14 मार्च 2024, लखनऊ | एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ के आशा क्लब व हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के उपलक्ष्य में "आराध्या" कार्यक्रम का आयोजन एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस, मल्हौर में हुआ | "आराध्या" कार्यक्रम के अंतर्गत महिला सम्मान, पैनल चर्चा, आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई | आराध्या कार्यक्रम का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण, अधिकारों तथा महिला के जीवन मे आने वाली चुनौतियों को उजागर करना था | मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती बी. चंद्रकला (आई.ए.एस), सचिव, महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही | कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं गणेश वंदना से हुआ | मुख्य अतिथि, वूमेन अचीवर अवार्ड से सम्मानित समस्त महिला विभूतियों, पैनल चर्चा के विद्वान वक्तागण, महिला सम्मान चयन समिति के सदस्य, एमिटी यूनिवर्सिटी के उप कुलपति, डीन, स्वयंसेवकों आदि को प्रतीक चिन्न और प्रमाण पत्र प्रदान करके सम्मानित किया गया |
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती बी. चन्द्रकला ने कहा कि, “मैं आराध्या कार्यक्रम से बहुत प्रभावित हूं और मुझे जो सम्मान मिला है उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं | मैं डॉ रूपल अग्रवाल को अपनी बहन समान मानते हुए अपना आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने ��ुझे इस कार्यक्रम में आमंत्रित कर सहभागिता का अवसर दिया | आज हमारे बीच समाज के विभिन्न क्षेत्रों से महिला सशक्तिकरण की अभूतपूर्व मिसाल सशक्त महिलाएं उपस्थित है, जिन्होंने अपनी मेहनत और अथक प्रयासों से समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है | आज उन सबको सम्मानित करना हम सबके लिए अत्यंत गर्व की बात है और मैं महिला सशक्तिकरण को समर्पित कार्यक्रम आराध्या का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूँ | आज महिलाएं समाज में डबल रोल निभा रही है तथा घर के साथ-साथ अपने कार्य स्थल पर भी कामयाबी का परचम लहरा रही है | मैं आप सभी को हार्दिक बधाई देती हूँ तथा आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करती हूँ |”
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने मुख्य अतिथि श्रीमती बी. चंद्रकला जी को हार्दिक धन्यवाद देते हुए कहा कि “मैं हमारी मुख्य अतिथि श्रीमती बी. चन्द्रकला दीदी की हार्दिक आभारी हूँ कि उन्होंने अपने व्यस्त कार्यक्रम एवं बैठकों के बीच भी हमारे लिए समय निकाला और अपनी उपस्थिति से हम सभी का मनोबल बढ़ाया | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट निरंतर महिला सशक्तिकरण हेतु कार्य कर रहा है जिसमें ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर नुक्कड़ नाटकों, रैली, परिचर्चा, सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है | समाज के गरीब तबके की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु ट्रस्ट द्वारा विगत 2 वर्षों से निरंतर सिलाई कौशल प्रशिक्षण कार्यशाला, पाक कला प्रशिक्षण कार्यशाला, आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिनसे लाभान्वित होकर महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है तथा वे आत्मनिर्भर बनी हैं | भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि “जब महिलाएं समृद्ध होती हैं, तो दुनिया समृद्ध होती है ।“ समाज को एक साथ लाने और उसे आगे बढ़ाने के लिए, हमें महिलाओं को अधिक से अधिक शिक्षा, करियर और नेतृत्व के अवसर प्रदान करने चाहिए । आज के पैनल चर्चा का जो परिणाम निकलेगा उस पर हम हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से परम आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तथा परम आदरणीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को उचित कार्यवाही करने के लिए अवगत करवाएँगे | यहाँ उपस्थित सभी नारी शक्ति से तथा जहां तक मेरी बात पहुंचे मैं आपको गारंटी देती हूँ कि जीवन मे कभी निराश मत होना चाहे कुछ भी हो जाए, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा आपके साथ है | कभी भी कोई भी समस्या हो, एक बार बात कर लीजिएगा, हम मिलकर समाधान अवश्य निकाल लेंगे |
आराध्या कार्यक्रम में 30 सशक्त महिलाओं को उनके उत्कृष्ट और प्रेरणादायक कार्यों हेतु सम्मानित किया गया जिनमे डॉ. दया दीक्षित, श्रीमती दिव्या रावत, श्रीमती अंजली ताज, डॉ. ज्योत्सना सिंह, डॉ. ज्ञानवती दीक्षित, डॉ. रिंकी रविकांत, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव, श्रीमती नीमा पंत, डॉ. प्रभा श्रीवास्तव, श्रीमती रजनी गुप्ता, श्रीमती गुंजन वर्मा, श्रीमती लता कादम्बरी गोयल, श्रीमती नीलिमा कपूर, श्रीमती रोली शंकर श्रीवास्तव, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव (पत्रकार), श्रीमती त्रिप्ती कौर पाहवा, श्रीमती पल्लवी आशीष, श्रीमती रचना मिश्रा, श्रीमती राज स्मृति, श्रीमती वैष्णवी अवस्थी, सुश्री पंखुड़ी गिडवानी, सुश्री मिथिका द्विवेदी, डॉ. (श्रीमती) अनिता भटनागर जैन (IAS), प्रोफेसर (डॉ.) निधि बाला, डॉ. रंजना बाजपेई, श्रीमती संध्या सिंह, डॉ. अंकिता सिंह, डॉ. राधा बिष्ट और डॉ. स्मिता रस्तोगी शामिल है |
वूमेन अचीवर अवार्ड 2024 की चयन समिति सदस्य डॉ. सत्या सिंह, श्री विनय त्रिपाठी, श्री ए.के. जयसवाल, डॉ. प्राची श्रीवास्तव और डॉ. नेहा माथुर को भी प्रतीक चिन्ह एवं आभार पत्र से सम्मानित किया गया |
कार्यक्रम के अंतर्गत पैनल परिचर्चा का भी आयोजन किया गया जिसका विषय "Empowering Women: Breaking Barriers, Creating Opportunities" था | परिचर्चा में विंग कमांडर, डॉ. अनिल कुमार तिवारी, डॉ मनुका खन्ना, श्रीमती अनीता अग्रवाल, डॉ पियाली भट्टाचार्य, सी. ए. प्रियंका गर्ग, श्री प्रत्यूश श्रीवास्तव, सुश्री पंखुडी गिडवानी, डॉ रूपल अग्रवाल एवं प्रो. मंजू अग्रवाल (DSW) ने भाग लिया | परिचर्चा में सभी ने अपने विचारों को व्यक्त किया जिसका सारांश था कि लैंगिक समानता की पहल माता-पिता को करनी होगी, महिलाओं को अपने अधिकार जानने होंगे और उन्हे मनवाने के लिए प्रयास करने होंगे, सशक्त महिलाओं को अन्य शोषित एवं वंचित महिलाओं को भी आगे बढ़ाना होगा तथा अपने कौशल में निरंतर वृद्धि करनी होगी तथा स्वस्थ रहने के साथ साथ जीवन को संतुलित भी करना होगा |
