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#हमें बुराई से बचाओ
shivnarayankumar · 9 months
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🎢संत रामपाल जी महाराज जी का समाज सुधारक में मुख्य योगदान🎢
संत रामपाल जी महाराज ही एकमात्र ऐसे संत हैं जिनके अनुयाई अपने गुरु के बनाए नियमों को निभाते हैं। संत रामपाल जी ने अपने शिष्यों के लिए रिश्वतखोरी, चोरी, ठगी, दहेज लेना देना आदि की मनाही कर रखी है। उनके बताए भक्ति मार्ग पर चलकर अनगिनत लोगों को नई ज़िन्दगी मिली है और अनगिनत लोगों को आशा की किरण दिखाई दी है।
संत रामपाल जी महाराज जी का समाज सुधारक का अनेको योगदान है जैसे कि:-
दहेज प्रथा को खत्म करना:-
संत रामपाल जी महाराज ने दहेज प्रथा जैसी कुरीति को खत्म कर दिया है। उनके शिष्यों के लिए यह नियम सख्ती से लागू है कि न तो दहेज लेना है न देना है। संत रामपाल जी के शिष्यों की मात्र 17 मिनट में बिना दहेज के रमैनी हो जाती है। हमने देखा है सरकार भी बहुत सारे अभियान चलाती है ताकि दहेज प्रथा जैसी बुराई को खत्म किया जा सके लेकिन फिर भी यह प्रथा भयानक रूप लेती जा रही है। हर वर्ष कई लड़किया दहेज की बली चढ़ती हैं। इसके लिए कई कानून बने हैं लेकिन फिर भी बहुत सी महिलायें तो दहेज की शिकायत भी दर्ज नहीं करवाती। लेकिन संत रामपाल जी के अनुयाई बहु को बेटी जैसा सम्मान देते हैं और बिना दहेज़ के रमैनी करवाते हैं, यह अपने आप में मिसाल है कि जो काम सरकार नहीं कर सकी वो संत रामपाल जी ने कर दिखाया।
नशे जैसी बुराई को छुड़ाना
संत रामपाल जी को ऐसे ही मसीहा नहीं कहते है। यह बात उनसे पूछिए जिनके अपनो ने नशे जैसी बुराई को मात्र संत रामपाल जी से दीक्षा लेने बाद छोड़ दिया हो। देश के युवाओं को देश का भविष्य कहा जाता है, लेकिन उस देश का क्या भविष्य होगा जिसके युवा नशे में डूबे रहते हैं। कहने को तो सरकार ने और संस्थाओं ने नशा छुड़ाने के लिए अभियान चला रखे हैं लेकिन फिर भी यह बुराई भयंकर रूप लेती जा रही है। नशे के कारण हर रोज पता नहीं कितने घरों में चूल्हा नहीं जलता, पता नहीं कितने घरों के चिराग नशे की ओवरडोज से बुझ जाते हैं
वही दूसरी ओर संत रामपाल जी महाराज के शिष्य न तो नशा करते हैं न किसी को नशे का साधन लाकर देते हैं। कहने का मतलब है वो नशे को हाथ तक नहीं लगाते। संत रामपाल जी के बनाए नियम के अनुसार उनका शिष्य नशा नहीं करता। संत गरीब दास जी महाराज अपनी वाणी में कहते हैं:-
मदिरा पीवैं कड़वा पानी, सत्तर जन्म कुत्ते के जानी।
बेटा और बेटी के भेदभाव को खत्म करना:-
वर्तमान में समाज में चाहे स्थिति अब बदल गई है और कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीति जिस पर सरकार ने बैन लगा दिया और कानून बना दिया पर यह अभी भी समाज में पनप रही है। हम घरों से लेकर ऑफिस तक आम तौर पर देखते हैं कि बेटियों के साथ भेदभाव किया जाता है। सरकार ने बहुत से अभियान चला रखे हैं जैसे कि “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” आदि, लेकिन फिर भी कुछ सफलता नही मिली। लेकिन संत रामपाल जी के शिष्य बेटा और बेटी में अंतर नहीं करते, क्योंकि संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि बेटा और बेटी दोनों परमात्मा के बच्चे हैं।
