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#सर्दी में क्या पीना चाहिए
sehatgyantips · 5 months
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hindi-khabar · 1 year
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Benefits Of Drinking Ginger Milk Daily In Winter: सर्दियों में अदरक वाला दूध पीने से सेहत को मिलते हैं ये बड़े फायदे
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Benefits Of Drinking Ginger Milk Daily In Winter: जाड़े के मौसम में हमें खांसी, जुखाम, और बुखार जैसी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में आप नित्य अदरक वाला दूध पीकर इन समस्याओं से बच सकते हैं.ऐसा इसलिए क्योंकि अदरक एंटी इन्फ्लेमेटरी जैसे गुणों से परिपूर्ण होता है, जो हमें सर्दी-खांसी और फ्लू से बचाता है.
Benefits Of Drinking Ginger Milk Daily In Winter: अक्सर जाड़े के मौसम में हमारे बॉडी की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है जिसके चलते हम बार-बार बीमार पड़ने लगते हैं. इसके अलावा सर्दियों के मौसम में हमें खांसी, जुखाम, और बुखार जैसी अनेक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है. इसलिए आपको अपनी डाइट में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड्स का सेवन अवश्य करना चाहिए. जैसा कि हम जानते हैं अदरक गले के इंफेक्शन में रामबाण का काम करता है. इसीलिये ज्यादातर लोग सर्दियों मे अदरक की चाय पीना भी पसंद करते हैं. कितु क्या आप जानते हैं कि अदरक को दूध में डालकर पीना  सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होता है. ऐसा इसलिए हटा हैं क्योंकि अदरक एंटी इन्फ्लेमेटरी जैसे गुणों से भरपूर होता है जिससे हम सर्दी-खांसी और फ्लू से बच सकते है. तो चलिए आज हम यहां आपको बताएंगे कि सर्दियों में अदरक वाला दूध पीने के क्या-क्या फायदे होते हैं?
सर्दियों में अदरक वाला दूध पीने के प्रमुख फायदे 
दूर होंगी गले से जुड़ी समस्याएं (sore throat)- हमारे गले से जुड़ी समस्याओं में अदरक का उपयोग बहुत ही फायदेमंद होता है. सर्दियों में हमें अक्सर खांसी, गले में कफ और इंफेक्शन जैसी समस्याएं होती रहती है. ऐसे में हमारी छाती और गले में बलगम जम जाता है. इस परेशानी में अदरक वाले दूध का सेवन बहुत फायदेमंद होता है.सर्दियों में नियमित रूप से अदरक वाला दूध पीने से हमें खांसी और गले से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है. किन्तु ध्यान रहे आप अदरक वाला दूध पीने के एक घंटे बाद ही पानी पिएं. कब्ज की समस्या होगी (Constipation) दूर यदि आप पेट से जुड़ी समस्याओं से अक्सर परेशान रहते हैं तो अदरक का सेवन करना आपके लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है. अदरक वाला दूध पीने से आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है. यदि सर्दियों में आप रोजाना अदरक वाला दूध पीते हैं तो आपको कब्ज, अपच और एसिड जैसी समस्याओं में आश्चर्यनजक लाभ होता है.इसलिए यदि आप भी कब्ज की ससस्या से परेशान रहते हैं तो अदरक वाला दूध पी सकते हैं. Read the full article
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बारिश के मौसम में सीजनल फ्लू, वायरल या खांसी-जुकाम से कैसे बचें
बारिश का मौसम अपने साथ कई बीमारियों की सौगात लाता है. इस बदलते मौसम बुखार, खांसी, जुकाम और फ्लू  जैसी बीमारियां ज्यादा होती हैं. बारिश के मौसम में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. जिसकी वजह से शरीर किसी भी बीमारी के चपेट में जल्दी आ जाता है. इस मौसम में बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा बीमार पड़ते हैं. लेकिन थोड़ा एहतियात और डाइट में कुछ खास चीजों को शामिल कर लें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है.
भारत सरकार की ओर से आयुष  मंत्रालय ने भी कुछ गाइडलान्स जारी की हैं जिनको अमल में लाने से आप साधारण फ्लू या सर्दी खांसी से बच सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि इस मौसम में ऐसी बीमारियां फैलती हैं, जिनके लक्षण कोविड-19 से मिलते-जुलते हैं. इसलिए हमें ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. आपको  बुखार, खांसी, जुकाम या फ्लू न हो, इसके लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कुछ आसान घरेलू नुस्खे बताए हैं, जिन्हें अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को फ्लू और कॉमन कोल्ड से बचा सकते हैं. आइये आपको बताते हैं क्या हैं वो घरेलू नुस्खे.
क्या है सीजनल फ्लू और उसके लक्षण ?
सामान्य फ्लू और कोविड-19 के लक्षण काफी हद तक एक जैसे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बात का जिक्र किया है कि कोरोना वायरस के ज्यादातर मरीजों में बेहद सामान्य लक्षण नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि कई लोग नॉर्मल सीजनल फ्लू होने की वजह से भी काफी परेशान हो रहे हैं. अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की संख्या काफी बढ़ रही है, लेकिन कोविड-19 के मरीजों की वजह से इन लोगों को सही ट्रीटमेंट नहीं मिल पा रहा. वैसे सामान्य फ्लू 5-6 दिन में ठीक हो जाता है इसलिए बेहतर है कि आप घर पर  ही अपना ट्रीटमेंट लें. यहां हम आपको सामान्य फ्लू के लक्षणों के बारे में बता रहे हैं- बुखार आना पूरे शरीर में दर्द होना मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होना बार-बार खांसी आना नाक बंद हो जाना नाक में चुभन या दर्द महसूस होना सिर में दर्द होना अगर ये लक्षण आपको महसूस हो रहे हैं तो आपको सीजनल फ्लू भी हो सकता है बेहतर होगा 2-4 दिन इंतजार करें उसके बाद ही कोविड-19 का टेस्ट कराएं.
सीजनल फ्लू  के लिए आयुष मंत्रालय के घरेलू नुस्खे
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने वायरल बुखार, फ्लू और वायरस से बचने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बताए हैं. ये आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जरूरी है. इसके लिए आपको अपने खानपान में थोड़े बदलाव करना होगा.
हल्दी वाला दूध पिएं
सबसे पहले आपको रोज हल्दी वाला दूध पीना है. हल्दी का दूध चूंकि गर्म होता है और हल्दी एंटीबायोटिक का काम करती है इसलिए इसे सर्दियों में ज्यादा पीया जाता है. लेकिन इन दिनों चारों तरफ फैली बीमारियों की वजह से आप रोजाना रात में सोने से पहले एक ग्लास हल्दी वाला दूध जरूर पिएं. इसे बनाना बहुत आसान है आप एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाएं और इसे पी लें. अगर आपको इसका स्वाद अच्छा नहीं लग रहा हो तो आप हल्दी डालकर दूध को एक बार उबाल लें. इससे हल्दी की महक खत्म हो जाएगी. इस दूध को पीने से आप सर्दी खांसी और वायरल से बचे रहेंगे.
च्वनप्राश जरूर खाएं
वैसे तो च्वनप्राश भी लोग सर्दियों के मौसम में ही खाते हैं लेकिन बदलते मौसम में आपको च्वनप्राश जरूर खाना चाहिए. आयुर्वेद में च्वनप्राश को एक औषधि माना जाता है जो आपको कई तरह के इनफेक्शन से बचाता है रोज रात को दूध से एक चम्मच च्वनप्राश खाने की कोशिश करें.
जुकाम- खासी के लिए भाप लें
अगर आपको जुकाम खांसी की समस्या हो गई है. तो आपके लिए भाप लेने से बेहतर कोई दूसरा घरेलू उपाय नहीं है.  भाप लेने से बंद नाक खुलती है और सांस नली की सूजन भी कम होती है. आप चाहें तो नॉर्मल पानी की भाप लें या फिर पानी में कुछ बूंदें टी ट्री ऑयल, यूकेलिप्टस ऑयल, लेमनग्रास ऑयल, लौंग का तेल भी डाल सकते हैं.
भाप लेने से आपकी बंद नाक खुल जाएगी और सीने में जकड़न में भी आराम पड़ेगा. अगर आपको खांसी और गले में खराश या दर्द है तो आयुष मंत्रालय के अनुसार आपको दिन में एक बार गर्म पानी में पुदीने की पत्तियां या फिर अजवाइन की पत्तियां डालकर भाप लेनी चाहिए. इसके अलावा लौंग का सेवन करें आप चाहें तो लौंग को पीसकर इसे शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार खा लें. इससे खांसी में काफी आराम मिलेगा. इसके अलावा खांसी जुकाम में तुलसी अदरक की चाय पीने से भी बहुत फायदा मिलता है. आप चाहें तो इस चाय में चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल भी कर सकते हैं
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updatesstuff · 2 years
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जानिए गर्मियों में चाय की चुस्की के क्या हैं फायदे..?
