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#ई अस्पतालों
prabudhajanata · 1 year
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मुंबई : अनिल बेदाग- आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर व भारत के लीडिंग होम हेल्थ केयर सर्विस प्रोवाइडर डॉक्टर 365 द्वारा आयोजित किए जा रहे फ्री मेडिकल कैम्प में सैकड़ों डॉक्टर्स, नर्स होंगे उपस्थित, 30 हजार चश्मे और 500 व्हीलचेयर दी जाएंगी। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर के अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र कुमार (Dr. Dharmendra Kumar) और क्रिएटिव आई लिमिटेड के निर्माता निर्देशक धीरज कुमार द्वारा आगामी 26 मार्च रविवार को बॉलीवुड और मीडिया के लिए मुम्बई में मुफ्त महा आरोग्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है। सिनेमा के इतिहास में फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़े तमाम टेक्नीशियन, मीडिया, उनकी फैमिली के लिए इस तरह का इतना बड़ा फ्री मेडिकल कैम्प पहली बार होने जा रहा है। इस संदर्भ में मुम्बई में स्थित वल्चर क्लब में एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जहां भारत के लीडिंग होम हेल्थ केयर सर्विस प्रोवाइडर डॉक्टर 365 के डॉ धर्मेंद्र कुमार और धीरज कुमार के अलावा बीएन तिवारी, मनीष कुमार वर्मा, संगीता तिवारी, डॉ. दिलीप पवार, महेंद्र पोद्दार, अमित दोषी, फैशन डिजाइनर अर्चना कोचर, अविनाश राय, दिनेश चतुर्वेदी, जावेद खान, प्राची बेडेकर और सुंदरी ठाकुर सहित कई महत्वपूर्ण हस्तियां शामिल हुईं। आरके एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर के अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि बॉलीवुड इंडस्ट्री और मीडिया से जुड़े लोगों के लिए महा आरोग्य शिविर 26 मार्च को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक चित्रकूट ग्राउंड वीरा देसाई रोड, अंधेरी वेस्ट मुम्बई में लगाया जा रहा है। उसके बाद उसी शाम को 7 बजे से फ़िल्म टेक्नीशियन और मीडिया प्रोफेशनल्स के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। फिल्म उद्योग से जुड़े टेक्नीशियन, मीडिया और उनकी फैमिली के साथ ही मुम्बई पुलिस व उनके परिवार के लाखों लोग इस निःशुल्क महा आरोग्य चिकित्सा शिविर का लाभ लेंगे।   डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने आगे कहा कि कोरोना काल के बाद इंसानों में मेंटल हेल्थ, दिल की बीमारियों सहित कई रोगों ने हमला किया है। ऐसे में तमाम लोगों की जांच होनी जरूरी है,समय पर उनका इलाज होना महत्वपूर्ण है। भारत देश के तमाम वासियों को हम स्वस्थ देखना चाहते है, इसी उद्देश्य के अंतर्गत हम मेडिकल कैम्प का आयोजन पिछले कई वर्षों से करते आ रहे हैं। डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि डॉक्टर 365 व आर.के. एचआईवी एड्स रिसर्च एंड केयर सेंटर ने दिसंबर 2022 तक 3,55,00,000 (तीन करोड़ पचपन लाख) से अधिक लाभार्थियों के साथ 29,000 से अधिक चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया है। मुंबई में 26 मार्च को बॉलीवुड और मीडिया बिरादरी के लिए मुफ्त महा आरोग्य शिविर में मुंबई के शीर्ष अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टर सहित 900 डॉक्टर्स दिनभर मौजूद रहेंगे। यहां हम लोगों के लिए हेल्थ चेकअप, हड्डी सम्बंधित रोग, ईसीजी टेस्ट, ईएनटी, हार्ट चेकअप, आई चेकअप, चश्मा वितरण, दवा वितरण, डेंटल चेकअप, ट्राई साइकिल वितरण और ब्लड ग्रुप चेकअप जैसी सुविधाएं प्रदान करेंगे। डॉक्टर्स जिन्हें ऑपरेशन के लिए रेफर करेंगे हम उनकी मुफ्त सर्जरी के लिए भी इंतजाम करेंगे। 30 हजार चश्मे और 500 व्हीलचेयर दी जाएंगी। इस अवसर पर सुंदरी ठाकुर ने शॉल पहनाकर धर्मेंद्र कुमार और धीरज कुमार का सम्मान किया। धीरज कुमार ने कहा कि धर्मेंद्र कुमार इस तरह के हजारों महा आरोग्य शिविर का आयोजन कर चुके हैं मगर 26 मार्च को होने जा रहे महा आरोग्य शिविर की विशेषता यह है कि यहां इंडस्ट्री से जुड़े लोगों, मीडिया, पुलिस और सबकी फैमिली के लिए हेल्थ सुविधाएं रखी गई हैं। डॉ धर्मेंद्र कुमार के जज़्बे और उनकी टीम की मेहनत को सलाम, मैं इसी वजह से इस मुहिम में शामिल हुआ। इंडस्ट्री के ढेर सारी हस्तियों ने इस पहल का सपोर्ट किया है जिनमे हेमा मालिनी, मधुर भंडारकर, शंकर महादेवन, शान, अनूप जलोटा, मधु, जॉनी लीवर, दिव्या दत्ता, सुनील पाल सहित कई नाम उल्लेखनीय है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री श्री तानाजी सावंत भी इस पहल के सपोर्ट में आगे आए हैं। लीलावती अस्पताल, जसलोक अस्पताल, सैफी अस्पताल सहित मुम्बई के कई बड़े अस्पताल इस कैम्प का सपोर्ट कर रहे हैं। मेयर ऑफ लंदन सहित कई महत्वपूर्ण हस्तियां 26 मार्च को आ रही हैं। यहां ई-श्रम कार्ड कैम्प भी रखा गया है, जिसमें ई-श्रम कार्ड रखने वालों को काफी लाभ मिलेंगे। 60 वर्ष की आयु होने के बाद प्रतिमाह 3,000 रुपये की पेंशन मिलेगी। 2,00,000 रुपये का  बीमा है। गरीब और कमजोर परिवार को अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख का लाभ मिलेगा। मैं सभी लोगों खास कर फ़िल्म इंडस्ट्री और मीडिया जगत से जुड़े लोगों से अपील करूंगा वे इस कैम्प में
अपने परिवार के सदस्यों को भी लेकर आएं और इस महा शिविर का लाभ उठाएं। साथ ही अपने दोस्तों, परिचितों को भी इस कैम्प के बारे में बताएँ।
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lokkesari · 1 year
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युवा दिवस पर राज्य एड्स नियंत्रण समिति एवं एनएचएम के तत्वाधान में गोष्ठी व रैली आयोजित
