14 दिन के भीतर लग सकता है लॉकडाउन? दो हफ्ते बाद भारत में चरम पर होगा कोरोना, सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को
14 दिन के भीतर लग सकता है लॉकडाउन? नई दिल्ली: Lockdown may Be Imposed in 14 days? कोरोना संक्रमण का दौर एक बार फिर भारत में लौट रहा है। देश के अलग-अलग राज्यों से रोजाना हजारों नए मरीजों की पुष्टि हो रही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा खस्ता हालत दिल्ली और महाराष्ट्र की है, जहां रोजाना नए संक्रमितों के आंकड़ों का नया रिकॉर्ड बन रहा है। इस बीच लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक…
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कोरोनावायरस लाइव: भारत रिकॉर्ड 5,383 नए COVID-19 मामले, 24 घंटे में 20 मौतें
कोरोनावायरस लाइव: भारत रिकॉर्ड 5,383 नए COVID-19 मामले, 24 घंटे में 20 मौतें
COVID-19 LIVE: पिछले 24 घंटों में भारत में कम से कम 20 कोविड से संबंधित मौतें हुई हैं।
नई दिल्ली:
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को 5,383 नए कोरोनोवायरस संक्रमणों के साथ, भारत में सीओवीआईडी -19 मामलों की कुल संख्या बढ़कर 4,45,58,425 हो गई, जबकि सक्रिय मामले घटकर 45,281 हो गए।
मृत्यु की संख्या 20 मृत्यु के साथ 5,28,449 हो गई, जिसमें केरल द्वारा सुलह की गई आठ मौतें…
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दिल्ली में कोरोना संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बढ़ी, हर रोज हो रहीं 8 से 10 मौतें
दिल्ली में कोरोना संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बढ़ी, हर रोज हो रहीं 8 से 10 मौतें
Corona Case Increase in Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. इस दौरान देखा जा रहा है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है. इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने ट्वीट कर लोगों को चेताया है.
उन्होंने कहा, ”हम संक्रमण के मामलों, संक्रमण दर और पुन:…
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दिल्ली में कोरोना के एक्टिव केस हुए 350 कम, आज 29 नए मरीज मिले, दोगुने लोग हुए ठीक
दिल्ली में कोरोना के एक्टिव केस हुए 350 कम, आज 29 नए मरीज मिले, दोगुने लोग हुए ठीक
दिल्ली में कोरोना के नए मामलों में कमी लगातार जारी है। पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 29 नए मामले सामने आए और 58 लोग रिकवर हुए हैं। राजधानी में आज संक्रमण दर 0.05 प्रतिशत रही। हालांकि, आज एक…
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Post Office ने निकाली बंफर भर्ती, ऐसे करे अप्लाई
Post Office ने निकाली बंफर भर्ती, ऐसे करे अप्लाई
नई दिल्ली: कोरोना काल के चलते कई लोगो की नोकरी चली गई है। कई लोगो को अभी नौकरी की सख्त जरूरत है।आज के समय में अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने व जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजगार बहुत जरूरी है। कोरोना काल से रोजगार की समस्या ज्यादा गंभीर बनी हुई है। अगर आप भी अपने लिए नौकरी की तलाश कर रहे है तो यह खबर आपके लिए खुशी की खबर है।
UPSC Success Story: 30 बार फेल होने के बावजूद बने IPS , जानिए सफलता के…
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केजरीवाल सरकार द्वारा बनाए गए महोल्ला क्लीनिको में नहीं हो रहा मरीजों का इलाज
लेकिन अलीपुर में बने महोल्ला क्लिनिक की बात की जाय तो. यहाँ की स्तिथि बेहद ख़राब है, क्योंकि ना तो यहाँ डॉक्टरों का पता होता है और ना ही दवाइयों का अब ऐसे में केजरीवाल सरकार पर सवालिया निशान खड़े हो रहें हैं, की आखिर महोल्ला क्लिनिक गरीबों और आर्थिक स्तिथि से जूझ रहे लोगो का मुफ्त में इलाज करने के लिए खोले थे लेकिन वो अब बंद क्यों पड़े हैं।
दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं की खुल रही है पोल क्योंकि मोहल्ला क्लीनिक में बीमारियों का इलाज नहीं हो रहा, ऐसे में आर्थिक स्तिथि से जूझ रहे लोग मोहल्ला क्लीनिक तक अपना इलाज कराने के लिए जाते तो हैं लेकिन केजरीवाल सरकार द्वारा बनायीं गई मोहल्ला क्लीनिक बंद देखकर लोग निराशा के साथ घर की तरफ रुख करना पड़ता है,
ऐसे में दिल्ली की सरकार चल रहें कोविड-19 के नए वेरिएंट को लेकर चिंतित है और सभी स्वास्थ्य एजेंसियां अलर्ट पर भी है लेकिन वहीं दूसरी तरफ देखा जाये तो दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं ठप होती भी दिख रही हैं।
दिल्ली में दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर बहतरीन और मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा देने का दावा करती है कि दिल्ली के हर हॉस्पिटल और मोहल्ला क्लीनिकों में लोगो का डॉक्टर्स द्वारा मुफ्तमें इलाज किया जाता हैं और साथ ही तकरीबन 12 सौ से अधिक मुफ्त टेस्ट भी किये जाते हैं, लेकिन दिल्ली के लोगो के लिए महोल्ला क्लीनिकों का बंद होना दिल्ली सरकार पर कई बड़े सवाल खड़े करता है। ऐसे में लोगो ने Read more….
