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#जनता धोखा
todaypostlive · 1 year
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नीतिश ने बिहार की जनता को धोखा दिया- जेपी नड्डा
नीतिश ने बिहार की जनता को धोखा दिया- जेपी नड्डा
मुजफ्फरपुर। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को जिले के पारू उच्च विद्यालय में एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतिश कुमार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश ने बिहार की जनता को धोखा दिया है। जनादेश का अनादर किया है। प्रजातंत्रिक तरीके से इसका जवाब दिया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा विमान से पटना पहुंचकर सड़क मार्ग से यहां आए थे। उन्होंने कहा कि हम कुर्सी पर बैठने के लिए…
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deepjams4 · 28 days
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बाइस्कोप!
आओ बच्चो…………आओ बाइस्कोप दिखाऊँ
तुम्हें बचपन की कहानियों में छुपे रहस्य बताऊँ
ये छोटी सी ताकी बड़ी बड़ी कहानियाँ दिखलाए
मनोरंजन ही नहीं जीवन से परिचय भी करवाए!
इन कहानियों का…………मैं तो बस सूत्रधार हूँ
देस-परदेस की कहानियाँ बताने को बेक़रार हूँ
आज की कहानी के
टिकट का दाम है ……बस चार आना …….चार आना….
चार आना……हो सके तो लाना…..न हो तब भी आना….
रोकूँगा नहीं….बाइस्कोप के मज़े उठाने...भाग के आना….
भाग के आना…..भाग के आना….
आओ बैठो ताकी का ढक्कन हटाओ
बस अपनी आँख……ताकी में गढ़ाओ
और अब…….मेरी ही बात सुनते जाओ
बाइस्कोप देखो…...और मज़ा उठाओ
इस कहानी में एक देश में राज-काल है
जिसकी जनता का बड़ा ही बुरा हाल है
पनपता हुआ पूँजीवाद है….अधर में लटकता समाजवाद है
जेबें ख़ाली लिए खोखली….लाल रंगी वामपन्थी आवाज़ है
भौतिकवाद…..यथार्थवाद…..भक्तिवाद..….. दार्शनिकवाद
सब के सब ही बेहाल हैं वहाँ..…निरर्थक बना आदर्शवाद है
भोली प्रजा को भरमाते………धर्माधिकारियों की भरमार है
आशाएँ खोजती प्रजा पर……….....निराशा का दुष्प्रभाव है
पूँजीवादी हर तरफ़ फिरता है ख़ुशहाली की ढींगे हाँकता
वामपंथी ग़रीबी लाचारी बर्बादी की बस चीखें ही मारता
अस्तित्व खो चुका समाजवादी है अपने अवसर तलाशता
प्रजा हुई गरीब ….औ��� बेईमान सेठ हुआ अमीर
हर चीज़ हड़पकर कहे….ये बस है उसका नसीब
स्वाँग रचे है राजा……मगर लूट में है पूरा शरीक
एक वज़ीर है……..वो राजा के बड़ा ही करीब है
मगर बंदा दिखता बड़ा ही अजीब-ओ-गरीब है
राजपाठ चलाने को……..वज़ीर ही ज़िम्मेदार है
धनवानों से उसका रिश्ता बड़ा ही बाकमाल है
हिस्सा है उसका भी जितना सेठ लूटता माल है
राजकोष का तो उसने किया पूरा ही बंटाधार है
हाँ फ़ौज का मुखिया…घुड़सवार सिपहसलार है
जनता पे ज़ुल्म ढानेवालों का वो बना सरदार है
लूट का धन बटोरकर….वो भी बना मालामाल है
ज़ुल्मियों से डरे जनता…भविष्य बना अंधकार है
कुछ बोले बिना चुपचाप सहे….जनता लाचार है
सत्ता की सबके सिरों पे…जो लटकती तलवार है
देखो धर्माचार्य बनके कैसे धोखा करे पाखंड रचे
नाम भुनाए लूट मचाए…भगवान को बदनाम करे
डरे हुए लोगों पर…लेकर नाम प्रभु का प्रपंच रचे
यहाँ चापलूसों की चापलूसी ही राजा का प्राश् है
चरमराती व्यवस्था में….. मूल्यों का हुआ ह्रास है
प्रशासन की बैंड बज गई न्याय प्रणाली हताश है
झूठी खबरें फैलाने वाले तंत्र से….प्रजा निराश है
जातिगत समीकरणों की चपेट में आया समाज है
धर्मों में आपसी लड़ाइयों का पनप रहा पिशाच है
चारों तरफ़ दिखाई देता बस विनाश ही विनाश है
मगर प्रजा की व्यथा का सत्ता को कहाँ आभास है
बच्चो ये तो बस कहानी है…तुम नन्हे फूलों को चेतानी है
सूत्रधार ने यही बात तुम्हें……..बस फिर याद दिलानी है
कभी भूला बिसरा ही न देना…..तुम आपसी सौहार्द कहीं
चापलूसों की चालों से……तुम सतर्क रहना हर पल सभी
याद होगी बूढ़े किसान और उसके झगड़ते बेटों की कहानी
सुनाई थी न तुम्हें… जो गट्ठर में बँधी लकड़ियों की ज़ुबानी
मौक़ापरस्त बहुत हैं यहाँ तुम उनकी बातों में कभी न बहना
गट्ठर में बँधी लकड़ियों की तरह ही मज़बूती से इकट्ठे रहना
प्रलोभनों से विचलित न होना दुख सुख सब मिलके सहना
याद रहे ये देश है तुम्हारा इसका नाता तुमसे सदा है रहना
गरीब जनता की आवाज़ बनके उनके हक़ की बातें कहना
चाहे संघर्ष जीवन में आयें कितने भी उन्हें बस हँसके सहना!
बस खेल ख़त्म हुआ अब…. आँख ताकी से हटाओ
अपनी अपनी ताकी का ढक्कन…..वापिस लगाओ
तुम जाओ खेलो कूदो भागो दौड़ो और मौज मनाओ
बाइस्कोप लेकर मैं सूत्रधार अब यहाँ से जाता हूँ
इंतज़ार करना मेरा……
जब तक खोजकर एक नयी कहानी सुनाने लाता हूँ!
