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#पालक खाने से क्या होता है
letsdiskuss-sep · 2 years
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jyotishwithakshayg · 12 days
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आज दिनांक - 19 अप्रैल 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग
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दिनांक - 19 अप्रैल 2024 दिन - शुक्रवार विक्रम संवत् - 2081 अयन - उत्तरायण ऋतु - वसंत मास - चैत्र पक्ष - शुक्ल तिथि - एकादशी रात्रि 08:04 तक तत्पश्चात द्वादशी नक्षत्र - मघा सुबह 10:57 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी योग- वृद्धि रात्रि 01:45 अप्रैल 20 तक तत्पश्चात ध्रुव राहु काल - सुबह 11:38 से दोपहर 12:38 तक सूर्योदय - 06:18 सूर्यास्त - 06:57 दिशा शूल - पश्चिम दिशा में ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से 05:33 तक अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:12 से दोपहर 01:03 तक निशिता मुहूर्त- रात्रि 00:15 अप्रैल 20 से रात्रि 01:00 अप्रैल 20 तक व्रत पर्व विवरण- कामदा एकादशी विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है। द्वादशी को पूतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) कामदा एकादशी - 19 अप्रैल 2024 एकादशी व्रत के लाभ एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है । जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है । जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है । एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है । धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है । कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है । परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है । एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?
एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।
स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें । हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है । राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे । सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।। एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
`ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।
चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।
एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।
व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।
फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।
जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।
भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।
एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।
इस दिन बाल नहीं कटायें ।
इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।
एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।
जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।
Akshay Jamdagni: Expert in Astrology, Vastu, Numerology, Horoscope Reading, Education, Business, Health, Festivals, and Puja, provide you with the best solutions and suggestions for your life’s betterment. 9837376839
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How to control uric acid levels naturally? यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल करने के घरेलू उपाय
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How to control uric acid levels naturally? हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक बढ़ जाने से हमें गठिया जैसी गंभीर और कष्टदायक बीमारी का भी सामना करना पड़ सकता है. अगर आपको भी यह समस्या है तो आप अपनी डाईट में कुछ जरूरी बदलाव करके इस समस्या से निजात पा सकते हैं.
How to control uric acid levels naturally? आज के समय में हमारे समाज में लाखों लोग यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे हैं ऐसे में हम सबको यूरिक एसिड के बारे में जानकारी लेन�� आवश्यक हो जाता है. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे की यूरिक एसिड क्या होता है? वैसे तो यूरिक एसिड (How to control uric acid levels naturally?) हमारे खून में पाया जाने वाला एक वेस्ट मटेरियल है. आपको बताते चलें अगर हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए तो यह गठिया जैसी बीमारी का कारण बन सकता है तथा यूरिक एसिड बढ़ जाने की वजह से हमारे शरीर के हाथ-पैर,अंगूठे के जोड़ में तेज दर्द हो सकता है. इसके अलावा कई मामलों में किडनी फैलयर भी सामने आ सकता है. ऐसे में हम सबको यूरिक एसिड की समस्या को लेकर सावधान रहने की आवश्यकता है. अगर आपको यूरिक एसिड की समस्या (How to control uric acid levels naturally?) महसूस होती है तो इसे कभी भी हल्के मैं नहीं लेना चाहिए. यहां बताए गए नुस्खों की मदद से आप अपनी यूरिक एसिड की समस्या को को काफी हद तक कम कर सकते है
सही मात्रा में पानी पीने से कम होगा यूरिक एसिड- Drinking the right amount of water will reduce uric acid
बताते चलें जब हमारे शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है तो यह हमारे शरीर से यूरिक एसिड को बाहर निकालने का काम करता है. इसलिए अगर आपको यूरिक एसिड की समस्या (How to control uric acid levels naturally?)  महसूस होती है और आप अपनी यूरिक एसिड की समस्या से मुक्ति चाहते हैं तो आपको अपने शरीर में पानी के साथ साथ अन्य प्रकार के लिक्विड की मात्रा को बढ़ाना होगा. इसके लिए अगर आप चाहें तो अपने साथ एक पानी की बोतल हमेशा रख सकते हैं और कुछ घंटों के अंतराल पर आपको लगातार पानी पीते रहना चाहिए.
फाइबर वाले फूड्स होंगे फायदेमंद- Fiber rich foods will be beneficial
यूरिक एसिड को समाप्त करने के लिए हम कई तरह की चीजों का सेवन कर सकते हैं. इसके लिए हमें फाइबर वाली चीजें अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए. अगर आप अपने खाने में चने, दालें, अखरोट, ब्राउन राइस, पालक, ब्रोकली और सेब जैसी चीजें शामिल करते हैं तो काफी हद तक आप यूरिक एसिड की समस्या (How to control uric acid levels naturally?) से बच सकते हैं. इसके अलावा यूरिक एसिड से बचने के लिए विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा, कीवी, स्ट्रॉबेरी के साथ-सथ टमाटर का भी इस्तेमाल करना चाहिए.
कॉफी पीने से मिलेगा आराम- You will get relief from drinking coffee
अगर आप यूरिक एसिड की समस्या से पीड़ित है तो आपको दिन में कम से कम एक या दो कप काफी जरूर पीना चाहिए. इससे यूरिक एसिड के स्तर Read Morehttps://dailyhealthguide.live/health-tips/how-to-control-uric-acid-levels-naturally/ Read the full article
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arayurvedafitness · 2 years
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The Five Secrets That You Shouldn't Know About Best Weight Gain Drinks.
आज कल लोग अपनी निजी जिंदगी में इतने व्यस्त हो गए है की कभी-कभी खाना सही वक़्त पे नहीं खा पाते है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है, हमारे हैल्थी स्वास्थ्य के लिए हमें सही वक़्त पे खाना बहोत ही जरुरी है। और कभी कभी तो हम हमारे काम में इतने व्यस्त हो जाते है की खाना खाना ही भूल जाते है फिर जब याद आता है तब बहोत ही देर हो चुकी होती है इसी लिए हम यही सोच लेते है की अब बाद में ही खा लेंगे पर ऐसे टाइम पे हम कभी कभी हैल्थी ज्यूस भी ले सकते है जिससे अगर कभी हम खाना नहीं खाए तो भी हमारे स्वस्थ्य को कोई हानि नहीं होगी और हमें सही विटामिन और प्रोटीन भी मिलता है जो हमारे लिए हैल्थी है।
ऑयली और चीजी खाना खा कर बॉडी में चर्बी बढ़ती है और बिन जरुरी फैट को घटाने ने के लीये लोग डाइटिंग और एक्सरसाइज करते है। और कुछ लोग ऐसे भी होते है जो ऑयली और चीजी खाना खाते है लेकिन फिर भी उसका वजन और बॉडी नहीं बढ़ता है। उनके दुबले पतले बॉडी की वजह से उन्हें सब के सामने शर्मिंदगी महसूस होती है। हैल्थी सब्जी जैसे की पालक, कॉर्न, हरी सब्जियाँ आदि वजन बढ़ाने में मददरूप है लेकिन कई बार लोगो को सब्जिया पसंद नहीं आती है और वो नहीं खाते है। अगर आपको सब्जियाँ नहीं पसंद है तो आप सब्जियों के आलावा भी हैल्थी तरीके से वजन बढ़ा सकते हो।
क्या आप भी दुबले पतले हो और आपको  भी वजन बढाना है? तो यह ५ ज्यूस आपको जरुर पिएने चिहिए जिसे आपका वजन जल्दी ही बढ़ेगा
1. केले