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चाय कुछ लोगों के लिए एक अलग ही नशा होता है । उनके लिए क्या ही गर्मी और क्या ही सर्दी। वो तो किसी भी मौसम में चाय पीने से रोक नहीं रुक सकते बस उन्हें पीना का कोई ना कोई बहाना मिल जाए । चाय तो एक ऐसी चीज है जो छोटी-छोटी खुशियों से लेकर अहम मुद्दों तक को भी सुलझा देती है । वहीं कुछ लोगों का कहना है कि गर्मी के मौसम में चाय का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए यह सेहत के लिए नुकसानदायक है ।
वैसे तो सभी जानते हैं कि कोई भी चीज ज्यादा नुकसानदायक होती है । अगर आप कोई हेल्दी चीज भी अधिक मात्रा में लेते हैं तो वह भी नुकसान ही पहुंचाती है. पर रोज अगर आप एक कप चाय पीते हैं तो इसके कई फायदे हैं ।
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एक कप चाय पीने के फायदे
चाय में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है, जिनमें पॉलीफेनोल्स, कैटेचिन और फ्लेवोनोइड शामिल हैं । तो एक चाय से आपको यह फायदा है कि इसमें पॉलीफेनोल्स विटामिन डी के स्तर के साथ साथ हड्डियों के खनिजकरण को बढ़ाता है, जिसके कारण ज्यादातर बीमारियां होती हैं । ज्यादातर लोगों में विटामिन डी की कमी होती है और चाय पीने से उन्हें फायदा मिल सकता है ।
कौन सी चाय है सेहत के लिए अच्छी
ऊलोंग, ब्लैक और ग्रीन टी बोन्स के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है। वहीं एक रिसर्च में एक बात सामने आई है कि 50.60 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर बनी चाय पीना प्रभावी है क्योंकि यह कैटेचिन को संरक्षित करने में मदद करता है । आप अगर आईसी टी भी पीते हैं तो यह उतनी ही फायदेमंद है ।
इन फायदों के लिए पिएं चाय
ग्रीन टी पीने से याददाशत अच्छी होती है और मन भी शांत रहता है । चाय में मौजूद कैटेचिन, कैफिन और एल.थीनाइन काफी पौष्टिक तत्व हैं । यह ब्रेन को बूस्ट भी करता है । यही नहीं आप अगर सुबह के समय चाय पीते हैं तो यह आपकी सुस्ती को भी दूर करता है ।
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lifestylechacha · 2 years
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सर्दी से बचने के लिए क्या खाये - Eat these things to avoid cold
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सर्दी से बचने के लिए क्या खाये और क्या नहीं जानिए | What to eat in winter सर्दी जुखाम : हम जानते हैं कि मौसम बड़ी ही जल्दी से बदलने लगता है और हमारा शरीर इसमे सामंजस्य स्थापित नही कर पाता है. जिससे हमें सर्दी जुखाम जैसी आम बीमारी हो जाती है. जैसा कि हम लोग जानते हैं कि जो सर्दी जुखाम पहले आम बात हुआ करती थी आज वो कोरोना वायरस का एक लक्षण हैं. इसलिए हमें अपने शरीर के स्वास्थ्य को लेकर ध्यान रखने की आवश्यकता है. इसलिए हमें सर्दी जुखाम जैसी छोटी छोटी बीमारी से भी बच कर रहना चाहिए. यह केवल कोरोना का ही लक्षण नही क्योंकि कोरोना तो इस साल आया है किन्तु कुछ बीमारिया तो काफी पहले से चली आ रही है जैसे - सर्दी जुखाम, निमोनिया, टी वी आदि बीमारी होती है और यदि यह खासी दो हप्ते से ज्यादा रहा तो यह अन्य कई बीमारियों को पैदा कर सकता है इसलिए जरूरी है कि हम हर तरह के बीमारी से अपना और आपने परिवार का ध्यान रखें और उन्हें बचाए. यह भी देखते है हम की कुछ लोग बिना डॉक्टर की सलाह के सर्दी जुखाम होने पर टेबलेट लेके खा लेते है  जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए, यह भी देखने को मिलता है कि अक्सर लोगों को सर्दी जुकाम में गर्म खाने की सलाह दी जाती है जबकि ऐसा नहीं , जरूरी नहीं है कि गर्म चीजे खाने से यह नही होता जैसे गर्म पानी पीना , चाय अदरक वाली , गुड़ आदि खाने से नही होगा इसलिए ऐसे ही कुछ भी न करे और खाये, क्या खाना है ये बताते है-
सर्दी जुखाम में खाये ये सारी चीजें :
* दूध : भोजन के पाचन के लिए हम अक्सर दही का प्रयोग करते हैं क्योंकि दही के अच्छे बैक्टीरिया खाने को पचाने में सहायक होते हैं. सर्दी जुखाम यदि आपको बार बार होता है तो आप को यह सारी चीजें नही खानी चाहिये - चीज , दही , पनीर और फ़ास्ट फूड आदि नही खाना चाहिए. यह सब बलगम बनने का कार्य करते हैं.यदि आप को सिजलन सर्दी जुखाम हो तो आप यह सारी चीजें खा सकती है. आप इन सब चीजों को रात में ना खाएं जितना हो इन्हें अवॉइड करे , क्योंकि रात के समय यह खाने से बलगम अधिक जमता है और फिर आपका जुखाम काफी देर से ठीक होगा।   * केला : बोहोत से लोगों सर्दी जुखाम में केले खाना बंद कर देते है क्योंकि उन्हें लगता है यह खाने से बलगम होगा. जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है. हमारे सर्दी जुखाम को जल्दी ठीक भी नहीं करता. हम आपको बता दें ऐसे बिल्कुल नहीं है क्योंकि केला में अधिक मात्रा में पोटेशियम होता है और इसे खाने से हमारे शरीर में पानी की मात्रा बानी रहती है. एक केले में 100 कैलरी होती है और यह हमारे शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है और ���स मे मौजूद इलोक्ट्रोलाइट्स  और मिनरल्स शरीर में इम्युनिटी बढ़ने में सहायक होते है इसलिए हमे सर्दी जुखाम में इसे खाना बंद नहीं करना चाहिए।   * विटामिन- सी : विटामिन सी यह हमारे शरीर में इम्यून सिस्टम को बढ़ता है और हमारे शरीर को इंफैक्शन आदि से बचता है. विटामिन सी हमारे शरीर में हड्डियों, रक्त वाहिकाओं और मांस पेशियों को स्वस्थ रखता है. विटामिन सी शरीर में आयरन को भी सोखने में सहायक होता है. इसलिए कभी भी इस को खाना बंद ना करे,  सर्दी जुखाम में विटामिन सी को खाने रहे जैसे - संतरा, अमरूद, पपीता आदि फल खाय और हरी सब्जियों को भी खाते रहे।   *शकरगंद - सर्दियों में शकरगंद का सेवन जरूर करें क्यूंकि यह काफी गर्म होता है। जिसका सेवन करने से सर्दी में बचा जा सकता है। इसमें प्रोटीन विटामिन की भी मात्रा अथिक होती हैं।   अंडा- सर्दियों में अंडे का सेवन करें। क्योंकि इसने प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो सर्दियों में रोजाना खाना चाहिए। अंडा सर्दी जुखाम के लिए फायदेमंद होता है।   सब्जियों का सूप पियो- सर्दी में मिक्स सब्जियों का सूप पीने से काफी लाभ होता है। क्योंकि इसमें विटामिन कैलरी प्रोटीन आदि सभी भरापुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इसलिए हफ्ते में दो तीन बार सूप जरूर पिएं। यह सर्दियों से काफी ज्यादा बचाता है।  
सर्दी में ये चीजें ना खाए।
  चावल का सेवन ना करें। सर्दियों में चावल ठंडे होते हैं जिसका सेवन करना नुकसान होता है। इसलिए चावल से दूर रहें और खुद को सर्दी से बचाए। अगर फिर भी आप चावल के ज्यादा शौकीन है तो मसाले वाले चावल बना कर खा सकते हैं। आइसक्रीम खाने से बचें। सर्दियों में खास तौर पर आइसक्रीम से दूर रहें और खुदको सर्दी से बचाए। अकसर लोग सर्दी में भी आइसक्रीम का सेवन कर लेते हैं। जो सर्दियों में काफी ज्यादा नुकसानदायक साबित होती है।   मीठा खाने से बचें। सर्दियों में आपको ज्यादा मीठा खाने से बचना चाहिए क्योंकि अधिक मीठा खाने से बहुत सी बीमारियां हो जाती है। इसलिए कम मीठा खाने का सेवन करें। नोट : यदि आपको ज्यादा सर्दी जुखाम है तो ऐसे में आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। क्यूंकि हमारा लेख आपको मामूली सर्दी जुखाम से बचाव के लिए मददगार है। तो दोस्तो कॉमेंट करके जरूर बताएं यह लेख आपको कैसा लगा। -ज्योति कुमारी... Read the full article
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abhay121996-blog · 3 years
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बुखार, लगातार खांसी... घर में बुजुर्गों के सेहत में बदलाव से मन में उलझन, यहां पाएं हर जवाब Divya Sandesh
