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#शुरुआती व्यंजन
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पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट का परिचय आपका स्वागत है पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्टसिन सिटी में जीवन भर के अनुभव के लिए आपका शुरुआती बिंदु। कार्रवाई के बीच में स्थित, पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट एक ऐतिहासिक प्रतिष्ठान है जो स्वभाव, मनोरंजन और विश्राम के अद्वितीय संयोजन के लिए जाना जाता है। पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट अपने शानदार आवास और विश्व स्तरीय सेवाओं के साथ प्रत्येक अतिथि की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। के लिए यहां क्लिक करें कैसीनो समाचार. पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट: अपना जादू प्रकट कर रहा है पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट मंत्रमुग्ध होने के लिए तैयार रहें क्योंकि हम यह पता लगा रहे हैं कि द पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट को इतना खास क्या बनाता है। यह लक्जरी रिसॉर्ट अपने उत्कृष्ट डिजाइन और विस्तार पर ध्यान तथा अपने आधुनिक और उच्च स्तरीय माहौल के लिए जाना जाता है। पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट के मेहमान एक ऐसे वातावरण में डूबने की उम्मीद कर सकते हैं जो सुरुचिपूर्ण डिजाइन, अत्याधुनिक सुविधाओं और एक जीवंत वातावरण को जोड़ता है। सभी प्रकार के उत्कृष्ट आवास उपलब्ध हैं। पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट में विभिन्न प्रकार के शानदार कमरे हैं जो किसी भी यात्री के लिए उपयुक्त हैं। होटल के प्रत्येक कमरे, सुइट्स, पेंटहाउस और विला को लास वेगास स्ट्रिप के उत्साह के बीच विलासिता और शांति का स्वर्ग बनाने के लिए सावधानीपूर्वक डिजाइन किया गया है। पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट फुरसत के मेहमानों और हाई-रोलिंग वीआईपी दोनों की सेवा करता है, जिससे प्रत्येक प्रवास अद्वितीय और अविस्मरणीय हो जाता है। ताड़ के पेड़ों के व्यंजनों का पाक दौरा पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट में अपने स्वाद का अन्वेषण करें, जहां केवल बेहतरीन व्यंजन परोसे जाते हैं। क्षेत्र के कई रेस्तरां में से किसी एक में अपने स्वाद का आनंद लें, जिनमें से कई में सेलिब्रिटी शेफ और अत्याधुनिक मेनू विचार हैं। पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट विभिन्न प्रकार के भोजन विकल्प प्रदान करता है, महंगे रेस्तरां से लेकर अनौपचारिक कैफे तक जो लजीज व्यंजन परोसते हैं जो सबसे नखरे खाने वालों को भी संतुष्ट करेंगे। [embed]https://www.youtube.com/watch?v=88CIDOEoBa4[/embed] नाइटलाइफ़ और मनोरंजन में सर्वश्रेष्ठ पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट में मनोरंजन और रात्रिजीवन के अनुभव अद्वितीय हैं। रिज़ॉर्ट का अत्याधुनिक पर्ल थिएटर प्रसिद्ध संगीतकारों द्वारा विभिन्न प्रकार के विश्व स्तरीय संगीत कार्यक्रमों की मेजबानी करता है। रिज़ॉर्ट के जीवंत नाइटक्लब और लाउंज मेहमानों को रात भर नृत्य करने और लास वेगास के दिल में स्थायी यादें बनाने के लिए एक रोमांचक वातावरण प्रदान करते हैं। स्पा और वेलनेस सेंटर की अद्वितीय सेवाओं का आनंद लें रोजमर्रा की जिंदगी के तनाव से बचें और द पाम्स के शानदार स्पा में एक दिन का आनंद लें। आरामदेह स्पा उपचारों के चयन के साथ अपने शरीर और दिमाग को आराम दें और तरोताजा करें। रिसॉर्ट के पेशेवर चिकित्सक आपको मालिश और फेशियल जैसी सेवाओं के माध्यम से आरामदायक और तरोताजा करने वाला अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। असाधारण अवसर और अमिट यादें बनाना पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट विशेष अवसरों के लिए एक अद्भुत स्थान है जिसे आप लंबे समय तक याद रखना चाहते हैं। रिज़ॉर्ट के लचीले इवेंट रूम, अत्याधुनिक उपकरण और विशेषज्ञ इवेंट प्लानिंग कर्मचारी किसी भी और सभी इवेंट की सफलता की गारंटी देते हैं। पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट शादियों से लेकर कॉर्पोरेट सम्मेलनों से लेकर सामाजिक कार्यक्रमों तक किसी भी विशेष कार्यक्रम के लिए एक आदर्श स्थान है, जहां मेहमान ऐसी यादें बनाएंगे जो जीवन भर याद रहेंगी। फायदे और नुकसान प्रोफेसर विलोम आलीशान आवास कमरे की ऊंची दरें भोजन के विविध विकल्प पीक सीजन के दौरान भीड़भाड़ होती है आधुनिक और स्टाइलिश डिज़ाइन विकलांग मेहमानों के लिए सीमित पहुंच शीर्ष पायदान स्पा और कल्याण सुविधाएं आस-पास की नाइटलाइफ़ से संभावित शोर विस्तारित पूल क्षेत्र लास वेगास स्ट्रिप से दूरी शीर्ष श्रेणी का मनोरंजन और रात्रिजीवन कुछ सुविधाओं के लिए अतिरिक्त शुल्क खेलों की विस्तृत श्रृंखला के साथ गेमिंग कैसीनो साइट पर खरीदारी के सीमित विकल्प सेलिब्रिटी कनेक्शन और दिखावे असंगत ग्राहक सेवा कुछ कमरों से शानदार दृश्य सीमित पार्किंग स्थान सम्मेलनों के लिए लचीला आयोजन स्थान रिज़ॉर्ट शुल्क प्रति रात लिया जाता है निष्कर्ष संक्षेप में, द पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट एक विश्व स्तरीय रिसॉर्ट है जो लास वेगास की भावना को पूरी तरह से दर्शाता है। रिज़ॉर्ट अपनी उच्च-स्तरीय सुविधाओं और सेवाओं के साथ एक यादगार अनुभव प्रदान करता है, जिसमें इसके शानदार कमरे, स्वादिष्ट रेस्तरां, रोमांचक
नाइटलाइफ़ और चौकस कर्मचारी शामिल हैं। चाहे आप दूर जाने के लिए एक शांत जगह की तलाश कर रहे हों, शहर में एक रोमांचक रात की तलाश कर रहे हों, या अपने अगले बड़े कार्यक्रम के लिए एक शानदार स्थान की तलाश कर रहे हों, पाम्स कैसीनो का रिज़ॉर्ट आपकी हर अपेक्षा से अधिक होगा। समृद्धि की यात्रा करें और स्वयं जानें कि पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट लास वेगास की मौज-मस्ती और उत्साह का प्रतीक क्यों है। अन्य खेलों के लिए देखें कैसीनो भविष्यवाणी सॉफ्टवेयर. मानक प्रश्न और उत्तर बिल्कुल! आप सीधे ऑनलाइन आरक्षण प्रणाली का उपयोग करके पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट में अपने वांछित आवास और सेवाओं को तुरंत आरक्षित कर सकते हैं। हाँ, रिज़ॉर्ट अपने आगंतुकों की सुविधा के लिए स्व-पार्किंग और वैलेट पार्किंग दोनों प्रदान करता है। पाम्स कैसीनो रिज़ॉर्ट सेवा जानवरों को छोड़कर, अपने साथ कुत्ते लाने वाले मेहमानों का स्वागत नहीं करता है। अपने आगंतुकों की आसानी और सुविधा के लिए, रिज़ॉर्ट हवाई अड्डा शटल सेवा प्रदान करता है। अतिरिक्त जानकारी के लिए, होटल द्वारपाल से संपर्क करें। रिसॉर्ट के कैसीनो, नाइटक्लब और केवल वयस्कों के लिए अन्य स्थानों तक पहुंचने के लिए ग्राहकों की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए। Source link
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tvhealth1 · 2 years
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Pregnancy ke lakshan - प्रेगनेंसी होने पर नजर आते हैं कुछ इस प्रकार के शुरुआती लक्षण?