कई लोग ऐसे भी होते है जिनका अधिक खाने से भी वजन नही बढ़ता है तो उसके लिए केले का ज्यूस सबसे बेह्तरिन है  उसमे भरपूर मात्रा में कैलोरी और विटामिन होते है। केले का ज्यूस बनाने के लिए 1 कप दूध, 2 केला और  2 टी.स्पू. हनी मिक्स करके हम ले सकते है।
2.खजूर
खजूर खाने के बहोत ही फायदे होते है।  उसमे फाइबर, विटामिन-सी और भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। जो आपको वजन बढ़ाने में बहोत ही मददरूप साबित हुआ है। इसके आलावा  आप 2-3 खजूर को दूध में मिला कर उबाल दो और इस उबाले हुए दूध को रात में पिने से कुछ ही दिनों में आपका वजन बढ़ने लगेगा और आपको खुद फर्क दिखाई देगा
3. अश्वगंधा और दूध (ashwagandha with milk)
अश्वगंधा तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है और वजन बढ़ाने में मदद करता है। अश्वगंधा लेने के लिये रात को सोने के वक्त 1 गिलास दूध लेना और 1 चम्मच अश्वगंधा लेना है  अश्वगंधा और दूध दोनों  को मिलाकर उससे पीना है
४.चीकू
चीकू मै भरपूर मात्रा में फाइबर और विटामिन होते है जो वजन बढ़ाने में बहोत ही मददरूप है। चीकू और दूध को मिलकर पिने से हमारा वजन आसानी से बढ़ता है।  चीकू में पाए गए पोषण तत्व जो हमारा वजन तेजी से बढ़ाता है।
५. अश्वारिन प्लस पाउडर
बहोत लोग होते है जीने फलो का जूस नही अच्छा लगता है तो वो लोग अश्वारिन प्लस पाउडर ले सकते है यह खाने से मास पेशिया मजबूत बनती है इस पाउडर का कोई भी साइड इफ़ेक्ट नही है. अश्वारिन प्लस पाउडर अश्वगंधा, विदारी, कौचा जैसी महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों का सही मात्रा में मिश्रण करके तैयार किया गया है। ये पाउडर लेने से कमजोरी , हताशा, थाकावत दूर होती है, भूख बढ़ती है और वजन तेजी से बढ़ता है इस दवा को भारत सरकार ने पूरी जाँच करने के बाद इसे मंजूरी दे दी है। यह दवाई आरोग्य विभाग द्वारा प्रमाणित है तथा साथ ही इस कंपनी को GMP और ISO द्वारा स्वीकृत प्रदान किया गया है। ये पाउडर पूरी तरह से सेफ है वजन बढ़ाने के लिए।
समापन:
बहुत से लोग ऐसे होते है जो अधिक खाना खाने पर भी अपना वजन नहीं बढ़ा पाते है इसी लिए यहाँ पर हमने 5 ऐसे तरीके बताये है जो आपको तेजी से और हैल्थी तरीके से वजन बढाने में आपकी जरूर मदद करेगा।
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swadistrecipe · 3 years
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पालक से जुड़ी कुछ कही अनकही बातें | Benefits of Spinach in Hindi
पालक से जुड़ी कुछ कही अनकही बातें | Benefits of Spinach in Hindi #spinach #spinachbenefits #spinachleaves #Spinach #vegetables
परिचय हरा लचीला दिखने वाला छोटा पत्तेदार पौधा पालक विभिन्न पौष्टिक तत्वों ��ा स्रोत है। पूरे विश्व में यह पत्तेदार साग को बड़े ही चाव के साथ सेवन किया जाता है। हर किसीके के रसोईघर में यह सामग्री सदा उपलब्ध रहती है। यह साग का उपयोग करके चटनी से सब्जी जैसे विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किये जाते हैं। छोटा सा दिखने वाला यह पौधा असीमित गुणों का भंडार है। यह साग झुंड या गुच्छों में उगता है जो परिपक्क…
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allgyan · 3 years
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ठंड और हरी सब्जी -
देखिये जब हम छोटे थे और कभी डॉक्टर के पास जाते तो वो हमेशा बिन मांगे सलाह देते थे की हरी सब्जी खाया करो |वो यूँ ही नहीं कहते थे |क्योकि हरी सब्जी बहुत तरह के पोषक तत्त्व मिलते है | जो हमें स्वस्थ रखने में बहुत सहायक रहते है |से अपने डाइट में हरी सब्जी शामिल करे |मौसमी सब्जी का सेवन करना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है | और सबसे ज्यादा हरी सब्जी ठंड में ही मिलती है | इसलिए जरूर
आये जानते है हरी सब्जी के सिलेसिलेवार फायदे के बारे में -
1 -पालक - पालक ऐसी हरी सब्जी है जिसके बारे में सबको पता है लेकिन इसमें क्या -क्या गुण है इसके बारे में सबको पता नहीं होगा |पालक में बिटामिन के ,सी और डी के साथ डाइट्री फाइबर , मैग्नीशियम , कैल्शियम ,आयरन और पोटैसियम भरपूर मात्रा में मिलता है |इसलिए पालक खाने से आप में खून की कमी और बैक्ट्रियल इन्फेक्शन नहीं होगा |हिर्दय रोग से भी ये बचाता है |ये आपके आँखों की रौशनी , हड्डियां और बालों की गुणवत्ता में सुधार करता है |
2 -मैथी - इसमें भी कमाल के पोषक तत्त्व रहते है और साथ में ये आसानी से बन भी जाता है | इसमें डाइट्री फाइबर , मैग्नीशियम , कैल्शियम ,आयरन और पोटैसियम और मैगनीज़ की भरपूर मात्रा होती है |ये महिलाओं में दूध उत्पन्य करने सहयक होते है आजकल आपने देखा होगा शादीशुदा महिला का बच्चा होने बाद भी पर्याप्त दूध नहीं उतरता है और बच्चा बॉटल वाले दूध पर निर्भर हो जाता है जो बहुत ही हानिकारक है |इसलिए मैथी को अपने भोजन में जरूर शामिल करे |
3 -सरसो का साग -सरसों की साग और मक्के की रोटी दुनिया भर में प्रसिद्ध है | लेकिन इसको खाने से क्या है फायदे हम बताते है आपको |हरी पत्ती में बिटमिन सी , के , इ ,ए ये सब रहते है |इसमें ज़िंक , मैग्नीशियम , पोटैसियम ,मैगनीज़ और कैल्शियम भी रहते है |ये आपकी पाचन शक्ति में सुधार करता है और कोलोस्ट्राल लेवल कम करता है |
4 - बथुआ - ये हरे पत्तेदार सब्जी बंगाल , हिमांचल प्रदेश ,बिहार में बहुत ही चर्चित है |बथुआ में बिटामिन ऐ , सी और बी काम्प्लेक्स भरपूर है |इसमें एमिनो एसिड ,आयरन , फास्फोरस और कैल्शियम भी होता है |जिसको भी कब्ज है उसके लिए बहुत ही फायदेमंद है इसे बनाना और पकाना बहुत आसान है |
5 - अरबी - इस सब्जी में भी भरपूर पोषक तत्त्व है | इस सब्जी कही पे पात्र और एरोबा के रूप में भी जाना जाता है |इसमें बिटामिन ऐ एंड सी और आयरन और डाइट्री एसिड और फॉलिक एसिड होता है |ये प्रतिरोदक क्षमता को बढ़ाता है |ये आँखों की रौशनी में सुधार और बीपी को सामान्य करता है |
6 -सहजन - सहजन उस व्यक्ति को दिया जाता है |जो बहुत दिन कुपोषित है क्योकि इसमें आयरन ,फाइटोकेमिकल  और मिनरल होते है |इसकी एक और खासियत ये है की ये सूखे में भी बहुत दिन खुद को जिन्दा रखता है |ये कैंसर और डाइबिटीज़ जैसी बीमारी को दूर करने की क्षमता रखता है |
7 -हल्दी - हल्दी की गुणवत्ता तो पुरे विश्व को पता है और इसलिए ही कई देश इसे पेटेंट करने में लगे थे | लेकिन हल्दी के हरे पत्ते और भी गुणकारी होते है इसमें कुर्कमिन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है और इसलिए इसमें सूजन रोधक और एंटीसेप्टिक वाले गुण होते है |
8 - कुल्फ़ा- ये नाम आपने कम ही सुना होगा |लेकिन इसमें कई बिटमिन जैसे -बिटामिन ऐ और सी , ओमेगा फैटी एसिड और कैल्शियम , मैग्निशयम ,और आयरन की मात्रा भी बहुत होती है |इसमें सलाद के रूप ज्यादा खाया जाता है |ये हिर्दय रोग से बचाता है |
9 - कल्मी- ये हरी सब्जी बंगाल और दक्षिण भारत की एक प्रमुख सब्जी है |ये फसलों के साथ खेतों में या नदी के तट पर उगती है |ये फैली हुई घास की तरह लगती है इसमें कई पोषक तत्त्व मिलते है |इसमें बिटामिन ऐ एंड सी और कैल्शियम ,आयरन , प्रोटीन  फाइबर की भी बहुत मात्रा होती है |ये केलोस्ट्राल को कम करता है |खून की कमी कम करता है |मधुमेह से बचाता है |
10 -हाक जम्मू कश्मीर में पाए जाये वाली ये हरी सब्जी को उबाल कर और फ्राई करके खाया जा सकता है |इसे उबालकर खाना सबसे ज्यादा पोषण देता है |ये श्वास सम्बंधित रोगो को दूर करता है |इसे खाने से ब्रांकाइटिस और अस्थमा और खासी में आराम मिलता है|क्योकि बिटामिन ऐ और बी और सी काम्प्लेक्स इसमें भरपूर मात्रा में पाया जाता है |ये आयरन और मैग्नीशियन भी बहुत रखता है |
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गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक भोजन
डॉक्टर द्वारा महिलाओं के गर्भावस्था के दौरान बहुत खास ख्याल रखने के लिए कहा जाता है महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य दोनों के बारे में ख्याल रखना होता है इसके लिए महिलाओं को रहन-सहन और स्वस्थ भोजन करने की सलाह दी जाती है महिला को गर्भावस्था के दौरान अपने खानपान का खास तौर से ध्यान रखना होता है क्योंकि खान-पान का असर उसके बच्चे पर पड़ता है और उसका शारीरिक विकास में सुधार होता है सही खान-पान के नहीं होने से बच्चे की शारीरिक विकास पर असर पड़ सकता है।
इसके लिए महिलाओं को सभी उपयोगी और पोषक तत्व वाली चीजों का सेवन करना चाहिए।  महिलाओं को समय-समय पर खानपान में बदलाव करना चाहिए और उन्हें जरूरत वाली चीजों का सेवन करना चाहिए जिसमें बदाम प्रोटीन वाली चीजें दाल दूध वाली चीजें हैं। सब्जियां फल-फूल आदि का सेवन करना चाहिए। जो महिलाएं गर्भावस्था के समय अपना ख्याल नहीं रख पाते हैं, उसका परिणाम उसके बच्चे को भुगतना पड़ता है और प्रसव के दौरान बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।
गर्भावस्था में स्वस्थ भोजन क्या है?
