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#भारत में बढ़ रहा कौशल
studycarewithgsbrar · 2 years
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बिजनेस डेवलपमेंट, मार्केटिंग, सेल्स टॉप इमर्जिंग स्किल्स इन इंडिया: लिंक्डइन सर्वे
बिजनेस डेवलपमेंट, मार्केटिंग, सेल्स टॉप इमर्जिंग स्किल्स इन इंडिया: लिंक्डइन सर्वे
जैसे-जैसे अधिक से अधिक संगठन काम करने का एक संकर तरीका अपनाते हैं, नौकरियों के लिए कौशल सेट बदल रहे हैं, और नए सामने आए हैं। इन बदलते समय में, मांग में कौशल सीखना अवसरों तक अधिक पहुंच सुनिश्चित कर सकता है। लोगों को इन कौशलों की पहचान करने और उनके करियर को भविष्य में सुरक्षित करने में मदद करने के लिए, लिंक्डइन ने ‘स्किल्स इवोल्यूशन 2022’ और ‘फ्यूचर ऑफ स्किल्स 2022’ के साथ नया अपस्किलिंग डेटा लॉन्च…
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helputrust · 8 months
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"नए भारत" के विकास चक्र में बढ़ रही है महिलाओं की भागीदारी - डॉ रूपल अग्रवाल
लखनऊ, 01.10.2023 | माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प को साकार करने तथा महिला सशक्तीकरण के अन्तर्गत गो कैंपेन (अमेरिकी संस्था) के सहयोग से, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट व रेड ब्रिगेड लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 25.06.2023 से 24.09.2023 तक संचालित निःशुल्क सिलाई कौशल प्रशिक्षण कार्यशाला में, भाग लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों को 'प्रमाण पत्र' वितरण कार्यक्रम का आयोजन ई- 1177, सेक्टर एम-1, एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड, आशियाना, लखनऊ  में किया गया |
कार्यशाला के लाभार्थियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर उनके ��्वारा बनाये गये वस्त्रों / कपड़ों की फाइल का अवलोकन हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल ने किया |
कार्यशाला में प्रशिक्षणार्थियों व प्रशिक्षणकर्ता को सहभागिता प्रमाण-पत्र डॉ० रूपल अग्रवाल ने अपने कर कमलों से प्रदान किया, जिसे पाकर लाभार्थियों के चेहरे खुशी से खिल उठे। सहभागिता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने वालों में  रेखा देवी, उमा देवी, प्रीती देवी, नीलम कुमारी, शिल्पी वर्मा, मंजू, नेहा, आशा, रेखा, बिट्टन, सुमित्रा राठौर, आशा, किरण, शीला, पूनम सोनी, गुडिया, पूनम भारती, कमर जहां, पुष्पा देवी, ममता सुधाकर, चंद्रा देवी, रुची, लक्ष्मी, रेशमा, अर्चना कश्यप, रीमा शामिल हैं |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को बधाई दी व  कहा कि, माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में "नए ���ारत" के विकास चक्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है| उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी भी महिलाओं के विकास एवं आत्मनिर्भरता हेतु अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे हैं| इन्हीं की प्रेरणा से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट महिलाओं को सबल एवं सक्षम बनाने हेतु निरंतर प्रयत्नशील है एवं कई नि:शुल्क प्रशिक्षण कार्यशालाओं का निरंतर आयोजन कर रहा है| मैं गो कैंपेन संस्था व रेड ब्रिगेड, लखनऊ का आभार प्रकट करती हूं जिनके सहयोग से आज यह कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न हुई तथा आप सभी को आपके उज्जवल भविष्य हेतु शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं| हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप सभी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को सच करने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेंगी |
इस अवसर पर नि:शुल्क सिलाई कौशल प्रशिक्षण कार्यशाला की प्रशिक्षणकर्ता श्रीमती उषा देवी एवं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही |
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rajdeepsharma · 1 day
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वेल्थ फाइनेंस अकादमी के संस्थापक राजदीप शर्मा: मुद्रास्फीति डेटा की प्रत्याशा और बिटकॉइन पर इसका प्रभाव
वेल्थ फाइनेंस अकादमी के संस्थापक के रूप में, राजदीप शर्मा वित्तीय बाजारों और निवेश रणनीतियों में व्यापक विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि लाते हैं। भारत में 2023 में स्थापित, वेल्थ फाइनेंस अकादमी वित्तीय पेशेवरों और उद्यमियों को उनके करियर के विभिन्न चरणों में प्रशिक्षण देने के लिए समर्पित है। संस्थान निवेश, वित्त और बाजार विश्लेषण में व्यापक पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जिसमें स्टॉक, उद्यम पूंजी, ब्लॉकचेन और बिजनेस मॉडल विश्लेषण जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं। अक्टूबर 2023 तक 30,000 से अधिक छात्रों के साथ, वेल्थ फाइनेंस अकादमी व्यावहारिक ज्ञान और कौशल से लैस उद्योग-तैयार प्रतिभा पैदा करने के लिए प्रसिद्ध है।
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कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और दर्शनशास्त्र में स्नातक की डिग्री और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए करने वाले राजदीप शर्मा का करियर विशिष्ट रहा है। उनकी भूमिकाओं में मैकिन्से में सलाहकार, लंदन में हेज फंड विश्लेषक और ब्लॉकचेन कंपनियों में एक सफल निवेशक शामिल हैं। वित्तीय बाज़ारों और रणनीतिक निवेशों के बारे में उनकी गहरी समझ वर्तमान आर्थिक और बाज़ार रुझानों पर मूल्यवान दृष्टिकोण प्रदान करती है।
बिटकॉइन बाज़ारों पर मुद्रास्फीति डेटा का प्रभाव आगामी अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा के आसपास प्रत्याशा में हालिया उछाल ने दुनिया भर के वित्तीय विश्लेषकों और निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। वेल्थ फाइनेंस अकादमी के संस्थापक, राजदीप शर्मा, इस डेटा के रणनीतिक निहितार्थ और बिटकॉइन और व्यापक बाजार रुझानों पर इसके संभावित प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण प्रदान करते हैं।
बाज़ार की धारणा को संचालित करने वाले प्रमुख कारक मुद्रास्फीति डेटा की प्रत्याशा बाजार सहभागियों को अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा, विशेष रूप से उत्पादक मूल्य सूचकांक (पीपीआई) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) का बेसब्री से इंतजार है, जो क्रमशः 14 मई और 15 मई को जारी होने वाले हैं। सीएमई के फेडवॉच टूल के अनुसार, इस बात की काफी संभावना है कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) अपनी जुलाई की बैठक में ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखेगी, जिससे साल के अंत में दर में कटौती की उम्मीदें बढ़ जाएंगी। इस प्रत्याशा के कारण बाजार में गतिविधि और अटकलें बढ़ गई हैं।
वेल्थ फाइनेंस अकादमी के संस्थापक, राजदीप शर्मा का मानना है कि मुद्रास्फीति के आंकड़े फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति और इसके परिणामस्वरूप, बिटकॉइन की कीमतों की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वह बताते हैं कि उम्मीद से कम मुद्रास्फीति के आंकड़े बिटकॉइन को एक जोखिम परिसंपत्ति के रूप में बढ़ावा दे सकते हैं, जबकि उम्मीद से अधिक आंकड़े बिकवाली का कारण बन सकते हैं।
बाज़ार की प्रतिक्रियाएँ और बिटकॉइन की कीमत में उतार-चढ़ाव बिटकॉइन की कीमत हाल ही में अस्थिर रही है, प्रमुख प्रतिरोध स्तर���ं के आसपास उतार-चढ़ाव हो रही है। 14 मई को, बिटकॉइन की कीमत $62,907 पर स्थिर होने से पहले कुछ समय के लिए $63,269 तक पहुंच गई, जो पिछले 24 घंटों में 2% की वृद्धि दर्शाती है। यह गतिविधि आगामी मुद्रास्फीति आंकड़ों के प्रति बाजार की संवेदनशीलता और मौद्रिक नीति पर इसके संभावित प्रभाव को दर्शाती है।
ऐतिहासिक पैटर्न और संकेतक कॉइनबेस प्रीमियम इंडेक्स पर क्रिप्टोक्वांट का डेटा, जो कॉइनबेस प्रो और बिनेंस पर बिटकॉइन की कीमतों के बीच अंतर को मापता है, बताता है कि यह इंडेक्स बिटकॉइन मूल्य आंदोलनों का एक प्रमुख संकेतक है। ऐतिहासिक रूप से, नकारात्मक प्रीमियम अक्सर मूल्य वृद्धि से पहले होता है, जो मौजूदा प्रीमियम नकारात्मक होने पर संभावित तेजी का संकेत देता है।
शर्मा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (आरएसआई), जिसने हाल ही में दैनिक समय सीमा पर अपनी गिरावट की प्रवृत्ति रेखा को तोड़ दिया है, संभावित ऊपर की ओर बढ़ने का संकेत देता है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि मुद्रास्फीति के आंकड़े धीमी होने के संकेत दिखाते हैं, तो यह बिटकॉइन के लिए तेजी की प्रवृत्ति को ट्रिगर कर सकता है, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं।
विश्लेषण और व्यापक निहितार्थ वेल्थ फाइनेंस अकादमी के संस्थापक, राजदीप शर्मा, आगामी मुद्रास्फीति डेटा के व्यापक निहितार्थ और बिटकॉइन पर इसके प्रभाव का व्यापक विश्लेषण प्रदान करते हैं।
बाज़ार उत्प्रेरक के रूप में मुद्रास्फीति डेटा शर्मा इस बात पर जोर देते हैं कि मुद्रास्फीति डेटा एक महत्वपूर्ण बाजार उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है, जो निवेशकों की भावना और मौद्रिक नीति निर्णयों दोनों को प्रभावित करता है। कम मुद्रास्फीति रीडिंग फेडरल रिजर्व के अधिक नरम रुख का समर्थन कर सकती है, जिससे संभावित रूप से ब्याज दरों में कटौती हो सकती है। यह वातावरण आमतौर पर बिटकॉइन जैसी जोखिम वाली संपत्तियों के लिए अनुकूल है, जो कम ब्याज दर वाले परिदृश्यों में पनपती हैं।
इसके विपरीत, उच्च मुद्रास्फीति रीडिंग फेडरल रिजर्व को ब्याज दरों को बनाए रखने या बढ़ाने के लिए प्रेरित कर सकती है, जिससे निवेशक अधिक सतर्क रुख अपना सकते हैं। इस परिदृश्य के परिणामस्वरूप बिटकॉइन के लिए अल्पकालिक अस्थिरता और संभावित नकारात्मक जोखिम हो सकते हैं।
संभावित जोखिम और विचार सकारात्मक दृष्टिकोण के बावजूद, शर्मा ने चेतावनी दी है कि मौजूदा बाजार गतिशीलता के साथ संभावित जोखिम जुड़े हुए हैं।
बाज़ार की अस्थिरता मुद्रास्फीति के आंकड़ों की प्रत्याशा बाजार में महत्वपूर्ण अस्थिरता लाती है। शर्मा निवेशकों को सतर्क रहने और कीमतों में तेजी से उतार-चढ़ाव की संभावना पर विचार करने की सलाह देते हैं। उनका सुझाव है कि एक विविध पोर्टफोलियो बनाए रखने और जोखिम प्रबंधन रणनीतियों को नियोजित करने से बाजार में उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है।
अल्पकालिक धारक व्यवहार अल्पकालिक बिटकॉइन धारकों का व्यवहार, जिन्होंने अपनी संपत्ति 155 दिनों से कम समय तक रखी है, बाजार के रुझान को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं। ऐतिहासिक डेटा इंगित करता है कि अल्पकालिक धारक मूल्य वृद्धि की अवधि के दौरान अपनी संपत्ति बेचते हैं, जिससे संभावित बाजार में सुधार होता है। शर्मा का कहना है कि इन निवेशकों की गतिविधियों की निगरानी से भविष्य के बाजार आंदोलनों के बारे में मूल्यवान जानकारी मिल सकती है।
निष्कर्ष अंत में, वेल्थ फाइनेंस अकादमी के संस्थापक, राजदीप शर्मा, आर्थिक संकेतकों और बाजार प्रतिक्रियाओं के बीच परस्पर क्रिया को समझने के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। आगामी अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा बिटकॉइन के मूल्य प्रक्षेपवक्र और व्यापक बाजार भावना का एक प्रमुख निर्धारक होगा। निवेशकों को इन घटनाक्रमों के बारे में सूचित रहना चाहिए और अपनी निवेश रणनीतियों पर उनके संभावित प्रभावों पर विचार करना चाहिए।
शर्मा निवेशकों को दीर्घकालिक विकास क्षमता पर ध्यान देने के साथ आर्थिक संकेतकों के बारे में जागरूकता के साथ संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह देते हैं। सूचित और अनुकूलनीय रहकर, निवेशक उभरते बाजार परिदृश्य की जटिलताओं से निपट सकते हैं और अपने निवेश पोर्टफोलियो को अनुकूलित करने के लिए सूचित निर्णय ले सकते हैं।
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मोबाइल रिपेयरिंग सीखें, अपना बिजनेस चलाएं: नई दिल्ली में कोर्स
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आजकल स्मार्टफोन हमारे जीवन का अहम् हिस्सा बन चुका है। संवाद, मनोरंजन, कैमरा, और ढेर सारे काम एक ही डिवाइस में समेटे हुए हैं। लेकिन क्या कभी ये सोचा है कि अगर ये अचानक खराब हो जाए तो? घबराने की जरूरत नहीं है! आप न सिर्फ मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स (Mobile Repairing Course) करके अपने फोन को ठीक करना सीख सकते हैं, बल्कि अपना खुद का मोबाइल रिपेयरिंग बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं।
मोबाइल रिपेयरिंग का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। हर साल बाजार में नए-नए फोन आते हैं, और उनकी मरम्मत के लिए कुशल इंजीनियरों की भारी कमी है। आंकड़ों के अनुसार, भारत में लगभग 18 लाख मोबाइल रिपेयरिंग इंजीनियरों की जरूरत है।
अगर आप नई दिल्ली में रहते हैं और इस फायदेमंद क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो "Hi-Tech Institute" आपकी सर्वश्रेष्ठ पसंद साबित हो सकता है।
Hi-Tech Institute: मोबाइल रिपेयरिंग सीखने का सर्वश्रेष्ठ गंतव्य (Hi-Tech Institute: Mobile Repairing Sikhne Ka Sarvshreshth Gंतव्य)
