिना डरे घी खाएं
♥ हार्ट अटैक के रोगी को बिना घी की रोटी खाने की सलाह दे कर मूर्ख बनाया जाता है, आइये जानें सच्चाई….? सनातन पद्धति में पांच अमृत और पंचगव्य की चर्चा है पंच अमृत:-गाय का दूध, दही, घी, देशी खांड और शहद। पंचगव्य:- गाय का दूध, दही, घी, गोबर और गौमूत्र।
🧠 हर घर से एक आवाज जरुर आती है, मेरे लिए बिना घी की रोटी लाना आपके घर से भी आती होगी, लेकिन घी को मना करना सीधा सेहत को मना करना है। पहले के जमाने में लोग रोजमर्रा के खानों में घी का इस्तेमाल करते थे। घी का मतलब देसी गाय का शुद्ध देशी घी। घी को अच्छा माना जाता था। कोलेस्ट्रोल और हार्ट अटैक जैसी बीमारियाँ कभी सुनने में भी नही आती थी। ♥ राजस्थान में अभी भी कई गावों में बारात का स्वागत घी पिला कर किया जाता है अथवा राजस्थानी डिश (खीच/खिचड़ी) परोस कर देशी घी से मनुहार की जाती है…. घी की गलत पब्लिसिटी कर करके बड़ी बड़ी विदेशी कंपनियों ने डॉक्टरों के साथ मिलकर अपने बेकार और यूजलेस प्रोडक्ट को भारत में सेल करने के लिए लोगों में घी के प्रति नेगेटिव पब्लिसिटी शुरू कर दी। ये कहा जाता रहा कि घी से मोटापा आता है, कोलेस्ट्रोल बढता है, हार्ट अटैक की सम्भावनाएं बढती है , जबकि ये सरासर गलत है। रिफाइंड और दूसरे वनस्पति तेल और अन्य प्रकार के घी इन सब रोगों के कारण है।
🧠 जब लोग बीमार होंगे तो डॉक्टरों का धंधा चलेगा..
इसी सोच के साथ इन विदेशी कंपनियों के साथ डॉक्टर भी मिल गए। इस मार्किट में कुछ स्वदेशी कंपनियां भी आ गई है। धीरे धीरे लोगों के दिमाग में यह बात घर कर गई कि – घी खाना बहुत ही नुकसानदायक है। घी न खाने में प्राउड फील करने लगे कि वो हेल्थ कॉन्शियस हैं क्योंकि जब आप एक ही झूठ को बार बार टीवी पर दिखाओगे तो वो लोगो को सच लगने लगता है।
♥ जबकि घी खाना नुकसानदायक नही बहुत ही फायदेमंद है। घी हजारों गुणों से भरपूर है, खासकर गाय का घी तो खुद में अमृत है। घी हमारे शरीर में कोलेस्ट्रोल को बढाता नही बल्कि कम करता है। घी मोटापे को बढाता नही बल्कि शरीर के बेकार फैट को कम करता है। घी एंटीवायरल है और शरीर में होने वाले किसी भी इन्फेक्शन को आने से रोकता है। घी का नियमित सेवन ब्रेन टोनिक का काम करता है। खासकर बढ़ते बच्चों की फिजिकल और मेंटल ग्रोथ के लिए ये बहुत ही जरुरी है।
ये जो उठते और बैठते शरीर की हड्डियों से चर मर की आवाज आती है इसकी वजह- हड्डियों में लुब्रिकेंट की कमी होने से है अगर घी का नियमित सेवन करते है; तो यह मसल्स और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
🧠 घी हमारे इम्यून सिस्टम को बढाता है। बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। घी हमारे डाइजेस्टीव सिस्टम को भी ठीक रखता है जो आजकल सबसे बड़ी प्रॉब्लम है। आज हर दूसरा व्यक्ति कब्ज का मरीज है। दिन में कई कई बार शौच जाना पड़ता है ।
♥ घी कितना खाएं एक नार्मल इन्सान के लिए 4 चम्मच घी काफी है. घी को पका कर या बिना पकाए दोनों तरीके से खा सकते है। चाहे तो इसमें खाना पका लें या फिर बाद में खाने के ऊपर डालकर खा लें। दोनों ही तरीके से घी बहुत ही फायदेमंद है। सबसे जरुरी बात अगर आप सबसे ग्लोइंग, शाइनिंग और यंग दिखना चाहते हैं तो घी जरुर खाएं क्योंकि घी एंटीओक्सिडेंट है जो कि आपकी स्किन को हमेशा चमकदार और सॉफ्ट रखता है। आपके अपने और आसपास के सभी लोगों की अच्छी सेहत के लिए यह जानकारी उनके साथ अवश्य साँझा करे।
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gethealthy18-blog · 5 years
