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#चीनी भाषा
youpublic2022 · 2 years
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Indian Army Jobs: भारतीय सेना छह पदों पर चीनी भाषा में स्नातक उम्मीदवारों की करेगी भर्ती
Indian Army Jobs: भारतीय सेना छह पदों पर चीनी भाषा में स्नातक उम्मीदवारों की करेगी भर्ती
Indian Army Jobs: भारतीय सेना को चीनी भाषा के ज्ञान वाले टेरेटोरियल आर्मी (टीए) के अधिकारियों की जरुरत है. इस बावत भारतीय सेना ने चीनी भाषा में स्नातक नागरिकों से आवेदन की मांग की है. टीए में चीनी भाषा जानने वाले पुरुष और महिला दोनों ही इन पदों के लिए योग्य हैं और आवेदन कर सकते हैं. भारतीय सेना के मुताबिक, टीए में छह पदों के लिए ये आवेदन मांगे गए हैं. पांच पद आम नागरिक (महिला और पुरूष दोनों के…
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abhinandan890 · 2 years
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Indian Army Jobs: भारतीय सेना छह पदों पर चीनी भाषा में स्नातक उम्मीदवारों की करेगी भर्ती
Indian Army Jobs: भारतीय सेना छह पदों पर चीनी भाषा में स्नातक उम्मीदवारों की करेगी भर्ती
Indian Army Jobs: भारतीय सेना को चीनी भाषा के ज्ञान वाले टेरेटोरियल आर्मी (टीए) के अधिकारियों की जरुरत है. इस बावत भारतीय सेना ने चीनी भाषा में स्नातक नागरिकों से आवेदन की मांग की है. टीए में चीनी भाषा जानने वाले पुरुष और महिला दोनों ही इन पदों के लिए योग्य हैं और आवेदन कर सकते हैं. भारतीय सेना के मुताबिक, टीए में छह पदों के लिए ये आवेदन मांगे गए हैं. पांच पद आम नागरिक (महिला और पुरूष दोनों के…
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ddcenter18 · 2 years
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Indian Army Jobs: भारतीय सेना छह पदों पर चीनी भाषा में स्नातक उम्मीदवारों की करेगी भर्ती
Indian Army Jobs: भारतीय सेना छह पदों पर चीनी भाषा में स्नातक उम्मीदवारों की करेगी भर्ती
Indian Army Jobs: भारतीय सेना को चीनी भाषा के ज्ञान वाले टेरेटोरियल आर्मी (टीए) के अधिकारियों की जरुरत है. इस बावत भारतीय सेना ने चीनी भाषा में स्नातक नागरिकों से आवेदन की मांग की है. टीए में चीनी भाषा जानने वाले पुरुष और महिला दोनों ही इन पदों के लिए योग्य हैं और आवेदन कर सकते हैं. भारतीय सेना के मुताबिक, टीए में छह पदों के लिए ये आवेदन मांगे गए हैं. पांच पद आम नागरिक (महिला और पुरूष दोनों के…
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dainiksamachar · 8 months
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भारत की झोली में फिर से होगी मेडल की बरसात, जानें 2 अक्टूबर का पूरा शेड्यूल
हांगझाऊ: भारतीय खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स और निशानेबाजी में अपना परचम लहराते हुए भारत की झोली में ढेरों पदक डाले जबकि बैडमिंटन पुरूष टीम को फाइनल में पराजय के साथ सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा और अदिति अशोक ने गोल्फ में रजत पदक जीता। अविनाश साबले एशियाई खेलों में पुरूषों की 3000 मीटर स्टीपलचेस स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय पुरूष बन गए जबकि पुरूषों के शॉटपुट में तेजिंदर पाल सिंह तूर ने आखिरी थ्रो पर बाजी मारते हुए अपना खिताब बरकरार रखा। 29 साल के नेशनल रिकॉर्डधारी साबले ने हांगझोउ खेलों की एथलेटिक्स स्पर्धा में भारत को पहला गोल्ड दिलाया।खेल के 8वें दिन भी उम्मीद है कि भारत की झोली में कई सारे मेडल आएंगे। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है भारत का शेड्यूल।2 अक्टूबर को एशियन गेम्स में भारत का शेड्यूलतीरंदाजी: भारत बनाम मलेशिया - रिकर्व मिश्रित टीम (1/8 एलिमिनेशन) भारत बनाम यूएई - कंपाउंड मिश्रित टीम (1/8 एलिमिनेशन) सिंगापुर बनाम भारत - कंपाउंड पुरुष टीम (1/8 एलिमिनेशन) अभिषेक वर्मा, ओजस प्रवीण देवतले, ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति गोपीचंद स्वामी - पुरुष और महिला कंपाउंड व्यक्तिगत (1/16 एलिमिनेशन) भजन कौर - रिकर्व महिला व्यक्तिगत (1/32 एलिमिनेशन) अंकिता भक्त, अतनु दास, धीरज बोम्मदेवरा - पुरुष और महिला रिकर्व महिला व्यक्तिगत (1/16 एलिमिनेशन) एथलेटिक्स : तेजस्विन शंकर - पुरुष डेकाथलॉन (100 मीटर, लंबी कूद, ऊंची कूद, गाोला फेंक) संदेश जेसी और सर्वेश कुशारे - पुरुष ऊंची कूद (क्वालीफिकेशन) मोहम्मद अफसल पुलिकक्कथ - पुरुष 800 मीटर (हीट 2) कृष्ण कुमार - पुरुष 800 मीटर (हीट 3) संतोष कुमार तमिलारासन - पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़ (हीट 1) यशस पलाक्ष - पुरुषों की 400 मीटर बाधा दौड़ (हीट 3) सिंचल कावेरम्मा - महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ (हीट 2) विथ्या रामरा - महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ (हीट 1) पवित्रा वेंकटेश - पोल वॉल्ट शैली सिंह - महिला लंबी कूद प्रीति और पारुल चौधरी - महिला 3000 मीटर स्टीपलचेस (फाइनल)4 X 400 मीटर रिले - मिश्रित (फाइनल) पुरुषों की 400 मीटर (फाइनल) बैडमिंटन : पुरुष और महिला एकल - राउंड 64 युगल और मिश्रित युगल - राउंड 32 ब्रिज : पुरुष, महिला और मिश्रित टीम - राउंड-रॉबिन मैच कैनो स्प्रिंट : नीरज वर्मा - पुरुष कैनो स्प्रिंट सिंगल 1,000 मीटर (फाइनल) शिवानी वर्मा और मेघा पीदीप - महिला कैनो डबल 500 मीटर (फाइनल) पार्वती गीता और बिनीता चानू - महिला कयाक डबल 500 मीटर (फाइनल) रिबासन सिंह और ज्ञानेश्वर सिंह - पुरुष कैनो डबल 500 मीटर (फाइनल)) शतरंज : पुरुष और महिला टी�� (राउंड 4) गोताखोरी : लंदन सिंह - पुरुषों की 1 मीटर स्प्रिंगबोर्ड (फाइनल) घुड़सवारी : विकास कुमार-नॉर्वे हैरी, अपूर्वा दाभाड़े-वाल्थो देस पेउप्लियर्स और आशीष लिमये-विली बे डन आई- इवेंट ज���पिंग (टीम फाइनल और व्यक्तिगत फाइनल) हॉकी : भारत बनाम बांग्लादेश - पुरुष (पूल मैच) कबड्डी : भारत बनाम चीनी ताइपे - महिला टीम (ग्रुप मैच) कुराश : ज्योति टोकस - महिला 87 किग्रा (क्वार्टरफाइनल) यश चौहान - पुरुष 90 किग्रा (क्वार्टरफाइनल) रोलर स्केटिंग : आर्यनपाल घुमन, आनंदकुमार वेलकुमार, सिद्धांत कांबले और विक्रम इंगले - पुरुषों की स्पीड स्केटिंग 3,000 मीटर रिले सेपकटकरॉ : भारत बनाम सिंगापुर - पुरुष क्वाड्रैंट (ग्रुप मैच) भारत बनाम फिलीपींस - महिला क्वाड्रैंट (ग्रुप मैच) भारत बनाम फिलीपींस - पुरुष क्वाड्रैंट (ग्रुप मैच) स्क्वाश : भारत बनाम थाईलैंड - मिश्रित युगल (पूल मैच) टेबल टेनिस : सुतीर्था मुखर्जी/अयहिका मुखर्जी - महिला युगल (सेमीफाइनल) भाषा नमिता http://dlvr.it/Sws7L7
