बिहार की राजधानी कहां है | Bihar Ki Rajdhani Kahan Hai
बिहार की राजधानी कहां है | bihar ki rajdhani kahan hai | बिहार की राजधानी क्या है | bihar ki rajdhani kya hai | bihar ka capital kya hai
बिहार की राजधानी कहां है (Bihar Ki Rajdhani Kahan Hai)
बिहार की राजधानी “पटना” है।
राज्यबिहारराजधानीपटना
जैसा की बिहार की राजधानी कहां है? के बारे में हमने जाना की बिहार की राजधानी पटना है। पर क्या आपको पता है की बिहार की राजधानी पटना की स्थापना कब और किसने…
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सावन 2021: ये हैं देश में अलग-अलग स्थानों पर स्थित भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग
चैतन्य भारत न्यूज
सावन माह में जो भी भक्त भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम जपता है उसके सातों जन्म तक के पाप नष्ट हो जाते हैं। भोलेनाथ के सबसे प्रिय माह सावन में चैतन्य भारत न्यूज द्वारा सभी बारह ज्योतिर्लिंगों की विशेषता की खास प्रस्तुति दी जाएगी।
क्या है ज्योतिर्लिंग?
हिन्दू धर्मग्रंथों में शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख मिलता है। जहां-जहां ये ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं, वहां भव्य शिव मंदिर बने हुए हैं। शिवपुराण में वर्णित है कि ब्रह्म, माया, जीव, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को ज्योतिर्लिंग कहा गया है। शिवपुराण के मुताबिक, आकाश से ज्योति पिंड पृथ्वी पर गिरे और उनसे थोड़ी देर के लिए प्रकाश फैल गया। इसी तरह अनेक उल्का पिंड आकाश से धरती पर गिरे थे लेकिन हजारों पिंडों में से प्रमुख 12 पिंड को ही ज्योतिर्लिंग में शामिल किया गया है।
जानिए कहां-कहां स्थापित है ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। कहा जाता है कि, विदेशी आक्रमणों के कारण यह 17 बार नष्ट हो चुका है। हर बार यह ब��गड़ता और बनता रहा है।
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आन्ध्रप्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है। कहा जाता है कि, इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन नगरी में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग की विशेषता है कि, यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां सुबह होने वाली भस्म आरती विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहां के लोगों का मानना है कि, भगवान महाकालेश्वर ही उनके राजा हैं और वे ही उज्जैन नगरी की रक्षा कर रहे हैं।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध शहर इंदौर के समीप स्थित है। जहां यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, उस स्थान पर नर्मदा नदी है। पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊं का आकार बनता है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में स्थित है। केदारनाथ समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। केदारनाथ का वर्णन स्कंद पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर की विशेषता है कि, जो भक्त श्रृद्धा से सुबह सूर्य निकलने के बाद ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है, उसके सात जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं।
काशीविश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग उत्तरप्रदेश के काशी नामक स्थान पर स्थित है। इस स्थान की मान्यता है, कि संकट आने पर भी यह स्थान बना रहेगा। सभी धर्म स्थलों में काशी का अत्यधिक महत्व बताया गया है।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग के पास ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है। कहा जाता है कि, भगवान शिव को गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के आग्रह पर यहां ज्योतिर्लिंग रूप में रहना पड़ा।
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग झारखण्ड प्रांत, पूर्व में बिहार प्रांत के संथाल परगना के दुमका नामक जनपद में पड़ता है। इस ज्योतिर्लिंग की गिनती नौवें स्थान पर होती है। इस स्थान को वैद्यनाथ धाम भी कहा जाता है।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के बाहरी क्षेत्र द्वारिका स्थान में स्थित है। द्वारका से भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 17 मील की है। इस ज्योतिर्लिंग की विशेषता यह है कि, जो भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ यहां दर्शन के लिए आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथ नामक स्थान में स्थित है। कहा जाता कि, इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना भगवान श्रीराम ने की थी। जिसके चलते इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के संभाजीनगर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है। शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है। एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं इस मंदिर के समीप स्थित हैं। यहां श्री एकनाथजी गुरु व श्री जनार्दन महाराज की समाधि भी है। यहां के मंदिर को घृसणेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।
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यदि आपका पटना में घर बनाने का सपना है, तो जमीन की दर कहां है, इन क्षेत्रों की मांग सबसे अधिक है
यदि आपका पटना में घर बनाने का सपना है, तो जमीन की दर कहां है, इन क्षेत्रों की मांग सबसे अधिक है
पटना। हर किसी का सपना होता है कि उसका खुद का घर हो। अगर बिहार की राजधानी पटना की बात करें, तो पिछले कुछ वर्षों में, पटना शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है, जहां लोग अपने घरों के लिए जमीन खरीद रहे हैं। अगर आपका भी पटना में घर बनाने का सपना है, तो हम आपको बताने जा रहे हैं कि पटना के किन इलाकों में तेजी से विकास हो रहा है और किन इलाकों में सर्किल रेट है।
स्मार्ट सिटी के बाद,…
