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#महिला विटामिन
thelifeoftravel · 2 years
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What vitamins and minerals does woman need?-Hindi
What vitamins and minerals does woman need?-Hindi
 महिलाओं को कौन से विटामिन और खनिजों की आवश्यकता होती है? हम उन उत्पादों को शामिल करते हैं जो हमें लगता है कि हमारे पाठकों के लिए उपयोगी हैं। यदि आप इस पृष्ठ पर लिंक के माध्यम से खरीदते हैं, तो हम एक छोटा कमीशन कमा सकते हैं। यहाँ क्लिक करे व्यक्तिगत पोषण संबंधी जरूरतें उम्र और समग्र स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार बदलती रहती हैं। कुछ आवश्यकताएं महिलाओं के लिए विशिष्ट होती हैं, और वे जीवन भर बदल भी…
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ayurvedictipsforall · 2 months
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5 आवश्यक विटामिन जिनकी महिलाओं को प्रतिदिन आवश्यकता होती है
जानें महिलाओं के लिए जीवंत स्वास्थ्य के रहस्य।
जानें कि एक महिला की दैनिक भलाई के लिए कौन से विटामिन आवश्यक हैं। विटामिन डी के साथ मजबूत हड्डियों का समर्थन करने से लेकर प्रोबायोटिक्स के साथ आंत के स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा स्तर को बढ़ाने तक, खुद को आगे बढ़ने के लिए ज्ञान के साथ सशक्त बनाएं। 
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इसे साझा करें अपने दोस्तों के साथ और डॉ.शारदा आयुर्वेदा के साथ स्वस्थ, खुशहाल जीवन की ओर अपनी यात्रा शुरू करें।
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staminaenhancer · 3 months
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सर्दियों में सेहत का खजाना है राजमा इसका सेवन करने से गर्भवती महिला में फोलेट की कमी नहीं होती है इसमें विटामिन-सी पाया जाता है जो त्वचा के लिए लाभकारी होता है और त्वचा की सुंदरता को भी बनाए रखता है यह पेट पर चर्बी को जमने नहीं देता है
Rajma is a treasure of health in winter Consuming this does not cause folate deficiency in pregnant women. Vitamin C is found in it which is beneficial for the skin and also maintains the beauty of the skin. It does not allow fat to accumulate on the stomach
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anmolhealthblog · 1 year
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गर्भावस्था आहार योजना | Best diet plan for pregnancy in hindi
Pregnancy diet chart | About pregnancy diet in hindi | स्वस्थ गर्भावस्था आहार योजना 
एक महिला के जीवन में गर्भावस्था एक महत्वपूर्ण चरण है, और मां और बढ़ते बच्चे दोनों के लिए एक संतुलित आहार महत्वपूर्ण है। गर्भावस्था के दौरान उचित पोषण आवश्यक है क्योंकि यह बच्चे को सही ढंग से विकसित करने में मदद करता है और यह सुनिश���चित करता है कि माँ स्वस्थ रहे। गर्भावस्था के दौरान किए गए भोजन के विकल्पों का मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इष्टतम पोषण सेवन सुनिश्चित करने के लिए एक स्वस्थ गर्भावस्था आहार योजना आवश्यक है।
गर्भावस्था एक ऐसा समय होता है जब शरीर में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं और इसलिए, शरीर की पोषण संबंधी ज़रूरतें बढ़ जाती हैं। एक महिला के शरीर को गर्भावस्था के दौरान भ्रूण की वृद्धि और विकास के लिए अतिरिक्त पोषक तत्वों और कैलोरी की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान अनुशंसित कैलोरी का सेवन महिला के वजन, ऊंचाई, आयु और गतिविधि स्तर के आधार पर भिन्न होता है। औसतन, गर्भवती महिलाओं को दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान प्रति दिन अतिरिक्त 300-500 कैलोरी की आवश्यकता होती है।
गर्भावस्था के दौरान एक संतुलित आहार में सभी खाद्य समूहों से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए। एक संतुलित गर्भावस्था आहार योजना में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज शामिल होने चाहिए। निम्नलिखित कुछ आवश्यक पोषक तत्व हैं जिन्हें स्वस्थ गर्भावस्था आहार योजना में शामिल किया जाना चाहिए।
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गर्भ संस्कार किसी भी गर्भ शिशु को कैसे सिखाएं
किसी भी भ्रूण की शिक्षा गर्भावस्था के समय से ही शुरू हो जाती है, भारतीय संस्कृति के अनुसार भ्रूण को संस्कार देने की शुरुआत गर्भावस्था के समय से ही मानी जाती है।
सनातन में ऐसे कई रिवाज हैं। जिन्हें हम अंधविश्वास की श्रेणी में लाते हैं, लेकिन वास्तव में वे काफी हद तक वैज्ञानिक हैं।
कुछ ऐसे संस्कार गर्भ संस्कार के अंतर्गत आते हैं। जिसे आज की युवा पीढ़ी अंधविश्वासी मानती है। इन्हें भ्रूण के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
गर्भ संस्कार का अर्थ गर्भ में पल रहे भ्रूण को शिक्षित करना है। गर्भावस्था के दौरान बच्चे को शिक्षित करना और उन्हें सकारात्मक विचारों और मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करना गर्भ संस्कार कहलाता है।
गर्भ संस्कार क्या है?
पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार गर्भ के अंदर धार्मिक विकास, मस्तिष्क का विकास और भ्रूण का शारीरिक विकास गर्भ संस्कार के अंतर्गत आता है।
गर्भ संस्कार की विस्तृत जानकारी के लिए महिलाओं को गर्भ संस्कार से संबंधित पुस्तकें पढ़नी चाहिए। इन्हें पढ़ने के बाद गर्भावस्था को लेकर महिला का नजरिया पूरी तरह से बदल जाता है, यह बेहद जरूरी है।
अजन्मे बच्चे को अच्छी आदतें कैसे सिखाएं
भ्रूण के हर तरह के विकास के लिए एक महिला कुछ ऐसे कदम उठा सकती है जो बहुत ही आसान हैं, जिसे वह आसानी से अपनी जीवन शैली में फिट कर सकती है।
योग और ध्यान
गर्भावस्था के दौरान योग करने से गर्भवती महिला तनावमुक्त और शांत रहती है। यह सामान्य प्रसव और स्वस्थ गर्भावस्था में भी मदद करता है। वहीं मेडिटेशन करने से मां के मन में सकारात्मक विचार आते हैं और बच्चा शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ हो जाता है।
आध्यात्मिक पुस्तक पढ़ें
गर्भावस्था के दौरान आध्यात्मिक किताबें पढ़ना बहुत फायदेमंद होता है, 7 महीने के बाद बच्चा महिला की आवाज सुनना शुरू कर देता है। बच्चा भी मां की आवाज पर प्रतिक्रिया करता है।
धार्मिक पुस्तकें पढ़ने से मन में सकारात्मक विचारों का प्रवाह बढ़ता है। इसका शिशु पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि एक घर में शिशु का अपनी मां से सीधा मानसिक और शारीरिक संबंध होता है।
मधुर संगीत सुनें
सॉफ्ट म्यूजिक किसी भी प्रेग्नेंट मां को काफी सुकून देता है। इससे तनाव कम होता है। बेबी को भी संगीत पसंद है। कई वैज्ञानिकों के अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान संगीत सुनने से गर्भवती मां और बच्चे दोनों के तनाव में कमी देखी गई है। महिला चाहे तो गायत्री मंत्र, हनुमान चालीसा और अन्य भजन भी सुन सकती है। इसका बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
भोजन का पोषण मूल्य
एक महिला के लिए अपने भोजन के पोषण मूल्य को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि गर्भस्थ शिशु के शरीर का विकास महिला के भोजन में मौजूद मिनरल्स और विटामिन की मदद से ही होता है। बच्चे के शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महिला को अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए। फास्ट फूड से बचें। बासी भोजन से परहेज करें। ताजा और प्राकृतिक भोजन लें।
यदि कोई महिला गर्भ संस्कार से संबंधित जानकारी रखती है, या किसी विशेषज्ञ की देखरेख में गर्भावस्था को आगे बढ़ाती है, तो वह और भी कई काम कर सकती है, जिससे बच्चे के विकास में मदद मिलेगी।
गर्भ में ही शिशु को ऐसे सिखाएं अच्छी आदतें
गर्भ में बच्चे को कैसे संस्कार दें?
