Tumgik
#सीमा विवाद
trendingwatch · 2 years
Text
महाराष्ट्र के 40 गांव कर्नाटक में विलय चाहते हैं
महाराष्ट्र के 40 गांव कर्नाटक में विलय चाहते हैं
एक्सप्रेस न्यूज सर्विस बेलगावी: कर्नाटक और महाराष्ट्र के नेताओं के बीच दो पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रही खींचतान के बीच, महाराष्ट्र सीमा पर सांगली जिले के जठ तालुक के 40 गांवों के निवासियों, जिनमें ज्यादातर कन्नडिगा रहते हैं, ने अपने क्षेत्रों को देखने की इच्छा व्यक्त की है। कर्नाटक में विलय। दशकों तक उनके गांवों की उपेक्षा करने और उन्हें सड़कों और सिंचाई सुविधाओं जैसी बुनियादी…
View On WordPress
0 notes
youpublic2022 · 2 years
Text
Indian Army Jobs: भारतीय सेना छह पदों पर चीनी भाषा में स्नातक उम्मीदवारों की करेगी भर्ती
Indian Army Jobs: भारतीय सेना छह पदों पर चीनी भाषा में स्नातक उम्मीदवारों की करेगी भर्ती
Indian Army Jobs: भारतीय सेना को चीनी भाषा के ज्ञान वाले टेरेटोरियल आर्मी (टीए) के अधिकारियों की जरुरत है. इस बावत भारतीय सेना ने चीनी भाषा में स्नातक नागरिकों से आवेदन की मांग की है. टीए में चीनी भाषा जानने वाले पुरुष और महिला दोनों ही इन पदों के लिए योग्य हैं और आवेदन कर सकते हैं. भारतीय सेना के मुताबिक, टीए में छह पदों के लिए ये आवेदन मांगे गए हैं. पांच पद आम नागरिक (महिला और पुरूष दोनों के…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
abhinandan890 · 2 years
Text
Indian Army Jobs: भारतीय सेना छह पदों पर चीनी भाषा में स्नातक उम्मीदवारों की करेगी भर्ती
Indian Army Jobs: भारतीय सेना छह पदों पर चीनी भाषा में स्नातक उम्मीदवारों की करेगी भर्ती
Indian Army Jobs: भारतीय सेना को चीनी भाषा के ज्ञान वाले टेरेटोरियल आर्मी (टीए) के अधिकारियों की जरुरत है. इस बावत भारतीय सेना ने चीनी भाषा में स्नातक नागरिकों से आवेदन की मांग की है. टीए में चीनी भाषा जानने वाले पुरुष और महिला दोनों ही इन पदों के लिए योग्य हैं और आवेदन कर सकते हैं. भारतीय सेना के मुताबिक, टीए में छह पदों के लिए ये आवेदन मांगे गए हैं. पांच पद आम नागरिक (महिला और पुरूष दोनों के…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
ddcenter18 · 2 years
Text
Indian Army Jobs: भारतीय सेना छह पदों पर चीनी भाषा में स्नातक उम्मीदवारों की करेगी भर्ती
Indian Army Jobs: भारतीय सेना छह पदों पर चीनी भाषा में स्नातक उम्मीदवारों की करेगी भर्ती
Indian Army Jobs: भारतीय सेना को चीनी भाषा के ज्ञान वाले टेरेटोरियल आर्मी (टीए) के अधिकारियों की जरुरत है. इस बावत भारतीय सेना ने चीनी भाषा में स्नातक नागरिकों से आवेदन की मांग की है. टीए में चीनी भाषा जानने वाले पुरुष और महिला दोनों ही इन पदों के लिए योग्य हैं और आवेदन कर सकते हैं. भारतीय सेना के मुताबिक, टीए में छह पदों के लिए ये आवेदन मांगे गए हैं. पांच पद आम नागरिक (महिला और पुरूष दोनों के…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
mwsnewshindi · 1 year
Text
अरविंद केजरीवाल ने चीन के साथ व्यापार को लेकर केंद्र की खिंचाई की, लोगों से चीनी सामानों का बहिष्कार करने को कहा
अरविंद केजरीवाल ने चीन के साथ व्यापार को लेकर केंद्र की खिंचाई की, लोगों से चीनी सामानों का बहिष्कार करने को कहा
छवि स्रोत: फ़ाइल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल एमसीडी और विधानसभा चुनावों के बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को चीनी सामानों का बहिष्कार करने का आह्वान किया। यहां राष्ट्रीय परिषद की बैठक चल रही है। केजरीवाल ने पार्टी सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, “आज मैं इस मंच के माध्यम से भारत के लोगों से चीनी सामान का बहिष्कार…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
rudrjobdesk · 1 year
Text
Indo-China Relation: Why Are India-China Relations Not Improving Despite Increasing Trade, Tension On The Border Will Affect Relations, Know History Of'Hindi-Chini Bhai-Bhai'
Indo-China Relation: Why Are India-China Relations Not Improving Despite Increasing Trade, Tension On The Border Will Affect Relations, Know History Of’Hindi-Chini Bhai-Bhai’