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युवा दिवस पर र��ज्य एड्स नियंत्रण समिति एवं एनएचएम के तत्वाधान में गोष्ठी व रैली आयोजित
देहरादून, 12 जनवरी 2022 /आज युवा दिवस पर राज्य एड्स नियंत्रण समिति एवं एनएचएम के तत्वाधान में गोष्ठी व रैली आयोजित एक रैली में सूबे के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि स्वस्थ मन व स्वस्थ तन से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण संभव है, इसके लिये युवाओं को नशे की प्रवृत्ति सहित तमाम समाजिक बुराईयों से दूर रहकर अपने जीवन को सार्थक बनाना होगा। जिसके लिये स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है तभी युवा पीढ़ी स्वयं के विकास के साथ ही राष्ट्र के निर्माण में भी अहम भूमिका निभा सकती है।
इस अवसर पर डॉ0 रावत ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण में वहां के युवाओं का अहम योगादान होता है, युवा शक्ति के ही बल पर राष्ट्र विभिन्न क्षेत्रों में नये आयाम स्थापित कर सकता है। इसके लिये युवाओं को स्वयं के विकास के साथ ही समाज में बढ़ती बुराईयों के खिलाफ आगे आना होगा। उन्होंने युवाओं के मध्य बढ़ती नशा की प्रवृत्ति पर चिंता जाहिर करते हुये कहा कि युवाओं को स्वयं नशे की प्रवृत्ति से दूर रहने तथा औरों को इससे दूर रहने के लिये प्रेरित करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं को स्वस्थ रहने की सलाह देते हुये कहा कि स्वस्थ तन और स्वस्थ मन से ही स्वस्थ व समृद्धि राष्ट्र का निर्माण होता है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय युवा दिवस पर पूरे प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया है जिसमें युवा रक्तदान करने के साथ ही रक्तदान के लिये पंजीकरण भी करा सकते हैं। इसके अलावा ई-रक्त कोष, अरोग्य सेतु ऐप आदि अन्य विभागीय वेबसाइटों से भी रक्तदान के लिये पंजीकरण कर सकते हैं। डॉ0 रावत ने बताया कि हाल ही में प्रदेशभर में एक लाख 21 हजार लोग रक्तदान कर चुके हैं तथा एक लाख 41 हजार लोगों ने रक्तदान हेतु अपना पंजीकरण कराया, जो कि पूरे देश में एक नया रिकॉर्ड बना है। उन्होंने कहा कि आगामी 23 जनवरी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती तक प्रदेशभर में रक्तदान के लिये पंजीकरण अभियान चलेगा। इसके उपरांत रक्तदान के लिये शिविरों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आये युवाओं से आह्वान किया कि वह भी अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान के लिये पंजीकरण कराये और अन्य को भी इसके लिये प्रेरित करें। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रदेश के शत-प्रतिशत लोगों की डिजीटल हेल्थ आईडी बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से अभी तक लगभग 29 लाख से अधिक लोगों की हेल्थ आईडी बन चुकी हैं।
गोष्ठि में देहरादून के मेयर सुनिल उनियाल गामा ने कहा कि युवाओं को स्वयं को नशाखोरी से दूर रखने के साथ ही औरों को भी बचाना है तथा जो लोग इस गर्त में जा चुके हैं उनसे किसी भेदभाव किये बिना उन्हें नशे की लत से उभारने के लिये भी प्रेरित करना चाहिये। ऐसे युवाओं के लिये राज्य सरकार ने प्रत्येक जिलों में नशा मुक्ति केन्द्र व सरकारी अस्पतालों में काउंसलिंग की व्यवस्था की है। कार्यक्रम में एक क्वीज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमें जीआरडी कॉलेज की अनुश्री सैम्यूल प्रथम, पीजी कॉलेज पिथौरागढ़ के सौरभ पुनेरा द्वितीय तथा गर्ल्स पीजी कॉलेज रूड़की की विदूषी त्यागी तृतीय स्थान पर रही। विजेताओं को स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने स्मृति चिह्न व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर हंसा नृत्य नाटिका ग्रुप ने नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर कटाक्ष करते हुये नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया, गोष्ठी के दौरान रक्तदान शिविर का भी आयोजन किय गया जिसमें दर्जनों युवाओं ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। कार्यक्रम का संचालन अनिल वर्मा ने किया। इससे पहले विभिन्न संस्थानों से आये छात्र-छात्राओं ने गांधी पार्क में एकत्रित होकर एचआईवी-एड्स एवं ईट राइट इंडिया कैंपेन को लेकर नगर के मुख्य मार्गों पर जनजागरूकता रैली निकाली, जिसे स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। रैली में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं के साथ ही नर्सिंग कॉलेज, भारत स्काउट एंड गाइड, एनएसएस, यूथ रेडक्रास समिति के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
गोष्ठी में मेजर प्रेमलता वर्मा, रविन्द्र पडियार, गगन लूथरा, अपर परियोजना निदेशक एनएचएम डॉ0 अजय नगरकर, अनिल वर्मा के साथ ही विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आये शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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lok-shakti · 2 years
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पैरामेडिक्स ने लंबी कतारों को कम करने के लिए A&E के अंदर इकाइयां स्थापित की
पैरामेडिक्स ने लंबी कतारों को कम करने के लिए A&E के अंदर इकाइयां स्थापित की
स्वास्थ्य सेवा द्वारा अस्पतालों के बाहर कतार में लगी एंबुलेंस को रोकने और अत्यधिक हताहत कर्मचारियों पर तनाव को कम करने के लिए स्वास्थ्य सेवा द्वारा एक पहल में, पैरामेडिक्स ने एक ए एंड ई इकाई के अंदर रोगियों की देखभाल शुरू कर दी है। इस योजना के कारण रोगियों को एक अस्पताल में और अधिक तेज़ी से सौंप दिया गया है जो इंग्लैंड में बीमार लोगों के लिए सबसे खराब स्थिति में से एक था, कभी-कभी कई घंटों के लिए,…
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ckpcity · 4 years