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राज्य में पानी का बुलबुला बनकर रह गया कृषि कानूनों का विरोध, विपक्ष के सामने भाजपा दिखा रही दम [Source: Dainik Bhaskar]
राज्य में पानी का बुलबुला बनकर रह गया कृषि कानूनों का विरोध, विपक्ष के सामने भाजपा दिखा रही दम [Source: Dainik Bhaskar]
देश की राजधानी नई दिल्ली में कई राज्यों के किसान कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन की अगुवाई पंजाब और हरियाणा के किसान कर रहे हैं। लेकिन इस किसान आंदोलन में बिहार के किसान कहां है? कहीं-कहीं हुए छिटपुट विरोध प्रदर्शनों को छोड़ दें तो बिहार में विरोध प्रदर्शन न के बराबर हुए हैं। बिहार में विपक्ष ने बड़े तामझाम के साथ इस विरोध प्रदर्शन को आगे बढ़ाने की ठानी थी, लेकिन यह…
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बिहार में चुनाव है और प्रदेश की राजधानी पटना में राजनीतिक सरगर्मी उफान पर है। ऊपर से मौसम की गर्मी। खबरों की गहमागहमी के बीच यह पटना के गांधी मैदान के बगल बिस्कोमान भवन के नीचे का सत्तू वाला ठेला है।
दोपहर के 2:30 बज चुके हैं। गर्मी के इस मौसम में गांधी मैदान के पास ऐसे दो-तीन सत्तू के ठेले वाले हैं, जो मसालेदार सत्तू पिलाकर गर्मी से राहत भी देते हैं, स्वाद भी।
सत्तू वाले को ऑर्डर देकर कई लोग इंतजार में हैं। अब मैं भी इन्हीं में जुड़ चुका हूं। सफेद शर्ट में खड़े एक सज्जन जो पक्का सचिवालय वाले बाबू जैसे लग रहे हैं, कुछ ज्यादा बेचैन हैं। मुंह में भरी पान की पीक ने बोलने पर ताला लगाया हुआ है। मुश्किल ये कि कुछ बोलना चाहते हैं और पीक थूकना भी नहीं चाहते। गजब की ऊहापोह दिख रही है। शायद सत्तू आने तक ऐसे ही दाबे रहने के मूड में हैं। इनके साथ दो लोग और हैं। लेकिन अभी तक सब शांत।
मैंने चुप्पी तोड़ते हुए सवाल उछाला... इस बार चुनाव में कुछ मजा नहीं आ रहा है।
ब्लू टी शर्ट वाले ने कहा- ‘कहां से मजा आएगा भैया, ई कोरोना ने सब बर्बाद कर दिया है... ना त पहले चुनाव से दू महीना पहले पूरा माहौल हज हज हो जाता था। अब न प्रचार हो रहा है और न उम्मीदवार दिख रहे हैं... सब करोनवा बर्बाद कर दिया है। लग रहा है ना कि हम लोग का दुर्गा पूजा भी ई ले बीतेगा।’ एक ही सांस में बहुत कुछ कह डाला है।
उन्हीं के साथ वाले कुर्ता-पजामा धारी ने टोकते हुए कहा- ‘तुम खाली कोरोना को दोष काहे दे दे रहे हो जी। ई पार्टी वाला सब भी तो खूबे नौटंकी किया है... देख नहीं रहे हो टिकट बांटने में कितना झेंज बतिया रहा है। टिकट तो आचार संहिता लागू होने से पहले ही बंट जाता था। नेता सब प्रचार करने चले जाते थे। लेकिन अब की जो पार्टी वाला किया है, उ सबको कनफ्यूज कर दिया है। देख रहे हो न, ई नेतवा सब 20 दिन से आकर पटना में पड़ा है। कौनो रिश्तेदार के यहां तो कउनो होटल में पड़ल है।’
पान की पीक दबाए सज्जन अब तक व्यग्र हो चुके हैं। लगता है अब पीक उगल ही देंगे... लेकिन नहीं, पान शायद महंगा वाला है, सो पीक सम्भालते हुए मुंह ऊपर करके बोले- ‘ये भैया, पता नहीं पटिया (पार्टी) वाला सब काहे देर किया है... भीतरी कुछ बात होगा तब ना... ना तो पहले बड़ा बढ़िया से समझौता हो जाता था...’
कुर्ता-पयजामा वाले ने कहा- ‘अरे तुम नहीं जानते हो सब चिरगवा फंसा दिया है ना... बोल दिया है कि नीतीश के खिलाफ अकेले चुनाव लड़ेंगे... अब बीजेपी वाला सब उसके खिलाफ बोलिए नहीं रहा है... अब तो बीजेपी के लिए न निगलते बन रहा है, न उगलते बन रहा है... वही में न सब बात फंसा हुआ है... ।’ थोड़ा रुककर बोले, तेजस्वी तो पहले ही सब फाइनल कर दिया है... मांझी, कुशवाहा को निकाल दिया है। देखे नहीं उ दिन मुकेश सहनी खिसिया के भाग गया... तेजस्वी उसको टिकट नहीं दिया... सुने हैं अब उ भजपा वालन के साथ चुनाव लड़ेगा।'
मैंने बीच में टोकते हुए कहा- ‘ई सब तो ठीक है, लेकिन ई चिराग पासवान काहे बिदके हुए हैं...’ कुर्ता पायजामा वाले ने कहा, 'अरे भइया ई रामविलास के ना पूत है... मौका देख के राजनीति करता है... आपको क्या लगता है, ई सब चिराग कर रहा है... अरे, इसके पीछे बहुत बड़ा बैकअप है... ना त नीतीश के सामने बड़-बड़ नेता बोल ना पाते हैं... ई कल के नेता उनकरा सामने एतना बोल रहा है कि नीतीशो चुप्पी साध लिए हैं...।' तभी मसालेदार सत्तू का गिलास सामने आ गया, सत्तू के घूंट की तरावट के साथ गर्मी थमी तो बहस को भी विराम मिलता दिखा, लेकिन तभी कुछ बाइक वाले आकर रुके। लगा कि माहौल में कोई नए तरह की गर्मी आने वाली है, लेकिन इस टीम ने अपना कुछ पुराना हिसाब चुकता किया और चल दिए। हम भी अगले पड़ाव कि ओर चल पड़े थे।
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Bihar Election 2020; Patna Locals Political Debate On Chirag Paswan Lok Janshakti Party And Nitish Kumar
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बिहार की राजधानी पटना में एक जगह है वीर चंद पटेल पथ। ये वो जगह है, जहां भाजपा का प्रदेश कार्यालय बना है। बिहार भाजपा के प्रदेश कार्यालय के मेन गेट से जब आप अंदर आएंगे, तो दाईं तरफ आपको एक पोर्टिको दिखेगा। पोर्टिको भी एक तरह से गेट ही होता है। पोर्टिको के अंदर से एक मेन गेट और है, इसकी दाहिनी तरफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल का ऑफिस दिखेगा।
प्रदेश अध्यक्ष के दफ्तर जाने के भी दो रास्ते बने हैं। पहला तो सामने से ही है और दूसरा बाएं तरफ है। प्रदेश अध्यक्ष के दफ्तर के ठीक बगल में भाजपा ने बिहार चुनाव के लिए वॉर रूम तैयार किया है। इस वॉर रूम में अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग कैबिन बने हुए हैं। यहां चुनाव से जुड़े जरूरी या यूं कहें सबसे जरूरी काम हो रहे हैं।
इस पूरे वॉर रूम की जिम्मेदारी एक व्यक्ति को प्रभारी के रूप में दी गई है और यहां से चुनाव की सभी तैयारियों को आखिरी रूप दिया जा रहा है। भाजपा के वॉर रूम में 35 लोगों की टीम है, जो 12 घंटे काम कर रही है। उनके खाने-पीने की व्यवस्था पार्टी दफ्तर में ही हो रही है।
तो चलिए जानते हैं, भाजपा के इस वॉर रूम में जो अलग-अलग डिपार्टमेंट हैं, उनका क्या काम है...
