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#छूरा
bhupdass · 10 days
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#सत_भक्ति_संदेश़
भक्ति न करने वाले
काम क्रोध मद लोभ लट, छुटि रहे विकराल ।
क्रोध कसाई उर् बसै, कुशब्द छूरा घर घाल।।
भक्ति न करने वाले व्यक्ति में काम
वासना, क्रोध तथा लाभ और नशे का प्रबल प्रभाव रहता है क्रोध जब प्रभावित होता है, यह तो कसाई जैसा है । जब व्यक्ति को क्रोध आता है तो वह कुशब्द अर्थात गालियां देने लगता है। क्रोधवश होकर प्राणी ऐसा जुल्म कर देता है जो निंदा के योग्य होता है ।
बंदी छोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी
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mmulnivasi · 1 year
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*24जनवरी : कर्पूरी ठाकुर जन्मजयंती* ××××××××××××××××××××××××××××××× बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर जी (जन्म;24जनवरी1924 - मृत्यु;17फरवरी1988) ने करीब 41 साल पहले मुंगेरी लाल आयोग की सिफारिशो के अनुरूप OBCअन्य पिछडे वर्ग को नौकरियो व शिक्षा मे आरक्षण देने की घोषणा 11नवंबर1978 को की थी| इसलिए सबसे ज्यादा अश्लील और भद्दी गालियाँ भी कर्पूरी जी ने सुनी थी| इनके बाद वी.पी.सिंह, लालू प्रसाद, अर्जुन सिंह, मायावती वगैरह के नाम आते है| पिछडे वर्ग के इस आरक्षण के खिलाफ ब्राह्मण, भूमिहार और राजपूत जातियो के लंपट और लफंगे सडको पर उतर आए और कर्पूरी जी को माँ बहन की गंदी-गंदी गालियाँ देने लगे| जैसे👇 रिज़र्वेशन कहाँ से आई, कर्पूरी की माँ... कर्पूरी की माई चढी खजूर, बेटा माँगे... कर्पूरी कर्पूरा छोडो गद्दी, पकड़ौ छूरा जैसी गालियाँ पढे लिखे उच्च वर्णों ने दी👈 लेकिन कर्पूरी जी तो इतिहास लिख चुके थे| वे इतिहास मे जननायक के तौर पर दर्ज हो चुके थे| आज बिहार के OBCअन्य पिछडे वर्ग के लाखो छात्र और कर्मचारी उन्हे नमन करते है| वे बिहार के एक बार (05/03/1967--28/01/1968) उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री तथा दो बार (22/12/1970--02/06/1971 & 24/06/1977--21/04/1979) मुख्यमंत्री रहे| ''वे थे, इसलिए हम है'' सादगी के पर्याय जननायक कर्पूरी ठाकुर लोकराज की स्थापना के हिमायती थे, उनकी 99वीं जन्मजयंती पर उन्हे सादर नमन व इस अवसर पर देश के सभी मूलनिवासी बहुजनो को बहोत बहोत बधाई| 💐🌷🙏 #जननायक_कर्पूरी_ठाकुर #जन्मजयंती #BanEVM #ईवीएम_हटाओ #बहुजनक्रांतिमोर्चा #EVM_हटाओ_किसान_बचाओ #देश_बचाओ #राष्ट्रीयकिसानमोर्चा #भारतमुक्तिमोर्चा #भारतीय_विद्यार्थी_मोर्चा #भारतीयविद्यार्थीयुवाबेरोजगारमोर्चा #जयमूलनिवासी_ब्राह्मणविदेशी https://www.forwardpress.in/2019/01/karpuri-thakur/ https://satyagrah.scroll.in/article/113087/karpuri-thakur-life-and-work-profile https://www.facebook.com/876068672469151/posts/3687684461307544/ https://www.forwardpress.in/2021/01/remembering-karpoori-thakur-hindi/ (at Patna, Bihar, India) https://www.instagram.com/p/CnztsEKsMOy/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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thesuergicalnews · 2 years
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प्रतिबंधित गोमांस व हत्या करने में प्रयुक्त अन्य सामान एवं अवैध तमंचा के साथ दो गोवंश तस्कर गिरफ्तार
प्रतिबंधित गोमांस व हत्या करने में प्रयुक्त अन्य सामान एवं अवैध तमंचा के साथ दो गोवंश तस्कर गिरफ्तार
सेवराई। गहमर कोतवाली पुलिस ने थाना क्षेत्र के गोड़सरा से प्रतिबंधित मांस के साथ 2 गोवंश तस्करों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से पुलिस ने 52 किलो प्रतिबंधित गोमांस व बछड़े का सिर व एक तराजू, बटखरा व 03 लोहे का छूरा व एक लोहे की कुल्हाड़ी तथा एक ठीहा लकड़ी का बरामद किया है। जिनकी तलाशी लेने पर एक तस्कर के पास से एक अवैध तमंचा 12 बोर व एक जिन्दा कारतूस बरामद हुआ है। पुलिस दोनों आरोपियों को…
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clipper28 · 4 years
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कोरोना का कहर जारी, जमीन पर गिरा उड़ता हुआ गुब्बारा, मच गई अफरा-तफरी
कोरोना का कहर जारी, जमीन पर गिरा उड़ता हुआ गुब्बारा, मच गई अफरा-तफरी
गरियाबन्द: छूरा में गुरुवार सुबह करीबन 9 बजे देवरी ग्राम में आसमान से एक मशीनरी नुमा गुब्बारा आकर जमीन पर गिर गया. कोरोना के कहर के बीच यह गुब्बारा कौतूहल कम बल्कि कुछ देर के लिए दहशत का कारण बन गया था.
