17 से 20 फरवरी 2024 को "संत रामपाल जी महाराज के बोध दिवस" और "कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस" पर होने वाले महासमागम पर आप सभी परिवार सहित सादर आमंत्रित हैं।
भ्रांति : ईसाई धर्म की मान्यता है कि क्रस किये जाने के तीन दिन बाद ईसा मसीह फिर से जिंदा हो गए थे।
सच्चाई : जबकि यह बात पूर्णतः सत्य नहीं है। संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि पूर्ण परमात्मा ही भक्ति की आस्था बनाए रखने के लिए ईसा जी की मृत्यु के पश्��ात् ईसा जी का रूप धारण करके प्रकट होकर ईसाईयों के विश्वास को प्रभु भक्ति पर दृढ़ रखा था, नहीं तो ईसा जी के पूर्व चमत्कारों को देखते हुए ईसा जी का अंत देखकर कोई भी व्यक्ति भक्ति साधना नहीं करता और वे नास्तिक हो जाते। जिसका प्रमाण पवित्र बाइबिल में यूहन्ना ग्रन्थ अध्याय 16 श्लोक 4-15 में दिया गया है कि जिसे ईसाई धर्म के लोग शैतान कहते हैं, वह वास्तव में ब्रह्म काल जिसका प्रमाण पवित्र श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 11 श्लोक 21, 32 में है, यह शैतान काल यही चाहता है कि कोई भक्ति न करे यानि सभी नास्तिक बन जायें।