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#सेवा घोड़ा
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lawyer-usa · 1 year
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जंगीपुर द्वारा पूरे नगर में भव्य पथ संचलन निकाला गया | RSS Path Sanchalan | Purvanchal Samachar
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  पथ संचलन 
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गाजीपुर: चैत्र शुक्ल प्रतिपदाए नवसंवत्सर के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जंगीपुर द्वारा पूरे नगर में बड़े ही धूम धाम से भव्य पथ संचलन निकाला गया । स्वयंसेवक  घोड़ा  झांकी और वाद्य यंत्र घोष के साथ पूरे नगर में संचलन किए।
लोगों के द्वारा जगह जगह पर फूल वर्षा किया गया, काफी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थ्ति रहे। 
इस अवसर पर विभाग संघचालक श्रीमान सच्चिदानंद जी ने उद्बोधन में बताया कि स्वयंसेवक स्वयं की प्रेरणा से राष्ट्र की भक्ति और सेवा में निरंतर लगे रहते है और एकता और अखंडता के प्रति कटिबद्ध रहते है।
इस अवसर पर विभाग धर्म जागरण प्रमुख श्रीमान अभय जी,   खंड संघचालक श्रीमान रामबचन जी, नगर कार्यवाह श्री रामबाबू जी, सुनील जी, पवनसुत जी, लालजी, मुकेश जी,अश्वनी जी, रामविलास जी, अंकुर जी इत्यादि स्वयंसेवक बंधु उपस्थित रहे।
Rss Path Sanchalan Photo
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पथ संचलन फोटो
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केदारनाथ यात्रा में घोड़ा खच्चर और डंडी कंडी से यात्रा हुई महंगी देखिए क्या रहेंगे नए सेवा शुल्क
केदारनाथ इस वर्ष केदारनाथ यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं को घोड़ा खच्चर और डंडी कंडी से यात्रा करने पर थोड़ा और कीमत चुकानी होगी केदारनाथ धाम की यात्रा इस वर्ष 25 अप्रैल से शुरू हो रही है। यात्रा में लाखों तीर्थयात्री घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी से यात्रा करते हैं। इस वर्ष किराये की सभी दरों में व्यवस्था शुल्क सहित दस फीसदी का इजाफा किया गया है। केदारनाथ यात्रा के लिए जिला प्रशासन और जिला पंचायत ने…
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marketingstrategy1 · 1 year
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Exclusive:घोड़ा पालने के शौकीन हैं तो देना होगा जीएसटी, न देने पर मानी जाएगी 'कर चोरी' - Now Pay Gst For Keeping Of Horse In Gorakhpur
सांकेतिक तस्वीर। – फोटो : Pixabay विस्तार अगर आप घोड़ा पालने के शौकीन हैं, तो अब कर चुकाना होगा। वस्तु एवं सेवा कर विभाग ने घोड़ा खरीदने और बेचने पर 12 प्रतिशत जीएसटी अनिवार्य कर दिया है। बिना जीएसटी भुगतान के खरीद-फरोख्त करने वाले कर चोरी के दायरे में आएंगे। यही नहीं, घोड़े का खरीद मूल्य यदि 50 हजार रुपये से अधिक है तो ई-वे बिल बनवाना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो कर चोरी के दोषी मान लिए जाएंगे।…
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gbwhtspro · 1 year
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Satyadeep Mishra Interview:आईआरएस की नौकरी, अदिति राव से शादी, वकालत, पहली पसंद का कुछ नहीं भाया सत्यदीप को - Satyadeep Mishra Interview Jehanabad Of Love & War Aditi Rao Hydari Masaba Gupta Irs Advocate
अभिनेता सत्यदीप मिश्रा कमाल के कलाकार हैं। पुलिस की वर्दी उन पर खूब फबती है। लेकिन, उनका पहला पेशा भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) की नौकरी बना। इनकम टैक्स में वह असिस्टेंट कमिश्नर बने। लंबे समय तक कॉरपोरेट की दुनिया में वकील भी रहे। और,  फिर जब मन को ये सब नहीं भाया तो एक दिन गाड़ी-घोड़ा समेत पहुंच गए मुंबई। खानदानी विरासत अच्छी है। अदिति राव हैदरी से शादी की। लेकिन यहां पहली मोहब्बत रास नहीं आई। और…
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newsbabahindi-blog · 4 years
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मिनी सर्विस हॉर्स फ़्लाइ फ़र्स्ट क्लास, स्पार्क्स फ़र्ज़ी डिबेट ऑनलाइन रोनिका फ्रॉसी अपने घोड़े, फ्रेड के साथ चार उड़ानों पर थी। हवाई जहाज पर अनुमति देने वाले सेवा जानवरों के बारे में विवादास्पद बहस को एक बार फिर से प्रज्वलित किया गया, जिसकी बदौलत अमेरिका में एक उड़ान पर एक लघु सेवा के घोड़े की उपस्थिति हुई। मिशिगन की एक महिला ने हाल ही में अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट में अपने सह-यात्रियों को उस समय आश्चर्यचकित कर दिया जब उसने अपने मिनी सर्विस घोड़े के साथ प्रथम श्रेणी की यात्रा की।
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ideacitinews · 3 years
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Begusarai: कोविड-19 की वैश्विक महामारी के लॉकडाउन 2021 ने मुश्किल कर दिया गरीब किसान, मजदूर, मध्यवर्गीय,और साधन वहीन लोगों का जिंदगी जीना...
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Begusarai/तेघरा: कोविड-19 के वैश्विक महामारी का आलम ने गरीब, मजदूर, असहाय और साधन विहीन लोगों का मौलिक अधिकार छीन लिया है। पिछले वर्ष सरकार द्वारा लक्षित परिवारों के लिए सरकार के द्वारा जो भी राहत दिलाने की बात थी, कमोबेश उपलब्ध करवाया गया। चाहे वह 5 किलो मुफ्त अनाज की बात हो। एलपीजी मुफ्त सिलेंडर की बात हो। खाते पर राशि भेजने की बात हो। बाहर से आ रहे लोगों के लिए क्वॉरेंटाइन में सभी सुविधा की बात हो। साथ ही गंभीर एवं प्रभावित रोगियों के लिए उचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने।इतना ही नहीं पिछले संक्रमण का दौर काफी कम था। लोगों को लॉकडाउन में बाहर से आने में जो भी मुसक्कत झेलन��� पड़ा हो। लेकिन अपने घर वापसी के बाद महंगाई का भी कोई खास असर नहीं पड़ा। बाजार में मिलने वाली सभी वस्तु का दर मैं इतनी कमी थी। की पता ही नहीं चला। लेकिन इस बार की शासन और सत्ता व्यवस्था द्वारा ऐसा प्रतीत होता है। कि गरीब और असहाय लोगो को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। जहां तक सरकार द्वारा इस बार गरीबों को मिलने वाली सभी सुविधा और व्यवस्था को नजरअंदाज किया गया मात्र फोकस 5 किलो अनाज मुहैया करवाने। के अतिरिक्त गरीब लाचार और बेबस लोगों को भूख से निजात दिलाने हेतु तेघरा अनुमंडल में भी मुफ्त रसोई केंद्र केंद्र 7 मई से संचालित किया गया है। लेकिन क्या पूरे अनुमंडल के लाचार, बेबस और साधन विहीन लोग वहां भोजन के लिए पहुंच पाएंगे। अनुमंडल के अंदर टीकाकरण की जो स्थिति है प्रशासनिक तैयारी एवं स्वास्थ्य विभाग की तैयारी जोरों पर रहता है। जब पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं हो पा रही है तो कोप भाजन का शिकार कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अधिकारी को ही झेलना पड़ता है। गरीब को 5 किलो अनाज मिल जाए। इसके लिए डीलर आपने मांग पर अड़े हुए हैं। सरकार भी मात्र घोषणा पर अडिग हैं। जिला पदाधिकारी बेगूसराय के द्वारा जो भी बाजार में उपलब्ध वस्तुओं की रेट चार्ट जारी किया गया है। कालाबाजारी का इतना बड़ा आलम है कि कोई भी सामान किसी भी दुकान पर मनमाने ढंग से वसूला जा रहा है। अरहर दाल का खुदरा रेट ₹90 है वही 120। मसूर दाल का खुदरा रेट ₹70 है वहीं 90 से 95 रुपैया। सरसों तेल नॉर्मल में टेलीफोन का दर 160 के बदले 180। हवाई घोड़ा 180 के बदले 190। सोया तेल 110 के बदले 160। चना दाल 60 के बदले 75 से ऊपर दुकानदारों द्वारा लिया जा रहा है। लेकिन एक बात तय है सब्जी के लिए जो रेट तय किया गया है किसान का 5 किलो भिंडी मंडी में लेने को तैयार नहीं है वहीं बाजार में ₹15 केजी भिंडी बेचा जा रहा है। इस वैश्विक महामारी में ऐसा प्रतीत होता है किसान, मजदूर, गरीब और साधन बिहीन लोगों की जो स्थिति है उससे कम मध्यवर्गीय लोगों की भी स्थिति वही है ।खासकर किसानों की जो दशा है उसे बयां नहीं किया जा सकता। हल्की फुल्की बारिश ने किसानों को खरीफ फसल बोने के लिए उत्तेजित किया। लेकिन सरकार के गाइडलाइन के अनुसार मात्र सप्ताह में 2 दिन सोमवार और गुरुवार को ही दुकान खोलने क आर्डर मिला वह भी सुबह 6 00 बजे से पूर्वाहन के 10:00 बजे तक ही। जहां डी ए पी का रेट 12:00 ₹प्रति 50 केजी का बैग मिलता था। अब वही 1800सौ रुपया 50 केजी का मिलना मुश्किल हो गया। अगर सच में सुबे के बिहार सरकारऔर केंद्रीय सरकार को जनहित के लिए कुछ करना है तो कम से कम महंगाई दर कम करने की हिमायत तो नहीं। लेकिन जो वर्तमान दर पर संबंधित वस्तु उपलब्ध करवा दिया जाए तो यही आम लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत की बात होगी। खासकर जो जीवन रक्षक दवाई है ।वह भी बाजार के मेडिकल स्टोर में उपलब्ध नहीं है। अशोक कुमार ठाकुर की रिपोर्ट Read the full article
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everythingbychoice · 3 years
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श्रीराम विवाह से पहले भगवान की बारात निकाली गई। बारात अंदर बस्ती रामचंद्र जी मंदिर से बावरी सरकार मंदिर पहुंची। बारात में शामिल महिलाएं, पुरुष, बच्चे सभी धार्मिक धुनों पर थिरक रहे थे।। अवसर था भगवान श्रीराम का विवाह आयोजन का। बावरी सरकार मंदिर पर रीति रिवाजों के अनुसार भगवान श्रीराम का विवाह सीता जी से कराया गया।
शनिवार दोपहर 12 बजे बर पक्ष से अंदर बस्ती स्थित रामचंद्र जी के मंदिर से रामचंद्र सेवा समिति के सदस्यों द्वारा संपूर्ण नगर में निकासी का बिलौआ दिलवाया। दोपहर 2 बजे महिलाओं द्वारा भगवान रामचंद्र जी की निकासी कार्यक्रम किया। दोपहर 3 बजे अंदर बस्ती से बारात प्रारंभ हुई, जो अंदर बस्ती पानी की टंकी से कन्या शाला, दांतरे मोहल्ला, सेन मोहल्ला, अंदर बस्ती दरवाजे से मेन बाजार, शीतला बाजार, भांडेर चौराहा होते हुए बावरी सरकार हनुमान मंदिर पर पहुंची। श्रीरामचंद्र जी की बारात का नगर में जगह जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। जगह जगह भक्तजनों के द्वारा बारातियों के लिए नाश्ता एवं जल की व्यवस्था की गई, रामचंद्र जी की बारात में डीजे, घोड़ा एवं पालकी में रामचंद्र जी विराजमान थे।
पालकी के आगे आगे भक्तजन जिनमें बच्चे, बूढ़े, महिलाएं एवं कन्याएं नाचती हुई चल रही थी। ऐसा लग रहा था कि मानो नगर इंदरगढ़ अयोध्या धाम बन गया हो। बाबरी सरकार पर जब बारात पहुंची तो बाबरी सरकार सेवा समिति द्वारा रामचंद्र जी को पालकी से उतारकर टीका किया। बारातियों का भी स्वागत किया। जयमाला कार्यक्रम, भंवर कार्यक्रम, पांव पखराई, बेला सौंपना एवं विदाई कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर रामचंद्र सेवा समिति एवं बाबरी सरकार सेवा समिति के सदस्य उपस्थित रहे।
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Shriram procession came out with pomp, devotees danced to religious tunes
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किसी की बुद्धि कितनी बंजर हो सकती है, कि लाख बार सत्संग के जल से सींचने पर भी, उसमें परमात्मप्रेम का अंकुर न फूट पड़े? देखो, जामवन्त जी ने एक पंक्ति कही, "राम काज लगी तव अवतारा" हनुमानजी को होश आ गया और सुनते ही उन्हें अपना बल याद आ गया, "सुनतहिं भयऊ पर्वताकारा"। यही बात आपको भी कितनी बार कही गई, आप अभी तक बेहोश हैं? क्या हनुमानजी ही भगवान का काम करने आए हैं, आप भगवान का काम करने नहीं आए? आप यहाँ भोग भोगने आए हैं? देखो! काबुल में घोड़ों की परीक्षा होती है। सात खाईयों के बीच एक टापू पर, अनेक घोड़े खड़े करके, तोप का एक गोला छोड़ा जाता है। जो घोड़ा एक ही छलांग में सातों खाई पार कर गया, वह सबसे कीमती घोड़ा है, वह राजा की सेवा में जाता है। लेकिन कुछ घोड़े, जो हिन हिन तो खूब करते हैं, पर लाख गोले छोड़ने पर भी, टस से मस नहीं होते, अपनी जगह नहीं छोड़ते, वहीं जमे रहते हैं। उन्हें खच्चर बना कर, उन से बोझा ढुलवाया जाता है। यह सत्संग भी तोप का गोला है। इसे सुनकर, कुछ प्यारे, कुछ हिम्मत वाले, एक ही छलांग में पार हो गए, वे आज परमात्मा की सेवा में हैं। जो थोड़ी छलांग भी लगा गए, उनकी भी रामजी के दरबार में कुछ कीमत है। पर वे जो बातें तो बहुत करते हैं, पर बदलने को तैयार नहीं होते, उनसे माया बोझा ढुलवाती है। विचार करो! एक बात कि "तुम्हारे परिवार वाले तुम्हारे पाप में भागीदार नहीं हैं।" यह सुनकर वाल्मीकिजी भगवान हो गए। एक बात कि "तुम जिस शाखा को पेड़ पर लगा नहीं सकते, उसे काटने का तुम्हें क्या अधिकार है?" ने अंगुलिमाल का जीवन बदल दिया। एक बात कि "संगीत न इस अति में उत्पन्न होता, न उस अति में, मध्य में होता है" ने श्रोण को होश में ला दिया। यों कितने ही साधक अपना जीवन संवार चुके, कितने आज संवार लेंगे। यहाँ रोज ही कोई बदल रहा है, आप कब बदलेंगे? अब विडियो देखें- रामकाज लगि तव अवतारा- https://youtu.be/qa32d5wab3g जामवंत जी का निर्देश- https://youtu.be/ifNsW7XynTw https://www.instagram.com/p/CDEKCjAHKe5/?igshid=1dcjnytv29bqr
