Tumgik
#बजट 2020
rudrjobdesk · 2 years
Text
चॉपस्टिक और मोटापे पर टैक्स! दिमाग घुमा देंगे दुनिया के ये अजीबो-गरीब टैक्स
चॉपस्टिक और मोटापे पर टैक्स! दिमाग घुमा देंगे दुनिया के ये अजीबो-गरीब टैक्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज लोकसभा में मोदी सरकार 2.0 का दूसरा बजट (Union Budget 2020) पेश किया. आम बजट के खास दिन हम आपको बताने जा रहे हैं दुनिया के कुछ अजीबो-गरीब टैक्स के बारे में. जिनके बारे में सुनना तो दूर की बात कल्पना कर पाना भी नामुकिन है. जी हां किसी देश में कद्दू, पिस्ता खरीदने के लिए टैक्स देना पड़ता है तो कहीं, सेक्स करने पर लोगों को टैक्स भरना पड़ता…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
premiumgyan · 2 months
Text
What is PMGKAY | PMGKAY Extension 2023 | पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना सम्पूर्ण जानकारी
Tumblr media
PMGKAY क्या है पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, जो 1 जनवरी से 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देगी? Introduction of PMKGAY क्या है PMGKAY योजना? प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई एक विशेष योजना है, जिसे COVID-19 महामारी के दौरान देश के गरीब और वंचित वर्ग के लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस योजना के तहत, सरकार ने 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराया, जिसमें प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज (गेहूं या चावल) मुफ्त में दिया जाता है। इस योजना का उद्देश्य गरीब लोगों को कोरोना संकट के समय में खाद्य सहायता प्रदान करना है। 1 जनवरी से इस योजना को और आगे बढ़ाया गया है, जिससे 81 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत पहले से उपलब्ध अनाज के अतिरिक्त है। PMGKAY के तहत मुफ्त अनाज वितरण का उद्देश्य विशेष रूप से इस महामारी के दौरान आर्थिक रूप से प्रभावित लोगों की मदद करना है। इस योजना को लागू करने के लिए, सरकार ने विशेष बजट आवंटित किया है और खाद्य वितरण सिस्टम को मजबूत किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर लाभार्थियों तक अनाज पहुँचाया जा सके। शुरुआत और इतिहास प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत मार्च 2020 में हुई थी, जब COVID-19 महामारी ने विश्वव्यापी रूप से प्रसार पाना शुरू किया। इस महामारी ने भारत में विशेष रूप से आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया, जिससे गरीब और वंचित वर्ग के लोगों पर खाद्य सुरक्षा का संकट गहरा गया। इस योजना के तहत, सरकार ने इन लोगों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। PMGKAY extension 2023 (पीएमजीकेवाई योजना का विस्तार 2023) हालांकि पीएमजीकेवाई (प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना) कार्यक्रम 2023 तक चला, यह समझना महत्वपूर्ण है कि इसे नवंबर 2023 में पांच साल के लिए दिसंबर 2028 तक बढ़ा दिया गया था। इसलिए, पीएमजीकेवाई कार्यक्रम के लिए आवेदन 2023 में भी स्वीकार किए जा रहे थे, और वे आगे भी  स्वीकार जाएंगे। कुछ महत्वपूर्ण बातें याद रखें: पीएमजीकेवाई विस्तार: दिसंबर 2028 तक बढ़ाया गया। आवेदन प्रक्रिया: वही रहेगी - आपके राज्य के खाद्य आपूर्ति विभाग की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन या आपके निकटतम राशन की दुकान पर ऑफ़लाइन। पात्रता: वे व्यक्ति जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) मानदंडों को पूरा करते हैं या अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) कार्यक्रम के तहत पंजीकृत हैं, पात्र हैं। अधिक जानकारी: डीएफपीडी वेबसाइट: https://dfpd.gov.in/ हेल्पलाइन नंबर: 1967 पीएमजीकेवाई के बारे में सबसे सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों जैसे डीएफपीडी वेबसाइट या हेल्पलाइन पर भरोसा करना महत्वपूर्ण है। PMGKAY Extenstion योजना मे 2024 मे किए गए बदलाव  केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों (अर्थात अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवार और प्राथमिकता वाले परिवार (पी. एच. एच.) लाभार्थियों) को उनकी पात्रता के अनुसार (अर्थात् प्रति माह प्रति एएवाई परिवार 35 किलोग्राम खाद्यान्न और प्राथमिकता वाले परिवार के मामले में प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न) दिनांक 1 जनवरी, 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराना जारी रखने का निर्णय लिया है। यह निर्णय लाभार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, साथ ही NFSA 2013 के प्रावधानों को मजबूत करते हुए गरीबों की खाद्यान्न तक पहुंच, वहनीयता और उपलब्धता के संदर्भ में सभी राज्यों में एकरूपता बनाए रखने के लिए। भारत सरकार द्वारा वयस्क परिवारों, पीएचएच लाभार्थियों, अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों और टाइड ओवर को खाद्यान्न वितरण के लिए वार्षिक 2.13 लाख करोड़ रुपए की खाद्य सब्सिडी दी जाती है। आर्थिक लागत में वृद्धि को देखते हुए, अगले पांच वर्षों में केंद्र सरकार PMGKAY के तहत खाद्य सब्सिडी के रूप में लगभग 11.80 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।  1 जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए PMGKAY के तहत निःशुल्क खाद्यान्न का प्रावधान राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के समाधान के लिए सरकार की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और दृष्टिकोण को दर्शाता है। निःशुल्क खाद्यान्न के प्रावधान, लाभार्थियों के लिए शून्य लागत के साथ दीर्घकालिक मूल्य निर्धारण कार्यनीति सुनिश्चित करेंगे, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रभावी पहुंच के लिए महत्वपूर्ण हैं, साथ ही समाज के प्रभावित वर्ग के लिए आर्थिक चुनौती को कम करेंगे। केंद्र सरकार ने पहले ही पीएमजीकेएवाई के तहत लाभार्थियों (एएवाई परिवारों और पीएचएच लाभार्थियों) को एक वर्ष के लिए खाद्यान्न मुफ्त देने का फैसला किया था. 1 जनवरी 2023 से। PMGKAY योजना का उद्देश्य Objective of PMGKAY Scheme PMGKAY योजना, जिसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से जाना जाता है, का मुख्य उद्देश्य देश के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को महत्वपूर्ण समय में सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत, सरकार राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराती है, जिससे वे अपने परिवार का पेट भर सकें और भूखमरी की समस्या से निपट सकें। यह योजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही है दुनिया भर में फैले COVID-19 महामारी के दौरान, जब आर्थिक गतिविधियाँ धीमी पड़ गईं और बहुत से लोगों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। योजना के कुछ मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं: - भूखमरी और कुपोषण से लड़ना: गरीब परिवारों को मुफ्त में अनाज प्रदान करके, यह योजना भूखमरी और कुपोषण की समस्याओं को कम करने में मदद करती है। - आर्थिक सहायता प्रदान करना: यह योजना गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करती है, क्योंकि उन्हें अपनी आय का एक हिस्सा खाद्य सुरक्षा पर खर्च नहीं करना पड़ता है। - सामाजिक समरसता सुनिश्चित करना: योजना के जरिए, सरकार समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता और समानता सुनिश्चित करने का प्रयास करती है, ताकि हर किसी को बुनियादी खाद्य सुरक्षा प्राप्त हो सके। - आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करना: विशेष रूप से आपातकालीन स्थितियों जैसे कि महामारी या प्राकृतिक आपदाओं के दौरान, यह योजना जरूरतमंद लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने का एक माध्यम बन जाती है। - सामाजिक सुरक्षा नेट मजबूत करना: PMGKAY योजना सामाजिक सुरक्षा नेट को मजबूत करने में भी योगदान देती है, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्गों को संकट के समय में सहारा मिल सके। मुफ्त खाद्यान्न: योजना के तहत, लाभार्थियों को प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न (चावल, गेहूं और दाल) दिया जाता है। यह उन्हें भोजन की कमी से बचाने और अपनी बुनियादी खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है। वित्तीय बोझ कम करना: मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करके, योजना गरीब और जरूरतमंद लोगों के वित्तीय बोझ को कम करती है। वे भोजन पर कम पैसे खर्च कर सकते हैं और अपनी आय का उपयोग अन्य आवश्यकताओं जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास के लिए कर सकते हैं। पोषण में सुधार: योजना पौष्टिक भोजन प्रदान करके लोगों के पोषण में सुधार करने में भी मदद करती है। यह कुपोषण को कम करने और लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना: योजना किसानों से खाद्यान्न खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है। यह किसानों की आय में वृद्धि करता है और उन्हें अपनी आजीविका को बेहतर बनाने में मदद करता है। इस तरह, PMGKAY योजना न केवल भूखमरी और कुपोषण के खिलाफ एक कदम है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है, जिससे देश के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को महत्वपूर्ण सहायता मिल सके। PMGKAY योजना की विशेषताएं: PMGKAY योजना, जिसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से जाना जाता है, ने भारत में गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए कई लाभ प्रदान किए हैं। इस योजना के माध्यम से, सरकार ने विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान और उसके बाद भी, आर्थिक तंगी और भूखमरी की स्थितियों में राहत पहुँचाने का प्रयास किया है। नीचे PMGKAY योजना के कुछ मुख्य लाभ दिए गए हैं: मुफ्त अनाज वितरण: योजना के तहत, राशन कार्ड धारकों को हर महीने निर्धारित मात्रा में गेहूं, चावल और दालें मुफ्त में प्रदान की जाती हैं, जिससे उनकी बुनियादी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। आर्थिक सहायता: इस योजना से गरीब परिवारों को अपने खर्चों में थोड़ी राहत मिलती है, क्योंकि उन्हें अपनी मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा खाद्य सामग्री पर खर्च नहीं करना पड़ता। भूखमरी और कुपोषण में कमी: गरीब और जरूरतमंद लोगों को नियमित रूप से अनाज प्रदान करके, यह योजना भूखमरी और कुपोषण की समस्या को कम करने में मदद करती है। सामाजिक समरसता: PMGKAY योजना समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता बढ़ाती है, जिससे सामाजिक सहयोग और समर्थन की भावना को बल मिलता है। आपदा प्रतिक्रिया: COVID-19 जैसी महामारी और अन्य आपदाओं के दौरान, यह योजना आपातकालीन खाद्य सहायता के रूप में कार्य करती है, जिससे प्रभावित लोगों को तत्काल राहत मिलती है। खाद्य सुरक्षा को मजबूती प्रदान करना: इस योजना ने भारत में खाद्य सुरक्षा की स्थिति को मजबूत किया है, जिससे लंबी अवधि में देश की खाद्य संप्रभुता सुनिश्चित होती है। सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करना: PMGKAY योजना ने भारत में सामाजिक ��ुरक्षा नेटवर्क को मजबूत किया है, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम किया जा सके।  