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#दुनियाभर के रिकॉर्ड्स
studycarewithgsbrar · 2 years
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'काला चश्मा' के गायक अमर अर्शी ने कहा कि गाने की सफलता का सारा श्रेय बादशाह ने लिया
‘काला चश्मा’ के गायक अमर अर्शी ने कहा कि गाने की सफलता का सारा श्रेय बादशाह ने लिया
नई दिल्ली: फिल्म ‘बार बार देखो’ का गाना ‘काला चश्मा’ पिछले कुछ हफ्तों से दुनियाभर में धूम मचा रहा है। इंस्टाग्राम पर लगभग हर सेकेंड रील दुनिया भर के लोगों का है जो गाने को कवर कर रहे हैं। गाने का मूल संस्करण 31 साल पहले एंजेल रिकॉर्ड्स द्वारा जारी किया गया था और गायक अमर अर्शी थे। गायक ने अब रैपर बादशाह को ट्रैक की सफलता का सारा श्रेय लेने के लिए बुलाया है। हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए, गायक…
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sabkuchgyan · 5 years
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वॉर 300 फिल्म करोड़ के क्लब में शामिल, कमाई थमने का नाम नहीं ले रही, देखें आंकड़े
वॉर 300 करोड़ के क्लब में शामिल, फिल्म की कमाई थमने का नाम नहीं ले रही #300CrClubMovies #War #BollywoodTopMovies
एंटरटेनमेंट : इस पिछले महीने रिलीज हुई फिल्म वॉर ने 300 करोड़ के क्लब में शामिल होने वाली साल की पहली फिल्म बन गई है। तीसरे हफ्ते में भी फिल्म की कमाई थमने का नाम नहीं ले रही है।
2 अक्टूबर को रिलीज हुई फिल्म ने पिछले शुक्रवार को 2.80 करोड़, शनिवार को 4.35 करोड़ और रविवार को 5.60 करोड़ रुपये की कमाई करते हुए कुल 301.75 करोड़ रुपये कमा लिए है। ऋतिक और टाइगर की ये फिल्म रिलीज के पहले दिन से अभी तक…
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abhay121996-blog · 3 years
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आत्महत्याओं का मचा बवंडर! 24 घंटों में 7 लोगों ने की आत्महत्या, सभी की वजह एक... Divya Sandesh
#Divyasandesh
आत्महत्याओं का मचा बवंडर! 24 घंटों में 7 लोगों ने की आत्महत्या, सभी की वजह एक...
डेस्क। उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में 24 घंटे के अंदर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर समेत सात लोगों द्वारा खुदकुशी किये जाने के मामले सामने आए हैं। पुलिस ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस का कहना है कि ये सभी लोग नोएडा के अलग-अलग इलाकों में रहते थे। पुलिस के मुताबिक, इनके सुसाइड करने की शुरुआती वजह मानसिक बीमारी निकलकर आ रही है। हालांकि, पुलिस दूसरे एंगल के हिसाब से इनकी जांच कर रही है। 
ये खबर भी पढ़े: Love horoscope: आज ये लवर्स बना सकते हैं शादी का प्लान, और इनका दफ्तर में चलेगा चक्कर
जानकारी के अनुसार पुलिस ने मंगलवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के अंदर गौतमबुद्ध नगर में कुल 7 लोगों ने खुदकुशी की है। सुसाइड के सभी सातों मामले नोएडा के अलग-अलग इलाकों से सामने आए हैं। पुलिस का कहना है कि कुछ मामलों में शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ चुकी है। सुसाइड के सभी मामलों में मृतक किसी न किसी मानसिक परेशानी या तनाव से जूझ रहे थे। हालांकि, पुलिस सभी एंगल पर अपनी जांच कर रही है। 
खबर के मुताबिक पुलिस का कहना है कि कई बार सुसाइड की कॉल मिलने पर पीसीआर वैन ने जाकर लोगों को बचाया भी है। पुलिस के मुताबिक, आत्महत्या करने वालों में तबरेज खान, धर्मेंद्र मिश्रा, गीता देवी, प्रकाश हलदर, पार्थवी, चंद्रा और भीम के नाम शामिल हैं। 
कितना खतरनाक है मानसिक तनाव
गौरतलब है की पिछले साल जब बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने सुसाइड किया था, तो उसके बाद डिप्रेशन और मानसिक तनाव को लेकर चर्चा भी शुरू हो गई थी। मानसिक तनाव या डिप्रेशन बहुत खतरनाक माना जाता है। हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसी को किसी चीज का तनाव हो तो अपने दोस्तों और परिवार के लोगों से बात करके इस समस्या से निजात पा सकता है। 
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन( WHO ) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में 26 करोड़ से ज्यादा लोग किसी न किसी मानसिक बीमारी से जूझ रहे हैं। 15 से 29 साल की उम्र के लोगों में आत्महत्या करने की दूसरी सबसे बड़ी वजह मानसिक तनाव या डिप्रेशन ही है। वहीं, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी NCRB के आंकड़े बताते हैं कि 2015 से 2019 के बीच 43,907 लोगों ने मानसिक बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली।  अभी 2020 के आंकड़े आने बाकी हैं। 
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newsyatra · 4 years
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Preparation for release in 18 countries on completion of 25 years of film DDLJ | Bollywood: फिल्म DDLJ को दुनियाभर के दर्शकों का मिलेगा प्यार, 18 देशों में रिलीज की तैयारी डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख और एक्ट्रेस काजोल की आइकॉनिक फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के 25 साल पूरे हो गए हैं। वर्षों बाद भी फैंस का प्यार इस फिल्म के लिए कम नहीं हुआ है। इस फिल्म ने बॉलीवुड में कई रिकॉर्ड्स बनाए और कई रिकॉर्ड्स तोड़े। वहीं अब खबर है कि एक बार फिर से यह फिल्म नया रिकॉर्ड अपने नाम करने जा रही है। 