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डेटा नेशन का एसेट, विल नेवर कंप्रोमाइज ऑन इट्स सॉवरेन्टी, रविशंकर प्रसाद कहते हैं
डेटा नेशन का एसेट, विल नेवर कंप्रोमाइज ऑन इट्स सॉवरेन्टी, रविशंकर प्रसाद कहते हैं
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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की फाइल फोटो।
प्रसाद ने कहा कि सरकार ने पिछले साल दिसंबर के पहले सप्ताह में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी दे दी थी, जिसमें सार्वजनिक और निजी संस्थाओं द्वारा इसके प्रसंस्करण सहित व्यक्तिगत डेटा को संभालने के लिए एक रूपरेखा तैयार की जाएगी।
PTI
आखरी अपडेट: 18 जुलाई, 2020, 10:40 PM IST
कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि भारतीयों…
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ranjeetkrpandey · 3 years
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*W H O की तरफ से गाइड लाइन आई है । हमें लगता है वर्तमान समय में जहां भी अच्छी जानकारी मिले उसे पढ़ना चाहिए और दूसरो तक भेजनी भी चाहिए।*
*फेसमास्क सम्बन्धी जानकारी।*
मास्क का उपयोग सीमित समय के लिए किया जाना चाहिए। यदि आप इसे लंबे समय तक पहनते हैं:
*1.* रक्त में ऑक्सीजन कम हो जाती है।
*2.* मस्तिष्क को ऑक्सीजन कम मिलता है।
*3.* आप कमजोर महसूस करने लगते हैं।
*4.* मृत्यु तक ले जा सकता है।
*सलाह*
*A*- जब आप अकेले हों तो इसे हटा दें।
*B* - इसे घर पर इस्तेमाल न करें।
*C* - केवल इसका उपयोग भीड़ वाली जगह पर करें और जब एक या अधिक व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क में हो।
*D* -अपने आप को सबसे अधिक बार अलग करते हुए इसका उपयोग कम करें।
*E-* AC का इस्तेमाल कम से कम करे।
*सुरक्षित रहें!!!*
*दवाएं जो आइसोलेशन अस्पतालों में ली जाती हैं*
*1.* विटामिन सी -1000
*2.* विटामिन ई (ई)
*3.* सुबह 1 0 से 11बजे के धुप मे 15-20 मिनट धूप में बैठे।
*4.* हम आराम करते हैं / कम से कम 7-8 घंटे सोते हैं
*5.* हम रोजाना 2.5 लीटर पानी पीते हैं
*6.* सभी भोजन गर्म (ठंडा नहीं) होना चाहिए।
और यह सब हम अस्पताल में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए करते हैं
ध्यान दें कि कोरोनावायरस का पीएच 5.5 से 8.5 तक भिन्न होता है
इसलिए, वायरस को खत्म करने के लिए हमें बस इतना करना है कि वायरस की अम्लता के स्तर से अधिक क्षारीय खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
जैसे कि :
*हरा नींबू* - 9.9 पीएच
*पीला नींबू* - 8.2 पीएच
*एवोकैडो* - 15.6 पीएच
*लहसुन* - 13.2 पीएच
*आम* - 8.7 पीएच
*कीनू* - 8.5 पीएच
*अनानास* - 12.7 पीएच
*वॉटरक्रेस* - 22.7 पीएच
*संतरे* - 9.2 पीएच
कैसे पता चलेगा कि आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं?
*1.* सूखा गला
*2.* सूखी खांसी
*3.* उच्च तापमान
*4.* सांस की तकलीफ
*5.* गंध की कमी…।
*गर्म पानी के साथ नींबू, फेफड़ों तक पहुंचने से पहले वायरस को खत्म कर देता है ...*
इस जानकारी को खुद तक न रखें। इसे अपने सभी परिवार और दोस्तों को प्रदान करें।
*हम आपके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना करते है!*🙏
*स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें।*
कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है..
रणजीत कुमार पाण्डेय
9472058429
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viralnewsofindia · 2 years
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कोरोनाकाल में टेलीमेडिसीन के जरिये घर बैठे डॉक्टरी परमार्श ले रहे मरीज
कोरोनाकाल में टेलीमेडिसीन के जरिये घर बैठे डॉक्टरी परमार्श ले रहे मरीज
पटना:  स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण के बीच स्वास्थ्य विभाग महत्वपूर्ण योजनाओं को संचालित कर रहा है। अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम करने और लोगों को घर बैठे डाक्टरी सलाह मुहैया कराने के इरादे से ई-संजीवनी सेवा शुरू की गई। राज्य के सभी जिलों में ई-संजीवनी सेवा का और विस्तार किया जा रहा है। ई-संजीवनी सेवा के जरिये विभिन्न बीमारियों के अलावे लोगों ने कोरोना से बचाव…
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ashokgehlotofficial · 2 years
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प्रदेश में हर परिवार को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। अभियान के लिए 36 करोड़ रूपए के वित्तीय प्रावधान की मंजूरी दी है। अभियान के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी परिवार जानकारी के अभाव में इस योजना में रजिस्ट्रेशन से वंचित नहीं रहे। अभियान का उद्देश्य सभी प्रदेशवासियों को यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज का लाभ उपलब्ध कराना है ताकि बीमार होने की स्थिति में उन्हें एम्पैनल्ड सरकारी और निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज मिल सके।
राज्य सरकार की ओर से चलाए जाने वाले इस विशेष अभियान में आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, पंचायतकर्मी जैसे फील्ड स्तर पर सेवाएं दे रहे कार्मिक रजिस्ट्रेशन से वंचित लोगों का सर्वे करेंगे। सर्वे के बाद इन परिवारों को योजना से जोड़ने के लिए नजदीकी ई-मित्र पर रजिस्टे्रशन करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने पर संबंधित कार्मिक को प्रति पांच परिवार 500 रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए संबंधित कार्मिक को कम से कम पांच परिवारों का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। पांच से अधिक रजिस्ट्रेशन पर 100 रूपए प्रति परिवार अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।
