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#निजी मेडिकल कॉलेज की फीस
studycarewithgsbrar · 2 years
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एमपी ने सरकारी संस्थानों के बराबर निजी मेडिकल कॉलेजों की सीट फीस 50% कम की - टाइम्स ऑफ इंडिया
एमपी ने सरकारी संस्थानों के बराबर निजी मेडिकल कॉलेजों की सीट फीस 50% कम की – टाइम्स ऑफ इंडिया
मध्य प्रदेश सरकार NEET PG के लिए MP राज्य संयुक्त काउंसलिंग 2022 में भाग लेने वाले छात्रों के लिए कुछ अच्छी खबर लेकर आई है। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने घोषणा की है कि राज्य के निजी मेडिकल कॉलेजों में 50 प्रतिशत सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर फीस होगी. फरवरी में, पीएम मोदी ने घोषणा की कि निजी चिकित्सा संस्थानों में 50 प्रतिशत सीटें सरकारी संस्थानों के बराबर होंगी। आखिरकार मप्र…
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bestinbareilly · 11 months
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Nursing Me Career kaise banaye
Nursing me career kaise banaye
अगर आप नर्सिंग में करियर बनाना चाहते हैं, तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको डिटेल में बताएंगे कि Nursing me career kaise banaye । इस लेख में नर्सिंग कोर्स, नर्सिंग में कैरियर स्कोप, कोर्स फीस, जॉब और सैलरी आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। जिससे आप नर्सिंग में सफल कैरियर बना सकेंगे।
Nursing Course kya hai?
मेडिकल के फील्ड में नर्सिंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण कोर्स है। जिस तरह से डॉक्टर का मेडिकल के फील्ड में महत्वपूर्ण योगदान होता है, उसी तरह से नर्स का भी इस फील्ड में बहुत ही सराहनीय और महत्वपूर्ण योगदान होता है।
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Nursing me career kaise banaye
नर्सिंग कोर्स एक हेल्थकेयर फील्ड से जुड़ा एक प्रोफेशनल कोर्स है। इससे संबंधित कोर्स में छात्रों को चिकित्सा देखभाल, रोगी मूल्यांकन, नर्सिंग कौशल, स्वास्थ्य देखभाल नैतिकता, और संचार कौशल से सम्बंधित ज्ञान प्रदान किया जाता है। जिससे कि वे स्वास्थ्य के फील्ड में बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें।
नर्सिंग कोर्स का मुख्य उद्देश्य छात्रों को नर्सिंग फील्ड का परामर्श ज्ञान और प्रशिक्षण प्रदान करना है ताकि वे रोगियों की सेवा कर सकें और उनकी सेहत की सही से देखभाल कर सकें। नर्सिंग कोर्स में व्यावहारिक और सैद्धांतिक दोनों प्रकार नॉलेज दिया जाता है।
Nursing Me Career banane ke liye Course
इस फील्ड में कैरियर बनाने के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स उपलब्ध हैं। स्टूडेंट्स अपनी योग्यता और सुविधानुआर किसी भी कोर्स का चयन कर सकते हैं। इन तीन कोर्स में से कोई सा भी कोर्स करके नर्सिंग के फील्ड में कैरियर बनाया जा सकता है।
1: ANM 2: GNM 3: Bsc Nursing
ANM Course Details in Hindi — एएनएम की डिटेल में जानकारी
एएनएम कोर्स का फुल फॉर्म आक्जलरी नृसिंग मिडवाइफरी होता है। ये नृसिंग में डिप्लोमा कोर्स है। ये दो साल का कोर्स होता है,जिसमे 6 महीने की इंटर्नशिप भी शामिल है। इसको सिर्फ फीमेल कैंडिडेट ही कर सकते हैं। इस कोर्स के लिए उम्मीदवार किसी भी स्ट्रीम से 12th पास होना चाहिए और 12वीं में उसके पास इंग्लिश सब्जेक्ट भी होना चाहिए। इसके साथ ही 45% से कम मार्क्स और 17 साल से कम उम्र भी नही होनीं चाहिए।
इसमे कैंडिडेट डायरेक्ट और एंट्रेंस एग्जाम दोनों तरह से एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं। अगर गवर्नमेंट कॉलेज से एएनएम करना है तो एंट्रेंस एग्जाम के जरिये ही एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको एएनएम एंट्रेंस एग्जाम के लिए आवेदन करना होगा। फिर एग्जाम देना होगा। अगर आपके अच्छे मार्क्स आते हैं तो आपकी गवर्नमेंट कॉलेज में एएनएम कोर्स में एडमिशन मिल सकता है।
GNM Course Details in Hindi | जीएनएम की डिटेल में जानकारी
जीएनएम नर्सिंग यानी जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी नर्सिंग कोर्स, एक पॉपुलर नर्सिंग कोर्स है। यह कोर्स आमतौर पर 3 साल का होता है और इसमें आपको स्वास्थ्य क्षेत्र का अच्छा नॉलेज प्रदान किया जाता है। इस कोर्स कोर्स के बाद आप सरकारी और निजी दोनों तरह के अस्पतालों में नर्स के तौर पर जॉब कर सकते हैं।
जीएनएम नर्सिंग कोर्स पुरूषों और महिलाओं दोनों तरह के उम्मीदवार के लिए भी उपलब्ध है। इसमे भी आप डायरेक्ट और एंट्रेंस एग्जाम दोनों तरह से एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं।
गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन के लिए जीएनएम नर्सिंग कोर्स की प्रवेश परीक्षा (एंट्रेंस एग्जाम) के देनी होती है, जिसे राज्य के निर्देशानुसार अयोजित किया जाता है। नेशनल लेवल का नृसिंग में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम नीट है। इसके अलावा भारत के हर राज्य में राज्य स्तर की नृसिंग प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमे आप आवेदन कर सकते हैं।
प्रवेश परीक्षा में विज्ञान, गणित, अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
जीएनएम नर्सिंग कोर्स की योग्यता की बात करें तो कैंडिडेट ने 10+2 (इंटरमीडिएट) या उसके समाकाक्ष परीक्षा में प्रथम या द्वितीय विभाग (विज्ञान/कला/वाणिज्य) में कम से कम 45–50% अंक होने चाहिए। अगर फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट से 10+2 किया है तो आपको एडमिशन में वरियता भी दी जाती है। कई नृसिंग एंट्रेंस एग्जाम में सिर्फ फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट के स्टूडेंट्स ही आवेदन कर सकते हैं।
इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप अलग-अलग अस्पताल, प्रसूति गृह, स्कूल, नृसिंग होंम, मैटरनिटी सेंटर, ट्रामा सेंटर, सामुदायिक आरोग्य केंद्र, आदि स्थानों में रोजगार पा सकते हैं। आप समाज में स्वास्थ्य शिक्षा, रोगियों की देखभाल, रोगियों के परिवार को सलाह देना, बच्चे जन्म देने के समय सहायता करना जैसे कार्यों में अपना महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।
Bsc Nursing Course Details in Hindi । बीएससी नृसिंग की डिटेल में जानकारी
बीएससी नृसिंग एक नृसिंग के फील्ड में बैचलर डगर कोर्स होता है। जिसकी अवधि 4 साल होती है। इस कोर्स में एडमिशन के लिए उम्मीदवार ने फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायलॉजी सब्जेक्ट से 12th किया होना चाहिए और साथ ही कम से कम 45 से 45% उसके बाद 12th में मार्क्स होने चाहिए। इसके साथ ही अभ्यर्थी की उम्र 18 साल से कम नही होनीं चाहिए।