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प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण – Early pregnancy symptoms in Hindi
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Pregnancy ke lakshan - आज के समय में तनाव, जॉब का प्रेशर और लॉकडाउन की वजह से बिगड़ी लाइफस्टाइल रिप्रोडक्शन सिस्टम पर गहरा असल डाल रहा है। जिसका नतीजा ये है कि महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत आ रही है, इसलिए डॉक्टर्स कह रहे हैं कि यदि कोई कपल कंसीव करता है तो उन्हें इसके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए, जो लोग बेसब्री से पेरेट्स बनना चाहते हैं उनके लिए पीरियड्स मिस होने तक इंतजार करना बहुत मुश्किल भरा होता है। लेकिन आपको अपनी प्रेग्नेंसी पता करने के लिए रिलेशन बनाने के बाद 1 महीने तक इंतेजार करने की जरूरत नहीं होती है बल्कि आपको 3 से 4 दिनों में ही पता चल जाएगा कि आप प्रेगनेंट है या नहीं। तो चलिए आज हम प्रेग्नेंसी के कुछ ऐसे शुरूआती लक्षणों (Pregnancy ke lakshan) के बारे में।   प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण की लिस्ट- List of early pregnancy ke lakshan - पीरियड्स मिस होना: प्रेग्नेंट होने का सबसे शुरुआती लक्षण पीरियड्स का मिस होना माना जाता है। इसके बाद ही कोई महिला प्रेग्नेंट टेस्ट की तरफ रुक करती है, लेकिन गर्भवती होने के बाद भी कुछ महिलाओं में पहले पीरियड्स के दौरान हल्की ब्लीडिंग हो सकती है। - जी मिचलाना और चक्कर आना: प्रेग्नेंसी की शुरूआती (Pregnancy ke lakshan) महीनों में चक्कर आना आम बात है। इनकी वजह से ब्लड शुगर का लेवल गिर जाता है और भूख में कमी आती है जिससे आपको चक्कर महसूस होने लगते हैं। साथ ही इस तिमाही में हार्मोनल और अन्य बदलाव बॉडी में रक्त वाहिकाओं की दीवारों को चौड़ा कर देते हैं।    - हल्का रक्तस्राव: प्रेग्रेंसी की शुरुआत में आपको हल्की ब्लीडिंग हो सकती है, लेकिन इससे कोई नुकसान नहीं है। इसे स्पॉटिंग कहते हैं। ये स्थिति तब होती है जब बढ़ता हुआ भ्रूण खुद को आपकी कोख की दीवारों में प्रत्यारोपित करता है। इस तरह की ब्लीडिंग अक्सर उस समय के आस-पास होती है, आपके पीरियड्स का समय होने वाला होता है।     - थकान महसूस होना: आमतौर पर ऐसा हार्मोन्स में होने वाले चेंजिस की वजह से होता है। प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में थकान कम रहती है, लेकिन प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में थकान बहुत अधिक होने लगती है। साथ ही प्रेंग्नेंसी में अधिक थकान (Pregnancy ke lakshan) एक आम समस्या है, शारीरिक, मानसिक, हार्मोन में बदलाव और दैनिक दिनचर्या के प्रभाव की वजह से होती है।  - मॉर्निंग सिकनेस: मॉर्निंग सिकनेस गर्भावस्था का एक सामान्य लक्षण है और इसमें कभी-कभी जी मिचलना या उल्टी होना शामिल है। प्रेग्नेंसी के समय से समस्या दिन के किसी भी समय असुविधा पैदा कर सकता है। ये समस्या आमतौर पर गर्भावस्था के पहले चार महीनों के भीतर होती है और अक्सर ये पहला संकेत है कि आप गर्भवती है।  - ब्रैस्ट और निप्पल्स में दर्द होना और निप्पल्स का रंग परिवर्तन: ब्रैस्ट और निप्पल्स में दर्द होना और निप्पल्स का रंग परिवर्तन गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में महसूस कर सकते हैं। तब कुछ महिलाओं में निप्पल्स में संवेदनशीलता के साथ-साथ ब्रेस्ट में दर्द भी अनुभव किया जा सकता है।  - मूड स्विंग होना: गर्भावस्था की शुरूआती लक्षणों (Pregnancy ke lakshan) में मूड में मूड में उतार चढ़ाव आना भी अहम् भूमिका निभाता है। प्रेग्नेंसी के बाद एक महिला बिना कारण हंसना, रोना और असामान्य रूप में भावनात्मक व्यवहार का अनुभव करती है ऐसा उसके शरीर में हार्मोन की वजह से होता है। ये लक्षण अक्सर सभी महिलाओं में उनकी गर्भावस्था के समय काफी आम है।  - सिर दर्द और सिर भरी होना: गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही में सिर दर्द की वजह से स्ट्रेस हो सकती है। इसके अलावा अधिक वजन, हाई ब्लड प्रेशर, मांसपेशियों पर स्ट्रेस पड़ने, गलत पोस्चर और पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी सिरदर्द की समस्या हो सकती है। साथ ही कैफीन के अधिक सेवन और आईसाइट कमजोर होने की वजह से भी ये समस्या हो सकती है।  - बार बार टायलेट जाना:  गर्भावस्था के समय एचसीजी हार्मोन का लेवल बढ़ने की वजह से बार-बार यूरिन आने की इच्छा होती है। एचसीजी हार्मोन गर्भवती महिला की किडनी में रक्त के प्रवाह को बहुत अधिक बढ़ा देता है। जिसकी वजह से सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक पेशाब आता है, लेकिन नौस से सोलह हफ्तों के बार पेशाब (Pregnancy ke lakshan) की मात्रा सामान्य हो जाती है। 
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- खाने की इच्छा में बदलाव: गर्भधारण के बाद एक खास लक्षण होता है जो ज्यादातर सभी महिलाएं अनुभव अवश्य करती है। इसमें स्वाद में परिवर्तन, कभी किसी भोजन को खाने की बेहद इच्छा होना या मनपसंद भोजन से चिड़न होना। इसके अलावा एक नई गर्भवती महिलाओं में अक्सर आहार की गड़बड़ी विकसित होती है, प्रेग्नेंसी से पहले उनके पसंद किए जाने वाले व्यंजन इस समय पसंद नहीं आता है। वहीं आपको किसी खास भोजन को खाने का मन बार-बार हो सकता है, इसे प्रेग्नेंसी के आहार की क्रेविंग के रूप में जाना जाता है।   - पाचन सम्बन्धी समस्याएं  जैसे कब्ज की शिकायत: गर्भावस्था के समय प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ने की वजह से शरीर की मांसपेशिया रिलैक्स हो जाती है, जिसमें आंतें भी शामिल है। आंतों के धीमा पड़ जाने पर पाचन भी धीरे काम करने लगना है जिससे कब्ज की समस्या (Pregnancy ke lakshan) पैदा होती है। प्रेग्नेंसी में कब्ज की समस्या पैदा होती है। प्रेग्नेंसी में कब्ज होना आम बात है। 
FAQs (प्रेगनेंसी के बारे पूछे जाने वाले प्रश्न) Question Pregnancy ke lakshan
Q1. प्रेग्नेंसी के लक्षण कितने दिन में दीखते है? उ. आमतौर में प्रग्नेंसी क शुरूआती लक्षण 6 से 14 दिनों में दिखते हैं। इन लक्षणों में शामिल है शरीर का तापमान बढ़ना, ब्रेस्ट में सूजन, अधिक थकावट महसूस होना, अधिक नींद आना, ऐंठन और पेट सबंधी दिक्कते।  Q2. प्रेग्नेंट है या नहीं कैसे पता चलता है? आप पीरियड का मिस होना, बार-बार टॉइलट जाना,ब्रेस्ट में हल्का दर्द या भारीपन,उल्टी आना या जी मिचलाना, हल्का बुखार होना, पेट में दर्द, टेस्ट और स्मेल में बदलाव जैसे लक्षणों के द्वारा प्रेग्नेंसी का पता लगा सकते हैं।   Q3. प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में क्या लक्षण दिखाई देते हैं? गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों में जी मिचलाना और उल्टी होना, कई बार यूरिन जाना आदि शामिल है। इसके इतर गर्भधारण करने पर महिला को थकान की शिकायत होती है। इसके साथ ही कुछ महिलाओं में सिर दर्द के साथ ही शुरूआत में पैरों में सूजन भी नजर आती है। साथ ही ये इंप्लांटेशन ब्लीडिंग प्रेग्नेंसी के शुरूआती संकेत में से एक हैं।  Q4. माहवारी के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है? आपके पीरियड्स की अवधि सामाप्त होने के बाद आप गर्भवती हो सकती है। प्रेग्नेंट होने के लिए पीरियड्स के बाद 5 दिन और ओव्यूलेशन वाला दिन भी शामिल है। अगर आप गर्भधारण करने की योजना बना रहे हैं तो आपको हफ्ते में दो या तीन बार सेक्स बार करने की सलाह देते हैं।   निष्कर्ष (Conclusion) हमारे लेख में बताए गए प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण के जानने के बाद तुरंत अपनी जांच करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें। इसे आगे जारी रखने के लिए इस  TV Health पर क्लिक करें। Read the full article
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fastnews123 · 2 years
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keyboard hindi typing chart pdf file download | हिंदी टाइपिंग कीबोर्ड चार्ट डाउनलोड करें, अगर हिन्दी टाइपिंग सीखना चाहते हैं, तो आपको शुरुआती दिनों में काफी दिक्कत होती है। क्योंकि लगभग सभी कीबोर्ड में English Font ही प्रिंट रहता है  इसलिए शुरू में थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन आप इस (Keyboard Hindi Typing Chart PDF ) करके आसानी से हिन्दी टाइपिंग सीख सकते हैं। इसमें हमने देवनागरी और कृति देव दोनो कीबोर्ड का चार्ट दिया है।               Devanagari hindi typing chart | देवनागरी हिन्दी टाइपिंग चार्ट देवनागरी हिन्दी कीबोर्ड काफी सरल होता है और यह इनस्क्रिप्ट होता है। अतः आप जब माइक्रोसाफ्ट ऑफिस में टाइप करते है, तो अगर आपने कोई व्यंजन (क, ख, ग) टाइप किया है और कोई मात्रा (के, खा, गो) लगाया है और उसे बदलना चाहते हैं। तो आपको बैक बटन दबाने की जरूरत नही होगी। आप उसी के उपर जो भी मात्रा चाहे तो दुबारा उस पर चढ़ा सकते हैं। जिससे टाइम की बचत होती है। देवनागरी कीबोर्ड में Left side में स्वर और Right side में व्यंजन दिए गए है। आप को मात्रा लगाने के लिए सीधे ही टाइप करना होता है। जबकि स्वर जैसे– अ, आ, ई को टाइप करने के लिए आप Shift बटन को दबाकर कर सकते हैं। इन सभी का चार्ट नीचे देख सकते हैं–  हिंदी टाइपिंग कीबोर्ड चार्ट डाउनलोड – computer hindi typing chart इसी प्रकार सभी अघोष व्यंजन (क प ग द ज) normal position में कीबोर्ड के दाएं भाग में हैं। और सभी सघोष व्यंजन (ख फ घ ध झ) कीबोर्ड के दाएं भाग में shift position में उसी बटन में है जिसमें उसका सजातीय अघोष व्यंजन है। उदाहरण, अघोष व्यंजन क normal position में k बटन में है, और उसी कुंजी में shift position में उसका सजातीय सघोष व्यंजन ख है, यानी K वाली कुंजी में ही क ख दिए गये है शेष इसी क्रम में है। जिससे आसानी से इसे सीखा जा सकता है।             Kruti dev Hindi typing chart – कृति देव हिंदी टाइपिंग कोड चार्ट जैसा कि आपने देखा कि देवनागरी मात्रा को सपोर्ट करती है। और आसानी से किसी भी मात्रा को ओवरराइड कर सकते हैं। लेकिन कृतिदेव में ऐसा नही कर सकते। असल में कृतिदेव एक ट्रांसलेटेड भाषा है, अतः इसे जब आप टाइप करते हैं तो Background में इंगलिश Font ही टाइप होता है। और इसे कोडिंग की मदद से हिन्दी में बदल दिया जाता है। इसके साथ ही आपको इसमें पूरे अक्षर नही मिलते हैं कुछ अक्षर को टाइप करने के लिए शॉर्टकट कीज का इस्तेमाल करना होता है।  हिंदी टाइपिंग कीबोर्ड चार्ट डाउनलोड – computer hindi typing chart (Kruti dev hindi typing chart) Best Wireless Keyboard + Mouse Combo pack अभी ऑर्डर करें यहाँ पर आप देख पा रहे होगें की सभी कीज में डबल–डबल अक्षर दिखाई दे रहे है। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि जो अक्षर बटन में नीचे दिखाए गए हैं वे बिना शिफ्ट के लिखे जाते हैं। और जो अक्षर बटन में उपर दिखाए गए हैं उन्हें टाइप करने के लिए शिफ्ट बटन को दबाकर टाइप किया जाता है। Best RGB Keyboard + Mouse Combo pack अभी ऑर्डर करें इसके अलावा कुछ अक्षर कीबोर्ड में नही होते है इसलिए उन्हें टाइप करने के लिए आपको शॉर्टकोड का इस्तेमाल करना होता है। इन अक्षरों का शॉर्टकोड उपर दिया गया है। शॉर्टकोड का यूज करना आसान है किसी विशेष अक्षर को लिखने के लिए Alt बटन के साथ दिया गया कोड दबाए और छोड़ दें।               देवनागरी हिन्दी कीबोर्ड की सामान्य स्थिति (बिना शिफ्ट बटन दबाए) कीबोर्ड की पहली पंक्ति (Numeric keys) हिंदी 1 2 3 4 5 6 7 8 9 0 – ृ ॉ अंग्रेजी ` 1 2 3 4 5 6 7 8 9 0 – = \ कीबोर्ड की दूसरी पंक्ति हिंदी ौ ै ा ी ू ब ह ग द ज ड ़ अंग्रेजी q W E R T Y U I O P [ ] कीबोर्ड की तीसरी पंक्ति हिंदी ो े ् ि ु प र क त च ट अंग्रेजी a s d f g h j k l ; ‘ कीबोर्ड की चौथी पंक्ति हिंदी ं म न व ल स , . य अंग्रेजी z x c v b n m , . / देवनागरी हिन्दी कीबोर्ड Shift Position में (शिफ्ट बटन के साथ) Shift के साथ पहली पंक्ति में हिंदी ऍ ॅ ्र र् ज्ञ त्र क्ष श्र ( ) ः ऋ ऑ अंग्रेजी ~ ! @ # $ % ^ & * ( ) _ + | Shift के साथ दूसरी पंक्ति में हिंदी औ ऐ आ ई ऊ भ ङ घ ध झ ढ ञ अंग्रेजी Q W E R T Y U I O P Shift के साथ तीसरी पंक्ति में हिंदी ओ ए अ इ उ फ ऱ ख थ छ ठ अंग्रेजी A S D F G H J K L : “ Shift के साथ चौथी पंक्ति में हिंदी ँ ण न व ळ श ष । य़ अंग्रेजी Z X C V B N M ? देवनागरी हिंदी कीबोर्ड की कुछ  विशेषताएं सभी मात्राएं (् ा ि ी ु ू) Normal Position में keyboard के Left Side में होती हैं। सभी स्वर (अ आ इ ई…) keyboard के Left Side में shift position में उसी keys में है जिस पर उस स्वर की मात्रा है। उदाहरण के लिए इ की मात्रा f बटन में है और इ स्वर भी उसी बटन में, Shift position पर है। सभी अघोष व्यंजन (क प ग द ज) normal position में keyboard के Right Side में स्थित हैं। सभी सघोष व्यंजन (ख फ घ ध झ) keyboard के Right Side में shift position में उसी keys में है, जिसमें उसका सजातीय अघोष व्यंजन है। उदाहरण, अघोष व्यंजन क normal position में k बटन में है, और उसी बटन में shift position में उसका सजातीय सघोष व्यंजन ख भी है। इसलिए इसको याद रखना बहुत ज्यादा सरल होता है। द्ध, द्व, ह्न आदि संयुक्ताक्षरों को टाइप करने की विधि द्ध टाइप करने के लिए यह करें द + ् + ध = द्ध पहलेवाले अक्षर को टाइप करें। उसके बाद हलंत चिह्न (normal position में ‘d’) टाइप करें। यह हलंत चिह्न ् इस तरह दिखता है। अब दूसरा अक्षर टाइप करें। दोनों अक्षर अपने आप ही संयुक्त हो जाएंगे और उनका संयुक्त रूप स्क्रीन पर दिखने लगेगा।        Conclusion उम्मीद करता हूँ कि इस लेख Hindi typing chart से आपके लिए हिन्दी टाइपिंग सीखने में आसानी होगी। अगर आप Hindi Typing में expert होना चाहते हैं तो आपको इसके  लिए कीबोर्ड के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने की जरूरत होगी। इसके साथ ही आप को Typing करने की प्रैक्टिस डेली करना अति आवश्यक है। जब एक बार आप की उंगलिओं को सभी अक्षर याद हो जाते हैं तो आप बहुत आसानी से फास्ट टाइपिंग कर पाएंगे।             FAQ Keyboard Hindi Typing Chart ट्र कैसे लिखें? ट + ् + र = ट्र (यह देवनागरी कीबोर्ड के लिए है।) आधा क कैसे बनता है? आधा क लिखने के लिए आपको क लिखने के बाद उसमे हलंत ( ् ) जोडडना होगा। Kruti Dev me ऊ कैसे लिखें? Alt + 0197 = ऊ कंप्यूटर नें कीबोर्ड को हिंदी में कैसे करते हैं? इसके लिए आपको यह सार्टकट कीज यूज करना चाहिए Window key + Space key या Alt Key + Shift Key             Keyboard Hindi Typing Chart PDF Keyboard Hindi Typing Chart PDF download Keyboard Hindi Typing Chart PDF download
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sareideas · 2 years
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अंडे से त्वचा को कैसे फायदा होता है + 4 स्वादिष्ट नाश्ते के व्यंजन
अंडे से त्वचा को कैसे फायदा होता है + 4 स्वादिष्ट नाश्ते के व्यंजन
जबकि लोग अपने ग���-टू-डिनर मेनू को बदल देते हैं, हर सुबह नाश्ते के समान, यदि समान नहीं है, तो इसे चुनना आम बात है। कुछ के लिए, यह दोहराव दिन के शुरुआती घंटों में समय की कमी के कारण हो सकता है; दूसरों के लिए, एक सुसंगत भोजन एक सुखद अनुष्ठान के रूप में काम कर सकता है (अरे, हम एक ठोस सुबह की दिनचर्या से प्यार करते हैं!) हर किसी की अपनी स्वाद प्राथमिकताएं होती हैं, लेकिन एक लोकप्रिय दैनिक नाश्ता आइटम…
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liajayeger1 · 2 years
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खाना पकाने की मूल बातें: आसान बिरयानी मसाला कैसे बनाएं (शुरुआती के लिए पकाने की विधि)
खाना पकाने की मूल बातें: आसान बिरयानी मसाला कैसे बनाएं (शुरुआती के लिए पकाने की विधि)
बस बिरयानी का जरा सा जिक्र और हम तुरंत लार टपकाने लगते हैं। यह सुगंधित व्यंजन किसी भी दावत को सजा देने की शक्ति रखता है, चाहे साल का कोई भी दिन या समय क्यों न हो। देश में पाई जाने वाली क्षेत्रीय बिरयानी इस बात का पर्याप्त प्रमाण है कि हम इसके दीवाने हैं। विश्व प्रसिद्ध हैदराबाद बिरयानी से लेकर कोलकाता, तमिलनाडु, लखनऊ और कर्नाटक के संस्करणों तक, इनमें से प्रत्येक व्यंजन स्वाद और स्वाद का चरम है।…
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everynewsnow · 3 years
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क्या आप अपने भोजन में अधिक मसाले? Reddit उपयोगकर्ता की पाक कला टिप मदद कर सकता है
क्या आप अपने भोजन में अधिक मसाले? Reddit उपयोगकर्ता की पाक कला टिप मदद कर सकता है
कुकिंग टिप: यहाँ मसालों के अति प्रय���ग से निपटने का एक आसान तरीका है। हाइलाइट मसाले किसी भी व्यंजन को बनाने के लिए अभिन्न हैं शुरुआती रसोइया अक्सर एक डिश में मसालों को ज़्यादा करते हैं इससे निपटने के लिए Reddit उपयोगकर्ता द्वारा एक आसान खाना पकाने की टिप दी गई है खाना बनाना किसी कला से कम नहीं है। तैयारी से लेकर गार्निश तक, प्रत्येक चरण में धैर्य, समर्पण और विस्तार पर ध्यान देने की आवश्यकता…
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omthedevinename · 3 years
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रोज सुबह या शाम खाएंगे मखाने तो शरीर में नहीं रहेगी थकान! जानिए इसके कई फायदे नई दिल्ली: मखानों का सेवन आपने कभी न कभी व्यंजन के रूप में किया ही होगा. आमतौर पर यह किचन में देखने को मिल जाते हैं. जो लोग इसका नियमित रूप से सेवन करते है उन्हें सेहत के कई लाभ भी मिलते है. आप इसे चाहे तो सुबह नाश्ते के रूप में या फिर शाम को स्नैक्स के रूप में भी इसे खा सकते है. मखाना ना केवल स्वाद में बेहतरीन होता है बल्कि इसको खाने से आप नीचे बताई जा रही कई बीमारियों से भी बचे रह सकते है. हाई ब्लड प्रेशर से राहत जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है उन्हें मखानों का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए. यह ब्लड प्रेशर को संतुलित बनाए रखेगा. दरअसल, मखाने में मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है. यह एक ऐसा मिनरल है जो शरीर के ब्लड प्रेशर को संतुलित बनाए रखने में मददगार साबित होता है. खून बढ़ाएगा जिन लोगों के शरीर में खून की कमी हो जाती है वह अक्सर दिनभर थका हुआ महसूस करते है. यह खून की कमी का शुरुआती लक्षण होता है. वहीं, मखाने में पर्याप्त रूप से आयरन की मात्रा पाई जाती है. आयरन से शरीर में खून की कमी का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा. डायबिटीज में राहत डायबिटीज से जूझ रहे लोग भी मखाने का सेवन कर सकते है. मखाने में लो ग्लाईसेमिक इंडेक्स होता है, जो डायबिटीज के कारण होने वाले जोखिम को कम करने के लिए सक्रिय रूप से मदद करता है. अगर कोई डायबिटीज से पीड़ित है तो उसे मखाने का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है. वजन कम करने में मदद मखाने में एथेनोल नामक एक तत्व पाया जाता है, जो हमारे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. मखाना कमल के बीज से प्राप्त होता है. जो मोटापे को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है. मसूड़ों की सूजन में राहत मखाने में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव पाए जाते है. यह दोनों ही गुण मसूड़े संबंधित ��ूजन और बैक्टीरियल प्रभाव के कारण होने वाली सड़न को रोकने में मददगार साबित होते है. कब्ज की समस्या मखाने में भरपूर मात्रा में फाइबर के गुण पाए जाते है, जो पेट की गैस, अपच की समस्या को कम करने में मदद करता है. मखाने में फाइबर के साथ-साथ आयरन, कैल्शियम के तत्व भी पाए जाते है. इसे खाने से कब्ज से छुटकारा मिल सकता है. #healthgaurd (at ताज नगरी) https://www.instagram.com/p/CJFX9J_sanm/?igshid=12yr2uw5w6rb9
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हाई ब्लड प्रेशर के घरेलू उपाय
जैसा की सर्वविदित है कि हमारी इस दुनिया में आने पर हमें कोई ना कोई समस्या बनी ही रहती हैं फिर वह सामाजिक, शारीरिक, मानसिक किसी भी रूप में हो सकती है। अगर शारीरिक रूप से बात की जाए तो कई सारी बीमारी की समस्या हमें घेरे रहती है। इन बीमारियों को बढ़ने से रोकना हमारे ही हाथों में होता है। आज हम बात करेंगे हाई ब्लड प्रेशर के बारे में, जो आज एक सामान्य शारीरिक समस्या नजर आती है।
क्या है हाई ब्लड प्रेशर | Kya Hai High Blood Pressure
सामान्य सी नजर आने वाली यह बीमारी कभी-कभी अपना घातक स्वरूप भी दिखा देती है। जिसमें दिल की धमनी में रक्त का प्रवाह सामान्य से कहीं ज्यादा हो जाता है। सही समय पर इस बीमारी का पता लगाना और उस पर नियंत्रण होना जरूरी होता है। सामान्य से दिखने वाली बीमारी बाद में बड़ी बीमारी का रूप ले लेती है और हमें पता भी नहीं चलता। ऐसे में अपना ध्यान रखें।
हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण | High Blood Pressure Ke Lakshan In Hindi
इस बीमारी से बचाव के लिए इसके लक्षणों का पता होना जरूरी है ताकि नियमित इलाज कराया जा सके।
1) थकान महसूस होना – कभी-कभी बहुत काम करते करते थक जाते हैं और इस बात को गंभीरता से नहीं लेते पर क्या आप जानते हैं कि बार-बार थकान होना हाई ब्लड प्रेशर के शुरुआती लक्षण होते हैं।
2) सिर दर्द होना — कई बार ऐसा भी होता है कि बार-बार सिर दर्द होता है और हमें ऐसा लगता है कि ऐसा थकान या किसी और वजह से हो रहा है लेकिन एक सर्वे के अनुसार लगातार सिर दर्द बना रहना हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों में से एक होता है।
