phone battery blast VIDEO: फोन की बैटरी ब्लास्ट होने का VIDEO : शॉप में मोबाइल बनवाने गया था युवक, तभी अचानक फट गई , दुकानदार और ग्राहक में मचा हड़कंप
phone battery blast VIDEO: बिलासपुर में एक मोबाइल दुकान में फोन की बैटरी फटने से तेज धमाका हुआ, और दुकान में धुआं-धुआं हो गया। इस घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है। जिसमें बैटरी ब्लास्ट होते दिख रहा है। हालांकि, इस हादसे में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। मामला चकरभाठा थाना क्षेत्र का है।
दरअसल युवक अपने मोबाइल को सही कराने शॉप पहुंचा था। दुकानदार मोबाइल खोलकर देख ही रहा था, तभी अचानक बैटरी फट…
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UP News : देवरिया में गैस सिलेंडर फटने से मां और उसके तीन बच्चों की दर्दनाक मौत
Deoria: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से दर्दनाक घटना सामने आई है। चाय बनाते समय गैस सिलेंडर फट गया, जिसकी जद में आकर मां और 3 बच्चों की मौत हो गई। यह पूरा मामला भलूआनी थाना क्षेत्र के डुमरी गांव का है।
मि्ली जानकारी के मुताबिक, डुमरी गांव के रहने वाले शिव शंकर गुप्ता की पत्नी आरती देवी घर में चाय बना रही थी, तभी अचानक सिलेंडर फट गया, जिससे आरती (उम्र 35 वर्ष) और उनके तीन बच्चे आंचल (14 वर्ष ),…
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नैनीताल : अचानक स्कूल बस का टायर फटा, 20 बच्चे थे सवार..
नवीन समाचार, चोरगलिया, 15 मई 2023। नैनीताल जनपद के चोरगलिया में सोमवार सुबह एक स्कूल बस दुर्घटना का शिकार हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चोरगलिया पब्लिक स्कूल की बस सोमवार सुबह 20 बच्चों को लेकर स्कूल को आ रही थी, तभी अचानक चलते-चलते बस का अगला टायर फट गया। इससे बस अनियंत्रित होकर एक दुकान में घुस गई।
दुर्घटना में कुछ बच्चे और कर्मचारी चोटिल हुए है। गनीमत रही कि बड़ा हादसा होने से टल गया। बताया…
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ट्रक का टायर फटने से लगी भीषण आग
ट्रक का टायर फटने से लगी भीषण आग
पन्ना : जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र के ग्राम रैकरा के पास एक तेज रफ्तार ट्रक में अचानक आग लग गई। जिससे ट्रक धू-धू कर जल उठा। मौके पर पहुंची फायर बिग्रेड जब तक आग पर काबू पाती तब तक ट्रक जलकर खाक हो चुका था। जानकारी के अनुसार ट्रक दमोह से सतना की ओर जा रहा था। तभी जैसे ही रैकरा गांव के समीप पहुंचा वैसे ही ट्रक का टायर फट गया और ट्रक में आग भड़क उठी।
इसे भी पढ़े : टाइगर सामने आते ही बाइक छोड़…
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मोबाइल से ऑनलाइन क्लास कर रहा था बच्चा, अचानक फट गई फोन की बैटरी और फिर…
मोबाइल से ऑनलाइन क्लास कर रहा था बच्चा, अचानक फट गई फोन की बैटरी और फिर…
कोरोना महामारी के चलते बच्चों की पढ़ाई का तरीका भी बदल गया है. मोबाइल (Mobile) ही अब क्लासरूम बन गए हैं. वायरस से बचाव के लिए ये तरीका भले ही अच्छा हो, लेकिन इसके कई नुकसान भी हैं. वियतनाम (Vietnam) में ऑनलाइन क्लास अटेंड कर रहे एक बच्चे की मोबाइल फटने से मौत हो गई. 11 वर्षीय बच्चा मोबाइल चार्जिंग पर लगाकर ऑनलाइन सेशन में भाग ले रहा था. उसने ईयरफोन भी लगा रखे थे, तभी अचानक मोबाइल में धमाका हुआ और…
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कर्नाटक में फूड फैक्ट्री में बॉयलर फटने से दो की मौत, तीन घायल
कर्नाटक में फूड फैक्ट्री में बॉयलर फटने से दो की मौत, तीन घायल
कर्नाटक के बेंगलुरु में सोमवार दोपहर एक फूड फैक्ट्री में बॉयलर फटने से कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। पुलिस के मुताबिक रिहायशी इलाके में अंजन थिएटर के पास दोपहर करीब 1.45 बजे एमएम फूड प्रोडक्ट्स में धमाका हुआ.