©deepjams4- some_wandering_thoughts
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sharpbharat · 14 days
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singhbhum loksabha jmm sabha : चक्रधरपुर विधानसभा क्षेत्र में महागठबंधन प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी जनसभा, सीएम चंपाई सोरेन भाजपा पर साधा निशाना, कहा-भाजपा करती है झूठ की राजनीति
रामगोपाल जेना,चक्रधरपुर: भारतीय जनता पार्टी झूठ की राजनीति करती है. उक्त बातें झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कही. वे शनिवार को चक्रधरपुर के बुढीगोड़ा मैदान में सिंहभूम सीट से लोकसभा प्रत्याशी जोबा माझी के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठ बोलकर लोगों को धोखा देने का काम करते हैं. देश में महंगाई, बेरोजगारी तेजी से बढ़ रही…
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seetharamaiah1 · 3 months
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🫣 *भारत की जनता को किसान आंदोलन के नाम से धोखा देना बंद करो*
😲 *देखिए रोहिंगया मुस्लिमों को वेशपलटूओ किस तरह सरदारजी किसान बनाता हैं*
😎 *पिछला आंदोलन 26 जनवरी के दिन राकेश टिकत ने दिल्ली पोलीस कमिशनर को भरोसा दिलाया था कि हम शांत सत्याग्रह करेंगे... लेकिन खालिस्तान वादीओंने लाल किले से झंडे उतारे महिला-पुरुष पोलिस कर्मियों पर हमला किया था... यह देखते हुए क्या यह किसान आंदोलन हो सकता हैं*❓ 🤔
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dgnews · 4 months
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लोगो से , लोगो के लिए , लोगो के द्वारा चलती लोकशाही में
लोगो को , मतो के लिए , मत लेने हेतु दिये गए चुनावी वादों का एफिडेविट लेना चाहिए। – लेखक प्रतिक संघवी राजकोट गुजरात आज कल चुनावी माहौल में कुछ भी प्रचार किया जाता है। जनता के लिए गलत प्रचार वो धोखा ही हे और चुनाव आयोग के लिए यह लालच होना चाहिए। हर पक्ष को भी प्रचार की योजना के पैसे कहा से लाए वो भी बताना चाहिए। सभी पक्षों को चुनावी वादो का एफिडेविट देना चाहिए क्योंकि बाद में वो जुमला ना हो…
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jyotis-things · 4 months
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( #Muktibodh_part175 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part176
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 338
‘‘धर्मदास जी को शरण में लेना’’
{पाठकों से निवेदन है कि अमृतवाणी को भी पढ़ें। इसके पढ़ने से आत्मा का आकर्षण परमात्मा की ओर अधिक होता है। यह वाणी परमात्मा से मिले महात्मा के मुख कमल से उच्चारण की गई है। यह सिद्ध वाणी है। आत्मा को धो देती है। फिर परमात्मा की भक्ति में रूचि बढ़ती है।}
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 940-1024 तथा चौपाई नं. 1025-1124 का सरलार्थः-
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 940-943 :-
धर जिंदे का रूप, सैल बृन्दाबन कीनी। तहां मिले धर्मदास करत हैं बहुत आधीनी।।940।।
बौहरंगी बरियाम, काम निहकामी सोई।
धरि सतगुरू का रूप, धनी उतरे हैं लोई।।941।।
परम उजागर ज्ञान, ध्यान बौहरंगी बानां।
तहां मिले धर्मदास, अचार बिचार दिवानां।।942।।
कौन तुम्हारी जाति, कहां सें आये स्वामी।
पूछैं पुरूष कबीर, धनी साहिब निहकामी।।943।।
◆पारख के अंग की वाणी नं. 940-943 का सरलार्थ :- भक्त धर्मदास जी नगर बांधवगढ़
प्रांत-मध्यप्रदेश के रहने वाले धनी (सेठ) थे। परमात्मा में अधिक श्रद्धा थी। एक रूपदास नाम के वैष्णव पंथी साधु से दीक्षा ले रखी थी। उनके बताए अनुसार मूर्तियों की पूजा करना, श्राद्ध करना, एकादशी का व्रत, राम, कृष्ण यानि विष्णु तथा लक्ष्मी देवी तथा शिव-पार्वती की पूजा, तीर्थों व धामों पर जाकर स्नान करना आदि शास्त्रविरूद्ध साधना किया करता था।
गीता का नित्य पाठ किया करता। गायत्री मंत्र का जाप, राम, कृष्ण हरे कृष्ण, हरे राम, ॐ नमो शिवायः, ॐ भागवते वासुदेवाय नमः आदि-आदि जाप किया करता। एक समय तीर्थों
पर भ्रमण करते-करते धर्मदास जी मथुरा वृंदावन में गए हुए थे। धर्मदास जी को सतपुरूष कबीर जी ने पृथ्वी पर जन्म दिया था। एक धनवान बनिये के घर इनका जन्म हुआ था। धन अत्यधिक था। कबीर परमेश्वर जी ने इसे भेजा तो इसलिए था कि पृथ्वी पर मेरा ज्ञान प्रचार कर, सच्चाई जनता को बता तथा सबको काल ब्रह्म का जाल समझा। सतलोक व सतपुरूष का ज्ञान करवा। सब जीव सतलोक से काल ब्रह्म के लोक में कष्ट उठा रहे हैं।
सबको धर्मराय (काल ब्रह्म) ने धोखा देकर रखा है। सच्चा अध्यात्म ज्ञान खत्म कर दिया। अपने को पूर्ण परमात्मा सिद्ध किए हुए है। एक लाख मानव जीवों को प्रतिदिन खाता है।
सवा लाख प्रतिदिन उत्पन्न करता है। कष्ट देने के लिए चौरासी लाख प्रकार के प्राणियों के शरीरों में जन्म देता है। कर्म भोग प्रधान नियम है। धर्मदास जी को ज्योति निरंजन काल ने अपने जाल में दृढ़ फंसा लिया तथा उसके पुत्र के रूप में अपना महादुष्ट दूत मृत्यु-अंधा
को भेज दिया। धर्मदास जी ने उसका नामकरण अपने गुरू रूपदास जी से करवाया था।
उन्होंने धर्मदास जी के उस पुत्र का नाम नारायण दास रखा। धर्मदास जी का जन्म विक्रमी संवत् 1452 (सन् 1395) में हुआ। परमेश्वर जी का प्राकाट्य तीन वर्ष पश्चात् विक्रमी संवत्
1455 (सन् 1398) में ज्येष्ठ महीने की पूर्णमासी को हुआ। {कबीर परमात्मा जी, धर्मदास को मथुरा में मिले। उस समय धर्मदास की आयु के विषय में कबीरपंथियों की पुस्तक में साठ (60) वर्ष लिखा है। दामाखेड़ा वालों (धर्मदास जी की गद्दी वालों) की पुस्तक में 89 वर्ष लिखा है। हमने इस चक्कर में नहीं पड़ना है। उस समय आयु क्या थी? हमने ज्ञान समझना
है। धर्मदास जी आए तो थे जीवों को काल के जाल से निकालने, स्वयं ही काल के जाल में बुरी तरह फंस गए। धर्मदास को निकालना परमात्मा कबीर जी के लिए कठिन हो गया था। धर्मदास जी ने वृंदावन के तालाब में तीर्थ स्नान किया। सुबह का समय था। फिर एक स्थान को गाय के गोबर व गारा से लीपकर उसके ऊपर चद्दर बिछाकर सब भगवानों की मूर्ति आदर से रखी। कुछ छोटी थी, कुछ बड़ी थी। विष्णु-लक्ष्मी, शिव-पार्वती, गणेश,
शिवलिंग, नादियाँ आदि-आदि की मूर्ति थी। विष्णु की पूजा ईष्ट रूप में करता था। उनकी मूर्ति बड़ी थी। धर्मदास अपना कर्मकाण्ड करने लगा। उसी समय परमेश्वर कबीर जी जिंदा बाबा का वेश बनाकर धर्मदास जी से थोड़ी दूरी पर बैठ गए। धर्मदास जी ने सब मूर्तियों को तिलक किया। धूप जगाई, दीप (ज्योति) जगाई। घंटी बजा-बजाकर आरती गाई। गीता
का पाठ करने लगा। कबीर जी और निकट आकर बैठकर ध���यान से गीता का पाठ सुनने लगे। जब धर्मदास जी ने सब पूजा कर ली, तब कबीर जी ने प्रश्न किया कि हे स्वामी जी!
आप किस जाति से संबंध रखते हो तथा कहाँ से आए हो? आप तो पहुँचे हुए संत दिखाई देते हैं।
क्रमशः________________
••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। संत रामपाल जी महाराज YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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pradeepdasblog · 4 months
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( #Muktibodh_part175 के आगे पढिए.....)