वर्चुअल रैलियों की तैयारी
इस बार बिहार में बड़ी-बड़ी रैलियां तो नहीं होंगी। लिहाजा पार्टियां वर्चुअल रैलियों पर फोकस कर रही हैं। भाजपा ने काफी पहले से ही वर्चुअल रैलियों की शुरुआत कर दी थी। सबसे पहले जून में अमित शाह ने बिहार में वर्चुअल रैली की थी।
वर्चुअल रैली की तैयारियों को लेकर वॉर रूम में एक अलग सेगमेंट बनाया गया है, जिसमें आईटी से जुड़े लोग रैली की तैयारियों को देखते हैं। यहां बैठे लोग वर्चुअल रैलियां कब, कहां और कैसे करानी है, इसका पूरा प्लान तैयार करते हैं।
आने वाले समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत भाजपा के कई बड़े नेताओं की वर्चुअल रैली भी होनी है, उसकी तैयारियां भी इसी वॉर रूम में हो रही हैं।
बड़े नेताओं के कार्यक्रम की तैयारी
वॉर रूम में एक सेगमेंट सिर्फ बड़े नेताओं के कार्यक्रम की तैयारी करने के लिए बनाया है। बिहार में चुनाव प्रचार के लिए भाजपा के केंद्रीय स्तर के बड़े नेता आएंगे। ऐसे में उनके रहने, खाने-पीने की व्यवस्था की जिम्मेदारी इस सेगमेंट के लोगों के ऊपर है। इसके साथ ही आने वाले नेता, जहां प्रचार करने जाएंगे, वहां की व्यवस्था भी यही लोग करेंगे।
प्रदेश स्तर के नेताओं के कार्यक्रम की तैयारी
इसके साथ ही एक कैबिन प्रदेश स्तर के नेताओं के कार्यक्रम तय करने के लिए भी बनाया गया है। यहां तय हो रहा है कि किस नेता का किस क्षेत्र में ज्यादा प्रभाव है। ऐसे क्षेत्रों में उनका कार्यक्रम तय किया जा रहा है। इन नेताओं को वहां जाकर जनसंपर्क करना है।
जातीय समीकरण देखने के लिए भी अलग कैबिन
कहा जाता है कि बिहार में रोटी, बेटी और वोट जाति देखकर ही दिया जाता है। बिहार की राजनीति में जाति ही बड़ा फैक्टर भी साबित होती है। इसलिए भाजपा ने अपने वॉर रूम में एक कैबिन ऐसा बनाया है, जिसका काम जातीय समीकरणों को देखते हुए उस जाति के नेताओं के कार्यक्रम तय करना है।
भाजपा के एक नेता को इसका प्रभारी बनाया गया है, जो ये तय करते हैं कि किस क्षेत्र में किस जाति का बड़ा वोट बैंक है और वहां उस जाति के बड़े नेता का कितना बड़ा प्रभाव है। इस वॉर रूम से ही तय होता है कि किस जाति के नेता को किस क्षेत्र में जाना है।
एक कैबिन इलेक्शन मैनेजमेंट और घोषणापत्र का
भाजपा के वॉर रूम में एक कैबिन इलेक्शन मैनेजमेंट और घोषणापत्र का है। मंत्री प्रेम कुमार की अध्यक्षता में एक टीम बनी है, जो घोषणापत्र पर काम कर रही है।
घोषणापत्र तैयार करने की अलग टीम
इसी तरह मंत्री मंगल पांडे की भी एक टीम है, जो अलग-अलग क्षेत्रों में चुनाव प्रचार कैसे किया जा रहा है, उन्हें किस तरह चुनाव प्रचार सामग्री चाहिए, चुनाव प्रचार करने वाली टीम को किस तरह की व्यवस्था चाहिए, इस पर काम कर रही है।
गोपनीय शाखा नाम से भी डिपार्टमेंट
भाजपा के वॉर रूम में एक गोपनीय शाखा नाम से डिपार्टमेंट भी है, जहां कोर टीम बैठकर चुनावी रणनीति तैयार करती है। विपक्षी पार्टियों को कैसे काउंटर करना है, सब यहीं से तय होता है। हालांकि, पार्टी नेताओं ने इस डिपार्टमेंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है।
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Bihar Assembly Election 2020/BJP War Room Update: Know What Are the Roles and Responsibilities? Update From Patna Office
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Today 431 people lost their lives; Death toll in Delhi reached close to 3 thousand, 198 patients died in Maharashtra within 24 hours | आज 444 लोगों की जान गई; दिल्ली में मरने वालों का आंकड़ा 3 हजार के करीब पहुंचा, 24 घंटे के अंदर महाराष्ट्र में 198 मरीजों की मौत
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Today 431 people lost their lives; Death toll in Delhi reached close to 3 thousand, 198 patients died in Maharashtra within 24 hours | आज 444 लोगों की जान गई; दिल्ली में मरने वालों का आंकड़ा 3 हजार के करीब पहुंचा, 24 घंटे के अंदर महाराष्ट्र में 198 मरीजों की मौत
तमिलनाडु में 64 मरीजों की मौत, यहां मरने वालों की संख्या 1,385 हो गई
देश की राजधानी दिल्ली में 59 और उत्तर प्रदेश में 14 लोगों की जान गई
दैनिक भास्कर
Jul 04, 2020, 12:09 AM IST
नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 18,669 हो गई है। शुक्रवार को 16 राज्यों में 444 मरीजों की जान चली गई। देश की राजधानी दिल्ली में 64 लोगों की मौत हुई। यहां मरने वालों का आंकड़ा अब तीन हजार के करीब पहुंच गया है। राज्य में अब तक 2923 मौतें हो चुकी हैं।
सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 198 लोगों ने दम तोड़ दिया। यहां अब तक 8376 लोगों की मौत हो चुकी है। कर्नाटक में पिछले एक हफ्ते से मौतों की संख्या में तेजी आई है। यहां शुक्रवार को 21 संक्रमितों की जान चली गई। राज्य में मरने वालों का आंकड़ा अब 293 हो गया है।
इन राज्यों में भी गई संक्रमितों की जान
शुक्रवार को गुजरात और पश्चिम बंगाल में 18-18, उत्तर प्रदेश में 14, राजस्थान में 10, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 8-8, बिहार में 6, पंजाब में 5, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और मध्य प्रदेश में 4-4, ओडिशा में 2 और पुडुचेरी में 1 की जान चली गई।
संक्रमण से कहां कितनी मौतें?