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गाय के दूध के 12 फायदे और नुकसान – Cow Milk Benefits and Side Effects in Hindi
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गाय के दूध के 12 फायदे और नुकसान – Cow Milk Benefits and Side Effects in Hindi
vinita pangeni Hyderabd040-395603080 September 26, 2019
आप सब अपनी मां और दादी-नानी से गाय के दूध के फायदे सुनकर ही बड़े हुए होंगे। यही वजह है कि भारत के लगभग सभी घरों में सुबह नाश्ते में और रात को सोने से पहले एक गिलास दूध जरूर पिया जाता है। खासकर, बच्चों को गाय का दूध जरूर पिलाया जाता है, क्योंकि यह मस्तिष्क और हड्डी के विकास में अहम भूमिका निभाता है। कुछ ऐसे ही जाने-पहचाने और अनजाने गाय के दूध के फायदे के बारे में हम स्टाइलक्रेज के इस लेख में आपको तथ्यों के साथ जानकारी देंगे। इस लेख के जरिए हम आपको गाय के दूध के फायदे तो बताएंगे ही, साथ ही अगर इसके कुछ नुकसान हैं, तो इस बारे में भी हम आपको प्रमाण सहित बताएंगे।
चलिए, अब सीधे आपको गाय के दूध के फायदे के बारे में बताते हैं।
विषय सूची
गाय के दूध के फायदे – Benefits of Cow Milk in Hindi
1. पाचन
गाय का दूध आपको बदहजमी से बचाने में मदद कर सकता है। दरअसल, गाय के दूध में विटामिन बी-12 पाया जाता है। यह विटामिन पाचन की प्रक्रिया में मदद करता है। दूध के प्रति कप में 1.2mg विटामिन बी-12 होता है। एक दिन में वयस्कों को 2.4mg विटामिन बी-12 की जरूरत है यानी एक कप दूध आपके शरीर में विटामिन बी-12 की आधी जरूरत को पूरा कर देता है (1)। वहीं, गाय के दूध का लगभग 80% प्रोटीन कैसिइन (casein) होता है, जो पूरे शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट को पहुंचाता और पाचन में सहायता करता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि दूध का सेवन करने से खाना अच्छे से हजम हो सकता है।
2. कैंसर
माना जाता है कि कैंसर के इलाज में भी गाय के दूध का सेवन फायदेमंद होता है। दरअसल, गाय के फोर्टिफाइड (अतिरिक्त विटामिन और खनिज डालकर बनाया गया) दूध में विटामिन-डी उच्च मात्रा में पाया जाता है (2), जो कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। इसलिए, कहा जाता है कि गाय का दूध कैंसर की आशंका को पनपने से रोकने में मदद कर सकता है (3)। एक रिसर्च की मानें, तो दूध और डेयरी उत्पाद का सेवन संभवतः कोलोरेक्टल कैंसर, ब्लैडर कैंसर, गैस्ट्रिक कैंसर और स्तन कैंसर से बचाता है। वहीं, डेयरी सेवन प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम माना जाता है (4)। हालांकि, कुछ अध्ययन कहते हैं कि दूध के सेवन और कैंसर के बीच किसी भी तरह के संबंध की कोई स्पष्ट जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है (5)।
3. आंखों के स्वास्थ्य के लिए
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गाय के दूध को आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी सहायक माना जाता है, क्योंकि गाय के दूध में विटामिन-ए होता है। विटामिन-ए आंखों के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से एक है (6)। विटामिन-ए आंखों की रोशनी को सुधारने में मदद करता है (7)। इसके अलावा विटामिन-ए की कमी की से आपको रतौंधी, आंखों के सफेद हिस्से में धब्बे (बिटोट स्पॉट) जैसी कई आंखों से संबंधी समस्याएं हो सकती हैं (8)।
4. हृदय स्वास्थ्य
गाय का दूध पीने से आप हृदय को भी स्वास्थ रख सकते हैं। दूध पीने से इस्केमिक स्ट्रोक (ब्लड क्लोट होने की वजह से आने वाला स्ट्रोक) के जोखिम को कम किया जा सकता है। साथ ही इस्केमिक हृदय रोग को कम करने में भी फायदेमंद माना जाता है (5) (9)। इसमें मौजूद सैचुरेटेड फैटी एसिड के उच्च प्लाज्मा स्तर भी हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं, जो डेयरी उत्पादों में मौजूद रहते हैं (11)।