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iprconsultant · 4 years
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*🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉हरदिनपावन= आजकादिनविशेष= जन्म जयंति=हिन्द शिरोमणी,हिन्दू शूरवीर महा प्रतापी की जन्म जयंति=* *तारीख अनुसार दि०-09मई1540.को जन्म हुआ.परंतु हिन्दू तिथि अनुसार तो ज्येष्ठ शुक्ला तीज को होगा।तारीख से आज है* उनका बचपन का नाम कीका था।जन्म सिसोदिया राजवंश मे कुम्भलगढ़ जिला राजसमंद मे हुआ।पिता महाराणा उदयसिंह सूर्यवंशी राजपूत थे।माता महाराणी जीवंताबाई कंवर थी।पिता उदयसिंह जी के अन्य पत्नियों मे धीरबाई और अन्य भी थी।जिनके पुत्र= जगमालसिंह,शक्तिसिंह,सागरसिंह आदि थे।वे सभी महाराणा उदयसिंह के उत्तराधिकारी बनना चाहते थे।पर पूरी प्रजा और सामंत सभी प्रताप को ही युवराज बनाना चाहते थे।और वे बने भी।सो सब भाई प्रताप से रंजीश रखते थे।मां जयवंता और पत्नि अजवदे=शान मे,शक्ति मे,समझ मे,संस्कार मे,सेवा मे दोनो एक दूसरे की प्रतिमूर्ति थी।देश की लगभग सभी रियासतों ने मुगलों की अधिनता स्वीकार की।मेवाड़ ने यानि उदयसिंह जी और प्रताप ने मुगलों की अधिनता कभी नहीं स्वीकारी।मुगलों के बार बार युद्ध के कारण उदयसिंह जी ने उदयपुर बसाया।जो चित्तोड़ की अरावली पहाड़ियों से होकर सीधा उदयपुर जाता था।इसे खूब समृद्ध बनाया।मुगल बादशाह अकबर प्रताप से बहुत डरता था।उसने आधा हिन्दूस्थान प्रताप को देकर अपनीआधिनता स्वीकारने का ओफर दिया।राणा प्रताप ने अस्वीकार कर दिया।परिणाम स्वरूप- 1576.का हल्दीघाटी का महा भयंकर युद्ध हुआ। प्रताप की वीर सेना मे लगभग-20000सेनिक थे।जबकि मुगलिया सेना लगभग 90000थी। मुगलिया सेना का सेनापति जयपुर का राजा मानसिंह था।जो हाथी पर था।मुगलों की सेना मे हाथी अधिक थे जबकि प्रताप की सेना मे घोड़े अधिक थे।सो प्रताप के घोड़े वीर"चेतक"के मुंह पर नकली हाथी का मुह लगा दिया।वीर प्रताप अपनी तलवार से एक ही झटके मे सवार सहित घोड़े को काट डालते थे।प्रताप का घोड़ा चेतक अपनी वीरता और स्वामीभक्ति के लिये प्रसिद्ध था।उसकी गति हवा से भी तेज थी।इस युद्ध मे 50हजारों मुगलिया सेना को काटा।अपने- 10000 सैनिक भी शहीद हुए।इसप्रकार यह युद्ध ना अकबर जीता और ना राणा प्रताप हारे।अकबर तो प्रताप का लोहा मान गया।प्रताप ने नया नगर चावण्ड बसाया।इस प्रकार अकबर प्रताप को अपने अधीन नही कर सका। *महाराणा प्रताप का कद=7'6"फीट था।वजन=110kg.उनका भाला= 80kg.,कवच= 70kg.,तलवार=60kg(दो तलवार रखते थे)प्रताप का एक शूरवीर हाथी भी था उलका नाम रामप्रसाद था।* अकबर दो चीजे चाहता था एक प्रताप को जिन्दा गिरफ्तार दूसरा उनका हाथी रामप्रसाद।उस हाथी ने अकेले ही मुगलिया के बीस हाथियों को मार डाला था।उसे दस हाथियों और बीस मह https://www.instagram.com/p/B_9aJB4JM_z/?igshid=13p152fthchor
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chaitanyabharatnews · 4 years
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एक्सप्रेस ट्रेन से भी 'तेज' दौड़ता है यह घोड़ा, करोड़ों में हैं कीमत
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चैतन्य भारत न्यूज मुंबई. महाराष्ट्र के सारंगखेड़ा में आयोजित चेतक उत्सव में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों से करीब 500 घोड़े आए हैं। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा शान नाम के घोड़े की रही। दरअसल ये घोड़ा नहीं कई रईसों का सपना हो सकता है, क्योंकि यह इतना महंगा है कि इसकी कीमत में दो बेंटले कार आ जाए। इसकी कीम�� 10 करोड़ लगाई गई है। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
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इस घोड़े के मालिक तारा सिंह पंजाब के अमृतसर में रहते हैं। उन्होंने बताया कि, शान मारवाड़ी नस्ल का घोड़ा है। शान अभी देश में घुड़दौड़ का चैंपियन है। यह एक एक्सप्रेस ट्रेन की गति से दौड़ता है। इसकी अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा है। जानकारी के मुताबिक, शान की उम्र पांच साल है और इसकी ऊंचाई 5.5 फीट है।
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यह अब तक पांच बार घुड़दौड़ चैंपियन रह चुका है। यह घोड़ा दो बार मुक्तसर मेले में, एक बार पटियाला में, एक बार जोधपुर व एक बार पुष्कर राजस्थान के मेले में चैंपियन रहा। तारा सिंह ने बताया कि, शान रोजाना करीब 100 ग्राम देसी घी खिलाया जाता है। सामान्य भोजन में चने और जौ के दाने खाता है। शान रोजाना 500 रुपए का चारा खाता है। इसे लोग द ब्यूटी ऑफ हॉर्स भी कहते हैं।
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एक माह का खर्च 1 लाख रुपए तारा सिंह के मुताबिक, शान का एक माह का खर्च 1 लाख रुपए है। इसकी सेवा में दो सेवादार लगे हैं, जो 24 घंटे शान के साथ रहते हैं। मालिक ने बताया वे दो पुश्तों से शान का परिवार संभाल रहे हैं। शान के दादा एहसान व पिता का नाम शानदार था। शान के पिता व दादा ने भी कई घुड़दौड़ स्पर्धाएं जीती हैं। वहीं चेतक उत्सव समिति के अध्यक्ष जयपालसिंह ने बताया कि, सारंगखेड़ा में शान की शान कायम है। यहां उसे शाही महल में रखा है। मेले की प्रदर्शनी में कुछ देर के लिए आता है। यह भी पढ़े... ये है दुनिया का सबसे छोटा घोड़ा, गिनीज बुक में शामिल हुआ नाम Read the full article
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8877626652-blog · 5 years
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#मै_बदलूंगा_बिहार का नारा #पप्पू_यादव कभी बुलेट,कभी घोड़ा,कभी रिक्शा,कभी पैदल,कभी नाव,कभी ट्रैक्टर तो कभी फॉर्चूनर गाड़ियां... ना मंत्री ना संसद! वेवाक आवाज,विपक्षी नेताओं पर करारा प्रहार...आखिर कौन है... नेता की नीति पर शक हो सकता किंतु सेवा पर नहीं! हर कोई नेता मैं बदलूंगा बिहार नारा नहीं दे सकती क्योंकि जनता की सेवा करने के लिए उसके पास वक्त की कमी होती है लेकिन बिहार की राजनीति में अद्भुत परिवर्तन होते जा रहा है.. बीते 15 दिनों में पप्पू यादव ने पटना में बाढ़ पीड़ितों की मदद करके एक ऐसी छवि बनाई जिसे सोशल साइटों पर काफी सराहा गया और जनता ऐसा मान रही है कि #पप्पू_यादव_जरूर_बिहार_बदलेंगे https://www.instagram.com/p/B3ZMmMvBmxk/?igshid=10mu9a66xtd8i
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कितना नीच है तुम्हारा चरित्र !