प्रेगनेंसी में गर्भ संस्कार के नियमों का पालन कैसे करें
गर्भ संस्कार के लाभ
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abhinews1 · 1 year
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फटे होंठ व तालू के कारण और निवारण से रूबरू हुए डेंटल के विद्यार्थी
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फटे होंठ व तालू के कारण और निवारण से रूबरू हुए डेंटल के विद्यार्थी
के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में डॉ. स्वाति आचार्य ने साझा किए अनुभव मथुरा। के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में मंगलवार को "कम्प्लीट गाइड टू ऑल क्लीनिकल केस ऑफ क्लेफ्ट लिप एण्ड क्रानियोफेशियल ऑर्थोडॉन्टिक्स" विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जानी-मानी दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. स्वाति आचार्य ने पोस्ट-ग्रेजुएट और इंटर्न छात्र-छात्राओं को फटे होंठ और तालू के कारण और निवारण पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला का शुभारम्भ प्राचार्य और डीन डॉ. मनेष लाहौरी तथा डॉ. अतुल सिंह द्वारा अतिथि वक्ता डॉ. स्वाति आचार्य के स्वागत भाषण से हुआ। कार्यशाला की मुख्य वक्ता डॉ. स्वाति आचार्य ने छात्र-छात्राओं को बताया कि फटे होंठ और तालू को मेडिकल भाषा में क्लेफ्ट लिप एण्ड पैलेट कहा जाता है। यह मुंह को प्रभावित करने वाला सबसे आम प्रकार का जन्मदोष है। फटे होंठ और तालू की समस्या तब होती है जब होंठ का निर्माण करने वाली दो संरचनाएं सामान्य रूप से काम न कर पाएं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एण्ड क्रानियोफेशियल रिसर्च के एक अध्ययन के अनुसार लगभग एक हजार बच्चों में सात बच्चे फटे होंठ और तालू के दोष के साथ जन्म लेते हैं। बच्चे इस विकृति के साथ जन्म क्यों लेते हैं, इसके बारे में कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह गर्भवती महिला में विटामिन बी और फोलिक एसिड की कमी के कारण होता है। उनके अनुसार अगर महिलाएं गर्भधारण से पहले ही इन विटामिनों को लें तो शिशु में यह समस्या होने से रोकी जा सकती है। डॉ. स्वाति आचार्य ने बताया कि फांक तालु की समस्या का पता शिशु के जन्म से पहले ही गर्भावस्था के दौरान किए गए अल्ट्रासाउंड में ही लग जाता है। अल्ट्रासाउंड की मदद से सिर्फ फटे होंठ और तालू का ही नहीं अन्य कई प्रकार के जन्म दोषों का भी पता लगाया जा सकता है। डॉ. स्वाति आचार्य ने कहा कि कुछ मामलों में अगर अल्ट्रासाउंड के दौरान क्लेफ्ट लिप एण्ड पैलेट का पता नहीं लग पाया है, तो ऐसी स्थिति की पुष्टि के लिए फीटल एमआरआई स्कैन किया जा सकता है। कुछ मामलों में अगर बच्चे को बहुत ही कम फटे होंठ या फांस तालू है, तो ऐसे में इसका पता सिर्फ तब ही लग पाता है जब बच्चे को दूध पीने के दौरान तकलीफ हो रही होती है। व्याख्यान में पूर्व सर्जिकल शिशु आर्थोपेडिक, नेसोएल्वियोलर मोल्डिंग की युक्तियों और तकनीकों के बारे में भी छात्र-छात्राओं को जानकारी दी गई। मुख्य वक्ता डॉ. आचार्य ने मिश्रित दंत चिकित्सा क्लेफ्ट मामलों में किस यांत्रिकी का पालन करना है तथा एक पूर्ण एडल्ट क्लेफ्ट ऑर्थोगैथिक मामलों और इसके वेलोफेरीन्जियल परिवर्तनों पर भी प्रकाश डाला। डॉ. स्वाति आचार्य ने नासोल्वोलर मोल्डिंग तकनीक के लिए इम्प्रेशन लेने और उपकरण निर्माण के एक वीडियो का भी प्रदर्शन किया। कार्यशाला के अंत में डॉ. अतुल सिंह ने सभी का आभार माना। चित्र कैप्शनः कार्यशाला के बाद डेंटल छात्र-छात्राओं के साथ डॉ. स्वाति आचार्य और डॉ. अतुल सिंह।
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medtalks01 · 1 year
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गर्भावस्था के दौरान एनीमिया से क्या अभिप्राय है? What is meant by anemia during pregnancy?
एनीमिया तब होता है जब आपके पास पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाएं नहीं होती हैं। जब आपके शरीर को आपके रक्त से पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती है, तो यह ठीक से काम नहीं कर पाता है। एक महिला जिसे गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होता है, उसे गर्भवस्था के दौरान एनीमिया माना जाता है।
लाल रक्त कोशिकाओं (red blood cells) में हीमोग्लोबिन (हीमोग्लोबिन) नामक एक महत्वपूर्ण प्रोटीन होता है। यह प्रोटीन ऑक्सीजन रखता है और आपकी लाल रक्त कोशिकाओं को आपके फेफड़ों से आपके शरीर में ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है। यह आपके शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड को आपके फेफड़ों तक ले जाने में भी मदद करता है ताकि आप इसे साँस के साथ बाहर निकाल सकें। 
आरबीसी (RBC) और हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने के लिए, आपके शरीर को आयरन और विटामिन की लगातार आपूर्ति की आवश्यकता होती है। उस आपूर्ति के बिना, आपका शरीर आपके अंगों में ठीक से ऑक्सीजन ले जाने के लिए पर्याप्त हीमोग्लोबिन का उत्पादन नहीं करेगा। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में एनीमिया होना आम बात है क्योंकि उनके पास पर्याप्त आयरन और अन्य विटामिन नहीं होते हैं।
गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करने वाले एनीमिया के प्रकार क्या हैं? What are the types of anemia that affect pregnant women?
400 से अधिक प्रकार के एनीमिया हैं। गर्भावस्था के दौरान निम्न कुछ अधिक सामान्य एनीमिया हैं जो कि महिलाओं को होने की आशंका रहती है :-
आयरन की कमी से एनीमिया, आयरन की कमी से।
फोलेट की कमी से एनीमिया, फोलिक एसिड की कमी से।
विटामिन बी 12 की कमी से एनीमिया, विटामिन बी 12 की (Vitamin B12 Deficiency) कमी से।
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होने की सबसे अधिक संभावना किसे होती है? Who is most likely to get anemia during pregnancy?
गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में रक्त की मात्रा 20% से 30% तक बढ़ जाती है। इसका मतलब है कि आपके शरीर को अधिक लाल रक्त कोशिकाओं के लिए अधिक आयरन की आवश्यकता है। गर्भावस्था के दौरान आपको एनीमिया होने का अधिक खतरा हो सकता है यदि आप निम्न से जूझ रहीं हैं :-
एक से अधिक बच्चे हैं।
पर्याप्त आयरन का सेवन नहीं कर रही हैं।
कम समय के साथ एक के बाद एक गर्भधारण करना।
गर्भावस्था से पहले भारी मासिक धर्म प्रवाह (menstrual flow) का अनुभव कर रही हैं।
मॉर्निंग सिकनेस (morning sickness) के कारण अक्सर उल्टी होना।
क्या गर्भावस्था के दौरान एनीमिक होना सामान्य है? Is it normal to be anemic during pregnancy?
हां! क्योंकि गर्भावस्था के दौरान रक्त की मात्रा बढ़ जाती है, हल्का एनीमिया सामान्य है। गर्भावस्था में आयरन की कमी आम है, विकासशील देशों में 52% तक गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त आयरन नहीं मिल पाता है। लेकिन,  गंभीर रक्ताल्पता यानि गंभीर एनीमिया (severe anemia) विशिष्ट नहीं है।
हालांकि, हल्के और गंभीर दोनों प्रकार के एनीमिया में आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उपचार की आवश्यकता होती है।
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया बच्चे को कैसे प्रभावित करता है? How does anemia during pregnancy affect the baby?
आपका अजन्मा बच्चा (unborn child) पर्याप्त आयरन, विटामिन बी12 और फोलिक एसिड (Folic acid) प्राप्त करने के लिए आप पर निर्भर है। एनीमिया आपके बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है, खासकर पहली तिमाही (first quarter) के दौरान।
यदि एनीमिया का उपचार नहीं किया जाता है, तो आपके बच्चे को जन्म के बाद एनीमिया होने का अधिक खतरा होता है, जिससे विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही, एनीमिया आपके बच्चे को जल्दी जन्म देने और कम वजन वाले बच्चे के होने के जोखिम को बढ़ाता है।
क्या गर्भावस्था के दौरान एनीमिया गर्भपात का कारण बन सकता है? Can anemia during pregnancy cause miscarriage?