एमिटी यूनिवर्सिटी के Dy. Pro. VC, विंग कमांडर डॉ. अनिल कुमार तिवारी ने मुख्य अतिथि का अभिनंदन करते हुए कहा कि, “यदि महिलाओं को उनके 50 फीसदी अधिकार भी मिले होते तो आज यह संसार कहीं अत्यधिक शांतिपूर्ण, सुंदर और प्रसन्नतापूर्ण होता | इस अवसर पर डॉ तिवारी ने लैगिक समानता और महिला सशक्तिकरण हेतु आयोजित इस कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों से विशेष उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं का सम्मान करके स्वयं गर्व की अनुभूति कर रहा हूँ | उन्होंने कहा कि आज की महिलाएं अपने घर की जिम्मेदारी निभाते हुए भी अलग-अलग क्षेत्रों में कामयाबी की बुलंदी छू रही हैं भले ही उन्हें इसके लिए कोई विशेष सहयोग न भी मिला हो, वह आज सफल बन रही हैं | ऐसी महिलाओं का सम्मान करना खुद का सम्मान हैं |”
कार्यक्रम में 6 मेधावी छात्रों को Young Achiever's Award से पुरस्कृत किया गया जिसमें कार्तिक दुबे, संजना मिश्रा, श्रुति माथुर, अनम वकार , प्रेक्षी गर्ग तथा वेयाज नकवी शामिल है |
कार्यक्रम मे आशा क्लब, एमिटी विश्वविद्यालय, लखनऊ कैम्पस के न्यूज़ लेटर का विमोचन भी किया गया । महिला सशक्तिकरण से प्रभावित नाट्य मंचन व गायन प्रस्तुत किया गया । डॉ रूपल अग्रवाल एवं डॉ प्राची श्रीवास्तव द्वारा इस कार्यक्रम की रूपरेखा का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया । आशा क्लब के सलाहकारों एवं मुख्य कार्यकर्ताओं को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा सम्मानित किया गया । डॉ प्राची श्रीवास्तव ने कार्यक्रम के अंत में सभी का धन्यवाद किया व सभी ने राष्ट्रगान गाकर कार्यक्रम का समापन किया |
कार्यक्रम की अगली श्रृंखला में आत्मरक्षा के प्रशिक्षण हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें एमिटी यूनिवर्सिटी की 81 छात्राओं ने भाग लिया |
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती बी चंद्रकला (IAS), विंग कमांडर डॉ॰ अनिल कुमार तिवारी, Dy. Pro. VC, एमिटी यूनिवर्सिटी, प्रो॰ (डॉ) मंजू अग्रवाल, अध्यक्ष, (छात्र कल्याण) एमिटी यूनिवर्सिटी, प्रो॰ डॉ॰ राजेश कुमार तिवारी, अध्यक्ष, (Academics), एमिटी यूनिवर्सिटी, डॉ॰ प्राची श्रीवास्तव, एसोशिएट प्रोफेसर, Bioinformatics, एमिटी यूनिवर्सिटी तथा डॉ॰ रुपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ विशिष्ट महिलाओं, सम्मानित वक्ताओं, महिला सम्मान चयन समिति के सदस्यगण, शिक्षकों, आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रशिक्षक, आशा क्लब तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयं-सेवकों और छात्र-छात्राओं की गरिमामयी उपस्थिति रही |
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 : आराध्या | श्रीमती बी. चंद्रकला, सचिव, महिला कल्याण विभाग, उo प्रo
14 मार्च 2024, लखनऊ | एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ के आशा क्लब व हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के उपलक्ष्य में "आराध्या" कार्यक्रम का आयोजन एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस, मल्हौर मे हुआ | "आराध्या" कार्यक्रम के अंतर्गत महिला सम्मान, पैनल चर्चा, आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई | आराध्या कार्यक्रम का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण, अधिकारों तथा महिला के जीवन मे आने वाली चुनौतियों को उजागर करना था | मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती बी. चंद्रकला (आई.ए.एस), सचिव, महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही | कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं गणेश वंदना से हुआ | मुख्य अतिथि, वूमेन अचीवर अवार्ड से सम्मानित समस्त महिला विभूतियों, पैनल चर्चा के विद्वान वक्तागण, महिला सम्मान चयन समिति के सदस्य, एमिटी यूनिवर्सिटी के उप कुलपति, डीन, स्वयंसेवकों आदि को प्रतीक चिन्न और प्रमाण पत्र प्रदान करके सम्मानित किया गया |
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती बी. चन्द्रकला ने कहा कि, “मैं आराध्या कार्यक्रम से बहुत प्रभावित हूं और मुझे जो सम्मान मिला है उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं | मैं डॉ रूपल अग्रवाल को अपनी बहन समान मानते हुए अपना आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मुझे इस कार्यक्रम मे आमंत्रित कर सहभागिता का अवसर दिया | आज हमारे बीच समाज के विभिन्न क्षेत्रों से महिला सशक्तिकरण की अभूतपूर्व मिसाल सशक्त महिलाएं उपस्थित है, जिन्होंने अपनी मेहनत और अथक प्रयासों से समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है | आज उन सबको सम्मानित करना हम सबके लिए अत्यंत गर्व की बात है और मैं महिला सशक्तिकरण को समर्पित कार्यक्रम आराध्या का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूँ | आज महिलाएं समाज में डबल रोल निभा रही है तथा घर के साथ-साथ अपने कार्य स्थल पर भी कामयाबी का परचम लहरा रही है | मैं आप सभी को हार्दिक बधाई देती हूँ तथा आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करती हूँ |”
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु समय-समय पर नुक्कड़ नाटकों, रैली, परिचर्चा, सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है |" यहाँ उपस्थित सभी नारी शक्ति से तथा जहां तक मेरी बात पहुंचे मैं आपको गारंटी देती हूँ कि जीवन मे कभी निराश मत होना चाहे कुछ भी हो जाए, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा आपके साथ है | कभी भी कोई भी समस्या हो, एक बार बात कर लीजिएगा, हम मिलकर समाधान अवश्य निकाल लेंगे |