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बुखार, लगातार खांसी... घर में बुजुर्गों के सेहत में बदलाव से मन में उलझन, यहां पाएं हर जवाब
लखनऊ ‘कोविड संक्रमण के इस दौर में सबसे ज्यादा ध्यान घर के बुजुर्गों का रखने की जरूरत है। अगर उनके व्यवहार में थोड़ा-सा भी बदलाव आ रहा है तो सतर्क हो जाएं। उनमें भूख की कमी, उल्टी, कमजोरी और थकान जैसे लक्षण अचानक दिखने लगें तो अनदेखी न करें। तुरंत जांच करवाएं। इसके साथ ही जांच के लिए सैंपल देते वक्त अपना फोन नंबर नोट कराएं। ऐसा करना इसलिए जरूरी है कि रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद कॉल सेंटरों से आने वाले फोन और सवाल जवाब बुजुर्गों की उलझन बढ़ा सकते हैं।’
एनबीटी, सपोर्ट ग्रुप लखनऊ और आईएमए के विशेषज्ञों ने बुजुर्ग मरीजों की देखभाल को लेकर पूछे गए सवालों पर यह टिप्स दिए। ‘हम साथ हैं’ अभियान के तहत चल रही हेल्पलाइन पर गुरुवार को लखनऊ के अलावा नोएडा, कानपुर, इलाहाबाद, कानपुर देहात, अम्बेडकरनगर, जौनपुर, गोरखपुर, बलिया, कुशीनगर, गाजियाबाद से भी मरीजों ने फोन किए।
वहीं, उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, दिल्ली , गुजरात, हैदराबाद और हरियाणा से भी मरीजों ने परामर्श के लिए फोन किया। इस दौरान डॉक्टरों ने ज्यादातर मरीजों की शंकाओं का समाधान किया और कुछ मरीजों को जरूरी दवाएं और जांचें करवाने का भी सुझाव दिया।
सवाल- मेरे पिताजी को भूख नहीं लग रही, कमजोरी हो रही है, चारपाई से उठने की हिम्मत नहीं हो रही। क्या ये कोरोना के लक्षण हैं?जवाब- बुखार हो या न हो, लेकिन बुजुर्गों में यह लक्षण है तो एहतियातन जांच करवा लीजिए। इससे सही समय पर इलाज शुरू होगा और परिवार के बाकी सदस्य भी संक्रमित होने से बच सकेंगे। घर के बुजुर्गों के व्यवहार में थोड़ा भी बदलाव होने पर सावधान हो जाएं। सही समय पर जांच और इलाज शुरू हो तो बुजुर्गों की रिकवरी की दर बहुत अच्छी है।
सवाल- मेरे पिता 66 साल के हैं। वह सुबह-शाम वॉक पर जाते हैं। क्या वह सुरक्षित हैं?जवाब- मास्क पहन कर वॉक पर जा सकते हैं, लेकिन कोशिश करें कि अभी कुछ दिनों तक घर पर ही रहें। टहलने की जरूरत महसूस हो तो घर की छत पर टहल लें। पार्क में कई बार न चाहते हुए भी लोग मिल जाते हैं और सुरक्षा चक्र टूटने का डर होता है।
सवाल- मेरी उम्र 65 साल है। कोविड में काढ़ा कितना कारगर है। मैं तीन बार पी रहा हूं। कोई दिक्कत तो नहीं।जवाब-अगर कोविड के लक्षण गंभीर नहीं हैं तो इतना काढ़ा पीना नुकसान भी कर सकता है। काढ़ा दवा है। यह चाय की तरह कोई सामान्य पेय पदार्थ नहीं है। ज्यादा काढ़ा पीने से पेट की दिक्कतें हो सकती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श पर ही काढ़ा पीएं। काढ़ा भी रोज नहीं पीना चाहिए। इसके लिए भी 10 से 12 दिन का कोर्स होता है ।
सवाल- घर के बुजुर्गों में लक्षण होने पर भी जांच करवाने को तैयार नहीं होते। कहते हैं कि सर्दी जुकाम है। क्या करें?जवाब-अगर बुखार, सूखी खांसी, बदन दर्द है तो उनकी काउंसलिंग करिए। जितनी जल्दी जांच होगी, उतना बेहतर इलाज मुमकिन हो सकेगा।
सवाल- हमारे यहां सैनिटाइजर नहीं मिल रहा। ऐसे में क्या करें?जवाब-सैनिटाइजर नही है तो साबुन से हाथ धोते रहिए। ऐसा करना सैनिटाइजर के इस्तेमाल से कहीं ज्यादा बेहतर है। कोशिश करें कि कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ पूरी तरह से धोएं।
सवाल- मेरी रिपोर्ट पॉजीटिव आई है, लेकिन घर में अलग कमरा नहीं है। आइसोलेट होने के लिए क्या करें?जवाब- यह दिक्कत तो है, लेकिन इसी में रास्ता निकालना पड़ेगा। आइसोलेशन सेंटर में जगह नहीं मिलती तो कमरे में एक तरफ अपना बिस्तर लगाकर एक सीमा रेखा तय कर दें कि उसके भीतर कोई न आए। घर के सभी सदस्य मास्क का इस्तेमाल करें और सैनिटाइजेशन भी करें। घर में बच्चे हों तो उन्हें रिश्तेदारों के यहां भेज सकते हैं।
सवाल- मुझे जुकाम हो गया था, लेकिन एहतियातन जांच करवा ली है। रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई तो क्या करना होगा?जवाब-आपको कोविड की पुष्टि नहीं हुई है। अनावश्यक परेशान होकर खुद और परिवार के लिए पैनिक न हों। हो गया तो भी खास दिक्कत नहीं होगी। जुकाम बहुत सामान्य लक्षण है। कोविड में केवल उन्हीं मरीजों को चिंतित होने की जरूरत होती है, जिनका ऑक्सिजन लेवल तेजी से गिरता है और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। रिपोर्ट पॉजिटिव आ भी गई तो सामान्य प्रोटोकॉल के तहत तय दवाएं खाएं। सात से दस दिन में ठीक हो जाएंगे।
सवाल- आसपास कई लोग ऐसे हैं जो अक्सर खांसते रहते हैं। क्या वो कोविड संक्रमित हो सकते हैं?जवाब-हर खांसी कोरोना वायरस नहीं होती, लेकिन ऐसी स्थिति में मास्क का जरूर इस्तेमाल करें। सूखी खांसी के साथ बुखार, जुकाम, गले में खराश और बदन दर्द भी हो तो दूरी बना लें। ऐसे लोगों से जांच करवाने को कहिए।
सवाल- पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करता हूं। मुझे हमेशा संक्रमित होने का डर बना रहता है। क्या सावधानी बरतूं?जवाब-जरूरत न हो तो यात्रा से बचें, लेकिन मजबूरी है तो बस, मेट्रो या ट्रेन में दूरी बनाकर बैठें या खड़े हों। मास्क का इस्तेमाल करें। ग्लव्ज पहनें और गंतव्य पर पहुंचकर साबुन से हाथ जरूर धोएं।
सवाल- संक्रमित हूं। मेरा पांच महीने का बच्चा है। क्या उसे अपना दूध पिला सकती हूं?जवाब-बच्चा पांच महीने का है। लिहाजा उसे बोतल से दूध पिलाया जा सकता है। सात से 10 दिन की बात है। लिहाजा बच्चा ब्रेस्ट फीडिंग न करे तो बेहतर होगा। वायरस अचानक छींकने या खांसने पर हवा के साथ बच्चे तक जा सकता है। दूध पिलाते समय बच्चा इतना पास होता है कि मास्क और शील्ड भी ज्यादा कारगर नहीं होगा।
सवाल- मेरी रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन मुझे लगता है कि हल्के लक्षण हैं। क्या मुझे स्टेरॉइड लेना चाहिए? परिवार में बुजुर्गों की चिंता है।जवाब- रिपोर्ट निगेटिव है तो स्टेरॉइड क्यों लेंगे। ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदेह है। बीमारी की आशंका है तो अलग कमरे में आइसोलेट हो जाएं। अगर लक्षण सामने आते हैं तो दोबारा जांच करवाने के बाद सामान्य प्रोटोकॉल के तहत दवा शुरू कीजिए। बिना डॉक्टरी परामर्श के कोई भी दवा खाने से समस्या हो सकती है।
सवाल- मुझे कोविड हो चुका है। क्या मुझे दोबारा संक्रमण का खतरा है?जवाब- कोविड से रिकवरी के बाद एंटीबॉडी बनती है, लेकिन वह हमेशा के लिए नहीं होती। इसमें कमी आ जाती है। बेहतर होगा कि रिकवर होने के बाद भी मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहें।
सवाल- क्या दिल के मरीज को वैक्सीन लगवाना चाहिए?जवाब-वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए। वैक्सीन से जुड़ी अफवाहों पर ध्यान न दें। आश्वस्त होने के लिए जिस भी डॉक्टर से आपका नियमित इलाज चल रहा है, उससे एक बार परामर्श कर लीजिए। शंकाएं दूर हो जाएंगी।
सवाल- कोविड से ठीक हो गया, लेकिन लेकिन खांसी नहीं जा रही। क्या करूं?जवाब- रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद खांसी और थोड़ा-सा कफ बना रहता है। भाप लेते रहिए और खांसी के लिए सीरप ले सकते हैं।
सवाल- एक कोविड मरीज के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ था। इसके बाद 14 दिन एकांत में बिता चुका हूं। क्या मुझे जांच करवा लेनी चाहिए।जवाब- कोविड के कोई भी लक्षण नहीं है तो अनावश्यक जांच करवाने की कोई जरूरत नहीं है।
सवाल- पत्नी को कैंसर है। ऑपरेशन हो चुके है और अभी वह कोविड पॉजिटिव भी थी। अब तो ठीक है। क्या उन्हें वैक्सीन लगवाना चाहिए ?जवाब- वैक्सीन ज़रूर लगवाना चाहिए।
सवाल- मैं कोविड पॉजिटिव था। 20 दिन बाद पीजीआई से डिस्चार्ज हुआ हूं। कितने दिन तक होम आइसोलेट रहना है?