गर्भावस्था के दौरान महिला और बच्चे के लिए शारीरिक विकास और मानसिक विकास के लिए मां को स्वस्थ भोजन करने की आवश्यकता होती है। स्वस्थ भोजन के अंदर विटामिन सी विटामिन डी कैल्शियम पोटेशियम वसा कार्बोहाइड्रेट आदि सभी प्रचुर मात्रा में दी जाती है ताकि बच्चा और मां दोनों स्वस्थ रहें और प्रसव के दौरान किसी की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
इसके लिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन करने की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान महिला को स्वस्थ भोजन करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन
गर्भावस्था के समय महिला को अपने होने वाले बच्चे के खास खयाल के लिए स्वस्थ भोजन करने की आवश्यकता होती है इससे उसके बच्चे को अच्छा पोषण मिलता है ताकि वह हष्ट पुष्ट पैदा हो। गर्भावस्था के दौरान यदि महिला द्वारा स्वस्थ भोजन का ध्यान नहीं रखा जाता है तो महिला को आयरन कैल्शियम जैसे बहुत से पोषक तत्व की कमी हो जाती है।
जिससे बच्चे की शारीरिक विकास में बाधा आती है। हमने नीचे कुछ चीजों का उल्लेख किया है जिसमें बताया गया है कि गर्भावस्था के समय महिला को क्या-क्या खाना चाहिए।
दूध से बनी चीजें
महिला के प्रेग्नेंट होने पर गर्भावस्था के समय महिला को ज्यादा से ज्यादा दूध से बनी चीजों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। दूध से बनी चीजें से दही इसके अंदर प्रोटीन विटामिन कैल्शियम आदि के अच्छे स्रोत पाए जाते हैं महिला गर्भावस्था के दौरान पनीर का सेवन भी कर सकती है क्योंकि इसके अंदर बड़ी मात्रा में कैल्शियम होते हैं जो मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत ही जरूरी है इसे बच्चे का शारीरिक विकास होने में मदद मिलती है।
दालें
दाल शरीर के लिए बहुत ही जरूरी चीज है क्योंकि इसके अंदर प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है और एक गर्भावस्था के दौरान प्रोटीन की सही मात्रा मिलना जरूरी है जो महिला शाकाहारी है उन्हें मांसाहारी चीजों से दूर रहना चाहिए उसके लिए दालों का सेवन कर सकती है, क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन मिलता है खासकर महिला मसूर की दाल का भरपूर सेवन कर सकती है।  यह बच्चे और महिला के लिए अच्छा है।
मांस और मछली
जो महिलाएं मांस और मछली जैसी चीजों का सेवन करती है वह मांस और मछली का सेवन कर सकती है यह प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है जिस महिलाओं को दालों से प्रोटीन कब मिलता है वह मांस मछली खा सकती है।
अंडा सफेद होने के कारण इससे सफेदी प्रोटीन अच्छी मात्रा में मिल जाता है जबकि मटन के अंदर आयरन किसकी मात्रा होती है दो शिशु ���े लिए बहुत ही जरूरी है मछली का सेवन करने से बच्चे का शारीरिक विकास होता है।
बादाम
गर्भावस्था के दौरान महिला को स्वस्थ भोजन के अंदर मेवा और बादाम खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसके अंदर प्रोटीन की मात्रा होती है महिलाएं गर्भावस्था के दौरान मेले के साथ में बादाम पैसा खर्च आदि का सेवन कर सकती है यह बच्चे के लिए भी गुणकारी है।
सब्जियां
मनुष्य को शरीर में उर्जा प्रदान करने के लिए सब्जियों की बहुत जरूरत है क्योंकि सबसे के अंदर आयरन विटामिन बी विटामिन सी विटामिन फोलिक एसिड जैसे बहुत से तत्व पाए जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान महिला को हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर बहुत से पोषक तत्व होते हैं।
महिला को खासतौर से पालक का सेवन करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर आयरन की प्रचुर मात्रा होती है इसके अलावा विटामिन बी होता जो बच्चे के लिए अच्छा होता है। गर्भावस्था के दौरान महिला को टमाटर का सेवन करना चाहिए क्योंकि टमाटर के अंदर विटामिन सी होता है और साथ ही साथ मटर रोड डोकली जैसी चीजों का भी सेवन नंबर चाहिए हरे सलाद का सेवन महिलाएं कर सकती है क्योंकि इसके अंदर आयरन पोटेशियम कैल्शियम फाइबर आदि की प्रचुर मात्रा होती है जो शरीर के विकास के लिए बहुत ही जरूरी होती है।
फल फूल
शरीर में कमजोरी को दूर करने के लिए व्यक्ति फलों का सेवन करता है यहां तक कि फलों के जूस का भी इस्तेमाल करता है।  गर्भवती महिलाओं को कब्ज की समस्या हो जाती है इसके लिए महिला को फाइबर युक्त फलों का सेवन करना चाहिए जिससे एक कब्ज से परेशानी का सामना किया जा सकता है। इसके अलावा फलों के अंदर बहुत से खनिज तत्व पाए जाते हैं और विटामिन पाए जाते हैं महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान तरबूज का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर मॉर्निंग सिकनेस जैसी समस्याओं को लड़ने की ताकत होती है आम संतरे नींबू जैसे फलों का सेवन करना चाहिए जिसके अंदर विटामिन सी की प्रचुर मात्रा पाई जाती है विटामिन सी के लिए पोषक तत्व है।
तरल पदार्थ
गर्भवती महिला को समय-समय पर जूस पीना चाहिए जो उसके अंदर महिलाओं को खनिज और विटामिन की प्रचुर मात्रा मिल जाती है महिलाएं ज्यादा पानी पीती है इससे महिलाओं हाइड्रेटेड जैसी परेशानी से लड़ लेती है।
फलों को अक्सर भिगोकर उसका पानी पीना चाहिए यह हाइड्रेटेड रहने का एक सबसे बेहतरीन तरीका है। इससे पानी का स्वाद भी कहीं हद तक बदल जाता हैं। ध्यान रहे महिलाओं को डिब्बाबंद फलों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर उच्च मात्रा में अप्राकृतिक मिठास होती है जो बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
वसा
गर्भवती महिला को आहार के अंदर वसा युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए यह बच्चे की विकास के लिए बहुत ही जरूरी है और प्रसव अच्छे से हो सके उसके लिए भी बहुत जरूरी है यह महिलाओं को प्रसव के लिए तैयार करने में मदद करता है। गर्भवती महिला को वनस्पति तेल जैसे वसायुक्त तत्वों का इस्तेमाल करना चाहिए महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मक्खन और घी जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए यह अतिरिक्त वसा पैदा कर सकता है जो गर्भावस्था के समय परेशानी पैदा कर सकता है।
गर्भावस्था के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर द्वारा महिलाओं को कुछ चीजें के लिए मना किया जाता है क्योंकि यह महिला और बच्चे दोनों के लिए हानिकारक होते हैं। महिलाओं को पता होना चाहिए कि गर्भावस्था के दौरान किन चीजों को खाने से बचना चाहिए। क्योंकि कुछ खाते बताता है ऐसे होते हैं जो महिला को गर्भ अवस्था के दौरान परेशानी पैदा कर सकते हैं।
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बैंगन खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह है मासिक धर्म उत्तेजित करने का काम करता है और महिला को कच्चे अंडे नहीं खाने चाहिए क्योंकि इससे सालमोनेला नामक संक्रमण पैदा हो जाता है और  आंत पर प्रभाव पड़ता है जिससे महिलाओं को दस्त बुखार पेट दर्द जैसी परेशानियां हो सकती है।
गर्भावस्था के दौरान महिला को कुछ खाद्य पदार्थ जैसे तिल के बीज सॉफ और मेथी  आदि चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके अंदर फाइटोएस्ट्रोजन पाया जाता है जो गर्भाशय को खत्म कर सकता है।
गर्भावस्था के दौरान जरूरी विटामिन कौन से हैं?