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onlyhindinewstoday · 4 years
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Sir Don Bradman 112th Birthday Most Amazing Records - Sachin ने जन्मदिन पर Bradman को किया याद, द डॉन के नाम हैं कई ऐसे रिकॉर्ड्स, जो बल्लेबाजों के लिए हैं सपना
Sir Don Bradman 112th Birthday Most Amazing Records – Sachin ने जन्मदिन पर Bradman को किया याद, द डॉन के नाम हैं कई ऐसे रिकॉर्ड्स, जो बल्लेबाजों के लिए हैं सपना
Sir Don Bradman के 99.94 के औसत का ही रिकॉर्��� नहीं, बल्कि कई ऐसे और रिकॉर्ड हैं, जो आज भी दुनियाभर के बल्लेबाजों के लिए चुनौती बने हुए हैं।
नई दिल्ली : आज दुनिया क्रिकेट के द डॉन, सर डॉन ब्रेडमैन (Sir Don Bradman) का 112वां जन्मदिन मना रही है। उनके 112वें जन्मदिन पर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने उन्हें याद किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- सर डॉन ब्रैडमैन द्वितीय विश्व युद्ध के कारण लंबे…
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ivxtimes · 4 years
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लॉकडाउन में सुसाइड, एंजाइटी और डिप्रेशन के बढ़ते मामले बताते हैं कि बॉडी के साथमेंटल हेल्थ पर भी ध्यान देना उतना ही जरूरी है। डिप्रेशन पर एम्स की ताजा रिसर्च में योग और एलोपैथी के कॉम्बिनेशन से डिप्रेशन में तेजी से सुधार हुआ।
12 हफ्तों तक चली रिसर्च में सामने आया किअगर आनुवांशिक डिप्रेशन से जूझ रहे है तो, दवालेने के साथ योग करने से तेजी से राहत महसूस होती है।
आज विश्व योग दिवस है।इस मौके पररिसर्च में शामिल एम्स दिल्ली के एनॉटमी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा नेदैनिकभास्कर को बताया कैसे योग और कुछ दवाओं केकांबिनेशन सेआनुवांशिक डिप्रेशन को भी दूर किया जासकता है।
3 पॉइंट : कैसे योग और दवा ने मिलकर घटाया डिप्रेशन
1. रिसर्च को एम्स दिल्ली के सायकियाट्री और एनॉटमी डिपार्टमेंट ने मिलकर किया। सायकियाट्री विभाग में जेनेटिक और दूसरे कारणों से बीमार 160 मरीजों को शोध के लिए चुना गया। इन्हें 80-80 के दो ग्रुप में बांटा गया। 2. इसमें एक ग्रुप को सिर्फ दवाई दी गईजबकि दूसरे को दवाई के साथ योग कराया गया। परिणाम जानने के लिए पहले और रिसर्च पूरी होने के बाद दोनों ग्रुप का ब्लड सैंपल लिया गया। 3. ब्लड सैंपल की रिपोर्ट चौंकाने वाली थी। सिर्फ दवाई लेने वाले मरीजों को 29 फीसदी फायदा दिखाई दिया, जबकि दवाई के साथ12 सप्ताह तक योग करने वाले मरीजों को 60 फीसदी फायदा मिला।
सूर्य नमस्कार, शवासन,शांति मंत्र और ध्यान कराया गया
डॉ. रीमा दादा के मुताबिक, डिप्रेशन दूर करने के लिए सूर्य नमस्कार, शवासन, उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, वक्रासन कराने के साथ शांति मंत्र का जापऔर ध्यान भी कराया गया। योग में साबित हुआ है कि ये आसन डिप्रेशन, तनाव और एंग्जायटी को दूर करते हैं। इन आसनों और दवाओं का असर एक से दूसरी पीढ़ी में आने वाले डिप्रेशन में भी देखा गया। जांच रिपोर्ट्स के अलावा मरीजों ने भीइस अनुभव कीपुष्टि करते हुएकहा, हमारे ऊपर योग का असर हुआ है।
डॉ. रीमा दादा कहती हैं, मेंटल फिटनेस के योग को उसी तरह जीवन में शामिल करें जितना जरूरी भोजन और नींद लेना है।
दवाओं और योगासनों का कई तरह से दिखा बदलाव डॉ. रीमा दादा कहती हैं, हमारे दिमाग में ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम के दो भाग होते हैं, सिम्पेथेटिक और पैरासिम्पेथेटिक। योग हमारे पैरासिम्पेथेटिक सिस्टम को एक्टिवेट करता है। ऐसा होने पर हमारा बढ़ा हुआ हार्ट रेट कम होता है, इंसान रिलैक्स महसूस करता है। न्यूरॉन्स बेहतर काम करते हैं और शांति मिलती है।
इस असर को और भी बेहतर तरीके से पता लगाने के लिए रिसर्च में शामिल मरीजों का जेनेटिक और बायोकेमिकल टेस्ट किए गए। इस दौरान एंटी-डिप्रेसेंट दवाओं को डोज भी दिया गया। डिप्रेशन से लम्बे समय से जूझ रहे मरीज कम समय में ठीक होते हैं दोनों के असर से ऐसे मरीज जो लम्बे समय से डिप्रेशन से जूझ रहे हैं उनकी दवाओं का डोज घटती है। इन्हें ठीक होने में कम समय लगता है। जिन्हें ऐसा बार-बार होता है उन मरीजों में डिप्रेशन की गंभीरता घटती है। डॉ. रीमा दादा कहती हैं, डिप्रेशन का इलाज कराने आने वाले मरीजों को यही सलाह दी जाती है कि रोज योग करें। जैसे रोजमर्रा के बाकी काम करते हैं, वैसे ही योग को भी जीवन का जरूरी हिस्सा बनाएं। 4 पॉइंट : आज डिप्रेशन-एंग्जायटी को हराना सबसे जरूरी क्यों? देश का हाल : द लैंसेट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2017 तक 19.73 करोड़ लोग किसी न किसी मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे। ये आंकड़ा कुल आबादी का कुल आबादी का 15% है। यानी, हर 7 में से 1 भारतीय बीमार है। इनमें से भी 4.57 करोड़ डिप्रेशन और 4.49 करोड़ एंजाइटी का शिकार हैं।