India China Relation: हाल के कुछ वर्षों में भारत-चीन (India-China) के संबंध सबसे बुरे दौर में पहुंच चुका है. अरुणाचल प्रदेश के तवांग (Tawang) में चीन की सैनिकों ने जो उकसावे वाली कार्रवाई की है, उस पर भारत में तो संसद से सड़क तक चर्चा हो ही रही है. अंतर्राष्ट्रीय नजरिए से भी ये मुद्दा बहुत बड़ा बन गया है. अमेरिका के साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. दरअसल इस वक्त…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
kv1nsbvizag · 2 years
Text
मॉर्निंग डाइजेस्ट: 21 सितंबर, 2022
मॉर्निंग डाइजेस्ट: 21 सितंबर, 2022
चीन एक विकट चुनौती बना हुआ है : नौसेना प्रमुख चीन एक विकट चुनौती बना हुआ है और हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में अपनी नौसैनिक उपस्थिति को सामान्य करने के लिए समुद्री डकैती विरोधी अभियानों का लाभ उठाकर न केवल भारत की भूमि सीमाओं के साथ, बल्कि समुद्री क्षेत्र में भी अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार कहा। एक अलग कार्यक्रम में बोलते हुए, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
hardinnews0207 · 8 months
Text
Rajasthan's Evolving Geopolitical Landscape: A Look at the State's New Map
परिचय
क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जीवंत परंपराओं और विविध भूगोल के लिए जाना जाता है। यह राजसी राज्य पूरे इतिहास में कई साम्राज्यों और राजवंशों का उद्गम स्थल रहा है, जो अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गया है जो इसकी पहचान को आकार देती रहती है। हालाँकि, पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान की भौगोलिक सीमाओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखे गए हैं, और हाल के दिनों में, एक नया मानचित्र सामने आया है, जो राज्य के भू-राजनीतिक परिदृश्य को फिर से परिभाषित करता है। इस लेख में, हम राजस्थान के विकसित होते मानचित्र और इन परिवर्तनों में योगदान देने वाले कारकों का पता लगाएंगे।
Tumblr media
ऐतिहासिक सीमाएँ
नए मानचित्र पर गौर करने से पहले राजस्थान की ऐतिहासिक सीमाओं को समझना जरूरी है। राज्य का भूगोल हमेशा वैसा नहीं रहा जैसा हम आज जानते हैं। राजस्थान का इतिहास विभिन्न राजवंशों के उत्थान और पतन के कारण क्षेत्रीय विस्तार और संकुचन के उदाहरणों से भरा पड़ा है। राजस्थान के क्षेत्र ने राजपूत वंशों, मुगलों, मराठों और अंग्रेजों का शासन देखा है, जिनमें से प्रत्येक ने राज्य की सीमाओं पर अपनी छाप छोड़ी है।
आधुनिक राजस्थान का निर्माण
आधुनिक राजस्थान राज्य, जैसा कि हम आज इसे पहचानते हैं, का गठन 30 मार्च, 1949 को हुआ था, जब राजस्थान की रियासतें एक एकीकृत इकाई बनाने के लिए एक साथ आईं। इस एकीकरण से पहले, राजस्थान रियासतों का एक समूह था, जिनमें से प्रत्येक का अपना शासक और प्रशासन था। इन रियासतों के एकीकरण ने राजस्थान के लिए एक नए युग की शुरुआत की, जिसमें विभिन्न संस्कृतियों, भाष��ओं और परंपराओं को एक बैनर के नीचे एक साथ लाया गया।
राजस्थान का नया मानचित्र
हाल के वर्षों में, राजस्थान के मानचित्र में ऐसे परिवर्तन देखे गए हैं, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों का ध्यान आकर्षित किया है। ये परिवर्तन मुख्य रूप से प्रशासनिक सीमाओं के पुनर्गठन और नए जिलों के निर्माण के इर्द-गिर्द घूमते हैं। यहां कुछ उल्लेखनीय विकास हैं:
नये जिलों का निर्माण: राजस्थान के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव नए जिलों का निर्माण है। राज्य सरकार ने प्रशासनिक दक्षता में सुधार और शासन को लोगों के करीब लाने के लिए यह पहल की है। उदाहरण के लिए, 2018 में, राज्य सरकार ने सात नए जिलों, अर्थात् प्रतापगढ़, चूरू, सीकर, झुंझुनू, उदयपुरवाटी, दौसा और नागौर के निर्माण की घोषणा की। इन परिवर्तनों का उद्देश्य नागरिकों को बेहतर प्रशासन और सेवा वितरण करना था।
सीमा विवाद: राजस्थान की सीमाएँ गुजरात, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश सहित कई पड़ोसी राज्यों के साथ लगती हैं। सीमा विवाद एक लंबे समय से चला आ रहा मुद्दा रहा है, जो अक्सर क्षेत्र और संसाधनों पर विवादों का कारण बनता है। इन विवादों के परिणामस्वरूप कभी-कभी राजस्थान के मानचित्र में परिवर्तन होता है क्योंकि संघर्षों को हल करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों को फिर से तैयार किया जाता है। ऐसे विवादों के समाधान में अक्सर राज्य सरकारों और केंद्रीय अधिकारियों के बीच बातचीत शामिल होती है।