व्यापक कवरेज: बड़ी संख्या में गरीब और जरूरतमंद लोगों को कवर करती है।  मुफ्त और ल���्षित: लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जाता है और योजना लक्षित तरीके से लागू होती है।  पोषण में सुधार: पौष्टिक भोजन प्रदान करके लोगों के पोषण को बेहतर बनाती है।  स्थिरता: खाद्यान्न का निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करती है।  ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: किसानों से खाद्यान्न खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है।  पारदर्शिता: योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं, जैसे लाभार्थियों की सूची का सार्वजनिक करना और निगरानी तंत्र स्थापित करना। कुछ अतिरिक्त लाभ एवं विशेषताएं: योजना की शुरुआत कोविड-19 महामारी के दौरान हुई थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया और अब इसे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक स्थायी उपाय के रूप में माना जा रहा है। योजना का लाभ उठाने के लिए कोई जटिल प्रक्रिया नहीं है। केवल राशन कार्ड दिखाकर लाभार्थी मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। योजना ने गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार किया है। Read Also: RPSC Food Safety Officer Result 2024 Declared: Check Out Now! How to Refund Money from Any UPI Or Bank इन 5 तरीको से तुरंत मिलेगा गलत यूपीआई पेमेंट का पैसा, पूरी जानकारी जरूर पढ़े Top 10 Classic Books for Valentine Day इस वैलेंटाइन डे पर पढ़ने के लिए 10 क्लासिक रोमांस किताबें Smpoorn Chikitsa PDF Book | सम्पूर्ण चिकित्सा | आयुर्वेद का ख़जाना | Free Read and Download Aadhar Card Download Using Mobile Number: मोबाइल से आधार कार्ड डाउनलोड कैसे करे- 2 तरीके PM Kisan Beneficiary Status List 2024 | PM Kisan Beneficiary Status Aadhar | Check Now PMGKAY योजना मे लाभार्थी का चयन की प्रक्रिया Selection process of beneficiaries in the PMGKAY scheme. PMGKAY योजना के लाभार्थियों का चयन भारत सरकार द्वारा निर्धारित विशिष्ट मानदंडों के आधार पर किया जाता है। यह चयन प्रक्रिया योजना के उद्देश्य को सुनिश्चित करने और उन लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए बनाई गई है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है। निम्नलिखित तरीके से लाभार्थियों का चयन होता है: - राशन कार्ड धारकों का डेटाबेस: PMGKAY योजना के अंतर्गत लाभ पाने वाले व्यक्तियों का चयन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत जारी किए गए राशन कार्ड धारकों के डेटाबेस के आधार पर किया जाता है। - आय और जीवन स्तर के मापदंड: लाभार्थियों का चयन उनकी आय और जीवन स्तर के मापदंडों के आधार पर किया जाता है, जिससे सुनिश्चित हो कि सहायता सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुँचे। - गरीबी रेखा से नीचे (BPL) और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) धारक: इस योजना के लाभार्थी मुख्य रूप से गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के परिवार और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के तहत आने वाले सबसे गरीब परिवार होते हैं। - स्थानीय प्रशासन द्वारा सत्यापन: लाभार्थियों की पहचान और चयन में स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकारों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वे राशन कार्ड धारकों के डेटा की समीक्षा करते हैं और सत्यापन प्रक्रिया में मदद करते हैं। - आधार सीडिंग: कई राज्यों में, लाभार्थियों के चयन में आधार कार्ड के साथ राशन कार्ड की सीडिंग (लिंकिंग) भी एक महत्वपूर्ण मापदंड है। यह डुप्लिकेसी को रोकता है और योजना की पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। - विशेष श्रेणियों का ध्यान: विकलांगता, वृद्धावस्था, और अन्य विशेष श्रेणियों के लोगों को भी इस योजना के तहत प्राथमिकता दी जाती है, ताकि उन्हें अतिरिक्त सहायता मिल सके।  - इस योजना के तहत पहले NFSA (National Food Security Act) अंतर्गत आने वाले सभी राशन कार्ड धारक शामिल किए जाते हैं।  - इसके अलावा राज्य सरकारें अपने स्तर पर भी गरीब लोगों की पहचान करती हैं और उन्हें इस योजना में शामिल किया जाता है।  - मजदूर, बेरोजगार लोगों और वंचित वर्ग के लोगों को भी इस योजना से जोड़ा जाता है।  - सामाजिक संगठनों और SHGs की मदद से भी लाभार्थियों की पहचान की जाती है। इस प्रकार, PMGKAY योजना के लाभार्थियों का चयन एक व्यापक और समग्र प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें विभिन्न मापदंडों और सत्यापन प्रक्रियाओं को शामिल किया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि योजना का लाभ सबसे अधिक जरूरतमंद व्यक्तियों तक पहुँचे। PMGKAY योजना के लिए आवेदन कैसे करे  (How to apply for the PMGKAY scheme) PMGKAY योजना, यानी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया राज्य सरकारों द्वारा संचालित खाद्य और रसद विभाग के माध्यम से की जाती है। यह योजना मुख्य रूप से उन व्यक्तियों के लिए है जिनके पास पहले से ही राशन कार्ड हैं और वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पंजीकृत हैं।  PMGKAY योजना में आवेदन करने के लिए दो तरीके हैं। (1.) Online (2.) Offline. यदि आप PMGKAY योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित चरणों का पालन करें: 1. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए: सबसे पहले आपको अपने राज्य की खाद्य आपूर्ति विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर आपको "PMGKAY" योजना के लिए आवेदन करने का लिंक मिलेगा। लिंक पर क्लिक करने के बाद आपको एक आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन पत्र में आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी, राशन कार्ड का विवरण और परिवार के सदस्यों का विवरण देना होगा। आवेदन पत्र भरने के बाद आपको आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रतियां अपलोड करनी होगी। सभी जानकारी भरने और दस्तावेज अपलोड करने के बाद आपको आवेदन पत्र जमा करना होगा। 2. ऑफलाइन: आप अपने नजदीकी राशन दुकान पर जाकर PMGKAY योजना के लिए आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन पत्र भरने के बाद आपको आवश्यक दस्तावेजों की मूल प्रतियां राशन दुकानदार को जमा करनी होगी। राशन दुकानदार आपके आवेदन पत्र की जांच करेगा और यदि सब कुछ सही पाया गया तो आपके आवेदन को स्वीकार कर लिया जाएगा। PMGKAY योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज: राशन कार्ड आधार कार्ड निवास प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो) PMGKAY योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: PMGKAY योजना के लिए आवेदन करने की कोई अंतिम तिथि नहीं है। आप योजना के तहत किसी भी समय आवेदन कर सकते हैं। PMGKAY योजना 31 दिसंबर 2023 तक लागू थी, लेकिन अब इसे 5 सालो के लिए बढ़ा दिया गया है।  सरकार योजना को आगे बढ़ाने का निर्णय ले सकती है। PMGKAY योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए: आप अपने नजदीकी राशन दुकान से संपर्क कर सकते हैं। आप खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) की वेबसाइट https://dfpd.gov.in/ पर जा सकते हैं। आप DFPD के हेल्पलाइन नंबर 1967 पर कॉल कर सकते हैं। यह भी ध्यान दें: PMGKAY योजना के तहत आवेदन करने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा। यदि आपको PMGKAY योजना के तहत आवेदन करने में कोई समस्या आ रही है तो आप DFPD के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं। ध्यान दें कि PMGKAY योजना की आवेदन प्रक्रिया राज्य के अनुसार भिन्न हो सकती है। इसलिए, अद्यतन जानकारी और विशिष्ट निर्देशों के लिए अपने राज्य के खाद्य और रसद विभाग की वेबसाइट पर जाना सबसे अच्छा है। Conclusion/निष्कर्ष:-  पीएमजीकेएवाई योजना गरीबी मुक्त और समान समाज बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल गरीबों को किफायती भोजन उपलब्ध कराता है, बल्कि सामाजिक समानता को भी बढ़ावा देता है और भेदभाव को कम करता है। हालाँकि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह सभी आवश्यक परिवारों तक पहुँचे, इस योजना के कार्यान्वयन और निगरानी में सुधार की आवश्यकता है। पीएमजीकेएवाई के साथ, हम सभी के लिए एक स्वस्थ, अधिक समान और प्रगतिशील समाज की दिशा में काम कर सकते हैं। तो आइए अपने राष्ट्र की भलाई के लिए इ�� महत्वपूर्ण पहल का समर्थन और प्रचार करना जारी रखें। FAQs:   1. पीएमजीकेएवाई योजना क्या है? - पीएमजीकेएवाई योजना भारत सरकार द्वारा मुहिम है, जो कि सस्ते और किफायती खाद्य सुरक्षा के संकल्प के तहत २०१३ में प्रस्तुत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को सस्ते और पौष्टिक भोजन की सुविधा प्रदान करना है। 2. पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत कौन-कौन से लोग हिस्सा ले सकते हैं? - पीएमजीकेएवाई योजना के अंतर्गत, सरकार के निर्धारित मापदंडों को पूरा करने वाले गरीब परिवार, अल्पसंख्यक समुदायों, बिमारि‍हि‍त महि‍लाओं, अल्‍पसंख्यक जनजातियों, बौद्ध मत के पहलुओं से सम्बंधित हर वर्ग की आवासीय निर्माण-सहायता प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं। 3. पीएमजीकेएवाई का सरकार को समर्थन क्‍यों करना चाहिए? - पीएमजीकेएवाई के माध्यम से सरकार गरीब परिवारों को सस्ते, किफायती और पौष्टिक भोजन की सुविधा प्रदान करने का महत्वपूर्ण प्रस्ताव है। इससे संपूर्ण समाज में गरीबी का स्तर कम होगा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। 4. PMGKAY full form क्या है? - PMGKAY full form-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana). The PMGKAY (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana) scheme is an initiative of the Government of India to provide affordable food to the poor and underprivileged families in India. 5. How can I apply for the PMGKAY scheme? You can apply for the PMGKAY scheme online by visiting your local Panchayat, Municipality, or District Administration office and filling out the necessary forms. You can also visit a government center to apply for the scheme in person. 6. What documents do I need to apply for the PMGKAY scheme? You will need your family's information, income certificate, Aadhar card, and a selfie for the application process. It is important to have all your documents in order before applying. 7. Who is eligible for the PMGKAY scheme? Families with annual income below Rs 1 lakh, widows, senior citizens, and disabled individuals are eligible for this scheme. 8. Can I apply for the PMGKAY scheme multiple times? No, only one member per family can avail the benefits of this scheme. Duplicate applications will be rejected. However, if there are multiple families living in the same house and they have separate ration cards, all of them can apply for PMGKAY separately. 9. How can I check my eligibility for the PMGKAY scheme? You can check your eligibility for the PMGKAY scheme by visiting the government's official website or contacting your local Panchayat, Municipality, or District Administration office. They will provide you with all the necessary information and help you with the application process. Additionally, you can also check if your name is listed under this scheme on your ration card. 10.  How can I apply for the PMGKAY scheme? To apply for the PMGKAY scheme, you can visit your nearest Panchayat, Municipality, or District Administration office. They will provide you with an application form that needs to be filled out and submitted along with necessary documents such as Aadhaar card, ration card, and bank account details. 11. Can I change my registered bank account for availing benefits under the PMGKAY scheme? Yes, you can change your registered bank account by visiting the nearest Panchayat, Municipality, or District Administration office and submitting a request for changing the bank account details. However, this process may take some time to reflect in the system and until then, your old bank account will continue to receive the benefits. Read the full article
0 notes
dainiksamachar · 3 months
Text
56 मिनट और फिर... बजट इतिहास में सबसे लंबा भाषण देने वाली सीतारमण ने कैसे कही 1 घंटे से कम में अपनी बात
नई दिल्ली: वित्त मंत्री ने गुरुवार को संसद में अपना लगातार छठा बजट पेश किया। उन्‍होंने सिर्फ 56 मिनट में अपना बजट भाषण समाप्त कर दिया। यह उनका अब तक का था। फिरोजी रंग की कढ़ाई वाली कांथा सिल्क साड़ी पहनकर सीतारमण संसद पहुंची थीं। भाषण के दौरान लोकसभा में सत्ता पक्ष के सदस्य उनकी घोषणाओं और टिप्पणियों पर बीच-बीच में मेजें थपथपाते देखे गए। जब उन्होंने कहा कि ‘हमारी सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी’ तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सबसे ज्यादा देर तक मेजें थपथपाईं। विपक्षी सदस्यों ने भी वित्त मंत्री का बजट भाषण पूरे ध्यान से सुना। हालांकि, लोकसभा चुनाव के बाद उनकी सरकार के सत्ता में लौटने संबंधी कथन पर विपक्ष की ओर से कुछ विरोध के सुर सुनाई दिए। इससे पहले आज 11 बजे बजट भाषण शुरू होने से पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा कक्ष में पहुंचे तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सदस्यों ने ‘भारत माता की जय’, ‘जय श्रीराम’ और ‘जय सियाराम’ के नारे लगाए।सीतारमण का सबसे छोटा बजट भाषण सीतारमण का 56 मिनट का आज का बजट भाषण उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण है। सदन में सबसे लंबा बजट भाषण देने का श्रेय भी सीतारमण को जाता है। उन्होंने साल 2020 में दो घंटे 40 मिनट तक भाषण पढ़ा था।भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में 2019 में सीतारमण का बजट भाषण दो घंटे 17 मिनट तक चला था। साल 2021 में उन्होंने एक घंटा 50 मिनट तक बजट भाषण दिया। 2022 में उनका यह भाषण 92 मिनट का और 2023 में 87 मिनट का रहा।सीतारमण के आज के बजट भाषण में पहले की तरह तमिल कवियों और विचारकों के उद्धरण नहीं थे। हालांकि, उन्होंने कम से कम आठ बार प्रधानमंत्री मोदी का उल्लेख किया और उनके भाषणों के अंश पढ़े।लोकसभा की दर्शक दीर्घाओं में अधिक संख्या में लोग नहीं थे। दीर्घा-2 में राज्यसभा के कुछ सदस्य बैठे थे। वहीं, वित्त मंत्री के रिश्तेदार कृष्णमूर्ति लक्ष्मीनारायणन और विद्या लक्ष्मीनारायणन और उनकी बेटी वांग्मयी पराकला को दीर्घा-3 की पहली कतार में बैठे हुए देखा गया।बजट पेश करने से पहले सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्रियों- पंकज चौधरी और भागवत कराड और वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।राष्‍ट्रपति ने ख‍िलाया चम्‍मच से दही-शक्‍कर राष्ट्रपति ने सीतारमण को चम्मच से दही-शक्कर खिलाया। केंद्रीय बजट प्रस्तुत करने के लिए शुभकामनाएं दीं। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कुछ शब्द-संक्षेपों की नई व्याख्या की। मसलन, उन्होंने एफडीआई को ‘फर्स्ट डेवलप इंडिया’ (पहले भारत का विकास) और जीडीपी को ‘गवर्नेंस, डेवलपमेंट एंड परफॉर्मेंस’ (शासन, विकास और कार्य प्रदर्शन) कहा।उन्होंने कहा, ‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के रूप में बढ़ोतरी के अलावा सरकार अधिक समावेशी जीडीपी (शासन, विकास और कार्य प्रदर्शन) पर भी समान रूप से ध्यान दे रही है।’वित्त मंत्री सीतारमण ने 2019 में बजट ��स्तावेजों को परंपरागत ब्रीफकेस में लाने के बजाय बही-खाते के रूप में लाना शुरू किया था। इस पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न होता है। इस बार उन्होंने इस परिपाटी को कायम रखा।जनता दल (यूनाइटेड) के नेता राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ को बजट भाषण के दौरान अनेक बार मेज थपथपाते हुए देखा गया। उनकी पार्टी गत सप्ताह ही दोबारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुई है। सीतारमण के बजट भाषण की समाप्ति पर प्रधानमंत्री मोदी उनके पास पहुंचे। अंतरिम बजट प्रस्तुत करने के लिए उन्हें बधाई दी। कई मंत्रियों को भी सीतारमण को बजट प्रस्तुत करने के बाद बधाई देते हुए देखा गया। http://dlvr.it/T29v2q
0 notes
anjalibuildestate · 6 months
Text
जयपुर में रियल एस्टेट मार्केट 2023
2023 में जयपुर में रियल एस्टेट बाजार में हाल के वर्षों में लगातार वृद्धि देखी गई है। शहर की तीव्र आर्थिक और जनसंख्या वृद्धि इसका प्राथमिक कारण है। जयपुर आईटी और सॉफ्टवेयर उद्योगों का केंद्र बन गया है। इसलिए इससे करियर विकल्प बढ़े हैं और तेजी से आर्थिक विकास हुआ है। इससे आवास की मांग बढ़ती है।
शहर की सामाजिक और भौतिक संरचना में महत्वपूर्ण विकास देखा गया है। इसमें मेट्रो प्रणाली और सड़क नेटवर्क शामिल हैं। यह निवासियों और निवेशकों के लिए पारगमन को आरामदायक और आसान बनाता है।
जयपुर के हाउसिंग रियल एस्टेट बाजार में 2021 की पहली छमाही में मध्यम वृद्धि हुई है। और COVID-19 महामारी के दौरान, श्रमिकों की कमी और श्रृंखला में गड़बड़ी के कारण रियल एस्टेट बाजार में कई देरी देखी गई। महामारी ने खरीदारों की इच्छा को अधिक बाहरी स्थान वाले बड़े घरों की ओर स्थानांतरित कर दिया है। इससे विला और रो हाउस की मांग बढ़ गई।
जयपुर में रियल एस्टेट बाजार मूल्य निर्धारण में कुछ बदलाव देखा गया है। 2020 में महामारी के कारण प्रॉपर्टी की कीमतों में थोड़ी कमी आई थी. लेकिन कीमतें स्थिर हो गई हैं और कुछ क्षेत्रों में बढ़ी भी हैं।
शहर के बाहरी इलाकों, जैसे सिरसी रोड, में मांग में वृद्धि देखी गई है। ऐसा उनके आईटी हब के नजदीक होने और अच्छे पारगमन नेटवर्क के कारण है। और इंदिरा नगर जैसे क्षेत्र प्रमुख आवास स्थल बन गए हैं। हाउसिंग प्रोजेक्ट की कीमतें ऊंची हो गई हैं.
जयपुर जैसे शहर में रियल एस्टेट बाजार को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं। 2023 में जयपुर में रियल एस्टेट बाजार पर प्रभाव डालने वाले इनमें से कुछ कारक शामिल हैं:
आर्थिक विकास एक अन्य महत्वपूर्ण कारक है। यह जयपुर में रियल एस्टेट रुझान को संचालित करता है। यह शहर कई सॉफ्टवेयर फर्मों और कॉर्पोरेट उद्योगों के साथ एक आईटी केंद्र है। यह कई कुशल और कामकाजी आबादी को आकर्षित करता है। और इससे आवास, खुदरा और कार्यालय स्थानों की मांग में वृद्धि हुई है।
जयपुर शहर की सामाजिक संरचना उत्कृष्ट है। यह उल्लेखनीय आवास इकाइयों की मेजबानी करता है। इसमें मेट्रो लाइनें, सड़क नेटवर्क और हवाई अड्डे का विस्तार भी शामिल है। यह प्रगति शहर की बढ़ती आबादी के लिए बेहतर रहने की जगह उपलब्ध कराती है।
ब्याज दरें भी बाजार पर प्रभाव डालती हैं, क्योंकि वे खरीदारों और डेवलपर्स के बजट को प्रभावित करती हैं। इससे क्रेडिट लेना महंगा हो जाता है.