3) दिल की धड़कनों का अनियमित होना — कभी-कभी हमें ऐसा महसूस होता है कि दिल की धड़कन सामान्य गति से कहीं ज्यादा चल रही है। यह गति कुछ अनियमित हो गई है ऐसे में सचेत हो जाएं क्योंकि यह बढ़े ब्लड प्रेशर का ही संकेत है।
4) सांस लेने में तकलीफ होना — कई बार सांस लेने में तकलीफ होना भी देखा गया है। शुरुआत में तो हम समझ नहीं पाते पर यह भी कहीं ना कहीं हाई ब्लड प्रेशर का ही लक्षण है।
क्या है हाई ब्लड प्रेशर होने की वजह
1) खाने में नमक की अधिकता — कई बार लोग अधिक नमक युक्त भोजन करना पसंद करते हैं बिना इस बात की परवाह किए कि यह हमारे लिए बहुत नुकसानदायक है। जब भी किसी व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, तो इसकी सबसे बड़ी वजह खाने में अधिक नमक का होना है।
2) मोटापा — अगर आपका वजन पिछले कुछ दिनों से बढ़ता ही जा रहा है, तो यह चिंता का विषय है। क्योंकि मोटापा हाई ब्लड प्रेशर की एक मुख्य वजह है। यही कारण है कि डॉक्टर भी हमेशा मोटापा कम करने की सलाह देते हैं।
3) व्यायाम ना करना — लोग अपनी दिनचर्या में इतना व्यस्त होते हैं कि व्यायाम करने का समय नहीं मिलता और हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो जाते हैं। कोशिश करके आधे घंटे ही सही व्यायाम अवश्य ही करें।
4) तनाव लेना — जो लोग किसी न किसी समस्या से तनाव में रहते हैं, उन्हें हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आसानी से हो सकती है। ऐसे में तनाव से दूर रहने की कोशिश करें।
5) धूम्रपान करना — आज की युवा पीढ़ी धूम्रपान की आदि होती जा रही है, जो बाद में घातक रूप धारण कर लेती है। यह कई बीमारियों को भी न्योता देती हैं और उनमें एक मुख्य बीमारी हाई ब्लड प्रेशर की भी है।
हाई ब्लड प्रेशर को ठीक करने के घरेलू उपाय | High blood Pressure ko thik karne ke gharelu upay
आप अगर चाहे तो अपनी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को हमारे बताएं gharelu नुस्खे से भी ठीक कर सकते हैं।
1) नींबू — इस समस्या से बचने के लिए एक गिलास गर्म पानी में यदि आप एक नीबू निचोड़ कर उसका 1 दिन में 2 बार सेवन करे, तो इससे आपको बहुत ही फायदा होने वाला है।
2) दालचीनी — अगर आप दालचीनी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग खाने के रूप में करें तो यह आपको फायदा पहुंचाएगा। अगर आप चाहे तो इस का पाउडर बनाकर भी रखा जा सकता है।
3) कढ़ी पत्ते — आपने देखा होगा कि घर में बनने वाले कुछ व्यंजनों में कढी़ पत्ते डाले जाते हैं। यह सिर्फ जायका हीं नहीं बदलते बल्कि हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं। आप चाहे तो कड़ी पत्तों को गरम पानी में उबालकर और उसे छानकर भी पी सकते हैं इससे निश्चित रूप से आप को फायदा होगा।
4) कद्दू के बीज — जब भी कोई व्यंजन बनाया जाए तो उनमें कद्दू के बीज डालने पर ब्लड प्रेशर में सुधार आता है। इसमें उपस्थित मैग्नीशियम यूरिन के अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालने का काम करते हैं ऐसे में कद्दू के बीज आवश्यक रूप से ले।
5) प्याज और शहद — अगर आप एक प्याज को पीसकर उसमें शहद का सेवन करें तो निश्चित रूप से इससे आपका हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहेगा।
6) ओटमील — अगर आप अपने नाश्ते में नियमित रूप से या दो दिन में एक बार ओटमील का सेवन करें इससे आपको फायदा होगा। ओटमील में हाई फाइबर और लो फैट होता है, जो ब्लड प्रेशर को सही रखता है।
7) दही — अपने बढ़ते हुए ब्लड प्रेशर को कम करने के इच्छुक हैं, तो रोजाना दही का सेवन करें इससे आपको फायदा होगा और ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहेगा।
8) चुकंदर — अगर आप चुकंदर का उपयोग करें तो यह भी फायदेमंद होगा। चुकंदर में नाइट्रिक एसिड है, जो ब्लड वेसल में प्रेशर को कम करने का काम करता है। इसका सेवन आप सलाद या जूस के रूप में भी कर सकते हैं।
9) लहसुन — अगर आप नियमित रूप से लहसुन का उपयोग करें तो आपको इस में उपस्थित नाइट्रिक ऑक्साइड की वजह से बढ़ता हुआ ब्लड प्रेशर को कम करने में मददगार होगा। आप चाहे तो कच्चे लहसुन का सेवन भी कर सकते हैं।
10) आंवला — अगर आप लगातार High blood Pressure से दो-चार हो रहे हो, तो आंवला का सेवन किया जा सकता है। आप चाहे तो इसका उपयोग पाउडर के रूप में या कच्चा ही खाया जा सकता है।
11) हल्दी — हल्दी कई रोगों के लिए कारगर है। ऐसे में अगर आप हल्दी का सेवन करें तो इसमें उपस्थित तत्व करक्यूमिन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है। आप अगर दूध में हल्दी डालकर पिए तो यह भी फायदेमंद होगा।
12) सेब का सिरका — अगर आप गर्म पानी के साथ सेब के सिरके का उपयोग करें तो यह भी ब्लड प्रेशर को कम करने का काम करता है।
यह जूस भी है फायदेमंद हाई ब्लड प्रेशर में
अगर आप खानपान के अलावा कुछ विशेष जूस का उपयोग करें तो इस से भी अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखा जा सकता है।
1) अनार का जूस – अगर आप High blood Pressure के शिकार हैं, तो अनार का जूस फायदेमंद होगा। दरअसल अनार में विटामिन और पोटेशियम भरपूर मात्रा में होता है, जो ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक है। इसमें पाया जाने वाला एंजाइम ब्लड प्रेशर को बढ़ने से भी रोकता है।
2) संतरे का जूस – संतरे में विटामिन भरपूर मात्रा में होती है साथ ही साथ फोलेट, पोटेशियम, बायोफ्लेवोनाइड्स भी होते हैं, जो बढे़ हुए ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक है। अतः ऐसे संतरे के जूस का इस्तेमाल अवश्य करें।
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हाई ब्लड प्रेशर मरीज का कैसा हो आहार
हाई ब्लड प्रेशर के मरीज को अपना आहार सोच समझ कर लेना होगा जिससे कम से कम नुकसान हो सके।
1) ऐसे में मरीजों को कम से कम नमक का सेवन करना चाहिए।
2) ऐसे में हल्का भोजन ही करें साथ ही साथ कम से कम मसालेदार भोजन ही करें।
3) अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा फल और हरी सब्जियों का उपयोग करना चाहिए ताकि सेहत में सुधार हो सके।
4) अपने आहार में अजवाइन, मुनक्का और अदरक का सेवन आवश्यक रूप से करें।
5) फलों में भी अंगूर, पपीता, सेब, संतरा, आवंला का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें।
6) दिन में 8 से 10 गिलास पानी का सेवन करें इससे शरीर को पोषण की कमी नहीं हो पाती है।
7) अगर आपको पसंद हो तो बाजरा, ज्वार, मूंग, अंकुरित दालों का सेवन करना चाहिए।
8) सब्जियों के रूप में तोरई, पुदीना, परवल, कद्दू, करेला आदि का सेवन करना आवश्यक माना गया है।
युवा आए हाई ब्लड प्रेशर की चपेट में
आज के समय में High blood Pressure की समस्या बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में खान-पान का ध्यान रखने की आवश्यकता है। ऐसा देखा जा रहा है कि ज्यादातर युवा वर्ग 25 से 30 वर्ष के लोग इस से पीड़ित हो रहे हैं इसका कारण उनका खान-पान और जीवनशैली है। अक्सर युवा वर्ग लापरवाही करते हुए खाना खा लेते हैं जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। एक वजह है कि एक ही जगह पर बैठकर घंटों काम करते रहते हैं। जो सही नहीं है। ऐसे में युवाओं में यह समस्या बढ़ती ही जा रही है तो उन्हें अपनी दिनचर्या और खान-पान को व्यवस्थित रखना होगा तभी इस बीमारी को दूर किया जा सकेगा।
कितना ब्लड प्रेशर होता है अनिवार्य
ब्लड प्रेशर उम्र के हिसाब से भी नियंत्रित होना अनिवार्य है। ऐसा देखा गया है कि 50 वर्ष से अधिक पुरुषों का ब्लड प्रेशर 131- 87mmhg और महिलाओं का 130– 86 Mmhg होना चाहिए।
वही 60 साल से अधिक के लोगों का ब्लड प्रेशर पुरुषों में 135 — 88 Mmhg और महिलाओं में 134 –84 Mmhg होना चाहिए। समय समय पर अपना ब्लड प्रेशर जांच करवाना चाहिए।
युवा वर्ग में देखा जाए तो 15 से 18 वर्ष की उम्र के लड़कों का 117 — 77 Mmhg और लड़कियों का 120 — 85 Mmhg होना अनिवार्य माना गया है।
19 से 24 वर्ष के लड़कों और लड़कियों का 120 — 79 Mmhg तक ब्लड प्रेशर होना जरूरी है।
इसके बाद 30 से 40 वर्ष के पुरुषों का ब्लड प्रेशर 122– 81 Mmhg और महिलाओं का 123 — 82 Mmhg होना चाहिए।
निष्कर्ष
इस प्रकार से High blood Pressure ke gharelu upay में हमने जाना कि ब्लड प्रेशर को सामान्य रखना आवश्यक है जिससे कई बीमारियों से बचा जा सके। इसके लिए अपने जीवनशैली और खानपान का विशेष ध्यान रखे और पूरा आराम करें। जब तक आप खुद का ख्याल नहीं रखेंगे, तब तक परिवार का ध्यान नहीं रख पाएंगे। स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहें, हमारी यही कामना है।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/high-blood-pressure-ke-gharelu-upay/
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vsplusonline · 4 years
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फैक्ट चेक: कैसे मवेशी की एक नस्ल को ब्राह्मण जाति समझ बैठे अंबेडकर के परपोते - Fact check dr ambedkar great grandson linked breed of cattle to cast
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फैक्ट चेक: कैसे मवेशी की एक नस्ल को ब्राह्मण जाति समझ बैठे अंबेडकर के परपोते - Fact check dr ambedkar great grandson linked breed of cattle to cast
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डॉ. भामराव अंबेडकर के परपोते राजरत्न अंबेडकर ने 21 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबन से एक फेसबुक लाइव किया ��ा, जिसमें उन्होंने दावा किया कि भारत में ब्राह्मण गाय को देवी मानते हैं, लेकिन वही ऑस्ट्रेलिया में गाय काटते हैं और ‘Brahman Pies’ ब्रांड के बैनर तले बीफ का व्यापार करते हैं.
6 मिनट 32 सेकेंड के वीडियो में अंबेडकर अपने एक दोस्त के साथ ‘Brahman Pies’ नाम के एक फूड फ्रेंचाइजी आउटलेट के सामने देखे जा सकते हैं. वीडियो में वे दावा करते हैं कि ‘Brahman Pies’ बीफ समेत बहुत से मांसाहारी व्यंजन बेचता है और ऑस्ट्रेलिया में इसका मालिकाना ब्राह्मणों के पास है. वीडियो के साथ उन्होंने हिंदी में कैप्शन लिखा है, “गाय भारत की माता है, ऑस्ट्रेलिया में देखो कौन खाता है ?”
यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है. स्टोरी लिखे जाने तक इस वीडियो को 50 लाख से अधिक लोग देख चुके हैं. इसे 1 लाख 42 हजार से अधिक लोगों ने शेयर किया है और 73 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि यह दावा झूठा है. ऑस्ट्रेलिया के ‘Brahman Pies’ का भारत की ब्राह्मण जाति से कोई लेना देना नहीं है. यह कंपनी पूरी तरह ऑस्ट्रेलियाई कंपनी है जो कि वास्तव में बीफ से जुड़े कई प्रकार के खाद्य बेचती है. लेकिन ‘Brahman Pies’ नाम मवेशियों की एक नस्ल के नाम पर रखा गया है, न कि ‘Brahmin’ जाति के आधार पर. दोनों शब्दों की स्पेलिंग भी अलग है, ‘Brahman’ और ‘Brahmin’. इसे हिंदी में ‘ब्राहमन’ और ‘ब्राह्मण’ लिख सकते हैं.
