राशिफल आज 28 फरवरी 2021: कर्क, कन्या, मकर, कुंभ के लिए आज रहेगा बदलाव दिन, जानें कैसा रहेगा आपका रविवार
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आज प्रतिपदा तिथि 11:18 पूर्वाह्न तक उसके बाद द्वितीया …
आज वर्ष 2021 की तारीख 28 फरवरी को रविवार रविवार का दिन है। रवि यानि सूर्य … ज्योतिष में सूर्य को योजनाओं का राजा माना गया है। वहाँ शरीर में यह मन का कारक है। जबकि कुंडली में इसे मान-सम्मान, अपमान व पिता का कारक माना गया है। यह कभी वक्री गति नहीं करता है। इनका रंग केसरिया व रत्न माणिक्य है। इस दिन के कारक देव स्वयं भगवान सूर्य नारायण हैं।
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मई 2021 में घटा रोजगार का आंकड़ा, देशभर में 9.2 लाख लोगों को मिली नौकरी Divya Sandesh
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मई 2021 में घटा रोजगार का आंकड़ा, देशभर में 9.2 लाख लोगों को मिली नौकरी
नई दिल्ली। कोरोना काल में जहां अर्थव्यवस्था के तमाम संकेतकों की तरह ही रोजगार का क्षेत्र भी काफी हद तक प्रभावित हुआ है।
मार्च 2020 के बाद से लेकर अभी तक की अवधि में संगठित और गैर संगठित क्षेत्रों में रोजगार की संख्या में लगातार कमी आई है। ऐसे कठिन समय में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से जारी नई सदस्यता के आंकड़ों ने रोजगार के मोर्चे पर चिंता और बढ़ा दी है। इस आंकड़े के मुताबिक इस साल मई महीने में मासिक आधार पर रोजगार की संख्या में कमी आई है। मई में देश के संगठित क्षेत्र में सिर्फ 9 लाख 20 हजार लोगों को ही रोजगार मिलने के संकेत मिले हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा जारी मई महीने के आंकड़े के मुताबिक मई 2021 में ईपीएफओ से 9.20 लाख लोग जुड़े। ये संख्या इसके पहले के महीने यानी अप्रैल 2021 की तुलना में करीब 28 फीसदी कम है। अप्रैल 2021 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से 12 लाख 76 हजार लोग जुड़े थे। वहीं पिछले वित्त वर्ष के आखिरी महीने यानी मार्च 2021 में कुल 11 लाख 22 हजार लोग कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़े थे।
भविष्य निधि संगठन से जुड़ने वाले आंकड़े नए रोजगार की स्थिति के बारे में बताते हैं। दरअसल संगठित क्षेत्र में रोजगार मिलने पर कर्मचारियों का नियमानुसार उसके वेतन से भविष्यनिधि की राशि काटी जाती है। उस राशि में नियोक्ता भी अपनी ओर से उतना ही योगदान देता है। ये राशि कर्मचारी के भविष्य निधि अकाउंट में जमा कराई जाती है लेकिन राशि जमा कराने के पहले नियोक्ता अपने कर्मचारी को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की सदस्यता दिलाता है। संगठित क्षेत्र में काम करने वाले हर कर्मचारी के लिए ईपीएफओ की सदस्यता लेनी जरूरी होती है। यही वजह से कि भविष्य निधि संगठन की सदस्यता को संगठित क्षेत्र में रोजगार के आंकड़े हासिल करने का यह सबसे सटीक और विश्वसनीय तरीका माना जाता है।
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि मई महीने में कुल 9 लाख 20 हजार लोगों ने भविष्य निधि संगठन की सदस्यता ली, इनमें 5 लाख 73 हजार लोग ऐसे थे, जिन्होंने पहली बार ईपीएफओ की सदस्यता ली थी। तीन लाख 47 हजार लोग ऐसे थे, जो पहले ईपीएफओ के सदस्य थे लेकिन बाद में उनकी सदस्यता खत्म हो गई थी और अब उन्होंने दोबार ईपीएफओ की सदस्यता ले ली। सरल शब्दों में कहा जाए तो मई में ईप��एफओ से जुड़ने वाले 9.20 लाख लोगों में से 5.73 लाख लोगों को संगठित क्षेत्र में पहली बार रोजगार मिला। मई में जिन 3.47 लोगों को दूसरी बार सदस्यता मिली, वे उन लोगों की श्रेणी में शामिल होते हैं, जो पहले नौकरी कर रहे थे लेकिन किसी कारणवश नौकरी चली गई थी। अब उन्हें दोबारा नौकरी मिल गई है, जिसके कारण वे एक बार फिर ईपीएफओ से जुड़ गए हैं। इन आंकड़ों मे एक जानकारी ये भी दी गई है कि मई के महीने में ईपीएफओ से जुड़ने वाले लोगों में महिलाओं की हिस्सेदारी 22 फीसदी रही है।
