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#श्री कृष्ण जन्माष्टमी मिठाई
magahinews · 2 years
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मेले में उमड़ी भक्तों की भीड़, कृष्णभक्तों ने निकाला भव्य शोभायात्रा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मेले में उमड़ी भक्तों की भीड़, कृष्णभक्तों ने निकाला भव्य शोभायात्रा
Sheikhpura: श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर बरबीघा के मिशन ओपी के समीप सीमावर्ती नालंदा जिले के अलीनगर गांव में आज भव्य मेला का आयोजन किया गया। जिसमें बरबीघा एवं इसके आस-पास के इलाकों से भारी संख्या में भीड़ जुटी। बरबीघा शहरी क्षेत्र के अलावे नालंदा जिले के खेतलपुरा, सारे, हरगावां, गिलानी, अम्माबीघा आदि गाँव के लोग मेला देखने पहुँचे। मेले को भव्य बनाने के लिए तरह-तरह के झूले के साथ मिठाई , खिलौने…
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newsxpaper · 3 years
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जन्माष्टमी 2021: घर पर बना रही हैं मिठाई? जन्माष्टम के लिए ट्राई करें यह अनोखा काजू और पिस्ता रोल
जन्माष्टमी 2021: घर पर बना रही हैं मिठाई? जन्माष्टम के लिए ट्राई करें यह अनोखा काजू और पिस्ता रोल
जन्माष्टमी नजदीक है, और हमें यकीन है कि आपका उत्साह चरम पर है! जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है, जिनका जन्म आठवें दिन या पवित्र महीने, श्रावण की ‘अष्टमी’ की आधी रात को हुआ था। इस बार जन्माष्टमी 30 अगस्त (सोमवार) को मनाई जा रही है। यह पवित्र दिन कृष्ण भक्तों के बीच बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। चूंकि यह त्योहार व्यापक रूप से मनाया जाता है, इसलिए बहुत से लोग प्रसाद के रूप में चढ़ाए…
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ideacitinews · 3 years
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Nalanda/रहुई: जन्माष्टमी को लेकर रहुई बाजार में काफी चहल-पहल
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Nalanda/रहुई: श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर रहुई बाजार में काफी चहल-पहल बढ़ गई है प्रखंड के धमौली बाजार, बेना, भागन बीघा सहित कई जगह पर भगवान श्री कृष्ण की पूजन सामग्री की दुकान पूरी तरह से सजी हुई दिखाई दिया। वही महिला लोग बाल लाल गोपाल की मूर्तियां तरह-तरह के रंग-बिरंगे खरीदने में जुटा हुआ था। दरअसल बीते वर्ष करोना के कारण लोग कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के साथ नहीं मनाया गया था, पिछले वर्ष के सिर्फ औपचारिकता पूरी किया गया था। मगर इस बार लोगों में खासा उत्साह दिख रहा है महिलाओं भगवान श्री कृष्ण का मूर्ति सजाने का सामान खरीद रहे हैं फलों एवं मिठाई की दुकानें में काफी भीड़ देखा जा रहा है। सामान की खरीदारी में सबसे ज्यादा महिला की भीड़ देखने को बाजार में मिल रहा है। पंकज कुमार की रिपोर्ट Read the full article
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devipujan · 3 years
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#श्री #कृष्ण #जन्माष्टमी, जिसे केवल #जन्माष्टमी या #गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, एक #वार्षिक हिंदू #त्योहार है जो विष्णुजी के #दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें #अवतार #श्रीकृष्ण के जन्म का जश्न मनाता है।[1] यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, कृष्ण पक्ष (��ंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन (अष्टमी) को श्रावण या भाद्रपद में मनाया जाता है (इस पर निर्भर करता है कि कैलेंडर #अमावस्या या पूर्णिमा के दिन को महीने के अंतिम दिन के रूप में चुनता है या नहीं[2]। जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त या सितंबर के साथ ओवरलैप होता है।[3]कृष्ण जी भगवान विष्णु जी के अवतार हैं, जो तीन लोक के तीन गुणों #सतगुण, रजगुण तथा तमोगुण में से सतगुण विभाग के प्रभारी हैं।[6] भगवान का अवतार होने की वजह से कृष्ण जी में जन्म से ही #सिद्धियां मौजूद थीं। उनके माता पिता वसुदेव और देवकी जी के विवाह के समय मामा कंस जब अपनी बहन देवकी को ससुराल पहुँचाने जा रहा था तभी आकाशवाणी हुई थी जिसमें बताया गया था कि देवकी का आठवां पुत्र कंस को मारेगा। अर्थात् यह होना पहले से ही निश्चित था अतः #वसुदेव और देवकी को जेल में रखने के बावजूद कंस #कृष्ण जी को नहीं मार पाया।[6]
मथुरा की जेल में जन्म के तुरंत बाद, उनके पिता वसुदेव #अनकदुन्दुबी कृष्ण को यमुना पार ले जाते हैं, ताकि माता-पिता का गोकुल में नंद और यशोदा नाम दिया जा सके। #जन्माष्टमी पर्व लोगों द्वारा #उपवास रखकर, कृष्ण प्रेम के भक्ति गीत गाकर और रात में जागरण करके मनाई जाती है।
हालांकि #श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार व्रत-उपवास तथा जागरण को शास्त्र #विरुद्ध साधना कहा है ।