दुनिया की तस्वीर : डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, दुनियाभर में 26 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। 15 से 29 साल की उम्र के लोगों में आत्महत्या की दूसरी सबसे बड़ी वजह डिप्रेशन ही है।
2013 से लेकर 2018 के बीच 52 हजार 526 लोगों ने मानसिक बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली।
मेंटल हेल्थ के मामले में हम रूस को पीछे छोड़ देंगे डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में हर साल एक लाख की आबादी पर16लोग मानसिक बीमारी से परेशान होकरआत्महत्या कर लेते हैं। इस मामले में भारत, रूस के बाद दूसरे नंबर पर है। रूस में हर 1 लाख लोगों में से 26लोग सुसाइड करते हैं।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से लेकर 2018 के बीच 52 हजार 526 लोगों ने मानसिक बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली।
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AIIMS's 12-week research shows increased patient heart rate, brain relaxes, depression going on for generations also shows impact
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raghav-shivang · 4 years
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लॉकडाउन में सुसाइड, एंजाइटी और डिप्रेशन के बढ़ते मामले बताते हैं कि बॉडी के साथमेंटल हेल्थ पर भी ध्यान देना उतना ही जरूरी है। डिप्रेशन पर एम्स की ताजा रिसर्च में योग और एलोपैथी के कॉम्बिनेशन से डिप्रेशन में तेजी से सुधार हुआ।
12 हफ्तों तक चली रिसर्च में सामने आया किअगर आनुवांशिक डिप्रेशन से जूझ रहे है तो, दवालेने के साथ योग करने से तेजी से राहत महसूस होती है।
आज विश्व योग दिवस है।इस मौके पररिसर्च में शामिल एम्स दिल्ली के एनॉटमी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा नेदैनिकभास्कर को बताया कैसे योग और कुछ दवाओं केकांबिनेशन सेआनुवांशिक डिप्रेशन को भी दूर किया जासकता है।
3 पॉइंट : कैसे योग और दवा ने मिलकर घटाया डिप्रेशन
1. रिसर्च को एम्स दिल्ली के सायकियाट्री और एनॉटमी डिपार्टमेंट ने मिलकर किया। सायकियाट्री विभाग में जेनेटिक और दूसरे कारणों से बीमार 160 मरीजों को शोध के लिए चुना गया। इन्हें 80-80 के दो ग्रुप में बांटा गया। 2. इसमें एक ग्रुप को सिर्फ दवाई दी गईजबकि दूसरे को दवाई के साथ योग कराया गया। परिणाम जानने के लिए पहले और रिसर्च पूरी होने के बाद दोनों ग्रुप का ब्लड सैंपल लिया गया। 3. ब्लड सैंपल की रिपोर्ट चौंकाने वाली थी। सिर्फ दवाई लेने वाले मरीजों को 29 फीसदी फायदा दिखाई दिया, जबकि दवाई के साथ12 सप्ताह तक योग करने वाले मरीजों को 60 फीसदी फायदा मिला।
सूर्य नमस्कार, शवासन,शांति मंत्र और ध्यान कराया गया
डॉ. रीमा दादा के मुताबिक, डिप्रेशन दूर करने के लिए सूर्य नमस्कार, शवासन, उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, वक्रासन कराने के साथ शांति मंत्र का जापऔर ध्यान भी कराया गया। योग में साबित हुआ है कि ये आसन डिप्रेशन, तनाव और एंग्जायटी को दूर करते हैं। इन आसनों और दवाओं का असर एक से दूसरी पीढ़ी में आने वाले डिप्रेशन में भी देखा गया। जांच रिपोर्ट्स के अलावा मरीजों ने भीइस अनुभव कीपुष्टि करते हुएकहा, हमारे ऊपर योग का असर हुआ है।
डॉ. रीमा दादा कहती हैं, मेंटल फिटनेस के योग को उसी तरह जीवन में शामिल करें जितना जरूरी भोजन और नींद लेना है।
दवाओं और योगासनों का कई तरह से दिखा बदलाव डॉ. रीमा दादा कहती हैं, हमारे दिमाग में ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम के दो भाग होते हैं, सिम्पेथेटिक और पैरासिम्पेथेटिक। योग हमारे पैरासिम्पेथेटिक सिस्टम को एक्टिवेट करता है। ऐसा होने पर हमारा बढ़ा हुआ हार्ट रेट कम होता है, इंसान रिलैक्स महसूस करता है। न्यूरॉन्स बेहतर काम करते हैं और शांति मिलती है।
इस असर को और भी बेहतर तरीके से पता लगाने के लिए रिसर्च में शामिल मरीजों का जेनेटिक और बायोकेमिकल टेस्ट किए गए। इस दौरान एंटी-डिप्रेसेंट दवाओं को डोज भी दिया गया। डिप्रेशन से लम्बे समय से जूझ रहे मरीज कम समय में ठीक होते हैं दोनों के असर से ऐसे मरीज जो लम्बे समय से डिप्रेशन से जूझ रहे हैं उनकी दवाओं का डोज घटती है। इन्हें ठीक होने में कम समय लगता है। जिन्हें ऐसा बार-बार होता है उन मरीजों में डिप्रेशन की गंभीरता घटती है। डॉ. रीमा दादा कहती हैं, डिप्रेशन का इलाज कराने आने वाले मरीजों को यही सलाह दी जाती है कि रोज योग करें। जैसे रोजमर्रा के बाकी काम करते हैं, वैसे ही योग को भी जीवन का जरूरी हिस्सा बनाएं। 4 पॉइंट : आज डिप्रेशन-एंग्जायटी को हराना सबसे जरूरी क्यों? देश का हाल : द लैंसेट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2017 तक 19.73 करोड़ लोग किसी न किसी मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे। ये आंकड़ा कुल आबादी का कुल आबादी का 15% है। यानी, हर 7 में से 1 भारतीय बीमार है। इनमें से भी 4.57 करोड़ डिप्रेशन और 4.49 करोड़ एंजाइटी का शिकार हैं।