करीब सात लोग वहां काम कर रहे थे, तभी अचानक बॉयलर फट गया। इस हादसे में झुलसी दो महिलाओं समेत तीन अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने बताया कि…
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लखनऊ में कोल्ड स्टोरेज का गैस चैंबर फटा, दो मजदूरों की मौत, दो की हालत गंभीर [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
लखनऊ में कोल्ड स्टोरेज का गैस चैंबर फटा, दो मजदूरों की मौत, दो की हालत गंभीर [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
पत्रिका न्यूज नेटवर्क. लखनऊ. राजधानी लखनऊ में बीती शनिवार रात को एक कोल्ड स्टोरेज (Cold storage) में गैस चैंबर फट (Blast) गया जिससे दीवार गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, तो दो गंभीर रूप से जख्मी हो गए। मामला इंटौजा इलाके में स्थित विन्देश्वरी कोल्ड स्टोरेज का है। यहां शनिवार रात करीब नौ बजे कोल्ड स्टोरेज में आलू भरा जा रहा था। कई मजदूर इस काम में लगे हुए थे। तभी अमोनिया गैस का चैंबर अचानक फट गया।…
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मेरठ में तेज धमाके से उड़ी 8 घरों की छत,दो की मौत
मेरठ: मेरठ जनपद के सरधना में गुरुवार सुबह एक मकान में तेज धमाके के साथ विस्फोटक पदार्थ फट गया। धमाके के साथ कई मकान भरभराकर ढह गए। मकान ढहने से मलबे में दबकर कांग्रेस के नगर अध्यक्ष समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। हादसे में दो बच्चों सहित सात लोग घायल हो गए। मकान की छत उड़ने से आसपास के घरों तक मलबा पहुंच चुका है। पुलिस और गांव के सभी लोग मौके पर पहुंच गए। अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। वरिष्ठ अफसर भी मौके पर पहुंच गए थे।
सरधना के रहने वाले आकिल खान के घर की रसोई में गैंस सिलेंडर लीक हो रहा था। करीब साढ़े नौ बजे रसोई में खाना बनाने के लिए महिला गई। तभी अचानक सिलेंडर में आग लगकर फट गया। सिलेंडर के धमाके से मकान की छत उड़ गई। मलबा आसपास के घरों तक पहुंचा। हादसे में आकिल खान के परिवार के आसिम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कासिम ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
खबरों के मुताबिक आसिम और कासिम अवैध रूप से पटाखे बनाने का कारोबार करते थे. उसी के चलते घर में काफी मात्रा में बारूद मौजूद था। बताया जा रहा है कि बारूद के साथ-साथ गैस सिलेंडर में भी आग लगी जिसके धमाके से कई घरों की दीवारों में दरार पड़ गयी।
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नेरवा: बस स्टैंड में दुकान में लगी आग, आग में झुलसा पुलिस जवान और चौकीदार नेरवा बस स्टैंड में दुकान जलकर राख हो गई। इससे लाखों के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। आग पर काबू पाते समय पुलिस का एक जवान और परिवहन निगम का चौकीदार बुरी तरह से झुलस गया। चौकीदार को प्रारंभिक उपचार के बाद आईजीएमसी शिमला के लिए रेफर कर दिया गया है। जब आग पर काबू पाया जा रहा था, तभी गैस सिलिंडर फट गया। इससे पुलिस जवान और चौकीदार झुलस गए। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बस स्टैंड में देर रात कलिमो दीन पुत्र मजीद दीन की किराना की दुकान में अचानक आग लग गई। लोगों ने दुकान से आग की लपटें निकलती देखी।
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सिलेंडरों से भरे ट्रक में लगी आग; धमाकों से दहशत में लोग कोटद्वार। राष्ट्रीय राजमार्ग नजीबाबाद-बुआखाल पर दुगड्डा-गुमखाल के मध्य भदाली गांव के पास सिलेंडरों से भरे ट्रक में आग लग गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार करीब डेढ़ घंटे तक सिलेंडरों में धमाके होते रहे, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत बनी रही। दमकल कर्मियों ने जान हथेली पर रखकर किसी तरह आग पर काबू पाया। वहीं अग्निकांड की घटना के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर घंटों यातायात भी बाधित रहा। इधर, सिलेंडर में हो रहे तेज धमाकों के कारण आसपास के गांवों में ग्रामीण अपने आवासों को छोड़ सुरक्षित स्थानों पर चले गए। तेज धमाकों के कारण कई मकानों में खिड़की के शीशे चटक गए। घटना करीब तीन बजे की है। बहादराबाद (हरिद्वार) स्थित इंडेन गैस प्लांट से सिलेंडर लेकर एक ट्रक पाबौ गैस एजेंसी के लिए रवाना हुआ। अपराह्न करीब तीन बजे जब ट्रक दुगड्डा से गुमखाल की ओर जा रहा था, उसी दौरान भदालीखाल से करीब तीन किलोमीटर पहले अचानक ट्रक का अगला टायर फट गया और टायर में आग लग गई। ट्रक चालक व परिचालक ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और आग की लपटों ने इंजन व चालक केबिन को चपेट में ले लिया। चालक-परिचालक मौके से भाग गए। इधर, आग की लपटें सिलेंडरों तक पहुंच गई व तेज धमाकों के साथ सिलेंडर फटने लगे, जिससे आसपास के क्षेत्रों में दहशत फैल गई। सिलेंडरों के परखच्चे आसमान में उड़ते नजर आए। सूचना मिलते ही कोटद्वार से दो दमकल वाहन मौके के लिए रवाना हो गए। साथ ही कोटद्वार व लैंसडौन कोतवाली की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। शुरू में आग की तेज लपटों व सिलेंडरों में हो रहे धमाकों के कारण दमकल कर्मी भी मौके पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। बाद में किसी तरह दमकल कर्मियों ने हवा में उड़ते सिलेंडरों के टुकड़ों से बचते हुए आग बुझाने के प्रयास शुरू कर दिए। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। हालांकि, तब तक ट्रक पूरी तरह राख हो चुका था। ट्रक स्वामी सुनील कुमार ने बताया कि ट्रक में 288 सिलेंडर लदे हुए थे। बताया कि घटना की सूचना मिलते ही इंडेन के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। दुगड्डा में ग्रामीण अपने घरों में आराम कर रहे थे। तभी तेज धमाका हुआ, और ग्रामीण दहशत में आ गए। इससे पहले कि ग्रामीणों को कुछ समझ आता, एक के बाद एक, धमाके होने लगे और तेज धमाकों के साथ ही लोहे के टुकड़े घर की छतों पर गिरने लगे। दशहतजदा ग्रामीण अपने घरों की छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ लगाने लगे। ग्राम भदाली के समीप सिलेंडरों से भरे ट्रक पर आग लगने की भनक ग्रामीणों को नहीं थी, लेकिन जैसे ही सिलेंडर फटने शुरू हुए, ग्रामीण घबरा गए और डर के मारे घर छोड़ गांव से कुछ दूर एक जूनियर हाईस्कूल के बरामदे में एकत्र हो गए। प्रत्यक्षदर्शी सूरज कुमार ने बताया कि वह घर में पढ़ाई कर रहा था। तभी तेज धमाका हुआ और उसके कमरे की खिड़की का शीशा चटक गया। उसे कुछ समझ आता, इसी दौरान एक के बाद एक धमाके होने लगे व पूरा मकान हिलने लगा।
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कहानी : बिछुए
लेखिका : प्रज्ञा तिवारी
माहौल में ख़ुशी और ग़म दोनों की रंगत थी। आख़िर बेटी की विदाई का पल ही कुछ ऐसा होता है। मां चकरघिन्नी बनी हुई थी। ये लाओ, उसे रखो... इन सबके बीच घूमती मां ने एक नज़र दुल्हन बनी अपनी छोटी बेटी रानी पर डाली तो बरबस आंसू बह पड़े।
तभी बड़ी बेटी राधिका मां के पास आकर दर्द से कराहती हुई बोली, ‘मां, देखो न, ये बिछुए चुभ रहे हैं, चल भी नहीं पा रही।’ रानी की बिदाई का सामान पैक करती मां को सांस लेने तक की फुर्सत नहीं थी, ‘जा जाकर कड़वा तेल लगा ले, क्या ज़रूरत थी नए बिछुए पहनने की, अभी मुझे तो बिल्कुल फुर्सत नहीं है।’ अपना काम करते-करते हुए मां ने कहा। राधिका भी लंगड़ाते हुए वहां से चुपचाप चली गई।
जैसे-जैसे बेटी की विदाई का पल क़रीब आने लगा, मां के हाथ-पांव फूलने लगे, दिल की धड़कन अचानक थमती और अगले ही पल तेज़ी से दौड़ने लगती। रिश्तेदार समझा रहे थे, ‘बड़ी क़िस्मत वाली हो तुम जो इतनी जल्दी दोनों बेटियों के हाथ पीले करके गंगा नहा लीं, वरना आज के ज़माने में बेटियों को इतनी आसानी से अच्छे घर कहां मिल पाते हैं!’