लेटेस्ट न्यूज़ इन हिंदी
दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, कोरोना के खतरे को लेकर, सरकारी स्कूल के शिक्षकों की एयरपोर��ट पर लगाई ड्यूटी
नए साल की शुरूआत से पहले ही दिल्ली-NCR में बढ़ाए दूध के दाम, आम जनता को लगा महंगाई का झटका
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तम्बाकू खाने से गला, मुँह्, श्वासनली व फेफड़ों का कैंसर होता है। तम्बाकू मे अन्य बहुत से कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व पाये जाते है - प्रो० (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद
नशे से सिर्फ एक व्यक्ति ही नहीं उसके साथ रहने वाले परिवार तथा आसपास के लोग भी बहुत अधिक प्रभावित होते है - डॉ रूपल अग्रवाल
“जन-जन का यही संदेश, नशा मुक्त हो अपना देश” l
लखनऊ 31 मई, 2022 | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान "तम्बाकू सेवन को ना कहकर हम स्वस्थ भारत की नीव रख सकते हैं” से प्रेरित होकर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने “विश्व तम्बाकू निषेध दिवस-2022” के अवसर पर ट्रस्ट के सेक्टर-25, इंदिरा नगर, कार्यालय के राम दरबार में ऑनलाइन विचारगोष्ठी, विषय: “तम्बाकू हमें और हमारे घर, परिवार, समाज को मार रहा है” का आयोजन किया l
“ऑनलाइन विचारगोष्ठी” में प्रमुख वक्तागणों के रूप में प्रो० (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद, वरिष्ठ पल्मोनरी चिकित्सक, श्री महेन्द्र भीष्म, साहित्यकार, श्रीमती वंदना सिंह, शिक्षाशास्त्री ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये I विचारगोष्ठी का सीधा प्रसारण फेसबुक लिंक https://www.facebook.com/HelpUEducationalAndCharitableTrust पर किया गया I जिसमें लोगों ने तम्बाकू से स्वस्थ्य व पर्यावरण पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों को जाना I
प्रो० (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद, जो वर्तमान में विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी विभाग, एरा मेडिकल कालेज हैं तथा पूर्व में निर्देशक, वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, दिल्ली, और विभागाध्यक्ष, पल्मोनरी विभाग, KGMU रहे हैं I (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद ने तम्बाकू से स्वास्थ्य पर होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में बताते हुए कहा कि, “प्रति वर्ष 31 मई को धूम्रपान से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता फैलाने हेतु "विश्व तम्बाकू निषेध दिवस" मनाया जाता है। तम्बाकू से प्रति वर्ष 8 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो जाती है। इनमें से 7 लाख से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु तम्बाकू का सेवन करने व तकरीबन 1.2 लाख लोग तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों के सम्पर्क में आकर मौत का शिकार हो जाते हैं। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (GATS 2) के अनुसार औसतन 42.4% पुरुष व 14.2% महिलायें तम्बाकू का उपयोग करते हैं एवं करीब 38.7% वयस्क घर में ही परोक्ष धूम्रपान (Second hand smoke) के शिकार हो जाते हैं। तम्बाकू के सेवन से न सिर्फ श्वसन संबंधी रोग जैसे फेफड़ों का कैंसर, COPD, श्वसन नली में इन्फेक्शन होते हैं बल्कि हृदय सम्बन्धी रोग, मुख कैंसर, अन्नप्रणाली कैंसर व मोतियाबिंद जैसी बीमारियों भी हो जाती हैं। डा० प्रसाद ने आगे कहा कि धूम्रपान में, भारत में सबसे अधिक बीड़ी का उपयोग किया जाता है, जो कि सिगरेट स्मोकिंग से भी ज्यादा हानिकारक है। इस वर्ष विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की थीम है:- Protect the environment अर्थात हमें अपने आस-पास के वातावरण को तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभावों से बचाना है क्योंकि तम्बाकू न सिर्फ हमारी पृथ्वी को दूषित करता है अपितु मानव जाति के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहा है। फेंके हुऐ सिगरेट के टुकड़ों से प्लास्टिक प्रदूषण फैलता है। तम्बाकू की खेती करने में बहुत सारे रसायनों का प्रयोग किया जाता है जो पर्यावरण के लिये अत्यन्त हानिकारक है। तम्बाकू को उगाने के लिये अत्यधिक मात्रा में पानी का इस्तेमाल होता है, जिससे वातावरण में पानी की कमी हो जाती है। जंगलों के कटने से ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ जाता है जोकि मानव जाति के लिये घातक है। संक्षेप में तम्बाकू हर तरीके से हमारे शरीर व पर्यावरण को हानि पहुंचा रहा है I Covid-19 महामारी के दौरान जब लोगों को यह बात पता चली कि धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों पर कोविड़ -19 के दुष्प्रभाव अधिक होते हैं तो लोगों में धूम्रपान न करने की ललक दिखी परन्तु धूम्रपान एक ऐसी आदत है जो एक बार लग जाये तो उसे छुटाना बहुत मुश्किल होता है। अध्ययनों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि धूम्रपान करने वालों पर कोरोना का अधिक प्रभाव दिखाई दिया है।
