Hum Bhi Akele Tum Bhi Akele Film Review: आइडिया ही नहीं उसका एक्जिक्यूशन भी अच्छा होना चाहिए
Hum Bhi Akele Tum Bhi Akele Film Review: आइडिया ही नहीं उसका एक्जिक्यूशन भी अच्छा होना चाहिए
फिल्म – हम भी अकेले तुम भी अकेले
मिनट्स – 117
प्लेटफॉर्म – डिज्नी+ हॉटस्टार
समलैंगिक संबंधों पर हिंदी फिल्म बनाने के कई बार प्रयास किए जाते रहे हैं. न सिर्फ गे बल्कि अब लेस्बियन रिलेशनशिप्स पर भी कहानी में आने लगी है. नैतिकता की बातों को दरकिनार करके देखें तो चूंकि इस तरह के सम्बन्ध आज समाज में हो रहे हैं, तो इन पार बात करना, साहित्य गढ़ना, फिल्म बनाना लाजमी है. दुःख तब होता है जब फिल्मकार या तो…
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समलैंगिकता पर फिल्में बनाई जानीं चाहिए : जरीन
बॉलीवुड अभिनेत्री जरीन खान अपनी आगामी फिल्म ‘हम भी अकेले तुम भी अकेले’ में एक समलैंगिक चरित्र में हैं, उनका मानना है कि सिनेमा का इस्तेमाल पुरानी पीढ़ी को इस मुद्दे पर सहजता से बात कराने के लिए किया जाना चाहिए। जरीन ने कहा, इस फिल्म की कहानी को सुनने के बाद मुझे महसूस हुआ कि फिल्मों में आने के लिए यह कहानी कितनी महत्वपूर्ण है। यद्यपि धारा 377 को अदालत ने वैध घोषित कर दिया है, लेकिन समाज और हमारे मां-बाप की पीढ़ी निश्चित तौर पर इस वास्तविकता के साथ सहमत नहीं हैं कि समलैंगिक हम सभी की तरह सामान्य हैं।
यह सिर्फ एक और यौन ओरिएंटेशन है और कुछ नहीं। युवा पीढ़ी इसे लेकर अब बात करने लगी है। यदि समाज का समर्थन नहीं होगा तो वे आजाद होकर कैसे जिएंगे? फिल्म की कहानी दो समलैंगिक किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है जिसे जरीन और अंशुमन झा निभा रहे हैं। झा इस फिल्म के निर्माता भी हैं। हरीश व्यास इसके निर्देशक हैं। यह फिल्म मैनहटन में साउथ एशियन फिल्म फेस्टिवल में 22 नवंबर को दिखाई जाएगी।
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