एक ट्विटर हैंडल “Political Kida” ने भी एक वीडियो के जरिये यही सवाल उठाया है. इस वीडियो में अंबेडकर के वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘Brahman Pies’ टीम का आधिकारिक बयान भी शामिल किया गया है.
Are Brahmins selling Beef in Australia under Brand ‘Brahman Pies’?
FB user Rajratna’s claim has over 103k share- https://t.co/n8XXSDHVOP
Fake News- Brahman Is A Cattle Breed, nothing to do with Indian caste Brahmins. pic.twitter.com/xhiyEi66ka
— Political Kida (@PoliticalKida) February 23, 2020
एक फेसबुक पोस्ट में ‘Brahman Pies’ ने स्पष्ट किया है कि यह कंपनी 100% ऑस्ट्रेलियाई है और इसका भारतीय ब्राह्मण जाति से कोई लेना देना नहीं है. इसमें यह भी कहा गया है कि इस कंपनी का नाम ब्राहमन पशु के नाम पर है जो कि पूरे ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है.
इस पोस्ट के मुताबिक, वीडियो बनाने वाले ने ‘Brahman Pies’ कंपनी के नाम को लेकर स्पष्टीकरण मांगने के लिए कभी भी हमसे संपर्क नहीं किया.
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‘Brahman Pies’ कंपनी में ‘Brahman’ क्या है?
‘Brahman Pies’ कपंनी ‘Brahman’ नस्ल के मवेशी से बने विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ बेचती है. ऑस्ट्रेलियन ब्राहमन ब्रीडर्स एसोसिएशन लिमिटेड के मुताबिक, ब्राहमन ब्रीड के मवेशी का जन्म 1900 के बाद के शुरुआती वर्षों में अमेरिका में हुआ, जहां इसे ब्रिटिश नस्ल के मवेशियों और चार भारतीय नस्ल के मवेशियों के जीन को मिलाकर तैयार किया गया था.
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ऑस्ट्रेलिया में ब्राहमन नस्ल के मवेशी का प्रारंभिक विकास क्वींसलैंड में शुरू हुआ. आज यह नस्ल पूरे ऑस्ट्रेलिया में पाई जाती है और कई देशों में इसका निर्यात किया जाता है.
कुछ विश्वस्त वेबसाइट्स का यह भी कहना है कि ब्राहमन नस्ल के पशु भारत में पवित्र माने जाते हैं और बहुत से हिंदू इन्हें नहीं खाएंगे और न ही काटने व बेचने की अनुमति ही देंगे.
इस बारे में हमारी बात ‘Brahman Pies’ कंपनी के मालिक से हुई. उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह से ऑस्ट्रेलियाई हूं और मेरा व मेरी कंपनी का ब्राह्मण जाति से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि इस वीडियो के वायरल होने के बाद से वे बहुत परेशान हैं और उनको धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने अपना नाम सार्वजनिक न करने की भी गुजारिश की इसलिए हम उनका नाम नहीं दे रहे हैं. AFWA ने राजरत्न अंबेडकर से भी संपर्क करने की कोशिश की, हमें उनकी प्रतिक्रिया का भी इंतजार है.
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया में ब्राह्मण जाति के लोग गाय काटने और बीफ व्यापार से जुड़े हैं या नहीं, हम इस बात को लेकर न तो निश्चित तौर पर दावा कर सकते हैं, न ही इस बिंदु पर पड़ताल ही की. हमारी पड़ताल पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया की कंपनी ‘Brahman Pies’ पर केंद्रित रही जिसके ब्रांड नाम का भारत की ब्राह्मण जाति से कोई लेना देना नहीं है. कंपनी का यह नाम ब्राहमन नस्ल के मवेशी से जुड़ा है.
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business-in-hindi · 4 years
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Blogging kaise kare
पूरी दुनिया मे सिर्फ 1 % लोग ही ऐसे है जो सफल है। इसका कारण ये है कि वह लोग काम को कर देते है उसके बारे में उतना ही सोचते है जितना जरूरी है और हार नही मानते। आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ब्लॉग से पैसे कैसे कमाए पर हम आपको गारण्टी देते है कि आप मे से सिर्फ 1% लोग ही हमारे बताते हुवे तरीके को इस्तेमाल करेंगे और बाकी लोग शुरू करने से पहले ही हार मान लेंगे। तो यह लेख सिर्फ उन 1% लोगो के लिए ही है। दोस्तो आज ज्यादातर लोग ब्लॉग बना कर पैसे कामना चाहते है पर जानकारी के अभाव में ऐसा कर नही पाते। बहुत से लोग ब्लॉग बना भी लेते है पर फिर भी वह उस से मुनाफा नही कामा पाते इसका इकलौता कारण यह है कि उन्हें पता ही नही होता की उन्हें क्या करना है और कैसे करना है। इसीलिए आज हम आपको इस लेख में विस्तार से बताएंगे कि ब्लॉग से पैसे कैसे कमाए। जब आप किसी विषय मे अपनी वेबसाइट बना कर उसपे लिखते हैं तो उसे ब्लॉग कहते है। ब्लॉग बनाना बहुत ही आसान है और आप सिर्फ 10 मिनट में एक ब्लॉग बना सकते है। पर ब्लॉग बनाने से पहले कुछ बाते है जो आपको ध्यान रखनि होगी। हम आपको हर चीज़ क्रम में बताएंगे की आपको क्या करना है।
यहां जानिए
Online paise kaise kamaye?
1. टॉपिक चुने। 
आप जब ब्लॉगिंग की दुनिया मे कदम रख रहे है तो उस से पहले आप अपनी पूरी रिसर्च कर ले। इस प्रक्रिया में दो चीज़े है जो आपको ध्यान में रखनी है।
1. आपकी रुचि और आपका ज्ञान। 
सबसे पहले आप अपने आप का निरीक्षण करे की आपको क्या पसंद है और आपको किस विषय पर अच्छी जानकारी है। देखिए सीधी सी बात है अगर जिस विषय मे आप लिख रहे है अगर आपकी उस विषय मे रूचि होगी और आपको उस विषय मे जानकारी होगी तो आप स्वतः ही अच्छा लिखेंगे। इसी के साथ आपको इस काम मे मजा भी आएगा। उदाहरण के लिए अगर आपको खाना बनाने में रुचि है और आप नए नए व्यंजन बनाने के शौकीन है तो आप इसी बारे में लिखे।
2. लोगो की रुचि।  
अब ये दूसरी बात समजने में थोड़ी मुश्किल हैं इसीलिए इस बात को ध्यान से पढ़े। ब्लॉग का टॉपिक चुनने से पहले आप यह भी देखे की जिस बारे में आप लिख रहे है क्या वह चीज़ लोग पढ़ना भी चाहते है या नही। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आप एक सीमेंट की फैक्ट्री में काम करते है और आप सीमेंट कैसे बनाते है, सीमेंट बनाने में क्या क्या इस्तेमाल होता है इस बारे में आपको बहुत जानकारी है और आप इसी टॉपिक पर ब्लॉग बनाना चाहते है तो आप सफल नही होंगे क्योंकि इस बारे में ज्यादा लोगो की रुचि नही है और अगर आप इस बारे में ब्लॉग बनाएंगे तो कोई आपकी ब्लॉग पर पढ़ने नही आएगा। इसीलिए जब भी आप अपना टॉपिक चुने अपनी रुचि ओर लोगो की रुचि दोनों को ध्यान में रखे। आप कई टॉपिक पर ब्लॉग बना सकते है उदाहरण के लिए खाने की विधियों के ऊपर, गाड़ियों के ऊपर, बिज़नेस के नए तरीको के ऊपर और भी कई ऐसे टॉपिक है जिनपर आप ब्लॉग बना सकते है।
 2. अपने ब्लॉग का नाम चुने। 
ब्लॉग से पैसे कमाने और एक सफल ब्लॉग बनाने में सही नाम चुनने कक भी बड़ा हाथ होता है। आप अपने ब्लॉग का नाम एसा सोचे जो लोगो को आसानी से याद हो जाए और जिसको पढ़ते ही लोगो को पता चल जाए कि आपका ब्लॉग किस बारे में है। उदाहरण के लिए अगर आपका ब्लॉग खाना बनाने की विधि के बारे में है तो आप अपने ब्लॉग के नाम मे किचन या रसोई जैसे शब्द का इस्तेमाल करे जैसे कि कोमल की रसोई या कढ़ाई किचन इस तरह से आप अपने टॉपिक से संबंधित ही नाम चुने।
 3. ब्लॉगिंग प्लेटफार्म चुने। 
अब आपको यह तय करना है कि आप अपना ब्लॉग किस ब्लॉगिंग प्लेटफार्म पर बनाना चाहते है। इंटरनेट पर कई ब्लॉगिंग प्लेटफार्म है। पर उन सब मे सब से प्रसिध्द है वर्डप्रेस और ब्लॉगर। ब्लॉगर गूगल का एक फ्री प्लेटफार्म है जिसको कोई भी इस्तेमाल कर सकता है और इसका कोई पैसा नही लगता। पर इसमे आपको सीमित फ़ीचर मिलेंगे। वर्डप्रेस इस्तेमाल करने के लिये आपको कुछ पैसो का निवेश करना पड़ेगा। और आपको अपने ब्लॉग के लिए होस्टिंग खरीदनी पड़ेगी। जबकि वर्डप्रैस में आपको इन फ़ीचर के साथ ही कई और फ़ीचर्स भी मिलेंगे जैसे कि आपको वर्डप्रेस में कई थीम्स मिलेगी जिनसे आप अपने ब्लॉग की डिज़ाइन को अपने हिसाब से बदल सकते है और कई ऐसे प्लगिन्स जिससे कि ब्लॉग को संभालना आपके लिए आसान हो जाएगा। यह आपको तय करना होगा कि आप कोनसा प्लेटफॉर्म चुनते है। पर हमारी राय में अगर आप शुरुआती दौर में है तो आप ब्लॉगर का ही इस्तेमाल करे क्योंकि एक तो ब्लॉगर गूगल का प्लेटफॉर्म है तो इसको कोई हैक नही कर सकता इसके अलावा आपके ब्लॉग पर कितने भी लोग हो आपका ब्लॉग क्रैश नही होगा।
 4. डोमेन और होस्टिंग।
