#धरती_को_स्वर्ग_बनाना_है
Sant Rampal Ji Maharaj
धरती को स्वर्ग बनाना है
परमात्मा कबीर जी की शक्ति से आत्मा में शक्ति आती है जिससे गलत कार्य करने की प्रेरणा कभी नहीं मिलती। न कोई गलत कदम उठाने को मन करता क्योंकि परमात्मा
के ज्ञान से वह घोर पाप लगता है जैसे विष खाने के परिणाम से परिचित व्यक्ति विष को छूने से भी डरता है।
🌍दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे बेटियों व बहनों पर बलात्कार तथा छेड़छाड़ तथा दहेज प्रताड़ना के मामले संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वज्ञान(जो परमात्मा के संविधान अनुसार बताया गया है,) से समाप्त हो जाते हैं।
व्यक्ति को भगवान का डर बनेगा, जिस कारण वह गलत कार्य नहीं कर सकता।
दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करनी होती है।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
सब मिलकर एक-दूसरे के दुःख को बाँटेंगे। सुखमय जीवन जीऐंगे। रेप व यौन उत्पीड़न की घटनाऐं समूल नष्ट हो जाएंगी।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
देश के लड़के-लड़की अपनी संस्कृति पर लौटेंगे। भारत देश में अमन होगा।
🌍हमारा नारा है:-
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
प्राणी की जाति जीव है क्योंकि मानव, देवता तथा अन्य पशु-पक्षी सब जंतु जीव हैं।
यह हमारी जाति है। मानव श्रेणी के जीव होने के नाते मानवता हमारा धर्म है यानि परमात्मा ने मानव को समझ दी है। उसको शुभ कर्म करने चाहिए। पशुओं-पक्षियों की तरह एक-दूसरे से छीनकर, दुर्बल को मारकर अपना स्वार्थ सिद्ध नहीं करना चाहिए। एक-दूसरे का सहयोग करना चाहिए। यह हमारा धर्म है। जितने धर्म विश्व में हैं, सबमें मानव हैं। किसी में भी अन्य प्राणी नहीं हैं। इसलिए हम सबको मानव धर्म का पालन करना चाहिए। एक परम पिता की हम सब संतान हैं।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
विवाह के नियम जो बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के अनुयायियों को पालन करने होते हैं:-
दहेज लेना-देना नहीं। विवाह सूक्ष्मवेद की वाणी ‘‘असुर निकंदन रमैणी’’ का उच्चारण करके 17 मिनट में बैंड-बाजे व डी.जे. बजाए ��िना सम्पन्न करने का गुरू जी का आदेश है।
विवाह में कोई बारात नहीं जाएगी। केवल 5 से 15 तक व्यक्ति वर पक्ष के आऐंगे। सामान्य भोजन जो प्रतिदिन लड़की पक्ष के बनाते-खाते हैं, वही खाना दिया जाता है। संत रामपाल जी महाराज के बनाए नियम का पालन करते हुए लाखों विवाह किए गए हैं। सब परिवार सुख से जीवन जी रहे हैं।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी के विचार सुनकर व्यक्ति दहेज लेने व देने की सोच भी नहीं सकता।
ऐसे सटीक तरीके से सत्संग में समझाया जाता है।
संत रामपाल जी महाराज जी से दीक्षा लेने के पश्चात् हमने गुरू जी के आदेश का पालन करते हुए दहेज लेना-देना पूर्ण रूप से त्याग दिया है जिस कुरीति के कारण तीन परिवार नष्ट हो जाते हैं:-
1) लड़की का परिवार जिसकी बेटी दहेज की बलि चढ़ जाती है। उसके पास क्या बचता है, केवल रोना, मुकदमों में धन, समय व शांति खोना।
2) ससुराल वाला परिवार।
3) ननंद का परिवार जेल जाकर समूल नष्ट हो जाता है।
🌍संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्र अनुकूल भक्ति बताते हैं।
अन्य सर्व संतों की साधना शास्त्रों के विपरीत है जो साधक के मानव जन्म को तो नष्ट करती ही है, साथ में मानवता का भी ह्रास होता है क्योंकि परमात्मा की शास्त्र प्रमाणित साधना करने से साधक को वे सर्व लाभ (घर में शांति, व्यापार में लाभ, दुर्घटनाओं से बचाव, बीमारी से बचाव तथा मोक्ष) प्राप्त होते हैं जो परमात्मा से अपेक्षित होते हैं, जिनके लिए साधक भक्ति करता है।
🌍भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज के करोड़ों अनुयाई हैं। हम दावे के साथ कह रहे हैं कि यदि संत रामपाल जी महाराज के सत्संग विचार भारत की जनता सुन लेगी तो भारत की धरती स्वर्ग बन जाएगी। इनके विचारों से प्रभावित होकर हम सब अनुयाई सामान्य तथा सभ्य व सुखी जीवन जी रहे हैं।
🌍मानव समाज में वतर्मान में हो रहे बलात्कार, यौन उत्पीड़न के अपराधों तथा चोरी-डाके, भ्रष्टाचार के अपराधों को समूल समाप्त करने का एकमात्र विकल्प संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग विचार तथा उनके अनुयायियों का शिष्ट व्यवहार तथा शालीनता
को मानव समाज के सामने परोसना है।
🌍परमात्मा का विधान है कि हत्या तथा आत्महत्या करने वाला नरक में जाता है।
आत्महत्या तथा हत्या दोनों परमात्मा के विधानानुसार घोर अपराध हैं। यह किसी भी परिस्थिति में नहीं होना चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनने से पता चलता है कि मनुष्य जीवन कितना दुर्लभ है और यह भक्ति करके मोक्ष प्राप्त हो सके इसलिए मिलता है।
उनसे नाम उपदेश लेकर अपना कल्याण करायें।
🌍‘‘पुत्र प्राप्ति न होने से आहत दम्पति को विशेष हिम्मत मिलेगी’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में यह प्रसंग ऐसा तार्किक है कि जो पति-पत्नी संतान न होने के कारण अपने आपको किवंदतियों के कारण समाज से अलग-थलग महसूस करते हैं, उनके विषय में ऐसा उदाहरण दिया है जिसको पढ़कर निःसंतान दम्पति संतान वालों से भी श्रेष्ठ महसूस करेंगे।
🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
‘‘घर की कलह समाप्त हो जाती है’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में ऐसे उल्लेख हैं जिनके पढ़ने-सुनने से परिवार की आपसी तू-तू मैं-मैं समाप्त होकर प्यार से जीवन जीते हैं।
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🌍धरती को स्वर्ग बनाना है
‘‘नशीली वस्तुओं को त्याग देगा मानव’’
पुस्तक ‘‘जीने की राह’’ में शास्त्रों तथा संतों की वाणी से तर्क के साथ तथा प्रमाणों के साथ नशानिषेध के विषय में लिखा है जिसको पढ़कर कोई महा मूर्ख ही भविष्य में तम्बाकू, सुल्फा, शराब का नशा करेंगे। 99% पाठक नशे से अवश्य परहेज करेंगे।
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