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smhindinews · 9 months
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6 महीने के बच्चे के जल्दी शारीरिक विकास के लिए आहार और सुझाव
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6 महीने की आयु में बच्चे का शारीरिक विकास अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, और इसके लिए सही पोषण की आवश्यकता होती है। इस आयु में, आपके बच्चे को सभी महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिससे उसके शारीरिक और मानसिक विकास को सही तरीके से समर्थित किया जा सकता है।
1. माँ का दूध (Breast Milk):
आपके बच्चे के लिए माँ का दूध सबसे महत्वपूर्ण आहार होता है। यह न केवल उसके बढ़ते विकास के लिए आवश्यक पोषण प्रदान करता है, बल्कि उसके लिए एंटीबॉडिज़ भी प्रदान करता है, जो उसकी स्वास्थ्य को सुरक्षित रखते हैं। आपको बच्चे को कम से कम 6 महीने तक मातृमाँ का दूध पिलाना चाहिए, और फिर उसे अन्य आहार की ओर प्रेरित कर सकते हैं।
2. बच्चों के लिए सॉलिड आहार (Solid Foods) आरंभ करें:
6 महीने के बाद, आप अपने बच्चे को सॉलिड आहार देना शुरू कर सकते हैं। पहले सोलिड आहार के रूप में चावल का पानी, दल का पानी, और बेबी सीरियल जैसे आसान और पाचन सहायक आहार दें। धीरे-धीरे, आप अपने बच्चे को और भूरे और विविध आहार की ओर ले जा सकते हैं।
3. आहार की आवश्यकताओं का ध्यान रखें: 
अपने बच्चे के लिए सही पोषण का ध्यान रखें। उसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन, और मिनरल्स की सहायता से सही विकास के लिए उपयुक्त आहार प्रदान करें। निम्नलिखित आहार विकल्प सहायक हो सकते हैं:
 दल और पुल्सेस: मूंग दाल, तुअर दाल, और मसूर दाल जैसी पुल्सेस पौष्टिक होती हैं और प्रोटीन प्रदान करती हैं।
 अनाज़: ब्राउन राइस, वीटन ब्रेड, और ओटमील जैसे अनाज़ बच्चे के लिए उपयुक्त होते हैं।
  फल और सब्जियाँ: अनानास, केला, अदरक, लौकी, और गाजर जैसे फल और सब्जियाँ पौष्टिकता देने में मदद     करती हैं।
  डैरी उत्पाद: दही और पनीर बच्चे के लिए कैल्शियम की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं
4. अलर्जी संवेदनशीलता की देखभाल:
 कुछ बच्चे खासकर अलर्जिक हो सकते हैं। सॉलिड आहार देने के बाद, अपने बच्चे के रिएक्शन की नजर रखें और किसी भी अलर्जिक प्रतिक्रिया की दिशा में कार्रवाई करें।
5. पानी की देखभाल:
बच्चे को पर्याप्त पानी पिलाना बहुत महत्वपूर्ण है। 6 महीने के बच्चे को पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन उसकी मात्रा कम होती है। पानी को सुरक्षित और स्वच्छ रखें, और यह सुनिश्चित करने के लिए ध्यान दें कि बच्चे को पीने के लिए सुरक्षित बोतल दी जाए।
6. फल और सब्जियाँ:
आप अपने बच्चे को पीरियड के बाद से फल और सब्जियों का स्वाद दिलाने में बहुत ही आत्मीय हो सकते हैं। ध्यानपूर्वक और सुरक्षित तरीके से उन्हें छिलकर और कटकर प्रिपेयर करें, और उन्हें छोटे टुकड़ों में पेश करें।
7. विटामिन और मिनरल की खास देखभाल:
आपके बच्चे के लिए विटामिन D और आयरन की आवश्यकता हो सकती है, जिन्हें उसके पोषण में शामिल करें। आप अपने पेड़ियाट्रिशियन से सलाह प्राप्त कर सकते हैं, कि वो आपके बच्चे के लिए किस खास पोषण की सलाह देते हैं।
8. संवाद के साथ आहार:
अपने बच्चे को सॉलिड आहार के साथ संवाद (चेवन) करने का मौका दें। यह उसके बोलने और भाषा विकास को सहयोग कर सकता है।
9. पोषण की देखभाल:
आपके बच्चे को पोषण की देखभाल करने के लिए आवश्यक है, जैसे कि उसके आहार को स्वादानुसार तैयार करना, उसे खिलाना, और उसके साथ खाने का महौल प्रदान करना।
10. स्वस्थ खासियतों और सैनिटेशन की देखभाल:
 बच्चे की आयु में, स्वस���थता और सैनिटेशन का महत्वपूर्ण होता है। यह ध्यान दें कि आपके बच्चे का आहार स्वच्छ और सुरक्षित हो, और उसके जीवन में सफाई का ध्यान रखें।
11. बच्चे के फिजिकल विकास के लिए खेलने का मौका:
 बच्चे को शारीरिक विकास के लिए गतिविधियों का समर्थन करें, जैसे कि वह लट्ठमार गतिविधियों, रेखा क्रीड़ा, और खिलौनों के साथ खेल सकते हैं। इससे उनकी शारीरिक क्षमता और संतुलन विकसित हो सकती है
12. नियमित चेकअप:
बच्चे के शारीरिक विकास को नियमित रूप से मॉनिटर करने के लिए पेड़ियाट्रिशियन के पास जाएं। वे आपको उपयुक्त सलाह देंगे और आपके बच्चे के विकास को ट्रैक करेंगे।
सावधानियाँ:
आपके बच्चे की आयु के अनुसार उसे अधिकांश खाने की जरूरत नहीं होती है, इसलिए खाने की मात्रा को स्वास्थ्य ग्रंथियों की सलाह पर आधारित रूप से प्रबंधित करें।
अपने बच्चे को सोड़ीम पोषण, तेल, चीनी, और अन्य प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से दूर रखें।
किसी भी नए आहार को शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें, खासकर अगर आपके बच्चे में किसी प्रकार की खास स्वास्थ्य समस्या है।
समापन रूप से, 6 महीने के बच्चे के जल्दी शारीरिक विकास के लिए सही आहार और सुझावों का पालन करना महत्वपूर्ण होता है। आपके बच्चे की आयु के हिसाब से उसके लिए उपयुक्त आहार प्रदान करें और उसके शारीरिक विकास का समर्थन करें, ताकि वह स्वस्थ और सुखमय जीवन जी सके।
News Source: SM Hindi News
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dotengine · 9 months
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फर्राटेदार फ्रेंच और चीनी भाषा बोलती है 5 साल की ये बच्ची
महाराष्ट्र के चंद्रपुर में रहने वाली 5 साल की नियारा जैन ने चीनी और फ्रेंच भाषा में सबसे तेज़ 50 आइटम सुना कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित करते हुए वर्ल्डवाइड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज़ कराया है. #फररटदर #फरच #और #चन #भष #बलत #ह #सल #क #य #बचच
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sharpbharat · 1 year
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jharkhand Chinese Manjha baned- झारखंड में सिंथेटिक धागे से पतंग उड़ाना बैन, चाइनिज मांझा इस्तेमाल करने पर पांच साल की कैद और एक लाख का जुर्माना भी
