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raghav-shivang · 3 years
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आईफोन 12 मिनी और आईफोन 12 प्रो मैक्स की सेलिंग अब भारतीय बाजार में शुरू हो चुकी है। दोनों नए मॉडल की प्री-बुकिंग बीते सप्ताह आईफोन 12 और आईफोन 12 प्रो के बाद शुरू हुई थी। दोनों फोन में कंपनी ने नए A14 बायोनिक चिप का इस्तेमाल किया है। वहीं, ये iOS 14 पर रन करते हैं। इन फोन पर HDFC बैंक कई शानदार ऑफर लेकर आई है।
आईफोन 12 सीरीज की खास बातें
इस सीरीज के सभी आईफोन 6 मीटर पानी में आधे घंटे तक डूब रहने के बाद भी काम करेंगे।
आईफोन 12 सीरीज की ड्रॉप परफॉर्मेंस 4 गुना बेहतर की गई है। यानी ये आईफोन 11 की तुलना में ज्यादा मजबूत है।
फोन को मजबूत बनाने के लिए इसमें सिरेमिक शील्ड का इस्तेमाल किया गया है।
आईफोन 12 मिनी और 12 प्रो मैक्स की कीमत
आईफोन 12 मिनी की शुरूआती कीमत 64GB स्टोरेज वैरिएंट के लिए 69,000 रुपए है। ये फोन 128GB और 256GB स्टोरेज वैरिएंट में भी उपलब्ध है। वहीं, आईफोन 12 प्रो मैक्स की शुरूआती कीमत 128GB स्टोरेज वैरिएंट के लिए 1,29,900 रुपए है। इसे 256GB और 512GB स्टोरेज वैरिएंट में खरीद सकते हैं। यूएस की तुलना में ये फोन भारत में महंगे हैं
आईफोन मॉडल भारत यूस आईफोन 12 मिनी 64GB 69,900 रुपए $699 आईफोन 12 मिनी 128GB 74,900 रुपए $749 आईफोन 12 मिनी 256GB 84,900 रुपए $849 आईफोन 12 प्रो मैक्स 128GB 1,29,900 रुपए $1,099 आईफोन 12 प्रो मैक्स 256GB 1,39,900 रुपए $1,119 आईफोन 12 प्रो मैक्स 512GB 1,59,900 रुपए $1,399
आईफोन 12 मिनी और 12 प्रो मैक्स पर सेल ऑफर
एक्सचेंज ऑफर के चलते कंपनी आईफोन 12 मिनी पर पर 22,000 और आईफोन 12 प्रो मैक्स पर 34,000 रुपए तक की छूट दे रही है। इसके साथ, आईफोन 12 मिनी HDFC क्रेडिट कार्ड से खरीदने पर 6,000 रुपए तक की छूट और आईफोन 12 प्रो मैक्स पर 5,000 रुपए तक की छूट मिल रही है। HDFC डेबिट कार्ड पर भी 1,500 रुपए का बेनीफिट मिल रहा है।
आईफोन 12 मिनी के स्पेसिफिकेशन
इसमें 5.4-इंच सुपर रेटिना XDR डिस्प्ले दिया है। इसका रेजोल्यूशन 2340x1080 पिक्सल है। ये 5G कनेक्टिविटी को सपोर्ट करता है। इसके लिए कंपनी ने अपने iOS को भी ऑप्टिमाइज्ड किया है। फोन में A14 बायोनिक चिप दी है।
फोन में 12 मेगापिक्सल के डुअल-रियर कैमरा दिए हैं। इनमें एक वाइड लेंस और दूसरा अल्ट्रा वाइड लेंस है। अल्ट्रा वाइड लेंस 120 डिग्री तक का एरिया कवर करता है। आईफोन 11 की तुलना में इसकी लो लाइट फोटोग्राफी क्वालिटी को 27 फीसदी बेहतर किया गया है। इसमें नया स्मार्ट HDR 3 कैमरा फीचर दिया है। सेल्फी के लिए 12 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा मिलेगा। ये 15 वॉट की वायरलेस चार्जिंग को सपोर्ट करता है।
आईफोन 12 प्रो मैक्स के स्पेसिफिकेशन
इसमें 6.7-इंच का सुपर रेटिना XDR OLED डिस्प्ले स्क्रीन दी है। इसका रेजोल्यूशन 2778x1284 पिक्सल है। इसमें भी A14 बायोनिक चिप दी है, जो 5G सपोर्ट के साथ आती है। फोन में 12 मेगापिक्सल का ट्रिपल रियर कैमरा दिया है। जिसमें दो वाइड एंगल सेंसर और एक टेलीफोटो सेंसर है। ये 5X जूम को सपोर्ट करता है। सेल्फी के लिए 12 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया है। इसे भी 8GB, 256GB और 512GB स्टोरेज वैरिएंट में खरीद सकते हैं।
कंपनी का कहना है कि फोन की बैटरी से 20 घंटे वीडियो कॉलिंग, 12 घंटे वीडियो स्ट्रीमिंग, 80 घंटे म्यूजिक सुन सकते हैं। फोन को सिल्वर, ग्रेफाइट, गोल्ड और पेसिफिक ब्लू कलर वैरिएंट में खरीद सकते हैं।
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iPhone 12 mini, iPhone 12 Pro Max Now on Sale in India; Price, Discounts
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raghav-shivang · 3 years
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कोरोना महामारी के कारण देश ने छाई आर्थिक मंदी और सोने की ऊंची कीमत के कारण इस बार धनतेरस पर लोगों ने सोना-चांदी की खरीदी में रुचि नहीं ली। धनतेरस (शुक्रवार) को सोना और चांदी की बिक्री में 35% तक गिरावट का अनुमान है। आभूषण कारोबारियों के अनुसार इस बार ज्यादातर खरीदारी हल्के आभूषणों, सिक्कों और कीमती धातुओं तक सीमित रही।
टैक्स-फ्री बांड में निवेश करने पर बेहतर रिटर्न के साथ मिलता है टैक्स छूट का लाभ ऑनलाइन खरीदी के कारण भी आई कमी कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से ज्यादातर ग्राहकों ने पहले से ही ऑर्डर बुक कर दिया था और वे वैवाहिक गहनों की शुक्रवार को डिलिवरी लेते नजर आए। कुछ ग्राहकों ने कोरोना को देखते हुए तनिष्क और मेलोरा जैसे ब्रांडों से ऑनलाइन खरीदारी को तरजीह दी।
50,425 रुपए प्रति 10 ग्राम बिका सोना धनतेरस के मौके पर इस साल सोने की कीमत 50,425 रुपए प्रति 10 ग्राम पर है, जो पिछले साल 38,096 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। इस तरह इस साल दाम 32 फीसदी से अधिक ऊंचे हैं। इसी प्रकार चांदी का दाम भी 62,000 रुपए प्रति किलो से ऊपर चल रहे हैं। अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के अध्यक्ष अनंत पद्मनाभन ने कहा, देशभर में खुदरा स्टोरों में दिन ग्राहकों की आवाजाही बढ़ी है लेकिन यह कोविड-19 के डर के कारण पिछले साल के मुकाबले कम ही रही।
गोदरेज समूह ने शुरू की फाइनेंस कंपनी, 6.69% की सालाना ब्याज दर पर ऑफर कर रही होम लोन पिछले साल की तुलना में कारोबार का केवल 65-70% होने की उम्मीद उन्होंने कहा 'हालांकि ज्वैलर्स उत्तर और पश्चिमी भारत के साथ-साथ हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों में भी अच्छे कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं। "कुल मिलाकर, वॉल्यूम के संदर्भ में बिक्री पिछले साल के कारोबार का केवल 65-70% होने की उम्मीद है।
शुक्रवार को बेहतर रहा माहौल वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमसुंदरम पी आर ने कहा कि गुरुवार शाम से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं हैं, लेकिन शुक्रवार को माहौल काफी बेहतर है। ये बिक्री में बदल पाएगी या नहीं, इसके लिए इंतजार करने की जरूरत है।
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gold ; silver ; diwali ; dhanteras ; Gold and silver shine on Dhanteras, sales drop by 35% over last year
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raghav-shivang · 3 years
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निसान ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड अपनी न्यू कॉम्पैक्ट SUV मैग्नाइट 26 नवंबर को लॉन्च कर सकती है। कपंनी ने लॉन्चिंग से पहले कार की अनऑफिशियली बुकिंग शुरू कर दी है। ग्राहक फेस्टिवल सीजन में कंपनी के शोरूम जाकर 11,000 और 25,000 रुपए तक की राशि के साथ इसकी बुकिंग करा सकते हैं। ऐसी खबरें हैं कि कंपनी जल्द ही इसकी ऑफिशियली बुकिंग भी शुरू कर सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी शुरुआती कीमत 5.50 लाख रुपए होगी।
निसान मैग्नाइट की संभावित एक्स-शोरूम कीमतें
वैरिएंट कीमत 1.0 XE 5.50 लाख रुपए 1.0 XL 6.25 लाख रुपए 1.0 XV 6.75 लाख रुपए 1.0 XV प्रीमियम 7.65 लाख रुपए 1.0 टर्बो XL 7.25 लाख रुपए 1.0 टर्बो XV 7.75 लाख रुपए 1.0 टर्बो XV प्रीमियम 8.65 लाख रुपए