नहीं। गर्भावस्था के दौरान एनीम��या सीधे गर्भपात का कारण नहीं बनता है, लेकिन गंभीर एनीमिया गर्भावस्था की जटिलताओं का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया क्यों होता है? Why does anemia happen during pregnancy?
रक्त की मात्रा में वृद्धि के कारण गर्भावस्था ही एनीमिया का कारण है। गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के अन्य कारणों में पर्याप्त आयरन, विटामिन बी 12 या फोलिक एसिड का सेवन नहीं करना शामिल है।
गैर-गर्भवती लोगों में होने वाले एनीमिया के अन्य कारण भी गर्भावस्था के दौरान एनीमिया का कारण बन सकते हैं जो कि निम्न हैं :-
सिकल सेल एनीमिया (sickle cell anaemia) और थैलेसीमिया (thalassemia) सहित कुछ बीमारियाँ।
रक्त दान (blood donation) करना।
भारी मासिक धर्म प्रवाह (गर्भावस्था से पहले)।
अल्सर।
पॉलीप्स (polyps)।
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के लक्षण क्या हैं? What are the symptoms of anemia during pregnancy?
आपको शुरुआत में हल्के एनीमिया के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं दे सकते हैं। समय के साथ, आप निम्न लक्षण महसूस कर सकती हैं :-
थकान।
सर्दी।
साँसों की कमी।
अन्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं जो कि सामान्य दिखाई देते हैं :-
चक्कर आना या कमजोरी।
तेजी से दिल धड़कना।
सिरदर्द।
पीली, सूखी या आसानी से उखड़ी हुई त्वचा।
छाले से पीड़ित जीभ।
निचले पैर में अनपेक्षित गतिविधि जिसे बेचैन पैर सिंड्रोम (restless leg syndrome) भी कहा जाता है।
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया का निदान कैसे किया जाता है? How is anemia diagnosed during pregnancy?
पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) (complete blood count (CBC) नामक रक्त परीक्षण (blood test) एनीमिया का निदान किया जा सकता है। यह रक्त परीक्षण अक्सर आपकी पहली प्रसवपूर्व नियुक्तियों में से एक में किया जाता है।
आपका स्वास्थ्य सेवा प्रदाता विश्लेषण करने के लिए सीबीसी का उपयोग करता है:
आपके पास कितनी लाल रक्त कोशिकाएं हैं और उनका आकार कैसा हैं। यह जो सिकल सेल एनीमिया जैसी कुछ स्थितियों का संकेत कर सकता है।
आपके शरीर ने कितना आयरन जमा किया है।
आपके शरीर में विटामिन बी12 और बी9 की कमी है।
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया को गंभीर कब माना जाता है? When anemia is considered serious during pregnancy? 
गंभीर एनीमिया तब होता है जब सीबीसी के परिणाम हीमोग्लोबिन दिखाते हैं जो 6.5 से 7.9 ग्राम प्रति डेसीलीटर (g/dL) होता है। यदि आपके परिणाम बताते हैं कि आपको गंभीर एनीमिया है, तो आपका डॉक्टर रक्त आधान (blood transfusion) कर सकता है, सबसे अधिक संभावना एक आउट पेशेंट सेटिंग में। एक रक्त आधान आपको लाल रक्त कोशिकाओं की एक स्वस्थ मात्रा देगा। 
गर्भावस्था में एनीमिया का इलाज कैसे किया जाता है? How is anemia treated in pregnancy?
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के लिए उपचार गंभीरता पर निर्भर करता है। यदि आप निम्न स्थितयों से जूझ रही हैं :-
हल्के से मध्यम एनीमिया (mild to moderate anemia) :- आपका प्रदाता आमतौर पर दैनिक प्रसव पूर्व विटामिन या आयरन सप्लीमेंट के साथ इसका इलाज करेगा। इससे आपके शरीर को स्वस्थ मात्रा में आयरन, विटामिन बी12 और फोलिक एसिड मिलता है।
गंभीर एनीमिया (severe anemia) :- आपको रक्त आधान की आवश्यकता हो सकती है।
गर्भवती होने पर मैं घर पर एनीमिया का इलाज कैसे कर सकती हूँ? How can I treat anemia while pregnant at home?
सबसे सामान्य प्रकार के एनीमिया का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका यह सुनिश्चित करना है कि आपको पर्याप्त आयरन, बी12 और फोलिक एसिड मिल रहा है। हर दिन प्रीनेटल विटामिन (prenatal vitamins) लें। अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें कि वे किस प्रसव पूर्व विटामिन की सलाह देते हैं।
आहार परिवर्तन भी मदद कर सकता है। आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ अधिक खाएं जैसे पालक, लीन बीफ और टर्की। ऐसे खाद्य पदार्थ जो विटामिन से भरपूर होते हैं जो आपके शरीर को आयरन (जैसे विटामिन सी) को अवशोषित करने में मदद करते हैं, साथ ही साथ खट्टे फल, टमाटर और मिर्च भी महत्वपूर्ण हैं।
गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के उपचार के बाद मुझे कितनी जल्दी बदलाव दिखाई देगा? How soon will I see a change after treatment for anemia during pregnancy?
यदि आपको आयरन की कमी, बी12 की कमी या फोलेट की कमी से होने वाला एनीमिया (anemia) है, तो आपको पूरक लेने के कुछ दिनों के भीतर बेहतर महसूस करना शुरू कर देना चाहिए। अगर आपको कोई बदलाव नज़र नहीं आता है, तो अपने प्रदाता से बात करें।
अनुपचारित एनीमिया से क्या हो सकता है? What can happen with untreated anemia?
समय के साथ अनुपचारित एनीमिया खराब हो सकता है। रक्त में बहुत कम ऑक्सीजन होने से आपके अंगों को नुकसान हो सकता है। यह हृदय को अधिक मेहनत करने के लिए भी मजबूर करता है, जिससे जोखिम बढ़ जाता है:
अतालता (arrhythmia)।
बढ़ा हुआ दिल (enlarged heart)।
दिल की धड़कन रुकना (heart failure)।
मैं गर्भावस्था के दौरान एनीमिया को कैसे रोक सकती हूँ? How can I prevent anemia during pregnancy?