2004 से नई दिल्ली में स्थित, Hi-Tech Institute एक ISO और MSME प्रमाणित संस्थान है। पिछले 20 सालों में इस संस्थान ने 3 लाख से ज्यादा छात्रों को मोबाइल और लैपटॉप रिपेयरिंग की ट्रेनिंग दी है। अनुभवी और प्रमाणित फैकल्टी, व्यापक पाठ्यक्रम, और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ, Hi-Tech Institute आपको मोबाइल रिपेयरिंग का एक मजबूत कौशल सेट प्रदान करता है।
आइए देखें कि Hi-Tech Institute को दिल्ली में मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स करने के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प क्यों माना जाता है:
1. अनुभवी और प्रमाणित फैकल्टी (Anubhavi Aur Pramanit Faculty)
कोई भी कोर्स उतना ही अच्छा होता है, जितने अच्छे उसके शिक्षक होते हैं। Hi-Tech Institute में आपको मोबाइल रिपेयरिंग के क्षेत्र में अनुभवी और प्रमाणित फैकल्टी का मार्गदर्शन मिलेगा। ये शिक्षक न सिर्फ आपको सैद्धांतिक ज्ञान देंगे, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान करेंगे। उनकी विशेषज्ञता से आप जटिल से जटिल मोबाइल समस्याओं को सुलझाना सीख जाएंगे।
2. व्यापक और उद्योग के अनुरूप पाठ्यक्रम (Vyapak Aur Udyog Ke Anuroop Paathyakram)
Hi-Tech Institute का मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स उद्योग की वर्तमान मांगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। पाठ्यक्रम में हार्डवेयर रिपेयरिंग, सॉफ्टवेयर ट्रबलशूटिंग, और ग्राहक सेवा कौशल जैसे सभी आवश्यक विषय शामिल हैं। आप नवीनतम मोबाइल मॉडल और उनकी मरम्मत तकनीकों के बारे में भी सीखेंगे।
3. प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर जोर (Practical Training Par Zor)
सिर्फ थ्योरी सीखना काफी नहीं है। मोबाइल रिपेयरिंग क्षेत्र में सफल होने के लिए व्यावहारिक अनुभव जरूरी है। Hi-Tech Institute में आपको अत्याधुनिक लैब्स में व्यापक प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है। आप असली मोबाइल फोन पर काम करेंगे और विभिन्न प्रकार की मरम्मत करने का अभ्यास करेंगे। यह आपको वास्तविक दुनिया के लिए पूरी तरह से तैयार करेगा।
4. उद्योग-मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र (Udyog-Manyata प्राप्त Praman Patra)
कोर्स पूरा करने के बाद Hi-Tech Institute आपको उद्योग-मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्रदान करता है। यह प्रमाणपत्र आपके कौशल और ज्ञान का प्रमाण Hi-Tech Institute आपको न सिर्फ बेहतरीन शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि आपको नौकरी ढूंढने में भी मदद करता है। संस्थान का प्लेसमेंट सेल आपका रिज्यूमे बनाने और इंटरव्यू की तैयारी करने में आपकी सहायता करेगा। वे आपको विभिन्न कंपनियों और रिपेयर शॉप्स से संपर्क स्थापित करने में भी मदद करेंगे।
6. उद्योग संपर्क (Udyog Sampark)
Hi-Tech Institute के पास मोबाइल रिपेयरिंग उद्योग में कई महत्वपूर्ण लोगों के साथ अच्छे संबंध हैं। यह आपको इंटर्नशिप और प्रशिक्षुता के अवसर प्रदान कर सकता है, जो आपको व्यावहारिक अनुभव और उद्योग में महत्वपूर्ण संपर्क बनाने में मदद करेगा।
7. सस्ती फीस (Sasti Fees)
Hi-Tech Institute का मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स उद्योग में अन्य संस्थानों की तुलना में काफी सस्ता है। संस्थान विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है, ताकि सभी के लिए शिक्षा सुलभ हो सके।
8. लचीलापन और सुविधा (Lachilapan Aur Suvidha)
Hi-Tech Institute विभिन्न प्रकार के कोर्स फॉर्मेट और समय सारणी प्रदान करता है, ताकि आप अपनी सुविधानुसार अध्ययन कर सकें। आप फुल टाइम, पार्ट टाइम, या वीकेंड क्लासेस में से चुन सकते हैं। संस्थान ऑनलाइन क्लासेस की सुविधा भी प्रदान करता है।
9. उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा (Utkrishta Buniyadi Dhanda)
Hi-Tech Institute में आधुनिक और अच्छी तरह से सुसज्जित लैब्स, क्लासरूम और लाइब्रेरी हैं। छात्रों को नवीनतम उपकरणों और तकनीकों तक पहुंच प्रदान की जाती है।
10. सकारात्मक माहौल (Sakaratmak Mahol)
Hi-Tech Institute में एक सकारात्मक और प्रेरक माहौल है जो छात्रों को सीखने और बढ़ने में मदद करता है। शिक्षक और स्टाफ छात्रों की सफलता के लिए प्रतिबद्ध हैं।
Hi-Tech Institute में मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स करने के बाद आप क्या कर सकते हैं? (Hi-Tech Institute Mein Mobile Repairing Course Karne Ke Baad Aap Kya Kar Sakte Hain?)
Hi-Tech Institute में मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स पूरा करने के बाद आपके पास कई करियर विकल्प उपलब्ध हैं:
आप एक प्रमाणित मोबाइल रिपेयरिंग टेक्नीशियन बन सकते हैं और किसी रिपेयर शॉप, सर्विस सेंटर, या मोबाइल स्टोर में काम कर सकते हैं।
आप अपना खुद का मोबाइल रिपेयरिंग बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
आप मोबाइल रिपेयरिंग प्रशिक्षक बन सकते हैं।
आप किसी मोबाइल कंपनी में टेक्निकल सपोर्ट स्पेशलिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं।
आप मोबाइल रिपेयरिंग से संबंधित क्षेत्रों में भी काम कर सकते हैं, जैसे कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, हार्डवेयर डिजाइन, या क्वालिटी एश्योरेंस।
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मोबाइल रिपेयरिंग एक तेजी से बढ़���ा हुआ क्षेत्र है जो आपको एक आकर्षक और लाभदायक करियर प्रदान करता है। Hi-Tech Institute में मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स करके आप इस क्षेत्र में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
तो देर किस बात की? आज ही Hi-Tech Institute से संपर्क करें और अपने सपनों का करियर शुरू करें!
मोबाइल रिपेयरिंग कोर्स इन दिल्ली करके अपना भविष्य उज्ज्वल बनाएं!
Hi-Tech Institute:
फोन: +91-9876543210
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swadeshlive · 5 months
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विक्की कौशल की फिल्म ‘सैम बहादुर’ ने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ क्लब में की एंट्री, एनिमल का इतना रहा कलेक्शन Swadesh Live|Madhya Pradesh News In Hindi| Breaking News In Hindi
विक्की कौशल अभिनीत फिल्म ‘सैम बहादुर’ ने रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ के सामने बॉक्स ऑफिस पर जमकर सामना किया। ये दोनों फिल्में 1 दिसंबर, 2023 को रिलीज हुई थी। हालांकि, मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित सैम बहादुर जीवनी युद्ध नाटक में वास्तविक जीवन के नायक सैम मानेकशॉ की जीवन कहानी पर आधारित है। इसमें मुख्य भूमिका में विक्की कौशल के उल्लेखनीय प्रदर्शन ने उन्हें व्यापक प्रशंसा अर्जित की है। फिलहाल, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, विक्की कौशल अभिनीत फिल्म ने 105 करोड़ रुपये का वर्ल्ड वाइड कलेक्शन किया है। भारतीय बॉक्स ऑफिस सर्किट में फिल्म ने 17 दिनों में 76.60 करोड़ रुपये की शुद्ध कमाई कर ली है। इस वबारें में जानकारी देते हुए, विक्की कौशल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा- 100 करोड़ रुपये के मील के पत्थर को संजोया। उन्होंने फिल्म का एक पोस्टर साझा किया और लिखा, “सैम बहादुर बॉक्स ऑफिस पर गर्व और जीत के साथ आगे बढ़ रहे हैं, और हम आभारी हैं! #सैम बहादुर अब सिनेमाघरों में हैं।”
आपको बता दें, सैम बहादुर एक जीवनी पर आधारित युद्ध नाटक है जिसमें भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के जीवन को दर्शाया गया है। मेघना गुलज़ार द्वारा निर्देशित, पटकथा गुलज़ार, भवानी अय्यर और शांतनु श्रीवास्तव के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है। रॉनी स्क्रूवाला आरएसवीपी मूवीज़ बैनर के तहत इस प्रोजेक्ट का प्रोडक्शन हुआ है।
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emitrablog · 3 years
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ई श्रम कार्ड ऑनलाइन पंजीकरण, श्रमिक लाभ, आवेदन करें, स्थिति जांचें11 सितंबर, 2021 द्वारा
ई श्रम कार्ड ऑनलाइन पंजीकरण eshram.gov.in यूएएन श्रमिक कार्ड अभी आवेदन करें। NDUW eSHRAM कार्ड सेल्फ रजिस्ट्रेशन रजिस्टर eshram gov वेबसाइट में CSC लॉगिन प्रक्रिया यहाँ देखें। ई श्रमिक कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन आवेदन करें, आश्रम कार्ड के लाभ, स्व-पंजीकरण ई श्रमिक कार्ड कैसे लागू करें, डाउनलोड करें और यहां स्थिति की जांच करें। यूएएन ई श्रम कार्ड पंजीकरण ऑनलाइन किया जाना है। कुछ दिन पहले भारत सरकार ने ई-श्रम NDUW नाम से असंगठित श्रमिकों के लिए एक श्रम पोर्टल की घोषणा की। इस वेब पोर्टल को निर्माण, प्रवासी, गिग और प्लेटफार्म श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, घरेलू और कृषि श्रमिकों आदि के डेटाबेस को एकत्र करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
UAN E sram card kaise Banaye का लाभ उठाने के लिए आप सबसे पहले eshram.gov.in पोर्टल पर सेल्फ र��िस्ट्रेशन कर सकते हैं। अब सरल कदम सिर्फ फॉर्म भरना है और उसके बाद, अधिकारियों द्वारा फॉर्म का सत्यापन किया जाएगा। इसलिए आपको श्रमिक कार्ड आवंटित किया जाएगा। अब, वास्तव में ई श्रम कार्ड क्या है? यह सरकारी योजना के लिए उपयोग करने के लिए सभी श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक कार्ड की तरह है। ई श्रम कार्ड पर यूएएन होगा जो कि यूनिवर्सल अकाउंट नंबर है। इस एकमात्र कार्ड से आप सरकार के हजारों लाभों का लाभ उठा सकते हैं।
ई श्रम कार्ड ऑनलाइन पंजीकरण
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय सभी असंगठित कामगारों के आंकड़े जुटा रहा है। अब इसके लिए NDUW श्रमिक कार्ड योजना शुरू की गई है। यह भारत सरकार द्वारा सभी श्रमिकों को आवंटित श्रमिक कार्ड होगा। इस रजिस्टर eshram.gov.in ई श्रम कार्ड के माध्यम से वे लाभ प्राप्त कर सकेंगे। एनडीयूडब्ल्यू ई श्रम कार्ड यूएएन नंबर का लाभ कोई भी असंगठित कर्मचारी ले सकता है जिसने ई श्रम आधिकारिक वेबसाइट के वेब पोर्टल पर पंजीकरण किया है। ई-श्रम कार्ड पूरे भारत में स्वीकार्य होगा साथ ही पीएमएसबीवाई के तहत आवेदक को दुर्घटना बीमा कवरेज दिया जाएगा।
ई-श्रम कार्ड में 12 अंकों एक स्थायी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर UAN होगा जो देश के हर कोने में वैध रहेगा। यह ई श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हर एक श्रमिक को जारी होगा। इसकी सहायता से पंजीकृत श्रमिक केंद्र और राज्य सरकारी योजनाओं के लाभ ले सकते है। ई-श्रम कार्ड से जुड़ी किसी भी प्रकार की सहायता के लिए 14434 पर फ़ोन करे। श्रमिकों की योजनाओं का लाभ लेने के लिए अनऑर्गनाइज्ड कार्य क्षेत्र के 38 करोड़ लोग ये कार्ड बनवा सकेंगे। सरकार श्रमिकों के लिए कई योजनाएं शुरू करेगी, जिसका लाभ सीधे पंजीकृत श्रमिकों को दिया जाएगा।
यूएएन ई श्रमिक कार्ड पंजीकरण दस्तावेज सूची
भारत में लगभग 30 करोड़ असंगठित श्रमिक हैं। इनमें से कई जूता पॉलिश करने वाले, बीड़ी मजदूर, निर्माण श्रमिक, कृषि श्रमिक, दूधवाले, रेहड़ी-पटरी वाले आदि हैं। जो लोग NDUW UAN E sharm Card का ऑनलाइन पंजीकरण eshram.gov.in पर करवाने के इच्छुक हैं, उन्हें स्वयं रजिस्टर करना होगा। उनके पास कुछ दस्तावेज भी हैं। उनके पास अपने निम्नलिखित दस्तावेज मूल और सभी विवरण सही होने चाहिए।
नाम
पेशा
स्थायी पता
शैक्षिक योग्यता विवरण
कौशल और अनुभव विवरण
परिवार के सदस्यों का विवरण
Aadhaar Number
आधार कार्ड से जुड़ा एक वैध मोबाइल नंबर होना चाहिए ।
कोई भी बैंक खाता संख्या
आईएफएससी कोड
Adhaar Card
ईश्रम कार्ड के लाभ
वे असंगठित श्रमिक जिन्हें यूएएन ई श्रम कार्ड मिलेगा, वे आसानी से सीएससी एनडीयूडब्ल्यू श्रमिक कार्ड का लाभ उठा सकते हैं। ये लाभ केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा विकसित कई योजनाओं से हो सकते हैं। अब यह एक यूएएन ईश्रम कार्ड है, जो सभी जानकारी एकत्र की जाएगी, वह सरकार के पास होगी इसलिए उनके लिए यह पता लगाना आसान होगा कि कौन सा कर्मचारी एक समय में कितने लाभ उठा रहा है या कितने समय में इसका लाभ उठाया है। ई श्रम पोर्टल पंजीकरण के कुछ लाभ नीचे दिए गए हैं।
उसे PMSBY के तहत 2 लाख का दुर्घटना बीमा कवर मिलेगा
असंगठित श्रमिकों के सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ पात्र होंगे
आपातकाल और राष्ट्रीय महामारी में ई श्रम कार्ड धारक को हर संभव सहायता मिलती है।
ई श्रम कार्ड के इन सभी लाभों के अलावा, लाभार्थी इस यूएएन श्रमिक कार्ड का उपयोग एकल दस्तावेज़ के रूप में राज्य और केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रत्येक सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ उठा सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के असंगठित कामगारों के लिए डेटाबेस तैयार करना है ताकि सरकार किसी महामारी या ऐसी ही स्थिति में सीधे ई-श्रम कार्डधारक के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा सहायता की योजना बना सके और प्रदान कर सके।
ई श्रम कार्ड स्व पंजीकरण के लिए आवेदन कैसे करें?
