*अर्श(बवासीर)/पाइल्स*
बवासीर या अर्श को अंग्रेजी में पाईल्स(piles) के नाम से जाना जाता है | जिनमे अर्श संस्कृत शब्द है बवासीर यूनानी ,पाइल्स होमोरोइड्स अंग्रेजी आदि नामो से जाना जाता है |
पाइल्स मुख्यरूप से सभ्य समाज का रोग है | बवासीर की उत्पत्ति यह संकेत देती है की हमारे शरीर के भीतर विजातीय पदार्थो का संग्रहण अधिक हो चुका है और उसको बहार निकालने में अज्ञानतावश हम हमारे ही शरीर का साथ नही दे पा रहे है | साथ देने से तात्पर्य यह है की जिस लाइफस्टाइल को हम जी रहे है | वह हमारे शरीर के अनुरूप नही है हमे उसको बदलने की आवश्यकता है | यदि समय रहते हुए हम बदल देते है तो बवासीर अधिक दुखदायी होने से पूर्व ही खत्म हो जाती है |
मुख्य रूप से बवासीर के वलियो के आधार पर दो प्रकार होते है –
1.जो गुदा के बाहरी भाग में होते है उनको बाह्यार्श कहा जाता है |
2.जो वलियो के भीतरी भाग /वलियो में होते है उनको आभ्यांतरार्श कहा जाता है |
*बवासीर के कारण (CAUSES OF PILES )*
बबासीर का मुख्य कारण कब्ज को माना जाया है क्योकि कब्ज के कारण ही हमारी वलियो पर दबाव पड़ता है |
जो व्यक्ति मैदा डबल रोटी,डिब्बाबंद वस्तुओ का अधिक सेवन करता हो जिससे कि उसका पेट सही से साफ नही हो पाता हो और कब्ज लगातार बनी रहती हो ऐसी स्थिति में आंतो में सडन से गर्मी बढ़ जाती है और आंते कमजोर हो जाती है परिणामस्वरूप आंतो की झिल्ली कमजोर हो जाने से धीरे-धीरे गुद प्रदेश में भारीपन का एहसास होता है |
मलमूत्र के वेग को रोकने से
बहुत देर तक एक ही अवस्था में बैठे रहने से |
चोट लगने से |
विषम भोजन आदि के निरंतर सेवन से |
नमकीन व तीक्ष्ण पदार्थो का अधिक सेवन करने से |
समय से भोजन नही करने से या अधिक समय तक भूखा रहने से |
अत्यधिक मदिरा/शराब के सेवन करने से।
*पाइल्स/अर्श/भगंदर/ बवासीर का इलाज* हमारी औषधि जो कि पूर्ण शोध पश्चात बनाई गई है से खूनी, मस्से, अंदरूनी इंफेक्शन, फिस्टुला सभी तरह की बवासीर रोग को पूर्ण रूप से दूर करती है। इसके 20 दिन सेवन और कुछ सुनिश्चित परहेज करने से पुरानी से पुरानी बवासिर रोग से निजात पा सकते हैं।
ये सब मात्र 1 महीने नियमित रूप से परहेज करने मात्र से और ओषधी बताए अनुसार लेने से आपकी बवासीर जड़ से खत्म हो जायेगी।
दवाई कैसे लेनी है ये दवाई लेने पे बता दिया जायेगा।
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