एनीमिया की रोकथाम के लिए आप जो सबसे अच्छा काम कर सकते हैं, वह यह है कि हर दिन कम से कम 30 मिलीग्राम (तीन सर्विंग) आयरन का सेवन करें। यदि आपको अपने आहार में उतना आयरन नहीं मिल रहा है, तो आयरन सप्लीमेंट लेने के बारे में अपने प्रदाता से बात करें।
आपको रोजाना प्रीनेटल विटामिन भी लेना चाहिए। यदि संभव हो, तो आपको गर्भवती होने से पहले प्रसवपूर्व विटामिन लेना शुरू कर देना चाहिए। कुछ प्रसवपूर्व विटामिनों में पर्याप्त आयरन नहीं होता है। इसलिए, यह निर्धारित करने के लिए कि आपके लिए किस प्रकार का प्रीनेटल विटामिन सबसे अच्छा है, अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करें।
ध्यान रखें कि आप सभी सही चीजें कर सकती हैं और फिर भी गर्भावस्था के दौरान हल्का एनीमिया हो सकता है। ऐसा रक्त की मात्रा में प्राकृतिक वृद्धि के कारण होता है। यदि आप थका हुआ महसूस करते हैं, चक्कर आते हैं या कोई अन्य लक्षण हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
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activeayulifedelhi · 1 year
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Diet for White Discharge
सफेद पानी की समस्या का आयुर्वेदिक डाइट से समाधान- डॉ रुचि भारद्वाज
महिलाओं की अपनी समस्याएं हैं जो वे कई बार साझा नहीं कर सकती हैं। हालांकि, ये समस्याएं स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं हैं, इसलिए इसे पहले से डॉक्टरों को दिखाना ज़रूरी है। ऐसी कई समस्याओं में से एक महिलाओं में श्वेत प्रदर की समस्या है, जो आम है और इसे ल्यूकोरिया भी कहा जाता है। कई महिलाओं को यह समस्या अधिक होती है और इसके पीछे का कारण आहार (diet) हो सकता है।
हर महिला को समय-समय पर कुछ सामान्य योनि स्राव होते हैं, जो रासायनिक संतुलन और योनि की मांसपेशियों के लचीलेपन को बनाए रखते हैं, योनि के लिए सामान्य रक्षात्मक प्रणाली के रूप में काम करते हैं। यदि इस तरह के डिस्चार्ज सामान्य से अधिक हो जाते हैं और एक दुर्गंधयुक्त गंध के साथ सफेद या पीले रंग का गाढ़ा तरल बन जाता है, तो इसे "ल्यूकोरिया" कहा जाता है जो संक्रमण, कैंसर का संकेत हो सकता है या कुछ अन्य कारणों से हो सकता है। यह असामान्य योनि स्राव सफेद, पीला, लाल और काले रंग का हो सकता है।
संस्कृत भाषा में इसे श्वेतापद्र, दो शब्दों का मेल कहा जाता है। श्वेता का अर्थ है श्वेत और प्रद्र का अर्थ है निर्वहन। यह निर्वहन अक्सर योनि या गर्भाशय ग्रीवा के भीतर सूजन या संक्रमण के कारण होता है।इसका प्रमुख कारण विशेष रूप से एस्ट्रोजन का हार्मोनल असंतुलन है। यह प्राथमिक महिला सेक्स हार्मोन है जो महिला प्रजनन प्रणाली और माध्यमिक सेक्स विशेषताओं के विनियमन और विकास के लिए जिम्मेदार है। यह एक महिला के विभिन्न शारीरिक कार्यों को भी नियंत्रित करता है। कुछ समय में महिला के शरीर में एस्ट्रोजन के असंतुलन से बाँझपन हो सकता है।
मासिक धर्म से पहले या बाद में सफेद निर्वहन या सफेद पानी आना स्वाभाविक है लेकिन सफेद पानी का एक बड़ा हिस्सा एक बीमारी है। इसका इलाज तुरंत करना बेहतर है। इस बीमारी में आहार बहुत जरूरी है। आज हम आपको बताएंगे कि इस बीमारी में क्या नहीं खाना चाहिए। यदि आपको ये समस्याएँ हैं, तो अपने भोजन पर ध्यान दें और इन उत्पादों को अपने आहार में शामिल न करें।
वाइट डिस्चार्ज की समस्या में क्या खाना चाहिए -  श्वेत प्रदर की समस्या को दूर करने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थों को चयन करें जो इसके समाधान के लिए आपकी मदद कर सकें।  1.    दही  2.    आचार  3.    फल एवं हरी सब्जी 4.    मेवें  5.    आयरन युक्त खाद्य पदार्थ एवं विटामिन सी  6.    पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं इत्यादि
वाइट डिस्चार्ज की समस्या में क्या नहीं खाना चाहिए -  कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ है जिसके सेवन से यह समस्या और अधिक बढ़ने की संभावना होती है इसलिए इनको बिल्कुल भी अपनी थाली में नही शामिल करना चाहिए।   1.    इस समस्या में मांस, मछली, मटन से बचना चाहिए। पशु प्रोटीन शरीर में सूजन को बढ़ाता है, जो आपकी सफेद निर्वहन समस्या को और बढ़ा सकता है। 2.    इसके अलावा, अपने आहार में ब्रेड या मशरूम को शामिल न करें। इससे ल्यूकोरिया की समस्या भी बढ़ जाती है। 3.    सफेद निर्वहन में इडली, डोसा आदि जैसे खमीर वाले खाद्य पदार्थ न खाएं, जो आपकी समस्या को और बढ़ा सकते हैं। 4.    रोगी के आहार में थोड़ा सा संशोधन भी ल्यूकोरिया (सैलान-उर-रहम) को रोकने में मदद करता है। संशोधन का अर्थ है आहार से कुछ खराब / अस्वास्थ्यकर अवयवों को छोड़कर और कुछ स्वस्थ लोगों को शामिल करना। ल्यूकोरिया से पीड़ित किसी व्यक्ति के लिए निम्नलिखित उपाय मददगार हैं (सैलान-उर-रहम)। 5.    यदि निर्वहन अधिकहै, तो चीनी से बचा जाना चाहिए। चीनी का मतलब है सभी मीठी चीजें, पेस्ट्री, कस्टर्ड, आइसक्रीम-हलवा आदि। 6.    खुम्बियों और मशरूम से बचना चाहिए क्योंकि ये भी एक प्रकार के फफूंदी होते हैं। कुछ खुम्बियां प्रदूषित करती हैं। 7.    गर्म और मसालेदार edibles समस्याएं पैदा करते हैं; इसलिए आहार में कम से कम होना चाहिए।
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Is it good to eat bitter gourd during pregnancy? क्या गर्भावस्था में करेला की सब्जी खाना फायदेमंद होता है?
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Is it good to eat bitter gourd during pregnancy? हम में से कई लोगों को इस बात की आशंका बनी रहती है कि प्रेग्नेंसी के दौरान करेले की सब्जी का सेवन करना चाहिए अथवा नहीं. तो आपको बता दें कि करेला खाना प्रेग्नेंसी में लाभदायक है. इसके सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है औऱ इससे भरपूर मात्रा में फाइबर भी मिलता है. लेकिन प्रेग्नेंसी में इसका अधिक सेवन नुकसान कर सकता है.
Is it good to eat bitter gourd during pregnancy? वैसे तो करेला एक ऐसी सब्जी है जिसे देखकर अधिकतर लोग नाक सिकोड़ने लगते हैं लेकिन वास्तव में देखा जाए तो ये सब्जी पोषक कई तत्वों से भरपूर होती है और इसे फाइबर का भंडार कहा जाता है. यूं तो करेला डाइबिटीज के रोगियों को भी खाने के लिए कहा जाता है किन्तु गर्भावस्था अर्थात प्रेग्नेंसी में करेले का सेवन कई मायनों में लाभदायक हो सकता है. करेला एक ऐसी गुणकारी सब्जी है जो गर्भवती महिलाओं के मेटाबॉलिज्म आश्चर्यजनक ढंग को बूस्ट कर सकती है. तो चलिए आज इस लेख में हम जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान करेला (Is it good to eat bitter gourd during pregnancy?) खाने से क्या क्या फायदे हो सकते हैं –
फाइबर और खनिज से भरपूर होता है करेला
आइएफएमसीएच के अनुसार करेला प्रेग्नेंसी के दौरान (Is it good to eat bitter gourd during pregnancy?) महिला में होने वाली फाइबर की कमी को दूर करता है, जिससे महिलाओं में उन दिनों आमतौर पर होने वाली कब्ज और बवासीर की समस्या से छुटकारा मिलता है. करेले में फोलेट भी प्रचुर मात्रा में होता है. यह प्रेग्नेंट महिला की खनिज जरूरतों को पूरा करता है.
हाई कैलोरी की क्रेविंग को कम करता है.
वेब एमडी की मानें तो करेले में इतना अधिक फाइबर होता है कि इससे प्रेग्नेंसी के दौरान (Is it good to eat bitter gourd during pregnancy?) मीठा और हाई कैलोरी फूड खाने की इच्छा कम होती है. इतना ही नहीं करेले में पॉलीपेप्टाइड-पी जैसे पोषक तत्व भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं जो डायबिटीज के जोखिम को कम कर देते हैं.विशेष रूप से प्रेग्नेंसी में शुरू होने वाली डायबिटीज को रोकने के लिए करेले का सेवन बहुत गुणकारी है.