बुनियादी ढांचे का विकास: बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाएं राजस्थान के मानचित्र को भी प्रभावित कर सकती हैं। नई सड़कों, राजमार्गों और रेलवे का निर्माण राज्य के भीतर विभिन्न क्षेत्रों की पहुंच और कनेक्टिविटी को बदल सकता है। ऐसी परियोजनाओं से भौगोलिक सीमाओं की धारणा में बदलाव के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में आर्थिक विकास भी हो सकता है।
शहरीकरण: राजस्थान में हाल के वर्षों में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। जैसे-जैसे शहरों और कस्बों का विस्तार होता है, उनकी सीमाएँ अक्सर आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को घेरती हुई बढ़ती हैं। इस शहरी फैलाव के परिणामस्वरूप जिलों और नगरपालिका क्षेत्रों की प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव हो सकता है, जो राज्य के मानचित्र में परिलक्षित हो सकता है।
प्रभाव और निहितार्थ
राजस्थान के मानचित्र में बदलाव के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हैं। सकारात्मक पक्ष पर, नए जिलों के निर्माण और प्रशासनिक सुधारों से अधिक प्रभावी शासन, बेहतर सेवा वितरण और बेहतर स्थानीय विकास हो सकता है। यह निर्णय लेने की प्रक्रिया में नागरिकों के बेहतर प्रतिनिधित्व और भागीदारी को भी सुविधाजनक बना सकता है।
हालाँकि, इन परिवर्तनों के साथ चुनौतियाँ भी जुड़ी हुई हैं। सीमा विवाद कभी-कभी पड़ोसी राज्यों के बीच तनाव का कारण बन सकते हैं और ऐसे विवादों के समाधान के लिए राजनयिक प्रयासों और बातचीत की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त, जबकि शहरीकरण और बुनियादी ढांचे का विकास आर्थिक अवसर ला सकता है, वे पर्यावरण संरक्षण, भूमि उपयोग और संसाधन प्रबंधन से संबंधित चुनौतियां भी पैदा करते हैं।
निष्कर्ष
राजस्थान का नया नक्शा इसके भू-राजनीतिक परिदृश्य की गतिशील प्रकृति को दर्शाता है। राज्य में क्षेत्रीय परिवर्तनों का एक समृद्ध इतिहास है, और इसकी सीमाएँ ऐतिहासिक, प्रशासनिक और विकासात्मक कारकों के कारण समय के साथ विकसित हुई हैं। हालाँकि इन परिवर्तनों का शासन, सीमा विवाद और शहरीकरण पर प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन ये बेहतर प्रशासन और विकास के अवसर भी प्रदान करते हैं।
जैसे-जैसे राजस्थान का विकास और विकास जारी है, नीति निर्माताओं, प्रशासकों और नागरिकों के लिए यह आवश्यक है कि वे इन परिवर्तनों के निहितार्थों पर विचार करें और यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करें।
2 notes · View notes
Text
Tumblr media
Today's Horoscope -
मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। संतान संबंधी चिंता कम होगी। स्वाभाविक सोच में बदलाव आएगा। रुका पैसा प्रयास करने पर प्राप्त होने के योग हैं। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।
वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। प्रमाद न करें। आर्थिक स्थिति संतोषजनक रहेगी। अपनी योजनाओं में परिवर्तन करना होगा। प्रतिस्पर्धा, शत्रुता से परेशानी संभव है। अनसोचे कामों में हाथ नहीं डालें।
मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
मेहमानों का आगमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धनार्जन होगा। नियमित कर्ज, लेनदेन में कटौती करना होगी। योजनाओं पर चर्चा, कार्य के प्रति लगन रह पाएगी। नौकरी, राज्यपक्ष में स्थायित्व की बात आएगी।
कर्क (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ होगा। जोखिम न लें। बड़े व्यक्तियों से भेंट का लाभ मिलेगा। कानूनी कार्यों में समय सीमा का ध्यान रखें। व्यवहारकुशलता का लाभ मिलेगा। व्यावसायिक श्रेष्ठता रहेगी।
सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शुभ समय। यात्रा में अपनी वस्तुओं को संभालकर रखें। पैतृक संपत्ति के क्षेत्रों में उन्नति होगी। नौकरी में संयत व्यवहार आवश्यक है।
कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन भोजन का आनंद मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। मनोविनोद के अवसर मिलेंगे। भाई-बहनों से संबंध प्रगाढ़ होंगे। विद्यार्थियों को पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। रचनात्मक काम होंगे।
तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
व्यर्थ दौड़धूप रहेगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। बुरी खबर मिल सकती है। चिंता रहेगी। मानसिक शांति रहेगी। व्यापारिक विवादों का आसान हल निकाल सकेंगे। वाणी पर संयम रखना चाहिए। अधीनस्थों से मदद मिलेगी।
वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आ‍कस्मिक खर्च अधिक होगा। तनाव रहेगा। थकान रहेगी। जोखिम न लें। धैर्य रखें। माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। संघर्ष, भागदौड़ के बाद रोजगार में इच्छित सफलता मिलने के योग हैं। परिवार, समाज में आपके कार्यों को महत्व दिया जाएगा।
धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
योजना फलीभूत होगी। कार्य की प्रशंसा होगी। आय में वृद्धि होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रमाद न करें। संतान, भाइयों से लाभ होगा। घरेलू उपयोग की वस्तुएँ क्रय करेंगे। सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाएँगे। व्यापारिक योजनाओं को गोपनीय बनाकर रखें।
मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
राजकीय मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रेम प्रस्ताव मिल सकता है। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। सामान्य प्रतिष्ठा, सम्मान से उत्साहित रहेंगे। खर्चों में कमी का प्रयास करना होगा। व्यापार-व्यवसाय में विवेक से निर्णय लेने पर आशानुकूल लाभ के योग हैं।
कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। जोखिम न लें। जल्दबाजी न करें। लेन-देन में सावधानी रखें। उच्चाधिकारियों से सम्मान एवं महत्व प्राप्त हो सकेगा। रुके हुए धन की प्राप्ति होगी। पूँजी निवेश लाभदायी रहेगा।
मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से बचें। थकान रहेगी। परिवार में आर्थिक समस्या को लेकर विचार-विमर्श होगा। दूसरों से अपमानजनक व्यवहार न करें। कार्यक्षेत्र में इच्छित सफलता व संतोष रहेगा।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
समस्या चाहे कैसी भी हो 100% समाधान प्राप्त करे:-
स्पेशलिस्ट-
मनचाही लव मैरिज करवाना, पति या प्रेमी को मनाना, कारोबार का न चलना, धन की प्राप्ति, पति पत्नी में अनबन और गुप्त प्रेम आदि समस्याओ का समाधान।
एक फोन बदल सकता है आपकी जिन्दगी।
Call Now: - +91 78888 78978/+1(778)7663945
फीस संबंधी जानकारी के लिए #Facebook page के message box में #message करें। आप Whatsapp भी कर सकते हैं।
Get to Know More About Astrologer Gopal Shastri: - www.ptgopalshastri.com
#famousastrologer#astronews#astroworld#Astrology#Horoscope#Kundli#Jyotish#yearly#monthly#weekly#numerology#gemstone#real#onlinepuja#remedies#lovemarraigespecilist#prediction#motivation#happinessisachoice
0 notes
tophindinews · 2 months
Text
'चीन के साथ रिश्ते अहम, जल्द सुलझे सीमा विवाद', बोले PM मोदी - Aaj Tak
http://dlvr.it/T5LFSW
0 notes
trendingwatch · 2 years
Text
कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद: बोम्मई ने कहा, 'कानूनी लड़ाई के लिए तैयार'; नोडल मंत्रियों की बैठक 3 दिसंबर को बेलागवी में होगी
कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद: बोम्मई ने कहा, ‘कानूनी लड़ाई के लिए तैयार’; नोडल मंत्रियों की बैठक 3 दिसंबर को बेलागवी में होगी
कर्नाटक के साथ सीमा विवाद के संबंध में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य “एक इंच जमीन नहीं देगा” के कुछ दिनों बाद, सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि कर्नाटक इस मुद्दे पर कानूनी लड़ाई के लिए तैयार है। बोम्मई ने 30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए आने वाले मामले के मद्देनजर रविवार को वरिष्ठ अधिवक्ताओं और अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। एएनआई. महाराष्ट्र…
View On WordPress
0 notes
dainiksamachar · 2 months
Text
चीन पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर, नाम बदल दूं तो आपका घर मेरा हो जाएगा?