कर प्रोत्साहन और सब्सिडी रियल एस्टेट बाजार को प्रभावित करते हैं। जीएसटी और आरईआरए अनुप्रयोग रियल एस्टेट बाजार को भरोसेमंद और अधिक स्थिर बनाते हैं।
जयपुर स्टार्ट-अप हब के लिए भारत के सबसे वांछनीय शहरों में से एक है। यह स्टार्ट-अप्स के साथ-साथ कई वैश्विक फर्मों की मेजबानी करता है, जिनके मुख्य कार्यालय हैं। यह आर्थिक विकास को बढ़ाता है और खुदरा और कार्यालय स्थान की मांग को बढ़ाता है।
हमारी सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर में विदेशी निवेश के कई नियमों में ढील दी है। यह विदेशी निवेशकों को भारतीय रियल एस्टेट में बहुत आसानी से निवेश करने में सक्षम बनाता है।
2023 में जयपुर में रियल एस्टेट बाजार में तेजी से वृद्धि होगी। बेहतर करियर विकल्प और जीवन गुणवत्ता के लिए अधिक लोग शहर की ओर जा रहे हैं।
#investment #jaipur #ajmer #vashalinagar #ganganagar #sikar #jodhpur #kishangarh #villas #travelgram #luxury #vacation #interiordesign #dubai #homedecor #holidays #interior #bali #uae #realestate #house #greece #qatar #bahrain #luxurylifestyle #hotel #building #pool #investment #travelgram #luxury #vacation #interiordesign #homedecor #holidays #interior #realestate #house #luxurylifestyle #hotel #building #pool #investment #viral #investment #villa #property #flat #home #buyvilla #youtube #video #viral #instagramreels #reelsindia #investment #villasale #sale #viralhome #homedecor #home #homesweethome #homedesign #budget #realestate #budget #3bedroomapartment
0 notes
newsvatika · 10 months
Text
Samman Pension प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ गई सम्मान पेंशन
सुरेन्द्र दुआ,नूंह: Samman Pension जिला के पूर्व सरपंचों, बीडीसी सदस्य, जिला परिषद सदस्य आदि को मिलने वाली मासिक सम्मान पेंशन कथित प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ गई हैं। फरवरी 2020 से यह मामला लटका हुआ हैं। जबकि पात्र प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, जिला उपायुक्त, एसडीएम, डीडीपीओ व बीडीपीओ आदि तक इसकी फरियाद की जा चुकी हैं। बजट भी किया जा चुका है जारी Samman Pension हैरत की बात यह…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
khetikisaniwala · 11 months
Text
मोदी@9 | प्रधानमंत्री की किसान योजना सफल, लेकिन सरकार कृषि आय दोगुनी करने के लक्ष्य से अभी भी दूर
इस साल 23 मार्च को संसद में पेश की गई एक रिपोर्ट में कृषि पर एक संसदीय पैनल ने कहा कि सरकार किसानों की कृषि आय दोगुनी करने के लक्ष्य से बहुत दूर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल में देश का कृषि क्षेत्र कई उतार-चढ़ाव से गुजरा। जबकि भारत के खाद्य उत्पादन में वृद्धि देखी गई, वित्त वर्ष 2012 में भारत के कृषि निर्यात में $ 50 बिलियन के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ, तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की शुरूआत के बाद हजारों किसानों के विरोध में सड़कों पर आने के बाद सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा।
किसानों की आय दोगुनी करने का मोदी सरकार का सबसे बड़ा वादा किसानों को सीधे नकद हस्तांतरण शुरू करने के बावजूद पूरा नहीं हुआ है।
Tumblr media
बड़ा वादा
पिछले चार वर्षों में, किसानों की आय को दोगुना करना इस क्षेत्र का मुख्य विषय रहा है, क्योंकि मोदी ने 2017 में अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान इसकी घोषणा की थी। भारतीय जनता पार्टी के टर्म 2.0 घोषणापत्र में इसे फिर से दोहराया गया। पार्टी ने क्षेत्र के लिए बढ़ती कृषि क्षेत्रीय आय और समृद्धि का वादा किया।
2023 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान कृषि क्षेत्र में पिछले छह वर्षों में 4.6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर देखी गई। कृषि वार्षिक बजट 2023 में पांच गुना बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2013-14 में 30,223.88 करोड़ रुपये था।
इस वर्ष 21 मार्च को कृषि मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, कृषि क्षेत्र के लिए संस्थागत ऋण 2013-14 में 7.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 18.5 लाख करोड़ रुपये हो गया।
2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत, छोटी जोत वाले किसानों के लिए एक आय सहायता योजना, जो तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये प्रदान करती है, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की सफलता की कहानी रही है। रुपये से अधिक। अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.24 लाख करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। सरकार का दावा है कि डिजिटल ट्रांसफर का मतलब है कि पैसा अंतिम उपयोगकर्ता तक पहुंचता है।
इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के माध्यम से एक वर्ष के भीतर ऋण चुकाने वाले सभी लोगों के लिए रियायती संस्थागत ऋण 4 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ाया जा रहा है। यह किसानों को ऋण के अनौपचारिक स्रोतों के ऋणग्रस्तता से खुद को छुटकारा दिलाने का एक उपाय है, और अधिक सदस्यों को नामांकित करने के लिए फरवरी 2020 में एक विशेष अभियान शुरू किया गया था। कृषि मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 23 दिसंबर, 2022 तक 387.87 लाख से अधिक नए केसीसी आवेदन स्वीकृत किए गए थे, जिनकी स्वीकृत क्रेडिट सीमा रु. ड्राइव के हिस्से के रूप में 4,49,443 करोड़।
सरकार ने जैविक खेती और सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए हैं, जिसमें नाबार्ड के साथ 5,000 करोड़ रुपये के प्रारंभिक कोष के साथ एक सूक्ष्म सिंचाई कोष का निर्माण शामिल है, साथ ही कृषि उपयोग के लिए ड्रोन जैसी नवीनतम तकनीक की शुरुआत भी की गई है। 2014-15 से मार्च 2022 की अवधि के दौरान, कृषि मशीनीकरण के लिए 5,490.82 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जैसा कि कृषि मंत्रालय ने 21 मार्च, 2023 को एक बयान में कहा था। किसानों को सब्सिडी के आधार पर 13,88,314 मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं।
0 notes
Photo
Tumblr media
गरीब कल्याण रोजगार अभियान भारत सरकार का 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' एक प्रमुख ग्रामीण लोक निर्माण योजना है जिसका उद्देश्य प्रवासी श्रमिकों और ग्रामीण निवासियों को सशक्त बनाने और आजीविका की संभावनाएं प्रदान करना है। 20 जून, 2020 को, अभियान की शुरुआत ग्राम तेलिहार, ब्लॉक बेलदौर, खगड़िया जिला, बिहार से की गई थी। उद्देश्यों इस 125-दिवसीय अभियान के लक्ष्य, जिसका बजट  50,000 करोड़ रु, इस प्रकार हैं: प्रवासियों और इसी तरह पीड़ित ग्रामीण निवासियों को जीविकोपार्जन के लिए अवसर प्रदान करें। Read complete and updated information at https://sarkarinaukritraining.com/blog/details/%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%AC-%E0%A4%95%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A3-%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%85%E0%A4%AD%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A8
0 notes
tiwariproduction · 1 year
Text
Honda Activa 6g: भारत का सबसे पसंदीदा स्कूटर जिसे ₹2761 में ले जा सकते हैं घर
Tumblr media
Honda Activa 6g, भारत में लोकप्रिय स्कूटर, अभी तक अपने सबसे कम कीमत के साथ बजट के प्रति जागरूक ग्राहकों के लिए अधिक सुलभ हो गया है। Activa 6G 2020 में लॉन्च होने के बाद से भारत में एक शीर्ष-बिकने वाला स्कूटर रहा है, और नवीनतम मूल्य ड्रॉप की बिक्री को और बढ़ावा देने की उम्मीद है। होंडा एक्टिवा 6 जी का नया मूल्य टैग मानक संस्करण के लिए 66,799 रुपये और डीलक्स वेरिएंट के लिए 68,299 रुपये है। यह Activa 6g को अपने सेगमेंट में सबसे सस्ती स्कूटर में से एक बनाता है, जो ग्राहकों को पैसे के लिए एक महान मूल्य प्रदान करता है। Activa 6G हमेशा अपनी उत्कृष्ट ईंधन दक्षता, उन्नत प्रौद्योगिकी और सुरक्षा सुविधाओं के लिए जाना जाता है, जो इसे भारत में यात्रियों और परिवारों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बनाते हैं। नई कीमत की गिरावट के साथ, Activa 6G अब छात्रों और युवा पेशेवरों सहित व्यापक दर्शकों के लिए अधिक सुलभ है। इसे भी पढ़े: Cab booking : सस्ते में कार बुक करना चाहते हैं तो अपनाएं यह ट्रिक होंडा हमेशा अपने उत्पादों को सभी सेगमेंट के ग्राहकों के लिए सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, और Activa 6G का नया मूल्य टैग उस प्रतिबद्धता के लिए एक वसीयतनामा है। कंपनी ने अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर समझौता किए बिना, अपनी आपूर्ति श्रृंखला और विनिर्माण प्रक्रियाओं का अनुकूलन करके इसे हासिल किया है। Activa 6G 109.51cc इंजन द्वारा संचालित होता है, जो 7.68 BHP की अधिकतम शक्ति और 8.79 एनएम की पीक टॉर्क प्रदान करता है। इसमें ईंधन टैंक क्षमता 5.3 लीटर है और यह लगभग 60 किमी/लीटर का लाभ प्रदान करता है, जिससे यह अपनी कक्षा में सबसे अधिक ईंधन-कुशल स्कूटरों में से एक है। Activa 6G भी उन्नत सुविधाओं की एक श्रृंखला के साथ आता है, जैसे कि होंडा का PGM-FI (प्रोग्राम्ड फ्यूल इंजेक्शन) सिस्टम, जो इष्टतम ईंधन दक्षता और चिकनी त्वरण सुनिश्चित करता है। इस स्कूटर के अंदर सबसे बड़ी विशेष बात यह है कि यह बहुत ही शांत रूप से स्टार्ट होता है, जो इसे सड़क पर सबसे शांत स्कूटर में से एक बनाता है। कुल मिलाकर, Activa 6G अपनी ईंधन दक्षता, उन्नत प्रौद्योगिकी और सुरक्षा सुविधाओं के साथ पैसे के लिए महान मूल्य प्रदान करता है। नई कीमत की गिरावट के साथ, Activa 6G भारत में ग्राहकों के बीच और भी अधिक लोकप्रिय बनने के लिए तैयार है। कैसे खरीद सकते हैं सिर्फ ₹2761 में होंडा एक्टिवा 6G होंडा एक्टिवा 6 जी के लिए ईएमआई ऋण राशि, ब्याज दर और ऋण के कार्यकाल के आधार पर भिन्न होता है। उदाहरण के लिए, यदि आप रुपये का ऋण लेते हैं। 10%की ब्याज दर पर 2 साल के कार्यकाल के लिए 60,000, आपका ईएमआई लगभग रु। प्रति माह 2,761। यदि आप एक छोटा कार्यकाल चुनते हैं, तो आपका ईएमआई अधिक होगा, लेकिन भुगतान की गई कुल ब्याज कम होगा। अगर आप भी कोई ऐसी स्कूटी लेने की सोच रहे हैं जो आपके बजट में हो और आप इसे बहुत ही आसानी से खरीद सकें तो आप इसे बेहद कम कीमत में किस्तों में खरीद सकते हैं, हालांकि जब भी आप इसे खरीदना चाहें तो आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। यह आपके नजदीकी डीलर से प्राप्त किया जाना चाहिए। इसके बारे में विस्तृत जानकारी आप अपनी नजदीकी डीलर के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं, साथ ही साथ आप स्कूटी के बारे में और भी कई सारी अन्य जानकारियां जैसे कि इसके फीचर, माइलेज आदि के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि यदि एक दृष्टि से देखा जाए तो यह सबसे कम कीमत वाला और अधिक फीचर वाला स्कूटी है जो आरामदायक होने के साथ-साथ कई सारे फीचर के साथ लैस है। Read the full article