📖📖📖
#MuktiBodh_Part176
हम पढ़ रहे है पुस्तक "मुक्तिबोध"
पेज नंबर 338
‘‘धर्मदास जी को शरण में लेना’’
{पाठकों से निवेदन है कि अमृतवाणी को भी पढ़ें। इसके पढ़ने से आत्मा का आकर्षण परमात्मा की ओर अधिक होता है। यह वाणी परमात्मा से मिले महात्मा के मुख कमल से उच्चारण की गई है। यह सिद्ध वाणी है। आत्मा को धो देती है। फिर परमात्मा की भक्ति में रूचि बढ़ती है।}
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 940-1024 तथा चौपाई नं. 1025-1124 का सरलार्थः-
◆ पारख के अंग की वाणी नं. 940-943 :-
धर जिंदे का रूप, सैल बृन्दाबन कीनी। तहां मिले धर्मदास करत हैं बहुत आधीनी।।940।।
बौहरंगी बरियाम, काम निहकामी सोई।
धरि सतगुरू का रूप, धनी उतरे हैं लोई।।941।।
परम उजागर ज्ञान, ध्यान बौहरंगी बानां।
तहां मिले धर्मदास, अचार बिचार दिवानां।।942।।
कौन तुम्हारी जाति, कहां सें आये स्वामी।
पूछैं पुरूष कबीर, धनी साहिब निहकामी।।943।।
◆पारख के अंग की वाणी नं. 940-943 का सरलार्थ :- भक्त धर्मदास जी नगर बांधवगढ़
प्रांत-मध्यप्रदेश के रहने वाले धनी (सेठ) थे। परमात्मा में अधिक श्रद्धा थी। एक रूपदास नाम के वैष्णव पंथी साधु से दीक्षा ले रखी थी। उनके बताए अनुसार मूर्तियों की पूजा करना, श्राद्ध करना, एकादशी का व्रत, राम, कृष्ण यानि विष्णु तथा लक्ष्मी देवी तथा शिव-पार्वती की पूजा, तीर्थों व धामों पर जाकर स्नान करना आदि शास्त्रविरूद्ध साधना किया करता था।
गीता का नित्य पाठ किया करता। गायत्री मंत्र का जाप, राम, कृष्ण हरे कृष्ण, हरे राम, ॐ नमो शिवायः, ॐ भागवते वासुदेवाय नमः आदि-आदि जाप किया करता। एक समय तीर्थों
पर भ्रमण करते-करते धर्मदास जी मथुरा वृंदावन में गए हुए थे। धर्मदास जी को सतपुरूष कबीर जी ने पृथ्वी पर जन्म दिया था। एक धनवान बनिये के घर इनका जन्म हुआ था। धन अत्यधिक था। कबीर परमेश्वर जी ने इसे भेजा तो इसलिए था कि पृथ्वी पर मेरा ज्ञान प्रचार कर, सच्चाई जनता को बता तथा सबको काल ब्रह्म का जाल समझा। सतलोक व सतपुरूष का ज्ञान करवा। सब जीव सतलोक से काल ब्रह्म के लोक में कष्ट उठा रहे हैं।
सबको धर्मराय (काल ब्रह्म) ने धोखा देकर रखा है। सच्चा अध्यात्म ज्ञान खत्म कर दिया। अपने को पूर्ण परमात्मा सिद्ध किए हुए है। एक लाख मानव जीवों को प्रतिदिन खाता है।
सवा लाख प्रतिदिन उत्पन्न करता है। कष्ट देने के लिए चौरासी लाख प्रकार के प्राणियों के शरीरों में जन्म देता है। कर्म भोग प्रधान नियम है। धर्मदास जी को ज्योति निरंजन काल ने अपने जाल में दृढ़ फंसा लिया तथा उसके पुत्र के रूप में अपना महादुष्ट दूत मृत्यु-अंधा
को भेज दिया। धर्मदास जी ने उसका नामकरण अपने गुरू रूपदास जी से करवाया था।
उन्होंने धर्मदास जी के उस पुत्र का नाम नारायण दास रखा। धर्मदास जी का जन्म विक्रमी संवत् 1452 (सन् 1395) में हुआ। परमेश्वर जी का प्राकाट्य तीन वर्ष पश्चात् विक्रमी संवत्
1455 (सन् 1398) में ज्येष्ठ महीने की पूर्णमासी को हुआ। {कबीर परमात्मा जी, धर्मदास को मथुरा में मिले। उस समय धर्मदास की आयु के विषय में कबीरपंथियों की पुस्तक में साठ (60) वर्ष लिखा है। दामाखेड़ा वालों (धर्मदास जी की गद्दी वालों) की पुस्तक में 89 वर्ष लिखा है। हमने इस चक्कर में नहीं पड़ना है। उस समय आयु क्या थी? हमने ज्ञान समझना
है। धर्मदास जी आए तो थे जीवों को काल के जाल से निकालने, स्वयं ही काल के जाल में बुरी तरह फंस गए। धर्मदास को निकालना परमात्मा कबीर जी के लिए कठिन हो गया था। धर्मदास जी ने वृंदावन के तालाब में तीर्थ स्नान किया। सुबह का समय था। फिर एक स्थान को गाय के गोबर व गारा से लीपकर उसके ऊपर चद्दर बिछाकर सब भगवानों की मूर्ति आदर से रखी। कुछ छोटी थी, कुछ बड़ी थी। विष्णु-लक्ष्मी, शिव-पार्वती, गणेश,
शिवलिंग, नादियाँ आदि-आदि की मूर्ति थी। विष्णु की पूजा ईष्ट रूप में करता था। उनकी मूर्ति बड़ी थी। धर्मदास अपना कर्मकाण्ड करने लगा। उसी समय परमेश्वर कबीर जी जिंदा बाबा का वेश बनाकर धर्मदास जी से थोड़ी दूरी पर बैठ गए। धर्मदास जी ने सब मूर्तियों को तिलक किया। धूप जगाई, दीप (ज्योति) जगाई। घंटी बजा-बजाकर आरती गाई। गीता
का पाठ करने लगा। कबीर जी और निकट आकर बैठकर ध्यान से गीता का पाठ सुनने लगे। जब धर्मदास जी ने सब पूजा कर ली, तब कबीर जी ने प्रश्न किया कि हे स्वामी जी!
आप किस जाति से संबंध रखते हो तथा कहाँ से आए हो? आप तो पहुँचे हुए संत दिखाई देते हैं।
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https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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7489724011 · 4 months
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#, मुस्लिम भाई 🧩बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🧩
09/01/2024
🍀Instagram सेवा🍀
🪷 अभी Instagram पर नकली धर्म गुरुओं के अज्ञान को और संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वज्ञान को प्रमाण सहित डिबेट की तरह आम जनता को दिखाना है।
📍📍
📎इंस्टाग्राम पर स्टोरी भी लगानी है और स्टोरी के साथ सत्संग की YouTube लिंक भी लगानी है।
⤵ इन टैग्स के साथ और आश्रम के टैग्स के साथ Post करेंगें।
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Spiritual leader Saint Rampal Ji ⤵
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Satlok Ashram
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📷''' सेवा से सम्बंधित photo वेबसाइट पर हैं डाऊनलोड कर लें जी।
https://www.satsaheb.org/hindu-bhai-sambhalo-2024/
https://www.satsaheb.org/hinduo-se-dhokha/
https://www.satsaheb.org/hinduo-se-dhokha-english/
🎯Sewa Points🎯
🍀ईसाई धर्म के पादरी तथा मुस्लिम धर्म के काजी, मौलवी कहते हैं कि गॉड/अल्लाह निराकार/बैचून है। जबकि अंतिम नबी संत रामपाल जी महाराज बाइबल, तौरेत, कुरान आदि से प्रमाणित करके बताते हैं कि परमात्मा ने मनुष्य को अपने ही स्वरुप में बनाया, 6 दिन में सृष्टि रची तथा सातवें दिन तख्त/सिंहासन पर विराजमान हुए, अर्थात् परमात्मा/अल्लाह साकार है, मनुष्य जैसे स्वरूप में है।
🍀मुस्लिम श्रद्धालुओं के साथ धोखा
मुस्लिम धर्म प्रवक्ता जाकिर नाइक कहता है कि मांस खाना अल्लाह का आदेश है जबकि बाखबर संत रामपाल जी महाराज कुरान, तौरात, बाइबल आदि में प्रमाण सहित बताते हैं कि मांस खाना अल्लाह का आदेश नहीं है बल्कि यह शैतान का आदेश है, ना तो हजरत मोहम्मद जी ने कभी मांस को छुआ, ना हीं उनके अनुयायियों ने कभी मांस खाया।
🍀सनातन के नाम पर अज्ञानता न फैलाएं
आचार्य प्रशांत जी के अनुसार मूर्ति पूजा और पाखंड कर्मकांड का आजीवन विरोध करने वाले कबीर साहेब जी केवल उच्च कोटि के कवि, संत, भक्त और समाज सुधारक थे।
जबकि तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने गीता, वेद, कुरान, बाईबल, गुरुग्रंथ साहिब, सूक्ष्मवेद व अनेक महापुरुषों की वाणियों से यह सिद्ध कर दिया है कि 600 साल पहले काशी में एक गरीब जुलाहे की लीला करने वाले कबीर साहेब जी केवल एक कवि या भक्त संत नहीं बल्कि पूर्ण परमात्मा भी थे, हैं और हमेशा परमात्मा रहेंगे।