रांची: पतंग उड़ाने वाले हो जाए सावधान, अब झारखंड राज्य में चीनी मांझा पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रतिबंध लगा दिया है. अमूनन देखा जाता है कि पतंग उड़ाने के लिए धारदार घागे का इस्तेमाल किया जाता रहा है. आखिर सिंथेटिक घागे पर लेप लगाकर इसे धारदार बनाया जाता है, जिसे आम बोल चाल की भाषा में चीनी मांझा कहते है, इस घागे की खूब डिमांड होती है, इस धागे का इस्तेमाल करने पर पतंगबाजी में हराना आसान होता था.…
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trendingwatch · 1 year
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चीन, पाक की भाषा बोल रहे राहुल, नड्डा का दावा; बीजेपी ने कांग्रेस से उनके निष्कासन की मांग की
चीन, पाक की भाषा बोल रहे राहुल, नड्डा का दावा; बीजेपी ने कांग्रेस से उनके निष्कासन की मांग की
द्वारा पीटीआई नई दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सेना के जवानों को पीटने संबंधी राहुल गांधी की टिप्पणी पर तीखा हमला बोलते हुए भाजपा ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस को उन्हें पार्टी से निकाल देना चाहिए क्योंकि इसके अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन पर आरोप लगाया था चीन और पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। नड्डा ने कहा, “यह उनकी देशभक्ति पर सवालिया निशान लगाता है। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक और…
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activeayulifedelhi · 2 years
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Diet for White Discharge
सफेद पानी की समस्या का आयुर्वेदिक डाइट से समाधान- डॉ रुचि भारद्वाज
महिलाओं की अपनी समस्याएं हैं जो वे कई बार साझा नहीं कर सकती हैं। हालांकि, ये समस्याएं स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं हैं, इसलिए इसे पहले से डॉक्टरों को दिखाना ज़रूरी है। ऐसी कई समस्याओं में से एक महिलाओं में श्वेत प्रदर की समस्या है, जो आम है और इसे ल्यूकोरिया भी कहा जाता है। कई महिलाओं को यह समस्या अधिक होती है और इसके पीछे का कारण आहार (diet) हो सकता है।
हर महिला को समय-समय पर कुछ सामान्य योनि स्राव होते हैं, जो रासायनिक संतुलन और योनि की मांसपेशियों के लचीलेपन को बनाए रखते हैं, योनि के लिए सामान्य रक्षात्मक प्रणाली के रूप में काम करते हैं। यदि इस तरह के डिस्चार्ज सामान्य से अधिक हो जाते हैं और एक दुर्गंधयुक्त गंध के साथ सफेद या पीले रंग का गाढ़ा तरल बन जाता है, तो इसे "ल्यूकोरिया" कहा जाता है जो संक्रमण, कैंसर का संकेत हो सकता है या कुछ अन्य कारणों से हो सकता है। यह असामान्य योनि स्राव सफेद, पीला, लाल और काले रंग का हो सकता है।
संस्कृत भाषा में इसे श्वेतापद्र, दो शब्दों का मेल कहा जाता है। श्वेता का अर्थ है श्वेत और प्रद्र का अर्थ है निर्वहन। यह निर्वहन अक्सर योनि या गर्भाशय ग्रीवा के भीतर सूजन या संक्रमण के कारण होता है।इसका प्रमुख कारण विशेष रूप से एस्ट्रोजन का हार्मोनल असंतुलन है। यह प्राथमिक महिला सेक्स हार्मोन है जो महिला प्रजनन प्रणाली और माध्यमिक सेक्स विशेषताओं के विनियमन और विकास के लिए जिम्मेदार है। यह एक महिला के विभिन्न शारीरिक कार्यों को भी नियंत्रित करता है। कुछ समय में महिला के शरीर में एस्ट्रोजन के असंतुलन से बाँझपन हो सकता है।
मासिक धर्म से पहले या बाद में सफेद निर्वहन या सफेद पानी आना स्वाभाविक है लेकिन सफेद पानी का एक बड़ा हिस्सा एक बीमारी है। इसका इलाज तुरंत करना बेहतर है। इस बीमारी में आहार बहुत जरूरी है। आज हम आपको बताएंगे कि इस बीमारी में क्या नहीं खाना चाहिए। यदि आपको ये समस्याएँ हैं, तो अपने भोजन पर ध्यान दें और इन उत्पादों को अपने आहार में शामिल न करें।
वाइट डिस्चार्ज की समस्या में क्या खाना चाहिए -  श्वेत प्रदर की समस्या को दूर करने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थों को चयन करें जो इसके समाधान के लिए आपकी मदद कर सकें।  1.    दही  2.    आचार  3.    फल एवं हरी सब्जी 4.    मेवें  5.    आयरन युक्त खाद्य पदार्थ एवं विटामिन सी  6.    पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं इत्यादि
वाइट डिस्चार्ज की समस्या में क्या नहीं खाना चाहिए -  कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ है जिसके सेवन से यह समस्या और अधिक बढ़ने की संभावना होती है इसलिए इनको बिल्कुल भी अपनी थाली में नही शामिल करना चाहिए।   1.    इस समस्या में मांस, मछली, मटन से बचना चाहिए। पशु प्रोटीन शरीर में सूजन को बढ़ाता है, जो आपकी सफेद निर्वहन समस्या को और बढ़ा सकता है। 2.    इसके अलावा, अपने आहार में ब्रेड या मशरूम को शामिल न करें। इससे ल्यूकोरिया की समस्या भी बढ़ जाती है। 3.    सफेद निर्वहन में इडली, डोसा आदि जैसे खमीर वाले खाद्य पदार्थ न खाएं, जो आपकी समस्या को और बढ़ा सकते हैं। 4.    रोगी के आहार में थोड़ा सा संशोधन भी ल्यूकोरिया (सैलान-उर-रहम) को रोकने में मदद करता है। संशोधन का अर्थ है आहार से कुछ खराब / अस्वास्थ्यकर अवयवों को छोड़कर और कुछ स्वस्थ लोगों को शामिल करना। ल्यूकोरिया से पीड़ित किसी व्यक्ति के लिए निम्नलिखित उपाय मददगार हैं (सैलान-उर-रहम)। 5.    यदि निर्वहन अधिकहै, तो चीनी से बचा जाना चाहिए। चीनी का मतलब है सभी मीठी चीजें, पेस्ट्री, कस्टर्ड, आइसक्रीम-हलवा आदि। 6.    खुम्बियों और मशरूम से बचना चाहिए क्योंकि ये भी एक प्रकार के फफूंदी होते हैं। कुछ खुम्बियां प्रदूषित करती हैं। 7.    गर्म और मसालेदार edibles समस्याएं पैदा करते हैं; इसलिए आहार में कम से कम होना चाहिए।
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thedhongibaba · 2 years
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*-:तुम याद आ रहे हाे नेहरु!:-*
14 नवंबर को मनाते है बालदिन यादसे
याद आ रहे हाे ,तुम नेहरु तिव्रतासे.
साैभाग्य-दुर्भाग्य की सीमा थी समान,
जिसपर तुम हट से बने पंतप्रधान .
पंतप्रधान पद संम्मत था लाेहपुरुष काे,
महात्माने बहाल कीया वह नेहरु तुमकाे.
कबुतर ऊडाऊडाकर तुम बने शांतीदुत,
शत्रुदेश में खडे किये कितने, तुमने मृत्युदुत.
लाेकशाहीका ले आधार, लाया समाजवाद,
जगह जगह हाे रहे है , भाषा और प्रांतवाद
तुमने ही निर्माण की संविधान में खाेट,
370 निर्माण कर , "माँ" के माथे पर की चाेट.
"हिंदी-चीनी भाई भाई" का दे कर नारा,
चिन काे जीता कर भारत काे हारा
परराष्ट्रिय नीती में भुल करते रहे तुम,
ऊनके परिणाम परंतु भाेगते रहे हम.