आराध्या कार्यक्रम में 30 सशक्त महिलाओं को उनके उत्कृष्ट और प्रेरणादायक कार्यों हेतु सम्मानित किया गया जिनमे डॉ. दया दीक्षित, श्रीमती दिव्या रावत, श्रीमती अंजली ताज, डॉ. ज्योत्सना सिंह, डॉ. ज्ञानवती दीक्षित, डॉ. रिंकी रविकांत, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव, श्रीमती नीमा पंत, डॉ. प्रभा श्रीवास्तव, श्रीमती रजनी गुप्ता, श्रीमती गुंजन वर्मा, श्रीमती लता कादम्बरी गोयल, श्रीमती नीलिमा कपूर, श्रीमती रोली शंकर श्रीवास्तव, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव (पत्रकार), श्रीमती त्रिप्ती कौर पाहवा, श्रीमती पल्लवी आशीष, श्रीमती रचना मिश्रा, श्रीमती राज स्मृति, श्रीमती वैष्णवी अवस्थी, सुश्री पंखुड़ी गिडवानी, सुश्री मिथिका द्विवेदी, डॉ. (श्रीमती) अनिता भटनागर जैन (IAS), प्रोफेसर (डॉ.) निधि बाला, डॉ. रंजना बाजपेई, श्रीमती संध्या सिंह, डॉ. अंकिता सिंह, डॉ. राधा बिष्ट और डॉ. स्मिता रस्तोगी शामिल है |
कार्यक्रम के अंतर्गत पैनल परिचर्चा विषयक "Empowering Women: Breaking Barriers, Creating Opportunities" में डॉ. अनिल कुमार तिवारी, डॉ मनुका खन्ना, श्रीमती अनीता अग्रवाल, डॉ पियाली भट्टाचार्य, सी. ए. प्रियंका गर्ग, श्री प्रत्यूश श्रीवास्तव, सुश्री पंखुड़ी गिडवानी, डॉ रूपल अग्रवाल एवं प्रो. मंजू अग्रवाल ने भाग लिया | परिचर्चा में सभी ने अपने विचारों को व्यक्त किया जिसका सारांश था कि लैंगिक समानता की पहल माता-पिता को करनी होगी, महिलाओं को अपने अधिकार जानने होंगे और उन्हे मनवाने के लिए प्रयास करने होंगे, सशक्त महिलाओं को अन्य शोषित एवं वंचित महिलाओं को भी आगे बढ़ाना होगा तथा अपने कौशल में निरंतर वृद्धि करनी होगी तथा ��्वस्थ रहने के साथ साथ जीवन को संतुलित भी करना होगा |
कार्यक्रम में 6 मेधावी छात्रों को Young Achiever's Award से पुरस्कृत किया गया जिसमें कार्तिक दुबे, संजना मिश्रा, श्रुति माथुर, अनम वकार , प्रेक्षी गर्ग तथा वेयाज नकवी शामिल है |
वूमेन अचीवर अवार्ड 2024 की चयन समिति सदस्य डॉ. सत्या सिंह, श्री विनय त्रिपाठी, श्री ए.के. जयसवाल, डॉ. प्राची श्रीवास्तव और डॉ. नेहा माथुर को भी प्रतीक चिन्ह एवं आभार पत्र से सम्मानित किया गया |
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 : आराध्या | श्रीमती बी. चंद्रकला, सचिव, महिला कल्याण विभाग, उo प्रo
14 मार्च 2024, लखनऊ | एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ के आशा क्लब व हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के उपलक्ष्य में "आराध्या" कार्यक्रम का आयोजन एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस, मल्हौर मे हुआ | "आराध्या" कार्यक्रम के अंतर्गत महिला सम्मान, पैनल चर्चा, आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई | आराध्या कार्यक्रम का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण, अधिकारों तथा महिला के जीवन मे आने वाली चुनौतियों को उजागर करना था | मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती बी. चंद्रकला (आई.ए.एस), सचिव, महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही | कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं गणेश वंदना से हुआ | मुख्य अतिथि, वूमेन अचीवर अवार्ड से सम्मानित समस्त महिला विभूतियों, पैनल चर्चा के विद्वान वक्तागण, महिला सम्मान चयन समिति के सदस्य, एमिटी यूनिवर्सिटी के उप कुलपति, डीन, स्वयंसेवकों आदि को प्रतीक चिन्न और प्रमाण पत्र प्रदान करके सम्मानित किया गया |
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती बी. चन्द्रकला ने कहा कि, “मैं आराध्या कार्यक्रम से बहुत प्रभावित हूं और मुझे जो सम्मान मिला है उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं | मैं डॉ रूपल अग्रवाल को अपनी बहन समान मानते हुए अपना आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मुझे इस कार्यक्रम मे आमंत्रित कर सहभागिता का अवसर दिया | आज हमारे बीच समाज के विभिन्न क्षेत्रों से महिला सशक्तिकरण की अभूतपूर्व मिसाल सशक्त महिलाएं उपस्थित है, जिन्होंने अपनी मेहनत और अथक प्रयासों से समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है | आज उन सबको सम्मानित करना हम सबके लिए अत्यंत गर्व की बात है और मैं महिला सशक्तिकरण को समर्पित कार्यक्रम आराध्या का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूँ | आज महिलाएं समाज में डबल रोल निभा रही है तथा घर के साथ-साथ अपने कार्य स्थल पर भी कामयाबी का परचम लहरा रही है | मैं आप सभी को हार्दिक बधाई देती हूँ तथा आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करती हूँ |”
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु समय-समय पर नुक्कड़ नाटकों, रैली, परिचर्चा, सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है |" यहाँ उपस्थित सभी नारी शक्ति से तथा जहां तक मेरी बात पहुंचे मैं आपको गारंटी देती हूँ कि जीवन मे कभी निराश मत होना चाहे कुछ भी हो जाए, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा आपके साथ है | कभी भी कोई भी समस्या हो, एक बार बात कर लीजिएगा, हम मिलकर समाधान अवश्य निकाल लेंगे |
आराध्या कार्यक्रम में 30 सशक्त महिलाओं को उनके उत्कृष्ट और प्रेरणादायक कार्यों हेतु सम्मानित किया गया जिनमे डॉ. दया दीक्षित, श्रीमती दिव्या रावत, श्रीमती अंजली ताज, डॉ. ज्योत्सना सिंह, डॉ. ज्ञानवती दीक्षित, डॉ. रिंकी रविकांत, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव, श्रीमती नीमा पंत, डॉ. प्रभा श्रीवास्तव, श्रीमती रजनी गुप्ता, श्रीमती गुंजन वर्मा, श्रीमती लता कादम्बरी गोयल, श्रीमती नीलिमा कपूर, श्रीमती रोली शंकर श्रीवास्तव, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव (पत्रकार), श्रीमती त्रिप्ती कौर पाहवा, श्रीमती पल्लवी आशीष, श्रीमती रचना मिश्रा, श्रीमती राज स्मृति, श्रीमती वैष्णवी अवस्थी, सुश्री पंखुड़ी गिडवानी, सुश्री मिथिका द्विवेदी, डॉ. (श्रीमती) अनिता भटनागर जैन (IAS), प्रोफेसर (डॉ.) निधि बाला, डॉ. रंजना बाजपेई, श्रीमती संध्या सिंह, डॉ. अंकिता सिंह, डॉ. राधा बिष्ट और डॉ. स्मिता रस्तोगी शामिल है |