‘हां, अच्छे घर... यही सुकून की बात है। दोनों बेटियां अच्छे घरों में हैं, इससे ज़्यादा और क्या चाहिए!’ यही सोचकर मां ने राहत की सांस ली और पानी का गिलास उठाया। तभी राधिका फिर से आई। ‘मां!’ इस बार उसने धीरे से आवाज़ लगाई। ‘तू यहां क्या करने आ जाती है बार-बार, अपनी बहन के पास जाकर बैठ न, उसे कोई ज़रूरी बात कहनी हुई तो किससे कहेगी?’ मां ने समझाते हुए कहा।
‘मां, मेरी भी बिदाई की तैयारी कर दो, अभी मुझे भी निकलना है!’ ‘तू कहां जा रही है?’ मां ने हैरानी से पूछा। ‘मां... ये (राधिका का पति) ज़िद कर रहे हैं, इनके साथ ही ससुराल चलने के लिए!’
‘अरे...! ऐसे कैसे ज़िद करे हैं, इतनी जल्दी कैसे जा सकते हैं दामाद जी, तू रुक मैं बात करती हूं उनसे।’ फलों की डलिया वहीं पटक मेहमानों की भीड़ चीरते हुए मां बाहर निकल गईं।
‘नहीं... आप नहीं मां.... रुको...’ पीछे से राधिका चिल्लाती रह गई लेकिन मां सीधे अपने दामाद के पास पहुंच गईं।
‘दामाद जी! ये क्या सुन रही हूं मैं? आप लोग अभी से जा रहे हैं?’
‘जाना होगा मां जी घर से फोन आ रहा है।’ दामाद जी बोले। ‘अभी रानी की बिदाई होने दो बेटा, आप लोग तो ��र के हैं, आराम से विदा कर दूंगी। वैसे भी एक बेटी की बिदाई में छाती फट रही है, दोनों बेटियां एक साथ चली गईं तो मैं इस घर में मर ही जाऊंगी!’ रुंधे गले से जैसे-तैसे आवाज़ निकल पाई।
‘हम्म...’ दामाद जी कुछ सोचते हुए बोले, ‘राधिका चाहे तो यहां रुक जाए, मुझे तो अभी जाना है। मेरे पापा जी को ज़्यादा भीड़ बर्दाश्त नहीं होती। वो और ज़्यादा यहां रुके तो बीमार पड़ जाएंगे।’ एक चालाक व्यापारी की तरह दामाद जी ने अपनी बात मां को समझा दी।
दामाद जी की ज़िद और तर्क के आगे उन्होंने हार मान ली। मगर राधिका के रुकने भर से मन ने राहत की सांस लेकर दामाद को हज़ारों दुआएं दे डालीं। ‘तू भी न राधिका फालतू में हल्ला करती है, कितना भला लड़का मिला है तुझे। मेरे कहे बिना ही तुझे रुकने को कह दिया उन्होंने, ऐसा दामाद भगवान सबको दे।’
राधिका का चेहरा देखे बिना मां कहकर चली गईं। ख़ुशी और ग़म के बीच रानी गाड़ी मैं बैठकर विदा हो गई। बेटी की बिदाई में दुश्मन भी पिघल जाए, मां तो बेसुध-सी हो गईं। इधर राधिका भी अपना सामान लेकर तैयार खड़ी थी। मां कुछ समझ ही नहीं पा रही थीं। दामाद जी भी अपने पापा के साथ गाड़ी में बैठ चुके थे।
‘तू कहां चली बिटिया? और ये घूंघट क्यों डाला हुआ है? मां ने पूछा तो राधिका मां के गले लग गई, ‘ससुर जी हैं न साथ, इसलिए घूंघट ले लिया। मुझे जाने दो मां...’ राधिका की आवाज़ भर्रा गई। वह झट से मां से अलग हुई, बाक़ी मेहमानों से विदा ली और बाहर जाने लगी। मां को घबराहट हो रही थी, शरीर तो थक ही चुका था, अब दिमाग़ भी सुन्न पड़ चुका था।
आख़िर में रहा नहीं गया तो जाकर राधिका के गले लग गई, ‘मां से क्यूं घूंघट कर रही है पागल! एक बार अपनी बेटी का चेहरा तो देख लेने दे।’ एक झटके से मां ने घूंघट खींच दिया, राधिका ने छटपटाकर घूंघट पकड़ना चाहा मगर पकड़ न सकी। एक पल को मां की आंखों के सामने अंधेरा छा गया।
