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#गाँधी परिवार
newshawkers · 17 days
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rightnewshindi · 2 months
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अदिति सिंह पर लाँछन लगाएँ, तभी मिलेगा टिकट; कांग्रेस विधायक ने प्रियंका गांधी पर लगाए गंभीर आरोप
अदिति सिंह पर लाँछन लगाएँ, तभी मिलेगा टिकट; कांग्रेस विधायक ने प्रियंका गांधी पर लगाए गंभीर आरोप
Uttar Pradesh News: रायबरेली से कांग्रेस MLA अदिति सिंह ने कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। अपने एक पॉडकास्ट के चलते अदिति सिंह ने ये भी बताया कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में गाँधी परिवार से भी अधिक अकड़ है। अदिति सिंह ने ये भी बताया कि जब वो 2017 में पहली बार MLA बनी थीं तो संयोग से राहुल गाँधी से भी उनकी मुलाकात हुई थी। अदिति सिंह ने बताया…
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aman-samachar · 3 months
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नेहरु गांधी परिवार के दो प्रधानमंत्रियों के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी का 16 मार्च को आगमन - Aman Samachar
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countryinsidenews · 3 months
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CIN /आत्मघाती बनी राहुल की न्याय यात्रा, दो दर्जन से अधिक दिग्गजों ने छोड़ी पार्टी: राजीव रंजन  
नई दिल्ली: राहुल गाँधी पर चुटकी लेते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि कांग्रेस के अवतारी पुरुष और युवराज राहुल गाँधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा, कांग्रेस छोड़ो यात्रा में बदल चुकी है. उनके इस कारनामे से देश अब कांग्रेस मुक्त भारत की ओर तेजी से बढ़ने लगा है. उन्होंने बार-बार यह साबित किया है कि उनका अवतार कांग्रेस को समाप्त करने के लिए ही हुआ है, लेकिन परिवार की गुलामी के…
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prakhar-pravakta · 4 months
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सरस्वती कालीबाड़ी में आज राम आएंगे, रामजी के साथ भव्य शोभायात्रा निकलेगी
सतना। पांच दशक के प्रतीक्षा संघर्ष साधना के बाद आज यह शुभ अवसर आया है की भगवान राम अपने जन्मभूमि मंदिर में पुनः प्रतिष्ठित हो रहे हैं। सरस्वती विद्यालय कालीबाड़ी मुख्त्यारगंज के तत्वावधान में धूमधाम से इस आनंद उत्सव को मनाया जाएगा। कालीबाड़ी परिसर में आज रविवार 12 बजे से राम आएंगे कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया है। समिति के सचिव डॉ व्ही के गाँधी ने बताया कि उक्त कार्यक्रम में विद्यालय परिवार…
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icnnetwork · 5 months
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#UP-केंद्रीय मंत्री स्मृती ईरानी ने दिया बड़ा बयान,अमेठी से गाँधी परिवार लोकसभा चुनाव नही ज���तेगा
#Election2024 #BJPvsCongress #IndiaCoreNews #SmritiIrani #CongressParty
#RahulGandhi #Amethi
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9327005315 · 1 year
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खुली गाँधी परिवार के कुकर्मो की फाइल
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madarinj · 1 year
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अश्वनी उपाध्याय की बड़ी PIL हिल गया सुप्रीम कोर्ट पूरा गाँधी परिवार मातम में
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satyanewshindi · 1 year
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bjp के लिए कांग्रेस एक मात्र रुकावट है। जिसे वह पूरी तरह से समाप्त करने का प्रयास कर रही है। लेकिंन कांग्रेस नेता राहुल गाँधी और....
