Nagaland Minister: बीजेपी नेता को पत्नी की तलाश, पर खुद से पहले चाहते हैं सलमान खान की शादी!
Nagaland Minister: बीजेपी नेता को पत्नी की तलाश, पर खुद से पहले चाहते हैं सलमान खान की शादी!
Image Source : TWITTER/@ALONGIMNA
Nagaland minister Temjen Imna Along
Highlights
नगालैंड बीजेपी इकाई के अध्यक्ष को पत्नी की तलाश
सोशल मीडिया पर मंत्री ने पत्नी को लेकर लिखा पोस्ट
शादी डॉट कॉम के फाउंडर अनपुम मित्तल ने किया कमेंट
Nagaland Minister: नगालैंड बीजेपी इकाई के अध्यक्ष, प्रदेश के उच्च शिक्षा और आदिवासी मामलों के मंत्री तेमजेन इमना अलांग का एक ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह…
नागालैंड की लड़की ने गिटार बजाकर परफॉर्म किया राष्ट्रगान, वायरल हुआ वीडियो
नागालैंड की लड़की ने गिटार बजाकर परफॉर्म किया राष्ट्रगान
नई दिल्ली :
भारत के पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड (Nagaland) में एक इवेंट के दौरान भारतीय राष्ट्रगान को नागा स्टाइल (National Anthem in Naga Style) में परफॉर्म किया गया. इस पूरे कार्यक्रम का छोटा सा हिस्सा उच्च शिक्षा और जनजातीय मामलों के मंत्री और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलॉन्ग (Temjen Imna Along) ने शेयर किया है, जो सोशल मीडिया पर…
विधानसभा में राज्य सरकार की ओर से उत्तर:
माननीय अध्यक्ष महोदय, चार दिन तक इस सदन में प्रस्तुत बजट पर चर्चा हुई और करीब 95 पक्ष-विपक्ष के लोगों ने भाग लिया, जो निर्दलीय भी साथी हैं, सीपीएम भी है, सभी पार्टियों के हैं। मुझे खुशी है कि हमारा बजट जब रखा गया तो मैंने महसूस किया अध्यक्ष महोदय, पहली बार जो इस बजट का स्वागत हुआ पूरे प्रदेश के अंदर, देश के अंदर, ऐसा मैंने आज तक कभी देखा नहीं। सात संकल्प को लोगों ने एप्रिशिएट किया, लोगों ने कंठस्थ किया, आप ��हीं करो वो आपकी मर्जी है। तो मुझे बताइए आप, जिस बजट की तारीफ इस रूप में हो, जो हालात देश में हैं आर्थिक रूप से, प्रदेशों में बनते जा रहे हैं उसके बावजूद भी इतना शानदार बजट पेश करना, लोगों ने कहा, ये बैठे हैं हमारे साथी, हमें उम्मीद नहीं थी ये बजट ऐसा आएगा, ये कहा गया। उम्मीद नहीं थी कि इतना शानदार बजट आएगा, ऐसा बजट अध्यक्ष महोदय प्रस्तुत किया गया। पर ये आपका धर्म है कि आप उसकी आलोचना करो, हमें कोई ऐतराज़ नहीं है। सुझाव अच्छे देंगे तो मैं इतना कह सकता हूं कि हमारा दृष्टिकोण खुला हुआ रहता है। सरकार आपकी आती है तभी तो आप लोग कहते हो कि कोड ऑफ कंडक्ट विधायकों का, बुलाते नहीं हैं मंत्री लोग। मैं पूछना चाहूंगा आप लोगों को कि हम तो बुलाते हैं, बुलाना चाहते हैं, अच्छा लगता है अगर माननीय विधायक आकर बैठते वहां पर तो और माहौल भी बहुत अच्छा मिलता है वहां पर, क्योंकि हमारा कल्चर ऐसा है कांग्रेस का। और आप जो है आप जब सत्ता में होते हो, पहली बात तो बुलाने का नाम ही नहीं लेते हैं। मैं पूर्व मुख्यमंत्री रहा हूं अध्यक्ष महोदय, कभी किसी को नहीं बुलाया गया और भूले-चूके किसी को बुला लिया गया तो माहौल ऐसा रखते हो आप लोग, वो जाकर वहां पर बैठ भी नहीं सकता, ये बात अलग रही। अशोक लाहोटी जी ने पता नहीं किस सेंस में कुछ बातें कह दीं वहां पर मीटिंग के अंदर, तूफान आ गया पार्टी के अंदर, तूफान आ गया। फटकार लगी उसको, फटकार लगी। अरे भई उस बेचारे का क्या कसूर है उस माननीय सदस्य, अगर उसने मुख्यमंत्री को, मुख्यमंत्री सबका होता है, सबका होता है, पर पता नहीं, ठीक है, खैर वो बात अलग है। अब मैं कहना चाहूंगा जो माननीय नेता प्रतिपक्ष अभी बोल रहे थे, आधा घंटा ले लिया आपने आंकड़े बताने के लिए आंकड़े बताने के लिए। ये आंकड़े तो छपे हुए हैं, आप खुद स्वीकार कर रहे हैं कि आंकड़े तो सरकारी अधिकारी बनाते हैं, अकाउंटेंट जनरल ऑफ राजस्थान के हो या अधिकारी दिल्ली के हो, सब देखते हैं। बजट वो बनता है कितनी रिवेन्यू आई, कितना एक्सपेंडीचर हुआ, कितनी रिवेन्यू रिसीप्ट है, कितना अपना एक्सपेंडीचर होगा, फिस्कल डेफिसिट कितना रहेगा, उससे आपका आईना दिखता है, बजट एक आईना होता है सरकार की सोच का। बजट जो संकल्प हमने रखे हैं, वो सोच-समझ कर रखे हैं। पर आपने जो हर विभाग के बताए तो आप ये भी क्यों नहीं मानते कि जब हमारी सरकार थी उस वक्त हमने क्यों 50 पर्सेंट देना मंजूर किया रेलवे प्रोजेक्ट को हिंदुस्तान में पहली बार, क्यों किया मंजूर। हमारी आर्थिक स्थिति शानदार थी उस वक्त में। रतलाम से डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा, अजमेर से सवाई माधोपुर वाया टोंक, दो में हमने भागीदारी निभाई, तीसरा केंद्र सरकार ने खुद ने किया था सरमथुरा-गंगापुरसिटी वाया करौली। ये आपके सरकार के मुखिया जी ने अपने महल में टूरिज्म कैसे बढ़े उसके कारण से वहां पर उसको कैंसिल करवा दिया गया केंद्र के अंदर, ये क्यों भूल जाते हो आप। ये स्थिति उस वक्त क्यों बनी हमारी, हमने दवाइयां फ्री करीं आप तारीफ कर रहे थे, मैं आपका आभारी हूं। तो कम से कम एक तो तारीफ की आपने किसी की। आप मुझे बताइए, उन दवाइयों की आप तारीफ कर रहे थे और आपकी तत्कालीन मुख्यमंत्री कह रही थीं ये दवाइयां नहीं जहर हैं, तो जहर की तारीफ आप क्यों कर रहे थे। वो जहर जब सरकार बदल गई, वो जहर चालू क्यों रखा गया। जिस रूप में बजट पेश किया गया, जिस रूप में एक के बाद एक स्कीमें लागू की गईं, रिफाइनरी लाई गई, अभी मैं आऊंगा रिफाइनरी पर जो अभी आप बोल रहे थे ना। एप्रिशिएट करना तो दूर रहा, सरकार