नीली पड़ी आंख की कोर, होंठ के नीचे रिसता हुआ ख़ून, गाल पर उंगलियों की नीली छाप सारी कहानी बयां कर गए थे। मेहमानों की नज़र पड़े, उससे पहले मां ने खुद ही घूंघट वापस डाल दिया। दामाद हॉर्न पे हॉर्न बजाए जा रहा था। राधिका बाहर निकलने को हुई तो मां ने लड़कों को उसका सामान वापस अंदर लाने को कहा और उसका हाथ पकड़कर वापस लौटने लगी।
‘ऐसा मत करो मां... प्लीज़ जाने दो। आपको मेरी क़सम..!’ राधिका गिड़गिड़ाने लगी। ‘तेरी क़सम का मान रखने से कौन-सा तू ज़िंदा रहने वाली है!!’ मां ने ग़ुस्से से उसे घूरते हुए कहा, ‘अब एक शब्द और मत कहना तू।’
‘इंसान मरने के बाद ही गंगा नहाता है, बेटियों की शादी करके नहीं।’ मां ने आंगन में ज़ोर से कहा और राधिका को उसके कमरे में ले गईं।
मां-बेटी ने एक-दूसरे के सामने सारे दर्द उड़ेल दिए। जितनी बार मां राधिका का नीला पड़ा चेहरा देखतीं, उनका ख़ून खौल उठता। रात भर मां उसके सिरहाने बैठ सोचती रहीं, ‘एक मां होकर मैं क्यों अपनी बेटी की आंखों में छिपा दर्द नहीं देख पाई।
अनपढ़ हूं मगर इतनी भी नहीं कि बेटी का मन न पढ़ सकूं। हर बार मायके आने के नाम पर काम का बहाना करना, मायके आने पर भी चेहरे पर ख़ुशी की जगह ख़ौफ़ बना रहना, पति की बात आने पर बात घुमा देना, बेवजह चेहरे पर मेकअप की परतें चढ़ाते रहना... क्यों कुछ नहीं समझ पाई।
दो साल से दामाद को बेटा मानते ही बेटी का दर्द आंखों से ओझल कैसे हो जाने दिया, आज उस लड़के की इतनी हिम्मत बढ़ गई कि मेरे ही घर में आकर मेरी बेटी पर...?’
‘मां बिछुए चुभ रहे हैं!’ बेटी नींद में ही दर्द से कुनमुनाई। मां ने राधिका के पैरों को देखा, उंगलियां पानी में काम करते-करते गल चुकी थीं। अचानक मां को न जाने क्या सूझा, एक-एक करके राधिका के सारे बिछुए उतार फेंके। ‘ये क्या कर रही हो मां? दर्द हो रहा है।’ अपने पैरों को खींच राधिका उठकर बैठ गई।
उसके पैरों को गोद में रख मलहम लगाते हुए मां बोलीं, ‘इसी दर्द से तुझे आज़ादी दिला रही हूं बेटा, अब ये बिछुए नहीं चुभने दूंगी तुझे।’ राधिका को मां की बातें समझ नहीं आईं मगर घाव पर ममता का स्पर्श लगा तो दर्द में राहत ज़रूर मिली थी। वह वापस सो गई। राधिका की बे���रवाह नींद इस चुभन से आज़ाद होने की निशानी थी।
मां अब भी जाग रही थीं, अंधेरा छंटने के इंतज़ार में- बेटी की ज़िंदगी से भी और अपने आंगन से भी। अगली सुबह उन ज़मीन पर पड़े बिछुओं की चुभन का हिसाब लेना भी तो बाक़ी था।
कविता : आखरी पड़ाव में
लेखिका : अनीता वाधवानी
मैंने बंद कर दी है सौदेबाज़ी
लेनदेन रिश्तों के बाज़ार में
कुछ देने में ही बादशाही है
तो लेने की फिक्र क्यों करूं
जीवन के इस आख़िर पड़ाव में।
छोड़ दी हैं क्षुद्र अपेक्षाएं
जिनसे हासिल न कुछ होना था
भुरभुरी मिट्टी के सिवाय
पर अब बनना है चट्टान सम
जीवन के इस आख़री पड़ाव में।
सबसे प्यार करने के बाद
अब कुछ कुछ प्यार
खुद से भी करने लगी हूं
ज़िंदगी को समझने लगी हूं
जीवन के इस आखरी पड़ाव में।
मैं सिकंदर की तरह सब जीतकर
ख़ाली हाथ नहीं जाऊंगी
व्यर्थ का सब कुछ हार कर
फिर जीत कर जाऊंगी
जीवन के इस आखरी पड़ाव में।
मैं जुड़ने लगी हूं अपने आप से
मेरे भीतर में जो है चैतन्य
थामने लगी हूं उसका हाथ
जो रहेगा मेरे बाद भी मेरे साथ
जीवन के इस आखरी पड़ाव में...