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भारत में इनसे होगा मुकाबला
यदि ऐसा माना लिया जाए कि निसान मैग्नाइट की शुरुआती कीमत 5.50 लाख रुपए होती है, तब ये अपने सेगमेंट की कई कॉम्पैक्ट एसयूवी जैसे किआ सोनेट, हुंडई वेन्यू, फोर्ड ईकोस्पोर्ट पर भारी पड़ा सकती है।
मॉडल शुरुआती कीमत निसान मैग्नाइट 5.50 लाख (संभावित) किआ सोनेट 6.71 लाख हुंडई वेन्यू 6.75 लाख फोर्ड ईकोस्पोर्ट 8.19 लाख
निसान मैग्नाइट का इंजन
इसे रेनो-निसान के नए सीएमएफ-ए प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है। इसमें नेचुरली एस्पायर्ड B4D डुअल-VVT 1.0-लीटर पेट्रोल इंजन मिलेगा, जो 72hp पावर जनरेट करेगा। इंजन को 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स से जोड़ा गया है। इसके हायर वैरिएंट में HRA0 टर्बो-चार्ज्ड 1.0-लीटर पेट्रोल इंजन मिलेगा, जो 5-स्पीड मैनुअल और CVT ऑटोमैटिक गियरबॉक्स से लैस होगा। ये 95hp का पावर जनरेट करेगा। हालांकि, कार को डीजल इंजन में लॉन्च नहीं किया जाएगा।
निसान मैग्नाइट के स्पेसिफिकेशन
इस सेगमेंट में पहली बार 360 डिग्री अराउंड व्यू मॉनीटर दिया गया है, जो निसान किक्स से लिया गया है। इसमें चारों तरफ कैमरा दिए गए हैं, जो चारों तरफ का व्यू देते हैं। एक बटन दबाकर लिस्ट में से जरूरत के मुताबिक कैमरा व्यू चुन सकते हैं।
इसमें डुअल एयरबैग्स, ईबीडी के साथ एबीएस, सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम, स्पीड सेंसिंग डोर लॉक जैसे कॉमन फीचर्स के अलावा व्हीकल डाइनैमिक्स कंट्रोल (वीडीसी) हिल स्टार्ट असिस्ट सिस्टम (एचएएस), ट्रैक्शन कंट्रोल जैसे जरूरी फीचर भी दिए हैं। इसमें टायर प्रेशर मॉनीटर सिस्टम के साथ एंटी रोल बॉर के साथ चैसिस और सस्पेंशन दिए हैं।
मैग्नाइट में वायरलेस चार्जिंग का फीचर दिया गया है, जो इस सेगमेंट की अन्य एसयूवी में नहीं मिलता। मैग्नाइट में वायरलेस चार्जिंग पैड ऑटो क्लाइमेट एयरकॉन नॉब के नीचे दिया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कार को कंपनी दिसंबर में लॉन्च कर सकती है। इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 5.3 लाख रुपए से से लेकर 7.5 लाख रुपए तक हो सकती है।
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निसान मैग्नाइट के सभी वैरिएंट की फीचर्स
निसान मैग्नाइट XE : इस एंट्री लेवल वैरिएंट में 16-इंच स्टील व्हील, डुअल-टोन इंटीरियर, फ्रंट और रियर फॉक्स स्किड प्लेट्स, रूफ-रेल्स और चारों पावर विंडो मिलेंगी। इसमें 3.5-इंच LCD डिस्प्ले मिलेगा।
निसान मैग्नाइट XL : इस वैरिएंट में 6 स्पीकर ऑडियो सिस्टम, स्टीयरिंग माउंटेड कंट्रोल, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, इलेक्ट्रिकली एडजेस्टेबल एंड फोल्डेबल विंग्स मिरर्स मिलेंगे।
निसान मैग्नाइट XV (हाई) : इसमें 16-इंच डायमंड कट अलॉय व्हील, LED डेटाइम लैम्प्स एंड फॉगलैम्प, 8-इंच टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, वायरलेस एपल कारप्ले और एंड्रॉयड ऑटो, 7-इंच TFT डिस्प्ले इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, वॉइस रिकॉग्नाइजेशन टेक्नोलॉजी, रिवर्स कैमरा एंड पुश स्टार्ट बटन मिलेगा।
निसान मैग्नाइट XV (प्रीमियम) : इसमें LED बाइ-प्रोजेक्टर हेडलैम्प्स, क्रूज कंट्रोल, 360-डिग्री अराउंड व्यू कैमरा, टायर प्रेशर मॉनीटर, ऑल-ब्लैक इंटीरियर, सनरूफ जैसे फीचर्स मिलेंगे।
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Nissan Magnite bookings open; booking amount starts at Rs 11,000
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raghav-shivang · 3 years
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हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस कंपनियां जल्दी ही मच्छर और कीटाणुओं से होने वाली डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों (वेक्टर जनित बीमारी) के इलाज के लिए स्पेशल इंश्योरेंस कवर ऑफर कर सकेंगी। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (इरडा) ने वेक्टर जनित बीमारी के मानकों को लेकर मसौदा जारी किया। इससे हेल्थ और जनरल इंश्योरेंस कंपनियां एक साल के लिए इस प्रकार की पॉलिसी की पेशकश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
आपके लिए कितना टर्म इंश्योरेंस कवर रहेगा काफी? इन 4 तरीकों से पता करें सही जरूरत 1 साल की होगी इंश्योरेंस की अवधि इरडा ने कहा कि इसका मकसद एक स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट लाना है जो लोगों की वेक्टर जनित बीमारियों के इलाज को शामिल करे। प्रस्ताव के तहत इंश्योरेंस पॉलिसी की अवधि एक साल होगी और इसमें प्रतीक्षा अवधि 15 दिन की होगी। इरडा ने संबंधित पक्षों से मसौदे पर 27 नवंबर तक अपनी राय देने को कहा है।
सिगरेट पीने वालों को लाइफ इंश्योरेंस लेने के लिए चुकाना पड़ता है 80% तक ज्यादा प्रीमियम​​​​​​​ कौन-कौन सी बीमारियां होंगी कवर? इस इंश्योरेंस पॉलिसी में डेंगू बुखार, मलेरिया, फाइलेरिया, काला अजार, चिकनगुनिया, जापानी बुखार और ज़ीका वायरस जैसे वेक्टर जनित बीमारियों के इलाज को शामिल किया जाएगा।
1 जनवरी से इंश्योरेंस कंपनियां ऑफर करेंगी सरल जीवन बीमा 1 जनवरी से सभी इंश्योरेंस कंपनियों को स्टैंडर्ड इंडिविजुअल टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी देनी होगी, जिसका नाम 'सरल जीवन बीमा' होगा। 'सरल जीवन बीमा' पॉलिसी शुद्ध रूप से एक सावधि जीवन बीमा योजना होगी, जिसे 18 से 65 वर्ष की उम्र का कोई भी व्यक्ति ले सकेगा और इसकी अवधि चार से 40 साल तक होगी।
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इरडा ने कहा कि इसका मकसद एक स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट लाना है जो लोगों की वेक्टर जनित बीमारियों के इलाज को शामिल करे
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raghav-shivang · 3 years
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अगर आपकी ज्वेलरी यात्रा के दौरान खो जाती है या कहीं चुरा ली जाती है तो अब आपको इसकी चिंता नहीं होनी चाहिए। क्योंकि अब कुछ ज्वेलर्स ऐसे हैं जो ज्वेलरी की खरीदी पर मुफ्त बीमा दे रहे हैं। अगर आपने यह बीमा लिया है तो आपको ऐसे समय में इसका बहुत बड़ा फायदा हो सकता है।
ये ज्वेलर्स दे रहे हैं ज्वेलरी पर बीमा
देश में जो प्रमुख ज्वेलर्स फिलहाल ज्वेलरी पर मुफ्त बीमा दे रहे हैं उसमें पी.सी. ज्वेलर्स, पोपले ज्वेलर्स, पीएनजी ज्वेलर्स मलबार गोल्ड एंड डायमंड्स, ओरा, कार्टलेन, एसएलजी ज्वेलर्स, रत्नालय ज्वेल्स, ई.जौहरी डॉटकॉम और कल्याण ज्वेलर्स हैं। इन सभी ने मुफ्त बीमा देना शुरू किया है। बीमा कवर मूलरूप से आपके गहनों को तब सुरक्षा देता है जब आपके गहने चोरी हो जाएं, या खो जाएं। या फिर दंगों या भूकंप जैसी स्थितियों में इसे नुकसान पहुंचे। इसके एवज में आपको कोई पॉलिसी डॉक्यूमेंट नहीं दिया जाएगा।
वेबसाइट और विज्ञापन में दे रहे हैं जानकारी
ये सभी स्टोर फिलहाल फ्री इंश्योरेंस का प्रचार अपनी वेबसाइट और विज्ञापनों में कर रहे हैं। हालांकि इस तरह का बीमा लेने से पहले आपको इसकी पूरी जांच करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि यह स्टैंडर्डराइज्ड नहीं है। यह सभी बीमा एक तय समय तक के लिए ही आपको दिए जाएंगे। ओरा पहले साल ग्राहक से प्रीमियम लेगी। दूसरे साल से ग्राहक के ऊपर यह होगा कि वह इसे रिन्यूअल करेगा या नहीं। मुफ्त बीमा के तहत जो प्रोडक्ट दिए जाते हैं वह एक सीमित प्रोडक्ट होते हैं। जैसे सैंकों गोल्ड और एसएलजी ज्वेलर्स इसे केवल डायमंड ज्वेलरी पर ही देते हैं।
