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#जन्माष्टमी 2021 मिठाई
newsreporters24 · 3 years
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Janmashtami 2021: 7 Healthy Desserts To Make At Home
Janmashtami 2021: 7 Healthy Desserts To Make At Home
कृष्ण जन्माष्टमी आनंद और भोजन का त्योहार है। इस दिन कुछ पर्णपाती मिठाइयों के बिना, उत्सव अधूरा है। लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि हमें अपने सभी स्वस्थ आहार लक्ष्यों को तोड़ना चाहिए और चीनी और क्रीम के ढेर में शामिल होना चाहिए? नहीं! मिठाई और मिठाइयों को भी स्वस्थ बनाया जा सकता है! हम आपके लिए चुनने के लिए कुछ हेल्दी डेज़र्ट रेसिपी लेकर आए हैं। उबेर-स्वस्थ सामग्री और ढेर सारे प्यार के साथ इन्हें…
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newsxpaper · 3 years
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पकाने की विधि: इस जन्माष्टमी, घर पर शेफ रणवीर बराड़-अनुमोदित कलाकंद को चाबुक करें
पकाने की विधि: इस जन्माष्टमी, घर पर शेफ रणवीर बराड़-अनुमोदित कलाकंद को चाबुक करें
जन्माष्टमी की मिठाइयाँ तैयार हैं? घबराएं नहीं क्योंकि हमने आपको शेफ रणवीर बराड़ की झटपट कलाकंद की आसान और स्वादिष्ट रेसिपी दी है, जो दो परोसती है और इसे बनाने में केवल 15 मिनट लगते हैं। ज़राफ़शान शिराज़ो द्वारा, दिल्ली अगस्त 28, 2021 08:50 अपराह्न पर अद्यतन भारत में जुलाई या अगस्त में भाद्रपद के महीने में अंधेरे पखवाड़े के आठवें दिन मनाया जाता है, Janmashtami भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है…
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newskey21 · 3 years
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जन्माष्टमी 2021 के लिए मूंगफली के लड्डू: इस हेल्दी मिठाई को सिर्फ 2 सामग्री से तैयार करें
जन्माष्टमी 2021 के लिए मूंगफली के लड्डू: इस हेल्दी मिठाई को सिर्फ 2 सामग्री से तैयार करें
दुनिया भर में कृष्ण भक्त जन्माष्टमी (30 अगस्त, 2021) का त्योहार मना रहे हैं। गोकुल अष्टमी भी कहा जाता है, यह त्योहार भगवान कृष्ण की जयंती के रूप में मनाया जाता है। दुनिया भर के हिंदू इस दिन को अपने अनोखे तरीके से मनाते हैं। हालांकि, उपवास, कृष्ण गोपाल को झूला झूलना ‘झूला‘ और उसे भेंट भोग सभी के बीच सबसे आम अनुष्ठानों में से कुछ हैं। जन्माष्टमी के दिन, भक्त जल्दी उठते हैं और अपने प्रिय देवता के…
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disuv · 3 years
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स्वतंत्रता दिवस
15-अगस्त-2021
हम कभी गाते थे - केसरिया बल भरने वाली, सादा है सच्चाई , हरा रंग है हरी हमारी धरती की अंगड़ाई 🇮🇳 !!
बल था अब नही है , सच्चाई थी अब नही है , हरा थे अब नही हैं !!
आखिर कैसे और कब ये सब हो गया ? पाठशाला से मधुशाला तक की यात्रा करने के अतिरिक्त कुछ भी तो उपलब्धि नही । रुपया है पर वह तो बल नही छल है । शब्दों का भंडार है पर वह तो सच्चाई नही महज एक रजाई है जिसके कारण पाण्डित्य का मुखौटा ससुशोभित है । देह में हर तरफ से सूखापन उजागर है लेकिन सामाजिक ढांचों में इस तरह से जम चुका है कि हरेभरे दिखते हैं ।
क्या इसीको स्वतंत्रता कहते हैं ? देश स्वतंत्र है तो क्या हम भी स्वतंत्र हैं ? जो दूसरों के ऊपर मालकियत करे वह मालिक या फिर वे मालिक जो स्वंय के ऊपर मालकियत करे ? हुन आये -गये , तुर्क आये- गये , मुगल आये -गये , अंग्रेज आये -गये परन्तु अब तो कोई नही फिर भी हम गुलाम ? हमें कौन निकालेगा ? हमने भी तो ��ालकियत को ही प्रथम पूज्य माना हुआ है । जिसको मर्जी उसी के गर्दन को दबोच देते हैं। ये दबे-कुचले लोग क्या वाकई स्वतंत्र हैं ? या फिर वे जो आवाज उठाते हैं , विवेकानंद को प्रत्यक्ष करते हैं उनको हम अप्रत्यक्ष कर देते हैं। वह पुलक जिसे फैलना चाहिए उसे अंगभंग करने में हम तनिक भी देर नही करते ।
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चारलोग तिरंगा लेकर गीत गा ले , नाच ले और फिर तरह तरह की बातें सुनाकर करोडों लोगों को भेड़-बकरियों की तरह हाँके - क्या वे सभी स्वतंत्र कभी हो पावेंगे ? कितनों को स्वतंत्रता मिली है अबतक भारत में? है कोई जो कह सके कि वह "स्वतंत्र " है ?