कार्यक्रम के अंतर्गत पैनल परिचर्चा विषयक "Empowering Women: Breaking Barriers, Creating Opportunities" में डॉ. अनिल कुमार तिवारी, डॉ मनुका खन्ना, श्रीमती अनीता अग्रवाल, डॉ पियाली भट्टाचार्य, सी. ए. प्रियंका गर्ग, श्री प्रत्यूश श्रीवास्तव, सुश्री पंखुड़ी गिडवानी, डॉ रूपल अग्रवाल एवं प्रो. मंजू अग्रवाल ने भाग लिया | परिचर्चा में सभी ने अपने विचारों को व्यक्त किया जिसका सा���ांश था कि लैंगिक समानता की पहल माता-पिता को करनी होगी, महिलाओं को अपने अधिकार जानने होंगे और उन्हे मनवाने के लिए प्रयास करने होंगे, सशक्त महिलाओं को अन्य शोषित एवं वंचित महिलाओं को भी आगे बढ़ाना होगा तथा अपने कौशल में निरंतर वृद्धि करनी होगी तथा स्वस्थ रहने के साथ साथ जीवन को संतुलित भी करना होगा |
कार्यक्रम में 6 मेधावी छात्रों को Young Achiever's Award से पुरस्कृत किया गया जिसमें कार्तिक दुबे, संजना मिश्रा, श्रुति माथुर, अनम वकार , प्रेक्षी गर्ग तथा वेयाज नकवी शामिल है |
वूमेन अचीवर अवार्ड 2024 की चयन समिति सदस्य डॉ. सत्या सिंह, श्री विनय त्रिपाठी, श्री ए.के. जयसवाल, डॉ. प्राची श्रीवास्तव और डॉ. नेहा माथुर को भी प्रतीक चिन्ह एवं आभार पत्र से सम्मानित किया गया |
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 : आराध्या | श्रीमती बी. चंद्रकला, सचिव, महिला कल्याण विभाग, उo प्रo
14 मार्च 2024, लखनऊ | एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ के आशा क्लब व हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के उपलक्ष्य में "आराध्या" कार्यक्रम का आयोजन एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस, मल्हौर मे हुआ | "आराध्या" कार्यक्रम के अंतर्गत महिला सम्मान, पैनल चर्चा, आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई | आराध्या कार्यक्रम का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण, अधिकारों तथा महिला के जीवन मे आने वाली चुनौतियों को उजागर करना था | मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती बी. चंद्रकला (आई.ए.एस), सचिव, महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही | कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं गणेश वंदना से हुआ | मुख्य अतिथि, वूमेन अचीवर अवार्ड से सम्मानित समस्त महिला विभूतियों, पैनल चर्चा के विद्वान वक्तागण, महिला सम्मान चयन समिति के सदस्य, एमिटी यूनिवर्सिटी के उप कुलपति, डीन, स्वयंसेवकों आदि को प्रतीक चिन्न और प्रमाण पत्र प्रदान करके सम्मानित किया गया |
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती बी. चन्द्रकला ने कहा कि, “मैं आराध्या कार्यक्रम से बहुत प्रभावित हूं और मुझे जो सम्मान मिला है उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं | मैं डॉ रूपल अग्रवाल को अपनी बहन समान मानते हुए अपना आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मुझे इस कार्यक्रम मे आमंत्रित कर सहभागिता का अवसर दिया | आज हमारे बीच समाज के विभिन्न क्षेत्रों से महिला सशक्तिकरण की अभूतपूर्व मिसाल सशक्त महिलाएं उपस्थित है, जिन्होंने अपनी मेहनत और अथक प्रयासों से समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है | आज उन सबको सम्मानित करना हम सबके लिए अत्यंत गर्व की बात है और मैं महिला सशक्तिकरण को समर्पित कार्यक्रम आराध्या का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूँ | आज महिलाएं समाज में डबल रोल निभा रही है तथा घर के साथ-साथ अपने कार्य स्थल पर भी कामयाबी का परचम लहरा रही है | मैं आप सभी को हार्दिक बधाई देती हूँ तथा आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करती हूँ |”
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु समय-समय पर नुक्कड़ नाटकों, रैली, परिचर्चा, सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है |" यहाँ उपस्थित सभी नारी शक्ति से तथा जहां तक मेरी बात पहुंचे मैं आपको गारंटी देती हूँ कि जीवन मे कभी निराश मत होना चाहे कुछ भी हो जाए, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा आपके साथ है | कभी भी कोई भी समस्या हो, एक बार बात कर लीजिएगा, हम मिलकर समाधान अवश्य निकाल लेंगे |
आराध्या कार्यक्रम में 30 सशक्त महिलाओं को उनके उत्कृष्ट और प्रेरणादायक कार्यों हेतु सम्मानित किया गया जिनमे डॉ. दया दीक्षित, श्रीमती दिव्या रावत, श्रीमती अंजली ताज, डॉ. ज्योत्सना सिंह, डॉ. ज्ञानवती दीक्षित, डॉ. रिंकी रविकांत, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव, श्रीमती नीमा पंत, डॉ. प्रभा श्रीवास्तव, श्रीमती रजनी गुप्ता, श्रीमती गुंजन वर्मा, श्रीमती लता कादम्बरी गोयल, श्रीमती नीलिमा कपूर, श्रीमती रोली शंकर श्रीवास्तव, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव (पत्रकार), श्रीमती त्रिप्ती कौर पाहवा, श्रीमती पल्लवी आशीष, श्रीमती रचना मिश्रा, श्रीमती राज स्मृति, श्रीमती वैष्णवी अवस्थी, सुश्री पंखुड़ी गिडवानी, सुश्री मिथिका द्विवेदी, डॉ. (श्रीमती) अनिता भटनागर जैन (IAS), प्रोफेसर (डॉ.) निधि बाला, डॉ. रंजना बाजपेई, श्रीमती संध्या सिंह, डॉ. अंकिता सिंह, डॉ. राधा बिष्ट और डॉ. स्मिता रस्तोगी शामिल है |
कार्यक्रम के अंतर्गत पैनल परिचर्चा विषयक "Empowering Women: Breaking Barriers, Creating Opportunities" में डॉ. अनिल कुमार त��वारी, डॉ मनुका खन्ना, श्रीमती अनीता अग्रवाल, डॉ पियाली भट्टाचार्य, सी. ए. प्रियंका गर्ग, श्री प्रत्यूश श्रीवास्तव, सुश्री पंखुड़ी गिडवानी, डॉ रूपल अग्रवाल एवं प्रो. मंजू अग्रवाल ने भाग लिया | परिचर्चा में सभी ने अपने विचारों को व्यक्त किया जिसका सारांश था कि लैंगिक समानता की पहल माता-पिता को करनी होगी, महिलाओं को अपने अधिकार जानने होंगे और उन्हे मनवाने के लिए प्रयास करने होंगे, सशक्त महिलाओं को अन्य शोषित एवं वंचित महिलाओं को भी आगे बढ़ाना होगा तथा अपने कौशल में निरंतर वृद्धि करनी होगी तथा स्वस्थ रहने के साथ साथ जीवन को संतुलित भी करना होगा |
कार्यक्रम में 6 मेधावी छात्रों को Young Achiever's Award से पुरस्कृत किया गया जिसमें कार्तिक दुबे, संजना मिश्रा, श्रुति माथुर, अनम वकार , प्रेक्षी गर्ग तथा वेयाज नकवी शामिल है |
वूमेन अचीवर अवार्ड 2024 की चयन समिति सदस्य डॉ. सत्या सिंह, श्री विनय त्रिपाठी, श्री ए.के. जयसवाल, डॉ. प्राची श्रीवास्तव और डॉ. नेहा माथुर को भी प्रतीक चिन्ह एवं आभार पत्र से सम्मानित किया गया |
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 : आराध्या | श्रीमती बी. चंद्रकला, सचिव, महिला कल्याण विभाग, उo प्रo