बदलते ही आप लोगों ने मेमूकोच फैक्ट्री गायब, रेलवे प्रोजेक्ट गायब, रिफाइनरी 5 साल तक बर्बाद कर दी उसको, क्यों कर दी बर्बाद, कि 26 पर्सेंट भागीदारी ही क्यों। बिजली हमारी तेल हमारा, जमीन हमारी, फिर मैं पूछना चाहता हूं आपने 26 पर्सेंट भागीदारी ही क्यों रखी उसके अंदर, आज हमें कहते हैं कि पार्टिसिपेशन क्यों नहीं किया गया, आप चिंता छोड़िए। ये भारत सरकार का स्टेट गवर्नमेंट का सामूहिक प्रोजेक्ट है, ज्वॉइंट वेंचर है। एचपीसीएल का और यहां की कंपनी का। हम पार्टिसिपेशन करेंगे अपना हिस्सा देंगे, ये मैं आपको कह सकता हूं कि आज कम से कम रिफाइनरी को हमारे दबाव में आपको शुरु करना पड़ा, वरना वो रिफाइनरी गायब हो जाती वहां से। तो सरकार जब हमारी थी, आप अपने आंकड़े बता रहे हो, तो आप तो दिसंबर में आए थे, दिसंबर में ही हम आए हैं, हमारा बजट अभी पेश हुआ जुलाई के अंदर मोडिफाइड बजट, अभी 6 महीने ही हुए हैं, 6 महीने में घोषणाएं पूरी हो सकती हैं? हो सकती हैं, मैं पूछना चाहता हूं। जुलाई के अंदर पेश हुआ है बजट हमारा, अभी आपका नया बजट आया है हमारा और पिछले जो आपने कर्जे छोड़े थे 3 लाख 25 हजार करोड़ के आस पास, उसके बाद में हमारी स्थिति हम मजबूत करना चाहते हैं वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से।
आप बार-बार कहते हो कि आप केंद्र सरकार को बार-बार गाली निकालते हो औऱ आरोप लगाते हो उनके ऊपर, पैसा मांगते भी हो। पैसा हम लोग नहीं मांगते हैं, संविधान के अंतर्गत लिखा हुआ है, संविधान के अंतर्गत, आपको तो मालूम होगा इस बात की जानकारी होगी, फाइनेंस कमीशन ये तय करता है किस राज्य को कितना पैसा मिलेगा केंद्र से, वो पैसा उनको देना ही पड़ता है, कोई अहसान नहीं करता है केंद्र, चाहे सरकार किसी की भी हो। आप कैसे कह सकते हो कि हम पैसा, हम आरोप लगा रहे हैं, आरोप लगा रहे हैं हम लोग क्या। आप आ जाइए कभी बैठकर बात करते हैं, हम साथ चलते हैं दिल्ली के अंदर, वित्त मंत्री से मिलते हैं, पूछते हैं कि जो आंकड़े हम दे रहे थे गलत हैं क्या। आज हमारे पैसे कट रहे हैं, सीएसटी का पैसा नहीं मिल पा रहा है, जीएसटी का पैसा आ नहीं पा रहा है, 10 हजार करोड़ से अधिक पैसा कट गया अकाउंट्स कह रहा है ग्रांट्स हमारी कट गई है, ये तो फैक्ट है। ये तो फैक्ट है इसमें क्या छिपाने की बात है, उसको भी आप नकार रहे हो। और एक तरफ तो आप नकार रहे हो दूसरी तरफ आपकी सरकार खुद, मैं कहना चाहूंगा अभी तो राज्यों की स्थिति बिगड़ रही है, सब राज्यों की स्थिति बिगड़ती जा रही है चाहे मध्यप्रदेश हो, हिमाचल हो, गुजरात हो, केरल हो और आपको मैं ये भी कहना चाहूंगा हमने जो अभी तक मैनेजमेंट कर रखा है अच्छा, आप देखिएगा 10 राज्य ऐसे हैं जहां पर स्पेशल ड्रॉविंग फैसेलिटीज अवेल आरबीआई से कर चुके हैं वो हैं, आंध्रप्रदेश 1565 करोड़. छत्तीसगढ़1096 करोड़, गोवा 74 करोड़, केरल 330 करोड़, मणिपुर 46 करोड़, मिजोरम 72 करोड़, नागालैंड 477, पंजाब 243, तेलंगाना 1553, उत्तराखंड 628, हम अभी इस कैटेगरी में नहीं आए हैं और दूसरा स्टेट जो वैल इमेज के होते हैं उसमें भी 10 स्टेट आ चुके हैं उसके अंदर जिनको तनख्वाह जैसे लाले पड़ेंगे वो हैं आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, मणिपुर, नागालैंड, पंजाब, तेलंगाना, उत्तराखंड और 4 राज्य आ गए हैं ओवर ड्राफ्ट के अंदर, वो हैं एक तो आपका खुद का बीजेपी का राज्य ये हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, केरल और पंजाब, ये स्थिति है। सौभाग्य से राजस्थान अभी तक बचा हुआ है क्योंकि हमारा शानदार मैनेजमेंट है। आप कहते हैं कि हम आरोप लगा रहे हैं, केंद्र सरकार तो मान रही है हम पैसा दे नहीं पा रहे हैं, इसलिए उन्होंने हमें अभी छूट दी है। सब राज्यों को दी है छूट उन्होंने जो आपको मालूम भी होना चाहिए कि जो पैसा मिलता है राज्यों को, लिमिट होती है कितना पैसा कब तक ले सकता है कौन राज्य, उस लिमिट से कोई राज्य बाहर नहीं जा सकता है। हमने रिक्वेस्ट करी हमारी रिक्वेस्ट को टर्न डाउन कर दिया जाता है। अब जब वो पैसा दे नहीं पा रहे हैं उन्होंने हमें छूट दी है 3235 करोड़ रुपए की छूट दी है। यूपी को दी है 10 हजार 570 करोड़ रुपए की छूट दी है, बिहार को दी है 5 हजार 681 करोड़ रुपए की छूट दी है, ये पूरी लिस्ट मेरे पास में है, तो वो छूट क्यों मिली है। आप समझ सकते हैं। आंकड़े बताना दूसरी बात है, वो तो लिखे हुए हैं, उसमें नई बात क्या कह रहे हो। जो पर्सेंटेज आपके वक्त पर थी अभी कम हुई ज्यादा हुई आपके सामने है वो, उसमें कहने की क्या बात है। इसलिए मैं कहना चाहूंगा आपको उन आंकड़ों के आधार पर आप क्या कहना चाहते हो मैं समझ नहीं पाया हूं आपको। आंकड़े हैं, आपने पढ़े, मैंने पढ़े, दुनिया ने पढ़े होंगे इंटरनेट पर आते हैं आजकल तो, बुक्स में लिखे हुए हैं, उसी से बजट पेश होता है, उसी से आपका इकोनॉमिक सर्वे पेश होता है, सब लिखे हुए हैं। आज 6-7 महीने के अंदर आपने कई गिनाए थे कई विभाग के अंदर स्कूलें बंद हो गई हैं, पशु चिकित्सा केंद्र नहीं खोले गए हैं। आप तो सरकार में लंबे समय तक रहे हैं, प्रक्रिया चलती है, स्टेडियम का था आपको, मालूम पड़ गया आपको स्टेडियम के टेंडर तक हो गए, स्कूलें बंद कीं आपने हमने खोलना प्रारंभ कर दिया, आप कहो तो मैं आंकड़े गिनाने लगूं तो उसमें तो बहुत टाइम लग जाएगा, तो इसलिए जो आपका जो कहना है प्राथमिक शिक्षा, 495 स्कूल हमने पुनः शुरु कर दिए माध्यमिक के 474 स्कूलें वापस शुरु