जवाब-कम से कम 16 दिन क्वारंटीन रहिए और घर पर ही प्राणायाम व दस पंद्रह मिनट हल्का-फुल्का व्यायाम करिए।
सामान्य टिप्स – पॉजिटिव होने के बाद 10 दिनों तक इलाज के बाद सभी लक्षण सामान्य हैं तो दोबारा जांच करवाने की बाध्यता नहीं है।
– डेड वायरस कई दिन तक रहता है। ऐसे में अगर पूरी तरह स्वस्थ महसूस कर रहे हैं और 14 दिन बाद भी रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो घबराएं नहीं।
– कोविड संक्रमितों को रोजाना चार से पांच लीटर पानी पीना चाहिए। पानी भी जल्दी-जल्दी के बजाय थोड़े-थोड़े अंतराल पर धीरे-धीरे पीना चाहिए।
– संक्रमित हैं तो हेल्दी डाइट के साथ ग्रीन टी, नींबू पानी, सूप और जूस लें।
– किसी भी प्रकार के बुखार की अनदेखी बिल्कुल न करें।
– मरीज का बुखार और ऑक्सिजन लेवल नियमित देखते रहें। खासकर बुजुर्गों में ऑक्सिजन स्तर पर विशेष नजर रखें।
– ऑक्सिजन स्तर 90 से नीचे तेजी से गिर रहा हो तो अस्पताल में भर्ती करवाएं।
– मरीजों को अपनी डाइट में अंडा, दाल, राजमा, पनीर, मशरूम और ब्रॉकली जैसे प्रोटीनयुक्त चीजें शामिल करनी चाहिए।
– होम आइसोलेशन में भी अकेले बैठे रहने के बजाय सुबह-शाम हल्का व्यायाम करें। तकिया लगाकर अनुलोम-विलोम करें।
पैनल के डॉक्टर
डॉ. राजेश प्रजापति, डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव, प्रो. आरबी सिंह, डॉ. शाश्वत विद्याधर, डॉ. मनोज गोविला, डॉ. अनूप अग्रवाल, डॉ. नीलम सिंह, डॉ. यशपाल सिंह, डॉ. अशोक अग्रवाल, डॉ. शिव शिंगारी, डॉ. अलका जैन, डॉ. प्रिया कुमारी केशरी, डॉ. शाह ज़की , डॉ. अनुराधा अग्रवाल, डॉ. प्रांशु अग्रवाल, डॉ. एसके सक्सेना, डॉ. वैभव, डॉ. नूपुर और डॉ. जिमी मित्तल।
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vilaspatelvlogs · 3 years
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पानी पीने से भी कम होता है वजन, जानें इसके और भी फायदे....
पानी पीने से भी कम होता है वजन, जानें इसके और भी फायदे….
नई दिल्ली: गर्मी का मौसम शुरू होते ही लोगों के गले सूखने लगते हैं. सर्दी की अपेक्षा गर्मी में लोग काफी अधिक पानी पीते हैं. क्या आप जानते हैं कि प्यास बुझाने के अलावा पानी से हमारे शरीर को कई प्रकार के फायदे होते हैं. हमें दिनभर में कम से कम 10 गिलास पानी पीना चाहिए. ये हमें कई परेशानियों से बचा सकता है, जिनमें से एक समस्या है UTI यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन. इस खबर में पढे़ं पानी से होने वाले…
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sawakbhatiasir · 3 years
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☘️ *_फलों का रस दिलाएगा बीमारी से मुक्ति जानिये किस बीमारी में कौनसा रस है लाभप्रद_ आम धारणा है कि बीमार होने पर ज्यूस पीना चाहिए। लेकिन किस बीमारी में कौनसा ज्यूस लाभदायक होगा क्या आप जानते है,शायद नहीं|  विभिन्न बीमारियों में लाभदायक ज्यूस 1. *भूख लगाने के हेतुः-* प्रातःकाल खाली पेट नींबू का पानी पियें। खाने से पहले अदरक को कद्दूकस करके सैंधा नमक के साथ लें। 2. *रक्तशुद्धि हेतु :-* नींबू, गाजर, गोभी, लौकी चुकन्दर, पालक, सेव, तुलसी, नीम और बेल के पत्तों का रस प्रयोग करें। 3. *दमाः-* लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकन्दर, गोभी, गाजर, मीठी द्राक्ष का रस, भाजी का सूप अथवा मूँग का सूप और बकरी का शुद्ध दूध लाभदायक है। घी, तेल, मक्खन वर्जित है। 4 *उच्च रक्तचापः-* गाजर, अंगूर, मोसम्मी और ज्वारों का रस। मानसिक तथा शारीरिक आराम आवश्यक है। 5. *निम्न रक्तचाप* मीठे फलों का रस लें, किन्तु खट्टे फलों का उपयोग ना करें। अंगूर और मोसम्मी का रस अथवा दूध भी लाभदायक है। 6. *पीलिया* अंगूर, सेव, रसभरी, मोसम्मी, अंगूर की अनुपलब्धि पर लाल मुनक्के तथा किसमिस का पानी। गन्ने को चूसकर उसका रस पियें। केले में 1.5 ग्राम चूना लगाकर कुछ समय रखकर फिर खायें। 7. *मुहाँसों के दाग* लौकी गाजर, तरबूज, प्याज, तुलसी, घृतकुमारी और पालक का रस। 8. *संधिवात* लहसुन, अदरक, गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी, हरा धनिया, नारियल का पानी तथा सेव और गेहूँ के ज्वारे। 9. *एसीडिटी* लौकी गाजर, पालक, ककड़ी, तुलसी का रस, फलों का रस अधिक लें। अँगूर मौसम्मी तथा दूध भी लाभदायक है। 10. *कैंसर* गेहूँ के ज्वारे, गाजर और अंगूर का रस। 11. *सुन्दर बनने के लिए* सुबह-दोपहर नारियल का पानी या बबूल का रस लें। नारियल के पानी से चेहरा साफ करें। 12. *फोड़े-फुन्सियाँ* गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी और नारियल का रस। 13. *कोलाइटिस* गाजर, पालक और अन्नानास का रस। 70 प्रतिशत गाजर के रस के साथ अन्य रस समप्राण। चुकन्दर, नारियल, ककड़ी, गोभी के रस का मिश्रण भी उपयोगी है। 14. *अल्सर* अंगूर, गाजर, गोभी का रस, केवल दुग्धाहार पर रहना आवश्यक है, खूब गर्म दूध में 2 चम्मच देशी गाय का घी डालकर मिलाकर करके पियें। 15. *सर्दी-कफ* मूली, अदरक, लहसुन, तुलसी, गाजर का रस, मूँग अथवा भाजी का सूप। 16. *ब्रोन्काइटिस* पपीता, गाजर, अदरक, तुलसी, अनन्नास का रस, मूँग का सूप। स्टार्चवाली खुराक वर्जित। 17. *दाँत निकलते बच्चे के लिए* अन्नानास का रस थोड़ा नींबू डालकर रोज चार औंस (100-125 ग्राम)। 18. *रक्तवृद्धि के लिए* मौसम्मी, अंगूर, पालक, टमाटर, अनार चुकन्दर, स https://www.instagram.com/p/CMhavjlHWk-/?igshid=1l55q38kw4ivk
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teekam1988 · 3 years
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गन्ने का जूस किडनी से लेकर स्किन तक को पहुंचाता है फायदा, जानिए क्या सर्दी में पी भी सकते हैं ?
गन्ने का जूस किडनी से लेकर स्किन तक को पहुंचाता है फायदा, जानिए क्या सर्दी में पी भी सकते हैं ?
गन्ने का जूस खास कर गर्मी की दोपहर में पसंदीदा ड्रिंक है. इसको पीने से न सिर्फ आपकी प्यास बुझती है, बल्कि स्वास्थ्य को कई फायदे भी मिलते हैं. आहार विशेषज्ञ रुजुता दिवेकर ने जूस से जुड़ी दिलचस्प बात बताई है. इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने समझाया है कि क्यों गन्ने का जूस पीना चाहिए. न सिर्फ गर्मी में बल्कि सर्दी में भी गन्ने का जूस है मुफीद उन्होंने लिखा, “ये प्राकृतिक डिटॉक्स और पित दोष को संतुलित…
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shaileshg · 4 years
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सर्दियों का मौसम आ चुका है। सुबह और रात के वक्त अब हम ठंड महसूस करने लगे हैं। यह मौसम खाने-पीने, छुट्टियों और आनंद के लिए जाना जाता है, लेकिन इस मौसम में बीमार पड़ने का खतरा भी बना रहता है। एम्स भोपाल में डॉक्टर विनीत द्विवेदी के मुताबिक, इस मौसम में खुद को गर्म रखकर बीमार पड़ने से बचा जा सकता है।
सर्दियों के मौसम में अस्थमा और जोड़ों को दर्द के पीड़ितों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं। सीनियर सिटीजन और बच्चों पर विशेष ध्यान देना होता है। इस मौसम में काढ़ा, तुलसी और हल्दी युक्त दूध बहुत कारगर उपाय हैं, जो आपको बीमार पड़ने से बचा सकते हैं।
सर्दी से बचने के उपाय
काली मिर्च और लौंग लें
तुलसी का इस्तेमाल करें
अदरक लें
जायफल का इस्तेमाल करें
हल्दी युक्त गर्म दूध लें
शहद लें
सर्दी में हो सकती हैं ये 8 समस्याएं, जानें इनसे बचने के उपाय
​​​​
1- कब्ज
सर्दियों के मौसम में कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। तापमान कम होने की वजह से हमारा पाचन तंत्र थोड़ा धीरे काम करता है। इससे बचने के लिए इस मौसम में पानी खूब पीना चाहिए। खाना खाने के बाद जीरा पाउडर खाएं, यह आपके शरीर को गर्म रखेगा, जिससे आपकी पाचन क्रिया ठीक रहेगी।
सर्दियों के मौसम में ज्यादा ठंडा खाने से बचना चाहिए और खाने के बाद वॉक जरूर करनी चाहिए। शरीर को गर्म बनाए रखने के लिए काली मिर्च और लौंग भी लेते रहें।
2- माइग्रेन
कई लोगों को ठंडी हवा और ठंड के कारण सिरदर्द होता है, जो आसानी से कम नहीं होता। ऐसा होने पर दूध में जायफल घिसकर माथे पर इसका लेप करें। इससे काफी जल्दी सिरदर्द से आराम मिलेगा।
सर्दियों में जुकाम बहुत आम है, ऐसे में माइग्रेन के पीड़ितों की दिक्कतें इस मौसम में और भी बढ़ जाती हैं। इससे बचने के लिए काढ़ा और डॉक्टर की सलाह पर एंटी एलर्जिक दवाएं लेते रहें।
यह भी पढ़ें- सर्दी में छोटी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है, 4 तरह के बिस्तर और 3 इलेक्ट्रिक उपकरण हमें ठंड से बचा सकते हैं...