दुनिया की तस्वीर : डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, दुनियाभर में 26 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। 15 से 29 साल की उम्र के लोगों में आत्महत्या की दूसरी सबसे बड़ी वजह डिप्रेशन ही है।
2013 से लेकर 2018 के बीच 52 हजार 526 लोगों ने मानसिक बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली।
मेंटल हेल्थ के मामले में हम रूस को पीछे छोड़ देंगे डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में हर साल एक लाख की आबादी पर16लोग मानसिक बीमारी से परेशान होकरआत्महत्या कर लेते हैं। इस मामले में भारत, रूस के बाद दूसरे नंबर पर है। रूस में हर 1 लाख लोगों में से 26लोग सुसाइड करते हैं।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से लेकर 2018 के बीच 52 हजार 526 लोगों ने मानसिक बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली।
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AIIMS's 12-week research shows increased patient heart rate, brain relaxes, depression going on for generations also shows impact
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BOX OFFICE: पांचवें हफ्ते भी ताबड़तोड़ कमाई, 100 करोड़ पार, अब बनाया नया रिकॉर्ड
BOX OFFICE: पांचवें हफ्ते भी ताबड़तोड़ कमाई, 100 करोड़ पार, अब बनाया नया रिकॉर्ड
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इन दिनों बॉलीवुड के दो सुपरस्टार सातवें आसमान पर हैं। ये सुपरस्टार्स हैं राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर, इनकी फिल्म स्त्री हर दिन बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ रिकॉर्ड्स बना रही है। भारत में जबरदस्त कमाई के साथ-साथ ये फिल्म दुनिया भर में भी करोड़ो का बिजनेस कर चुकी है। ताजा रिपोर्ट्स की मानें तो इस फिल्म ने दुनियाभर में अब तक करीब 162.07 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। स्त्री पहले ही बॉलीवुड की…
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jodhpurnews24 · 6 years
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करोड़ों के कर्ज में डूबे हैं प्रियंका चोपड़ा के होने वाले ससुर, बेचनी पड़ सकती है संपत्ति
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नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने अमरीकन सिंगर निक जोन्स के साथ सगाई कर ली है। सोशल मीडिया में दोनों के रिश्ते को लेकर खूब चर्चा हो रही है। अब फैन्स दोनों की शादी होने का इंतजार कर रहे हैं। प्रियंका चोपड़ा और निक जोन्स के परिवार वाले शादी की तैयारियों में लगे हुए हैं। इसके लिए निक जोन्स के माता-पिता अभी भारत में ही रुके हुए हैं। इस बीच प्रियंका चोपड़ा की ससुराल से उनके फैन्स के लिए चौंकाने वाली खबर आई हैं। यह चौंकाने वाली खबर प्रियंका चोपड़ा के होने वाले ससुर यानी निक जोन्स के पिता पॉल जोन्स से जुड़ी है। इस खबर को जानने के बाद प्रियंका के फैन्स का दिल टूट सकता है।
प्रियंका चोपड़ा के ससुर पर करोड़ों का कर्ज
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रियंका चोपड़ा के होने वाले पति निक जोन्स के पिता पॉल जोन्स अमरीका में कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट का कार्य करते हैं। उनकी कंपनी पर करीब एक मिलियन डॉलर यानी करीब 7 करोड़ रुपए का कर्ज है। उनके इस कर्ज में करीब 1.9 करोड़ रुपए एक केस हारने के बाद लगा जुर्माना है। खबरों के अनुसार, अपने इस कर्ज को उतारने के लिए पॉल जोन्स ने अपनी संपत्ति बेचने की योजना बनाई है। वह अपनी न्यू जर्सी कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट कंपनी को बेचने की तैयारी कर रहे हैं।
निक जोन्स के पास 177 करोड़ रुपए की संपत्ति
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रियंका चोपड़ा के होने वाले पति निक जोन्स करीब 177 करोड़ रुपए के मालिक हैं। निक जोन्स तीन भाई हैं और तीनों भाई एक साथ एक बैंड चलाते थे। 2013 में बैंड टूटने से पहले इनके रिकॉर्ड्स की दुनियाभर में मांग रहती थी। इन्होंने दुनियाभर में लाखों रिकॉर्ड्स बेचे थे। 2013 के बाद से तीनों भाई अलग-अलग काम कर रहे हैं। निक जोन्स ने अपनी अधिकांश संपति अकेले ही कमाई है। सिंगिंग के अलावा अब निक जोन्स ने एक्टिंग में भी हाथ आजमाना शुरू कर दिया है। हाल ही में निक ने हॉलीवुड की फेमस फिल्म जुमानजी के सीक्वल में काम किया है।
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The Hindi News करोड़ों के कर्ज में डूबे हैं प्रियंका चोपड़ा के होने वाले ससुर, बेचनी पड़ सकती है संपत्ति appeared first on Hindi News.
source http://hindi-news.krantibhaskar.com/latest-news/hindi-news/business-news/17739/
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abhay121996-blog · 3 years
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आत्महत्याओं का मचा बवंडर! 24 घंटों में 7 लोगों ने की आत्महत्या, सभी की वजह एक... Divya Sandesh
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आत्महत्याओं का मचा बवंडर! 24 घंटों में 7 लोगों ने की आत्महत्या, सभी की वजह एक...