तुम्हारे नीतीओं की अबतक छाई है परछाई
भारत-पाक सीमांओ पर आज भी है त्राही त्राही
करते क्षमा हम , भले ही तुम ठहरे अपराधी
अब नही ! क्याेकी तुम्हारे वंशज है गांधी
बिता कल लाैटके कभी नही आता
आशा है, टुटे! नेहरु-गांधी परिवार से नाता
........... ...प्रशांत आंबुर्ले
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dgnews · 2 years
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नेपाल की नागरिक बन भारत में रह रही थी चीनी जासूस, दिल्ली के मजनूं टीला इलाके से चीन की महिला जासूस गिरफ्तार
नेपाल की नागरिक बन भारत में रह रही थी चीनी जासूस, दिल्ली के मजनूं टीला इलाके से चीन की महिला जासूस गिरफ्तार
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक चीनी महिला नागरिक के भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार होने का मामला सामने आया है। महिला पर चीन के लिए जासूसी करने का गंभीर आरोप लगा है। रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तार चीनी महिला कई भाषाओं की जानकार और वह नेपाली भाषा भी अच्छे से बोल लेती है।पुलिस को शक है कि चीनी महिला भारत में जासूसी के लिए आई थी। दिल्ली पुलिस ने चीनी महिला को…
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9zq2 · 2 years
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भारत के खिलाफ साजिश: नेपाल को मोहरा बना रहा चीन, अखबारों-रेडियो स्टेश..
भारत के खिलाफ साजिश: नेपाल को मोहरा बना रहा चीन, अखबारों-रेडियो स्टेश.. खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, नेपाल में अपनी पैठ बनाने के लिए चीन बौद्ध धर्म के प्रचार, रेडियो के जरिए एजेंडा सेट करने व चीनी भाषा के प्रसार में जुटा हुआ है। ..
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studycarewithgsbrar · 2 years
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भारत ने चीन में चिकित्सा का अध्ययन करने की योजना बना रहे छात्रों के लिए जोखिम को रेखांकित करते हुए एक परामर्श जारी किया है
भारत ने चीन में चिकित्सा का अध्ययन करने की योजना बना रहे छात्रों के लिए जोखिम को रेखांकित करते हुए एक परामर्श जारी किया है
भारत ने चीन में चिकित्सा का अध्ययन करने के इच्छुक भावी छात्रों के लिए एक विस्तृत सलाह जारी की है, जिसमें उन्हें खराब उत्तीर्ण प्रतिशत, आधिकारिक बोली जाने वाली भाषा पुतोंगहुआ की अनिवार्य शिक्षा और भारत में अभ्यास करने के लिए सख्त नियमों सहित नुकसान की चेतावनी दी गई है। एडवाइजरी जारी की गई है क्योंकि बीजिंग के कोविड वीजा प्रतिबंध के कारण चीनी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले हजारों भारतीय वर्तमान में…
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mygkhelp-blog · 2 years
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भारत का कालक्रम  - 1
500,000-10,000 ईसा पूर्व पाषाण काल संस्कृति – 100,000 ईसा पूर्व अफ्रीका में होमो सेपियंस सेपियंस (Homo Sapiens Sapiens) का उदय|
10,000-4000 ईसा पूर्व मध्य पाषाण संस्कृति|
4000 ईसा पूर्व नवपाषाण काल|
3200 ईसा पूर्व सुमेर निवासियों (Sumerian) ने विश्व की पहली सभ्यता की स्थापना की|
3000-2600 ईसा पूर्व हड़प्पा सभ्यता की शुरुआत।
2600-2500 ईसा पूर्व हड़प्पा सभ्यता अपनी सबसे विकसित अवस्था में- 2200 ईसा पूर्व चीनी सभ्यता का उदय ।
2000-1900 ईसा पूर्व हड़प्पा सभ्यता का पतन।
2000-1500 ईसा पूर्व उत्तर-पश्चिम भारत में आर्यों का आक्रमण।
1500-500 ईसा पूर्व वैदिक युग का प्रारंभ।
1200-900 ईसा पूर्व चार संहिताओं अथर्ववेद, ऋग्वेद, सामवेद और यजुर्वेद (Atharva Veda, Rig Veda, Sama Veda, Yajur Veda) की रचना हुई – 1200 ईसा पूर्व हिब्रू सभ्यता (Hebrew civilization) का उदय।
1000 ईसा पूर्व आर्यों ने गंगा की घटी में प्रवास किया।
800-700 ईसा पूर्व उपनिषदों की रचना हुई।
600 ईसा पूर्व ऋग्वेद में सबसे प्राचीन तिथि किखी गयी।
600 ईसा पूर्व सोलह महान राज्यों (महाजनपद) का उदय।
563-483 ईसा पूर्व बुद्ध का जीवन काल।
540-493 ईसा पूर्व बिम्बिसार का शासनकाल – 509 ईसा पूर्व रोमन गणराज्य की स्थापना।
540-468 ईसा पूर्व चौबीसवें जैन तीर्थंकर महावीर का जीवन काल
527 ईसा पूर्व बुद्ध ने पहला धर्मोपदेश दिया।
517 ईसा पूर्व फारस (Persia) के हख़ामनी साम्राज्य (Achaemenid empire) ने गांधार पर कब्जा कर लिया।
500 ईसा पूर्व पाटलिपुत्र में मगध राज्य का उदय।
490-459 ईसा पूर्व अजातशत्रु का शासनकाल।
400 ईसा पूर्व महाभारत और रामायण की रचना।
362-321 ईसा पूर्व उत्तर और मध्य भारत में नंद वंश का शासन।
326 ईसा पूर्व सिकंदर ने सिंधु नदी को पार किया, सिकंदर और पोरस के बीच हायडापेस का युद्ध- प्राचीन ग्रीक भाषा में झेलम नदी को हायडापेस (Hydaspes) और ऋग्वेद में वितस्ता कहा गया है।
321-297 ईसा पूर्व मौर्य वंश के संस्थापक चंद्रगुप्त (Chandragupta) का शासनकाल।
321-296 ईसा पूर्व अर्थ शास्त्र की रचना।
302 ईसा पूर्व यूनानी राजदूत मेगस्थनीस (Megasthenes) चंद्रगुप्त के दरबार में आया, जिसे यूनानी राजा सेल्यूकस प्रथम (Hellenistic king Seleucus I) ने भेजा था| मेगस्थनीस ने इंडिका (Indica) की भी रचना की थी| – चीन में महान दीवार का निर्माण।
297-272 ईसा पूर्व बिन्दुसार का शासनकाल।
268-231 ईसा पूर्व अशोक का शासनकाल।
260 ईसा पूर्व अशोक द्वारा कलिंग की विजय।
257-256 ईसा पूर्व अशोक के कलिंग शिलालेखों के साथ, 14 शिलालेखों का निर्माण।
251 ईसा पूर्व अशोक ने अपने पुत्र महेंद्र को सीलोन (श्रीलंका) बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए भेजा।
250-240 ईसा पूर्व पाटलिपुत्र में तीसरी बौद्ध संगीति।
242 ईसा पूर्व अशोक के सात स्तंभ शिलालेखों का निर्माण।
240-232 ईसा पूर्व लघु स्तंभ शिलालेखों का निर्माण।
184 ईसा पूर्व अंतिम मौर्य राजा ब्रिह्दार्थ की मृत्यु, शुंग राजवंश के राजा पुष्यमित्र का उदय।
73 ईसा पूर्व अंतिम शुंग राजवंश के राजा देवभूति की हत्या।
भारतीय-बैक्ट्रियंस और उत्तर पश्चिम भारत Indo-Bactrians And Northwest India
250 ईसा पूर्व बक्ट्रियन यूनानियों द्वारा ओक्सस नदी (Amu Darya, greek- Oxus River) के मैदानों पर राज्य की स्थापना।
200-190 ईसा पूर्व देमेत्रियस (Demetrius) भारतीयों का राजा बना|
166-155 ईसा पूर्व सबसे प्रसिद्ध इंडो-ग्रीक शासक मिनांडर (Menander) का शासन काल।
150 ईसा पूर्व गांधार कला का विकास एवं प्रसार।