ग्रामीणों ने छूरा पूलिस को मामले को सूचना दी, जिसने पहुंचकर उसे सावधानीपूर्वक कलेक्ट कर वाट्सएप के जरिए जानकारी के लिए विशेषज्ञों के पास भेजा. विशेषज्ञों से जानकारी मिलने के बाद पुलिस और…
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lokhitexpress · 2 years
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गरियाबंद जिले के छुरा ब्लाक क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत सरकडा में शिवजी के त्रिनेत्र में चिपक रहा सिक्का , दर्शन करने भक्तों की लगी लंबी कतार
      ✍🏻 ब्यूरो रिपोर्ट विक्रम कुमार नागेश गरियाबंद       शिवजी की महिमा ,शिवजी के माथे पर आई चुम्बकत्व शक्ति भगवान भोलेनाथ की महिमा को कौन नही जानता ,अपने भक्तों को समय समय पर अपना कृपा बरसाते रहते है आज ऐसे ही कृपा ग्राम सरकड़ा में विराजमान भोलेनाथ अपने भक्तों को अपना महिमा दिखा रहे हैं । जिला गरियाबंद के छूरा ब्लाक के अंतर्गत आनेवाले ग्राम सरकड़ा गांव में आज सुबह से ही भगवान भोलेनाथ अपने…
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shahar-e-aman · 2 years
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यह जवानी है कुर्बान अखिलेश यादव तेरे नाम का नारा बुलंद करने वाले क्यों अपने वादे से मुकर रहे हैं? प्रयागराज: 2022 विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई है सभी राजनीतिक पार्टी विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर रही है प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में पार्टी द्वारा उम्मीदवार घोषित किया जा चुका है किंतु कुछ सीटों पर अभी घोषणा होना बाकी है विभिन्न दलों से दावेदारी करने वाली उम्मीदवारों की फेहरिस्त 2 '4 में ही है पर भाजपा व सपा में ऐसा नहीं है इन दोनों दलों से उम्मीदवारों की फेहरिस्त लंबी है और इन्हीं दो दलों के लोग अब अपने-अपने पार्टी लीडर के ऊपर गंभीर आरोप भी लगा रही जो कल तक गुन गा रहे थे। सबसे ज्यादा आश्चर्य इस बात का हो रहा है की बीते साढ़े 4 साल तक उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में धरना प्रदर्शन व आंदोलन कर रहे सपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी एक नारा बुलंद कर रहे थे की यह जवानी है कुर्बान अखिलेश यादव तेरे नाम जो काफी लोकप्रिय भी हुआ किंतु बीते 10 से 15 दिन में कुछ निहित स्वार्थी राजनीतिक लोगों ने इस नारे को दरकिनार कर अब अपनी ही पार्टी के मुखिया पर अलग-अलग तरह के आरोप लगा रहे हैं की व पार्टी के मिशन से भटक गए। आरोप लगाने वाले की संख्या बल कम है वह भी ऐसे लोग आरोप लगा रहे हैं जिन्होंने किसी विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी की थी और पार्टी की नीतियों व समीकरण पर वह खरे नहीं उतरे जिस कारण उन्हें टिकट देना पार्टी ने मुनासिब नहीं समझा ऐसे लोग अब अपने उस वादे को व नारे को भूल गए हैं जो कल तक चिल्ला चिल्ला कर कहा करते थे यह जवानी है कुर्बान अखिलेश यादव तेरे नाम। एक शहर 1 विधानसभा क्षेत्र की राजनीति करने वाले लोग पूरे प्रदेश को संभाल चुका व संभालने को तैयार नौजवान पर इल्जाम लगाने से पहले यह नहीं सोच रहे हैं कि हमारे आरोप मढ़ने से उसकी सेहत पर क्या असर पड़ेगा जबकि ऐसे समय में आरोप लगाने वाले लोगों को पार्टी द्वारा की गई घोषणा का स्वागत करना चाहिए और तन मन धन से पार्टी लीडर की बातों वा आदेशों को सर आंखों पर रख पार्टी द्वारा