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A story depicting the relationship between mother and daughter, the poem expresses the feelings of the last stages of age at the last stage
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ट्रॉले के ब्रेक फेल, बाइक, टाटा एस और कार को चपेट में लिया, पिता-बेटी समेत 7 लोगों की मौत, 30 घायल
इंदौर/धामनोद .धामनोद-गुजरी के गणपति घाट पर सोमवार शाम एक और बड़ा हादसा हो गया। घाट उतर रहे ट्रॉले ने ब्रेक फेल होने के बाद आगे चल रहे तीन वाहनों को चपेट में ले लिया। हादसे में सात लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 घायल हो गए। सभी मृतक इंदौर के हैं। घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग और अफसरों का लापरवाही भरा रवैया सामने आया। भास्कर ने स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को सूचना दी तो उन्होंने अफसरों को फोन लगाकर सबका इलाज शुरू करवाया।
हादसा सोमवार शाम करीब साढ़े पांच बजे हुआ। पुलिस के मुताबिक, ट्रॉला घाट उतर रहा था, तभी इसके ब्रेक फेल हो गए। इसने सबसे पहले एक बाइक को चपेट में लिया। बाइक पर सुखलिया निवासी राजेंद्र खंडेलवाल (42) बेटी महक (19) के साथ जा रहे थे। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद ट्रॉले ने टाटा एस को टक्कर मारी। इसमें सवार अंजू (25), अमन पिता किशोर उपाध्याय (18), पार्वतीबाई पति गजानन (50) और नानू पिता जगदीश सभी निवासी श्यामाचरण शुक्ल नगर की मौत हो गई।
फंसी कार समेत दो किमी दौड़ गया ट्रॉला
ट्रॉले की रफ्तार इतनी तेज थी कि आगे कार फंसी होने के बावजूद दो किमी तक वह उसे घसीटते हुए ले गया। कार में भाई-बहन के साथ महेश्वर घूमने गई पंचवटी कॉलोनी की परविंद कौर बुरी तरह घायल हो गईं। एम्बुलेंस से इंदौर लाते वक्त रास्ते में उनकी मौत हो गई। परविंदर के पति हरदीप हैंडबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं।
डिवाइडर से टकराई एसयूवी का टायर फटा, तीन फीट उछल कार पर गिरी, चार माह के बच्चे समेत 6 की मौत
इंदौर .तेजाजी नगर बायपास पर रालामंडल के सामने मंगलवार सुबह पौने पांच बजे भीषण सड़क हादसा हो गया। हादसे में महू आर्मी वार कॉलेज के कर्मचारी, उनके चार महीने के बेटे, माता-पिता और दो सहकर्मियों सहित 6 लोगों की मौत हो गई। कर्मचारी परिवार के साथ बिहार स्थित गांव जा रहे थे, रास्ते में छुट्टी निरस्त होने की सूचना मिली तो वापस लौटने के लिए कार पलटाई। वे महू की तरफ बढ़े ही थे कि एक खतरनाक सी कर्व पर एसयूवी का टायर डिवाइडर से टकराकर फट गया। इससे कार डिवाइडर पर चढ़कर ढाई से तीन फीट उछली, सड़क के दूसरी तरफ दो पलटी खाते हुए सामने से आ रही कार पर जा गिरी।
एसयूवी में बैठे 8 में से 6 लोगों की मौत हो गई। जिस स्विफ्ट कार से वह टकराई, उसमें बैठे 4 लोग भी घायल हुए, उनमें से एक गंभीर है। तेजाजी नगर टीआई नीरज मेड़ा ने बताया कि एसयूवी महू आर्मी वार कॉलेज के कर्मचारी जयप्रकाश झा (26) चला रहे थे। जयप्रकाश, उनके पिता नानूराम (60), मां सुमित्रा (58), बेटा आरव (4 माह), सहकर्मी रोशन (28), गौरव (30) की मौत हो गई।
जयप्रकाश की पत्नी सुरुचि और साली रुचि (18) घायल हुए हैं। इन्हें उपचार के लिए एमवायएच में भर्ती कराया है। जिस स्विफ्ट कार (एमएच 03 ए डब्ल्यू 4721) से इनकी एसयूवी टकराई, उसमें सवार अर्जुन पिता शिवदीन यादव (41), अनवर पिता रमजान अली (21), अरशद हुसैन पिता ताज मोहम्मद (28), धनीराम पिता गौतम (51) भी घायल हुए हैं। ये सभी मुंबई की एक कंपनी के कर्मचारी हैं और वाशी से उत्तरप्रदेश के गोंडा जाने के लिए निकले थे। कार अर्जुन चला रहा था, उसकी हालत गंभीर है। इन्हें निजी अस्पताल में भर्ती करवाया है। सूचना मिलने पर इनकी कंपनी के मालिक रजा उल्ला शाह दोपहर में मुंबई से फ्लाइट से इंदौर पहुंचे।
घनी झाड़ियों में छुपे डिवाइडर, मिटी पटि्टयां
बायपास पर हादसे की वजह एक फीट के डिवाइडरों के झाड़ियों से छुप जाने को माना जा रहा है। झाड़ियों के कारण डिवाइडर नहीं दिखते, जबकि बारिश से सड़क के किनारे बनी पट्टियां भी मिट गई हैं। सी शेप का ये कर्व बहुत खतरनाक है, जिसमें वाहन चालक मुड़ते समय डिवाइडर और संकेतक नहीं देख पाते।
आर्मी वार कॉलेज के कर्मचारी के पास निकला लेफ्टिनेंट का कार्ड
इस हादसे में मृत जयप्रकाश झा के शव की तलाशी में उसके पास से लेफ्टिनेंट के नाम से बना आर्मी वार कॉलेज का कार्ड मिला। इस पर लगे फोटो में उसकी वर्दी पर दो स्टार थे। इससे पुलिस भी गफलत में पड़ गई। जब टीआई मेढ़ा ने महू में अफसरों से संपर्क किया तो उन्होंने इस नाम के किसी लेफ्टिनेंट के होने से इनकार कर दिया। वहां जांच हुई तो पता चला कि जयप्रकाश के पास फर्जी कार्ड था। वह आर्मी वार कॉलेज में ही चतुर्थ श्रेणी सैन्य कर्मचारी था। उसने कार्ड कैसे बनवाया, इसकी पड़ताल की जा रही है।
पत्नी बोली- बेटे को देखना है, उसे नहीं बताया कि पति और बेटा चल बसे
घायल रुचि ने बताया कि गांव जाने के लिए रात पौने तीन बजे महू से निकले थे, लेकिन रास्ते में ही कोई संदेश मिलने के बाद जीजाजी ने कार पलटा ली। महू लौट रहे थे, तभी हादसा हो गया। डिवाइडर से टकराकर कार नीचे गिरी, उसके बाद मुझे अस्पताल में ही होश आया। इधर, जयप्रकाश की पत्नी सुरुचि को बेटे, पति और सास-ससुर की मौत के बारे में कुछ नहीं बताया। वह होश में आने के बाद बच्चे को देखने के लिए रोती रहीं। उनके पैर में फ्रैक्चर हुआ है। इनका कोई रिश्तेदार नहीं होने से समाजसेवी गणपत यादव ने इनके खाने-पीने और दवाइयों की व्यवस्था की।