तुम सभी अपनी शानदार कुर्सियों पर बैठे हो और उन बच्चों को अपने पास बैठाकर सिखा रहे हो जो तुम्हारी तरह हैं। तुम लोग यह कैसे नहीं जानते कि तुम लोगों के इन "बच्चों" में पहले ही सांस नहीं था, और बहुत पहले उनके पास मेरा कार्य नहीं था? मेरी महिमा पूरब की भूमि से लेकर पश्चिम की भूमि तक चमकती है, लेकिन जब मेरी महिमा पृथ्वी के अंत तक फैलेगी और जब यह जागृत होने और चमकने लगेगी, तो मैं पूरब की महिमा को लेकर उसे पश्चिम की ओर ले आऊँगा, ताकि पूरब में अंधेरे के ये लोग जो मुझे छोड़ चुके हैं, फिर से प्रकाश की चमक के बिना रहेंगे। उस समय, तुम लोग परछाई की घाटी में रहोगे। हालांकि, आज के लोग पहले की तुलना में सौ गुना बेहतर हैं, वे फिर भी मेरी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकते हैं, और वे अभी भी मेरे लिए यशस्वी गवाही नहीं हैं। तुम लोग पहले से सौ गुना बेहतर हो, यह मेरे कार्य के कारण है—यह पृथ्वी पर मेरे कार्य का फल है। परंतु, मैं अभी भी तुम लोगों के वचनों और कर्मों के प्रति, और तुम लोगों के चरित्र के प्रति घृणा महसूस करता हूं, और मेरे सामने किए गए तुम लोगों के कार्यों के प्रति मुझे अविश्वसनीय रोष महसूस होता है, क्योंकि तुम लोगों को मेरे बारे में कोई समझ नहीं है। तो तुम लोग मेरी महिमा से कैसे जीवित हो सकते हो, और तुम लोग मेरे भविष्य के कार्य के प्रति पूरी तरह कैसे भरोसेमंद रह सकते हो? तुम लोगों का विश्वास बहुत सुंदर है; तुम लोगों का कहना है कि तुम लोग अपना जीवन मेरे कार्य को समर्पित करने के लिए तैयार हो, उसके लिए कुछ भी करने और सब कुछ करने के लिए तैयार हो, लेकिन तुम लोगों के स्वभाव में अधिक बदलाव नहीं आया है। तुम्हारे वचन केवल अभिमानी रहे हैं, और तुम लोगों की वास्तविक क्रियाएं बहुत घिनौनी रही हैं। ऐसा लगता है कि मानो किसी की जीभ और होंठ स्वर्ग में हैं, लेकिन उसके पैर दूर पृथ्वी पर हैं, इसलिए उसके वचन और कर्म और उसकी प्रतिष्ठा अभी भी भयानक स्थिति में हैं। तुम लोगों की प्रतिष्ठा को नष्ट कर दिया गया है, तुम लोगों की छवि तुच्छ बन गई है, तुम लोगों के बोलने का का तरीका नीच है, तुम लोगों का जीवन घृणित है, और यहां तक कि तुम लोगों की सारी मानवता भी नीच है। तुम लोगों का मस्तिष्क लोगों के प्रति संकुचित है और तुम लोग हर बात पर बहस करते हो। तुम लोग स्वयं अपनी प्रतिष्ठा और स्थिति के बारे में बहस करते हो, इतना कि तुम लोग नरक में उतरकर, आग के तालाब में जाने को तैयार हो। तुम लोगों के वर्तमान वचन और कर्म यह निर्धारित करने के लिए पर्याप्त हैं कि तुम लोग पापी हो। मेरे कार्य के प्रति तुम लोगों का रवैया मेरे लिए यह तय करने के लिए पर्याप्त है कि तुम लोग अधर्मी हो, और तुम लोगों के स्वभाव यह कहने के लिए पर्याप्त हैं कि तुम लोग घृणित आत्माएं हो जो चीज़ों से भरी हैं। तुम लोगों की अभिव्यक्तियां और तुम लोग जो प्रकट करते हो, वे यह कहने के लिए पर्याप्त हैं कि तुम लोग ऐसे हो जिन्होंने अशुद्ध आत्माओं का रक्त पर्याप्त मात्रा में पिया है। जब राज्य में प्रवेश करने की बात आए, तो तुम लोग अपनी भावनाओं को धोखा मत देना। क्या तुम लोग मानते हो कि जिस तरह से अभी तुम लोग हो, वह तुम्हारे लिए मेरे स्वर्ग के राज्य के द्वार में प्रवेश करने के लिए पर्याप्त है? क्या तुम लोग मानते हो कि अपने वचनों और कर्मों के मेरे परीक्षण से गुज़रे बिना, तुम लोग मेरे कार्य की पवित्र भूमि और वचनों में प्राप्त कर सकते हो? कौन है जो मेरी दो आँखों को मूर्ख बनाने में कामयाब हो सकता है तुम लोगों का घृणित, नीच व्यवहार और बातचीत मेरी दृष्टि से कैसे बच सकते हैं? तुम लोगों के जीवन को मेरे द्वारा अशुद्ध आत्माओं का रक्त पीने और उन अशुद्ध आत्माओं का मांस खाने के जीवन के रूप में निर्धारित किया गया है, क्योंकि तुम लोग हर दिन मेरे सामने उनका रूप धारण करते हो। मेरे सामने तुम लोगों का व्यवहार विशेष रूप से बुरा था, तो मैं कैसे चिढ़ महसूस न करता? तुम लोग जो कहते हो उसमें अशुद्ध आत्माओं की अपवित्रता है: तुम लोग उसी तरह से धोखेबाज़ी, चालबाज़ी, और मक्खनबाज़ी करते हो जैसे जादू-टोना करने वाले करते हैं, जैसे धोखा देने वाले और अधर्मियों का रक्त पीने वाले करते हैं। मानव जाति की सभी अभिव्यक्तियाँ बहुत अधर्मी हैं, तो ऐसा कैसे हो सकता है सभी लोगों को उस पवित्र भूमि में पहुँचा दिया जाए जहाँ धर्मी व्यक्ति रहते हैं? तुम्हें लगता है कि तुम्हारा घिनौना व्यवहार तुम्हें पवित्र व्यक्ति की तरह उन अधर्मी लोगों से अलग कर सकता है? तुम्हारी सांप जैसी जीभ आखिरकार तुम्हारी उस देह का नाश कर देगी जो विनाश करती है और घिनौने व्यवहार करती है, और तुम्हारे वे हाथ जो अशुद्ध आत्माओं के रक्त डूबे हुए हैं, अंत में तुम्हारी आत्मा को नरक में खींच लेंगे, तो तुम मैल में लिपटे हुए अपने हाथों को साफ़ करने के इस अवसर का उपयोग क्यों नहीं करते हो? और तुम अधर्मी वचन बोलने वाली अपनी इस जीभ को काटकर फेंकने के अवसर का उपयोग क्यों नहीं करते हो? क्या कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम अपने दो हाथों और अपनी जीभ और होंठ के लिए नरक की आग में जलने के लिए तैयार हो? मैं अपनी दोनों आँखों से सभी लोगों के दिलों पर नज़र रखता हूं क्योंकि मानव जाति का निर्माण करने से पहले मैंने उनके दिलों को अपने हाथों में थामा था। मैंने बहुत पहले मनुष्य के हृदय के भीतर झांका था, तो ऐसा कैसे हो सकता है कि मनुष्य के दिल के विचार मेरी आँखों से बच सकते हों? और मेरी आत्मा के जलने से बचने के लिए वह समय से कैसे पहुँच सकते हैं?