अतः मनुष्य जाति और अपनी पृथ्वी को बचाने हेतु तम्बाकू को "न" कहें और तम्बाकू के उत्पाद और उपयोग पर रोक लगाये । विश्व तम्बाकू निषेध दिवस- 2022 को हम सब यह संकल्प लें कि अपनी धरती को धूम्रपान और उससे होने वाले दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाएंगे।
श्री महेन्द्र भीष्म ने अपने अभिभाषण कहा कि, “आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस है विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा अप्रैल 1987 को यह तय किया गया था कि प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन तंबाकू से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जाता है। विश्व में प्रत्येक वर्ष लगभग 67 लाख व्यक्ति तंबाकू से मृत्यु को प्राप्त होते हैं। घर परिवार और समाज के लिए तंबाकू का प्रयोग किसी भी रूप में क्यों न किया जाता हो वह न केवल मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है, बल्कि इससे सामाजिक रिश्ते भी खराब होते हैं। श्री महेन्द्र भीष्म ने अपनी एक कहानी जो 'स्टोरी' शीर्षक से है, प्रस्तुत की । इस कहानी में तंबाकू से होने वाले दुष्परिणाम का चित्रण तो है ही साथ ही किस तरह से यह दिवस एक खानापूर्ति बनकर रह गया है इस पर करारा व्यंग्य किया गया है।
श्रीमती वंदना सिंह ने विद्यार्थियों के जीवन में तम्बाकू के कारण हो रहे दुष्प्रभावों को बताते हुए कहा कि, सभी जानते हैं कि गुटका और सिगरेट स्वास्थ्य के लिए कितने नुकसानदेह है जो उसकी पैकेजिंग पर भी पिक्चर बना कर चेतावनी दी जाती है। लेकिन ये कोई कम्पनी नहीं बताती किं ये सिर्फ हमारा नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए, जलवायु के लिए कितना खतरनाक है। इसका कूड़ा जो गैर-अपघटनीय प्लास्टिक से बनता है 2.4 मिलियन है जो की फ़ूड के पैकेजिंग कूड़े से भी कहीं ज्यादा हैं जो कि 1.7 मिलियन है। तम्बाकू को इस्तेमाल करने के बाद का कूड़ा हमारे ग्रह को कई तरीके से संकट में डालता है।
कार्यक्रम की संयोजिका व हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, ने सभी वक्तागणों का स्वागत किया व कहा कि, “विश्व भर में हर वर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है l इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को तम्बाकू या नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहने के लिए जागरूक करना है l WHO के अनुसार तम्बाकू के सेवन से हर वर्ष दुनिया भर में 80 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं l तम्बाकू निषेध के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु सिनेमा घरों में किसी भी फिल्म के शुरू होने से पहले भी यही सन्देश दिखाया जाता है कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है l पोस्टर, बैनर और दृश्य-श्रव्य माध्यमों के जरिये अक्सर तम्बाकू निषेध के सन्देश दिखाई देते हैं फिर भी लोग जानबूझकर अपना और अपने परिवार का जीवन खतरे में डालते हैं” l
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने (डॉ०) राजेन्द्र प्रसाद की प्रेरणा से अनेकों चिकित्सकीय तथा टीबी जागरूकता शिविरों का आयोजन किया है, इसी क्रम में तम्बाकू निषेध के लिए जागरूकता फ़ैलाने हेतु हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा इस ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया है l
#NoTobaccoDay #NoTobacco #NoSmokingChallenge #NoSmokingDay #quitsmoking #smokefree #stopsmoking #health #smokingkills #nosmoke #notobacco #nosmokingday
#HelpUTrust #HelpUEducationalandCharitableTrust
www.helputrust.org
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राजवर्धन आज़ाद की नई किताब : “नीम का शहद” आद्योपांत पढ़ा।बारंबार पढ़ने का मन हुआ,इसलिए कई बार पढ़ा ।
इस किताब के बारे में कुछ कहने से पहले, एक वाक़या शेयर करना चाहूँगा । सुप्रसिद्ध हार्ट सर्जन डॉ पी. वेणु गोपाल से एम्स,दिल्ली में भेँट हुई ।उन्होंने मेरे बड़े भाई की ओपेन हार्ट सर्जरी की थी- जहां तक मुझे याद है,वह तारीख़ थी 12 जनवरी 1992 ! मैंने उनके प्रति कृतज्ञता प्रगट की और उन्होंने आत्मीय भाव से मेरी ओर देखा । मैं उनका फ़ैन हो गया ।बाद के बर्षों में जब उन्होंने सफलतापूर्वक पहला हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी किया और एक के बाद एक नयी ऊँचाइयों को छूने लगे- तभी किसी इंटरव्यू में उनसे किसी ने सवाल किया, “डॉक्टर साहब,आप शत प्रतिशत सफलता के साथ इतने सारे कठिन सर्जरी कैसे कर लेते हैं ?”