गर्भवती महिला को गर्भावस्था के समय विटामिन की बहुत जरूरत होती है एक हष्ट पुष्ट बच्चे के लिए विटामिन की सही मात्रा होना जरूरी है सभी जानते हैं कौन-कौन से विटामिन जरूरी होते हैं।
गर्भवती महिला को विटामिन बी या फॉलिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण विटामिन तत्वों की आवश्यकता होती है यह गर्भधान से पहले बहुत जरूरी होती है महिलाओं में विटामिन बी की कमी से बच्चे में न्यूरल ट्यूब का दोष हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को प्रचुर मात्रा में विटामिन डी और कैल्शियम की आवश्यकता होती है इसकी कमी के कारण बच्चे की कंकाल प्रणाली मैं परेशानी आ सकती है और बच्चे और महा दोनों को खतरा हो सकता है।
गर्भवती महिलाओं को विटामिन सी की प्रचुर मात्रा लेनी जरूरी है क्योंकि यह आयरन को अवशोषित कर लेता है और शरीर में खनिज तत्वों की कमी को पूरी करता है यह महिला के मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत जरूरी है।
गर्भावस्था के समय सावधानियां
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को वह सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि यह इसके बच्चे के जीवन का सवाल में हो सकता है महिलाओं को  गर्भावस्था के समय कुछ विशेष बातों को ध्यान रखना चाहिए हमने यह विशेष बातें नीचे एक ही करके बताइए चलिए जानते हैं।
धूम्रपान
गर्भवती महिला को धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए यह महिला और उसके बच्चे दोनों को चौकी में डाल सकता है और बच्चे का आंतरिक संरचना पर प्रभाव पड़ सकता है और इससे उसकी मृत्यु हो सकती है।
शराब
गर्भवती महिला यदि शराब का सेवन करती है तो उसका असर बच्चे भी पड़ता है और बच्चे की कोशिकाएं का विकास रुक जाता है जिससे बच्चे की मृत्यु हो सकती है इसलिए गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के समय शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
ज्यादा खाना
गर्भवती महिला को ज्यादा खाने से भी परेशानी हो सकती है महिला को अपना संतुलन बनाए रखने के लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह खाने की मात्रा को निश्चित करें क्योंकि डिलीवरी के दौरान महिला का वजन सही होना चाहिए। ज्यादा खाने से गर्भवती महिला को डायबिटीज की परेशानी हो सकती है जिसका असर महिला और बच्चे पर पड़ता है।
कच्चे मांस का सेवन
गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान कच्चे मांस खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसके अंदर परजीवी  होते हैं जो बच्चे के शारीरिक विकास को रोकने का काम करते हैं और भोजन में विष का कारण बन सकते हैं।
मछली का सेवन
महिलाओं के पास मांस और मछली का सेवन करने का विकल्प होता है परंतु इसके अंदर झींगा और कैंडल लाइट पूर्णा बहुत ही अच्छी फूड है महिलाओं को ध्यान रखना चाहिए कि मछलियों के अंदर भी अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती है जो गर्भावस्था के दौर���न नहीं खानी चाहिए। महिलाओं को प्रतिदिन फिश लिवर ऑयल कैप्सूल का सेवन करना चाहिए यह महिला के गर्भ अवस्था के दौरान एक अच्छी खुराक है।
वजन
गर्भावस्था के दौरान महिला का वजन बढ़ जाता है जिसके कारण अशोक के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता है महिला को अपने व्यवस्था के दौरान वजन को एक सही मात्रा में रखना चाहिए ताकि उसे किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।
Calcium का सेवन
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कैल्शियम वाले पदार्थों का सेवन करना चाहिए यह अंतिम दो तिमाही में बच्चे की विकास को अच्छे से करने में मदद करता है। इसके बाद यह ओस्टियोपोरोसिस विकसित होने वाली जैसी परेशानी से लड़ने के लिए भी फायदेमंद है।
जिस प्रकार एक स्वस्थ व्यक्ति को जीने के लिए एक स्वस्थ भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार एक गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन की आवश्यकता होती है।  यह उसके और उसके बच्चे के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।  महिला और अपने बच्चे के शारीरिक विकास हेतु महिला को स्वस्थ भोजन प्रणाली को अपनाना चाहिए। महिला को गर्भावस्था के दौरान बहुत ही सावधान रहना चाहिए क्योंकि यह मां और बच्चे दोनों का सवाल होता है।
Reference : https://www.ghareluayurvedicupay.com/paushtik-bhojan-for-pregnancy/
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jasus007 · 2 years
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हर रोज पालक खाने के क्या हो सकते हैं फायदे और क्या हो सकता है नुकसान, आप भी जानिए
हर रोज पालक खाने के क्या हो सकते हैं फायदे और क्या हो सकता है नुकसान, आप भी जानिए
  मुंबई, 22 मार्च, पालक एक लोकप्रिय खाद्य पदार्थ है, एक हरी पत्तेदार सब्जी है जिसे आहार विशेषज्ञ अपने दैनिक आहार में शामिल करने पर जोर देते हैं। यह स्वास्थ्य लाभ से भरा हुआ है, और इसके नियमित सेवन से आपकी आयरन सामग्री, प्रोटीन और आपकी प्रतिरक्षा को भी बढ़ावा मिल सकता है। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप रोजाना पालक खाने से आपके शरीर का क्या होता है? आहार विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ गरिमा गोयल…
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lifestylechacha · 2 years
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Pregnancy में क्या खाएं? | Pregnancy Food in Hindi
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Pregnancy Food in Hindi :  नमस्कार दोस्तों, मैं आपको बताने वाली हूँ, कि Pregnancy में क्या खाएं?  हर औरत का सपना होता है। कि उसका बच्चा दुनिया मे आए, तो वह हेल्थी और स्ट्रोंग हो। महिलाएं जब Pregnant होती है। तो वह अपने बेबी के हेल्थी होने के लिए न जाने कितने नुस्खे ढूंढती है। ना जाने क्या-क्या खाती है। फिर भी उनका बेबी हेल्थी नही होता। और इस वजह से वह टेंशन भी बहुत ज्यादा लेती है। जबकि Pregnancy में महिलाओं को खुश रहना चाहिए। और खुद का और अपने बेबी का अच्छे से ख्याल रखना चाहिए। एक Pregnant महिला के लिए पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी है। क्योंकि बच्चे और माँ दोनो की हेल्थ पर बुरा असर न पड़े।   आइये दोस्तों, मैं आपको बताती हूँ। कि आप Pregnancy में क्या खाएं? जिससे आपका बेबी हेल्थी हो।    Pregnancy में फल खाएं। Pregnency में हर महिला को पूरे दिन में अपने खाने में फल जरूर शामिल करने चाहिए। कम से कम 5 तरह के फल खाने चाहिए। अनार, सेब, केला, नाशपाती, संतरा। आप चाहे तो फलो का जूस भी पी सकती हैं। इससे आपका बेबी हेल्थी होगा। और आप भी हेल्थी रहोगी।   सूखे मेवे खाए। Pregnancy के दौरान हर महिला को पूरे दिन में अलग अलग तरह के सूखे मेवे खाने चाहिए। जैसे काजू, किशमिश, बादाम, खजूर आदि। सूखे मेवे में पोषक तत्व अधिक मात्रा में मौजूद होते है। इनमे विटामिन्स, मिनिरल्स, आयरन इत्यादि होते है। जो आपके शिशु और आपके लिए बहुत फायदेमंद है। इससे आपका खून भी बढ़ेगा। और आपके बेबी और आपकी हड्डियां मजबूत होगी।    हरी पत्तेदार सब्जियां खाए। Pregnancy में बच्चे की हेल्थ व माँ दोनो के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां बहुत जरूरी होती है। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, फली, बिन्स आदि खाएं। क्योंकि इनमें विटामिन, केल्शियम, पोटेशियम, आयरन, फाइवर, प्रोटीन भरपूर मात्रा में मिलते है। जो बच्चे और माँ दोनो के लिए जरूरी है। बच्चे के विकास के लिए उसकी हड्डियों की मजबूती के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां प्रेग्नेंट महिला के आहार में जरूर शामिल करें।   Pregnancy में दाल खाएं। Pregnancy  के दौरान महिला को अपने भोजन में अलग-अलग तरह की दालों को शामिल करना चाहिए। जैसे मूंग दाल, मसूर दाल, अरहर की दाल ,दालों से बनी खिचड़ी, राजमा, छोले आदि अपने भोजन में जरूर शामिल करनी चाहिए। क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में फाइवर केल्शियम आयरन प्रोटीन आदि पाए जाते है। जो कि बच्चे के हेल्थ के लिए जरूरी है। और इससे महिला व बच्चे में रोगो की समस्या दूर रहती है।    दूध व अंडा खाएं। Pregnancy में महिला को प्रतिदिन अंडा और दूध अपने आहार में जरूर शामिल करने चाहिए। क्योंकि इनमें प्रोटीन कैलोरी पोषक तत्व वसा विटामिन खनिज लवण शामिल होते है। जो कि Pregnancy में बहुत लाभदायक होते है।    Pregnancy में सबूत अनाज खाए। Pregnancy में महिला को दूसरे तीसरे माह में अपने आहार में साबुत अनाज जैसे ओट्स, भूरे चावल, किनोआ आदि जरूर शामिल करना चाहिए। क्योंकि इनमें अधिक मात्रा में कैलोरी, विटामिन बी, मैग्नीशियम प्रोटीन आदि भरपूर मात्रा में मिलते है। जो कि बच्चे के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।   शुद्ध जल का सेवन करे। Pregnancy के दौरान महिला को शुद्ध जल का सेवन करना चाहिए। इससे उसके गर्भ में परेशानी नहीं होती। बच्चा भी गर्भ में सही से रहता है। और जल को उबाल कर पीना चाहिए। पूरे दिन में थोड़े-थोड़े अंतराल में पानी का सेवन करना चाहिए। इससे आपको डिलीवरी के टाइम परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। और पानी की कमी भी नही होगी।   बिना वसायुक्त मांस खाएं। प्रेगनेंट महिला को बिना वसा युक्त मास का सेवन जरूर करना चाहिए। क्योंकि इनमें प्रचुरमात्रा में आयरन जिंक लोह तत्व विटामिन बी आदि पाए जाते है। जो कि हीमोगलिबिन व आयरन की कमी को दूर करता है। क्योंकि आमतौर पर Pregnant महिलाओं में ये कमी हो जाती है। इसलिए अपने आहार मे वसायुक्त मास जरूर शामिल करें।   प्रेगनेंसी में ये चीजें भूल कर भी न खाए।  * कच्चा पपीता न खाएं।  *नशीले पदार्थ से दूर रहे।  * जंक फूड से बचे।  *ज्यादा तेल मसाले वाले पदार्थ न खाए।  *अंगूर, अनानास न खाए।  *ब्लैक टी, कॉफी न पिए।  *कच्चे अंडे, कच्चा मास न खाएं।  * मिट्टी चोक भी न खाएं।  – जेनब खान   Read the full article
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jyotishwithakshayg · 1 month
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*🌞~ आज दिनांक - 20 मार्च 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - वसंत*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - एकादशी मध्य रात्रि 02:22 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - पुष्य रात्रि 10:38 तक तत्पश्चात अश्लेषा*
*⛅योग - अतिगण्ड शाम 05:01 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
*⛅राहु काल - दोपहर 12:47 से 02:18 तक*
*⛅सूर्योदय - 06:43*
*⛅सूर्यास्त - 06:51*
*⛅दिशा शूल - उत्तर*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:08 से 05:56 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 से 01:10 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - आमलकी एकादशी, पयोव्रत समाप्त*
*⛅विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹आमलकी एकादशी - 20 मार्च 2024🌹*
*🔹एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?🔹*
*🌹1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*
*🌹2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।*
*🌹हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*
*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*🌹3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*
*🌹4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
*🌹5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
*🌹6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*
*🌹7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*
*🌹8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*
*🌹9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*
*🌹10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
*🌹11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*
*🌹12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*
*🌹13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*
*🌹14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*
*🔹पेठे का रस🔹*
*🔸सफेद पेठा (प्रचलित नाम – कुम्हड़ा, गुजराती – भूरूं कोहलु, मराठी – कोहळा, अंग्रेजी – Ash Gourd) आयुर्वेद के अनुसार अत्यंत लाभदायी फल, सब्जी तथा अनेकों रोगों में उपयोगी औषधि भी है ।*
*🔸यह रस में शीतल, पित्त एवं वायु का शमन करनेवाला, शरीर पुष्टिकर, वजन बढ़ाने में सहायक एवं वीर्यवर्धक है ।*
*🔸यह अम्लपित्त (hyperacidity), शरीर की जलन, सिरदर्द,  नकसीर (नाक से खून आना), टी.बी. के कारण कफ के साथ खून आना, खूनी बवासीर, मूत्र की रुकावट एवं जलन, नींद की कमी, प्यास की अधिकता, श्वेतप्रदर एवं अत्यधिक मासिक स्राव आदि पित्तजनित समस्याओं में अक्सीर औषधि है ।*
*🔸स्मरणशक्ति की कमी, पागलपन, मिर्गी आदि मानसिक समस्याओं, चर्मरोग, पुराना बुखार, शारीरिक एवं मानसिक कमजोरी आदि में भी अत्यंत लाभदायी है ।*
*🔸आधुनिक अनुसंधानों के अनुसार यह कैल्शियम, आयरन, जिंक एवं मैग्नेशियम का अच्छा स्रोत है । इसमें निहित एंटी ऑक्सीडेंट मधुमेह (diabetes), उच्च रक्तचाप (High B.P.), कैंसर आदि रोगों से सुरक्षा करने में सहायक है ।*
*🔸सेवन-विधि : 15 से 25 मि.ली. रस सुबह खाली पेट लें ।*
*🔹सावधानी - सर्दी, जुकाम, दमा (asthma) आदि कफ-संबंधी समस्याओं में तथा भूख कम लगती हो तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए ।*
https://chat.whatsapp.com/BsWPoSt9qSj7KwBvo9zWID 9837376839
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sabkuchgyan · 3 years
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प्रेग्नेंट महिलाओं को पालक का सेवन, हफ्ते में दो बार जरूर करना चाहिए
प्रेग्नेंट महिलाओं को पालक का सेवन, हफ्ते में दो बार जरूर करना चाहिए #Lifestyle
मां बनना हर महिला की एक सपना होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं. कि प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला यह चाहती है. कि वह अच्छे से अच्छा खाना खाए. ताकि उसका बच्चा स्वस्थ और तंदुरुस्त रहे. इसलिए महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान अपने खाने पीने पर ज्यादा ध्यान देती हैं. ऐसे में कहा जाता है. कि यदि जो महिलाएं प्रेग्नेंट होती हैं.तो उन्हें पालक का सेवन करना चाहिए. क्योंकि पालक में भरपूर मात्रा में आयरन और कैल्शियम…
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theambuj · 3 years
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1 दिन में शरीर की सारी गंदगी बाहर निकालकर बॉडी को करें फुल डिटॉक्स, जानें सुबह से लेकर रात तक क्या कैसे खाएं?
