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#मानसून नाश्ता
trendingwatch · 2 years
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ट्राई करें पंकज भदौरिया के "ओह सो यम ब्रेड कटलेट"
ट्राई करें पंकज भदौरिया के “ओह सो यम ब्रेड कटलेट”
मास्टरशेफ पंकज भदौरिया इंस्टाग्राम पर अपनी पाक क्लास के साथ वापस आ गए हैं। आज हम क्या पका रहे हैं इसके बारे में कोई अनुमान? यहाँ एक संकेत है, हम बोरिंग ब्रेड को एक स्वादिष्ट स्पिन देने जा रहे हैं। न तो ब्रेड पकोड़े और न ही लेयर्ड सैंडविच, यह कुछ ब्रेड कटलेट का समय है। रोटी और मिश्रित सब्जियों से बना एक प्रसिद्ध भारतीय नाश्ता। आप इन्हें लंच या डिनर पार्टी में मेन कोर्स के साथ स्टार्टर के तौर पर…
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newsreporters24 · 3 years
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Raveena Tandon Shares Funny Pic Of Snacks On Newspaper, Fans Love The Irony
Raveena Tandon Shares Funny Pic Of Snacks On Newspaper, Fans Love The Irony
मानसून का मौसम आखिरकार देश में दस्तक दे चुका है और नागरिक सीजन की पहली बारिश का आनंद ले रहे हैं। बरसात के दिनों में इमली की चटनी के साथ मसालेदार भजिया और गरमा गरम समोसे खाने की इच्छा होती है। हालांकि, ये मानसून स्नैक्स ज्यादातर डीप फ्राई होते हैं और इसलिए कैलोरी से भरपूर होते हैं। इस प्रकार, जो लोग अपना वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं वे आमतौर पर इन भारी स्नैक्स से बचते हैं। इस सिलसिले में हाल ही…
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mykrantisamay · 3 years
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नाश्ता वार्ता सभी के लिए स्वादिष्ट नहीं है? राहुल गांधी की बैठक में नदारदियां विपक्ष के झंझटों का पर्दाफाश
नाश्ता वार्ता सभी के लिए स्वादिष्ट नहीं है? राहुल गांधी की बैठक में नदारदियां विपक्�� के झंझटों का पर्दाफाश
मंगलवार को विपक्ष के लिए यह व्यस्त दिन था क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली कई पार्टियों ने राहुल गांधी, ‘मॉक पार्लियामेंट’ की रणनीति तैयार करने के लिए नाश्ते पर मुलाकात की क्योंकि पेगासस जासूसी विवाद और किसानों के विरोध पर विपक्ष द्वारा सरकार को घेरने के साथ मानसून सत्र अब तक विफल रहा है। हालांकि, जैसे ही गांधी की कई नेताओं के साथ भव्यता का आनंद लेते हुए तस्वीरें सामने आईं, कुछ ने प्रमुख…
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ideacitinews · 3 years
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Darbhanga: सीएम ने की संभावित बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा...