14 मार्च 2024, लखनऊ | एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ के आशा क्लब व हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के उपलक्ष्य में "आराध्या" कार्यक्रम का आयोजन एमिटी यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस, मल्हौर मे हुआ | "आराध्या" कार्यक्रम के अंतर्गत महिला सम्मान, पैनल चर्चा, आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई | आराध्या कार्यक्रम का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण, अधिकारों तथा महिला के जीवन मे आने वाली चुनौतियों को उजागर करना था | मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती बी. चंद्रकला (आई.ए.एस), सचिव, महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार की गरिमापूर्ण उपस्थिति रही | कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं गणेश वंदना से हुआ | मुख्य अतिथि, वूमेन अचीवर अवार्ड से सम्मानित समस्त महिला विभूतियों, पैनल चर्चा के विद्वान वक्तागण, महिला सम्मान चयन समिति के सदस्य, एमिटी यूनिवर्सिटी के उप कुलपति, डीन, स्वयंसेवकों आदि को प्रतीक चिन्न और प्रमाण पत्र प्रदान करके सम्मानित किया गया |
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्रीमती बी. चन्द्रकला ने कहा कि, “मैं आराध्या कार्यक्रम से बहुत प्रभावित हूं और मुझे जो सम्मान मिला है उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं | मैं डॉ रूपल अग्रवाल को अपनी बहन समान मानते हुए अपना आभार व्यक्त करती हूं जिन्होंने मुझे इस कार्यक्रम मे आमंत्रित कर सहभागिता का अवसर दिया | आज हमारे बीच समाज के विभिन्न क्षेत्रों से महिला सशक्तिकरण की अभूतपूर्व मिसाल सशक्त महिलाएं उपस्थित है, जिन्होंने अपनी मेहनत और अथक प्रयासों से समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है | आज उन सबको सम्मानित करना हम सबके लिए अत्यंत गर्व की बात है और मैं महिला सशक्तिकरण को समर्पित कार्यक्रम आराध्या का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूँ | आज महिलाएं समाज में डबल रोल निभा रही है तथा घर के साथ-साथ अपने कार्य स्थल पर भी कामयाबी का परचम लहरा रही है | मैं आप सभी को हार्दिक बधाई देती हूँ तथा आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करती हूँ |”
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल ने कहा कि, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु समय-समय पर नुक्कड़ नाटकों, रैली, परिचर्चा, सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है |" यहाँ उपस्थित सभी नारी शक्ति से तथा जहां तक मेरी बात पहुंचे मैं आपको गारंटी देती हूँ कि जीवन मे कभी निराश मत होना चाहे कुछ भी हो जाए, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट हमेशा आपके साथ है | कभी भी कोई भी समस्या हो, एक बार बात कर लीजिएगा, हम मिलकर समाधान अवश्य निकाल लेंगे |
आराध्या कार्यक्रम में 30 सशक्त महिलाओं को उनके उत्कृष्ट और प्रेरणादायक कार्यों हेतु सम्मानित किया गया जिनमे डॉ. दया दीक्षित, श्रीमती दिव्या रावत, श्रीमती अंजली ताज, डॉ. ज्योत्सना सिंह, डॉ. ज्ञानवती दीक्षित, डॉ. रिंकी रविकांत, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव, श्रीमती नीमा पंत, डॉ. प्रभा श्रीवास्तव, श्रीमती रजनी गुप्ता, श्रीमती गुंजन वर्मा, श्रीमती लता कादम्बरी गोयल, श्रीमती नीलिमा कपूर, श्रीमती रोली शंकर श्रीवास्तव, श्रीमती मंजू श्रीवास्तव (पत्रकार), श्रीमती त्रिप्ती कौर पाहवा, श्रीमती पल्लवी आशीष, श्रीमती रचना मिश्रा, श्रीमती राज स्मृति, श्रीमती वैष्णवी अवस्थी, सुश्री पंखुड़ी गिडवानी, सुश्री मिथिका द्विवेदी, डॉ. (श्र��मती) अनिता भटनागर जैन (IAS), प्रोफेसर (डॉ.) निधि बाला, डॉ. रंजना बाजपेई, श्रीमती संध्या सिंह, डॉ. अंकिता सिंह, डॉ. राधा बिष्ट और डॉ. स्मिता रस्तोगी शामिल है |
कार्यक्रम के अंतर्गत पैनल परिचर्चा विषयक "Empowering Women: Breaking Barriers, Creating Opportunities" में डॉ. अनिल कुमार तिवारी, डॉ मनुका खन्ना, श्रीमती अनीता अग्रवाल, डॉ पियाली भट्टाचार्य, सी. ए. प्रियंका गर्ग, श्री प्रत्यूश श्रीवास्तव, सुश्री पंखुड़ी गिडवानी, डॉ रूपल अग्रवाल एवं प्रो. मंजू अग्रवाल ने भाग लिया | परिचर्चा में सभी ने अपने विचारों को व्यक्त किया जिसका सारांश था कि लैंगिक समानता की पहल माता-पिता को करनी होगी, महिलाओं को अपने अधिकार जानने होंगे और उन्हे मनवाने के लिए प्रयास करने होंगे, सशक्त महिलाओं को अन्य शोषित एवं वंचित महिलाओं को भी आगे बढ़ाना होगा तथा अपने कौशल में निरंतर वृद्धि करनी होगी तथा स्वस्थ रहने के साथ साथ जीवन को संतुलित भी करना होगा |
कार्यक्रम में 6 मेधावी छात्रों को Young Achiever's Award से पुरस्कृत किया गया जिसमें कार्तिक दुबे, संजना मिश्रा, श्रुति माथुर, अनम वकार , प्रेक्षी गर्ग तथा वेयाज नकवी शामिल है |
वूमेन अचीवर अवार्ड 2024 की चयन समिति सदस्य डॉ. सत्या सिंह, श्री विनय त्रिपाठी, श्री ए.के. जयसवाल, डॉ. प्राची श्रीवास्तव और डॉ. नेहा माथुर को भी प्रतीक चिन्ह एवं आभार पत्र से सम्मानित किया गया |
प्रत्येक महिला बनेंगी आत्मनिर्भर:- वेद प्रकाश पांडे
प्रत्येक महिला बनेंगी आत्मनिर्भर:- वेद प्रकाश पांडे
मथुरा। जनपद स्थित फाइटर एकेडमी ऑफ़ मार्शल आर्ट (फामा अकादेमी) एवं वसुन्धरा ब्लेसिंग फाउंडेशन वृन्दावन के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्कृष्ट महिला सम्मान समारोह एवं महिला आत्मरक्षण शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारी ZRUCC मेंबर, उत्तर रेलवे रीना गुप्ता ने महिलाओ के बढ़ते हुए आत्मविश्वास की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की बात रखी। कार्यक्रम की सहसंयोजक डॉक्टर सुनीता पचार ने उत्कृष्ट महिलाओं को शॉल एवं प्रशस्ति प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया एवं प्रमाण प्राप्त करने वाली महिलाओं के जीवन की प्रेरणादायक कहानियों को उपस्थित जनसमूह के समक्ष प्रस्तुत भी किया। कार्यक्रम का केंद्र बिंदु रहे सौरभ चतुर्वेदी ने महिला सशक्तिकरण को एक मिसाल बताते हुए उपस्थित महिलाओं का मार्गदर्शन किया एवं विभिन्न