यह बिल्कुल स्पष्ट है कि यूएएन ईश्रम कार्ड का लाभ उन लोगों को मिलेगा जो असंगठित क्षेत्र से संबंधित हैं। साथ ही, जिनके पास https://eshram.gov.in पोर्टल पर ई श्रम कार्ड पंजीकरण के संबंध में सभी जानकारी है। यदि पात्रता की कोई भी शर्त आवेदक का अनुपालन नहीं करती है तो आपका पंजीकरण रद्द या अस्वीकार कर दिया जाएगा। यहां निम्नलिखित चरणों की जाँच करें जो इस प्रकार हैं:
आधिकारिक वेब पोर्टल https://eshram.gov.in खोलें।
रजिस्ट्रेशन के लिंक पर क्लिक करें
अब जैसे ही आप लिंक पर क्लिक करेंगे आपके सामने एक नया पेज खुलेगा।
अब उस नए पेज में आपको कुछ विवरण दिखाई देंगे जिन्हें आपको जोड़ना है।
उन विवरणों को जोड़ें और अपना पंजीकरण ठीक से करें।
ओटीपी के समय मोबाइल स्क्रीन पर इसके आने का इंतजार करें।
उसके बाद पंजीकरण के साथ जारी रखें।
एक बार यह हो जाने के बाद, सफलतापूर्वक जमा किए गए आवेदन पत्र के संदेश को सहेजें।
कई बार साइड मेंटेनेंस मोड में चला गया इसलिए परेशान न हों, बस कुछ समय बाद कोशिश करें।
यूएएन श्रमिक कार्ड ऑनलाइन स्टेटस चेक कैसे डाउनलोड करें?
ईश्रम कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले पात्र श्रमिक अब आधार संख्या, आधार से जुड़े सक्रिय मोबाइल नंबर और बैंक खाते के विवरण का उपयोग करके स्थिति की जांच कर सकते हैं। ई श्रम कार्ड सेल्फ रजिस्ट्रेशन के बाद eshram.gov.in पोर्टल आपके द्वारा प्रदान किए गए सभी विवरणों को सत्यापित करेगा। अब पात्रता मानदंड और आपके सत्यापन के आधार पर आपको श्रमिक कार्ड के साथ 12 अंकों का यूएएन नंबर जारी किया जाएगा। यहां आप ई श्रम कार्ड डाउनलोड करने और ऑनलाइन पंजीकरण की स्थिति की जांच करने के चरणों की जांच करेंगे।
आपको वेब पोर्टल खोलना होगा।
अपना लॉग इन विवरण जोड़ें
आपका डैशबोर्ड खुल जाएगा।
अब वहां से अगर स्टेटस अप्रूव हो जाता है तो कुछ देर में आपको डाउनलोड ई श्रम कार्ड का लिंक मिल जाएगा।
यदि स्थिति स्वीकृत नहीं है तो आपको पुनः प्रयास करना होगा।
यदि स्थिति अभी भी आगे बढ़ रही है तो आपको प्रतीक्षा करने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, उपरोक्त सभी प्रक्रियाएं आपके द्वारा की जा सकती हैं या आप निकटतम सीएससी लॉगिन केंद्र पर जा सकते हैं। वे आपको eshram.gov.in श्रमिक कार्ड पंजीकरण, स्थिति और डाउनलोड श्रमिक कार्ड आदि में मदद करेंगे। इसके अलावा, उम्मीदवारों को ऑनलाइन पंजीकरण के दौरान आवश्यक दस्तावेजों की सूची ऊपर दी गई है। किसी भी प्रश्न के लिए टोल फ्री नंबर पर कॉल करें या हमें कमेंट सेक्शन में लिखें।
श्रमिकों को सीधे लाभ प्रदान करने की सरकारी पहल का यह एक बड़ा प्रयास है। तो एक श्रमिक पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए eshram.gov.in पोर्टल पर आधार, बैंक खाता विवरण, मोबाइ��� नंबर का उपयोग करके आश्रम कार्ड के लिए पंजीकरण कर सकता है। यह योजना राज्य के दायित्वों के बिना अखिल भारतीय स्तर पर लागू है।
ई श्रम कार्ड पंजीकरण, लाभ, स्थिति की जांच के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नई श्रम कार्ड स्व-पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसी भी असंगठित श्रमिक की आयु क्या हो सकती है?
उसकी आयु 16 से 59 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
UAN श्रमिक कार्ड क्या हैं और इसकी वैधता क्या है?
यूएएन श्रमिक कार्ड असंगठित कामगारों के लिए है जो ईश्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं। यह जीवन भर के लिए स्थायी और वैध के रूप में असाइन करेगा।
क्या यह आवश्यक है कि ई-श्रम में पंजीकरण करते समय आवेदक के पास बैंक पासबुक और बिजली बिल या राशन कार्ड होना चाहिए?
हां, ये दस्तावेज अनिवार्य हैं।
मुझे अपना ई श्रमिक यूएएन कार्ड कितने समय में मिल जाएगा?
पोर्टल को हाल ही में लॉन्च किए जाने में कुछ समय लगेगा।
ई श्रम पोर्टल eshram.gov.in पर वर्तमान में कितने श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है?
वर्तमान पंजीकरण का डेटा अब तक 37,00,914 है और दिन-प्रतिदिन अधिक गिना जाता है।
ई श्रम पोर्टल हेल्पलाइन नंबर क्या है, टोल-फ्री नंबर?
टोल-फ्री नंबर 14434 हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, बंगाली, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, तेलुगु और असमिया भाषाओं में उपलब्ध है। आप eSHRAM पोर्टल ईमेल आईडी पर संपर्क कर सकते हैं: [email protected]
क्या श्रमिक कार्ड आवेदन के लिए eSHRAM पोर्टल पर पंजीकरण शुल्क है?
नहीं, पंजीकरण पूरी तरह से नि:शुल्क है।
आपको जाँच करने की आवश्यकता है:
https://emitrablog.com/e-shram-card-registration-online-in-2021/
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timespassiontrails · 4 years
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The Trail Within | घुमक्कड का घर
By Ratnesh Pandey
क्या आप जानते हैं कि भारतीय कला, संस्कृति और विरासत को किस और नाम से जाना जा सकता है – निश्चित ही टाइम्ज़ पैशन ट्रेल से।
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टाइम्ज़ पैशन ट्रेल, टाइम्ज़ आफ़ इंडिया ग्रूप की एक ऐसी अनोखी पहल है जिसमें न केवल देश के पर्यटन को बढ़ावा मिलता है अपितु बहुत ही बारीकियों से अपनी बहुमूल्य और गरिमामई कला, संस्कृति और विरासत को जानने और समझने का मौक़ा मिलता है। टाइम्ज़ पैशन ट्रेल, केंद्र और राज्यों के पर्यटन, कला-संस्कृति और पुरातत्व विभागों के साथ सहभागिता करके इन कार्यक्रमों का आयोजन करता है। 
 टाइम्ज़ पैशन ट्रेल के मध्य प्रदेश संस्करण में सम्मिलित होने का अवसर मुझे मिला। 14 से 19 मार्च 2020 तक चले इस ट्रेल की शुरुआत हिंदुस्तान के दिल, मध्य प्रदेश की राजधानी, झीलों के शहर भोपाल से हुई। अविस्मरणीय पलों के लिए हम सभी बहुत उत्साहित थे और तैयार थे जीवन के नूतन अनुभवों के लिए। 
अगर मैं टाइम्ज़ पैशन ट्रेल के प्रमुख संजय लाल जी की मानूँ तो अगले ६ दिन हम काल चक्र को पीछे करके इतिहास में जीने वाले थे। 
मैं मूलतः मध्य प्रदेश का ही रहने वाला हूँ और अव्वल दर्जे का घुमक्कड हूँ। चूँकि मध्य प्रदेश के अधिकांशतः जगह मैंने पहले ही देख रखी थी तो सच कहूँ कि मेरे मन में तनिक संशय भी था, कि इस यात्रा में अब नया क्या होने वाला है। बहरहाल ये तो वक़्त ही बताने वाला है।
पहले दिन मैं जहनुमा पैलेस में रुका। यहाँ रुके घुमक्कड साथियों से परिचय हुआ और साथ ही परिचय हुआ हमारे मेज़बान – टाइम्ज़ पैशन ट्रेल की टीम से। हम सब अपनी ख़ुसफुस में व्यस्त थे कि इसी बीच एक और व्यक्ति ने हमें ज्वाइन किया। बातें शुरू होने के कुछ ही क्षण बाद हम सब को यह अहसास हो गया कि यह साधारण सा दिखने वाला व्यक्ति बहुत ही असाधारण और बहुमुखी प्रतिभा का धनी है। हमारी यात्रा को सार्थक बनाने के लिए इस महान विभूति को हमारा मार्गदर्शक बनाया गया। हमारी ख़ुशी का ठिकाना ना था जब हमें मालुम पड़ा कि यह सज्जन कोई और नहीं बल्कि स्वयं पद्मश्री पुरातत्वविद श्री के के मोहम्मद जी हैं। भारत के इतिहास और धरोहरों को संभालने और उनके रख-रखाव में इन्होंने, पुरातत्व विभाग के डिरेक्टर के तौर पर आजीवन अहम भूमिका निभाई। शाम इनसे गुफ़्तगू करते कब बीत गई पता ही नहीं चला। रात्रि भोज से पहले मध्य  प्रदेश पर्यटन के अधिकारियों से कार्यक्रम की रूपरेखा कि जानकारी मिली और औपचारिक मुलाक़ात हुई। रात्रि विश्राम के दौरान श्री के के मोहम्मद जी के संस्कृत और धर्म के प्रति उनके प्यार और लगाव को देखकर वो दोहा याद आ गया और उनके सम्मान में ये तो कहना बनता है कि “जात न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान”
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14 मार्च की सुबह हम जहनुमा रिट्रीट पंहुचे और अपने दल के बाक़ी साथियों से परिचय हुआ। सभी सोशल मीडिया के प्रभावशाली लोग समाज के अलग-अलग क्षेत्र से थे। कोई फ़ौजी, कोई डॉक्टर, कोई लेखक़ तो कोई मुझ जैसा घुमक्कड। मगर हम सब में एक बात जो समान थी, वो थी कला, संस्कृति और धरोहरों से प्रेम। अपने इतिहास को जानने और समझने की लालसा और अपना देश देखने की चाहत।
टाइम्ज़ पैशन ट्रेल का आग़ाज़ हो चुका था और सांस्कृतिक संध्या से इसका शुभारंभ हुआ। भारत के प्रथम संस्कृत रॉक बैंड ध्रुवा ने गोविंद के गानों से समा बाँध दिया। इस संगीतमयी शाम को संस्कृत और संस्कृति के धागे से इतनी ख़ूबसूरती से बाँधा, कि वहाँ उपस्थित सभी लोग स्तब्ध हो गए और ऐसा लगा मानो समय भी उसका आनंद लेने के लिए रुक गया हो।
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भीमबेटका की गुफाएँ 
टाइम्ज़ पैशन ट्रेल का क़ाफ़िला निकल चुका था। कार्यक्रम का शुभारंभ मानवों के इतिहास से हुआ और हमें भीमबेटका जाकर इंसानों के शुरुआती दिनों और हमारे अतीत से रूबरू होने का मौक़ा मिला।
श्री के के मोहम्मद साहब बताते हैं कि यह इतिहास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यूँकि यूरोप में मनुष्यों का संज्ञानात्मक विकास चालीस हज़ार वर्ष पूर्व शुरू हुआ वहीं भीमबेटका में इसकी शुरुआत लगभग एक लाख साल वर��ष पहले ही हो गई थी। विंध्यांचल पर्वत शृंखला के निचले हिस्से में स्थित इन गुफ़ाओं में बनी चित्रकारियाँ यहाँ रहने वाले पाषाण युग के मनुष्यों के बौधिक विकास की कहानी दर्शाते हैं। गुफ़ाओं में लाल और सफ़ेद रंग की चित्रकारियों में हाथी, घोड़े, बाघ जैसे जानवरों के चित्र हैं। इसके साथ ही शिकार करना, नृत्य करना, संगीत बजाना जैसी कला क्रती भी मौजूद है। हम कृतज्ञ हैं श्री विष्णु श्रीधर वाकणकर और श्री मोहम्मद जैसे पुरातत्वविदों के, जिनके कारण ही, हम अपने इतिहास को टटोल पाते हैं।भीमबेटका की चट्टानें देखकर मेरे अंदर का पर्वत प्रेम बाहर आ गया और चट्टानों में हाथ आज़माए बिना चैन नहीं मिला। सही कहते हैं बंदर कभी गुलाट मारना नहीं छोड़ सकता।