इस कोर्स में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को अपने राज्य से संबंधित नृसिंग एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई करने की।आवश्यकता होती है। 2023 से पहले बिना एंट्रेंस एग्जाम के भी निजी कॉलेज में एडमिशन मिल जाता था, लेकिन अब ऐसा नही है।
बीएससी नर्सिंग एक प्रमुख मेडिकल कोर्स है जोकी मेडिकल विज्ञान, नर्सिंग और सेवा के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान करता है। यह चार वर्षीय प्रोग्राम है जिसमें छात्रों को नर्सिंग के सिद्धांत, व्यवस्थापन, रोगी देखभाल, दवाएं और चिकित्सा प्रक्रियाएं डिटेल में सिखाई जाती हैं।
यह कोर्स स्टूडेंट्स को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में व्यापक ज्ञान प्रदान करके उन्हें नर्सिंग में बेहतर कैरियर निर्माण में मदद करता है। इस कोर्स का उद्देश्य मरीजों की देखभाल करना, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रशासन में मदद करना और नर्सिंग के लिए विशेषज्ञता विकसित करना शामिल होता है।
ये भी पढ़े- ये हैं, बीएमएलटी में बेहतरीन कैरियर ऑप्शन
इस कोर्स के पश्चात नृसिंग स्नातक छात्र विभिन्न चिकित्सा संस्थानों, अस्पतालों, क्लीनिकों, एनजीओ और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा संगठनों में रोजगार के बेहतरीन अवसर प्राप्त कर सकते हैं। इस कोर्स को भी पुरूष और महिला दोनों उम्मीदवार कर सकते हैं।
Nursing ke field me career scope
नर्सिंग के फील्ड में कैरियर स्कोप की बात करें तो इसमे बहुत ही अच्छा कैरियर बनाया जा सकता है। इसमे हमेशा ही अच्छा कैरियर स्कोप रहा है, जिस तरह से बीमारियां और हॉस्पिटल्स बढ़ रहे हैं, तो उसी तरह नृसिंग कैंडिडेट की भी मांग बढ़ रही है।
हाई डिमांडिंग कैरियर: नर्सिंग एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल पेशा है, और दुनिया भर में योग्य नर्सों की मांग खूब बढ़ रही है। बढ़ती आबादी, स्वास्थ्य देखभाल प्रौद्योगिकी में प्रगति और प्राथमिक देखभाल सेवाओं की आवश्यकता जैसे कारकों की वजह से मांग में वृद्धि तेजी से हो रही है।
विविध कैरियर विकल्प: नर्सिंग कोर्स विभिन्न कैरियर विकल्प और विशेषज्ञता की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। नर्सें अस्पतालों, नृसिंग होंम, क्लीनिकों, दीर्घकालिक देखभाल सुविधाओं, घरेलू स्वास्थ्य देखभाल, सामुदायिक स्वास्थ्य, अनुसंधान संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों और यहां तक ​​कि कॉर्पोरेट स्वास्थ्य देखभाल में भी काम कर सकते हैं।
उन्नति के अच्छे अवसर: नर्सिंग कोर्स कैरियर उन्नति के विभिन्न अवसर प्रदान करता है। नृसिंग कोर्स करने के बाद आप नर्स के तौर पर प्रवेश-स्तर के पदों से लेकर उच्च-स्तरीय भूमिकाओं जैसे नर्स प्रैक्टिशनर, नर्स शिक्षक, नर्स प्रबंधक, क्लिनिकल नर्स विशेषज्ञ या नर्स शोधकर्ता तक प्रगति कर सकते हैं।
वैश्विक कैरियर अवसर: नर्सिंग एक ऐसा पेशा है जिसकी इंडिया में ही नही, बल्कि दुनिया भर में मांग है। योग्य नर्सों को विभिन्न देशों में काम कर सकतें हैं।
उच्च वेतन: नर्सिंग फील्ड प्रतिस्पर्धी वेतन पैकेज प्रदान करता है, और उच्च शिक्षा, अनुभव और विशेषज्ञता के साथ कमाई भी बढ़ती है। नर्सों को स्वास्थ्य देखभाल कवरेज, सेवानिवृत्ति योजना और पेशेवर विकास सहायता जैसे अतिरिक्त लाभ भी नर्स को मिल सकते हैं।
नौकरी की सुरक्षा: स्वास्थ्य सेवा उद्योग को अपेक्षाकृत स्थिर माना जाता है, और नृसिंग प्रोफेशन को कुछ अन्य व्यवसायों की तुलना में उच्च स्तर की नौकरी मिलती हैं और साथ ही इस फील्ड में आपका भविष्य भी सिक्योर रहता है, क्योंकि इसमें नौकरी की काफी अच्छी संभावनाएं है।
आजीवन सीखना: नर्सिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें निरंतर सीखने और पेशेवर विकास की आवश्यकता होती है। नर्सों के पास लगातार सीखने, विशेष प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए भरपूर अवसर मिलते है, जो नृसिंग कैंडिडेट को स्वास्थ्य देखभाल में नवीनतम प्रगति के साथ अपडेट रहने और अपने कौशल और ज्ञान का विस्तार करने में सक्षम बनाती है।
Nursing Course ke baad Job
नर्सिंग कोर्स करने के बाद नृसिंग स्टूडेंट्स हॉस्पिटल्स, नृसिंग होंम, ट्रामा सेंटर, मैटरनिटी सेंटर, बृद्धा आश्रम, क्लीनिक, एनजीओ, सीएचसी, पीएचसी, आर्मी, रेलवे आदि में नर्स के तौर पर जॉब कर सकते हैं। Read More- https://fullformsinhindi.in/nursing-me-career-kaise-banaye/
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imsaki07 · 1 year
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SPU Mandi: बीएएमएस और बीएचएमएस के लिए दूसरे राउंड की काउंसलिंग का शेड्यूल तय, यहां जानें #news4
बीएएमएस और बीएचएमएस की दूसरे राउंड की ऑनलाइन काउंसलिंग 11 दिसंबर से शुरू होगी। इसमें बीएएमएस की 56 और बीएचएमएस की 66 सीटें भरी जाएंगी। अटल एंड रिसर्च मेडिकल विश्वविद्यालय नेरचौक ने इसके लिए शेड्यूल तैयार कर लिया है। 11 से 13 दिसंबर तक फीस के साथ आवेदन पत्र भरे जाएंगे। 14 दिसंबर को कंबाइंड स्टेट मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी। इसमें निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेज शामिल रहेंगे। 15 और 16 दिसंबर को…
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ऐसे समय में जब निजी संस्थानों के कई मेडिकल छात्र अपना कोर्स पूरा करने के बाद अधिक से अधिक तनख्वाह पाने या विदेश में पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री हासिल करने का लक्ष्य रखते हैं, आंध्र प्रदेश कि इस डॉक्टर ने एक मिसाल कायम की है। कडपा जिले की 28-वर्षीय डॉक्टर नूरी परवीन आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों का मात्र 10 रुपये में इलाज करती हैं। मरीज़ों से कम फीस लेने के अलावा, डॉक्टर अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए केवल ₹50 प्रति बेड फीस लेती हैं। डॉ परवीन विजयवाड़ा की रहने वाली हैं। एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाली नूरी ने फातिमा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में एमबीबीएस सीट हासिल करने के लिए प्रतियोगी परीक्षा पास की थी। मेडिकल कॉलेज से पास होने के बाद, उन्होंने अपने राज्य में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार करने का फैसला किया। नूरी परवीन एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती हैं जहां उनके मम्मी-पापा ने तीन अनाथ बच्चों को गोद लेकर उनकी परवरिश की। इन बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्चा भी उन्होंने ही उठाया। नूरी को प्यार से लोग कडपा की मदर टेरेसा कहते हैं।