डिटॉक्स का मतलब होता है टॉक्सिन्स (गंदगी, अपशिष्ट पदार्थ, मल) को बाहर निकालना। हम जो कुछ भी रोज खाते हैं उसमें से पोषक तत्व तो शरीर पाचन के दौरान ही अलग कर लेता है, बाकी बची गंदगी को मल और मूत्र के रूप में शरीर से बाहर कर देता है। लेकिन कुछ तत्व ऐसे रह जाते हैं, जो शरीर में ही यहां-वहां जमा हो जाते हैं। तुरंत तो इनका पता नहीं चलता है, लेकिन लंबे समय में यही गंदे तत्व (टॉक्सिन्स) गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। इसलिए शरीर को समय-समय पर डिटॉक्स करते रहना जरूरी है। आपको हर 15 दिन में कम से कम 1 बार तो अपनी बॉडी को डिटॉक्स करना ही चाहिए।
अक्सर लोग बॉडी डिटॉक्स 3 कारणों से नहीं करते हैं- पहला यह कि बहुत सारे लोगों को बॉडी डिटॉक्स करने का महत्व और तरीका नहीं पता होता है। दूसरा यह कि जिन्हें पता होता है उन्हें लगता है कि डिटॉक्स करने में भूख बहुत लगती है और उनसे भूख बर्दाश्त नहीं है और तीसरा यह कि उन्हें लगता है बॉडी डिटॉक्स करने में कई दिन का समय लगत है, इसलिए वो इसके लिए समय नहीं निकाल सकते हैं। लेकिन आज हम आपको जो डिटॉक्स का डाइट प्लान बता रहे हैं, वो सिर्फ 1 दिन का है। यानी 24 घंटे में ही आपकी बॉडी पूरी तरह डिटॉक्स हो जाएगी और आपको भूख भी नहीं लगेगी। आइए बताते हैं इस डिटॉक्स के दौरान सुबह से लेकर रात तक आपको क्या कैसे खाना है।
सुबह उठते ही पिएं गर्म पानी और नींबू
आप सुबह जैसे ही उठें, सबसे पहला काम यह करें कि आधा लीटर पानी गुनगुना करें और इसमें 1 नींबू का रस निचोड़ कर डालें। इसके बाद इसे गुनगुना ही पी जाएं। खाली पेट पिया गया ये नींबू पानी आपके शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेजी से बढ़ा देगा, पाचन की गति तेज कर देगा और शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करेगा। आप चाहें तो इसे रोज भी पी सकते हैं। इसे पीने के बाद फ्रेश हों, ब्रश करें और थोड़ी देर वॉक करें या एक्सरसाइज करें। इसके बाद 15 मिनच रेस्ट कर लें ताकि एक्सरसाइज से गर्म हुआ शरीर नॉर्मल हो जाए, इसके बाद नहाएं और फिर ब्रेकफास्ट करें।
ब्रेकफास्ट में लें ग्रीन स्मूदी
डिटॉक्स वाले दिन आपको ��्रेकफास्ट में ग्रीन स्मूदी पीनी है। ग्रीन स्मूदी हरी सब्जियों और पत्ते वाली सब्जियों को मिलाकर बनाई जाती है। इसलिए इस स्मूदी में फाइबर, मिनरल्स, विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं। ये स्मूदी आपको दिनभर एनर्जी से भरपूर रखेगी और आपके पेट को भरा रखेगी। अगर आप सप्ताह में 2-3 दिन इस स्मूदी का रेगुलर सेवन करते रहें तो आपकी त्वचा का ग्लो भी बढ़ जाएगा।
स्मूदी बनाने के लिए ब्लेंडर में 1 कप पालक के पत्ते, 1 कप ब्रोकली, एक छोटा टुकड़ा अदरक, एलोवेरा जेल (ताजा पत्ती से निकला हुआ) 2 चम्मच, और भी जो हरी सब्जियां आप डालना चाहें डाल लें, इसके साथ 2 कप ग्रीन टी डालें और इन्हें ब्लेंड कर लें। इस स्मूदी को ग्लास में निकालें और 1 नींबू का रस तथा थोड़ा सा काला नमक डालें और मिक्स करके पी लें। आप डेढ़ से 2 ग्लास तक स्मूदी पी सकते हैं।
दिन के बीच में ग्रीन टी पिएं
अक्सर लोग नाश्ते और खाने के बीच में कुछ हल्के-फुल्के स्नैक्स खाते हैं या कॉफी-चाय पीते हैं। मगर आपको डिटॉक्स वाले दिन इन सबके बजाय खास तरीके से बनाई गई ग्रीन टी पीनी है। इसे बनाने के लिए एक पैन में पानी उबालें और इसमें थोड़ा सा अदरक कूटकर डाल दें। अदरक के साथ उबाल आ जाने के बाद इसे आंच से उतार लें और थोड़ा तापमान कम होने दें। इसके बाद इसे कप में छानें और ग्रीन टी बैग डाल दें। 3-4 मिनट बाद ग्रीन टी बैग निकाल लें और इसमें आधा नींबू का रस निचोड़ें, 1 चुटकी काली मिर्च पाउडर डालें और पी लें। पीने में समस्या हो तो थोड़ा सा शहद डाल कर घोल लें। ये चाय आपके शरीर में जमा म्यूकस को तोड़ेगी और बैक्टीरिया आदि के साथ टॉक्सिन्स को बाहर निकाल देगी।
लंच में सिर्फ सलाद खाएं
आपको लंच में कच्ची सब्जियों से बना सलाद खाना है, जिसमें ज्यादातर हरी पत्तेदार सब्जियां, खीरा, ककड़ी, टमाटर, मूली, ब्रोकली, पत्ता गोभी आदि जो कुछ भी आप मिलाना चाहें, मिलाकर खाएं। सभी सब्जियां हेल्दी और पौष्टिक होती हैं।
शाम को फल
लंच और डिनर के बीच भी अक्सर लोगों को भूख लगती है। इसलिए इस दौरान शाम को आप 1 बाउल फ्रूट्स और वेजिटेबल्स को मिक्स करके या सिर्फ फ्रूट्स खा सकते हैं। ये हेल्दी स्नैक आपको एनर्जी से भरा रखेगा और आपका मूड भी अच्छा रखेगा।
रात का खाना
रात का खाना सोने से 2 घंटे पहले जरूर खा लें। डिटॉक्स वाले दिन आप रात के खाने में उबली हुई सब्जियां (बिना फ्राई की हुई) या फिर सूप आदि ले सकते हैं। ध्यान रखें इस दौरान मीट या ऑयली चीज न खाएं।
इन बातों का रखें ध्यान
डिटॉक्स के लिए अक्सर लोग छुट्टी का दिन चुनते हैं, जबकि इसके लिए सबसे अच्छा दिन वो है जब आप बिजी होते हैं, यानी काम वाला दिन। इसका कारण यह है कि काम के दि�� काम के कारण आपका ध्यान बार-बार टेस्टी फूड्स और भूख के बारे में नहीं सोचता है, जबकि छुट्टी के दिन आपको बार-बार इन चीजों की याद सताएगी इसलिए डिटॉक्स करना मुश्किल हो सकता है।
पूरे दिन पानी पीते रहें। आप चाहें तो बॉटल में पानी भरकर इसमें 1 नींबू का टुकड़ा, कुछ पुदीने की पत्तियां और खीरे के टुकड़े डाल लें और इस पानी को दिनभर पिएं।
रात में कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लें।
इस डाइट को फॉलो करने के बाद अगले दिन आप बिल्कुल हल्का और रिलैक्स महसूस करेंगे क्योंकि आपकी बॉडी के सभी टॉक्सिन्स बाहर निकल चुके होंगे।
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abhay121996-blog · 3 years
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Weight Loss Foods : ये फूड कॉम्बिनेशन आपके बढ़ते वजन को घटाने में कारगर साबित होगा, वेट लॉस की ये असरदार डाइट आपने ट्राई की क्या..? Divya Sandesh
#Divyasandesh
Weight Loss Foods : ये फूड कॉम्बिनेशन आपके बढ़ते वजन को घटाने में कारगर साबित होगा, वेट लॉस की ये असरदार डाइट आपने ट्राई की क्या..?