प्रेग्नेंसी के दौरान बेक्टीरिया संक्रमण को रोकता है
करेले में एंटी ऑक्सिडेंट्स तत्व पाए जाते हैं जो गर्भवती महिला के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अर्थात इन्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं, प्रेग्नेंसी के समय में करेला (Is it good to eat bitter gourd during pregnancy?) महिलाओं को संक्रमण और बैक्टीरिया से लड़ने की ताकत देता है. इसके भीतर मौजूद विटामिन सी संक्रमणरोधी क्षमता को बढ़ाता है. यहाँ इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि प्रेग्नेंसी में जरूरत से ज्यादा करेले का सेवन बिलकुल ना किया जाए क्योंकि इससे प्रेग्नेंसी में हाई रिस्क हो सकते हैं. अगर प्रेग्नेंसी में किसी तरह का कोई जोखिम लग रहा है तो करेले के सेवन से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें. Read the full article
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sabkuchgyan · 1 year
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गर्भावस्था के दौरान विटामिन-ए की कमी हो सकती है खतरनाक, जानिए क्यों
गर्भावस्था के दौरान विटामिन-ए की कमी हो सकती है खतरनाक, जानिए क्यों
गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर को अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर महिलाओं को आश्चर्य होता है कि उनके स्वास्थ्य के लिए कौन से विटामिन बेहतर होंगे या कौन से खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए, जिससे कोई समस्या नहीं होगी। इसके लिए कोई भी खाना खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। पीरियड्स के दौरान महिलाओं के लिए विटामिन-ए फायदेमंद साबित हो सकता है। तो आइए जानते…
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trendswire · 2 years
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arayurvedafitness · 2 years
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6 Best hair growth tips in Hindi
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हर कोई लड़की चाहती है उसके बाल लम्बे घने और मजबूत हो उस के लिए अन्य उपचार देखती है अपने बालो को ग्रोथ बढ़ाने के लिए केमिकल से तैयार किए गए शेम्पू और तेल का इस्तेमाल करती है, या फिर बालो में ट्रीटमेंट करवाती है, क्योकि उसे अपने बाल अच्छे दिखाने है और उसे लगता है की उसके अभी के बाल अच्छे नहीं है। लेकिन ट्रीटमेंट के थोड़े समय बाद ही उनके बाल ख़राब हो जाते है और वो अपने बालो को पहले जैसा बनाने के लिए बहोत प्रयास करते है लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है। इससे पैसो की बर्बादी होती है और बाल भी खराब हो जाते हैं।
बालो का झड़ना और बालो का ग्रोथ बढ़ाना आज कल की आम समस्या हो गई है। बालो के झड़ने की वजह से अधिक महिला अपने बालो को लेकर चिंतित हो जाती है और इसी वजह से वो अपने बालो का इलाज करवाने डॉक्टर के पास जाती हैं पर और ज्यादातर डॉक्टर तुरंत असर दिखाने के चक्कर में हाई डोझ वाली दवाई देते है जिससे बहोत ज्यादा नींद भी आती है और ऐसी दवाई हमारे स्वस्थ्य के लिए हानिकारक है ऐसी दवाई की शुरू शुरू में सही असर दिखा सकती है बालो के लिए लेकिन आगे चल कर ये भी बालो को नुकसान ही पहुँचती है। ये हमारे बालों के विकास को प्रभावित नहीं करते हैं। इसलिए इसके लिए हम प्राकृतिक और घरेलु उपचार का भी प्रयोग कर सकते है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी सही है और बालो का ग्रोथ बढ़ाने में और जड़ने से रोकने में मदद करता है।
यहाँ पर हम आपको कुछ घरेलु उपाय बताएँगे जिससे आप अपने बालो का ग्रोथ बढ़ा सकते हो और बालो को लम्बे, मजबूत और जड़ने से रोक सकते है। पर इसे पहले हम जान लेते है की हमारे बाल क्यों झड़ते हैं। बालों का झड़ना कई कारणों से हो सकता है जैसे की जब हमारी उम्र बढ़ जाती है तब बाल बढ़ना मुश्किल होता है, तनाव की वजह से, पर्याप्त पोषक तत्व नहीं लेते हैं, हार्मोनल परिवर्तन ,कोई गंभीर बीमारी जैसे की कैंसर, थाइरोइड आदि जिससे बाल जड़ते हैं। इसलिए निचे दिए गए घरेलु उपाय जो आपके बालो को झड़ने से रोकेगा और आपको चमकदार, रेशमी बाल और प्राकृतिक बालों का विकास करने में मदद करेंगा ।
1.प्याज का रस
रात को प्याज का रस निकाल कर नारियल के तेल के साथ इस्तमाल करना है। फिर सुबह को अपने बालों को धो लेना है, प्याज का रस अपने बालो में लगाने के अन्य फायदे है, जैसे की बाल बढ़ते है, जड़ते कम है, इससे ग्रोथ भी बढती और लम्बे होते है, बालो को सही पोषक तत्व मिलता है। प्याज का इस्तमाल करने से बाल सुन्दर और घने बनते है |
२. दही
दही के इस्तेमाल से हमारे बाल मजबूत और घने बनते हैं, दही में मौजूद लैक्टिक एसिड जो बालों को रूसी, सफेद बाल और बालो की ग्रोथ भी बढती है, बालो को टूटने से बचाता है। दही को स्कैल्प पर लगाने के बाद शैम्पू से धोने के बाद बाल सिल्की और हेअलथी बनते है।
३.ऐलोवेरा
ऐलोवेरा के साथ नारियल या प्याज के रस को मिलकर कर भी इस्तमाल कर सकते है। फिर उससे बालों को धो लेना है ऐलोवेरा का इस्तमाल करने से हमारे बाल सिल्की और हेअलथी बनते है और उससे बालो को पोषक तत्व मिलते है और इसका इस्तमाल करने से बालो की रुसी (dandruff) और बालो की खुजली भी दूर होती है | ऐलोवेरा बालो के साथ त्वचा के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। ऐलोवेरा से त्वचा में ग्लो बढ़ता है और त्वचा सुन्दर करने में भी मदद करता है। एलोवेरा को प्राचीन समय में दवाई के रूप में भी इस्तेमाल करते थे। इससे चमड़ी के कोई भी रोग एलेर्जी या फिर बालो के लिए बहोत ही सही माना जाता था। बहोत सारे लोग अभी भी इसका इस्तेमाल करते है।
4. अंडे
आप अनेक लोगो से सुनते ही होगा की अंडे से उनके बाल स्लिकी और चमकदार हो जाते है। अंडे में पाए गए विटामिन, कार्बोहायड्रेट और फाइबर जिसे हमारे बाल मजबूत और घने हो जाते है। पर अंडे का इस्तमाल करने से बदबू भी बहोत आती है। उसके लिए हेयर मास्क का भी इस्तमाल जरुर करे और फिर बालो को शेम्पू से धोए। बाल धोने के बाद मजबूत और सिल्की बन जाते है। अंडे का इस्तमाल करने से अन्य फायदे भी होते है जैसे की बालो की ग्रोथ बढ़ने में मदद करता है, गिरते हुए बालो को रोकता है, और बालो को स्लिकी और लम्बे बनते है।
५. अमला पाउडर
आवला पाउडर चुनिंदे आमला को सूखा कर उसका पाउडर बनाया जाता है। अमला में एंटी ऑक्सिडेंट, विटामिन, आयरन, फॉस्फोरस, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट भरपुर मात्रा में पाया जाता है। अमला पाउडर का इस्तमाल करने से हमारे बाल झड़ने से रुक जाते है, बालो की रुसी (dandruff) कम होता है, बालो की ग्रोथ होती है, और सफ़ेद बालो को बढ़ने से भी रोकता है। अमला पाउडर बालो के साथ साथ स्किन को भी ग्लो करता है इसका पेस्ट इस्तमाल करने से त्वचा सुन्दर और चमकार बनती है। अमला पाउडर का इस्तेमाल करने से आखो की भी रौशनी बढती है।
५. शिकाकाई पाउडर
प्राचीन समय में लोग शिकाकाई पाउडर का इस्तमाल करते थे। जिसकी वजह से उनके बाल घने, मजबूत, काले और सिल्की होते थे। शिकाकाई पाउडर में एंटी-ऑक्सिडेंट्स, एंटी-बैक्टीरियल, एंटिफंगल, गुण और विटामिन A, विटामिन C, विटामिन K और विटामिन D जैसे पोषक तत्वों भरपूर मात्र पाए जाता है। शिकाकाई पाउडर का इस्तमाल करने से बाल बालो की ग्रोथ बढती है, बालो की रुसी (dandruff) कम होता है, पतले बालो को रोकता है, दो मुंहा बालो को भी बढ़ने से रोकते है।
https://ayurvedichealthind.wordpress.com/2022/09/15/6-best-hair-growth-tips-in-hindi/
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joinnoukri · 2 years
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क्या प्रेग्नेंसी में आड़ू खाना सुरक्षित है? जानिए फायदे और नुकसान
क्या प्रेग्नेंसी में आड़ू खाना सुरक्षित है? जानिए फायदे और नुकसान
हाइलाइट्स आड़ू में विटामिन ए और बीटा कैरोटीन की मात्रा होती है. आड़ू खाने से बॉडी डिटॉक्स होती है. आड़ू खाने से गर्भवती महिला की बॉउल मूवमेंट ठीक रहती है. Eating peaches in pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान मां के बेहतर स्वास्थ्य के लिए और गर्भ में पल रहे बच्चे को पोषक तत्व देने के लिए आड़ू खाना बेहद सुरक्षित माना जाता है. आड़ू में पोषक तत्वों में कार्बोहाइड्रेट, विटामिंस, फाइबर और खनिज पाए जाते…
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Today’s Horoscope –
पंचांग के अनुसार आज 27 जून 2022 रविवार को आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है और शूल योग बना हुआ है. आज चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर कर रहा है. आज रोहिणी नक्षत्र है. आइए जानते हैं आज का राशिफल-
मेष-  आज के दिन हर एक काम में प्लानिंग करनी होगी और कार्य की योजनाओं को सही दिशा की ओर मोड़ना होगा. कार्यों की सूची लिखित रूप में रखें, इसके लिए डायरी में या मोबाइल पर नोट अवश्य करते चलें. ऑफिस के कामकाज को रिमाइंडर भी लगाना चाहिए. जनरल स्टोर से जुड़े व्यापार में दिन बेहतर मुनाफे की ओर ले जा सकता है. हेल्थ में आंखों का ध्यान रखना चाहिए, यदि आंखों की केयर कम करते हैं तो इस आदत को बदलना होगा. आहार में पौष्टिक तत्वों की मात्रा को बढ़ानी है, जिसमें कि खासकर विटामिन ए की मात्रा अधिक हो. परिवार में स्थिति थोड़ी सी तनावपूर्ण स्थिति रहेगी. 
