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#जन्माष्टमी के लिए मिठाई
vanmarkvans · 8 months
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अष्टमी रोहिणी, जिसे कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाता है, जिन्हें हिंदू धर्म में सबसे प्रिय और पूजनीय देवताओं में से एक माना जाता है। यह त्योहार आम तौर पर हिंदू महीने भाद्रपद में कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के घटते चरण) के आठवें दिन (अष्टमी) को पड़ता है, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर में अगस्त या सितंबर से मेल खाता है।
यहां अष्टमी रोहिणी से जुड़े कुछ प्रमुख पहलू और परंपराएं दी गई हैं:
भगवान कृष्ण का जन्म: अष्टमी रोहिणी मथुरा शहर में भगवान कृष्ण के चमत्कारी जन्म की याद दिलाती है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म देवकी और वासुदेव के यहां जेल की कोठरी में हुआ था, और उनका जन्म कई दिव्य घटनाओं और खगोलीय घटनाओं के साथ हुआ था।
आधी रात का उत्सव: माना जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ था। इसलिए, भक्त इसी क्षण एक भव्य उत्सव और पूजा करते हैं। मंदिरों और घरों को फूलों, रोशनी और भगवान कृष्ण की मूर्तियों से सजाया जाता है।
उपवास और भक्ति: कई हिंदू आधी रात तक दिन भर का उपवास रखते हैं, जिसे भगवान कृष्ण के जन्म के बाद तोड़ा जाता है। भक्त भजन (भक्ति गीत) गाते हैं, प्रार्थनाएँ करते हैं, और भगवान कृष्ण के जीवन और चमत्कारों के बारे में कहानी सुनाने में संलग्न होते हैं।
दही हांडी: भारत के कुछ हिस्सों में, विशेष रूप से महाराष्ट्र में, एक लोकप्रिय परंपरा देखी जाती है जिसे "दही हांडी" के नाम से जाना जाता है। इसमें दही या मक्खन से भरे बर्तन तक पहुंचने और उसे तोड़ने के लिए मानव पिरामिड बनाना शामिल है, जो भगवान कृष्ण की चंचल प्रकृति का प्रतीक है, जो एक बच्चे के रूप में मक्खन चुराने के लिए जाने जाते थे।
झाँकियाँ और जुलूस: भगवान कृष्ण के जीवन के दृश्यों को दर्शाने वाली विस्तृत झाँकियाँ (झाँकियाँ) बनाई जाती हैं और मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित की जाती हैं। भगवान कृष्ण की मूर्तियों के साथ जुलूस सड़कों पर निकाले जाते हैं, और भक्त अक्सर उनके जीवन के पात्रों के रूप में तैयार होते हैं।
मिठाइयाँ और प्रसाद: भगवान कृष्ण को प्रसाद के रूप में विशेष व्यंजन और मिठाइयाँ, जैसे मक्खन, दूध, और माखन मिश्री (गाढ़े दूध से बनी मिठाई) तैयार की जाती हैं। भक्त इन प्रसादम (धन्य भोजन) को परिवार और दोस्तों के साथ साझा करते हैं।
आध्यात्मिक शिक्षाएँ: अष्टमी रोहिणी भगवद गीता में वर्णित भगवान कृष्ण की शिक्षाओं को प्रतिबिंबित करने का एक अवसर है, जहाँ वे कुरुक्षेत्र के युद्ध के मैदान में अर्जुन को आध्यात्मिक ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
सांस्कृतिक प्रदर्शन: उत्सव के हिस्से के रूप में भारत के विभिन्न हिस्सों में भगवान कृष्ण के जीवन पर आधारित पारंपरिक नृत्य और नाटक सहित कई सांस्कृतिक प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं।
अष्टमी रोहिणी न केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि हिंदुओं के लिए बहुत खुशी, भक्ति और आध्यात्मिक चिंतन का समय भी है। यह लोगों को भगवान कृष्ण की दिव्य उपस्थिति का जश्न मनाने और प्रेम, ज्ञान और धार्मिकता से भरे जीवन के लिए उनका आशीर्वाद लेने के लिए एक साथ लाता है।
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magahinews · 2 years
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मेले में उमड़ी भक्तों की भीड़, कृष्णभक्तों ने निकाला भव्य शोभायात्रा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मेले में उमड़ी भक्तों की भीड़, कृष्णभक्तों ने निकाला भव्य शोभायात्रा
Sheikhpura: श्री कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर बरबीघा के मिशन ओपी के समीप सीमावर्ती नालंदा जिले के अलीनगर गांव में आज भव्य मेला का आयोजन किया गया। जिसमें बरबीघा एवं इसके आस-पास के इलाकों से भारी संख्या में भीड़ ���ुटी। बरबीघा शहरी क्षेत्र के अलावे नालंदा जिले के खेतलपुरा, सारे, हरगावां, गिलानी, अम्माबीघा आदि गाँव के लोग मेला देखने पहुँचे। मेले को भव्य बनाने के लिए तरह-तरह के झूले के साथ मिठाई , खिलौने…
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newsreporters24 · 3 years
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Janmashtami 2021: 7 Healthy Desserts To Make At Home
Janmashtami 2021: 7 Healthy Desserts To Make At Home