अध्याय 6 का श्लोक 16
(#भगवान उवाच )
न, अति, अश्नतः, तु, योगः, अस्ति, न, च, एकान्तम्, अनश्नतः
न, च, अति, #स्वप्नशीलस्य, #जाग्रतः, न, एव, च, अर्जुन।
हे #अर्जुन! यह योग न तो बहुत खाने वाले का, न #बिलकुल न खाने वाले का, न #बहुत शयन करने के स्वभाव वाले का और न सदा जागने वाले का ही सिद्ध होता है || 16 ||[6]
#मध्यरात्रि के जन्म के बाद, शिशु कृष्ण की मूर्तियों को धोया और #पहनाया जाता है, #फिर एक पालने में रखा जाता है। इसके बाद भक्त भोजन और मिठाई बांटकर अपना #उपवास तोड़ते हैं। #महिलाएं अपने घर के दरवाजे और रसोई के बाहर छोटे-छोटे पैरों के निशान #बनाती हैं जो अपने घर की ओर चलते हुए, अपने घरों में कृष्ण के आने का प्रतीक #माना #जाता है।
*सर्व सिद्ध पीठ पांडव कालीन माँ बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा*
*माँ बागलामुखी उपासक*
*पं दीपू आचार्य*
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bhaktisarovar · 4 years
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भगवान श्रीकृष्ण को 56 प्रकार के व्यंजन परोसे जाते हैं जिसे #56भोग कहा जाता है, बालगोपाल को लगाए जाने वाले इस भोग की बड़ी महिमा है। कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण को माखन मिश्री, धनिये की पंजीरी और दूध दही से बनने वाले भोग प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। देश के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिरों में इस खास मौके पर 56 भोग चढ़ाया जाता है,इसमें लड्डू गोपाल के पसंदीदा चीजें चढ़ाई जाती हैं। ⠀ ⠀ श्री कृष्ण के 56 भोग को पारंपरिक ढंग से अनुक्रम में चढ़ाया जाता है, सबसे पहले श्री बांके बिहारी को दूध चढ़ाया जाता है, इसके बाद बेसन आधारित और नमकीन खाना और अंत में मिठाई, ड्राई फ्रूट्स और इलाइची रखी जाती है। सबसे पहले भगवान को यह भोग चढ़ाया जाता है और बाद में इसे सभी भक्तों और पुजारियों में प्रसाद स्वरूप बांटा दिया जाता है।⠀ ⠀ Please Tag your friends and family, Follow @bhaktisarovar ❤️⠀ ___________________⠀ ⠀ ©️ DM for Credit!⠀ 🌞 Follow @bhaktisarovar⠀ 🔔 Turn on Post Notification!⠀ 🌻 TagUs: #bhaktisarovar⠀ 💕 Share & Mention @bhaktisarovar⠀ 🌼 Daily Posts!⠀ ___________________⠀ ⠀ Hashtag's:⠀ ⠀ #56Bhog #KrishnJanmashtami #jaydwarkadhish #jaymurlidhar #govaliyo #krishna #krushna #shreekrishna #radheradhe #mathura #vrindavan #murari #krsna #govinda #hindu #janmashtamibhog #janmashtami #krishnajanmotsav #Hinduism #krishna #siyaram #radheradhe #vrindavan #vishnu #DailyFacts #HindiFacts #BhaktiSarovar https://www.instagram.com/p/CDzBg4AgiQB/?igshid=cc7otjxolhjj
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🌹 श्री कृष्ण जन्माष्टमी, 12 अगस्त, बुधवार 🌹
श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। जन्माष्टमी 12 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी। हालांकि इसकी धूम धाम 11 अगस्त को भी बनी रहेगी क्योंकि अष्टमी तिथि 11 तारीख को है । 12 तारीख को रोहिणी नक्षत्र होने के कारण सभी वैष्णव 12 को इस साल जन्माष्टमी मनाएंगे ।
प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म में जन्माष्टमी के त्योहार को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि श्री कृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। जिन्होंने द्वापर युग में अनेकों राक्षसों का वध किया था। साथ ही यह वही परम पुरुषोत्तम भगवान हैं जिन्होंने कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। आज पूरी दुनिया गीता के ज्ञान का लाभ ले रही है। हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण को मोक्ष देने वाला माना गया है।
🍁💐 जन्माष्टमी व्रत/पूजन का महत्व : 💐🍁
जन्माष्टमी का महत्व बहुत अधिक है। सभी वैष्णव एवं कृष्ण भक्त जन्माष्टमी का व्रत करते हैं। शास्त्रों में जन्माष्टमी को व्रतराज कहा गया है यानी यह व्रतों में सबसे श्रेष्ठ व्रत माना गया है। इस दिन लोग पुत्र, संतान, मोक्ष और भगवद् प्राप्ति के लिए व्रत करते हैं। माना जाता है कि जन्माष्टमी का व्रत कर��े से सुख-समृद्धि और दीर्घायु का वरदान मिलता है। साथ ही भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्ति भी बढ़ती है। जन्माष्टमी का व्रत करने से अनेकों व्रतों का फल मिलता है।
🌻☘️ जन्माष्टमी पूजा विधि ☘️🌻
💢- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लीजिए.
💢- भगवान कृष्ण/ बाल गोपाल की मूर्ति चौकी पर एक पात्र में रखिए.
💢- भगवान कृष्ण से प्रार्थना करें कि 'हे भगवान कृष्ण ! कृपया पधारिए और पूजा ग्रहण कीजिए.
💢-भगवान को गंगाजल एवं पंचामृत से स्नान कराइये । गंगाजल न हो तो शुद्ध जल का उपयोग करें ।
इसके बाद अब श्री कृष्ण को वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार कीजिए.