5. इम्यूनिटी
गाय के कच्चे दूध में प्रोबायोटिक्स यानी जीवित माइक्रोऑर्गेनाइज्म होते हैं, जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि कच्चा दूध पीने से बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और उनका शरीर कई तरह के संक्रमण का सामना करके बच्चों के विकास में मदद करता है। इसके अलावा, दूध उबालकर पीने से भी इम्यून सिस्टम मजबूत होता है (12)। ऐसे में कहा जा सकता है कि दूध आपको बीमारियों से बचाने में भी मदद कर सकता है, क्योंकि जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहेगी, तो आपका शरीर रोगों से लड़कर आपको उनसे बचाता रहेगा।
6. हड्डी स्वास्थ्य
गाय का दूध हड्डी को स्वस्थ रखने में भी काफी सहायक हो सकता है। दरअसल, दूध और डेयरी के अन्य उत्पाद मैग्नीशियम और कैल्शियम के महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं। इसलिए, हड्डियों के विकास के लिए दूध का सेवन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। बच्चों व युवाओं के साथ ही व्यस्कों के हड्डी स्वास्थ्य के लिए भी दूध को अच्छा माना गया है (11)।
7. वजन
दुनियाभर में अधिक वजन और मोटापे की वजह से कई लोग परेशान हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए आप तरह-तरह के जतन भी करते होंगे, लेकिन क्या कभी गाय का दूध पीने के बारे में सोचा है। जी हां, गाय का दूध युवाओं के बढ़ते वजन को रोकने में मदद कर सकता है। एक विश्लेषण के अनुसार, डेयरी सेवन करने वाले 38 प्रतिशत बच्चों का वजन डेयरी का सेवन कम करने वाले बच्चाें के मुकाबले संतुलित था। दरअसल, गाय का दूध और डेयरी उत्पाद प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं और प्रोटीन वजन घटाने या फिर उसे नियंत्रित रखने में मदद करता है। यह भोजन के बाद बार-बार उठने वाली खाने की इच्छा को कम करता है, जो एनर्जी की अधिक खपत को रोकता है, जिससे शरीर की वसा कम होती है (11)।
8. मस्तिष्क विकास
दूध मस्तिष्क विकास के लिए भी अहम माना जाता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड मनुष्यों के मस्तिष्क से संबंधित प्रक्रियाओं में मदद करता है। हमारे दिमाग को बेहतर तरीके से कार्य करने में ओमेगा -3 फैटी एसिड सहायक माना गया है। ओमेगा-3 फैटी एसिड लेने वाले बच्चे में दिमाग विकास संबंधी विकार (जैसे – पढ़ने, वर्तनी में अंतर करने और व्यवहार) को कम करने में फायदेमंद माना गया है (1) (13)। शायद यही वजह है कि बच्चों को गाय का दूध पीने की सलाह दी जाती है।
9. मेंटल डिसऑर्डर
जैसा कि हम आपको ऊपर बता ही चुके हैं कि गाय का दूध आपके मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने में काफी मददगार साबित हो सकता है। ऐसे में माना जाता है कि इसे पीने से मानसिक विकार को भी दूर किया जा सकता है। दरअसल, दूध में ओमेगा-फैटी एसिड पाया जाता है। अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए, तो दिमागी विकार जैसे डिस्लेक्सिया (पढ़ने में दिक्कत), एकाग्रता की कमी, अवसाद, बाइपोलर डिसऑर्डर (मूड स्विंग), याददाश्त में कमी और सिजोफ्रेनिया (सोचने और समझने की क्षमता को प्रभावित करने वाला विकार) का जोखिम बढ़ जाता है (1) (13)।
10. एलोपेसिया (Alopecia)