जब मैं गांव से शहर आया था तो एक ताजा फूल था - केसरिया बल, सादा जीवन और बिल्कुल हराभरा । वही गीत जिसको कभी भगत सिंह ने , कभी बोस ने , कभी राणा ने तो कभी शिवाजी ने गाया उसे शहर में मैंने दोहराया । परन्तु साफ साफ देखा कि गीत के मुखड़े पर कालिख़ लगाकर पहले से ही कुछ और ही गा रहे थे शहर के लोग ।।
नही , मैं शहर के लोगों को बेईमान नही कह रहा बल्कि गुलाम कह रहा हूँ । जो भी कभी पहले-पहल शहर आये होंगे उन्होंने वही किया होगा जो मैं कर रहा था परन्तु जल्दि ही रंग में रंग गये होंगे क्योंकि जो स्पष्ट कहेगा वह भ्र्ष्टाचार के हाथों मरेगा । यही खेल चल रहा है - इस खेल में या तो शरीक रहिये या फिर निर्भीक कहिये । परन्तु निर्भीक लोगों से मैं अबतक मिल नही पाया ।
लगभग ग्यारह वर्ष से कार्यरत हूँ । शहर ने बहुत कोशिश की की मेरे गीत पर भी कालिख़ मले लेकिन आज���क वे सफल नही हो पाए । बस दुःखी मैं भी हूँ परन्तु इसलिए नही की मुझे किसी से डर है बल्कि इसलिए कि भारत कभी भी स्वतंत्र नही हो सकेगा । विदेशी के हाथ मे सत्ता हो या देशी के हाथ मे - क्या फर्क पड़ता है ? आदेश और नियम में तो वही करना होगा इनको जो ये करने को आदि हैं ।
हालांकि अनेको विस्मरण हैं पर मुझे याद है कि कैसे कार्यालय में लोग डरे सहमे रहते हैं । कुछ भी नही बोलते । अपने से नीचेवाले को सभी दबाते रहते हैं । यही हाल उसके ऊपरवाले उनके साथ कर रहे होते हैं । विछिप्त अवस्था मे काम करते लोग , फीकी हंसी । मैं तो शब्दों के माध्यम से लिखता भर हूँ परंतु चेहरों को पढ़ने में काफी दिलचस्पी है । मैं देखता भर रहता था ।
मुझे जाननेवाले , जिनके साथ मैंने काम किया है वे बढियां से मुझे जानते हैं । उनको पता है - मैं मेरे मत के अनुसार चलने का आदि हूँ चाहे परिणाम कुछ भी हो । मैं स्वतंत्र हूँ - इसलिए नही की 1947 में देश स्वतंत्रत हुआ बल्कि इसलिए क्योंकि मैं स्वयं का मालिक हूँ और मुझपर कम से कम आजतक किसी की मालकियत नही रही । लोग जवानी में समझौता करते हैं और कुछ जोड़ लेने के बाद बुढ़ापे में विचार रखते हैं परंतु मैं जवानी में ही विचार रखने का आदि हूँ । इसके कारण विपदाओं को भी झेला है -परंतु स्वतंत्र विचार के आगे ऐसी विपदाओं का कोई महत्व नही । आत्मविश्वास और चेतना में ज्वाला है तो कहीं भी वैचारिक समझौता मेरे लिए असंभव है ।
स्वीकार करता हूँ कि थोड़ा बहुत चालक हो गया हूँ , करता वही हूँ जो मुझे करना है परंतु अब कृष्ण की तरह । पहले राम की तरह स्पष्ट था । जंगल मिलना ही था । परंतु अब कृष्णवस्त्र में घूमता हूँ । बचपन मे जिस कृष्ण को सबसे पहले देखा - जन्माष्टमी में नाचा , आरती की वही कृष्ण अब मेरे सारथी हैं । यदि कृष्ण गलत तो मैं भी गलत ।।
मैं स्वतंत्र हूँ । अनुभव ही स्वतंत्रता है । आवाज में बल और मन मे उठे तरंग वही बने रहेंगे जो हमेशा से अंदर है । मेरे चेहरे पर तरह तरह के मुखौटे हैं जिसे भेदना दुर्योधन के लिए कठिन ही नही असम्भव है ।। बस मैं अंत मे यही कहूंगा कि स्वतंत्र वही है जिसने परतंत्रता को जान लिया है । जिसने परतंत्रता को नही जाना वे कभी स्वतंत्र नही हो पाएंगे चाहे आजीवन 15 अगस्त के दिन झंडादोलन करने के उपरांत मिठाई खाते रहें ।