सरकारी योजनाओं से जुड़कर महिलाएं अपना विकास एवं राष्ट्र का विकास कैसे करें विषय पर प्रकाश डाला। लोक गायिका आभा द्विवेदी एवं स्ट्रेस फ्री म्यूजिक प्रशिक्षिका नम्रता सिंह ने संगीत के माध्यम से महिलाओं के मन को शांत एवं धैर्य को बढ़ाने हेतु प्रेरित किया। मार्शल आर्ट प्रशिक्षक सोनू निषाद एवं वेद प्रकाश पांडे ने महिलाओं को आत्मरक्षा की कला से जोड़ते हुए बेसिक तकनीकी का ज्ञान दिया एवं अवगत कराया की छोटी से छोटी वस्तु का इस्तेमाल करके महिलाएं अपने आप को सुरक्षित रख सकती हैं। सम्मान प्राप्तकर्ता महिलाओ में प्रधानाध्यापिका बबीता भगत, प्रोफेसर चिंतामणि देवी, लवली पटेल, योगा ट्रेनर रिंकू शर्मा, ब्यूटीशियन नेहा राय, सामाजिक कार्यकर्ता महक श्रीवास्तव, मिथलेश सिंह आर्या, सीमा शर्मा, माधवी रानी, संतोष, हेमलता ठाकुर, तनु चौहान, शिक्षिका ��ाक्टर शशि प्रभा कपूर, शारीरिक शिक्षक ज्योति शर्मा, तरु चौधरी, कंचन रानी, शिवानी वर्मा, निकिता, मीनू चौधरी, गीता , संजना शर्मा, श्री राधा कृष्ण पोशाक एवं श्रृंगार शिल्पी फेडरेशन उपाध्यक्ष प्रीति, अध्यक्ष कंचन राजावत, सोशल एक्सपर्ट उत्तर प्रदेश प्रॉ पूअर टूरिज्म सुमन चौधरी, विभा शर्मा, गायिका नम्रता सिंह, कथक नृत्यांगना चांदनी कुमारी, ग्रहणी पूजा पांडेय, एवं कुकिंग एक्सपर्ट सुषमा कुमारी मुख्य रूप से शमिल रही। कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षक वेद प्रकाश पांडे ने बताया कि खेलों के माध्यम से महिलाएं अपना भविष्य उज्जवल कर सकती हैं। खेल प्रशिक्षक के रूप में महिलाएं आज युवाओं का मार्गदर्शन भी कर रही हैं ऐसे में सरकार द्वारा मुख्य रूप से चलाए जा रहे कार्यक्रम जेसे खेलो इंडिया, फिट इंडिया, मिशन शक्ति एवं खेलो इंडिया यूथ गेम के साथ जुड़कर महिलाएं अपना भविष्य निखार सकती है। अभिभावक के रूप में पहुंचे पूर्वांचल समिति के अध्यक्ष बी एस शर्मा न�� बताया की महिलाओं ने आज के समय में अपनी मेहनत के बल पर मंजिल हासिल करना सीख लिया है। रीना गुप्ता के पिता रेलवे सलाहकार डी एल गुप्ता ने बताया की उनकी बेटी ने संघर्ष के पश्चात आज अपना भविष्य निखार लिया है। जिस पर उन्हे गर्व भी है। कार्यक्रम के अंत में अंतर्राष्ट्रीय मैराथन धावक अरुण कुमार सिंह आर्या ने महिलाओ हेतु नृत्य प्रस्तुत कर सभी का प्रसन्न रहने की सलाह दी। कार्यक्रम की जानकारी कार्यक्रम के तकनीकी निदेशक राजीव सोनी ने प्रदान की।
(दिलीप चौकीकर संवाददाता आमला) अंतर्राष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन यात्रा की शुरुआत ग्राम छिपन्या पिपरिया से हुई उसके बाद यात्रा ग्राम नरेरा पहुंची। छिपन्या पिपरिय गांव की महिलाएं व पुरुष…
43 महिलाओं और बच्चियों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित किया - अनुराग्यम्
अनुराग्यम् नई दिल्ली ने 8 मार्च 2023, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 43 महिलाओं और बच्चियों को सुपर टैलेंट गर्ल अवार्ड एवं इंफ्लेन्सेर वोमेन अवार्ड से समानित किया । भारत के अलग अलग राज्यों से अलग अलग वर्ग (सोशल एक्टिविटीज, एजुकेशन, आर्ट एवं संस्कृति, नृत्य, खेल, म्यूजिक एवं म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स) में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने पर सम्मानित किया । यह वो बच्चियां है, महिलाएं है जिन्होंने समाज में अपनी एक पहचान बनाई और समाज के कल्याण में अपने अपने वर्ग में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त किया ।
सुपर टैलेंटेड गर्ल अवार्ड 2023 से सम्मानित बच्चियों के नाम : अनुराधा चौधरी, आरोही पाटिल, सजनी वाराधाराजन, दीक्षा त्यागी, कविति पावनी, दिव्या वसंत अहीर, गौरी बहरे, पूर्वी रजक, कंदरेगुला साईश्रीनिधि, अफशीन बानू शेख, ओशिन आनंद, कनिष्का मोरे, एम जी श्रुति, हिरवा बधेका, देबोलीन बग, अक्षरा पटेरिया ।
श्री सचिन चतुर्वेदी, संस्थापक, अनुराग्यम् इन बच्चियों और महिलाओं के प्रगति के प्रति अपनी भावनाओं को इन अवार्ड्स के ज़रिए इन सब में उत्साह भर कर नव जीवन के कल्याण की शुभकामनाएं देते हैं और भारत की सभी नारियों के समाज के प्रति अपनी प्रतिभा को और आगे ले जाने की मनोकामना करते हैं । अनुराग्यम् परिवार हर पल सभी महिलाओं एवं बच्चियों के हुनर को अपने पटल पर साल भर भारत एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की कोशिशें करता है ताकि भारत की बच्चियां और महिलाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर में अपनी पहचान बना सकें ।
INTERNATIONAL WOMEN'S DAY 2023 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाने के साथ-साथ लैंगिक समानता के लिए चल रहे संघर्ष के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के अधिकारों की ���कालत करने और लैंगिक समानता की दिशा में की गई प्रगति और अभी भी किए जाने वाले कार्यों को प्रतिबिंबित करने का अवसर प्रदान करता है। 1. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 (IWD) प्रतिवर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है और यह महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का वैश्विक उत्सव है। 2. पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में मनाया गया था, और इसका आयोजन सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमेरिका द्वारा महिलाओं के मताधिकार और श्रम अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। 3. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023: “डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी” विषय के साथ, संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 का आयोजन उन महिलाओं और लड़कियों को सम्मानित और मनाता है जो परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी और डिजिटल के विकास में अग्रणी हैं। शिक्षा। 4. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अफगानिस्तान, रूस और यूक्रेन सहित कई देशों में एक आधिकारिक अवकाश है। 5. संयुक्त राष्ट्र 1975 से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है और लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए एक वार्षिक विषय निर्धारित करता है। 