0 notes
Text
प्रदेश में ग्रामीण सड़कों एवं पुलों के निर्माण, क्रमोन्नयन एवं सुदृढीकरण के लिए 1745.73 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इस निर्णय से प्रदेश के गांवों में लगभग 2369 कि.मी. लम्बाई की सड़कों तथा 3369 मीटर लम्बाई के पुलों के सुदृढ़ीकरण एवं क्रमोन्नयन के कुल 301 कार्य कराए जाएंगे। इनमें 266 सड़कों एवं 35 पुलों के कार्य शामिल हैं। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा कराए जाने वाले इन कार्यों से ग्रामीण क्षेत्र सड़क मार्ग से जुड़ेंगे और आवागमन सुगम हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 के बजट में प्रदेश के गांवों में सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए मार्च-2025 तक 8663 कि.मी. लम्बाई की ग्रामीण सड़कों के उन्नयन की घोषणा की थी, जिसकी क्रियान्विति में उक्त स्वीकृति प्रदान की गई है।
0 notes
emkanews7 · 1 year
Text
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना क्या है 
Tumblr media
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना क्या है, गरीब कल्याण रोजगार अभियान, गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत, गरीब कल्याण रोजगार योजना रजिस्ट्रेशन, गरीब कल्याण योजना फॉर्म Online Apply, गरीब कल्याण रोजगार अभियान, गरीब कल्याण योजना फॉर्म,
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना 
कोरोना जैसे महमारी में सभी देशो को बहुत बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। कोरोना वायरस की वजह से बहुत से लोगो नौकरी जा चुकी है। लेकिन मजदूर और श्रमिकों को ज्यादा क्षति हुई है जो बाहर दूसरे राज्य में रहकर काम करते थे। उनके पास रोजगार का कोई साधन उपलब्ध नहीं है कोरोना वायरस लॉक डाउन की वजह से प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के अवसर लगभग बंद हो चुके हैं। इस समस्याओं को देखते हुए देश की वित् मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा देश के प्रवासी मजदूरों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की गई। इस योजना की शुरुआत देश के 6 राज्यों में और 116 जिलों में शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत अभियान 25 दिनों तक चलाया जाएगा। जिसमें 25 तरीके के काम प्रवासी मजदूरों को दिए जाएंगे । यदि आप  योजना से जुडी संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना का उद्देश्य  
इन्ही सभी परेशानियों को देखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत की गयी है। इस योजना का मुख्य उदेश्य है देश के ग्रामीण क्षेत्रो के प्रवासी मजदूरों को रोजगार प्रदान करवाना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 जून 2020 को गरीब कल्याण रोजगार अभियान की शुरुआत की गई।  इस अभियान में 6 राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा को शामिल किया जाएगा। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को बिहार के खगड़िया जिले के एक गांव से शुरुआत की गई। इस योजना के अंतर्गत लगभग 50 हज़ार करोड़ रूपये का खर्च सरकार द्वारा किया जायेगा। योजना के अंतर्गत विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रो के विकास के मकसद से 25 विकास कार्य जैसे आंगनवाड़ी केंद्र , सामुदायिक केंद्र, कृषि, सड़क, आवास, बागवानी जल संरक्षण आदि पर जोर दिया जायेगा। जिस जगह पंचयात भवन नहीं है वहां पर पंचायत भवन बनाया जायेगा। कोरोनावायरस  की वजह से इन प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के अवसर बंद हो चुके हैं और उनके पास रोजगार का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। उन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना और उनकी आजीविका को सुधारना है।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान 2023 का लाभ
- इस योजना से प्रवासी श्रमिकों काे आर्थिक विकास में सुधार होगा। - राज्य में बेरोजगारी कम होगी और लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। - इस योजना का लाभ देश सभी प्रवासी मजदूरों को प्रदान किया जायेगा। - इस अभियान से आत्मनिर्भर भारत योजना के अंतर्गत क्षेत्रीय उद्योगों को स्थापित करने को बढ़ावा दिया जा रहा है - केंद्र सरकार द्वारा गरीब कल्याण रोजगार अभियान का बजट लगभग 50 हजार करोड़ रुपये रखा गया है। - इस योजना लिए 12 मंत्रालय एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। इसमें ग्रामीण विक��स,पंचायती राज,सड़क परिवहन आदि भी शामिल है। - PM गरीब कल्याण योजना में किसी भी मजदूर को उसकी कार्य कुशलता के आधार पर ही काम दिया जायेगा। - इस योजना के अंतर्गत गरीब प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान किये जायेंगे।
गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आय प्रमाण पत्र - मोबाइल नंबर - पासपोर्ट फोटो - राशन कार्ड - मूल निवास प्रमाण पत्र - बैंक अकाउंट पासबुक - आधार कार्ड
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना में शामिल राज्यों के नाम 
- बिहार   - उत्तर प्रदेश - मध्य प्रदेश - राजस्थान - ओडिशा - झारखण्ड
योजना के अंतर्गत शामिल विभागों के नाम 
- ग्रामीण विकास मंत्रालय - पंचायती राज मंत्रालय - सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय - खान मंत्रालय - पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय - पर्यावरण मंत्रालय - रेलवे मंत्रालय - पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय - नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय - सीमा सड़क विभाग - दूरसंचार विभाग - कृषि मंत्रालय
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार  योजना में शामिल किये गए कार्य की लिस्ट
- रेलवे - पीएम कुसुम - भारत नेट - बागवानी - CAMPA का वृक्षारोपण - पीएम उर्जा गंगा प्रोजेक्ट - कुओं का निर्माण - वृक्षारोपण का काम - खेत तालाबों का निर्माण - पशु शेड का निर्माण - पोल्ट्री शेड का निर्माण - बकरी शेड का निर्माण - ग्राम पंचायत भवन का निर्माण - राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यों का निर्माण - जल संरक्षण और कटाई का काम - आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण - ग्रामीण आवास कार्यों का निर्माण - ग्रामीण कनेक्टिविटी का काम - वर्मी-कम्पोस्ट संरचनाओं का निर्माण - लाइवलीहुड के लिए केवीके प्रशिक्षण - जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट काम - सामुदायिक स्वच्छता केंद्र का निर्माण - ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य
Tumblr media
bihar chhatrawas yojana
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार के अंतर्गत आने वाली योजनाओं की सूची
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना अभियान के अंतर्गत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली 25 योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया जाएगा। यह काम 125 दिन के अंदर अंदर किया जाएगा। शामिल की गई योजनाएं कुछ इस प्रकार है  - कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग प्रशिक्षण aकौशल विकास - रक्षा मंत्रालय सीमावर्ती सड़कें - दूरसंचार विभाग भारत नेट - नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग - Pm कुसुम - पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना - पर्यावरण  वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय -सी ए ए एम पी ए निधियां - पेयजल और स्वच्छता विभाग-स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण - रेलवे मंत्रालय-रेलवे कार्य - खान मंत्रालय-जिला खनिज निधि - सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय-भारतमाला और अन्य योजनाएं - पंचायती राज मंत्रालय-वित्त आयोग अनुदान - ग्रामीण विकास विभाग-श्याम प्रसाद मुखर्जी रूब्रन मिशन - ग्रामीण विकास विभाग-महात्मा गांधी नरेगा - ग्रामीण विकास विभाग-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना - ग्रामीण विकास विभाग- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण
गरीब कल्याण रोजगार योजना रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आवेदक अपने जिले के क्षेत्रीय श्रमिक विभाग में जाना होगा। - अब वहा से आपको प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान का आवेदन फॉर्म लेना होगा। आपको आवेदन फॉर्म को भरना होगा। - अब आपको सभी दस्तावेजों को आवेदन फॉर्म से अटैच करना होगा। - अब आपको आवेदन फॉर्म श्रमिक विभाग में जमा करना होगा। - अब आपको एक रेफरेंस नंबर प्राप्त होगा। - अब आपको इस रेफरेंस नंबर को संभाल कर रखना होगा। - इस रेफरेंस नंबर के माध्यम से आप अपना एप्लीकेशन स्टेटस देख सकते हैं। rojgar panjiyan Madhya Pradesh online | रोजगार पंजीयन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म 2023 Kisan Vikas Patra Yojana | किसान विकास पत्र योजना 2023 Read the full article
0 notes
gkcurrentaffairs · 1 year
Text
केंद्रीय बजट 2023-24 :
भारत का 2023 का केंद्रीय बजट 01 फरवरी, 2023 को भारत के वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया था। यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट था, जो 2020 से शुरू हुआ था। केंद्रीय बजट 2023-24 में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि चालू वर्ष की आर्थिक वृद्धि 7% रहने का अनुमान है, जो “सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।” अंत में, राजकोषीय घाटे के संबंध में, उसने…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
rudrjobdesk · 2 years
Text
बिजली क्षेत्र के लिए बजट 2020 में नई योजना ! उदय स्कीम को लेकर भी हो सकती है नई घोषणा
बिजली क्षेत्र के लिए बजट 2020 में नई योजना ! उदय स्कीम को लेकर भी हो सकती है नई घोषणा
बिजली मंत्री आर. के. सिंह ने सोमवार को कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को वित्तीय रूप से पटरी पर लाने की उदय (उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना) योजना सफल रही है और इससे बिजली वितरण कंपनियों का नुकसान कम हुआ है। उन्होंने कहा कि इसमें और सुधार लाते हुए नई उदय योजना की आगामी बजट में घोषणा की जा सकती है। वित्त मंत्री एक फरवरी को 2020-21 का बजट पेश करेंगी।  एक कार्यक्रम में सिंह ने अलग से बातचीत में…