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भोजेश्वर महादेव मन्दिर, भोजपुर 
भीमबेटका के बाद हमारी टीम भोजपुर पहुँची। राजा भोज की नगरी भोपाल, का एक ख़ूबसूरत पहलू भोजपुर है हालाँकि अब यह रायसेन जिले की शान है। शिव को अपना आराध्य मानने वाले राजा भोज चाहते थे कि उनके क्षेत्र में शिव का सबसे बड़ा और सुंदर मन्दिर बने। इसी के चलते ही शायद उन्होंने सबसे बड़ा ज्योतिर्लिंग बनाने का प्रण किया। श्री मोहम्मद बताते हैं कि एक ही पत्थर से बनाया गया यह विश्व का सबसे ऊँचा शिवलिंग है। सूर्यास्त के समय सूर्य किरणों का शिवलिंग पर पड़ना, मानो जाते-जाते सूर्यदेव ख़ुद भी शिव के इस विशालकाय रूप से अभिभूत होना चाहते हों। 
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ताज-उल-मसाजिद
शायद ही कोई भोपाल आए और ताज-उल-मसाजिद की भव्यता ना देखे। टाइम्ज़ पैशन ट्रेल की टीम आज एक ऐसे इतिहास को टटोलने जा रही थी जो जीता-जागता सबूत है वीरांगनाओं का। हमारे मार्गदर्शक जमाल अय्यूब जी जब ताज-उल-मसाजिद और वहाँ की बेगमों की वीरतापूर्ण चरित्र की दास्तान सुना रहे थे, जिन्होंने २ सदियों तक भोपाल में राज किया तो लग रहा था कि जिस महिला सशक्तिकरण की बात हम आज कर रहे हैं उसे तो इन बेगमों ने बहुत पहले ही चरितार्थ कर दिया था। यक़ीनन यह भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पहलुओं में से एक है।
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मध्य प्रदेश पर्यटन की तरफ़ से इस कार्यक्रम को बिना किसी अवरोध के पूर्ण कराने के लिए राज्य शासन की पायलट गाड़ी ने हमें भोपाल से रूक्सत किया जो अपने आप में बहुत दिलचस्प था। सफ़र आगे बढ़कर कर्क रेखा पर रुका और फिर हम साँची के लिए प्रस्थान कर गए।
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साँची स्तूप
श्री के के मोहम्मद ��ी ने जब ये बताया कि बुद्ध कभी साँची आए ही नहीं तो मुझे यह जानकर बहुत ताज्जुब हुआ। सम्राट अशोक द्वारा निर्मित इस महान स्तूप और उसके आलीशान तोरन आज भी बख़ूबी दर्शाते हैं कि हमारे मूर्तिकार और कारीग़र अपने काम में कितने श्रेष्ठ और निपुण थे। यह भी बहुत अहम बात थी कि हमारे राष्ट्रपति भवन को यहीं से प्रेरित होकर बनाया गया था।
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उदयगिरी
उदयगिरी की गुफ़ाओं में बहुत ही ख़ूबसूरती से हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ बनाई गई हैं। गुफा में भगवान विष्णु एक प्रतिमा में लेटे हुए हैं और उनके आस पास उनके भक्त खड़े हैं। गुफ़ा की मूर्तियों में त्रिदेव हों या गणेश, सभी को बहुत ख़ूबसूरत तरीक़े से आस्था के साथ बनाया गया है और उन कारीगरों का कौशल और निपुणता, क़ाबिले तारीफ़ है। पत्थरों पर बनाई इन प्रतिमाओं और गुफाएँ को देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएँगे। शाम को साँची वापस लौट कर स्तूप में साउंड और लाइट शो का लुत्फ़ उठाया और वहाँ के इतिहास को और बेहतर तरीक़े से जाना।
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बेगमों की रियासत छोड़ हम बुद्ध के शरण में थे और अब बारी थी बुंदेलखंड की। अगली सुबह हम ओरछा के लिए रवाना हुए और इस बीच हम चन्देरी में रुके। 
चन्देरी
काली भाई के नेत्रत्व में हमें इस प्राचीन शहर चन्देरी के बारे में जानने का मौक़ा मिला। शुरुआत भारतीय पुरातत्व विभाग के चन्देरी संग्रहालय से हुई जिसके बाद बादल महल और चन्देरी क़िले की सुंदरता और भव्यता देखने को मिली। यात्रा के इस पड़ाव तक पंहुचने के बाद अब मैं यक़ीन के साथ कह सकता हूँ कि समय चक्र को पीछे ले जाकर इतिहास को दुबारा जीने का मौक़ा हमें मिला है। संजय लाल जी का कहा हर शब्द सही हो रहा था और अपने घर और प्रदेश को, एक नए नज़रिए से देख रहा था। 
इतिहास के पन्नो से वर्तमान में लौटने के लिए चन्देरी गेट की एक झलक ही काफ़ी थी। काली भैया ने चन्देरी गेट के महत्व को समझाते हुए बताया कि कैसे मालवा और बुंदेलखंड को ये जोड़ता है और मध्य भारत का प्रमुख व्यापार केंद्र था। रोचक बात ये भी थी कि बॉलीवुड की सुपरहिट फ़िल्म स्त्री की शूटिंग यहीं हुई थी।
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इस बीच लंच के लिए हम मध्य प्रदेश पर्यटन के क़िला कोठी में रुके। लज़ीज़ देसी व्यंजनों का लुत्फ़ उठाने के बाद काली भैया के साथ निकल पड़े चन्देरी क़िले के उस पहलू को देखने, जहाँ अप्रतिम सौंदर्य की मालकिनों  ने अपने मान-सम्मान को बचाने के लिए जौहर किया। क़िला कोठी का जौहर स्मारक इन वीरांगनाओं की वीरता की कहानी आज भी चीख़-चीख़ कर बयां करता है। 
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ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में चन्देरी की साड़ियों की चमक है। यहाँ के कारीग़र कितनी बारीकी और लगन से काम करते हैं, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है इनके द्वारा निर्मित विश्व की सबसे बेहतरीन माने जाने वाली साड़ियाँ। चन्देरी में काफ़ी कुछ है जो आपको आनंदित और प्रफुल्लित कर देगा। यक़ीं मानिए, मध्य प्रदेश पर्यटन यूँ ही नहीं कहता कि – हिंदुस्तान का दिल देखो।।
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ओरछा
चन्देरी की यादों को समेट कर टाइम्ज़ पैशन ट्रेल की गाड़ी के चक्के बढ़ चले थे बेतवा नदी के किनारे बसे राजा राम चंद्र जी की नगरी ओरछा। राम मन्दिर की घंटियों, चिड़ियों की चहचहाहट, बेतवा का कल-कल करता पानी, मानो इस भागती दौड़ती ज़िंदगी में ठहराव सा आ गया हो, मानो हमें आत्म-मंथन और आत्म-चिंतन का समय मिल गया हो। वहीं ओरछा के दूसरी ओर, प्राचीन महल और इमारतें यहाँ के बुंदेलाओं की वीरता और शौर्यपूर्ण कार्यों की गवाही दे रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानो ओरछा ने एक ही चादर में पूरी कायनात समेट ली हो। ओरछा की मनमोहक छवि शायद ही कभी मानस पटल से मिट पाएगी। महराजा वीर सिंह बुंदेला की छत्री हो या ओरछा राज परिवार की राजकुमारी रजेश्वरी और राजकुमार रुद्रप्रताप जी के साथ भोजन, इतना सब कुछ सुव्यवस्थित करना टाइम्ज़ पैशन ट्रेल के ही बूते की बात है।
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खजुराहो
चार दिन कैसे बीत गए पता ही नहीं चला। मन कर रहा था कि समय की रफ़्तार को रोक दूँ, पर भला समय रुका है क्या कभी किसी के लिए। 
टाइम्ज़ पैशन ट्रेल का क़ाफ़िला खजुराहो पंहुच कर अपने अंतिम दौर पर आ चुका है। खजुराहो का मन में आते ही कामुक प्रतिमाओं का ध्यान आता है पर अगर अनुराग शुक्ला जी की मानें तो खजुराहो में ना केवल कामुकता बल्कि पूरे जीवन चक्र को दर्शाया गया है। यहाँ कला, संस्कृति, कारीगरी के ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं जिन्हें देखकर आप दाँतों तले उँगलियाँ दबा लेंगे।चंदेल राजाओं ने 85 मंदिर बनवाए थे पर रख-रखाव की कमी के चलते अब यहाँ सिर्फ़ 25 मंदिर ही शेष हैं जो अब पुरातत्व विभाग के अंदर हैं और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है।
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अनुराग शुक्ला जी खजुराहो में हमारा मार्गदर्शन करने वाले थे। यहाँ के मन्दिर ना केवल विष्णु-महेश के गुणगान करते हैं बल्कि चंदेल राजाओं की दूरगामी सोच को भी दर्शाते हैं। वराह मंदिर, लक्ष्मण मन्दिर, कंदरिया महादेव, जैन मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, दुल्हादेव मंदिर और क्या नहीं।। खजुराहो की शाम बहुत ही ख़ास थी। और होती भी क्यूँ ना! सूफ़ी संगीत के उस्ताद ध्रुव संग्री और उनकी टीम द्वारा बहुत ही मधुर सूफ़ी संगीत का कार्यक्रम। 
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अंत में मध्य प्रदेश पर्यटन द्वारा निर्मित कुटनी आयलंड में भोजन कर वहाँ के ख़ूबसूरत नज़ारों का लुत्फ़ लिया। कुटनी देखने के बाद यही समझ आया कि हमारे देश में ऐसे अंगिनत छुपे रत्न हैं जिनकी ख़बर रत्नेश को नहीं। कुटनी के उपरांत खजुराहो बाज़ार से कुछ एंटीक की ख़रीददारी कर हम अपने गंतव्य को रवाना हुए। 
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दिल में यादें लिए, अपने घर-मध्य प्रदेश को एक नए नज़रिए से देखकर बहुत सुख की अनुभूति हुई। और हाँ, संजय जी ने शुरुआत में सही ही कहा था कि आप इतिहास को दुबारा जीने जा रहे हैं। आज उनकी कही हर बात चरितार्थ हो गई।
ऐसी कोई कहानी ही नहीं जो बिना कैमरे की हो। हर पल को छवि या चलचित्र में समेट कर यादगार बनाने के लिए बहुत ऐसे हाँथ होते हैं जो परदे के पीछे से काम करते हैं।
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टाइम्ज़ पैशन ट्रेल के उन्ही साथियों के प्रति कृतज्ञता ज़ाहिर किए बिना ये लेख अधूरा  ही रह जाएगा। इसलिए आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया - संजय लाल, तलहा तुंगेकर, दुष्यंत चौहान, मनोज रॉय, गौरव जैन, जतिन कपूर, जूही अरोरा, राहुल सिंह, जमाल आयुब, अमित भारद्वाज, सचिन रावत, विनोद पाण्डेय, लोचन माली, समन अली, शोएब रहमान, विवेक राय, राहुल शर्मा, चाँद भाई इत्यादि।
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khsnews · 3 years
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केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. केंद्रीय राज्��� मंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.
