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#बिहार मुखिया चुनाव
rudrjobdesk · 2 years
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सीवान में मछली के बड़े कारोबारी की हत्या, इसी साल मां को लड़वाया था मुखिया चुनाव
सीवान में मछली के बड़े कारोबारी की हत्या, इसी साल मां को लड़वाया था मुखिया चुनाव
रिपोर्ट- मृत्युंजय कुमार सिंह सीवान. बिहार के सीवान में मछली व्यवसायी की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई. व्यवसायी का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई. उसका शव अपने तालाब के किनारे कीचड़ में मिला. परिजनों ने गांव के ही कुछ लोगों पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा है कि चोरी की गई बाइक की पहचान में आने पर हत्या की घटना को अंजाम दिया गया है. मृतक ने इसी साल हुए पंचायत चुनाव में अपनी मां को भी लड़वाया…
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n7india · 2 months
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Lok Sabha Elections : Bihar में अपने 'योद्धाओं' को विजयी बनाने में जुटे हैं दलों के 'दिग्गज'
Patna: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब कुछ ही समय शेष है, ऐसे में जहां सभी योद्धा (उम्मीदवार) चुनावी मैदान में एक-दूसरे को पछाड़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं, वहीं अपने-अपने ’योद्धाओं’ को इस चुनावी महाभारत में विजयी बनाने के लिए दिग्गज जुटे हुए हैं। बिहार में इस चुनाव में प्रमुख दलों के मुखिया खुद तो चुनाव मैदान में नहीं उतरे हैं, लेकिन वे अपने प्रत्याशियों को विजयी बनाने…
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dainiksamachar · 8 months
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बिहार जाति जनगणना रिपोर्ट से पीएम मोदी फंस गए, क्या बदलेगी 2024 की राजनीति?
नई दिल्ली: बिहार में जाति जनगणना की रिपोर्ट जारी होने के साथ ही सियासत भी शुरू हो गई है। नीतीश कुमार के मास्टर स्ट्रोक का कितना असर होगा ये तो आने वाले वक्त में पता चल जाएगा। पर इसका असर ये है कि कांग्रेस समेत लगभग सभी विपक्षी दल केंद्र सरकार से जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं। बिहार की रिपोर्ट जारी होने के बाद इतना तो तय है कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर प्रेशर बढ़ेगा। देशभर में विपक्षी गठबंधन की गोलबंदी के अगुआ नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी क��� सिरदर्द बढ़ा दिया है। इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद ही आरजेडी चीफ लालू यादव ने कहा कि इस आबादी के हिसाब से ही नीतियां बनाने का वक्त है। यानी आने वाले वक्त में ये मुद्दा देश की सियासी फिजा में गरमी लाने वाली है। आरक्षण बढ़ाने की उठेगी मांग लालू यादव की पार्टी शुरू से ये मांग करती रही है कि जिसकी जितनी आबादी है उसको उतनी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। राज्य में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (36%) और पिछड़ा वर्ग (27%) की आबादी सबसे अधिक है। अगर इन दोनों की आबादी को जोड़ दिया जाए तो आंकड़ा 63 फीसदी पहुंचता है। ऐसे में आबादी से अनुपात में आरक्षण की मांग जोर पकड़ सकती है। बिहार की तरह ही जाति आधारित जनगणना कराने की मांग राष्ट्रीय राजनीति में भी खड़ी हो सकती है। जिस तरीके से विपक्षी नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं वो निश्चित रूप से केंद्र की बीजेपी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। क्या फंस गई मोदी सरकार? बिहार की जाति जनगणना रिपोर्ट के जरिए विपक्ष को मोदी सरकार को घेरने के लिए एक बड़ा हथियार मिल गया है। हालांकि, बीजेपी ने भी इस रिपोर्ट का खुलकर समर्थन किया है। उधर, लालू और नीतीश पिछड़े वर्ग की आबादी के आधार पर उनके आरक्षण बढ़ाने की मांग कर सकते