डॉक्टर वेणु गोपाल ने बड़ी सादगी से ऊपर ईश्वर की ओर देखने की मुद्रा में जवाब दिया, “आइ सिम्पली मूव माइ हैंड्स, रेस्ट एवरीथिंग इज डन बाइ द ऑलमाइटी हिमसेल्फ” !
डॉ. पी. वेणु गोपाल जैसे सुविख्यात हार्ट सर्जन और डॉ. राजबर्धन आज़ाद जैसे सुविख्यात रेटिनल सर्जन की सृजन शक्तियों में यह ‘कॉमन थ्रेड’ नजर आया - इसलिए मैंने उस वाक़ये की चर्चा की । कोई ज़रूरी नहीं है कि उनके अन्य विचार भी एक-दूसरे से मिलते ही हों । मुझे लगता है कि किसी भी सफल और ईमानदार प्रोफेशनल के लिए- चाहे साइंटिस्ट,डॉक्टर , इंजीनियर हो , लेखक या किसी अन्य विधा में पारंगत व्यक्ति - “ग्रैटिच्युड” प्राईम मूवर है - “Finding smoother pebbles on the sea shore” (न्यूटन)
“नीम का शहद” के सभी 240 कविताओं को पढ़कर,रचनाकार में वही भाव दिखे जिसमें कहीं कर्ता होने का लेश मात्र कोई दंभ नहीं है।
किसी रचनाकार की कृतियों को पढ़ने से पहले, मेरा सहज स्वभाव है कि यह जानूँ कि उसने अपनी कृति किन्हें समर्पित किया है और खुद अपनी बात में, उनका क्या कहना है ?
इन्होंने “जिन लक्ष्मी दुर्गा सरस्वती” को अपनी यह पहली कृति समर्पित किया है,उन्हें उसी श्रद्धा के साथ प्रणाम करता हूँ जिन्हें महर्षि अरविन्द ‘प्लेन्स ऑफ कॉन्शसनेस’ सत्-चित्-आनन्द ( Existence-Consciousness-Bliss ) कहते हैं - ये ही मोटिवेशन की अक्षय ऊर्जा के स्रोत हैं।
“अपनी बात” में रचनाकार ने प्रयोगवादी नई कविता का ज़िक्र करते समय अज्ञेय द्वारा सम्पादित ‘दूसरा सप्तक’ की चर्चा की है- अपने स्कूली जीवन के दौरान अज्ञेय कृत गद्य रचनाएँ यथा: “नदी के द्वीप”; “शेखर : एक जीवनी” पढ़ पाया,पर ‘दूसरा सप्तक’ मैंने अभी तक नहीं पढ़ा था । राज वर्धन जी की प्रेरणा से,
अज्ञेय सम्पादित “तार सप्तक”, “दूसरा सप्तक” , “तीसरा सप्तक” और “चौथा सप्तक” के दरवाज़ों पर सिर्फ़ दस्तक देकर ताका-झांका- इसी क्रम में, अज्ञेय की प्रिय कविता, “दु:ख सबको माँजता है” की यादें ताज़ा हो गईं ।
”नदी के द्वीप” उपन्यास के शुरुआती पन्ने पर ‘अज्ञेय’ ने पी.बी. शेली की कविता उद्धरित कर इसका अनुवाद इस तरह से किया है:
दु:ख सबको मांजता है
व्यथा के गहरे और फैले सागर में
कई हरे - भरे द्वीप भी अवश्य होंगे
नहीं तो थका-हारा सागरिक
कभी ऐसे यात्रा करता न रह सकता!”
