माता दुर्गा को खुश करने के लिए माता का प्रत्येक भक्त नवरात्रि व्रत रखता है। लेकिन क्या भूखे बच्चों को देखकर कभी मां खुश हो सकती है? गीता अध्याय 6 श्लोक 16 में प्रमाण है कि व्रत नहीं करना चाहिए ।
मां दुर्गा को खुश करने का सच्चा मार्ग जानने के लिए पढ़ें पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा
संत रामपाल जी महाराज ने सतभक्ति साधना के साथ परमार्थ करने को श्रेष्ठ बताया है। इसी कारण उनके अनुयायी आए दिन जरूरत मंदों की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी जरूरत मंद लोगों के लिए रक्तदान सेवा में लगे हुए हैं
हिन्दू साहेबान! नहीं समझे गीता, वेद, पुराण पुस्तक में बताया गया है कि सनातनी पूजा का अंत कैसे हुआ और सनातनी पूजा का पुनः उत्थान कैसे होगा। पुस्तक को Sant Rampal Ji Maharaj App से डाउनलोड करके पढ़ें।
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संत रामपाल जी महाराज जी का जन्म 8 सितंबर 1951 को गांव धनाना, जिला सोनीपत, हरियाणा में जाट किसान घर में हुआ।
उनके विषय में नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी में कहा है कि एक हिन्दू संत अचानक प्रकाश में आयेगा। यह संत आध्यात्मिक चमत्कारों से आधुनिक वैज्ञानिकों की आँखें चकाचौध करेगा। उस पर झूठा देशद्रोह
धरती पर अवतार जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज जी के 73 वें अवतरण दिवस पर 09 सतलोक आश्रमों में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। जिसमें हजारों श्रद्धालु बढ़ चढ़कर रक्तदान करेंगे।
#SantRampalJiEternalKnowledge संत रामपाल जी महाराज ने ही सभी धर्म ग्रंथों से प्रमाणित करके दिखाया है कि कबीर परमेश्वर ही पूजा के योग्य है वही सृष्टि के रचयिता है।
#SantRampalJiEternalKnowledge हमारे धर्म गुरुओं ने हमें आज तक यही बताया कि श्रीमद्भागवत
गीता का ज्ञान श्रीकृष्ण ने दिया।
जबकि श्रीमद्भागवत गीता अध्याय 8 मंत्र 13, अध्याय 11 मंत्र 32 से संत रामपाल जी ने स्पष्ट कर दिया कि गीता का ज्ञान श्री कृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया जिसका ओम मंत्र है। इसका प्रमाण यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 17 में भी है।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज का जाति धर्म के भेदभाव को जड़ से समाप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान है। सभी जाति, धर्म / मजहब को मानने वाले उनसे दीक्षा ले रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं:- जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा। हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
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