उड़ती हुई एसयूवी गेंद की तरह टकराई
हमारी कार सामान्य स्पीड में थी, तभी टर्न पर अचानक एसयूवी उड़ते हुए आई। हम कुछ समझते, तब तक हमारी कार के बोनट पर गेंद की तरह आकर गिरी और फिर अगले कांच से टकराकर सड़क पर पलटी खा गई। एक मिनट तक तो हमारे कान सुन्न हो गए और कुछ समझ ही नहीं आया। थोड़ी देर बाद चीख-पुकार सुनाई देने लगी। - अरशद हुसैन, (स्विफ्ट में सवार थे)
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Two accidents in 24 hours; Diwali turns dark in death, 13 dies
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गुब्बारा फुलाने वाला सिलेंडर फटा, एक बच्चे की मौत
गुब्बारा फुलाने वाला सिलेंडर फटा, एक बच्चे की मौत
रायपुर। मौदहापारा थाना क्षेत्र के धांधूवाड़ा इलाके में समारोह के दौरान एक मकान में गुब्बारा फुलाने वाला सिलेण्डर अचानक फट जाने से एक बच्चे की मौत हो गई। वहीं 6 लोग घायल हो गए है। जिसे उपचार के लिए आंबेडकर अस्पताल में भर्ती किया गया है।
जानकारी के अनुसार धांधूवाड़ा इलाके में कुछ कार्यक्रम चल रहा था तभी गुब्बारा फुलाने वाला नाईट्रोजन गैस से भरी सिलेण्डर अचानक फट गई। जिससे वहां हड़कंप मच गया। इस…
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ससुरजी के मोटे लंड से चुदाई
ये स्टोरी आज से २ साल पहले की है जब मै नई नई सुसराल आयी थी. मेरे सुसराल में केवल ४ लोग है मेरी सास ४० वर्ष की ससुर ४५ वर्ष के ननद १८ साल की और मेरे पति का मार्किटिंग का काम था इसलिए वो जयादातर शहर से बाहर ही रहते थे मेरी शादी को केवल ४ महीने ही हुए थे और मेने केवल ८-१० बार ही सेक्स किया था एक दिन की बात है, घर में मै और मेरी ननद ही थी मै अपने रूम में टी.वी देख रही थी मुझे पेशाब लगी और मैं अपने रूम से निकल कर टोलिट जाने लगी तभी मुझे ऐसा लगा की मेरी नंनद पूजा रो रही है मुझे ये आवाज उसके रूम से आ रही थी मेने सोचा आवाज लगाउ फिर कुछ सोच कर रूम के की होल से देखने लगी. अंदर का नज़ारा देख कर में तो सन्न रह गयी अंदर पूजा फर्श पर नंगी पडी थी और हमारा कुत्ता उसकी चुत चाट रहा था ये देख कर मेरे तो होश हे उड़ गए फिर मेने देखा पूजा ने कुत्ते का लंड पकड़ कर अपनी चुत में डाल लिया और टौमी किसी पक्के चुद्दकद आदमी की तरह धकके लगाने लगा और पूजा भी अपनी गांड उछाल उछाल कर उसका साथ दे रही थी मुझसे ये सब देखा नहीं गया और में वहा से हट गयी !
थोड़ी देर बाद टौमी वहा से बाहर निकल आया फिर ……पूजा भी बाहर आ गयी. मुझे उस पे बहुत गुस्सा आ रहा था मुझे देख कर वो डर गयी मेने उसे बताया मेने सब देख लिया है अंदर क्या चल रहा था तो वो रोने लगी और कहने लगे मुझसे कण्ट्रोल नहीं होता तो मै चुप हो गयी मैने उस को समझाया कोई बॉय फ्रेंड बना लो और उसके साथ सेक्स का मज़ा लो फिर वो कहने लगी बॉय फ्रेंड तो है लेकिन डर लगता है क्योकी आदमी का लंड तो बहुत बड़ा होता है मैने कहा किसने कहा आदमी का लंड तो बहुत बड़ा होता है तो वो बोली की मैने देखा है मैने कहा किसका देखा है वो बोली पापा का देखा है और उसने बताया पापा का लंड गधे जितना लंबा और मोटा है मुझे विश्वास नहीं हुआ मैने किसी तरह उसको समझा कर कसम दिलाई आगे से कुते से मत चुदना लेकिन मेरे दिमाग में तो ससुर जी का लंड घूमने लगा था मैने सोचा एक बार ससुर जी का लंड देखा जावे फिर एक दिन मोका मिल ही गया घर के सब लोग बाहर गए हुए थे और दो दिन बाद आने वाले थे केवल में और ससुर जी घर पे थे मैने सोचा अच्छा मोका है मैने रात को उनके दूध में नीद की गोलिया मिला दी वो रात को दूध पी कर सो गए एक घंटे बाद ससुर जी के रूम में गयी उनको हिलाया मगर वो नहीं हिले में समझ गयी अब वो जागने वाले नहीं है
मैने उनकी लूंगी हटा कर कचछे का नाडा खोला और ……उनका लंड देखा और हैरानी से सन रह गयी उनका लंड सोया हुआ भी करीब 5 ईच लंबा होगा फिर मेरी चुत में भे चीटिया दोडने लगी मेरे मन में आया इसे खडा कर के देखती हूँ मैने लंड को मुह में ले कर थोडा गीला किया और दोनों हाथो से मुठ मारने लगी लंड में जैसे बिजली का करंट दोड गया वो खडा हो कर लगभग १२ ईच लंबा हो गया फिर सोचा देखती हू अगर मेरी चुत में घुसा तो कहा तक जवेगा मैने अपनी साडी और पेटीकोट निकल कर अलग रख दिया और ऊपर से नापने लगी वो मेरी चुत से पेट के बीच तक आया ये सब देख कर मेरी तो हवा खराब हो गयी जेसे मेंने हटना चाहा तो ससुर जी का हाथ अपनी जाँगो पर पाया उन्होंने मेरी जाँगो को मजबूती से पकड़ लिया था उनकी आँख खुली हुई थे और मेरी और देख कर मुस्करा रहे थे वो कहने लगे अब नाप तो लिया है चुत में तो लेकर देखो बड़ा मज़ा आयेगा में डर गयी और वहा से हटना चाहा लेकिन ससुर जी ने मुझे बेड पर पटक दिया और मेरी चूची दबाने लगे में तो उस समय मदहोस सी हो गयी थी चुत भी गीली हो गयी थी मैने उनको रोकने की कोशिश की लेकीन ससुर जी ने मेरी एक नहीं सूनी और मेरा ब्लाउज और ब्रा निकल कर फैक दी और मेरी एक चूची मुह में ले कर चूसने लगे में तो जैसे पागल सी हो गयी !