-अज्ञेय
Many a green isle needs must be
In the deep wide sea of Misery,
Or the mariner, worn and wan,
Never thus could voyage on
- P.B. Shelley
“नीम का शहद” काव्य संग्रह में रचनाकार ने अपनी अकुलाहट,छटपटाहट,मानवीय संवेदनाओं को कम-से-कम शब्दों में कहने का प्रयास किया है ।किसी एक कविता में औसतन 50 शब्द ही पूरे पेज पर दिखेंगे (हो सकता है,कुछ कविताओं में अधिकतम 100 शब्द भी मिल जायें ) पर वे आपको ‘गागर में सागर’ की तरह महसूस होंगे । सभी कविताएँ स्वत:स्फूर्त हैं ।ये सब ’देखन में छोटन’ भले लगते हों,पर ‘गंभीर घाव’ नहीं करते बल्कि अंधेरे से वास्तविकता की ओर ले जाते हैं मानो ज्योति के लिए तरस रहे किसी मरीज़ के आँख की पट्टी खुलते ही अचानक रोशनी दिख जाने पर उसके चेहरे पर उल्लास की ख़ुशी दमक उठे ! रचना काल 2021 - 22 है जो कोरोना-काल की यादें लेकर दर्द का एहसास भी ताज़ा कराता है ।
अपने रोज़मर्रा ज़िंदगी के ऐसे ‘डिफाइनिंग मोमेंट्स’ को बिना किसी आयास के कम से कम शब्दों में गढ़ने की अद्भुत क्षमता है रचनाकार में - उनमें यह नैसर्गिक गुण ईश्वर प्रदत्त है। वे ‘ओम्’ की असीम शक्ति कम से कम शब्दों में पिरोना चाहते हैं जिसे वे ‘मौन की अभिव्यक्ति’ के रूप में देखते हैं - यही तो असली साधना और इबादत है ।
‘कर्टेन रेजर’ के बतौर “नीम का शहद” काव्य संग्रह से , मात्र सात कविताएँ शेयर कर रहा हूँ जिन्हें ‘सप्तक’ की तरह पढ़कर शेष दो सौ तैंतीस ( 233 ) कविताओं का रसास्वादन करने की उत्कंठा आपमें बनी रहे और राजकमल प्रकाशन का यह अनूठा काव्य संग्रह , मूल्य 895 रू. ( आमेजन पर उपलब्ध हार्ड कवर 605/- रूपये में ) आप मंगा कर पढ़ सकें ।
1) धृतराष्ट्र आज भी ज़िन्दा है:
धृतराष्ट्र आज भी
ज़��न्दा है
फ़र्क़ इतना है कि
ऑंख होते हुए भी
अंधा है
2) ज़िन्दगी :
ज़िन्दगी है उल्फ़त
ज़िन्दगी है क़िस्मत
जिनके हैं ख़ादिम
उनकी है जन्नत
ज़िन्दगी है दीवानी
करती है मनमानी
चाहत की आड़ में
लिख रही कहानी
ज़िन्दगी ज़माना है
आना और जाना है
चलती किसी की नहीं
लिक्खा ठिकाना है
3) बीमार है मुल्क :
हवा लिये कन्धे पर
हवा को ढूँढ़ रहे हैं
बिस्तर लिये सर पर
घर को ढूँढ़ रहे हैं
बीमार है मुल्क
बीमार हैं कुर्सियाँ
बीमार हकीम से
हम दवा पूछ रहे हैं
श्मशान में है भीड़
हम घाट ढूँढ़ रहे हैं
बचे हैं जो लोग
चालीसा पढ़ रहे हैं
कुदरत का है क़हर
परवरदिगार बेख़बर
हर गाँव हर शहर
हम रहमत ढूँढ़ रहे हैं
4) कब तक साथ चलोगी मॉं तुम
कब तक साथ चलोगी मॉं तुम
कब तक साथ चलोगे पापा
कष्ट सहकर दिया जन्म
पढ़ा- लिखाकर बड़ा किया
खड़ा पॉंव पर कर मॉं तुमने
ब्याह रचाकर घर दिया
पग-पग पर पापा तुमने
मुश्किल से आगाह किया
जीने का मूल मंत्र देकर
बढ़ने की राह प्रशस्त किया
माँ तुमने घर और बाहर
हम सबको सँभाल दिया
पापा तुमने साहस देकर
कवच में हमको ढ़ाल दिया
हम तो चाहते हैं तुम दोनों
अनन्त काल तक संग रहो
ईश्वर की भी है इच्छा
समस्त परिवार के अंग रहो
पर जीवन तो क्षणभंगुर है
यही तो है इसका स्यापा
कब तक साथ चलोगी मॉं तुम
कब तक साथ चलोगे पापा
5) नीतीश कुमार:
ऑंखें तेज़
आवाज़ बुलन्द
चाल सहज
भाषा स्वच्छन्द
अपार शक्ति
अपरिमित क्षमता
इच्छा सेवा
विश्वास समता
देश- सेवा
करने तैयार
चित्त उदार
नीतीश कुमार
6) नीम का शहद
कुर्सी बनी जागीर
खोखले बने अमीर
नकार का ताज
लिये स्वयं आज
लिख रहे रोज़ लेख
अनभिज्ञता का आलेख
प्रतिरूप अवरोध का
बन रहे हैं प्रत्येक
गा रहे जो संगीत
द्रव्य का हर तरफ़
पिला रहे सदियों से
वो नीम का शहद
7) सात दशक :
सात दशक
पहचानी महक
हर रोज़
दे रही दस्तक
एक फूल
मेरा रसूल
कभी प्रतिकूल
कभी अनुकूल
एक चिन्तन की
अनोखी पाठशाला
वो चमका
जिसने पढ़ डाला
एक लौ जिसने
किया उजाला
एक शक्ति पुंज
अनन्त वाला
हर दशक की
अपनी झलक
थोड़ी ललक
थोड़ी कसक
मेरे संग थे
मेरे उसूल
घर बना
हमारा गुरूकुल
अंत में, मेरे मन में यह जिज्ञासा उठी कि डॉ. राजवर्धन आज़ाद ने अपने इस खूबसूरत काव्य संग्रह के शीर्षक का नाम “नीम का शहद” ही क्यों चुना ?