हैं। अभी ओबीसी को 27 प्रतिशत ही आरक्षण मिलता है। ये नेता आने वाले वक्त में आरक्षण बढ़ाने की मांग कर सकते हैं। वहीं बीजेपी ने कहा है कि वह इस सर्वे का समर्थन कर रही थी। बिहार के बीजेपी चीफ सम्राट चौधरी ने कहा कि ये अधूरी रिपोर्ट है। लालू यादव सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इतना तय है कि ओबीसी आरक्षण 2024 के चुनाव में एक अहम मुद्दा बनने जा रहा है। इंडिया गठबंधन बनाएगा मुद्दा I.N.D.I.A. गठबंधन इसे लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है। यूपी विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने 85 बनाम 15 का मुद्दा दिया था। उनका मकसद आबादी के हिसाब से आरक्षण देने का था। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अगर कांग्रेस मध्य प्रदेश में सत्ता में आएगी तो वो भी जाति जनगणना कराएगी। यानी 24 के चुनाव में विपक्षी दलों ने इसे मु्द्दा बनाने का संकेत दे दिया है। बिहार से निकला जाति जनगणना का मुद्दा और फिर उसके बाद ओबीसी आरक्षण की बात अगर निकलेगी तो निश्चित तौर पर दूर तलक जाएगी। बीजेपी को आएगी दिक्कत? जहां तक बीजेपी को दिक्कत आने का सवाल है, तो पीएम नरेंद्र मोदी के शासनकाल के दौरान पार्टी बनिया, ब्राह्मण की पार्टी वाली छवि से निकलकर ओबीसी और ईबीसी की पार्टी के रूप में खुद को स्थापित कर चुकी है। इसके अलावा भगवा दल को सवर्णों का भी साथ मिल रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी अपने भाषणों के दौरान ओबीसी के लिए योजनाओं का खुलकर जिक्र करते हैं। 2021 के मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुलकर मंत्रिमंडल में ओबीसी मंत्रियों की संख्या को बताया था। तब नड्डा ने कहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार में 27 ओबीसी मंत्री बने हैं। उन्होंने कहा था कि मोदी मंत्रिमंडल में 35% मंत्री ओबीसी वर्ग के हैं। यही नहीं, उन्होंने 12 एससी, 8 एसटी समुदाय से भी मंत्री बनाने की बात कही थी। यानी भगवा दल का मिशन भी पहले से साफ है। ओबीसी वोटों के लिए मचेगी मारामारी हां, ये जरूर है कि बिहार की जाति जनगणना की रिपोर्ट आ जाने के बाद ओबीसी वर्ग के वोटों के लिए जमकर मारामारी मचेगी। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का PDA (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) गठजोड़ का जिक्र उसी मारामारी की तरफ इशारा कर रही है। आरजेडी और जेडीयू भी पिछड़े और अल्पसंख्यकों की राजनीति करती है। बीजेपी ने पिछले 10 सालों में अपना राजनीतिक चोला काफी हद तक बदल लिया है। 2024 के आम चुनाव में सभी दल ओबीसी वोटर्स को लुभाने के लिए अपना दांव खेलते नजर आएंगे। http://dlvr.it/SwtRSL
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dainikkhabarlivesblog · 11 months
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Chirag Paswan: अमित शाह के आवास पर पहुंचे चिराग पासवान, एनडीए की बैठक से पहले हुई अहम मुलाकात
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Chirag Paswan: लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) {LJP(R)} के मुखिया चिराग पासवान (Chirag Paswan) सोमवार को दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के आवास पर उनसे मुलाकात की। आपको बता दें, इससे पहले केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस (Pashupati Paras) और चिराग पासवान (Chirag Paswan) के बीच एक बार फिर रार पड़ने की बात सियासी सरजमीं पर चल रही थीं। अब, कल मंगलवार, 18 जुलाई यानि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की होने वाली अहम बैठक के पहले हो रही इस मुलाकात पर सियासी जानकारों की नजर बनी हुई है।
लोकसभा सीटों की हिस्सेदारी को लेकर हो सकती है बात
सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान (Chirag Paswan) 2024 के आम चुनावों के लिए बिहार में अपनी पार्टी की लोकसभा सीटों की हिस्सेदारी को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा के साथ बातचीत कर रहे हैं। इसके अलावा बीते चु��ाव में जमुई से लोकसभा पहुंचे चिराग (Chirag Paswan) इस सीट पर दावा जता रहे थे। वह चाहते हैं कि बैठक से पहले हाजीपुर को ले कर स्थिति साफ हो। हालांकि इस बात की अभी कोई पुष्टि नहीं हुई है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री और बिहार से भाजपा के वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय (Nityanand Rai) इससे पहले दो बार पासवान (Chirag Paswan) से मिल चुके हैं।
दिवंगत दलित नेता और चिराग के पिता राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) के नेतृत्व में लोजपा ने 2019 में छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और भाजपा के साथ सीट-बंटवारे की व्यवस्था के तहत उन्हें एक राज्यसभा सीट भी मिली थी। चिराग पासवान (Chirag Paswan) चाहते हैं कि उनकी पार्टी में टूट के बावजूद भाजपा उसी व्यवस्था पर कायम रहे।
NDA की बैठक में होंगे 30 दल, बीते एक हफ्ते में जुड़े छह नए दल
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के पहले भाजपा और विपक्ष के बीच अपने-अपने अगुवाई वाले गठबंधन का दायरा बड़ा दिखाने के लिए दोनों ने एड़ी-चोटी का बल लगाना शुरू कर दिया है। एक मंच पर आने की कवायद में सोमवार से दो दिनों के विपक्षी दलों के जुटान में 26 दलों के शामिल होने की चर्चा है। इसके जवाब में भाजपा मंगलवार को होने वाली एनडीए की बैठक में 30 दलों को जुटाने की घोषणा की है।
विपक्ष के मुकाबले एनडीए (NDA) की बढ़ी ताकत दिखाने के लिए भाजपा ने बीते एक हफ्ते में छह नए दलों को जोड़ा है। एनडीए (NDA) में पहले से ही 24 दल शामिल थे। इन छह नए दलों के जुड़ने के बाद एनडीए (NDA) में शामिल दलों की संख्या 30 हो गई है। हालांकि पार्टी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में अकाली दल, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), आरएलएसपी और जदएस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं किया जाएगा।
फिलहाल ये दल शामिल हैं एनडीए में
मंगलवार की राजग की बैठक से पहले भाजपा ने एनसीपी (अजित गुट), लोजपा (रामविलास), हम, उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी, मुकेश सहनी की वीआईपी और ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा को साधा है। राजग में भाजपा के अलावा शिवसेना शिंदे गुट, अन्नाद्रमुक, एनपीपी, एनडीपीपी, जेजेपी, एसकेएम, बीपीपी, आईएमकेएमके, आईटीएफटी, आजसू, एमएनएफ, तमिल मनीला कांग्रेस, पीएमके, अपना दल एस, एमजीपी, एजीपी, लोजपा, निषाद पार्टी, यूपीपीएल, अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस पुदुचेरी, अकाली दल ढींडसा, आरपीआई और पवन कल्याण की जनसेना शामिल है।
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prabudhajanata · 1 year
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छातापुर(सुपौल) । प्रखंड क्षेत्र में दो फरवरी को ब्राह्मण स्वाभिमान सम्मेलन एवं भारत सरकार के पूर्व रेलमंत्री स्व ललित नारायण मिश्र (Lalit Narayan Mishra )की जयंती समारोह भव्य रूप से मनाया जाएगा। कार्यक्रम की तैयारी जोर-शोर से आरंभ है । आयोजित समारोह में कोशी, पूर्णिया प्रमंडल सहित सीमांचल व मिथिलांचल के ब्राह्मणों को आयोजन में सम्मिलित होने का आमंत्रण भेजा जाना शुरू हो चुका है। प्रखंड अंतर्गत रामपुर पंचायत स्थित पनोरमा पब्लिक स्कूल के समीप कार्यक्रम स्थल का चुनाव किया गया है। राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार पाठक ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि पूरे बिहार में ब्राह्मण स्वाभिमान सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में सुपौल में भी कार्यक्रम का आयोजन होना था और इस क्षेत्र के ब्राह्मण समाज के स्वाभिमान तो स्व ललित बाबू ही है। सामाजिक