अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज से एक बहन ने प्रश्न पूछा की पिंड दान या श्राद्ध कर सकते हैं या नहीं? वह बोले की कर सकते हैं। संत रामपाल महाराज जी का उत्तर, प्रमाण सहित-
पवित्र गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में स्पष्ट प्रमाण है कि भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होंगे, अर्थात श्राद्ध करवाना वा पिंड भरवाना व्यर्थ की साधना है।
#HinduBhai_Dhokhe_Mein
Sant Rampal Ji Maharaj
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CashLess होंगे CG के सरकारी अस्पताल-सिंहदेव की घोषणा : विपक्ष ने पूछा- जय-वीरू की जोड़ी का क्या हाल; मंत्री सिंहदेव बोले-खट्टा-मीठा चलता रहता है
CashLess होंगे CG के सरकारी अस्पताल- छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज विभिन्न विभागों के बजट मांग पर चर्चा हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के बजट मांगो पर चर्चा में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में एक जून से सरकारी अस्पतालों में कैशलेस व्यवस्था लागू की जायगी। मरीजों को एक नया पैसा नहीं देना पड़ेगा। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के विभागों के अनुदान मांगो पर सदन में चर्चा…
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200 करोड़ की फिरौती मामला: जैकलीन फर्नांडीज के बाद नोरा फतेही से पांच घंटे तक पूछताछ
200 करोड़ की फिरौती मामला: जैकलीन फर्नांडीज के बाद नोरा फतेही से पांच घंटे तक पूछताछ
नई दिल्ली: जैकलीन फर्नांडीज से आठ घंटे तक पूछताछ के एक दिन बाद अभिनेत्री नोरा फतेही कथित आरोपी सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ दर्ज 200 करोड़ रुपये की रंगदारी के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के सामने पेश हुई।
अभिनेत्री से पांच घंटे तक पूछताछ की गई। नोरा को इ��लिए बुलाया गया था ताकि पिंकी ईरानी के बारे में पूछताछ की जा सके, जो कथित तौर पर सुकेश चंद्रशेखर की सहायक हैं। ईरानी ने…
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वह कौन सा जानवर है जो कभी पानी नहीं पीता? यूपीएससी इंटरव्यू सवाल
वह कौन सा जानवर है जो कभी पानी नहीं पीता? यूपीएससी इंटरव्यू सवाल
UPSC Interview Questions: यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) के लिए कई उम्मीदवार सालों तक तैयारी करते हैं. इसके बावजूद परीक्षा के तीनों चरणों को पहले ही प्रयास में पास कर लेना आसान नहीं होता है. अगर आप IAS स्तर का इंटरव्यू देना चाहते हैं तो आपकी तैयारी भी उसी लेवल की होनी चाहिए (IAS Interview). अपने दिमाग में हर समय यह बात फिट करके रखें कि इंटरव्यू पैनल में बैठे एक्सपर्ट आपकी तार्किक क्षमता को परखने…
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राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने शिव मंदिर पर चला बुलडोजर, भाजपा ने कांग्रेस से पूछा - यही है सेक्युलरिज्म
राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने शिव मंदिर पर चला बुलडोजर, भाजपा ने कांग्रेस से पूछा – यही है सेक्युलरिज्म
राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने शिव मंदिर पर चला बुलडोजर, भाजपा ने कांग्रेस से पूछा – यही है सेक्युलरिज्म
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राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़े जाने का मामला सामने आया है। जिसके बाद भाजपा कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है। भाजपा के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने इस मामले में कांग्रेस को घेरा है। उन्होंने कहा कि करौली और जहांगीरपुरी पर आंसू बहाना और हिंदुओं की…