अधिकृत प्रत्याशी के लिए जी जान से लग जाना चाहिए क्योंकि पूरे प्रदेश पर नजर रखने वाला नौजवान की पहली वरीयता यह है कि किसी तरह से बूंद बूंद से समुंदर भरा जाए मतलब एक एक सीट पर विजय प्राप्त कर सरकार बनाने योग बहुमत प्राप्त किया जाए किंतु ऐसा ना करके दावेदारी का आवेदन करने वाले लोग जो आरोप लगा रहे हैं वह अपने ही पार्टी के मुखिया के पीठ में छूरा घोप रहे हैं जो किसी भी लिहाज से मौजूदा समय में सही नहीं ठहराया जा सकता। #akhilesh #samajwadi https://www.instagram.com/p/CZWX4l-PD23/?utm_medium=tumblr
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kachole-news-corner · 3 years
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चीन और पाक के रिश्तों में आई दरार, ड्रैगन ने ऐसा छूरा घोंपा कि दर्द से कराह रही इमरान सरकार
चीन और पाक के रिश्तों में आई दरार, ड्रैगन ने ऐसा छूरा घोंपा कि दर्द से कराह रही इमरान सरकार
झूठ, फरेब और स्वार्थ से बना रिश्ता ज्यादा दिनों तक नहीं चलता। जब बात चीनी सामान की हो तो इसका China Pakistan military relations under strain due to substandard servicing maintenance – International news today – Hindustan Source
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chirantannews · 3 years
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धारदार छूरा लेकर खड़ा होना पड़ा महंगा न्यायालय ने दी आरोपी को 03 वर्ष कठोर कारावास की सजा
धारदार छूरा लेकर खड़ा होना पड़ा महंगा न्यायालय ने दी आरोपी को 03 वर्ष कठोर कारावास की सजा
’’वर्ष 2019 में आयुध अधिनियम में किये गये संशोेधन के बाद पहली सजा’’ उज्जैन : न्यायालय माननीय श्रीमान विनायक गुप्ता, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी राजा उर्फ विक्रम पिता रायसिंह, निवासी गणेश कॉलोनी जयसिंहपुरा जिला उज्जैन को धारा 25 आर्म्स एक्ट में 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं कुल 500/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी श्री…
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karanaram · 3 years
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🚩विभाजन का यह इतिहास आपके कलेजों को फाड़ देगा 15 अगस्त 2021
🚩इस लेख में 1947 में जिन्ना के इशारों पर जो अत्याचार पाकिस्तान में बलूच रेजिमेंट ने हिन्दुओं पर किया उसका उल्लेख किया गया है। हर हिन्दू को यह इतिहास ज्ञात होना चाहिए।
🚩विभाजन पश्चात भारत सरकार ने एक तथ्यान्वेषी संगठन बनाया जिसका कार्य था पाकिस्तान छोड़ भारत आये लोगों से उनकी जुबानी अत्याचारों का लेखा जोखा बनाना। इसी लेखा जोखा के आधार पर गांधी हत्याकांड की सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय के जज जी डी खोसला लिखित, 1949 में प्रकाशित, पुस्तक 'स्टर्न रियलिटी' विभाजन के समय दंगों, कत्लेआम, हताहतों की संख्या और राजनैतिक घटनाओं को दस्तावेजी स्वरूप प्रदान करती है। हिंदी में इसका अनुवाद और समीक्षा 'देश विभाजन का खूनी इतिहास (1946-47 की क्रूरतम घटनाओं का संकलन)' नाम से सच्चिदानंद चतुर्वेदी ने किया है। नीचे दी हुई चंद घटनायें इसी पुस्तक से ली गई हैं जो ऊंट के मुंह में जीरा समान हैं।