सरोकार से जुड़े हुए इतने बड़े मिथिला के सपूत स्व ललित बाबू की जयंती समारोह उनके प्रखंड क्षेत्र से आरंभ किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि स्व ललित बाबू पुण्यतिथि तो राजकीय सम्मान के साथ मनाया जाता है। लकिन दुखद है कि ललित बाबू के गृह प्रखंड में ही उनकी जयंती नहीं मनाई जाती है। इसी वजह से जयंती समारोह ब्राह्मण स्वाभिमान समारोह के दृष्टिकोण से मनाए जाने का सामूहिक निर्णय लिया गया है। जनप्रतिनिधि किए गए आमंत्रित जिलाध्यक्ष श्री पाठक ने बताया कि इस सम्मेलन में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को भी विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है। आमंत्रित जनप्रतिनिधियों से अपने-अपने क्षेत्र में बिना किसी भेदभाव के स्व ललित बाबू की तरह सेवा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। वहीं समारोह का आयोजन जिला संरक्षक नागेंद्र नारायण ठाकुर व मधुबनी पंचायत के मुखिया सीतानंद झा उर्फ सुनील बाबु, जिला संयोजक अजय कुमार मिश्र रिंकू, महासचिव सुजीत कुमार मिश्र उर्फ टिपलू, उपाध्यक्ष इंद्रमणी मिश्र, प्रखंड अध्यक्ष सुधीर पाठक, जिला सदस्य शक्तिनाथ झा, नागेंद्र नारायण झा, कार्यक्रम के सह संयोजक काली एवं आशीष कांत झा सहित कार्यक्रम संयोजक संजीव मिश्रा के कुशल नेतृत्व में किया जाएगा। कार्यक्रम के संयोजक एवं पनोरमा ग्रुप के चेयरमैन संजीव मिश्रा ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य स्व ललित बाबू द्वारा किए गए प्रेरणा स्वरूप अनगिनत कार्यों से नई पीढ़ी को अवगत कराना है। कार्यक्रम के सफल आयोजन को लेकर जगह-जगह लगातार लोगो से जनसंवाद किया जा रहा हैं।
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balajeenews · 1 year
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बिहार उपचुनाव:-कुढ़नी सीट पर बीजेपी की बड़ी जीत
बिहार उपचुनाव:-कुढ़नी सीट पर बीजेपी की बड़ी जीत
बिहार में हुए उपचुनाव में नीतीश कुमार और उनकी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में बीजेपी को बड़ी जीत मिली है। भाजपा उम्मीदवार ने जेडीयू प्रत्याशी को करीब 3600 से अधिक मतों से हरा दिया।जेडीयू ने यहां से मनोज कुशवाहा तो बीजेपी ने केदार गुप्ता पर दांव आजमाया था। ये दोनों उम्मीदवार पूर्व मुखिया के साथ-साथ पूर्व विधायक भी रह चुके हैं। बीजेपी के केदार गुप्ता भले ही चुनाव जीत गए मगर…
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aazkanews · 3 years
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पंचायत चुनाव में 'छोटे सरकार' का जलवा, बाहुबली विधायक अनंत सिंह की भाभी बनीं मुखिया
पंचायत चुनाव में ‘छोटे सरकार’ का जलवा, बाहुबली विधायक अनंत सिंह की भाभी बनीं मुखिया
पटना. बिहार के बाहुबली विधायक और अपने इलाके में ‘छोटे सरकार’ के नाम से पहचाने जाने वाले अनंत सिंह (MLA Anant Singh) भले ही जेल में बंद हों लेकिन इलाके में उनका जलवा अभी भी है. विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, अनंत सिंह का दबदबा हर जगह दिखता है. इस बार मोकामा के इस बाहुबली का प्रभुत्व बिहार में जारी पंचायत चुनाव में भी देखने को मिला है. मामला अनंत सिंह के पैतृक इलाके बाढ़ अनुमंडल का है. बाढ़…
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tezlivenews · 3 years
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RJD के पूर्व MLA का ये कैसा हश्र! केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को हराने वाले मुखिया का चुनाव भी हारे
RJD के पूर्व MLA का ये कैसा हश्र! केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस को हराने वाले मुखिया का चुनाव भी हारे