कृष्ण जन्माष्टमी आनंद और भोजन का त्योहार है। इस दिन कुछ पर्णपाती मिठाइयों के बिना, उत्सव अधूरा है। लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि हमें अपने सभी स्वस्थ आहार लक्ष्यों को तोड़ना चाहिए और चीनी और क्रीम के ढेर में शामिल होना चाहिए? नहीं! मिठाई और मिठाइयों को भी स्वस्थ बनाया जा सकता है! हम आपके लिए चुनने के लिए कुछ हेल्दी डेज़र्ट रेसिपी लेकर आए हैं। उबेर-स्वस्थ सामग्री और ढेर सारे प्यार के साथ इन्हें…
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newskey21 · 3 years
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जन्माष्टमी 2021 के लिए मूंगफली के लड्डू: इस हेल्दी मिठाई को सिर्फ 2 सामग्री से तैयार करें
जन्माष्टमी 2021 के लिए मूंगफली के लड्डू: इस हेल्दी मिठाई को सिर्फ 2 सामग्री से तैयार करें
दुनिया भर में कृष्ण भक्त जन्माष्टमी (30 अगस्त, 2021) का त्योहार मना रहे हैं। गोकुल अष्टमी भी कहा जाता है, यह त्योहार भगवान कृष्ण की जयंती के रूप में मनाया जाता है। दुनिया भर के हिंदू इस दिन को अपने अनोखे तरीके से मनाते हैं। हालांकि, उपवास, कृष्ण गोपाल को झूला झूलना ‘झूला‘ और उसे भेंट भोग सभी के बीच सबसे आम अनुष्ठानों में से कुछ हैं। जन्माष्टमी के दिन, भक्त जल्दी उठते हैं और अपने प्रिय देवता के…
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newsxpaper · 3 years
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देखें: कीटो चेन्ना मुर्की रेसिपी: जन्माष्टमी के लिए एक अपराध-मुक्त दावत
देखें: कीटो चेन्ना मुर्की रेसिपी: जन्माष्टमी के लिए एक अपराध-मुक्त दावत
त्योहारों का मौसम यहाँ है, सावन और रक्षा बंधन जैसे कई त्योहार बीत रहे हैं और कई और आने वाले हैं! हम मिठाई खाने से बच नहीं सकते, ये त्यौहार मिठाई के ऊपर बनाए जाते हैं। तो वजन बढ़ने की चिंता किए बिना इन त्योहारों का आनंद कैसे लें। हमें वजन बढ़ाए बिना इसे मनाने का तरीका खोजना होगा। इस जन्माष्टमी (30 अगस्त 2021) पर, अपनी मिठाई के लिए एक स्वस्थ विकल्प खाने पर स्विच करें! शुगर-फ्री डेसर्ट खाने का चुनाव…
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disuv · 3 years
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स्वतंत्रता दिवस
15-अगस्त-2021
हम कभी गाते थे - केसरिया बल भरने वाली, सादा है सच्चाई , हरा रंग है हरी हमारी धरती की अंगड़ाई 🇮🇳 !!
बल था अब नही है , सच्चाई थी अब नही है , हरा थे अब नही हैं !!
आखिर कैसे और कब ये सब हो गया ? पाठशाला से मधुशाला तक की यात्रा करने के अतिरिक्त कुछ भी तो उपलब्धि नही । रुपया है पर वह तो बल नही छल है । शब्दों का भंडार है पर वह तो सच्चाई नही महज एक रजाई है जिसके कारण पाण्डित्य का मुखौटा ससुशोभित है । देह में हर तरफ से सूखापन उजागर है लेकिन सामाजिक ढांचों में इस तरह से जम चुका है कि हरेभरे दिखते हैं ।
क्या इसीको स्वतंत्रता कहते हैं ? देश स्वतंत्र है तो क्या हम भी स्वतंत्र हैं ? जो दूसरों के ऊपर मालकियत करे वह मालिक या फिर वे मालिक जो स्वंय के ऊपर मालकियत करे ? हुन आये -गये , तुर्क आये- गये , मुगल आये -गये , अंग्रेज आये -गये परन्तु अब तो कोई नही फिर भी हम गुलाम ? हमें कौन निकालेगा ? हमने भी तो मालकियत को ही प्रथम पूज्य माना हुआ है । जिसको मर्जी उसी के गर्दन को दबोच देते हैं। ये दबे-कुचले लोग क्या वाकई स्वतंत्र हैं ? या फिर वे जो आवाज उठाते हैं , विवेकानंद को प्रत्यक्ष करते हैं उनको हम अप्रत्यक्ष कर देते हैं। वह पुलक जिसे फैलना चाहिए उसे अंगभंग करने में हम तनिक भी देर नही करते ।
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चारलोग तिरंगा लेकर गीत गा ले , नाच ले और फिर तरह तरह की बातें सुनाकर करोडों लोगों को भेड़-बकरियों की तरह हाँके - क्या वे सभी स्वतंत्र कभी हो पावेंगे ? कितनों को स्वतंत्रता मिली है अबतक भारत में? है कोई जो कह सके कि वह "स्वतंत्र " है ?
जब मैं गांव से शहर आया था तो एक ताजा फूल था - केसरिया बल, सादा जीवन और बिल्कुल हराभरा । वही गीत जिसको कभी भगत सिंह ने , कभी बोस ने , कभी राणा ने तो कभी शिवाजी ने गाया उसे शहर में मैंने दोहराया । परन्तु साफ साफ देखा कि गीत के मुखड़े पर कालिख़ लगाकर पहले से ही कुछ और ही गा रहे थे शहर के लोग ।।
नही , मैं शहर के लोगों को बेईमान नही कह रहा बल्कि गुलाम कह रहा हूँ । जो भी कभी पहले-पहल शहर आये होंगे उन्होंने वही किया होगा जो मैं कर रहा था परन्तु जल्दि ही रंग में रंग गये होंगे क्योंकि जो स्पष्ट कहेगा वह भ्र्ष्टाचार के हाथों मरेगा । यही खेल चल रहा है - इस खेल में या तो शरीक रहिये या फिर निर्भीक कहिये । परन्तु निर्भीक लोगों से मैं अबतक मिल नही पाया ।