🚩11 अगस्त 1947 को सिंध से लाहौर स्टेशन पह़ुंचने वाली हिंदुओं से भरी गाड़ियां खून का कुंड बन चुकी थीं। अगले दिन गैर मुसलमानों का रेलवे स्टेशन पहुंचना भी असंभव हो गया। उन्हें रास्ते में ही पकड़कर उनका कत्ल किया जाने लगा। इस नरहत्या में बलूच रेजिमेंट ने प्रमुख भूमिका निभाई। 14 और 15 अगस्त को रेलवे स्टेशन पर अंधाधुंध नरमेध का दृश्य था। एक गवाह के अनुसार स्टेशन पर गोलियों की लगातार वर्षा हो रही थी। मिलिट्री ने गैर मुसलमानों को स्वतंत्रता पूर्वक गोली मारी और लूटा।
🚩19 अगस्त तक लाहौर शहर के तीन लाख गैर मुसलमान घटकर मात्र दस हजार रह गये थे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति वैसी ही बुरी थी। पट्टोकी में 20 अगस्त को धावा बोला गया जिसमें ढाई सौ गैर मुसलमानों की हत्या कर दी गई। गैर मुसलमानों की दुकानों को लूटकर उसमें आग लगा दी गई। इस आक्रमण में बलूच मिलिट्री ने भाग लिया था।
🚩25 अगस्त की रात के दो बजे शेखपुरा शहर जल रहा था। मुख्य बाजार के हिंदू और सिख दुकानों को आग लगा दी गई थी। सेना और पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। आग बुझाने के लिये अपने घर से बाहर निकलने वालों को गोली मारी जाने लगी। उपायुक्त घटनास्थल पर बाद में पहुंचा। उसने तुरंत कर्फ्यू हटाने का निर्णय लिया और उसने और पुलिस ने यह निर्णय घोषित भी किया। लोग आग बुझाने के लिये दौड़े। पंजाब सीमा बल के बलूच सैनिक, जिन्हें सुरक्षा के लिए लगाया गया था, लोगों पर गोलियाँ बरसाने लगे। एक घटनास्थल पर ही मर गया, दूसरे हकीम लक्ष्मण सिंह को रात में ढाई बजे मुख्य गली में जहाँ आग जल रही थी, गोली लगी। अगले दिन सुबह सात बजे तक उन्हें अस्पताल नहीं ले जाने दिया गया। कुछ घंटों में उनकी मौत हो गई।
🚩गुरुनानक पुरा में 26 अगस्त को हिंदू और सिखों की सर्वाधिक व्यवस्थित वध की कार्यवाही हुई। मिलिट्री द्वारा अस्पताल में लाये जाने सभी घायलों ने बताया कि उन्हें बलूच सैनिकों द्वारा गोली मारी गयी या 25 या 26 अगस्त को उनकी उपस्थिति में मुस्लिम झुंड द्वारा छूरा या भाला मारा गया। घायलों ने यह भी बताया कि बलूच सैनिकों ने सुरक्षा के बहाने हिंदू और सिखों को चावल मिलों में इकट्ठा किया। इन लोगों को इन स्थानों में जमा करने के बाद बलूच सैनिकों ने पहले उन्हें अपने कीमती सामान देने को कहा और फिर निर्दयता से उनकी हत्या कर दी। घायलों की संख्या चार सौ भर्ती वाले और लगभग दो सौ चलंत रोगियों की हो गई। इसके अलावा औरतें और सयानी लड़कियाँ भी थीं जो सभी प्रकार से नंगी थीं। सर्वाधिक प्रतिष्ठित घरों की महिलाएं भी इस भयंकर दु:खद अनुभव से गुजरी थीं। एक अधिवक्ता की पत्नी जब अस्पताल में आई तब वस्तुतः उसके शरीर पर कुछ भी नहीं था। पुरुष और महिला हताहतों की संख्या बराबर थी। हताहतों में एक सौ घायल बच्चे थे।
🚩शेखपुरा में 26 अगस्त की सुबह सरदार आत्मा सिंह की मिल में करीब सात आठ हजार गैर मुस्लिम शरणार्थी शहर के विभिन्न भागों से भागकर जमा हुये थे । करीब आठ बजे मुस्लिम बलूच मिलिट्री ने मिल को घेर लिया। उनके फायर में मिल के अंदर की एक औरत की मौत हो गयी। उसके बाद कांग्रेस समिति के अध्यक्ष आनंद सिंह मिलिट्री वालों के पास हरा झंडा लेकर गये और पूछा आप क्या चाहते हैं । मिलिट्री वालों ने दो हजार छ: सौ रुपये की मांग की जो उन्हें दे दिया गया। इसके बाद एक और फायर हुआ और एक आदमी की मौत हो गई। पुन: आनंद सिंह द्वारा अनुरोध करने पर बारह सौ रुपये की मांग हुई जो उन्हें दे दिया गया। फिर तलाशी लेने के बहाने सबको बाहर निकाला गया। सभी सात-आठ हजार शरणार्थी बाहर निकल आये। सबसे अपने कीमती सामान एक जगह रखने को कहा