140-130 ईसा पूर्व अंतिम भारतीय-बक्ट्रियन राजा हेलिओक्लीज (Heliokles) का शासन|
94 ईसा पूर्व उत्तर-पश्चिम भारत में मॉएस (Maues), शक् या इंडो-पार्थियन राजाओं का शासन।
78 ईसवी कनिष्क ने “गांधार के राजा” के रूप में कुषाण वंश की स्थापना की।
दक्षिण और मध्य भारत South And Central India
50 ईसा पूर्व- 50 ईसवी रोमन साम्राज्य के साथ व्यापार अपनी ऊँचाईयों पर।
5 ईसा पूर्व-ईस्वी 29, यीशु का जीवन और ईसाई धर्म का उदय।
27 ईसा पूर्व-2 ईस्वी सातवाहन (आंध्र) राजवंश।
68 ईसवी, मायलापुर, मद्रास में सेंट थॉमस का मौत।
150 ईसवी, रुद्र्मन ने पश्चिमी भारत में शक् सत्ता की स्थापना की।
174-203 ईसा पूर्व यजन के अंतर्गत आन्ध्र में विकसित राज्य की स्थापना।
225 ईसा पूर्व सातवाहन वंश (आन्ध्र प्रदेश) का अंत।
255 ईसा पूर्व-मध्य 6 वीं शताब्दी बुंदेलखंड के ��ाकाटक का शासन।
325 ईसा पूर्व पल्लव वंश की स्थापना।
गुप्त वंश Gupta Dynasty
320-335 ईसवी चंद्रगुप्त प्रथम द्वारा गुप्त साम्राज्य की स्थापना।
320 ईसवी पुराणों की रचना।
335-375 ईसवी समुद्रगुप्त का शासनकाल।
375–415 ईसवी चंद्रगुप्त द्वितीय या चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के शासन के दौरान गुप्त वंश का स्वर्ण काल। चन्द्रगुप्त द्वितीय के दरबार में कालिदास भी रहा करते थे।
405-411 ईसवी चीनी तीर्थयात्री फ़ह्सिएन (Fa-hsien) का भारत में चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में आगमन।
454 ईसवी जैन धर्म की वल्लभी परिषद् का आयोजन – श्वेतांबर और दिगंबर दो अलग संप्रदायों में उदभव।
455-467 ईसवी स्कन्दगुप्त का शासनकाल, हूणों का उत्तर पश्चिमी भारत पर आक्रमण।
543-566 ईसवी पुलकेशिन प्रथम के तहत बादामी के चालुक्यों के राजवंश की स्थापना।
560-574 ईसवी सिम्हाविष्णु द्वारा कांची में पल्लव राजवंश की स्थापना।
600-630 ईसवी महेन्द्रवर्मन के तहत पल्लव शक्ति का का विकास – 570-632 ईसवी मोह्हमद साहब का जीवन काल, 7-8 वीं शताब्दी इस्लाम की वृद्धि और प्रसार
609-642 ईसवी पुलकेशिन द्वितीय के अंतर्गत चालुक्य शक्ति का विस्तार, दक्षिण भारत में प्रभुत्व के लिए पल्लव और चालुक्यों के बीच संघर्ष|
752 ईसवी-10वीं के बीच राष्ट्र्कूटों द्वारा एलोरा गुफाओं का निर्माण।
756-757 ईसवी एलोरा में कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण।
उत्तर भारत North India
606-647 ईसवी कन्नौज के हर्ष वर्धन का शासन।
629-645 ईसवी चीनी बौद्ध यात्री ह्वेनसांग (Hsieun Tsang) की भारत यात्रा।
630 ईसवी चालुक्यों द्वारा हर्ष वर्धन की पराजय।
711 ईसवी में अरबों द्वारा सिंध की विजय, भारत में इस्लाम की स्थापना।
736 ईसवी दिल्लिका (दिल्ली) स्थापित।
750-770 ईसवी गोपाल द्वारा बंगाल में पाल वंश की स्थापना।
752 ईसवी पल्लव राजा ने चालुक्यों को हराया।
780 ईसवी उज्जैन में गुर्जर-प्रतिहारों ने अपनी शक्ति स्थापित की।
788-836 ईसवी शंकराचार्य का जीवनकाल।
814-840 ईसवी सबसे शक्तिशाली राष्ट्रकूट राजा अमोघवर्ष का शासनकाल।
836-885 ईसवी राजा भोज द्वारा प्रतिहार साम्राज्य की स्थापना।
885-910 ईसवी राजा महेन्द्रपाल द्वारा प्रतिहार साम्राज्य का प्रसार।
1077-1120 ईसवी पाल वंश के राजा रामपाल के तहत पाल राजवंश की शक्ति में वृद्धि।
11वीं-13वीं शताब्दी में धर्मयुद्ध के परिणामस्वरूप पूर्व-पश्चिम में अधिक से अधिक संपर्क।
1148 ईसवी कल्हण द्वारा राजतरंगिणी की रचना।
दक्षिण भारत South India
897 ईसवी राजा आदित्य द्वारा चोल राजवंश की स्थापना।
907 ईसवी परांतक प्रथम के तहत चोलों की शक्ति में वृद्धि।
939-968 ईसवी दक्कन में राष्ट्रकूटों का प्रभुत्व।
973 ईसवी तायला, कल्याणी के चालुक्यों ने राष्ट्रकूटों को हराया, और बाद में चालुक्य वंश की स्थापना की।
985-1016 ईसवी राजराजा प्रथम ने चोल साम्राज्य स्थापित किया।
1016-1044 ईसवी राजेंद्र चोल का शासनकाल।
1025 ईसवी चोलों दक्षिण पूर्व एशिया में नौसेना के साथ युद्ध का संचालन किया।
1025-1137 ईसवी वैष्णव शिक्षक रामानुज का जीवनकाल।
1077 ईसवी चोल व्यापारियों ने चीन की यात्रा की।
1100 ईसवी रामानुज ने भक्ति आंदोलन का नेतृत्व किया।
1246-1279 ईसवी राजेन्द्र तृतीय, अंतिम चोल राजा का जीवनकाल।
उत्तर भारत में ग़ज़नवी और ग़ोरी साम्राज्य Ghaznavids And Ghurids In North India
971-1030 गजनी के महमूद का शासनकाल
973–1048 अलबरूनी फिरदौसी का जीवनकाल
997-1014 अफगानिस्तान में गजनी के महमूद का उत्तरी भारत पर आक्रमण एवं हर साल लूटपाट। मुह्हमद गोरी ने, गजनवी को हराया और पंजाब पर कब्ज़ा कर लिया।
1175 मुहम्मद ग़ोरी का भारत पर पहला आक्रमण।
1179 मुहम्मद ग़ोरी द्वारा पेशावर पर कब्ज़ा।
1186 मुहम्मद ग़ोरी द्वारा लाहौर पर कब्ज़ा।
1192 मोहम्मद गोरी ने तराइन के युद्ध में पृथ्वीराज चौहान के नेतृत्व में राजपूतों को हराया।
1193 मुहम्मद ग़ोरी ने दिल्ली और उत्तर भारत पर कब्ज़ा किया।
1206 मुहम्मद ग़ोरी की लाहौर में हत्या कर दी गयी।
दिल्ली सल्तनत Delhi Sultanate
1206-1210 कुतुब-उद-दीन ऐबक ने मामलुक वंश (गुलाम वंश, या दिल्ली सल्तनत) की स्थापना की|
1211-1136 शम्स-उद-दीन इल्तुतमिश का शासनकाल।
1221-1222 मंगोल द्वारा उत्तर पश्चिम भारत में आक्रमण शुरू।
1231 इल्तुतमिश द्वारा ग्वालियर पर कब्ज़ा।
1235 उज्जैन पर कब्ज़ा|
1236-1240 रजिया का शासनकाल।
1240–1246 चालीस रईसों के एक विशिष्ट समूह द्वारा शासन।
1246–1286 बलबन का शासन।
1266-1286 बलबन द्वारा दिल्ली की मुस्लिम कला और अध्ययन केंद्र के रूप में स्थपना।
1290 खिलजी वंश की स्थापना।
1290-1296 पहले खिलजी शासक जलाल-उद-दीन फ़िरोज़ शाह का शासनकाल – मंगोलों के आक्रमण को रोका।
1296-1326 अलाउद्दीन मुहम्मद खिलजी का शासनकाल।
14 वीं सदी सुहरावर्दी, चिश्ती और फिरदौसी सूफी संप्रदाय का उदय। 1300 ईसवी एज़्टेक सभ्यता अपने चरमोत्कर्ष पर।
1301 अलाउद्दीन मुहम्मद खिलजी द्वारा राजपूत किला रणथम्भौर पर कब्जा।
1303 अलाउद्दीन मुहम्मद खिलजी द्वारा राजपूत किला चित्तौड़ पर  कब्जा।
1309-1311 अलाउद्दीन मुहम्मद खिलजी द्वारा दक्षिण भारत पर विजय।
1316 शिहाब-अल-दीन उमर का शासनकाल।
1316-1320 कुतुब-अल-दीन मुबारक शाह का शासनकाल।
1320 तुगलकों ने, खलजियों को दिल्ली के सुल्तानों के रूप प्रतिस्थापित किया।
1320-1324 गयासुद्दीन तुगलक शाह प्रथम का शासनकाल।
1324-1351 मुहम्मद तुगलक शाह का शासनकाल।
1334 मालाबार तुग्लकों के शासन से मुक्त हुआ।
1336-1646 विजयनगर साम्राज्य।
1337 बंगाल पर मलिक शम्स-उद-दीन का शासनकाल, तुग्लकों के शासन से मुक्त हुआ।