🍀अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज से एक बहन ने प्रश्न पूछा की पिंड दान या श्राद्ध कर सकते हैं या नहीं? वह बोले की कर सकते हैं। संत रामपाल महाराज जी का उत्तर, प्रमाण सहित-
पवित्र गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में स्पष्ट प्रमाण है कि भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होंगे, अर्थात श्राद्ध करवाना वा पिंड भरवाना व्यर्थ की साधना है। इससे यह पता चलता है कि अनिरुद्ध आचार्य जी को भी ज्ञान नहीं गीता जी का तथा जो साधना अनिरुद्ध आचार्य जी बताते हैं वह शस्त्रविरूद्र साधना है।
🍀सनातन के नाम पर किया केवल अज्ञान का प्रसार
तत्त्वदर्शी सतगुरु के मार्गदर्शन के अभाव में ब्रह्म को ही परमात्मा मानने वाले आचार्य प्रशांत जी का कहना है कि परमात्मा (ब्रह्म) का स्वरूप निराकार है।
वहीं तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज ने गीता, वेद, कुरान, बाईबल, गुरुग्रंथ साहिब, सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) आदि धर्मग्रंथों के प्रमाण लाइव दिखाकर यह सिद्ध किया है कि परमात्मा निराकार नहीं बल्कि साकार एवं नर आकार में अर्थात मनुष्य सदृश्य है।
सनातन के नाम पर हिंदुओं से हुआ धोखा
कृष्ण व काल ब्रह्म का भेद ना जानने के कारण आचार्य प्रशांत जी ने गीता अध्याय 4 श्लोक 5 के माध्यम से कृष्ण को सर्वज्ञ, निराकार ब्रह्म एवं उत्पत्ति कर्ता कहा है।
जबकि सूक्ष्मवेद (कबीर वाणी) में वर्णित तत्त्वज्ञान के साथ साथ गीता, वेद, पुराण, कुरान आदि ग्रंथों से संत रामपाल जी ने प्रमाणित किया है कि गीता का ज्ञान वासुदेव पुत्र श्रीकृष्ण ने नहीं बल्कि काल ब्रह्म ने दिया था। (प्रमाण - अध्याय 11 श्लोक 32 व श्लोक 47)
वहीं यह भी प्रमाणित किया है कि स्वयं गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म एवं उनका ब्रह्मलोक अविनाशी नहीं हैं अर्थात जन्म मृत्यु के अंतर्गत नाशवान हैं। वहीं काल ब्रह्म ने गीता के अनेक श्लोकों में अपने से अन्य सबका धारण पोषण करने वाले एक अविनाशी परमात्मा की महिमा की है। (प्रमाण - गीता अध्याय 10 श्लोक 2, अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5 व 9, अध्याय 8 श्लोक 16)
🍀 भक्त समाज को प्रदान किया मनमुखी ज्ञान
स्वघोषित धर्मगुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने सार्वजनिक मंच से यह स्वीकारा है कि उन्होंने गीता आदि धर्मग्रंथों का अध्ययन नहीं किया है और नाहीं उनके कोई गुरु हैं।
जबकि संत रामपाल जी महाराज ने यह प्रमाणित किया है कि गीता एवं वेद, मानव सभ्यता के लिए परमात्मा का विधान व संविधान प्रकट करते हैं। जिनसे हमें सृष्टि के रचयिता परमात्मा के बारे में जानकारी मिलती है। एक तरह से कहें तो गीता व वेद हमारे लिए संविधान एवं अंतिम प्रमाण हैं। यही निर्देश गीता अध्याय 16 श्लोक 23 व 24 में दिया गया है।
साथ ही साथ पूर्ण मोक्षप्राप्ति के लिए सतगुरु से दीक्षित होना भी अनिवार्य है क्योंकि रामजी, कृष्णजी, नानकदेव जी जैसे महान पुरुषों ने भी गुरु धारण किया तो बिना सतगुरु के वर्तमान समय में कैसे आध्यात्मिक रहस्यों का भेद पाया जा सकता है।
🍀 हम हिंदुओं को आज तक ये बताया जाता रहा कि परमात्मा निराकार है वो दिखाई नहीं देता। जबकि ऋग्वेद मण्डल न 9 सूक्त 82 मंत्र 1 में साफ लिखा है कि परमात्मा राजा के समान दर्शनीय है और ऊपर के लोक में विराजमान है। इससे स्पष्ट है भगवान निराकार नहीं साकार है।
🍀 हमारे धर्म गुरुओं ने जो भी गीता अनुवादित की है सबने गीता अध्याय 18 के श्लोक 66 में "व्रज" शब्द का अर्थ आना किया है। जबकि संस्कृत हिन्दी शब्द कोश में साफ लिखा है व्रज का मतलब जाना। यानि अर्जुन तू केवल उस परमात्मा कि शरण में जा। वो परमात्मा कौन है। इस सवाल को छिपाने के लिए धर्म गुरुओ ने व्रज शब्द का मतलब ही गलत कर दिया। ये हमारे साथ धोखा है।
🍀 हम हिंदुओं को आज तक ये बताया जाता रहा कि परमात्मा निराकार है वो दिखाई नहीं देता। जबकि ऋग्वेद मण्डल न 9 सूक्त 82 मंत्र 1 में साफ लिखा है कि परमात्मा राजा के समान दर्शनीय है और ऊपर के लोक में विराजमान है। इससे स्पष्ट है भगवान निराकार नहीं साकार है।
हिन्दू भाइयों संभलो
🍀 तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है।
संभलो हिन्दू भाइयों।
🍀 अज्ञानी धर्म गुरु कहते हैं कि शिव लिंग भगवान शिव का प्राइवेट पार्ट नहीं है और पूरे हिन्दू समाज को शिव लिंग पूजा करने को बताते हैं। अब आप खुद देखिए शिव पुराण विधवेश्वर संहिता अध्याय 5 श्लोक 27-30 व अध्याय 9 श्लोक 40-43 जिससे आपको स्पष्ट हो जाएगा कि शिव लिंग क्या है। संभलो हिन्दू भाइयों।
🍀श्री नानक जी ने भी श्राद्ध करने का खंडन किया है। लेकिन अज्ञानी धर्म गुरु श्राद्ध क्रिया करवाके श्रद्धालुओं का जीवन नष्ट कर रहे हैं।
प्रमाण "भाई बाले वाली जन्म साखी श्री नानक देव" आगे साखी दुनिचन्द खत्री नाल होई" में प्रमाण।
🍀आज तक हमें श्राद्ध करना और पितर पूजा करना मोक्ष की क्रिया बताया जा रहा था। लेकिन गीता अध्याय 9 ���्लोक 25 में श्राद्ध और पिंड आदि कर्मकांड को गलत बताया है। मार्कन्डेय पुराण में भी पितर पूजा को मूर्खों की साधना कहा है। तो फिर ये साधना क्यों कारवाई जा रही है। संभलो हिन्दू भाइयों।
🍀देवकीनंदन जी का यह कहना है कि जन्म मरण कभी समाप्त नहीं हो सकता है।
श्रीमद भगवद गीता के अध्याय 15 श्लोक 4-
"ततः, पदम्, तत्, परिमार्गितव्यम्, यस्मिन्, गताः, न, निवर्तन्ति, भूयः,
तम्, एव्, च, आद्यम्, पुरुषम्, प्रपद्ये, यतः, प्रवृत्तिः, प्रसृता, पुराणी।।"
तथा
अध्याय 15 के श्लोक 17-
"उत्तमः, पुरुषः, तु, अन्यः, परमात्मा, इति, उदाहृतः,
यः, लोकत्रयम् आविश्य, बिभर्ति, अव्ययः, ईश्वरः।।"
गीता के इन उपरोक्त श्लोकों से संत रामपाल जी महाराज ने यह स्पष्ट किया है कि उत्तम पुरुष परमेश्वर की भक्ति करने वाले भक्तजन कभी भी संसार में लौट कर नहीं आते अर्थात उनका जन्म मृत्यु हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।
🍀बस करो मूर्ख बनाना बस करो
अनिरुद्धाचार्य जी मन मुखी साधना बताते हैं।
जब कि संत रामपाल जी महाराज जी ने स्पष्ट किया है की मनमुखी भक्ति से कोई लाभ नहीं होता।
गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में गीता बोलने वाले काल ब्रह्म ने कहा है कि मनमुखी साधना बिलकुल भी लाभदायक नहीं हैं।
गीता अध्याय 16 श्लोक 23
यः, शास्त्रविधिम्, उत्सृज्य, वर्तते, कामकारतः, न, सः, सिद्धिम्, अवाप्नोति, न, सुखम्, न, पराम्, गतिम् ॥
जो साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है, न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरीत भक्ति करना व्यर्थ है।
🍀हिंदुओं से धोखा
अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि किसी भी भक्ति साधना से पाप नहीं कट सकते।
संत रामपाल जी महाराज ने गीता जी में प्रमाणित किया है कि पूर्ण परमेश्वर की भक्ति करने से और उसको भोग लगाकर बचे हुए अन्न को खाने से साधक पाप मुक्त हो जाता है।
गीता अध्याय 3 श्लोक 13
यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषैः।