#InspirationalStory #Motivation #DrVivekBindra #BadaBusiness #TuesdayMotivation #tumblr
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ashokgehlotofficial · 2 years
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नागौर के नावां और जयपुर के दूदू में ब्लॉक स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल गतिविधियों का अवलोकन किया। इस दौरान खिलाड़ियों से मुलाकात कर उनका उत्साह बढ़ाया। विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास, लोकार्पण एवं भूमि पूजन किया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, बिजली, पानी, कृषि, रोजगार सहित सभी क्षेत्रों में राजस्थान को अग्रणी बनाने के लिए किसी भी तरह की कमी नहीं रखी जा रही है। केंद्र सरकार को राजस्थान की जनकल्याणकारी योजनाओं के मॉडल को पूरे देश में लागू करना चाहिए, ताकि हर वर्ग को संबल मिले।
राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के ऐतिहासिक आयोजन से ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिला है। यही खिलाड़ी भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए पदक विजेता बनेंगे। देश में पहली बार राजस्थान में इस अभूतपूर्व आयोजन से गांव-ढाणी में खेलों का माहौल बना है। राज्य सरकार द्वारा अब हर साल ग्रामीण खेलों का आयोजन किया जाएगा। ग्रामीण ओलंपिक के सफल आयोजन के बाद शहरी ओलंपिक पर भी विचार कर रहे हैं।
खेल जात-पात, धर्म, अमीरी-गरीबी से अलग है। सिर्फ खिलाड़ी ही मैदान में उतरता है। ग्रामीण ओलम्पिक से गांवों में सामाजिक समरसता का माहौल और बन रहा है। इससे क्षेत्र के चहुमुंखी विकास को भी गति मिलेगी।
राज्य सरकार खेलों के प्रति सकारात्मक माहौल बनाने के लिए अहम निर्णय ले रही है। इसी दिशा में ग्रामीण ओलंपिक एक मजबूत कदम है। इनमें हर आयु वर्ग के लगभग 30 लाख खिलाड़ियों का पंजीकरण खेल के स्वर्णिम भविष्य की ओर इंगित कर रहा है। हमारी सरकार खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन में कोई कमी नहीं आने देगी।
खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण, 229 खिलाड़ियों को आउट-ऑफ-टर्न नियुक्ति, ओलम्पिक व कॉमनवेल्थ पदक विजेताओं तथा गुरू वशिष्ठ व महाराणा प्रताप अवॉर्ड में सम्मान राशि बढ़ाने, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम योजनांतर्गत प्रत्येक ब्लॉक में खेल स्टेडियम बनाने सहित कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। पदक विजेता खिलाड़ियों को संविदा नियुक्तियों में भी प्राथमिकता मिलेगी।
प्रधानमंत्री से राजस्थान के 13 जिलों के हित में राजस्थान पूर्वी नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की अपील की। प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे अहिंसा का माहौल बनाने के लिए देशवासियों को संबोधित करें। साथ ही राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर नल‘ पहुंचाने के लिए राज्य को विशेष श्रेणी में रखकर सहयोग करें।
इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू कर अब शहरों में भी जरूरतमंद परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। मांग अनुसार हर परिवार को 100 दिन का रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की अनुकरणीय पहल की गई है। गरीब तबके के विद्यार्थियों को निजी विद्यालयों में अंग्रेजी पढ़ने के लिए मोटी फीस से भी निजात मिली है। ये बच्चे भी शुरूआत से ही अंग्रेजी सीखकर अपना भविष्य उज्ज्वल कर सकेंगे। हमारा अगला बजट युवाओं और विद्यार्थियों को समर्पित रहेगा। किसानों के हित में अलग से कृषि बजट पेश कर बजट राशि दोगुनी कर दी गई है। प्रदेश के लगभग 1 करोड़ लोगों को पेंशन देकर सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए 25 हजार आयुर्वेदिक औषधि किट वितरण की शुरूआत की। यह किट दूदू क्षेत्र के पशुपालकों को वितरित की जाएगी।
दूदू समारोह में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि हर जिले में मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज की शुरूआत अभूतपूर्व फैसला है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हर क्षेत्र में हर वर्ग के हितार्थ कार्य किए जा रहे हैं। दूदू और नांवा में उच्च शिक्षा मंत्री श्री राजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के माध्यम से युवा ऊर्जा को प्रोत्साहन और नई दिशा मिली है। राज्य सरकार की विभिन्न योजनाएं विद्यार्थियों और युवाओं को समर्पित हैं। नावां विधायक व उप मुख्य सचेतक श्री महेन्द्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा, खेल और स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार विकास कार्य हो रहे हैं। दूदू विधायक बाबूलाल नागर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दूदू में हुए विकास कार्यों से आमजन को राहत मिली है। नावां समारोह में जायल विधायक श्रीमती मंजू मेघवाल, पूर्व मंत्री श्री हबीबुर्रहमान, पूर्व विधायक श्री जाकिर हुसैन सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी, खिलाड़ी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
नागौर को सौगातें
लोकार्पण-
उप तहसील मारोठ
ब्लड बैंक कुचामन सिटी
बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय कुचामन
नव क्रमोन्नत वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय नावां
नव क्रमोन्नत अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय कुचामन
शिलान्यास-
सीएचसी भवन कुकनवाली
कुचामन से सुरेरा तक 34 किमी सड़क का विकास एवं उन्नयन कार्य, लागत 37 करोड़ रूपए
जयपुर से नावां 10 किमी सड़क का विकास एवं उन्नयन कार्य, लागत 10 करोड़ रूपए
कुचामन तहसील के गांव-ढाणियों के लिए पेयजल योजना, लागत 116.85 करोड़ रूपए
नगर परिषद कुचामन में 25 किमी सड़कें, लागत 7.5 करोड़ रूपए
नगर पालिका नावां में स्वीकृत सड़कें, लागत 4.5 करोड़ रूपए
भूमि पूजन-
राजकीय कन्या महाविद्यालय कुचामन
राजकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय नावां
राजकीय कृषि महाविद्यालय नावां
राजकीय वेटनरी महाविद्यालय नावां
राजकीय उप जिला चिकित्सालय नावां
खेल स्टेडियम कुचामन सिटी, लागत 1.5 करोड़ रूपए
