ईद मिलादुन्नबी पर्व अदब, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। ईद मिलादुन्नबी पर्व अदब, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा। मुस्लिम समाज की तैयारियां जारी है। मस्जिद, मदरसा व घरों पर इस्लामी झंडे लग गए हैं। इस्लामी माह रबीउल अव्वल शरीफ पर मस्जिदों में ईद मिलादुन्नबी पर तकरीर हुई। पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान व फज़ीलत में क़सीदा पढ़ा गया। मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई।
मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ़्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी दुनिया के लिए आइडियल हैं। सारी मखलूक़ अल्लाह की रज़ा चाहती है और अल्लाह पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की रज़ा चाहता है और आप पर दरूदो-सलाम भेजता है।
अल्लाह ने अपने नाम के साथ आपका नाम रखा, कलमा, अज़ान, नमाज़, क़ुरआन में, बल्कि हर जगह अल्लाह के नाम के साथ पैग़ंबर-ए-आज़म का नाम है। आपकी मोहब्बत के बग़ैर कोई मुसलमान नहीं हो सकता, क्योंकि आपकी मोहब्बत ईमान की शर्त है।
अक्सा मस्जिद शाहिदाबाद में मौलाना तफज़्ज़ुल हुसैन रज़वी ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म दुनिया के लिए रहमत, नूर आला नूर हैं। कयामत के दिन आप ही सबसे पहले उम्मत की शफ़ाअत फरमायेंगे, बंदों के गुनाह माफ करायेंगे, दर्जे बुलंद कराएंगे, इसके अलावा पैग़ंबर-ए-आज़म की और बहुत सी खुसूसियत है जिनकी तफ़सील क़ुरआन, हदीस व उलमा-ए-अहले सुन्नत की किताबों में मौजूद है।
बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म की तालीमात पर अमल करके हम दीन व दुनिया की कामयाबी हासिल कर सकते हैं। क़ुरआन व शरीअत के बताये रास्ते पर चलें। हर बुराई से दूर रहने के लिए नमाज़ की पाबंदी करें। मदरसे इल्म का मरकज़ है। तालीम खुद भी हासिल करें और बच्चों को भी तालीम दिलाएं।
गुलरिया जामा मस्जिद में मौलाना शेर मोहम्मद ने कहा कि क़ुरआन फरमा रहा है कि अगर कामयाबी चाहिए तो पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का कल्चर अपनाओ, पैग़ंबर-ए-आज़म का बताया हुआ रास्ता अपनाओ।
पैगंबर-ए-आज़म ने फरमाया कि ऐ लोगों! याद रखो, मेरे बाद कोई पैग़ंबर नहीं और तुम्हारे बाद कोई उम्मत नहीं। अत: अपने रब की इबादत करना। प्रतिदिन पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ना।
रमज़ान के रोज़े रखना, खुशी-खुशी अपने माल की ज़कात देना। हज करना और अपने हाकिमों का आज्ञा पालन करना। ऐसा करोगे तो अपने रब की जन्नत में दाख़िल होगे।
चिश्तिया मस्जिद बक्शीपु��� में हाफ़िज़ महमूद रज़ा क़ादरी ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म की फरमाबरदारी और पैरवी करो। जो अल्लाह और उसके पैग़ंबर की फरमाबरदारी करेगा उसे सिर्फ कामयाबी ही नहीं ब्लकि अज़ीम कामयाबी मिलेगी।
सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी ने कहा कि अल्लाह ने पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को तमाम कायनात से पहले अपने नूर की तजल्ली (प्रकाश) से पैदा फ़रमाया। अल्लाह ने तमाम पैग़ंबर, फरिश्ते, जमीन व आसमान, अर्श व कुर्सी तमाम जहान को पैग़ंबर-ए-आज़म अलैहिस्सलाम के नूर की झलक से पैदा फ़रमाया।
सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार में हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने कहा कि जब अरब जगत में आडंबर, सामाजिक बुराइयों, औरतों के खिलाफ हिंसा और नवजात बच्चियों की हत्या का दौर था।
अरब की सरजमीं पर मौजूद इन बुराइयों के खिलाफ पैग़ंबर-ए-आज़म ने आवाज़ उठाई तो उनकी राह में तरह-तरह की मुश्किलें पैदा की गईं, लेकिन अल्लाह के पैग़ंबर आगे बढ़ते चले गए। तमाम बुराईयों को खत्म कर दिया, इसीलिए आज पूरी दुनिया मोहसिन-ए-इंसानियत पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को सलाम करती नज़र आ रही है।
ग़ौसिया मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी ने कहा कि इंसानियत और एक अल्लाह की इबादत का संदेश देने वाले पैगंबर-ए-आज़म समाज में औरतों को सम्मान एवं अधिकार दिए जाने की हमेशा पैरोकार रहे।
शाही जामा मस्जिद तकिया कवलदह में हाफ़िज़ आफताब ने कहा कि अल्लाह ने अपनी जात के बाद हर खूबी और कमाल का जामे पैग़ंबर-ए-आज़म को बनाया। अल्लाह ने अपने तमाम खजानों की कुंजियां पैग़ंबर-ए-आज़म को अता फरमा दीं। दीन व दुनिया की तमाम नेमतों का देने वाला अल्लाह है और बांटने वाले पैग़ंबर-ए-आज़म हैं।
नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना मो. असलम रज़वी ने कहा क़ुरआन-ए-पाक अल्लाह का कलाम है। यह एक मात्र किताब है जो सारी किताबों की सरताज है। यहां तक कि कयामत तक पैदा होने सारे सवालों का जवाब क़ुरआन-ए-पाक में है। दीन-ए-इस्लाम ने इस किताब के जरिए जो कानून अता किए हैं उनसे इंसानियत की हिफ़ाजत होती है और आदमियत का वकार बढ़ता है।
बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन क़ादरी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम पूरी इंसानी बिरादरी की हिफ़ाजत की बात करता है। पैग़ंबर-ए-आज़म की रहमत महज इंसानों के लिए ही नहीं है बल्कि बेजुबान जानवरों, परिंदों के हक में भी सरापा रहमत है।
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जौनपुर। विश्व के इतिहास में पहली बार कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए मंगलवार को लोगों ने अपनी-अपनी छतों पर चढ़कर या अपने—अपने आंगन में तथा मस्जिदों में ठीक 10 बजे अज़ान देकर कोरोना वायरस से निजात पाने के लिए दुआ मांगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लोग रोज ठीक 10 बजे रात में अज़ान देकर दुआ करेंगे। लोगों ने बताया कि पूरे मुल्क में एक साथ अज़ान की आवाज़ आए जो अज़ान बड़े-बड़े तूफ़ान और आग को खत्म कर सकती है। इंशाअल्लाह कोरोना वायरस को भी खत्म करेगी।
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सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी की याद में किरात, नात, तकरीर व अज़ान का हुआ मुकाबला
सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी की याद में किरात, नात, तकरीर व अज़ान का हुआ मुकाबला
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश। मकतब इस्लामियात चिंगी शहीद तुर्कमानपुर में दीने इस्लाम के अज़ीम शहंशाह हज़रत सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी अलैहिर्रहमां व आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां अलैहिर्रहमां के उर्से मुबारक पर बच्चों के बीच किरात, नात, तकरीर, अज़ान व दुआ का मुकाबला हुआ।
पहला स्थान शिफा खातून , दूसरा स्थान कनीज़ फातिमा व तीसरा स्थान अनज़लना अरशद ने हासिल किया। मकतब के मेराज, मुहीउद्दीन, फरहीन खातून,…
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