यह गीत मेरे दिल के करीब है , अति प्रिय , संस्कृति नही आती तो हिंदी में ही इसके अर्थ को जाना - क्या अदभुत लिख गए चटर्जी । जय हिंद।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🇮🇳
~दिशव
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newsxpaper · 3 years
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जन्माष्टमी 2021: घर पर बना रही हैं मिठाई? जन्माष्टम के लिए ट्राई करें यह अनोखा काजू और पिस्ता रोल
जन्माष्टमी 2021: घर पर बना रही हैं मिठाई? जन्माष्टम के लिए ट्राई करें यह अनोखा काजू और पिस्ता रोल
जन्माष्टमी नजदीक है, और हमें यकीन है कि आपका उत्साह चरम पर है! जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है, जिनका जन्म आठवें दिन या पवित्र महीने, श्रावण की ‘अष्टमी’ की आधी रात को हुआ था। इस बार जन्माष्टमी 30 अगस्त (सोमवार) को मनाई जा रही है। यह पवित्र दिन कृष्ण भक्तों के बीच बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। चूंकि यह त्योहार व्यापक रूप से मनाया जाता है, इसलिए बहुत से लोग प्रसाद के रूप में चढ़ाए…
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newsreporters24 · 3 years
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Watch: Keto Chenna Murki Recipe: A Guilt-Free Treat For Janmashtami
Watch: Keto Chenna Murki Recipe: A Guilt-Free Treat For Janmashtami
त्योहारों का मौसम यहाँ है, सावन और रक्षा बंधन जैसे कई त्योहार बीत रहे हैं और कई और आने वाले हैं! हम मिठाई खाने से नहीं बच सकते, इन त्योहारों को मिठाई के ऊपर डिजाइन किया गया है। तो वजन बढ़ने की चिंता किए बिना इन त्योहारों का आनंद कैसे लें। हमें वजन बढ़ाए बिना इसे मनाने का तरीका खोजना होगा। इस जन्माष्टमी (30 अगस्त 2021) पर, अपनी मिठाई के लिए एक स्वस्थ विकल्प खाने पर स्विच करें! शुगर-फ्री डेसर्ट…
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newsxpaper · 3 years
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देखें: कीटो चेन्ना मुर्की रेसिपी: जन्माष्टमी के लिए एक अपराध-मुक्त दावत
देखें: कीटो चेन्ना मुर्की रेसिपी: जन्माष्टमी के लिए एक अपराध-मुक्त दावत
त्योहारों का मौसम यहाँ है, सावन और रक्षा बंधन जैसे कई त्योहार बीत रहे हैं और कई और आने वाले हैं! हम मिठाई खाने से बच नहीं सकते, ये त्यौहार मिठाई के ऊपर बनाए जाते हैं। तो वजन बढ़ने की चिंता किए बिना इन त्योहारों का आनंद कैसे लें। हमें वजन बढ़ाए बिना इसे मनाने का तरीका खोजना होगा। इस जन्माष्टमी (30 अगस्त 2021) पर, अपनी मिठाई के लिए एक स्वस्थ विकल्प खाने पर स्विच करें! शुगर-फ्री डेसर्ट खाने का चुनाव…
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