ट्रॉमा सेंटर कुचामन सिटी
पांचोता कुंड का जीर्णोद्धार एवं विकास कार्य, लागत 7.5 करोड़ रूपए
जोगेश्वर धाम पर्यटन स्थल का जीर्णोद्धार एवं विकास कार्य, लागत 56 लाख रूपए
खेल स्टेडियम नावां, लागत 1 करोड़ रूपए
दूदू में शिलान्यास-
उप जिला अस्पताल दूदू का नवीन भवन, लागत 40 करोड़ 93 लाख रूपए
राजकीय कन्या महाविद्यालय दूदू, लागत 4 करोड़ 50 लाख रूपए
दूदू ब्लॉक में अम्बेडकर भवन, लागत 49.62 लाख रूपए
फागी ब्लॉक में अम्बेडकर भवन, लागत 37.04 लाख रूपए
लोकार्पण-
राजकीय महाविद्यालय दूदू में विज्ञान संकाय
राजकीय कन्या महाविद्यालय दूदू का अस्थाई भवन
राजकीय महाविद्यालय फागी में विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय
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mwsnewshindi · 2 years
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निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस कैप पर एनएमसी निर्देश राज्य में लागू नहीं: केरल एचसी
निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस कैप पर एनएमसी निर्देश राज्य में लागू नहीं: केरल एचसी
केरल उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि निजी संस्थानों द्वारा पेश किए जाने वाले मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए सरकारी कॉलेज की फीस वसूलने का राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) का फैसला राज्य में लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि केरल मेडिकल के लागू होने के बाद राज्य में सरकारी कोटा या प्रबंधन कोटा का कोई वर्गीकरण नहीं था शिक्षा 2017 में अधिनियम, LiveLaw की सूचना दी। सभी प्रवेश एक सामान्य प्रक्रिया के माध्यम से…
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lok-shakti · 2 years
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निजी मेडिकल कॉलेजों में 50% सीटों की फीस सरकार के बराबर होनी चाहिए: एनएमसी दिशानिर्देश
निजी मेडिकल कॉलेजों में 50% सीटों की फीस सरकार के बराबर होनी चाहिए: एनएमसी दिशानिर्देश
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने दिशानिर्देश जा��ी किए हैं कि निजी मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50% सीटों की फीस राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस के बराबर होनी चाहिए। एनएमसी द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, “इस शुल्क संरचना का लाभ पहले उन उम्मीदवारों को मिलेगा, जिन्होंने सरकारी कोटे की सीटों का लाभ उठाया है, लेकिन संबंधित मेडिकल कॉलेज की कुल स्वीकृत संख्या के 50%…
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darkwombatnacho · 3 years
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MP NEWS: IIT-IIM में प्रवेश पाने वाली 'लाड़लियों' की आठ लाख रुपये तक फीस चुकाएगी मध्‍य प्रदेश सरकार
MP NEWS: IIT-IIM में प्रवेश पाने वाली ‘लाड़लियों’ की आठ लाख रुपये तक फीस चुकाएगी मध्‍य प्रदेश सरकार
भोपाल:HN/ आइआइटी-आइआइएम, नीट (मेडिकल) या सरकारी- निजी व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पाने वाली लाड़लियों की आठ लाख रुपये तक की फीस सरकार चुकाएगी. स्कूली पढ़ाई पूरी कर जब वे कॉलेज में प्रवेश लेंगी, तो 25 हजार रुपये मिलेंगे. ये पहले से मिल रहे लाभों से अलग होगा. लाड़लियों की बेहतर शिक्षा के लिए ये निर्णय लिए गए हैं. यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही. वे गुरुवार को मिंटो हॉल में…
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abhay121996-blog · 3 years
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कोरोना कंट्रोल के लिए यूपी में संडे कर्फ्यू, रात 8 बजे से 35 घंटे की पाबंदी, जानिए बड़ी बातें Divya Sandesh
#Divyasandesh
कोरोना कंट्रोल के लिए यूपी में संडे कर्फ्यू, रात 8 बजे से 35 घंटे की पाबंदी, जानिए बड़ी बातें
लखनऊ यूपी में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाया था। अब सरकार ने संडे कर्फ्यू का फैसला किया है। इस लिहाज से यूपी में 11 घंटे का नाइट कर्फ्यू और रविवार को साप्ताहिक बंदी है। यानी आज रात 8 बजे से लखनऊ, वाराणसी और गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) समेत यूपी के 11 जिलों के लोगों को 35 घंटे के कोरोना कर्फ्यू का सामना करना होगा। आइए जानते हैं संडे कर्फ्यू की बड़ी बातें…
मुख्य सचिव आरके तिवारी की ओर से एक आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि पंचायत चुनावों के लिए आवश्यक अधिकारियों, मतदान अधिकारियों और स्वच्छता कर्मचारियों को कर्फ्यू से छूट दी जाएगी। बता दें कि शुक्रवार को कोरोना ने यूपी में दूसरी लहर में अब तक के सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। शुक्रवार को यूपी में 27,426 कोरोना के मरीज मिले हैं।
राज्य सरकार ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए तीन कोविड अस्पताल बनाए जाने की घोषणा की है। लखनऊ के डिफेंस एक्सपो स्थल पर एक हजार बेड के क्षमता का कोविड अस्पताल बनाया जाएगा। वहीं, एक अधिकारी ने कहा कि अन्य 2 शहर के बाहरी इलाके में हज हाउस और गोल्डल ब्लॉसम होटल में बनाया जाएगा। जिनकी 2100 बेड की क्षमता होगी।
इन जिलों में 35 घंटे का कर्फ्यू आज रात से लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, गोरखपुर, झांसी, बरेली, बलिया और अयोध्या में 35 घंटे का कर्फ्यू आज रात 8 बजे से लग जाएगा।
ये हैं मुख्य बातें 1- उत्तर प्रदेश के सभी ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में रविवार को साप्ताहिक बंदी होगी। इस दौरान केवल स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रहेंगी। इसके अलावा कोरोना के संबंध में आवश्यक जागरूकता काम भी किया जाएगा।
2- पूरे प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं (बाह्य रोगी विभाग) स्थगित रहेंगी। यहां सिर्फ आपातकालीन सेवाएं यानी इमरजेंसी ही चालू रहेगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों का आयोजन 15 मई तक ना कराया जाए।
3-प्रदेश में हर किसी के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है। पहली बार बगैर मास्क के पकड़े जाने पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाए। अगर कोई दूसरी बार बिना मास्क के पकड़ा जाता है तो 10 गुना ज्यादा जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