नई दिल्ली, पेइचिंग: चीन ने अरुणाचल प्रदेशों के कुछ और जगहों के नए नाम दिए हैं। उसकी चौथी सूची में 30 जगहों के नए नाम शाम��ल हैं। चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे को मजबूती देने के लिए यहां की जगहों के नए नाम जारी करता रहा है। हालांकि भारत इन्हें खारिज करता रहा है। उसका कहना है कि चीन के नए नामों से सच्चाई नहीं बदलेगी और वो ये कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है।क्या है विवाद की जड़?चीन के सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' की रिपोर्ट में कहा गया कि चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने जांगन (अरुणाचल प्रदेश के लिए चीन की ओर से दिया गया नया नाम) में 30 जगहों के नए नाम जारी किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के नए नामों की पहली सूची जारी की थी। इसमें छह नए नाम शामिल थे। 2021 में 15 जगहों के नए नाम दिए गए थे। वहीं 2023 में 11 नए नाम की सूची जारी की गई थी। वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन द्वारा बार-बार किए जा रहे दावे को 23 मार्च को बेतुका करार देते हुए इसे खारिज कर दिया था और कहा था कि यह सीमांत राज्य ‘भारत का स्वाभाविक हिस्सा’ है।कैसे शुरू हुई हालिया बयानबाजीअरुणाचल प्रदेश पर दावे को लेकर चीन की ओर से हालिया बयानबाजी तब शुरू हुई थी जब पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था। उस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के 13 हजार फुट की ऊंचाई पर बनी सेला सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया था। चीन में भारत के राजदूत रह चुके जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर तनाव ने भारत-चीन संबंधों को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, जैसा कि आप जानते हैं , सीमा पर (चीन के साथ) तनाव है और इससे हमारे संबंधों में विसंगति आई है। इसके लिए हमारी सोच बहुत साफ है कि जब तक सीमा पर शांति और स्थिरता नहीं होगी, तब तक रिश्ते नहीं सुधरेंगे। सीमा पर शांति के बिना रिश्ते नहीं सुधर सकते: जयशंकरविदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि आर्थिक मोर्चे पर चीन से मुकाबला करने के लिए भारत को विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा प्रमुख क्षेत्र है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में सत्ता में आने से पहले की सरकारों ने नजरअंदाज किया था। उन्होंने कहा कि चीन के साथ सीमा पर तनाव के चलते नई दिल्ली-पेइचिंग संबंधों में असामान्यता पैदा हुई है। भारत की सोच बिलकुल स्पष्ट है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता नहीं होगी, तब तक दोनों एशियाई शक्तियों के बीच संबंधों में सुधार नहीं होगा। जयशंकर ने सूरत में एक कार्यक्रम में उद्योग जगत के नेताओं के साथ चर्चा के दौरान कहा, ‘अगर हमें चीन से मुकाबला करना है, जो करना भी चाहिए, तो इसका समाधान यही है कि हम यहीं विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करें। पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद विनिर्माण के प्रति हमारा दृष्टिकोण बदल गया है। इससे पहले लोग विनिर्माण पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे।’ http://dlvr.it/T4xFjB
0 notes
news-locus · 4 months
Photo
Tumblr media
Breaking News: भारत के साथ सीमा विवाद पर चीन का आया बयान | China | India | Border | Hindi News
0 notes
Text
गुजरात अहमदाबाद में मेरे नजदीक सर्वश्रेष्ठ वकील | 9925002031 | भारत मे एरपोर्ट के उपर सोने की तस्करी मामले के वकील ।  परेश एम मोदी
अहमदाबाद शहर और अहमदाबाद जिले में व्यक्तियों और व्यवसायों की कानूनी जरूरतों को पूरा करने वाले एक प्रसिद्ध और उच्च कुशल वकील, एडवोकेट परेश एम ��ोदी की कानूनी विशेषज्ञता में आपका स्वागत है। कानून के विभिन्न क्षेत्रों में फैले विविध अभ्यास के साथ,
अधिवक्ता परेश एम मोदी को व्यापक कानूनी समाधान प्रदान करने में उनकी दक्षता के लिए पहचाना जाता है।
यहां विशेषज्ञता के प्रमुख क्षेत्रों का अवलोकन दिया गया है:
कानूनी सलाहकार और सलाहकार: एक अनुभवी कानूनी सलाहकार के रूप में, अधिवक्ता परेश एम मोदी कानूनी मामलों की एक विस्तृत श्रृंखला पर रणनीतिक सलाह और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि ग्राहक कानून के अनुपालन में सूचित निर्णय लें।
चेक रिटर्न केस वकालत (एनआई अधिनियम 138 मामले): अस्वीकृत चेक से संबंधित मामलों में विशेषज्ञता, वकील परेश एम मोदी परक्राम्य लिखत अधिनियम (एनआई अधिनियम) धारा 138 की जटिलताओं को सुलझाने में उत्कृष्ट हैं।
वैवाहिक और पारिवारिक कानून: वैवाहिक विवादों, विवाह और तलाक के मामलों और विभिन्न पारिवारिक कानून मामलों पर ध्यान देने के साथ, एडॅवोकेट परेश एम मोदी अपने ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए दयालु लेकिन मुखर प्रतिनिधित्व प्रदान करते हैं।
संपत्ति का स्वामित्व और नागरिक कानून: चाहे वह संपत्ति के स्वामित्व विवादों को हल करना हो या नागरिक मुकदमेबाजी को संभालना हो, अधिवक्ता परेश एम मोदी के पास कानूनी जटिलताओं को संबोधित करने और ग्राहकों के लिए अनुकूल परिणाम सुरक्षित करने की विशेषज्ञता है।
साइबर अपराध रक्षा: डिजिटल युग में, अधिवक्ता परेश एम मोदी साइबर अपराध के आरोपों के खिलाफ ग्राहकों का बचाव करने में सबसे आगे हैं, व्यक्तियों और व्यवसायों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए मजबूत कानूनी रणनीतियों की पेशकश करते हैं।
ऋण वसूली और क्रेडिट कार्ड विवाद: वकील परेश एम मोदी ऋण वसूली में विशेषज्ञता रखते हैं, निष्पक्ष समाधान सुनिश्चित करने के लिए क्रेडिट कार्ड विवादों, ऋण ईएमआई मुद्दों और वित्तीय मामलों में ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
आपराधिक बचाव: आपराधिक कानून पर ध्यान देने के साथ, अधिवक्ता परेश एम मोदी कई तरह के मामलों को संभालते हैं, जिनमें एनडीपीएस अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, हवाई अड्डे के अपराध, अवैध सोने की तस्करी और बहुत कुछ शामिल हैं।
विल और वसीयत: वसीयत और विरासत के मामलों पर विशेषज्ञ सलाह प्रदान करते हुए, वकील परेश एम मोदी ग्राहकों को भविष्य की पीढ़ियों के लिए उनकी संपत्ति की योजना बनाने और उसकी सुरक्षा करने में सहायता करते हैं।
सहकारी हाउसिंग सोसायटी और एएमसी विवाद: अधिवक्ता परेश एम मोदी सहकारी हाउसिंग सोसायटी और अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) से जुड़े विवादों से संबंधित कानूनी मुद्दों को संभालने में पारंगत हैं।
भारत के हवाई अड्डे पर सोने की तस्करी के मामले: अधिवक्ता परेश एम मोदी भारत के किसी भी हवाई अड्डे पर सोने की तस्करी से संबंधित कानूनी मुद्दों से निपटने में अच्छी तरह से वाकिफ हैं, वह आपको मानक के अनुसार कानूनी समाधान के साथ दंड मोचन शुल्क के साथ सोना वापस पाने में मदद कर सकते हैं। सीमा शुल्क अधिनियम के कानून.
भारत में सोने की तस्करी मामले के वकील | 9925002031 | गुजरात भारत में मेरे निकटतम सर्वश्रेष्ठ कस्टम एक्ट वकील | वकील परेश एम मोदी
भारत में, सोने की तस्करी एक आपराधिक अपराध है और विभिन्न कानूनों के तहत आती है। तस्करी और संबंधित अपराधों को संबोधित करने वाले प्रासंगिक अधिनियम और कानून में शामिल हैं:
सीमा शुल्क अधिनियम, 1962: सीमा शुल्क अधिनियम प्राथमिक कानून है जो भारत में सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है। इसमें सीमा शुल्क अधिकारियों की शक्तियों, माल की निकासी की प्रक्रियाओं और तस्करी जैसे अपराधों के लिए दंड की रूपरेखा दी गई है।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999: फेमा भारत में विदेशी मुद्रा नियमों से संबंधित है। सीमाओं के पार सोने की तस्करी को फेमा का उल्लंघन माना जा सकता है, जिसके कानूनी परिणाम हो सकते हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए), 2002: यदि सोने की तस्करी मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों से जुड़ी है, तो यह मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के दायरे में आ सकती है।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी): आईपीसी में चोरी, आपराधिक साजिश और अन्य अपराधों से संबंधित प्रावधान शामिल हैं जो सोने की तस्करी के मामलों में लागू हो सकते हैं।
सोने की तस्करी में शामिल व्यक्तियों को जुर्माना और कारावास सहित गंभीर दंड का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, अधिकारी तस्करी के सामान को जब्त कर सकते हैं। कानूनी परिणामों से बचने के लिए कानूनी और नियामक ढांचे का पालन करना आवश्यक है।