डेस्क। उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में 24 घंटे के अंदर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर समेत सात लोगों द्वारा खुदकुशी किये जाने के मामले सामने आए हैं। पुलिस ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस का कहना है कि ये सभी लोग नोएडा के अलग-अलग इलाकों में रहते थे। पुलिस के मुताबिक, इनके सुसाइड करने की शुरुआती वजह मानसिक बीमारी निकलकर आ रही है। हालांकि, पुलिस दूसरे एंगल के हिसाब से इनकी जांच कर रही है। 
ये खबर भी पढ़े: Love horoscope: आज ये लवर्स बना सकते हैं शादी का प्लान, और इनका दफ्तर में चलेगा चक्कर
जानकारी के अनुसार पुलिस ने मंगलवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के अंदर गौतमबुद्ध नगर में कुल 7 लोगों ने खुदकुशी की है। सुसाइड के सभी सातों मामले नोएडा के अलग-अलग इलाकों से सामने आए हैं। पुलिस का कहना है कि कुछ मामलों में शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ चुकी है। सुसाइड के सभी मामलों में मृतक किसी न किसी मानसिक परेशानी या तनाव से जूझ रहे थे। हालांकि, पुलिस सभी एंगल पर अपनी जांच कर रही है। 
खबर के मुताबिक पुलिस का कहना है कि कई बार सुसाइड की कॉल मिलने पर पीसीआर वैन ने जाकर लोगों को बचाया भी है। पुलिस के मुताबिक, आत्महत्या करने वालों में तबरेज खान, धर्मेंद्र मिश्रा, गीता देवी, प्रकाश हलदर, पार्थवी, चंद्रा और भीम के नाम शामिल हैं। 
कितना खतरनाक है मानसिक तनाव
गौरतलब है की पिछले साल जब बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने सुसाइड किया था, तो उसके बाद डिप्रेशन और मानसिक तनाव को लेकर चर्चा भी शुरू हो गई थी। मानसिक तनाव या डिप्रेशन बहुत खतरनाक माना जाता है। हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि अगर किसी को किसी चीज का तनाव हो तो अपने दोस्तों और परिवार के लोगों से बात करके इस समस्या से निजात पा सकता है। 
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन( WHO ) की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में 26 करोड़ से ज्यादा लोग किसी न किसी मानसिक बीमारी से जूझ रहे हैं। 15 से 29 साल की उम्र के लोगों में आत्महत्या करने की दूसरी सबसे बड़ी वजह मानसिक तनाव या डिप्रेशन ही है। वहीं, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी NCRB के आंकड़े बताते हैं कि 2015 से 2019 के बीच 43,907 लोगों ने मानसिक बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली।  अभी 2020 के आंकड़े आने बाकी हैं। 
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महादेव के इस विकराल रूप के आगे गिनीज ने झुकाया शीश,दुनियाभर में बढ़ गया हिंदुत्व का रुतबा
जी हा हाल ही मे ईशा योग फाउंडेशन स्थित आदियोगी भगवान शिव की 112 फुट की प्रतिमा को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने दुनिया की सबसे बड़ी आवक्ष प्रतिमा के रूप में दर्ज किया है। इसी साल 24 फरवरी को ईशा योग फाउंडेशन में पीएम नरेंद्र म���दी ने शिव की ‘आदियोगी’ मूर्ति का उद्घाटन किया था।
गिनीज ने अपनी वेबसाइट पर यह घोषणा की है। आदियोगी  के नाम से बनी शिव की अर्धमूर्ति की ऊंचाई 112.4 फीट है, 24.99 मीटर चौड़ी और 147 फीट लंबी है।
प्रतिमा की खासियत
यह प्रतिमा मुक्ति का प्रतीक है और उन 112 मार्गों को दर्शाता है, जिनसे इंसान योग विज्ञान के जरिए अपनी परम प्रकृति को प्राप्त कर सकता है।
इस प्रतिमा को स्टील से बनाया गया है और धातु के टुकड़ों को जोड़कर इसे तैयार किया गया है। आज से पहले इस तकनीक का कही प्रयोग नहीं किया गया है।
प्रतिमा का वजन 500 टन है। शिव की सवारी नंदी बैल को भी बड़े खास तरीके से तैयार किया गया है। धातु के 6 से 9 इंच बड़े टुकड़ों को जोड़कर नंदी का ऊपरी हिस्सा तैयार किया गया है।
भगवन शिव के चेहरे के डिजाइन को तैयार करने के लिए करीब ढाई साल लगे और ईशा फाउंडेशन की टीम ने इसे 8 महीने में पूरा किया।
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mastiwale · 7 years
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छिपकली तक खा जाता है शख्स, ये हैं भारतीयों के अजीबोगरीब वर्ल्ड रिकॉर्ड
दुनियाभर में कई ऐसे लोग हैं, जो अपने अजीबोगरीब वर्ल्ड रिकॉर्ड को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। हालांकि, इस मामले में भारतीय भी पीछे नहीं हैं। आज हम आपको भारतीय लोगों के द्वारा बनाए गए वीयर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के बारे में बताने जा रहे हैं। इनमें किसी के नाम एक मिनट में सबसे ज्यादा कीड़े-मकौड़े खाने का रिकॉर्ड है, तो किसी के नाम सबसे बड़ा नाखून रखने का रिकॉर्ड। एक बार में आधा किलो कीड़े-मकौड़े खा जाता है ये शख्स…