वृष- आज के दिन सम्मान में वृद्धि होगी. नए लोगों से मेलजोल सामाजिक दायरे को बढ़ाने में सहायक रहेगी. सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए लोगों के लिए महत्वपूर्ण संभावनाएं दिख रही है, साथ ही महिला मित्र का सहयोग प्राप्त होगा. कारोबार में मनचाही डील न मिलने पर मन काम में कम लगेगा. स्वास्थ्य को लेकर जल से संबंधित रोगों से अलर्ट रहना चाहिए, यदि आप तैराकी करते हैं, तो आज इससे दूर रहना चाहिए. इस राशि के बच्चों को चोट चपेट से बचाकर रखने की सलाह है. छोटी-छोटी बातों को लेकर पारिवारिक सदस्यों में आपसी मनमुटाव आपको परेशान कर सकता है. 
मिथुन- आज के दिन बजट को देखते हुए अनावश्यक रूप से खरीदारी करने से बचना होगा. यदि किसी से नाराज चल रहे हैं तो बात को अधिक खींचना संबंधों को कमजोर कर सकता है. प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों पर कार्यभार बढ़ता नजर आ रहा है. व्यापारियों को अच्छा मुनाफा मिलने की संभावनाएं बनी हुई हैं. सेहत में मुंह से संबंधित रोग परेशान कर सकते हैं. जिन लोगों को टांसिल की समस्या है उन्हें खट्टी चीजों से परहेज करना होगा, साथ ही संभलकर चलें पैरों में चोट लग सकती है. परिवार की महिलाओं को लाभ मिलने की संभावना है. महत्वपूर्ण दिन को अपनो के साथ व्यतीत करना चाहिए.
कर्क- आज के दिन स्वतः ही नकारात्मकता आपसे दूर होती दिखाई देगी. शिव परिवार को मीठे का भोग लगाएं. ऑफिस में कोई आपका विरोध करता है, तो उसकी बातों का कामकाज पर फर्क न पड़ने दें.  मनचाही जगह पर ट्रांसफर की सूचना प्राप्त हो सकती है. कारोबारियों  को प्रतिद्वंदीयों से मुक्ति मिलेगी, तो वहीं बड़े क्लाइंट के साथ मीटिंग हो सकती है. स्वास्थ्य को लेकर आज जंक फूड के सेवन से बचना होगा,  साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. डिहाइड्रेशन जैसी समस्या आपको परेशान करने के फिराक में है. सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने का अवसर प्राप्त हो तो अवश्य जाएं. संतान को लेकर कुछ तनाव रहेगा. 
सिंह- आज के दिन आध्यात्मिक विचारों को प्राथमिकता देनी चाहिए, मन में कई दिनों से धार्मिक पुस्तकों को पढ़ने की इच्छा हो तो आज इसे पूरा करें.  शिक्षा क्षेत्र में कार्य करने वालों को प्रमोशन मिलने की संभावना है, वहीं व्यापारियों के लिए स्थितियां लगभग सामान्य रहने वाली है. युवा वर्ग यारी दोस्ती में अधिक समय दे सकते हैं, लेकिन ध्यान रहें महत्वपूर्ण कार्य हाथ से छूटना नहीं चाहिए. प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी, ऐसे में मन मुताबिक भोजन कर सकते हैं. छोटे भाई बहनों का ध्यान रखें, यदि वह किसी प्रकार की समस्या व चिंता में हो तो उनके संकट को दूर करने में आपकी मदद अनिवार्य रहेगी. 
कन्या- आज के दिन कन्या राशि वाले खुद को अपडेट करते हुए नई ऊर्जा से ओतप्रोत रहना होगा. मानसिक रूप से खुद को मजबूत रखें, क्योंकि यही आपको उन्नति के द्वार तक  पहुंचाएगा. दवा से संबंधित कारोबार करने वालों को स्टॉक में वृद्धि करनी चाहिए.  प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए दिनचर्या में योग को शामिल करें. घर का वातावरण सामान्य रहेगा, शाम तक कि नहीं बातों को लेकर पिता के साथ कुछ वैचारिक मतभेद होने की आशंका है.  यदि कोई कर्ज ले रखा है तो  उसको कम करने की भी प्लानिंग करनी चाहिए. पालतू जानवरों को भोजन कराने का यदि अवसर मिले तो उसको हाथ से जाने न दे.
तुला- आज के दिन नए विचारों को लेकर मन में चिंतन और प्लानिंग करेंगे. मीडिया क्षेत्र से जुड़े लोगों को नई नौकरी के लिए ऑफर मिल सकता है. यदि आप  नौकरी से व्यापार में शिफ्ट होना चाहते हैं, तो वरिष्ठों से पहले सलाह मशवरा कर लेना चाहिए. युवाओं को सभी के साथ सामंजस्य बैठाकर चलने की सलाह है. विद्यार्थियों को अत्यधिक पढ़ाई का तनाव लेने से बचना होगा. सेहत को लेकर कुछ शारीरिक श्रम करने की स्थिति बने तो इससे पीछे नहीं हटना चाहिए. घर के बुजुर्ग के साथ कुछ समय बैठना चाहिए और ज्ञान की बातें व अनुभव लेने  उत्तम रहेगा, ऐसा करना भविष्य में  बहुत लाभकारी रहेगा.
वृश्चिक- आज आनंद के साथ दिन को व्यतीत करें. ग्रहों की सकारात्मकता सुख सुविधा दिलाने वाली है. कामकाज में नकारात्मक भरे विचारों से दूर रहना है. व्यापारियों को अति आवश्यक कार्य के लिए अधीनस्थों के साथ अचानक मीटिंग करनी पड़ सकती है. थकावट को दूर करते हुए उससे  बाहर निकलना जरूरी है, तो वहीं दूसरी ओर आज का मुख्य लक्ष्य स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करना होगा. दोपहर बाद घर में किसी परिचित से मुलाकात करने की प्लानिंग बन सकती है, साथ ही अपने घनिष्ठ के साथ समय व्यतीत करें. आपके क्रोध के चलते हो सकता है घर की स्थिति कुछ तनाव पूर्ण हो जाएं.
धनु-  आज के दिन आराम नहीं कर पाएंगे. काफी दिनों से कई ऐसे काम आपकी राह देख रहे हैं, जिनको निपटाने में ही पूरा दिन निकल सकता है. ऑफिस में छोटी-छोटी गलतियों पर बॉस के कोप का भाजन बनना पड़ेगा. व्यापारियों को ग्राहकों के साथ बहुत विनम्र स्वभाव रखते हुए सौदे करने होंगे. युवाओं को कला के क्षेत्र में हुनर दिखाने का पूरा अवसर प्राप्त होगा. सेहत में मधुमेह रोगियों को बहुत अधिक मीठे का सेवन करने से बचना चाहिए, साथ ही इंफेक्शन से संबंधित दिक्कतों को लेकर भी परेशान होना पड़ सकता है. घर के बुजुर्ग की तबीयत खराब होने पर चिंता रहने वाली है.  
मकर- आज के दिन ग्रहों की स्थिति लगातार आपको अपडेट कर रही है. धन संबंधित मामलों में थोड़ा सजग रहने की जरूरत है, क्योंकि आज अनावश्यक खर्चा मुश्किलों को पैदा करने वाला होगा. ऑफिस का माहौल लगभग सामान्य ही रहने वाला है. व्यापारियों को समय से स्टॉक न मिलने से चिंतित रहेंगे. विद्यार्थियों को पढ़ाई पर फोकस बनाए रखना है. स्वास्थ्य को लेकर वायु प्रदूषण के प्रति अलर्ट रहना होगा, ऐसे में आपको चेस्ट कंजेशन दिक्कत दे सकती है. घर के सभी सदस्य एक साथ मिलकर किसी आरती का हिस्सा बनना चाहिए. ऐसा करने से परिवार में शांति का माहौल बनेगा. घर की साफ सफाई पर ध्यान दें. 