लगभग ग्यारह वर्ष से कार्यरत हूँ । शहर ने बहुत कोशिश की की मेरे गीत पर भी कालिख़ मले लेकिन आजतक वे सफल नही हो पाए । बस दुःखी मैं भी हूँ परन्तु इसलिए नही की मुझे किसी से डर है बल्कि इसलिए कि भारत कभी भी स्वतंत्र नही हो सकेगा । विदेशी के हाथ मे सत्ता हो या देशी के हाथ मे - क्या फर्क पड़ता है ? आदेश और नियम में तो वही करना होगा इनको जो ये करने को आदि हैं ।
हालांकि अनेको विस्मरण हैं पर मुझे याद है कि कैसे कार्यालय में लोग डरे सहमे रहते हैं । कुछ भी नही बोलते । अपने से नीचेवाले को सभी दबाते रहते हैं । यही हाल उसके ऊपरवाले उनके साथ कर रहे होते हैं । विछिप्त अवस्था मे काम करते लोग , फीकी हंसी । मैं तो शब्दों के माध्यम से लिखता भर हूँ परंतु चेहरों को पढ़ने में काफी दिलचस्पी है । मैं देखता भर रहता था ।
मुझे जाननेवाले , जिनके साथ मैंने काम किया है वे बढियां से मुझे जानते हैं । उनको पता है - मैं मेरे मत के अनुसार चलने का आदि हूँ चाहे परिणाम कुछ भी हो । मैं स्वतंत्र हूँ - इसलिए नही की 1947 में देश स्वतंत्रत हुआ बल्कि इसलिए क्योंकि मैं स्वयं का मालिक हूँ और मुझपर कम से कम आजतक किसी की मालकियत नही रही । लोग जवानी में समझौता करते हैं और कुछ जोड़ लेने के बाद बुढ़ापे में विचार रखते हैं परंतु मैं जवानी में ही विचार रखने का आदि हूँ । इसके कारण विपदाओं को भी झेला है -परंतु स्वतंत्र विचार के आगे ऐसी विपदाओं का कोई महत्व नही । आत्मविश्वास और चेतना में ज्वाला है तो कहीं भी वैचारिक समझौता मेरे लिए असंभव है ।
स्वीकार करता हूँ कि थोड़ा बहुत चालक हो गया हूँ , करता वही हूँ जो मुझे करना है परंतु अब कृष्ण की तरह । पहले राम की तरह स्पष्ट था । जंगल मिलना ही था । परंतु अब कृष्णवस्त्र में घूमता हूँ । बचपन मे जिस कृष्ण को सबसे पहले देखा - जन्माष्टमी में नाचा , आरती की वही कृष्ण अब मेरे सारथी हैं । यदि कृष्ण गलत तो मैं भी गलत ।।
मैं स्वतंत्र हूँ । अनुभव ही स्वतंत्रता है । आवाज में बल और मन मे उठे तरंग वही बने रहेंगे जो हमेशा से ��ंदर है । मेरे चेहरे पर तरह तरह के मुखौटे हैं जिसे भेदना दुर्योधन के लिए कठिन ही नही असम्भव है ।। बस मैं अंत मे यही कहूंगा कि स्वतंत्र वही है जिसने परतंत्रता को जान लिया है । जिसने परतंत्रता को नही जाना वे कभी स्वतंत्र नही हो पाएंगे चाहे आजीवन 15 अगस्त के दिन झंडादोलन करने के उपरांत मिठाई खाते रहें ।
यह गीत मेरे दिल के करीब है , अति प्रिय , संस्कृति नही आती तो हिंदी में ही इसके अर्थ को जाना - क्या अदभुत लिख गए चटर्जी । जय हिंद।
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🇮🇳
~दिशव
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🌹 श्री कृष्ण जन्माष्टमी, 12 अगस्त, बुधवार 🌹
श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। जन्माष्टमी 12 अगस्त, बुधवार को मनाई जाएगी। हालांकि इसकी धूम धाम 11 अगस्त को भी बनी रहेगी क्योंकि अष्टमी तिथि 11 तारीख को है । 12 तारीख को रोहिणी नक्षत्र होने के कारण सभी वैष्णव 12 को इस साल जन्माष्टमी मनाएंगे ।
प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म में जन्माष्टमी के त्योहार को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि श्री कृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। जिन्होंने द्वापर युग में अनेकों राक्षसों का वध किया था। साथ ही यह वही परम पुरुषोत्तम भगवान हैं जिन्होंने कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। आज पूरी दुनिया गीता के ज्ञान का लाभ ले रही है। हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण को मोक्ष देने वाला माना गया है।
🍁💐 जन्माष्टमी व्रत/पूजन का महत्व : 💐🍁
जन्माष्टमी का महत्व बहुत अधिक है। सभी वैष्णव एवं कृष्ण भक्त जन्माष्टमी का व्रत करते हैं। शास्त्रों में जन्माष्टमी को व्रतराज कहा गया है यानी यह व्रतों में सबसे श्रेष्ठ व्रत माना गया है। इस दिन लोग पुत्र, संतान, मोक्ष और भगवद् प्राप्ति के लिए व्रत करते हैं। माना जाता है कि जन्माष्टमी का व्रत करने से सुख-समृद्धि और दीर्घायु का वरदान मिलता है। साथ ही भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्ति भी बढ़ती है। जन्माष्टमी का व्रत करने से अनेकों व्रतों का फल मिलता है।
����☘️ जन्माष्टमी पूजा विधि ☘️🌻
💢- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लीजिए.
💢- भगवान कृष्ण/ बाल गोपाल की मूर्ति चौकी पर एक पात्र में रखिए.
💢- भगवान कृष्ण से प्रार्थना करें कि 'हे भगवान कृष्ण ! कृपया पधारिए और पूजा ग्रहण कीजिए.
💢-भगवान को गंगाजल एवं पंचामृत से स्नान कराइये । गंगाजल न हो तो शुद्ध जल का उपयोग करें ।
इसके बाद अब श्री कृष्ण को वस्त्र पहनाएं और श्रृंगार कीजिए.
💢- अब दीपक/ धूप जलाएं ।
💢- फिर अष्टगंध चन्दन या रोली का तिलक लगाएं और साथ ही अक्षत (चावल) भी तिलक पर लगाएं.