खगड़ियाबिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का राज्य की जनता ने हश्र कर दिया है। साल 2015 में केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को विधानसभा चुनाव में शिकस्त देकर सुर्खियों में आए पूर्व आरजेडी विधायक चंदन राम 2021 में मुखिया का भी चुनाव हार गए हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि मुखिया के चुनाव में चंदन राम अपने ही पंचायत में पांचवे नंबर पर रहे हैं। यानी अपने ही पंचायत के लोगों ने…
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nayesubah · 3 years
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15 नाती-पोते वाले 63 वर्षीय बुजुर्ग ने 18 वर्षीय युवती से मुखिया पद में चुनाव लड़ने के लिए कर लिया निकाह
15 नाती-पोते वाले 63 वर्षीय बुजुर्ग ने 18 वर्षीय युवती से मुखिया पद में चुनाव लड़ने के लिए कर लिया निकाह
Bihar: बिहार में पंचायत चुनाव चल रहे हैं इस चुनाव में मुखिया, सरपंच आदि के पदों के चुनाव हो रहे हैं, इसी बीच अररिया जिले से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है, अररिया जिले के सिकटी प्रखंड में पड़रिया पंचायत की 63 वर्ष से बुजुर्ग ने सिर्फ इसलिए नया निकाह किया की मुखिया पद पर उसके घर का ही कब्जा बना रहे बुजुर्ग व्यक्ति के 15 पोते-पोतिया और नाती-नातिन है, वही बुजुर्ग के घर में एक बुजुर्ग बीवी भी है…
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theambuj · 4 years
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बिहार की बदहाली मेरी नजर में ।
दो टूक !
15 वर्ष लालू-राबड़ी शासन में बिहार लुट-पिट गया ।
बिजली तो छोड़िए , बिजली के खंभे नहीं बचे।
सड़क नहीं गड्ढ़ों में गाड़ियां चलती थीं।
अपहरण बिहार का प्रमुख उद्द्योग था।
राज्य के हजारों उद्द्यमी, चिकित्सक, अभियंता सब पलायन कर गए।
लोग शाम होते ही अपने घरों में पैक हो जाया करते थे।
जनरेटर और इन्वर्टर चला बच्चे शाम को पढ़ा करते थे।
लालू जब चारा घोटाला में फसे तब अपनी सुयोग्य पत्नी को रसोई घर से उठा राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया। हमारे भाग्य का फैसला राबड़ी करने लगी।
राजद में शायद लालू परिवार छोड़ दूसरा कोई योग्य नहीं था ! 15 वर्ष के इस भ्रष्ट शासन में कांग्रेस ने पूरा सहयोग दिया।
त्राहिमाम जनता ने 15 वर्ष के अराजक लालू और कांग्रेस के शासन का खात्मा कर जदयू और बीजेपी को गद्दी पर बिठाया। नीतीश मुख्यमंत्री बने।
बिहार विकास के पथ पर अग्रसर हुआ।
जिस राज्य में विकास के एक कार्य नहीं होते थे अब सड़कें बनने लगी, बिजली रहने लगी, पटना में फ्लाईओवर , मॉल और मल्टीप्लेक्स दिखने लगे, गाँवों में भी बिजली रहने लगी।
विकास को तरसा बिहार चैन की सांस लेने लगा।
नीतीश की वाहवाही पूरे देश-दुनिया मे 'विकास-पुरूष' के नाम से होने लगी।
प्रसन्न जनता ने अगले विधानसभा चुनाव में भारी मतों से फिर से जिताया।
लेकिन अब नीतीश की महत्वाकांक्षा सर चढ़ कर बोलने लगी। प्रधानमंत्री की गद्दी उनके ख्वाबों में आने लगी। जदयू जैसे एक क्षेत्रीय दल जो सिर्फ अपने दम पर एक राज्य में भी सरकार नहीं बना सकता था , उसके मुखिया अब देश के प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने लगे।
अपनी महत्वाकांक्षा के पोषण केलिये उन्होंने BJP का साथ छोड़ लालू से हाथ मिला लिया जिनके जंगलराज के खात्मे केलिये जनता ने उन्हें गद्दी पर बिठाया था।
फिर क्या था, जम कर गालियाँ दी BJP को, मोदी को ।
लालू अब बड़े भाई हो गए।
अगले चुनाव में छोटे भाई-बड़े भाई ने मिलकर भाजपा को जबरदस्त पटखनी दी ।
छोटे भाई मुख्यमंत्री बने और बड़े भाई के नवी पास सुयोग्य पुत्र उपमुख्यमंत्री।
ज्यादा दिन यह बेमेल विवाह टिक नहीं पाया।
बड़े भाई के सामने छोटे भाई चारों खाने चित नजर आए।
बेचारे होकर जनता के मैंडेट की धज़्ज़ियाँ उड़ा फिर से BJP के साथ मिलकर मुख्यमंत्री बन गए।
न तो पहले जनता ने उन्हें लालू जी के साथ मुख्यमंत्री बनने केलिये वोट किया था न तो बाद में जनता ने उन्हें लालू को छोड़ BJP का दामन थामने केलिये चुना था।
लेकिन महत्वाकांक्षी नीतीश को जनता के मैंडेट से क्या मतलब ?