एलोपेसिया बालों के झड़ने की समस्या है। इस दौरान बाल पैच में झड़ने लगते हैं। एक सेमी से 4 सेमी तक के हिस्से से बाल झड़कर खत्म हो जाते हैं और वो हिस्सा खाली और चिकना हो जाता है। वैसे तो एलोपेसिया ओटोइम्यून की वजह से होता है। कुछ पोषक तत्वों जैसे – विटामिन-डी और जिंक के सेवन से यह समस्या कम हो सकती है (14)। ये दोनों ही पोषक तत्व दूध में पाए जाते हैं (1) (15)। ऐसे में माना जाता है कि एलोपेसिया की समस्या से गुजर रहे लोगों को गाय दूध का सेवन करना चाहिए।
11. दमकती त्वचा और एंटी एजिंग
माना जाता है कि कच्चे दूध को चेहरे पर लगाने से काफी निखार आता है। दरअसल, प्राचीन काल से लोग दूध का इस्तेमाल नहाने व चेहरा धोने के लिए करते रहे हैं। ऐसे में आप भी गाय के कच्चे दूध में रूई डूबोकर अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक ऐसा करने से चेहरे में चमक आती है। शायद यही वजह है चेहरे को साफ करने और फेस पैक बनाने के लिए गाय के कच्चे दूध का इस्तेमाल किया जाता है (16)। वैसे दूध में रेटिनॉल (Retinol) पाया जाता है (17), जिसे चेहरे के लिए वरदान माना जाता है। रेटिनॉल विटामिन-ए होता है, जो बढ़ती उम्र के सभी लक्षणों को दूर कर आपको दमकता चेहरा देता है (18) (19)। विटामिन-ए की कमी से त्वचा रूखी होने लगती है (20)। ऐसे में आप गाय के दूध का उपयोग करके त्वचा की नमी को बरकरार रख सकते हैं।
12. त्वचा स्वास्थ्य
गाय के दूध में मौजूद विटामिन-ए और प्रोटीन हमारे चेहरे के लिए वरदान से कम नहीं है। गाय के दूध में पाए जाने वाले ये दोनों पोषक तत्व त्वचा के स्वास्थ्य और सुंदरता को बढ़ाएं रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, गाय के दूध में विटामिन-डी भी होता है, जो त्वचा की बढ़ती उम्र को रोकने में मदद कर सकता है (18) (21)। आप अपनी खूबसूरती को बढ़ाने के लिए रोजाना गाय के दूध का सेवन कर सकते हैं। साथ ही इसे किसी फैस पैक में मिलाकर भी चेहरे पर लगा सकते हैं।
नोट: दूध में पाए जाने वाले विटामिन और खनिजों की मात्रा भिन्न-भिन्न हो सकती है। दरअसल, गाय के दूध में मौजूद पोषक तत्व इस बात पर निर्भर करते हैं कि उसे आहार में क्या दिया जा रहा है (1)।
गाय के दूध के फायदे जानने के बाद अब इससे मिलने वाले पोषक तत्वों पर भी एक नजर डाल देते हैं।
गाय के दूध के पौष्टिक तत्व – Cow Milk Nutritional Value in Hindi
गाय के दूध के फायदे जानने के साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्वों को जान लेना भी जरूरी है। नीचे दिए गए टेबल में हम आपको बताएंगे प्रति 100 ग्राम गाय के दूध में कितनी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं (18)।
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम ऊर्जा 62kcal प्रोटीन 3.33g कुल फैट 3.33g कार्बोहाइड्रेट 5.42g शुगर 5.00g मिनरल्स कैल्शियम 125mg सोडियम 52mg विटामिन विटामिन सी 0.5mg विटामिन ए 125IU विटामिन डी 42IU लिपिड्स फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 2.080g कोलेस्ट्रोल 15mg
गाय के दूध में मौजूद पोषक तत्वों के बाद गाय के दूध का उपयोग जान लेते हैं। इसके बाद लेख में आगे आपको गाय के दूध के नुकसान के बारे में भी बताएंगे।
गाय के दूध का उपयोग – How to Use Cow Milk in Hindi
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गाय के दूध के फायदे तो आप जान ही चुके हैं, अब गाय के दूध का उपयोग किस-किस तरीके से किया जा सकता है, यह आपको बता देते हैं।
दूध आप सीधे उबालकर पी सकते हैं।
दूध का इस्तेमाल आप खीर बनाने के लिए भी कर सकते हैं।
दूध से आप मिठाइयां बनाकर खा सकते हैं।
दूध का प्रयोग आप दही जमाने के लिए भी कर सकते हैं।
कच्चे दूध को आप चेहरे पर लगा सकते हैं।