तुम्हारे होंठ कबूतरों से भी अधिक दयालु हैं, लेकिन तुम्हारा दिल प्राचीन सांप से भी अधिक भयावह है, यहां तक कि तुम्हारे होंठ एक लेबनानी महिला से भी सुंदर हैं, लेकिन तुम्हारा दिल लेबनानी महिलाओं की तरह दयालु नहीं है और यह निश्चित रूप से कनानी लोगों की सुंदरता से तुलना नहीं कर सकता। तुम्हारा दिल बहुत धोखेबाज़ है। मुझे बस घृणा है अधर्मी के होंठों और अधर्मी के दिलों से। लोगों से मेरी आवश्यकताएं संतों से अधिक नहीं हैं, बस केवल इतना है कि मुझे अधर्मियों के बुरे कर्मों से घृणा होती है और मुझे उम्मीद है कि अधर्मी अपना मैलापन दूर कर सकेंगे और अपनी मौजूदा दुर्दशा से बच सकेंगे ताकि उन्हें उन अधर्मी लोगों से अलग किया जा सके, और वे उ��� लोगों के साथ रह सकें और पवित्र हो सकें जो धर्मी हैं। तुम उसी परिस्थिति में हो जिसमें मैं हूँ, लेकिन तुम लोग मैल लिपटे हुए हो, तुम लोगों में उस मानव की समानता का ज़रा-सा भी अंश नहीं है, जिसे शुरुआत में बनाया गया था और क्योंकि हर दिन तुम लोग उन अशुद्ध आत्माओं की नकल करते हो और वही करते हो जो वे करती हैं और वही कहते हो जो वे कहती हैं, तो तुम लोगों का प्रत्येक अंग और यहाँ तक कि तुम लोगों की जीभ और होंठ भी उस मैले पानी से भीगे हुए हैं। यह इतना अधिक है कि तुम लोग उन दागों से ढंके हुए हो और तुम लोगों का एक भी अंग ऐसा नहीं है जिसका उपयोग मेरे कार्य के लिए किया जा सके। यह बहुत ही निराशाजनक है! तुम लोग घोड़ों और पशुओं की एक ऐसी दुनिया में रहते हो, और फिर भी तुम लोगों को परेशानी नहीं होती; और तुम लोग आनन्द से भरे हुए हो और तुम लोग स्वतंत्रता से और आराम से रहते हो। तुम लोग इस अशुद्ध पानी में तैर रहे हो, लेकिन वास्तव तुम लोगों को पता भी नहीं है कि तुम लोग इस तरह की परिस्थितियों से घिरे हुए हो। हर दिन तुम अशुद्ध आत्माओं के साथ संबंध रखते हो और "मल" के साथ व्यवहार करते हो। तुम्हारा जीवन बहुत नीच है, और फिर भी तुम नहीं जानते कि तुम बिल्कुल भी इस मानवीय दुनिया में जी नहीं रहे हो और तुम अपने नियंत्रण में नहीं हो। क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे जीवन को बहुत पहले अशुद्ध आत्माओं ने कुचल दिया था, कि तुम्हारे चरित्र को बहुत पहले अशुद्ध पानी से मैला कर दिया गया था? क्या तुम्हें लगता है कि तुम पृथ्वी पर स्वर्ग में रह रहे हो, कि तुम खुशियों के बीच में हो? क्या तुम नहीं जानते कि तुमने अपना जीवन अशुद्ध आत्माओं के साथ गुज़ारा है, और कि तुमने उन चीज़ों के साथ अपना जीवन गुज़ारा है जो उन्होंने तुम्हारे लिए तैयार की हैं? तुम्हारे जीवित रहने का कोई अर्थ कैसे हो सकता है? तुम्हारे जीवन का कोई मूल्य कैसे हो सकता है? तुम अपने अशुद्ध आत्मा माता-पिता के लिए दौड़-भाग करते रहे हो, फिर भी तुम यह नहीं जानते कि जिन लोगों ने तुम्हें जाल में फंसाया है वे अशुद्ध आत्माएं तुम्हारे वे माता-पिता हैं जिन्होंने तुम्हें जन्म दिया और पाल-पोस के बड़ा किया। इसके अलावा, तुम यह नहीं जानते कि तुम्हारी सारी गंदगी वास्तव में उन्होंने ही तुम्हें दी है; तुम बस यही जानते हो कि वे तुम्हें "आनंद" दे सकते हैं, वे तुम्हें ताड़ना नहीं देते हैं, न ही वे तुम्हारे साथ न्याय करते हैं, और विशेष रूप से वे तुम्हें शाप नहीं देते हैं। वे कभी भी तुम पर गुस्से से भड़के नहीं हैं, बल्कि वे तुम्हारे साथ प्यार और दयालुता से व्यवहार करते हैं। उनके वचन तुम्हारे दिल को पोषित करते हैं और तुम्हें लुभाते हैं, ताकि तुम भ्रमित हो जाओ और बिना जाने, तुम उनकी सेवा के इच्छुक हो जाओ, उनकी निकासी के साथ ही उनके नौकर भी बन जाओ। तुम्हारी कोई शिकायत नहीं है, और तुम उनकी सेवा के लिए तैयार हो—वे तुम्हें धोखा देते हैं। यही कारण है कि मेरे कार्य के प्रति तुम्हारी कोई प्रतिक्रिया नहीं—कोई आश्चर्य नहीं है कि तुम हमेशा मेरे हाथों से चुपके से निकल जाना चाहते हो, और कोई आश्चर्य नहीं है कि तुम हमेशा मीठे वचनों का उपयोग करके गलत तरीकों से मेरी सहायता चाहते हो। हुआ यूं है कि तुमने पहले से एक दूसरी योजना बनाई है, एक दूसरी व्यवस्था की है। तुम मेरे, सर्वशक्तिमान के कार्यों, को थोड़ा-बहुत देख तो सकते हो, परंतु तुम्हें मेरे न्याय और मेरी ताड़ना के छोटे-से हिस्से के बारे में भी नहीं पता। तुम नहीं जानते कि मेरी ताड़ना कब शुरू हुई; तुम केवल मुझे धोखा देना जानते हो, लेकिन तुम नहीं जानते कि मैं मनुष्य के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करता हूं। चूंकि तुमने पहले से ही मेरी सेवा करने का दृढ़ संकल्प किया है, मैं तुम्हें जाने नहीं दूँगा। मैं ईर्ष्यालु परमेश्वर हूं, और मैं एक ऐसा परमेश्वर हूं जिसके दिल में मनुष्य के लिए जलन है। चूंकि तुमने पहले से ही अपने वचनों को वेदिका पर रख दिया है, मैं यह बर्दाश्त नहीं करूँगा कि तुम मेरी ही आंखों के सामने से भाग जाओ, और मैं यह भी बर्दाश्त नहीं करूँगा कि तुम दो स्वामियों की सेवा करो। क्या तुम्हें लगता है कि मेरी वेदिका पर अपने वचनों को रखकर, मेरी आँखों के सामने उन्हें रखकर, तुम किसी दूसरे से प्रेम कर सकते हो? मैं लोगों को इस तरह से स्वयं को मूर्ख बनाने कैसे दे सकता हूं? क्या तुम्हें लगा कि तुम आसानी से प्रतिज्ञा कर सकते हो, अपनी जीभ से मेरे लिए शपथ ले सकते हो? तुम मेरे सिंहासन के प्रति, जो सबसे ऊँचा है, कैसे अपनी शपथ ले सकते हो? क्या तुम्हें लगा कि तुम्हारी शपथ पहले से ही समाप्त हो चुकी है? मैं तुम लोगों को बताना चाहता हूँ कि भले ही तुम्हारी देह समाप्त हो जाए, तुम्हारी शपथ समाप्त नहीं हो सकती। अंत में, मैं तुम लोगों की शपथ के आधार पर तुम्हारी निंदा करूँगा। फिर भी तुम लोगों को लगता है मुझसे निपटने के लिए तुम अपने वचनों को मेरे सामने रख सकते हो और तुम लोगों के दिल अशुद्ध आत्माओं और बुरी आत्माओं की सेवा करते रहेंगे। मेरा क्रोध उन कुत्तों और सुअर जैसे लोगों को कैसे बर्दाश्त कर सकता है जो मुझे धोखा देते हैं? मुझे अपने प्रशासनिक नियमों को पूरा करना होगा, और अशुद्ध आत्माओं के हाथों से उन सभी घुटते हुए, "पवित्र" लोगों को निकालना होगा जो मेरा बैल बनने, मेरा घोड़ा बनने और जो मेरे द्वारा वध किए जाने की दया पाने के लिये मुझ पर विश्वास करते हैं, एक व्यवस्थित ढंग से "मेरी प्रतीक्षा" करते हैं। मैं तुमसे तुम्हारा पिछला दृढ़ संकल्प फिर से उठवाऊँगा और एक बार फिर से अपनी सेवा करवाऊँगा। सृष्टि की कोई भी वस्तु मुझे धोखा दे, यह मैं सहन नहीं करूँगा। तुम्हें क्या लगा कि तुम स्वच्छंदता से अनुरोध कर सकते हो और मेरे सामने स्वच्छंदता से झूठ बोल सकते हो? तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हारें वचनों और कर्मों को सुन या देख नहीं सकता हूँ? तुम्हारे वचन और कर्म मेरी दृष्टि से कैसे बच सकते हैं? मैं लोगों को इस तरह से धोखा कैसे देने दे सकता हूं?