राज्य
मौतें महाराष्ट्र 8,376 दिल्ली 2,923 गुजरात 1,905 तमिलनाडु 1,321 पश्चिम बंगाल 717 मध्य प्रदेश 593 उत्तर प्रदेश 749 राजस्थान 440 तेलंगाना
283
हरियाणा 255 कर्नाटक 293 आंध्र प्रदेश 206 पंजाब 157 जम्मू कश्मीर 119 बिहार 84 उत्तराखंड 42 केरल 25 ओडिशा 37 झारखंड 15 छत्तीसगढ़ 14 असम 14 हिमाचल प्रदेश 09 चंडीगढ़ 06 पुडुचेरी 13 मेघालय 01 लद्दाख 01 त्रिपुरा 01 गोवा 04 अरुणाचल प्रदेश 01 कुल 18,669
फोटो दिल्ली की है। यहां कोरोना संक्रमण से मरने वाले शख्स का अंतिम संस्कार करता स्वास्थ्यकर्मी। यहां अब तक 2,923 लोगों की जान जा चुकी है।
06 शहर जहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं
शहर
मौतें मुंबई 4,762 अहमदाबाद 1,410 ठाणे 1,075 पुणे 826 चेन्नई 993 कोलकाता 402
पांच दिन जब सबसे ज्यादा मौतें हुईं
तारीख
मौतें 16 जून 2,004 21 जून 426 23 जून 468 24 जून 424 30 जून 506
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देश में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 18,226 हो गई है। गुरुवार को 378 लोगों की मौत हुई। तमिलनाडु की राजधानी में मरने वालों की संख्या एक हजार के करीब हो गई है। यहां अब तक 961 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में 1,321 मरीज दम तोड़ चुके हैं।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 125 मरीजों की मौत हुई। ठाणे देश का तीसरा शहर बन गया है, जहां एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। शहर में अब तक 1,025 लोगों की मौत हुई है। राज्य की बात करें तो यहां अब तक 8,178 लोग जान गंवा चुके हैं। उधर, देश की राजधानी दिल्ली में 61 मरीजों ने दम तोड़ दिया। यहां 2,864 मौतें हो चुकी हैं।
इन राज्यों में भी लोगों की जान गई
गुजरात और कर्नाटक में 19-19, उत्तर प्रदेश में 17, पश्चिम बंगाल में 16, हरियाणा में 11, जम्मू कश्मीर में 10, राजस्थान में 9, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में 8-8, आंध्र प्रदेश और बिहार में 5-5, पंजाब में 3, ओडिशा और असम में 2-2 मौतें हुईं। उत्तराखंड में एक मरीज की जान चली गई। इसके पहले बुधवार को 438 मरीजों की मौत हुई।
संक्रमण से कहां कितनी मौतें?
राज्य
मौतें महाराष्ट्र 8,178 दिल्ली 2,864 गुजरात 1,887 तमिलनाडु 1,321 पश्चिम बंगाल 699 मध्य प्रदेश 589 उत्तर प्रदेश 735 राजस्थान 430 तेलंगाना 275 हरियाणा 251 कर्नाटक 272 आंध्र प्रदेश 198 पंजाब 152 जम्मू कश्मीर 115 बिहार 78 उत्तराखंड 42 केरल 25 ओडिशा 35 झारखंड 15 छत्तीसगढ़ 14 असम 14 हिमाचल प्रदेश 09 चंडीगढ़ 06 पुडुचेरी 12 मेघालय 01 लद्दाख 01 त्रिपुरा 01 गोवा 04 अरुणाचल प्रदेश 01 कुल 18,226
06 शहर जहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं
शहर
मौतें मुंबई 4,689 अहमदाबाद 1,410 ठाणे 1,025 पुणे 807 चेन्नई 961 कोलकाता 394
पांच दिन जब सबसे ज्यादा मौतें हुईं
तारीख
मौतें 16 जून 2,004 21 जून 426 23 जून 468 24 जून 424 30 जून 506
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death toll in india due to coronavirus cross 18 thousand
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Go to Source आज 378 लोगों की जान गई; चेन्नई में मरने वालों का आंकड़ा एक हजार के करीब पहुंचा, ठाणे में अब तक 1,025 मौतें देश में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 18,226 हो गई है। गुरुवार को 378 लोगों की मौत हुई। तमिलनाडु की राजधानी में मरने वालों की संख्या एक हजार के करीब हो गई है। यहां अब तक 961 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में 1,321 मरीज दम तोड़ चुके हैं।
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झारखंड की राजधानी कहां है | Jharkhand Ki Rajdhani Kahan Hai
झारखंड की राजधानी कहां है | jharkhand ki rajdhani kahan hai | झारखंड की राजधानी क्या है | jharkhand ki rajdhani kya hai | capital of jharkhand in hindi
झारखंड की राजधानी कहां है (Jharkhand Ki Rajdhani Kahan Hai)
झारखंड की राजधानी “राँची” है।
राज्यझारखंडराजधानीराँची
झारखंड की राजधानी राँची के बारे में जानकारी
15 सितम्बर 2000 को भारत के 28वा राज्य के रूप में झारखंड का उदय बिहार राज्य से अलग…
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सावन 2020: ये हैं देश में अलग-अलग स्थानों पर स्थित भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग
चैतन्य भारत न्यूज
आज सावन का पहला सोमवार है। सावन माह में जो भी भक्त भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम जपता है उसके सातों जन्म तक के पाप नष्ट हो जाते हैं। भोलेनाथ के सबसे प्रिय माह सावन में चैतन्य भारत न्यूज द्वारा सभी बारह ज्योतिर्लिंगों की विशेषता की खास प्रस्तुति दी जाएगी।
क्या है ज्योतिर्लिंग?
हिन्दू धर्मग्रंथों में शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का उल्लेख मिलता है। जहां-जहां ये ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं, वहां भव्य शिव मंदिर बने हुए हैं। शिवपुराण में वर्णित है कि ब्रह्म, माया, जीव, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को ज्योतिर्लिंग कहा गया है। शिवपुराण के मुताबिक, आकाश से ज्योति पिंड पृथ्वी पर गिरे और उनसे थोड़ी देर के लिए प्रकाश फैल गया। इसी तरह अनेक उल्का पिंड आकाश से धरती पर गिरे थे लेकिन हजारों पिंडों में से प्रमुख 12 पिंड को ही ज्योतिर्लिंग में शामिल किया गया है।
जानिए कहां-कहां स्थापित है ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यह गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। कहा जाता है कि, विदेशी आक्रमणों के कारण यह 17 बार नष्ट हो चुका है। हर बार यह बिगड़ता और बनता रहा है।