क्या इसलिए कि विश्व रूप दर्शन कराने के लिए श्रीमद्भागवत गीता के ग्यारहवें अध्याय में वर्णित, “पश्य मे पार्थ रूपाणि” की दिव्य दृष्टि चाहिए जो भगवत्कृपा के बिना संभव नहीं है, अत: साधारण ऑंखों से, उन चकाचौंध तेज शक्ति-पुंज के सौम्य दर्शन हेतु, कोरेंटाइन औषधीय गुणों से परिपूर्ण “नीम का शहद” एक प्रयोगात्मक प्रतीक ( Allegorical Significance ) के रूप में सहजता प्रदान कर सके ?
मेरा यह पूर्ण विश्वास है कि “नीम का शहद” कृति को अप्रत्याशित सफलता मिलेगी । डॉक्टर राजवर्धन आज़ाद को दिल की गहराइयों से बहुत बहुत बधाई , हार्दिक शुभकामनाएँ एवं अनेकों धन्यवाद - भगवान श्री राम एवं माता जानकी की कृपा उनके समस्त परिवार पर सदैव बनी रहे !
मेरी ओर से इस खूबसूरत काव्य संग्रह को फ़ाइव स्टार 🌟 🌟 🌟 🌟 🌟 !
शुभाकांक्षी : नागेश चन्द्र मिश्र
पटना, 9 अप्रैल 2024 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
चैती नवरात्र का पहला दिन: नव वर्ष का आरंभ
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पूरी दुनिया में एक बार फिर किसी भी समय महामारी फैल सकती है. डब्ल्यूएचओ ने अलर्ट जारी किया. An epidemic can spread across the world at any time once again. WHO has issued an alert.
नई दिल्ली। दुनिया में एक और महामारी का खतरा मंडरा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने अलर्ट जारी कर कहा कि दुनिया में कोरोना महामारी के चार साल बाद एक बार फिर खतरे का संकेत है। पूरी दुनिया में एक बार फिर किसी भी समय महामारी फैल सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की यह चेतावनी करीब चार साल बाद फिर आई है। कोरोना महामारी को 11 मार्च 2020 में महामारी घोषित किया गया था।
स्काई न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड…
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लोकसभा चुनाव के हाई फीवर मैच से पहले गौतम के रिटायर्ड हर्ट होने की 5 गंभीर वजह
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही दिल्ली में बीजेपी का मजबूत प्लेयर रिटायर्ड हर्ट हो गया है। पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से बीजेपी सांसद ने अपनी राजनीतिक पारी से लगभग ब्रेक ले लिया है। गौतम गंभीर ने शनिवार को ट्वीट कर पार्टी से खुद को राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करने की गुहार लगाई है। जेपी नड्डा को संबोधित करते हुए गंभीर ने ट्वीट में अपनी क्रिकेट प्रतिबद्धताओं का हवाला दिया है। माना जा रहा है कि यह गौतम गंभीर की राजनीति पारी का अंत है। ऐसे में सवाल उठता है कि इस देश में होने वाले हाईफीवर चुनाव से पहले आखिर गौतम गंभीर क्यों रिटायर्ड हर्ट हो गए। जानते हैं इसके पीछे की कुछ वजहों पर।
1. टिकट कटने का अंदेशा
दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी के बीच चुनावी गठबंधन हो चुका है। ऐसे में बीजेपी के पास इन दोनों दलों से मुकाबला करने के लिए नए सिरे रणनीति बनाने की जरूरत है। माना जा रहा है कि पार्टी इस बार पुराने चेहरों पर दांव लगाने के मूड में नहीं है। बीजेपीकी दिल्ली इकाई की चुनाव समिति ने दिल्ली की 7 लोकसभा सीट के लिए पार्टी नेतृत्व को 25-30 संभावित उम्मीदवारों की सूची सौंपी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि कि नई दिल्ली लोकसभा सीट के लिए वर्तमान सांसद मीनाक्षी लेखी के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर, आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज के नाम संभावित प्रत्याशियों में शामिल हैं। इसके अलावा पार्टी अपने पुराने सांसदों को दोहराने के मूड में भी नहीं माना है। माना जा रहा है कि दिल्ली से तीन से चार सांसदों का पत्ता कट सकता है। गौतम गंभीर का नाम भी पत्ता कटने वाले सांसदों की लिस्ट में शामिल बताया जा रहा है। ऐसे में गंभीर को पहले ही इस बात का अंदेशा हो गया है या पार्टी सूत्रों से उन्हें इस बात के संकेत मिल गए हों।
2. क्रिकेट कमिटमेंट हो सकती है वजह