प्रत्येक जिले में शत-प्रतिशत परिवारों के रजिस्ट्रेशन के लिए जिला कलक्टर अपने जिलों में कार्यरत रजिस्टर्ड गैर सरकारी संस्थाओं को भी इस कार्य के लिए अधिकृत कर सकेंगे। इन संस्थाओं को भी प्रति पांच परिवार रजिस्ट्रेशन पर 500 रूपए एवं पांच से अधिक रजिस्ट्रेशन पर 100 रूपए प्रति परिवार प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में राज्य के 1 करोड़ 33 लाख से ज्यादा परिवार योजना में पंजीकृत हो चुके हैं और 5 लाख 70 हजार से अधिक लोग निशुल्क उपचार प्राप्त कर चुके हैं। योजना में 788 सरकारी तथा 590 निजी अस्पताल एम्पैनल्ड हैं। योजना से जुड़ने के लिए निजी अस्पताल विभागीय वेबसाइट www.chiranjeevi.rajasthan.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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jindnews24x7 · 3 years
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ई-संजीवनी एप पर 24 घंटे ले सकते हैं चिकित्सीय सलाह यदि रात को किसी व्यक्ति को कोई दिक्कत हो जाए और उसे अस्पताल जाने में परेशानी हो या फिर अस्पताल उससे बहुत दूर है तो अब घबराने की जरूरत नहीं है। ई-संजीवनी एप के माध्यम से कोई भी मरीज किसी भी समय डॉक्टरों से सलाह लेकर अपना प्राथमिक इलाज कर सकता है। इस एप पर 24 घंटे चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं। यह अलग बात है कि जब आप इस एप के माध्यम से कॉल करें तो वह देश के किसी भी कोने में बैठे चिकित्सक से मिल सकती है। ई-संजीवनी एक प्रकार की ओपीडी है। इसमें कोई भी व्यक्ति किसी भी समय चिकित्सक से संपर्क कर सकता है। इसके लिए आपको अपने मोबाइल में ई-संजीवनी एप डाउनलोड करना होगा। इसके बाद इस एप में अपनी पूरी जानकारी भरनी होगी। जानकारी भरने के बाद आपको एक टोकन नंबर दिया जाएगा। इस टोकन नंबर के आधार पर ही आपका नंबर आएगा। इसमें आपको अधिक से अधिक 30 सेकंड तक इंतजार करना पड़ सकता है। इसके बाद आपके पास डॉक्टर की कॉल आएगी। इसमें सबसे खास बात यह है कि आपके मोबाइल का इंटरनेट चलना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति पहले से बीमार है तो वह इस एप के माध्यम से अपनी पिछली सभी रिपोर्ट अपलोड कर सकता है, ताकि जो चिकित्सक मरीज के पास फोन करेगा, उसका मरीज के बारे में पहले ही पता चल जाएगा कि मरीज किस बीमारी से पीड़ित है। इस पर 24 घंटे चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं। इसमें देश के नागरिक अस्पतालों से तीन शिफ्टों में चिकित्सकों की ड्यूटी लगती है। जींद के नागरिक अस्पताल के तीन चिकित्सक सप्ताह में एक दिन 24 घंटे इस एप पर उपलब्ध रहते हैं। https://www.instagram.com/p/CUt8M-tt-vb/?utm_medium=tumblr
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tezlivenews · 3 years
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Bihar News : बिहार के ��िला अस्पतालों की खुली पोल तो बोले नीतीश- पता नहीं ई सब, ...तो आखिर क्यों नहीं मालूम?
Bihar News : बिहार के जिला अस्पतालों की खुली पोल तो बोले नीतीश- पता नहीं ई सब, …तो आखिर क्यों नहीं मालूम?
हाइलाइट्स नीति आयोग की रिपोर्ट के बारे में सीएम नीतीश को नहीं मालूम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा- पता नहीं इसके बारे में जिला अस्पतालों में बेड के मामले में सबसे निचले पायदान पर बिहार राज्य में एक लाख की आबादी पर मात्र 6 बेड, जबकि होने चाहिए 22 पटनानीति आयोग की रिपोर्ट ने बिहार के बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी। मगर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसकी जानकारी ही नहीं है।…
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lokkesari · 3 years
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ई-संजीवनी ने 1.3 करोड़ परामर्श पूरे किए,हर दिन लगभग 90,000 रोगी ई-संजीवनी का कर रहे हैं उपयोग - स्वास्थ्य मंत्रालाय
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ई-संजीवनी ने 1.3 करोड़ परामर्श पूरे किए,हर दिन लगभग 90,000 रोगी ई-संजीवनी का कर रहे हैं उपयोग - स्वास्थ्य मंत्रालाय
नई दिल्ली / स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ई-संजीवनी पहल ने आज 1.3 करोड़ (13 मिलियन) परामर्श पूरे किए। ई-संजीवनी भारत सरकार की टेलीमेडिसिन संबंधी पहल है। स्वास्थ्य सेवा वितरण के एक डिजिटल मंच के रूप में, यह पहल धीरे-धीरे भारतीय स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली के लिए एक समानांतर धारा के रूप में आकार ले चुकी है। आज हर दिन लगभग 90,000 रोगी इस मंच का उपयोग करते हैं। ई-संजीवनी के दो संस्करण हैं जो पूरे भारत में दूरस्थ चिकित्सा परामर्श प्रदान कर रहे हैं। इनमें- डॉक्टर से डॉक्टर (ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी) और रोगी से डॉक्टर (ई-संजीवनीओपीडी) शामिल हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा नवंबर 2019 में पेश किए ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी को भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत दिसंबर 2022 तक ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल में 1,55,000 स्वास्थ्य और सेहत केंद्रों पर लागू करने की योजना है।
ई-संजीवनीएबी-एचडब्ल्यूसी वर्तमान में 27,000 से अधिक स्वास्थ्य और सेहत केंद्रों पर कार्य कर रहा है और ये स्पोक जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों आदि में स्थित लगभग 3,000 हब द्वारा प्रदान किए जा रहे हैं।
