On the seventh day of Navratri, we honor Goddess Kalaratri and seek her blessings for strength and protection. Who ia Maa Kalratri. Know the timing of Kalratri Pooja and embrace the divine energy.
Kalratri is also glorified as Kali Maa. She is revered with the name Kalratri because she represents herself as the death of Kall, which appeared like a dark night for demons.
Maa Kalratri
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्रि की पूजा का विधान है। मां कालरात्रि को यंत्र, मंत्र और तंत्र की देवी भी कहा जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं अर्थात इनकी पूजा से शनि के दुष्प्रभाव दूर होते हैं।
सुनिए देवी माँ का बहुत ही सुन्दर भजन जिसे सुनकर आपके दिल को असीम शांति मिलेगी 👉 https://youtu.be/Sy4RIja6TVM
नवरात्रि के सातवें दिन दुर्गाजी की सातवीं शक्ति देवी कालरात्रि की पूजा का विधान है। मां कालरात्रि को यंत्र, मंत्र और तंत्र की देवी भी कहा जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं अर्थात इनकी पूजा से शनि के दुष्प्रभाव दूर होते हैं।
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Seventh form of Maa Durga known as Goddess Kalratri is worshipped on Maha Saptami. As her name suggests, she happens to be the destroyer of all bad spirits as well as negative energies. #navratri #navratriday7 #maakalratri #everything2serv https://www.instagram.com/p/CjMfUk-Pjzs/?igshid=NGJjMDIxMWI=
शुभ नवरात्रि !!! वामपदोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी।। महामंगलमयी माँ नवदुर्गा के सप्तम स्वरुप माँ कालरात्रि के श्रीचरणों में कोटि कोटि नमन.... माँ दुर्गा की सप्तम शक्ति हैं माँ कालरात्रि का रंग काला होने के कारण ही इन्हें कालरात्रि कहा गया व असुरों को वध करने के लिए बनी थी कालरात्रि। जब दैत्य शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा रखा था तब शिव जी कहने पर पार्वती जी ने दुर्गा का रूप धारण किया और शुंभ-निशुंभ का वध कर सभी का गला काटते हुए रक्तबीज का वध कर दिया। देवी के इस रूप में सभी राक्षस,भूत, प्रेत, पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है, जो उनके आगमन से पलायन करते हैं। देवी माँ अपने सेवकों पर कृपा दुष्टि बनाए रखें। ।।जय माता दी।। #Navratri #Navratri2022 #JaiMataDi #MaaDurga #MaaKalratri #MaaKali #नवरात्रि #माँ_कालरात्रि #Navdurga #Maa #MaaDurga #JaiMataDi #Bharat #Sanatan #SanatanDharma #SanatanSanskriti #DeviMata #Festival #Durgapuja #India #IndianCulture #IndianFestival (at Delhi, India) https://www.instagram.com/p/CjMKyAVKup7/?igshid=NGJjMDIxMWI=
On the 7th day of Navratri worship this goddess who is also known by the name of Maa Kalratri to safeguard your family and loved ones against all misfortune.