10 हजार से कम प्रोडक्ट पर बीमा नहीं मिलेगा
मुफ्त बीमा गिफ्ट कार्ड और उन प्रोडक्ट पर लागू नहीं होंगे जो 10 हजार रुपए से कम कीमत के हैं। कई ज्वेलर्स मुफ्त ट्रांजिट बीमा भी देते हैं। अगर आप ऑन लाइन खरीद रहे हैं और आपका गहना डिलिवरी के समय गायब हो गया तो यह बीमा के दायरे में रहेगा। पीएनजी ज्वेलर्स इस तरह का बीमा दे रहा है।हालांकि इस तरह के बीमा के दावे में कुछ शर्तें भी हैं। जैसे आपकी ज्वेलरी किस तरह गायब हुई है। अगर यह आपकी गलती से गायब हुई है तो आपको बीमा का दावा नहीं मिलेगा।
पुलिस एफआईआर होने पर ही दावा मिलेगा
पोपले ज्वेलर्स का कहना है कि आपको किसी भी गायब हुई ज्वेलरी का बीमा कवर तभी मिलेगा जब इसकी पुलिस में एफआईआर दर्ज होगी। उदाहरण के तौर पर अगर आप की अंगूठी होटल में छूट गई है तो ऐसी स्थिति में आप दावा नहीं कर सकते हैं। क्योंकि इसमें आपकी गलती है। पोपले के मुताबिक इस तरह के दो बीमा के दावे उनके पास आए थे। एक ग्राहक जब मंदिर में था, उसी समय उसका गहना चोरी हो गया। इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज हुई। इस मामले में बीमा का दावा ग्राहक को दिया गया।
बीमा सलाहकारों की मदद लें
हालांकि आपको इस तरह के बीमा के दावे के लिए बीमा सलाहकारों की मदद लेनी होगी। क्योंकि बीमा का कवर उन्हीं के जरिए आपको दिया जाता है। ऐसी स्थिति में ज्वेलर्स का स्टोर या उसका कॉल सेंटर आपको किसी दावा का पेमेंट नहीं करेगा। वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। बीमा का दावा पाने के लिए आपको एफआईआर कॉपी, इनवॉयस, घटना का विवरण और अन्य जानकारी भी रखनी होगी। साथ ही अगर आपने ज्वेलरी के इस बीमा का रिन्यूअल नहीं कराया तो भी आप बीमा का दावा पाने के योग्य नहीं होंगे।
मुफ्त बीमा के तहत ज्वेलरी का जो वैल्यू कवर होता है, वह अलग-अलग भी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर आपके पास एक जोड़ा कंगन है। आपने इसका जीएसटी दिया है। तो आपको इस आधार पर दावा मिलेगा। इसके तहत आप ओरिजिनल प्रोडक्ट के वैल्यू का 95 पर्सेंट दावा कर सकते हैं।
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ज्वेलरी पर बीमा का क्लेम आप तभी कर सकते हैं जब आपकी गलती ना हो। उदाहरण के तौर पर अगर आप की अंगूठी होटल में छूट गई है तो ऐसी स्थिति में आप दावा नहीं कर सकते हैं। क्योंकि इसमें आपकी गलती है
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raghav-shivang · 3 years
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक अपने मैसेंजर और इंस्टाग्राम यूजर्स के लिए नया फीचर वैनिश मोड लाॅन्च करने जा रही है। मैसेंजर यूजर्स के लिए इसे पहले रोलआउट किया जाएगा।
इस फीचर के इनेबल होने के बाद जैसे ही आप मैसेज पढ लेंगे और चैट से बाहर आते ही वह खुद व खुद गायब हो जाएगा। वैनिश मोड में टैक्स्ट, इमोजी, इमेजेज, वाॅयस मैसेज और स्टिकर सभी रीड करने के बाद अपने आप गायब हो जाएंगे।
कैसे करेगा यह फीचर काम
फेसबुक के इस नए फीचर को यूज करना काफी आसान है। वैनिश मोड का अपडेटशन आने के बाद मैसेंजर चैट थ्रेड स्वाइप अप करते ही फीचर इनेबल हो जाएंगे। इसके बाद स्क्रीन डार्क हो जाएगी। वहीं, स्वाइप अप करने के बाद फिर से नार्मल मोड में आ जाएंगे।
अगर आप इस फीचर को डिसेबल करना चाहते हैं तो आपको स्क्रीन के ऊपर दिखाई दे रहे टर्न ऑफ वैनिश मोड बटन पर टैप करना पडेगा। इसे जल्द ही रोलआउट किया जाएगा।
वॉट्सऐप में आ रहा है डिसअपेयरिंग फीचर
बता दें कि हाल ही में फेसबुक की स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सऐप ने अपने यूजर्स के लिए डिसअपेयरिंग फीचर को रोलआउट कर दिया है। डिसअपेयरिंग फीचर के जरिए यूजर्स को सात दिन बाद चैट से अपने आप मैसेज गायब करने की सुविधा दी जा रही है।
वॉट्सऐप का यह मैसेज डिसअपेयरिंग फीचर इंडिविजुअल चैट और ग्रुप चैट दोनों के लिए है। हालांकि, ग्रुप चैट में केवल एडमिन ही इस फीचर का इस्तेमाल कर पाएंगे। वहीं, यह फीचर फॉरवर्डेड मैसेज पर काम नहीं करेगा। साथ ही मैसेज डिसअपेयरिंग फीचर के जरिए यूजर्स मैसेज कॉपी करके सेव कर सकेंगे।
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After WhatsApp, Facebook Messenger introduces new ‘Vanish Mode’: Here’s how it works
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raghav-shivang · 3 years
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जम्मू कश्मीर के बड़गाम जिले के दो भाइयों ने चीनी के शॉर्ट वीडियो ऐप टिकटॉक जैसा ऐप बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण से प्रेरणा लेते हुए दोनों भाइयों ने यह शॉर्ट वीडियो ऐप बनाया है। लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद सरकार ने इसी साल जून में टिकटॉक पर बैन लगा दिया था।
ऐप डेवलपर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं दोनों भाई
ऐप डेवलपर टीपू सुल्तान वानी और उसके बड़े भाई मोहम्मद फारुख ने मिलकर नूक्यूलर (Nucular) नाम का यह शॉर्ट वीडियो ऐप बनाया है। फारुख सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। इससे पहले वानी ने चीनी ऐप SHAREit जैसा ऐप 'फाइल शेयर टूल' (File Share Tool) भी बनाया था। फाइल शेयर टूल ऐप 40 MB प्रति सेकेंड की गति से फाइल ट्रांसफर करता है। फाइल शेयर टूल ऐप को बनाने के बाद दोनों भाइयों ने टिकटॉक जैसा ऐप बनाने का फैसला किया था।
एक महीने में बनाया नूक्यूलर
टीपू सुल्तान वानी ने कहा कि शेयरचैट जैसा ऐप फाइल शेयर टूल बनाने के बाद हमें लोगों से बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिला। कई लोगों ने ई-मेल भेजकर कहा कि हमें टिकटॉक जैसा ऐप बनान��� चाहिए। इसके बाद हमने नूक्यूलर ऐप बनाने पर काम शुरू किया। इसमें हमें करीब एक महीने का समय लगा। मैंने यह ऐप बड़े भाई के साथ मिलकर बनाया है। वानी ने कहा कि इस ऐप पर सॉन्ग, डायलॉग या ड्यूट बनाया जा सकता है।
ऐप बनाने में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
वानी ने कहा कि अच्छे यूजर अनुभव के लिए इस ऐप को बनाने में गूगल प्ले पर उपलब्ध अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। वानी ने कहा कि हमने उस तकनीक का इस्तेमाल किया है जो स्लो इंटरनेट स्पीड पर भी तेजी से वीडियो लोड करने में मदद करती है। हमने इस ऐप पर वास्तविक प्रभाव उपलब्ध कराए हैं। इन फीचर्स वाला कोई भी वीडियो शेयरिंग ऐप भारतीय बाजार में मौजूद नहीं है।
BPCL को बेचने से रोकने वाली 4 PILको बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज किया
सितंबर तिमाही में जुबिलेंट फूड ने बंद किए 105 स्टोर
दिवाली के फेस्टिव सीजन से डिमांड को मिला बूस्टर, ऑनलाइन रिटेल सेल्स में 55% की ग्रोथ
रिलायंस इंडस्ट्रीज बिल गेटस की ब्रेकथ्रू एनर्जी में 372 करोड़ रुपए का निवेश करेगी​​​​​​​
ऐप में कई प्रकार के फिल्टर मौजूद
वानी ने बताया कि इस ऐप में ARmask, ब्यूटी फिल्टर, VR बैकग्राउंड के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि हम इस ऐप में और फिल्टर व एडिटिंग टूल्स जोड़ेंगे। वानी के मुताबिक, इस ऐप पर 5 से 60 सेकेंड तक के वीडियो अपलोड किए जा सकते हैं। इसके अलावा यूजर किसी भी वीडियो को एडिट, कट या उसमें म्यूजिक जोड़ सकते हैं। यह एक 4K रेजोल्यूशन ऐप है।