कर दी हैं जो आपने बंद कर दी थीं। और आपने तो जो हमारी घोषणा थी 65 विद्यालयों की 2013-14 के अंदर, सरकार आपकी आई कोई स्कूल नहीं खोला आपने तो। क्रमोन्नत कीं स्कूल उच्च प्राथमिक से माध्यमिक 379, माध्यमिक से उच्च माध्यमिक 286, 665 स्कूलें की हैं, आप कैसे कह सकते हो, आंकड़े तो सबके सामने हैं, कोई नई बात नहीं है। माननीय हमारे राजेंद्र राठौड़ साहब आप भी जरा गौर फरमाओ। आपके ज़रिए आपने कहा सकल राज्य घरेलू उत्पाद एक वर्ष में 1315 करोड़ रुपए कम हुआ, बता दिया आपने। अब आप मुझे कि ये टेक्निकल बातें हैं फाइनेंस कमीशन क्या कहता है 10 लाख 20 हजार 990 करोड़ का आंकलन किया उन्होंने और 2019-20 के अंदर जीएसडीपी का 10 लाख 24 हजार 304 करोड़ का प्रोजेक्शन किया वो 14वें, वित्त आयोग ने किया था फाइनेंस कमीशन ने किया था। फाइनेंस कमीशन का जो प्रोजेक्शन होता है और जो एक्चुअल होता है उसमें फर्क आता ही आता है। आपके वक्त में भी आया था, नई बात नहीं है। और यह भी मैं कहना चाहूंगा कि चौथे वर्ष तक चलता है ये, 4 वर्ष तक चलता है और चौथे वर्ष में शामिल होता है यह। और इसमें मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिस्टिक्स भारत सरकार एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन जिसको कहते हैं MOSPI और स्टेट गवर्नमेंट दोनों मिलकर आंकड़े फाइनल करते हैं उसमें चार साल लगते हैं, आपने हमें पहले ही दोष देना शुरु कर दिया, ये आपके सामने आंकड़े हैं। आपने 40 साल में पहला मौका है योजना के अंतर्गत व्यय पिछले वर्ष से कम है 6735 करोड़ की आपने योजना घटा दी। हमने कोई बात छिपाई है क्या। पहले जो, आपका आपको मालूम है कि प्लान बजट बनता है वो कभी हमने कम नहीं किया हमने इस बार भी बढ़ाया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का मोदी सरकार पर आरोप कहा- कश्मीर के सोनमर्ग और गुलमर्ग में अडानी-अंबानी को जमीन देने की तैयारी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद अब मोदी सरकार वहां अडानी और अंबानी को जमीन देने की योजना बना रही है। बता दें कि हृष्टक्क आज अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी करने वाले थे लेकिन कांग्रेस और दूसरे मित्र पक्षों का साझा घोषणापत्र जारी करने के लिए उन्होंने अपना घोषणापत्र जारी नहीं किया। इस दौरान एनसीपी के मुंबई अध्यक्ष और पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने की मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश के गृहमंत्री कल मुंबई में बोले कि कश्मीर में बीते 70 दिन में एक भी गोली नही चली है। अगर सब कुछ इतना ही समान्य है तो आखिर वहां फिर कर्फ्यू क्यों लगा हुआ है। क्या गृहमंत्री इसका जवाब देंगे। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के पास राज्य में विकास कार्य के नाम पर कुछ दिखाने व बताने के लिए नहीं है इसलिए वह सिर्फ अनुच्छेद 370 पर बात कर रहे हैं। मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य में अडानी और अंबानी को जमीन देने की तैयारी में है। इसके लिए गुलमर्ग और सोनमर्ग में जमीन तय करने का काम भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कश्मीर के अलग झंडे का विरोध करती है लेकिन वही सरकार नागालैंड के अलग झंडे पर चुप है। इससे पता चलता है कि बीजेपी की नीति कैसी है। मलिक ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार का दाऊद इब्राहिम के साथ संबंध पर कहा कि दाऊद के लोग बीजेपी के साथ हैं। खुद गोंडा बृज भूषण सिंह बीजेपी के सांसद हैं।
'जब एक ही प्लेट से खा रहे थे कांग्रेस नेता और राहुल गांधी का कुत्ता', हिमंत सरमा ने सुनाया किस्सा Divya Sandesh
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'जब एक ही प्लेट से खा रहे थे कांग्रेस नेता और राहुल गांधी का कुत्ता', हिमंत सरमा ने सुनाया किस्सा
गुवाहाटी: असम के नवनिर्वाचित सीएम हिमंत बिस्वा सरमा कभी कांग्रेस अध्यक्ष थे, लेकिन 2015 में उनके भाजपा में शामिल होने से पूरे उत्तर-पूर्व की राजनीतिक तस्वीर बदल गई और वहां के सभी राज्यों से कांग्रेस का सफाया हो गया. अब स्थिति यह है कि पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और सिक्किम में यहां भाजपा की गठबंधन सरकार है। अब असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एक किस्सा साझा किया है कि कैसे उनका कांग्रेस से मोहभंग हो गया था। सरमा ने एक निजी समाचार चैनल के एक शो में कहानी सुनाई।
सीएम सरमा ने कहा कि उस दौरान असम में होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने पर मंथन हुआ था. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पूरी बातचीत के दौरान बैठक में कोई दिलचस्पी नहीं थी और वह अपने कुत्ते के साथ खेल रहे थे। हिमंत बिस्वा सरमा ने आगे कहा, ”बैठक के दौरान मौजूद नेताओं के लिए चाय-कॉफी लायी गयी. इसी बीच राहुल गांधी का कुत्ता टेबल पर गया और थाली से बिस्किट लेकर खाने लगा. फिर राहुल गांधी ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुरा दिया. मैं मुझे आश्चर्य हुआ कि जब उसने मुझे देखा तो वह ऐसा क्यों कर रहा था?” दरअसल, हिमंत हाथ में चाय का प्याला लेकर राहुल गांधी का इंतजार कर रहे थे कि वे कुत्ते की बंधी हुई थाली की जगह दूसरी थाली मंगवाएं. उन्होंने 5 मिनट तक इंतजार किया, लेकिन फिर पूर्व सीएम तरुण गोगोई और सीपी जोशी जैसे दिग्गज नेताओं को एक ही थाली से बिस्कुट उठाते देखा.