3- ड्राई स्किन
सर्दी में त्वचा के साथ-साथ होंठों का फटना आम बात है। फटे होंठों पर कोकम का तेल लगाने से काफी फायदा होता है। इससे होंठों की त्वचा नर्म और मुलायम हो जाती है।
सर्द मौसम में एड़िया फटने की समस्या भी बहुत होती है, जिसे बिवाइयां फटना कहते हैं। ऐसा होने पर एड़ियों पर प्याज का पेस्ट या फिर मोम लगाने से आराम मिलेगा।
4- खांसी और बलगम
सर्दियों में आमतौर पर छाती में बलगम जमा हो जाता है और ऐसा होने पर काफी परेशानी होती है। इसके लिए अंजीर का सेवन करें। इससे बलगम निकलेगा और खांसी से राहत मिलेगी। शरीर को गर्म रखकर भी ऐसी समस्याओं से बचा जा सकता है। इसके लिए आप हल्दी युक्त गर्म दूध भी ले सकते हैं।
5- बुखार
सर्दी अधि‍क लग जाने पर बुखार आना भी आम है। इससे बचने के लिए दिन में तीन बार अजवाइन के चूर्ण लेना फायदेमंद होता है। तुलसी युक्त काढ़ा भी इसके रोकथाम में बहुत कारगर है।
6- वायरल
वायरल यानी खांसी, जुकाम, बुखार एक साथ होने पर पुदीने के पत्तों की चाय बनाकर पीने से आराम मिलता है। इससे बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने आप को सुरक्षित रखें।
सर्दियों में वायरल से ऐसे बच सकते हैं
गर्म कपड़े पहनें
खाने में गर्म चीजों का इस्तेमाल करें
बाइक चलाने वाले ग्लव्स और जूते पहनें
मास्क लगाएं
गर्म पानी पिएं
यह भी पढ़ें-
1. सर्दियों में आ सकती है वायरस की दूसरी लहर, जानिए बचने लिए क्या करें...
2. फ्लू की वैक्सीन लें, बच्चों का ध्यान रखें; इन 5 तरीकों से कोरोना रोक सकते हैं...
7- अस्थमा के पीड़ित ज्यादा सावधानियां बरतें
कफ अधि‍क जमा हो जाने से अस्थमा पीड़ितों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं। अजवायन के साथ छोटी पीपर और पोस्तदाना का काढ़ा बनाकर पीने से तुरंत आराम मिलता है। अदरक और सूखे अदरक भी अस्थमा के पीड़ितों के लिए बहुत कारगर है। खाने और चाय में अदरक का इस्तेमाल करें। सूखे अदरक को शहद के साथ लें।
8- जोड़ों का दर्द
सर्दियों के मौसम में अक्सर जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती है। सरसों के तेल में 3-4 लहसुन की कली डालकर पका लें और ठंडा होने पर इससे मालिश करें। इस तेल की मालिश से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है और गर्माहट बनी रहती है।
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Winter asthma and migraine sufferers need to be more alert, know ways to stay healthy in winter
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raghav-shivang · 4 years
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सर्दियों का मौसम आ चुका है। सुबह और रात के वक्त अब हम ठंड महसूस करने लगे हैं। यह मौसम खाने-पीने, छुट्टियों और आनंद के लिए जाना जाता है, लेकिन इस मौसम में बीमार पड़ने का खतरा भी बना रहता है। एम्स भोपाल में डॉक्टर विनीत द्विवेदी के मुताबिक, इस मौसम में खुद को गर्म रखकर बीमार पड़ने से बचा जा सकता है।
सर्दियों के मौसम में अस्थमा और जोड़ों को दर्द के पीड़ितों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं। सीनियर सिटीजन और बच्चों पर विशेष ध्यान देना होता है। इस मौसम में काढ़ा, तुलसी और हल्दी युक्त दूध बहुत कारगर उपाय हैं, जो आपको बीमार पड़ने से बचा सकते हैं।
सर्दी से बचने के उपाय
काली मिर्च और लौंग लें
तुलसी का इस्तेमाल करें
अदरक लें
जायफल का इस्तेमाल करें
हल्दी युक्त गर्म दूध लें
शहद लें
सर्दी में हो सकती हैं ये 8 समस्याएं, जानें इनसे बचने के उपाय
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1- कब्ज
सर्दियों के मौसम में कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। तापमान कम होने की वजह से हमारा पाचन तंत्र थोड़ा धीरे काम करता है। इससे बचने के लिए इस मौसम में पानी खूब पीना चाहिए। खाना खाने के बाद जीरा पाउडर खाएं, यह आपके शरीर को गर्म रखेगा, जिससे आपकी पाचन क्रिया ठीक रहेगी।
सर्दियों के मौसम में ज्यादा ठंडा खाने से बचना चाहिए और खाने के बाद वॉक जरूर करनी चाहिए। शरीर को गर्म बनाए रखने के लिए काली मिर्च और लौंग भी लेते रहें।
2- माइग्रेन
कई लोगों को ठंडी हवा और ठंड के कारण सिरदर्द होता है, जो आसानी से कम नहीं होता। ऐसा होने पर दूध में जायफल घिसकर माथे पर इसका लेप करें। इससे काफी जल्दी सिरदर्द से आराम मिलेगा।
सर्दियों में जुकाम बहुत आम है, ऐसे में माइग्रेन के पीड़ितों की दिक्कतें इस मौसम में और भी बढ़ जाती हैं। इससे बचने के लिए काढ़ा और डॉक्टर की सलाह पर एंटी एलर्जिक दवाएं लेते रहें।
यह भी पढ़ें- सर्दी में छोटी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है, 4 तरह के बिस्तर और 3 इलेक्ट्रिक उपकरण हमें ठंड से बचा सकते हैं...
3- ड्राई स्किन
सर्दी में त्वचा के साथ-साथ होंठों का फटना आम बात है। फटे होंठों पर कोकम का तेल लगाने से काफी फायदा होता है। इससे होंठों की त्वचा नर्म और मुलायम हो जाती है।
सर्द मौसम में एड़िया फटने की समस्या भी बहुत होती है, जिसे बिवाइयां फटना कहते हैं। ऐसा होने पर एड़ियों पर प्याज का पेस्ट या फिर मोम लगाने से आराम मिलेगा।
4- खांसी और बलगम
सर्दियों में आमतौर पर छाती में बलगम जमा हो जाता है और ऐसा होने पर काफी परेशानी होती है। इसके लिए अंजीर का सेवन करें। इससे बलगम निकलेगा और खांसी से राहत मिलेगी। शरीर को गर्म रखकर भी ऐसी समस्याओं से बचा जा सकता है। इसके लिए आप हल्दी युक्त गर्म दूध भी ले सकते हैं।
5- बुखार
सर्दी अधि‍क लग जाने पर बुखार आना भी आम है। इससे बचने के लिए दिन में तीन बार अजवाइन के चूर्ण लेना फायदेमंद होता है। तुलसी युक्त काढ़ा भी इसके रोकथाम में बहुत कारगर है।
6- वायरल
वायरल यानी खांसी, जुकाम, बुखार एक साथ होने पर पुदीने के पत्तों की चाय बनाकर पीने से आराम मिलता है। इससे बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने आप को सुरक्षित रखें।
सर्दियों में वायरल से ऐसे बच सकते हैं
गर्म कपड़े पहनें
खाने में गर्म चीजों का इस्तेमाल करें
बाइक चलाने वाले ग्लव्स और जूते पहनें
मास्क लगाएं
गर्म पानी पिएं
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1. सर्दियों में आ सकती है वायरस की दूसरी लहर, जानिए बचने लिए क्या करें...
2. फ्लू की वैक्सीन लें, बच्चों का ध्यान रखें; इन 5 तरीकों से कोरोना रोक सकते हैं...