5000 फॉलोवर जोड़ने वालों को नकद मिलेंगे 2000 रुपए
वानी के मुताबिक, इस ऐप पर एक प्रतियोगिता भी लॉन्च की गई है। जो भी यूजर इस ऐप पर सबसे पहले 5 हजार फॉलोअर जुटाएगा, उसे 2000 रुपए की नकद राशि पुरस्कार के तौर पर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम अगले अपडेट पर काम कर रहे हैं ताकि यूजर लाइक और शेयर के आधार पर भी कमाई कर सकें। दोनों भाइयों की ओर से टिकटॉक का वैकल्पिक ऐप बनाए जाने पर बडगाम के लोगों में खुशी का माहौल है।
प्ले स्टोर पर मिल रहा है बेहतर रेस्पॉन्स
नूक्यूलर (Nucular) को गूगल प्ले स्टोर पर बेहतर रेस्पॉन्स मिल रहा है। इस ऐप का साइज 46MB है। इस ऐप के अभी तक 1 हजार से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं। इस ऐप को प्ले स्टोर पर 4 स्टार रिव्यू मिला है। 12 नवंबर को ही ऐप का ताजा अपडेट रिलीज हुआ है।
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लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद सरकार ने इसी साल जून में टिकटॉक पर बैन लगा दिया था।
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raghav-shivang · 3 years
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स्वर्गीय शेफ तरला दलाल फूड इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान रखती हैं। फिलहाल उनकी विरासत को तरला की बेटी रेणू दलाल आगे बढ़ा रही हैं। रेणू खाने में नए एक्पेरिमेंट पसंद करती हैं। कोरोना काल में फूड इंडस्ट्री में क्या बदलाव होंगे, दिवाली पर अपनी मां की तरह वे क्या बनाना पसंद करती हैं और अपनी कुकिंग बुक्स के जरिये किस तरह नई रेसिपीज रीडर्स के लिए पेश कर रही हैं, जैसी कई बातें जानिए यहां खुद उन��हीं की जुबानी :
मेरा जन्म मुंबई में हुआ था। बचपन से ही मुझे खेलकूद, पढ़ाई और कुकिंग का शौक था। घर में जब मां नई-नई रेसिपीज बनाती तो उस वक्त भी मैं उन्हें बहुत ध्यान से हर चीज बनाते हुए देखती थी। जब मैं छोटी थी, तब मैंने मम्मी के साथ एक कुकिंग क्लास भी जॉइन की थी। उन्हीं दिनों मेरी रुचि कुकिंग में बढ़ी।
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रेणू दलाल अब तक दो कुकरी बुक्स लिख चुकी हैं।
अब तक मैंने दो कुकबुक लिखी हैं। इनका नाम 'मॉडर्न वेजिटेरियन रेसिपी' और 'सिंपल एंड डेलिशियस वेजिटेरियन रेसिपीज' हैं । इन किताबों के जरिये मैं एक बार फिर अपनी मां के खाने के स्वाद को लोगों के सामने लाना चाहती हूं। इसके अलावा मैं सोशल मीडिया पर रेसिपी के साथ ही खाने को सर्व करने और उसके प्रजेंटेशन के तरीके भी बताती हूं। खाने की सामग्री को बदलकर कैसे एक डिश को डिफरेंट टेस्ट दिया जा सकता है, ये भी मैंने अपने पोस्ट के जरिये लोगों को बताया है।
एक ही डिश को कई तरीकों से बनाना और उसे सलीके के साथ डाइनिंग टेबल पर सर्व करना मैंने मेरी मां से सीखा है। अगर घर में मेहमान आ रहे हैं तो एक ही चीज बार-बार खिलाने के बजाय उन्हें हर बार नया खिलाकर कैसे खुश किया जा सकता है, ये मुझे मां ने सिखाया। मुझे इस बात की खुशी है कि मैं उनके बताए टिप्स आज भी फॉलो करती हूं।
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रेणू की पहली किताब उनकी मां तरला दलाल को समर्पित थी।
मेरी मां भी हर बार दिवाली पर ऐसी कई चीजे बनाना पसंद करती थीं जो स्वादिष्ट होने के साथ ही हेल्दी भी हो। इस दिवाली कोरोना के बीच मैं लोगों को रोज़ फ्लेवर्ड श्रीखंड और बीटरूट हलवा बनाने की सलाह देती हूं। इससे आपको एकदम नया टेस्ट मिलेगा। ये डेजर्ट पौष्टिक होने की वजह से घर में सबको पसंद भी आएंगे।
नमकीन में पालक ढोकला बनाएं। ये कम समय में बन जाता है। लो कैलोरी होने की वजह से भी इसे काफी पसंद किया जाता है। इसके अलावा नो बेक ओरियो टार्ट्स, बेक्स योगर्ट, चॉकलेट पानी पूरी, वेफल्स इडली डिलाइट और मैक्सिकन पानी पूरी बनाए जा सकते हैं।
वैसे तो मां की बनाई हर डिश मुझे पसंद है। लेकिन बचपन में वे मेरे लिए केक विद आइसक्रीम और वेफल्स बनाती थीं, इसका लाजवाब स्वाद आज भी मेरी जुबान पर है। अगर हम कोरोना काल के बाद फूड इंडस्ट्री में आए बदलाव की बात करें तो कुछ समय बाद निश्चित रूप से एक बार फिर लोग बाहर का खाना पसंद करने लगेंगे। हाइजीन का ख्याल रखते हुए रेस्टोरेंट अपने कस्टमर्स को बेहतर तरीके से खाना सर्व के साथ ही अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगे।
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उन्होंने अपनी मां से सीखा खाना बनाने का आसान तरीका।
मैंने मेरी पहली किताब अपनी मां को समर्पित की। उसमें मैंने इतनी सिंपल रेसिपीज लिखी हैं, जो मेरी मां कम समय में आसानी से बना लेती थीं। इसमें ट्रेवल से लेकर फ्यूजन रेसिपीज हैं। मेरी दूसरी किताब में मैंने ग्लूटेन फ्री और न्यूट्रीशन से भरपूर रेसिपीज को बढ़ावा दिया है। मैंने अपनी बुक्स के जरिये फूड प्रजेंटेशन के बारे में भी रीडर्स को बताया है। सच तो यह है कि मुझे कुकिंग बुक्स लिखना बहुत अच्छा लगता है। अपनी दो किताबों के बाद मैं तीसरी किताब लिखना चाहती हूं। साथ ही सोशल मीडिया पर फूड लवर्स के लिए नई रेसिपीज बताना चाहती हूं।
आज फूड इंडस्ट्री में महिलाओं के बजाय पुरुष शेफ की संख्या अधिक है। मुझे लगता है इसकी वजह ये है कि एक शेफ को ज्यादा ट्रेवल करना होता है या घर से बाहर ज्यादा वक्त बिताना पड़ता है। घर के बाहर ज्यादा वक्त देने की वजह से महिलाएं शेफ के पेशे को पुरुषों के ब��ाय कम अपनाती हैं।
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रेणू को इस बात की खुशी है कि वे मां के बताए टिप्स आज भी फॉलो कर रही हैं।
जो लड़कियां फूड इंडस्ट्री में अपना करिअर बनाना चाहती हैं, उनमें धैर्य होना जरूरी है। आपको खाना बनाने का शौक हो, साथ ही नई डिश और हर डिश के साथ कई तरह के प्रयोग करना भी आपको आना चाहिए। होटल मैंनेजमेंट का कोर्स करके आप अपना रेस्टोरेंट शुरू कर सकती हैं या होटल इंडस्ट्री में नाम कमा सकती हैं।
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रेणू कहती हैं कि मेरी मां भी हर बार दिवाली पर ऐसी कई चीजें बनाना पसंद करती थीं, जो स्वादिष्ट होने के साथ ही हेल्दी भी हों।
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raghav-shivang · 3 years
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क्या हो रहा है वायरल : सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि दिवाली पर पटाखे जलाने से पर्यावरण को फायदा भी होता है।
वायरल मैसेज में दावा है कि बारूद की खुशबू से मच्छरों और कई तरह के कीड़ों का सफाया हो जाता है। इसलिए बड़ी तादात में पटाखे फोड़े जाने चाहिए।
दिवाली पर हर साल की तरह इस साल भी पटाखों से फैलने वाले प्रदूषण को लेकर बहस छिड़ी हुई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली-एनसीआर में 9 से 30 नवंबर तक पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। न सिर्फ दिल्ली, बल्कि देश के जिन-जिन राज्यों में एयर क्वालिटी खराब है, वहां भी पटाखे नहीं बेचे जाएंगे
एक बड़ा तबका मानता है कि लोगों को पटाखे जलाने से रोकना गलत है। ट्विटर पर #हम_तो_पटाखे_फोड़ेंगे टॉप ट्रेंड में चल रहा है। सोशल मीडिया पर प्रदूषण के पीछे पटाखों को जिम्मेदार ठहराए जाने वाले तर्कों के विरोध में कई मैसेज वायरल हो रहे हैं। ऐसे ही एक मैसेज की दैनिक भास्कर ने पड़ताल की।
और सच क्या है ?