सरमा ने कहा कि वह हमेशा राहुल गांधी से मिलने नहीं जाते थे, लेकिन उस दिन उन्हें एहसास हुआ कि यह सब उनके लिए सामान्य है। उन्हें लगा कि राहुल गांधी की ��भी सभाओं में ऐसा होता होगा। उन्होंने कहा, “उसी दिन मुझे एहसास हुआ कि बहुत हो गया, अब मैं इस व्यक्ति के साथ नहीं रह सकता। लेकिन, मैं उन्हें भी धन्यवाद देता हूं। अगर मैं आज इस पद पर हूं, तो इसका श्रेय उस बैठक को जाता है और तथ्य यह है कि राहुल गांधी मुझे कांग्रेस में रहना पसंद नहीं आया।” सरमा ने 22 साल तक कांग्रेस के लिए काम किया।
नीतीश कुमार की पार्टी JDU चार राज्यों में बीजेपी के साथ नहीं, अपने दम पर लड़ेगी चुनाव नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दल यूनइटेड के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रविवार को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गेंद भारतीय जनता पार्टी के पाले में डाल दिया. जदयू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने कुमार कुछ वक्त के लिए ही सही, मगर ऐसी अटकलों पर विराम लगा दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले ही वह बीजेपी से रिश्ता तोड़ देंगे या फिर सीटों की डिमांड करेंगे. जदयू ने अपनी ओर से साफ कर दिया है कि 2019 लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ ही मिलकर लड़ेगी. मगर रविवार की बैठक में नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि वह अभी बीजेपी की ओर से इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि भाजपा उन्हें लोकसभा चुनाव में कितनी सीटों का ऑफर करती है. यानी नीतीश कुमार ने बीजेपी के पाले में पासा फेंक दिया है कि वह एनडीए को बचाना चाहती है या नहीं. बिहार में एनडीए का कुनबा संभालने की जिम्मेदारी अब भाजपा के हाथों में... जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि 'हम न बीजेपी की मदद कर रहे हैं, न सपोर्ट कर रहे हैं और न ही विरोध कर रहे हैं. जनता दल यूनाइटे चार राज्यों में अपने दम पर अकेली चुनाव लड़ेगी. आगे उन्होंने कहा कि गुजरात, नागालैंड और कर्नाटक में हमने सीमित सीटों पर चुनाव लड़ा. हम अपनी पार्टी के एजेंडा पर चल रहे हैं.' जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग हमें किनारा करने के प्रयास में लगे हैं वो लोग खुद ही किनारे हो जायेंगे. नीतीश ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमको एलिमिनेट करने वाला कोई नहीं हैं आप लोग घबराये मत. JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में बोले नीतीश, हमें किनारा करने वाले खुद किनारे हो जाएंगे नीतीश कुमार के भाषण से साफ़ था कि फ़िलहाल तालमेल और सीटों के संबंध में उन्हें कोई जल्दबाज़ी नहीं है. नीतीश पहले भाजपा के तरफ़ से सीटों की संख्या के बारे में सुन लेना चाहते हैं, तब वो इस संबंध में कोई मन बनाना चाहते हैं. अब सबकी निगाहें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित साह के इस हफ़्ते पटना यात्रा पर होगी, जब 12 जुलाई को वो नीतीश कुमार के साथ बैठक करेंगे. बता दें कि पिछले साल लालू यादव और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर से अपने पुराने साथ बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाया था. मगर बीते कुछ समय से ऐसी खबरें आ रही हैं कि नीतीश कुमार और बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं, कि नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़ एक बार फिर से विपक्षी महागठबंन की ओर अपने कदम बढ़ा सकते हैं. मगर अभी दिल्ली की बैठक से कुछ समय के लिए ऐसी अटकलों पर विराम लगता दिख रहा है. नीतीश की गिरिराज सिंह को दो टूक, कहा- सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाले को छोड़ेंगे नहीं बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नराज चल रहे हैं. बता दें कि नीतीश कुमार के लिए वोट बैंक के लिहाज से बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग किसी संजीवनी से कम नहीं है. टिप्पणियां
राहुल गांधी का हमला, 'बीजेपी ने मेघालय में जनादेश का अपमान किया है'
http://www.manjurajpatrika.com/rahul-gandhi-takes-on-bjp-said-bjp-using-big-money-for-grabbing-power/5570.cms
नई दिल्ली: इटली से आते ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केंद्र सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं. पूर्वोत्तर में बीजेपी को मिली जीत पर उन्होंने कहा कि बीजेपी सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. मेघालय में सरकार बनाने के दावे पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी ने मेघालय में जनादेश का अपमान किया है. सत्ता के लिए भाजपा ने अवसरवादी गठबंधन किया है. बता दें कि मेघालय में बीजेपी को महज दो सीटें मिली हैं, फिर भी पार्टी ने गठबंधन बनाकर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया है. जबकि 21 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी कांग्रेस यहां सरकार बनाने में विफिल रही है. हालांकि नागालैंड और त्रिपुरा में कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं जीत पाया था. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट करके केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला बोला है.
With just 2 seats, the BJP has usurped power in Meghalaya, through a proxy.