7- अस्थमा के पीड़ित ज्यादा सावधानियां बरतें
कफ अधि‍क जमा हो जाने से अस्थमा पीड़ितों की मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं। अजवायन के साथ छोटी पीपर और पोस्तदाना का काढ़ा बनाकर पीने से तुरंत आराम मिलता है। अदरक और सूखे अदरक भी अस्थमा के पीड़ितों के लिए बहुत कारगर है। खाने और चाय में अदरक का इस्तेमाल करें। सूखे अदरक को शहद के साथ लें।
8- जोड़ों का दर्द
सर्दियों के मौसम में अक्सर जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती है। सरसों के तेल में 3-4 लहसुन की कली डालकर पका लें और ठंडा होने पर इससे मालिश करें। इस तेल की मालिश से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है और गर्माहट बनी रहती है।
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गुडुची से इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय
आज के दौर में अगर आप खुद को फिट बनाना चाहते हैं, तो ऐसे में खुद को ऐसे परिवेश में ढालना होगा जिस के अनुरूप आप खुद में बदलाव ला सके और फिट बन सके। आज के इस प्रदूषण युक्त माहौल में खुद को सही दिशा में आगे बढ़ाने के आप इच्छुक हैं तो इसके लिए आपको अपनी guduchi se immunity को मजबूत करने की आवश्यकता होगी।
इम्यूनिटी बढा़ने की दौड़ में गुडुची (Guduchi) आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगा, जो प्रत्येक आयु वर्ग के लोग इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या है गुडुची | Guduchi Kya hai
गुडुची यह नाम  ज्ञात नहीं है सिर्फ कुछ लोग ही इस नाम से सही पहचान कर पाते हैं। गुडुची को गिलोय, अमृता,  चक्र रंगी आदि नाम से भी जाना जाता है इनमें से हम सभी गिलोय से भलीभांति परिचित हैं। आयुर्वेद की दृष्टि से देखा जाए तो यह एक प्रकार का वरदान ही है इसके उपयोग के माध्यम से कई प्रकार की बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। इसके पत्तों का आकार पान के पत्तों की तरह होता है। यह स्वास्थ्य की स्वास्थ्य की दृष्टि से फायदेमंद होता है। गुडूची की पहचान करना आसान है क्योंकि यह बेल के रूप में होता है।
गुडूची के प्रयोग से बढ़ाएं इम्यूनिटी अपनी | Guduchi ke prayog ke se badhaye immunity
वैसे तो गुडुची हमारे लिए बहुत ही कामगर है लेकिन इससे  इम्यूनिटी भी बढ़ाई जा सकती है। जिन लोगों की इम्युनिटी कम होती है वे इसके उपयोग से अपनी इम्यूनिटी में इजाफा कर सकते हैं। गुडुची एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो किसी भी प्रकार के रोग से लड़ने में सहायक होते हैं। अगर आप अपनी इम्यूनिटी बढ़ाना चाहते हैं तो निश्चित रूप से गुडुची का जूस आपके लिए फायदेमंद है।
कैसे बढ़ाएं गुडूची से इम्यूनिटी | guduchi se kaise badhaye immunity
ऐसा माना जाता है कि किसी भी बीमारी से उबरने में हमारी इम्यूनिटी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर इम्यूनिटी मजबूत हो, तो आसानी से सभी बीमारियों से निपटा जा सकता है। इम्युनिटी बढ़ाने का सबसे असरदार नुस्खा गुडुची अथवा गिलोय में होता है।
1) अगर आप लगातार सर्दी, खांसी या लगातार  छीको से परेशान होते हैं, तो ऐसे में गुडुची का जूस बनाकर पीना फायदेमंद होगा।
2) अगर आप कोरोना कॉल में बुखार से पीड़ित हैं ऐसे में गुडुची के उपयोग से इम्यूनिटी को बढ़ाकर बुखार को दूर किया जा सकता है।
3) हमारी इम्युनिटी कहीं ना कहीं पाचन से भी संबंधित रहती है ऐसे में अगर आप गुडुची का काढ़ा बनाकर पीए, तो इससे भी आपको फायदा ही होगा।
4) अगर गुडूची के पत्तों को सुखाकर पाउडर बनाया जाए और रोजाना इनका उपयोग किया जाए तो निश्चित रूप से इससे आपका इम्यून सिस्टम कहीं बेहतर हो जाएगा।
5) अगर आप चाहे तो घर पर ही गुडुची का रस निकालकर उसे रख सकते हैं और उसे उपयोग कर आसानी से अपनी इम्युनिटी को बढ़ा सकते हैं।
गुडूची की मुख्य खूबियां | guduchi ke fayde in hindi
यूं तो गुडूची में बहुत से औषधि गुण पाए गए हैं इसके अलावा भी बहुत सी ऐसी खूबियां हैं जिन्हें हम अनभिज्ञ हैं।
1) अगर आप डेंगू से पीड़ित हैं या आपके करीबी रिश्तेदार इस बीमारी से पीड़ित हो, तो ऐसे में गुडूची का रस देना फायदेमंद होगा। इसके माध्यम से गिरते हुए प्लेटलेट्स में भी बढ़ोतरी हो जाती है और मरीज की जान बचाई जा सकती है।
2) अगर आपने नियमित रूप से गुडूची का सेवन करें तो इससे भी आप अपनी त्वचा संबंधी भी परेशानी से दूर रह सकते हैं और त्वचा को चमकीली बना सकते हैं।
3) अगर खाली पेट गुडूची का रस पिया जाए तो इससे भी डायबिटीज के मरीजों को काफी हद तक राहत मिल सकती है और शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है।
4) अगर आप पिछले कुछ दिनों से कब्ज से पीड़ित हैं, तो ऐसे में भी गुडूची मुख्य भूमिका निभाता है। इसके सेवन से कब्ज की समस्या भी खत्म नजर आती है।
5) अगर आप अपने कान के निकलने वाले मेल से भी परेशान हो चुके हैं, तो गुडुची का सेवन फायदेमंद होगा। इसके लिए गुडूची को पानी में पीस लें और हल्का गर्म कर लें। आप दिन में दो-तीन बार इसे कान में डालें जिससे आपको राहत मिलेगी।
घर पर भी बनाया जा सकता है गुडूची का रस
अगर आप अपने कम होती इम्युनिटी से परेशान हैं, तो ऐसे में आप गुडूची का जूस बनाकर फायदा ले सकते हैं। इसके लिए आप उस की शाखा को टुकड़ों में काट लें। शाखा के ऊपरी परत को सावधानी से अलग कर दें तथा पानी के साथ पीस लें। निकलने वाले रस को छान कर पी ले। ऐसे जूस को दिन में  दो बार पिया जा सकता है।
गुडुची का कितना सेवन करने से होगा फायदा
गुडुची हमारे लिए फायदेमंद है लेकिन इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करना सही होता है। ऐसा माना गया है कि 20 ग्राम से ज्यादा गुडुची का उपयोग करना नुकसानदायक होता है। गुडूची के जूस को भी 20ml से ज्यादा लेना नुकसानदायक हो सकता है। अतः जब भी इसका  का उपयोग करना चाहे तो एक बार चिकित्सक से जरूर सलाह लें और सोच समझकर ही उपयोग करें।
इम्यून सिस्टम को बढ़ाने हेतु कारगर नुस्खे | immunity system ko badhane hatu kargar nuskha
अगर आप इम्यून सिस्टम को बढ़ाना चाहते हैं, तो हम आपको कारगर और अचूक नुस्खे बताने जा रहे हैं जो निश्चित रूप से आपके लिए फायदेमंद होगा।
1) अगर आप तुलसी, नीम और गुडुची की पत्तियों को पीसकर उसका सेवन करें तो इससे निश्चित रूप से इम्युनिटी बढ़ाई जा सकती है। इसे आप घर के सभी सदस्यों को भी दे सकते हैं।
2) अगर आप तुलसी की पत्ती, गुडूची का गूदा और नीम की पत्तियों को 1 लीटर पानी में उबालें और तब तक उबालें जब तक पानी आधा ना हो जाए इसे भी दिन में तीन बार सेवन करना फायदेमंद होगा।
3) अगर काली मिर्ची के पाउडर को गुडूची के साथ भी घी में भुने और उसका सेवन प्रतिदिन करें तो इससे भी इम्यूनिटी को बढ़ाया जा सकता है।
गुडूची से बरतें सावधानियां | guduchi se rakhe savdhaniya
गुडुची  अथवा गिलोय के अनगिनत फायदे हैं, जो हमारी और आपकी शारीरिक रूप से मरम्मत करने का भी कार्य करते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसी परिस्थिति भी होती है जिसके अंतर्गत आपको गुडूची का सेवन कम से कम करना चाहिए।
1) ब्लड प्रेशर की समस्या
जिन लोगों को ब्लड प्रेशर कम रहने की समस्या बनी रहती है उन्हें गुडुची  या गिलोय कम से कम उपयोग करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि गुडूची के सेवन से ब्लड प्रेशर और भी कम हो जाता है ऐसे में सावधानी रखने की आवश्यकता है।
2) गर्भावस्था
गर्भावस्था में जब भी महिलाएं गर्भावस्था में हो तो उन्हें गुडूची का ज्यादा उपयोग नहीं करना चाहिए और अपना पूरा ध्यान रखना चाहिए।
3)  बीमारियों का बढ़ावा
वैसे तो इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गुडुची का उपयोग फायदेमंद है लेकिन बहुत ज्यादा उपयोग कर लेने से भी बीमारियों को बढ़ावा मिल सकता है जिसे “ऑटोइम्यून डिसीस” कहा जाता है अतः इस बारे में भी ध्यान रखने की आवश्यकता है।
घर पर भी लगाया जा सकता है गुडूची
अगर आप गुडूची का फायदा लेना चाहते हैं, तो इसके पौधे को घर में भी आसानी से लगा सकते हैं। इसे ज्यादा धूप की आवश्यकता नहीं होती और आसानी से घर में किसी गमले में भी लगाया जा सकता है जब आपको ���सकी आवश्यकता हो, तो आप आसानी से इसका उपयोग कर सकते हैं।
गुडुची के विभिन्न फायदे
गुडुची के उपयोग करने से कई प्रकार के फायदे प्राप्त होते हैं–
1) आंखों की रोशनी बढ़ाना।