कोयंबटूर के रहने वाले 27 साल के जॉन पीटर के नाम एक मिनट में सबसे ज्यादा कीड़े-मकौड़े खाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। बताया जाता है कि जॉन एक बार में करीब आधा किलो केंचुआ खा जाता है। इतना ही नहीं वो छिपकली, कॉकरोच, झींगा, मकड़ी और चींटी को भी बड़ी आसानी से खा लेता है। किसी भी भारतीय के द्वारा बनाया गया अब तक का ये सबसे अजीबोगरीब रिकॉर्ड है।
सबसे लंबा नाखून रखने का रिकॉर्ड
पूणे के रहने वाले 81 साल के श्रीधर चिल्लाल के नाम दुनिया में सबसे लंबे नाखून का वर्ल्ड रिकार्ड है। उन्होंने पिछले 65 साल से अपने नाखून नहीं काटे हैं। श्रीधर 1952 से अपने नाखूनों को बढ़ा रहे हैं। दुनिया में सबसे लंबे नाखून का वर्ल्ड रिकार्ड दूसरी बार भी इन्हीं के नाम है। उनका नाम पहली बार गिनीज बुक में 1980 में दर्ज हुआ था। बता दें कि उनके नाखून का साइज 909.6 सेंटीमीटर (358.1इंच) है।
बसे लंबे कान का बाल
विश्व में सबसे लंबे कान के बाल का रिकॉर्ड मदुरै के रहने वाले एंथोनी विक्टर के नाम दर्ज है। उनके कान के बाल 18.1 सेंटीमीटर लंबे हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड भोपाल के बीडी त्यागी के नाम दर्ज था, जिनके कान के बाल 10.2 सेंटीमीटर लंबे थे। रिटायर्ड हेडमास्टर एंथोनी को उनके छात्र कान में बाल वाले गुरुजी कहते हैं।
दुनिया की सबसे लंबी मूंछ
जयपुर के रहने वाले राम सिंह चौहान मूंछों की वजह से अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा चुके हैं। उनकी मूंछें 4.29 मीटर लंबी हैं। वे नारियल का तेल, ऑलिव ऑयल से इसकी रोजाना मसाज करते हैं।
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रिलीज होने से पहले ही बाहुबली-2 का विरोध शुरू, कटप्पा की वजह से इस राज्य में पैदा हुआ विवाद, जानिए- पूरा मामला
रिलीज होने से पहले ही बाहुबली-2 का विरोध शुरू, कटप्पा की वजह से इस राज्य में पैदा हुआ विवाद, जानिए- पूरा मामला
http://www.bharatmedia.in/baahubali-2-release-inhibited-due-katappa-aka-satyaraj/489
2017 की बहुप्रतीक्षित फिल्म बाहुबली 2 रिलीज के लिए तैयार है। एस.एस. राजामौली निर्देशित यह फिल्म 28 अप्रैल को रिलीज होगी और जिस किसी ने भी फिल्म का पहला पार्ट देखा है, तकरीबन हर वो शख्स फिल्म के दूसरे पार्ट की रिलीज का बेसब्री से इंतिजार कर रहा है। 120 करोड़ रुपए की लागत से बनी यह एपिक मूवी बाहुबली – द बिगनिंग 10 जुलाई 2015 को रिलीज हुई थी और दर्शकों को खासी पसंद आई थी। हालांकि क्लाइमैक्स में यह फिल्म कई सारे ऐसे सवाल भी छोड़ जाती है जिनके जवाब जानने के लिए दर्शक बैचेन हैं। इन सभी सवालों का जवाब आपको फिल्म के दूसरे पार्ट में मिलेगा। दूसरे पार्ट पर तकरीबन 350 करोड़ रुपए खर्च किय गया है और यह फिल्म भारत की सबसे महंगी फिल्मों में शुमार होने जा रही है।
हालांकि कर्नाटक में इस फिल्म के रिलीज का इंतिजार कर रहे फैन्स के लिए बुरी खबर यह है कि कुछ कन्नड़ संगठनों ने बाहुबली को कर्नाटक में रिलीज नहीं होने देंने की ठान ली है। विरोध की वजह बने हैं बाहुबली में कटप्पा का किरदार निभा रहे अभिनेता सत्यराज। असल में कन्नड़ संगठन का नेतृत्व कर रहे ऐक्टिविस्ट वतल नागराज ने सत्यराज पर आरोप लगाया है कि वो कावेरी जल विवाद के समय सभ्यता की सभी सीमाओं को लांघ गए थे। उन्होंने कर्नाटक और यहां रहने वालों के खिलाफ नॉनसेंस बातें की हैं। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में वतल ने कहा ‘हम कर्नाटक के एक भी थिएटर में इस फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। हम फिल्म के खिलाफ नहीं, बल्कि इसमें कटप्पा का रोल प्ले करने वाले ऐक्टर सत्यराज के खिलाफ हैं।
हालांकि इस दिक्कत का समाधान भी वतल ने खुद ही सुझा दिया है, उन्होंने कहा कि अगर एक्टर सत्यराज कर्नाटक के लोगों से माफी मांग लेते हैं तो हम ‘बाहुबली’ को राज्य में रिलीज होने से नहीं रोकेंगे। अब देखना यह होगा कि क्या सत्यराज अपनी फिल्म को कर्नाटक में रिलीज कराने के लिए माफी मांगते हैं या नहीं। गौरतलब है कि एसएस राजमौली की बाहुबली-2 6500 से ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज होगी। माना जा रहा है कि यह बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड्स तोड़ेगी। फिल्म में राणा दग्गुबाती और प्रभाष मुख्य भूमिकाओं में हैं। जिस तरह से बाहुबली को लेकर चर्चा हैं उससे यह साफ है कि फिल्म पहले पार्ट की तरह ही बेहद दिलचस्प होगी। बता दें कि कमाई के रिकॉर्ड तोड़ने और दुनियाभर से 600 करोड़ रुपए कमाने के बावजूद भी पहली बाहुबली ने कोई खास मुनाफा नहीं कमाया था। फिल्म के एक्जिबिटर अक्षय राठी ने बताया कि किस तरह से प्रोड्यूसर्स ने बाहुबली द बिगिनिंग से कोई मुनाफा नहीं कमाया।