💢- कृष्ण को उनके प्रिय भोग बनाकर अर्पण करें जैसे पंचामृत, माखन मिश्री, पेड़े, खीर, मेवे की मिठाई, मनोहर लड्डू, रबड़ी, रसमलाई।
ये सभी वस्तुएं घर मे आराम से बनाई जा सकती हैं ।
ये सभी कृष्ण की प्रिय भोग पदार्थ हैं ।
💢- तुलसी का पत्ता विशेष रूप से अर्पण कीजिए । तुलसी कृष्ण प्रिया है ।
💢- मधुराष्टकम / कृष्ण कृपा कटाक्ष स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं ।
💢- कृष्ण महामंत्र-
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
इस मंत्र का जाप अति लाभदायक होगा, क्योंकि यह राधा और कृष्ण, दोनो का संयुक्त मंत्र है ।
💢- यदि फल/दूध पे व्रत रख सकें तो बेहद अच्छा है ।
🌹❤️🙏 जय श्री राधे कृष्णा 🌹❤️🙏
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radheradheje · 4 years
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✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨ 🌞🚩 बहुत ही सरल विधि से घर पर अपने ठाकुर जी का प्रकट महोत्सव पूजन कर सकते हैं... शुभ जन्माष्टमी का व्रत एकादशी के जैसे ही रखना चाहिए... फलाहार करके जयदातार भक्त लोग कृष्ण जन्म के बाद ही फलाहार करते हैं कुछ भक्त लोग जल भी नहीं लेते कृष्ण जन्म के बाद ही जल लेते हैं। अन्नं प्रसाद ठाकुर को भोग लगा कर आप अगले दिन लीजिए। पूजा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की एक सूची यहां दी गई है। 🚩सर्वप्रथम अभिषेक के लिए: दही, शहद, दूध, घी, गंगा जल, एक चौकी, पीला साफ कपड़ा, बाल कृष्ण की मूर्ति (श्री विग्रह) दीपक, धूपबत्ती, चंदन, 🚩ठाकुर जी का भोग: माखन, मिश्री, भोग सामग्री , धनिए का पंजीरी ठाकुर जी को विशेष रूप से भोग लगाया जाता है। तुलसी का पत्र, फूल, कान्हा के श्रृंगार के लिए: पीले वस्त्र और मोरपंख, बांसुरी और मुकुट, इत्र 🚩पूजन विधि: 1. बाल कृष्ण को दूध से स्नान कराएं. 2. इसके बाद बारी-बारी से दही, घी, शहद से नहलाएं. 3. इसके बाद आखिर में गंगाजल से स्नान कराएं. इन सभी चीजों से बाल गोपाल का स्नान कराने के बाद उसे फेकें नहीं. बल्कि उसे पंचामृत के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. 4. स्नान के बाद बाल गोपाल को बच्चे की तरह सजाएं, श्रृंगार करे 5. सबसे पहले बाल गोपाल को लंगोट पहनाएं और उसके बाद उन्हें वस्त्र पहनाएं. 6. इसके बाद उन्हें गहने पहनाए... फूल अर्पित करे, इत्र रुई में लगा कर ठाकुर जी के समीप रखे। 7. परम भगवान कृष्ण को उनके शुद्ध भक्त वैष्णव संप्रदाय के आचार्यों का लिखित भजन गाकर सुनाए और चंदन और अक्षत से तिलक लगाएं. 8. धूप, दीप दिखाएं महा आरती करें.... आरती गाए और माखन मिश्री, खीर, पूरी, मिठाई, हलुआ,और तुलसी पत्ता का भोग लगाएं. सभी भोग में एक एक तुलसी पत्र अवश्य डाले। 9. अब बाल गोपाल को झूले पर बिठाकर झुलाएं और जय कन्हैया लाल की गाएं. 10. जन्माष्टमी के दिन भक्त लोग रातभर जग कर हरि नाम संकीर्तन करते हैं। जितना हो सके हरे कृष्ण महामंत्र का इस शुभ दिन जाप कर सकते हैं करिए। 🚩हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।🚩 सभी भक्त हमारे Youtube चैनल से भी जुड़ जाएं | जय श्री राधे कृष्णा https://www.youtube.com/c/RadheRadheje #radheradheje #jaishreeradheradheje #kirshna #spirituality #inspiration #devotional #prem #bhakti #devichitralekhaji #motivation #LadduGopal #RADHEKRISHNA https://www.instagram.com/p/CDtsDoYgZuF/?igshid=1peietb3mzqxv
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kisansatta · 4 years
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जन्माष्टमी कल:जाने व्रत और पूजन का सही समय
लखनऊ। कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो विष्णु के आठवें अवतार, कृष्ण के जन्म का जश्न मनाता है। यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार श्रावण या भाद्रपद में कृष्ण पक्ष के आठवें दिन मनाया जाता है। यह विशेष रूप से हिंदू धर्म की वैष्णव धर्म परंपरा का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। भागवत पुराण के अनुसार कृष्ण के जीवन के नाटक अधिनियमों जैसे, रास लीला या कृष्ण लीला, कृष्ण का जन्म, मध्यरात्रि के माध्यम से भक्ति गायन, उपवास, एक रात रागी जागरण, और अगले दिन एक महोत्सव, जन्माष्टमी समारोह का एक हिस्सा है। यह विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में मनाया जाता है, साथ ही प्रमुख वैष्णव और गैर-संप्रदाय समुदाय मणिपुर, असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और भारत के अन्य सभी राज्य।
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जन्माष्टमी का उत्सव हर साल ज़ोरो-शोरो से मनाया जाता था, पर इस साल कोरोना जैसी महामारी के कारण कई मंदिरो द्वारा वर्चुअल उत्सव का आयोजन किया जा रहा है , जिससे विश्व में बसे भारतीयों को जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर, कोई कमी न रह जाये।
जानिए जन्माष्टमी का सही समय:- जन्माष्टमी कि तिथि 11 अगस्त को प्रातः 09:06 शुरू होगी और 12 अगस्त को 11:16 पर ख़तम होगी। रोहिणी नक्षत्र 12 अगस्त को प्रातः 03:27 पर शुरू होगी और 14 अगस्त को प्रातः 05:22 पर ख़तम होगी। पूजा करने का सही समय 12 अगस्त को रात्रि 12:05 से 12:48 तक है। अलग अलग शहरों में समय अलग-अलग हो सकता है।
यह भी पढ़े:-राहुल गाँधी: रोज़गार दो