💢- अब दीपक/ धूप जलाएं ।
💢- फिर अष्टगंध चन्दन या रो��ी का तिलक लगाएं और साथ ही अक्षत (चावल) भी तिलक पर लगाएं.
💢- कृष्ण को उनके प्रिय भोग बनाकर अर्पण करें जैसे पंचामृत, माखन मिश्री, पेड़े, खीर, मेवे की मिठाई, मनोहर लड्डू, रबड़ी, रसमलाई।
ये सभी वस्तुएं घर मे आराम से बनाई जा सकती हैं ।
ये सभी कृष्ण की प्रिय भोग पदार्थ हैं ।
💢- तुलसी का पत्ता विशेष रूप से अर्पण कीजिए । तुलसी कृष्ण प्रिया है ।
💢- मधुराष्टकम / कृष्ण कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं ।
💢- कृष्ण महामंत्र-
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
इस मंत्र का जाप अति लाभदायक होगा, क्योंकि यह राधा और कृष्ण, दोनो का संयुक्त मंत्र है ।
💢- यदि फल/दूध पे व्रत रख सकें तो बेहद अच्छा है ।
🌹❤️🙏 जय श्री राधे कृष्णा 🌹❤️🙏
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radheradheje · 4 years
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✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨ 🌞🚩 बहुत ही सरल विधि से घर पर अपने ठाकुर जी का प्रकट महोत्सव पूजन कर सकते हैं... शुभ जन्माष्टमी का व्रत एकादशी के जैसे ही रखना चाहिए... फलाहार करके जयदातार भक्त लोग कृष्ण जन्म के बाद ही फलाहार करते हैं कुछ भक्त लोग जल भी नहीं लेते कृष्ण जन्म के बाद ही जल लेते हैं। अन्नं प्रसाद ठाकुर को भोग लगा कर आप अगले दिन लीजिए। पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की एक सूची यहां दी गई है। 🚩सर्वप्रथम अभिषेक के लिए: दही, शहद, दूध, घी, गंगा जल, एक चौकी, पीला साफ कपड़ा, बाल कृष्ण की मूर्ति (श्री विग्रह) दीपक, धूपबत्ती, चंदन, 🚩ठाकुर जी का भोग: माखन, मिश्री, भोग सामग्री , धनिए का पंजीरी ठाकुर जी को विशेष रूप से भोग लगाया जाता है। तुलसी का पत्र, फूल, कान्हा के श्रृंगार के लिए: पीले वस्त्र और मोरपंख, बांसुरी और मुकुट, इत्र 🚩पूजन विधि: 1. बाल कृष्ण को दूध से स्नान कराएं. 2. इसके बाद बारी-बारी से दही, घी, शहद से नहलाएं. 3. इसके बाद आखिर में गंगाजल से स्नान कराएं. इन सभी चीजों से बाल गोपाल का स्नान कराने के बाद उसे फेकें नहीं. बल्कि उसे पंचामृत के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. 4. स्नान के बाद बाल गोपाल को बच्चे की तरह सजाएं, श्रृंगार करे 5. सबसे पहले बाल गोपाल को लंगोट पहनाएं और उसके बाद उन्हें वस्त्र पहनाएं. 6. इसके बाद उन्हें गहने पहनाए... फूल अर्पित करे, इत्र रुई में लगा कर ठाकुर जी के समीप रखे। 7. परम भगवान कृष्ण को उनके शुद्ध भक्त वैष्णव संप्रदाय के आचार्यों का लिखित भजन गाकर सुनाए और चंदन और अक्षत से तिलक लगाएं. 8. धूप, दीप दिखाएं महा आरती करें.... आरती गाए और माखन मिश्री, खीर, पूरी, मिठाई, हलुआ,और तुलसी पत्ता का भोग लगाएं. सभी भोग में एक एक तुलसी पत्र अवश्य डाले। 9. अब बाल गोपाल को झूले पर बिठाकर झुलाएं और जय कन्हैया लाल की गाएं. 10. जन्माष्टमी के दिन भक्त लोग रातभर जग कर हरि नाम संकीर्तन करते हैं। जितना हो सके हरे कृष्ण महामंत्र का इस शुभ दिन जाप कर सकते हैं करिए। 🚩हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।🚩 सभी भक्त हमारे Youtube चैनल से भी जुड़ जाएं | जय श्री राधे कृष्णा https://www.youtube.com/c/RadheRadheje #radheradheje #jaishreeradheradheje #kirshna #spirituality #inspiration #devotional #prem #bhakti #devichitralekhaji #motivation #LadduGopal #RADHEKRISHNA https://www.instagram.com/p/CDtsDoYgZuF/?igshid=1peietb3mzqxv
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astroshaliini · 4 years
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11-12August जन्माष्टमी =^^=^=^==^=^^=^==^ #जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद की #अष्टमी तिथि को बनाया जाता है ।इस दिन श्री कृष्ण का जन्म हुआ था श्री कृष्ण का जन्म वृषभ लग्न और वृषभ राशि मे हुआ था । रोहिणी नक्षत्र मे जन्म हुआ । इसलिये हर वर्ष रोहिणी नक्षत्र मे ही ये पर्व बनाया जाता है । इस दिन संतान की प्रप्ति के लिये विशेष उपाय किये जाते है । जिनकी कुंडली मे चंद्र कमजोर हो वो भी उपाय कर सकते है । क्या करे ====== 🌻स्नान करे 🌻संकल्प ले और चाहे तो व्रत करे 🌻जल और फल ही ग्रहण करे दिन भर 🌻झूठ ना बोले 🌻क्रोध ना करे 🌼प्रेम और #िवाह की कामना करने वाले -राधा कृष्ण की फोटो लगाये 🌼संतान प्रप्ति हेतु बाल कृष्ण की फोटो लगाये 🌼धन की प्रप्ति या कोई भी इच्छा हेतु बंसी वाले श्री कृष्ण की फोटो रखे 🌼इस दिन घर मे शंख या शालीग्राम को लाना भी शुभ माना गया है । #QUOTESDAILY06 #numerology# #chakra##upay# astroshaliini #vedicastrology शृंगार ==== 🌿श्री कृष्ण को फ़ूलॊ से शृंगार करे 🌿गोपिचंदन का लगाये 🌿चंदन की खुशबू लगाये 🌿पीले वस्त्र पहनाये 🌿वैजयंती के फूल चढ़ाना शुभ होता है भोग === 🍁पंचामृत 🍁मेवा 🍁मख्खन 🍁मिश्री 🍁तुलसी दल 🍁धनिया की पंजीरी 🍁और सात्विक भोजन का भोग लगाये पूजा का विधान (रात 12 बजे ) =================== स्नान करे ।