डोमेन क्या है? डोमेन इंटरनेट पर आपके ब्लॉग के पते की तरह काम करता है। अगर किसी को आपके ब्लॉग पर आना है तो वह अपने ब्राउज़र में आपका डोमेन यानी कि आपके ब्लॉग का पता डालेगा। उदाहरण के तौर पर अगर आपको हमारे ब्लॉग पर आना है तो आप business-in-hindi.blogspot.com यह डोमेन अपने ब्राउज़र में डालोगे। आपने अपने ब्लॉग का जो नाम चुना है वैसा ही आपको डोमेन लेना होगा। ब्लॉगर पर आपको फ्री में डोमेन मिलता है पर उसमे साथ मे .blogspot.com होता है। आप चाहे तो अपना खुदका डोमेन(Custom Domain) खरीद के ब्लॉगर पर इस्तेमाल कर सकते है। वह आपकी मर्जी है। आप godaddy वेबसाइट से आसानी से अपने लिए एक डोमेन खरीद सकते है। आप .com, .net, .in जैसे डोमेन का इस्तेमाल करे जो कि पढ़ने में आसान और अच्छे लगते है। अब बात आती है होस्टिंग की तो अगर आप वर्डप्रेस इस्तेमाल करना चाहते है तो आपको अपने ब्लॉग के लिए होस्टिंग लेनी होगी। इंटरनेट पर कई सारी होस्टिंग कंपनिया है जहाँ से आप आसानी से होस्टिंग ले सकते है पर इन सब मे godaddy, hostgator, bluehost ये कुछ ऐसी कंपनिया है जिसे आप चुन सकते है। आप इन सभी कंपनियों पर कीमत की तुलना करले ओर जो आपको पसंद हो उस कंपनी को चुन लें।
 5. ब्लॉग को बनाये। 
अगर आप ब्लॉगर का इस्तेमाल कर रहे है तो आप बड़ी ही आसानी से से अपना ब्लॉग बना लेंगे आपको बस अपना एक ई-मेल चाहिए। आप गूगल पर जाकर सर्च करे ब्लॉगर और ब्लॉगर की वेबसाइट पर जाकर अपने ई-मेल से एकाउंट बना ले। अब अपने ब्लॉग का नाम और डोमेन डाल कर ब्लॉग बना ले। और आपका ब्लॉग तैयार है। अगर आपको वर्डप्रैस इस्तेमाल करना है तो आप अपने होस्टिंग कंपनी के कंट्रोल पैनल पर जाइये और वहाँ से अपना डोमेन को और अपने ब्लॉग पर वर्डप्रैस को इनस्टॉल करले। और बहुत ही आसानी से आपका ब्लॉग तैयार हो गया है।
 6. लेख लिखे। 
ब्लॉग से पैसे कमाने के लिए सबसे जरूरी चीज यही है कि आप बहुत ही अच्छे लेख लिखे। अगर आप चाहते है कि ज्यादा से ज्यादा लोग आपके लेख पढ़ें और गूगल पर आपके लेख सर्च करने पर ऊपर आये तो आपको बहुत ही अच्छे सरल और आसानी से समाज आने वाले लेख लिखने होंगे। पर लेख लिखने से पहले आपको जो काम करना है वह है कि आपको कीवर्ड्स सर्च करने पड़ेगा। अब ये कीवर्ड क्या है? कीवर्ड का मतलब है वह शब्द जो लोग गूगल पर सर्च करते है। जैसे कि "घर पर पालक पनीर कैसे बनाये" यह एक कीवर्ड है। आप गूगल कीवर्ड प्लैनर पर जाकर कीवर्ड्स सर्च कर और उन कीवर्ड्स को चुने जिनको लोग ज्यादा सर्च करते है। और उन कीवर्ड्स को अपने लेख में डाले जिस से जब भी कोई गूगल पर वह कीवर्ड सर्च करे तो आपके लेख वहा आये और लोग उन्हें ज्यादा पढ़े। आपका लेख जितना अच्छा होगा और लोगो को जितना दिलचस्प लगेगा उतना ही गूगल पर आपका लेख ऊपर आता जाएगा।
 7. विज्ञापन लगाए। 
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gethealthy18-blog · 4 years
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क्या पैलियो डाइट बढ़ते वजन को कम करने में मदद करता है?- Paleo Diet For Weight Loss in Hindi
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क्या पैलियो डाइट बढ़ते वजन को कम करने में मदद करता है?- Paleo Diet For Weight Loss in Hindi
क्या पैलियो डाइट बढ़ते वजन को कम करने में मदद करता है?- Paleo Diet For Weight Loss in Hindi Arpita Biswas Hyderabd040-395603080 December 16, 2019
बढ़ता वजन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, कुछ लोग योग, व्यायाम और अन्य तरीकों के साथ-साथ कई तरह की डाइट प्लान ( Keto, Intermittent Fasting etc) का भी सहारा लेते हैं। इन्हीं में से एक है पैलियो डाइट। हो सकता है कि इस डाइट प्लान का नाम आपके लिए नया हो। इसलिए, स्टाइलक्रेज के इस लेख से हम पैलियो डाइट क्या है व पैलियो डाइट के फायदे के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं अगर पैलियो डाइट के नुकसान हैं, तो हम उसके बारे में भी आपको बताएंगे। अगर मन में यह सवाल चल रहा है कि क्या पैलियो डाइट बढ़ते वजन को कम करने में मदद कर सकती है, तो इस लेख को जरूर पढ़ें।
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि पैलियो डाइट क्या है।
विषय सूची
पैलियो डाइट प्लान क्या है? – What Is A Paleo Diet In Hindi
पैलियो एक खास प्रकार का डाइट प्लान है, जिसे केवमैन या स्टोन-एज डाइट भी कहा जाता है। इसमें फल, सब्जी, लीन मीट, मछली, अंडा व नट्स आदि को शामिल किया जाता है (1) (2)। वहीं, इसमें अनाज, डेयरी उत्पाद, नमक, प्रोसेस्ड फैट और चीनी जैसे खाद्य पदार्थों से दूरी बनाने के लिए कहा जाता है (3)।
लेख के आगे के भाग में हम पैलियो डाइट प्लान के फायदे के बारे में जानकारी देने की कोशिश करेंगे। इसके बाद आपको पैलियो डाइट चार्ट और वजन कम करने में पैलियो डाइट प्लान के फायदे के बारे में बताया जाएगा।
पैलिया डाइट प्लान के फायदे – Paleo Diet Plan Benefits In Hindi
नीचे हम पैलियो डाइट के फायदे के बारे में बता रहे हैं। यहां हम स्पष्ट कर दें कि इस डाइट के फायदे बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (4):
हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है।
मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic Syndrome) कम हो सकता है।
कैंसर का जोखिम कम हो सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है।
कील-मुंहासों से बचाव।
मायोपिया (myopia) एक तरह की नेत्र संबंधी समस्या से बचाव कर सकता है।
पैलियो डाइट के फायदे जानने के बाद कई लोग इसके मील प्लान के बारे में जानना चाहते होंगे। इसलिए, लेख के आगे के भाग में जानिए पैलियो डाइट का मील प्लान क्या हो सकता है।
पैलियो डाइट में सात दिन का मील प्लान – Sample 7 Days Paleo Diet Plan In Hindi
नीचे हम पैलियो डाइट की एक सूची साझा कर रहे हैं। ध्यान रहे कि यह सूची एक नमूने के तौर पर दी जा रही है। इसमें बताए गए खाद्य पदार्थ और उसकी मात्रा में व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य, जरूरत और पसंद के अनुसार बदलाव किया जा सकता है। इसके लिए आप एक बार किसी आहार विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।
दिन क्या खाएं सोमवार नाश्ता – एक या दो अंडे, ऑलिव ऑयल में हल्की तली हुई सब्जियां, कोई भी एक फल और पांच भीगे बादाम।
दोपहर का खाना – मुट्ठी भर नट्स के साथ चिकन सलाद।
रात का खाना – हल्की तली सब्जियों के साथ उबली हुई या ग्रिल्ड मछली।
मंगलवार नाश्ता- बहुत सारी सब्जियों के साथ अंडे की भुर्जी।
दोपहर का खाना –  फिश सलाद/चिकन सलाद।
रात का खाना – भुना हुआ चिकन और सब्जियों के साथ घर का बना मशरूम सूप।
बुधवार नाश्ता – एक या दो अंडे का ऑमलेट, 1 कटोरी तरबूज और आधा चम्मच अलसी के बीज।
दोपहर का खाना – हरे बीन्स के सलाद के साथ ग्रिल्ड चिकन।
रात का खाना – 1 कटोरी गोभी के सूप के साथ बेक्ड मछली।
गुरुवार नाश्ता – एक या दो बेक्ड अंडे और ब्रोकली।
दोपहर का खाना – मछली एवोकैडो लेट्यूस रैप।
रात का खाना – तला हुआ मीट और सब्जियां।
शुक्रवार नाश्ता: शिमला मिर्च के साथ अंडे की ऑमलेट।
दोपहर का खाना – मसालेदार काली मिर्च में भुना हुआ चिकन।
रात का खाना –  चिकन चेट्टीनाड (दक्षिण भारतीय व्यंजन) साथ में हल्की तली सब्जियां।
शनिवार नाश्ता – शकरकंद के साथ अंडे की भुर्जी।
दोपहर का खाना – सिट्रस और हर्ब चिकन।
रात का खाना – नींबू और थाइम के साथ बेक्ड मछली।
रविवार नाश्ता – टमाटर और प्याज के साथ उबला हुआ अंडा
दोपहर का खाना – भुने हुए टमाटर के साथ चिकन
रात का खाना – ग्रिल्ड मछली या चिकन के साथ हरी सब्जियों का सलाद।
आगे जानिए पैलियो डाइट में क्या-क्या खाद्य पदार्थ खाए जा सकते हैं।
पैलियो डाइट में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ – Foods to Eat on the Paleo Diet In Hindi
अगर कोई ऊपर दिए गए चार्ट को फॉलो नहीं कर सकता, तो कम से कम इन खाद्य पदार्थों को तो अपनी पैलियो डाइट में जरूर शामिल किया जाना चाहिए (5)।
अंडा
लीन मीट जैसे – चिकन
नट्स
हरी सब्जियां
फल
मछली
जैतून का तेल
नारियल का तेल
अब बारी आती है जानने की कि पैलियो डाइट में क्या न खाएं।
पैलियो डाइट में इन खाद्य पदार्थों को खाने से बचें – Foods to Avoid on the Paleo Diet In Hindi
नीचे जानिए पैलियो डाइट में किन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए (5)।
साबुत अनाज (Whole Grains)
अनाज (Cereals)
शुगर
डेयरी उत्पाद
सफेद आलू
फलियां (मूंगफली, सेम, मसूर)
अल्कोहल
कॉफी
नमक
कैनोला जैसे रिफाइंड वनस्पति तेल
क्या पैलियो डाइट बढ़ते वजन को कम करने में मददगार है या नहीं?