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ढेर सारे प्रमाण कि गीता शास्त्र का ज्ञान "काल" ने कहा। सर्व प्रथम गीता से ही प्रमाणित करता हूँ :-
* प्रमाण नं. 1 : गीता अध्याय 11 में प्रमाण है कि जब गीता ज्ञान दाता ने अपना विराट रूप दिखा दिया तो उसको देखकर अर्जुन भयभीत हो गया, काँपने लगा। यहाँ पर यह बताना भी अनिवार्य है कि अर्जुन का साला था श्री कृष्ण क्योंकि श्री कृष्ण की बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से हुआ था। गीता ज्ञान दाता ने जिस समय अपना भयंकर विराट रूप दिखाया जो हजार भुजाओं वाला था। तब अर्जुन ने पूछा कि हे देव! आप कौन हैं? (गीता अध्याय 11 श्लोक 31)
यदि वह विराट रूप वाला श्री कृष्ण होता तो क्या अर्जुन यह पूछता कि हे महानुभाव! आप कौन हो? क्या जीजा अपने साले को नहीं पहचानता? श्री कृष्ण जी तो अर्जुन के साथ अधिकतर रहा करते थे। उनके सारथी भी थे। गीता अध्याय 11 श्लोक 32 में गीता बोलने वाला स्वयं बताता है कि मैं काल हूँ। सबको मारने के लिए अब प्रवृत हुआ हूँ यानि प्रकट हुआ हूँ। श्री कृष्ण यह नहीं कहते। वे तो वहीं थे। श्री कृष्ण जी काल नहीं थे।
विचारणीय विषय है कि क्या हम अपने साले से पूछेंगे कि हे महानुभाव! बताईए आप कौन हैं? एक समय एक व्यक्ति में प्रेत बोलने लगा। साथ बैठे भाई ने पूछा आप कौन बोल रहे हो? उत्तर मिला कि तेरा मामा बोल रहा हूँ। मैं दुर्घटना में मरा था। क्या हम अपने भाई को नहीं जानते? ठीक इसी प्रकार श्री कृष्ण में काल बोल रहा था।]
• गीता अध्याय 11 श्लोक 46: हे सहंस्राबाहु (हजार भुजा वाले) ! आप अपने चतुर्भुज रूप में दर्शन दीजिए (क्योंकि अर्जुन उन्हें विष्णु अवतार कृष्ण तो मानता ही था, परंतु उस समय श्री कृष्ण के शरीर में काल ने अपना अपार विराट रूप दिखाया था) मैं भयभीत हूँ, आपके इस रूप को सहन नहीं कर पा रहा हूँ।
ध्यान रहे :- श्री विष्णु (श्री कृष्ण) केवल चार भुजा से युक्त हैं। ये दो भुजा तो बना सकते हैं, परंतु चार से अधिक का प्रदर्शन नहीं कर सकते। काल ब्रह्म हजार (संहस्र) भुजा युक्त है। यह एक हजार तथा इन से नीचे भुजाओं का प्रदर्शन कर सकता है। हजार भुजाओं ��े अधिक का प्रदर्शन नहीं कर सकता। चार भुजा, दो भुजा, दस भुजा आदि-आदि बना सकता है। शरीर में बने कमल चक्रों में भी इस काल ब्रह्म के चक्र का नाम संहस्र कमल दल चक्र है।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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...उस दिन हम दोनों हुमायूँ के मकबरे गए थे। वहाँ वह नंगे पाँव घास पर चली थी। मुझे नंगे पाँव घास पर चलना अच्छा लगता है - उसने कहा था। मैंने उसकी चप्पलें हाथ में पकड़ रखी थीं। उसने मना किया था। 'इट इज नॉट डन,' उसने अंग्रेजी में कहा था। यह उसका प्रिय वाक्य है। जब कभी मैं उसे धीरे-से अपने पास खींचने लगता हूँ, तो वह अपने को बहुत हल्के से अलग कर देती है और कहती है - इट इज नॉट डन। मैंने उसकी चप्पलों को अपने रूमाल में बाँध लिया था। रूमाल का एक सिरा उसने पकड़ा था, दूसरा मैंने। हम उस रूमाल को हिला रहे थे और चप्पलें बीच हवा में ऊपर-नीचे झूलती थीं। मकबरे के पीछे पुराना, टूटा-फूटा टैरेस था, उसके आगे रेल की लाइन थी, बहुत दूर जमुना थी, जो बहुत पास दीखती थी।
उसके नंगे, साँवले पैरों पर घास के भूरे तिनके और बजरी के दाने चिपक गए थे। मेरी ऐनक पर धूल जमा हो गई थी, लेकिन मैं रूमाल से उसको नहीं पोंछ सकता था, क्योंकि रूमाल में चप्पलें बँधी थीं और उसके पाँव अभी तक नंगे थे। तब मैंने उसकी उन्नाबी साड़ी के पल्ले से अपनी ऐनक के शीशे साफ किए थे। वह नीचे झुक आई थी और उसने धीरे-से पूछा था - तुम यहाँ कभी पहले आए थे?