गूगल पर हमें अलग-अलग कीवर्ड सर्च करने से भी ऐसी कोई रिसर्च रिपोर्ट नहीं मिली। जिससे पुष्टि होती हो कि बारूद की खुशबू से मच्छरों और कीड़ों का सफाया होता है।
बारूद से मच्छरों का सफाया होने वाले दावे का सच जानने के लिए हमने जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में बायोटेक्नोलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कपिल देव से संपर्क किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर किए जा रहे इस दावे को भ्रामक बताया।
डॉ. कपिल के अनुसार, पटाखों से होने वाले धुएं से मच्छर भागते हैं, ये बात सही है। लेकिन, यह धुआं मच्छरों से ज्यादा इंसानों के लिए हानिकारक है। वहीं बारूद की खुशबू से मच्छरों या अन्य कीड़ों का सफाया होने वाली बात अब तक किसी भी साइंटिफिक स्टडी में सिद्ध नहीं हुई है।
2018 में यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंस एंड पॉलिसी ने दिल्ली की खराब हवा पर पटाखों के असर पर एक रिसर्च की थी। इसके लिए 2013 से 2016 तक का डेटा लिया गया था।
इस रिसर्च के मुताबिक, दिल्ली में हर साल दिवाली के अगले दिन PM 2.5 की मात्रा 40% तक बढ़ती है। दिवाली के दिन शाम 6 बजे से रात 11 बजे के बीच PM2.5 में 100% की बढ़ोतरी हो गई। PM2.5 यानी हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण। इन कणों के बढ़ने से ही एयर क्वालिटी खराब होती है।
इन सबसे साफ है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा पटाखों से पर्यावरण को होने वाले फायदे से जुड़ा दावा पूरी तरह फेक है।
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Diwali Firecrackers Gunpowder Kills Mosquitoes; Fake News Viral On Social Media
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raghav-shivang · 3 years
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महामारी में एक बात साबित हो चुकी है कि डायबिटीज के मरीजों में कोरोना का संक्रमण होने का खतरा अधिक है। कोरोना के संक्रमण से जूझने वाले 25 मरीज डायबिटीज से परेशान हैं। देश में डायबिटीज के ज्यादातर रोगी 28 से 60 साल के बीच के हैं। इसलिए कोरोना के मामले बढ़ने का खतरा भी ज्यादा है।
एक और बात सबसे ज्यादा परेशान करने वाली है। कोविड-19 स्वस्थ लोगों में डायबिटीज की वजह भी बन सकता है और जो पहले से डायबिटीज से जूझ रहे हैं उनकी हालत और बिगाड़ सकता है। दुनियाभर के 17 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम के एक पैनल ने दुनियाभर के कई मामलों पर रिसर्च के बाद ये बात कही है। अब तक हुए क्लीनिकल ट्रायल में कोविड-19 और डायबिटीज के बीच ये महत्वपूर्ण कनेक्शन ढूंढ़ा गया है।
आज वर्ल्ड डायबिटीज डे है, इस मौके पर एक्सपर्ट से जानिए कोरोना और डायबिटीज का क्या है कनेक्शन...
4 पॉइंट से समझिए कोविड-19 और डायबिटीज का कनेक्शन
स्वस्थ लोगों में ऐसे बढ़ता है खतरा: एसएमएस हॉस्पिटल जयपुर के डायबिटोलॉजिस्ट डॉ. प्रकाश केसवानी का कहना है कि कोविड-19 का वायरस सीधे पेंक्रियाज में मौजूद इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है। बीटा कोशिकाओं के डैमेज होने पर मरीजों में इंसुलिन बनने की कैपेसिटी कम हो जाएगी। ऐसे में जो स्वस्थ हैं उनमें भी नई डायबिटीज का खतरा बढ़ेगा।
टाइप-1 डायबिटीज भी हो सकती है: कई बार संक्रमण ज्यादा गंभीर होता है, ऐसी स्थिति में टाइप-1 डायबिटीज या डायबिटिक कीटोएसिडोसिस भी हो सकता है। डायबिटिक कीटोएसिडोसिस उस स्थिति को कहते हैं जब इंसुलिन की बहुत अधिक कमी के कारण शरीर में शुगर का लेवल ज्यादा बढ़ जाता है।
स्ट्रेस भी एक फैक्टर है: अगर किसी में डायबिटीज की शुरुआत हुई है और उसे नहीं मालूम है, इस दौरान वायरस का संक्रमण होता है तो स्ट्रेस के कारण भी नई डाइबिटीज विकसित हो सकती है।
इसलिए डायबिटिक लोगों को खतरा ज्यादा: डायबिटीज के रोगियों में हर संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे रोगियों में इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं (लिम्फोसाइट्स, न्यूट्रोफिल्स) की कार्य क्षमता कम हो जाती है। इस वजह से शरीर में एंटीबॉडीज कम बनती हैं। बीमारी से लड़ने की ताकत कम होने के कारण ये बाहरी चीजों (वायरस, बैक्टीरिय��) को खत्म नहीं कर पाती नतीजा जान का जोखिम बढ़ता जाता है।
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ऐसे मरीजों में ऑक्सीजन का लेवल घटने का खतरा अधिक
मुम्बई के जसलोक हॉस्पिटल के डायबिटीज एक्सपर्ट शैवाल चंडालिया कहते हैं, डायबिटीज के मरीजों में संक्रमण हुआ तो ऑक्सीजन का लेवल घट सकता है और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। इनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी अधिक रहता है। कोरोना के कुछ मरीजों को इलाज के दौरान स्टेरॉयड्स दिए जाते हैं जो ब्लड शुगर का लेवल बढ़ा सकते हैं। ऐसे में मरीज को इंसुलिन देकर स्थिति को कंट्रोल किया जाता है। एक और बात का ध्यान रखने की जरूरत है, शरीर में पानी की कमी बिल्कुल न होने दें।
कोरोना से जूझने वाले मरीजों को इमरजेंसी केयर की जरूरत
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के एंड्रोक्राइनोलॉजी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रिचा चतुर्वेदी ने बताया, अगर टाइप-2 डायबिटीज वालों में कोरोना का संक्रमण होता तो हालत नाजुक होने का खतरा ज्यादा रहता है। संक्रमण के बाद जैसे-जैसे वायरस अपना असर छोड़ता है मरीज में सूजन बढ़ती जाती है।
ऐसे मरीजों में थकान, मांसपेशियों में दर्द, अधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब करना, सांस लेने में तकलीफ होना और सांस लेने में तकलीफ होने जैसे लक्षण नजर आते हैं। इन्हें इमरजेंसी केयर की जरूरत होती है।
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के रेस्पिरेट्री मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. निखिल मोदी कहते हैं, हॉस्पिटल में आने वाले कोरोना के मरीजों में 20 से 30 फीसदी तक डायबिटीज के रोगी थे। इनकी हालत नाजुक थी। इनके लिए डायबिटीज से जुड़ी दवाएं और इंसुलिन लेना जरूरी था।
महामारी में सबसे जरूरी सलाह है कि शुगर लेवल कंट्रोल में रखें, दवाएं समय पर लें। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और बिना मास्क बाहर न निकलें।
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डायबिटीज के रोगी तनाव से बचें, इससे ब्लड शुगर बढ़ता है
बार-बार पेशाब और आंखों में धुंधलापन भी डायबिटीज का लक्षण
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covid19 and diabetes connection why diabetes patients has higher risk of infection
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raghav-shivang · 3 years
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डायबिटीज के 25 फीसदी मरीजों में 10 के अंदर ही आंखों की रोशनी कम होने लगती है। 50 फीसदी मरीजों में 20 साल के अंदर इसका असर दिखने लगता है। ज्यादातर लोग इसे ढलती उम्र की समस्या मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, जबकि कुछ बातों का ध्यान रखकर कम होती आंखों की रोशनी को कंट्रोल किया जा सकता है।
हर साल 14 नवम्बर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। आई एंड ग्लूकोमा एक्सपर्ट डॉ. विनीता रामनानी बता रही हैं, डायबिटीज के मरीज आंखों का कैसे रखें ख्याल
डायबिटीज के मरीज हैं तो ध्यान दें कहीं ये लक्षण आप में तो नहीं..
