Tumgik
#चुनावी हलचल
sns24news · 23 days
Video
youtube
औरंगाबाद बिहार की गलियों में कैसी है चुनावी हलचल - 02
0 notes
navinsamachar · 4 months
Text
उत्तराखंड में भाजपा (BJP) लोक सभा चुनाव में प्रत्याशी चयन में अपना सकती है राजस्थान-मध्य प्रदेश का ‘उल्टा फॉर्मूला’, बढ़ जायेंगी प्रत्याशियों की धड़कनें...
नवीन समाचार, देहरादून, 11 जनवरी 2024। चुनावी वर्ष शुरू हो जाने के बाद लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तराखंड में भी सियासी हलचल बढ़ने लगी है। पार्टी किस उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है, क्या मौजूदा सांसदों पर भरोसा जताया जाएगा या किसी नए नेता को चुनावी मैदान में उतारा जाएगा। भाजपा(BJP)-कांग्रेस दोनों पार्टियों में इसी प्रश्न पर अटकलों का बाजार गर्म है। सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं पर भरोसा किया जाए तो…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
countryinsidenews · 6 months
Text
CIN /देखना होगा कि पांच राज्य में होने वाली चुनाव में जाति गणना सर्वेक्षण का क्या असर होता है
जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना ::विधानसभा आम चुनाव की शुरुआत, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में शुरू हो गया है। नवंबर महीने में होने वाले इस चुनाव में सभी राज्यों के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों तैयार है। ऐसा लगता है कि देश की आजादी के बाद, पहली बार यह चुनावी जंग पूरी तरह लगभग जाति पर केन्द्रित होगी। क्योंकि बिहार सरकार ने जाति गणना सर्वेक्षण कराकर राजनीतिक हलचल तेज कर दिया…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
dainiksamachar · 8 months
Text
मुंबई में I.N.D.I.A. की मीटिंग का संदेश, थोड़ा है, थोड़ी की जरूरत है
मुंबई: 28 विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. की दो दिनों की मीटिंग मुंबई में हुई। इस दौरान सियासत की गतिविधियों का केंद्र मुंबई रहा। वहीं, दूसरी ओर केंद्र दो दिनों में लगातार दो फैसले लेकर उस सियासी हलचल के केंद्र को मुंबई के साथ-साथ दिल्ली भी बनाता दिखा। बैठक को विपक्षी गठबंधन ने पूरी तरह सफल बताया। लेकिन अगर नजदीक से देखें तो संकेत है कि-थोड़ा है थोड़ की जरूरत है: रैलियों-सभााओं को लेकर स्पष्टता मीटिंग में तय हुआ कि अगले कुछ दिनों बाद I.N.D.I.A. गठबंधन की हर महीने रैली होगी। शुरुआत इसी महीने से हो सकती है। रैली कहां होगी और इसमें क्या मुद्दे होंगे इससे भी आगे की राह तय होगी। साल के अंत में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। क्या वहां I.N.D.I.A. एकजुट रैली करेगा? क्योंकि इन राज्यों में कांग्रेस सीधे मुकाबले में है। I.N.D.I.A. गठबंधन दल के ��ेताओं का कहना है कि यह सियासी तालमेल लोकसभा चुनाव के लिए है। क्षेत्रीय राज्यों के चुनाव में अपने सियासी स्पेस को बचाकर रखेंगे। सीट शेयरिंग का मामला मीटिंग के बाद कहा गया कि अब सीट शेयरिंग की बात शुरू होगी। I.N.D.I.A. गठबंधन ने 450 सीटों पर एक कॉमन उम्मीदवार बनाने की महत्काकांक्षी योजना बनाई है। हालांकि, बैठक में भाग लेने वाले एक नेता ने कहा कि अगर वे 375 सीटों पर भी एक उम्मीदवार देने में सफल हो जाते हैं तो इससे बड़ा संदेश जाएगा। लेकिन यह अभी आसान नहीं है। उत्तर प्रदेश की 80, प. बंगाल की 42 और पंजाब-दिल्ली की 20 सीटों को लेकर असली चुनौती है। अगर इन सीटों पर गठबंधन ने रास्ता निकाला लिया तो जरूर सफलता मानी जाएगी। इस पर औपचारिक बात शुरू करने का संकेत दिया है। ऐसे में कुछ दिनों में इस मोर्चे पर स्पष्टता आ जाएगी, नेतृत्व को लेकर भी स्पष्टता लानी होगी। मुंबई मीटिंग में इसे लेकर कोई बात नहीं हुई। कई मुद्दों पर सहमति अभी बाकी है गठबंधन की मीटिंग विपक्ष के लिए मेक या ब्रेक मोमेंट बताई जा रही थी। कुल मिलाकर दो दिनों की मीटिंग में आगे का रोडमैप बताने की जरूर कोशिश हुई। गठबंधन की ओर से अच्छी शुरूआत का दावा किया गया। कई फैसलों का हवाला देकर बताया गया कि गठबंधन सही दिशा में बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी कुछ सवाल