Like in Manipur & Goa, showing utter disregard for the mandate of the people. Obsessed instead with grabbing power, using big money to create an opportunistic alliance.#DemocracyDemonetised
— Office of RG (@OfficeOfRG) March 5, 2018
जनादेश का अपमान: उन्होंने कहा कि बीजेपी लगातार जनादेश का अपमान कर रही है. पहले मणिपुर, फिर गोवा और अब मेघायल में जनता द्वारा नकारे जाने के बाद भी पार्टी वहां जोड़-तोड़ की राजनीति कर सरकार बनाने जा रही है. यह सरासर जनादेश का अपमान है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मेघालय में बीजेपी ने दूसरों के सहारे सत्ता छीनी है. उन्होंने कहा इसे सत्ता पाना नहीं बल्कि सत्ता छीनना कहते हैं. सत्ता के लिए बहा रही है पैसा: राहुल ने कहा कि महज दो सीटें होने के बाद भी बीजेपी ने दूसरों के सहारे सत्ता छीनने का काम किया है, बीजेपी कुर्सी के लालच में हर हथकंडे अपना रही है और सत्ता के लिए उसने अवसरवादी गठबंधन किया है. सत्ता पाने के लिए बीजेपी बेहिसाब पैसा बहा रही है. इससे पहले एक अन्य ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय में जनता के फैसले का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि वे पूर्वोत्तर में पार्टी की मजबूती और जीत के साथ वापसी करने के लिए कटिबद्ध हैं. कांग्रेस ने नहीं लिया सबक: कांग्रेस ने गोवा में की गई अपनी गलती से सबक लेते आनन-फानन में वरिष्ठ पार्टी नेता अहमद पटेल और कमलनाथ को मेघालय सरकार बनाने की संभावनाएं तलाशने के लिए भेजा था लेकिन ये दोनों दिग्गज भी कुछ खास नहीं कर सके. इस तरह से पार्टी के हाथ से मेघालय भी निकल गया. जैसी ही मेघालय का खंडित जनादेश आया था, तभी से ये अंदेशा जताया जा रहा था कि कांग्रेस की सरकार बनना मुश्किल है. चुनाव नतीजे में 21 सीटें मिली थी और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या बल नहीं जुटा पाई. दोहराया गया गोवा का इतिहास: पिछले साल मार्च के महीने में ही गोवा में कुछ इसी तरह का सियासी ड्रामा हुआ था जिसमें कांग्रेस के मुंह की खानी पड़ी थी और वह सरकार नहीं बना पाई थी. 11 मार्च को गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को 40 सदस्यीय विधानसभा में 17 सीटें मिली थी जबकि बीजेपी की झोली में 13 सीटें आई थीं. वहां सरकार बनाने का जिम्मा दिग्विजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत को सौंपा गया था लेकिन वे सफल नहीं हुए. बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने सियासी गोटी फिटकरके मनोहर पर्रिकर को सीएम बनवा दिया था.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उत्तर पूर्व की जीत को लेकर हुए गदगद। शिमला। Section 118 को लेकर सीएम जयराम ने स्पष्ट किया है कि सबसे पहले हिमाचली हित होंगे, इसे हटाने की कोई बात नहीं है। उनका कहना था कि बात इसके सरलीकरण की है और अभी विषय पूरी तरह से खुला है। उन्होंने कहा कि Section 118 में संशोधन सबसे ज्यादा छह बार कांग्रेस ने किए हैं। वहीं कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी द्वारा सौंपी गई चार्जशीट को लेकर पूछे गए सवाल पर सीएम ने कहा कि चार्जशीट सरकार के पास है और उस पर समय पर जांच होगी। अदानी को मिले बिजली प्रोजेक्ट से संबंधित अपफ्रंट प्रिमियम पर कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी। इसे लेकर कांग्रेस ने इसका मामला कैबिनेट में लाया था और फिर वापस किया था। सीएम जयराम ठाकुर रविवार को शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान बोल रहे थे। इसके साथ ही मंडी में हुए कांग्रेस के अधिवेशन को लेकर सीएम जयराम ठाकुर ने चुटकी ली है। उन्होंने इस सम्मेलन को कुछ लोगों की बैठक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बैठक उनके अस्तित्व की लड़ाई थी। अधिकतर लोग उसमें शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मंडी में बैठक की, जहां से उन्हें शून्य मिला है। ऐसे में उन्होंने वहां जो-जो प्रस्ताव पास किए, उनका कोई महत्व नहीं रहता। उन्होंने कहा कि धारा 118 को लेकर बात स्पष्ट है कि हिमाचल के हितों की रक्षा सबसे पहले है, इसे हटाने की कोई बात नहीं है। कांग्रेस मुक्त नहीं कम्युनिस्ट मुक्त भी हो रहा भारत सीएम जयराम ठाकुर ने कहा है कि आज पूरा देश कांग्रेस मुक्त ही नहीं, बल्कि कम्युनिस्ट मुक्त भी हो रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी का कांग्रेस मुक्त भारत का अभियान जारी है और अब देश के लोगों को कम्युनिस्ट मुक्त भारत भी देखने को मिल रहा है और पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में वामपंथी राज का खात्मा कर बीजेपी सत्तासीन हुई है। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इस बार की होली बीजेपी के लिए बहुत अच्छी रही है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को पूर्वोत्तर राज्य के चुनाव में मिली जीत पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि बीजेपी अब किसी क्षेत्र, जाति तक सीमित नहीं रही, बल्कि देश की सर्वमान्य पार्टी बनकर उभरी है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में बीजेपी लगातार मजबूत होती जा रही है और देश ही नहीं, विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई है।त्रिपुरा की जीत कुर्बानी देने वाले कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि।सीएम ने कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में पूर्वोत्तर में बीजेपी ने परचम लहराया है। उन्होंने कहा कि वहां पहले बीजेपी का कोई नाम नहीं था, लेकिन आज जो चुनाव परिणाम आए, उसमें त्रिपुरा में बीजेपी भारी भरकम जीत दर्जकर सत्ता में आई है। नागालैंड में बीजेपी गठबंधन सरकार बना रही है। साथ ही कहा कि मेघालय में भी कांग्रेस की सरकार बनती नहीं दिख रही। सीएम ने कहा कि त्रिपुरा में वामपंथ के साथ टकराव था और आज वहां सरकार बनाई। यह जीत उन कार्यकर्ताओं के लिए श्रद्धांजलि है, जिन्होंने वहां दूसरी विचारधारा के साथ लड़कर अपनी कुर्बानी दी। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में पिछले विधानसभा चुनाव में एक सीट नहीं मिली थी, लेकिन अबकी बार दो तिहाई बहुमत के साथ बीजेपी गठबंधन की सरकार बन रही है। नागालैंड में पिछली बार केवल एक सीट थी और इस बार पूरे बहुमत की सरकार बन रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब को छोड़ देश में जहां भी चुनाव हुए, वहां बीजेपी जीती है। आज 16 राज्यों में बीजेपी की सरकार है और पांच में गठबंधन सरकार है। कुल मिलाकर 21 राज्यों में बीजेपी और इसके गठबंधन की सरकार है और 70 फीसदी जनसंख्या पर बीजेपी की सरकार है।
मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भगवा होता जा रहा देश, 'कांग्रेस मुक्त भारत' से 4 कदम... भारत' से 4 कदम देशभर में अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। देश के पूर्वोत्तर राज्यों से आए चुनावी नतीजे तो फिलहाल यही बयां कर रहे हैं। पार्टी भले ही तीनों राज्यों में सरकार बनाने का दावा कर रही हो, लेकिन पेंच मेघालय में फंस गया है। त्रिपुरा और नागालैंड में BJP ने बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया है। इन सबके बीच पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों में सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हुआ है। 25 साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस त्रिपुरा में मुख्य विपक्षी दल था। इस बार कांग्रेस को न त्रिपुरा में कोई सीट नहीं मिली, बल्कि नागालैंड में भी पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई। देश के सभी राज्यों की सरकारों को देखें तो लगता है कि मोदी का कांग्रेस मुक्त सपना मात्र चार कदम दूर है। भारतीय जनता पार्टी अपने एजेंडे के साथ लगातार राज्यों में पांव पसार रही है पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 'कांग्रेस मुक्त भारत' का नारा दिया था। जिसके बाद से भारतीय जनता पार्टी इसी एजेंडे के साथ लगातार राज्यों में पांव पसार रही है। दक्षिण भारत हो या पूर्वोत्तर का राज्य हर जगह बीजेपी ने अपने जनाधार मजबूत किए हैं। 2014 लोकसभा चुनाव तक जहां बीजेपी की पूर्वोत्तर के एक भी राज्यों में सरकार नहीं थी आज वह अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, सिक्किम और नागालैंड में सरकार बना चुकी है। अब त्रिपुरा, नागालैंड में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। वहीं मेघालय में भी बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। कांग्रेस के पास अब केवल चार राज्यों कर्नाटक, पंजाब, मिजोरम और पुडुचेरी में सरकार है। बीजेपी का कांग्रेस मुक्त भारत का सपना धीरे-धीरे हकीकत में तब्दील होता नजर आ रहा है। बात कर्नाटक की करें तो इसी साल वहां विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसको लेकर बीजेपी ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पीएम मोदी और बीजेपी चीफ अमित शाह ताबड़तोड़ रैली कर रहे हैं। कांग्रेस ने भी कर्नाटक में वापसी की पूरी तैयारी कर रखी है। सीएम सिद्धारमैया बीजेपी पर लगातार हमले कर रहे हैं। कर्नाटक में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है। वहीं पंजाब में कांग्रेस की सरकार है और कैप्टन अमरिंदर सिंह सीएम हैं। पंजाब में पिछले साल ही चुनाव हुए हैं तो अगला विधानसभा चुनाव 2022 में होगा। फिलहाल पुडुचेरी और मिजोरम में कांग्रेस की सरकार चल रही है। पूर्वोत्तर राज्यों भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद पार्टी में ख़ुशी की लहर है। त्रिपुरा में 25 साल के वामपंथ शासन का जहां खात्मा होता दिखाई दे रहा है, जबकि नागालैंड में भी बीजेपी गठबंधन दूसरी सबसे बड़ी पार्टी क रूप में उभर रही है। बीजेपी की इस जीत के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 'पूरा पूर्वोत्तर अब बीजेपी के साथ है' उन्होने कहा हम शुरुआत से 'कांग्रेस मुक्त भारत' कहते आ रहे हैं, अब हम 'वामपंथ मुक्त भारत' भी कह सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी का जनाधार दिन पर दिन सिमटता जा रहा है। राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस का वोट बैंक धवस्त होता जा रहा है। राहुल गांधी का रिकॉर्ड तो ये है कि अब तक उनके नेतृत्व में जितने भी चुनाव लड़े गए उसमें कांग्रेस हारती ही चली आ रही है। उनके नेतृत्व में बीते 5 साल में कांग्रेस पार्टी 29 चुनाव हार चुकी है। दरअसल कांग्रेस के लिए यह विश्लेषण का दौर है। पिछले वर्ष 2017 में सात राज्यों में हुए चुनाव के नतीजों ने भी राहुल की पोल खोल दी। यूपी, उत्तराखंड, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को भारी हार मिली। पंजाब में जीत कैप्टन अमरिंदर सिंह की विश्वसनीयता और मेहनत की हुई। *********************************************************************************** Thanks For Watching This Video Subscribe For More Latest News & Update ZARA HATKE NEWS!! Subscribe Us for Latest News & Updates Zara hatke News Web Sites Logon to https://khabrezarahatke.blogspot.in/ Watch this Video. https://goo.gl/1zQ4oD Watch this video. https://goo.gl/xaVdx9 Watch this Video. https://goo.gl/MKRhaa Watch this Video. https://goo.gl/J1yPZY Watch this Video. https://goo.gl/3cAzav Zara Hatke is one of the Trending News Chanel on Youtube to Provide original news to the Audience, The News About the Trending Topics Like Breaking News, Politics, Sports, Dharmik, Social, and many More Topics of the News and also some Live Events For More Updates SubScribe Our Chanel Now Like Our Official Page on Facebook https://www.facebook.com/Zara-Hatke-1940750756181144/ For More Updates Press the Bell icon to get Immediate Notification of any New Video Here are the New way to Derived News at home for the Topics like Sports News, Bollywood News, Viral News, Live News, Hot News, Comedy News, Serious News, Crime News, Breaking News, Business Releted News, Community like Jio Airtel Vodafone Idea Etc Pure in Hindi
अमित शाह पूर्वोत्तर में ऐतिहासिक जीत पर बोले- ये पीएम मोदी की नीतियों की जीत है…
अमित शाह पूर्वोत्तर में ऐतिहासिक जीत पर बोले- ये पीएम मोदी की नीतियों की जीत है…