सांसद बनने के बाद भी गौतम गंभीर ने क्रिकेट के साथ अपना रिश्ता बनाए रखा। बात चाहे आईपीएल की हो या फिर क्रिकेट कमेंटरी की या फिर क्रिकेट कोचिंग की। गंभीर अपने संसदीय क्षेत्र से अधिक खेल के मैदान या कमेंटरी बॉक्स में अधिक दिखाई देते रहे हैं। इस साल आईपीएल की तारीखों का ऐलान हो गया है। उसी समय दुनिया की सबसे महंगी क्रिकेट लीग आईपीएल का 22 मार्च से आयोजन भी हो रहा है। गंभीर इस बार आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर के मेंटॉर बनाए गए हैं। ऐसे में उन्हें पूरी तरह से अपनी इस भूमिका पर फोकस करना पड़ेगा। इससे पहले वह साल 2022 और 2023 में लखनऊ सुपर जाएंट्स टीम के मेंटॉर रह चुके हैं। ऐसे में यदि उन्हें लोकसभा का टिकट यदि मिल जाए तो वह चुनाव प्रचार करेंगे या फिर क्रिकेट के मैदान पर खिलड़ियों का मार्गदर्शन करेंगे। शायद राजनीति से रिटायर्ड हर्ट होने की यह भी एक बड़ी वजह हो सकती है।
3. तू-तू, मैं-मैं की राजनीति से किनारा
गौतम गंभीर ने साल 2019 में पूर्वी दिल्ली से बड़े अंतर से चुनाव जीता था। गंभीर ने कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली के साथ ही आम आदमी पार्टी की नेता और मौजूदा मंत्री आतिशी को हराया था। गंभीर को अपने प्रतिद्वंदी से लगभग दो गुना वोट मिले थे। गंभीर ने कांग्रेस के लवली को लगभग 1.50 लाख मतों के अंतर से हराया था। वहीं, आप नेता आतिशी को महज 18 फीसदी मत मिले थे। चुनाव जीत के साथ ही गंभीर ने राजनेताओं की भाषा बोलना शुरू कर दिया था। गंभीर ने जीत के बाद ही अपने पहले ट्वीट में लिख था, न तो यह 'लवली' कवर ड्राइव है और न ही यह 'आतिशी' बल्लेबाजी है। यह सिर्फ भाजपा की 'गंभीर' विचारधारा है जिसका लोगों ने समर्थन किया है। इस जनादेश को पाने के लिए बीजेपी और दिल्ली बीजेपी टीम के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। राजनीति में आने के बाद फिर चाहे दिल्ली में कूड़े के पहाड़ का मामला हो या कोरोना काल में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर, दवाओं के मामले पर दिल्ली सरकार को घेरना। मुख्यमंत्री केजरीवाल से गंभीर की अदावत जग जाहिर है। हालांकि, गंभीर का मिजाज है कि वह तू-तू-मैं-मैं की राजनीति में नहीं पड़ना चाहते। ऐसे में वह इससे किनारा करना चाहते हों। राजनीति से हटने की यह भी एक वजह हो सकती है।
4. राजनीति का रंग नहीं चढ़ पाया
गौतम गंभीर ने साल 2018 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। 2019 में गंभीर भले ही लोकसभा चुना�� जीत गए हों लेकिन उनपर राजनीतिक का रंग पूरी तरह से कभी नहीं चढ़ा। राजनेता बनने के बाद भी उनका अधिकतर समय खेल और खेल से जुड़ी गतिविधियों में ही बीतता था। गंभीर ने सांसद रहते हुए भी दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में होने वाली रिटायर्ड खिलाड़ियों की टी-20 लीग में बल्ला घुमाते दिखाई दिए। गंभीर का मिजाज राजनीति से बिल्कुल मेल नहीं खाता है। राजनीति में जिस तरह के कूटनीतिक और सोच समझ कर बयान देने पड़ते हैं गंभीर उसके बिल्कुल उलट दिखाई देते हैं।… http://dlvr.it/T3Vnl1
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राजधानी में लॉकडाउन? स्वास्थ्य मंत्री बोले- बढ़ेंगे कोरोना के मामले, दिया ये निर्देश
राजधानी में लॉकडाउन ? नयी दिल्ली : Lockdown in Delhi ? दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामले आने वाले दिनों में बढ़ने की आशंका है, क्योंकि शहर घनी आबादी वाला है । साथ ही उन्होंने ‘फ्लू’ जैसे लक्षणों वाले लोगों से मास्क पहनने और सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने को कहा। राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को कोविड-19 के 699 मामले सामने आये थे…
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अब आकाश मार्ग से मिलेगी दवाई, जानिए क्या हैं पुरी ख़बर?
Ambikapur Medicine Delivery by Drone: अंबिकापुर में अब आपात स्थिति में मेडिसिन और सैंपल आकाश मार्ग से पहुंचाएं जाएंगे. इसका सोमवार को ट्रायल किया गया. ड्रोन के जरिए दवाई पहुंचाने की व्यवस्था कैसी होगी इसके बारे में आपको बताते हैं
अक्सर ऐसा देखने और सुनने को मिलता है कि ट्रैफिक के कारण दवा पहुंचने में देर हो गई. कई बार दवा समय पर न मिलने पर लोगों की जान भी चली जाती है. ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए अंबिकापुर में एक खास टेक्निक डेवलप की गई है. इस टेक्निक से लोगों के पास समय से दवाईयां और सैंपल पहुंचाई जा सकेगी.