बाकी हैं। मसलन, गठबंधन के लिए संयोजक का चुनाव भी होना था। बिहार के सीएम नीतीश कुमार इस पद के लिए सबसे आगे बताए जा रहे थे। लेकिन इस पद की नियुक्ति का ऐलान नहीं हुआ। वहीं, मुद्दों को लेकर संकेत गया कि सहमति बाकी है। सूत्रों के मुताबिक, इसमें ज्यादातर दल जाति जनगणना को भी शामिल करना चाहते थे लेकिन आम सहमति नहीं बनी। अडाणी के मुद्दे पर विपक्ष में एक राय नहीं है कि इसे चुनावी मुद्दा बनाया जाए। कई दल रोजगार-महंगाई पर ही अपना पूरा फोकस रखना चाहते हैं। गठबंधन के 'लोगो' पर भी नहीं बनी सहमति विपक्षी गठबंधन इंडिया की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को मुंबई में संपन्न हो गई। 28 दलों के 63 नेताओं की कई दौर की मैराथन बैठक हुई , लेकिन गठबंधन में संयोजक पद पर सहमति नहीं बन सकी। मुंबई में बैठक से पहले चर्चा थी कि यहां संयोजक का ऐलान होगा और लोगो भी जारी किया जाएगा। लेकिन बैठक के आखिरी दिन कई कमिटियों की घोषणा हुई, लेकिन संयोजक और लोगो की घोषणा नहीं हो सकी।सूत्रों के मुताबिक गठबंधन के नेताओं के बीच संयोजक पद को लेकर कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई। कहा जा रहा है कि किसी विवाद से बचने के लिए संयोजक पद पर नेताओं ने ज्यादा जोर नहीं दिया। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का नाम भी इस पद के लिए चर्चा में रहा। कहा यह भी जा रहा है कि हो सकता है कि गठबंधन में संयोजक का पोस्ट ही न रखा जाए। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में संयोजक की कोई जरूरत नहीं है। ममता की नाराजगी भी रही चर्चा में लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को हराने के लिए बनी I.N.D.I.A. गठबंधन की मुंबई बैठक पर विवादों का भी साया रहा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कांग्रेस से और कांग्रेस की कपिल सिब्बल को लेकर नाराजगी चर्चा में रही। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बात से नाराज हो गईं कि राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में अडाणी का मुद्दा उठा दिया। ममता इतनी नाराज हो गईं कि प्रेस कॉन्फ्रेंस बीच में ही छोड़कर चली गईं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि ममता ने इस बात पर नाराजगी जताई कि जब प्रेस कॉन्फ्रेंस गठबंधन की हो रही थी तो कांग्रेस ने बिना सहमति के अपना अजेंडा क्यों आगे बढ़ाया। वहीं, सूत्रों का कहना है कि गठबंधन की बैठक में पश्चिम बंगाल में चुनाव को लेकर लेफ्ट पार्टियों के साथ कांग्रेस के रुख से भी ममता नाराज हैं। http://dlvr.it/SvWTxM
0 notes
specialcoveragenews · 11 months
Text
भाजपा का चुनावी मिशन, शीर्ष नेताओं की मुलाकात से हलचल बढ़ी! संगठन और सरकार में बदलाव की अटकलों का बाजार गर्म!
http://dlvr.it/SqHWrn
0 notes
marketingstrategy1 · 1 year
Text
Year Ender 2022:bjp मजबूत हुई या कमजोर, विपक्षी दलों का क्या हाल रहा? जानें 2022 के चुनावों की पूरी रिपोर्ट - Year Ender 2022: Bjp Strong Or Weak, What Is Condition Of Opposition Parties? Full Report Of 2022 Elections
Year Ender 2022:bjp मजबूत हुई या कमजोर, विपक्षी दलों का क्या हाल रहा? जानें 2022 के चुनावों की पूरी रिपोर्ट – Year Ender 2022: Bjp Strong Or Weak, What Is Condition Of Opposition Parties? Full Report Of 2022 Elections
साल 2022 के आखिरी हफ्ते चल रहे हैं। इस साल कई बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हुए। देश के सात राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। नए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव हुआ। देश के पांच अलग-अलग लोकसभा और 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। आठ राज्यों में नगर निकाय चुनाव भी हो गए। इन चुनावी नतीजों ने कई दलों को मजबूत बनाया तो कुछ बेहद पीछे हो गए।  आज हम आपको इस साल की बड़ी चुनावी हलचल की जानकारी देंगे। ये…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
biharkhabars · 1 year
Text
गुजरात में हावी नर्मदा का मुद्दा, मेधा पाटकर के साथ राहुल की यात्रा ने बिगाड़े समीकरण?