चोरी, ठगी, रिश्वतखोरी जैसी बुराइयों को समाज से खत्म करने में योगदान:-
इस बात में कोई शक नहीं है कि यह समाज बुराइयों से भरा पड़ा है। यहाँ हमे रोज समाचार पत्रों में चोरी, ठगी, रिश्वतखोरी जैसी खबरे पढ़ने को मिल ही जाती हैं। ऐसे में संत रामपाल जी ऐसा समाज तैयार कर रहे हैं जहां ऐसी बुराइयों के लिए कोई जगह नहीं होगी। संत रामपाल जी महाराज के अनुयाई ऐसी बुराइयों के निकट भी नहीं जाते। क्योंकि उनका मानना है कि बुराई करना और बुराई में सहयोग देना दोनों महापाप हैं। संत रामपाल जी के दिये ज्ञान के अनुसार परमात्मा जब मेहर करता है तब ही कोई लाभ हो सकता है ऐसे चोरी ठगी से तो नुकसान ही होता है। कबीर साहेब जी कहते हैं:-
कबीर साहेब से सब होत है बंदे से कछु नांहि।
राई से पर्वत करे पर्वत से फिर राई।।
संत रामपाल जी महाराज हर प्रकार के समाज सुधारक के कार्यों में हमेशा आगे रहते हैं। और भी उनके द्वारा किये गए और भी अनेकों समाज सुधारक एवं कल्याणकारी कार्य है।
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ajitnehrano0haryana · 4 years
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। एक घंटे 40 मिनट के भाषण में मोदी विपक्ष पर काफी हमलावर नजर आए। विभाजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी (जवाहर लाल नेहरू) को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान की जमीन पर लकीर खींच दी गई।
उन्होंने यह भी कहा कि एक सवाल बार-बार आ रहा है कि सरकार को कामों की इतनी जल्दी क्यों है? अगर पुरानी लीक पर चले होते तो अनुच्छेद 370 खत्म नहीं होता। शाम पांच बजे प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में भाषण दिया। उन्होंने कहा- सीएए के विरोध में जारी प्रदर्शनों के पीछे अलोकतांत्रिक गतविधियों को छिपाया जा रहा है।
राज्यसभा में प्रधानमंत्री भाषण मोदी ने कहा- जब तेलंगाना का फैसला हुआ तो सदन के दरवाजे बंद कर दिए गए। टीवी का टेलिकास्ट बंद कर दिया गया। वह प्रस्ताव कैसे पारित हुआ था, वह सबको याद है। सांसद वाइको जी ने कहा- 5 अगस्त 2019 कश्मीर के लिए काला दिन है। यह ब्लैक डे नहीं आतंक और अलगाव को बढ़ावा देने के लिए ब्लैक डे साबित हो चुका है।
आजाद साहब कह रहे हैं कि नॉर्थईस्ट जल रहा है। अगर जलता होता तो आपने अपने सांसदों का दल वहां भेजा होता और वहां की फोटो भी निकलवा दी होती। नए नागरिकता कानून पर लोगों को डराने के बजाए सही सूचना देने की जरूरत है। सीएए के विरोध में जारी प्रदर्शनों के पीछे अलोकतांत्रिक गतिविधियों को छिपाया जा रहा है।
जनगणना और एनपीआर सामान्य प्रक्रिया है। अब एनपीआर लाने वाले ही वोट बैंक पॉलिटिक्स के चलते भ्रम फैला रहे हैं। विपक्ष के विरोध पर मोदी ने कहा- जाकि रहि भावना जैसी, प्रभु मूरत तिन देखहीं तैसी।
गुलाम नबी आजाद ने कहा- पूरे विपक्ष की तरफ मैं कहना चाहता हूं कि हममें से कोई भी पाकिस्तान या बांग्लादेश या अफगानिस्तान से हिंदुओं के आने के खिलाफ नहीं हैं।
लोकसभा में प्रधानमंत्री भाषण