उनकी आंखें तो हमेशा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रही क्योकि प्रधानमंत्री बनने के उनके ख्वाब धरे रह गए।
नितीश को जो मुख्यमंत्री बनाएगा वे उस पार्टी का दामन थामेंगे।
अतः नीतीश का पहला टर्म निश्चय ही उल्लेखनीय रहा।
बिहार ने प्रगति की। नितीश की राष्ट्रीय साख बढ़ी।
लेकिन फिर अपनी महती महत्वाकांक्षा के वे शिकार हुए।
अभी आलम यह है कि बिहार सरकार के पास एक भी अस्पताल नही, मेडिकल कॉलेज नहीं जहाँ सीरियस कोरोना मरीजों का ईलाज हो सके।
सब भारत सरकार के AIIMS पटना में भर्ती होना चाहते हैं। बड़े-बड़े नेता, अफसर सब AIIMS में। कोरोना से लड़ रहे चिकित्सक भी अगर गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं तो उन्हें भी AIIMS में दाखिला नहीं मिलेगा।
राज्य के मुख्यमंत्री और सारे नेता नदारद हैं। ट्विटर और फेसबुक पर चिचिया रहे हैं, इधर जनता त्राहिमाम।
जदयू और उसका पीठलग्गु भाजपा सरकार का पोल इस महामारी ने पूरी तरह से खोल दिया।
जाति के नाम पर वोट करने वाले हर जाति के बिहारी मर रहे हैं, कहीं कोई व्यवस्था नहीं।
सिर्फ कागजी लिफ़ाफ़ेबाजी !
साहब लोग पिछले कुछ महीनों से मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के बदले आगामी चुनाव में व्यस्त हो गए। जातियों के समीकरण, कैंडिडेट के चयन और BJP और चिराग पासवान से सीटों के बटवारे पर बातचीत में लगे थे , इधर कोरोना ने अपना मुंह खोलना शुरू कर दिया।
देखा जाए तो बिहार की बर्बादी केलिये सबसे जिम्मेदार है यहाँ की जनता जिन्हें जीवन से ज्यादा जाति प्यारी है।
फिर है दो राष्ट्रीय पार्टियाँ कांग्रेस और भाजपा।
कांग्रेस ने लालूपरिवार और उनके अधर्मों को 15 वर्षों तक समर्थन किया, उनके पीछे नाचते रहे और अब भी उन्हीं के लट्टू हैं , जबकि भाजपा नितीश की घिरनी बन नाच रही है। भाजपा में नेता कौन है, लोगों को अब यह भी पता नहीं। जदयू के नेता नितीश और भाजपा के भी नितीश क्योकि सुशील मोदी तो नितीश के स्टेपनी हैं।
फिर आते हैं लालू और नीतीश(राजद और जदयू तो नाम हैं, ये दोनों पार्टियां सिर्फ इन दोनों महापुरुषों के व्यक्तिगत झुनझुने हैं )
दोनों ने बिहार के जनमानस में , उनकी सोच में, जाति और संप्रदाय के जहर को एक नई गहराई दी।
बिहार की जनता अब भी विकास छोड़ जाति पर वोट करती है।
नतीजा शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मूलभूत आवश्यकताओं केलिये इस राज्य की जातिवाद जनता तरस रही है।
जाति इस राज्य की सबसे बड़ी करेंसी है। जाति से आप यहाँ सत्ता खरीदिये और बेचिए।
अब क्या करेंगे आप ?