6. महिलाएं दुनिया की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं लेकिन फिर भी शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व सहित कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण असमानताओं का सामना करती हैं। 7. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2021 के अनुसार, ग्लोबल जेंडर गैप को बंद करने में अनुमानित 135.6 साल लगेंगे। 8. महिलाओं के गरीबी में रहने की संभावना प��रुषों की तुलना में अधिक है, और वे दुनिया के 796 मिलियन निरक्षर वयस्कों में से अधिकांश हैं। 9. इन चुनौतियों के बावजूद, हाल के वर्षों में महिलाओं ने उल्लेखनीय प्रगति की है, और पहले से कहीं अधिक महिलाएं नेतृत्व के पदों पर हैं। 10. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने, लैंगिक असमानता के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अधिक लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने का एक अवसर है। #iwd #internationalwomensday #womensday #breakthebias #women #womenempowerment #womensupportingwomen #womeninbusiness #girlpower #march #eachforequal #genderequality #femini (at Kanpur, Uttar Pradesh) https://www.instagram.com/p/CpicFvYyRb_/?igshid=NGJjMDIxMWI=
भारतीय संस्कृति में महिलाओं के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। भारत में महिला को देवी के समान माना जाता है। संस्कृत में एक श्लोक है- ‘यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:। यानि कि जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। आज महिलाओं के प्रति लोगों की सोच में थोड़ा सा बदलाव आया है। लोग अपने घर की बेटियों और बहुओं की शिक्षा के लिए आगे बढ़ा रहे हैं। नारी केवल एक घर की नहीं बल्कि देश की शान होती है। पहले की तुलना में महिलाएं आज ज्यादा सक्षम है। अब महिलाएं अपने अधिकारों का सही इस्तेमाल करना जानती है। आज हर क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियां गिनाई जा सकती है। उनकी इन्हीं उपलब्धियों को और अबला से सबला बनने की सशक्त भावना को सेलिब्रेट करता है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ।
महिलाओं में धूम्रपान और शराब की बढ़ती लत चिंताजनक - डॉ० एस. पी. जैसवार
बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल रहा नशा - डॉ० विराट वर्मा
नशा बन चुका स्टैटस सिम्बल का परिचायक - श्री उमाशंकर दुबे
आइए मिलकर आवाज उठाए, नशा मुक्त भारत के सपने को साकार कर दिखलाये - डॉ० रूपल अग्रवाल
नशा एक धीमा जहर है जो इंसान को धीरे-धीरे अपनी गिरफ्त में लेता है एवं उसकी जिन्दगी खत्म कर देता है | इनके सेवन से ना सिर्फ विभिन्न प्रकार की शारीरिक व्याधियों पैदा होती है अपितु व्यक्ति, परिवार व समाज के विघटन के साथ साथ अपराधिक गतिविधियों में भी इजाफा होता है | आज 26.06.2022 को अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट ने ऑनलाइन गुफ़्तगू विषयक "नशा अर्थात नाश" का आयोजन किया जिसमें समाज के गणमान्य वक्ताओं डॉ० एस. पी. जैसवार, प्रसूतिशास्री, के. जी. एम. यू., डॉ० विराट वर्मा, बाल रोग विशेषज्ञ तथा श्री उमाशंकर दुबे, अध्यक्ष, लखनऊ जनकल्याण समिति ने अपने अपने विचार रखे व लोगों से नशा ना करने की अपील की क्योंकि नशे की लत से ना सिर्फ एक व्यक्ति की जिन्दगी बर्बाद होती है बल्कि उसके पूरे परिवार का भविष्य खतरे में पड़ जाता है | कार्यक्रम का संचालन डॉ रूपल अग्रवाल ने किया |
डॉ० एस. पी. जैसवार ने महिलाओं में बढ़ती हुई नशे की लत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में महिलाओं में भी धूम्रपान का प्रचलन बढ़ रहा है । मादक पदार्थ तथा स्मैक, ब्राउन शुगर, हेरोइन आदि के सेवन से महिलाओं में अवसाद बोध की स्थिति उत्पन्न हो रही है एवं उनके व्यक्तित्व का समग्र विकास बाधित हो रहा है | खासकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं द्वारा बीड़ी व तंबाकू का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है । नशा मुक्ति संस्था के मुताबिक समाज में 20 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं जो धूम्रपान या तंबाकू का प्रयोग करती हैं । इनमें वे महिलाएं भी शामिल हैं जो गर्भावस्था के दौरान भी धूम्रपान करती हैं जिसका प्रभाव उनके होने वाले शिशु पर पड़ता है और वह शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होते हैं या फिर मृत पैदा होते हैं । धूम्रपान से बच्चे सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम (एसआईडीएस) से भी प्रभावित हो सकते हैं, जिसमें शिशु की सास अचानक रूक जाती है और उसकी मौत हो जाती है । अगर कोई सामान्य महिला धूम्रपान या अल्कोहल का सेवन करती है तो उसे लिवर, त्वचा व श्वास संबंधी रोग हो जाते हैं | काउंसलिंग व दवाइयों के द्वारा नशे से मुक्ति पायी जा सकती है |
डॉ० विराट वर्मा ने बच्चों और किशोरों में बढ़ती हुई नशे की लत के बारे में बताते हुए कहा कि बच्चों में 15 से 20 साल के बच्चों में नशे की लत लगना अत्याधिक गंभीर विषय है | उच्च वर्ग के बच्चे कहीं ना कहीं अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए नशे का सेवन कर रहे है वहीँ निम्न वर्ग के बच्चों को भीख मंगवाने या मानव तस्करी के धंधे में धकेलने के लिए नशीले पदार्थों का उपयोग किया जाता है | बच्चों में नशा निश्चय ही बेहद खतरनाक है क्योंकि ये ना सिर्फ उनके शरीर के साथ खेलता है बल्कि उनके मानसिक विकास में भी प्रतिरोध पैदा करता है |
श्री उमाशंकर दुबे ने समाज मे नशे के कारण हो रहे विनाश पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नशा सिर्फ व्यक्ति के शरीर व दिमाग को ही नहीं बल्कि परिवार, समाज और देश को भी दूषित कर देता है | मादक पदार्थों एवं नशीली दवाओं आदि से उत्पन्न नशे की लत से प्राय: महिलाएं सबसे अधिक शारीरिक उत्पीड़न तथा पारिवारिक समस्याओं का शिकार होती हैं | लंबे समय तक नशीले पदार्थों के सेवन से ना सिर्फ शरीर पर बुरा असर पड़ता है बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है | आज सरकार के द्वारा नशा उन्मूलन हेतु अनेक कदम उठाए जा रहे हैं, हर शहर मे नशा उन्मूलन केंद्र खोले जा रहे है लेकिन जब तक नशीले पदार्थों की खेती पर रोक नहीं लगेगी तब तक नशे का नाश करना थोड़ा मुश्किल है |