इस विशाल टेलीमेडिसिन पहल का दूसरा संस्करण, ई-संजीवनीओपीडी 13 अप्रैल, 2020 को पहले लॉकडाउन के दौरान शुरू किया गया था, जब देश भर में ओपीडी बंद थे। यह पहल रोगियों को उनके घरों की चारदीवारी में आउट पेशेंट सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है। ई-संजीवनीओपीडी पर 430 से अधिक ऑनलाइन ओपीडी की मेजबानी की जाती है। ई-संजीवनी मंच पर 4,000 से अधिक डॉक्टर टेलीमेडिसिन का अभ्यास करते हैं। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग की मोहाली शाखा स्वास्थ्य कर्मियों के विकास, कार्यान्वयन, संचालन और प्रशिक्षण जैसी एंड-टू-एंड तकनीकी सेवाएं प्रदान कर रही है। मोहाली की यह टीम अपने तरह के इस पहले मंच की क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है, जो एक शानदार गति से बढ़ रहा है।
ई-संजीवनी को अपनाने (1,34,11,325) के मामले में अग्रणी 10 राज्यों में – आंध्र प्रदेश (42,23,054), कर्नाटक (24,15,774), तमिलनाडु (15,99,283), उत्तर प्रदेश (13,71,799), गुजरात (4,85,735), मध्य प्रदेश (4,47,878), बिहार (4,36,383), महाराष्ट्र (4,03,376), पश्चिम बंगाल (3,69,441), उत्तराखंड (2,71,513) शामिल हैं।
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sarkarinukrionline · 3 years
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BHEL Recruitment 2021: भेल में मेडिकल प्रोफेशनल के कई पदों पर भर्ती, जानिए कैसे करें आवेदन
BHEL Recruitment 2021: भेल में मेडिकल प्रोफेशनल के कई पदों पर भर्ती, जानिए कैसे करें आवेदन
भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) ने त्रिची, भोपाल, हरिद्वार, हैदराबाद, झांसी, रानीपेट, जगदीशपुर, विजाग और दिल्ली/एनसीआर में यूनिट या कई अस्पतालों के लिए ई 2 ग्रेड में स्पेशलिस्ट की भर्ती के लिए… Source link
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newsxpaper · 3 years
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भेल भर्ती 2021: चिकित्सा पेशेवरों के लिए 27 रिक्तियां, अभी आवेदन करें
भेल भर्ती 2021: चिकित्सा पेशेवरों के लिए 27 रिक्तियां, अभी आवेदन करें
भेल भर्ती 2021: चिकित्सा पेशेवरों की विभिन्न रिक्तियों के लिए आवेदन करें 28 अगस्त, 2021 को दोपहर 1:41 बजे प्रकाशित इस भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने त्रिची, भोपाल, हरिद्वार, हैदराबाद, झांसी, रानीपेट, जगदीशपुर, विजाग और दिल्ली में इकाइयों / कार्यालयों में अपने विभिन्न अस्पतालों / औषधालयों के लिए ई 2 ग्रेड में विशेषज्ञों के रूप में भर्ती के लिए चिकित्सा पेशेवरों से आवेदन आमंत्रित…
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ashokgehlotofficial · 3 years
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शनिवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में जन अनुशासन लॉकडाउन को 15 दिन और बढ़ाने के लिए दिए गए सुझाव के मद्देनजर प्रदेश में 24 मई से 8 जून तक त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन की गाइडलाइन जारी की गई है।
मंत्रिपरिषद ने पॉजिटिव केस की संख्या में कुछ कमी आने के बावजूद संक्रमण एवं मृत्यु दर तथा अस्पतालों पर अत्यधिक दबाव होने के कारण लॉकडाउन जैसे सख्त कदमों को जारी रखने का सुझाव दिया था।
त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन के तहत परिवार, वार्ड, ग्राम, शहर एवं राज्य स्तर पर सामाजिक व्यवहार में कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप बदलाव लाने की अपेक्षा की गई है। प्रथम स्तर पर पारिवारिक जिम्मेदारी समझते हुए लोगों को कुछ समय के लिए बाहरी व्यक्तियों का घर में प्रवेश रोकना होगा। अतिआवश्यक होने पर खुले स्थान पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मिला जा सकता है, ताकि परिवार के बुजुर्ग, बच्चे एवं अन्य लोग सुरक्षित रहें। दूसरे स्तर पर गांव और मोहल्ले में ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश रखना होगा, जिनसे संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी स्थान पर 5 से ज्यादा लोग एकत्र ना हों।
इसी प्रकार तीसरे स्तर पर मेडिकल इमरजेंसी और अनुमत श्रेणी के अलावा एक शहर से दूसरे शहर, शहर से गांव, गांव से शहर तथा एक गांव से दूसरे गांव में आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रखना होगा। ग्राम स्तरीय निगरानी समितियों को इसमें अपनी विशेष भूमिका निभानी होगी। समस्त प्रदेशवासियों को इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए अपने सामाजिक व्यवहार में बदलाव लाना होगा।
विवाह समारोह में भीड़ जुटना संक्रमण के प्रसार का एक बड़ा कारण रहा है। इसे देखते हुए विशेषज्ञों की सलाह एवं जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर 30 जून तक विवाह स्थगित रखने की अपेक्षा की गई है। लोग कोविड प्रोटोकॉल को आवश्यक रूप से अपने व्यवह��र में शामिल करें ताकि स्थिति में सुधार होने पर लॉकडाउन की पाबंदियों में शिथिलता दी जा सके। लॉकडाउन से कुछ तकलीफें जरूर होती हैं, लेकिन संक्रमण प्रसार की वर्तमान स्थितियों में प्रदेशवासियों की जीवनरक्षा के लिए ये प्रतिबंध लगाना जरूरी है।
विगत दिनों जयपुर जिले मेें संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में टेस्ट, ट्रेक एवं ट्रीट प्रोटोकॉल की व्यवस्था को और प्रभावी बनाने का निर्णय किया गया था। जयपुर के लिए बनाए गए इस मॉडल को प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। इसके तहत आईएलआई लक्षणों वाले मरीजों का चिन्हीकरण, मेडिकल किट वितरण, जांच, होम आइसोलेशन एवं उपचार की नियमित निगरानी की जाएगी। डोर-टू-डोर सर्वे का काम इस प्रकार किया जाएगा जिससे प्रत्येक घर का सर्वे 10 दिन में हो जाए और यह प्रक्रिया प्रत्येक 10 दिवस में दोहरायी जाए।