जानिए जन्माष्टमी का महत्व :- कृष्ण, देवकी और वासुदेव अनाकुंडुभि के पुत्र हैं और उनके जन्मदिन को हिंदुओं द्वारा जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। विशेष रूप से गौड़ीय वैष्णववाद परंपरा के अनुसार उन्हें देवत्व का सर्वोच्च व्यक्तित्व माना जाता है। जन्माष्टमी हिंदू परंपरा के अनुसार मनाया जाता है। कृष्ण अराजकता के क्षेत्र में पैदा हुए थे। यह एक समय था जब उत्पीड़न उग्र था, स्वतंत्रता से इनकार किया गया था, हर जगह बुराई थी, और जब उसके चाचा, राजा कंस द्वारा उसके जीवन के लिए खतरा था। मथुरा में जन्म के तुरंत बाद, उनके पिता वासुदेव अनाकुंडुभि नंद और यशोदा नाम के गोकुल में माता-पिता को पालने के लिए कृष्ण को यमुना पार ले गए थे।
  यह व्रत जन्माष्टमी पर लोगों द्वारा व्रत रखने, कृष्ण के प्रति प्रेम के भक्ति गीत गाकर और रात्रि जागरण करके मनाया जाता है। कृष्ण के मध्यरात्रि के जन्म के बाद, शिशु कृष्ण की मूर्तियों को धोया जाता है और उन्हें कपड़े पहनाए जाते हैं, फिर एक पालने में रखा जाता है। श्रद्धालु भोजन और मिठाई बांटकर अपना उपवास तोड़ते हैं। महिलाएं अपने घर के दरवाजे और रसोई के बाहर छोटे पैरों के निशान, अपने घर की ओर चलना, कृष्ण की अपने घरों में यात्रा का प्रतीक हैं।
  https://kisansatta.com/janmashtami-tomorrow-the-right-time-for-fasting-and-worship/ #HindiNews, #HindiSamachaar, #Janmaashtami, #KrishnaJanmUtsav, #TimimgAndMuhurat hindi news, hindi samachaar, janmaashtami, krishna janm utsav, timimg and muhurat Culture, In Focus, Religious, Top, Trending #Culture, #InFocus, #Religious, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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jyotishseva1 · 5 years
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कृष्ण जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के 10 उपाय 1 – कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करके राधा-कृष्ण के मंदिर में भगवान कृष्ण को पीले फूलों की माला अर्पण करने से धन संबंधित परेशानी दूर होती है और लक्ष्मी प्राप्ति के योग बनने लगते हैं. 2 – भगवान श्रीकृष्ण को पीतांबर धारी भी कहते हैं इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण को पीले रंग के कपडे, पीले अनाज, पीले फल. पीली मिठाई चढ़ानी चाहिए. ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण और मां लक्ष्मी दोनों की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन और यश की कमी नहीं आती है. 3 – जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई, साबुदाने की खीर का भोग लगाएं, खीर में चीनी के बजाय मिश्री का प्रयोग करें और तुलसी दल ज़रूर डालें. इस उपाय को करने से श्रीकृष्ण की कृपा से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति के योग बनने लगते हैं. 4 – दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर जन्माष्टमी के दिन सुबह के वक्त भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्तों की समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं. 5 – मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए या फिर प्रेम में सफलता पाने के लिए जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण के मंदिर में जाकर उन्हें पीले फूलों की माला चढ़ाएं, पीले रंग की मिठाई, मिश्री, शहद और इलायची का भोग लगाएं. 6- जन्माष्टमी की रात बारह बजे, जिस समय श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था उस समय दूध में केसर मिलाकर श्रीकृष्ण का अभिषेक करना चाहिए. ऐसा करने से श्रीकृष्ण की कृपा से आपके घर में सदा सुख-समृद्धि का वास रहेगा. 7- जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण को पानी वाला नारियल व केला अर्पित करें और अपने मनचाहे प्रेमी या प्रेमिका को मन में रखकर ‘ओम क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा:’ इस मंत्र का जाप करें. राधा-कृष्ण की प्रतिमा के सामने रोज़ाना इस मंत्र की पांच माला जपें. इस उपाय से प्रेम विवाह और मनचाहा जीवनसाथी पाने की इच्छा पूरी होने की प्रबल संभावना बनने लगती है. 8 – मंदिर में जटा वाला नारियल और कम से कम 11 बादाम जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण को चढ़ाएं. जो व्यक्ति जन्माष्टमी से लगातार 27 दिन तक कृष्ण के मंदिर में जटावाला नारियल और 11 बादाम चढ़ाता है उस व्यक्ति के सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होने लगते हैं. 9 – अगर लाख कोशिशों के बाद भी व्यापार और नौकरी में मन मुताबिक सफलता नहीं मिल रही है तो जन्माष्टमी के दिन अपने घर में 7 कन्याओं को बुलाकर उन्हें सफेद मिठाई या फिर खीर खिलाएं साथ ही उन्हें कुछ उपहार भी दें. इस उपाय को अगले 5 शुक्रव https://www.instagram.com/p/B1f1vL4nQP8/?igshid=3rom419x63py
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newsreporters24 · 3 years
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Watch: Keto Chenna Murki Recipe: A Guilt-Free Treat For Janmashtami
Watch: Keto Chenna Murki Recipe: A Guilt-Free Treat For Janmashtami
त्योहारों का मौसम यहाँ है, सावन और रक्षा बंधन जैसे कई त्योहार बीत रहे हैं और कई और आने वाले हैं! हम मिठाई खाने से नहीं बच सकते, इन त्योहारों को मिठाई के ऊपर डिजाइन किया गया है। तो वजन बढ़ने की चिंता किए बिना इन त्योहारों का आनंद कैसे लें। हमें वजन बढ़ाए बिना इसे मनाने का तरीका खोजना होगा। इस जन्माष्टमी (30 अगस्त 2021) पर, अपनी मिठाई के लिए एक स्वस्थ विकल्प खाने पर स्विच करें! शुगर-फ्री डेसर्ट…
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bhaskarhindinews · 4 years