मैं तुम्हारे बीच में रहा हूं, तुम्हारे साथ कई वसंत और कई पतझड़ के दौरान जुड़ा रहा हूँ, मैं तुम्हारे बीच बहुत समय से जी रहा हूं, तुम्हारे साथ रहा हूँ—तुम्हारे घृणित व्यवहारों में से कितने मेरी आंखों के सामने से फिसल गए? दिल से कहे गए तुम लोगों के ये वचन मेरे कानों में लगातार गूंजते हैं; तुम लोगों की हज़ारों, करोड़ों आकांक्षाएं मेरी वेदिका पर रखी गई हैं—उन्हें गिना भी नहीं जा सकता हैं। फिर भी तुम लोगों का जो समर्पण है और जो तुम अपने आपको खपाते हो, वह थोड़ा-सा भी नहीं है। मेरी वेदिका पर तुम लोगों की सच्चाई की एक बूँद भी नहीं है। मुझ पर तुम लोगों के विश्वास के फल कहां हैं? तुम लोगों ने मुझ से अनगिनत अनुग्रह प्राप्त किया है और स्वर्ग से अनगिनत रहस्यों को देखा है, और मैंने तुम लोगों को स्वर्ग की लपटें भी दिखाई हैं, लेकिन तुम्हें जला देने की मेरी हिम्मत नहीं है, और बदले में तुम लोगों ने मुझे कितना दिया है? तुम लोग मुझे कितना देने के लिए तैयार हो? जो भोजन मैंने तुम्हें दिया, उसे तुम पलटकरउसी को मेरे सामने पेश कर देते हो। और मेरे सामने पेश कर देते हो, बल्कि यह और कहते हो कि यह वही है जो तुम्हें अपनी मेहनत के पसीने के बदले में मिला है, कि तुम स्वयं को पूरी तरह मुझे दे रहे हो। तुम यह कैसे नहीं जानते कि तुम्हारा सारा "योगदान" वही चीज़ें हैं जो मेरी ही वेदिका से चोरी किए गए? और अब तुम उसे मुझे पेश कर रहे हो—क्या तुम मुझे धोखा नहीं दे रहे हो? तुम यह कैसे नहीं जानते कि आज जिसका आनंद मैं उठा रहा हूं वह मेरी वेदिका पर अर्पित की गई भेंट है, न कि ���ो जो अपनी कड़ी मेहनत के बदले तुमने कमाया है और फिर मुझे पेश किया है। तुम लोगों में वास्तव में मुझे इस तरह धोखा देने की हिम्मत है, तो मैं तुम लोगों को कैसे माफ़ कर सकता हूँ? मैं अब इसे और कैसे सहन कर सकता हूं? मैंने तुम लोगों को सब कुछ दे दिया है। मैंने तुम लोगों के लिए सब कुछ खोलकर रख दिया है, तुम्हारी ज़रूरतों को पूरा किया है, और तुम लोगों की आँखें खोल दी हैं, और फिर भी तुम लोग अपनी अंतरात्मा को अनदेखा कर, इस तरह मुझे धोखा देते हो। मैंने निस्सवार्थ ढंग से अपना सब कुछ तुम लोगों पर अर्पित कर दिया है, ताकि तुम लोग अगर पीड़ित भी होते हो, तो भी, मैं जो कुछ भी स्वर्ग से लाया हूँ, वो तुम लोगों को प्राप्त हो जाए। परंतु तुम लोगों में कोई समर्पण नहीं है, और अगर तुमने छोटा-सा योगदान किया भी है, तो तुम लोग उसका हिसाब मेरे साथ करते हो। क्या तुम्हारा योगदान शून्य नहीं होगा? जो कुछ तुमने मुझे दिया है, वह तो बस रेत के एक कण के अलावा कुछ नहीं है, परन्तु जो कुछ तुमने मुझसे माँगा है वह एक टन सोने के बराबर है। क्या तुम्हारी माँग अनुचित नहीं है? मैं तुम लोगों के बीच काम करता हूं। उस दस प्रतिशत का कोई निशान नहीं है जो मुझे हासिल होना चाहिए, अतिरिक्त बलिदान को तो भूल ही जाओ। इसके अलावा, ईश्वरीय लोगों द्वारा जिस दस प्रतिशत का योगदान किया जाता है, उसे दुष्टों द्वारा छीन लिया जाता है। क्या तुम सब मुझे से तितर-बितर नहीं हो गए हो? क्या तुम सब मेरे विरोधी नहीं हो गए हो? क्या तुम सब मेरी वेदिका को नष्ट नहीं कर रहे हो? इस प्रकार के व्यक्ति को मेरी आँखें एक खज़ाने के रूप में कैसे देख सकती हैं? क्या वे सुअर और कुत्ते नहीं हैं, जिनसे मैं घृणा करता हूँ? मैं तुम्हारे दुष्ट कार्यों को खज़ाने के रूप में कैसे देख सकता हूँ? मेरा कार्य वास्तव में किसके लिए है? कहीं ऐसा तो नहीं कि यह केवल आप सभी को समाप्त करके मेरा अधिकार प्रकट करने के लिए है? क्या तुम लोगों का जीवन मेरे एक ही वचन पर निर्भर नहीं है? ऐसा क्यों है कि मैं केवल तुम लोगों को निर्देश देने के लिए वचनों का प्रयोग कर रहा हूं और मैंने जितनी जल्दी हो सके तुम लोगों को समाप्त करने के लिए अपने वचनों को तथ्यों में नहीं बदला है? क्या मेरे वचन और मेरा कार्य केवल मानव जाति को समाप्त करने के लिए हैं? क्या मैं एक ऐसा परमेश्वर हूं जो निर्दोषों को मारता है? इस समय मेरे सामने उपस्थित तुम लोगों में से कितने ऐसे हैं जो मानवीय जीवन की सही राह की अपने पूर्ण अस्तित्व से खोज कर रहे हैं? मेरे सामने केवल तुम लोगों के शरीर हैं, लेकिन तुम लोगों के दिल मुझसे बहुत, बहुत दूर हैं। क्योंकि तुम लोगों को पता नहीं कि मेरा कार्य वास्तव में क्या है, तुम लोगों में से कई ऐसे हैं जो मुझे छोड़कर जाना चाहते हैं, जो मुझसे स्वयं को दूर करते हैं, और जो उस स्वर्ग में रहना चाहते हैं जहाँ कोई ताड़ना नहीं है, कोई न्याय नहीं है। क्या लोग अपने दिलों में इसी की कामना नहीं करते हैं? मैं तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती नहीं कर रहा हूँ। तुम जो भी राह लोगे, वो तुम्हारी अपनी पसंद है, और आज की राह न्याय और शाप के साथ चलती है, लेकिन तुम सबको पता होना चाहिए कि जो मैंने तुम लोगों को दिया है, चाहे वह न्याय हो या ताड़ना, वह उन उपहारों में से सबसे अच्छा है जो मैं तुम लोगों को दे सकता हूँ, और वे सब वे चीज़ें हैं जिनकी तुम लोगों को तत्काल आवश्यकता है।
से: ससर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया
ईसाइयों का सच्चा अनुभव, आइए मिलकर प्रार्थना की शक्ति का पता लगाएं।
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yogorbhog-blog · 4 years
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आज के समय की दुश्मनी का कारण कौन है ?
आजकल ऐसा प्रचार किया जाता है कि जातिभेद, धर्मभेद के कारण ही समाज में संघर्ष होता है। अतः जातिभेद को नहीं मानना चाहिए। यह बिल्कुल गलत मान्यता है। वास्तव में संघर्ष जाति या धर्म को लेकर नहीं होता, बल्कि अहंकार से पैदा होने वाले स्वार्थ और अभिमान को लेकर होता है। सृष्टि में जातिभेद स्वाभाविक है। विभिन्न देशों में मनुष्यों की अनेक प्रजातियां विद्यमान हैं। केवल मनुष्य में ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षी, वृक्ष-लता आदि में भी जातिभेद स्वाभाविक विद्यमान है। गाय, भैंस, भेड़, बकरी, घोड़ा, ऊंट, कुत्ता आदि की अनेक जातियां हैं और उनकी एक- एक जाति में भी अनेक भेद हैं। जाति से ही उसके गुणों की पहचान होती है। इनका क्रय-विक्रय करने वाले लोग इनकी जातियों से भली-भांति परिचित होते हैं। जाति को देखकर ही इनका मूल्य लगाया जाता है। ऐसे ही वृक्षों में भी एक-एक वृक्ष की अनेक जातियां होती हैं। फलों तथा सब्जियों में और अनाजों में भी अनेक जातियां होती हैं। इस जातिभेद का कारण यह है;- कि सृष्टि विषम है और इसमें एक समान दिखने वाली दो वस्तुएं भी वास्तव में समान नहीं होती। अतः वैर (दुश्मनी) का कारण जाति, धर्म नहीं ! स्वार्थ और अभिमान को लेकर ही वैर (दुश्मनी,घृणा) पैदा होता है जो कि आसुरी राक्षसी संपत्ति है एक बात यह भी देखने में आती है कि अलग-अलग जाति में परस्पर लड़ाई या वैर इतना नहीं होता। बल्कि एक ही जाति में परस्पर स्वार्थ और अभिमान को लेकर वैर होता है। जैसे , पुरुष जाति का पुरूष जाति से और स्त्री जाति का स्त्री जाति से वैर होता है। पशुओं में नर की लड़ाई नर और मादा की लड़ाई मादा से होती है। जैसे कुत्ता, कुत्ता से ही लड़ता है और कुत्तिया कुत्तिया से ही लड़ती है, दूसरा इस लड़ाई में सहायक मात्र होता है। बंदरों में भी, बंदरियों के समूह में एक बंदर होता है। अगर किसी बंदरी का नर बच्चा पैदा होता है तो वह उसको लेकर भाग जाती है। क्योंकि अपने भोग का स्वार्थ रहने से बंदर उस बच्चे को मार डालता है। परंतु मादा बच्चा पैदा होने पर वह उस को नहीं मारता। अधिकांश में यही बात कुत्तों में भी पाई जाती है। नर बच्चा पैदा हो, तो उसको कुत्ता मार देता है और मादा बच्चा हो, तो उसको कुत्तिया मार देती है। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र के बीच परस्पर अधिकतर लड़ाईयाँ , वैर नहीं होता। ब्राह्मण का ब्राह्मण से, क्षत्रिय का क्षत्रिय से, वैश्य का वैश्य से और शूद्र का शूद्र से वैर अधिकतर होता है। तात्पर्य है कि जहाँ एक जीविका होती है वहां स्वार्थवश लड़ाई होती हैं। अगर सब कार्यों में, सबका ���धिकार मान लिया जाए, तो इससे संघर्ष बहुत ज्यादा बढ़ेगा। कारण कि, ऐसा मानने से जिस जीविका से अधिक रुपए, मान-बड़ाई, उपाधि प्राप्त होते हो। उसको सब करने लगेंगे और जिस जीविका में रुपए, मान बड़ाई, आदि कम प्राप्त होते हो, उसको कोई नहीं करेगा। ऊँचा कार्य सब करना चाहेंगे पर नीचा कार्य कोई नहीं करना चाहेगा। जैसे, पहले राज्य-देस के लिए केवल क्षत्रिय ही लड़ते थे पर अब राज्य-देस के लिए सभी लड़ते हैं। पहले चारों वर्ण अपना-अपना कार्य करते थे। पर अब चारों वर्णों के कामों में सबका अधिकार होने से संघर्ष भी कम से कम १०० गुना तो बढ़ेगा ही। पहले लोग अपने-अपने वर्ण और आश्रम की मर्यादा में चलते थे और सुख शांति से रहते थे। परंतु आज वर्णाश्रम की मर्यादा को मिटाकर स्वार्थवश अनेक पार्टियां बन रही हैं। जो राज्य के लिए आपस में लड़ती हैं। दूसरे संप्रदाय वालों के वोट के लिए हिंदू ही हिंदुओं का नाश कर रहे हैं। मां, बाप और बेटा तीनों अलग-अलग पार्टियों को वोट देते हैं और घर में लड़ते हैं। प्रचार तो यह किया जाता है कि सब में परस्पर एकता होनी चाहिए। पर वास्तव में! क्या एक एकता हो रही है ? अर्थात माँ अलग पत्नी अलग बेटा अलग भाई अलग सब एक-एक हो रहे हैं। कारण यह है कि वर्णाश्रम की रचना तो मर्यादा, कर्तव्य को लेकर हुई थी। पर पार्टियों की रचना स्वार्थ को लेकर हुई है। स्वार्थ और अभिमान के कारण ही विभिन्न वर्ण, संप्रदाय,आश्रम आदि के मनुष्यों में अपने वर्ण आदि का पक्षपात रहता है। जिससे वे अपने जाति, वर्ण आदि का मण्डल और दूसरे जाति, वर्ण आदि का खंडन करते हैं। इस विषय में एक कहानी है:- एक वेश्या थी। उसके मन में विचार आया, कि मेरा कल्याण हो जाय! सद्गति प्राप्त हो जाय। *अपने कल्याण के लिए वह साधुओं के पास गई। उन्होंने कहा - कि तुम साधुओं का संग करो! साधु त्यागी होते हैं इसलिए उनकी सेवा करो। तो कल्याण होगा। *फिर वह ब्राह्मणों के पास गई। तो ब्राह्मणों ने कहा - कि साधु तो बनावटी होते हैं। पर हम जन्म से ब्राह्मण हैं। ब्राह्मण सबका गुरु होता है। अतः तुम ब्राह्मणों की सेवा करो, तो कल्याण होगा। *इसके बाद वह सन्यासियों के पास गई। तो उन्होंने कहा - कि सन्यासी सभी वर्णों का गुरु होता है। इसलिए उसकी सेवा करने से कल्याण होगा। *फिर वह वैरागियों के पास गई। तो उन्होंने कहा - कि वैरागी सबसे तेज होता है। उसकी सेवा करो, तो कल्याण होगा। *फिर वह अलग-अलग संप्रदायों के गुरुओं के पास गई। तो उन्होंने कहा - कि हम सबसे ऊंचे हैं। शेष सब पाखंडी हैं। तुम हमारी चेली बन जाओ। हमारे से मंत्र ले लो। तब हम सब बात बताएंगे। जिससे तुम्हारा कल्याण हो जाएगा। इस प्रकार वह वेश्या जहाँ भी गई। वहीं उसको अपने-अपने आश्रम, मत, संप्रदाय आदि का पक्षपात दिखाई दिया। यह देखकर उसके मन में आया! अब तत्व समझ में आ गया है। युक्ति हाथ लग गई! साधु कहते हैं साधुओं को पूजो। ब्राह्मण कहते हैं कि ब्राह्मणों की पूजा करो। तो हम क्यों ना वेश्याओं को पूजें। ऐसा सोचकर उसने वेश्यभोज करने का विचार किया। उसमें सब वेश्याओं को निमंत्रण दिया और वहाँ निश्चित समय पर वैश्याएँ आने लगीं। उस शहर के बाहर एक विरक्त, त्यागी सन्त रहते थे। उन्होंने सुना, तो विचार किया आज क्या बात है । जब उनको मालूम हुआ कि, आज शहर में वेश्याभोज हो रहा है तो वैश्या को क्रियात्मक शिक्षा देने के लिए सन्त वहाँ पहुंच गए । रसोई बन रही थी। रसोई बनाने वालों ने पकाए हुए चावल का पानी (माँड़) नाली में गिराया। वैश्या छत पर खड़ी थी और जिधर देख रही थी, उधर बाबा जी बैठ गए और उस माँड़ से हाथ धोने लगे। वेश्या ने देखा, तो बोली :- बाबा जी यह क्या कर रहे हो। बाबा जी ने कहा:- तू अंधी है क्या ? तेरे को दिखाई नहीं देता। मैं तो अपने हाथ धो रहा हूं । वेश्या ने बाबा जी को ऐसा करने से रोका तो वे माने नहीं ��� वेश्या उतरकर नीचे आई और बोली:- बाबा जी यह तो चावलों का पानी है। इससे तो हाथ और ज्यादा मैले (गन्दे) होंगे। आप साफ पानी से हाथ धोओ। बाबा जी ने कहा- अगर इससे हाथ और ज्यादा मैले हो जाएंगे । तो क्या वेश्याएं ज्यादा साफ, निर्मल हैं जिससे इनकी सेवा से कल्याण हो जाएगा ? हाथ मैले पानी से साफ होते हैं या साफ पानी से। यह सुनकर वेश्या को होश आया ! कि बाबाजी :- बात तो ठीक कहते हैं ! तो फिर कल्याण कैसे होगा ? बाबा जी बोले:- जिसमें किसी संप्रदाय का पक्षपात, आग्रह न हो, जिसके आचरण शुद्ध हों, जिसके भीतर एक ही भाव हो कि जीव का कल्याण कैसे हो ? जिसमें किसी प्रकार की कामना ना हो - वह सन्त चाहे स्त्री हो या पुरुष हो, साधु हो या ब्राह्मण हो, किसी भी वर्ण, आश्रम, संप्रदाय का क्यों न हो, उस सन्त का संग करो। उनकी बातें सुनों - और जीवन में पालन करो, तो कल्याण होगा। तात्पर्य यह हुआ कि जहां स्वार्थ और अभिमान होगा, भोग और संग्रह की इच्छा होगी, वहाँ आसुरी संपत्ति आएगी ही। जहाँ आसुरी संपत्ति आएगी। वहाँ शांति नहीं रहेगी। बल्कि अशान्ति होगी, संघर्ष होगा, पतन होगा। त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः। कामः क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेत्त्रयं त्यजेत् ।। (गीता १६/२१) "काम, क्रोध और लोभ - यह तीन प्रकार के नर्क के दरवाजे जीवात्मा का पतन करने वाले हैं, इसलिए इन तीनों का क्या कर देना चाहिए" महत्वपूर्ण प्रसंग ये सारांश गीता प्रेस के माध्यम से संसार सागर के कल्याण हेतु ग्रँथ साधन सुधा सिन्धु से लिया गया है। Who is the reason for today's enmity? 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duniyakelog · 4 years
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जो एक्सोटिक के पूर्व निर्माता टाइगर किंग स्टार ने कहा कि एक घोड़ा और उसके बाघ को फेड ने गोली मार दी
जोसेफ "जो एक्सोटिक" माल्डोनाडो-पैसेज के पूर्व निर्माता ने दावा किया है कि अब कैद ओक्लाहोमा के ज़ुकीपर ने एक बार एक घोड़े को गोली मार दी थी और उसके अवशेषों को अपने बाघों को खिलाया था।
रिक किर्कम ने बुधवार को टीएमजेड लाइव के 57 वें खंड के माल्डोनैडो-पैसेज के बारे में संबंधित दावा किया, जिसके दौरान उन्होंने नेटफ्लिक्स के डॉक्यूमेंट्री टाइगर किंग: मर्डर, मेहेम और मैडनेस को वास्तव म��ं कितना "सटीक" बताया है।