इंटरनेट डेस्क। वजन घटाने के लिए आप कितनी चीजें खाना छोड़ देते हैं और कितनी ही चीजें डाइट में शामिल कर लेते हैं।कभी-कभी वेट लॉस की ये स्पेशल डाइट असरदार होती है, तो कभी-कभी इनका फायदा नहीं भी होता है लेकिन आज हम आपको ऐसे फूड कॉम्बिनेशन के बारे में बता रहे हैं, जो न सिर्फ आपका वजन कम करेंगे बल्कि सेहत से जुड़ी कई परेशानियों से भी आपको मुक्ति दिलाएंगे।
नींबू-शहद का कॉम्बिनेशन
सुबह उठकर गुनगुने पानी में नींबू-शहद मिलाकर पीना फायदेमंद होता है। रोजाना इसके सेवन से आप अपने वजन को कंट्रोल में रख सकते हैं। पेट की चर्बी कंट्रोल होने के साथ इससे आपकी बॉडी डिटॉक्स भी होती है।
ग्रीन-लेमन टी बढ़ते वजन को मॉनिटर करने वालों के लिए ग्रीन टी सबसे अच्छा बेवरेज माना जाता है। लो कैलरी और एंटी-ऑक्सीडेंट वाला ड्रिंक तेजी से कैलोरी बर्न करता है और बेहद कम समय में कई किलो वजन घटा देता है। कई स्टडी में ये बात साबित हो चुकी है कि दिन में 2-3 कप ग्रीन टी पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और तेजी से वजन घटता है।
अंडा और पालक अंडे में हाई क्वालिटी का प्रोटीन पाया जाता है। इस पौष्टिक आहार की रेसिपी बेहद आसान और वेट लॉस फ्रेंडली है, अगर आप वजन घटाने के मिशन पर हैं, तो अपने ऑमलेट में पालक को शामिल कर लें। एक स्टडी के मुताबिक, आयरन से भरपूर पालक अंडे के साथ तेजी से वजन घटाने का काम करता है।
सेब और पीनट बटर सेब और पीनट बटर एक क्लासिक वेट लॉस फ्रेंडली फूड माने जाते हैं। पीनट बटर में मोनोसैचुरेटेड और पॉलीसैचुरेटेड फैट होता है, जो लंबे समय तक भूख को रोके रखता है और इंसुलिन मेटाबलिज्म भी दुरुस्त करता है। सेब के साथ पीनट बटर खाने से आपका वजन तेजी से कम हो सकता है।
पत्तेदार सब्जिया और ऑलिव ऑयल हरी पत्तेदार सब्जियां और सलाद भूख को कंट्रोल करने लिए बेस्ट फूड आइटम मानी जाती हैं।इसमें अगर ऑलिव ऑयल शामिल कर लिया जाए तो फायदा दोगुना होगा। इन दोनों चीजों को एकसाथ खाने से आप तेजी से अपना वजन घटा सकते हैं।
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raghav-shivang · 3 years
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स्वर्गीय शेफ तरला दलाल फूड इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान रखती हैं। फिलहाल उनकी विरासत को तरला की बेटी रेणू दलाल आगे बढ़ा रही हैं। रेणू खाने में नए एक्पेरिमेंट पसंद करती हैं। कोरोना काल में फूड इंडस्ट्री में क्या बदलाव होंगे, दिवाली पर अपनी मां की तरह वे क्या बनाना पसंद करती हैं और अपनी कुकिंग बुक्स के जरिये किस तरह नई रेसिपीज रीडर्स के लिए पेश कर रही हैं, जैसी कई बातें जानिए यहां खुद उन्हीं की जुबानी :
मेरा जन्म मुंबई में हुआ था। बचपन से ही मुझे खेलकूद, पढ़ाई और कुकिंग का शौक था। घर में जब मां नई-नई रेसिपीज बनाती तो उस वक्त भी मैं उन्हें बहुत ध्यान से हर चीज बनाते हुए देखती थी। जब मैं छोटी थी, तब मैंने मम्मी के साथ एक कुकिंग क्लास भी जॉइन की थी। उन्हीं दिनों मेरी रुचि कुकिंग में बढ़ी।
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रेणू दलाल अब तक दो कुकरी बुक्स लिख चुकी हैं।
अब तक मैंने दो कुकबुक लिखी हैं। इनका नाम 'मॉडर्न वेजिटेरियन रेसिपी' और 'सिंपल एंड डेलिशियस वेजिटेरियन रेसिपीज' हैं । इन किताबों के जरिये मैं एक बार फिर अपनी मां के खाने के स्वाद को लोगों के सामने लाना चाहती हूं। इसके अलावा मैं सोशल मीडिया पर रेसिपी के साथ ही खाने को सर्व करने और उसके प्रजेंटेशन के तरीके भी बताती हूं। खाने की सामग्री को बदलकर कैसे एक डिश को डिफरेंट टेस्ट दिया जा सकता है, ये भी मैंने अपने पोस्ट के जरिये लोगों को बताया है।
एक ही डिश को कई तरीकों से बनाना और उसे सलीके के साथ डाइनिंग टेबल पर सर्व करना मैंने मेरी मां से सीखा है। अगर घर में मेहमान आ रहे हैं तो एक ही चीज बार-बार खिलाने के बजाय उन्हें हर बार नया खिलाकर कैसे खुश किया जा सकता है, ये मुझे मां ने सिखाया। मुझे इस बात की खुशी है कि मैं उनके बताए टिप्स आज भी फॉलो करती हूं।
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रेणू की पहली किताब उनकी मां तरला दलाल को समर्पित थी।
मेरी मां भी हर बार दिवाली पर ऐसी कई चीजे बनाना पसंद करती थीं जो स्वादिष्ट होने के साथ ही हेल्दी भी हो। इस दिवाली कोरोना के बीच मैं लोगों को रोज़ फ्लेवर्ड श्रीखंड और बीटरूट हलवा बनाने की सलाह देती हूं। इससे आपको एकदम नया टेस्ट मिलेगा। ये डेजर्ट पौष्टिक होने की वजह से घर में सबको पसंद भी आएंगे।
नमकीन में पालक ढोकला बनाएं। ये कम समय में बन जाता है। लो कैलोरी होने की वजह से भी इसे काफी पसंद किया जाता है। इसके अलावा नो बेक ओरियो टार्ट्स, बेक्स योगर्ट, चॉकलेट पानी पूरी, वेफल्स इडली डिलाइट और मैक्सिकन पानी पूरी बनाए जा सकते हैं।
वैसे तो मां की बनाई हर डिश मुझे पसंद है। लेकिन बचपन में वे मेरे लिए केक विद आइसक्रीम और वेफल्स बनाती थीं, इसका लाजवाब स्वाद आज भी मेरी जुबान पर है। अगर हम कोरोना काल के बाद फूड इंडस्ट्री में आए बदलाव की बात करें तो कुछ समय बाद निश्चित रूप से एक बार फिर लोग बाहर का खाना पसंद करने लगेंगे। हाइजीन का ख्याल रखते हुए रेस्टोरेंट अपने कस्टमर्स को बेहतर तरीके से खाना सर्व के साथ ही अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराएंगे।
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उन्होंने अपनी मां से सीखा खाना बनाने का आसान तरीका।
मैंने मेरी पहली किताब अपनी मां को समर्पित की। उसमें मैंने इतनी सिंपल रेसिपीज लिखी हैं, जो मेरी मां कम समय में आसानी से बना लेती थीं। इसमें ट्रेवल से लेकर फ्यूजन रेसिपीज हैं। मेरी दूसरी किताब में मैंने ग्लूटेन फ्री और न्यूट्रीशन से भरपूर रेसिपीज को बढ़ावा दिया है। मैंने अपनी बुक्स के जरिये फूड प्रजेंटेशन के बारे में भी रीडर्स को बताया है। सच तो यह है कि मुझे कुकिंग बुक्स लिखना बहुत अच्छा लगता है। अपनी दो किताबों के बाद मैं तीसरी किताब लिखना चाहती हूं। साथ ही सोशल मीडिया पर फूड लवर्स के लिए नई रेसिपीज बताना चाहती हूं।
आज फूड इंडस्ट्री में महिलाओं के बजाय पुरुष शेफ की संख्या अधिक है। मुझे लगता है इसकी वजह ये है कि एक शेफ को ज्यादा ट्रेवल करना होता है या घर से बाहर ज्यादा वक्त बिताना पड़ता है। घर के बाहर ज्यादा वक्त देने की वजह से महिलाएं शेफ के पेशे को पुरुषों के बजाय कम अपनाती हैं।
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रेणू को इस बात की खुशी है कि वे मां के बताए टिप्स आज भी फॉलो कर रही हैं।
जो लड़कियां फूड इंडस्ट्री में अपना करिअर बनाना चाहती हैं, उनमें धैर्य होना जरूरी है। आपको खाना बनाने का शौक हो, साथ ही नई डिश और हर डिश के साथ कई तरह के प्रयोग करना भी आपको आना चाहिए। होटल मैंनेजमेंट का कोर्स करके आप अपना रेस्टोरेंट शुरू कर सकती हैं या होटल इंडस्ट्री में नाम कमा सकती हैं।
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रेणू कहती हैं कि मेरी मां भी हर बार दिवाली पर ऐसी कई चीजें बनाना पसंद करती थीं, जो स्वादिष्ट होने के साथ ही हेल्दी भी हों।
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allgyan · 3 years
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ठंड और हरी सब्जी -