भुञ्जते ते त्वघं पापा ये पचन्त्यात्मकारणात्।।
🍀हिंदुओं के साथ धोखा बंद करो
📚हिन्दू धमर्गुरू व प्रचारक आचार्य, शंकराचार्य तथा गीता मनीषी गीता ज्ञान देने वाले (जिसे ये श्री विष्णु का अवतार श्री कृष्ण कहते हैं) को अविनाशी बताते हैं। कहते हैं इनका जन्म-मृत्यु नहीं होता।
इनके कोई माता-पिता नहीं।
आप देखें स्वयं (गीता अध्याय 2 श्लोक 12)
हे अर्जुन! ऐसा नहीं है कि मैं-तू तथा ये सब राजा व सैनिक पहले नहीं थे या आगे नहीं होंगे। अर्थात मैं (गीता ज्ञान दाता) तू (अर्जुन) तथा ये सब सैनिक आदि-आदि सब पहले भी जन्मे थे, आगे भी जन्मेंगे।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
🍀सतपाल जी महाराज खुद तुलसी पूजन करते हैं जबकि संत रामपाल जी महाराज जी ने सभी शास्त्रों से प्रमाणित करके बताया है कि केवल भगवान कबीर जी ही पूज्य हैं।
हिंदुओं के साथ धोखा बंद करो।
🍀श्रीकृपालु जी ने गीता जी के 18 वें अध्याय के 66 वें श्लोक में व्रज का अर्थ आना कर लोगों को मूर्ख बनाया है जबकि व्रज का अर्थ जाना होता है। संत रामपाल जी महाराज ने नकली गुरुओं का ये अज्ञान उजागर किया है।
हिंदुओं आंखें खोलो।
🍀देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
🍀अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि भक्ति से पाप नहीं कट सकता, उसे भोगना ही पड़ेगा।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा अपने सतभक्ति करने वाले भक्त के घोर पापों का भी नाश कर सकता है। जब पाप ही समाप्त हो जायेंगे तो कष्ट नहीं आएंगे और भक्त का जीवन सुखी हो जाएगा।
🍀हिन्दू धोखे में
अनिरुद्धाचार्य जी का मानना है कि भगवान साकार भी है और निराकार भी है।
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि हमारे पवित्र सद्ग्रंथ यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 15, अध्याय 5 मंत्र 1, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 1 सूक्त 31 मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 9 सूक्त 82 मंत्र 1-2, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 9 सूक्त 86 मंत्र 26-27 से स्पष्ट है कि परमात्मा मानव सदृश्य साकार है जोकि द्यूलोक अर्थात सतलोक के तीसरे पृष्ठ पर सिंहासन पर विराजमान है, वह राजा के समान दर्शनीय है।
🍀बस करो मूर्ख बनाना बस करो
अनिरुद्धाचार्य जी का कहना है कि बिना नाम जाप के ही साधक की मुक्ति हो जाएगी।
संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 15 में लिखा है "ओम् क्रतो स्मर, क्लिबे स्मर, कृतुम् स्मर।" अर्थात् ओम् नाम का जाप कार्य करते-करते कर, विशेष तड़फ के साथ तथा मानव जीवन का मुख्य कर्तव्य मानकर जाप कर। यही प्रमाण गीता अध्याय 8 श्लोक 5 व 7 में भी है जिसमें गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि हे अर्जुन! तू युद्ध भी कर, मेरा स्मरण भी कर।
🍀हिंदुओं के साथ धोखा
राधास्वामी, जय गुरुदेव, निरंकारी आदि पंथ तथा आसाराम, राम रहीम, देवकीनंदन, अनिरुद्ध आचार्य, इत्यादि संत कहते हैं कि पाप कर्म तो भोगना ही पड़ेगा।
जबकि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 से प्रमाणित करके बताते हैं कि पूर्ण परमात्मा पाप कर्म को भी काट देता है।
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dhambir123 · 4 months
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🧩बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🧩
05/01/2024
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🍀अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज से एक बहन ने प्रश्न पूछा की पिंड दान या श्राद्ध कर सकते हैं या नहीं? वह बोले की कर सकते हैं। संत रामपाल महाराज जी का उत्तर, प्रमाण सहित-
पवित्र गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में स्पष्ट प्रमाण है कि भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होंगे, अर्थात श्राद्ध करवाना वा पिंड भरवाना व्यर्थ की साधना है। इससे यह पता चलता है कि अनिरुद्ध आचार्य जी को भी ज्ञान नहीं गीता जी का तथा जो साधना अनिरुद्ध आचार्य जी बताते हैं वह शस्त्रविरूद्र साधना है।
🍀पहचानो असली नकली कौन ?
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि कोई भी संत आपके दुख दूर नहीं कर सकता।
जबकि संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा लेकर हजारों पुण्यात्माएं भयंकर दुखों से मुक्ति प्राप्त कर चुकी हैं। जिनमे कैंसर, एड्स जैसे रोगी भी शामिल हैं।
🍀पहचानो असली कौन व नकली कौन ?
अनिरुद्ध आचार्य जी कहते हैं की व्रज का अर्थ आना होता है। श्री कृष्ण जी अपनी शरण में आने को कह रहे हैं।
जबकि संत रामपाल जी महाराज ने पवित्र गीता जी अध्याय 18 श्लोक 62, 66 तथा बहुत से अन्य श्लोकों का उदाहरण देते हुए बताया है कि गीता ज्ञान दाता अपने से अन्य किसी और पूर्ण परमात्मा की शरण में जाने को कह रहा है।
🍀*हिंदुओं के साथ धोखा बंद करो*
श्रीमान प्रशांत मुकुंद प्रभु कहते हैं कि व्रत करना चाहिए।
जबकि व्रत करना श्रीमद्भगवत् गीता में मना किया है।
अध्याय 6 श्लोक 16 में कहा है कि
हे अर्जुन ! यह योग ( भक्ति ) न तो अधिक खाने वाले का और न ही बिल्कुल न खाने वाले का है।
नात्यश्नतस्तु योगोऽस्ति न चैकान्तमनश्नतः।
न चातिस्वप्नशीलस्य जाग्रतो नैव चार्जुन।।
🍀 हम हिन्दू भाइयों को नकली धर्म गुरु तरह तरह के मंत्र जाप करने को दे रहे हैं। कोई राधे-राधे मंत्र जप करने को कह रहा है। कोई हरे राम, हरे कृष्ण। लेकिन गीता जी अध्याय 8 श्लोक 13 में केवल एक ॐ मंत्र का जाप करने को कहा है। ये हमारे साथ धोखा है।
हिन्दू भाइयों संभलो।
🍀 हम हिंदुओं को आज तक ये बताया जाता रहा कि परमात्मा निराकार है वो दिखाई नहीं देता। जबकि ऋग्वेद मण्डल न 9 सूक्त 82 मंत्र 1 में साफ लिखा है कि परमात्मा राजा के समान दर्शनीय है और ऊपर के लोक में विराजमान है। इससे स्पष्ट है भगवान निराकार नहीं साकार है।
🍀 हमारे धर्म गुरुओं ने जो भी गीता अनुवादित की है सबने गीता अध्याय 18 के श्लोक 66 में "व्रज" शब्द का अर्थ आना किया है। जबकि संस्कृत हिन्दी शब्द कोश में साफ लिखा है व्रज का मतलब जाना। यानि अर्जुन तू केवल उस परमात्मा कि शरण में जा। वो परमात्मा कौन है। इस सवाल को छिपाने के लिए धर्म गुरुओ ने व्रज शब्द का मतलब ही गलत कर दिया। ये हमारे साथ धोखा है।
🍀 हम हिंदुओं को आज तक ये बताया जाता रहा कि परमात्मा निराकार है वो दिखाई नहीं देता। जबकि ऋग्वेद मण्डल न 9 सूक्त 82 मंत्र 1 में साफ लिखा है कि परमात्मा राजा के समान दर्शनीय है और ऊपर के लोक में विराजमान है। इससे स्पष्ट है भगवान निराकार नहीं साकार है।
हिन्दू भाइयों संभलो
🍀 तथाकथित धर्म गुरु हमें व्रत करने को कहते हैं। हठयोग करने को कहते हैं। जबकि गीता जी के अध्याय 6 श्लोक 16 में व्रत करना, हठयोग करने को मना किया है।
संभलो हिन्दू भाइयों।
🍀 अज्ञानी धर्म गुरु कहते हैं कि शिव लिंग भगवान शिव का प्राइवेट पार्ट नहीं है और पूरे हिन्दू समाज को शिव लिंग पूजा करने को बताते हैं। अब आप खुद देखिए शिव पुराण विधवेश्वर संहिता अध्याय 5 श्लोक 27-30 व अध्याय 9 श्लोक 40-43 जिससे आपको स्पष्ट हो जाएगा कि शिव लिंग क्या है। संभलो हिन्दू भाइयों।