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आन्ध्रप्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है। कहा जाता है कि, इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से ही व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन नगरी में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग की विशेषता है कि, यह एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। यहां सुबह होने वाली भस्म आरती विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहां के लोगों का मानना है कि, भगवान महाकालेश्वर ही उनके राजा हैं और वे ही उज्जैन नगरी की रक्षा कर रहे हैं।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध शहर इंदौर के समीप स्थित है। जहां यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, उस स्थान पर नर्मदा नदी है। पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊं का आकार बनता है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में स्थित है। केदारनाथ समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह तीर्थ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। केदारनाथ का वर्णन स्कंद पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर की विशेषता है कि, जो भक्त श्रृद्धा से सुबह सूर्य निकलने के बाद ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है, उसके सात जन्मों के ���ाप दूर हो जाते हैं।
काशीविश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग उत्तरप्रदेश के काशी नामक स्थान पर स्थित है। इस स्थान की मान्यता है, कि संकट आने पर भी यह स्थान बना रहेगा। सभी धर्म स्थलों में काशी का अत्यधिक महत्व बताया गया है।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग के पास ब्रह्मागिरि नाम का पर्वत है। कहा जाता है कि, भगवान शिव को गौतम ऋषि और गोदावरी नदी के आग्रह पर यहां ज्योतिर्लिंग रूप में रहना पड़ा।
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग झारखण्ड प्रांत, पूर्व में बिहार प्रांत के संथाल परगना के दुमका नामक जनपद में पड़ता है। इस ज्योतिर्लिंग की गिनती नौवें स्थान पर होती है। इस स्थान को वैद्यनाथ धाम भी कहा जाता है।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के बाहरी क्षेत्र द्वारिका स्थान में स्थित है। द्वारका से भी नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 17 मील की है। इस ज्योतिर्लिंग की विशेषता यह है कि, जो भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ यहां दर्शन के लिए आता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथ नामक स्थान में स्थित है। कहा जाता कि, इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना भगवान श्रीराम ने की थी। जिसके चलते इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वरम दिया गया है।
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के संभाजीनगर के समीप दौलताबाद के पास स्थित है। शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है। एलोरा की प्रसिद्ध गुफाएं इस मंदिर के समीप स्थित हैं। यहां श्री एकनाथजी गुरु व श्री जनार्दन महाराज की समाधि भी है। यहां के मंदिर को घृसणेश्वर या घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है।
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तेलंगाना ने टाला 1 जुलाई से स्कूल खोलने का प्लान, बाकी राज्यों का जानिए हाल Divya Sandesh
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तेलंगाना ने टाला 1 जुलाई से स्कूल खोलने का प्लान, बाकी राज्यों का जानिए हाल
कोविड-19 वायरस के नए वेरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ ने टेंशन बढ़ा दी है। पूरी तरह अनलॉक की ओर बढ़ रहे राज्यों के कदम भी ठिठक गए हैं। कुछ राज्य हालात संभलते देख अगले महीने से शैक्षिक संस्थान खोलने की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच ‘डेल्टा प्लस’ के कई केसेज सामने आने के बाद सरकारें अलर्ट हो गई हैं। अधिकतर राज्य जल्दबाजी नहीं करना चाहते। आइए आपको बताते हैं स्कूल/कॉलेज खोलने को लेकर राज्य सरकारों ने क्या फैसले किए हैं।School Reopen Date Latest Update: बिहार समेत कुछ राज्यों ने अगले महीने से स्कूल/कॉलेज खोलने का फैसला किया है। हालांकि राजधानी दिल्ली समेत अधिकतर जगहों पर स्कूल बंद ही रहेंगे।कोविड-19 वायरस के नए वेरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ ने टेंशन बढ़ा दी है। पूरी तरह अनलॉक की ओर बढ़ रहे राज्यों के कदम भी ठिठक गए हैं। कुछ राज्य हालात संभलते देख अगले महीने से शैक्षिक संस्थान खोलने की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच ‘डेल्टा प्लस’ के कई केसेज सामने आने के बाद सरकारें अलर्ट हो गई हैं। अधिकतर राज्य जल्दबाजी नहीं करना चाहते। आइए आपको बताते हैं स्कूल/कॉलेज खोलने को लेकर राज्य सरकारों ने क्या फैसले किए हैं।तेलंगाना में 1 जुलाई से नहीं खुलेंगे स्कूल, फैसला टलातेलंगाना में 1 जुलाई से स्कूल और कॉलेज खोलने की तैयारी थी। मगर सोमवार को मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने फिलहाल स्कूल/कॉलेज बंद रखने का फैसला किया है। प्री-प्राइमरी से लेकर पोस्ट-ग्रैजुएट कक्षाओं की क्लासेज ऑनलाइन मोड में चलेंगी। मध्य प्रदेश में भी फिलहाल नहीं खुलेंगे स्कूलमध्य प्रदेश में भी 1 जुलाई से स्कूल खुलने वाले थे मगर अब नहीं खुलेंगे। केंद्र, अन्य राज्यों और एक्सपर्ट्स से बात करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह फैसला किया। सोमवार को उन्होंने कहा, “राज्य में 1 जुलाई से स्कूल नहीं खुलेंगे। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और टीवी ब्रॉडकास्ट के जरिए पढ़ाई चलती रहेगी।”जम्मू कश्मीर में भी 15 जुलाई तक स्कूल/कॉलेज बंदजम्मू-कश्मीर प्रशासन ने ताजा आदेश में स्कूल/कॉलेज बंदी की मियाद 15 जुलाई तक बढ़ा दी है। ऑनलाइन स्टडीज जारी रहेंगी। एक आदेश में कहा गया, ‘जम्मू और कश्मीर में सभी विश्वविद्यालय, कॉलेज, टेक्निकल/स्किल डिवेलपमेंट इंस्टिट्यूट्स 15 जुलाई तक छात्रों को ऑन-कैंपस/प्राइवेट एजुकेशन प्रदान करने के लिए बंद रहेंगे। उन पाठ्यक्रमों / कार्यक्रमों को छोड़कर जिनमें छात्रों की भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता होती है जैसे लैब/रिसर्च/थीसिस वर्क और इंटर्नशिप आदि, शिक्षण कार्य केवल ऑनलाइन मोड में होगा।’कहां-कहां अगले महीने खुल सकते हैं स्कूल?बिहार सरकार ने जुलाई के महीने में चरणबद्ध तरीके से स्कूल/कॉलेज खोलने का फैसला किया है। पहले यूनिवर्सिटीज और कॉलेज खोले जाएंगे, फिर कक्षा 9-12 और आखिर में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल।हिमाचल प्रदेश में भी 15 जुलाई से स्कूल खुल सकते हैं मगर नियमित कक्षाएं नहीं लगेंगी। सोमवार को स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के सचिवों की बैठक हुई। अगर प्रस्ताव को सरकार से मंजूरी मिलती है तो 15 जुलाई के बाद स्कूलों में स्टूडेंट्स की एंट्री हो सकती है।कर्नाटक सरकार पूरे राज्य के लिए फैसला लेने से कतरा रही है। संभव है कि वहां जिलेवार स्कूल खोलने की इजाजत दी जाए। राज्य में 1 जुलाई से ऑनलाइन क्लासेज शुरू हो जाएंगी।उत्तर प्रदेश में 1 जुलाई से स्कूल खुल जाएंगे मगर प्रशासनिक काम ही होंगे। फिलहाल शिक्षकों और कर्मचारियों को ही स्कूल आना होगा।इन राज्यों में फिलहाल बंद ही रहेंगे स्कूलबच्चों के लिए अधिकतर राज्यों में स्कूलों के दरवाजे बंद रहेंगे। इनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल समेत पूर्वोत्तर के राज्य भी शामिल हैं। कुछ राज्यों में बच्चों की वैक्सीन आने का इंतजार हो रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अक्टूबर तक देश में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है।DU में 15 जुलाई से एडमिशन प्रोसेसदिल्ली यूनिवर्सिटी अकैडमिक सेशन 2021-22 के लिए एडमिशन प्रोसेस की शुरुआत उन कोर्सेज से कर सकता है, जिनके लिए एंट्रेंस एग्जाम होते हैं। डीयू प्रशासन का इरादा है कि जुलाई 15 के आसपास ऑनलाइन एडमिशन प्रोसेस शुरू कर दें। अंडरग्रैजुएट कोर्सेज के एडमिशन को लेकर डीयू शिक्षा मंत्रालय से सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUCET) पर फैसले के इंतजार में है। मंत्रालय के फैसले से डीयू प्रशासन को यह साफ हो जाएगा कि इसी साल से CUCET लॉन्च होगा है या नहीं।CUCET और सभी राज्य बोर्ड के 12वीं क्लास के असेसमेंट के इंतजार के बीच डीयू की एडमिशन प्रोसेस लेट ना हो इसीलिए डीयू 9 यूजी कोर्सेज और सभी पीजी कोर्सेज के लिए एडमिशन प्रोसेस जुलाई तीसरे हफ्ते शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
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रिपोर्ताज: उदासियों के साये में सरकारी सुविधाओं से महरूम जिंदगानी
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रिपोर्ताज: उदासियों के साये में सरकारी सुविधाओं से महरूम जिंदगानी
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रिपोर्ताज-आदित्य शुभम
एक सुबह नोएडा के सेक्टर 16 मेट्रो स्टेशन के पास स्थित झुग्गी की तरफ़ जा रहा था, वहां रहने वाले लोगों से बातचीत कर यह जानने कि क्या उनकी ज़िन्दगी में ‘सब चंगा सी’ है या नहीं। लेकिन अचानक से मेरी नज़र कुछ लोगों पर पड़ी जो देर रात को काम से लौटने के बाद आपस में बातचीत कर रहे थे। इन लोगों में महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल थे।
अमूमन ऐसा कम ही होता है कि इतनी देर तक सब इकट्ठे होकर बातचीत करते हैं। काम को लेकर देर रात को अपनों के बीच लौटना और सुबह जल्दी उठकर काम की तलाश में निकल जाना पुरुषों की दिनचर्या होती है। यह बात इन्हीं लोगों में एक व्यक्ति ने तस्वीर ना खींचने और अपना नाम ना बताने की शर्त पर बताई। जिस व्यक्ति ने मुझसे बात की, पूरी बातचीत के दौरान लगा कि वह कैमरे की नज़र से बचना चाहता था। इस बात का एहसास तब हुआ, जब उसने कहा कि मीडिया वाले रिकॉर्डिंग करके ले जाते हैं और टीवी पर दिखा देते हैं। बाद में पुलिस आकर हमारे झोपड़ियों को तोड़ देती है। हमारे बातचीत का सिलसिला जैसे ही शुरू हुआ था, दो तीन महिलाएं क़रीब आकर मुझसे अपना दर्द बयां करने लगीं। ये सभी बिहार की राजधानी पटना के अनीसाबाद इलाक़े के रहने वाले थीं। कुछ महिलाएं और पुरुष अपनी बात साझा करने में हिचक रहे थे, जिसकी वजह से वो दूर से हमें ग़ौर से देख रहे थे कि हम क्या कर रहे हैं या क्या करने वाले हैं। हमारी बातचीत आगे बढ़ी। मैं इन छोटे-छोटे बच्चों के बारे में पूछा कि क्या यह सभी पढ़ने जाते हैं?
एक महिला ने बड़ी ही उदासी से कहा कि नहीं…नहीं जाता है सब पढ़ने…कहां जाएगा पढ़ने…6 महीने तक मैं अपने बच्चों को सेक्टर 18 में एक स्कूल है…उसमें भेजी लेकिन ‘क’ भी लिखने नहीं आया। एक मास्टर जी यहीं उस पेड़ के नीचे (पास के एक पेड़ की तरफ़ इशारा करते हुए) पढ़ाने आते थे वो भी अब नहीं आते हैं। ऐसे में बच्चे कहां पढ़ पा रहे हैं। दिनभर ऐसे ही इधर-उधर खेलते रहते हैं।
उदासियों के साये म��ं सरकारी सुविधाओं से महरूम जिंदगानी
एक महिला जो सालों से यहीं रहती हैं, कहने लगी कि कोई सरकारी आदमी पूछने तक नहीं आता है। और टीवीवाला जब दिखा देता है तो पुलिस आकर बहुत परेशान करती है। झोपड़ियां तोड़ देती है। इतने में पुरुष ने कहा कि जैसे-जैसे साल बीतता जा रहा है…नोएडा में स्वच्छता बढ़ता जा रहा है…नोएडा साफ़-सुथरा होता जा रहा है…साफ़ सुथरा देखने में कितना अच्छा लगता है ना..हो सकता है कि इस वजह से पुलिस हमारी झोपड़ियों को तोड़ देती है।
पुरुष उदास मन से अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहने लगा कि हमलोग क्या करें…बिहार में नौकरी हइए नहीं है..जिसकी वजह से हमलोगों को यह काम करना पड़ता है…मैंने कहा कि नीतीश कुमार इतने दिनों से शासन में हैं, तब भी नौकरी नहीं है? जवाब में पुरुष ने कहा कि आप ही बताइए ना..बिहार में कहां है नौकरी…कम्पनी है ही नहीं तो रोज़गार कहां से मिलेगा। इसलिए हमलोगों को यह सब करना पड़ता है।
एक महिला कहने लगी कि सरकार हमलोगों पर ध्यान देती तो हमलोग भी कुछ काम करते…शहद बेचने, सड़क किनारे बच्चों से ग़ुब्बारा बेचवाने से तो अच्छा रहता कि हमलोग भी कुछ काम करते।
काफ़ी से देर तक बातचीत के बाद महसूस हुआ कि इनलोगों की ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए। ये लोग सरकारी योजनाओं के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। ऐसे में सरकार की ज़िम्मावारी होनी चाहिए कि अपने कर्मचारियों को ऐसे लोगों के बीच भेज कर, इनलोगों से बात करे। ऐसे लोगों को शिक्षा,स्वास्थ्य और आवास उपलब्ध कराये।