देखिये जब हम छोटे थे और कभी डॉक्टर के पास जाते तो वो हमेशा बिन मांगे सलाह देते थे की हरी सब्जी खाया करो |वो यूँ ही नहीं कहते थे |क्योकि हरी सब्जी बहुत तरह के पोषक तत्त्व मिलते है | जो हमें स्वस्थ रखने में बहुत सहायक रहते है |से अपने डाइट में ह��ी सब्जी शामिल करे |मौसमी सब्जी का सेवन करना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है | और सबसे ज्यादा हरी सब्जी ठंड में ही मिलती है | इसलिए जरूर
आये जानते है हरी सब्जी के सिलेसिलेवार फायदे के बारे में -
1 -पालक - पालक ऐसी हरी सब्जी है जिसके बारे में सबको पता है लेकिन इसमें क्या -क्या गुण है इसके बारे में सबको पता नहीं होगा |पालक में बिटामिन के ,सी और डी के साथ डाइट्री फाइबर , मैग्नीशियम , कैल्शियम ,आयरन और पोटैसियम भरपूर मात्रा में मिलता है |इसलिए पालक खाने से आप में खून की कमी और बैक्ट्रियल इन्फेक्शन नहीं होगा |हिर्दय रोग से भी ये बचाता है |ये आपके आँखों की रौशनी , हड्डियां और बालों की गुणवत्ता में सुधार करता है |
2 -मैथी - इसमें भी कमाल के पोषक तत्त्व रहते है और साथ में ये आसानी से बन भी जाता है | इसमें डाइट्री फाइबर , मैग्नीशियम , कैल्शियम ,आयरन और पोटैसियम और मैगनीज़ की भरपूर मात्रा होती है |ये महिलाओं में दूध उत्पन्य करने सहयक होते है आजकल आपने देखा होगा शादीशुदा महिला का बच्चा होने बाद भी पर्याप्त दूध नहीं उतरता है और बच्चा बॉटल वाले दूध पर निर्भर हो जाता है जो बहुत ही हानिकारक है |इसलिए मैथी को अपने भोजन में जरूर शामिल करे |
3 -सरसो का साग -सरसों की साग और मक्के की रोटी दुनिया भर में प्रसिद्ध है | लेकिन इसको खाने से क्या है फायदे हम बताते है आपको |हरी पत्ती में बिटमिन सी , के , इ ,ए ये सब रहते है |इसमें ज़िंक , मैग्नीशियम , पोटैसियम ,मैगनीज़ और कैल्शियम भी रहते है |ये आपकी पाचन शक्ति में सुधार करता है और कोलोस्ट्राल लेवल कम करता है |
4 - बथुआ - ये हरे पत्तेदार सब्जी बंगाल , हिमांचल प्रदेश ,बिहार में बहुत ही चर्चित है |बथुआ में बिटामिन ऐ , सी और बी काम्प्लेक्स भरपूर है |इसमें एमिनो एसिड ,आयरन , फास्फोरस और कैल्शियम भी होता है |जिसको भी कब्ज है उसके लिए बहुत ही फायदेमंद है इसे बनाना और पकाना बहुत आसान है |
5 - अरबी - इस सब्जी में भी भरपूर पोषक तत्त्व है | इस सब्जी कही पे पात्र और एरोबा के रूप में भी जाना जाता है |इसमें बिटामिन ऐ एंड सी और आयरन और डाइट्री एसिड और फॉलिक एसिड होता है |ये प्रतिरोदक क्��मता को बढ़ाता है |ये आँखों की रौशनी में सुधार और बीपी को सामान्य करता है |
6 -सहजन - सहजन उस व्यक्ति को दिया जाता है |जो बहुत दिन कुपोषित है क्योकि इसमें आयरन ,फाइटोकेमिकल  और मिनरल होते है |इसकी एक और खासियत ये है की ये सूखे में भी बहुत दिन खुद को जिन्दा रखता है |ये कैंसर और डाइबिटीज़ जैसी बीमारी को दूर करने की क्षमता रखता है |
7 -हल्दी - हल्दी की गुणवत्ता तो पुरे विश्व को पता है और इसलिए ही कई देश इसे पेटेंट करने में लगे थे | लेकिन हल्दी के हरे पत्ते और भी गुणकारी होते है इसमें कुर्कमिन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है और इसलिए इसमें सूजन रोधक और एंटीसेप्टिक वाले गुण होते है |
8 - कुल्फ़ा- ये नाम आपने कम ही सुना होगा |लेकिन इसमें कई बिटमिन जैसे -बिटामिन ऐ और सी , ओमेगा फैटी एसिड और कैल्शियम , मैग्निशयम ,और आयरन की मात्रा भी बहुत होती है |इसमें सलाद के रूप ज्यादा खाया जाता है |ये हिर्दय रोग से बचाता है |
9 - कल्मी- ये हरी सब्जी बंगाल और दक्षिण भारत की एक प्रमुख सब्जी है |ये फसलों के साथ खेतों में या नदी के तट पर उगती है |ये फैली हुई घास की तरह लगती है इसमें कई पोषक तत्त्व मिलते है |इसमें बिटामिन ऐ एंड सी और कैल्शियम ,आयरन , प्रोटीन  फाइबर की भी बहुत मात्रा होती है |ये केलोस्ट्राल को कम करता है |खून की कमी कम करता है |मधुमेह से बचाता है |
10 -हाक जम्मू कश्मीर में पाए जाये वाली ये हरी सब्जी को उबाल कर और फ्राई करके खाया जा सकता है |इसे उबालकर खाना सबसे ज्यादा पोषण देता है |ये श्वास सम्बंधित रोगो को दूर करता है |इसे खाने से ब्रांकाइटिस और अस्थमा और खासी में आराम मिलता है|क्योकि बिटामिन ऐ और बी और सी काम्प्लेक्स इसमें भरपूर मात्रा में पाया जाता है |ये आयरन और मैग्नीशियन भी बहुत रखता है |
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वजन कम करने का तरीका
आज के भागती दौड़ती जिंदगी में खुद का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी हो जाता है। अगर आपका आज अच्छा है, तो कल को सही तरीके से बेहतर कर पाएंगे। आज के समय में शरीर को बीमारियों का घर कहा जा सकता है, तो ऐसे में सतर्क रहकर कार्य करें।
कई बीमारियों की वजह बढ़ता वजन  है। डॉक्टर के मुताबिक वजन कम कर लेने से भी कुछ हद तक समस्याओं से बचा जा सकता है। वजन कम करना आसान (wazan kam karne ka tarika) तो नहीं पर कोशिश जरूर की जा सकती है।
वजन कम करना क्यों है जरूरी
ऐसा माना जाता है कि बढ़ता हुआ वजन कई बीमारियों को बुलावा देता है। जिसमें मोटापा, शुगर ,हार्ट प्रॉब्लम मुख्य है। अगर आप के वजन पर कंट्रोल नहीं रखा गया तो कहीं ना कहीं यह सारी बीमारियां अपने विकराल रूप में आ जाती हैं। वजन कम करने से हमारी दैनिक, शारीरिक गतिविधि सही तरीके से सही दिशा में अग्रसर होती है। वजन नियंत्रित रखने से मेटाबॉलिज्म रेट सही रहता है इसलिए वजन पर पूरा ध्यान दें।
अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो हम आपको वजन कम करने के कारगर उपाय बताने जा रहे हैं आप जरूर उन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल कर लाभ लें।
कैसे करें वजन कम घरेलू तरीके से
अगर आप बढ़ते वजन से बहुत ज्यादा परेशान हैं, तो घरेलू रूप से उपाय किए जा सकते हैं। wazan kam karne ka tarika in hindi
1) नींबू और शहद
वजन कम करने (wazan kam karne) में इन दो सामग्री का मुख्य योगदान माना गया है। अगर आप सुबह खाली पेट गर्म नींबू पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर रोज पिएं इससे आपको जल्द ही फर्क महसूस होगा।
2) सेब का सिरका
फलों में सेब फायदेमंद है लेकिन अगर आप सेब के सिरके में थोड़ा सा शहद मिला कर पिए तो वजन घटाने में मदद मिल सकती है। सेब में पेपरिन फाइबर वजन घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3) पत्ता गोभी
पत्तागोभी को ज्यादा से ज्यादा सब्जियों और सलाद के रूप में उपयोग किया जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि पत्ता गोभी में उपस्थित टेरिटरिक एसिड कार्बोहाइड्रेट को वसा में परिवर्तित होने से रोक देता है। ऐसे में पत्ता गोभी को बहुत ज्यादा फ्राई नहीं करें तो बेहतर होगा।
4) अजवाइन पाउडर
अगर आप अजवाइन पाउडर को गर्म पानी में डालकर पिए तो इससे फायदा होगा। साथ में अगर शहद मिला लिया जाए तो और भी अच्छा होगा।
5) इलायची
अगर आप वजन कम करना चाहे तो रोजाना इलायची का सेवन करें। अगर रात में सोने से पहले इसे लिया जाए तो और भी फायदेमंद होगा। इलायची जमे हुए फैट को कम करती है और पाचन में सहायता करती है।
6) त्रिफला चूर्ण
इसमें त्रिफला चूर्ण आपके लिए फायदेमंद है। अगर आप  त्रिफला चूर्ण को रात में ही भीगा कर रख दे और सुबह तब तक उबालें जब तक वह आधा ना हो जाए। साथ ही इसमें एक चम्मच शहद भी मिलाएं। नियमित रूप से सेवन करने से वजन कम किया जा सकते हैं।
7) पुदीना
यह हमारी पाचन संबंधी समस्या को खत्म करती है। यदि पुदीना के रस  को पानी में घोलकर पिया जाए तो निश्चित रूप से ही आपको सफलता होगी।