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raghav-shivang · 4 years
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लॉकडाउन में सुसाइड, एंजाइटी और डिप्रेशन के बढ़ते मामले बताते हैं कि बॉडी के साथमेंटल हेल्थ पर भी ध्यान देना उतना ही जरूरी है। डिप्रेशन पर एम्स की ताजा रिसर्च में योग और एलोपैथी के कॉम्बिनेशन से डिप्रेशन में तेजी से सुधार हुआ।
12 हफ्तों तक चली रिसर्च में सामने आया किअगर आनुवांशिक डिप्रेशन से जूझ रहे है तो, दवालेने के साथ योग करने से तेजी से राहत महसूस होती है।
आज विश्व योग दिवस है।इस मौके पररिसर्च में शामिल एम्स दिल्ली के एनॉटमी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा नेदैनिकभास्कर को बताया कैसे योग और कुछ दवाओं केकांबिनेशन सेआनुवांशिक डिप्रेशन को भी दूर किया जासकता है।
3 पॉइंट : कैसे योग और दवा ने मिलकर घटाया डिप्रेशन
1. रिसर्च को एम्स दिल्ली के सायकियाट्री और एनॉटमी डिपार्टमेंट ने मिलकर किया। सायकियाट्री विभाग में जेनेटिक और दूसरे कारणों से बीमार 160 मरीजों को शोध के लिए चुना गया। इन्हें 80-80 के दो ग्रुप में बांटा गया। 2. इसमें एक ग्रुप को सिर्फ दवाई दी गईजबकि दूसरे को दवाई के साथ योग कराया गया। परिणाम जानने के लिए पहले और रिसर्च पूरी होने के बाद दोनों ग्रुप का ब्लड सैंपल लिया गया। 3. ब्लड सैंपल की रिपोर्ट चौंकाने वाली थी। सिर्फ दवाई लेने वाले मरीजों को 29 फीसदी फायदा दिखाई दिया, जबकि दवाई के साथ12 सप्ताह तक योग करने वाले मरीजों को 60 फीसदी फायदा मिला।
सूर्य नमस्कार, शवासन,शांति मंत्र और ध्यान कराया गया
डॉ. रीमा दादा के मुताबिक, डिप्रेशन दूर करने के लिए सूर्य नमस्कार, शवासन, उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, वक्रासन कराने के साथ शांति मंत्र का जापऔर ध्यान भी कराया गया। योग में साबित हुआ है कि ये आसन डिप्रेशन, तनाव और एंग्जायटी को दूर करते हैं। इन आसनों और दवाओं का असर एक से दूसरी पीढ़ी में आने वाले डिप्रेशन में भी देखा गया। जांच रिपोर्ट्स के अलावा मरीजों ने भीइस अनुभव कीपुष्टि करते हुएकहा, हमारे ऊपर योग का असर हुआ है।
डॉ. रीमा दादा कहती हैं, मेंटल फिटनेस के योग को उसी तरह जीवन में शामिल करें जितना जरूरी भोजन और नींद लेना है।
दवाओं और योगासनों का कई तरह से दिखा बदलाव डॉ. रीमा दादा कहती हैं, हमारे दिमाग में ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम के दो भाग होते हैं, सिम्पेथेटिक और पैरासिम्पेथेटिक। योग हमारे पैरासिम्पेथेटिक सिस्टम को एक्टिवेट करता है। ऐसा होने पर हमारा बढ़ा हुआ हार्ट रेट कम होता है, इंसान रिलैक्स महसूस करता है। न्यूरॉन्स बेहतर काम करते हैं और शांति मिलती है।
इस असर को और भी बेहतर तरीके से पता लगाने के लिए रिसर्च में शामिल मरीजों का जेनेटिक और बायोकेमिकल टेस्ट किए गए। इस दौरान एंटी-डिप्रेसेंट दवाओं को डोज भी दिया गया। डिप्रेशन से लम्बे समय से जूझ रहे मरीज कम समय में ठीक होते हैं दोनों के असर से ऐसे मरीज जो लम्बे समय से डिप्रेशन से जूझ रहे हैं उनकी दवाओं का डोज घटती है। इन्हें ठीक होने में कम समय लगता है। जिन्हें ऐसा बार-बार होता है उन मरीजों में डिप्रेशन की गंभीरता घटती है। डॉ. रीमा दादा कहती हैं, डिप्रेशन का इलाज कराने आने वाले मरीजों को यही सलाह दी जाती है कि रोज योग करें। जैसे रोजमर्रा के बाकी काम करते हैं, वैसे ही योग को भी जीवन का जरूरी हिस्सा बनाएं। 4 पॉइंट : आज डिप्रेशन-एंग्जायटी को हराना सबसे जरूरी क्यों? देश का हाल : द लैंसेट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 2017 तक 19.73 करोड़ लोग किसी न किसी मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे। ये आंकड़ा कुल आबादी का कुल आबादी का 15% है। यानी, हर 7 में से 1 भारतीय बीमार है। इनमें से भी 4.57 करोड़ डिप्रेशन और 4.49 करोड़ एंजाइटी का शिकार हैं।
दुनिया की तस्वीर : डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, दुनियाभर में 26 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। 15 से 29 साल की उम्र के लोगों में आत्महत्या की दूसरी सबसे बड़ी वजह डिप्रेशन ही है।