🍀श्री नानक जी ने भी श्राद्ध करने का खंडन किया है। लेकिन अज्ञानी धर्म गुरु श्राद्ध क्रिया करवाके श्रद्धालुओं का जीवन नष्ट कर रहे हैं।
प्रमाण "भाई बाले वाली जन्म साखी श्री नानक देव" आगे साखी दुनिचन्द खत्री नाल होई" में प्रमाण।
🍀आज तक हमें श्राद्ध करना और पितर पूजा करना मोक्ष की क्रिया बताया जा रहा था। लेकिन गीता अध्याय 9 श्लोक 25 में श्राद्ध और पिंड आदि कर्मकांड को गलत बताया है। मार्कन्डेय पुराण में भी पितर पूजा को मूर्खों की साधना कहा है। तो फिर ये साधना क्यों कारवाई जा रही है। संभलो हिन्दू भाइयों।
🍀देवकीनंदन जी का यह कहना है कि जन्म मरण कभी समाप्त नहीं हो सकता है।
श्रीमद भगवद गीता के अध्याय 15 श्लोक 4-
"ततः, पदम्, तत्, परिमार्गितव्यम्, यस्मिन्, गताः, न, निवर्तन्ति, भूयः,
तम्, एव्, च, आद्यम्, पुरुषम्, प्रपद्ये, यतः, प्रवृत्तिः, प्रसृता, पुराणी।।"
तथा
अध्याय 15 के श्लोक 17-
"उत्तमः, पुरुषः, तु, अन्यः, परमात्मा, इति, उदाहृतः,
यः, लोकत्रयम् आविश्य, बिभर्ति, अव्ययः, ईश्वरः।।"
गीता के इन उपरोक्त श्लोकों से संत रामपाल जी महाराज ने यह स्पष्ट किया है कि उत्तम पुरुष परमेश्वर की भक्ति करने वाले भक्तजन कभी भी संसार में लौट कर नहीं आते अर्थात उनका जन्म मृत्यु हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।
🍀*बस करो मूर्ख बनाना बस करो*
अनिरुद्धाचार्य जी मन मुखी साधना बताते हैं।
जब कि संत रामपाल जी महाराज जी ने स्पष्ट किया है की मनमुखी भक्ति से कोई लाभ नहीं होता।
गीता अध्याय 16 श्लोक 23 में गीता बोलने वाले काल ब्रह्म ने कहा है कि मनमुखी साधना बिलकुल भी लाभदायक नहीं हैं।
गीता अध्याय 16 श्लोक 23
यः, शास्त्रविधिम्, उत्सृज्य, वर्तते, कामकारतः, न, सः, सिद्धिम्, अवाप्नोति, न, सुखम्, न, पराम्, गतिम् ॥
ज�� साधक शास्त्रविधि को त्यागकर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न उसे कोई सुख प्राप्त होता है, न उसकी गति यानि मुक्ति होती है अर्थात् शास्त्र के विपरीत भक्ति करना व्यर्थ है।
🍀हिंदुओं से धोखा
अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि किसी भी भक्ति साधना से पाप नहीं कट सकते।
संत रामपाल जी महाराज ने गीता जी में प्रमाणित किया है कि पूर्ण परमेश्वर की भक्ति करने से और उसको भोग लगाकर बचे हुए अन्न को खाने से साधक पाप मुक्त हो जाता है।
गीता अध्याय 3 श्लोक 13
यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषैः।
भुञ्जते ते त्वघं पापा ये पचन्त्यात्मकारणात्।।
🍀हिंदुओं के साथ धोखा बंद करो
📚हिन्दू धमर्गुरू व प्रचारक आचार्य, शंकराचार्य तथा गीता मनीषी गीता ज्ञान देने वाले (जिसे ये श्री विष्णु का अवतार श्री कृष्ण कहते हैं) को अविनाशी बताते हैं। कहते हैं इनका जन्म-मृत्यु नहीं होता।
इनके कोई माता-पिता नहीं।
आप देखें स्वयं (गीता अध्याय 2 श्लोक 12)
हे अर्जुन! ऐसा नहीं है कि मैं-तू तथा ये सब राजा व सैनिक पहले नहीं थे या आगे नहीं होंगे। अर्थात मैं (गीता ज्ञान दाता) तू (अर्जुन) तथा ये सब सैनिक आदि-आदि सब पहले भी जन्मे थे, आगे भी जन्मेंगे।
- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
🍀सतपाल जी महाराज खुद तुलसी पूजन करते हैं जबकि संत रामपाल जी महाराज जी ने सभी शास्त्रों से प्रमाणित करके बताया है कि केवल भगवान कबीर जी ही पूज्य हैं।
हिंदुओं के साथ धोखा बंद करो।
🍀श्रीकृपालु जी ने गीता जी के 18 वें अध्याय के 66 वें श्लोक में व्रज का अर्थ आना कर लोगों को मूर्ख बनाया है जबकि व्रज का अर्थ जाना होता है। संत रामपाल जी महाराज ने नकली गुरुओं का ये अज्ञान उजागर किया है।
हिंदुओं आंखें खोलो।
🍀देवकीनंदन जी कहते हैं कि श्रीकृष्ण जी ही सबसे सर्वोच्च भगवान हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने वेदों में दिखाया है कि कबीर जी ही भगवान हैं।
हिन्दू भाई अब तो संभलो।
🍀अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि भक्ति से पाप नहीं कट सकता, उसे भोगना ही पड़ेगा।
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा अपने सतभक्ति करने वाले भक्त के घोर पापों का भी नाश कर सकता है। जब पाप ही समाप्त हो जायेंगे तो कष्ट नहीं आएंगे और भक्त का जीवन सुखी हो जाएगा।
🍀*हिन्दू धोखे में*
अनिरुद्धाचार्य जी का मानना है कि भगवान साकार भी है और निराकार भी है।
संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि हमारे पवित्र सद्ग्रंथ यजुर्वेद अध्याय 1 मंत्र 15, अध्याय 5 मंत्र 1, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 1 सूक्त 31 मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 9 सूक्त 82 मंत्र 1-2, ऋग्वेद मण्डल नम्बर 9 सूक्त 86 मंत्र 26-27 से स्पष्ट है कि परमात्मा मानव सदृश्य साकार है जोकि द्यूलोक अर्थात सतलोक के तीसरे पृष्ठ पर सिंहासन पर विराजमान है, वह राजा के समान दर्शनीय है।
🍀*बस करो मूर्ख बनाना बस करो*
अनिरुद्धाचार्य जी का कहना है कि बिना नाम जाप के ही साधक की मुक्ति हो जाएगी।
संत रामपाल जी महाराज जी बताते हैं कि पवित्र यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 15 में लिखा है "ओम् क्रतो स्मर, क्लिबे स्मर, कृतुम् स्मर।" अर्थात् ओम् नाम का जाप कार्य करते-करते कर, विशेष तड़फ के साथ तथा मानव जीवन का मुख्य कर्तव्य मानकर जाप कर। यही प्रमाण गीता अध्याय 8 श्लोक 5 व 7 में भी है जिसमें गीता ज्ञान दाता ने कहा है कि हे अर्जुन! तू युद्ध भी कर, मेरा स्मरण भी कर।
🍀हिंदुओं के साथ धोखा
राधास्वामी, जय गुरुदेव, निरंकारी आदि पंथ तथा आसाराम, राम रहीम, देवकीनंदन, अनिरुद्ध आचार्य, इत्यादि संत कहते हैं कि पाप कर्म तो भोगना ही पड़ेगा।
जबकि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 से प्रमाणित करके बताते हैं कि पूर्ण परमात्मा पाप कर्म को भी काट देता है।
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dainiksamachar · 7 months
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गठबंधन के दलों को कभी निराश नहीं किया, यूपी में 65 सीटों पर चुनाव लड़ने पर बोले अखिलेश यादव