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crazynewsindia · 1 year
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राहुल गाँधी ने संसद में जो कुछ कहा है, वह झूठ का पुलिंदा : जयराम
शिमला शिमला, भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा की राहुल गाँधी द्वारा सदन में अनर्गल और झूठे प्रलाप पर जम कर निशाना साधा और कांग्रेस के भ्रष्टाचार की परत-दर-परत खोलते हुए राहुल गाँधी के वक्तव्य को झू��� का पुलिंदा बताया।   उन्होंने कहा की जिस प्रकार राहुल गांधी ने झूठ को सच साबित करने का असफल प्रयास कल लोकसभा में किया वह दुर्भाग्यपूर्ण है उन्होंने केवल पूरे देश में सनसनी फैलाने का प्रयास किया है। राहुल गांधी जी और उनका परिवार जमानत व चल रहा है और समस्त जनता जानती है ��ि क्यों चल रहा है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में कोई भी किसी के साथ फोटो खिंचवा सकता है इसका मतलब यह नहीं कि उसके साथ किसी व्यक्ति के निजी संबंध हो, ऐसे तो राहुल गांधी, सोनिया गांधी ,उनके परिवार के सदस्यों, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जैसे अशोक गहलोत के साथ भी कई बड़े व्यापारियों के चित्र है इसका मतलब यह नहीं कि वह भी उनके साथ के साथ जुड़े है।   जयराम ने कहा कि राहुल गाँधी ने संसद में जो कुछ कहा है, वह झूठ का पुलिंदा है। झूठे आरोप लगाना और फिर भाग जाना राहुल गाँधी की आदत रही है। राहुल गाँधी हमेशा झूठ की राजनीति करते रहे हैं। कांग्रेस में अधिकतम नेता भ्रष्टाचार के आरोपों में संकलित हैं। राहुल गाँधी जी, आप और आपका परिवार ��्वयं नेशनल हेराल्ड मामले में हजारों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार में बेल पर चल रहे हैं। आपकी बहन ने जेल गए एक बैंकर को करोड़ों रुपये में एक पेंटिग बेची थी, यह भी देश की जनता जानती है। कांग्रेस की सरकार तो घोटालों की सरकार के ही रूप में प्रख्यात थी। कांग्रेस की यूपीए सरकार के 10 वर्षों में लाखों करोड़ रुपये के घपले-घोटाले हुए। राहुल गाँधी और कांग्रेस पार्टी को याद रखना चाहिए कि उनकी झूठ की राजनीति कभी भी सफल नहीं होने वाली क्योंकि देश की जनता उनके हथकंडों को भलीभांति जानती और समझती है।   राहुल गाँधी पर हमला जारी रखते हुए जयराम ने कहा कि राहुल गाँधी जी, आप जवाब दीजिये कि नेशनल हेराल्ड स्कैंडल क्या है? आप बताइये कि किस तरह आपने और आपके परिवार ने देश भर में फैली हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति हड़प ली। आपके ऊपर इस मामले में अभी भी केस चल रहा है। अगस्ता वेस्टलैंड में कमीशन किसने कमाया राहुल गाँधी जी, जवाब दीजिये। इसमें तो रिश्वत वाली बात इटली की अदालत में भी साबित हुई। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता और देश के विकास के लिए अहर्निश समर्पित आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी जैसे ईमानदार नेता पर राहुल गाँधी ने बेबुनियाद, तथ्यहीन, झूठे और शर्मनाक आरोप लगाए हैं, इसकी जितनी भी निंदा की जाय, कम है।   जयराम ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए सरकार के दौरान 1.86 लाख करोड़ रुपये का कोयला घोटाला हुआ, लगभग 70,000 करोड़ रुपये का कॉमनवेल्थ घोटाला हुआ, सेना के लिए आरक्षित जमीन में आदर्श सोसायटी घोटाला हुआ, 1.96 लाख करोड़ रुपये का 2G घोटाला हुआ, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला हुआ, सबमरीन घोटाला हुआ। कांग्रेस की वह सरकार ही घोटाले वाली सरकार थी। इससे पहले भी कांग्रेस का हाथ घोटालों से रंगा रहा है। बोफोर्स घोटाले को कौन भूल सकता है? उसमें तो राहुल गाँधी जी, आपके पिता जी राजीव गाँधी जी पर ही आरोप लगे थे। इसके आरोपी और आपके सम्बन्धी को देश से भगाने में मदद की गई, यह भी पूरा देश जानता है। कई वर्षों से कांग्रेस पार्टी और आपके परिवार का भ्रष्टाचार करने का इतिहास रहा है राहुल गाँधी जी।   वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार बोलती नहीं, बल्कि काम करती है। विगत 8 वर्षों में श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने लगभग 25 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट बिनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से विभिन्न योजनाओं की राशि बिना किसी बिचौलिए के सीधे लाभार्थियों के एकाउंट में हस्तांतरित किये गए हैं। इससे अब तक लगभग तीन लाख करोड़ रुपये बचाए गए जो पहले बिचौलिए खा जाया करते थे। आपके पिताजी ने ही कहा था राहुल गाँधी जी कि केंद्र से एक रुपये भेजते हैं तो केवल 15 पैसे ही जनता तक पहुँच पाते हैं। आज टैक्स चोरों से करोड़ों रुपये की रिकवरी हो रही है।   जयराम ने कहा कि राहुल गाँधी जी, आपकी कांग्रेस की सरकार में घपलेबाजों को, घोटालेबाजों को देश से बाहर भागने में मदद की जाती थी लेकिन श्री नरेन्द्र मोदी सरकार में भागे हुए भगोड़ों को वापस लाने की कार्रवाई हो रही है। कई का तो भारत प्रत्यर्पण भी कराया गया है। आगे भी इसी तरह भगोड़ों को लाया जाता रहेगा। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार हर स्तर पर देश के आर्थिक अपराधियों को कानून के दायरे में लाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए कई सख्त कानून भी बनाए गए हैं। हमने वित्तीय गड़बड़ी करने वालों को रोकने के लिए सखत कानून बनाया। हम फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स बिल लेकर आये, इंसोल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड लेकर आये, बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम लागू किया, राष्ट्रीय वित्तीय सूचना प्राधिकरण को मंजूरी दी। साथ ही, कई और क़ानून बनाए। Read the full article
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diku1968 · 1 year
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RT @lkantbhardwaj: जोधपुर में एक ही परिवार के 35 लोग की सलेंडर ब्लास्ट में मौत हो गई राजस्थान पधारे राहुल गाँधी जी , मुख्यमंत्री जी के साथ नृत्य संगीत का आनंद ले रहे हैं https://t.co/147CPUi1av
RT @lkantbhardwaj: जोधपुर में एक ही परिवार के 35 लोग की सलेंडर ब्लास्ट में मौत हो गई राजस्थान पधारे राहुल गाँधी जी , मुख्यमंत्री जी के साथ नृत्य संगीत का आनंद ले रहे हैं https://t.co/147CPUi1av
— #rtndhirenpathak (@bhujdigitalpay) Dec 19, 2022
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thedhongibaba · 1 year
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डॉ एनी बेसेन्ट सामान्य जानकारी के अनुसार एक अग्रणी आध्यात्मिक, थियोसोफिस्ट, महिला अधिकारों की समर्थक, लेखक एवं प्रसिद्ध वक्ता थी। एवं कुछ तथ्यों के अनुसार संभवतः ईसाई मिशनरी थी। सन 1917 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षा भी बनीं। इन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की ।
💥जन्म : १ अक्टूबर १८४७
लन्दन कलफम
💥मृत्यु : 20 सितम्बर 1933 (उम्र 85)
अड्यार मद्रास
परिचय और कार्य : एनी बेसेन्ट भारतीय वर्ण व्यवस्था की प्रशंसक थीं। डॉ॰ एनी बेसेन्ट की मान्यता थी कि बिना राजनैतिक स्वतंत्रता के इन सभी कठिनाइयों का समाधान सम्भव नहीं है।
डॉ॰ एनी बेसेन्ट के कथन और विचारों पर कुछ तथ्य :
(१) डॉ. एनी बेसेन्ट का विचार था कि अच्छाई के मार्ग का निर्धारण बिना अध्यात्म के संभव नहीं। कल्याणकारी जीवन प्राप्त करने के लिये मनुष्य की इच्छाओं को दैवी इच्छा के अधीन होना चाहिये। राष्ट्र का निर्माण एवं विकास तभी सम्भव है जब उस देश के विभिन्न धर्मों, मान्यताओं एवं संस्कृतियों में एकता स्थापित हो। सच्चे धर्म का ज्ञान आध्यात्मिक चेतना द्वारा ही मिलता है। (उनके इन विचारों को महात्मा गाँधी ने भी स्वीकार किया।)