यदि आपको सोने की तस्करी से संबंधित कोई चिंता या संदेह है, तो उचित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मामले की रिपोर्ट करने की सिफारिश की जाती है। गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं और व्यक्तियों और पूरे समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
भारत में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं जहां सोने की तस्करी के मामले हुए हैं
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (DEL) - नई दिल्ली एरपोर्ट 
छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (बीओएम) - मुंबई
केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (बीएलआर) - बेंगलुरु एरपोर्ट
चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (एमएए) - चेन्नई एरपोर्ट
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (सीसीयू) - कोलकाता एरपोर्ट
राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (HYD) - हैदराबाद एरपोर्ट
कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (सीओके) - कोच्चि एरपोर्ट
सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (एएमडी) - अहमदाबाद एरपोर्ट
कृपया ध्यान दें कि भारत में कई अन्य हवाई अड्डे भी हैं जो अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करते हैं। मेरे पिछले अपडेट के बाद से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की स्थिति और संख्या बदल गई होगी
अहमदाबाद शहर में शामिल प्रमुख क्षेत्र:
राणिप - नारणपुरा - वाडज:
अधिवक्ता परेश एम मोदी नारणपुरा के जीवंत इलाके में कानूनी जरूरतों को पूरा करते हैं, संपत्ति विवादों से लेकर वैवाहिक मुद्दों तक के मामलों पर विशेषज्ञ सलाह प्रदान करते हैं।
मणिनगर - इसानपुर - घोडासर:
मणिनगर के हलचल भ��े इलाके में, अधिवक्ता परेश एम मोदी आपराधिक बचाव, साइबर अपराध और पारिवारिक कानून में विशेषज्ञता के साथ जटिल कानूनी परिदृश्यों को सुलझाने में उत्कृष्ट हैं।
सैटेलाइट - प्रह्लादनगर - आनंदनगर:
सैटेलाइट निवासी चेक रिटर्न मामलों, सहकारी आवास सोसायटी विवादों और अन्य जैसे विविध क्षेत्रों को कवर करने वाले कुशल कानूनी परामर्श के लिए एडवोकेट परेश एम मोदी पर भरोसा कर सकते हैं।
बोडकदेव - वस्त्रापुर - थलतेज:
अधिवक्ता परेश एम मोदी क्रेडिट कार्ड विवाद, ऋण वसूली और संपत्ति शीर्षक मामलों से संबंधित चिंताओं को संबोधित करते हुए, बोदकदेव के निवासियों को कानूनी सहायता प्रदान करते हैं।
घाटलोडीया - सोला- साइंस सिटी:
अहमदाबाद के निवासियों के लिए, अधिवक्ता परेश एम मोदी विशेष कानूनी सेवाएं प्रदान करते हैं, जिनमें एनडीपीएस अधिनियम के मामले, हवाई अड्डे से संबंधित अपराध और कस्टम अधिनियम के मामले शामिल हैं।
हवाई अड्डा रोड - शाहीबाग - आश्रम रोड:
अहमदाबाद  के निवासियों के लिए, अधिवक्ता परेश एम मोदी विशेष कानूनी सेवाएं प्रदान करते हैं, जिनमें एनडीपीएस अधिनियम के मामले, हवाई अड्डे से संबंधित अपराध, कस्टम अधिनियम के मामले और सोने की तस्करी के मामले शामिल हैं।
सीजी रोड - नवरंगपुरा - आम्बावाड़ी:
नवरंगपुरा अहमदाबाद के  निवासी कुशल कानूनी सलाह के लिए एडवोकेट परेश एम मोदी पर भरोसा कर सकते हैं, जो चेक रिटर्न मामलों, व्यापार लेनदेन विवाद, सहकारी आवास सोसायटी विवादों और अन्य जैसे विविध क्षेत्रों को कवर करते हैं।
अहमदाबाद जिले गुजरात में शामिल क्षेत्र:
गांधीनगर:
गांधीनगर में एक प्रमुख कानूनी व्यक्ति के रूप में, अधिवक्ता परेश एम मोदी निषेध अधिनियम, नियमित जमानत मामलों और सहकारी आवास सोसायटी विवादों से जुड़े मामलों को संभालते हैं।
सानंद:
साणंद गुजरात के औद्योगिक केंद्र में, वकील परेश एम मोदी संपत्ति विवादों, तलाक के मामलों और वसीयत और वसीयत मामलों से संबंधित कानूनी चिंताओं को संबोधित करते हैं।
धोलका:
धोलका के निवासी चेक रिटर्न मामलों, साइबर अपराध मुद्दों और आपराधिक बचाव मामलों को संभालने में एडवोकेट परेश एम मोदी की विशेषज्ञता से लाभ उठा सकते हैं।
मेहसाणा:
अधिवक्ता परेश एम मोदी मेहसाणा के निवासियों को कानूनी सहायता प्रदान करते हैं, जिसमें पारिवारिक कानून, बैंकिंग मुद्दे और कस्टम अधिनियम मामलों सहित कानूनी सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
नडियाद:
ऐतिहासिक शहर नडियाद में, वकील परेश एम मोदी संपत्ति के स्वामित्व विवादों, क्रेडिट कार्ड विवादों और एफआईआर से संबंधित मामलों को संभालने में अपने कानूनी कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं।
कानूनी विशेषज्ञता:
- कानूनी सलाहकार और कानूनी सलाहकार:
अधिवक्ता परेश एम मोदी एक विश्वसनीय कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं, जो विभिन्न कानूनी क्षेत्रों में रणनीतिक सलाह प्रदान करते हैं।
- चेक रिटर्न केस वकील - एनआई अधिनियम 138 मामले वकील:
अनादरित चेक से संबंधित मामलों में विशेषज्ञता रखते हुए, अधिवक्ता परेश एम मोदी परक्राम्य लिखत अधिनियम (एनआई अधिनियम) धारा 138 की जटिलताओं को सुलझाने में उत्कृष्ट हैं।
वैवाहिक वकील और पारिवारिक कानून अधिवक्ता:
अधिवक्ता परेश एम मोदी वैवाहिक विवादों, विवाह और तलाक के मामलों और पारिवारिक कानून मामलों में दयालु लेकिन मुखर प्रतिनिधित्व प्रदान करते हैं।
- संपत्ति का शीर्षक और सिविल कानून वकील:
चाहे वह संपत्ति के स्वामित्व संबंधी विवादों को सुलझाना हो या नागरिक मुकदमेबाजी को संभालना हो, अधिवक्ता परेश एम मोदी के पास कानूनी जटिलताओं को दूर करने की विशेषज्ञता है।
- साइबर अपराध बचाव वकील:
अधिवक्ता परेश एम मोदी साइबर अपराध के आरोपों के खिलाफ ग्राहकों का बचाव करने में सबसे आगे हैं, व्यक्तियों और व्यवसायों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए मजबूत कानूनी रणनीति पेश करते हैं।
- ऋण वसूली और क्रेडिट कार्ड विवाद केस के वकील:
ऋण वसूली में विशेषज्ञता, अधिवक्ता परेश एम मोदी क्रेडिट कार्ड विवादों, ऋण ईएमआई मुद्दों और वित्तीय मामलों में ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- आपराधिक बचाव वकील:
आपराधिक कानून पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, अधिवक्ता परेश एम मोदी कई तरह के मामलों को संभालते हैं, जिनमें एनडीपीएस अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, हवाई अड्डे के अपराध, अवैध सोने की तस्करी, हवाई अड्डों पर नशीली दवाओं की तस्करी और बहुत कुछ शामिल हैं।
- गुजरात उच्च न्यायालय के वकील:
एक अनुभवी व्यवसायी के रूप में, अधिवक्ता परेश एम मोदी गुजरात उच्च न्यायालय में ग्राहकों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उच्चतम स्तर पर कानूनी विशेषज्ञता और प्रतिनिधित्व प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष:
अनुभव, समर्पण और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण को संयोजित करने वाले कानूनी प्रतिनिधित्व के लिए, जटिल कानूनी परिदृश्य को सुलझाने में अधिवक्ता परेश एम मोदी को अपना विश्वसनीय कानूनी भागीदार मानें। अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप वैयक्तिकृत और प्रभावी कानूनी समाधानों के लिए आज ही हमसे संपर्क करें। विभिन्न कानूनी क्षेत्रों में अपनी दक्षता के लिए, एडवोकेट परेश एम मोदी एक विश्वसनीय कानूनी सलाहकार और सलाहकार के रूप में खड़े हैं, जो व्यापक ग्राहकों को व्यापक समाधान प्रदान करते हैं।
आप एडवोकेट परेश एम. मोदी को उनके मोबाइल नंबर: 9925002031 पर कॉल कर सकते हैं और "[email protected]" पर ई-मेल कर सकते हैं।
0 notes
mwsnewshindi · 2 years
Text
कर्नाटक ने सीमा विवाद के बीच महाराष्ट्र में कन्नड़ स्कूलों के लिए विशेष सहायता का वादा किया
कर्नाटक ने सीमा विवाद के बीच महाराष्ट्र में कन्नड़ स्कूलों के लिए विशेष सहायता का वादा किया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री, बसवराज बोम्मई ने कसम खाई है कि उनकी सरकार महाराष्ट्र में कन्नड़-माध्यम के स्कूलों को विशेष अनुदान प्रदान करेगी (फाइल फोटो / पीटीआई) सीमा विवाद ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई को भी यह दावा करने के लिए प्रेरित किया कि महाराष्ट्र के जाट तालुका में पंचायतों ने अतीत में गंभीर सूखे और गंभीर पेयजल संकट के समय दक्षिणी राज्य में विलय के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। दो पड़ोसी…
Tumblr media
View On WordPress
0 notes
roh230 · 5 months
Link
0 notes