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Darbhanga: संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ के लिए अग्रिम तैयारी को लेकर संबंधित विभाग के माननीय मंत्री, अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक, जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक की गई। बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार के प्रधान सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने पावर प्वाइंट प्रस्तुतीक���ण के माध्यम से बाढ़ एवं सूखा पूर्व तैयारी के लिए किए जाने वाली व्यवस्था को बिंदुवार प्रस्तुत किया जिसके अनुसार बताया गया कि मानसून वर्ष 2021 वर्षापात का पूर्वानुमान 16 अप्रैल, 2021: भारत मौसम विज्ञान विभाग के दीर्घकालीन पूर्वानुमान के अनुसार इस वर्ष मानसून अवधि (जून से सितंबर) के दौरान संपूर्ण देश में सामान्य वर्षापात की संभावना है। पूरे भारत में मात्रात्मक रूप से दीर्घकालिक औसत का 98 प्रतिशत(+_ 5 प्रतिशत मॉडल त्रुटि के साथ) वर्षापात की संभावना है। समूचे भारत में मॉनसून ऋतु में वर्षा का दीर्घावधि (1961-2010) और 88 सेंटीमीटर है। मई माह के अंतिम सप्ताह में वर्षापात पूर्वानुमान को अद्यतन करते हुए रीजन वाइज अनुमान जारी किया जाएगा। साथ ही अलग से जून माह के लिए स्पेसिफिक पूर्वानुमान भी जारी किया जाएगा। बाढ़ पूर्व तैयारी संबंधी महत्वपूर्ण बिन्दु एनडीआरएफ/एसडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति, नाव की व्यवस्था, पॉलीथिन शीट की व्यवस्था, राहत सामग्रियों-चूड़ा, गुड़, चना, सत्तू, नमक आदि खाद्य पदार्थों का दर निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ता का चयन। अन्य सामग्रियों यथा जनरेटर, राहत शिविरों में उपयोग हेतु बर्तन आदि के भाड़ा का निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ता का चयन। संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा की जा रह कार्रवाई दिनांक 5 मई 2021 को सभी जिलों को बाढ़ आपदा प्रबंधन द्वारा संचालन प्रक्रिया के अनुसार बाढ़ पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर लेने का विस्तृत दिशा निर्देश निर्गत किया गया है।      कोरोना वायरस संक्रमण से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर बाढ़ पूर्व की जाने वाली तैयारियों एवं बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्य के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क की पर्याप्त उपलब्धता एवं पहनने की अनिवार्यता, हैंडवाश एवं सैनिटाइजर का प्रयोग तथा अन्य सुरक्षा मानकों का विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।     बाढ़ पूर्व तैयारी हेतु आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जिलों को 22.35 करोड़ रुपये दिनांक 6 मई 2021 को आवंटित किया गया है। बाढ़ पूर्व तैयारी संबंधी महत्वपूर्ण बिंदु ⚫बाढ़ शरण स्थलों का चिन्हितकरण एवं वहां की जाने वाली व्यवस्थाएं। ⚫ जिला आपातकालीन संचालन केंद्र(DEOC) नियंत्रण कक्ष की स्थापना करना। ⚫ Gratuitous Relief(GR) वितरण में DBT का प्रयोग करना। ⚫ स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति एवं मानव दवा की व्यवस्था करना। ⚫ पशुचारा एवं पशु दवा की व्यवस्था करना। तटबंधों की सुरक्षा/ सड़कों की मरम्मति करवाना। एनडीआरएफ/एसडीआरएफ टीमों द्वारा अपने प्रतिनियुक्त वाले जिलों में समुदाय को बाढ़ से बचाव के संबंध में मॉकड्रिल आदि के माध्यम से जागरूकता करना एवं प्रशिक्षण दिलाना। बाढ़ प्रवण जिलों में उपलब्ध मोटरबोट/ लाइफ जैकेट आदि उपकरणों का वाढ़ से पूर्व जांच एवं मरम्मति का कार्य करवाना। बाढ़ आने पर प्रतिनियुक्त आदेश तुरंत जारी कर दें तथा उक्त स्थलों पर नाव चल रहा है अथवा नहीं इसकी जांच समय पर करवाएं। चलाई जा रही नावों पर तख्ती लगी रहे जिस पर अंकित रहे की यह राज्य सरकार की ओर से नि:शुल्क सेवा है। उक्त नावें निश्चित स्थल/ घाट से चलेगी। उक्त घाट पर सूचना पट्ट लगा रहना आवश्यक है, जिसमें नाविकों का नाम तथा संचालन अवधि अंकित रहेगी। नावों कि भाड़ क्षमता का आकलन मोटर