(२) प्राचीन भारत की सभ्यता एवं संस्कृति का स्वरूप आध्यात्मिक था। यही आध्यात्मिकता उस समय के भारतीयों की निधि थी।
(३) बेसेन्ट का निश्चित मत था कि वह पिछले जन्म में हिन्दू थीं। वह धर्म और विज्ञान में कोई भेद नहीं मानती थीं। उन्होंने भारतीय धर्म का अध्ययन किया। उनका भगवद्गीता का अनुवाद 'थाट्स आन दी स्टडी ऑफ दी भगवद्गीता' है।
(४) "वे यह मानती थीं कि विश्व को मार्ग दर्शन करने की क्षमता केवल भारत में निहित है। "
(५) उस समय विदेश यात्रा को अधार्मिक समझा जाता था। उन्होंने बताया कि प्राचीन ऐतिहासिक तथ्यों से पता चलता है कि श्याम, जावा, सुमात्रा, कम्बोज, लंका, तिब्बत तथा चीन आदि देशों में हिन्दू राज्य के चिह्न पाये गये हैं। अत: हिन्दूओं की विदेश यात्रा प्रमाणित हो जाती है। उन्होंने विदेश यात्रा को प्रोत्साहन दिये जाने का समर्थन किया। उनके अनुसार आध्यात्मिक बुद्धि एवं शारीरिक शक्ति के सम्मिश्रण से राष्ट्र का उत्थान करना प्राचीन भारत की विशेषता रही है।
(६) डॉ एनी बेसेन्ट का विचार था कि शताब्दियों से ईसाई धर्म के नेता स्त्रियों को 'आवश्यक बुराई' कहते चले आ रहे हैं और चर्च के सबसे महान सेन्ट वे हैं जो स्त्रियों से सर्वाधिक घृणा करते हैं। अपने 'क्रिस्चियानिटी' नामक ग्रन्थ में वे बताती हैं कि वे गास्पेल को विश्वसनीय क्यों नहीं मानतीं हैं।
(७) डॉ . एनी बेसेन्ट ने वैज्ञानिक तथा एतिहासिक दृष्टिकोण से स्पष्ट कहा है - " हिन्दू धर्म (सनातन वैदिक धर्म) के सामने पाश्चात्य सभ्यता अत्यन्त हीन ज्ञात होती है । ज्ञान की कुञ्जी सदा से हिन्दुओं के हाथ में रही है । "
💥 सुकरात और अरस्तू पाश्चात्यो के सबसे बड़े विचारक और दार्शनिक है । वे कहते हैं- “ स्त्री शरीर में आत्मा नही होती । स्त्री ऐसे होती है जैसे मेज या कुरसी । जिस तरह मेज या कुरसी को कही भी उठाकर फेंका जा सकता है , स्त्री को भी कही भी उठाकर फेंका जा सकता है । स्त्री ऐसे होती है जैसे कोई कपडा । जब जरूरत पड़ी उतार के फेंक दिया , जब जरूरत पड़ी पहन लिया । कपडा शरिर पर हमेशा धारण किया नही जा सकता इसलिए स्त्री को भी हर समय साथ नही रखा जा सकता । उसे कपडे की तरह पहनना , फेंकना और बदलते रहना चाहिए । "
((also Ref : History of Animals Aristotle & Socrates Words of Wisdom.))
स्पष्ट है कि पाश्चात्यो के सर्वोच्च दार्शनिक और विचारकों के तुलना में हमारे निकृष्ट से निकृष्ट दार्शनिक भी उनसे अनेक गुणा अतित्योत्तम ही सिद्ध होंगे....पाशात्य के नितांत असभ्य जंगली गंवार uncivilized होने का जीवंत साक्ष्य है रखैल या लिव इन.. जहा परिवार नही है और विवाह नही बिल्कुल पशु... फटे कपड़े, शौचालय का न होना (भारत में प्राचीन शौचालय है, सिंधु घाटी से लेकर आज तक ), शौच करने पर बैल कुत्ते आदि जानवरों के भांती गुदा न धोना, खडे होकर भोजन करना, हर काम बिलकुल विज्ञान के विरूद्ध, 14 वी शताब्दी तक जंगली रहना, वन्य पशु के भांति रहना। जब भारत में लाखों विद्यालय थे तब वहा एक भी स्कूल नही था। इस प्रकार पाश्चात्य फटीचर वस्त्र विहिन, मानवता विहिन असभ्य जंगली थे। उनको चरित्र और मानवता सनातन सभ्यता या भारत कि देन है।
आज से केवल कुछ साल पहले जंगल के जानवरों और पाश्चात्यो मे कोई अंतर न था। अभद्रभुषा, कुत्ता कुत्तियो सी लिव इन उक्त अवस्था के जीवंत साक्ष्य है। पाश्चात्य और कुत्तो के जीवनशैली मे तब भी ९९. ९% साम्य था। आज भारत उनका अनुकरणीय होकर पिछड रहा है। आधुनिकता अर्थात् जंगली पाश्चात्य पशुओं का अंधाधुंधीकरण नही अपितु सत्य के कसौटी पर वैज्ञानिक अध्यात्म के साथ सनातन शाश्वत संस्कृति को धर्म को धारण करना सभ्यता है। सनातन पूर्ण विज्ञान होता है, unique होता है, ईश्वर की हर वस्तु unique है, सनातन धर्म संस्कृति ईश्वरीय है, जैसे चंद्रमा, सुर्य, पृथ्वी..