अब बात करते हैं कि यह डाइट प्लान किस प्रकार वजन को कम कर सकता है। इसी संबंध में वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च की है। रिसर्च में वैज्ञानिकों ने रजोनिवृत्ति के बाद (Post Menopausal) मोटापे से ग्रस्त 70 महिलाओं को शामिल किया। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित इस रिसर्च के अनुसार, इन महिलाओं को दो तरह की डाइट पर रखा गया, जिनमें से एक पैलियो डाइट थी। शोध में पैलियो डाइट का पालन करने वाली महिलाओं में काफी मात्रा में फैट कम होता हुआ पाया गया। दूसरी डाइट की तुलना में पैलियो डाइट करने वाली महिलाओं में ट्राइग्लिसराइड (Triglyceride-एक प्रकार का फैट) का स्तर काफी कम हुआ (1) (2)। यह अभी शुरुआती रिसर्च है। इस संबंध में और शोध किया जाना बाकी है।
अगर ऊपर बताए गए शोध को देखा जाए, तो पैलियो डाइट से कुछ हद तक वजन कम हो सकता है, लेकिन यह व्यक्ति के स्वास्थ्य और वजन पर निर्भर करता है। हर किसी की शारीरिक स्थिति एक जैसी नहीं होती है। ऐसे में यह कह पाना थोड़ा मुश्किल है कि पैलियो डाइट सभी के लिए कारगर है या नहीं। हां, इतना जरूर कहा जा सकता है कि पैलियो डाइट से वजन पूरी तरह कम हो या न हो, लेकिन कुछ बीमारियों का जोखिम जरूर कम हो सकता है।
लेख के आगे के भाग में जानिए पैलियो डाइट के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।
पैलियो डाइट प्लान के नुकसान – Paleo Diet Plan Side Effect In Hindi
हर चीज का फायदा और नुकसान दोनों होते हैं। वैसे ही अगर पैलियो डाइट के फायदे हैं, तो उसके कुछ नुकसान भी हैं। उन्हीं के बारे में हम लेख के इस भाग में जानकारी दे रहे हैं (5)।
पैलियो डाइट प्लान में कई चीजों का ध्यान रखना जरूरी होता है। यह डाइट ताजे खाद्य पदार्थों पर निर्भर करती है। ऐसे में इस व्यस्त जीवनशैली में भोजन को तैयार करने और पकाने के लिए वक्त निकालना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
इस डाइट में साबुत अनाज और डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं किया जाता है। ऐसे में यह डाइट पोषक तत्व जैसे – कैल्शियम, विटामिन-बी व डी की कमी का कारण बन सकता है। इस स्थिति में जरूरी है कि कुछ नॉन डेयरी प्रोडक्ट का सेवन किया जाए, जिससे शरीर को कैल्शियम मिले। इसके अलावा, साबुत अनाज का सेवन न करने से फाइबर जैसे लाभकारी पोषक तत्व की कमी भी हो सकती है, जिससे मधुमेह और हृदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है।
साथ ही इसमें मौजूद किसी विशेष खाद्य पदार्थ का सेवन अगर व्यक्ति पहली बार कर रहा है, तो उसे फूड एलर्जी जैसी समस्या भी हो सकती है।
उम्मीद करते हैं कि इस लेख के जरिए पैलियो डाइट से संबंधित जानकारी से कई लोगों को इसके बारे में थोड़ा-बहुत अंदाजा हो गया होगा। पैलियो डाइट प्लान के फायदे जानने के बाद इसे कई लोग अपनाने का सोच रहे होंगे। इसे फॉलो करने में कोई बुराई नहीं है। अगर सही तरीके से इस डाइट का पालन किया जाए, तो पैलियो डाइट के फायदे जरूर दिखेंगे। फिर भी बेहतर है कि एक बार डॉक्टर या विशेषज्ञ की राय जरूर ली जाए। अंत में अगर पैलियो डाइट से संबंधित कोई भी सवाल या सुझाव आपके पास हो, तो आप उसे हमारे साथ साझा कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या चावल पैलियो आहार का हिस्सा है?
नहीं, पैलियो फूड लिस्ट में चावल नहीं है, क्योंकि यह एक अनाज है। हालांकि, कई पैलियो डाइटर्स कभी-कभी चावल खाते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि इसे आदत न बनाएं। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति पैलिओ डाइट की शुरुआत कर रहा है, तो बेहतर है की वो चावल का सेवन न करें। अधिक जानकारी के लिए आहार विशेषज्ञ से सलाह ली जा सकती है।
क्या पैलियो डाइट में चीज़ का सेवन किया जा सकता है ?
पैलियो डाइट में डेयरी प्रोडक्ट के सेवन से बचना चाहिए। इसलिए, बेहतर है कि चीज़ को डाइट में शामिल न करें। इसके अलावा और बेहतर जानकारी के लिए आहार विशेषज्ञ से भी राय जरूर लें (5)।
पैलियो डाइट में वजन कितनी तेजी से कम हो सकता है ?
डाइट के पहले सप्ताह में शरीर में पानी का वजन कम हो सकता है। इसलिए, पहले हफ्ते में बहुत अधिक वजन कम करने की संभावना हो सकती है। वहीं, दूसरे हफ्ते में शरीर से फैट कम हो सकता है, जो पैलियो डाइट का मुख्य लक्ष्य होता है। हालांकि, वजन कितनी तेजी से कम हो सकता है, यह व्यक्ति के शुरुआती वजन और डाइट को फॉलो करने पर निर्भर है। डाइट को सही तरीके से फॉलो करने से परिणाम धीरे-धीरे दिख सकते हैं।
क्या शाकाहारी व्यक्ति पैलियो डाइट कर सकता है?
हां, शाकाहारी व्यक्ति भी पैलियो डाइट कर सकता है।
क्या पैलियो डाइट में कॉर्न टॉर्टिला (Corn Tortillas) का सेवन किया जा सकता है?
नहीं, जब आप पैलियो डाइट पर हों, तो कॉर्न टॉर्टिला (Corn Tortilla) खाने से बचें, क्योंकि यह अनाज होता है और पैलियो डाइट में अनाज का सेवन करना मना है (6)।
पैलियो डाइट में कौन से स्नैक्स खा सकते हैं?
पैलियो डाइट में खाए जाने वाले स्नैक्स कुछ इस प्रकार हैं –
खीरा
गाजर
मटर और अन्य सब्जियों की सलाद
फलों की सलाद
पिस्ता
क्या पैलियो डाइट के दौरान कुछ पी सकते हैं?
पैलियो डाइट के दौरान नीचे बताए गए पेय-पदार्थों का सेवन कर सकते हैं –
भरपूर मात्रा में पानी
ग्रीन टी
फलों का जूस
सूप
यह व्यक्ति की डाइट और शरीर पर निर्भर करता है, इसलिए इस बारे में एक बार डॉक्टर से सलाह लेना अच्छा हो सकता है।
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Arpita Biswas
अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी शौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/kya-paleo-diet-weight-loss-me-madad-karta-hai-in-hindi/
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ajitnehrano0haryana · 5 years
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भारत में बढ़ते पर्यटकों की संख्या के कारण यहां की होटल इंडस्ट्री खूब फलफूल रही है। बीते सात सालों की बात करें तो भारतीय होटल इंडस्ट्री में 15 फीसदी की ग्रोथ हुई है। होटल इंडस्ट्री हर उस व्यक्ति के लिए आतिथ्य सत्कार के लिए तैयार है जो या तो सुविधाओं को अपनी हैसियत के अनुसार हासिल करना चाहता है या स्वागत सत्कार के गुणों के लिए अपने करियर की तलाश कर रहा है। यदि चाहते हैं उस दुनिया में जाना जहां एक तरफ आधुनिकता का स्वर्ग फैला है और दूसरी तरफ करियर की बुलंदियां तो देर किस बात की। होटल मैनेजमेंट का कोर्स करिये और निकल पड़िए सेवा सत्कार के उस अभियान पर जहां पैसा भी है, नई-नई जगहों पर जाने का अवसर भी है और अलग-अलग सभ्यता के लोगों को जानने का मंच भी है। इस इंडस्ट्री में जाने लायक काबिलियत हासिल करना कोई कठिन काम भी नहीं है। अपने मन मुताबिक फील्ड का चुनाव करें, पढ़े, प्रैक्टिकल अनुभव लें और करियर की शुरूआत करें। एक अनुमान के मुताबिक आने वाले पांच सालों में होटल इंडस्ट्री में करियर की अपार संभावनाएं हैं।
कौन कौन से हैं कोर्स लक्ष्य भारती इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल होटल मैनेजमेंट के डायरेक्टर कमल कुमार के मुताबिक इसमें यूं तो कई प्रकार के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। जैसे कुकिंग एंड बेकरी, फूड एंड बेवरेजेज, फूड प्रोडक्शन, फ्रंट ऑफिस मैनेजमेंट, होटल मैनेजमेंट आदि। इन सभी कोर्सेज में छात्र 3 साल की डिग्री से लेकर 6 महीने के सर्टिफिकेट कोर्स तक कर सकते हैं। कुकिंग एंड बेकरी कुकिंग और बेकरी का कोर्स आपके लिए एक अच्छा ऑपशन बन सकता है, यदि आप एक बेहतर शेफ बनाना चाहते हैं। खाने की सम्पूर्ण जिम्मेदारी से लेकर किचन का रख-रखाव शेफ की निगरानी में होता है। हालांकि कई बार शेफ को फ्रंट में भी आना पड़ता है। ये एक मैनेजरियल एक्टिविटी का ही हिस्सा होता है, ताकि उसे पता चल से कि लोगों को क्या पसंद आ रहा है और उसके अनुरुप वो लोगों के लिए वही डिश तैयार करें ताकि लोग बार-बार स्वाद लेने वहां आएं। फूड एंड बेवरेजेज फूड एंड बेवरेज सर्विस विभाग मेहमानों की जरूरतों का खयाल रखता है। यह स्टाफ गेस्ट की टेबल तक उसकी पसंद का व्यंजन या पेय पहुंचाने का काम करता है। टेबल से दर रहते हुए वह गेस्ट की बॉडी लैंग्वेज पढ़ता है और उसके कहने से पहले ही निर्देशों का पालन कर देता है। एक फूड एंड बेवरेज ग्रेजुएट रूम सर्विस, बार, स्पेशलिटी रेस्टोरेंट, कैफे, डिस्कोथेक, नाइट क्लब, बैंक्विट में से किसी को चुन सकता है। मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में शुरूआत के बाद असिस्टेंट मैनेजर बनते हैं। फूड प्रोडक्शन फुड प्रोडक्शकन का काम किसी भी रेस्तरां, होटल, फास्ट फूड ज्वाइंट या किसी भी फूड स्टॉल पर खाना बनाना होता है । फुड प्रोडक्शन मैनेजर की भमिका यहीं खत्म नहीं हो जाती. मेन्यू प्लान करना, सामान मंगाना, तैयारी की सुपरविजन करना, किचन के स्टाफ को निर्देश देना भी उसकी जिम्मेदारियों में शामिल होता है। शेफ के रूप में अच्छी क्वालिटी का स्वादिष्ट खाना तैयार करना उसका धर्म है क्योंकि उसी के आधार पर ग्राहक आएंगे और फूड बिजनेस चलेगा। फुड प्रोडक्शेन मैनेजर को अलग-अलग किस्म के व्यंजनों और उन्हें तैयार करने की विधि के बारे में जानकारी होनी चाहिए। फ्रंट ऑफिस मैनेजमेंट फ्रंट ऑफिस हर उस काम को करन�� में तत्पर होता है जिससे ग्राहकों यानी अतिथियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, उन्हें हर तरह से संतुष्ट किया जा सके। होटल के मानकों का पालन करते हुए अपनी सेवा से संतुष्ट करने में फ्रंट ऑफिस अपनी उपयोगिता साबित करता है। इस विभाग के लिए एक प्रबंधक नियुक्त होता है जो फ्रंट ऑफिस ऑपरेशन को देखता है और पूरे बिजनेस प्लान के अनुसार हर काम व्यवस्थित रखता है। योग्यता (Eligibility for Hospitality Management) दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट की प्रिंसिपल अरूणा सिंह के अनुसार इन पाठ्यक्रमों को करने के लिए किसी भी मान्यताप्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से 12वीं या इसके समकक्ष उत्तीर्ण होना जरूरी है। 12वीं में अंग्रेजी एक अनिवार्य विषय के रूप में पढी होनी चाहिए। न्यूमैंरिकल एबिलिटी, सामान्य ज्ञान व सामान्य विज्ञान की जानकारी भी बेहद जरूरी है। साथ ही हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री की समझ हो तो बेहतर है। इस इंडस्ट्री में कामयाब होने के लिए कुछ व्यक्तिगत गुणों का होना भी जरूरी है जैसे, मृदुभाषी होना, कितनी भी परेशानी हो, चेहरे पर न आने देना, सेवा सत्कार को धर्म की श्रेणी में रखना आदि। कहां कहां है अवसर होटलों में काम करने के अलावा और भी कई ऐसे स्थान हैं जहां होटल मैनेजमेंट की डिग्री या डिप्लोमा करने वालों को नौकरी मिल सकती है। रेस्तरां या फास्ट फूड ज्वाइंट, क्रूज शिप, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन एंड केटरिंग, इंस्टीट्यूशनल एंड इंडस्ट्रियल केटरिंग, एयरलाइन केटरिंग, होटल एंड केटरिंग इंस्टीट्यूट्स, रेलवे, बैंक या अन्य बड़े संस्थानों में कैंटीन। सैलरी पैकेज इस क्षेत्र में करियर के शुरुआती दौर में आपको 12 हजार से 18 हजार रुपये प्रति माह मिल सकते हैं। कुछ वर्षों का अनुभव हासिल करने के बाद सैलरी अच्छी हो सकती है।