नई दिल्ली: पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अमित शाह ने कहा कि आज का दिन बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए बड़ा दिन है। मैं तीनों राज्यों के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करता हूं। त्रिपुरा में जनता ने ‘चलो पलटाई’ नारे को मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्ट ईस्ट पॉलिसी के जरिए उत्तर-पूर्व…
रुझानों में बीजेपी की जबरदस्त कामयाबी पर जानिए किसने क्या कहा
रुझानों में बीजेपी की जबरदस्त कामयाबी पर जानिए किसने क्या कहा.. #TripuraElection2018, #MeghalayaElection2018 and #NagalandElection2018 #news #ResultsWith7c देश दुनिया से जुड़े हर समाचार के लिए : http://khabar.7cnews.in/
नई दिल्ली: पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती चल रही है है. रुझानों में बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करते हुए त्रिपुरा और नागालैंड में सरकार बनाते हुए नज़र आ रही है, तो वहीं कांग्रेस के हाथ से एक और राज्य निकल सकता है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे पीएम मोदी के कामों और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के चुनावी प्रबंधन की जीत बताया है. वहीं केंद्रीय…
Can Rahul Gandhi make over will able to strong and unite opposition नई दिल्ली: कांग्रेस और उसके अध्यक्ष पद पर हाल ही में विराजमान हुए राहुल गांधी के लिए साल 2018 काफी अहम साबित होने जा रहा है. गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने के लिए राहुल ने सिर्फ खुद की नहीं, कांग्रेस की भी दिशा और दशा बदलकर रख दी. राहुल गांधी का मंदिरों में जाना कांग्रेस का 'सॉफ्ट हिन्दुत्व' की ओर झुकाव माना गया, और उन्होंने यहां जातिगत राजनीति में घुसने में भी कोई कोताही नहीं की. कई समीकरणों को अपने पाले में करने के बाद भी भले ही कांग्रेस गुजरात जीत न सकी, लेकिन इस बात से कतई इनकार नहीं किया जा सकता कि कांग्रेस ने बहुत लम्बे अरसे के बाद यहां BJP को टक्कर दी और इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि यह सिर्फ राहुल की वजह से मुमकिन हुआ. लेकिन सवाल अब भी वही है कि क्या राहुल गांधी का यह बदला रूप वर्ष 2019 तक एक सशक्त विपक्ष खड़ा कर पाएगा, क्योंकि यह सब करने के लिए राहुल के पास बहुत ज़्यादा वक्त नहीं बचा है. 2018 में इन राज्यों में होना है चुनाव, क्या कहता है यहां का गणित क्या विपक्ष को एकजुट कर पाएंगे राहुल गांधी...? BJP के पास इस समय काफी बड़ा और मजबूत संगठन है और PM नरेंद्र मोदी जैसा नेता है. 19 राज्यों में उनकी सरकारें हैं, सो, कांग्रेस के लिए अकेले दम पर BJP को चुनौती दे पाना आसान नहीं है. चुनाव से पहले PM कोई बड़ा लोकलुभावन फैसला भी ले सकते हैं, सो, विपक्ष की एकजुटता ही इसका तोड़ हो सकती है. अब सवाल इस बात का है कि BJP को मजबूत चुनौती देने के लिए क्या राहुल गांधी सभी विपक्षी दलों के एक पाले में ला पाएंगे. क्या वह उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव व मायावती, पश्चिम बंगाल में वामदलों और ममता बनर्जी को साथ ला पाएंगे. उधर दक्षिण में BJP भी डीएमके को अपने साथ लाने में जुटी हुई है, और नई राजनैतिक ताकत बनने की कोशिश में जुटे फिल्म स्टार रजनीकांत का झुकाव भी BJP की ओर ही ज़्यादा लगता है. पार्टी के स्थापना दिवस पर राहुल ने BJP पर जमकर हमला बोला, कहा- खतरे में है अंबेडकर का संविधान इन विधानसभा चुनावों में होगी असली परीक्षा... साल 2018 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिनमें से कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है, तो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में BJP की सरकारें सत्ता में हैं. इन चुनावों के नतीजे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव की तस्वीर को साफ कर देंगे, सो, अब देखना यह है कि क्या राहुल गांधी इन विधानसभा चुनावों में कोई करिश्मा दिखा पाएंगे. संसद में जेटली की सफाई के बाद राहुल ने कसा 'तंज', ट्वीट कर साधा निशाना क्या कांग्रेस के संगठन को मजबूती दे पाएंगे राहुल गांधी...? संगठन स्तर कांग्रेस की हालत पस्त है, और मध्य प्रदेश में तो कोई नेता ही तय नहीं हो पा रहा है. पार्टी के भीतर ही ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह आमने-सामने खड़े दिखाई दे रहे हैं, वहीं छत्तीसगढ़ में भी अजीत जोगी कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. इन नेताओं के अलावा कार्यकर्ताओं में भी उत्साह भरने का मुश्किल काम अब राहुल गांधी को ही करना होगा. वीडियो : राहुल गांधी ने बीजेपी पर साधा निशानापूर्वोत्तर राज्यों की चुनौती से भी निपटना होगा... पूर्वोत्तर भारत में पांव पसारने, पैठ बनाने और विस्तार करने की भरसक कोशिशों के तहत BJP ने असम के हेमंत बिस्वा को तैनात कर दिया है, जो कांग्रेस में रह चुके हैं और राहुल गांधी से ही नाराज़ होकर BJP में चले गए थे. क्या हो सकती है राहुल की भूमिका साल 2018 में राहुल के पास इन राज्यों में बेहतरीन प्रदर्शन करने की चुनौती होगी. अगर वह ऐसा कर पाए तो कई विपक्षी दल कांग्रेस के साथ आ सकते हैं जिसका फायदा लोकसभा चुनाव में मिल सकता है. इस लिहाज से कांग्रेस अध्यक्ष को अपनी पूरी ताकत से इन राज्यों में पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए अभी से जुटना होगा और देखने वाली बात यह होगी कि वह इसमें कितना कामयाब होते हैं. Source link
गुजरात में मतदान के बाद बीजेपी ने अब पूर्वोत्तर पर ध्यान केंद्रित किया है. वहां तीन राज्यों त्रिपुरा, मिजोरम और मेघालय में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
तीनों राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले सांगठनिक ताकत का जायजा लेने के लिए अब संघ और बीजेपी के नेता इलाके के दौरे पर हैं. संघ प्रमुख मोहन भागवत जहां त्रिपुरा के पांच दिन के दौरे पर हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मिजोरम और मेघालय का दौरा किया. मोदी ने इन दोनों राज्यों में जनसभाओं को संबोधित किया. मेघालय में तो उनकी जनसभा के जरिए ही बीजेपी के चुनाव अभियान की शुरुआत हो गई. इलाके के तीन राज्यों त्रिपुरा, नानालैंड और मेघालय में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि मिजोरम विधानसभा चुनाव नवंबर में होंगे.
