GodMorningTuesday
शराब है खराब
सुरापान मद्य मांसाहारी, गमन करे भोगे पर नारी ।। सत्तर जन्म कटत है शीशं, साक्षी साहेब है जगदीश ॥ -
शराब पीने वाले तथा परस्त्री को भोगने वाले, माँस खाने वालों को अन्य पाप कर्म भी भोगना होता है । उनके सत्तर जन्म तक मानव या बकरा बकरी, भैंस या मुर्गे आदि के जीवनों में सिर कटते हैं ।
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