midnight को धातु की श्री कृष्ण की प्रतिभा को पंचामृत से स्नान कराये और फिर जल से स्नान तुलसी दल अर्पित करे ।पंचामृत से स्नान शंख मे डाल कर कराये । पीले वस्त्र और पीली मिठाई का भोग लगाये । मख्खन और मिश्री का भोग लगाये । और श्री कृष्ण के मंत्रों क जप करे । पंचामृत और जल को प्रसाद के रुप मे ले । धनिया की पं जीरी भी प्रसाद मे ले । विशेष शीघ्र विवाह हेतु ========= 🍀सुगंध वाला जल अर्पित करे । 🍀पीले फूल और फल अर्पित करे । 🍀चंदन की माला से" गोकुल नाथाय नम : "का जप करे । संतान प्रप्ति हेतु ========== 🍂कृष्ण जी को पंचामृत से अभिषेक करे । 🍂घी का दीपक जलाये । 🍂संतान गोपाल मंत्र का जप करे । संतान गोपाल मंत्र ============ संतान गोपाल मंत्र की 55 माला या यथाशक्ति जप और गोपाल संतान यंत्र की पूजा चमत्कारिक फल मिलता हैं। इस यंत्र की पूजा के साथ भगवान विष्णु या श्री कृष्ण को दूर्वा यानि ताजा घास और मोदक या दही- मक्खन का भोग अवश्य लगाएं। ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।। #vedicastrology #vedicastrologer #astrologerindia# #astrologyreadings #remedialpathmakinglifeeeasy (at ASTRO Shaliini Malhottra) https://www.instagram.com/p/CDsxbnqlpaL/?igshid=10zulv89v1hqt
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bhaskarhindinews · 4 years
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Sweet: इस जन्माष्टमी बनाएं भगवान की प्रिय मोहनथाल, आसान है रेसिपी
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जन्माष्टमी आने वाली है और इस पर्व की तैयारियां देखने को मिलने लगी हैं। घरों में भगवान श्री कृष्ण के लिए तरह तरह की मिठाईयां बनाई जाने लगी हैें। हालांकि श्री कृष्ण को दूध से बनी चीजें अधिक पसंद होती हैं, इसलिए कुछ मिठाईयां जन्माष्टमी पर ही बनाई जाती हैं। लेकिन इन सब के बीच एक और मिठाई है जिसका भोग श्री कृष्ण को लगाया जाता है और इसका नाम भी उन्हीं के नामों में से एक पर रखा गया है।
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ivxtimes · 4 years
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Krishna Janmashtami 2020: जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण को लगाए इस चीज का भोग, नौकरी और बिजनेस में मिलेगा लाभ Image Source : INSTAGRAM/GETFLOWERSDAILY
भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और मंगलवार का दिन है। अष्टमी तिथि  पूरा दिन पूरी रात पार कर बुधवार दोपहर पहले 11 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। पूरा दिन पार कर देर रात 12 बजकर 57 मिनट तक भरणी नक्षत्र रहेगा उसके बाद कृत्तिका नक्षत्र लग जाएगा। इसके अ���ावा पूरा दिन पूरी रात पार कर बुधवार सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक वृद्धि योग रहेगा। जैसा कि इसका नाम है वृद्धि। इस योग में किए गए कार्य में वृद्धि ही होती है। 
जन्माष्टमी का दिन बहुत ही महत्व रखता है। इस दिन तंत्र-मंत्र और विभिन्न इच्छाओं की पूर्ति के लिए बहुत ही श्रेष्ठ है। इस दिन कुछ खास उपाय करके आप प्यार, पैसा और शोहरत सब कुछ पा सकते हैं।  जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से इन उपायों के बारे में। 
अगर आप  कोई बिजनेस  या नौकरी करते हैं, लेकिन उसमें  फायदा नहीं हो रहा है, तो अपनी तरक्की के लिये  जन्माष्टमी के दिन कन्हैया जी को खीर का भोग लगायें फिर सात कन्याओं को घर  बुलाकर खीर खिलाएं,  इसके साथ  श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप करें-'ऊँ क्लीं नमो भगवते नन्दपुत्राय बालादिवपुषे श्यामलाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा।' आपको बिजनेस में या नौकरी में लाभ ही लाभ होगा।