त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन के तहत प्रमुख दिशा-निर्देश -
राज्य में 24 मई की प्रातः 5 बजे से 8 जून की प्रातः 5 बजे तक त्रि-स्तरीय जन अनुशासन लॉकडाउन रहेगा।
सार्वजनिक स्थल एवं कार्यस्थल पर फेस मास्क या फेसकवर नहीं लगाने पर जुर्माना राशि 500 से बढ़ाकर 1 हजार रूपए की गई है।
डेयरी एवं दूध की दुकानों, मंडियां, फल-सब्जी, फूल माला की दुकानों तथा फल-सब्जी का ठेले, साइकिल, रिक्शा, ऑटो रिक्शा एवं मोबाइल वैन के माध्यम से विक्रय को छोड़कर बाजार शुक्रवार 28 मई दोपहर 12 बजे से मंगलवार 1 जून प्रातः 5 बजे तक तथा शुक्रवार 4 जून दोपहर 12 बजे से मंगलवार 8 जून प्रातः 5 बजे तक बंद रहेंगे।
राज्य में विवाह समारोह 30 जून, 2021 तक स्थगित रखे जाएं।
विवाह से संबंधित किसी भी प्रकार के समारोह, डीजे, बारात एवं निकासी तथा प्रीतिभोज आदि की अनुमति 30 जून तक नहीं होगी।
विवाह घर पर ही अथवा कोर्ट मैरिज के रूप में ही करने की अनुमति होगी, जिसमें केवल 11 व्यक्ति ही अनुमत होंगे। जिसकी सूचना वेब पोर्टल Covidinfo.rajasthan.gov.in पर या है���्प लाइन नम्बर 181 पर देनी होगी।
विवाह में बैण्ड-बाजे, हलवाई, टैन्ट या इस प्रकार के अन्य किसी भी व्यक्ति के सम्मिलित होने की अनुमति नहीं होगी।
शादी के लिए टैन्ट हाउस एवं हलवाई से संबंधित किसी भी प्रकार के सामान की होम डिलीवरी भी नहीं की जा सकेगी।
मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल एवं होटल परिसर शादी-समारोह के लिए बंद रहेंगे।
विवाह स्थल मालिकों, टैन्ट व्यवसायियों, कैटरिंग संचालकों और बैण्ड-बाजा वादकों आदि को एडवांस बुकिंग राशि आयोजनकर्ता को लौटानी होगी या बाद में आयोजन करने पर समायोजित करनी होगी।
किसी भी प्रकार के सामूहिक भोज की अनुमति नहीं होगी।
आमजन से अपील है कि पूजा-अर्चना, इबादत, प्रार्थना घर पर रहकर ही करें।
मेडिकल सेवाओं के अतिरिक्त सभी प्रकार के निजी एवं सरकारी परिवहन के साधन जैसे- बस, जीप आदि पूरी तरह बंद रहेंगे। बारात के आवागमन के लिए बस, ऑटो, टैम्पो, ट्रेक्टर, जीप आदि की अनुमति नहीं होगी।
अन्तर्राज्यीय एवं राज्य के भीतर माल का परिवहन करने वाले भारी वाहनों का आवागमन, माल की लोडिंग एवं अनलोडिंग तथा इस कार्य के लिए नियोजित व्यक्ति अनुमत होंगे।
राज्य में मेडिकल, अन्य इमरजेंसी एवं अनुमत श्रेणियों को छोड़कर एक जिले से दूसरे जिले, एक शहर से दूसरे शहर, शहर से गांव, गांव से शहर और एक गांव से दूसरे गांव में सभी प्रकार के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
वैक्सीनेशन के लिए लोग अपने निवास स्थान से संबंधित नगरीय निकाय या पंचायत समिति की सीमा में स्थित टीकाकरण स्थल पर ही जा सकेंगे।
राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को 72 घंटे के भीतर करवाई गई आरटीपीसीआर नेगेटिव जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
यदि कोई यात्री नेगेटिव जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करता है, तो उसे 15 दिन के लिए क्वारेंटीन किया जाएगा।
श्रमिकों के पलायन को रोकने के लिए उद्योगों एवं निर्माण से संबंधित सभी इकाइयों में कार्य करने की अनुमति होगी।
श्रमिकों को आवागमन में असुविधा नहीं हो, इसके लिए Covidinfo.rajasthan.gov.in के माध्यम से ट्रांजिट पास सेल्फ जनरेट किया जा सकेगा। यह पास कार्यावधि से एक घंटे पहले तथा कार्यावधि खत्म होने के एक घंटे बाद तक घर से कार्य स्थल एवं कार्य स्थल से घर के लिए मान्य होगा।
उद्योग एवं निर्माण इकाई द्वारा श्रमिकों के आवागमन के लिए विशेष बस का संचालन अनुमत होगा। जिसकी सूचना ऑनलाइन वेब पोेर्टल पर उपलब्ध करानी होगी।
निर्माण सामग्री से संबंधित दुकानें नहीं खुल सकेगी। माल के आवागमन के लिए दी गई छूट के अनुसार दूरभाष अथवा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ऑर्डर मिलने पर सामग्री की आपूर्ति की जा सकेगी।
खाद-बीज एवं कृषि उपकरण, पशु चारा एवं किराना की दुकान मंगलवार से शुक्रवार तक प्रातः 6 बजे से प्रातः 11 बजे तक खुल सकेंगी। ऑप्टीकल्स की दुकानें मंगलवार एवं शुक्रवार को प्रातः 6 बजे से 11 बजे तक खोली जा सकेंगी।
राशन की दुकानें प्रतिदिन सुबह 10 से शाम 4 बजे तक तथा मेडिकल की दुकानें प्रतिदिन 24 घंटे खोली जा सकेंगी।
फल-सब्जी का ठेले, साइकिल, रिक्शा, ऑटो रिक्शा एवं मोबाइल वैन के माध्यम से विक्रय प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से शाम 5 बजे तक अनुमत होगा। मण्डियां, फल-सब्जी एवं फूल मालाओं की दुकानें प्रतिदिन प्रातः 6 से प्रातः 11 बजे तक खोली जा सकेंगी।
डेयरी एवं दूध की दुकानें प्रतिदिन सुबह 6 से 11 बजे तथा शाम 5 बजे से 7 बजे तक अनुमत होंगी। इंदिरा रसोई एवं प्रोसेस्ड फूड की होम डिलीवरी प्रतिदिन रात 9 बजे तक अनुमत होगी।
ई-मित्र सेवाएं शाम 4 बजे तक अनुमत होंगी।
मनरेगा कार्याें के लिए ग्रामीण विकास विभाग अलग से आदेश जारी करेगा।
रबी की फसलों की मंडियों में आवक तथा समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की गतिविधियां कोविड प्रोटोकॉल की पालना के साथ अनुमत होगी। किसानों के मंडी पहुंचने एवं वापस आने के अलावा मंडी परिसर के बाहर आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। किसानों को मंडी जाते समय अपने माल का सत्यापन एवं वापस जाते समय ब्रिकी की रसीदें या बिल का सत्यापन करवाना होगा।
कुछ जिलों में संक्रमण के प्रसार की स्थिति में सुधार हुआ है। स्थिति और ठीक होने तथा लोगों द्वारा जन अनुशासन की प्रभावी पालना सुनिश्चित होने पर 1 जून से इन जिलों में व्यावसायिक गतिविधियों में और छूट दी जा सकती है।