1347-1526 बहमनी राजवंश।
1351 गियास-अल-दीन महमूद शाह का शासनकाल।
1351-1388 फ़िरोज़ शाह का शासनकाल।
1388-1389 गियास-अल-दीन तुगलक शाह द्वितीय का शासनकाल।
1389-1390 अबू बक्र शाह का शासनकाल।
1390-1394 नासिर अल-दीन मुहम्मद शाह का शासनकाल।
1394 अला-अल-दीन सिकंदर शाह का शासनकाल।
1394-1412 नासिर अल-दीन महमूद शाह का शासनकाल।
1398–1399 तैमुर लंग की सेनाओं द्वारा दिल्ली में लूटपाट।
1414-1450 दिल्ली के सुल्तानों के रूप में सय्यदों का शासन।
1440-1518 कबीर द्वारा सभी धर्मों की एकता का उपदेश।
1450 में लोधियों ने सय्यदों को दिल्ली में प्रस्थापित किया।
1469-1539 गुरु नानक, सिख धर्म के संस्थापक का जीवनकाल।
1480-1564 कर्नाटक संगीत के संगीतकार पुरन्दर दास का जीवनकाल।
1482-1673 अहमदनगर, बरार, बीजापुर के दक्षिणी सल्तनतों,
1482-1673 दक्कन के सल्तनत अहमदनगर, बरार, बीजापुर, बीदर, और गोलकुंडा का उदय।
1486-1533 हिंदू भक्ति के शिक्षक चैतन्य का जीवनकाल। 1492 कोलंबस ने अमेरिका के लिए पहली यात्रा की।
1498 वास्को डा गामा द्वारा भारत में पुर्तगाली उपस्थिति स्थापित।
1509-1529 विजयनगर पर कृष्णदेव राय का शासनकाल।
1510 अफोंसो डी अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगालियों ने गोवा पर अधिकार किया।
1526 बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को पराजित किया।
1530 बाबर की मौत और हुमायूं का शासन।
1532-1623 तुलसी दास का जीवनकाल।
1540 शेरशाह ने हुमायूं को पराजित किया, हुमायूं का फारस में निर्वासन।
1551-1602 अबुल फज़ल का जीवनकाल।
1555 हुमायूं की वापसी और हुमायूं द्वारा दिल्ली पर पुनः कब्ज़ा।
1556 हुमायूं की मौत और अकबर गद्दी का उत्तराधिकारी बना। पानीपत का द्वितीय युद्ध।
1556-1605 अकबर का शासनकाल। 1558 एलिजाबेथ प्रथम का इंग्लैंड में सिंहासन आरोहण।
1563 हिंदुओं पर तीर्थयात्रा कर की समाप्ति।
1564 गैर मुस्लिमों पर लगने वाले कर जिजया की समाप्ति।
1571 फतेहपुर सीकरी में नई राजधानी का निर्माण।
1573 गुजरात पर विजय।
1575 इबादतखाना का निर्माण।
1576 बंगाल पर विजय।
1581 काबुल पर विजय।
1582 अकबर द्वारा दीन-ए-इलाही का आरंभ।
1584 फतेहपुर सीकरी का त्याग।
1592 उड़ीसा की विजय।
1595 बलूचिस्तान की विजय।
1600 महारानी एलिजाबेथ प्रथम द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को चार्टर दिया गया।
1605-1627 जहांगीर का शासनकाल।
1612 ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा सूरत में व्यापारिक केंद्र की स्थापना।
1616-1618 सर थॉमस रो जहांगीर के दरबार में आया, ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में व्यापार करने के लिए अनुमति।
1619 सूरत में ब्रिटिश “कारखाने” की स्थापना।
1628-1658 शाहजहां का शासनकाल।
1630-1680 मराठा वंश के संस्थापक, शिवाजी का जीवनकाल।
1642 ब्रिटिश व्यापारिक किले फोर्ट सेंट जॉर्ज की मद्रास में स्थापना।
1643 ताजमहल का निर्माण पूरा हुआ।
1658-1707 औरंगजेब का शासनकाल।
1664 फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना।
1674 शिवाजी की छत्रपति के रूप में ताजपोशी।
1679 औरंगजेब ने गैर मुसलमानों पर जिजया पुनः लगाया।
1681 औरंगजेब ने दक्कन की विजय के लिए अभियान शुरू किया।
1686 बीजापुर पर विजय।
1689 गोलकुंडा पर कब्ज़ा, शम्भूजी को पकड़ कर हत्या की गयी।
1690 जॉब चर्नोक ने कलकत्ता में ब्रिटिश व्यापारिक केंद्र की स्थापना की।
1699 सिख खालसा दसवें गुरु, गोबिंद राय द्वारा स्थापित।
अठारहवीं और उन्नीसवीं शताब्दी में मुगल Mughals In Eighteenth And Nineteenth Centuries
1707-1712 बहादुर शाह का शासनकाल।
1713-1719 फर्रुख़ सियर का शासनकाल। सैयद बंधु  हुसैन अली और अब्दुल्ला का ‘राजा निर्माताओं’ के रूप में वर्चस्व।
1714 पेशवा बालाजी विश्वनाथ के तहत मराठा शक्ति का उदय।
1719 रफी-उद दरजात, रफी-उद दौलत, और निकुसियर का शासनकाल।
1719-1748 मुहम्मद शाह का शासनकाल।
1723 निजाम अल-मुल्क ने हैदराबाद में निज़ामी स्थापना की।
1739 करनाल की लड़ाई। ईरान के नादिर शाह ने दिल्ली में लूटपाट की।
1748-1754 अहमद शाह का शासनकाल। 1750 यूरोप में औद्योगिक क्रांति।
1754-1759 आलमगीर द्वितीय का शासनकाल।
1759-1806 शाह आलम द्वितीय का शासनकाल।
1806-1837 अकबर द्वितीय का शासनकाल।
1837-1857 बहादुर शाह द्वितीय का शासनकाल।
अठारहवीं और उन्नीसवीं सदी के भारत में ब्रिटिश – British In Eighteenth  And Nineteenth-Century India
1742-1763 दक्षिण भारत पर वर्चस्व के लिए, अपने वैश्विक युद्ध के परिणाम के रूप में ब्रिटिश और फ्रेंच में लड़ाईयां।
1746 जोसेफ फ़्राँस्वा दुप्लेइक्स द्वारा मद्रास पर कब्जा।
1746-1794 सर विलियम जोन्स का जीवनकाल।
1748 अंग्रेजों ने मद्रास वापस प्राप्त किया।
1751 रॉबर्ट क्लाइव ने अर्काट पर कब्जा किया।
1756 कलकत्ता की ब्लैक होल घटना।
1757 क्लाइव ने प्लासी की लड़ाई जीती।
1760 में ब्रिटिश द्वारा फ्रांसीसियों की पराजय।
1761 हैदर अली द्वारा मैसूर में मुस्लिम सत्ता स्थापना।
1764 बक्सर की लड़ाई में ब्रिटिश जीत।
1765 ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल की दीवानी मिली।
1772–1785 वारेन हेस्टिंग्स, बंगाल का 1772-1773 गवर्नर जनरल; भारत का 1784-1785 गवर्नर जनरल।
1774 रोहिल्ला युद्ध।
1778 प्रथम मराठा युद्ध।
1784 में बंगाल एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना।
1786-1793 चार्ल्स कार्नवालिस, भारत का गवर्नर जनरल।
1793 कार्नवालिस द्वारा स्थायी जमींदारी व्यवस्था की स्थापना।
1789-1805 रिचर्ड कोले वेलेस्जली गवर्नर जनरल।
1799 मैसूर के टीपू सुल्तान को श्रीरंगपट्टम में अंग्रेजों द्वारा हरा दिया गया।
1801-1839 रणजीत सिंह द्वारा सिख साम्राज्य की स्थापना।
1802 भसीन की संधि।
1803 द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध।
1805 जुलाई-अक्टूबर, चार्ल्स कार्नवालिस, गवर्नर जनरल बना।
1805-1807 जॉर्ज बारलो कार्यवाहक गवर्नर जनरल बना।
1807-1813 गिल्बर्ट इलियट, फर्स्ट अर्ल ऑफ़ मिंटो, गवर्नर जनरल।
1813 ईसाई मिशनरियों का भारत आगमन।
1813–1823 वारेन हेस्टिंग्स गवर्नर जनरल।
1814-1816 आंग्ल-गोरखा युद्ध।
1818 तीसरे मराठा युद्ध में, मराठों की हार।
1817-1898  सैयद अहमद खान का जीवनकाल।
1823-1828 विलियम पिट एमहर्स्ट गवर्नर जनरल।
1826 बर्मा के साथ यांदबू की संधि।
1827 शिमला का गर्मियों में कामकाज के लिए इस्तेमाल शुरू किया गया।
1828 राम मोहन राय द्वारा ब्रह्म समाज की स्थापना।