ड्रोन के माध्यम से पहुंचायी जाएगी दवा
अम्बिकापुर में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा किया गया है. अब इमरजेंसी में ड्रोन से दवाइयां और सैम्पल पहुंचाए जाने की योजना बनाई जा रही है. सोमवार को इसका सफल ट्रायल किया गया. ट्रायल के दौरान ड्रोन अम्बिकापुर से उदयपुर तक 40 किलोमीटर का सफर तय कर वापस लौटा. ये ड्रोन वापस उदयपुर से अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज तक लाया गया|
अंबिकापुर के राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का चयन ड्रोन टेक्नोलॉजी इन हेल्थ केयर सेक्टर के लिए किया गया था. भारत सरकार ने देश के 25 मेडिकल कॉलेज का चयन इस टेक्नोलॉजी के लिए किया है, इसमें सरगुजा के मेडिकल कॉलेज का नाम भी शामिल हो गया है
Ambikapur Medicine Delivery by Drone: महिला समूहों को दी गई ट्रेनिंग
इस खास टेक्नोलॉजी का उपयोग यातायात बाधित होने, आपदा के दौरान दवा और सैम्पल पहुंचाने के लिए किया जाएगा. इसके पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत तीन महीने के लिए सीएचसी उदयपुर से मेडिकल कॉलेज तक इसका संचालन किया जाना है| इस ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग करने के लिए टीम को विशेष प्रशिक्षण के लिए दिल्ली भेजा गया था. महिला समूहों को ड्रोन चलाने सहित पूरी प्रोसेस की ट्रेनिंग दी गई है|
विषम परिस्थितियों में तकनीक होगी कारगर
भारत सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार नए-नए प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में अब भारत सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए अत्याधुनिक ड्रोन टेक्नोलॉजी को भी इसमें शामिल करने का निर्णय लिया है. इस योजना का उद्देश्य आपदा-विपदा के समय लोगों को समय पर राहत पहुंचाना है. प्रायः यह देखा जाता है कि यातायात बाधित होने, हड़ताल, सड़क दुर्घटना की स्थिति में सैम्पल, दवा, किट्स इत्यादि की सप्लाई बाधित होती है. यह पायलट प्रोजेक्ट उसी दिशा में टेस्टिंग इत्यादि नियंत्रित करने में सार्थक पहल होगी. इसके साथ ही कोरोना जैसी महामारी की स्थिति में यह बहुत कारगर और प्रभावी कदम साबित होगा.
मेडिकल कॉलेज का चयन ड्रोन टेक्नोलॉजी इन हेल्थ केयर के रूप में होना गर्व की बात है. पायलट प्रोजेक्ट के लिए ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया से एमओयू के बाद महिलाओं को प्रशिक्षण के लिए दिल्ली भेजा गया था. पायलट प्रोजेक्ट के लिए सीएचसी उदयपुर और मेडिकल कॉलेज के बीच इसका संचालन किया जाना है. आज ड्रोन उड़ाकर ट्रायल किया गया है. सफल ट्रायल के बाद उम्मीद है कि जल्द ही हम इसे शुरू कर पाएंग|
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कोरोनावायरस लाइव: भारत में 5,443 नए कोविड मामले देखे गए, 24 घंटों में 26 मौतें
कोरोनावायरस लाइव: भारत में 5,443 नए कोविड मामले देखे गए, 24 घंटों में 26 मौतें
India COVID-19 Live: देश में अब 46,342 सक्रिय मामले हैं।
नई दिल्ली:
भारत ने गुरुवार को 5,443 नए कोरोनोवायरस मामले दर्ज किए, जिससे कुल संक्रमणों की संख्या 4,45,53,042 हो गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अपडेट किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि केरल द्वारा सुलह की गई 12 मौतों सहित 26 और घातक घटनाओं के साथ मृत्यु संख्या 5,28,429 हो गई।
देश में अभी 46,342 एक्टिव केस हैं।
मंत्रालय ने कहा कि…
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दिल्ली में लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना के केस, सरकार अलर्ट, लापरवाही बरतने पर कटेंगे चालान!
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे हैं कोरोना के केस, सरकार अलर्ट, लापरवाही बरतने पर कटेंगे चालान!
Delhi Govt : पूरे देश में कोरोना संक्रमण फिर से पैर पसारने लगा है. विगत दिनों 16 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि प्रतिदिन हो रही है. जबकि अब देश में 1 लाख 36 हजार केस सक्रिय हैं. राजधानी दिल्ली में भी प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों में इजाफा हो रहा है. इन आंकड़ों ने दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ा दी है. इसीलिए सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को कोरोना प्रोटोकॉल पालन करने की नसीहत दी है.…
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ओमिक्रॉन की दहशत के बीच दिल्ली में बढ़े कोरोना के केस, 24 घंटे में 50 से अधिक मरीजों की पुष्टि
ओमिक्रॉन की दहशत के बीच दिल्ली में बढ़े कोरोना के केस, 24 घंटे में 50 से अधिक मरीजों की पुष्टि
दिल्ली समेत दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस (COVID-19) के ओमिक्रॉन वैरिएंट की दहशत के बीच राजधानी एक बार फिर कोरोना के मामलों में दिन-प्रतिदिन वृद्धि का सिलसिला लगातार जारी है। शुक्रवार को दिल्ली में कोरोना के 50 से अधिक नए मरीज मिलने के बाद यहां संक्रमितों का कुल आंकड़ा 14.41 लाख के पार पहुंच गया है। इसके साथ ही पॉजिटिविटी दर भी 0.09 फीसदी पर आ गई है। हालांकि, कोरोना से आज एक भी मौत नहीं…
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