2013 से लेकर 2018 के बीच 52 हजार 526 लोगों ने मानसिक बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली।
मेंटल हेल्थ के मामले में हम रूस को पीछे छोड़ देंगे डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में हर साल एक लाख की आबादी पर16लोग मानसिक बीमारी से परेशान होकरआत्महत्या कर लेते हैं। इस मामले में भारत, रूस के बाद दूसरे नंबर पर है। रूस में हर 1 लाख लोगों में से 26लोग सुसाइड करते हैं।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से लेकर 2018 के बीच 52 हजार 526 लोगों ने मानसिक बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली।
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AIIMS's 12-week research shows increased patient heart rate, brain relaxes, depression going on for generations also shows impact
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raghav-shivang · 5 years
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बॉलीवुड डेस्क. ह्यूमन कम्प्यूटर के नाम से मशहूर शकुंतला देवी की लाइफ पर बन रही फिल्म में अमित साध ने अपने हिस्से की शूटिंग पूरी कर ली है। इस बात का खुलासा उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की है। जिसमें उन्होंने लिखा है- महान महिलाओं के साथ यह मेरे लिए शूटिंग रैप अप था। मेरा जन्मदिन नहीं है। हर एक का शुक्रिया।
2020 में होगी रिलीज : अमित फिल्म में शकुंतला देवी के दामाद अजय के रोल में नजर आएंगे। वहीं सान्या मल्होत्रा शकुंतला देवी की बेटी अनुपमा बैनर्जीका रोल निभा रही हैं। टाइटल रोल विद्या बालन का है। मेकर्स ने फिल्म की रिलीज डेट फाइनल नहीं की है लेकिन यह अगले साल मई-जून तक रिलीज हो सकती है।
कौन थीं शकुंतला देवी :शकुंतला देवी मैथ्स जीनियस के तौर पर जानी जाती थीं। गणित पर धाकड़ पकड़ के चलते उनका नाम 1982 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था। उन्होंने कई किताबें भी लिखीं जिसमें नॉवेल, मैथ्स पर बेस्ड बुक्स, पजल और एस्ट्राेलॉजी बुक्स भी शामिल हैं। उनकी किताब ‘द वर्ल्ड ऑफ होमोसेक्सुअल्स’ को भारत में होमोसेक्सुअलिटी पर बेस्ड पहली स्टडी के तौर पर लिया जाता है।
ऐसे नाम पड़ा ह्यूमन कम्प्यूटर:1977 में डलास यूनिविर्सटी में शकुंतला का मुकाबलाकम्प्यूटर ‘यूनीवैक’ से हुआ। शकुंतला को गणना करके 201 अंकों की एक संख्या का 23वां मूल निकालना था। इसे हल करने में उन्हें 50 सेकंड लगे। वहीं ‘यूनीवैक’ ने इसके लिए 62 सेकंड का समय लिया। इसके बाद से दुनियाभर में शकुंतला को ह्यूमन कम्प्यूटर के नाम से जाना जाने लगा।
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amit sadh wraped up shooting for shakuntala devi biopic
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raghav-shivang · 5 years
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बॉलीवुड डेस्क. ह्यूमन कम्प्यूटर के नाम से मशहूर शकुंतला देवी की लाइफ पर बन रही फिल्म में अमित साध ने अपने हिस्से की शूटिंग पूरी कर ली है। इस बात का खुलासा उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की है। जिसमें उन्होंने लिखा है- महान महिलाओं के साथ यह मेरे लिए शूटिंग रैप अप था। मेरा जन्मदिन नहीं है। हर एक का शुक्रिया।
2020 में होगी रिलीज : अमित फिल्म में शकुंतला देवी के दामाद अजय के रोल में नजर आएंगे। वहीं सान्या मल्होत्रा शकुंतला देवी की बेटी अनुपमा बैनर्जीका रोल निभा रही हैं। टाइटल रोल विद्या बालन का है। मेकर्स ने फिल्म की रिलीज डेट फाइनल नहीं की है लेकिन यह अगले साल मई-जून तक रिलीज हो सकती है।
कौन थीं शकुंतला देवी :शकुंतला देवी मैथ्स जीनियस के तौर पर जानी जाती थीं। गणित पर धाकड़ पकड़ के चलते उनका नाम 1982 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था। उन्होंने कई किताबें भी लिखीं जिसमें नॉवेल, मैथ्स पर बेस्ड बुक्स, पजल और एस्ट्राेलॉजी बुक्स भी शामिल हैं। उनकी किताब ‘द वर्ल्ड ऑफ होमोसेक्सुअल्स’ को भारत में होमोसेक्सुअलिटी पर बेस्ड पहली स्टडी के तौर पर लिया जाता है।
ऐसे नाम पड़ा ह्यूमन कम्प्यूटर:1977 में डलास यूनिविर्सटी में शकुंतला का मुकाबलाकम्प्यूटर ‘यूनीवैक’ से हुआ। शकुंतला को गणना करके 201 अंकों की एक संख्या का 23वां मूल निकालना था। इसे हल करने में उन्हें 50 सेकंड लगे। वहीं ‘यूनीवैक’ ने इसके लिए 62 सेकंड का समय लिया। इसके बाद से दुनियाभर में शकुंतला को ह्यूमन कम्प्यूटर के नाम से जाना जाने लगा।
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