मेरी चुत में एक उंगली डाल कर अंदर ……बाहर करने लगे थोड़ी देर ऐसा करने से मेरी चुत पनिया गयी थी अब ससुर जी मेरी टांगो के बीच में आ गए और मेरी चुत जोरो से चाटने लगे मुझे लगा मेरा पानी निकल जावेगा मैने ना चाह कर भी ससुर जी का लंड हाथ में पकड़ लिया और आगे पीछे जोरो से करने लगी ससुर जी का लंड इस समय एक मोटी लोहे की राड जेसा लग रहा था अचानक ससुर जी ने लंड को अपने हाथ में पकड़ा और मेरी गीली चुत के दाने पर घिसने लगे मेरी तो जान ही निकल गयी और मेरे मुँह से कामुक सिसकियाँ निकलने लगी लग रहा था चुत का लावा अभी बाहर आ जवेगा और ५ मिनट बाद ही मेरी चुत से बरसात होने लगी ससुर जी मेरी तरफ मुस्करा कर देखा और बोले बहु अभी तो लंड चुत के अंदर भी नहीं गया तेरी चुत ने तो ढेर सारा पानी भी छोड दिया यह सुन कर मेरे गाल शर्म से लाल हो गए और मैने धीरे से ससुर जी के कान में कहा पापा जी मेरी चुत बहुत दिनों से पयासी है इसकी प्यास बुझा दो प्लीज! ससुर जी प्यार से मेरे होठ चूसने लगे फिर मेरी चुत चाटने लगे और अपनी जीभ मेरी चूत में घुमाने लगे , अचानक उसने अपनी जीभ मेरे चूत के दाने पर लगाई और कस कर चूस दिया। मेरे मुँह से जोर की सीत्कार निकल गई “उईई …… माँ……… और…… चूसो… न…… ।”
ससुर जी ने अब दो उंगली चुत में डाल दी और अंदर बाहर …करते हुए मेरे चूत के दाने को चूसते रहे मेरी चुत में तो अब जेसे आग लगी थी लगता था एक बार फिर चुत का रस बाहर आ जावेगा ! मैने ससुर जी को कहा पापा जी मेरी चुत मुझे बहुत ही तंग करती है, मुझे ! बहुत ही खुजली मचती है इसमें ! बस अब मेरी चूत में अपना लन्ड डाल कर कस कर चोद डालो !” मेरी प्यास बुझा दो ना अब सहा नहीं जा रहा और ससुर जी के हलंबी लंड को हाथ में ले कर मसलने लगी लंड की मोटाई मेरी मुठी में नहीं आ रही थी ये सोच कर की मेरी चुत आज जरूर फट जवेगी में थोडा डर भी गयी ससुर जी ने ये मेरे चेहरे को देख कर भाँप लिया और प्यार से बोले बहु घबरा मत आज तुझ्रे वो मज़ा दूगा फिर कभी दूसरे लंड से नहीं चुदवाओगी! “लेकिन पापा जी आज आप मेरी चूत को ऐसे चोदना कि इस साली को चैन पड़ जाये !” ससुर जी ये सुन कर थोड़े मुस्कराए और कहा बहु चल अब लंड को मुह में ले कर चूस ! लंड तो पहले से ही लोहे की राड जेसा था मै अब लंड को चूसने लगी ससुर जी भी पुरे जोश में आ गए थे और मेरे मुह को लंड से चोदने लगे मेरी तो साँस ही रुकने लगी ! कुछ देर ऐसा करने के बाद अब ससुर जी ने अपना लंड मेरी चुत के मुह पर रखा और थोडा धीरे से अंदर किया पक की आवाज से लंड का टोपा चुत में चला गया और एक जोर का धकका मारा लंड करीब ३-४ इंच अंदर चला गया …
मेरी तो जान ही निकल गयी ! ससुर जी पुराने खिलाडी थे लंड पूरा अंदर ना कर के धीरे धीरे धकके लगाने लगे ! लन्ड काफ़ी मोटा और तगड़ा था जिससे मेरी चूत कसी हुई थी। जैसे ही वो अपना लन्ड बाहर निकालता मेरी चूत के अन्दर का छल्ला बाहर तक खिंच कर आता और लन्ड के साथ अन्दर चला जाता। कुछ देर तक ऐसे चोदने के बाद उन्होंने एक तकिया मेरी गाँड के नीचे लगा दिया जिससे मेरी चूत ऊपर उठ गई और चूत का छेद थोड़ा सा खुल गया ! अपना लन्ड मेरे योनि-द्वार पर रखा और कमर को पकड कर एक जोर से झटका दिया,ससुर जी का पूरा लन्ड मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर के आखिरी हिस्से पर जा टकराया। में उत्तेजना में भर गई, और उनके सीने से चिपक गई और मेरे मुँह से निकल पड़ा,”ओह्ह्ह्…… …हाय्… ………अब……मजा मिला है ! बस पापा जी ऐसे ही चोदते रहो बहुत मज़ा आ रहा है !फिर उन्होंने मेरी दोनों टाँगों को ऊपर उठाया और मेरी चूत में लन्ड तेज रफ़्तार से आगे पीछे करने लगे। पुरे कमरे में फचा फच …. ….फचा फच की आवाज आ रही थी मेरी कामोत्तेजना इतनी तीव्र हो गयी थी कि मेरा सारा शरीर तप रहा था, मैने उन्माद में अपनी दोनों आँखें बन्द कर रखी थी, मेरा शरीर मछली की तरह तड़प रहा था और मुझे कुछ होश नहीं था।