कुम्भ- आज के दिन समाज के लिए आपको कुछ योगदान करना होगा. इस तरह के मौके में बढ़-चढ़कर भाग लें. लक और आपकी मेहनत दोनों का तालमेल बहुत अच्छा बना हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर ऑफिस में दूसरों के साथ तालमेल बनाए रखना भी आपके कार्य के लिए बहुत जरूरी है. बड़े क्लाइंट लाभ देकर जाएंगे. विद्यार्थियों को आज से ही पढ़ाई का टाइम टेबल सेट कर लेना उत्तम रहेगा. सेहत में आसल्य ही आपके रोग का कारण होगी. यदि किसी दवाई का सेवन करते हैं, तो उसे खाना न भूलें. पिता को कोई उपहार लाकर दें. बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंता हो सकती है. 
मीन- आज के दिन खुद को सर्वप्रथम प्रसन्न रखना होगा. इस राशि की  महिलाओं को भी छोटी-छोटी बातों को लेकर क्रोधित होने से बचना चाहिए. यदि आप कस्टमर डीलिंग करते हैं तो आज काम का लोड अधिक रहेगा. युवाओं का मित्र मंडली के साथ समय व्यतीत करने का दिन है. सोने चांदी के व्यापारियों को मंदी का सामना करना पड़ सकता है. यदि आप कोई नशा करते हैं तो उस पर बहुत संतुलन बनाकर रखें, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा. किसी व्यक्ति से भेंट भविष्य के लिए स्वर्णिम साबित हो सकती है. यदि काफी समय से पत्नी कुछ डिमांड कर रही है तो उसको पूरा करें.
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अजन्मे बच्चे को अच्छी आदतें कैसे सिखाएं
किसी भी भ्रूण की शिक्षा गर्भावस्था के समय से ही शुरू हो जाती है, भारतीय संस्कृति के अनुसार भ्रूण को संस्कार देने की शुरुआत गर्भावस्था के समय से ही मानी जाती है।
सनातन में ऐसे कई रिवाज हैं। जिन्हें हम अंधविश्वास की श्रेणी में लाते हैं, लेकिन वास्तव में वे काफी हद तक वैज्ञानिक हैं।
कुछ ऐसे संस्कार गर्भ संस्कार के अंतर्गत आते हैं। जिसे आज की युवा पीढ़ी अंधविश्वासी मानती है। इन्हें भ्रूण के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
गर्भ संस्कार का अर्थ गर्भ में पल रहे भ्रूण को शिक्षित करना है। गर्भावस्था के दौरान बच्चे को शिक्षित करना और उन्हें सकारात्मक विचारों और मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करना गर्भ संस्कार कहलाता है।
गर्भ संस्कार क्या है?
पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार गर्भ के अंदर धार्मिक विकास, मस्तिष्क का विकास और भ्रूण का शारीरिक विकास गर्भ संस्कार के अंतर्गत आता है।
गर्भ संस्कार की विस्तृत जानकारी के लिए महिलाओं को गर्भ संस्कार से संबंधित पुस्तकें पढ़नी चाहिए। इन्हें पढ़ने के बाद गर्भावस्था को लेकर महिला का नजरिया पूरी तरह से बदल जाता है, यह बेहद जरूरी है।
अजन्मे बच्चे को अच्छी आदतें कैसे सिखाएं
भ्रूण के हर तरह के विकास के लिए एक महिला कुछ ऐसे कदम उठा सकती है जो बहुत ही आसान हैं, जिसे वह आसानी से अपनी जीवन शैली में फिट कर सकती है।
योग और ध्यान
गर्भावस्था के दौरान योग करने से गर्भवती महिला तनावमुक्त और शांत रहती है। यह सामान्य प्रसव और स्वस्थ गर्भावस्था में भी मदद करता है। वहीं मेडिटेशन करने से मां के मन में सकारात्मक विचार आते हैं और बच्चा शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ हो जाता है।
आध्यात्मिक पुस्तक पढ़ें गर्भावस्था के दौरान आध्यात्मिक किताबें पढ़ना बहुत फायदेमंद होता है, 7 महीने के बाद बच्चा महिला की आवाज सुनना शुरू कर देता है। बच्चा भी मां की आवाज पर प्रतिक्रिया करता है।
धार्मिक पुस्तकें पढ़ने से मन में सकारात्मक विचारों का प्रवाह बढ़ता है। इसका शिशु पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि एक घर में शिशु का अपनी मां से सीधा मानसिक और शारीरिक संबंध होता है।
मधुर संगीत सुनें
सॉफ्ट म्यूजिक किसी भी प्रेग्नेंट मां को काफी सुकून देता है। इससे तनाव कम होता है। बेबी को भी संगीत पसंद है। कई वैज्ञानिकों के अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान संगीत सुनने से गर्भवती मां और बच्चे द��नों के तनाव में कमी देखी गई है। महिला चाहे तो गायत्री मंत्र, हनुमान चालीसा और अन्य भजन भी सुन सकती है। इसका बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
भोजन का पोषण मूल्य
एक महिला के लिए अपने भोजन के पोषण मूल्य को बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि गर्भस्थ शिशु के शरीर का विकास महिला के भोजन में मौजूद मिनरल्स और विटामिन की मदद से ही होता है। बच्चे के शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महिला को अपने खान-पान का ध्यान रखना चाहिए। फास्ट फूड से बचें। बासी भोजन से परहेज करें। ताजा और प्राकृतिक भोजन लें।
यदि कोई महिला गर्भ संस्कार से संबंधित जानकारी रखती है, या किसी विशेषज्ञ की देखरेख में गर्भावस्था को आगे बढ़ाती है, तो वह और भी कई काम कर सकती है, जिससे बच्चे के विकास में मदद मिलेगी।
Source: गर्भ संस्कार के गर्भस्थ शिशु को फायदे प्रेगनेंसी में गर्भ संस्कार के नियमों का पालन कैसे करें गर्भ संस्कार के लाभ गर्भस्थ शिशु के लिए Garbh Sanskar क्यों जरूरी है
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Today’s Horoscope –
पंचांग के अनुसार आज 27 जून 2022 रविवार को आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि है और शूल योग बना हुआ है. आज चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर कर रहा है. आज रोहिणी नक्षत्र है. आइए जानते हैं आज का राशिफल-
मेष-  आज के दिन हर एक काम में प्लानिंग करनी होगी और कार्य की योजनाओं को सही दिशा की ओर मोड़ना होगा. कार्यों की सूची लिखित रूप में रखें, इसके लिए डायरी में या मोबाइल पर नोट अवश्य करते चलें. ऑफिस के कामकाज को रिमाइंडर भी लगाना चाहिए. जनरल स्टोर से जुड़े व्यापार में दिन बेहतर मुनाफे की ओर ले जा सकता है. हेल्थ में आंखों का ध्यान रखना चाहिए, यदि आंखों की केयर कम करते हैं तो इस आदत को बदलना होगा. आहार में पौष्टिक तत्वों की मात्रा को बढ़ानी है, जिसमें कि खासकर विटामिन ए की मात्रा अधिक हो. परिवार में स्थिति थोड़ी सी तनावपूर्ण स्थिति रहेगी. 
वृष- आज के दिन सम्मान में वृद्धि होगी. नए लोगों से मेलजोल सामाजिक दायरे को बढ़ाने में सहायक रहेगी. सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए लोगों के लिए महत्वपूर्ण संभावनाएं दिख रही है, साथ ही महिला मित्र का सहयोग प्राप्त होगा. कारोबार में मनचाही डील न मिलने पर मन काम में कम लगेगा. स्वास्थ्य को लेकर जल से संबंधित रोगों से अलर्ट रहना चाहिए, यदि आप तैराकी करते हैं, तो आज इससे दूर रहना चाहिए. इस राशि के बच्चों को चोट चपेट से बचाकर रखने की सलाह है. छोटी-छोटी बातों को लेकर पारिवारिक सदस्यों में आपसी मनमुटाव आपको परेशान कर सकता है. 