गया। थोड़ी ही देर में सात-आठ मन सोने का ढेर और करीब तीस-चालीस लाख जमा हो गये। मिलिट्री द्वारा ये सारी रकम उठा ली गई। फिर वो सुंदर लड़कियों की छंटाई करने लगे। विरोध करने पर आनंद सिंह को गोली मार दी गयी। तभी एक बलूच सैनिक द्वारा सभी के सामने एक लड़की को छेड़ने पर एक शरणार्थी ने सैनिक पर वार किया। इसके बाद सभी बलूच सैनिक शरणार्थियों पर गोलियाँ बरसाने लगे। अगली प्रांत के शरणार्थी उठकर अपनी ही लड़कियों की इज्जत बचाने के लिये उनकी हत्या करने लगे।
🚩1 अक्टूबर की सुबह सरगोधा से पैदल आने वाला गैर मुसलमानों का एक बड़ा काफिला लायलपुर पार कर रहा था। जब इसका कुछ भाग रेलवे फाटक पार कर रहा था अचानक फाटक बंद कर दिया गया। हथियारबंद मुसलमानों का एक झुंड पीछे रह गये काफिले पर टूट पड़ा और बेरहमी से उनका कत्ल करने लगा। रक्षक दल के बलूच सैनिकों ने भी उनपर फायरिंग शुरु कर दी। बैलगाड़ियों पर रखा उनका सारा धन लूट लिया गया। चूंकि आक्रमण दिन में हुआ था, जमीन लाशों से पट गई। उसी रात खालसा कालेज के शरणार्थी शिविर पर हमला किया गया। शिविर की रक्षा में लगी सेना ने खुलकर लूट और हत्या में भाग लिया। गैर मुसलमान भारी संख्या में मारे गये और अनेक युवा लड़कियों को उठा लिया गया।
🚩अगली रात इसी प्रकार आर्य स्कूल शरणार्थी शिविर पर हमला हुआ। इस शिविर के प्रभार वाले बलूच सैनिक अनेक दिनों से शरणार्थियों को अपमानित और उत्पीड़ित कर रहे थे। नगदी और अन्य कीमती सामानों के लिये वो बार बार तलाशी लेते थे। रात में महिलाओं को उठा ले जाते और बलात्कार करते थे। 2 अक्टूबर की रात को विध्वंश अपने असली रूप में प्रकट हुआ। शिविर पर चारों ओर से बार-बार हमले हुये। सेना ने शरणार्थियों पर गोलियाँ बरसाईं। शिविर की सारी संपत्ति लूट ली गई। मारे गये लोगों की सही संख्या का आंकलन संभव नहीं था क्योंकि ट्रकों में बड़ी संख्या में लादकर शवों को रात में चिनाब में फेंक दिया गया था।
🚩करोर में गैर मुसलमानों का भयानक नरसंहार हुआ। 7 सितंबर को जिला के डेढ़ेलाल गांव पर मुसलमानों के एक बड़े झुंड ने आक्रमण किया। गैर मुसलमानों ने गांव के लंबरदार के घर शरण ले ली। प्रशासन ने मदद के लिये दस बलूच सैनिक भेजे। सैनिकों ने सबको बाहर निकलने के लिये ��हा। वो औरतों को पुरूषों से अलग रखना चाहते थे। परंतु दो सौ रूपये घूस लेने के बाद औरतों को पुरूषों के साथ रहने की अनुमति दे दी। रात मे सैनिकों ने औरतों से बलात्कार किया। 9 सितंबर को सबसे इस्लाम स्वीकार करने को कहा गया। लोगों ने एक घर में शरण ले ली । बलूच सैनिकों की मदद से मुसलमानों ने घर की छत में छेद कर अंदर किरोसिन डाल आग लगा दी। पैंसठ लोग जिंदा जल गये।
🚩यह लेख हमने संक्षिप्त रूप में दिया है। विभाजन से सम्बंधित अनेक पुस्तकें हमें उस काल में हिन्दुओं पर जो अत्याचार हुए, उससे अवगत करवाती हैं, हर हिन्दू को इन पुस्तकों का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। क्योंकि "जो जाति अपने इतिहास से कुछ सबक नहीं लेती उसका भविष्य निश्चित रूप से अंधकारमय होता है।" -डॉ. विवेक आर्य
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mmulnivasi · 3 years