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Sweet: इस जन्माष्टमी बनाएं भगवान की प्रिय मोहनथाल, आसान है रेसिपी
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जन्माष्टमी आने वाली है और इस पर्व की तैयारियां देखने को मिलने लगी हैं। घरों में भगवान श्री कृष्ण के लिए तरह तरह की मिठाईयां बनाई जाने लगी हैें। हालांकि श्री कृष्ण को दूध से बनी चीजें अधिक पसंद होती हैं, इसलिए कुछ मिठाईयां जन्माष्टमी पर ही बनाई जाती हैं। लेकिन इन सब के बीच एक और मिठाई है जिसका भोग श्री कृष्ण को लगाया जाता है और इसका नाम भी उन्हीं के नामों में से एक पर रखा गया है।
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ivxtimes · 4 years
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Krishna Janmashtami 2020: जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण को लगाए इस चीज का भोग, नौकरी और बिजनेस में मिलेगा लाभ Image Source : INSTAGRAM/GETFLOWERSDAILY
भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और मंगलवार का दिन है। अष्टमी तिथि  पूरा दिन पूरी रात पार कर बुधवार दोपहर पहले 11 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। पूरा दिन पार कर देर रात 12 बजकर 57 मिनट तक भरणी नक्षत्र रहेगा उसके बाद कृत्तिका नक्षत्र लग जाएगा। इसके अलावा पूरा दिन पूरी रात पार कर बुधवार सुबह 9 बजकर 25 मिनट तक वृद्धि योग रहेगा। जैसा कि इसका नाम है वृद्धि। इस योग में किए गए कार्य में वृद्धि ही होती है। 
जन्माष्टमी का दिन बहुत ही महत्व रखता है। इस दिन तंत्र-मंत्र और विभिन्न इच्छाओं की पूर्ति के लिए बहुत ही श्रेष्ठ है। इस दिन कुछ खास उपाय करके आप प्यार, पैसा और शोहरत सब कुछ पा सकते हैं।  जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से इन उपायों के बारे में। 
अगर आप  कोई बिजनेस  या नौकरी करते हैं, लेकिन उसमें  फायदा नहीं हो रहा है, तो अपनी तरक्की के लिये  जन्माष्टमी के दिन कन्हैया जी को खीर का भोग लगायें फिर सात कन्याओं को घर  बुलाकर खीर खिलाएं,  इसके साथ  श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप करें-'ऊँ क्लीं नमो भगवते नन्दपुत्राय बालादिवपुषे श्यामलाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा।' आपको बिजनेस में या नौकरी में लाभ ही लाभ होगा।
अगर आप शत्रु से छुटकारा पाना चाहते हैं या आपको पिछले कुछ समय से कोई व्यक्ति बहुत परेशान कर रहा है तो आज के दिन रात को ठीक 12 बजे साबुत उड़द की काली दाल और चावल के दाने मिलाकर घर के बाहर किसी एकांत जगह पर गड्ढ़े में दबा दें। साथ ही श्री कृष्ण भगवान के इस विशेष मंत्र का जाप करें। मंत्र है-'ऊँ नमो भगवते रुक्मिणी वल्लाभाय स्वाहा।'  आज के दिन ऐसा करने से आपको शत्रुओं से जल्द ही छुटकारा मिलेगा। 
अगर आप किसी से प्रेम करते हैं और अब उसे अपना जीवनसाथी बनाना चाहते हैं, तो आज जन्माष्टमी के दिन मंदिर में जाकर सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण को पीले फूलों की माला पहनाइए और गोले की मिठाई से भोग लगाइए। साथ ही उनके इस मंत्र का जाप करिये। मंत्र है -'ॐ क्लीं ह्रीं श्रीं गोपीजन वल्लभाय स्वाहा |' आज के दिन ऐसा करने से आपके प्रेम विवाह में आ रही सारी अड़चने जल्द ही दूर हो जायेगी।
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अगर आप अपने जीवन में खुशहाली बनाये रखना चाहते हैं, तो आज के दिन पॉजिटिविटी बनाये रखने के लिये भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर के सामने आसन बिछाकर बैठ जायें। साथ ही एक पात् में केसर और रोली मिलाकर रखें। इसके बाद श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप करें-'ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविन्दाय श्रीं गोपी जनवल्लभाय स्वाहा सौं।' आज के दिन इस मंत्र का जाप करने के बाद उस केसर मिश्रित रोली को घर के मंदिर में रख दें और रोज सुबह स्नान आदि के बाद अपनी नाभि व अपने माथे पर उसे लगाएं। ऐसा करने से आपके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी |
अगर आप अपने दाम्पत्य संबंधों को मजबूत और मधुर बनाना चाहते हैं, तो आज के दिन श्री कृष्ण मंदिर में जाकर दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक करें और भगवान को शहद और इलाइची का भोग लगाइए। साथ ही श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप करें। मंत्र है-  'क्लीं कृष्णाय स्वाहा।' आज के दिन ऐसा करने से आपके दाम्पत्य संबंध मजबूत और मधुर बनेंगे।
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अगर आप अपने परिवार में सुख-शांति बनाये रखना चाहते हैं और घर के सदस्यों के बीच प्यार बढ़ाना चाहते हैं, तो आज के दिन रात को श्री कृष्ण जन्म के समय विधि-पूर्वक भगवान की पूजा-अर्चना करें और उन्हें माखन मिश्री का भोग लगाएं। साथ ही उनके इस मंत्र का जाप करें-'ऊं नमो भगवते नारायणाय |' आज के दिन ऐसा करने से आपके परिवार में सुख-शांति और प्यार बना रहेगा। 
अगर आपकी कोई ऐसी इच्छा है, जो बहुत दिनों से आपके मन में है और उसे आप जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं, तो आज जन्माष्टमी के दिन शंख में जल भरकर लड्डू गोपाल का अभिषेक करें। साथ ही रात के समय श्री कृष्ण के इस विशेष मंत्र का जाप करें- 'श्रीं ह्रीं क्लीं कृष्णाय गोविन्दाय स्वाहा।' आज के दिन ऐसा करने से आपके मन की मुरादें जल्द से जल्द पूरी होगी।