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बेगुनाह मुसलमानों का अपराधी :' पी चिदंबरम 2008 से 2012 तक देश के गृहमंत्री थे। और केवल साल 2011 सितंबर से अगले एक साल में पी चिदंबरम के गृहमंत्री रहते 38 मुस्लिम युवकों को विभिन्न मामलों में दिल्ली, मधुबनी, दरभंगा, बाराबंकी, पूर्णिया, नालंदा, मुंबई, इंदौर, बुल्ढाणा, कोलकाता, बंगलुरू, तिरुमंगलम, किश्तवाड़ आदि जगहों से गिरफ्तार किया गया और संदिग्ध आतंकी के रूप में देश की विभिन्न जेलों में रखा गया। लेकिन अगले कई साल तक किसी के खिलाफ पूरी तरह चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकी। इनमें से दिल्ली से गिरफ्तार दरभंगा के बाढ़समैला निवासी "कतील" को पुणे की यरवदा जेल के सर्वाधिक सुरक्षा वाले अंडा सेल में 8 जून 2012 को सरकार के अनुसार कथित तौर पर दो कैदियों ने मार दिया। सवाल यह है कि ''अगर उसे कैदियों ने मारा तो सुरक्षाकर्मी कहां थे ? और क्या उन्होंने उसके नाखूनों को भी निकाल दिया ? क्योंकि कतील" की सारी उंगलियों के नाखून गायब थे। सच तो यह है कि पुलिस ने उसे टॉर्चर करके मार डाला और आरोप कैदियों पर लगा दिया। ध्यान रहे कि उस वक्त महाराष्ट्र में भी काँग्रेस की ही सरकार थी। इन सबके लिए सीधे तौर पर गृह मंत्रालय और पी चिदंबरम ज़िम्मेदार थे क्योंकि देश की पुलिस और खुफिया एजेंसियां उसे ही रिपोर्ट करती थीं पर पी चिदंबरम संभवतः जान बूझकर यह होने दे रहे थे। यह एक उदाहरण से समझिए। दरभंगा में बाढ़समैला के इंजीनियर फसीह महमूद को सऊदी अरब के जुबैल में स्थानीय अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया। फसीह की बीवी निकहत परवीन ने भारत लौटकर विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से संपर्क किया। विदेश मंत्रालय ने उनसे कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता। तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम का बयान रोज-रोज बदल रहा था। शुरू में उन्होंने कहा कि फसीह के खिलाफ कोई इल्जाम नहीं है। 24 मई 2011 को निकहत ने सुप्रीम कोर्ट में हेबियस कॉर्पस अर्जी लगाई तो 28 मई 2011को फसीह के खिलाफ वारंट और 31 मई को रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया गया। यह है इनका कुकर्म। मुसलमानों को आतंकवाद के नाम पर फँसाने का सारा खेल पी चिदंबरम के 2008 से 2012 तक गृहमंत्री रहते हुए ही सबसे अधिक खेला गया और फिर इसी माड्यूल को आगे की सरकारों ने अपनाया। 27 अक्तूबर 2013 का गाँधी मैदान याद कीजिए। बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी बिहार की राजधानी पटना में हुंकार भरने वाले थे। लेकिन गांधी मैदान में एक के बाद एक कई बम धमाके हुए। बीजेपी ने इसका सियासी फायदा उठाया तो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) समेत कई राज्यों की पुलिस वारदात को अंजाम देने https://www.instagram.com/p/B1dTwWNgIqT/?igshid=19vjjz2atgl1q
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जगहः पटना
समयः सुबह 6 बजे
यह जगदेव पथ है। पटना का नव विकसित इलाका। शहर का नया विस्तार इसी इलाके में ज्यादा हो रहा है। यही रास्ता आगे दानापुर भी जाता है। यूपी की ओर भी यही ले जाता है।
ऊपर-ऊपर जितनी तेजी से फ्लाई ओवर आपको ले जाता है, आम दिनों में फ्लाई ओवर के नीचे की रफ्तार उतनी ही कम हो जाती है। ये शहर के जाम का नया पॉइंट भी तो है। हालांकि, इन दिनों कोरोना के भय ने भीड़ थोड़ा थाम रखी है। जू या हवाई अड्डे की ओर से आएंगे तो फ्लाई ओवर जहां उतरता है, उससे वापस चार पिलर बाद सुबोध और चन्दन की चाय का स्टाल है। यहां सुबह-सुबह ही रौनक आ जाती है। पुल का मुहाना तो है ही, बगल में सब्जी मंडी, दूसरी तरफ मजदूरों की मंडी और ऑटो-टेम्पो-टैक्सी वालों का अस्थाई ठहराव होने के कारण इन चाय दुकानों का भगोना कभी ठंडा नहीं पड़ता, न यहां की चर्चाएं।
मंगलवार की सुबह 6 बजे भी यह दुकानें पूरे रंग में थीं।
ये एक बुजुर्ग हैं। शायद दिहाड़ी मजदूर। उम्र 60 के आसपास। नेताओं की वादा-खिलाफी से काफी नाराज लगे। बोले- 'सब त एक ही रंग में रंग जाते हैं। हम लोग हर बार आजमाते हैं, लेकिन सब वादा-खिलाफ ही निकल जाता है।' पास में चुपचाप उनकी बात सुन रहा एक युवक बोला- ‘आप त बहुत चुनाव देखे हैं। आपका अनुभव सही ही है। युवक के कंधे पर बैग देखकर यही लग रहा कि वह किसी मार्केटिंग कंपनी में काम करता होगा। शायद राजेश नाम है। बोला- 'पटना राजधानी है और इससे पूरे बिहार के विकास का अंदाजा लगा लीजिए। अब आप कैसे देखते हैं, ये आप पर निर्भर है।'
रात में हुई बारिश के कारण मौसम में घुली हल्की ठंडक में चाय की चुस्की के साथ चली बतकही गर्मी भर रही है। कई चुपचाप सिर्फ सुन रहे, तो कई बहस का हिस्सा बने हुए हैं।
चाय के ठेले पर हाथ से टेक लगाकर खड़ा युवक बोला - ‘चुनाव आते ही राजनीति की बात होने लगती है। इस पर तो हमेशा चर्चा होनी चाहिए। अगर हम नेताओं के काम की चर्चा हर दिन ऐसे ही करते रहें तो शायद चुनाव में फैसला करना आसान हो जाएगा।’ पास में बैठे युवक ने चाय का गिलास हाथ से रखते हुए बातचीत में एंट्री मारी- ‘क्या खाक साल भर चर्चा होगी! सरकार तो ध्यान भटकाए रखती है। इस कारण से किसी का ध्यान काम और विकास पर जाता ही नहीं है।’ युवक की बातों ने मानो वहां चाय पी रहे युवाओं की दुखती रग पर ही हाथ रख दिया हो। बगल वाली चाय दुकान की बेंच से एक आवाज आई- ‘जब कोरोना, छंटनी और बेरोजगारी पर बात होनी चाहिए तो सब थाली और शंख बजाता है। जनता ही बुड़बक है। कोई पूछा कि अब कोई काहे नहीं भाषण देता कोरोना पर...सबको मंदिर और चुनाव की पड़ी है। आदमी मर रहा है तो मरे।’
लोगों की बतकही सुन चायवाला बोलता है- आप ��ोग त दुकाने विधानसभा बना दिए हैं।
तभी एक एम्बुलेंस आकर रुकती है और चालक उतरकर दुकानदार से चाय मांगता है। चेहरे से थका-थका सा दिख रहा एम्बुलेंस चालक चाय वाले का पुराना परिचित है। चायवाले ने सवाल किया 'रोशन, कहां से सुबह-सुबह।' रोशन का जवाब था... 'जाने तो एक मरीज को लेकर दो घंटे से घूम रहा हूं। कहीं भर्ती नहीं हो पाया। कोरोना के डर से कोई प्राइवेट अस्पताल भर्ती नहीं कर रहा था। परिवार वालों ने जुगाड़ लगाया तो आईजीआईएमएस में भर्ती हो सका।' स्वास्थ्य सेवा के बहाने वह चुनाव की चर्चा में जुड़ गया। बोला, बिहार में स्वास्थ्य सेवा का बुरा हाल है। कोरोना का नाम सुन कुछ लोगों ने दूरी बनानी चाही तो बोला- 'घबराइए नहीं, पूरा सैनिटाइज हो के आ रहे हैं!'