संयोजक डॉ० रूपल अग्रवाल ने सभी वक्ताओं का हार्दिक आभार व्यक्त किया व कहा कि दम मारो दम, मिट जाए गम'। कई लोग गम मिटाने के लिए ही नशा करते हैं, लेकिन हद तक जाने के बाद जब धुएं में सेहत भी उड़ने लगती है, तो इसे छोड़ने के कई प्रयास करते हैं लेकिन यह नशा छूट नहीं पाता । हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन गुफ़्तगू में मैं बस इतना ही कहना चाहूँगी कि अपने परिवार, समाज और देश के उज्जवल भविष्य हेतु नशे से दूर रहे और एक स्वस्थ एवं सुरक्षित कल का निर्माण करे | आइए मिलकर आवाज उठाए, नशा मुक्त भारत के सपने को साकार कर दिखलाये |
आज रायपुर में है, आज सुबह रायपुर बिलासपुर पैसेंजर से आ गए हैं।
डेढ़ महिने बाद हमें यहां आना था मगर किसी कारणवश नही आ पाए।
अब हम दो से तीन हो गए, एक short video हमारे फैमिली 😊👍
ट्रेन में कुछ महिला मजदूर लूडो खेल रहे थे, उनकी टोली को देखकर ऐसा लग रहा था मानों कोई अंतर्राष्ट्रीय match हो रहा हो.... सभी तन्मयता के साथ सारे मजदूर महिलाएं game खेल रहे थे...wow
खुशी का संबंध दिल से है, धन संपदा का खुशी से कोई लेना देना नही है... खुशी की पिटारा कही भी खुल सकती हैं... आप मस्त होकर अपना लाईफ एंजॉय कीजिए....best of luck 👍 Manhar
ICC ने U19 महिला T20 विश्व कप 2023 के लिए सबसे अधिक महिला मैच अधिकारियों की घोषणा की
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अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने दक्षिण अफ्रीका में आईसीसी अंडर 19 महिला टी20 विश्व कप 2023 के उद्घाटन मैच के अभ्यास मैचों और ग्रुप चरण के लिए 15 मैच अधिकारियों की घोषणा की है। 15 अधिकारियों में से नौ महिलाएं हैं, यह किसी आईसीसी कार्यक्रम के लिए नियुक्त की जाने वाली महिला मैच अधिकारियों की सबसे बड़ी संख्या है।
टूर्नामेंट में बारह अंपायर और तीन मैच रेफरी अंपायरिंग करेंगे, जो दो मेजबान शहरों में चार…
Current Affairs Daily Quiz: 14 December 2022 Current Affairs in Hindi
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14 December 2022 Current Affairs in Hindi, Current Affairs Daily Quiz, Daily Current Affairs in Hindi, Today Current Affairs, Current Affairs GK
Q. ‘अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस 2022’ की थीम क्या है?जलवायु परिवर्तन और पहाड़महिलाएं पहाड़ों को हटाती हैंपहाड़ों की रक्षा करती हैंपहाड़ स्मारक हैंउत्तर: महिलाएं पहाड़ हटाती हैं –…
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर सभी बालिकाओं को शुभकामनाएं। बेटियां अनमोल हैं, सुरक्षित, स्वस्थ और सशक्त बालिका ही सुसंस्कृत समाज का आधार है, उन्हें विकास के सभी अवसर मिलने चाहिए। आइये #InternationalDayOfGirlChild के अवसर पर बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और चहुंमुखी विकास में अपना भरपूर योगदान देने का संकल्प लें।
प्रदेश में बालिकाओं एवं महिलाओं को आगे बढ़ने के समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्धता से काम कर रही है। महिलाओं एवं बालिकाओं के उत्थान के लिए एक से बढ़कर एक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई हैं। हमारा पूरा प्रयास है कि बालिकाएं एवं महिलाएं शिक्षित, स्वस्थ, समर्थ एवं सशक्त बनें एवं देश-प्रदेश का नाम रोशन करें।
आर्थिक कठिनाइयों और सामाजिक कठिनाइयों का सामना करती अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मैत्री भवन में हुआ आयोजन
आर्थिक कठिनाइयों और सामाजिक कठिनाइयों का सामना करती अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मैत्री भवन में हुआ आयोजन
अंतरराष्ट्रीय विधवा महिला दिवस के अवसर पर श्री धाम वृंदावन के परिक्रमा मार्ग स्थित मैत्री भवन आश्रम में विधवा महिलाओं ने विधवा महिला दिवस मनाया।माताओं ने अपने हाथ में नारे लिखी हुई तख्तियां भी पकड़ रखी थी।इस अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस पर मैत्री आश्रम ने संकल्प लिया है कि ,हम इन बुजुर्ग विधवाओं को हर तरह से सहयोग देने की अपने प्रतिबद्धता दोहराएं,
चाहे भले ही उनकी उम्र कुछ भी हो और कहीं भी रहती हो किसी भी कानूनी प्रणाली के दायरे में आती हो।हम उनको हर कानून नियम से अवगत कराएं और उन्हें सुरक्षा प्रदान करें और सुरक्षा दिलाएं।मैत्री आश्रम के संचालक समाज सेवक जनरल भूपेंद्र सिंह एवं बिन्नी सिंह के द्वारा विधवा माताओं की सेवा के लिए यह मैत्री आश्रम का संचालन किया जा रहा है।मैत्री भवन में रहने वाली गायत्री माता ने बताया कि आज पूरे भारत में लगभग 5 करोड़ विधवाएं निवास करती है।जिनमे लगभग 15000 विधवा महिलाएं मथुरा जिले में निवास कर रही हैं। आज भी ज्यादातर विधवा महिलाएं आपको भीख मांगती हुई दिख जाएंगी। सरकार द्वारा विधवा पेंशन, वृद्ध आश्रम, विधवा घर जैसी तमाम योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन पूरी तरह से उनका लाभ इन विधवा महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है। जिसका कारण विभाग में काम करने वाले अधिकारियों की उदासीनता है।आज भी वृंदावन में रहने वाली सभी माताओं को विधवा पेंशन पूरी तरह नहीं बन पाई है।पति के मरने के बाद यह महिलाएं किस तरह अपना जीवन यापन करती हैं गुमनामी के अंधेरों में एक-एक दिन किस तरह से काटती है इसका अनुमान कोई भी नहीं लगा सकता।कार्यक्रम में उपस्थित वृंदावन के नोडल ऑफिसर साजिद बेग ने कहा कि यह माताएं घर परिवार से बहुत ही दूर है इनको प्यार की आवश्यकता है।हमारे द्वारा इनको हर प्रकार की मेडिकल सुविधा प्रदान की जाती है।साथ ही यह भी कोशिश रहती है कि हर हाल में खुश रहें।मैत्री भवन के व्यवस्थापक महेश सिंह ने बताया कि उन्होंने अपना जीवन इन माताओं की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है।वे उनको अपनी माता के रूप में ही सम्मान देते हैं एवं उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश करते हैं।श्री धाम वृंदावन में जनरल भूपेंद्र सिंह एवं बिन्नी सिंह के द्वारा यह मैत्री घर इन विधवा माताओं के लिए स्वर्ग से कम नहीं है।यहां सभी माताएं एक दूसरे पर अपने दुख सुख बांटकर अपने मन को हल्का कर लेती हैं।