View On WordPress
0 notes
premiumgyan · 2 months
Text
What is PMGKAY | PMGKAY Extension 2023 | पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना सम्पूर्ण जानकारी
Tumblr media
PMGKAY क्या है पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना, जो 1 जनवरी से 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देगी? Introduction of PMKGAY क्या है PMGKAY योजना? प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) भारत सरकार द्वारा आरंभ की गई एक विशेष योजना है, जिसे COVID-19 महामारी के दौरान ��ेश के गरीब और वंचित वर्ग के लोगों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस योजना के तहत, सरकार ने 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराया, जिसमें प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज (गेहूं या चावल) मुफ्त में दिया जाता है। इस योजना का उद्देश्य गरीब लोगों को कोरोना संकट के समय में खाद्य सहायता प्रदान करना है। 1 जनवरी से इस योजना को और आगे बढ़ाया गया है, जिससे 81 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। यह योजना राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत पहले से उपलब्ध अनाज के अतिरिक्त है। PMGKAY के तहत मुफ्त अनाज वितरण का उद्देश्य विशेष रूप से इस महामारी के दौरान आर्थिक रूप से प्रभावित लोगों की मदद करना है। इस योजना को लागू करने के लिए, सरकार ने विशेष बजट आवंटित किया है और खाद्य वितरण सिस्टम को मजबूत किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर लाभार्थियों तक अनाज पहुँचाया जा सके। शुरुआत और इतिहास प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत मार्च 2020 में हुई थी, जब COVID-19 महामारी ने विश्वव्यापी रूप से प्रसार पाना शुरू किया। इस महामारी ने भारत में विशेष रूप से आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया, जिससे गरीब और वंचित वर्ग के लोगों पर खाद्य सुरक्षा का संकट गहरा गया। इस योजना के तहत, सरकार ने इन लोगों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। PMGKAY extension 2023 (पीएमजीकेवाई योजना का विस्तार 2023) हालांकि पीएमजीकेवाई (प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना) कार्यक्रम 2023 तक चला, यह समझना महत्वपूर्ण है कि इसे नवंबर 2023 में पांच साल के लिए दिसंबर 2028 तक बढ़ा दिया गया था। इसलिए, पीएमजीकेवाई कार्यक्रम के लिए आवेदन 2023 में भी स्वीकार किए जा रहे थे, और वे आगे भी  स्वीकार जाएंगे। कुछ महत्वपूर्ण बातें याद रखें: पीएमजीकेवाई विस्तार: दिसंबर 2028 तक बढ़ाया गया। आवेदन प्रक्रिया: वही रहेगी - आपके राज्य के खाद्य आपूर्ति विभाग की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन या आपके निकटतम राशन की दुकान पर ऑफ़लाइन। पात्रता: वे व्यक्ति जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) मानदंडों को पूरा करते हैं या अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) कार्यक्रम के तहत पंजीकृत हैं, पात्र हैं। अधिक जानकारी: डीएफपीडी वेबसाइट: https://dfpd.gov.in/ हेल्पलाइन नंबर: 1967 पीएमजीकेवाई के बारे में सबसे सटीक और नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों जैसे डीएफपीडी वेबसाइट या हेल्पलाइन पर भरोसा करना महत्वपूर्ण है। PMGKAY Extenstion योजना मे 2024 मे किए गए बदलाव  केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत लगभग 81.35 करोड़ लाभार्थियों (अर्थात अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) परिवार और प्राथमिकता वाले परिवार (पी. एच. एच.) लाभार्थियों) को उनकी पात्रता के अनुसार (अर्थात् प्रति माह प्रति एएवाई परिवार 35 किलोग्राम खाद्यान्न और प्राथमिकता वाले परिवार के मामले में प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न) दिनांक 1 जनवरी, 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराना जारी रखने का निर्णय लिया है। यह निर्णय लाभार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, साथ ही NFSA 2013 के प्रावधानों को मजबूत करते हुए गरीबों की खाद्यान्न तक पहुंच, वहनीयता और उपलब्धता के संदर्भ में सभी राज्यों में एकरूपता बनाए रखने के लिए। भारत सरकार द्वारा वयस्क परिवारों, पीएचएच लाभार्थियों, अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों और टाइड ओवर को खाद्यान्न वितरण के लिए वार्षिक 2.13 लाख करोड़ रुपए की खाद्य सब्सिडी दी जाती है। आर्थिक लागत में वृद्धि को देखते हुए, अगले पांच वर्षों में केंद्र सरकार PMGKAY के तहत खाद्य सब्सिडी के रूप में लगभग 11.80 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।  1 जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए PMGKAY के तहत निःशुल्क खाद्यान्न का प्रावधान राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के समाधान के लिए सरकार की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और दृष्टिकोण को दर्शाता है। निःशुल्क खाद्यान्न के प्रावधान, लाभार्थियों के लिए शून्य लागत के साथ दीर्घकालिक मूल्य निर्धारण कार्यनीति सुनिश्चित करेंगे, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रभावी पहुंच के लिए महत्वपूर्ण हैं, साथ ही समाज के प्रभावित वर्ग के लिए आर्थिक चुनौती को कम करेंगे। केंद्र सरकार ने पहले ही पीएमजीकेएवाई के तहत लाभार्थियों (एएवाई परिवारों और पीएचएच लाभार्थियों) को एक वर्ष के लिए खाद्यान्न मुफ्त देने का फैसला किया था. 1 जनवरी 2023 से। PMGKAY योजना का उद्देश्य Objective of PMGKAY Scheme PMGKAY योजना, जिसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से जाना जाता है, का मुख्य उद्देश्य देश के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को महत्वपूर्ण समय में सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत, सरकार राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराती है, जिससे वे अपने परिवार का पेट भर सकें और भूखमरी की समस्या से निपट सकें। यह योजना विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही है दुनिया भर में फैले COVID-19 महामारी के दौरान, जब आर्थिक गतिविधियाँ धीमी पड़ गईं और बहुत से लोगों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। योजना के कुछ मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं: - भूखमरी और कुपोषण से लड़ना: गरीब परिवारों को मुफ्त में अनाज प्रदान करके, यह योजना भूखमरी और कुपोषण की समस्याओं को कम करने में मदद करती है। - आर्थिक सहायता प्रदान करना: यह योजना गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करती है, क्योंकि उन्हें अपनी आय का एक हिस्सा खाद्य सुरक्षा पर खर्च नहीं करना पड़ता है। - सामाजिक समरसता सुनिश्चित करना: योजना के जरिए, सरकार समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता और समानता सुनिश्चित करने का प्रयास करती है, ताकि हर किसी को बुनियादी खाद्य सुरक्षा प्राप्त हो सके। - आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करना: विशेष रूप से आपातकालीन स्थितियों जैसे कि महामारी या प्राकृतिक आपदाओं के दौरान, यह योजना जरूरतमंद लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने का एक माध्यम बन जाती है। - सामाजिक सुरक्षा नेट मजबूत करना: PMGKAY योजना सामाजिक सुरक्षा नेट को मजबूत करने में भी योगदान देती है, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्गों को संकट के समय में सहारा मिल सके। मुफ्त खाद्यान्न: योजना के तहत, लाभार्थियों को प्रति माह 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न (चावल, गेहूं और दाल) दिया जाता है। यह उन्हें भोजन की कमी से बचाने और अपनी बुनियादी खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है। वित्तीय बोझ कम करना: मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करके, योजना गरीब और जरूरतमंद लोगों के वित्तीय बोझ को कम करती है। वे भोजन पर कम पैसे खर्च कर सकते हैं और अपनी आय का उपयोग अन्य आवश्यकताओं जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास के लिए कर सकते हैं। पोषण में सुधार: योजना पौष्टिक भोजन प्रदान करके लोगों के पोषण में सुधार करने में भी मदद करती है। यह कुपोषण को कम करने और लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना: योजना किसानों से खाद्यान्न खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है। यह किसानों की आय में वृद्धि करता है और उन्हें अपनी आजीविका को बेहतर बनाने में मदद करता है। इस तरह, PMGKAY योजना न केवल भूखमरी और कुपोषण के खिलाफ एक कदम है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है, जिससे देश के गरीब और जरूरतमंद वर्गों को महत्वपूर्ण सहायता मिल सके। PMGKAY योजना की विशेषताएं: PMGKAY योजना, जिसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से जाना जाता है, ने भारत में गरीब और ���रूरतमंद लोगों के लिए कई लाभ प्रदान किए हैं। इस योजना के माध्यम से, सरकार ने विशेष रूप से COVID-19 महामारी के दौरान और उसके बाद भी, आर्थिक तंगी और भूखमरी की स्थितियों में राहत पहुँचाने का प्रयास किया है। नीचे PMGKAY योजना के कुछ मुख्य लाभ दिए गए हैं: मुफ्त अनाज वितरण: योजना के तहत, राशन कार्ड धारकों को हर महीने निर्धारित मात्रा में गेहूं, चावल और दालें मुफ्त में प्रदान की जाती हैं, जिससे उनकी बुनियादी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। आर्थिक सहायता: इस योजना से गरीब परिवारों को अपने खर्चों में थोड़ी राहत मिलती है, क्योंकि उन्हें अपनी मेहनत की कमाई का एक बड़ा हिस्सा खाद्य सामग्री पर खर्च नहीं करना पड़ता। भूखमरी और कुपोषण में कमी: गरीब और जरूरतमंद लोगों को नियमित रूप से अनाज प्रदान करके, यह योजना भूखमरी और कुपोषण की समस्या को कम करने में मदद करती है। सामाजिक समरसता: PMGKAY योजना समाज के सभी वर्गों के बीच समरसता बढ़ाती है, जिससे सामाजिक सहयोग और समर्थन की भावना को बल मिलता है। आपदा प्रतिक्रिया: COVID-19 जैसी महामारी और अन्य आपदाओं के दौरान, यह योजना आपातकालीन खाद्य सहायता के रूप में कार्य करती है, जिससे प्रभावित लोगों को तत्काल राहत मिलती है। खाद्य सुरक्षा को मजबूती प्रदान करना: इस योजना ने भारत में खाद्य सुरक्षा की स्थिति को मजबूत किया है, जिससे लंबी अवधि में देश की खाद्य संप्रभुता सुनिश्चित होती है। सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत करना: PMGKAY योजना ने भारत में सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क को मजबूत किया है, जिससे समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम किया जा सके।  