अगर आप शत्रु से छुटकारा पाना चाहते हैं या आपको पिछले कुछ समय से कोई व्यक्ति बहुत परेशान कर रहा है तो आज के दिन रात को ठीक 12 बजे साबुत उड़द की काली दाल और चावल के दाने मिलाकर घर के बाहर किसी एकांत जगह पर गड्ढ़े में दबा दें। साथ ही श्री कृष्ण भगवान के इस विशेष मंत्र का जाप करें। मंत्र है-'ऊँ नमो भगवते रुक्मिणी वल्लाभाय स्वाहा।'  आज के दिन ऐसा करने से आपको शत्रुओं से जल्द ही छुटकारा मिलेगा। 
अगर आप किसी से प्रेम करते हैं और अब उसे अपना जीवनसाथी बनाना चाहते हैं, तो आज जन्माष्टमी के दिन मंदिर में जाकर सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण को पीले फूलों की माला पहनाइए और गोले की मिठाई से भोग लगाइए। साथ ही उनके इस मंत्र का जाप करिये। मंत्र है -'ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं गोपीजन वल्लभाय स्वाहा |' आज के दिन ऐसा करने से आपके प्रेम विवाह में आ रही सारी अड़चने जल्द ही दूर हो जायेगी।
Janmashtami 2020: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन घर पर जरूर लाएं ये तीन चीजें, पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं
अगर आप अपने जीवन में खुशहाली बनाये रखना चाहते हैं, तो आज के दिन पॉजिटिविटी बनाये रखने के लिये भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर के सामने आसन बिछाकर बैठ जायें। साथ ही एक पात् में केसर और रोली मिलाकर रखें। इसके बाद श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप करें-'ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविन्दाय श्रीं गोपी जनवल्लभाय स्वाहा सौं।' आज के दिन इस मंत्र का जाप करने के बाद उस केसर मिश्रित रोली को घर के मंदिर में रख दें और रोज सुबह स्नान आदि के बाद अपनी नाभि व अपने माथे पर उसे लगाएं। ऐसा करने से आपके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी |
अगर आप अपने दाम्पत्य संबंधों को मजबूत और मधुर बनाना चाहते हैं, तो आज के दिन श्री कृष्ण मंदिर में जाकर दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक करें और भगवान को शहद और इलाइची का भोग लगाइए। साथ ही श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप करें। मंत्र है-  'क्लीं कृष्णाय स्वाहा।' आज के दिन ऐसा करने से आपके दाम्पत्य संबंध मजबूत और मधुर बनेंगे।
Recipe: जन्माष्टमी पर चरणामृत बनाने का ये है सही तरीका, स्वाद होगा ऐसा हर कोई पूछेगा रेसिपी
अगर आप अपने परिवार में सुख-शांति बनाये रखना चाहते हैं और घर के सदस्यों के बीच प्यार बढ़ाना चाहते हैं, तो आज के दिन रात को श्री कृष्ण जन्म के समय विधि-पूर्वक भगवान की पूजा-अर्चना करें और उन्हें माखन मिश्री का भोग लगाएं। साथ ही उनके इस मंत्र का जाप करें-'ऊं नमो भगवते नारायणाय |' आज के दिन ऐसा करने से आपके परिवार में सुख-शांति और प्यार बना रहेगा। 
अगर आपकी कोई ऐसी इच्छा है, जो बहुत दिनों से आपके मन में है और उसे आप जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं, तो आज जन्माष्टमी के दिन शंख में जल भरकर लड्डू गोपाल का अभिषेक करें। साथ ही रात के समय श्री कृष्ण के इस विशेष मंत्र का जाप करें- 'श्रीं ह्रीं क्लीं कृष्णाय गोविन्दाय स्वाहा।' आज के दिन ऐसा करने से आपके मन की मुरादें जल्द से जल्द पूरी होगी।
अगर आप किसी आर्थिक संकट से परेशान रहते हैं या आप किसी फाइनेंशियल कंडिशन से जूझ रहे हैं, तो आज के दिन राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर श्रीकृष्ण जी को अपने हाथों से बनी पीले फूलों की माला अर्पित करें। साथ ही कृष्ण जन्म के समय शारदातिलक में दिये उनके इस अष्ट दशाक्षर मंत्र का जाप करें-'क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।' आज के दिन भगवान श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप करने से आपके आर्थिक संकट जल्द ही दूर होने लगेंगे और धन लाभ के योग भी बनेंगे।
Janmashtami 2020: इस बार दो दिन मनेगी जन्माष्टमी, जानिए किस दिन ग्रहस्थ रखेंगे व्रत
अगर आप ऐश्वर्य की प्राप्ति करना चाहते हैं और समाज में शोहरत पाना चाहते हैं, तो आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण को साबुतदाने अथवा चावल की खीर बनाकर भोग लगाएं। साथ ही संभव हो तो खीर में थोड़ी केसर की पत्तियां भी डालें। इसके अलावा अपने काम की सिद्धि के लिये रात को श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप करें- 'क्लीं हृषिकेशाय नमः।' आज के दिन ऐसा करने से आपको ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी और समाज में शोहरत भी मिलेगी |