Main Hospitality Management Institutions
Indira Gandhi Open University, New Delhi
The Hotel School, New Delhi
Kurukushetra University, Kurukshetra Haryana
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शाकाहार खिलाने से एयर इंडिया को 10 करोड़ रुपये बचने की उम्मीद has been published on PRAGATI TIMES
शाकाहार खिलाने से एयर इंडिया को 10 करोड़ रुपये बचने की उम्मीद
नई दिल्ली,(आईएएनएस)| एयर इंडिया की घरेलू उड़ानों के इकोनॉमी क्लास में अब सिर्फ शाकाहारी व्यंजन परोसे जाएंगे।
विमानन कंपनी ने सोमवार को कहा कि इस कदम से उसे सालाना 10 करोड़ रुपये के बचत की उम्मीद है। कंपनी के एक वरिष्ठ यात्री के मुताबिक, यह कदम कंपनी द्वारा 90 मिनट की कम के उड़ान में मांसाहारी भोजन नहीं परोसने के फैसले के अनुरूप है। सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि इसे पिछले हफ्ते से लागू कर दिया गया है, “शुरुआती अनुमानों से प्रतीत होता है कि इससे एयरलाइन को 8-10 करोड़ रुपये की बचत होगी।” एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि यह कदम यात्रियों की मांग पर ही उठाया गया है। हालांकि घरेलू उड़ानों के बिजनेस क्लास के यात्रियों के पास शाकाहारी या मांसाहारी दोनों भोजन चुनने का विकल्प रहेगा। वहीं, उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम कंपनी के लिए उल्टा असर करेगा और बचत तो काफी होगी वहीं, यात्रियों की संख्या भी घट जाएगी। एयर इंडिया टिकट के पैसे में भी भोजन के पैसे भी जोड़ कर लेती है, जबकि किफायती विमान कंपनियां इसका अलग से शुल्क वसूलती हैं। एयर इंडिया ने महाप्रबंधक (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन विभाग) जी. प्रसाद राव ने आईएएनएस को बताया, “एयर इंडिया ने घरेलू उड़ानों में मांसाहारी व्यंजन नहीं परोसने का प्रबुद्ध फैसला किया है। हम अपनी खानपान सेवा को तर्कसंगत बनाने तथा खाद्य अपव्यय को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।” आश्चर्य नहीं है कि यह कदम केंद्रीय मंत्रिमंडल के 28 जून के उस फैसले के बाद उठाया गया है, जिसमें एयर इंडिया को बेचने का फैसला लिया गया है। एयर इंडिया जहां भारी नुकसान में है और उस पर 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज भी है। इससे पहले साल 2016 में भी कंपनी ने 90 मिनट से कम समय के घरेलू उड़ानों में इकोनॉमी क्लास में मांसाहारी व्यंजन नहीं परोसने का फैसला लिया था, लेकिन थोड़े समय बाद ही इसे वापस ले लिया था।
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शाकाहार खिलाने से एयर इंडिया को 10 करोड़ रुपये बचने की उम्मीद has been published on PRAGATI TIMES
शाकाहार खिलाने से एयर इंडिया को 10 करोड़ रुपये बचने की उम्मीद
नई दिल्ली,(आईएएनएस)| एयर इंडिया की घरेलू उड़ानों के इकोनॉमी क्लास में अब सिर्फ शाकाहारी व्यंजन परोसे जाएंगे।
विमानन कंपनी ने सोमवार को कहा कि इस कदम से उसे सालाना 10 करोड़ रुपये के बचत की उम्मीद है। कंपनी के एक वरिष्ठ यात्री के मुताबिक, यह कदम कंपनी द्वारा 90 मिनट की कम के उड़ान में मांसाहारी भोजन नहीं परोसने के फैसले के अनुरूप है। सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि इसे पिछले हफ्ते से लागू कर दिया गया है, “शुरुआती अनुमानों से प्रतीत होता है कि इससे एयरलाइन को 8-10 करोड़ रुपये की बचत होगी।” एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि यह कदम यात्रियों की मांग पर ही उठाया गया है। हालांकि घरेलू उड़ानों के बिजनेस क्लास के यात्रियों के पास शाकाहारी या मांसाहारी दोनों भोजन चुनने का विकल्प रहेगा। वहीं, उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम कंपनी के लिए उल्टा असर करेगा और बचत तो काफी होगी वहीं, यात्रियों की संख्या भी घट जाएगी। एयर इंडिया टिकट के पैसे में भी भोजन के पैसे भी जोड़ कर लेती है, जबकि किफायती विमान कंपनियां इसका अलग से शुल्क वसूलती हैं। एयर इंडिया ने महाप्रबंधक (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन विभाग) जी. प्रसाद राव ने आईएएनएस को बताया, “एयर इंडिया ने घरेलू उड़ानों में मांसाहारी व्यंजन नहीं परोसने का प्रबुद्ध फैसला किया है। हम अपनी खानपान सेवा को तर्कसंगत बनाने तथा खाद्य अपव्यय को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।” आश्चर्य नहीं है कि यह कदम केंद्रीय मंत्रिमंडल के 28 जून के उस फैसले के बाद उठाया गया है, जिसमें एयर इंडिया को बेचने का फैसला लिया गया है। एयर इंडिया जहां भारी नुकसान में है और उस पर 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज भी है। इससे पहले साल 2016 में भी कंपनी ने 90 मिनट से कम समय के घरेलू उड़ानों में इकोनॉमी क्लास में मांसाहारी व्यंजन नहीं परोसने का फैसला लिया था, लेकिन थोड़े समय बाद ही इसे वापस ले लिया था।
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शाकाहार खिलाने से एयर इंडिया को 10 करोड़ रुपये बचने की उम्मीद has been published on PRAGATI TIMES
शाकाहार खिलाने से एयर इंडिया को 10 करोड़ रुपये बचने की उम्मीद
नई दिल्ली,(आईएएनएस)| एयर इंडिया की घरेलू उड़ानों के इकोनॉमी क्लास में अब सिर्फ शाकाहारी व्यंजन परोसे जाएंगे।
विमानन कंपनी ने सोमवार को कहा कि इस कदम से उसे सालाना 10 करोड़ रुपये के बचत की उम्मीद है। कंपनी के एक वरिष्ठ यात्री के मुताबिक, यह कदम कंपनी द्वारा 90 मिनट की कम के उड़ान में मांसाहारी भोजन नहीं परोसने के फैसले के अनुरूप है। सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि इसे पिछले हफ्ते से लागू कर दिया गया है, “शुरुआती अनुमानों से प्रतीत होता है कि इससे एयरलाइन को 8-10 करोड़ रुपये की बचत होगी।” एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि यह कदम यात्रियों की मांग पर ही उठाया गया है। हालांकि घरेलू उड़ानों के बिजनेस क्लास के यात्रियों के पास शाकाहारी या मांसाहारी दोनों भोजन चुनने का विकल्प रहेगा। वहीं, उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम कंपनी के लिए उल्टा असर करेगा और बचत तो काफी होगी वहीं, यात्रियों की संख्या भी घट जाएगी। एयर इंडिया टिकट के पैसे में भी भोजन के पैसे भी जोड़ कर लेती है, जबकि किफायती विमान कंपनियां इसका अलग से शुल्क वसूलती हैं। एयर इंडिया ने महाप्रबंधक (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन विभाग) जी. प्रसाद राव ने आईएएनएस को बताया, “एयर इंडिया ने घरेलू उड़ानों में मांसाहारी व्यंजन नहीं परोसने का प्रबुद्ध फैसला किया है। हम अपनी खानपान सेवा को तर्कसंगत बनाने तथा खाद्य अपव्यय को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।” आश्चर्य नहीं है कि यह कदम केंद्रीय मंत्रिमंडल के 28 जून के उस फैसले के बाद उठाया गया है, जिसमें एयर इंडिया को बेचने का फैसला लिया गया है। एयर इंडिया जहां भारी नुकसान में है और उस पर 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज भी है। इससे पहले साल 2016 में भी कंपनी ने 90 मिनट से कम समय के घरेलू उड़ानों में इकोनॉमी क्लास में मांसाहारी व्यंजन नहीं परोसने का फैसला लिया था, लेकिन थोड़े समय बाद ही इसे वापस ले लिया था।
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शाकाहार खिलाने से एयर इंडिया को 10 करोड़ रुपये बचने की उम्मीद has been published on PRAGATI TIMES
शाकाहार खिलाने से एयर इंडिया को 10 करोड़ रुपये बचने की उम्मीद
नई दिल्ली,(आईएएनएस)| एयर इंडिया की घरेलू उड़ानों के इकोनॉमी क्लास में अब सिर्फ शाकाहारी व्यंजन परोसे जाएंगे।
विमानन कंपनी ने सोमवार को कहा कि इस कदम से उसे सालाना 10 करोड़ रुपये के बचत की उम्मीद है। कंपनी के एक वरिष्ठ यात्री के मुताबिक, यह कदम कंपनी द्वारा 90 मिनट की कम के उड़ान में मांसाहारी भोजन नहीं परोसने के फैसले के अनुरूप है। सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि इसे पिछले हफ्ते से लागू कर दिया गया है, “शुरुआती अनुमानों से प्रतीत होता है कि इससे एयरलाइन को 8-10 करोड़ रुपये की बचत होगी।” एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि यह कदम यात्रियों की मांग पर ही उठाया गया है। हालांकि घरेलू उड़ानों के बिजनेस क्लास के यात्रियों के पास शाकाहारी या मांसाहारी दोनों भोजन चुनने का विकल्प रहेगा। वहीं, उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम कंपनी के लिए उल्टा असर करेगा और बचत तो काफी होगी वहीं, यात्रियों की संख्या भी घट जाएगी। एयर इंडिया टिकट के पैसे में भी भोजन के पैसे भी जोड़ कर लेती है, जबकि किफायती विमान कंपनियां इसका अलग से शुल्क वसूलती हैं। एयर इंडिया ने महाप्रबंधक (कॉरपोरेट कम्युनिकेशन विभाग) जी. प्रसाद राव ने आईएएनएस को बताया, “एयर इंडिया ने घरेलू उड़ानों में मांसाहारी व्यंजन नहीं परोसने का प्रबुद्ध फैसला किया है। हम अपनी खानपान सेवा को तर्कसंगत बनाने तथा खाद्य अपव्यय को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।” आश्चर्य नहीं है कि यह कदम केंद्रीय मंत्रिमंडल के 28 जून के उस फैसले के बाद उठाया गया है, जिसमें एयर इंडिया को बेचने का फैसला लिया गया है। एयर इंडिया जहां भारी नुकसान में है और उस पर 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज भी है। इससे पहले साल 2016 में भी कंपनी ने 90 मिनट से कम समय के घरेलू उड़ानों में इकोनॉमी क्लास में मांसाहारी व्यंजन नहीं परोसने का फैसला लिया था, लेकिन थोड़े समय बाद ही इसे वापस ले लिया था।
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