1. आंखों में रुखापन
डायबिटीज़ के ज़्यादातर मरीज आंखों में रुखेपन से परेशान रहते हैं। जिससे उनको आंखों में दर्द, चुभन, भारीपन और आंसू आ सकते हैं | समय पर इलाज़ होना बेहद जरूरी है।
2. आंखों में संक्रमण
ऐसे मरीजों की आंखों में संक्रमण होने का खतरा ज्यादा रहता है। जैसे कंजक्टिवाइटिस (लाल आंखें), पलकों और कॉर्निया में इन्फ़ेक्शन हो सकता है। इसलिए ब्लड शुगर कंट्रोल में रखें और आंखों से जुड़ी कोई तकलीफ होने पर डॉक्टरी सलाह लें।
3. मोतियाबिंद
यह डायबिटीज़ में होने वाली सबसे आम बीमारी है। आंखों का लेंस उम्र के साथ धुंधला हो जाता है जिसे मोतियाबिंद या कैटरेक्ट कहते हैं। मोतियाबिंद डायबिटीज़ के मरीज़ों में जल्दी हो सकता है और तेजी से बढ़ता भी है। इसका सीधा असर आंखों की रोशनी पर पड़ता हैै।
डायबिटीज़ से जूझने वाले 65 साल से कम उम्र के इंसानों में मोतियाबिंद होने का ख़तरा बाकियों के मुक़ाबले 4 गुना ज़्यादा होता है। मोतियाबिंद होने पर डायबिटीज़ को कंट्रोल करके सर्ज़री की मदद से लेंस ट्रांसप्लांट किया जाता है।
4. ग्लूकोमा
यह आंखों में दबाव से जुड़़ी बीमारी है, जिसके आमतौर पर लक्षण नहीं दिखाई देते। लंबे समय तक बढ़े हुए दबाव की वजह से आंखों की नस यानी ऑप्टिक नर्व पर बुरा असर पड़ने के लिए देखने में तकलीफ़ होती है। इलाज़ न करने पर मरीज़ हमेशा के लिए आंखों की रोशनी खो सकते हैं।
5. डायबिटिक रेटिनोपैथी
डायबिटिक रेटिनोपैथी डायबिटीज़ में होने वाली आंखों से जुड़ी सबसे गंभीर बीमारी है। इसमें भी शुरूआती लक्षण नहीं होते मरीज को इसका पता रेटिना टेस्ट से पता चलता है। रेटिनोपैथी बढ़ने पर आंखों की रोशनी कम होने लगती है। हालत बिगड़ने पर रोशनी पूरी तरह से जा सकती है। डायबिटीज के अलावा अगर मरीज ब्लड प्रेशर, थायरॉयड, कोलेस्ट्रॉल, हार्ट या किडनी डिसीज से जूझ रहता है तो खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। डायबिटीज से20% से 40% मरीजों में रेटिनोपैथी हो सकती है।
6. लगातार चश्मे का नंबर बदलना
मधुमेह के मरीजों में ब्लड शुगर कंट्रोल न होने पर चश्मे के नंबर बदलता रहता है। इसलिए समय-समय पर शुगर की जांच करते रहना चाहिए। बहुत ज्यादा या बहुत कम शुगर लेवल होने पर मरीज़ को अचानक धुंधला दिख सकता है। शुगर लेवल ठीक होने पर रोशनी वापस भी आ सकती है।
7. आंखों में तिरछापन
बढ़ी हुई शुगर के चलते होने से आंखों में भेंगापन आ सकता है जिसमें अचानक से डबल दिखने के साथ पलकें भी बंद हो सकती हैं। कई बार देखने वाली नस में सूजन के कार रोशनी काफी कम हो सकती है।
डायबिटीज के मरीज ऐसे रखें अपनी आंखों का ख्याल
साल में एक बार आंखों की जांच कराएं : अगर डायबिटिक रेटिनोपैथी की शुरुवात हो चुकी हो तो डॉक्टर की सलाह को नजरअंदाज न करें। साल में एक बार आंखों की जांच जरूर करवाएं।
शुगर लेवल कंट्रोल में रखें : ब्लड शुगर को नॉर्मल रेंज में बनाए रखें। एक बार इसका लेवल बढ़ जाने के बाद आंखों के साथ शरीर के कई अंग डैमेज होने लगते हैं। डॉक्टर से दवाइयां, डाइट प्लान, एक्सरसाइज़ और ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने के साथ ब्लड ग्लूकोज़ मॉनिटरिंग के बारे में बात करें। एचबीए1सी लेवल साल में कम से कम 2 बार टेस्ट कराना चाहिए और इसका लक्ष्य 7 प्रतिशत से कम होना चाहिए।
एक्सरसाइज करें, डाइट में बदलाव करें : रेग्युलर एक्सरसाइज, बैलेंस डाइट, धूम्रपान और शराब से दूरी इस जानलेवा बीमारी से बचा सकते हैं। खाने में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें।
समय पर इलाज़ कराएं : डायबिटीज़ और इससे जुड़ी दिक्कतों का समय पर इलाज़ बेहद जरूरी है वरनाा शरीर के कई अंगों पर इसका असर दिखना शुरू हो जाता है। इस बात को हमेशा ध्यान रखें।
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World Diabetes Day 2020 why diabetic retinopathy cataract and blur eyes happen
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raghav-shivang · 3 years
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डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें लगभग 60 फीसदी मरीजों में लक्षण ही नहीं दिखाई पड़ते हैं। ऐसे में इसकी पहचान दो तरह से होती है। पहला, कुछ खास लक्षणों के आधार पर और दूसरा खून की जांच से।
ब्लड टेस्ट में यदि खाली पेट शुगर 126 से अधिक और खाने के दो घंटे के बाद 200 से अधिक है तो इंसान डायबिटिक है। अगर खाली पेट शुगर 100-125 है और खाने के दो घंटे के बाद 140- 199 है तो इसे प्री-डायबिटीज कहते हैं। ऐसे में सतर्क हो जाना चाहिए।
14 नवम्बर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। इस मौके पर इंदौर के टोटल डायबिटीज हार्मोन इंस्टीट्यूट के डायबिटोलॉजिस्ट और हार्मोन एक्सपर्ट डॉ. सुनील एम जैन बता रहे हैं, डायबिटीज से जुड़ी हर जरूरी बात...