    पार्टी ने दावा किया कि पीएम की टिप्पणी भाजपा की “ध्यान भटकाने की रणनीति” का हिस्सा थी। मोदी ने रविवार को राजकोट जिले के धोराजी शहर में एक चुनावी रैली में गांधी और पाटकर पर जमकर निशाना साधा था।   गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखें बेहद नजदीक है। ऐसे में नर्मदा आंदोलन के मुद्दे ने एक बार फिर से हलचल मचा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सवाल किया कि कांग्रेस किस नैतिक आधार पर गुजरात…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
todaypostlive · 1 year
Text
नगर परिषद और नगर पंचायतो के चुनाव में अध्यक्ष पद के आरक्षण की अधिसूचना जारी
नगर परिषद और नगर पंचायतो के चुनाव में अध्यक्ष पद के आरक्षण की अधिसूचना जारी
रांची।  राज्य निर्वाचन आयोग ने झारखंड राज्य के नगर परिषद और नगर पंचायतो के चुनाव में अध्यक्ष पद के आरक्षण की अधिसूचना गुरूवार को जारी कर दी है। इसमें राज्य के 20 नगर पर्षद और 19 नगर पंचायत शामिल हे। अधिसूचना के साथ ही इन नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्रो में जल्द चुनाव होना तय हो गया है। इसको लेकर इन इलाको में चुनावी हलचल तेज हो गई है। अधिसूचना के अनुसार नगर परिषद के 20 अध्यक्ष  पदो में 9 विभिन्न…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
trendingwatch · 2 years
Text
बायां पैर आगे: हिमाचल के लिए लड़ाई में एक कॉमरेड की मूक लड़ाई
बायां पैर आगे: हिमाचल के लिए लड़ाई में एक कॉमरेड की मूक लड़ाई
राज्य की राजधानी शिमला से बमुश्किल 30 किलोमीटर दूर ठियोग की संकरी गलियों में, एक 66 वर्षीय व्यक्ति अपने अनुयायियों के एक समर्पित समूह के साथ चुनावी प्रचार से जुड़े किसी भी हलचल के बिना घूमता है। यह एक क्लासिक डोर-टू-डोर अभियान है जो छोटे समूह की बैठकों से जुड़ा हुआ है। वह हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक बड़े खिलाड़ी नहीं हो सकते हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह कोई धक्का नहीं है और जीतने के लिए दृढ़…
View On WordPress
0 notes
india24x7news · 2 years
Link
0 notes
Text
हरिद्वार में कच्ची शराब का कहर, पांच लोगों की मौत से मचा कोहराम...
हरिद्वार में कच्ची शराब का कहर, पांच लोगों की मौत से मचा कोहराम…
Uttarakhand News: उत्तराखंड के हरिद्वार से चुनावी हलचल के बीच बड़ी खबर आ रही है। यहां पथरी थाना क्षेत्र के फूल गढ़ शिवगढ़ ग्राम में पांच लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि घटना से जहां क्षेत्र में कोहराम मच गया है वहीं जिला प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया है। मामले में जांच की जा रही है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार कच्ची शराब पीने से पथरी थाना अंतर्गत गांव फूल गढ़ तेलीवाला निवासी राजू…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
rudrjobdesk · 2 years
Text
आजमगढ़ को क्या आर्यमगढ़ बना देंगे CM योगी? चुनावी रैली में सपा-बसपा पर जमकर बोला हमला
आजमगढ़ को क्या आर्यमगढ़ बना देंगे CM योगी? चुनावी रैली में सपा-बसपा पर जमकर बोला हमला
Image Source : PTI Yogi Adityanath Highlights यूपी के विकास में सपा और बसपा, राहु और केतु हैं: सीएम योगी ‘आजमगढ़ को सपा की सरकार ने आतंक का गढ़ बना दिया था’ जरुरत पड़ने पर बुलडोजर भी चलता रहेगा: योगी आदित्यनाथ CM Yogi in Azamgarh: उत्तर प्रदेश में ��ोकसभा की दो सीटों ��ामपुर और आजमगढ़ पर उपचुनाव को लेकर लेकर राजनीतिक हलचल तेज है। सत्ता पक्ष और विपक्ष ने जीत के लिए पूरा जोर लगा दिया है। इस बीच,…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
chirantannews · 2 years
Text
शहर के कई वार्डो में प्रत्याशी चयन हेतु दोनों दलों को करना होगा चुनोतियों का सामना
शहर के कई वार्डो में प्रत्याशी चयन हेतु दोनों दलों को करना होगा चुनोतियों का सामना