व्यापक कवरेज: बड़ी संख्या में गरीब और जरूरतमंद लोगों को कवर करती है।  मुफ्त और लक्षित: लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया जाता है और योजना लक्षित तरीके से लागू होती है।  पोषण में सुधार: पौष्टिक भोजन प्रदान करके लोगों के पोषण को बेहतर बनाती है।  स्थिरता: खाद्यान्न का निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करती है।  ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: किसानों से खाद्यान्न खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करती है।  पारदर्शिता: योजना में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं, जैसे लाभार्थियों की सूची का सार्वजनिक करना और निगरानी तंत्र स्थापित करना। कुछ अतिरिक्त लाभ एवं विशेषताएं: योजना की शुरुआत कोविड-19 महामारी के दौरान हुई थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया और अब इसे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक स्थायी उपाय के रूप में माना जा रहा है। योजना का लाभ उठाने के लिए कोई जटिल प्रक्रिया नहीं है। केवल राशन कार्ड दिखाकर लाभार्थी मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। योजना ने गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण सुधार किया है। Read Also: RPSC Food Safety Officer Result 2024 Declared: Check Out Now! How to Refund Money from Any UPI Or Bank इन 5 तरीको से तुरंत मिलेगा गलत यूपीआई पेमेंट का पैसा, पूरी जानकारी जरूर पढ़े Top 10 Classic Books for Valentine Day इस वैलेंटाइन डे पर पढ़ने के लिए 10 क्लासिक रोमांस किताबें Smpoorn Chikitsa PDF Book | सम्पूर्ण चिकित्सा | आयुर्वेद का ख़जाना | Free Read and Download Aadhar Card Download Using Mobile Number: मोबाइल से आधार कार्ड डाउनलोड कैसे करे- 2 तरीके PM Kisan Beneficiary Status List 2024 | PM Kisan Beneficiary Status Aadhar | Check Now PMGKAY योजना मे लाभार्थी का चयन की प्रक्रिया Selection process of beneficiaries in the PMGKAY scheme. PMGKAY योजना के लाभार्थियों का चयन भारत सरकार द्वारा निर्धारित विशिष्ट मानदंडों के आधार पर किया जाता है। यह चयन प्रक्रिया योजना के उद्देश्य को सुनिश्चित करने और उन लोगों तक सहायता पहुँचाने के लिए बनाई गई है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है। निम्नलिखित तरीके से लाभार्थियों का चयन होता है: - राशन कार्ड धारकों का डेटाबेस: PMGKAY योजना के अंतर्गत लाभ पाने वाले व्यक्तियों का चयन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत जारी किए गए राशन कार्ड धारकों के डेटाबेस के आधार पर किया जाता है। - आय और जीवन स्तर के मापदंड: लाभार्थियों का चयन उनकी आय और जीवन स्तर के मापदंडों के आधार पर किया जाता है, जिससे सुनिश्चित हो कि सहायता सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुँचे। - गरीबी रेखा से नीचे (BPL) और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) धारक: इस योजना के लाभार्थी मुख्य रूप से गरीबी रेखा से नीचे (BPL) के परिवार और अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के तहत आने वाले सबसे गरीब परिवार होते हैं। - स्थानीय प्रशासन द्वारा सत्यापन: लाभार्थियों की पहचान और चयन में स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकारों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वे राशन कार्ड धारकों के डेटा की समीक्षा करते हैं और सत्यापन प्रक्रिया में मदद करते हैं। - आधार सीडिंग: कई राज्यों में, लाभार्थियों के चयन में आधार कार्ड के साथ राशन कार्ड की सीडिंग (लिंकिंग) भी एक महत्वपूर्ण मापदंड है। यह डुप्लिकेसी को रोकता है और योजना की पारदर्शिता सुनिश्चित करता है। - विशेष श्रेणियों का ध्यान: विकलांगता, वृद्धावस्था, और अन्य विशेष श्रेणियों के लोगों को भी इस योजना के तहत प्राथमिकता दी जाती है, ताकि उन्हें अतिरिक्त सहायता मिल सके।  - इस योजना के तहत पहले NFSA (National Food Security Act) अंतर्गत आने वाले सभी राशन कार्ड धारक शामिल किए जाते हैं।  - इसके अलावा राज्य सरकारें अपने स्तर पर भी गरीब लोगों की पहचान करती हैं और उन्हें इस योजना में शामिल किया जाता है।  - मजदूर, बेरोजगार लोगों और वंचित वर्ग के लोगों को भी इस योजना से जोड़ा जाता है।  - सामाजिक संगठनों और SHGs की मदद से भी लाभार्थियों की पहचान की जाती है। इस प्रकार, PMGKAY योजना ��े लाभार्थियों का चयन एक व्यापक और समग्र प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें विभिन्न मापदंडों और सत्यापन प्रक्रियाओं को शामिल किया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि योजना का लाभ सबसे अधिक जरूरतमंद व्यक्तियों तक पहुँचे। PMGKAY योजना के लिए आवेदन कैसे करे  (How to apply for the PMGKAY scheme) PMGKAY योजना, यानी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया राज्य सरकारों द्वारा संचालित खाद्य और रसद विभाग के माध्यम से की जाती है। यह योजना मुख्य रूप से उन व्यक्तियों के लिए है जिनके पास पहले से ही राशन कार्ड हैं और वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पंजीकृत हैं।  PMGKAY योजना में आवेदन करने के लिए दो तरीके हैं। (1.) Online (2.) Offline. यदि आप PMGKAY योजना के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित चरणों का पालन करें: 1. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए: सबसे पहले आपको अपने राज्य की खाद्य आपूर्ति विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वेबसाइट पर आपको "PMGKAY" योजना के लिए आवेदन करने का लिंक मिलेगा। लिंक पर क्लिक करने के बाद आपको एक आवेदन पत्र भरना होगा। आवेदन पत्र में आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी, राशन कार्ड का विवरण और परिवार के सदस्यों का विवरण देना होगा। आवेदन पत्र भरने के बाद आपको आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन की गई प्रतियां अपलोड करनी होगी। सभी जानकारी भरने और दस्तावेज अपलोड करने के बाद आपको आवेदन पत्र जमा करना होगा। 2. ऑफलाइन: आप अपने नजदीकी राशन दुकान पर जाकर PMGKAY योजना के लिए आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन पत्र भरने के बाद आपको आवश्यक दस्तावेजों की मूल प्रतियां राशन दुकानदार को जमा करनी होगी। राशन दुकानदार आपके आवेदन पत्र की जांच करेगा और यदि सब कुछ सही पाया गया तो आपके आवेदन को स्वीकार कर लिया जाएगा। PMGKAY योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज: राशन कार्ड आधार कार्ड निवास प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो) PMGKAY योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: PMGKAY योजना के लिए आवेदन करने की ���ोई अंतिम तिथि नहीं है। आप योजना के तहत किसी भी समय आवेदन कर सकते हैं। PMGKAY योजना 31 दिसंबर 2023 तक लागू थी, लेकिन अब इसे 5 सालो के लिए बढ़ा दिया गया है।  सरकार योजना को आगे बढ़ाने का निर्णय ले सकती है। PMGKAY योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए: आप अपने नजदीकी राशन दुकान से संपर्क कर सकते हैं। आप खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) की वेबसाइट https://dfpd.gov.in/ पर जा सकते हैं। आप DFPD के हेल्पलाइन नंबर 1967 पर कॉल कर सकते हैं। यह भी ध्यान दें: PMGKAY योजना के तहत आवेदन करने के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा। यदि आपको PMGKAY योजना के तहत आवेदन करने में कोई समस्या आ रही है तो आप DFPD के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं। ध्यान दें कि PMGKAY योजना की आवेदन प्रक्रिया राज्य के अनुसार भिन्न हो सकती है। इसलिए, अद्यतन जानकारी और विशिष्ट निर्देशों के लिए अपने राज्य के खाद्य और रसद विभाग की वेबसाइट पर जाना सबसे अच्छा है। Conclusion/निष्कर्ष:-  पीएमजीकेएवाई योजना गरीबी मुक्त और समान समाज बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल गरीबों को किफायती भोजन उपलब्ध कराता है, बल्कि सामाजिक समानता को भी बढ़ावा देता है और भेदभाव को कम करता है। हालाँकि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह सभी आवश्यक परिवारों तक पहुँचे, इस योजना के कार्यान्वयन और निगरानी में सुधार की आवश्यकता है। पीएमजीकेएवाई के साथ, हम सभी के लिए एक स्वस्थ, अधिक समान और प्रगतिशील समाज की दिशा में काम कर सकते हैं। तो आइए अपने राष्ट्र की भलाई के लिए इस महत्वपूर्ण पहल का समर्थन और प्रचार करना जारी रखें। FAQs:   1. पीएमजीकेएवाई योजना क्या है? - पीएमजीकेएवाई योजना भारत सरकार द्वारा मुहिम है, जो कि सस्ते और किफायती खाद्य सुरक्षा के संकल्प के तहत २०१३ में प्रस्तुत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों को सस्ते और पौष्टिक भोजन की सुविधा प्रदान करना है। 2. पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत कौन-कौन से लोग हिस्सा ले सकते हैं? - पीएमजीकेएवाई योजना के अंतर्गत, सरकार के निर्धारित मापदंडों को पूरा करने वाले गरीब परिवार, अल्पसंख्यक समुदायों, बिमारि‍हि‍त महि‍लाओं, अल्‍पसंख्यक जनजातियों, बौद्ध मत के पहलुओं से सम्बंधित हर वर्ग की आवासीय निर्माण-सहायता प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं। 3. पीएमजीकेएवाई का सरकार को समर्थन क्‍यों करना चाहिए? - पीएमजीकेएवाई के माध्यम से सरकार गरीब परिवारों को सस्ते, किफायती और पौष्टिक भोजन की सुविधा प्रदान करने का महत्वपूर्ण प्रस्ताव है। इससे संपूर्ण समाज में गरीबी का स्तर कम होगा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। 4. PMGKAY full form क्या है? - PMGKAY full form-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana). The PMGKAY (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana) scheme is an initiative of the Government of India to provide affordable food to the poor and underprivileged families in India. 5. How can I apply for the PMGKAY scheme? You can apply for the PMGKAY scheme online by visiting your local Panchayat, Municipality, or District Administration office and filling out the necessary forms. You can also visit a government center to apply for the scheme in person. 