सबसे पहले डायबिटीज के कारण और टाइप को समझें डायबिटीज के तीन कारण हैं। पहला अनुवांशिक, दूसरा शारीरिक मेहनत की कमी और तीसरा मोटापा। पेट के आसपास चर्बी खतरनाक हो��ी है। कई बार अलग-अलग स्थितियों में डायबिटीज भी होती है। जैसे - गर्भावस्था में होने वाली डायबिटीज। यह बाद में ठीक हो जाती है।
डायबिटीज की वजह और प्रकार
डायबिटीज मुख्यत: दो प्रकार की होती है।
टाइप 1 : यह एक ऑटो इम्यून कंडीशन है। यानी आपका इम्यून सिस्टम गलती से पैन्क्रियाज में पाई जाने वाले बीटा सेल्स पर आक्रमण कर उन्हें नष्ट कर देता है। यही बीटा सेल इंसुलिन बनाती हैं, जिसके बाद शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है।
टाइप-2 : इस स्थिति में शरीर इंसुलिन का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है। यह गड़बड़ी पैन्क्रियाज को अधिक इंसुलिन बनाने के लिए उत्तेजित करती है, इससे इंसुलिन की जरूरत तो पूरी हो जाती है, लेकिन कुछ दिनों बाद इंसुलिन का बनना घटने लगता है।
डायबिटीज के ये लक्षण दिखें तो अलर्ट हो जाएं
वजन घटना-बढ़ना।
बार-बार पेशाब आना।
बार-बार भूख-प्यास का लगना।
थकान होना और आंखों में धुंधलापन रहना
घाव होने के बाद जल्दी न भरना
लाइफस्टाइल ऐसी हो : डायबिटीज नहीं है तो भी हफ्ते में 5 दिन 30 मिनट एक्सरसाइज करें नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसन के अनुसार व्यक्ति जितना अधिक शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाता है इंसुलिन की सेंसिटीविटी उतनी ही बढ़ती है। जानी-मानी विले ऑनलाइन लाइब्रेरी में व्यायाम को लेकर ये सुझाव दिए गए हैं।
डायबिटीज नहीं है तो : सप्ताह में 5 दिन न्यूनतम 30 मिनट एक्सरसाइज करें। इसमें हाई इंटेंसिटी एरोबिक सप्ताह मंे तीन दिन और स्ट्रेंथ एक्सरसारइज सप्ताह में दो दिन करनी चाहिए।
अगर डायबिटीज है तो : सप्ताह में पांच दिन न्यूनतम 30 मिनट एक्सरसारइज जरूरी है। शरीर की क्षमता के अनुसार ही एक्सरसाइज करें। एरोबिक के साथ हल्की रजिस्टेंस ट्रेनिंग करें।
एक्सरसाइज का सबसे बेहतर समय हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के मुताबिक, डायबिटीज मरीज के लिए खाने के एक से तीन घंटे बाद एक्सरसाइज करना सबसे बेहतर है। इस समय इंसुलिन बढ़ा होता है। एक्सरसाइज के पहले ब्लड शुगर चेक करना चाहिए। शुगर लेवल 100 है तो फल का एक टुकड़ा खाकर एक्सरसाइज करनी चाहिए। जिससे हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी से बचा जा सके।
अच्छी नींद और डाइट बहुत असरदार होती है ऑक्सफोर्ड के अनुसार, नींद और इंसुलिन का आपस में गहरा संबंध है। संस्थान में 16 ऐसे लोगों पर प्रयोग किया गया जो नींद पूरी नहीं ले पा रहे थे। इनके सोने के घंटों में एक घंटे की वृद्धि जब की गई तो इंसुलिन पर अच्छा असर दिखा।
डाइट ऐसी होनी चाहिए डायबिटीज के मरीजों को अपनी जरूरत की कैलोरी की 50% पूर्ति बिना स्टार्च वाले आहार से, 25% प्रोटीन वाले और 25% पूर्ति वसा वाले आहार से करनी चाहिए। प्रोटीन युक्त आहार में सभी प्रकार की दालें, अंकुरित अनाज, अंडे का सफेद हिस्सा डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हैं। अधिक रेशायुक्त आहार जैसे हरी सब्जियां और सलाद भी ग्लूकोज कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
तनाव से दूर रहें क्योंकि इसका असर ब्लड शुगर पर पड़ता है
कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि तनाव से कुछ ऐसे हार्मोन्स निकलते हैं जिनसे डायबिटीज की बीमारी होने का खतरा बढ़ता है। ऐसे में योग स्ट्रेस मैनेजमेंट का सबसे सटीक तरीका है। नियमित योग करने से डायबिटीज के मरीजों में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है। सेंसिटिविटी बढ़ने का मतलब है कि शरीर मौजूदा इंसुलिन का इस्तेमाल बेहतर तरीके से करेगा।
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World Diabetes Day 2020: Diabetes Symptoms | Know What Are The Early Signs Of Diabetes? Urinating Often, Blurry Vision And More
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raghav-shivang · 3 years
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दीपपर्व पर देशभर में लाेग एक-दूसरे काे बधाई देते हैं। परिचिताें-रिश्तेदाराें के घर जाते हैं। नए व्यंजन बनाए जाते हैं और मेहमाननवाजी की जाती है। इस साल काेराेना के चलते इस परंपरा को थोड़ा बदला जा सकता है। इस दीपावली मेहमानाें का स्वागत हल्दी वाले गर्म दूध से करें। उन्हें गर्मागर्म नाश्ता पराेसें।
गुजरात में नगर निगम के अधिकारी लोगों से अपील कर रहे हैं कि त्योहार के उल्लास में कोरोना को बाधा न बनने दें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सभी परंपराएं निभाएं। हाथ मिलाना, बड़ाें के चरण स्पर्श हमारी परंपरा रही है। ऐसे में संक्रमण फैलने का जाेखिम रहता है। लोग नैतिक-सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए दाे गज दूरी, मास्क और सैनिटाइजर काे नजरअंदाज न करें।
मुलाकात ऐसे करें... ताकि सब सुरक्षित रहें
किसी के यहां जाएं या काेई मिलने आए, तब मास्क पहन कर रखें। मेहमानों से ऐसा करने के लिए कहें।
हाथ मिलाने, गले लगाने की आदत को टालें। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नमस्कार करके स्वागत करें।
घर के सदस्य, मेहमानाें और मुलाकातियाें को अनिवार्य रूप से सैनिटाइजर का उपयोग करवाएं।
छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्ग, लंबी बीमारी, लंबे समय से बीमार लाेगाें के पास जाने से बचें।
होम‌ आइसोलेट/होम क्वारेंटाइन व्यक्ति/ परिवार न किसी के यहां जाएं और न किसी को इन्वाइट करें।
शुभकामनाओं के साथ मास्क, सैनिटाइजर या पल्स ऑक्सीमीटर बतौर उपहार भी दे सकते हैं।
नाश्ता ऐसा कराएं... ताकि सब सेहतमंद रहें
हल्दीयुक्त गर्म दूध, ग्रीन-टी, मसालेदार चाय, नीबू शहद, नीबूयुक्त गर्म पानी सर्व कर सकते हैं।
रोग-प्रतिराेधक काढ़ा भी पेश कर सकते हैं।
काजू, बादाम, पिस्ता जैसे ड्रायफ्रूट रख सकते हैं।
माैसंबी, संतरा, पाइनेपल सहित अन्य फलों का ताजा जूस सर्व कर सकते हैं।
फलों के अलावा भिगोए/अंकुरित/उबले चने, मूंग जैसे अनाज सर्व कर सकते हैं।
सूखे नाश्ते के स्थान पर गर्म-ताजा नाश्ता कराएं। जैसे इडली, उपमा, ढाेकला आदि।
माउथफ्रेशनर के लिए लौंग, इलायची, अदरक आदि रखें।
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Receive guests with hot turmeric milk and have a fresh and fresh breakfast; Will be able to fight against diseases
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raghav-shivang · 3 years
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मारुति सुजुकी ने अपनी तीन हैचबैक ऑल्टो, सेलेरियो और वैगनआर के फेस्टिव एडिशन पेश किए हैं। ये तीनों एडिशन ज्यादा फीचर्स के साथ पैक मिलेंगे। कंपनी ने कार के इंटीरियर में कुछ बदलाव किए हैं, लेकिन इसमें कोई भी मैकेनिकल चेंजेस नहीं किए गए हैं। नए चेंजेस के बाद इन कार की कीमत में 25,490 रुपए से लेकर 29,990 रुपए तक का अंतर आया है।
फेस्टिव एडिशन के स्पेसिफिकेशन और कीमतें