व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के दौरान दुकानदार गोले बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करेंगे तो दुकानदार पर 500 रूपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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abhay121996-blog · 3 years
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Hotel Business: दूसरी लहर से होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री बर्बाद, सरकार से मदद की गुहार Divya Sandesh
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Hotel Business: दूसरी लहर से होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री बर्बाद, सरकार से मदद की गुहार
नई दिल्लीकोरोना की पिछली लहर में बुरी तरह प्रभावित हुई होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री को दूसरी लहर ने पूरी तरह बर्बाद करके रख दिया है। हालत यह है कि ज्यादातर होटल और रेस्टोरेंट्स बंद हैं। जो चल रहे हैं, उन्हें भी प्रॉफिट के नाम पर कोई खास फायदा नहीं हो रहा। इस समय केवल कुछ छोटे आउटलेट्स, ढाबे और टेकअवे ही थोड़े बहुत चल पा रहे हैं। बड़े रेस्टोरेंट्स, बार, पब्स और बजट होटल वालों का कारोबार तो पूरी तरह ठप हो गया है। कई कारोबारियों को कोरोना से अपने नजदीकी लोगों को खोना पड़ा है। कई लोग बड़ी मुश्किल से इस संक्रमण से बाहर निकल पाए हैं। यही वजह है कि इस वक्त कारोबारी भी व्यवसाय के बारे में उतना नहीं सोच रहे। ऐसे में कारोबारियों को अब सरकार से मदद की आस है, ताकि जब हालात ठीक हो जाएं, तो तबाह हो चुकी उनकी इंडस्ट्री को दोबारा खड़ा किया जा सके।
अभी तो जिंदगी बचाने की है जद्दोजहद नैशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) की मैनेजिंग कमिटी के सदस्य संदीप गोयल ने बताया कि कमिटी के कुछ सबसे पुराने और वरिष्ठ मेंबर्स को पिछले दिनों खो दिया। उनके कई सहयोगियों के परिवार में ट्रेजेडी हुई है। कई लोग खुद भी संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में इस वक्त इमोशंस हाई हैं और सेंटिमेंट्स काफी लो हैं। जिंदगी बचाने की जद्दोजेहद के चलते लोग अभी बिजनेस के बारे में कुछ सोच ही नहीं रहे हैं। हर परिवार इस वक्त किसी न किसी रूप में कोरोना से प्रभावित है। यह स्थिति पूरी दिल्ली में है। आम लोग भी बेहद पैनिक में हैं और ज्यादातर लोग मजबूरी में ही बाहर से खाना ऑर्डर कर रहे हैं। ऐसे में वो रेस्टोरेंट, जो अपने स्पेशल कुजिन्स या फूड के लिए जाने जाते थे, का धंधा ठप हो गया है और ऐसे ज्यादातर रेस्टोरेंट्स बंद हो गए हैं।
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स्टाफ की किल्लत ने बढ़ाई मुश्किलें इस बार स्टाफ की भी भारी किल्लत है। संदीप गोयल के मुताबिक, पिछली बार के अनुभव से सबक लेकर इस बार लोग काफी पहले ही लॉकडाउन की संभावना को देखते हुए अपने घर चले गए थे। इस वजह से खाना बनाने वाले से लेकर डिलिवरी करने वालों तक की भारी कमी के चलते इंडस्ट्री काफी प्रभावित हो रही है। अस्पतालों में जिस तरह के हालात हैं, उसे देखकर कई लड़कों ने काम पर आना बंद कर दिया है।
किराया निकाल पाना भी हो रहा मुश्किल NRAI के ट्रेजरार मनप्रीत सिंह ने बताया कि फूड डिलिवरी बिजनेस भी अब केवल नॉर्मल फूड तक ही सीमित रह गया है। ऑनलाइन ऑर्डर भी पहले से कम ही मिल रहे हैं। नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन की शुरुआत में ई-पास मिलने में भी काफी दिक्कत हुई। डिलिवरी बॉयज व हमारे स्टाफ को कई जगह परेशान किया गया। इसकी वजह से काम करने वाले लड़के और डर गए। फिर जिन रेस्टोरेंट संचालकों के यहां कोई ट्रेजेडी हो गई, वो और डर गए हैं। मॉल्स और महंगी जगहों पर रेस्टोरेंट चलाने वालों का और बुरा हाल है। किराए पर रेस्टोरेंट चलाने वालों के लिए तो अब किराया निकाल पाना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे में होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर इस बार कोरोना का लॉन्ग टर्म इम्पैक्ट पड़ेगा और सरकार के सपोर्ट के बिना उबर पाना नामुमकिन होगा।
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इंडस्ट्री नहीं बेहतर हुई, तो बढ़ेगी बेरोजगारी दिल्ली होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन (DROHA) के चेयरमैन संदीप खंडेलवाल ने बताया कि होटल मालिकों की हालत तो और भी खराब है। उनके पास अब रोजमर्रा के काम के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं। ऐसे में सरकार के सपोर्ट के बिना अब एक कदम भी आगे बढ़ा पाना मुश्किल होगा। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री से लेकर गृह मंत्री, वित्त मंत्री और पर्यटन मंत्री तक को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि होटल संचालकों को बिजली-पानी के बिल, लाइसेंस फीस, जीएसटी, हाउस टैक्स आदि में पूरी छूट दी जाए, वरना होटल कारोबारी आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे। उनका यह भी कहना है कि होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री जॉब देने वाली इंडस्ट्री है। सरकार को इस इंडस्ट्री को दोबारा खड़ा करने के लिए मदद करनी होगी, वरना लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
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उत्तर प्रदेश की महिला ई-रिक्शा में कोविद + के पति के शव को ले जाने के लिए मजबूर
उत्तर प्रदेश की महिला ई-रिक्शा में कोविद + के पति के शव को ले जाने के लिए मजबूर
महिला के बेटे ने कहा कि उनके पिता किसी भी अस्पताल में कोविद का इलाज नहीं करा सकते नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद की एक महिला को अपने पति के शव को ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा – जो कि सीओवीआईडी ​​-19 से मर गया, एक ई-रिक्शा में, क्योंकि उसके पास एम्बुलेंस के लिए पैसे नहीं थे। उसके बेटे ने आरोप लगाया कि उसके पिता अस्पतालों या कोविद के इलाज की स��विधा से बिस्तर, या इलाज कराने में असमर्थ थे।…