सहारनपुर: 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से 65 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के संकेत देने वाले सपा अध्यक्ष ने गुरवार को कहा कि अपने गठबंधन के सहयोगियों को पहले कभी निराश नहीं किया है और आगे भी नहीं करेंगे। यादव ने सपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में 65 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के संकेत देने और बाकी 15 सीटों पर गठबंधन के साथियों के संतुष्ट होने की सम्भावना से जुड़े सवाल पर संवाददाताओं से कहा कि सपा ने अब तक जितने भी गठबंधन किए हैं, उनमें हमारी कोशिश रही है कि गठबंधन के सहयोगी दलों का पूरा सम्मान किया जाए। मैं आज आपके सामने कह रहा हूं, जो भी हमारे गठबंधन के साथी हैं वे कभी पहले निराश नहीं हुए, वे आगे भी निराश नहीं होंगे। सपा अध्यक्ष देवबंद सीट से पूर्व विधायक माविया अली के बेटे के वलीमे (शादी के बाद की दावत) में शामिल होने आए थे।इस सवाल पर कि क्या सपा उत्तर प्रदेश की 80 में से 65 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, अखिलेश यादव ने कहा कि यह गिनती (संख्या), इसलिए भी थी, क्योंकि वहां पर आए (बैठक में आए) प्रदेश कार्यकारिणी के लोगों ने कई तरह के सुझाव दिए थे कि सपा को इतनी सीटें लड़नी चाहिए, लेकिन मैं आपसे कह रहा हूं कि अब तक हमने जितने भी गठबंधन किए हैं उनके साथियों को निराश नहीं किया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव यादव ने बुधवार को लखनऊ में हुई पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में 65 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में कोई भी गठबंधन सपा की मदद के बिना चुनाव नहीं जीत सकता, इसलिए सपा सभी 80 सीटों पर बूथ स्तर तक पुख्ता तैयारी करे। वो बात खत्म हो गई...मध्य प्रदेश के सवाल पर बोले अखिलेश मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन के तहत टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ हाल में हुई तल्खी के बारे में सवाल किया गया। इस पर सपा प्रमुख ने कहाकि मध्य प्रदेश में जो बात खत्म हो गई है, उस बात को हम लोग न उठाएं। ये शायद हमारी समझ के बाहर था या फिर हमने ज्यादा समझ लिया था उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि मध्य प्रदेश में अगर उनके (कांग्रेस) लोग बातचीत कर रहे हैं तो हमें साथ लेकर चलेंगे। अब साफ हो गया है कि राज्य स्तर पर कोई गठबंधन नहीं है तो कोई बात नहीं है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर जो गठबंधन है उसको पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) एक रणनीति के तहत मदद करेगा। राजग के लोगों ने पीडीए को धोखा दिया- अखिलेश उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पीडीए ही भाजपा नीत राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को हराएगा। राजग के लोगों ने पीडीए को धोखा दिया है। भाजपा के राज में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, मुसलमान सबसे ज्यादा पीड़ित हैं और उनके साथ सबसे ज्यादा अन्याय हुआ है। आम आदमी पार्टी नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से नोटिस भेजे जाने के सवाल पर सपा प्रमुख ने कहा कि चाहे अरविंद केजरीवाल हों या आदरणीय आजम खान हों या फिर सपा के और विधायक हों, अगर वे जनता की आवाज उठाएंगे तो इन पर मुकदमा दर्ज हो जाएगा। ये सब इसलिए परेशान किए जा रहे हैं, क्योंकि भाजपा को लगता है कि ये ताकत बनकर उभरेंगे। अगर उनको यही दबा देंगे तो उनके दल का मनोबल गिर जाएगा। इस आरोप पर कि सपा आजम खान ��े मामले में उनकी मदद नहीं कर रही है, यादव ने कहा कि सपा मदद कर रही है और आगे भी करती रहेगी। http://dlvr.it/SyHtxF
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abhinews1 · 9 months
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शिक्षा मित्रों ने तिरंगा यात्रा निकाल कर किया सांसद हेमामालिनी के कार्यालय का किया घेराव
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शिक्षा मित्रों ने तिरंगा यात्रा निकाल कर किया सांसद हेमामालिनी के कार्यालय का किया घेराव
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने शिक्षा मित्रों की मांगों के लिए तिरँगा यात्रा निकाल कर सांसद हेमामालिनी के कार्यालय पहुँच कर उनके कार्यालय का घेराव कर सांसद को प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन दिया । संघठन के जिला अध्यक्ष खेमसिंह चौधरी के नेतृव में सैकड़ो शिक्षा मित्र टैंक चौराहे पर एकत्रित हुए जहां से पैदल तिरँगा यात्रा निकालते हुए शिक्षा मित्र सिविल लाइन स्बित सांसद हेमामालिनी के कार्यालय पहुचे शिक्षा मित्रों ने सांसद के कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी की । हेमामालिनी कार्यालय पर शिक्षा मित्रों को नही मिली जिला अध्यक्ष ने कहा कि हमने 10 दिन पूर्व ही उन्हें लिखित में अवगत करा दिया था कि 3 सितंबर को शिक्षा मित्र अपनी मांगों का ज्ञापन देने उनके कार्यालय आएंगे लेकिन इसके बाद भी सांसद अपने कार्यालय नही मिली । शिक्षा मित्रों ने अपना प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन उनके प्रतिनधि को दिया और कहा कि अगर एक महीने में शिक्षा मित्रों की समस्याओं का समाधान नही होगा तो 9 अक्टूबर को पूरे प्रदेश के शिक्षा मित्र राजधानी लखनऊ में धरना प्रदर्शन कर आर पार की लड़ाई लड़ेंगे । जिला अध्यक्ष ने बताया कि शिक्षा मित्र 22 वर्षों से अल्प मानदेय पर प्राथमिक विद्यालयों में बच्चो को पढा रहे हैं जहां एक अध्यापक को 60 से 70 हजार रुपये महीने वेतन मिलता है वही इस महंगाई में शिक्षा मित्रों को मात्र 10 हजार रुपये केवल 11 माह मानदेय दिया जा रहा है । सितंबर 2015 में प्रधानमंत्री मोदी जी ने बनारस की रैली में शिक्षा मित्रों से उनकी समस्याओं के समाधान का वादा किया था और 2017 के विधान सभा के चुनावी घोषणा पत्र में भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में वादा किया था कि बीजेपी की सरकार बनती है तो 3 महीने में शिक्षा मित्रों की सभी समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा । लेकिन आज 6 साल से ज्यादा का समय होने के बाद भी न तो केंद्र की ओर न प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने शिक्षा मित्रों की समस्याओं की ओर ध्यान तक नही दिया है । भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने शिक्षा मित्रों का वोट लेकर सरकार बनने के बाद धोखा किया है । जिस धोखे से दुखी होकर मानसिक अवसाद में आकर प्रदेश में पिछले 6 वर्षों में लगभग 8 हजार शिक्षा मित्र अवसाद एवं आर्थिक स्थिति से इलाज के अभाव में अपनी जान गवा चुके हैं । इसलिए ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग की गई है कि शिक्षा मित्रों का स्थाई करण किया जाए , शिक्षा मित्रों को समान कार्य समान वेतन दिया जाए , मृतक शिक्षा मित्रों के परिवार को आर्थिक मद्त की जाए ,टेट पास शिक्षा मित्रों को नियमो में छूट प्रदान कर सहायक अध्यापक बनाया जाए । तिरँगा यात्रा एवं घेराव में दीपक गुप्ता , मुंसिफ अली , सतेंद्र सिंह , रामकुमार , योगेंद ठाकुर , राजकुमार चौधरी , रामवीर छोंकर , बनी सिंह , तेजवीर चौधरी , पहलाद सिंह , सुनील चौहान , भगवान सिंह , पीताम्बर चौधरी , सुभाष चौधरी , अनिता चतुर्वेदी , सविता , शीतल , हेमलता , देवकी , पूनम , गगन , प्रमोद , सुनीता , मंजू , सुशील , वेदवीर , धीरज , महमूद , बबिता , कविता , विनीता , गजेंद्र , वीरेन्द्र , भगत सिंह , उदय सिंह , सीमा , सविता डागर , आदि सैकड़ो की संख्या में शामिल हुए ।
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writerss-blog · 1 year
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हम जनता हैं