कोरोना क्या लोगों की जातियां, सम्प्रदाय , भाषा , प्रांत, राष्ट्र और मजहब देख मार रहा है ?
वायरस और बैक्टेरिया हमसे ज्यादा विकसित हैं।
वे जातिवाद नहीं करते, वे सामाजिक हैसियत नहीं देखते, सबको समान रूप से मारते हैं।
बचेगा वह समाज जो शिक्षित, अनुशासित और जहाँ की स्वास्थ्य व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त ।
बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों बदहाल, फटेहाल।
इतना कि एक मात्र AIIMS पटना में सारे नेता, अभिनेता और बड़े-बड़े अफसर ही भर्ती हो रहे हैं। इनमें से
कोई बिहार सरकार के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भर्ती होना नहीं चाहता। वहाँ भर्ती होंगे आप और मैं।
हाँ सालों भर इनकम टैक्स, प्रदूषण टैक्स आदि सैकड़ों टैक्सों की चिट्ठियां आने में देर नहीं लगती।
थाने से लेकर हर सरकारी दफ्तरों में चपरासी से लेकर बड़े अफसरों तक की जेबें गर्म किये बिना शायद ही कोई कार्य सम्पन्न हो।
तो फिर क्या करेंगे ?
किसे वोट देंगे ?
लालू को, नीतीश को या उनके चट्टे-बट्टे कांग्रेस और भाजपा को ?
सारे पापी, अधर्मी, पाखंडी ।
जाति से ऊपर उठिए, समझिये राजनीति और अपनी सही जरूरतें।
हटाइये इन सब अधर्मियों को।
फिलहाल तो दूर-दूर तक निराशा ही निराशा है।
मरते रहिये कोरोना से ।
मैं तो सिर्फ ईश्वर से आपकी सलामती की दुआ मांग सकता हूँ।
🙏🏼
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ब्रेकिंग न्यूज.........................💐 श्री विनयराम अम्बेडकर की मिशन सुरक्षा परिषद में घर वापसी हुई।🕹️🕹️🕹️ बिहार राज्य के जनपद पश्चिमी चम्पारण की युवा समाजसेवी एवं विधानसभा का चुनाव लड़ चुके श्री विनय राम अम्बेडकर जी को राष्ट्रीय सचिव एवं प्रभारी बिहार राज्य मा.श्री चन्द्रहास यादव जी एवं प्रदेश अध्यक्ष बिहार मा.श्री संजय मुखिया जी एवं जिलाध्यक्ष अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ जनपद पश्चिमी चंपारण मा.श्री नंदलाल राम जी के अनुरोध पर राष्ट्रीय अध्यक्ष मा.श्री गंगाराम अम्बेडकर जी द्वारा मिशन सुरक्षा परिषद में वापसी करते हुये बिहार राज्य का प्रदेश सचिव मनोनीत करके जनपद पश्चिमी चम्पारण का प्रभारी बनाया गया है। श्री विनय राम अम्बेडकर जी को हार्दिक बधाई।🌹🌹🌹 1-रागिनी रजक प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ। 2-अमित कुमार कुशवाहा प्रदेश प्रवक्ता। 3-अमजद अन्सारी प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ। 4-डा.मनोज वर्मा प्रदेश कोषाध्यक्षl 5-मीरा देवी प्रदेश उपाध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ। 6-प्रतिभा कुमारी प्रदेश महासचिव महिला प्रकोष्ठ। 7-संजय शर्मा प्रदेश महासचिव। 8-जीतेन्द्र कुमार पासवान प्रदेश उपाध्यक्ष। 9-अमर राम प्रदेश उपाध्यक्ष। 10-महेन्द्र कुमार रोहतास प्रदेश उपाध्यक्ष। 11-चन्द्रशेखर कुमार उर्फ सन्तोष यादव प्रदेश उपाध्यक्ष। 12-ज्ञानी राम प्रदेश उपाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ। 13-सरस्वती देवी सरपंच प्रदेश महासचिव। 14-आद्या कुमार शर्मा प्रदेश सचिव प्रभारी पश्चिमी चम्पारण। 15-मधुकर कुमार जिलाध्यक्ष जनपद पश्चिमी चम्पारण मिशन सुरक्षा परिषद बिहार । https://www.instagram.com/p/CcOBHC3vjDk/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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n7india · 5 months
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Bihar Politics : बिहार में नीतीश कुमार चुनावी आहट पाते ही रूठे संगठनों को मनाने में जुटे