6. What documents do I need to apply for the PMGKAY scheme? You will need your family's information, income certificate, Aadhar card, and a selfie for the application process. It is important to have all your documents in order before applying. 7. Who is eligible for the PMGKAY scheme? Families with annual income below Rs 1 lakh, widows, senior citizens, and disabled individuals are eligible for this scheme. 8. Can I apply for the PMGKAY scheme multiple times? No, only one member per family can avail the benefits of this scheme. Duplicate applications will be rejected. However, if there are multiple families living in the same house and they have separate ration cards, all of them can apply for PMGKAY separately. 9. How can I check my eligibility for the PMGKAY scheme? You can check your eligibility for the PMGKAY scheme by visiting the government's official website or contacting your local Panchayat, Municipality, or District Administration office. They will provide you with all the necessary information and help you with the application process. Additionally, you can also check if your name is listed under this scheme on your ration card. 10.  How can I apply for the PMGKAY scheme? To apply for the PMGKAY scheme, you can visit your nearest Panchayat, Municipality, or District Administration office. They will provide you with an application form that needs to be filled out and submitted along with necessary documents such as Aadhaar card, ration card, and bank account details. 11. Can I change my registered bank account for availing benefits under the PMGKAY scheme? Yes, you can change your registered bank account by visiting the nearest Panchayat, Municipality, or District Administration office and submitting a request for changing the bank account details. However, this process may take some time to reflect in the system and until then, your old bank account will continue to receive the benefits. Read the full article
0 notes
dainiksamachar · 1 year
Text
ये कैसी हालत! 38 लाख बेरोजगारों ने कराया रजिस्ट्रेशन, सिर्फ 21 को मिली नौकरी
भोपाल: मध्य प्रदेश में बेरोजगारी की हालत क्या है, इसका अंदाजा सरकार के ही एक आंकड़े से लग सकता है। राज्य में पिछले लगभग तीन साल में रोजगार कार्यालयों में 37.8 लाख शिक्षित व्यक्तियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इनमें से केवल 21 लोगों को सरकारी और अर्ध सरकारी संस्थाओं में नौकरी मिली। 2.51 लाख लोगों को निजी क्षेत्र में नौकरी के प्रस्ताव मिले हैं। राज्य विधानसभा में कांग्रेस के विधायक मेवाराम जाटव के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया गया कि प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में अपने रोजगार कार्यालयों पर 1,674 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में खेल एवं युवा मामलों की मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने जाटव के प्रश्न के उत्तर में बताया कि अप्रैल 2020 से जनवरी-फरवरी 2023 के बीच 37,80,679 शिक्षित और 1,12,470 अशिक्षित व्यक्ति एमपी के रोजगार पोर्टल पर रजिस्टर्ड थे। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान सरकारी और अर्धसरकारी कार्यालयों में 21 लोगों को नौकरी दी गई। इसके अलावा 2,51,577 लोगों को रोजगार मेलों में निजी संगठनों से प्रस्ताव पत्र मिले।मंत्री ने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान रोजगार कार्यालयों पर 1,674.73 करोड़ रुपये खर्च किए गए। ये हालत तब है जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले कुछ महीनों में ही कई बार ये घोषणा कर चुके हैं कि एक साल में एक लाख सरकारी भर्तियां की जाएंगी। बुधवार को विधानसभा में पेश 2023-24 के बजट में भी वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि इस साल एक लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी। http://dlvr.it/SkDCbR
0 notes
newswave-kota · 1 year
Text
राज्य सरकार ने आर के शर्मा की कार्यक्षमता पर जताया विश्वास
Tumblr media
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आर.के.शर्मा ने कार्यभार संभाला न्यूजवेव @ जयपुर ऊर्जा विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा 4 फरवरी 2023 को आदेश जारी कर आर.के.शर्मा को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से एक वर्ष की अवधि हेतु उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक के पद पर नियुक्त किया है। आदेश की अनुपालना में आर.के.शर्मा ने 4 फरवरी को अपराह्न विद्युत भवन, जयपुर मेंं राविउनि के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक का कार्यभार ग्रहण कर लिया है। आर.के.शर्मा नवम्बर 2020 से जनवरी 2021 तक उत्पादन निगम के निदेशक (परियोजना) के पद पर रहे तत्पश्चात जनवरी 2021 से अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक के पद का दायित्व संभाल रहे हैं। शर्मा को ऊर्जा एवं विद्युत उत्पादन क्षेत्र में कार्य का 39 वर्ष से अधिक अवधि का सुदीर्घ अनुभव है जिसमें से कोटा सुपर थर्मल, सूरतगढ़ सुपर थर्मल़, छबड़ा सुपर थर्मल एवं कालीसिंध सुपर थर्मल आदि पॉवर प्लान्टों में 30 वर्ष से अधिक अवधि तक ऑपरेशन, मेंटीनेन्स, सी.एण्ड आई. एवं कॉमर्शियल विभागों के क्षेत्र मे कार्य करते हुए उच्च तकनीकी पदों पर सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने उत्तर क्षेत्रीय पावर समिति की सुरक्षा प्रणाली उपसमिति में बतौर सदस्य तीन वर्ष तक उत्पादन निगम का प्रतिनिधित्व किया है। वे प्रमुख विद्युत उपकरणों यथा जनरेटर, ट्रांसफार्मर की खराबियों की जांच के लिए गठित क्षेत्रीय समितियों के सदस्य भी रहे है। आर.के.शर्मा ने बताया कि उनका मुख्य फोकस उत्पादन निगम के सभी विद्युतगृहों के सुचारू संचालन, राज्य सरकार की बजट घोषणाओं की क्रियान्विति में नई परियोजनाओं के कार्य को गति देना एवं कर्मचारियों की कार्यदक्षता बढ़ाने पर रहेगा। राजस्थान को बिजली संकट से उबारा सीएमडी आरके शर्मा ने अपनी उच्च प्रबंधकीय व तकनीकी कार्यकुशलता से कोयला संकट के दौरान छत्तीसगढ का दौरा कर कोयला संकट से जूझ रहे राजस्थान के सभी तापीय विद्युतगृहों में निरंतर विद्युत उत्पादन बंद नहीं होने दिया। उन्होंने सूरतगढ सुपर थर्मल की लंबे समय तक बंद इकाइयों को फिर से चालू करवाया। साथ ही, जवाहर सागर पन बिजलीघर की बंद इकाइयों को भी पुनः चालू कर निगम को लाभ पहुंचाया। वे मुख्यमंत्री द्वारा बजट में घोषित छबडा व झालावाड में नये सुपर क्रिटिकल प्लांट को निर्धारित समय में स्थापित करने के लिये निरंतर प्रयासरत हैं। उच्च तकनीकी क्षेत्र में लम्बा अनुभव होने से उन्होंने विद्युत उत्पादन निगम को अग्रणी बनाने के लिये दूरगामी कदम उठाये, जिससे राजस्थान में बिजली संकट की स्थिति पैदा नहीं हुई। Read the full article
0 notes
worldinyourpalm · 1 year
Text
भारत ने पिछले वर्ष की तुलना में कुल वृद्धि के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया है | Over the past year, India's overall growth has been strong;
Tumblr media
Source: img.etimg.com
वित्त मंत्री प्रशांत पेरुमाई के इर्द-गिर्द अर्थव्यवस्था
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार को उम्मीद है कि बजट बेरोजगारी और खतरनाक असमानता को बड़ी चुनौतियों के रूप में लेगा, और वित्त मंत्री प्रशांत पेरुमाई के इर्द-गिर्द अर्थव्यवस्था को मोड़ने के उपायों की घोषणा करेंगे।
भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु कहते हैं, भारत की संस्थाओं का क्षरण एक चिंता का विषय है और नेताओं को इस समस्या से तत्काल निपटना चाहिए। कुछ अंश:
इस समय भार�� की अर्थव्यवस्था कैसी चल रही है?
पिछले वर्ष की तुलना में कुल वृद्धि के संदर्भ में, भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है, विशेष रूप से वर्तमान वैश्विक स्थिति के संदर्भ में, जहां कई उन्नत अर्थव्यवस्थाएं मंदी के कगार पर हैं। भारत के अच्छे प्रदर्शन के दो कारण हैं। सबसे पहले, आरबीआई ने मौद्रिक नीति के मामले में एक कुशल काम किया है, मुद्रास्फीति को कम करने के लिए ब्याज दरों का विवेकपूर्ण प्रबंधन किया है, और इसने विदेशी मुद्रा भंडार का रणनीतिक रूप से उपयोग किया है - विनिमय दर को उचित सीमा के भीतर रखने के लिए डॉलर जारी करना और खरीदना। दूसरा, भारत ने अपनी विदेश नीति का संचालन चतुराई से किया है और इसका अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जैसे-जैसे पश्चिम और चीन के बीच दरारें गहरी होती जा रही हैं, वैश्विक खिलाड़ी अब भारत को एक संभावित निवेश गंतव्य के रूप में देख रहे हैं।
हालांकि, इस सापेक्ष अच्छे प्रदर्शन से शालीनता नहीं आनी चाहिए। 2021-22 में भारत की 8.7% की ग्रोथ अच्छी है, लेकिन माइनस-6 की ग्रोथ के साथ 2020-21 में भारत दुनिया में सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वालों में शामिल था। 6%। तो, 2021-22 में अधिकांश वृद्धि कुएं से बाहर निकलने की वृद्धि थी। 2020 से 2023 तक औसत वार्षिक वृद्धि 2.77% है, जो अतीत में भारत के प्रदर्शन से बहुत कम है और कई अन्य देशों से नीचे है।
लगातार कई वर्षों के धीमे विकास के बावजूद अर्थव्यवस्था की स्थिति आज एक प्रमुख चर्चा का विषय नहीं है। 
क्या आप विस्तार से बता सकते हैं कि आर्थिक विकास क्यों मायने रखता है?
2016 से 2021 तक लगातार पांच वर्षों तक भारत की अर्थव्यवस्था पिछले वर्ष की तुलना में धीमी गति से बढ़ी। मेरा मानना ​​है कि विकास मायने रखता है, लेकिन मैं उन अर्थशास्त्रियों से सहमत नहीं हूं जो विकास को हाशिए पर धकेल देते हैं। गलती यह है कि विकास को अपने आप में एक अंत मान लिया जाए। इसका महत्व पूरी आबादी में भलाई फैलाने के एक साधन के रूप में है। दुर्भाग्य से, भारत में जो विकास हो रहा है, वह असमान रूप से शीर्ष-अंत में है। अमीर अमीर हो रहे हैं। हमारे पास पर्याप्त डेटा नहीं है लेकिन सभी संकेत हैं कि निम्न मध्य वर्ग नकारात्मक वृद्धि का सामना कर रहा है, जबकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि सकारात्मक है। भारत की युवा बेरोजगारी दर 28.3% है, जो अधिकांश पूर्व और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की तुलना में लगभग दोगुनी है। जाहिर है, बिना काम के इन युवाओं को देश की समग्र जीडीपी वृद्धि का हिस्सा नहीं मिल रहा है.......
0 notes