2) मोटापा दूर करना।
3) सर्दी, खांसी ठीक करना।
4) डायबिटीज में फायदा।
5) बुखार जल्दी ठीक करना।
6) किसी प्रकार की हड्डियों की समस्या ठीक करना।बुजुर्गों के लिए भी है फायदेमंद
ऐसा देखा जाता है कि बुजुर्गों को स्वास्थ्य संबंधी बहुत से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार इलाज करवाने के बाद भी समस्या कम नहीं होती है। ऐसे में अगर आप गुडुची का रस या जूस निकालकर बुजुर्गों को दें, तो इससे उनकी सारी समस्या दूर हो जाएंगी और उनकी  इम्यूनिटी भी बढ़ जाएगी। बहुत ज्यादा मात्रा में गुडुची बुजुर्गों को ना ही दें। सीमित मात्रा में देकर उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सकता है।
कोरोना काल में फायदेमंद
आज जहां पूरा विश्व कोरोना  महामारी से जूझ रहा है। लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो रहे हैं चारों ओर वैश्विक महामारी फैली हुई है। ऐसे में अगर आप नियमित रूप से गुडुची का उपयोग करें, तो इससे जनजीवन सामान्य करने में आसानी होगी। इस काल में किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से भी बचा जा सकता है बस जरूरत है तो सावधान रहने की और मिलकर एक दूसरे का ध्यान रखने की। इसका उपयोग सीमित मात्रा में करें और स्वस्थ रहें। ऐसे में आपके और हमारे लिए यह औषधि का काम करेगी और इस बुरे समय से बाहर आने में मदद करेगी।
निष्कर्ष                          
इस प्रकार से हमने जाना है कि गुडूची हमारे लिए एक वरदान की तरह है जिससे अपनी समस्याओं को दूर कर सकते हैं और समस्याओं को जड़ से खत्म कर सकते हैं। हम अपने परिजन के स्वास्थ्य के लिए चिंतित रहते हैं, तो अब हमें चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। दिन में दो बार इस औषधि का उपयोग कर आप खुद के स्वास्थ्य में बदलाव ला सकते हैं और भविष्य में आने वाली बीमारियों से दूर रहा जा सकता है और एक खुशहाल जीवन व्यतीत किया जा सकता है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी और आप मुख्य नुस्खों का उपयोग करके सारी बीमारियों को दूर करने में कामयाब होंगे।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/guduchi-se-immunity-badhane-ke-fayde-in-hindi/
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pramodkamal01 · 4 years
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‘‘अब्राहिम सुल्तान की जन्म कथा‘‘
एक अधम शाह नाम का फकीर था। उसने बलख शहर से कुछ दूर एक कुटिया बना रखी थी। शहर में घूमने-फिरने आता था। एक दिन उसने बलख के बादशाह की इकलौती बेटी को देखा। वह युवा तथा सुंदर थी। अधम शाह के मन में दोष उत्पन्न हो गया और राजा के पास जाकर कहा कि इस लड़की का विवाह मेरे से कर दो। राजा हैरान रह गया। फकीर कहीं शॉप न दे दे, इसलिए डर भी गया। अचानक हाँ या ना नहीं कह सका, कल आने को कहा। मंत्रियों को पता चला। एक राय बनी कि कल उसे कह देंगे कि राजा की लड़की से विवाह करने के लिए मोतियों का एक हार लाना पड़ता है या सौ मोती लाने होते हैं। अन्यथा विवाह नहीं होता। अगले दिन फकीर को यह शर्त बता दी गई। फकीर मोती लेने चला। किसी ने बताया कि मोती तो समुद्र में मिलते हैं। समुद्र के किनारे जाकर अपने करमण्डल (लोटे) से समुद्र का जल भरकर कुछ दूरी पर रेत में डालने लगा। कई दिन तक भूखा-प्यासा इसी प्रयत्न में लगा रहा। शरीर भी समाप्त होने को आया। जो भी देखता वही कहता कि अल्लाह के लिए घर त्यागा था। अब नरक की तैयारी कर रहा है। समुद्र कभी खाली नहीं हो सकता। भक्ति कर। परमात्मा जिंदा बाबा के वेश में वहाँ प्रकट हुए तथा अधम शाह से पूछा कि क्या कर रहे हो? उसने बताया कि राजा की लड़की से विवाह करना है। उसके लिए मोतियों की शर्त रखी है। मोती समुद्र में बताए हैं। समुद्र खाली करके मोती लेकर जाऊँगा। जिन्दा ने कहा कि समुद्र खाली नहीं हो सकता। आप भूखे-प्यासे मर जाओगे। आप जिस मोक्ष के उद्देश्य के लिए घर से निकले हो। मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रयत्न करो तो कुछ बात बने। आपने जीवन को नष्ट करने की योजना बना ली है। अधम शाह ने कहा कि आपकी शिक्षा की मुझे कोई आवश्यकता नहीं है। मैं अपना कार्य कर रहा हूँ, तुम अपना करो। कबीर परमेश्वर जी ने कहा है किः-
विकार मरे मत जानिया, ज्यों भूभल (राख) में आग। जब करेल्लै धधकहीं, कोई बचै सतगुरू शरण लाग।।
चुटकुला :- एक 70,75 वर्ष का वृद्ध शराब पीकर मार्ग में खड़ा-खड़ा झूझ रहा था। उसके हाथ का डोगा (सहारे के लिए डण्डा) जमीन पर गिर गया। वह डोगा उठाने में असमर्थ था क्योंकि वह गिर जाता। फिर उठना मुश्किल हो जाता। एक भद्र पुरूष उसी रास्ते से आया। वृद्ध ने उसे लड़खड़ाती आवाज में कहा कि मेरा डोगा उठाकर मुझे दे दो।
यात्रा को समझते देर नहीं लगी। कहा, हे दादा जी! आप अपनी आयु की ओर देखो। इस आयु में शराब पीना शोभा नहीं देता। पोते-पोतियों वाले हो। उन पर क्या प्रभाव पड़ेगा? यह बात सुनकर वृद्ध ने कहा कि शिक्षा बिना बात ना रह ही, क्या आज तक कोई मेरे को यह शिक्षा देने वाला नहीं मिला होगा? यदि डोगा उठाना है तो उठा नहीं तो जा। यही दशा अधम शाह फकीर की थी। परमात्मा ने देखा कि भक्त तो मरेगा। समुद्र की झाल मारी, हजारों मोती रेत में पड़े थे। या अल्लाह कहकर अधम शाह ने हजारों मोती चद्दर में बाँध लिए और राजा के दरबार में जाकर रख दिए और कहा कि आप अपने वायदे अनुसार शहजादी का विवाह मेरे से कर दो। मंत्रियों ने सिपाहियों को आज्ञा दी कि इसको डण्डे मारो और मारकर जंगल में डाल आओ। ऐसा ही किया गया। परमात्मा की कृपा से वह मरा नहीं। कुछ दिन में चलने-फिरने लगा। कुछ दिन के पश्चात् राजा की लड़की मर गई।
उसको कब्र में दबाकर चार पहरेदार छोड़ दिए कि कोई जंगली जानवर शव को खराब न कर दे। अधम शाह को पता चला। वह रात्रि को कब्र के पास गया। पहरेदार गहरी नींद में सोए थे। अधम शाह कब्र को खोदकर शव को निकालकर, कब्र को उसी तरह ठीक करके लड़की के शव को अपनी कुटिया में उठा ले गया। उसी रात्रि में बंजारों का काफिला ��ास्ता भूलकर उसी जंगल में चला गया। कुटिया में दीपक जल रहा था। लड़की का शव कफन में लिपटा दीवार के सहारे रखा जैसे लड़की पलाथी लगाकर बैठी हो। सर्दी का मौसम था।
अग्नि लेने के लिए काफिले के दो व्यक्ति कुटिया पर गए। आवाज सुनकर अधम शाह डर गया कि राजा के आदमी आ गए। वह कुटिया के पीछे जाकर एक गुफा में छिप गया जिसमें वह साधना किया करता था। काफिले के व्यक्तियों ने मृत जवान लड़की को दीवार के सहारे बैठा देखा तो डर के मारे उलटे पैरों काफिले में जाकर बताया। एक वैद्य भी काफिले में रहता था। कई व्यक्ति तथा वैद्य वहाँ गये तो लड़की को देखते ही वैद्य ने कहा कि यह लड़की मरी नहीं है, इसको सदमा लगा है। उपचार कर सकता हूँ। काफिले के मालिक ने कहा कि आप उपचार करो। यदि लड़की स्वस्थ हो गई तो इसी से पूछेंगे कि कौन है तेरा पिता या पति कहाँ है? पहले लड़की के नग्न शरीर के ऊपर चद्दर डाली। फिर वैद्य ने हाथ की नस में चीरा देकर अशुद्ध रक्त निकाला। लड़की कुछ ही मिनटों में सचेत हो गई। बोली कि मैं यहाँ कैसे आयी हूँ। अधम शाह फकीर ने दीपक की रोशनी में देखा कि ये राजा के आदमी नहीं हैं। शहजादी भी जीवित हो गई है। वह काफिले के व्यक्तियों के पास आया और सारी दास्तां बताई जो लड़की ने भी सुनी। लड़की को काफिले के व्यक्तियों ने समझाया कि यदि आपको यह फकीर कब्र से निकालकर नहीं लाता तो आप तो संसार से चली गई होती। अब आपको चाहिए कि इस फकीर के साथ अल्लाह की रजा मानकर रहें। लड़की ने हाँ कर दी।
उन व्यक्तियों ने दोनों का विवाह कर दिया, निकाह पढ़ दिया। काफिले के मालिक ने कहा कि यदि आप हमारे साथ चलना चाहें तो हम आपकी सेवा करेंगे, कोई कष्ट नहीं होने देंगे। गृहस्थी बना फकीर बोला कि हमारे को यहीं रहना है। मैं आपका अहसान कभी नहीं भूल सकूँगा। आप मेरे लिए अल्लाह का स्वरूप बनकर आए हो। हम दोनों की मौत होनी थी।
आपने हमारे जीवन की रक्षा की है। उनको वहीं छोड़कर काफिले के व्यक्ति चले गए। कुछ दिन पश्चात् लड़की ने एक सुंदर पुत्र को जन्म दिया। उसका नाम ‘‘इब्राहिम‘‘ रखा। चार वर्ष का बच्चा होने के पश्चात् बलख शहर ��े मौलवी के पास पढ़ने के लिए प्रवेश दिलाया।