यान निरीक्षक से कराकर नावों की निर्धारित भार क्षमता अंकित करा दी जाए ताकि ओवरलोडिंग के कारण नाव दुर्घटनाएं न हो सके। नावों की व्यवस्था आवश्यकतानुरूप पर्याप्त संख्या में निजी देसी नावों की उपलब्धता प्रयास केंद्रित किया जाए। इसके लिए निजी नाव मालिकों के साथ इस आशय का एकरारनामा किया जाए कि बाढ़ आने की स्थिति में वे अपनी नावों (परिचालन योग्य एवं अच्छी स्थिति में) को नाभिक सहित जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएंगे। नाव के भाड़े का निर्धारण संबंधित प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा किया जाना, जो अपने अधीनस्थ जिला पदाधिकारी से प्राप्त प्रतिवेदन की समीक्षा कर अपने स्तर से प्रत्येक जिले में निजी नावों को निर्धारित संख्या में रखने की अनुमति देंगे एवं नावों के भारे का निर्धारण अपने प्रमंडल के सभी जिलों के लिए समान रूप से करेंगे।     नाविकों की मजदूरी का भुगतान श्रम संसाधन विभाग प्राइवेट फेरिज एवं एलटीसी के कुशल श्रेणी के कामगारों के लिए निर्धारित मजदूरी संबंधी अधिसूचना के अनुसार।        नावों की देख-रेख एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी नाव मालिकों की होगी।उन्हीं नाव मालिकों के साथ एकरारनामा किया जाएगा, जिनके नावों का निबंधन हो तथा सुरक्षा मानकों को पूरा करते हो।प्रत्येक नाव के लिए अलग-अलग लॉगबुक खोला जाएगा, जो नाव पर ही उपलब्ध रहेगा।लॉगबुक का सत्यापन प्रत्येक 3 दिन में एक बार प्रतिनियुक्त कर्मी के द्वारा किया जाएगा। पॉलिथीन शीट् की उपलब्धता विभागीय पत्रांक 1155/आ.प्रा., दिनांक 20.04.2018 के पॉलीथिन शीट के क्रय एवं भंडारण के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश निर्गत किया गया है। प्रमंडल मुख्यालय के जिलों को पॉलीथिन शीट के क्रय हेतु नोडल जिला बनाया गया है। प्रमंडल अंतर्गत सभी जिलों से प्राप्त अधियाचना के आलोक में नोडल जिला द्वारा चयनित आपूर्तिकर्ता से पॉलीथिन शीट का क्रय किया जाएगा तथा चयनित आपूर्तिकर्ता के द्वारा संबंधित जिलों को उपलब्ध कराया जाएगा।       संबंधित जिलों से पॉलीथिन शीट की प्राप्ति एवं गुणवत्ता संबंधी प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नोडल जिला द्वारा आपूर्तिकर्ता को राशि का भुगतान किया जाएगा। राहत सामग्रियों का दर निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ताओं का संभावित बाढ़ के मद्देनजर चूड़ा, चना, चीनी, नमक, मोमबत्ती, माचिस आदि राहत सामग्रियों एवं भाड़ा पर जनरेटर, बर्तन आदि के लिए दर निर्धारण 30 मई 2021 तक किया जाना। बाढ़ शरण स्थल      कोविड-19 के आलोक में सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन हेतु विगत वर्ष की अपेक्षा अधिक संख्या में बाढ़ राहत शिविरों का को चिन्हित करने की आवश्यकता होगी। चिन्हित शरण स्थलों से सम्बद्ध गांव/ टोलों के निवासियों को इसकी जानकारी दे दी जाए। कोविड-19 के आलोक में बाढ़ शरण स्थलों पर संकटग्रस्त (Vunerable) समूह जैसे- वृद्धजन, दिव्यांगजन, बच्चे, गर्भवती एवं  धात्री महिलाओं के लिए अलग से सेक्शन/ ब्लॉक की समुचित व्यवस्था। चिन्हित शरण स्थलों पर शुद्ध पेयजल, पर्याप्त रोशनी, साफ-सफाई, महिलाओं एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय आदि की व्यवस्था हेतु योजना बना ली जाए। चिन्हित शरण स्थलों पर चिकित्सा शिविर लगाने हेतु भी स्थल चिन्हित कर लिया जाए। चिकित्सा शिविरों में चिकित्सा दलों की प्रतिनियुक्त एवं पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाओं की व्यवस्था कर ली जाए। बाढ़ शरण स्थलों में पर्याप्त संख्या में थर्मल स्कैनर एवं मेडिकल स्क्रीनिंग की व्यवस्था कर ली जाए।      