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lokkesari · 3 years
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श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने मुंबई में असंगठित श्रमिकों को राहत योजनाओं के लिए ई-श्रम कार्ड और स्वीकृति पत्र किये वितरित
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श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने मुंबई में असंगठित श्रमिकों को राहत योजनाओं के लिए ई-श्रम कार्ड और स्वीकृति पत्र किये वितरित
केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज मुंबई में असंगठित श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड वितरित किये। मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से 10 श्रमिकों को कार्ड सौंपे, जो अब देश में कहीं भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
केन्द्रीय मंत्री ने कोविड-19 से अपनी जान गंवाने वाले 11 श्रमिकों के आश्रितों को ईएसआई कोविड-19 राहत योजना के लिये स्वीकृति पत्र भी दिये और 10 श्रमिकों को अटल बीमित व्यक्ति कल्याण राहत योजना के लिये स्वीकृति पत्र भी वितरित किये।
इस अवसर पर बोलते हुए, यादव ने बताया कि श्रम मंत्रालय को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के सामने आने वाली समस्याओं के समाधान के साथ-साथ उनके कल्याण के लिए सरकारी योजनाओं को लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। साथ ही, मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय स्तर के श्रम कानूनों के विकास को आकार देकर, श्रमिकों के लिए उचित कार्य परिस्थितियों को सुनिश्चित करने में भी लगा हुआ है।
देश में श्रम कानूनों के विकास के बारे में बोलते हुए, माननीय मंत्री ने कहा कि काफी सारे कानूनों की वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है जहां श्रमिकों को पता नहीं है कि समान मजदूरी, मजदूरी के भुगतान और औद्योगिक विवादों जैसे मामलों के लिए आवेदन कहां जमा किये जाने हैं। “कई श्रम कानूनों में विभिन्न क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए अलग-अलग सुरक्षा मानक हैं। कई वर्षों से श्रमिकों की मांगों को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने कई श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में बदल दिया है।”
मंत्री ने जानकारी दी कि सरकार पुरुष और महिला दोनों के लिए समान काम के लिए समान वेतन के प्रावधान के साथ श्रम संहिता में लैंगिक न्याय लेकर आई है।
यादव ने कहा कि औद्योगिक विवाद अधिनियम के तीन अधिनियम, ट्रेड यूनियन एक्ट और इंडस्ट्रियल इंप्लायमेंट (स्टैंडिंग ऑर्डर) एक्ट को अब इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020 से बदल दिया गया है। श्रमिकों की सुरक्षा के लिए आक्युपेशनल सेफ्टी कोड लाया गया है, उन्होंने साथ ही कहा “इसके अलावा, श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता है, यह सरकार और समाज की जिम्मेदारी है। इसलिए, हम प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप एक सोशल सिक्योरिटी कोड लाये हैं।”
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि ईएसआईसी कोविड-19 राहत योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए उठाये गये सबसे महत्वपूर्ण कदमों में से एक है। इस योजना के तहत, मृत बीमित कर्मचारी, जिनकी मृत्युकोविड-19 के कारण हुई है, के औसत वेतन के 90% की दर से आवर्ती भुगतान बीमित कर्मचारी के पात्र आश्रितों को किया जाता है।
देश के 500 से अधिक जिलों में ईएसआईसी संस्थानों में सोशल सिक्योरिटी कोड लागू किया गया है,मंत्री ने कहा कि कोड के पूरे भारत में कार्यान्वयन से इस क्षेत्र को भारी लाभ होगा। “कोड को आयुष्मान योजना से जोड़ा गया है और ईएसआईसी अस्पतालों में स्वचालित रेफरल प्रणाली भी शुरू की गयी है। मैं इन योजनाओं के क्रियान्वयन की नियमित रूप से निगरानी कर रहा हूं, ताकि हम अपने श्रमिकों के कल्याण का ध्यान रख सकें।”
मंत्री ने ई-श्रम पोर्टल पर बोलते हुए इच्छा व्यक्त की कि असंगठित क्षेत्र के प्रत्येक श्रमिक का पोर्टल पर पंजीकरण हो, “पंजीकरण आवश्यक है, जिससे हम जान सकें कि प्रत्येक कारोबार में कितने श्रमिक हैं। पोर्टल पर पहले ही 400 से अधिक उद्योगों को जोड़ा जा चुका है। हम चाहते हैं कि सभी लोग पंजीकरण करायें ताकि हर श्रमिक जिसमें बहुत छोटा काम करने वाले तक शामिल हों, सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सके। इसके अलावा, जो पोर्टल पर पंजीकरण करते हैं, वे अब 2 लाख रुपये तक का बीमा प्राप्त करने के पात्र हैं।
केन्द्रीय मुख्य श्रम आयुक्त भारत सरकार श्री डी.पी.एस. नेगी ने बताया कि देश में करीब 38 करोड़ असंगठित कामगारों के मौजूद रहने का अनुमान है. इसमें से 1.66 करोड़ असंगठित कामगारों ने 26 अगस्त, 2021 को केंद्रीय श्रम मंत्री द्वारा पोर्टल ���े शुभारंभ के बाद से अब तक ई-श्रम पोर्टल में पंजीकरण कराया है। ई-श्रमकार्ड देश भर में सरकारी लाभों का फायदा उठाने के लिए एकल कार्ड के रूप में काम करेगा, यह एक राष्ट्र एक कार्ड होगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय उप मुख्य श्रम आयुक्त, मुंबई तेज बहादुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मंत्री ने ट्रेड यूनियन नेताओं, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और नियोक्ताओं से भी मिले और चर्चा की।
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