ऑल्टो फेस्टिव एडिशन: ऑल्टो के फेस्टिव एडिशन को एक्सेसरीज से फुल पैक किया गया है। इसमें पायनियर टचस्क्रीन म्यूजिक सिस्टम, 6-इंच केनवुड स्पीकर्स, सिक्योरिटी सिस्टम, डुअल-टोन सीट कवर्स, स्टीयरिंग व्हील कवर और फ्लोर मैट दी है। इस एडिशन की कीमत 25,490 रुपए ज्यादा है।
सेलेरियो फेस्टिव एडिशन: कंपनी इस कार में नया डबल-डिन सोनी ऑडियो सिस्टम दे रही है, जो ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ आएगा। इसके साथ, सीट कवर्स, पियानो ब्लैक बॉडी साइड मोल्डिंग्स, डोर वाइजर और फ्लोर मैट शामिल हैं। इस एडिशन की कीमत 25,990 रुपए ज्यादा है।
वैगनआर फेस्टिव एडिशन: इस एडिशन में कंपनी फ्रंट और रियर बंपर्स प्रोटेक्टर्स, ��्रंट ग्रिल क्रोम गार्निश, साइड स्किर्ट्स, ब्लैक बॉडी साइड मोल्डिंग्स, सीट कवर्स, इंटीरियर स्टाइलिंग किट और फ्लोर मैट शामिल हैं। इस एडिशन की कीमत 29,990 रुपए ज्यादा है।
तीनों कार के इंजन और गियरबॉक्स
मारुति सुजुकी ऑल्टो में 796cc, थ्री-सिलेंडर पेट्रोल इंजन दिया है, जो 48hp का आउटपुट और 69Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसे 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स से जोड़ गया है। ARAI के मुताबिक इसका माइलेज 22.05kmpl है। ऑल्टो को CNG वर्जन 40hp का पावर और 60Nm टॉर्क जनरेट करता है। ये भी 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ आता है। इसका माइलेज 31.59km/kg है।
सेलेरियो में 1.0-लीटर, थ्री-सिलेंडर पेट्रोल इंजन दिया है। ये 68hp का पावर और 90Nm का टॉर्क जनरेट करतका है। इसे 5-स्पीड मैनुअल और AMT गियरबॉक्स से जोड़ा गया है। ARAI के मुताबिक इसका माइलेज 21.63kmpl है। इसका CNG वर्जन 59hp का पावर और 78Nm का टॉर्क जनरेट करता है। ये 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ आता है। इसका माइलेज 30.47km/kg है।
वैगनरआर में 1.0-लीटर, थ्री-सिलेंडर पेट्रोल इंजन दिया है। ये 68hp का पावर और 90Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसे 5-स्पीड मैनुअल और AMT गियरबॉक्स से जोड़ा गया है। इसे 1.2-लीटर फोर-सिलेंडर पेट्रोल इंजन में भी खरीद सकते हैं। जो 83hp का पावर और 113Nm का टॉर्क जनरेट करता है। दोनों इंजन को 5-स्पीड मैनुअल और AMT गियरबॉक्स से जोड़ा गया है। ARAI के मुताबिक इसका माइलेज 20.52kmpl है।
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नए चेंजेस के बाद इन कार की कीमत में 25,490 रुपए से लेकर 29,990 रुपए तक का अंतर आया है
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raghav-shivang · 3 years
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आप एक ऐसे डेटा प्लान की तलाश में हैं जिससे बार-बार रिचार्ज कराने का टेंशन खत्म हो जाए, तब ये खबर आपके काम की है। हम यहां पर रिलायंस जियो से लेकर एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया (Vi) के सालभर की वैलिडिटी वाले प्लान के बारे में बता रहे हैं। यानी इस दिवाली आप इन प्लान को लेते हैं तब अगला रिचार्ज 2021 की दिवाली में कराना होगा। बता दें कि अगली दिवाली 4 नवंबर, 2021 को है।
1. जियो का सालभर वाला प्लान सालभर की वैलिडिटी वाले रिलायंस जियो के कई प्लान हैं। इनमें सबसे सस्ता प्लान 2121 रुपए वाला है। इस प्लान की वैलिडिटी 336 दिन है। प्लान में रोजाना 1.5GB डाटा, डेली 100 SMS, जियो टू जियो अनलिमिटेड कॉलिंग, अन्य नेटवर्क के लिए 12000 मिनट और जियो ऐप्स का सब्सक्रिप्शन मिलता है।
जियो के अन्य लॉन्ग वैलिडिटी प्लान
प्लान वैलिडिटी डाटा मिनट 2399 रुपए 365 दिन 730GB 12000 2599 रुपए 365 दिन 730GB 12000 4999 रुपए 360 दिन 350GB 12000
नोट: 2599 रुपए वाले प्लान में डिज्नीप्लस हॉटस्टर का सब्सक्रिप्शन भी मिलता है।
1. एयरटेल का सालभर वाला प्लान एयरटेल के भी सालभर की वैलिडिटी वाले कई प्लान हैं। इनमें सबसे सस्ता प्लान 1498 रुपए वाला है। इस प्लान की वैलिडिटी 365 दिन है। प्लान में 24GB डाटा, 3600 SMS, सभी नेटवर्क पर फ्री कॉलिंग मिलती है। इसमें एयरटेल एक्सस्ट्रीम प्रीमियम और विंक म्यूजिक सब्सक्रिप्शन के साथ FASTag के लिए 150 रुपए का कैशबैक मिलता है।
एयरटेल के अन्य लॉन्ग वैलिडिटी प्लान
प्लान वैलिडिटी डाटा 2498 रुपए 365 दिन 730GB 2698 रुपए 365 दिन 730GB
नोट: 2498 रुपए वाले प्लान में डिज्नीप्लस हॉटस्टार VIP सब्सक्रिप्शन, यरटेल एक्सस्ट्रीम प्रीमियम सब्सक्रिप्शन, विंक म्यूजिक सब्सक्रिप्शन और FASTag के लिए 150 रुपए का कैशबैक मिलता है।
3. वोडाफोन-आइडिया का सालभर वाला प्लान वोडाफोन-आइडिया या वीआई के भी सालभर की वैलिडिटी वाले 3 प्लान हैं। इनमें सबसे सस्ता प्लान 1499 रुपए वाला है। इस प्लान की वैलिडिटी 365 दिन है। प्लान में 24GB डाटा, 600 SMS, सभी नेटवर्क पर फ्री कॉलिंग मिलती है। इसमें Vi मूवीज एंड टीवी सब्सक्रिप्शन, MPL के लिए 125 रुपए का बोनस और जोमैटो के लिए डेली फ्लैट 75 रुपए का डिस्काउंट मिलता है।
वीआई के अन्य लॉन्ग वैलिडिटी प्लान
प्लान वैलिडिटी डाटा 2399 रुपए 365 दिन 547GB 2595 रुपए 365 दिन 730GB
नोट: इन दोनों प्लान पर Vi मूवीज एंड टीवी सब्सक्रिप्शन, MPL के लिए 125 रुपए का बोनस और जोमैटो के लिए डेली फ्लैट 75 रुपए का डिस्काउंट मिलता है।
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इस दिवाली आप इन प्लान को लेते हैं तब अगला रिचार्ज 2021 की दिवाली में कराना होगा
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raghav-shivang · 3 years
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इस दिवाली सबसे ज्यादा जिस बात पर ध्यान दिया जा रहा है, वो है कोरोना काल के बीच आपकी सेहत। इस लिहाज से खाने के कई ऐसे ऑप्शंस पेश किए जा रहे हैं जो टेस्टी होने के साथ ही हेल्दी भी हैं। ऐसे ही हेल्दी रेसिपी दिवाली पर बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्‌टी ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये शेयर की है।
इस त्योहार घर में बनने वाले ट्रेडिशनल लड्‌डू के बजाय पोहा लड्‌डू स्वास्थ्य के नजरिये से ज्यादा फायदेमंद हैं। शिल्पा के अनुसार, ''इस साल दिवाली पर हमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालना करना है, मास्क और सैनिटाइजिंग प्रोटोकॉल के साथ दिवाली सेलिब्रेट करना है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आप स्वादिष्ट लड्‌डू न खाएं। आपके लिए पेश है पोहा लड्‌डू। इसमें आयरन की भरपूर मात्रा है। यह ग्लूटेन फ्री है। इसे बनाने में रिफाइंड शुगर का इस्तेमाल भी नहीं किया गया है। ये मेरी तरफ से आप सभी लोगों के लिए दिवाली गिफ्ट है''।
पोहा लड्‌डू बनाने के लिए शिल्पा ने पोहे को हल्का ब्राउन होने तक सेंक लिया। फिर इसमें सिका हुआ खोपरा, गुड़, किशमिश, बादाम, अलसी और घी मिलाया। इन सभी चीजों को अच्छी तरह मिलाकर लड्‌डू बनाएं। लो कैलोरी यह डिश आपका वेट भी मेंटेन रखती है।
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Shilpa shares Poha laddu recipe on Diwali, low calorie dish will keep your weight also
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