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🎯17फरवरी : कर्पूरी ठाकुर स्मृतिदिवस ××××××××××××××××××××××××××× 👉बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर जी (जन्म:24 जनवरी1924 - मृत्यु:17फरवरी1988) ने करीब 41 साल पहले मुंगेरी लाल आयोग की सिफारिशो के अनुरूप अन्य पिछड़े वर्ग को नौकरियो व शिक्षा मे आरक्षण देने की घोषणा 11नवंबर1978 को की थी। इसलिए सबसे ज्यादा अश्लील और भद्दी गालियाँ भी कर्पूरी जी ने सुनी थी। इनके बाद वी.पी. सिंह, लालू प्रसाद, अर्जुन सिंह, मायावती वग़ैरह के नाम आते है। पिछड़े वर्ग के इस आरक्षण के ख़िलाफ़ ब्राह्मण, भूमिहार और राजपूत जातियो के लंपट और लफ़ंगे सड़को पर उतर आए और कर्पूरी जी को माँ बहन की गंदी गंदी गालियाँ देने लगे। रिज़र्वेशन कहाँ से आई, कर्पूरी की माँ ... कर्पूरी की माई चढ़ी खजूर, बेटा माँगे ... कर्पूरी कर्पूरा छोड़ौ गद्दी, पकड़ौ छूरा, जैसी गालियाँ पढ़े लिखे उच्च वर्णों ने दी। लेकिन कर्पूरी जी तो इतिहास लिख चुके थे। वे इतिहास मे जननायक के तौर पर दर्ज हो चुके थे। आज बिहार के अन्य पिछड़े वर्ग के लाखो छात्र और कर्मचारी उन्हे नमन करते है। वे बिहार के एक बार (05/03/1967 - 28/01/1968) उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री तथा दो बार (22/12/1970 - 02/06/1971 & 24/06/1977 - 21/04/1979) मुख्यमंत्री रहे। 'वे थे, इसलिए हम है।' जब तक बिहार के गरीबो का घर नही बन जाता, मेरा घर बन जाने से क्या होगा ? इतने जनहितवादी, निस्वार्थी और सादगी के प्रतीक थे जननायक कर्पूरी ठाकुर जी। उनके 33वें स्मृतिदिवस के अवसर पर विनम्र अभिवादन 💐💐🙏 https://www.forwardpress.in/2019/01/karpuri-thakur/ https://satyagrah.scroll.in/article/113087/karpuri-thakur-life-and-work-profile https://www.facebook.com/876068672469151/posts/3687684461307544/ https://www.forwardpress.in/2021/01/remembering-karpoori-thakur-hindi/ https://www.forwardpress.in/2020/01/report-karpoori-thakur-tribute-hindi/ https://www.instagram.com/p/CLbZa-1F5Ye/?igshid=ykxq87dsd730
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its-axplore · 3 years
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म���ख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने नेता, कार्यकर्ताओं को चुनाव परिणाम भूलकर जनता और संगठन का काम बहुत मजबूती से करने को कहा है। जदयू राज्य परिषद की बैठक के पहले दिन विधानसभा चुनाव हारे, जदयू के कई नेताओं ने भाजपा को सीधे निशाने पर लिया। कहा-हमारी हार के लिए लोजपा नहीं, भाजपा जिम्मेदार है। लोजपा की क्या औकात कि वह धोखा दे सके। सारा खेल भाजपा का था।
हमारी पीठ में छुरा घोंपा गया। खासकर जयकुमार सिंह, बोगो सिंह, ललन पासवान खासे नाराज दिखे। नीतीश ने सभी से कहा कि वे चुनावी नतीजों को भूल, अपने क्षेत्र की सेवा उसी तरह करें, जैसा चुनाव जीतकर करते। बोले-’सरकार पूरे पांच साल चलेगी।’
उनका कहना था कि सीट बंटवारे में हुई देरी की खासी कीमत हमें चुकानी पड़ी। हमारे खिलाफ ‘फॉल्स प्रोपेगेंडा’ फैलाया गया। हम जमीनी स्तर तक अपनी बात, अपने काम-उपलब्धि बहुत ठीक से नहीं पहुंचा पाए। मैं शुरू से इस पर जोर दिए हुए था। मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, दबाव में बना। बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा।
पूरी ईमानदारी से निभाया गठबंधन धर्म राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा कि विस चुनाव के नतीजे संतोषजनक नहीं रहे, लेकिन जदयू पहले भी नंबर वन पार्टी थी और आगे भी रहेगी। इस चुनाव ने हमारे लिए कई सकारात्मक संदेश भी दिए। सच तो यह है कि चुनाव में हमारे नेता की साख और विश्वसनीयता की जीत हुई है। हमारी पार्टी में संगठन का जैसा काम हुआ, वैसा किसी नहीं हुआ। हमने गठबंधन धर्म पूरी ईमानदारी से निभाया।