4- लखनऊ में 1000 बेड का नया कोविड हॉस्पिटल बनेगा। डिफेंस एक्सपो आयोजन स्थल को इसके लिए चुना जा सकता है। इसके साथ ही कोरोना टेस्ट के लिए सरकारी और निजी लैब्स में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। टेस्टिंग के लिए सरकार ने पहले ही फीस तय कर दी है। सभी जिलों में प्रशासन इसे सख्ती से लागू कराए।
5- केजीएमयू, बलरामपुर चिकित्सालय और कैंसर इंस्टिट्यूट को डेडीकेटेड कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है। इसी तरह एरा मेडिकल कॉलेज, टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज, इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज, मेयो मेडिकल कॉलेज और हिन्द मेडिकल कॉलेज भी डेडीकेटेड कोविड अस्पताल घोषित किए गए हैं।
6- होम आइसोलेशन वाले मरीजों का खास ध्यान रखा जाए। सभी तरह की दवाइयां और मेडिकल किट उन्हें मुहैया कराई जाए। किट में कम से कम एक हफ्ते की दवा होनी चाहिए।
7- इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में रोज डीएम, एसपी और सीएमओ बैठक करें। हालात के मुताबिक आगे की रणनीति तय की जाए। सीएम हेल्पलाइन 1076 के जरिए मरीजों से लगातार संवाद होना चाहिए।
8- सभी जिलों के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकनी नहीं चाहिए। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए स्थापित कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे सक्रिय रहे। ऑक्सीजन की उपलब्धता की रोजना समीक्षा की जाए। एम्बुलेंस सेवाओं के संचालन में भी ढिलाई नहीं होनी चाहिए।
9- खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग रेमडेसिविर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करे। इसकी निगरानी चीफ सेक्रेटरी के कार्यालय से होनी चाहिए। अगले एक महीने के हालात का विश्लेषण करते हुए एक्सट्रा रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदा जाए।
10- 108 की आधी एम्बुलेंस सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखी जाए। इस काम में कतई देरी नहीं होनी चाहिए। होम आइसोलेशन के मरीजों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम कम से कम हो। इसके साथ ही ऑक्सीजन और दूसरी मेडिकल सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
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studycarewithgsbrar · 2 years
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राज्य में निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस कैप पर एनएमसी का निर्देश लागू नहीं: केरल उच्च न्यायालय
राज्य में निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस कैप पर एनएमसी का निर्देश लागू नहीं: केरल उच्च न्यायालय
केरल उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि निजी संस्थानों द्वारा पेश किए जाने वाले मेडिकल कोर्स के लिए सरकारी कॉलेज की फीस वसूलने का राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) का फैसला राज्य में लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि केरल मेडिकल लागू होने के बाद से राज्य में सरकारी कोटा या प्रबंधन कोटा का कोई वर्गीकरण नहीं किया गया है। शिक्षा 2017 में अधिनियम, लाइव लॉ ने रिपोर्ट किया। सभी प्रवेश एक सामान्य प्रक्रिया…
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bestinbareilly · 1 year
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BMLT Course Details in Hindi
BMLT kitne saal ka hota hai
BMLT kitne saal ka hai — बीएमएलटी कोर्स क्या है, ये कितने साल का होता है और इसको कैसे करें, बेस्ट कॉलेज कौन से हैं, योग्यता, जॉब, सैलरी, कैरियर स्कोप, कैरियर ऑप्शन आदि की डिटेल में जानकारी।
BMLT Course Details in Hindi
बीएमएलटी का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी होता है। ये एक अंडरग्रेजुएट बैचलर डिग्री प्रोग्राम है। बीएमएलटी कोर्स रोगियों को बेहतर देखभाल प्रदान करने के लिए स्टूडेंट्स को विभिन्न प्रयोगशाला तकनीकों और निदान से संबंधित प्रक्रियाओं को सीखने में मदद करता है।ल बीएमएलटी पाठ्यक्रम में नैदानिक ​​प्रयोगशाला परीक्षणों की मदद से रोगियों के रोगों का पता लगाना शामिल होता है।
इस स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद, स्टूडेंट्स शरीर के तरल पदार्थ का विश्लेषण, रक्त टाइपिंग, रासायनिक विश्लेषण और सूक्ष्मजीव स्क्रीनिंग, सैम्पल लेना जैसे विभिन्न तरीकों का उपयोग करके नैदानिक ​​परीक्षण करने की विशेषज्ञता हासिल हो जाती है।
बीएमएलटी में डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट्स पैथोलॉजी लैब्स, हेल्थकेयर क्लीनि��, सार्वजनिक व निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम, मेडिकल लैब, रिसर्च लैब, डायग्नोस्टिक इन जगहों पर काम कर सकते है।
BMLT kitne saal ka hai
ये एक स्नातक स्तर का कोर्स होता है, जिसको हम लोग बैचलर ऑफ मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी के नाम से भी जानते हैं। ये 3 साल की बैचलर डिग्री है। जिसमे 6 सेमेस्टर होते हैं।
BMLT Course kaise kare
इस कोर्स को करने के लिए स्टूडेंट्स ने फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट से 12th कम से कम 50% अंकों से पास होना चाहिए। जिसके बाद इस कोर्स में एडमिशन लिया जा सकता है।
BMLT Me Admission kaise len
इस कोर्स में स्टूडेंट्स दो तरीके से एडमिशन ले सकते हैं। एक तो वह डायरेक्ट ही एडमिशन पा सकते हैं और दूसरा वे प्रवेश परीक्षा (Entrance Exam) पास करके फिर प्राप्त रैंक के अनुसार एडमिशन पा सकते हैं। अधिकांश निजी पैरामेडिकल कॉलजों में स्टूडेंट्स को डायरेक्ट ही एडमिशन मिल जाता है। लेकिन जब बात आती है, इंडिया के बेस्ट कॉलेजों से कोर्स करने की या गवर्नमेंट कॉलेज से कोर्स करने की तो इनमे एडमिशन प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद ही मिलेगा।
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BMLT Entrance Exam kaise den
सबसे पहले स्टूडेंट्स को ये निश्चित करना होगा कि वे किस यूनिवर्सिटी से या किस यूनिवर्सिटी के एफिलियेट कॉलेज से BMLT करना है तो आपको उस यूनिवर्सिटी में एंट्रेंस एग्जाम के लिए आवेदन करना होगा। स्टूडेंट्स को चाहिए कि वे एक से अधिक यूनिवर्सिटीज के एंट्रेंस एग्जाम के लिए आवेदन करें और एंट्रेंस एग्जाम दें, जिससे किसी न किसी यूनिवर्सिटी का एंट्रेन्स एग्जाम पास कर ही लेंगे।
BMLT Entrance Exam
AIIMS NEET CUCET BCECE Exam KEAM AIIMS Paramedical PGIMER paramedical JIPMER paramedical AP EAMCET Entrance Exam IPU CET JNUEE etc
बीएमएलटी में स्कोप क्या है?
मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी के फील्ड में वर्तमान में कैरियर के अवसरों की कमी नही है। यह एक ऐसा फील्ड है, जिसमे मौजूदा समय मे बहुत ही ब्राइट कैरियर के अवसर उपलब्ध हैं। जिस तरह से नई- नई बीमारियां बढ़ रही है, उसी तरह से इन बीमारियों की जांच करने के लिये पैथालॉजी लैब्स, डायग्नोस्टिक सेन्टर्स, मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम आदि जगहों पर BMLT के डिग्री धारकों की जरूरत पड़ती है।
इस कोर्स को करने के बाद में कैंडिडेट को जॉब बहुत ही आसानी से मिल जाती है, जिनको इस फील्ड का नॉलेज होता है। चूंकि ये एक हेल्थकेयर सेक्टर से जुड़ा कोर्स है, जिस वजह से इसमे कैरियर की ऑपर्चुनिटी की कमी नही है।
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BMLT की सैलरी कितनी होती है?
बीएमएलटी करने के बाद शुरुआत में कैंडिडेट को 10 जे 15 हजार मासिक सैलरी मिल जाती है, जोकीं अनुभव बढ़ने पर बढ़ती रहती है। अनुभवी BMLT के डिग्री होल्डर को 30 से 50 हजार मासिक वेतन तक मिलता है।
BMLT course ki Fees
इस कोर्स की फीस निजी मेडिकल और पैरामेडिकल कॉलेजों में 40 हजार से लेकर 1 लाख बार्षिक तक होती है।
BMLT ke baad kaun si job milegi
मेडिकल लैब टेक्नीशियन लैब असिस्टेंट मेडिकल टेक्नॉल्जिस्ट लैब इंचार्ज लैब सुपरवाइजर लैब इंफॉर्मेशन सिस्टम एनालिस्ट लैब कंसल्टेंट QC मैनेजर पैथोलॉजी असिस्टेंट हेल्थकेयर एडमिनिस्ट्रेशन लैब टेक्नॉल्जिस्ट कोर्डिनेटर लैब असिस्टेंट
BMLT ke baad job कंहा मिलेगी?
डायग्नोस्टिक सेंटर्स गवर्नमेंट हॉस्पिटल क्राइम लेबोरेटरीज प्राइवेट हॉस्पिटल ब्लड डोनर सेंटर्स माइनर इमरजेंसी सेंटर्स पैथोलॉजी लैब्स मिल्ट्री कम्युनिटी हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज फार्म कंपनी रिसर्च लैब्स हेल्थकेयर सेंटर्स
BMLT ke liye Best College
AIIMS PGIMER JIPMER JNU IPU BHU DU, आदि
BMLT kitne saal ka hai इससे संबंधित गूगल में सर्च किये जाने वाले प्रश्न-
DMLT और BMLT में क्या अंतर है?
डीएमएलटी की फुल फॉर्म डिप्लोमा इन मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी होती है, जोकीं एक 2 साल का डिप्लोमा कोर्स होता है, जबकि BMLT एक डिग्री कोर्स है, ये 3 साल का होता है। DMLT के बाद स्टूडेंट्स BMLT कर सकते हैं, जबकि BMLT के बाद वे MMLT कर सकते हैं। BMLT के बाद DMLT की अपेक्षा ज्यादा सैलरी वाली जॉब मिलती है।
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DMLT कोर्स कितने साल का होता है?
डीएमएलटी एक डिप्लोमा होता है, जिसकी ड्यूरेशन 2 साल होती है।
भारत में एक डीएमएलटी वेतन क्या है?
भारत मे DMLT करने के बाद शुरुआत में वेतन 8 से 12 हजार मासिक मिलता है, जोकीं अनुभव के बाद 25 से 30 हजार या इससे भी ज़्यादा हो जाता है।
BMLT me कितने विषय होते hai?
इस कोर्स में लगभग 12 सब्जेक्ट होते हैं, हर यूनिवर्सिटी में सब्जेक्ट की संख्या कम या ज्यादा भी हो सकती है।
Biochemistry Microbiology Anatomy Medicine Human physiology Communication Hematology Computer Science Medical diagnosis Molecular biology Histopathology Clinical pathology Biostatistics Bacteriology Pathology Serology
बीएमएलटी कोर्स क्या होता है?
बीएमलटी कोर्स मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी में बैचलर डिग्री कोर्स होता है। इसके बाद कैंडिडेट लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी के फील्ड में कैरियर बना सकते हैं।
सबसे अच्छा बीएमएलटी या बी फार्मा कौन सा है?
बीएमएलती और बी फार्मा दोनों ही मेडिकल फील्ड से संबंधित कोर्स होते हैं, दोनों ही कैरियर के लिहाज से अच्छे कोर्स हैं। ये डिपेंड करता है, कि आपको BMLT करना है या B Pharma।
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बीएमएलटी का सिलेबस क्या है?
Cells Cardiovascular System Terminology and General Plan of the Body Nervous System Musculoskeletal System Special Senses Respiratory System Genitourinary System Digestive System Endocrine System Introduction and History of Pathology Mechanism of Coagulation Tissue Renewal and Repair Complete Blood Count General Features of Acute and Chronic Inflammation Introduction to Immunohematology Protein-Energy Malfunction Progressive Cancer Haemoglobin Staining of Carbohydrates Basic Principles of Blood Banking Demonstration of Minerals and Pigments in the Tissue Sample Other Blood Group systems such as Lewi Autoimmune Disorders Transfusion Transmissible Infectious Disease Screen Demonstration of Nucleic Acids Blood Components and their Preparation Immunohistochemistry Apheresis
Can I do BMLT without Biology?