रोशन की बातों से उत्साहित बाकी मजदूर भी बोल पड़े...‘साहब इ कोरोना त गरीबों को मार रहा है...।’ लगभग 50 साल का दिखने वाला एक मजदूर बोला, 'रोजी-रोटी से लेकर सब कुछ चौपट हो गया है। कोरोना का ऐसा डर है कि कोई हम लोगों से काम तक नहीं कराता। घर में जाने तक नहीं देता है। अब चुनाव क फेरा लग गया है। अउरो काम नहीं निकलेगा। सरकार कहती है कोरोना कंट्रोल में है, सब कहते हैं अभी और बुरा हाल होगा। अब आप ही लोग बताइए क्या किया जाए। अभी तो हम पेट की आग से मर रहे हैं। जब बीमारी होगी तो कहां जाएंगे भगवान ही मालिक है।'
मैली लुंगी और पीली कुर���ती पहने एक बुजुर्ग शायद दुलारे नाम है, बोले- 'सब आफत गरीबों पर ही फूटती है। चाहे वह कोरोना हो या फिर गरीबी या बेरोजगारी हो।'
दुकान पर बढ़ती भीड़ के बीच बहुत देर से यह सब सुन रहा दुकानदार सुबोध बोला- ‘आप लोग त दुकाने विधानसभा बना दिए हैं। यहां चुनाव की बात में धंधा ही खराब हो जाता है।’ इतना बोलते हुए उसने दो बेंच नए ग्राहकों के लिए खाली करा ली हैं। मुस्कराते हुए बोला- ‘चुनाव के दिन मुहर लगाइए और ऐसे प्रत्याशी को जिताइए जो वादा करके पूरा करने वाला हो।’ बगल वाली टपरी से आवाज आई है, ‘अब मुहर नहीं लगती बटन दबता है भाई...’ इस टिप्पणी पर सब हंस देते हैं। कुछ लोग उठ जाते हैं। बेंचों पर कुछ नए चेहरे काबिज हो चुके हैं। बतकही का यह राउंड पूरा हो चुका है।
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Bihar Election 2020; Patna Locals Political Decision On Coronavirus And Nitish Kumar Govt Work | Know What Patna Voters Of Have To Say
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बुद्ध जयंती 7 मई को, इन 10 स्थानों से है गौतम बुद्ध का खास कनेक्शन, जानिए आज कहां हैं
बुद्ध जयंती 7 मई को, इन 10 स्थानों से है गौतम बुद्ध का खास कनेक्शन, जानिए आज कहां हैं
उज्जैन.गौतम बुद्ध जिस-जिस जगह गए, वहां बौद्ध तीर्थ बन गया। बुद्ध ने कश्मीर होते हुए अफगानिस्तान तक की यात्रा की थी। बौद्धकाल में अफगानिस्तान का बामियान क्षेत्र बौद्ध धर्म की राजधानी था। मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल प्रारंभिक काल में बौद्ध धर्म का गढ़ था। बुद्ध पूर्णिमा के उत्सव पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं 15 ऐसी जगहों के बारे में, जिनका बहुत ही गहता संबंध भगवान बुद्ध से माना…
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492 people lost their lives in 21 states; The death toll in Tamil Nadu reached near 2 thousand, 68 people died here in 24 hours | 21 राज्यों में 499 लोगों की मौत; तमिलनाडु में आंकड़ा 2 हजार के करीब, बंगाल में हिंदुत्ववादी नेता तपन घोष ने संक्रमण से जान गंवाई
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महाराष्ट्र में 173 लोगों की मौत, यहां मरने वालों का आंकड़ा 10,289 तक पहुंचा
कर्नाटक में लगातार दूसरे दिन 70 से ज्यादा मौतें, रविवार को 71 लोगों ने दम तोड़ा
दैनिक भास्कर
Jul 12, 2020, 11:02 PM IST
नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 23,186 हो गई है। रविवार को 21 राज्यों में 499 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। तमिलनाडु में मरने वालों का आंकड़ा 2 हजार के करीब पहुंच गया। पिछले 24 घंटे में यहां 68 लोगों की मौत हुई। अब तक राज्य में 1,966 मरीजों की जान जा चुकी है। वहीं, बंगाल में हिंदुत्ववादी नेता तपन घोष ने संक्रमण से जान गंवाई।
सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 173 लोगों की जान चली गई। यहां मरने वालों का आंकड़ा अब 10,289 पहुंच गया है। कर्नाटक में 71 और देश की राजधानी दिल्ली में 37 लोगों की मौत हो गई।
इन राज्यों में भी लोगों ��े जान गंवाई
पश्चिम बंगाल में 26, उत्तर प्रदेश में 21, आंध्र प्रदेश में 19, गुजरात में 13, जम्मू कश्मीर में 10, मध्य प्रदेश में 9, तेलंगाना में 8, राजस्थान में 7, हरियाणा में 4, बिहार में 7, असम में 3, ओडिशा में 5, केरल में 2, पंजाब में 4, गोवा और छत्तीसगढ़ में 2-2, उत्तराखंड में 1 संक्रमित ने जान गंवा दी।
संक्रमण से कहां कितनी मौतें?
राज्य
मौतें महाराष्ट्र 10,289 दिल्ली 3,371 गुजरात 2,046 तमिलनाडु 1,966 पश्चिम बंगाल 932 मध्य प्रदेश 653 उत्तर प्रदेश 934 राजस्थान 510 तेलंगाना 356 हरियाणा 301 कर्नाटक 686 आंध्र प्रदेश 328 पंजाब 199 जम्मू कश्मीर 179 बिहार 125 उत्तराखंड 47 केरल 32 ओडिशा 84 झारखंड 21 छत्तीसगढ़ 19 असम 40 हिमाचल प्रदेश 09 चंडीगढ़ 08 पुडुचेरी 18 मेघालय 02 लद्दाख 01 त्रिपुरा 01 गोवा 14 अरुणाचल प्रदेश 01 कुल 23,186
पांच दिन जब सबसे ज्यादा मौतें हुईं
तारीख
मौतें 16 जून 2,004 30 जून 506 08 जुलाई 491 10 जुलाई 520 11 जुलाई 541
06 शहर जहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं
शहर
मौतें मुंबई 5,288 अहमदाबाद 1,519 ठाणे 1,646 पुणे 1,097 चेन्नई 1,250 कोलकाता 499
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