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों-असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में पहले से ही बीजेपी सत्ता में है. अब वह बाकी राज्यों में भी सत्ता पर काबिज होकर विपक्षी राजनीतिक दलों का सूपड़ा साफ करना चाहती है. फिलहाल उसका सबसे ज्यादा ध्यान लेफ्ट फ्रंट के शासन वाले त्रिपुरा पर है. वहां बीते 25 साल से मानिक सरकार की अगुवाई में लेफ्ट फ्रंट सत्ता में है. बीजेपी ने वहां लेफ्ट के कथित आतंक, कानून और व्यवस्था की स्थिति और विकास को अपना प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है. शनिवार को मोदी के पूर्वोत्तर दौरे के मौके पर तमाम अखबारों में छपे पूरे पेज के विज्ञापन में सरकार ने इलाके में जारी विकास योजनाओं का ब्योरा देते हुए अपनी उपलब्धियां गिनाई हैं.
त्रिपुरा के बीजेपी अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब कहते हैं, "प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 3.33 लाख महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराए गए हैं. एक परिवार में औसतन चार सदस्यों का हिसाब रखें तो राज्य के 25 लाख में से आधे वोटरों को इसका लाभ मिला है." उनका दावा है कि राज्य के लोग बीजेपी के पक्ष में हैं और अगले चुनाव के बाद उनकी पार्टी ही राज्य में सरकार बनाएगी.
बीजेपी नेताओं का दावा है कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में काफी तेजी आई है और यहां बेरोजगारी की दर देश में सबसे ज्यादा (20 फीसदी) है. देब दावा करते हैं कि राज्य की 67 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे रह रही है. बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली थी. लेकिन बाद में तृणमूल कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के पार्टी में शामिल होने की वजह से वह प्रमुख विपक्षी पार्टी बन गई है.
पार्टी अब की मघालय में भी सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रही है. शनिवार को प्रधानमंत्री के दौरे के मौके पर कांग्रेस के कुछ विधायक पार्टी में शामिल हो गए. हालांकि बीते दिनों बीफ बैन के मुद्दे पर बीजेपी को इस ईसाई-बहुल राज्य में भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. राज्य के दो नेताओं ने इस मुद्दे पर इस्तीफा भी दे दिया था. लेकिन स्थानीय बीजेपी नेताओं का दावा है कि यह स्थिति विपक्ष के कुप्रचार के चलते पैदा हुई थी और अब इस विवाद को सुलझा लिया गया है.
संघ के प्रचारक मनोरंजन प्रधान बताते हैं, "सर-संघचालक भागवत संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक में पूर्वोत्तर क्षेत्र में संगठन के कामकाज की समीक्षा करेंगे. कामकाज की सहूलियत के लिए सांगठनिक रूप से पूर्वोत्तर को चार प्रांतों में बांटा गया है. इनके नाम क्रमशः मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर असम व दक्षिण असम हैं."
कितना अहम पूर्वोत्तर
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि बीजेपी पूर्वोत्तर के सभी सात राज्यों में अपना परचम फहराना चाहती है. बीते साल असम चुनावों में भारी जीत और फिर मणिपुर में सरकार के गठन से उसके हौसले बुलंद हैं. अब वह दो महीने बाद होने वाले चुनावों में त्रिपुरा के अलावा मेघालय व नागालैंड में अपने बूते सरकार का गठन करना चाहती है. नागालैंड में वह साझा सरकार का हिस्सा है. अपने बूते सरकार गठन की चाह में ही वह तमाम राज्यों में अकेले ही चुनाव मैदान में उतरने का मन बना रही है.
एक राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर रंजीत देब बर्मन कहते हैं, "राजनीति की मुख्यधारा में भले इन राज्यों की कोई खास अहमियत नहीं हो. बावजूद इसके यहां जीत से बीजेपी को विपक्ष पर मनोवैज्ञानिक बढ़त तो मिलेगी ही, बीजेपी-शासित राज्यों की गिनती में भी इजाफा होगा." ध्यान रहे कि तीनों राज्यों की विधानसभाओं में 60-60 सीटें ही हैं.
नागालैंड: बीजेपी से अलग होने पर एनपीएफ ने दी कार्यकर्ताओं को बीफ पार्टी 1998 से चले आ रहे गठबंधन के टूटने की ख़ुशी मनाने के लिए नागालैंड पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने अपने कार्यकर्ताओं को गुरुवार को बीफ पार्टी दी. 10 साल से चला आ रहा है ये गठबंधन दरअसल बीफ पर रोक को लेकर टूटा है. हाल ही मोदी सरकार द्वारा कटाई से रोकने के लिए पशुओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है. कोहिमा में शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय के सामने बीफ पार्टी का आयोजन गया. बीफ पार्टी आयोजित करने का मकसद भाजपा को बताना था कि बीफ खाना नागालैंड के लोग नहीं छोड़ सकते. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हुस्का येपाथोमी ने कहा, बीजेपी गौहत्या के खिलाफ होंगे लेकिन नागा सदियों से बीफ खाते आए हैं और यह हमारे जीवन का ही हिस्सा है और आगे भी रहेगा. बीफ पार्टी के लिए एक कार्यकर्त्ता ने 3 गाय दान की थी. जिसके बाद गायों को काटकर बीफ पार्टी आयोजित की गई. बीफ पार्टी के आयोजन के पीछे साफ़ तौर पर बीजेपी को उकसाना था. एनपीफ यूथ विंग के अध्यक्ष विहोशे सुमी ने कहा, 'बीफ पार्टी के आयोजन के लिए 3 गाय पार्टी के कार्यकर्ता ने दान में थी. उन्हीं गायों के जरिए इस पार्टी का आयोजन किया गया है.' वहीं, शुक्रवार को नागालैंड के मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग ने राज्य विधानसभा में पर्याप्त अंतर से विश्वासमत हासिल कर लिया. इसी महीने राज्यपाल पीबी आचार्य ने शुरहोजेली लीजीत्सु की सरकार को भंग कर दिया था. जिसके चलते एनपीएफ ने बीजेपी के साथ रिश्ता तोड़ था.
साल 2014 से बीजेपी हार चुकी है 8 लोकसभा उपचुनाव, 6 बड़ी बातें पीएम मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ( फाइल फोटो ) नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने 282 सीटों के साथ 2014 के आम चुनावों में अपने बूते पूर्ण बहुमत जीता था, लेकिन पिछले चार सालों में अब तक हुए उपचुनावों में पार्टी 8 सीट हार चुकी है. गुरुवार को पार्टी दो लोकसभा सीटें हारी जबकि एक पर जीत हासिल की. इस तरह अब कुल मिलाकर पार्टी के पास लोकसभा में 273 की संख्या है. भाजपा ने लोकसभा सीटों के उप चुनाव में गुरुवार को उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण कैराना सीट और महाराष्ट्र में भंडारा-गोंडिया सीट को खो दिया. पार्टी ने पालघर संसदीय सीट को बरकरार रखा, जबकि इसकी सहयोगी नागालैंड डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) नागालैंड सीट जीतने में सफल रही.