फरीदाबादएक घंटे पहले लिंक की प्रतिलिपि करें केंद्रीय राज्य मंत्री, भारत सरकार कृष्णा पॉल गेरगर ने कहा कि भारत बेरोजगारों को स्वरोजगार प्रदान कर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। सरकार कौशल के आधार पर युवाओं को स्वरोजगार प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को बेरोजगारी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा बल्कि लोगों को रोजगार देने का काम करेंगे. मंत्री ने यह बात सेक्टर 12 कन्वेंशन हॉल में आयोजित…
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abhay121996-blog · 3 years
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लॉर्ड्स टेस्ट में शार्दुल ठाकुर की जगह आर अश्विन को मिल सकता है मौका, ये है वजह Divya Sandesh
#Divyasandesh
लॉर्ड्स टेस्ट में शार्दुल ठाकुर की जगह आर अश्विन को मिल सकता है मौका, ये है वजह
लंदन पहले टेस्ट मैच में बड़ा स्कोर बनाने में असफल रही भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ गुरुवार से लॉर्ड्स में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में अपनी ख्याति के अनुरूप बल्लेबाजी करने के दृढ़ संकल्प के साथ मैदान पर उतरेगी।
कप्तान विराट कोहली इस मैच में अपने सर्वश्रेष्ठ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को भी अंतिम एकादश में शामिल करने पर गंभीर विचार कर सकते हैं। भारत बारिश के कारण ड्रॉ छूटे पहले टेस्ट मैच में जीत की अच्छी स्थिति में था लेकिन उसका पहली पारी का 278 रन का स्कोर अपेक्षानुरूप नहीं था। भारत के तीन प्रमुख बल्लेबाज कप्तान कोहली, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे इस पारी में नाकाम रहे थे।
यह नहीं भूलना चाहिए कि रहाणे के मेलबर्न में लगाए गए शतक को छोड़ दिया जाए तो ये तीनों पिछले दो वर्षों से बड़ी पारियां नहीं खेल पाए हैं। कोहली और पुजारा इस बीच अपनी अच्छी शुरुआत को शतक में नहीं बदल पाए हैं।
शार्दुल की मांसपेशियों में खिंचाव जहां तक टीम संयोजन का सवाल है शार्दुल ठाकुर की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण निचले क्रम के बल्लेबाजी क्रम में फिर से बदलाव किया जा सकता है। मुंबई का यह तेज गेंदबाज पहले टेस्ट की एकमात्र पारी में खाता भी नहीं खोल पाया था।
रविंद्र जडेजा के बल्लेबाजी कौशल को देखते हुए भारतीय टीम प्रबंधन ने अश्विन को पहले टेस्ट मैच की अंतिम एकादश में नहीं रखा था। लॉर्ड्स में अभ्यास के दौरान ठाकुर की परेशानी बढ़ गई है और ऐसे में अश्विन को अंतिम एकादश में जगह मिलने की संभावना बन गई है। यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ठाकुर को पहले टेस्ट के दौरान चोट लगी थी या नहीं।
यदि ठाकुर नहीं खेल पाते हैं तो कोहली अपने 4-1 के गेंदबाजी संयोजन पर फिर से विचार कर सकते हैं क्योंकि निचले क्रम की बल्लेबाजी की कमजोरी को देखते हुए किसी एक रणनीति पर अडिग रहना संभव नहीं है। कोहली यदि चार तेज गेंदबाजों के साथ ही उतरना चाहेंगे तो फिर ठाकुर की जगह पर इशांत शर्मा या उमेश यादव में से किसी एक को लिया जाएगा लेकिन यह फैसला आसान नहीं होगा।
अश्विन को मिल सकता है मौका कोहली ने पहले टेस्ट के बाद कहा था, ‘पूरी संभावना है कि हम इसके (4-1 के संयोजन) साथ ही आगे बढ़ेंगे लेकिन हम हमेशा परिस्थितियों को ध्यान में रखकर टीम का चयन करते हैं।’ लेकिन यदि कप्तान अपनी बल्लेबाजी को मजबूत देखना चाहते हैं तो फिर अश्विन को अंतिम एकादश में रखना सही फैसला होगा जो गेंदबाज के रूप में चौथे या पांचवें दिन लॉर्ड्स की पिच पर खतरनाक साबित हो सकते हैं।
इस कंडीशन में अश्विन और जडेजा को मिल सकता है मौका मौसम की बात करें तो लंदन में अधिकतम तापमान 24 डिग्री और औसत तापमान लगभग 14 डिग्री चल रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इंग्लैंड 2018 की तरह यहां पिच पर घास रखेगा क्योंकि तब भारतीय बल्लेबाजी दो दिन में ढह गई थी और ऑलराउंडर क्रिस वोक्स इंग्लैंड की जीत के नायक बने थे। यदि पिच शुष्क रहती है तो भारत अश्विन और जडेजा दोनों को टीम में रख सकता है जो कि अपनी विविधतापूर्ण गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकते हैं।
इंग्लैंड के युवा बल्लेबाजों ने अब तक निराशाजनक प्रदर्शन किया है। कप्तान जो रूट ने पहली पारी में अर्धशतक और दूसरी पारी में अपने करियर का 21वां टेस्ट शतक जमाकर इंग्लैंड को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया था।
रोरी बर्न्स की जगह हसीब हमीद को अंतिम एकादश में रखे जाने की पूरी संभावना है। हमीद ने पिछले महीने भारत के खिलाफ अभ्यास मैच में पारी का आगाज करते हुए शतक लगाया था। इंग्लैंड को अपने तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के बिना उतरना पड़ सकता है क्योंकि वह चोटिल हैं। उनके दायें पांव की पिंडली की मांसपेशियों में खिंचाव आ गया है।
यदि पिच से स्पिनरों को मदद मिलती है तो मोईन अली को अंतिम एकादश में रखा जा सकता है जिन्होंने 2014 और 2018 की श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन किया था। यदि पिच स्पिनरों के अनुकूल नहीं होती है तो तेज गेंदबाज मार्क वुड टीम को टीम में जगह मिल सकती है।
मयंक अग्रवाल पूरी तरह फिट हैं भारतीय बल्लेबाज मयंक अग्रवाल अब फिट हैं लेकिन केएल राहुल ने पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन करके शीर्ष क्रम में अपनी जगह पक्की की है। अग्रवाल के फिट होने पर राहुल को मध्यक्रम में उतारने का विकल्प भी रहेगा। पुजारा और रहाणे भले ही अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हैं लेकिन उन्हें फिलहाल चोटिल होने की स्थिति में ही बाहर रखा जा सकता है।
टीम इस प्रकार हैं :
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा, मयंक अग्रवाल, अजिंक्य रहाणे (उप-कप्तान), हनुमा विहारी, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव, केएल राहुल, रिद्धिमान साहा (विकेटकीपर), अभिमन्यु ईश्वरन, पृथ्वी साव, सूर्यकुमार यादव में से।
इंग्लैंड: जो रूट (कप्तान), जेम्स एंडरसन, जॉनी बेयरस्टो, डोम बेस, मोईन अली, रोरी बर्न्स, जोस बटलर, जैक क्रॉली, सैम कर्रन, हसीब हमीद, डैन लॉरेंस, जैक लीच, ओली पोप, ओली रॉबिन्सन, डोम सिबली, मार्क वुड में से।
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gkt49 · 4 years
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एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में हमें अपने स्तर का पता चलेगा : सुमित बेंगलुरू, 9 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मिडफील्डर सुमित का मानना है कि अगले साल होने वाली एशियन चैंपियंस ट्रॉफी टीम के लिए अपनी तैयारियों को परखने का एक अच्छा मंच होगा। भारतीय पुरुष हॉकी टीम अगले साल मार्च की शुरुआत में में ढाका में एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेना है। अगर कोविड-19 महामारी के कारण यात्रा प्रतिबंध न नहीं होता है तो टीम इस टूर्नामेंट में भाग लेगी। सुमित 2016 में विश्व कप जीतने वाली जूनियर भारतीय पुरुष हॉकी टीम का हिस्सा रह चुके हैं। सुमित ने कहा, हम बेहद भाग्यशाली हैं कि हम फिर से अपनी ट्रेनिंग शुरू करने में सफल रहे हैं। हमें अपने कौशल को सुधारने के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और हॉकी इंडिया द्वारा जैव-सुरक्षित वातावरण प्रदान किया गया है। अगले साल होने वाली एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में हम जिस स्तर पर हैं, उससे पता चलेगा कि ओलंपिक खेलों से पहले हमें और कितना सुधार करने की जरूरत है। कलाई की चोट के कारण पिछले साल कुछ टूर्नामेंटों से बाहर रहने वाले सुमित का कहना है कि वह फिर से भारत की जर्सी पहनने के लिए उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, पिछले जून में भुवनेश्वर में एफआईएच मेन्स सीरीज फाइनल्स के दौरान मेरी कलाई में चोट लग गई थी। चोट से उबरने के लिए मुझे काफी समय लगा। मैं इस साल एफआईएच हॉकी प्रो लीग के लिए टीम में चुना गया था, जहां मुझे शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलने का मौका मिला था। भारतीय मिडफील्डर ने आगे कहा, एक खिलाड़ी को भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए वास्तव में अच्छा होना चाहिए जो हमसे अपेक्षित हो और जिसमें आंतरिक प्रतिस्पर्धा हो। मैं अभी अपना 100 फीसदी प्रशिक्षण ले रहा हूं और मैं उम्मीद करता हूं कि मुझे एशियन चैंपियनशिप ट्रॉफी खेलने का मौका मिलेगा, जहां हमें अपने खिताब का बचाव करना है। सुमित ने बेंगलुरू के साई सेंटर में चल रहे नेशनल कोचिंग कैम्प को लेकर कहा कि टीम अच्छा कर रही है और सही दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा, महामारी के कारण इस साल हम कोई प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगे। सीजन को इस तरह से योजनाबद्ध किया गया है कि हमें एक-दूसरे के खिलाफ मैच खेलना है, जहां हमें अपना सर्वश्रेष्ठ बाहर लाना है। ईजेडए/जेएनएस .Download Dainik Bhaskar Hindi App for Latest Hindi News.....We will know our level in Asian Champions Trophy: Sumit. ..
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कोरोना काल में कई कंपनियां दे रही है कांट्रैक्चुअल वर्क के मौके, हाउस वाइफ इसका हिस्सा बन कर सकती हैं अच्छी कमाई https://ift.tt/2C8mJHl
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भारत में कोरोनोवायरस ने जो एक अच्छा बदलाव किया है, वह है कांट्रैक्चुअल वर्क की वापसी। हाल हीमें लागू लॉकडाउन के चलते वर्क फोर्स का एक बड़ा हिस्सा घर से काम कर रहा है। कोरोना ने साबित कर दिया है कि ऐसा कोई भी काम नहीं है, जिसे घर से नहीं किया जा सकता।
ऐसी महिलाएं जिनके पास कोडिंग, डेटा विश्लेषण, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और प्रोग्रामिंग जैसी प्रमुख तकनीकी क्षेत्रों की क्षमताएं हैं, उनके पास वैश्विक स्तर पर कंपनियों से बड़े कांट्रैक्चुल वर्क ��ेने का अवसर बढ़ गया है।
विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारतीय रुपए का मूल्य बहुत कम होने के कारण भारत के पेशेवरों को वैश्विक स्तर पर बढ़त मिली है। भारतीय पेशेवर दुनिया के अन्य देशों के पेशेवरों की तुलना में सस्ते पड़ते हैं।एडिटरइंडिया, फोर्ब्स एडवाइजर आशिका जैन बता रही हैं महिलाओं के लिए कांट्रैक्चुअल वर्क के जरिये जॉब के अवसर कैसे तलाशे जा सकते हैं।
1. बड़े कॉरपोरेट्स के साथ-साथ छोटी फर्म्स भी अब कांट्रैक्चुअल जॉब करवा रही हैं। ऐसी गृहिणियां जिन्हें घर और परिवार की देखभाल के लिए अपनी नौकरियों को छोड़ना पड़ा था, उनके पास अब एक बेहतरीन मौका है। वे इस कांट्रैक्चुअल वर्क के एक टुकड़े को हासिल कर अपने लिए कमाई के दरवाजे खोल सकती हैं।
2. महिलाएं अपने कौशल के हिसाब से एक बड़े उद्यम के लिए टेक्नोलॉजी-आधारित काम से लेकर मास्क सिलाई जैसे काम कर सकती हैं। पिछले तीन महीनों में जो काम सबसे तेजी उभर करसामने आए हैं, उनमें घर के सिले हुए कपड़े के मास्क, हाथ से तैयार किए गए कैरी बैग जिन्हें धोया जा सकता हो, रोगों से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले घरेलू नुस्खे जैसे आंवले का अचार, तुलसी की चाय और पारंपरिक आयुर्वेदिक पाउडर शामिल हैं।
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3. महिलाएं अपने आसपास के सामुदायिक समूहों, कारोबारियों के साथ गठजोड़ कर सकती हैं। मास्क आदि के लिए अस्पतालों और फार्मेसियों के साथ बात की जा सकती है, क्योंकि उन्हें अपने कर्मचारियों और बिक्री दोनों के लिए इसकी आवश्यकता होती है।
4. इस तरह अब तक घर-गृहस्थी में सिमटी गृहिणियों के पास देश की जीडीपी का हिस्सा बनने का भी एक उज्ज्वल अवसर है। इसलिए अपने डर को दूर करें। अपने सीवी को वेबसाइट पर अपलोड करें, कांट्रैक्चुअल काम के अवसरों के लिए दोस्तों और परिवार से संपर्क करना शुरू करें। क्या पता इसमें आपको घर और बाहर के काम में संतुलन बैठाने की आपकी छिपी हुई क्षमता का भी पता लग जाए।
5.ऐसी महिलाएं जो डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग, सेल्स लीड जनरेशन, टेलीकॉलिंग, ग्राफिक्स डिजाइन और बिजनेस एनालिटिक्स जैसी सेवाओं में काम करने का पूर्व अनुभव रखती हैं, उनके लिए जॉब पोर्टल के जरिए वर्क फ्रॉम होम हासिल करने का अच्छा अवसर है। इसके लिए वे नौकरी डॉट कॉम या लिंक्डइन की सहायता ले सकती हैं।
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In the Corona era, many companies are giving opportunities for contractual work, housewife can earn good money by being a part of it.