भारत में जो बौद्धिक दास सनातन को कहते हैं पुरानी परंपरा है , इसे छोड देना चाहिए वे मुख से खाना छोड़ दें , नेत्र से देखना और कानो से श्रवण भी छोड़ दे क्योंकि ये सब भी पुरानी परंपरा है और ये काम किसी और इन्द्रियों से करके दिखाए । सुर्य , चंद्रमा , जल , वायु भी पुराणे है । पृथ्वी भी पुराणी हैं इन सभी को त्यागकर के किसी नये लोक मे बस जाएं । सनातन तो सनातन है , सत्य है , परम है , प्राचीन होकर सदैव नवीन है शाश्वत है इसलिए उसे सनातन कहते हैं ।
भारतीय संस्कृति के बारे में अपना मत प्रकट करते हुए मि . डेलमार ( न्यूयार्क ) ने लिखा है - “ पश्चिमी संसार जिन बातों पर अभिमान करता है वे असल में भारतवर्ष से ही वहाँ गई हैं । और तो और तरह तरह के फल - फूल , पेड़ - पौधे , जो इस समय यूरोप में पैदा होते हैं हिन्दुस्तान में लाकर वहाँ उगाये गये थे । मलमल रेशम , घोड़े , टीन इनके साथ - साथ लोहा ओर सीसे का प्रचार भी यूरोप में भारत ��े ही हुआ । केवल इतना ही नहीं ज्योतिष , वैद्यक अंकगणित , चित्रकारी ओर कानून भी भारत वासियों ने ही यूरोप को सिखलाया ।"
~ (Ref . Akhanda jyoti . Sept. 1964)
(( #इतिहास #धर्म #भारतीयसंस्कृति))
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lokhitexpress · 2 years
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सीएम देवभोग आने की खबर सुन कर स्वतंत्रता सेनानी के परिवार में मूर्ति अनवारण की आस जगी
सीएम देवभोग आने की खबर सुन कर स्वतंत्रता सेनानी के परिवार में मूर्ति अनवारण की आस जगी
✍️लोकहित एक्सप्रेस न्यूज़ कॉम संवाददाता छत्तीसगढ़ गरियाबंद विक्रम कुमार नागेश की रिपोर्ट  देवभोग;–गरियाबंद जिले के देवभोग गाँधी चौक के हृदय स्थल पर स्थित पंडित श्याम शंकर मिश्र की मूर्ति स्थापित है। जिसके अनावरण के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का परिवार कई अधिकारी कर्मचारियों के चक्कर काट चुके थे अब जब सीएम देवभोग आने की खबर सुन कर स्वतंत्रता सेनानी के परिवार मूर्ति का अनावारण होने आशा की किरण…
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efinncenter · 2 years
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On August 15, Monday, India will mark 75 years of Independence. The country gained freedom from British colonial rule on August 15, 1947. As we gear up to celebrate the 76th Independence Day, it is crucial to remember the importance of this day, the history of our nation, and the sacrifices our freedom fighters made to gain freedom from the clutches of the British Empire. On this day, the country's citizens hoist flags while singing the national anthem and cultural parades take place all over the country. The Prime Minister also hoists the national flag and gives a speech at the Red Fort. It is a tradition started by the first prime minister of India, Jawaharlal Nehru, who raised the national flag above the Lahori Gate of Red Fort in Delhi in 1947. प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। १५ अगस्त १९४७ के दिन भारत के प्��थम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने, दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। महात्मा गाँधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लोगों ने काफी हद तक अहिंसक प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा आंदोलनों में हिस्सा लिया। स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित किया गया, जिसमें भारत और पाकिस्तान का उदय हुआ। विभाजन के बाद दोनों देशों में हिंसक दंगे भड़क गए और सांप्रदायिक हिंसा की अनेक घटनाएं हुईं। विभाजन के कारण मनुष्य जाति के इतिहास में इतनी ज्यादा संख्या में लोगों का विस्थापन कभी नहीं हुआ। यह संख्या तकरीबन 1.45 करोड़ थी। भारत की जनगणना 1951 के अनुसार विभाजन के एकदम बाद 72,26,000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गये और 72,49,000 हिन्दू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए। इस दिन को झंडा फहराने के समारोह, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। भारतीय इस दिन अपनी पोशाक, सामान, घरों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर इस उत्सव को मनाते हैं और परिवार व दोस्तों के साथ देशभक्ति फिल्में देखते हैं, देशभक्ति के गीत सुनते हैं। (at Delhi, India) https://www.instagram.com/p/ChRA6YghV8u/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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countryinsidenews · 2 years