नही, आप बिना बायोलॉजी के BMLT कोर्स नही कर सकते हैं, इसके लिए जरूरी है कि आपके पास 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट होना चाहिए।
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jainyupdates · 4 years
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यूपी: निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों की फीस में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी, सीतापुर मेडिकल कॉलेज में सबसे कम फीस
यूपी: निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों की फीस में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी, सीतापुर मेडिकल कॉलेज में सबसे कम फीस
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Updated Sun, 08 Nov 2020 09:01 AM IST
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फाइल फोटो – फोटो : amar ujala
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शासन ने निजी मेडिकल व डेंटल कॉलेजों की फीस तय कर दी है। पिछले सत्र की तुलना में फीस में 10 से…
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gujarat-news · 4 years
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चिकित्सा शुल्क में कमी के मुद्दे पर सरकार अनिश्चित: फीस समिति पर फैसला
चिकित्सा शुल्क में कमी के मुद्दे पर सरकार अनिश्चित: फीस समिति पर फैसला
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अहमदाबाद। 11 अक्टूबर 2020 को रविवार है
मेडिकल कॉलेजों में फीस में कटौती के मुद्दे पर सरकार अनिश्चित है क्योंकि छात्रों-अभिभावकों ने फीस में कमी की मांग की है। सरकार की इस अनिश्चितता के बीच छात्र-अभिभावक असमंजस में हैं, जबकि सरकार फीस कमेटी पर फीस का फैसला थोप रही है।
जबकि GMERS कॉलेज सरकार के अधीन निजी कॉलेज हैं, सरकार ने इस साल 8 मेडिकल कॉलेजों और डेंटल कॉलेजों की फीस में कोई…
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khabaruttarakhandki · 4 years
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Coronavirus In Uttarakhand: निजी लैब में सबकी नहीं होगी कोरोना की मुफ्त जांच, केवल इन मरीजों को मिलेगी सुविधा
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कोरोना वायरस की जांच कराने के लिए निजी लैब में सबको मुफ्त जांच की सुविधा नहीं है। निजी हॉस्पिटल या क्लीनिक के डॉक्टर की सलाह पर कोई मरीज सीधे निजी लैब में कोरोना का टेस्ट करवाता है तो उसे पैसा देने होंगे। भले ही उसके पास आयुष्मान योजना का गोल्डन कार्ड हो। उसे मुफ्त जांच की सुविधा तभी मिल सकती है जब आयुष्मान योजना में पंजीकृत सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीज भर्ती होगा।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और एम्स ऋषिकेश में कोरोना की जांच हो रही है। प्रदेश में एक निजी लैब में भी कोरोना वायरस की जांच शुरू हो गई है। जांच किट महंगी होने से निजी पैथोलॉजी लैब में एक सैंपल की जांच 4500 रुपये में हो रही है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर टेस्टिंग प्रोटोकॉल के अनुुसार कोरोना के संदिग्ध लक्षण दिखाई देने पर सैंपल की जांच करने की सलाह दे सकते हैं।
प्राइवेट डॉक्टर की सलाह पर निजी लैब में टेस्ट करने वाले मरीज को जांच की पूरी फीस देनी होगी। आयुष्मान कार्ड धारक मरीज को मुफ्त जांच का लाभ मिल सकता है, जब वह सरकारी अस्पताल या योजना में पंजीकृत अस्पताल में भर्ती होगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सैंपल जांच के लिए निजी लैब में भेजा जाता है, तो उसका भुगतान भी विभाग निजी लैब को करेगा।
आईसीएमआर की अनुमति के बाद निजी पैथोलॉजी लैब में डॉक्टर की सलाह पर कोई भी मरीज कोरोना संक्रमण का टेस्ट करा सकता है। डॉक्टरों को टेस्टिंग प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना होगा। आयुष्मान योजना में मुफ्त सैंपल जांच की सुविधा है। लेकिन वह तभी मिलेगी, जब मरीज योजना में पंजीकृत अस्पतालों में इलाज कराएगा। सरकारी अस्पतालों से कोई सैंपल जांच के लिए निजी लैब भेजा जाता है तो उसका भुगतान विभाग करेगा। – युगल किशोर पंत, अपर सचिव स्वास्थ्य
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chaitanyabharatnews · 4 years
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अब कॉलेजों को यूनिवर्सिटी से नहीं लेनी होगी मान्यता, रख सकेंगे अपना सिलेबस और अपनी डिग्री
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चैतन्य भारत न्यूज नई दिल्ली. नई शिक्षा नीति-2020 (National Education Policy 2020) को जनवरी में कैबिनेट बैठक में लाने की तैयारी है। इसके लिए सभी तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। मानव संसाधन मंत्रालय के अफसरों ने बताया कि, यह देश की तीसरी शिक्षा नीति होगी, जो अगले 20 साल तक लागू रहेगी। इसमें 30 देशों की शिक्षा नीति के कुछ अंश शामिल किए गए हैं। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); दैनिक भास्कर अखबार में छपी खबर के मुताबिक, इस नीति को अंतिम रूप देने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि, इस नीति का कैबिनेट नोट अंतिम चरण में है। शिक्षा नीति ड्राफ्ट-2019’ बनने के बाद करीब दो लाख सुझाव मिले थे। उनमें से भी कई बातें नई नीति में शामिल की गई हैं। कॉलेज को यूनिवर्सिटी से नहीं लेनी होगी मान्यता कैबिनेट नोट के मुताबिक, नीति में जो सबसे बड़ा बदलाव है वो कॉलेजों की कार्यप्रणाली को लेकर है। इस नीति के लागू हो जाने के बाद सरकारी और निजी कॉलेजों को किसी यूनिवर्सिटी से मान्यता लेने की जरूरत नहीं होगी। जी हां... इतना ही नहीं बल्कि इसके लागू हो जाने के बाद कॉलेज छात्रों को डिग्री भी खुद ही दे सकेंगे। आने वाले समय में चार संस्थाएं फंडिंग, स्टैंडर्ड सेटिंग, एक्रिडेशन और रेगुलेशन के काम देखेंगी। ये संस्थाएं एक-दूसरे के काम में दखल नहीं दे सकेंगी। ये होंगे बड़े बदलाव खत्म होगा यूनिवर्सिटी से मान्यता का सिस्टम शिक्षा नीति 2020 लागू होने के बाद यूनिवर्सिटी से मान्यता का सिस्टम खत्म हो जाएगा। इसके साथ ही सभी कॉलेज अपना-अपना सिलेबस और करिकुलम खुद ही तय कर सकेंगे। हालांकि, गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए नई गाइडलाइन बनाई जाएंगी। कॉलेज छात्रों को खुद ही डिग्री दे सकेंगे। कॉलोजों को अर्थिक मदद सरकार से मिलती रहेगी। मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्र भी पढ़ सकेंगे आर्ट्स नई नीति के लागू होने के बाद मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्र इतिहास और अर्थशास्त्र जैसे विषय भी पढ़ सकेंगे। यह काॅम्बो सिलेबस होगा जिसे 'लिबरल आर्ट' डिग्री कहा जाएगा। हालांकि, यह अनिवार्य नहीं होगा। खास बात यह है कि अन्य विषयों की पढ़ाई को किसी भी साल ड्रॉप किया जा सकता है। यही नहीं बल्कि यदि मेडिकल या इंजीनियरिंग छात्र लिबरल आर्ट की डिग्री पूरी कर लेते हैं, तो वे इनमें पीएचडी भी कर सकते हैं। स्कूलों की फीस तय करने के लिए बनेगी अथॉरिटी नई शिक्षा नीति में न सिर्फ कॉलेज और युनिवर्सिटी बल्कि स्कूली शिक्षा में भी बदलाव का जिक्र है। स्कूलों में फीस बढ़ाने संबंधी अहम फैसले लेने के लिए राज्य स्तरीय अथॉरिटी बनाई जाएगी। इसके अलावा करिकुलर, को-करिकुलर और एक्स्ट्रा करिकुलर में अंतर नहीं रहेगा और इन तीनों चीजों को मर्ज किया जाएगा। करिकुलर यानी पढ़ाना,को-केरिकुलर यानी प्रोजेक्ट आदि बनाना और एक्स्ट्रा करिकुलर यानी खेलना, संगीत सीखना आदि। ग्रेजुएशन के साथ ही कर सकेंगे बीएड नई शिक्षा नीति के अंतर्गत सामान्य कॉलेज से ही बीएड की डिग्री भी दी जाएगी। अब अलग से बीएड कराने वाले कॉलेजों की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी जिन भी छात्रों को शिक्षक बनना है वह पढ़ाई के साथ-साथ बीएड की डिग्री भी ले पाएंगे। अब से बीएड का कोर्स चार साल का होगा। Read the full article
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abhay121996-blog · 3 years
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कोरोना कंट्रोल के लिए यूपी में संडे कर्फ्यू, रात 8 बजे से 35 घंटे की पाबंदी, जानिए बड़ी बातें Divya Sandesh
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कोरोना कंट्रोल के लिए यूपी में संडे कर्फ्यू, रात 8 बजे से 35 घंटे की पाबंदी, जानिए बड़ी बातें
लखनऊ यूपी में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगाया था। अब सरकार ने संडे कर्फ्यू का फैसला किया है। इस लिहाज से यूपी में 11 घंटे का नाइट कर्फ्यू और रविवार को साप्ताहिक बंदी है। यानी आज रात 8 बजे से लखनऊ, वाराणसी और गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) समेत यूपी के 11 जिलों के लोगों को 35 घंटे के कोरोना कर्फ्यू का सामना करना होगा। आइए जानते हैं संडे कर्फ्यू की बड़ी बातें…
मुख्य सचिव आरके तिवारी की ओर से एक आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि पंचायत चुनावों के लिए आवश्यक अधिकारियों, मतदान अधिकारियों और स्वच्छता कर्मचारियों को कर्फ्यू से छूट दी जाएगी। बता दें कि शुक्रवार को कोरोना ने यूपी में दूसरी लहर में अब तक के सारे रेकॉर्ड तोड़ दिए हैं। शुक्रवार को यूपी में 27,426 कोरोना के मरीज मिले हैं।
राज्य सरकार ने कोरोना की स्थिति को देखते हुए तीन कोविड अस्पताल बनाए जाने की घोषणा की है। लखनऊ के डिफेंस एक्सपो स्थल पर एक हजार बेड के क्षमता का कोविड अस्पताल बनाया जाएगा। वहीं, एक अधिकारी ने कहा कि अन्य 2 शहर के बाहरी इलाके में हज हाउस और गोल्डल ब्लॉसम होटल में बनाया जाएगा। जिनकी 2100 बेड की क्षमता होगी।
इन जिलों में 35 घंटे का कर्फ्यू आज रात से लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, गोरखपुर, झांसी, बरेली, बलिया और अयोध्या में 35 घंटे का कर्फ्यू आज रात 8 बजे से लग जाएगा।
ये हैं मुख्य बातें 1- उत्तर प्रदेश के सभी ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में रविवार को साप्ताहिक बंदी होगी। इस दौरान केवल स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रहेंगी। इसके अलावा कोरोना के संबंध में आवश्यक जागरूकता काम भी किया जाएगा।
2- पूरे प्रदेश के सभी सरकारी अस��पतालों में ओपीडी सेवाएं (बाह्य रोगी विभाग) स्थगित रहेंगी। यहां सिर्फ आपातकालीन सेवाएं यानी इमरजेंसी ही चालू रहेगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों का आयोजन 15 मई तक ना कराया जाए।
3-प्रदेश में हर किसी के लिए मास्क लगाना अनिवार्य है। पहली बार बगैर मास्क के पकड़े जाने पर 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाए। अगर कोई दूसरी बार बिना मास्क के पकड़ा जाता है तो 10 गुना ज्यादा जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
4- लखनऊ में 1000 बेड का नया कोविड हॉस्पिटल बनेगा। डिफेंस एक्सपो आयोजन स्थल को इसके लिए चुना जा सकता है। इसके साथ ही कोरोना टेस्ट के लिए सरकारी और निजी लैब्स में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। टेस्टिंग के लिए सरकार ने पहले ही फीस तय कर दी है। सभी जिलों में प्रशासन इसे सख्ती से लागू कराए।
5- केजीएमयू, बलरामपुर चिकित्सालय और कैंसर इंस्टिट्यूट को डेडीकेटेड कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है। इसी तरह एरा मेडिकल कॉलेज, टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज, इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज, मेयो मेडिकल कॉलेज और हिन्द मेडिकल कॉलेज भी डेडीकेटेड कोविड अस्पताल घोषित किए गए हैं।
6- होम आइसोलेशन वाले मरीजों का खास ध्यान रखा जाए। सभी तरह की दवाइयां और मेडिकल किट उन्हें मुहैया कराई जाए। किट में कम से कम एक हफ्ते की दवा होनी चाहिए।
7- इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर में रोज डीएम, एसपी और सीएमओ बैठक करें। हालात के मुताबिक आगे की रणनीति तय की जाए। सीएम हेल्पलाइन 1076 के जरिए मरीजों से लगातार संवाद होना चाहिए।
8- सभी जिलों के कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई रुकनी नहीं चाहिए। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए स्थापित कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे सक्रिय रहे। ऑक्सीजन की उपलब्धता की रोजना समीक्षा की जाए। एम्बुलेंस सेवाओं के संचालन में भी ढिलाई नहीं होनी चाहिए।
9- खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग रेमडेसिविर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करे। इसकी निगरानी चीफ सेक्रेटरी के कार्यालय से होनी चाहिए। अगले एक महीने के हालात का विश्लेषण करते हुए एक्सट्रा रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदा जाए।
10- 108 की आधी एम्बुलेंस सिर्फ कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखी जाए। इस काम में कतई देरी नहीं होनी चाहिए। होम आइसोलेशन के मरीजों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम कम से कम हो। इसके साथ ही ऑक्सीजन और दूसरी मेडिकल सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
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