“मैं आपको बता दूं… यह डॉक्यूमेंट्री इतनी सटीक है कि यह भयावह है। मैं वास्तव में पिछले कई रातों से बुरे सपने आया है क्योंकि यह प्रसारित हो रहा है। कुछ भी हैं, वृत्तचित्र दूर दिखाने के लिए पर्याप्त है कि कैसे पागल जो था जाना नहीं है, "Kirkham TMZ के हार्वे लेविन बताता है।
तभी किरखम ने अपनी कहानी साझा की।
किर्कम ने टीएमजेड को समझाया कि एक दिन, "यह गरीब बूढ़ी औरत एक घोड़े के ट्रेलर के साथ चली गई और उस जगह पर वापस चली गई जहां हमारा टीवी स्टूडियो था।"
जैसे ही महिला ने खींचा, किर्कम का दावा है कि माल्डोनाडो-पैसेज ने उत्साह से उससे कहा, “रिक तुम्हारा कैमरा ले आओ! यह रिकॉर्ड करें। ”
किर्कम नेटफ्लिक्स ओरिजिनल की रिलीज़ से बहुत पहले जोए एक्सोटिक, टाइगर किंग नामक एक रियलिटी सीरीज़ का निर्माण कर चुके थे।
"महिला रो रही थी," किरखम ने टीएमजेड को बताया। "वह ट्रेलर में एक घोड़ा था जो इतना पुराना था, वह उसकी देखभाल नहीं कर सकता था।"
"उसने कहा 'जो, क्या तुम मेरे लिए इस घोड़े की देखभाल कर सकते हो?" उन्होंने कहा, 'ओह, निश्चित रूप से हम करेंगे। मैं उसे चलाने के लिए एक अच्छा चारा दे दूँगा, '' किरखम ने आरोप लगाया।
"महिला ने रोया और उसे गले लगाया और उसने पार्क से बाहर निकाल दिया," किरखम ने टीएमजेड से कहा।
हालांकि, किर्कम ने आरोप लगाया कि महिला के जाने के बाद चीजों में भारी बदलाव आया।
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"जब तक वह चिड़ियाघर से बाहर निकली, जो ने मुझसे कहा, 'मुझे रिक देखो।" वह उस घोड़े के ट्रेलर के ठीक ऊपर चला गया, उसने अपनी रिवाल्वर निकाली और घोड़े को सिर में गोली मार दी, ”किर्कम ने आरोप लगाया।
किरखम ने कहा कि माल्डोनाडो-पैसेज ने कथित तौर पर "इसे काट दिया और इसे बाघों को खिलाया," यह कहते हुए, "यह एक दैनिक आधार पर जो विदेशी था।"
इस कथित घटना के होने पर किर्कम ने यह खुलासा नहीं किया कि उस महिला का नाम जिसने घोड़े को छोड़ दिया था या उस समय खुद के अलावा माल्डोनाडो-पैसेज के अलावा कोई नहीं था या नहीं।
किरखम ने आगे टिप्पणी करने के लिए PEOPLE के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
डॉक्यूमेंट्री के निदेशक एरिक गोडे ने भी टिप्पणी के लिए PEOPLE के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया और यह स्पष्ट नहीं है कि कथित घटना नेटफ्लिक्स परियोजना से रोक दी गई थी या नहीं।
माल्डोनाडो-पैसेज को कथित रूप से घोड़े की शूटिंग के लिए किसी भी आपराधिक आरोप का सामना नहीं करना पड़ा है और उसके वकील ने टिप्पणी के लिए PEOPLE के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।
माल्डोनाडो-पैसेज को अपने प्रतिद्वंद्वी, कैरोल बेस्किन , एक पशु कार्यकर्ता और बड़े-बिल्ली प्रेमी को मारने के लिए 2019 में हिटमैन को 3,000 डॉलर का भुगतान करने के लिए दोषी पाए जाने के बाद वर्तमान में जेल में है, जो फ्लोरिडा के टाम्पा में बिग रेस्क्यू नामक एक अभयारण्य चलाता है।
हिट से नहीं गुजरा, और वह वर्तमान में हत्या की कोशिश के लिए 22 साल की सजा काट रहा है।
जो को ओकलाहोमा में अपने विदेशी पशु पार्क में अधिक बड़ी बिल्लियों के लिए जगह बनाने के लिए बाघों को मारने का भी दोषी पाया गया था।
डॉक्यूमेंट्री के विमोचन के बाद से, उसने विभिन्न सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ अपने पूर्व व्यापार भागीदार के खिलाफ एक संघीय मुकदमा दायर किया है । अपनी शिकायत में, वह हर्जाने में $ 94 मिलियन की मांग कर रहा है।
PEOPLE द्वारा प्राप्त मुकदमे के अनुसार, पूर्व ज़ुकीर और देश के संगीत गायक ने दावा किया कि $ 73,840,000 व्यक्तिगत संपत्ति के नुकसान के लिए है; 18 साल का शोध; और प्रति वर्ष 365 दिनों के लिए 200 सामान्य बाघों और क्रॉस-ब्रीड्स की देखभाल, प्रति जानवर $ 60 / दिन की बोर्डिंग दर पर।
अतिरिक्त $ 15 मिलियन झूठे गिरफ्तारी, झूठे कारावास, चयनात्मक प्रवर्तन और उसकी मां, शर्ली की मौत के लिए है।
मुकदमा, जो अमेरिकी आंतरिक विभाग, अमेरिकी मछली और वन्यजीव सेवा और सरकारी एजेंटों के खिलाफ दायर किया गया था, उन पर अपने नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाता है।
बेसकिन ने बिग कैट रेस्क्यू (अपने पति हॉवर्ड बेसकिन के साथ) को चलाना जारी रखा है, लेकिन उनका कहना है कि नेटफ्लिक्स सीरीज़ के कुछ अतीत के झटकों से वह आहत हैं, जिसमें उनके तत्कालीन पति डॉन लुईस का गायब होना भी शामिल है।
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PEOPLE को दिए गए एक बयान में, बस्किन ने कहा, "एक आजीवन पशु प्रेमी, मैं शोषण के लिए बड़े बिल्ली के शावक के प्रजनन के कारण उत्पन्न दुख को उजागर करने की संभावना के लिए तुरंत तैयार हो गया था और भयानक जीवन इन राजसी प्राणियों को सहन करने के लिए मजबूर किया जाता है। सड़क के किनारे के चिड़ियाघर और पीछे के यार्ड। ”
बस्किन ने कहा, "यह देखने के लिए कोई शब्द नहीं हैं कि यह देखना कितना निराशाजनक है कि श्रृंखला न केवल ऐसा करती है, बल्कि दर्शकों में आकर्षित करने के लिए जितना संभव हो उतना ही दुस्साहसी और सनसनीखेज चुना है। उस हिस्से के रूप में, उन्होंने 23 साल के झूठ और innuendos को एक पूरे खंड को समर्पित किया था जिसमें कहा गया था कि मैं अपने पति डॉन के 1997 के लापता होने में शामिल थी। ”
जैसा कि किर्कम बेसकिन के बारे में कैसा महसूस करता है, उसने टीएमजेड को बताया, "आप बेसिन और माल्डोनैडो-पैसेज के संदर्भ में एक फली में दो मटर के साथ काम कर रहे हैं"।
"वे दोनों एक ही में हैं," किरखम ने कहा।
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jaunpurlive-blog · 6 years
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जौनपुर। श्री मेंहदीपुर बालाजी सेवा समिति के बैनर तले 21 अगस्त दिन मंगलवार को भव्य शोभायात्रा निकाली जायेगी जो सायं 5 बजे नवदुर्गा शिव मन्दिर नखास से निकलकर नगर के ओलंदगंज, चहारसू, सब्जी मण्डी, शिया कालेज, किला रोड, सद्भावना पुल होते हुये चौरा माता मन्दिर ओलंदगंज पहुंचकर समाप्त होगी। बुढ़वा मंगल के दिन निकलने वाली यात्रा कार्यक्रम की जानकारी देते हुये समिति के संस्थापक संदीप मोदनवाल ने बताया कि सुरक्षा, सफाई, यातायात सहित अन्य सम्बन्धित व्यवस्था को लेकर नगर मजिस्टे्रट से मिलकर ज्ञापन सौंप दिया गया है। समिति के अध्यक्ष अनिल प्रकाश वर्मा ने बताया कि शोभायात्रा में हाथी, घोड़ा, बाजा, ध्वनि विस्तारक यंत्र, पालकी, रथ सहित आकर्षक झांकियां शामिल रहेंगी। महासचिव रूपेश वर्मा ने समस्त स्वयंसेवी संगठनों सहित नगरवासियों से अपील किया कि इस अवसर पर तन, मन एवं धन से सहयोग करके कार्यक्रम को सफल बनायें। प्रतिनिधिमण्डल में संदीप मोदनवाल, अनिल प्रकाश वर्मा, सुशील वर्मा एडवोकेट, दीपक कुमार, मुकेश श्रीवास्तव, रुपेश वर्मा, सरदार बिट्टू सिंह, अखिलेश सोनी, दीपक वर्मा, पवन मोदनवाल, प्रेमचन्द्र मोदनवाल, विजय कुमार, बृजेश प्रजापति सहित तमाम लोग शामिल रहे।
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