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sahu4you · 4 years
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Low Investment Business Ideas - कम पूँजी से बिज़नेस के नए आइडियाज
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पैसा कमाने का नया बिज़नेस आइडिया हिंदी में | इन तरीकों से आप कम पैसे में हजारों कमा सकते हैं। कुछ ऐसे   जिन्हें कम खर्च में भी शुरू किया जा सकता है। इनमें मुनाफा भी अच्छा होता है। यहाँ भारत में कम निवेश उच्च लाभ के साथ 32 लघु व्यवसाय विचार हैं।
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Small Business Ideas with Low Investment In Hindi इस समय तमाम ऐसे बिजनेस हैं, जो छोटे बजट में शुरू किए जा सकते हैं। इनमें मुनाफा भी ठीक ठाक है। मन मुताबिक नौकरी न होने पर भी अक्सर लोग बिजनेस की प्लानिंग करते हैं, लेकिन बिजनेस में होने वाले खर्च को देखते हुए लोग निराश हो जाते हैं।
50+ Small Business Ideas with Low Investment in Hindi
1. निजीकृत और कस्टम उपहार स्टोर बना दिया आज व्यक्तिगत और कस्टम मेड उपहार की मांग बढ़ती जा रही है |आप ऑनलाइन गिफ्ट स्टोर ओपन कर के भी अच्छी कमाई कर सकते है | इस बिज़नेस से बहुत से लोग कमाई करते है. 2. जिम या फिटनेस सेंटर आज की दुनिया हर किसी के स्वास्थ्य के बारे में परेशान है, तो अच्छा क्षेत्र में छोटा सा जिम या फिटनेस सेंटर ओपन कर सकते है जो बहुत ही अच्छी Earnings का Source होगा । दुनिया में हर कोई फिट रहना चाहता है और अच्छा दिखाना चाहता है. 3. Event आयोजक शुरू छोटी सी कंपनी है जो समारोह का आयोजन अच्छा विचार हो सकता है, लेकिन यहाँ आप उसी के लिए ��िशेष विशेषज्ञता और मानव शक्ति की जरूरत हो सकती है. 4. इंटीरियर डिजाइनर हर कोई आज इंटीरियर डेकोरेटर से सेवाओं चाहते हैं, तो इंटीरियर डिजाइनर का व्यवसाय शुरू करने के लिए सबसे अच्छा सौदा हो सकता है लेकिन यहाँ याद है कि आप विशेष कौशल की आवश्यकता हो सकती है हो सकता है. 5. छोटी सी किराने की दुकान छोटी सी किराने की दुकान शुरू और एक अच्छा विचार यहाँ है कि आप किसी भी विशेष कौशल की आवश्यकता नहीं है और आप छोटी सी दुकान से शुरू हो सकता है और धीरे-धीरे जरूरत के अनुसार विस्तार। 6. मैच बनाने या वेडिंग प्लानर यह कहा जाता है शादिया रिश्ते स्वर्ग में बनती है , हर कोई अपनी शादी को बहुत ही याद गार बनना चाहता है | आप वेडिंग प्लानर बिज़नेस भी चुन सकते है | शादी के योजनाकार के साथ शुरू करने के लिए अच्छा व्यापार विकल्प है. 7. ट्यूशन क्लास शिक्षा का व्यापार कभी बंद नहीं होगा । ट्यूशन क्लास देकर आप अच्छी कमाई कर सकते है साथ में लोगो की हेल्प भी कर सकते है | बस जरुरत है, अच्छे विचार के साथ शुरू करने के लिए है। 8. मोबाइल की दुकान आज हर कोई मोबाइल और जरूरत के मोबाइल की मांग बढ़ती जा रही है इसलिए कभी छोटे से मोबाइल की दुकान शुरू करने पर विचार सकते है | इसके लिए आपको पैसो की जरुरत पद सकती है. 9. आइसक्रीम पार्लर आइसक्रीम पार्लर शुरू करना भी एक अच्छा व्यापार है | शुरू करने के लिए ज्याद पैसे की जरुरत नही होती है. 10 जेरोक्स और बुक बाइंडिंग जेरोक्स और बुक बाइंडिंग कई कॉलेज के क्षेत्र और स्कूल क्षेत्र में इस सुविधा नहीं है और उस क्षेत्र में भी अच्छा संभावित व्यापार हो सकता है। 11. मोबाइल फूड की दुकान आज हम मोबाइल पीढ़ी में रह रहे हैं मोबाइल फूड की दुकान शुरू करने से बहुत अच्छा व्यापार विचार है। 12. आभूषण निर्माता गहने की बढ़ती मांग कभी सोने की कीमत के गहने बनाने का कोर्स कर रहा है कि बढ़ रही है और लाइन में कुछ शुरू अच्छा विकल्प हो सकता है के साथ। 13. बीमा सलाहकार छोटे बीमा परामर्श शुरू या बीमा एजेंसी लेने के लिए एक और अच्छा व्यापार विचार है। 14. फ्रीलांसर आप प्रोग्रामिंग में अच्छा कर रहे हैं तो कई उपलब्ध वेबसाइटों जो आप काम स्वतंत्र और आप उसी के लिए भुगतान किया जाएगा दे सकते हैं देखते हैं। 15. बुक स्टोर प्रेमी हमेशा कई आकर्षक किताब की दुकान शुरू करने के विचार कर रही पुस्तकों की खरीद। 16. खानपान सेवा Catering Service के लिए शादी और पार्टी के लोगों को हमेशा अगर आप अच्छा भोजन और खानपान सेवा प्रदान करने में अच्छा कर रहे अच्छे खानपान सेवा के लिए लग रही है यह एक और अच्छा व्यापार विचार हो सकता है। 17. कंप्यूटर ट्रेनर आप कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान करने में अच्छा कर रहे हैं तो यह अच्छा व्यवसाय विचार हो सकता है जानने के कंप्यूटर आज की दुनिया में जरूरी है के रूप में। 18. योग केंद्र आज के तनावपूर्ण जीवन में कई लोगों में योग के लिए जाना है, तो योग केंद्र शुरू अच्छा व्यापार विकल्प होगा पसंद करते हैं। 19. बच्चे बैठे सेवाओं यह व्यापार विचार औरत जो कुछ घर आधारित व्यापार शुरू करने के लिए चाहते हैं के लिए विशेष रूप से है। कई काम कर रहे जोड़े को इस तरह सेवा करने की जरूरत में हो सकता है। 20. रियल एस्टेट सलाहकार रियल एस्टेट कभी व्यापार बढ़ रहा है तो अचल संपत्ति के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए परामर्श शुरू करने और खरीदने, बेचने और किराए विकल्प अच्छा व्यापार विकल्प है। 21. खेल पार्लर आज के पीढ़ी प्ले स्टेशन और खेल स्टेशन पसंद करती है इसलिए बहुत ज्यादा खेल कुछ अद्वितीय खेल के साथ पार्लर शुरू करने के लिए सबसे अच्छा व्यापार विचार है। 22. फोटोग्राफर यदि आप फोटोग्राफी में अच्छा कर रहे हैं तो आप कम लागत निवेश के साथ फोटोग्राफी व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। 23. प्रोत्साहन अध्यक्ष आप कौशल है, तो आप प्रेरक वक्ता बनने के लिए और अच्छा व्यापार के अवसर के लिए यह बदल सकते हैं। 24. यात्रा एजेंसी ट्रैवल एजेंसी शुरू कम निवेश के साथ अच्छा व्यापार अवसर है। 25. कंप्यूटर की दुकान आप इसे संबंधित आइटम या कंप्यूटर सील करने के लिए कंप्यूटर की दुकान शुरू की तुलना में आईटी से संबंधित ज्ञान है, तो अच्छा व्यवसाय अवसर है। 26. विश्राम केंद्र आज के तनावपूर्ण जीवन विश्राम में जरूरी है और लोगों को हमेशा मनोरंजन केंद्र या विश्राम केंद्र के विकल्प के लिए लग रही है इसलिए विश्राम केंद्र शुरू अच्छा व्यापार विकल्प है। 27. कूरियर कंपनी आप मौजूदा कूरियर कंपनी के साथ टाई-अप करते हैं और छोटे से व्यवसाय शुरू करने या शायद आप अपने खुद के कूरियर कंपनी शुरू करने के लिए विकल्प चुन सकते हैं कर सकते हैं। 28. पुनर्विक्रय ऑटो डीलर बहुत से लोग पुरानी कार या बाइक आप अच्छा ऑटो डीलर बनने के लिए विकल्प चुन सकते हैं सील की आवश्यकता है। 29. नियुक्ति फर्म आज काम किसी को भी प्रधानमंत्री की आवश्यकता है और लोगों को आम तौर पर भर्ती फर्म के लिए चुनते अच्छी नौकरी पाने के लिए है। भर्ती फर्म शुरू आप के लिए अच्छा व्यापार विकल्प हो सकता है। 30 सुरक्षा या खुफिया एजेंसी सुरक्षा बढ़ने के साथ आप अपनी खुद की सुरक्षा एजेंसी एक अच्छा विकल्प जासूस के रूप में काम करने के लिए है शुरू कर सकते हैं की जरूरत है। 31. विज्ञापन एजेंसी विज्ञापन एजेंसी व्यापार Me Bhi Bahut अवसर है जो तुम बड़े पैसे कमा सकते हैं. 32. वेब डिजाइनिंग और Hosting आप विभिन्न आईटी उपकरण और प्रोग्रामिंग भाषा के बारे में ज्ञान है, तो आप वेब डिजाइनर फर्म के रूप में कैरियर के लिए विकल्प चुन सकते हैं. 33. ऑनलाइन ब्लॉग शुरू आप सामग्री पीढ़ी में अच्छा कर रहे हैं और किसी भी क्षेत्र में आप अपने ऑनलाइन ब्लॉग शुरू करने और अच्छा पैसा कमा सकते हैं के बारे में अच्छा ज्ञान था। 34. प्राचीन अनुच्छेद की दुकान आज कई लोगों का मानना ​​है कि प्राचीन मूर्तियों और घर में लेख रखने फैशन प्रतीक है, इसलिए खुलने प्राचीन लेख दुकान के रूप में अच्छा व्यवसाय विकल्प है. 35. फास्ट फूड पार्लर आज की पीढ़ी के ज्यादातर फास्ट फूड खाने, फास्ट फूड पार्लर शुरू एक और व्यापार विकल्प हो सकता है. 36. डाटा एंट्री सेवाएं कई कंपनियों ने आज डेटा प्रविष्टि काम कर रही द्वारा पैसा कमाने के लिए आप इस तरह की सेवा प्रदान करने शुरू कर सकते हैं. 37. पुनरारंभ लेखक आप फिर से शुरू डिजाइन करने में अच्छा कर रहे हैं और गहरा ज्ञान था, तो आप लेखक बनने के बारे में सोच सकते हैं. 38. एसईओ सलाहकार SEO Consultant - Search Engine सलाहकार ज्यादातर सभी वेबसाइटों के लिए आवश्यक है। तो आप अच्छा एसईओ सलाहकार बन सकते हैं. 39. डेयरी एंड स्वीट पार्लर आप अपने क्षेत्र की डेयरी उत्पादों और मिठाई की जरूरत की सेवा में छोटे डेयरी पार्लर शुरू करने के बारे में सोच सकते हैं. 20+ Business जिन्हें कम खर्च में भी शुरू किया जा सकता है ये Top 20 Business जिन्हें कम खर्च में भी शुरू किया जा सकता है Top 20 Business 10 हजार रुपए से शुरू हो सकता है 1. मिनरल वाटर सप्लायर: ये बिजनेस 10 हजार रुपए से शुरू हो सकता है। खासकर गर्मियों में इसके जरिए अच्छी खासी कमाई की जा सकती है। 2. कोल्ड ड्रिंक और स्नेक्स: सेल बिजनेस मॉडर्न लाइफ के साथ यह बिजनेस बेहद मांग में है। 8 से 10 हजार रुपए में ये काम शुरू किया जा सकता है। 3. सेलिंग बेकरी प्रोडक्ट: बेकरी प्रोडक्ट की बाजार में खूब मांग है। इसके लिए आपको 6-8 हजार रुपए की जरूरत है। 4. गारर्मेंट टेलर: इस बिजनेस में हुनर और मार्केट की समझ जरूरी है। छोटी दुकान के साथ ये कारोबार 10 हजार रुपए तक में शुरू किया जा सकता है। 5.प्लांट नर्सरी: घर को खूबसूरत बनाने के लिए प्लांट नर्सरी पर लोग डिपेंड रहते हैं। इसलिए यह सफल बिजनेस है। 6. मोबाइल रीचार्ज और सिम सेलिंग: ये बिजनेस 3 से 5 हजार रुपए में शुरू हो सकता है। इसकी म��ंग बाजार में हमेशा बनी रहेगी। घर बैठे या छोटी दुकान में भी ये बिजनेस शुरू हो सकता है। 7. प्रिंटर और फोटो कॉपी बिजनेस: ये बिजनेस 4 से 5 हजार रुपए में शुरू हो सकता है। हां, इसके लिए स्थान उपयुक्त होना चाहिए। मसलन पास में कॉलेज हों, सरकारी दफ्तर ��ा कोर्ट आदि। 8. ब्रेक��ास्ट शॉप: ये बेहद डिमांडिंग बिजनेस है। सुबह अक्सर लोग दफ्तर निकलने की जल्दी में होते हैं। काफी ऐसे होते हैं जो परिवार के साथ नहीं रहते। ये लोग बेहतर ब्रेकफास्ट की तलाश में रहते हैं। इस काम को फुल टाइम भी शुरू किया जा सकता है। 9. शू वॉश लॉन्ड्री: ये नया बिजनेस है। आजकल ऐसी मशीन आ रही हैं, जिनके जरिए जूतों की धुलाई और सफाई की जाती है। इस काम को 3.5 से 4 हजार रुपए में शुरू कर सकते हैं। 10. इलेक्ट्रॉनिक शॉप: फेन, हीटर, बोर्ड, स्विच, बल्ब और सीएफएल जैसे जरूरी सामान की बिक्री के लिए यह ऑप्शन बेहतर है। 11. किड्स प्ले सेंटर: अगर आपके घर में ज्यादा जगह है, तो यह सबसे मुनाफे वाला व्यवसाय है। वीडियो गेम और अन्य गेम लगाकर 70 से 80 हजार रुपए में ये बिजनेस शुरू हो सकता है। 12. साइबर कैफे: साइबर कैफे समय की जरूरत के हिसाब से अच्छा बिजनेस है। एक लाख रुपये में यह आसानी से शुरू हो सकता है। 13. ब्यूटी पार्लर और स्पा या बुटीक: इसे घर में भी खोला जा सकता है। 70-75 हजार रुपए में ये काम आसानी से शुरू हो सकता है। 14. आर्टिफिशियल ज्वेलरी शॉप: इस बिजनेस की बाजार में अच्छी मांग है। एड एजेंसी या पीआरः खुद की एजेंसी या पीआर का काम शुरू किया जा सकता है। यह एक बिजनेस के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 15. डिजिटल स्टूडियो: ये बिजनेस 50 हजार रुपए से शुरू किया जा सकता है। कंप्यूटर, यूपीएस, फोटो क्वालिटी प्रिंटर आदि की बिक्री और मरम्मत का बिजनेस बेहतर विकल्प है। 16. वीडियोग्राफी: हैंडीकैम या कैमरे के जरिए वीडियोग्राफी बिजनेस शुरू किया जा सकता है। इसे शुरू करने में 30 से 35 हजार रुपए लगेंगे। 17. फास्ट फूड शॉप: कोल्ड ड्रिंक, पैक्ड फूड, चिप्स, बिस्किट, साल्डेट स्नेक्स, आइस क्रीम आदि का बिजनेस कम पैसे में ज्यादा मुनाफे वाला साबित हो रहा है। 18. ट्रैवल एजेंसी: रेल-बस रिजर्वेशन और शहर के भीतर टैक्सी बुक करने का व्यवसाय भी अच्छे मुनाफे वाला है। लो कॉस्ट गैजेट शॉपः युवा तमाम तरह के गैजेट इस्तेमाल करते हैं। 50 हजार रुपए से शुरू होने वाला ये बिजनेस भी मुनाफे वाला साबित हो सकता है। 19. मोबाइल हैंडसेट शॉप: ऑनलाइन बाजार के बावजूद मोबाइल की दुकान भी बेहतर बिजनेस है। 20. ईवेंट मैनेजमेंट: बिजनेस आजकल ज्यादातर काम ईवेंट मैनेजमेंट के जरिए हो ही रहे हैं। शादी, पार्टी, सरकारी और प्राइवेट सभी कामों के लिए इसकी जरूरत है। निष्कर्ष: Business Idea जी हाँ दोस्तों, आपको आज की पोस्ट कैसी लगी, आज हमने आपको बताया Business ideas in Hindi और बिज़नस आईडिया हिन्दी में बहुत आसान शब्दों में, हमने आज की पोस्ट में भी सीखा। आज मैंने इस पोस्ट में 50 Small Business Ideas In Hindi सीखा। आपको इस पोस्ट की जानकारी अपने दोस्तों को भी देनी चाहिए। वे और सोशल मीडिया पर भी यह पोस्ट ज़रूर साझा करें। इसके अलावा, कई लोग इस जानकारी तक पहुंच सकते हैं। यदि आप हमारी वेबसाइट के नवीनतम अपडेट प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको हमारी Sahu4You वेबसाइट सब्सक्राइब करना होगा। नई तकनीक के बारे में जानकारी के लिए हमारे दोस्तों, फिर मिलेंगे ऐसे ही नई प्रौद्योगिकी की जानकारी के बारे में, हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धन्यवाद, और अलविदा दोस्तों आपका दिन शुभ हो। Read the full article
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vsplusonline · 4 years
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भारत-चीन को छोड़ अधिकतर देश 2020 के लिए देख सकते हैं निगेटिव ग्रोथ: IMF अनुमान
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भारत-चीन को छोड़ अधिकतर देश 2020 के लिए देख सकते हैं निगेटिव ग्रोथ: IMF अनुमान
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विश्व अर्थव्यवस्था को 1930 के दशक के ‘ग्रेट डिप्रेशन’ से भी भारी मंदी का जहां सामना है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुमान भारत के लिए भविष्य में उम्मीद की किरण के साथ भरपूर अवसर दिखा रहे हैं.