1828-1835 विलियम कैवेंडिश बेंटिक, गवर्नर जनरल।
1829 सती प्रथा को अवैध घोषित किया गया।
1835-1836 चार्ल्स थियोफिलस मेटकाल्फ, कार्यवाहक गवर्नर जनरल।
1836-1842 जॉर्ज ईडन, ऑकलैंड का अर्ल, गवर्नर जनरल।
1838-1842 पहला अफगान युद्ध।
1839-1842 अफ़ीम युद्ध।
1842-1844 एलनबरो गवर्नर जनरल|
1843 सिंध पर ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा कब्जा।
1844–1848 हेनरी हार्डिंग गवर्नर जनरल।
1845 प्रथम सिख युद्ध।
1848–1856 डलहौजी गवर्नर जनरल।
1848-1849 द्वितीय आंग्ल सिख युद्ध।
1849 ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा पंजाब का विलय।
1852 द्वितीय बर्मा युद्ध।
1853 मुंबई और ठाणे के बीच पहली रेलवे लाइन, कोलकाता और आगरा के बीच पहली टेलीग्राफ लाइन।
1856 अवध का विलय।
1856–1861 कैनिंग, भारत का गवर्नर जनरल और वाइसराय।
1856-1920 बाल गंगाधर तिलक का जीवनकाल।
10 मई 1857, भारतीय विद्रोह की शुरुआत।
1858 में महारानी की घोषणा।
1862–1863 एल्गिन भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1864–1869 जॉन लारेंस भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1865 इंग्लैंड और भारत के बीच टेलीग्राफ कनेक्शन।
1866-1915 गोपाल कृष्ण गोखले का जीवनकाल।
1867 प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम लागू।
1869–1872 मेयो भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1869-1948 मोहनदास करमचंद गांधी का जीवनकाल।
1872 भारत की पहली जनगणना।
1872–1876 नार्थब्रुक भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1875 मुहम्मद एंग्लो ओरिएंटल कालेज अलीगढ़ में स्थापित।
1875 मेयो कॉलेज अजमेर में स्थापित।
1875-1950 सरदार वल्लभभाई पटेल का जीवनकाल।
1876 रॉयल टाइटल अधिनियम द्वारा महारानी विक्टोरिया, भारत की महारानी बनी।
1876–1880 लिटन भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1876-1948 मोहम्मद अली जिन्ना का जीवनकाल।
1878 वर्नाकुलर प्रेस एक्ट एवं दूसरा आंग्ल-अफगान युद्ध।
1880–1884 रिपन भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1880 मेवंद (अफगानिस्तान) का युद्ध, लार्ड रॉबर्ट्स ने कंधार की ओर कूच किया।
1882 मद्रास के पास थियोसोफिकल सोसायटी के मुख्यालय की स्थापना।
1883-1884 इल्बर्ट विधेयक विवाद।
1884–1888 डफरिन भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1885 बंबई में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना तीसरा आंग्ल-बर्मा युद्ध।
1886 बर्मा को कब्जे में लिया गया।
1888–1894 लैंसडाउन भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1889 पंजाब में अहमदिया संप्रदाय स्थापित किया गया।
1889-1964 जवाहर लाल नेहरू का जीवनकाल।
1891 सहमति अधिनियम लागू (Age of Consent Act) किया गया।
1892 भारतीय परिषद अधिनियम लागू किया गया।
1894-1899 एल्गिन भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1895-1951 लियाकत अली खान का जीवनकाल।
1899–1905 कर्जन भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
बीसवीं सदी से 1947 Twentieth Century To 1947
1900 उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत बनाया।
1904 तिब्बत में यंगहसबंद अभियान।
1905 बंगाल का विभाजन।
1905–1910 मिन्टो भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1906 ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना।
1907 कांग्रेस सूरत में उदारवादियों और  चरमपंथियों (नरम दल व गरम दल) के बीच विभाजित।
1908 समाचार पत्र अधिनियम।
1909 तिलक राजद्रोह का दोषी पाया। भारत के कानून की परिषदों (मिंटो-मोर्ले सुधारों) की स्थापना। लार्ड सिन्हा गवर्नर-जनरल की परिषद के लिए नियुक्त।
1910 श्री अरविंद घोष द्वारा  पांडिचेरी में आश्रम की स्थापना।
1910 समाचार पत्र (अपराध के लिए उकसाना) अधिनियम।
1911 में दिल्ली दरबार। भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित कर दी गयी। बंगाल के विभाजन को रद्द कर दिया।
1911–1916 हार्डिंग भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1913 रवीन्द्रनाथ टैगोर को साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार।
1915 भारत रक्षा अधिनियम। प्रथम विश्व युद्ध, 1914-1918।
1916 ऑल इंडिया मुस्लिम लीग और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच लखनऊ समझौता। होम रूल आंदोलन।
1916–1921 चेम्सफोर्ड भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1917 मोंटेग्यू घोषणा।
1917-1984 इंदिरा गाँधी का जीवनकाल।
1918 में भारत सरकार अधिनियम (मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार)।
1919 रोलेट अधिनियम। अमृतसर (जलियांवाला बाग) नरसंहार।
1920 महात्मा गांधी के पहले असहयोग आंदोलन की शुरूआत।
1920-1924 खिलाफत आंदोलन।
1921–1926 रीडिंग भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1921-1992 सत्यजीत रे का जीवनकाल।
1922 चौरा चौरी घटना। गांधीजी को छह साल की कैद की सजा सुनाई गयी। स्वराज पार्टी का गठन।
1924 गांधी जेल से रिहा।
1925 मुद्दिमन समिति की रिपोर्ट। सिख गुरुद्वारा अधिनियम।
1925–1931 इरविन भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1927 साइमन कमीशन नियुक्त।
1928 नेहरू रिपोर्ट। लाहौर में लाला लाजपत राय की मौत।
1929 में मोहम्मद अली जिन्ना का चौदह सूत्रीय फार्मूला।
1930 जनवरी 26, स्वतंत्रता दिवस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा घोषित। दांडी यात्रा। साइमन कमीशन की रिपोर्ट प्रस्तुत। प्रथम गोलमेज सम्मेलन। सर मुहम्मद इकबाल द्वारा मुस्लिम राज्य के निर्माण की मांग।
1931 मुंबई में पहली भारतीय फिल्म का निर्माण। गांधी-इरविन पैक्ट। दूसरा गोलमेज सम्मेलन। भारतीय प्रेस (आपातकालीन शक्तियां) अधिनियम।
1931–1936 विलिंगटन भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1932 अगस्त 16, सांप्रदायिक पुरस्कार। तीसरा गोलमेज सम्मेलन।
1935 भारत सरकार अधिनियम।
1936–1943 लिनलिथगो भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1937 आम चुनाव। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा सात प्रांतों में सरकार का गठन।
1939 भारत रक्षा अधिनियम। 1939-1945 द्वितीय विश्व युद्ध। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रांतीय सरकारों ने इस्तीफा दिया। 22 दिसंबर, ऑल इंडिया मुस्लिम लीग ने मुक्ति दिवस मनाया।
1940 अगस्त प्रस्ताव।