Patna: लोकसभा चुनाव की आहट पाते ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रूठे संगठनों को मनाने में जुट गए हैं। पिछले दो दिनों में उन्होंने आंगनबाड़ी सेविकाओं के संगठन और मुखिया, सरपंच के संगठनों से बातचीत की और उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश कुमार किसी संगठन को नाराज नहीं करना चाह रहे हैं। एक ओर जहां लगातार रोजगार देने को लेकर कार्य किए जा रहे…
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dinmantimes · 2 years
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नवादा : शपथ लेते मुखिया को पुलिस ने किया गिरफ्तार
नवादा : शपथ लेते मुखिया को पुलिस ने किया गिरफ्तार
नवादा के एक मुखिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सोमवार को जैसे ही मुखिया मृत्युंजय कुमार बीडीओ कार्यालय पहुंचकर गोपनीयता की शपथ ले रहे थे ठीक उसी वक्त  पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बिहार में मुखिया का चुनाव संपन्न होने के बाद सभी अपने कार्य में लग चुके है। लेकिन कुछ ऐसे भी होते है जो काम से दूरी बनाकर कुछ और करने लगते है।  ऐसी ही खबर नवादा से आ रही है जहां एक मुखिया को गिरफ्तार कर लिया…
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todaypostlive · 2 years
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वोट नही देने पर मुखिया के देवर ने युवक की तलवार से काटी कान
वोट नही देने पर मुखिया के देवर ने युवक की तलवार से काटी कान
नवादा। बिहार में पंचायत चुनाव संपन्न होने के बावजूद वोट को लेकर तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस क्रम में चुनावी रंजिश को लेकर जिले के रोह प्रखंड के मरुई पंचायत में मंगलवार को एक युवक का तलवार से कान काटने का मामला सामने आया है।  इसे लेकर ग्रामीणों में रोष है।  जानकारी अनुसार मरूई पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया मुटुरवा देवी  के देवर जय करण यादव समेत चार लोगों ने वोट नहीं देने के नाम पर एक युवक…
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nayesubah · 3 years
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पुलिस के हत्थे चढ़ा धर्मा पासवान तीन राइफल, पिस्टल, गोली सहित तीन साथी गिरफ्तार
पुलिस के हत्थे चढ़ा धर्मा पासवान तीन राइफल, पिस्टल, गोली सहित तीन साथी गिरफ्तार
Dharma Paswan caught by the police arrested three accomplices including three rifles, pistols, bullets लक्ष्मीपुर थाना Bihar: जमुई जिले में अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे छापेमारी अभियान के दौरान पुलिस ने लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के सौदीपी गांव से कुख्यात अपराधी धर्मा पासवान सहित चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है, इसके साथ ही भारी मात्रा में गोली एवं मोबाइल बरामद किया है। During the raids being…
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divyabhashkar · 2 years
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Panchayat election violence man not voted in support new elected mukhia brother in law chopped ear nodmk3
Panchayat election violence man not voted in support new elected mukhia brother in law chopped ear nodmk3
नवादा. बिहार के नवादा जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां पंचायत चुनाव में समर्थन में वोट न देने पर एक शख्‍स का कान काटने का मामला सामने आया है. कान काटने का आरोप नवनिर्वाचित मुखिया के देवर पर लगा है. इस मामले में मुखिया संबंधी समेत 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. महिला मुखिया द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने के बाद हिंसा की यह घटना सामने आई है. मुखिया के देवर की इस करतूत से…
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