IMF ने जनवरी में भारत के लिए साल 2020 में 5.8% की विकास दर का अनुमान जताया था. अब ये घटकर 1.9% पर आ गया है. लेकिन इसके बावजूद अच्छी खबर ये है कि भारत तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा. इसके अनुमानित आंकड़े पॉजिटिव टेरेटरी में बने रहेंगे.
जीडीपी विकास
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Figure 1: 2019 में देशों की जीडीपी वृद्धि
2019 में भारत 4.2% की दर से विकास किया. कई विशेषज्ञों का मानना था कि एशिया की इस तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर अब भी नोटबंदी और जीएसटी लागू किए जाने का असर था, जिसने छोटे, मध्यम और बड़े स्तर के उद्यमियों पर बुरा असर डाला.
2008 की दुनिया की मंदी की तरह इस बार स्थिति नहीं है. इस बार भारत पहले से ही फिसलन वाली पटरी पर था. लेकिन IMF के ताजा अनुमान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उम्मीद जगाने वाले हैं- अगर ये सही साबित होता है तो भारत नए ‘बुल रन’ की ओर बढ़ सकता है क्योंकि बाकी सारे फैक्टर इसके समर्थन में है.
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Figure 2: 2020 और 2021 के लिए देशों के जीडीपी वृद्धि अनुमान
2020 और 2021 के भारत के लिए अनुमान आशावादी हैं. ये नहीं भूलना चाहिए कि इन अनुमानों में संशोधन देखे जा सकते हैं अगर Covid-19 से जुड़ा लॉकडाउन 3 मई के बाद भी नहीं हटाया गया, कम से कम आंशिक तौर पर.
भारत ने अभी तक खुद को कोरोना वायरस केस की बहुत बड़ी संख्या से बचाया हुआ है. वहीं, अमेरिका और अधिकतर यूरोप बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. चीन अपनी पुरानी कारोबारी पटरी पर लौट आया है, और ये अहम है कि भारत भी जल्दी ही अपने पैरों पर दोबारा लौटे.
IMF ने अनुमान लगाया है कि भारत और चीन को छोड़ अधिकतर देश 2020 के लिए निगेटिव ग्रोथ में चले जाएंगे और 2021 में ही जाकर कुछ उभर सकेंगे.
IMF के मुताबिक 2021 के रिकवरी अनुमान बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेंगे कि महामारी पर 2020 की दूसरी छमाही में काबू पा लिया जाए. जिससे कंटेनमेंट की दिशा में हो रही कोशिशों को धीरे-धीरे नीचे किया जाए और फिर से उपभोक्ताओं और निवेशकों का विश्वास कायम किया जा सके.
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SAARC और ASEAN क्षेत्रों के छोटे राष्ट्रों का भी पॉजिटिव टेरेटरी में बने रहने का अनुमान है. जो देश बहुत हद तक टूरिज्म और शिपिंग पर निर्भर हैं उनकी जीडीपी को इस साल सबसे ज्यादा झटका लगेगा. ये नीचे की टेबल में देखा जा सकता है.
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आसियान क्षेत्र असल जीडीपी अनुमान- 2020
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स
अगर उपभोक्ता मूल्यों या कंज्यूमर प्राइसेज को देखा जाए तो अधिकतर देश घर की चीजों और सेवाओं में गिरावट देखेंगे. अहम देशों में सिर्फ चीन और सऊदी अरब ही इन कंज्यूमर प्राइस को बढ़ता देख सकते हैं.
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figure 3: साल 2019 के लिए कंज्युमर प्राइस इंडेक्स अनुमान
सऊदी अरब बहुत प्रभावित हुआ है, क्योंकि ये तेल के दामों में भारी गिरावट की वजह से है. चीन जो शुरू में महामारी का इपिसेंटर रहा, उसे भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर झटका लगा.
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Figure 4: 2020 और 2021 के लिए कंज्युमर प्राइस इंडेक्स अनुमान
2021 के अनुमानों की बात की जाए तो कीमतें दुनिया भर में 2019 के स्तर पर आ जाएंगी. इस अनुमान से साल 2020 के लिए उपभोक्ता कीमतों मे तेज करेक्शन देखा जा सकता है.
भारत में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स की तुलना 2019 से की जाए तो 120 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है. ऐसा भारतीयों की खर्च करने की क्षमता घटने की वजह से होगा.
लॉकडाउन ने सबसे ज्यादा असंगठित सेक्टर पर असर डाला है. भारत ��ब भी असंगठित क्षेत्र की कामयाबी पर निर्भर करता है. ये हैरानी की बात नहीं कि लॉकडाउन ने यहां सप्लाई चेन्स पर बुरा असर डाला है.
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Figure 5: देशों के लिए कंज्युमर प्राइस इंडेक्स बदलाव प्रतिशत में (2019-20)
भारत क्या कर सकता है?
2008 के वित्तीय संकट में आखिरी बार ��र्थव्यवस्था को झटका देखा गया था. साइड इफेक्ट के तौर भारत ने विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) को निवेश वापस लेते, रुपये का अवमूल्यन, स्टॉक मार्केट की गिरावट और नौकरियों में छटनी को देखा था. लेकिन तब कुछ कारगर उपायों के दम पर भारत जल्दी ही उन मुश्किल हालात से उभर आया था. संकट के बावजूद भारत की जीडीपी 5.8% के स्तर पर थी.
आज Covid-19 महामारी को कहीं बड़े संकट के तौर पर देखा जा रहा है और पिछले कुछ दशकों की मंदियों से अलग है. इसने एक तरह से पूरी दुनिया को ही थाम कर रख दिया है.
भारत सरकार ने लॉकडाउन के नुकसानों से निपटने के लिए अस्थायी तौर पर फौरी वित्तीय पैकेजों का ऐलान किया है. लेकिन दीर्घकालीन दृष्टि से देखें तो भारत को अपनी पटरी पर जितना जल्दी संभव हो सके लौटने के लिए और भी बहुत कुछ करना होगा.
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे अच्छा इस दौर से निकलते ही संभावित लिक्विडिटी संकट को आसान करना होगा. हम लैंडिंग रेट्स में जल्द गिरावट देख सकते हैं जिससे संभावित क्रेडिट किल्लत से निपटा जा सके. हम मौद्रिक नीति (मॉनीटरी पॉलिसी) में भी कुछ ढील देख सकते हैं. आर्थिक गिरावट को रोकने के लिए कुछ वित्तीय स्टिमुलस पैकेज भी हमें दिखने चाहिए.
ये भी पढ़ें- कोरोना संकट के बीच थोक महंगाई पर राहत, मार्च में आई मामूली गिरावट
भविष्य के निर्माण के लिए भारत को इस दोबारा जागरण की अवधि को धीरे लेकिन निश्चित तौर पर अपनी बुनियादी मजबूतियों को बढ़ाने में करना चाहिए. मोटे तौर पर चार क्षेत्र हैं जहां ताजा सुधार भारत को ऊंचा कर सकते हैं- इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, कृषि और निवेश का माहौल.
इंफ्रास्ट्रक्चर सतत प्रक्रिया है. लेकिन मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ भारत भविष्य में आज जैसे हालात वाली चुनौतियों से और बेहतर ढंग से निपट सकेगा. वर्क फोर्स को भी इसके लिए अपने कौशल (स्किल्स) को और निखारना होगा.
कृषि और उससे जुड़ी सप्लाई चेन्स इस लॉकडाउन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इसे दुरुस्त करने से भारतीय अर्थव्यवस्था तत्काल जीवंत हो सकेगी. भारत की जीडीपी में अब भी कृषि का खासा हिस्सा है.
निवेश के माहौल पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है. खास तौर पर नोटबंदी और जीएसटी की अफरा-तफरी के बाद. भारत को विदेशी संस्थागत निवेशकों को आकर्षित करने के लिए वित्तीय पॉलिसी में कुछ आश्वासन दिए जाने की आवश्यकता है. IMF की ओर से पॉजिटिव अनुमान के बाद खास तौर पर विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारत में 2020 और 2021 में निवेश के लिए विश्वास बढ़ेगा.
समग्र महामारी को लेकर चीन के रुख पर नाराजगी भी भारत के लिए मैन्युफैक्चिरिंग सेक्टर में बड़ा अवसर लाएगी. इलेक्ट्रोनिक्स और कम्युनिकेशन्स में मार्केट लीडर्स के लिए भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है.
जापान और कुछ अन्य देशों ने मैन्युफैक्चरिंग के लिए चीन पर निर्भरता घटाने के लिए प्लान तैयार कर लिए हैं. इस दिशा में बहुत कुछ इस पर निर्भर करेगा कि भारत Covid-19 महामारी से कितने कारगर ढंग से निपट पाता है.