जैसे ही ससुर जी का लन्ड मेरी …चूत में जाता,में अपनी कमर उठा कर लन्ड को अन्दर तक समा लेती, लन्ड के हर प्रहार का जबाव में अपने चूतड़ उठा उठा कर दे रही थी। कमरे में मेरे मुँह से उत्तेजना भरी आवाजें गूंज रही थीं,” आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ! उईईईईई………उम्म्म्म्म्म्म्……… ।आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्……… ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्…… चोद ! मुझे ! कस कर ! हाँ ………और तेज ! जोर जोर से चोद मुझे ! अन्दर तक पेल दे अपने लन्ड को ! फ़ाड डाल मेरी चूत को ! बहुत मजा आ रहा है। और चोद , कस कर चोद, सारा लन्ड डाल कर पेल ! मेरी चूत बहुत ही तंग करती है मुझे ! आज इसको शान्त कर दो अपने लन्ड से ! बहुत दिन बाद चूत की खुजली मिट रही है ! हाँ और तेज ! और तेज ! उईईईईईईइ………आआआअहाआअ………उह्ह्ह्ह्ह्ह्… ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्……………ओफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्……………हाँ…………” अचानक मेरा पूरा जिस्म अकडने लगा और में झड़ गई इतनी जोर से स्खलित हुई की गर्म गर्म रस से मेरी चुत भर गयी। अभी भी ससुर जी लगातार मुझे तेजी से चोदे जा रहे थे और करीब १५ मिनट तक चोदने के बाद मेरी चुत में ही झड गए! मुझ में अब उठ कर बैठने की भी हिम्मत नहीं थी! ससुर जी ने मुझे गोद में उठाया और बाथरूम में ले गए मुझे जोर का पेसाब लगा था।
मैने ससुर जी को कहा आप बाहर जाओ मुझे …पेसाब करना है लेकीन ससुर जी नहीं माने और कहा बहु तेरी चुत से पेसाब निकलता हुआ मुझे देखना है! में शरमा गयी ससुर जी बोले बहु अब क्यों शरमा रही हो और में सर नीचे कर के कमोड पर बैठ कर उनके सामने मूतने लगी और मैने देखा मेरी चुत से पेसाब के साथ खून भी आ रहा था मैने ससुर जी पर नाराजगी दिखाते हुए कहा आपने मेरी चुत फाड दी है देखो खून भी आ रहा है ससुर जी ने नीचे झुक कर मेरी चुत के दाने पर उंगली रगड़ दी अब मेरी चुत में जोर से खुजली हुई और मैने ससुर जी को देखा उनका हलंबी लंड पुरे जोरो से खडा था एक बार तो में लंड को देखते ही डर गयी लेकीन क्या करती मेरी चुत में भी तो जोरो की खुजली लगी थी अब में बेशरम बन गयी थी ससुर जी के लन्ड को मुह मे ले कर चुसने लगी और देखते ही देखते लन्ड महाराज मेरी पकड़ से बहार होने लगे! ससुर जी बोले बहु एक बार और चुदाई कर लेने दो मेने चुपचाप लन्ड को चुत के दाने से रगडना शुरु कर दिया मेरी चुत मे तो जेसे आग लगी थी अब ससुर जी ने एक ही झटके पुरा का पुरा लन्ड चुत मे डाल दिया मेरी तो जान ही निकल गई और मेने कहा पापा जी मज़ा आ गया चोदो अपनी बहु को जोर से चोदो! कमोड पर बैठे हुए ससुर जी ने मेरी दोनो टागे अपने कधे पर रखी हुई थी
इस तरह से मेरी गान्ड का भुरा ……छेद साफ़ दिखाई दे रहा था ससुर जी ने चुत से लन्ड निकाला और मेरी गान्ड मे पुरे जोर से अनदर कर दिया मेरी जोरो से चीख निकल गई हाय माँ मर गई! ससुर जी का लन्ड मेरी गान्ड मे पिसटन की तरह चल रहा था! मुझ से बरदाश्त नहीं हुआ और मेरी चुत ने लबालब रस छोड दिया!आधे घंटे की घमसान गान्ड चुदाई के बाद ससुर जी ने मेरी गान्ड लन्ड रस से भर दी! अब तो ससुर जी का हलंबी लंड मेरी मुनिया चुत को भा गया था और रोज़ ही रात को चुदाई का खेल होने लगा ! एक रात को मेरी नंनद पूजा ने मेरी चुदाई का खेल देख लिया और मेने पूजा को ससुर जी यानी पूजा के पापा से केसे चुदवाया वो फिर कभी और नंनद भाभी एक साथ चुदाई का मजा लेने लगे।
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भोजन बनांते समय फटा कुकर 2 युवकी गम्भीर
चोपन रिपोर्ट प्रमोद कुमार:- चोपन थाना क्षेत्र के चोपन बेरियर मलहिया टोला में उस समय हादसा हो गया जब भोजन बनाते समय कूकर फट गया। इस हादसे में सीमा(13) पुत्री कांता प्रसाद और रानी(20) पति राजेश का शरीर अधजला हो गया। बताया जा रहा कि एक युवती दूसरी युवती को हटाकर सिटी देर तक नही बजी तो दूसरी युवती ने चेक करने गई तभी कुकर कि सिटी अचानक से फट गई और दहाड़ उठी दोनी युवती के शरीर को पूरी तरह जल ही चुकी थी ।
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नेरवा: बस स्टैंड में दुकान में लगी आग, आग में झुलसा पुलिस जवान और चौकीदार नेरवा बस स्टैंड में दुकान जलकर राख हो गई। इससे लाखों के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। आग पर काबू पाते समय पुलिस का एक जवान और परिवहन निगम का चौकीदार बुरी तरह से झुलस गया। चौकीदार को प्रारंभिक उपचार के बाद आईजीएमसी शिमला के लिए रेफर कर दिया गया है। जब आग पर काबू पाया जा रहा था, तभी गैस सिलिंडर फट गया। इससे पुलिस जवान और चौकीदार झुलस गए। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बस स्टैंड में देर रात कलिमो दीन पुत्र मजीद दीन की किराना की दुकान में अचानक आग लग गई। लोगों ने दुकान से आग की लपटें निकलती देखी।
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