मेडिकल स्क्रीनिंग के पश्चात symptomatic व्यक्तियों को शरण स्थल के यथासंभव सुरक्षित दूरी पर बनाए गए हेल्थ क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजने की व्यवस्था कर ली जाए। पशुओं के लिए भी शरण स्थल हेतु उपयुक्त स्थल को चिन्हित कर लिया जाए। आबादी निष्क्रमण, के लिए बताया गया कि कोविड-19 के परिपेक्ष्य में बाढ़ के दौरान आबादी निष्क्रमण विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पूर्व से ही संकटग्रस्त (Vulnerable) समूह जैसे- वृद्धिजन, दिव्यांगजन, बच्चे गर्भवती एवं धात्री महिलाओं की पहचान कर ली जाए। गाँवों में मास्क की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। ग्राम पंचायतों में इसकी जवाबदेही पूर्व से दी जा चुकी है। जलप्लावित क्षेत्रों में से सुरक्षित स्थानों/ राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों को लाने के समय सोशल डिस्टेंसिंग का यथासंभव पालन किया जाए। इसके लिए नावों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। नावों/ मोटरबोटों को नियमित रूप से सनी टॉयज कराया जाए। नावों का Deployment Plan पूर्व से बना लिया जाए ताकि बाढ़ आने की स्थिति में त्वरित एवं बेहतर ढंग से आबादी निष्क्रमण का कार्य किया जा सके। राहत शिविरों के संचालन के समय विशेष ध्यान शरणार्थियों को राहत कैंपों में सुबह का नाश्ता तथा दोपहर एवं रात्रि खाने की व्यवस्था की जाए। तला हुआ भोजन नहीं परोसा जाए। भोजन तैयार करने एवं परोसने में साफ-सफाई का विशेष ध्यान। मास्क, हैंड सेनीटाइजर एवं हैंड वॉश की पर्याप्त व्यवस्था कर ली जाए। खाना खिलाने के लिए समय को स्ट्रगर करते हुए पालीवार भोजन की व्यवस्था तथा बैठने हेतु सोशल डिस्टेंसिंग नॉर्म्स का सख्ती से अनुपालन किया जाए। राहत शिविर में आवासित प्रत्येक बाढ़ पीड़ित को भोजन के लिए थाली, गिलास, कटोरी की आपूर्ति की जाए। राहत शिविर में आवासित सभी व्यक्ति एवं कार्यरत सभी अधिकारी, कर्मीगण अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करेंगे। अतः मास्क की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। राहत शिविर में यत्र-तत्र थूकने पर पूर्णत प्रतिबंध रहे। ड्राई राशन पैकेट्स/ फूड पैकेट्स का पैकेटिंग बाढ़ के दौरान प्रभावित परिवारों को आवश्यकतानुसार राशन पैकेट्स (चूड़ा-2.50kg) चना-1kg/ चीनी-0.5kg/ हैलोजन टेबलेट आदि उपलब्ध कराया जाता है। इसके अतिरिक्त विभागीय निर्देश प्राप्त होने पर फूड पैकेटस, चावल- 5kg, दाल- 1kg, आलू- 2KG/ सोयाबीन- 1kg हल्दी, (छोटा पैकेट), नमक-(0.5kg) का वितरण भी किया जाता है। ड्राई राशन पैकेटस/ फूड पैकेटस के पैकेटिंग का कार्य त्वरित गति से कराने की आवश्यकता पड़ती है। अतः पैकेटिंग  स्थलों एवं मानव बल को पूर्व से चिन्हित कर लिया जाए। महत्वपूर्ण-एयर ड्रोपिंग के लिए तैयार किया जाने वाले पैकेट का वजन 10 किग्रा से अधिक नहीं होना चाहिए।     मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाने वाली व्यवस्था बाढ़ राहत शिविरों में शरण लेने वाले बाढ़ पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से वस्त्र, भोजन हेतु बर्तन, साबुन, तेल, कंघी आदि की व्यवस्था। इस हेतु प्रत्येक बाढ़ शरणार्थी के लिए 600 रुपये की अधिसीमा निर्धारित है। बाढ़ अवधि में आबादी निष्क्रमण के दौरान नाव पर, अस्पताल में अथवा राहत शिविरों में जन्म लेने वाले प्रत्येक नवजात बच्चे के लिए 10000 रुपये एवं प्रत्येक नवजात बच्ची के लिए 15000 रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से व्यवस्था। जिला आपातकालीन संचालन केंद्र(DEOC) नियंत्रण बाढ़ अवधि मेंDEOC को 24×7 के पैटर्न पर 03 शिफ्ट में रखना एवं आवश्यकतानुसार कर्मियों की प्रतिनियुक्ति होगी। DEOC में स्थापित टेलीफोन को चालू स्थिति में रखना होगा। जिला संचार योजना/ दूरभाष निर्देशिका तैयार कर अद्यतन करना। दूरभाष निर्देशिका में जिला से प्रखंड/ पंचायत स्तर तक बाढ़ प्रबंधन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण अधिकारियों/ कर्मियों का दूरभाष/ मोबाइल नंबर के साथ आवश्यक सेवाओं, जनप्रतिनिधियों एवं त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों आदि के नाम एवं मोबाइल नंबर सम्मिलित करना। Gratuitous Relief(GR) वितरण में DBT का एसडीआरएफ मानदर के अनुरूप बाढ़ पीड़ित परिवारों को ₹6000 प्रति परिवार की दर से जीआर राशि का भुगतान किया जाता है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर वर्ष 2019 एवं 2020 में पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम का प्रयोग कर सीधे राज्य स्तर से ही सभी बाढ़ पीड़ित परिवारों के बैंक खाते में जीआर की राशि का अंतरण किया गया। इसके लिए एनआईसी के द्वारा आपदा सम्पूर्ति पोर्टल बनाया गया है, जिस पर जिला के सभी परिवारों की वार्डवार सूची (खाता नंबर सहित) अपलोड की जाती है। बाढ़ आने की दशा में प्रभावित पंचायत/ वार्ड को चिन्हित कर बाढ़ प्रभावित परिवारों को जिआर राशि डीबीटी की जाती है। इस वर्ष पुनः परिवारों की सूची अपडेट कर आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश सभी जिलों को दिया गया है। PFMS प्रणाली के प्रयोग से जीआर वितरण में काफी सुविधा एवं अपेक्षा अधिक पारदर्शिता आई है। तथापि विगत 2 वर्षों में प्राप्त अनुभ�� के आलोक में जीआर वितरण को और अधिक प्रभावी एवं त्रुटि रहित बनाने हेतु निम्नानुसार कार्यवाही करने का सुझाव है। पारिवारिक सूची को बनाने में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। इस सूची का निर्माणअद्दतीकरण निश्चित रूप से 30 मई तक पूर्ण कर लिया जाए एवं पदाधिकारियों के द्वारा कम से कम 25 प्रतिशत रेंडम वेरिफिकेशन करा लिया जाए। बाढ़ आने के उपरांत जीआर वितरण के कार्य को एक माह के अंदर पूर्ण किया जाए वितरण कार्य लंबी अवधि तक चालू रखने से अनियमित होने की संभावना बढ़ जाती है। बैठक में नगर विकास विभाग, बिहार, जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, स्वास्थ्य विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग, पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा अपनी अपनी तैयारी से संबंधित विवरण प्रस्तुत किया गया। बैठक में माननीय मुख्यमंत्री ने बाढ़ सहायता राशि का भुगतान बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सही लाभुकों के बीच करने के निर्देश दिए। साथ ही बाढ़ के दौरान कार्य पर लगाए जाने वाले सरकारी एवं गैर सरकारी लोगों का टीकाकरण करा देने का निर्देश दिया। उन्होंने जल संसाधन विभाग के सचिव को निर्देशित किया कि पूर्व में बाढ़ के दौरान जिन स्थलों पर बांध प्रभावित रहा है पहले वहां की मरम्मति करा ली जाए। उन्होंने ग्रामीण कार्य विभाग को सभी क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण अच्छी तरह से करवाने के निर्देश दिए। बैठक में बिहार के माननीय उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, माननीय शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, माननीय ऊर्जा मंत्री श्री विजेंद्र प्रसाद यादव, माननीय कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, माननीय मंत्री जल संसाधन विभाग सह सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग श्री संजय कुमार झा, माननीय मंत्री लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग डॉ.रामप्रीत पासवान एवं माननीय मंत्री पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन विभाग श्री मुकेश साहनी उपस्थित थे।     बैठक में मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, माननीय मुख्यमंत्री के परामर्शी श्री अंजनी कुमार सिंह, माननीय मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार तथा श्री चंचल कुमार, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री संजय कुमार, पीएचईडी के सचिव श्री जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, कृषि विभाग के सचिव श्री एन श्रवण कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस उपस्थित थे।      दरभंगा से जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम एवं वरीय पुलिस अधीक्षक श्री बाबूराम ऑनलाइन उपस्थित थे। जिलाधिकारी द्वारा बैठक में बाढ़ के दौरान आकस्मिकता में एमडीएम के चावल का प्रयोग सामुदायिक किचन के लिए करने की अनुमति प्रदान करने अनुरोध किया गया।
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राजू सिंह की रिपोर्ट Read the full article
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kisansatta · 4 years
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क्या शादी करना करियर का अंत है ?