नेहरू पर आरोप प्रधानमंत्री बनने की इच्छा किसी की भी हो सकती है, इसमें कोई बुराई नहीं। लेकिन किसी को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान के नक्शे पर एक लकीर खींच दी गई। लाखों हिंदुओं और सिखों पर अत्याचार हुए।
पुराने ढर्रे पर चलते तो अनुच्छेद 370 नहीं हटता सरकार बदली है, सरोकार भी बदलने की जरूरत है। हम पहले के तरीके से चलते तो शायद 70 साल बाद भी अनुच्छेद 370 नहीं हटता। मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार डराती। राम जन्मभूमि विवादों में रहती।
कांग्रेस की कार्यशैली अगर कांग्रेस के रास्ते पर चलते तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति के लिए इंतजार करना पड़ता। 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून का इंतजार खत्म नहीं होता। फाइटरजेट का इंतजार भी खत्म नहीं होता।
पूर्वोत्तर का विकास पहले पूर्वोत्तर में सूर्य तो निकलता था, लेकिन सुबह नहीं होती थी। हमारे मंत्री वहां गए, लोगों से संवाद किया। वहां लोगों को सड़क, बिजली, ट्रेन और हवाई सेवाएं दी गईं। समझौते में लिखा है बोडो की कोई मांग बाकी नहीं है।
भ्रष्टाचार पहले की सरकारों में भ्रष्टाचार, कमजोर बैंकिंग और संसाधनों की बंदरबांट के मुद्दे सदन में गूंजते थे। हमने इन सब को खत्म करने का लक्ष्य रखा था। उसे पूरा भी किया। आज मुद्दा वित्तीय घाटा और महंगाई बनी हुई है।
राहुल के बयान पर जवाब कल एक कांग्रेस नेता (राहुल गांधी) ने कहा कि युवा मोदी को डंडे मारेंगे। अगले 6 महीने में ऐसे सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा और पीठ का साइज (मजबूती) इतना बढ़ा दूंगा कि कोई भी डंडा मार सके।
बंगाल-कश्मीर के हालात अधीरजी (कांग्रेस नेता) बंगाल में क्या चल रहा है, उसका कच्चा चिट्ठा खोल दें तो आपको तकलीफ होगी। कांग्रेस के वक्त संविधान की क्या स्थिति थी। 19 जनवरी 1990 को कुछ लोगों ने कश्मीर की पहचान को दफना दिया था।
संविधान कांग्रेस का मंत्र होना चाहिए- संविधान बचाओ। आपको इसे दिन में 100 बार बोलना चाहिए। आपातकाल के दौरान आपको संविधान याद नहीं आया था। कांग्रेस अगर संविधान का महत्व समझती तो ऐसी हालत ऐसी न होती।
सीएए कुछ लोग बोल रहे हैं कि सीएए लाने की जल्दी क्या थी। सरकार भेदभाव कर रही है। ये वे लोग हैं, जो देश के टुकड़े-टुकड़े करने वालों के साथ फोटो खिंचवाते हैं। दुखद है कि कुछ लोग पाकिस्तान के रवैये पर भरोसा कर रहे।
सिख दंगे सीएए से भारत में किसी भी अल्पसंख्यक को कोई परेशानी नहीं होगी। क्या कांग्रेस को 1984 के दंगे याद हैं। क्या वहां रहने वाले हमारे सिख भाई अल्पसंख्यक नहीं थे। आपने दंगा भड़काने के आरोपी को मुख्यमंत्री बना दिया।
कविता और शेर सुनाया मोदी ने मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक कविता का जिक्र करते हुए कहा- लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं। एक शायर ने कहा है- खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, आप छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं।
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