हम जनता हैं हमारी कौन सुनता है, माना की हमारा मत लोकतंत्र की धुरी है, संविधान और सरकार की हर व्यवस्थाएं जन लाभ के लिए जरूरी हैं मगर सरकारों का दिखावा वादों का दावा मात्र चुनाव जीतने का छलावा है । अपने शानो शौकत में मशगूल राजनेता सदा करते हैं धोखा खुद तो मलाई पर जनता को पांच किलो अनाज की रहनुमाई, कमल है ना ! लोकतंत्र और सरकार की भलाई । जब हमारे ही चुने नुमाइंदे हमें देते हैं…
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news27channel · 1 year
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सावधान रहे कही आप के साथ हो न जाए धोखा... सेक्टर 14 के एल ब्लाक अगर कोई प्लाट (जमीन) खरदीने का इच्छुक हो तो हो जाओ सावधान, कही आप की खून-पसीने की कमाई धोखेबाज भू-माफिया और जमीनों के दलाल लूट न ले, उदयपुर -सेक्टर 14 के एल-ब्लाक में एश्वर्या विहार के बिच में जाने वाली 60 फीट रोड, जो की आरएसईबी के सामने से होकर जाती है वहा पर युआईटी की जमीन को धोखेबाज भू-माफिया और जमीनों के दलाल को खुद का बता कर जमीन पर प्लाट काट कर आम जनता से उस प्लाट की सौदेबाजी कर रहे है... ऐसी ही एक जानकारी आमजन ने न्यूज़27 चैनल तक पहुचाई है जिसमे धोखेबाज भू-माफिया और जमीनों के दलाल जो की युआईटी की जमीन को खुद का बता कर ढाई लाख से लकर पांच लाख रुपयों तक में प्लाट को काट कर बेचने के लिए घूम रहे है, जागरुक नागरिक ने न्यूज़27 तक उस जमीन से जुडी जानकारी कागजो के रूप में दी है जिसमे साफ-साफ़ अंकित किया हुआ है की यह जम��न युआईटी की है और युआईटी द्वारा ही उस जमीन का नक्षा भी बना रखा है लेकिन धोखेबाज ,भू-माफिया और जमीनों के दलालो के पास ऐसा कोई दस्तावेज मोजूद नहीं है जिससे यह साबित हो की वह जमीन उसकी हो जो उसको बेचने के लिए घूम रहा है धोखेबाज ,भू-माफिया और जमीनों के दलाल सिर्फ भोली-भाली जनता को उनके जाल में फ़साने के लिए फर्जी कागज तैयार कर आम जनता की खून-पसीने की कमाई को लूटने का प्रयास कर रहे है.....न्यूज़27 चैनल आमजन से यह अपील करता है की अगर कोई ��ी स���क्टर 14 के एल-ब्लाक में एश्वर्या विहार के बिच में जाने वाली 60 फीट रोड जो की आरएसईबी के सामने से गुजरती है वहा जमीन पर क्रय-विक्रय करता है तो सावधान रहे और सभी दस्तावेजो की पूरी तरह से जाँच कर ले नहीं तो हो सकता है आप साथ धोखा.. #news27 #channel
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sharpbharat · 1 year
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Jharkhand ex cm Raghuvar das meet injured BJP workers - हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर बरसे पूर्व सीएम रघुवर दास, लाठीचार्ज में घायल भाजपा कार्यकर्ताओं से अस्पताल में की मुलाक़ात, बोले- जब तक हेमंत सोरेन को उखाड़ नही फेंकेगे तब तक शांति से नही बैठेंगे भाजपा कार्यकर्ता
रांची:भारतीय जनता पार्टी द्वारा मंगलवार को झारखंड सचिवालय घेराव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सरकार ने युवाओं किसानों महिलाओं को धोखा देने का काम किया है. चुनाव के पहले हेमंत सोरेन ने बड़े-बड़े वादे किए. लेकिन सत्ता पाते ही लूट खसोट में लग गए. राज्य में पत्थर बालू कोयले की लूट मची हुई है. यह सारा कार्य…
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loktantraudghosh · 1 year
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धोखा धोखा और धोखा -- कब तक बनाओगे जनता को बेवकूफ ??
विकास यात्रा में नकली राजबाड़ा अब कहां है ??ढूंढने वाले को नगद 3100रुपये ईनाम … लोकतंत्र उद्धघोष :मुकेशप्रधान-इंदौर भाजपा सरकार और नगरनिगम परिषद जोरशोर से केंद्र , राज्य सरकार व नगरनिगम तथा इंदौर विकास प्राधिकरण की योजनाओं , उपलब्धियों पर विकास यात्रा निकाल रहे है । वह भी सब जनता की गाढ़ी पसीने को निर्ममता से फूंक कर …इस यात्रा में सहभागी अधिकारियों जनप्रतिनिधियों तथा कवरेज कर रहे मीडिया से…
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prabudhajanata · 1 year
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रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य की एक मात्र मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय राजनीतिक दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष श्री अमित जोगी (Amit Jogi) आज त्रिपुरा राज्य पहुंचकर त्रिपुरा की क्षेत्रीय पार्टी टिपरा मोथा पार्टी (TIPRA) के पक्ष में जोरदार प्रचार किया चुनावी सभा को संबोधित करते हुए टीएमटी को जिताने और टिपरा मोथा पार्टी के प्रमुख प्रद्योत माणिक्य देब बर्मा के हाथ में सत्ता सौंपने के लिए नागरिकों से अपील की। इस दौरान अमित जोगी ने कहा त्रिपुरा में नई समीकरण के साथ नई पार्टी टीएमटी सरकार बनाने जा रही है त्रिपुरा पार्टी के प्रमुख प्रद्योत माणिक्य राज परिवार के वंशज है जिन्होंने पूरे जीवन त्रिपुरा राज्य के सेवा में बिताया है इस राज्य में विशेषकर आदिवासियों की बहुलता है जो कि सत्ता की कुंजी है जिनके आशीर्वाद से टीएमटी चुनाव जीत दर्ज करेगी और त्रिपुरा में टीएमटी की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा मैं अमित जोगी त्रिपुरवासियों को प्रणाम करता हूँ। हमारे प्रद्युत भाई, के लिए इतना ऐतिहासिक समर्थन और प्यार देख के ये विश्वास के साथ कहता हूँ कि :- बुबागरा से दिल्ली डरा त्रिपुरा wants टिपरा बुबागरा से दिल्ली डरा त्रिपुरा wants टिपरा मेरे पिता और छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री माननीय अजीत जोगी जी ने आज से 20 साल पहले यानि 2003 में इसी फरवरी माह की 22 तारीख को कहा था कि त्रिपुरा राज्य का विकास और भविष्य तभी संभव है जब त्रिपुरा राज्य के लोगों के हाथों में त्रिपुरा को आगे बढ़ाने की कमान होगी। मैं त्रिपुरवासियों को केवल इतना कहूँगा कि वो एक बार, केवल एक बार, पीछे मुड़ कर देखें और सोचें कि दिल्ली के हाथों में अपनी किस्मत दे के उन्हें अब तक क्या मिला ? क्या मिला।।।।कुछ नही मिला….मिला केवल धोखा। हाथ ने थप्पड़ मारा, फूल ने fool बनाया और सिकल ने गला कांटा ।।।।सही है कि नही? …क्या फिर अगले पांच साल यही करना है या फिर अपने और त्रिपुरा के भविष्य के बारे में सोचना है। प्रद्युत भाई जो लड़ाई लड़ रहे हैं वो किसलिये लड़ रहे हैं। मैं आपसे पूछता हूँ, और आप घर जाकर अपने पड़ोसियों से पूछिये और उन्हें बताईये कि "त्रिपुरा के हित का फैसला, त्रिपुरा के लोगों द्वारा ही , त्रिपुरा में लिया जाना चाहिए न कि दिल्ली में" ये सोच गलत है क्या ? मेरे त्रिपुरा के युवा साथी या किसान या मजदूर का फैसला दिल्ली में बैठा नेता लोग नही लेगा। ये मॉडल त्रिपुरा को कभी विकसित नही होने देगा। त्रिपुरा के हित का फैसला, त्रिपुरा में होना चाहिये, त्रिपुरवासियों के द्वारा। मैं आपसे केवल इतना कहना चाहता हूँ कि 16 फरवरी को जो आप फैसला लेंगे वो आपके 5 साल नही बल्कि आने वाले 50 साल पर असर करेगा। इसलिये एक मौका इस बार अपने टिपरा, अपने मणिकया ,अपने बुबागरा को दीजिये और त्रिपुरा का भविष्य , त्रिपुरा के पास रहने दीजिए। मेरे साथ जोर से बोलिये वोट फ़ॉर त्रिपुरा वोट फ़ॉर टिपरा वोट फ़ॉर त्रिपुरा वोट फ़ॉर टिपरा
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