8) आंवला
आंवला में विटामिन सी पाया जाता है और यह एंटी ऑक्सीडेंट भी है। यह मेटाबॉलिज्म को सही कर वजन कम करने में भी सहायक है। ऐसे में अगर आप रोजाना आंवले का सेवन करें तो आपके लिए फायदेमंद है।
9) हल्दी
हल्दी में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं। यह पोषक तत्व आयरन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, फाइबर होते हैं, जो शरीर से चर्बी को भी कम करते हैं।
10) सौफ
अगर आप सौफ हो बारीक पीस लें और उसे गुनगुने पानी के साथ पिए तो इससे बहुत ही ज्यादा फायदा होगा इसका उपयोग जरूर करें।
11) ग्रीन टी
अगर सोने से पहले ग्रीन टी पिया जाए तो इससे मेटाबॉलिज्म सही रहता है और वजन नियंत्रित रहता है लेकिन इसे बहुत ज्यादा सेवन करने से बचें।
वजन घटाने के बेहतरीन घरेलु नुस्खे
वजन कम करने के लिए खानपान का रखें ख्याल
अगर आप वजन कम करना (wazan kam karne) चाहते हैं, तो अपने खान-पान को व्यवस्थित रखें। कई सारे ऐसे आहार हैं, जो वजन बढ़ाने में सहायक हैं उन्हें पूरी तरह से त्याग दें।
1)  वजन कम करने के लिए यदि आप जौ, बाजरा ,रागी ,मसूर,  आंवला, अंकुरित अनाज, उबली हुई सब्जियों का उपयोग करें तो फायदेमंद होता है।
2) इसके अलावा ककड़ी, गाजर, सेब, चुकंदर आवश्यक रूप से ले।
3) हमेशा मौसमी फलों का सेवन करें इसमें आपको ऊर्जा मिलेगी।
4) हमेशा दूध का सेवन करें दूध में कैल्शियम हैं, जो वजन को कम करने में सहायक है।
5) जब भी रात्रि का भोजन करें तो वह हल्का ही करें। हल्का भोजन जल्दी पचता है और इससे पाचन शक्ति भी मजबूत होती है।
6) रात में भोजन के बाद तुरंत नहीं सोना चाहिए। कम से कम 2 घंटे का अंतराल जरूर रखें।
7) भोजन कभी भी जल्दबाजी में ना करें अच्छे से चबा चबा कर ही भोजन करें।
अपने जीवन शैली में करें बदलाव
अगर आप वजन कम करना (wazan kam karne) चाहते हैं, तो निरंतर रूप से खानपान के अलावा अपनी जीवनशैली में भी बड़ा बदलाव करें।
1) सुबह उठे, आलस त्यागे और सैर पर जाएं।
2) अगर आप सुबह सुबह योग का अभ्यास करें इससे निश्चित रूप से ही आपको फायदा होगा।
3) वजन घटाने के लिए वसा युक्त पदार्थों से दूरी बना ले।
4) ज्यादा से ज्यादा भोजन में हरी सब्जियां, दही, दाल का उपयोग करें।
5) गुनगुने पानी का सेवन करें।
6) अगर आप सप्ताह में 1 दिन उपवास करें तो इससे भी फायदा होगा।
7) आपके लिए अंकुरित अनाज का सेवन करना फायदेमंद होगा।
8) नींद हमेशा 6 से 8 घंटे की ही लें।
7 दिन में पेट की चर्बी कम करने के तरीके
खाना खाना ना छोड़े
कई बार लोग गलतियां कर बैठते हैं वह यह कि वजन कम करने के चक्कर में खाना खाना ही छोड़ देते हैं। शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है ऐसे में आप खाना छोड़ कर खुद को मुसीबत में डाल रहे हैं। आप खाना जरूर खाएं। आपको यह याद रखना है कि आप को संपूर्ण पोषक तत्वों से युक्त भोजन ही करना है। भले ही आप थोड़ा कम खाएं पर खाना छोड़ देना सही नहीं है।
अगर आप खाना छोड़ते हैं, तो शरीर में कमजोरी आ जाएगी। यह भी ध्यान रखने योग्य है खाना भरपेट न खाए बल्कि पेट से थोड़ा कम ही खाएं तब बेहतर फायदा देखा जा सकेगा।
वजन कम करने के लिए बनाए बेहतरीन जूस
अगर आप वजन कम करना चाह रहे हैं लेकिन अपने खानपान में नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं तो ऐसे में आप इस जूस से भी अपना वजन कम कर सकते हैं। इसे बनाना बेहद ही आसान है और सारी सामग्री घर में ही मिल जाती है।
जूस बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
खीरा — एक, धनिया पत्ती — आधी कटोरी, नींबू का रस — एक चम्मच, एलोवेरा रस — 1 बड़ा चम्मच ,अदरक — कीसा हुआ, पानी — एक गिलास
आप सारी सामग्री को मिक्सी में पीस लें और उसे छानकर पी लें। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें नमक ना मिला हो।
लौकी का जूस
इसी प्रकार लौकी के रस से भी आप अपना वजन कम कर सकते हैं। आयुर्वेदिक में भी लौकी के जूस को फायदेमंद बताया गया है।
सबसे पहले आप लोकी को छीलकर किस लें। एक गिलास पानी के साथ उसे मिक्सी में पीस लें।  अब उसे छान ले। आप चाहे तो उसमें सेंधा नमक डाला जा सकता है। इस जूस को रोजाना पीने से बहुत ही जल्द फायदा होता है इसे आप जरूर आजमाएं।
वजन कम करने के लिए महत्वपूर्ण डाइट
जब भी वजन कम करने की सोचते हैं, तो एक डाइट चार्ट का होना जरूरी है जो आपकी मदद कर सके।
1) सुबह का ड्रिंक — अगर आप सुबह-सुबह गुनगुना पानी पिए तो निश्चित रूप से फायदेमंद होगा।
2) नाश्ता — नाश्ता वजन कम करने के लिए कम कैलोरी का करें। जिसमें ओट्स, दलिया, ब्राउन ब्रेड, आमलेट लिया जा सकता है।
3) स्नैक्स — ऐसा भी होता है कि आपको स्नेक्स लेने का मन करें। ऐसे में आप दो बिस्किट और ग्रीन टी ले सकते हैं। वजन कम करने के लिए से तरबूज, केला, संतरा भी लिया जा सकता है।
4) लंच — दोपहर के खाने में भी कैलोरी का विशेष ध्यान रखना होगा। ऐसे में आप ब्राउन राइस, फिश, दाल ,ब्रोकली, उबली सब्जी, रोटी ले सकते हैं। साथ ही साथ रायता ,सलाद, हरी सब्जी और दाल लेना भी अनिवार्य है। ऐसे में आप व्हाइट ब्रेड ना ले और कम से कम तेल का उपयोग करें।
5) शाम का नाश्ता — कभी-कभी शाम को भी जोरों की भूख लग जाती है तो आप थोड़े ड्राई फ्रूट्स, उबले अंडे, ग्रिल्ड सेंडविच, फल ले सकते हैं।
6) डिनर — एक बात याद रखें कि डिनर  हल्का ही ले। इसके लिए आप चावल, चपाती, चिकन, राजमा ले सकते हैं।
7) सोने से पहल�� — अगर आप सोने से पहले ऐसा ड्रिंक ले जो वजन कम करने में सहायक हो तो अच्छा होगा।
उम्र के हिसाब से क्या हो सही डाइट चार्ट
वजन कम करने के लिए डाइट चार्ट का पालन करना जरूरी है लेकिन यदि उम्र के हिसाब से नया डाइट चार्ट बनाया जाए तो और भी फायदेमंद होगा।
1) 20 – 30  वर्ष — यह उम्र नाजुक उम्र है जिसमें सभी प्रकार का आहार लेना अनिवार्य है। इसमें कैल्शियम, आयरन, फालेट होना बहुत जरूरी है। अगर आप दूध, दही, पालक, दाल, मूंगफली, बींस को अपने आहार में शामिल करें, तो बहुत ही फायदेमंद होगा।
2) 30 – 40 वर्ष —  इस उम्र में थोड़ी शारीरिक परेशानी आ जाती है और अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो मैग्नीशियम की मात्रा का जरूर समावेश करें। आप बादाम, पालक, काजू, दही और सभी सब्जियों का उपयोग जरूर करें।
3) 40 — 50 वर्ष — बढ़ती उम्र में वजन करने में बहुत मुश्किल हो सकती हैं। ऐसे में आप विटामिन सी, विटामिन ई युक्त आहार के साथ सब फल, ब्रोकली,  टमाटर ,पीनट बटर, सनफ्लावर तेल, हरी सब्जी ,बादाम, गाजर ले तो बहुत ही फायदेमंद होगा।
4) 50 से ज्यादा वर्ष — इस उम्र में हड्डियां कमजोर हो जाती है इसलिए कैल्शियम और विटामिन डी आहार में जरूर शामिल करें। हड्डियों को मजबूत करने के लिए मछली, चिकन, लो फैट मिल्क, दही, चीज़ का भरपूर उपयोग करें। इस उम्र में वजन कम करने के बारे में गंभीरता से सोचते हुए निर्णय ले।
निष्कर्ष
वजन कम करना थोड़ा मुश्किल है लेकिन अगर धैर्य और लगन के साथ इसे किया जाए तो निश्चित रूप से आपको सफलता मिलेगी। वजन कम करने में कुछ समय लग सकता है ऐसे में आप कोशिश करते रहिए।
हमारे बताएं सुझावों को अमल में लाकर आपको फायदा होगा। जीवन में आने वाली हर परेशानियों का सामना दृढ़ता से करें और आगे बढ़े। साथ ही अपने परिवार का पूरा ख्याल रखें।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/wazan-kam-karne-ka-tarika/
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