पंचायत के साथ-साथ नगरीय निकाय चुनाव दोनों एक साथ आने से दलों में मच रहा घमासान नागदा। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के साथ-साथ नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायत के चुनाव एक ही समय आ जाने से राष्ट्रीय दलों में हलचल एकाएक बढ गई है। पंचायत चुनाव हालांकि गैर दलीय आधार पर होते हैं लेकिन स्थानिय स्तर पर दोनों ही दल अपने-अपने उम्मीदवारों को अधिकृत कर चुनावी समर में उतारते हैं। पंच, सरपंच, जनपद एवं जिला…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
news-trust-india · 2 years
Text
By-Elections: भाजपा ने उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची की जारी
By-Elections: भाजपा ने उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची की जारी
नई दिल्ली। By-Elections:  देश में उपचुनाव के चलते राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सभी पार्टियों ने चुनाव के लिए कमर कस ली है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। सूची के अनुसार, पार्टी ने घनश्याम लोधी और दिनेश लाल यादव को उत्तर प्रदेश से चुनावी मैदान में खड़ा किया है। वहीं, सीएम माणिक साहा को त्रिपुरा, राजेश भाटिया को दिल्ली और…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
dainiksamachar · 1 year
Text
NCP चीफ के पद से इस्तीफे पर मची हलचल, जानिए कितनी है पवार की दौलत
नई दिल्ली : भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले ने अपनी ही बनाई पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद पार्टी में हलचल मच गई है। शरद पवार ने अपनी सियासी गुगली से देश की सियासत में बड़े उठा-पटक करने में माहिर रहे हैं। राजनीति से लेकर कारोबार जगत में उनकी धमक है। जब हिंडनबर्ग ने अडानी को लेकर जब खुलासे किए थे उस वक्त भी शरद पवार ने विपक्षी दलों से उलट अडानी के पक्ष में अपनी बात रखी थी। उन्होंने हिंडनबर्ग के खुलासे को साजिश बताया था। हाल ही में गौतम अडानी खुद शरद पवार से मिलने पहुंचे थे। राजनीति के जगत में उन्हें 'चाणक्य', 'भीष्म पितामह', 'विली फॉक्स', 'मैकियावेली', जैसी कई उपाधियां हासिल की हैं। सियासत के साथ-साथ बिजनस जगत में भी उनकी पकड़ मजबूत है। राजनीतिक से थोड़ा हटकर हम आपको उनकी आर्थिक सेहत का हाल बता रहे है। शरद पवार का नेटवर्थ चुनावी हलकनामे के मुताबिक शरद पवार के पास करीब 32.73 करोड़ रुपये की संपत्ति है। अपने शपथपत्र में उन्होंने ये जानकारी दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने आज एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। चुनावी हलफनामे के मुताबिक पवार के पास 25,21,33,329 रुपये की चल संपत्ति और 7,52,33,941 रुपये की अचल संपत्ति है। उनके पास करीब 32.73 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति घोषित की है। शरद पवार पर करीब 1 करोड़ की देनदारी है। शरद पवार के पास कोई कार नहीं चुनावी हलकनामे के मुताबिक शरद पवार के पास लगभग 45 लाख के गहने, 3.5 करोड़ रुपये के दूसरे एसेट्स हं। आभूषण हैं। हलांकि उनके पास कोई भी कार नहीं हैं। उनके पास 1 लाख एलआईसी पॉलिसी है तो वहीं एक करोड़ रुपए से अधिक की कृषि भूमि है। शरद पवार के पास 3 करोड़ से अधिक कीमत की कमर्शियल बिल्डिंग है। शरद पवार जिस घर में रहते हैं उसकी कीमत 2.17 लाख रुपए आंकी गई थी। हालांकि साल के साथ इसकी वैल्यूएशन बढ़ती जा रही है। राजनीति के अलावा वो कारोबार जगह में भी दिलचस्पी लेते हैं। http://dlvr.it/SnPJhN
0 notes
writerss-blog · 2 years
Text
चुनावी हलचल
साभार न्यूज १८ फिजाओं में बड़ा कौतूहल है, लगता है चुनाव की हलचल है, सभी दलों ने अपने अपने पिटारे से लुभावने वादों की झड़ी लगाई है, अवाम के वोट के लिए मुफ्त सेल स्कीम घोषणा सुनाई है । अजब तमाशा है लोकतंत्र का, पांच साल में एक बार नेताओं ने सबके दरवाजे पर दस्तक लगाई है ।।
Tumblr media
View On WordPress
0 notes