प्रतिदिन अधम बेटे को मौलवी के पास सुबह छोड़ आता, शाम को ले आता। एक दिन बलख का राजा उस मौलवी के पास गया। वह विधार्थियों को इनाम देता था। गरीब बच्चों को कपड़े बाँटता था। अधम शाह फकीर के लड़के को देखकर राजा हैरान रह गया। उसकी सूरत राजा की मृत लड़की से मिलती थी। राजा ने मौलवी से पूछा कि यह बच्चा किसका है? मौलवी ने बताया कि एक फकीर जंगल से आता है, उसका बालक है। सुबह छोड़कर जाता है, शाम को ले जाता है। हमने अधिक पूछताछ नहीं की। लड़का भी उठकर राजा से लिपट गया। राजा ने उसे गोद में उठा लिया और चल पड़ा। मौलवी से कहा कि इसका पिता आए तो महल में भेज देना, वहाँ से ले जाएगा। राजा ने रानी को वह बालक दिखाया, वह तो देखते ही अपनी बेटी को याद करके मूर्छित होकर पृथ्वी के ऊपर गिर गई। सचेत होने पर बालक को सीने से लगाया। खाना खीर-हलवा स्वयं बनाकर खिलाया। रानी ने कहा कि यह तो अपनी लड़की से मिलती शक्ल का है। इतने में फकीर मौलवी के पास जाकर राजा के महल में चला गया। राजा ने नौकरों को बोल रखा था कि इस लड़के का पिता आए तो उसे रोकना नहीं, महल में आदर के साथ लेकर आना है। उसी फकीर को देखकर राजा ने कहा कि यह बालक किसका है? फकीर ने बताया कि यह मेरा लड़का है। आपकी लड़की से उत्पन्न हुआ है। राजा ने कहा कि फकीर होकर झूठ बोलना ठीक नहीं होता।
फकीर ने सर्व कथा बताई। राजा को विश्वास नहीं हुआ। फकीर को साथ लेकर नौकरों के साथ पहले लड़की की कब्र को खोदा, वहाँ शव नहीं था। फकीर की कुटिया पर गए। उनकी लड़की कई स्थानों से फटे और पैबन्द लगे वस्त्र पहने बैठी थी। अपने माता-पिता को देखते ही दौड़कर पिता-माता से बारी-बारी सीने से लगी। लड़की तथा फकीर को उनकी आज्ञा से तथा बच्चे को लेकर महल में आए। अधम को अपना उतराधिकारी नियुक्त कर दिया।
जिस कारण से शाह कहा जाने लगा। उसका नाम ‘अधम’ था। कुछ दिन रहकर अधम शाह को राज-ठाठ अच्छे नहीं लगे। वह उनसे प्रेम से विदाई लेकर कुटिया में चला गया और कभी-कभी लड़के तथा पत्नी से मिल जाता था। कुछ वर्षों के पश्चात् अधम शाह फकीर की मुत्यु हो गई। उसकी समाधि कुटिया में बना दी। आसपास सुंदर बगीची बनाई गई। वहाँ मेले लगने लगे। बालक इब्राहिम नाना जी के राज्य का उतराधिकारी बनाया गया।
विचारणीय विषय :- भक्ति के लिए भक्त का शरीर स्वभाव बहुत सहयोगी होता है।
अच्छे माता-पिता से मिले जन्म से बच्चे के शरीर में माता-पिता का स्वभाव भी साथ रहता है। इब्राहिम जिस जन्म में सम्मन मनियार था। उसने अपने लड़के की कुर्बानी सतगुरू की सेवा के लिए दी थी। कुछ कारण ऐसा बना था जो आप जी ने सुल्तान बोध के प्रारम्भ में पढ़ा। परमेश्वर जी यानि सतगुरू कबीर जी ने वह लड़का जीवित कर दिया था। वही सम्मन फिर राजा बना। भक्ति नहीं की। अबकी बार उस आत्मा को ऐसे पिता से शरीर दिया जो जन्म से परमात्मा पर समर्पित थे। सम्मन की आत्मा को मोक्ष दिलाने के लिए परमेश्वर जी ने अधम शाह में विवाह की प्रेरणा प्रबल की। लड़की को सदमा, समुद्र से मोती, बंजारों का काफिला रास्ता भूलकर कुटिया पर आना, लड़की को जीवित करना। इब्राहिम का जन्म अधम शाह से पाक आत्मा लड़की से होना जो एक फकीर के साथ रहकर साध्वी जीवन जी रही थी। उच्च विचार बने थे। संसार की कोई बुराई लड़की को नहीं लगी थी। सतगुरू के लिए अपने पुत्र सेऊ (शिव) का बलिदान तथा नौशेरखान रूप में दान किए खजाने यानि अरबों रूपये। उस दान का फल भी उस जीव को देना था। उसके लिए परमेश्वर कबीर जी ने यह लीला की थी। आदम शाह फकीर का दादा उसी बलख शहर का राजा था जिसका राज्य अब्राहिम के नाना जी के पिता ने लड़ाई करके छीन लिया था। फिर वही राज्य उसी वंश के अब्राहिम को मिला। आदम शाह भी भक्ति से भटकने के कारण पशु की योनि में जन्मा। कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि :-
ये सब खेल हमारे किए। हम से मिले जो निश्चय जीये।।
जोजन मेरी शरण है, उसका हूँ मैं दास। गेल गेल लाग्या फिरूँ, जब तक धरती आकाश।।
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kisansatta · 4 years
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इम्युनिटी के लिए है बहुत फायदेमंद प्याज की चाय
क्या आप जानते हैं कि प्याज से बनी चाय पीने से कई बड़ी बीमारियां भी दूर होती हैं। जी हां आपने सही सुना प्याज की चाय पीना सेहत के लिए फायदेमंद है। और जब बात इम्युनिटी बूस्टिंग की बात की जाती है तो दिमाग में सिर्फ हल्दी, तुलसी और लौंग के बारे में याद आता है। आपको लेकिन प्याज की चाय भी सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद है। इसके इस्तेमाल से न सिर्फ मौसम के बदलते होने वाले सर्दी जुकाम से राहत मिलती है बल्कि यह आपको हाइपरटेंशन में भी काफी लाभ दिलाती है। हाल में एक अध्ययन में ये पाया गया है कि प्याज की चाय कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकती है और ये कोलोन कैंसर को ठीक करने में भी मददगार है। प्याज में घुलनशील फाइबर होते हैं जो कोलोन को साफ रखने में मदद करते है। यह इम्युनिटी को बूस्ट तो करता ही है साथ ही आपकी अच्छी सेहत के लिए भी फायदेमंद है। आइए जानें कैसे बनाते हैं प्याज की चाय –
प्याज की चाय बनाने की सामग्री – एक प्याज, 3 लौंग, 2 चम्मच शहद, 1 तेजपात की पत्ती और 2 कलियां लहसुन की चाहिए होंगी।
प्याज की चाय बनाने की विधि- एक बर्तन में पानी कम आंच पर गर्म होने के लिए रखें। इसके बाद इसमें लहसुन की बारीक कटी हुईं कलियां औऱ कटी हुई प्याज डाल दें। इसे 1 मिनट तक उबालें और इसमें तेजपात के पत्ते, लौंग डालकर फिर हल्की आंच में उबालें। इस मिश्रण को तब तक उबालें जब तक कि इसका रंग ब्राउन न हो जाए। इसके बाद इसे छान लें और शहद के साथ कप में सर्व करें।
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abhay121996-blog · 3 years
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नारियल पानी पिने से मिलते हैं ये गजब के फायदे, आप भी जरूर जानें Divya Sandesh
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नारियल पानी पिने से मिलते हैं ये गजब के फायदे, आप भी जरूर जानें
डेस्क। गर्मी, सर्दी या बारिश के मौसम में कुछ लोग ऐसी चीजें खाते हैं जो मौसम के विपरीत होती हैं। जैसे कुछ लोग हर मौसम में आइसक्रीम खाते हैं। ऐसे ही लोग नारियल पानी किसी भी मौसम में पी लेते हैं। नारियल पानी अधिकतर लोगों को पसंद आता है। लेकिन ये सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद है। दरअसल, इसमें शरीर के लिए फायदेमंद कई तरह के विटामिन्स, मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट पाए जाते हैं। जो आपको कई सेहत लाभ देते है। तो आइए जानते हैं नारियल पानी से क्या-क्या फायदे मिलते हैं….
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वजन: खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद अगर नारियल पानी पीते हैं तो इससे पेट भरता है। कैलोरी कम लेंगे तो वजन खुद-ब-खुद कम हो जाएगा। नारियल पानी की खास बात ये है कि ये शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालता है और चर्बी जमा नहीं होने देता। 
लिवर: नारियल पानी का सेवन लिवर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। नारियल पानी में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो लिवर में कई तरह के विषाक्त पदार्थों की गतिविधि को कम करते हैं। इसका सेवन करना लिवर के लिए काफी लाभकारी होता है।
हाई ब्लड प्रेशर: हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए भी नारियल के पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी, पोटैशियम और मैग्नीशियम ब्लड-प्रेशर को नियंत्रित रखने में सहायक होते हैं। साथ ही ये हाइपरटेंशन को भी नियंत्रित करने में सहायक होता है। 
त्वचा में ग्लो: त्वचा में ग्लो और स्किन बिलकुल क्लिन रखना चाहते है तो नारियल पानी आपको नियमित रूप से पीना चाहिए। अगर चेहरे पर मुहांसे और दाग धब्बों की समस्या बढ़ गई है, तो नारियल पानी का सेवन आपकी सारी समस्या को दूर करेगा।
नारियल पानी हृदय रोग का जोखिम कम करने का काम करता है। इसके सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है।
पेट के लिए नारियल पानी बेहद फायदेमंद है। इसके सेवन से पेट दर्द, एसिडिटी, अल्सर में थोड़ा-थोड़ा नारियल पानी पीने से आराम मिलता है।
ऊर्जावान रहने के लिए नारियल पानी काफी अच्छा होता है। इसके सेवन से कमजोरी, थकान, चक्कर आने जैसी समस्याओं में इसको पीने से तत्काल लाभ प्राप्त होता है।
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