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एक दिन ऐसा उग्र आंदोलन दिशाहीन हो जाएगा ! समझ जाइए फिर संभाले नहीं संभलेगा
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दिल्ली में वकीलों के हाथों बार-बार पिट रहे पुलिसवालों का आक्रोश आज फूट पड़ा है। सैकड़ों पुलिसवाले दिल्ली पुलिस के मुख्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। ये प्रदर्शन वकीलों की गुंडागर्दी के खिलाफ है। पुलिस के जवान पूछ रहे हैं कि क्या उनका कोई मानवाधिकार नहीं है। कई लोगों ने हाथ में 'हाउ इज द जोश- लो सर' की तख्तियां लिए हुए हैं। तीस हजारी और साकेत कोर्ट में पुलिसकर्मियों की पिटाई के विरोध में वकीलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक करीब 15 हजार पुलिसकर्मी आरटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर पहुंच चुके हैं। प्रदर्शनकारी लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। पूरे आईटीओ पर चारों तरफ की सड़कों पर पुलिस ही पुलिस नजर आ रही है। प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों के समर्थन में तमिलनाडु और बिहार पुलिस एसोसिएशन भी आ गया है। इसके अलावा रिटायर्ड पुलिस वेलफेयर एसोसिशन हरियाणा से भी लोग समर्थन करने दिल्ली पहुंचे हैं। दिल्ली सरकार कर्मचारी वेलफेयर एोसिएशन भी समर्थन में है। पुलिसकर्मियों की पिटाई की निंदा करते हुए बिहार और तमिलनाडु पुलिस एसोसिएशन ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उधर, गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है जिसमें जिन वकीलों के खिलाफ मामला दर्ज है लेकिन गिरफ्तारी से रोक लगाई गई है। पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा, ''पिछले कुछ दिनों में दिल्ली पुलिस के लिए परीक्षा की घड़ी है। दिल्ली पुलिस के लिए चुनौतियां नई नहीं हैं। हम तरह तरह की परिस्थिति को हैंडल करते आए हैं। पिछले कुछ दिनों में ऐसी घटनाएं हुईं लेकिन हमने इसे अच्छे कंट्रोल किया, फिलहाल स्थिति सुधर रही है। हमें जो कानून संभालने की जिम्मेदारी दी गई है, उसे ध्यान में रखना चाहिए। धरना दे रहे पुलिसकर्मियों ने पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। पुलिसकर्मी अब पुलिस आयुक्त इस्तीफा दो जैसी नारेबाजी कर रहे हैं। अमूल्य पटनायक को बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस मुख्यालय से बाहर ले जाया गया। क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं पुलिसकर्मी बता दें कि शनिवार 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें वकीलों ने पुलिस की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। पूरा विवाद पार्किंग को लेकर शुरू हुआ। उस दिन एक वकील एक गाड़ी को तीस हजारी कोर्ट के बाहर पार्क करके जाने लगा तो पुलिस वाले ने कहा कि इसे यहां से हटाएं। इसपर वकील ने कहा कि वे इसे आकर हटा देंगे।इसी के बाद झगड़ा शुरू हो गया। मालमा बिगड़ गया। एक पुलिस वाले ने गोली चला दी जो एक वकील को जा लगी। बाद में वकील को अस्पला में भर्ती कराया गया। आखिर क्यों फुट पड़ा जवानों का गुस्सा ? पुलिस के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब दिल्ली पुलिस अपने मुख्यालय के बाहर धरना दे रही है। सुबह 9 बजे से हजारों को संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान जोर जोर से शोर मचाते हुए प्रदर्शन कर रहे है। प्रदर्शन के कारण आईटीओ पर भारी जाम लग गया है। मुख्यालय का गेट बंद कर दिया गया है। ना तो कोई ऑफिसर बाहर निकल पा रहे है और ना ही कोई बाहर से अंदर जा पा रहा है। दरअसल ये गुस्सा इन जवानों ने कई सालों से दबा रखा था जो अब अचानक फुट पड़ा है। इस हड़ताल ने ये साबित कर दिया है कि अब जब तक ये दिल्ली पुलिस के जवान खुद नहीं चाहेंगे वो काम पर वापस नहीं लौटेंगे। ऐसे में सवाल ये कि आखिर जिन लोगों पर ही शहर की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी है वो खुद को असुरक्षित महसूस कर रहें तो जनता की सुरक्षा कौन करे ? ये एक कटु सत्य है की खुद दिल्ली पुलिस पर भी कई बार बर्बरता के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन आज जब उन पर बीत रही है तो वो खुद के लिए न्याय मांग रहे हैं। मगर ये भी सत्य है की पुलिस बल को और अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार बनाने की जरूरत पर जोर तो दिया जाता है। पुलिस बल में सुधार की जरूरत की बात भी कही जाती है। दावा ये भी किया जाता है की इस दिशा में कई स्तरों पर काम भी हो रहा है, लेकिन अपेक्षित नतीजे देखने को कभी नहीं मिल। यही कारण है कि एक तरफ आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं, तो दूसरी तरफ जनता के बीच पुलिस की छवि भी लगातार खराब होती जा रही है। यह शर्मनाक है कि कई मामलों में पुलिस अमानवीयता की हद पार कर देती है। इस दौर में सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस कब तक अमानवीय बनी रहेगी? यह भी कटु सत्य है कि एक तरफ हमारे देश की पुलिस पर काम का अत्यधिक बोझ है, तो दूसरी तरफ पुलिस की कार्यप्रणाली आम आदमी को कोई राहत नहीं दे पाती है। इसका सीधा प्रभाव कानून-व्यवस्था पर पड़ता है। इसीलिए समय-समय पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहे हैं। आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं, जो यह सिद्ध करती हैं कि हमारे देश की पुलिस में धर्य और विवेक जैसे मानवीय मूल्यों की भारी कमी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण ही है कि पुलिस अनेक तौर-तरीकों से समाज में बेवजह खौफ पैदा करने की कोशिश करती है। इसी से यह सवाल खड़ा होता है कि पुलिस की भूमिका एक रक्षक की है या फिर भक्षक की? इस माहौल में यह जरूरी हो गया है कि सरकार पुलिस बल को सुधारने की तीव्रता से पहल करे। पुलिस बल में सुधार की प्रक्रिया में जहां एक ओर हमें पुलिस पर काम का बोझ कम करने पर ध्यान देना होगा, वहीं दूसरी ओर पुलिस के व्यवहार को सुधारने पर भी काम करना होगा। तभी पुलिस बल में सुधार का असली उद्देश्य पूर्ण हो पाएगा। पुलिस का काम कानून और व्यवस्था के तंत्र को सुधारना है न कि उसे बिगाड़ना। लेकिन पुलिस के संदिग्ध क्रियाकलापों से न केवल कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है, बल्कि जनता के बीच उसकी छवि भी धूमिल होती है। यह सुनिश्चित करना पुलिस का कर्तव्य है कि समाज में अनावश्यक डर भी पैदा न हो और कानून-व्यवस्था भी बनी रहे। कई बार थानों में बलात्कार होने और हिरासत में मौतों के मामले सामने आए हैं। यह विडंबना ही है कि कुछ राज्यों में पुलिस मानवाधिकारों की रक्षा तो कर ही नहीं पा रही है, बल्कि एक कदम आगे बढ़ कर जानवरों जैसा बर्ताव कर रही है। समाज के नैतिक मूल्यों को देखने वाली पुलिस को अपने नैतिक मूल्यों पर भी ध्यान देना चाहिए। अक्सर ऐसी घटनाएं भी प्रकाश में आती रहती हैं कि अति विशिष्ट व्यक्ति के काफिले में गलती से किसी बेगुनाह व्यक्ति के घुस आने पर पुलिस बर्बरता के साथ पिटाई करती है। ऐसे मौकों पर पहले यह जानना जरूरी है कि व्यक्ति गलती से काफिले में घुसा है या जानबूझ कर। संवेदनशील मौकों पर ही पुलिस के असली कौशल की परीक्षा होती है। अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए फुर्ती के साथ सामने वाले की मंशा भांप लेने में ही पुलिस की सफलता और असफलता का पता चलता है। अगर ऐसे समय भी पुलिस अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं करेगी तो फिर उसमें और एक आम आदमी में क्या फर्क रह जाएगा? पुलिस को कानून और व्यवस्था की स्थिति पर जरूर ध्यान देना चाहिए, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि आम आदमी पर अत्याचार किया जाए। ऐेसा नहीं है कि पुलिस सराहनीय कार्य नहीं करती। वह अच्छे काम भी करती है, लेकिन पुलिस का अमानवीय चेहरा और व्यवहार उसके अच्छे कामों पर भारी पड़ता है। अपने इसी व्यवहार के कारण ही पुलिस जनता के बीच विश्वसनीय छवि नहीं बनाई पाई है। उत्तर प्रदेश और बिहार में व्यस्त चौराहों पर ट्रक ड्राइवर पुलिस वालों को दस-दस, बीस-बीस रुपए देकर आगे निकल जाते हैं। पुलिस के इन क्रियाकलापों को देख कर समाज में यह धारणा बन गई है कि अपराधी और धनाढ्य लोग पैसे देकर पुलिस को अपने प्रभाव में लेने की कोशिश करते हैं। पुलिस द्वारा गरीब और बेबस लोगों की एफआइआर न लिखे जाने की घटनाएं तो अम बात हैं। पुलिस एक आम आदमी से ऐसे बर्ताव करती है जैसे वह कोई आतंकवादी हो। सवाल यह है कि मानवीयता की रक्षा करने वाली पुलिस खुद इतनी अमानवीय कैसे हो जाती है? दरअसल, पुलिस पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। इस दबाव का प्रभाव उसके कार्य पर भी दिखाई दे रहा है। हाल यह है कि पुलिस न तो कानून और व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बना पा रही है, न ही जनता की समस्याएं दूर करने में रुचि दिखा रही है। कुछ समय पहले ह्यूमन राइट वाच ने भारतीय पुलिस से संबंधित विभिन्न विसंगतियों पर एक अध्ययन किया था। यह अध्ययन उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में पुलिस-तंत्र पर किए गए शोध पर आधारित था। इस शोध में बताया गया है कि भारत में पुलिस बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन करती है। पुलिस प्राथमिक रूप से किसी भी समस्या का हल दुर्व्यवहार और समाज में डर बैठा कर करना चाहती है। दुर्व्यवहार पुलिस की संस्थागत समस्या है और सभी सरकारें इस समस्या को दूर करने में नाकाम रही हैं। इस रिपोर्ट में मुख्य रूप से चार बिंदुओं पर ध्यान देने की बात कही गई थी। ये चार बिंदु हैं- अपराधों के विश्लेषण में पुलिस की असफलता, झूठे आरोप लगा कर गिरफ्तारी, दुर्व्यवहार और यातना देने की आदत और फर्जी म��ठभेड़। दरअसल पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए अनेक सुधारों की आवश्यकता है। इन सुधारों पर विचार करने के लिए समय-समय पर अनेक समितियों और आयोगों का गठन भी हुआ, लेकिन अभी भी नतीजा ढाक के तीन प���त वाला ही रहा। दरअसल, अनेक बार सत्ता अपने हित के लिए पुलिस का इस्तेमाल करती है। ऐसी स्थिति में भी पुलिस का रवैया एकपक्षीय हो जाता है और वह न्याय नहीं कर पाती। 1984 के सिख विरोधी दंगों हों या फिर 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद के दंगे हों, या 2002 में हुए गुजरात दंगे और 2008 में ओड़ीशा में होने वाले अल्पसंख्यक विरोधी दंगों रहे हों, सभी में पुलिस की भूमिका पर प्रश्नचिह्न लग चुका है। इसलिए पुलिस की नकारात्मक भूमिका के लिए अनेक कारक जिम्मेदार हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लेकिन इन सब कारकों से अलग जब पुलिस स्वयं ही आगे बढ़ कर अत्याचार करने लगे तो इसे कैसे अमदेखा किया जा सकता है? बहरहाल, पुलिस को अपनी छवि सुधारने के लिए अपने भीतर मानवीय मूल्यों का विकास करना होगा। इस कार्य के लिए एक निश्चित अंतराल पर कार्यशालाएं आयोजित की जा सकती हैं। पुलिस का काम आम आदमी को डराना-धमकाना नहीं है, बल्कि उसके पक्ष में खड़ा होना है। पुलिस बल के सुधार की प्रक्रिया में अनेक स्तरों पर कार्य किए जाने की आवश्यकता है। Read the full article
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getdreamjobonline · 5 years
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1947 Vs जॉब्स इन 2019 : तुलनात्मक रिपोर्ट
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गुलामी की जंजीरों को तोड़कर 15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हुआ था। स्वतंत्रता न केवल व्यक्तिगत सपनों को अपने साथ लेकर आई, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सपनों को भी अपने साथ लेकर आई। देश की स्वतंत्रता आर्थिक इतिहास में अपने आप में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी। करीब 200 साल गुलामी के कारण देश में बेहद गरीबी थी। शाक्षरता दर भी बेहद नीचे थी जिसके चलते उस वक्त रोजगार भी ना के बराबर थे। उस समय देश की करीब 85 से 90 प्रतिशत जनता खेती पर निर्भर थी। लोगों के पास खुद की जमीन थी, इसलिए खेती करके पैसा कमाना ज्यादा अच्छा समझते थे। चूंकी देश उस साल आजाद हुआ था, इसलिए नौकरियां बेहद कम थीं। आजादी के बाद केंद्र सरकार ने भी उसक वक्त खेती पर ज्यादा फोकस किया।
1951 में लागू की गई पहली पंचवर्षीय योजना में भी खेती और सिंचाई पर ही जोर दिया गया था ताकि खाद्य पैदावर को और बढ़ावा दिया जा सके और विदेशों से मंगाए जाने वाले खाद्यायन्न पर निर्भरता कम की जा सके। सरकार का यह कदम सफल रहा। इससे आर्थिक विकास भी उस वक्त सालाना 3.6 प्रतिशत रहा, जबकि टारगेट 2.1 प्रतिशत का था। जैसे जैसे सरकार पंचवर्षीय योजनाओं को लागू करती रही, वैसे वैसे देश में विकास की दर बढ़ती रही और नौकरियां भी धीरे धीरे बढ़ती रहीं।
हालांकि, 1991 से 1996 के बीच पीवी नरसिम्हा राव सरकार द्वारा शुरू किए गए उदारीकरण से देश में नौकरियों की एक दम बाढ़ सी आ गए थी। सरकारी नौकरियों के अलावा निजी सेक्टरों में भी नौकरियां बढ़ गई क्योंकि सरकार ने नियमों में ढील देते हुए निवेश को बढ़ावा दिया जिससे निजी क्षेत्र में कई कंपनियों द्वारा उद्योग लगाने और ऑफिस खोलने से लोगों के पास नौकरियों के अवसर बढ़ गए। राव सरकार के बाद आई दूसरी सरकारों ने भी उदारीकरण को जारी रखा। वर्तमतान में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भी आर्थिक और उदारीकरण पर जोर दे रही है जिससे और नौकरियां पैदा की जा सके।
आज आईटी सेक्टर बहुत तेजी से बढ़ रहा है जिससे और नौकरियों के दरवाजे खुल रहे हैं। वहीं, केंद्र सरकार कौशल विकास पर भी जोर दे रही है ताकि लोग खुद के भी स्वरोजगार शुरू कर सके। सरकार के इस कदम से लोगों ने कौशल विकास सीखकर आज खुद अपने पैरों पर खड़ें हैं। सरकारी नौकरियों से ज्यादा आज लोग निजी सेक्टर की ओर नौकरी के लिए रुख कर रहे हैं।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/1947-vs-jobs-in-2019-comparative-report-5103971/
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abhay121996-blog · 3 years
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डिफेंडर गुरिंदर ने हाल की सफलता का श्रेय मैदान पर बेहतर तालमेल को दिया Divya Sandesh
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डिफेंडर गुरिंदर ने हाल की सफलता का श्रेय मैदान पर बेहतर तालमेल को दिया
बेंगलुरू। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के डिफेंडर गुरिंदर सिंह ने कहा है कि मैदान पर खिलाड़ियों के बीच बेहतर तालमेल से टीम को इस साल की शुरूआत में जर्मनी, बेल्जियम और अर्जेंटीना दौरों पर अच्छे परिणाम हासिल करने में मदद मिली है। भारतीय टीम इस साल मार्च के अपने यूरोप दौरे पर अजेय रही थी और फिर अप्रैल में उसे केवल अर्जेंटीना से हार का सामना करना पड़ा था।
भारत के लिए 58 मैच खेल चुके गुरिंदर ने कहा, ” मैदान पर एक अच्छी यह रही है कि हमने हमेशा बेहतर तालमेल बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। कौशल महत्वपूर्ण है, लेकिन यदि खिलाड़ियों के बीच तालमेल नहीं होगा तो खिलाड़ियों के कौशल का सही उपयोग नहीं होगा। हमने यूरोप और अर्जेंटीना के अपने दौरों पर बेहतर तालमेल बिठाया।”
उन्होंने कहा, ” हमने गेंद को पास करते समय संकोच नहीं किया क्योंकि खिलाड़ी पिच पर अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे थे। यह हमारे लिए बहुत अच्छा संकेत है और हमने इस साल अपने मैचों में अच्छे परिणाम हासिल करने में निश्चित रूप से जो तालमेल बिठाया है, उससे हमें मदद मिली है।”
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26 साल के डिफेंडर का मानना है कि वह खुद को बेहद भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें हरमनप्रीत सिंह और सुरेंदर कुमार जैसे अनुभवी डिफेंडरों के साथ खेलने का मौका मिल रहा है।
उन्होंने कहा, ” हमारी टीम में युवाओं और अनुभवी खिलाड़ियों के बीच एक शानदार संतुलन है। मैं अपनी टीम में हरमनप्रीत सिंह और सुरेंद्र कुमार जैसे सीनियर खिलाड़ियों को पाकर बहुत भाग्यशाली महसूस करता हूं। उन्होंने भारत के लिए 100 से अधिक मैच खेले हैं और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। हमारे सीनियर्स हमेशा हमारे खेल में हमारी मदद के लिए मौजूद रहते हैं। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में मैं उनके जैसा खिलाड़ी बन सकता हूं।”
– -आईएएनएस
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