अगर आप किसी आर्थिक संकट से परेशान रहते हैं या आप किसी फाइनेंशियल कंडिशन से जूझ रहे हैं, तो आज के दिन राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर श्रीकृष्ण जी को अपने हाथों से बनी पीले फूलों की माला अर्पित करें। साथ ही कृष्ण जन्म के समय शारदातिलक में दिये उनके इस अष्ट दशाक्षर मंत्र का जाप करें-'क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।' आज के दिन भगवान श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप करने से आपके आर्थिक संकट जल्द ही दूर होने लगेंगे और धन लाभ के योग भी बनेंगे।
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अगर आप ऐश्वर्य की प्राप्ति करना चाहते हैं और समाज में शोहरत पाना चाहते हैं, तो आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण को साबुतदाने अथवा चावल की खीर बनाकर भोग लगाएं। साथ ही संभव हो तो खीर में थोड़ी केसर की पत्तियां भी डालें। इसके अलावा अपने काम की सिद्धि के लिये रात को श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप करें- 'क्लीं हृषिकेशाय नमः।' आज के दिन ऐसा करने से आपको ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी और समाज में शोहरत भी मिलेगी |
आपके पास पैसा तो बहुत है, लेकिन पैसा रूकता नहीं है, कहीं न कहीं खर्च हो जाता है और आखिर में जरूरत के समय आपको दूसरों से पैसा उधार मांगना पड़ता है, तो ऐसे में आज के दिन जन्माष्टमी की रात ठीक 12 बजे एकान्त में लाल कपड़े पहनकर बैठें और अपने सामने 10 लक्ष्मी कारक कौडि़यों को, सिंदूर में रंगकर रखें। साथ ही तेल का दीपक जलाएं और उनके इस मंत्र का जाप करें। मंत्र है -'गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।' इस मंत्र से 5 माला जाप करें और जाप पूरा होने के बाद पूजन में रखी कौड़ियों को उठाकर अपने धन रखने के स्थान पर या तिजोरी में रख दें। आज के दिन ऐसा करने से आपका पैसा आपके पास रूकने लगेगा और आपकी आर्थिक स्थिति में मजबूती आयेगी।
अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में कभी यश की कमी न हो और आपकी तिजोरियां हमेशा भरी रहें, तो इसके लिये आज के दिन श्री कृष्ण मंदिर में जाकर पीले रंग के कपड़े, पीला फल, अनाज और पीले रंग की मिठाई दान करें। साथ ही रात को कृष्ण जन्म के समय उनके इस मंत्र का जाप करें- 'क्लीं कृष्णाय स्वाहा।' आज के दिन ऐसा करने से आपके जीवन में कभी यश की कमी नहीं होगी और आपकी तिजोरियां हमेशा भरी रहेंगी।
अगर आप लक्ष्मी की कृपा अपने ऊपर बनाये रखना चाहते हैं और जीवन में खूब तरक्की पाना चाहते हैं, तो आज जन्माष्टमी के दिन घर में या किसी बाग में या किसी मन्दिर आदि में केले के दो पौधे लगाएं। साथ ही अपने काम बनाने के लिये रात के समय श्री कृष्ण के इस मंत्र का जाप करें-'श्रीं ह्रीं क्लीं कृष्णाय स्वाहा।' आज के दिन ऐसा करने से आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी और जीवन में आपकी तरक्की होगी।
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newsxpaper · 3 years
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जन्माष्टमी 2021: घर पर बना रही हैं मिठाई? जन्माष्टम के लिए ट्राई करें यह अनोखा काजू और पिस्ता रोल
जन्माष्टमी 2021: घर पर बना रही हैं मिठाई? जन्माष्टम के लिए ट्राई करें यह अनोखा काजू और पिस्ता रोल
जन्माष्टमी नजदीक है, और हमें यकीन है कि आपका उत्साह चरम पर है! जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है, जिनका जन्म आठवें दिन या पवित्र महीने, श्रावण की ‘अष्टमी’ की आधी रात को हुआ था। इस बार जन्माष्टमी 30 अगस्त (सोमवार) को मनाई जा रही है। यह पवित्र दिन कृष्ण भक्तों के बीच बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। चूंकि यह त्योहार व्यापक रूप से मनाया जाता है, इसलिए बहुत से लोग प्रसाद के रूप में चढ़ाए…
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Essay on Baisakhi in Hindi | बैसाखी पर निबंध
Essay on Baisakhi in Hindi: बैसाखी’ अथवा ‘वैसाखी की गिनती भारत के मुख्य पर्वों में की जाती हैं. यह एक ऋतु विशेष पर्व हैं. मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में इन्हें बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता हैं. आज के Baisakhi par Nibandh में स्टूडेंट्स के लिए हम Baisakhi Short Essay लेकर आए हैं. जिनके द्वारा आप इस पर्व को अच्छी तरह से जान सकते हैं.
Essay on Baisakhi in Hindi | बैसाखी पर निबंध 2019
हमारे देश में बहुत से मेले उत्सव और त्योहार मनाए जाते हैं. उनमे से बैसाखी का मेला भी प्रमुख हैं. यह बैसाखी का मेला वैशाख महीने के पहले दिन मनाया जाता है ,जो प्रायः 13 अप्रैल को पड़ता हैं. इस समय तक भारत में गर्मी आरम्भ हो जाती हैं. इसलिए हमारे पूर्वजों ने इस मेले के लिए नदी स्नान का रिवाज चलाया होगा.
सवेरे चार बजे ही नींद छोड़कर लोग अपने संगी साथियों के साथ नदी की ओर चल पड़ते हैं. इसलिए कि इस दिन नदी में स्नान करना बड़ा पवित्र माना जाता हैं. यूँ तो कई लोग इस दिन हरिद्वार जाकर गंगा मैया के पवित्र जल में स्नान करते हैं. पर जो वहां नहीं जा सकते हैं. वे अपने ही नगर के समीप नदी के तट पर पहुचते हैं. जहाँ नदी नहीं हैं वहां तालाब, नहर आदि के किनारे बैसाखी का मेला लगता हैं.
दिल्ली में यमुना तट पर दिन बढने से पहले ही लाखों लोग पहुच जाते हैं. फिर भी पूरे दिन जनता की एक नदी सी उमड़ती दिखाई देती हैं. तट पर कपड़े उतारकर लोग यह यमुना मैया कहते हुए जल में उतरकर, स्नान करके तन मन को शान्ति प्रदान करते हैं. कई लोग भजन गाते हैं, कई कीर्तन करते हैं. कई तट पर बने मन्दिरों में भगवान् की पूजा करते हैं और कुछ घाट पर ही बैठकर आँखे मूंदकर प्रभु का ध्यान करते नजर आते हैं.