- हाँ, अपने दोस्तों के संग।
- क्या किया था? - उसने मेरी ओर झपकती आँखों से देखा।
- दिन-भर फ्लैश खेली थी - मैंने कहा।
- और? और क्या किया था? - उसके स्वर में आग्रह था।
- शाम को बियर पी थी, वे गर्मी के दिन थे।
- तुम पीते हो?
- हाँ - मैंने कहा - पीता तो हूँ।
- किसी ने देखा नहीं?
- नहीं, अँधेरा होने पर पी थी और जाने से पहले बोतलें नीचे फेंक दी थीं।
- नीचे कहाँ?
- टैरेस के नीचे।
टैरेस के नीचे रेलवे लाइन है। जमुना है, जो बहुत दूर है और बीच में पुराने किले के खंडहर हैं। बहुत शुरू का मौन है, और सर्दियों की धूप है, जो किले के भग्न झरोखों पर ठगी-सी ठिठकी रह गई है।
वह शुरू दिस��बर की शाम थी और हम हुमायूँ के मकबरे के पीछे छोटे टैरेस पर बैठे थे। बाईं ओर पुराने किले के टूटे पत्थर थे, धूप में सोते-से। सामने ऊबड़खाबड़ मैदान था, जिसे बाढ़ के दिनों में जमुना भिगो गई थी, और जहाँ चूने-सी सफेदी बिछल आई थी। जब वापस आने लगे, तो वह सीढ़ियों पर उतरती हुई सहसा ठिठक गई।
- तुमने देखा? - उसकी आँखें कहीं पर टिकी थीं।
उधर, हवा में उसकी निगाहों पर मेरी आँखें सिमट आई थीं।
उसने हाथ से दूर एक पक्षी की ओर संकेत किया। वह मकबरे की एक मीनार पर बैठा था। वह चुपचाप निरीह आँखों से हमें देख रहा था।
यह नीलकंठ है। ...तुमने कभी देखा है? - उसने बहुत धीरे-से कहा - नीलकंठ को देखना बड़ा शुभ माना जाता है।
क्या हम दोनों के लिए भी? - मैं हँसने लगा। मेरी हँसी से शायद वह डर गया और अपने पंख फैलाकर गुंबद के परे उड़ गया था।
क्या हम दोनों के लिए भी, यह मैंने कहा नहीं, सिर्फ सोचा था। कुछ शब्द हैं, जो मैंने आज तक नहीं कहे। पुराने सिक्कों की तरह वे जेब में पड़े रहते हैं। न उन्हें फेंक सकता हूँ, न भुला पाता हूँ।
(निर्मल वर्मा की कहानी लवर्स का एक अंश)
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کسی نے پوچھا ہم سے
"اس میں ایسا کیا دیکھ لیےا؟"
اب ہم کیا ہی بتایں ینکو؛
جب سے دیکھا ہے اسے
ہم اس سے نظر ہٹا ہی نہیں پائے۔
किसी ने पूछा हम से,
"उस में ऐसा क्या देखा लिया?"
अब हम क्या ही बताएं उनको,
जब से देखा है उसे
हम उससे नज़रें हटा ही नहीं पाए।
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