रामसेवक बन सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष रामसेवक सिंह, जदयू के नए प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं। रविवार को उनके नाम पर मुहर लग सकती है। वे कुशवाहा समाज से आते हैं। ऐसा हुआ, तो यह पार्टी द्वारा लवकुश समीकरण को साधने की बड़ी कवायद होगी। वे पिछली सरकार में समाज कल्याण मंत्री थे। इस बार हथुआ से चुनाव हार गए। अभी वशिष्ठ नारायण सिंह अध्यक्ष हैं। स्वास्थ्य कारणों से इतने सक्रिय नहीं हैं, जितनी दरकार है।
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जदयू राज्य परिषद की बैठक में सीएम नीतीश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह।
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cg24x7news · 3 years
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प्रेम जाल में फंसाकर नाबालिग की अस्मत लूटी…चेन्नई ले जाने के फ़िराक़ में था आरोपी, बीच रास्ते में पुलिस ने धर दबोचा
गरियाबंद। गरियाबंद पुलिस ने अगवा एक नाबालिक युवती को आरोपी के चंगुल से बचा लिया। आरोपी नाबालिक को शादी का प्रलोभन देकर चेन्नई ले जाने की फिराक में था। आरोपी अपने मनसूबों में कामयाब होता उससे पहले ही जिला पुलिस ने रास्ते मे उसे दबोच लिया। मामला छूरा थाना क्षेत्र का है। 06 तारीख को घर से लापता युवती का दो दिन बाद भी जब घरवालों को कोई सुराग नही मिला तो परिजनों ने 08 जनवरी को नाबालिक के गुमशुदगी की…
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ocean-media-house · 3 years
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अडानी ग्रुप से बिजली खरीद समझौता करके कैप्टन ने पंजाब और किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है-भगवंत मान
रोहित शर्मा :- कृषि संबंधी केंद्रीय काले कानूनों के विरुद्ध जिस समय पंजाब और देश का किसान मोदी सरकार के साथ-साथ कॉर्पोरेट घरानों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ रहा है, ठीक उसी समय पंजाब मे कांग्रेस की कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार की ओर से अडानी ग्रुप के साथ बिजली खरीद समझौता करके किसान आंदोलन की पीठ में छूरा घोंपा है।’’यह दोष आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने लगाए हैं।
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मीडिय…
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bbbnews · 3 years
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शिरोमणि अकाली दल ने कहा- ‘घड़ियाली आंसू’ को बदलकर ‘केजरीवाल आंसू’ कर दिया जाए
शिरोमणि अकाली दल ने कहा- ‘घड़ियाली आंसू’ को बदलकर ‘केजरीवाल आंसू’ कर दिया जाए
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शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल (फाइल फोटो)
चंडीगढ़:
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर कृषि कानूनों को लागू करके किसानों की पीठ में छूरा घोंपने का आरोप लगाया. बादल ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘यह हद दर्जे की राजनीतिक बेईमानी ही नहीं अपितु सरल हृदय वाले और विश्वास रखने वाले किसानों के साथ अमानवीय…
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