मिथुन- आज के दिन बजट को देखते हुए अनावश्यक रूप से खरीदारी करने से बचना होगा. यदि किसी से नाराज चल रहे हैं तो बात को अधिक खींचना संबंधों को कमजोर कर सकता है. प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वालों पर कार्यभार बढ़ता नजर आ रहा है. व्यापारियों को अच्छा मुनाफा मिलने की संभावनाएं बनी हुई हैं. सेहत में मुंह से संबंधित रोग परेशान कर सकते हैं. जिन लोगों को टांसिल की समस्या है उन्हें खट्टी चीजों से परहेज करना होगा, साथ ही संभलकर चलें पैरों में चोट लग सकती है. परिवार की महिलाओं को लाभ मिलने की संभावना है. महत्वपूर्ण दिन को अपनो के साथ व्यतीत करना चाहिए.
कर्क- आज के दिन स्वतः ही नकारात्मकता आपसे दूर होती दिखाई देगी. शिव परिवार को मीठे का भोग लगाएं. ऑफिस में कोई आपका विरोध करता है, तो उसकी बातों का कामकाज पर फर्क न पड़ने दें.  मनचाही जगह पर ट्रांसफर की सूचना प्राप्त हो सकती है. कारोबारियों  को प्रतिद्वंदीयों से मुक्ति मिलेगी, तो वहीं बड़े क्लाइंट के साथ मीटिंग हो सकती है. स्वास्थ्य को लेकर आज जंक फूड के सेवन से बचना होगा,  साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. डिहाइड्रेशन जैसी समस्या आपको परेशान करने के फिराक में है. सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने का अवसर प्राप्त हो तो अवश्य जाएं. संतान को लेकर कुछ तनाव रहेगा. 
सिंह- आज के दिन आध्यात्मिक विचारों को प्राथमिकता देनी चाहिए, मन में कई दिनों से धार्मिक पुस्तकों को पढ़ने की इच्छा हो तो आज इसे पूरा करें.  शिक्षा क्षेत्र में कार्य करने वालों को प्रमोशन मिलने की संभावना है, वहीं व्यापारियों के लिए स्थितियां लगभग सामान्य रहने वाली है. युवा वर्ग यारी दोस्ती में अधिक समय दे सकते हैं, लेकिन ध्यान रहें महत्वपूर्ण कार्य हाथ से छूटना नहीं चाहिए. प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी, ऐसे में मन मुताबिक भोजन कर सकते हैं. छोटे भाई बहनों का ध्यान रखें, यदि वह किसी प्रकार की समस्या व चिंता में हो तो उनके संकट को दूर करने में आपकी मदद अनिवार्य रहेगी. 
कन्या- आज के दिन कन्या राशि वाले खुद को अपडेट करते हुए नई ऊर्जा से ओतप्रोत रहना होगा. मानसिक रूप से खुद को मजबूत रखें, क्योंकि यही आपको उन्नति के द्वार तक  पहुंचाएगा. दवा से संबंधित कारोबार करने वालों को स्टॉक में वृद्धि करनी चाहिए.  प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए दिनचर्या में योग को शामिल करें. घर का वातावरण सामान्य रहेगा, शाम तक कि नहीं बातों को लेकर पिता के साथ कुछ वैचारिक मतभेद होने की आशंका है.  यदि कोई कर्ज ले रखा है तो  उसको कम करने की भी प्लानिंग करनी चाहिए. पालतू जानवरों को भोजन कराने का यदि अवसर मिले तो उसको हाथ से जाने न दे.
तुला- आज के दिन नए विचारों को लेकर मन में चिंतन और प्लानिंग करेंगे. मीडिया क्षेत्र से जुड़े लोगों को नई नौकरी के लिए ऑफर मिल सकता है. यदि आप  नौकरी से व्यापार में शिफ्ट होना चाहते हैं, तो वरिष्ठों से पहले सलाह मशवरा कर लेना चाहिए. युवाओं को सभी के साथ सामंजस्य बैठाकर चलने की सलाह है. विद्यार्थियों को अत्यधिक पढ़ाई का तनाव लेने से बचना होगा. सेहत को लेकर कुछ शारीरिक श्रम करने की स्थिति बने तो इससे पीछे नहीं हटना चाहिए. घर के बुजुर्ग के साथ कुछ समय बैठना चाहिए और ज्ञान की बातें व अनुभव लेने  उत्तम रहेगा, ऐसा करना भविष्य में  बहुत लाभकारी रहेगा.
वृश्चिक- आज आनंद के साथ दिन को व्यतीत करें. ग्रहों की सकारात्मकता सुख सुविधा दिलाने वाली है. कामकाज में नकारात्मक भरे विचारों से दूर रहना है. व्यापारियों को अति आवश्यक कार्य के लिए अधीनस्थों के साथ अचानक मीटिंग करनी पड़ सकती है. थकावट को दूर करते हुए उससे  बाहर निकलना जरूरी है, तो वहीं दूसरी ओर आज का मुख���य लक्ष्य स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करना होगा. दोपहर बाद घर में किसी परिचित से मुलाकात करने की प्लानिंग बन सकती है, साथ ही अपने घनिष्ठ के साथ समय व्यतीत करें. आपके क्रोध के चलते हो सकता है घर की स्थिति कुछ तनाव पूर्ण हो जाएं.
धनु-  आज के दिन आराम नहीं कर पाएंगे. काफी दिनों से कई ऐसे काम आपकी राह देख रहे हैं, जिनको निपटाने में ही पूरा दिन निकल सकता है. ऑफिस में छोटी-छोटी गलतियों पर बॉस के कोप का भाजन बनना पड़ेगा. व्यापारियों को ग्राहकों के साथ बहुत विनम्र स्वभाव रखते हुए सौदे करने होंगे. युवाओं को कला के क्षेत्र में हुनर दिखाने का पूरा अवसर प्राप्त होगा. सेहत में मधुमेह रोगियों को बहुत अधिक मीठे का सेवन करने से बचना चाहिए, साथ ही इंफेक्शन से संबंधित दिक्कतों को लेकर भी परेशान होना पड़ सकता है. घर के बुजुर्ग की तबीयत खराब होने पर चिंता रहने वाली है.  
मकर- आज के दिन ग्रहों की स्थिति लगातार आपको अपडेट कर रही है. धन संबंधित मामलों में थोड़ा सजग रहने की जरूरत है, क्योंकि आज अनावश्यक खर्चा मुश्किलों को पैदा करने वाला होगा. ऑफिस का माहौल लगभग सामान्य ही रहने वाला है. व्यापारियों को समय से स्टॉक न मिलने से चिंतित रहेंगे. विद्यार्थियों को पढ़ाई पर फोकस बनाए रखना है. स्वास्थ्य को लेकर वायु प्रदूषण के प्रति अलर्ट रहना होगा, ऐसे में आपको चेस्ट कंजेशन दिक्कत दे सकती है. घर के सभी सदस्य एक साथ मिलकर किसी आरती का हिस्सा बनना चाहिए. ऐसा करने से परिवार में शांति का माहौल बनेगा. घर की साफ सफाई पर ध्यान दें. 
कुम्भ- आज के दिन समाज के लिए आपको कुछ योगदान करना होगा. इस तरह के मौके में बढ़-चढ़कर भाग लें. लक और आपकी मेहनत दोनों का तालमेल बहुत अच्छा बना हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर ऑफिस में दूसरों के साथ तालमेल बनाए रखना भी आपके कार्य के लिए बहुत जरूरी है. बड़े क्लाइंट लाभ देकर जाएंगे. विद्यार्थियों को आज से ही पढ़ाई का टाइम टेबल सेट कर लेना उत्तम रहेगा. सेहत में आसल्य ही आपके रोग का कारण होगी. यदि किसी दवाई का सेवन करते हैं, तो उसे खाना न भूलें. पिता को कोई उपहार लाकर दें. बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंता हो सकती है. 
मीन- आज के दिन खुद को सर्वप्रथम प्रसन्न रखना होगा. इस राशि की  महिलाओं को भी छोटी-छोटी बातों को लेकर क्रोधित होने से बचना चाहिए. यदि आप कस्टमर डीलिंग करते हैं तो आज काम का लोड अधिक रहेगा. युवाओं का मित्र मंडली के साथ समय व्यतीत करने का दिन है. सोने चांदी के व्यापारियों को मंदी का सामना करना पड़ सकता है. यदि आप कोई नशा करते हैं तो उस पर बहुत संतुलन बनाकर रखें, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा. किसी व्यक्ति से भेंट भविष्य के लिए स्वर्णिम साबित हो सकती है. यदि काफी समय से पत्नी कुछ डिमांड कर रही है तो उसको पूरा करें.
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