आप गाय के दूध से स्मूदी भी बना सकते हैं।
नोट: कुछ लोग दूध को कच्चा पीने की सलाह देते हैं, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि दूध को उबालने से उसके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। हम आपको बता दें कि ऐसा कुछ भी नहीं है। कच्चे दूध में पाये जाने वाले सभी पोषक तत्व लगभग उतनी ही मात्रा में दूध उबालने के बाद भी मौजूद रहते हैं (1)। इसलिए, आप दूध को उबालकर ही इस्तेमाल में लाएं, क्योंकि कच्चे दूध को पीने के कई नुकसान भी हो सकते हैं, जिनके बारे में हम आपको लेख के अंत में बताएंगे।
कितना पीना चाहिए:
गाय के दूध का उपयोग के साथ ही इसकी मात्रा कितनी लेनी चाहिए यह भी जानना जरूरी। चलिए, अब जान लेते हैं कि बच्चों में और अन्य लोगों को गाय के दूध का सेवन कितना करना चाहिए।
बच्चे के लिए गाय के दूध की मात्रा : जब शिशु 1 साल का हो जाए, तभी उसे गाय का दूध पिलाना चाहिए। बाल रोग विशेषज्ञ कैल्शियम की जरूरतों को पूरा करने के लिए दिन में 16 से 24 औंस यानी 2 से 3 कप गाय का दूध पीने की सलाह देते हैं (22)।
वयस्कों के लिए गाय के दूध की मात्रा : वयस्कों को गाय का दूध 200 ml यानी एक गिलास पीने की सलाह दी जाती है (23)
चलिए, अब बात करते हैं गाय के दूध के नुकसान के बारे में।
गाय के दूध के नुकसान – Side Effects of Cow Milk in Hindi
गाय के दूध के फायदे और उपयोग तो आप जान ही चुके हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि इसे पीने से नुकसान भी हो सकता है। नीचे हम आपको गाय के दूध के नुकसान के बारे में बताएंगे (24) (25) (4)।
1 वर्ष से ��म उम्र के शिशुओं को गाय का दूध पिलाने से एनीमिया होने का खतरा हो सकता है।
गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन में टाइप 1 मधुमेह के जोखिम पाए जाते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर का जोखिम हो सकता है।
कुछ ऐस��� लोग भी होते हैं, जिन्हें दूध से एलर्जी होती है, ऐसे लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर आपको गाय के दूध से एलर्जी है, तो इसे पीने के बाद नीचे दिए गए लक्षण नजर आ सकते हैं (26) (27) (28)।
त्वचा पर लाल चकत्ते
उल्टी
मल में रक्त
गैस
डायरिया
पेट दर्द
जी मिचलाना
पेट फूलना
नोट: गाय के दूध के फायदे और नुकसान दोनों ही हैं। इसलिए, आपको गाय का दूध पीने के बाद इसके नुकसान से जुड़ा कोई भी लक्षण शरीर में देखने को मिलता है, तो सीधे डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको गाय के दूध से एलर्जी नहीं है, तो आप इसका सेवन बेहिचक कर सकते हैं। बस ध्यान रहें कि आप इसकी संतुलित मात्रा का ही सेवन करें।
गाय का दूध आपके शरीर में औषधि की तरह भी काम कर सकता है। बस जरूरी है इस बारे में सही जानकारी होने की। हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस लेख के माध्यम से गाय के दूध से संबंधित हर जानकारी मिल गई होगी। इस लेख में बताए गए गाय के दूध के लाभ को आप अपने तक ही सीमित न रखें, बल्कि अपने दोस्तों व परिचितों के साथ भी साझा करें। साथ ही अगर आपके मन में गाय के दूध से संबंधित कोई जानकारी या कोई सवाल हैं, तो उसे आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं। हम आपके सवालों के जवाब तथ्य सहित देने का प्रयास करेंगे।
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vinita pangeni
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/gaay-ke-doodh-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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