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भारतीय महिलाओं के अनुसार, उनके पति और बच्चों की सुरक्षा हमेशा उनकी पहली प्राथमिकता रही है। इस सब के दौरान, क्या वे सचमुच अपने सपनों और करियर को खुशी से नहीं त्याग रहे हैं? वे अपने पारिवारिक जीवन से परे क्यों नहीं सोचते हैं कि क्या महिलाओं में आत्म टिकाऊ और आत्म जिम्मेदारी नहीं बची है? या क्या वे अपने पारिवारिक जीवन से अलग अपनी योग्यता को पहचान नहीं पा रहे हैं?
इन सभी प्रश्नों का एकमात्र उत्तर ‘इच्छा‘ है। यदि कोई व्यक्ति, विशेष रूप से एक महिला, अपनी इच्छा और अपने स्वाभिमान को बनाए रखने का साहस रखती है, तो उसे रोकने का कोई तरीका नहीं है।
  विवाह एक बहाना है जो एक महिला अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए अपनी इच्छा की कमी को व्यक्त करने के लिए उपयुक्त पाती है। वही लड़की, जिसने शुरू से ही कड़ी मेहनत करने, पैसे कमाने और अपने माता-पिता को वह जीवन देने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए उसने सपने देखे थे, अपने लक्ष्यों को भूल जाती है और उन्हें शादी करवाने के लिए दोषी ठहराती है, जिसके कारण वह वो सब नहीं कर पाती जो वह चाहती थी। लेकिन यहाँ यह सवाल उठता है कि आपने अपने लक्ष्य को क्यों छोड़ दिया? विवाह केवल आपके उपनाम को बदल देता है आपकी शिक्षा को नहीं, केवल आप जिन लोगों के साथ जी रहे हैं उनको बदल देता है, उनके समर्थन को नहीं।
मान लीजिये कि आपके पास एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय से बी.एड की डिग्री है, तो विवाहित होने से आपको नौकरी करने या उच्च शिक्षा प्राप्त करने में शादीशुदा होना किसी भी स्थिति में कम सक्षम नहीं बनाता है। व्यक्तिगत रूप से, मैंने  कई शिक्षित महिलाओं को शादी करते हुए देखा है और कैरियर की दृष्टि से वह बेकार जीवन जी रही है। जल्दी उठना, नाश्ता बनाना, बच्चों को स्कूल भेजना, अपने पति को कार्यालय भेजना, घर का काम करना और फिर इस सब के बाद केवल यही पूरे दिन उनके दिमाग में चलता रहता है  की “अब खाने में क्या बनाउ”?  मेरा विश्वास करो यह सबसे कठिन सवाल है जिसका कोई स्थायी जवाब नहीं है और हमारी महिलाओं के दिमाग में सबसे बड़ी परेशानियों में से एक है, मैंने माताओं लिखा होता लेकिन यहां मैं सभी महिलाओं के बारे में बात कर रही हूं।
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मुझे कभी-कभी चिढ़ होती है, लेकिन हम किसी व्यक्ति को अपनी इच्छा से परे कुछ करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं। अगर मेरे पास दस कारण हैं कि उन्हें  क्यों ‘अपनी रोटी कमानी चाहिए’ तो उनके पास स्पष्टीकरणों की एक श्रृंखला है कि वे क्यों नहीं कर सकते या क्यों नहीं करना चाहिए। मुझे आश्चर्य है कि कैसे लोग खुद को इतना हावी महसूस कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, मैंने एक बार एक विवाहित महिला से अंग्रेजी का अभ्यास शुरू करने के लिए कहा क्योंकि इससे लोगों के सामने बोलने के लिए उसका आत्मविश्वास काफी बढ़ जाएगा, उसने 12 वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी और फिर शादी की थी, उसके पास मेरे सुझाव का एक ही जवाब था ‘अब क्या करना , अब तो शादी हो गयी है ‘। मैं उसके जवाब के बाद हैरान थी, उसने मुझे अपने भविष्य के बारे में दो बार सोचने पे मजबूर कर दीया।