आपके पास पैसा तो बहुत है, लेकिन पैसा रूकता नहीं है, कहीं न कहीं खर्च हो जाता है और आखिर में जरूरत के समय आपको दूसरों से पैसा उधार मांगना पड़ता है, तो ऐसे में आज के दिन जन्माष्टमी की रात ठीक 12 बजे एकान्त में लाल कपड़े पहनकर बैठें और अपने सामने 10 लक्ष्मी कारक कौडि़यों को, सिंदूर में रंगकर रखें। साथ ही तेल का दीपक जलाएं और उनके इस मंत्र का जाप करें। मंत्र है -'गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।' इस मंत्र से 5 माला जाप करें और जाप पूरा होने के बाद पूजन में रखी कौड़ियों को उठाकर अपने धन रखने के स्थान पर या तिजोरी में रख दें। आज के दिन ऐसा करने से आपका पैसा आपके पास रूकने लगेगा और आपकी आर्थिक स्थिति में मजबूती आयेगी।
अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में कभी यश की कमी न हो और आपकी तिजोरियां हमेशा भरी रहें, तो इसके लिये आज के दिन श्री कृष्ण मंदिर में जाकर पीले रंग के कपड़े, पीला फल, अनाज और पीले रंग की मिठाई दान करें। साथ ही रात को कृष्ण जन्म के समय उनके इस मंत्र का जाप करें- 'क्लीं कृष्णाय स्वाहा।' आज के दिन ऐसा करने से आपके जीवन में कभी यश की कमी नहीं होगी और आपकी तिजोरियां हमेशा भरी रहेंगी।
अगर आप लक्ष्मी की कृपा अपने ऊपर बनाये रखना चाहते हैं और जीवन में खूब तरक्की पाना चाहते हैं, तो आज जन्माष्टमी के दिन घर में या किसी बाग में या किसी मन्दिर आदि में केले के दो पौधे लगाएं। साथ ही अपने काम बनाने के लिये रात के समय श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप करें-'श्रीं ह्रीं क्लीं कृष्णाय स्वाहा।' आज के दिन ऐसा करने से आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी और जीवन में आपकी तरक्की होगी।
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Essay on Baisakhi in Hindi | बैसाखी पर निबंध
Essay on Baisakhi in Hindi: बैसाखी’ अथवा ‘वैसाखी की गिनती भारत के मुख्य पर्वों में की जाती हैं. यह एक ऋतु विशेष पर्व हैं. मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में इन्हें बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं. आज के Baisakhi par Nibandh में स्टूडेंट्स के लिए हम Baisakhi Short Essay लेकर आए हैं. जिनके द्वारा आप इस पर्व को अच्छी तरह से जान सकते हैं.
Essay on Baisakhi in Hindi | बैसाखी पर निबंध 2019
हमारे देश में बहुत से मेले उत्सव और त्योहार मनाए जाते हैं. उनमे से बैसाखी का मेला भी प्रमुख हैं. यह बैसाखी का मेला वैशाख महीने के पहले दिन मनाया जाता है ,जो प्रायः 13 अप्रैल को पड़ता हैं. इस समय तक भारत में गर्मी आरम्भ हो जाती हैं. इसलिए हमारे पूर्वजों ने इस मेले के लिए नदी स्नान का रिवाज चलाया होगा.
सवेरे चार बजे ही नींद छोड़कर लोग अपने संगी साथियों के साथ नदी की ओर चल पड़ते हैं. इसलिए कि इस दिन नदी में स्नान करना बड़ा पवित्र माना जाता हैं. यूँ तो कई लोग इस दिन हरिद्वार जाकर गंगा मैया के पवित्र जल में स्नान करते हैं. पर जो वहां नहीं जा सकते हैं. वे अपने ही नगर के समीप नदी के तट पर पहुचते हैं. जहाँ नदी नहीं हैं वहां तालाब, नहर आदि के किनारे बैसाखी का मेला लगता हैं.
दिल्ली में यमुना तट पर दिन बढने से पहले ही लाखों लोग पहुच जाते हैं. फिर भी पूरे दिन जनता की एक नदी सी उमड़ती दिखाई देती हैं. तट पर कपड़े उतारकर लोग यह यमुना मैया कहते हुए जल में उतरकर, स्नान करके तन मन को शान्ति प्रदान करते हैं. कई लोग भजन गाते हैं, कई कीर्तन करते हैं. कई तट पर बने मन्दिरों में भगवान् की पूजा करते हैं और कुछ घाट पर ही बैठकर आँखे मूंदकर प्रभु का ध्यान करते नजर आते हैं.
कुछ लोग जल में तैरते हुए व्यायाम करते हैं. तो कुछ लोग छलांगे लगाकर मन को प्रसन्न करते हैं. इस समय तट पर अनोखी शोभा होती हैं. जहाँ तक दृष्टि जाती है, अपार जनसमूह दिखाई पड़ता है. मन्दिरों में घंटों, घड़ियालों और शंखों की आवाज गूंज उठती हैं. ठंडी ठंडी हवा में उड़ते हुए जल के छांटे अंग अंग को शीतल करते हैं. नर नारी जहाँ भक्ति की ओर मन लगाते हैं. वहां बालज बालिकाएं किलकारियां भरते हुए उछल कूद मचाते हुए दिखाई देते हैं.
कुछ दानी लोग स्नान के बाद तट पर आए ब्राह्मणों को दक्षिणा देते हैं. ऐसे में कुछ भिखारी भी दान पाने के लिए हाथ फैलाएं दिखाई देते हैं.
पूजा पाठ और दान के बाद कुछ खाने पीने के कार्यक्रम चलते हैं. कुछ स्त्रियाँ भक्ति के गीत गाने लगती हैं. कुछ लोग वेदों के मन्त्र और प्रार्थना के श्लोक उच्चारित करते हैं.
बहुत से गाँवों में नर नारी भी नगर के घाटों पर मेले की झांकी देखने आ जाते हैं और जनता के अपार समुदाय को देखकर हैरान होते हैं. कि ये लाखों लोग आ कहाँ से गये.
