📯नवरात्रि पर 9 दिन श्रद्धालु माता को खुश करने के लिए व्रत रखते हैं अर्थात भूखे रहते हैं, लेकिन ज़रा विचार कीजिये बच्चे भूखे रहेंगे तो क्या माँ खुश हो सकती है?
🎉 जब पृथ्वी पर पापियों का एक छत्र साम्राज्य हो जाता है तब भगवान पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। वर्तमान में परमात्मा संत रामपाल जी महाराज के रूप में अवतरित हुए हैं जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस है।
🎉संत रामपाल जी महाराज जी का 17 फरवरी को बोध दिवस है जिनके विषय में हंगरी की महिला ज्योतिषी ‘‘बोरिस्का’’ ने लिखा है कि 21वीं सदी में मानवीय सद्गुणों का विकास एक भारतीय संत के द्वारा होगा, जो चिरस्थाई रहेगा, इस आध्यात्मिक व्यक्ति के अनुयायी भौतिकवाद को आध्यात्मिकता में बदल देगें।
🎉संत रामपाल जी महाराज का 17 फरवरी को बोध दिवस है जिनके बारे में नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि कई सदियों से ना देखा ऐसा हिन्दुओं का सुख साम्राज्य दृष्टिगोचर होगा। हिंदुस्तान में पैदा हुआ धार्मिक संत ही तत्वदृष्टा तथा जग का तारणहार होगा।
🎉 परमेश्वर कबीर जी ने कहा था कि ‘‘पृथ्वी और आकाश टल सकते हैं, सूर्य का अटल सिद्धांत है उदय-अस्त, वो भी निरस्त हो सकता है, लेकिन मेरी बातें कभी झूठी नहीं हो सकती। जब कलयुग 5500 वर्ष बीत जाएगा तब एक महापुरूष जगत का उद्धार करने के लिए आएगा। वह महापुरुष संत रामपाल जी महाराज जी हैं जिनका 17 फरवरी को बोध दिवस है।
🎉 17 फरवरी को उस महापुरुष का बोध दिवस है जिन्होंने दहेज मुक्त, नशा मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त समाज तथा विश्व शांति का बीड़ा उठाया है। विश्व कल्याण के लिये प्रकट वह महापुरुष जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी हैं।
स्वघोषित धर्मगुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने सार्वजनिक मंच से यह स्वीकारा है कि उन्होंने गीता आदि धर्मग्रंथों का अध्ययन नहीं किया है और नाहीं उनके कोई गुरु हैं।
जबकि संत रामपाल जी महाराज ने यह प्रमाणित किया है कि गीता एवं वेद, मानव सभ्यता के लिए परमात्मा का विधान व संविधान प्रकट करते हैं। जिनसे हमें सृष्टि के रचयिता परमात्मा के बारे में जानकारी मिलती है।
रामपाल जी महाराज ने यह स्पष्ट किया है कि उत्तम पुरुष परमेश्वर की भक्ति करने वाले भक्तजन कभी भी संसार में लौट कर नहीं आते अर्थात उनका जन्म मृत्यु हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।