कुछ लोग जल में तैरते हुए व्यायाम करते हैं. तो कुछ लोग छलांगे लगाकर मन को प्रसन्न करते हैं. इस समय तट पर अनोखी शोभा होती हैं. जहाँ तक दृष्टि जाती है, अपार जनसमूह दिखाई पड़ता है. मन्दिरों में घंटों, घड़ियालों और शंखों की आवाज गूंज उठती हैं. ठंडी ठंडी हवा में उड़ते हुए जल के छांटे अंग अंग को शीतल करते हैं. नर नारी जहाँ भक्ति की ओर मन लगाते हैं. वहां बालज बालिकाएं किलकारियां भरते हुए उछल कूद मचाते हुए दिखाई देते हैं.
कुछ दानी लोग स्नान के बाद तट पर आए ब्राह्मणों को दक्षिणा देते हैं. ऐसे में कुछ भिखारी भी दान पाने के लिए हाथ फैलाएं दिखाई देते हैं.
पूजा पाठ और दान के बाद कुछ खाने पीने के कार्यक्रम चलते हैं. कुछ स्त्रियाँ भक्ति के गीत गाने लगती हैं. कुछ लोग वेदों के मन्त्र और प्रार्थना के श्लोक उच्चारित करते हैं.
बहुत से गाँवों में नर नारी भी नगर के घाटों पर मेले की झांकी देखने आ जाते हैं और जनता के अपार समुदाय को देखकर हैरान होते हैं. कि ये लाखों लोग आ कहाँ से गये.
बच्चे स्नान के बाद पूरी, मिठाई और फल की दुकानों की ओर लपकते हैं. मनचाही वस्तु पाकर वे खुश होकर खाते पीते हैं और मन में ख़ुशी मनाते हैं कि ऐसे वैसाखी के मेले और त्योहार जल्दी जल्दी आया करे.
पंजाब में वैसाखी का मेला बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं. सतलज, व्यास, रावी, चिनाब आदि नदियों या नहरों के किनारे लोग इकट्ठा होते हैं. गाँव के लोग कबड्डी, कुश्ती आदि खेल खेलते हैं. कई लोग मुहं से दोहरी बांसुरी बजाते हैं, जिन्हें अलगोजे कहा जाता हैं. कई जगह पशुओं की प्रदर्शनी भी होती हैं.
मेले और त्योहारों से राष्ट्रीय एकता बढ़ती हैं. राष्ट्र में प्रसन्नता तथा उत्साह की वृद्धि होती हैं. आगे कार्य करने की शक्ति परिवर्धित होती हैं. अतः हमें इन त्योहारों को बड़े उत्साह से मनाना चाहिए.
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त्योहारों का महत्व पर निबंध
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार का महत्व और कविता
पुष्कर मेले का इतिहास
राजस्थान के प्रमुख मेले निबंध
आशा करता हूँ दोस्तों यहाँ लिखा गया Essay on Baisakhi in Hindi का यह लेख आपकों अच्छा लगा होगा. वैसाखी के मेले पर एक निबंध आपकों अच्छा लगा हो तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.
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devtantra · 6 years
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जन्माष्टमी को सुख-समृद्धि प्राप्ति के लिए करें ये ज्योतिष के विशेष उपाय शास्त्रों के अनुसार श्री कृष्ण की पत्नी रुक्मणी माँ लक्ष्मी का अवतार थी अत: अगर इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाएं तो माता लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। यदि आप जन्माष्टमी के दिन ये उपाय पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास से करेंगे तो आपको अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी श्री कृष्ण जनमाष्टमी के दिन किए जा सकने वाले ज्योतिष उपाय – 1. यदि आपकी आमदनी में कोई इज़ाफा नही हो रहा हो और नौकरी में प्रमोशन भी नहीं हो रहा हो तो जन्माष्टमी के दिन सात कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं। यह काम पांच शुक्रवार तक लगातार करें। 2. आर्थिक संकट के निवारण और धन लाभ के लिए जन्माष्टमी के दिन प्रात: स्नान आदि करने के बाद किसी भी राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर प्रभु श्रीकृष्ण जी को पीले फूलों की माला अर्पण करें। इससे आर्थिक संकट दूर होने लगते है और धन लाभ के योग प्रबल बनते है ।3.जन्माष्टमी के दिन प्रात: दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें । इसके बाद यह उपाय हर शुक्रवार को करें । इस उपाय को करने वाले जातक से मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं। इस उपाय को करने से समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती है। 4. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई, साबुतदाने अथवा चावल की खीर यथाशक्ति मेवे डालकर बनाकर उसका भोग लगाएं उसमें चीनी की जगह मिश्री डाले , एवं तुलसी के पत्ते भी अवश्य डालें। इससे भगवान श्री कृष्ण की कृपा से ऐश्वर्य प्राप्ति के योग बनते है। 5.भगवान श्रीकृष्ण को पीतांबर धारी भी कहलाते हैं, पीतांबर धारी का अर्थ है जो पीले रंग के वस्त्र पहनने धारण करता हो। इसलिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन किसी मंदिर में भगवान के पीले रंग के कपड़े, पीले फल, पीला अनाज व पीली मिठाई दान करने से भगवान श्रीकृष्ण व माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न रहते हैं, उस जातक को जीवन में धन और यश की कोई भी कमी नहीं रहती है । 6. जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण जी के मंदिर में जटा वाला नारियल और कम से कम 11 बादाम चढ़ाएं । ऐसी मान्यता है कि जो जातक जन्माष्टमी से शुरूआत करके कृष्ण मंदिर में लगातार सत्ताइस दिन तक जटा वाला नारियल और बादाम चढ़ाता है उसके सभी कार्य सिद्ध होते है, उसको जीवन में किसी भी चीज़ का आभाव नहीं रहता है। 7. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को पान का पत्ता अर्पित करें फिर उसके बाद उस पत्ते पर रोली से श्री मंत्र लिखकर उसे अपनी तिजोरी में रख लें। इस उपाय से लगातार धन का आगमन होता (at Sirpur, Chhattīsgarh, India) https://www.instagram.com/p/BnRF6XSHo1h/?utm_source=ig_tumblr_share&igshid=12t6jxc5hn7h3
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