बच्चे स्नान के बाद पूरी, मिठाई और फल की दुकानों की ओर लपकते हैं. मनचाही वस्तु पाकर वे खुश होकर खाते पीते हैं और मन में ख़ुशी मनाते हैं कि ऐसे वैसाखी के मेले और त्योहार जल्दी जल्दी आया करे.
पंजाब में वैसाखी का मेला बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं. सतलज, व्यास, रावी, चिनाब आदि नदियों या नहरों के किनारे लोग इकट्ठा होते हैं. गाँव के लोग कबड्डी, कुश्ती आदि खेल खेलते हैं. कई लोग मुहं से दोहरी बांसुरी बजाते हैं, जिन्हें अलगोजे कहा जाता हैं. कई जगह पशुओं की प्रदर्शनी भी होती हैं.
मेले और त्योहारों से राष्ट्रीय एकता बढ़ती हैं. राष्ट्र में प्रसन्नता तथा उत्साह की वृद्धि होती हैं. आगे कार्य करने की शक्ति परिवर्धित होती हैं. अतः हमें इन त्योहारों को बड़े उत्साह से मनाना चाहिए.
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devtantra · 6 years
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जन्माष्टमी को सुख-समृद्धि प्राप्ति के लिए करें ये ज्योतिष के विशेष उपाय शास्त्रों के अनुसार श्री कृष्ण की पत्नी रुक्मणी माँ लक्ष्मी का अवतार थी अत: अगर इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाएं तो माता लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। यदि आप जन्माष्टमी के दिन ये उपाय पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास से करेंगे तो आपको अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी श्री कृष्ण जनमाष्टमी के दिन किए जा सकने वाले ज्योतिष उपाय – 1. यदि आपकी आमदनी में कोई इज़ाफा नही हो रहा हो और नौकरी में प्रमोशन भी नहीं हो रहा हो तो जन्माष्टमी के दिन सात कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं। यह काम पांच शुक्रवार तक लगातार करें। 2. आर्थिक संकट के निवारण और धन लाभ के लिए जन्माष्टमी के दिन प्रात: स्नान आदि करने के बाद किसी भी राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर प्रभु श्रीकृष्ण जी को पीले फूलों की माला अर्पण करें। इससे आर्थिक संकट दूर होने लगते है और धन लाभ के योग प्रबल बनते है ।3.जन्माष्टमी के दिन प्रात: दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें । इसके बाद यह उपाय हर शुक्रवार को करें । इस उपाय को करने वाले जातक से मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं। इस उपाय को करने से समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती है। 4. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई, साबुतदाने अथवा चावल की खीर यथाशक्ति मेवे डालकर बनाकर उसका भोग लगाएं उसमें चीनी की जगह मिश्री डाले , एवं तुलसी के पत्ते भी अवश्य डालें। इससे भगवान श्री कृष्ण की कृपा से ऐश्वर्य प्राप्ति के योग बनते है। 5.भगवान श्रीकृष्ण को पीतांबर धारी भी कहलाते हैं, पीतांबर धारी का अर्थ है जो पीले रंग के वस्त्र पहनने धारण करता हो। इसलिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन किसी मंदिर में भगवान के पीले रंग के कपड़े, पीले फल, पीला अनाज व पीली मिठाई दान करने से भगवान श्रीकृष्ण व माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न रहते हैं, उस जातक को जीवन में धन और यश की कोई भी कमी नहीं रहती है । 6. जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण जी के मंदिर में जटा वाला नारियल और कम से कम 11 बादाम चढ़ाएं । ऐसी मान्यता है कि जो जातक जन्माष्टमी से शुरूआत करके कृष्ण मंदिर में लगातार सत्ताइस दिन तक जटा वाला नारियल और बादाम चढ़ाता है उसके सभी कार्य सिद्ध होते है, उसको जीवन में किसी भी चीज़ का आभाव नहीं रहता है। 7. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को पान का पत्ता अर्पित करें फिर उसके बाद उस पत्ते पर रोली से श्री मंत्र लिखकर उसे अपनी तिजोरी में रख लें। इस उपाय से लगातार धन का आगमन होता (at Sirpur, Chhattīsgarh, India) https://www.instagram.com/p/BnRF6XSHo1h/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=12t6jxc5hn7h3
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jodhpurnews24 · 6 years
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इस साल जन्माष्टमी पर ऐसे सजाएं अपने कान्हा जी, होगी अनन्य फल की प्राप्ति
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कान्हा जी का जन्म भादौ कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन हुआ था। इसलिए हर वर्ष भादो मास की कृष्ण अष्टमी को जन्माष्टमी कहते हैं और इस दिन कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है। यह पर्व देशभर में मनाया जाता है। अष्टमी के दिन रात्रि 12 बजे कृष्ण जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है और पूजा आरती की जाती है। देवकीनंदन का पूजन पूरे विधि-विधान से किया जाता है। इस दिन सुबह जल्दी स्नान करके कान्हा जी के लिए पालना सजाया जाता है। वहीं पालने में सुगंधित पुष्प का उपयोग किया जाता है। इस दिन कान्हा जी को माखन मिश्री के अलावा भी कई विशेष तरह के भोग लगाए जाते हैं।
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  इस दिन कृष्ण की ऐसे करें पूजा
कान्हा जी की पूजा से अनंत फल प्राप्त होता है। वहीं भगवान श्री कृष्ण को इस दिन शुद्ध जल से स्नान कराएं उसके बाद दूध, दही, घी, शहद, शकर व पंचामृत से स्नान कराएं। सभी स्नान के बाद शुद्ध जल से स्नान कराके दूध से अभिषेक करें व भगवान को वस्त्र पहनाएं। आभूषण से सुशोभित कर केशर या चंदन का टीका लगाएं तथा फिर भगवान को पालने में सुला दें। गोपाल जी की इस प्रकार पूजा करने से आपको अनन्य फल की प्राप्ति होगी वहीं आपको अपार सुख प्रदान होगा। लेकिन रात में 12 बजे तक भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा के लिए जन्म आरती करें और उन्हें राशि अनुसार सजाएं तो आपको मनचाहा आशीर्वाद प्राप्त होगा।
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  अपनी राशि अनुसार ऐसे सजाएं कान्हा जी..