कुछ महिलाएं अपने करियर को आगे बढ़ाना चाहती हैं, लेकिन अक्सर एक शिकायत होती है कि उनके पति उन्हें काम करने की अनुमति नहीं देते हैं। ईमानदारी से किसी को भी इस लेख को पढ़ने के बाद यह सवाल  मन में आना चाहिए जो बड़े देर से मुझे चकित कर रहा है, शादी की सात प्रतिज्ञा करते हुए, क्या कोई भी प्रतिज्ञा आपको इस बंधन में बांधती है कि आपको अपने पति से अनुमति लेनी होगी कुछ भी करने के लिए या करने कि इच्छा के लिए ?. मेरी जानकारी के अनुसार, ऐसी कोई बात नहीं है। क्या आपके माता-पिता ने बचपन से लेकर अब तक आपको शिक्षित करने के लिए आपके पति से पूछा? क्या उन्होंने आपको काम करने और पैसा कमाने के लिए योग्य बनाया ताकि समय आने पर आप अपने पति से पूछ सकें और अपनी इच्छा के अनुसार अपना करियर खत्म कर सकें?
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यदि इस सब का जवाब नहीं है, तो इंतजार क्यों, और समय क्यों बर्बाद करें । अपने पति को एक अच्छी शिक्षित और कामकाजी महिला का गौरवशाली पति होने दें, अपने बच्चों को एक प्यार करने वाली माँ के अलावा आपको अपने करियर मॉडल के रूप में देखने का मौका दें । यदि आपके पास इच्छाशक्ति है, तो दुनिया आपके विचार से कहीं अधिक है। हर किसी को कुछ काम करने होते हैं, इसलिए जब तक आप अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच जाते हैं, तब तक खोज और श्रम करें, और अपने करियर और जीवन के लिए शादी को एक उत्साजनक प्रेरणा बनाए और उसे अपने करियर के बीच आने का बहाना बनाना छोड़ दे। आप खुश तोह सब खुश ।
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onlyhindinewstoday · 4 years
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Monsoon Breakfast Tasty Pakora Recipe How To Quickly Make Tasty Pakora - मानसून में घर में बनाएं स्वादिष्ट पकौड़ी, इन चीजों का करें इस्तेमाल
Monsoon Breakfast Tasty Pakora Recipe How To Quickly Make Tasty Pakora – मानसून में घर में बनाएं स्वादिष्ट पकौड़ी, इन चीजों का करें इस्तेमाल
लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली, Updated Thu, 16 Jul 2020 09:06 AM IST
मानसून के मौसम की शुरुआत हो गई है। इस सुहाने मौसम में पकौड़ी खाने का मजा ही अलग है। बरसात में पकौड़ी और चाय तो सोने पर सुहागा जैसा हो जाता है। आप भी अगर इस मौसम में स्वादिष्ट पकौड़े बनाने की सोच रही हैं तो आज हम आपको कई तरहों के पकौड़े बनाने के बारे में बताएंगे। पकौड़ी शाम का सबसे बेहतरीन नाश्ता होता है, खासकर बरसात के…
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trendingwatch · 2 years
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मानसून स्पेशल: 5 पनीर स्नैक्स आपको इस मानसून सीजन में जरूर ट्राई करना चाहिए
मानसून स्पेशल: 5 पनीर स्नैक्स आपको इस मानसून सीजन में जरूर ट्राई करना चाहिए
बारिश के बाद की मिट्टी की सुगंध, शाम की सैर का आनंद, कड़क चाय के प्याले के साथ कुरकुरे स्नैक्स का स्वाद, मन को सु��ून देने वाले गाने और भी बहुत कुछ, मानसून अवर्णनीय आनंद की एक लंबी सूची के साथ आता है। यह सुखदायक हवा और ताज़ा मौसम कुछ गर्म और कुरकुरे की मांग करता है। से समोसा ब्रेड पकोड़ा, बोंडा, इडली और बहुत कुछ, मानसून में शाम के कप्पा के साथ आनंद लेने के लिए स्नैक्स की कभी न खत्म होने वाली सूची…