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दिल्ली / मलिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना राहुल गांधी का मास्टर स्ट्रोक, जगजीवन राम के बाद दूसरे "दलित" अध्यक्ष होंगे
दिल्ली / मलिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना राहुल गांधी का मास्टर स्ट्रोक, जगजीवन राम के बाद दूसरे “दलित” अध्यक्ष होंगे
धीरेन्द्र वर्मा -दिल्ली से / मलिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना राहुल गांधी का मास्टर स्ट्रोक, दक्षिण को मजबूत  पर राहुल गाँधी ने फोकस किया. देश के बड़े दलित नेता माने जाते हैं. नेहरू-गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे हैं. विपक्ष के नेताओं से खड़गे का बेहतर संबंध रहा है. चुनावी राजनीति का बड़ा अनुभव रहा है. लेकिन मलिकार्जुन खरगे की कुछ कमी भी राजनीति में दिख रही है. हिंदी पट्टी में कम…
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netepathshala2020 · 2 years
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On August 15, Monday, India will mark 75 years of Independence. The country gained freedom from British colonial rule on August 15, 1947. As we gear up to celebrate the 76th Independence Day, it is crucial to remember the importance of this day, the history of our nation, and the sacrifices our freedom fighters made to gain freedom from the clutches of the British Empire. On this day, the country's citizens hoist flags while singing the national anthem and cultural parades take place all over the country. The Prime Minister also hoists the national flag and gives a speech at the Red Fort. It is a tradition started by the first prime minister of India, Jawaharlal #Nehru, who raised the national flag above the Lahori Gate of Red Fort in Delhi in 1947. प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। १५ अगस्त १९४७ के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल #नेहरू ने, दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। महात्मा #गाँधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लोगों ने काफी हद तक अहिंसक प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा आंदोलनों में हिस्सा लिया। स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित किया गया, जिसमें भारत और पाकिस्तान का उदय हुआ। विभाजन के बाद दोनों देशों में हिंसक दंगे भड़क गए और सांप्रदायिक हिंसा की अनेक घटनाएं हुईं। विभाजन के कारण मनुष्य जाति के इतिहास में इतनी ज्यादा संख्या में लोगों का विस्थापन कभी नहीं हुआ। यह संख्या तकरीबन 1.45 करोड़ थी। भारत की जनगणना 1951 के अनुसार विभाजन के एकदम बाद 72,26,000 मुसलमान भारत छोड़कर पाकिस्तान गये और 72,49,000 हिन्दू और सिख पाकिस्तान छोड़कर भारत आए। इस दिन को #झंडा फहराने के समारोह, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। #भारतीय इस दिन अपनी पोशाक, सामान, घरों और वाहनों पर #राष्ट्रीय #ध्वज प्रदर्शित कर इस उत्सव को मनाते हैं और परिवार व दोस्तों के साथ #देशभक्ति फिल्में देखते हैं, देशभक्ति के गीत सुनते हैं। (at Delhi, India) https://www.instagram.com/p/ChRAXBZK4lU/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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