ईपीएफओ की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में मई के महीने तक कुल 57 लाख 50 हजार लोग ईपीएफओ की सदस्यता ले चुके हैं। साल के पहले महीने जनवरी में कुल 11 लाख 95 हजार लोग ईपीएफओ से जुड़े। इसी तरह फरवरी में 12 लाख 37 हजार, मार्च में 11 लाख 22 हजार, अप्रैल में 12 लाख 76 हजार और मई के महीने में 9 लाख 20 हजार लोगों ने ईपीएफओ की सदस्यता ली। इस तरह इस साल सबसे अधिक अप्रैल के महीने में ईपीएफओ की सदस्यता ली गई। दूसरे शब्दों में अप्रैल के महीने में देश में रोजगार का आंकड़ा 12 लाख 76 हजार लोगों तक पहुंच गया। वहीं 2021 में सबसे कम यानी 9 लाख 20 हजार का आंकड़ा मई के महीने में रहा।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कुल 77 लाख 8 हजार लोग ईपीएफओ से जुड़े थे। इसी तरह दौरान 2019-20 में ईपीएफओ के नए सदस्यों का आंकड़ा 78 लाख 58 हजार का था जबकि 2018-19 में संगठित क्षेत्र में रोजगार पाने वालों की कुल संख्या (ईपीएफओ सदस्यता के मुताबिक) 61 लाख 12 हजार थी। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल और मई को मिलाकर कुल 21 लाख 96 हजार लोग संगठित क्षेत्र में रोजगार हासिल करके ईपीएफओ की सदस्यता ले चुके हैं।
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बैंकों का ऋण कारोबार 6.63 प्रतिशत बढ़ा, जमा में 12.06 प्रतिशत की वृद्धि Divya Sandesh
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बैंकों का ऋण कारोबार 6.63 प्रतिशत बढ़ा, जमा में 12.06 प्रतिशत की वृद्धि
मुंबई, 14 मार्च (भाषा) बैंकों का ऋण 26 फरवरी, 2021 को समाप्त पखवाड़े में सालाना आधार पर 6.63 प्रतिशत बढ़कर 107.75 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान बैंकों के पास जमा राशि 12.06 प्रतिशत बढ़कर 149.34 लाख करोड़ रुपये रही। रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पिछले साल 28 फरवरी, 2020 को समाप्त पखवाड़े के दौरान बैंकों का ग्राहकों को दिया गया ऋण 101.05 लाख करोड़ रुपये और उनके पास जमा 133.26 लाख करोड़ रुपये रही थी। आंकड़ों के अनुसार 12 फरवरी, 2021 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों का ऋण 6.58 प्रतिशत बढ़कर 107.04 लाख करोड़ रुपये और जमा 11.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 147.81 लाख करोड़ रुपये पर थी। केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि समीक्षाधीन पखवाड़े में बैंकों के ऋण की वृद्धि दर स्थिर रही है। विश्लेषकों का कहना है कि खुदरा ऋण बढ़ने से बैंकों के कुल ऋण कारोबार में बढ़ोतरी हुई है। एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की पांच मार्च को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों के खुदरा ऋण में अभी और वृद्धि होगी। अभी यह वृद्धि नौ प्रतिशत है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में बैंकों के ऋण की वृद्धि 3.2 प्रतिशत रही है। इस दौरान बैंकों की जमा में 8.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
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