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newsreporters24 · 3 years
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6 Delicious Vegetarian Tikki Recipes That Are Perfect On A Rainy Day
6 Delicious Vegetarian Tikki Recipes That Are Perfect On A Rainy Day
मानसून के आगमन के साथ, हम सभी को अपने भोजन के साथ कुछ मसालेदार और कुरकुरे खाने की लालसा होने लगती है। और चूंकि इस लालसा से बचने का कोई रास्ता नहीं है, हम भी इसे दे सकते हैं, लेकिन स्वस्थ तरीके से। मध्याह्न भोजन की भूख को कम करने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है जल्दी से नाश्ता करना और इसके साथ चाय का प्याला लेना। खैर, हमने अनुशंसा की है कि आप चाय को कुछ स्वादिष्ट शाकाहारी टिक्की के साथ मिलाएं…
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quickyblog · 4 years
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मॉनसून के लिए 5 प्याज के स्नैक्स आपको छोड़ देंगे
मॉनसून के लिए 5 प्याज के स्नैक्स आपको छोड़ देंगे
हाइलाइट
यहां मानसून पूरे जोरों पर है
वहाँ umpteen नाश्ता आप प्याज के साथ तैयार कर सकते हैं
प्याज़ कचौरी एक आदर्श मानसून स्नैक है
मानसून यहाँ हैं और कैसे! हम आपके बारे में नहीं जानते हैं, लेकिन निप्पी, बरसात की शाम के बारे में कुछ है जो सभी चीजों के लिए हमारी लालसा को तेज करता है। हां, आपने अनुमान लगाया होगा – हम वास्तव में, एक कप के बारे में बात कर रहे हैं मसाला चाय तथा पयाज के पकौडे।लेकिन यह…
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trendingwatch · 2 years
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वड़ा पाव-कटिंग चाय: मुंबई का यह स्टेपल एक आदर्श मानसून नाश्ता बनाता है
वड़ा पाव-कटिंग चाय: मुंबई का यह स्टेपल एक आदर्श मानसून नाश्ता बनाता है
गर्मी लगभग खत्म हो चुकी है, मानसून का रास्ता बना रहा है। दरअसल, भारत के कुछ हिस्सों में पहले से ही भारी बारिश शुरू हो चुकी है। इससे बाद में तापमान में गिरावट आई है और हम पूरी तरह से हवा में झपकी का आनंद ले रहे हैं। खिड़की के शीशे पर हरी-भरी प्रकृति और पिटर-पैटर के अलावा, हम मानसून के बारे में सबसे ज्यादा आनंद लेते हैं, वह है स्वादिष्ट खाद्य पदार्थों की लालसा। मानसून चाय, पकोड़ा, समोसा और सभी…
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trendingwatch · 2 years
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मानसून स्पेशल: शाम की चाय के साथ खाएं ये झटपट और आसान ब्रेड वड़ा
मानसून स्पेशल: शाम की चाय के साथ खाएं ये झटपट और आसान ब्रेड वड़ा
‘मौसम के देवता’ ने आखिरकार हमारी प्रार्थनाओं का जवाब दे दिया है! गर्मी की भीषण गर्मी से तड़पने के बाद, मानसून ने बारिश की फुहारों से हमारा स्वागत किया है! चिलचिलाती बारिश ने भीषण गर्मी से कुछ राहत दिलाने में कामयाबी हासिल की है। जबकि हम सभी अपने घरों से बारिश को देखकर मौसम की सराहना करना पसंद करते हैं, हम जो चाहते हैं वह कुछ स्वादिष्ट स्नैक्स का आनंद लेने के लिए हमारे बरसात के दिन को संतुष्ट करने…
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