1941 मार्च 23, ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की लाहौर घोषणा, पाकिस्तान की मांग।
1942 क्रिप्स मिशन। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का ‘भारत छोड़ो’ अभियान।
1943 में बंगाल का अकाल। सुभाष चंद्र बोस द्वारा इंडियन नेशनल आर्मी का गठन।
1943–1947 वेवेल भारत का गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1944 गांधी-जिन्ना वार्ता।
1945 देसाई-लियाकत समझौता। 27 जून से 14 जुलाई, पहला शिमला सम्मेलन।
आम चुनाव।
1946 कैबिनेट मिशन। अगस्त 16 ऑल इंडिया मुस्लिम लीग द्वारा सीधी कार्रवाई दिवस (Direct Action Day)। नोआखली के दंगे। दूसरा शिमला सम्मेलन। अंतरिम सरकार का गठन।
1947 20 फ़रवरी, प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली का बयान।  माउंटबेटन गवर्नर जनरल और वायसराय। 3 जून की योजना, भारत की स्वतंत्रता और विभाजन की घोषणा। अगस्त 14, भारत और पाकिस्तान की आजादी।
1947 के बाद का भारत India Since 1947
1947-1948 लुईस माउंटबेटन  गवर्नर जनरल एवं वाइसराय।
1947-1964 जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री।
30 जनवरी 1948, मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या। हैदराबाद पर आक्रमण और विलय।
1948-1950 चक्रवर्ती राजगोपालाचारी भारत के गवर्नर जनरल।
26 जनवरी 1950, भारतीय संविधान अस्तित्व में आता है। राजेन्द्र प्रसाद, भारत के प्रथम राष्ट्रपति। राष्ट्रीय योजना आयोग की स्थापना। वल्लभभाई पटेल की मौत। मदर टेरेसा द्वारा चैरिटी ऑफ़ मिशनरीज स्थापित।
1951 प्रथम पंचवर्षीय योजना।
1952 पहला आम चुनाव।
1955 बांडुंग सम्मेलन।
1956 भारत के पहले परमाणु रिएक्टर आपरेशन ने काम करना शुरू किया। राज्य पुनर्गठन अधिनियम। दूसरी पंचवर्षीय योजना।
1957 में जम्मू-कश्मीर के भारत में शामिल। दूसरा आम चुनाव।
1959 में दलाई लामा का तिब्बत से भारत के लिए पलायन।
1960 दिल्ली से  दूरदर्शन का  प्रसारण। पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि।
1961 गोवा पर आक्रमण किया और विलय।
1962 नागालैंड राज्य का गठन। पूर्वोत्तर में भारत और चीन के साथ सीमा युद्ध।
1962-1967 सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के  ���ाष्ट्रपति।
1964 मई 24, जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु।
1964-1966 लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री।
1965 पाकिस्तान के साथ युद्ध।
1966 पाकिस्तान के साथ ताशकंद समझौता। इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी।
1967 चौथा आम चुनाव।
1967-1969 जाकिर हुसैन भारत के राष्ट्रपति।
1968 हरित क्रांति की शुरूआत।
1969-1974 वराहगिरि वेंकट गिरि, भारत के राष्ट्रपति। मानव का चन्द्रमा पत पहला कदम 1969।
1971 प्रिंसेस प्रिवी पर्स समाप्त कर दिया। शांति, मैत्री और सहयोग पर भारत-सोवियत संधि। 4 दिसंबर, पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तान के साथ युद्ध।
1974 मई 5, भारत द्वारा परमाणु परीक्षण।
1975 26 जून, “राष्ट्रीय आपातकाल” इंदिरा गांधी द्वारा घोषित।
1977-1979 मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने।
1980 में इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री पद के लिए दुबारा चुनी गयीं।
1984 जून, अमृतसर में, ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’। अक्टूबर 31, इंदिरा गांधी की हत्या। राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने।
1985 नई आर्थिक नीति।
1987 मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और गोवा नए राज्य बने। जुलाई, भारतीय-श्रीलंका ने संधि पर हस्ताक्षर किए।
1989 विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री बने।
1990 चन्द्र शेखर प्रधानमंत्री बने।
1991 मई 21, राजीव गांधी की हत्या। पी वी नरसिंह राव प्रधानमंत्री बने।
1992 अक्टूबर, बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया।
1996 तेरह दिनों के लिए अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने। एच डी देवेगौड़ा प्रधानमंत्री बने।
1997 इंदर कुमार गुजराल प्रधानमंत्री बने।
कोचेरी रमन नारायणन भारत के राष्ट्रपति। 29 सितंबर, भारत ने अंतरिक्ष में रॉकेट भेजने की शुरूआत की।
1998 मार्च 20, अटल बिहारी वाजपेयी, प्रधानमंत्री। 11-13 मई, भारत ने परमाणु परीक्षण किया। 13 मई, संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगाया। ईसाइयों के खिलाफ हिंसा।
2004 आम चुनावों में कांग्रेस सत्ता में लौटी।
2005 भारत और पाकिस्तान मिसाइल परीक्षण की अग्रिम चेतावनी देने के लिए सहमत।
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rudrjobdesk · 2 years
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चीन को जवाब अब उसकी भाषा में! पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना जवानों को सीखा रही है 'मंदारिन' लैंग्वेज
चीन को जवाब अब उसकी भाषा में! पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना जवानों को सीखा रही है ‘मंदारिन’ लैंग्वेज
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में सीमा पर लंबे समय से जारी विवाद के मद्देनजर सेना ने करीब 3,400 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सतर्कता बढ़ाने की समग्र नीति के तहत अपने कर्मियों को चीनी भाषा सिखाने के प्रयास तेज कर दिए है. सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने रविवार को बताया कि प्रतिष्ठान के भीतर मंदारिन में विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, ताकि कनिष्ठ एवं वरिष्ठ कमांडर आवश्यकता…
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hindimaster · 2 years
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Indian Army Jobs Indian Army Invited Applications For Graduate In Chinese Language See Details How To Apply ANN
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Indian Army Jobs: भारतीय सेना को चीनी भाषा के ज्ञान वाले टेरेटोरियल आर्मी (टीए) के अधिकारियों की जरुरत है. इस बावत भारतीय सेना ने चीनी भाषा में स्नातक नागरिकों से आवेदन की मांग की है. टीए में चीनी भाषा जानने वाले पुरुष और महिला दोनों ही इन पदों के लिए योग्य हैं और आवेदन कर सकते हैं. भारतीय सेना के मुताबिक, टीए में छह पदों के लिए ये आवेदन मांगे गए हैं. पांच पद आम नागरिक (महिला और पुरूष दोनों के…
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