मेष : इस राशि वाले जातक कान्हा जी को लाल वस्त्र पहनाएं और उन्हें कुंकुं का तिलक लगाएं।
वृषभ : इस राशि के जातक कृष्ण जी का चांदी के वर्क से श्रृंगार करें व सफेद चंदन का तिलक करें।
मिथुन : आपकी राशि के जातक गोपाल जी को लहरिया वाले वस्त्र पहनाएं व चंदन का तिलक करें।
कर्क : कर्क राशि वाले जातक कृष्ण को सफेद रंग के वस्त्र पहनाएं व दूध का भोग लगाएं।
सिंह : आप अपने कान्हा जी को गुलाबी वस्त्र पहनाएं व अष्टगंध का तिलक लगाएं।
कन्या : देवकी नंदन को आप हरे वस्त्र पहनाएं व मावे मिश्री का भोग लगाएं।
तुला : इस राशि के जातक गोपाल जी को केसरिया वस्त्र पहनाएं व माखन का भोग लगाएं।
वृश्चिक : इस राशि के जातक नंदलाल को लाल वस्त्र पहनाएं व दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
धनु : आप अपने कान्हा जी को पीला वस्त्र पहनाएं व पीली मिठाई ही मिठाई का भोग लगाएं।
मकर : इस राशि के जातक गोपाल जी को सुनहरे रंग के वस्त्र पहनाएं व मिश्री का भोग लगाएं।
कुंभ : इस राशि के जातक कृष्ण जी को नीले रंग के वस्त्र पहनाएं व मावे-मिश्री का भोग लगाएं।
मीन : इस राशि के जातक कान्हा जी को गुलाबी रंग के वस्त्र पहनाएं व लड्डू का भोग लगाएं।
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khaskhabar-blog1 · 7 years
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जन्माष्टमी पर करें ये खास उपाय, खूब बरसेगा धन
आगामी 15 अगस्त को देश की आजादी के उत्सव के साथ कान्हा के जन्मोत्सव को भी धूमधाम से मनाया जाएगा। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन यदि कुछ खास उपाय किए जाएं तो न केवल धन प्राप्ति के प्रबल योग बनने लगेंगे बल्कि सभी मनोकामनाएं भी पूरी होंगी।
इस दिन अल सुबह दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें। यह उपाय हर शुक्रवार को करें। इस उपाय को करने वाले जातक से मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं। यही नहीं इस उपाय को करने से सभी मस्त मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है।
15 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण जी के मंदिर में जटा वाला नारियल और कम से कम 11 बादाम चढ़ाएं । ऐसी मान्यता है कि जो जातक जन्माष्टमी से शुरूआत करके कृष्ण मंदिर में लगातार सत्ताइस दिन तक जटा वाला नारियल और बादाम चढ़ाता है उसके सभी कार्य सिद्ध होते है, उसको जीवन में किसी भी चीज़ का आभाव नहीं रहता है।
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई, साबुदाने अथवा चावल की खीर यथाशक्ति मेवे डालकर बनाकर उसका भोग लगाएं उसमें चीनी की जगह मिश्री डालें एवं तुलसी के पत्ते भी अवश्य डालें। इससे भगवान द्वारकाधीश की कृपा से ऐश्वर्य प्राप्ति के योग बनते है।
भगवान श्रीकृष्ण को पीतांबर धारी भी कहलाते हैं, पीतांबर धारी का अर्थ है जो पीले रंग के वस्त्र पहनने धारण करता हो। इसलिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन किसी मंदिर में भगवान के पीले रंग के कपड़े, पीले फल, पीला अनाज व पीली मिठाई दान करने से भगवान श्रीकृष्ण व माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न रहते हैं, उस जातक को जीवन में धन और यश की कोई भी कमी नहीं रहती है।
कई बार काफी कोशिशों के बाद व्यापार, नौकरी में मनवाँछित सफलता नहीं मिल पाती है इसलिए जन्माष्टमी के दिन अपने घर में सात कन्याओं ���ो घर बुलाकर उन्हें खीर या सफेद मिठाई खिलाकर कोई भी उपहार दें । ऐसा उसके बाद पांच शुक्रवार तक लगातार करें। इसे करने से माँ लक्ष्मी की कृपा से व्यापार, कारोबार में मनवाँछित सफलता मिलती है।
जन्माष्टमी की रात को 12 बजे जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था उस समय भगवान श्री कृष्ण का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करने से भगवान द्वारकाधीश की कृपा से जीवन में स्थाई रूप से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
जन्माष्टमी के दिन प्रात: स्नान आदि करने के बाद किसी भी राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर प्रभु श्रीकृष्ण जी को पीले फूलों की माला अर्पण करें। इससे आर्थिक संकट दूर होने लगते है धन लाभ के योग प्रबल होते है।
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