JAI MAA KALRATRI🙏🏻
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नवरात्रि के सातवें दिन की देवी हैं मां कालरात्रि, जानें इनकी पूजा विधि, व्रत कथा, मंत्र और भोग
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि का पूजा होती है। मान्यता के अनुसार मां के इस स्वरूप की पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और बुरी शक्तियों का प्रभाव भी कम होने लगता है।
मां कालरात्रि की कथा -
जब शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज जैसे राक्षसों ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा रखा था, तब सभी देवता इससे चिंतित होकर शिवजी के शरण में गए और उनसे सृष्टि की रक्षा के लिए प्रार्थना करने लगे। भगवान शिव ने माता पार्वती को भक्तों की रक्षा के लिए दैत्य का वध करने को कहा। शिवजी की बात मानकर माता ने दुर्गा का रूप धारण कर शुंभ-निशुंभ का वध कर दिया। जब मां दुर्गा ने रक्तबीज दानव को मौत के घाट उतारा, तो दैत्य के शरीर से निकले रक्त से लाखों की संख्या में रक्तबीज दैत्य उत्पन्न हो गए। यह देख मां दुर्गा ने अपने तेज से कालरात्रि को उत्पन्न किया। फिर, मां दुर्गा ने दैत्य रक्तबीज का वध किया और उसके शरीर से निकलने वाले रक्त को जमीन पर गिरने से पहले ही माता ने अपने मुख में भर लिया। इस तरह मां दुर्गा ने दैत्यराज के सभी रूपों का गला काटते हुए वध कर दिया।
मां कालरात्रि की पूजा विधि -
शास्त्रों के अनुसार, मां कालरात्रि की दो तरह से पूजा की जाती है। एक तंत्र-मंत्र और दूसरा शास्त्रीय पूजन के तरीके से। कहते हैं, मां कालरात्रि की पूजा गृहस्थ लोगों को शास्त्रीय विधि के अनुसार करनी चाहिए। तो चलिए इसकी पूरी विधि को जान लेते हैं।इसके लिए सबसे सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर लें। फिर अपने पूजा घर की साफ सफाई करने के बाद गंगाजल का छिड़काव कर लें। माता को नीला रंग अति प्रिय है। इसलिए उनकी पूजा के लिए नीले रंग का इस्तेमाल करना जरूरी है। मां कालरात्रि को गुड़ का भोग जरूर लगाएं। देवी के पूजन में घी का दीपक जलाएं। फिर, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। पूजा के बाद कथा करके देवी की आरती अवश्य करें।
मां कालरात्रि का प्रिय भोग शहद माना गया है। ऐसे में नवरात्रि के सातवें दिन की देवी को शहद का भोग अवश्य लगाएं। इससे मां की प्रसन्नता जल्दी हासिल होती है।
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चैत्र नवरात्रि : आज करें काल का नाश करने वाली मां कालरात्रि की पूजा, जानिए व्रत का महत्व और पूजन-विधि
चैतन्य भारत न्यूज
आज चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है और इस दिन मां कालरात्रि की उपासना की जाती है। आइए जानते हैं मां कालरात्रि की पूजा का महत्व और पूजन-विधि।
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मां कालरात्रि की पूजा का महत्व
मां दुर्गा के सातवें स्वरूप का नाम कालरात्रि है। मां कालरात्रि का रंग घने अंधकार के समान काला है और इस वजह से उन्हें कालरात्रि कहा गया। मां दुर्गा ने असुरों के राजा रक्तबीज का वध करने के लिए अपने तेज से मां कालरात्रि को उत्पन्न किया था। मां कालरात्रि को 'शुभंकारी' भी कहा जाता हैं। मां कालरात्रि सभी कालों का नाश कर देती हैं। मां के स्मरण मात्र से ही भूत-पिशाच, भय और अन्य सभी तरह की परेशानी दूर हो जाती हैं। कहा जाता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से भक्त समस्त सिद्धियों को प्राप्त कर लेते हैं। कालरात्रि देवी की पूजा काला जादू की साधना करने वाले जातकों के बीच बेहद प्रसिद्ध है।
मां कालरात्रि की पूजा-विधि
सबसे पहले चौकी पर मां कालरात्रि की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और फिर गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें।
मां कालरात्रि की पूजा के दौरान लाल रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
मकर और कुंभ राशि के जातकों को कालरात्रि की पूजा जरूर करनी चाहिए।
मां को सात या सौ नींबू की माला चढाने से परेशानियां दूर होती हैं।
सप्तमी की रात्रि तिल या सरसों के तेल की अखंड ज्योत जलाएं।
पूजा करते समय सिद्धकुंजिका स्तोत्र, अर्गला स्तोत्रम, काली चालीसा, काली पुराण का पाठ करना चाहिए।
मां कालरात्रि को गुड़ का नैवेद्य बहुत पसंद है अर्थात उन्हें प्रसाद में गुड़ अर्पित करके ब्राह्मण को दे देना चाहिए। ऐसा करने से पुरुष शोकमुक्त हो सकता है।
मां कालरात्रि का मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
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