आज से 510 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर ने तीन दिन 'दिव्य धर्म यज्ञ' का आयोजन किया था। जिसमें 18 लाख से अधिक साधु, संतों व लोगों ने मोहन भंडारा किया था। वही इतिहास बंदीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज के सानिध्य म���ं पुनः रचा जा रहा है।
सतभक्ति करने से उजड़ा परिवार भी बस जाता है और पूरा परिवार सुख का जीवन जीता है। जीवन का सफर आसानी से तय हो जाता है क्योंकि जीवन का मार्ग साफ हो जाता है।