अनिल कपूर ने जेरेमी के लिए प्रार्थना की
अनिल कपूर ने जेरेमी के लिए प्रार्थना की
जेरेमी रेनर हेल्थ अपडेट: ‘एवेंजर्स’ स्टार जेरेमी रेनर को लेकर एक बुरी खबर सामने आई। अभिनेता बर्फीले तूफान का शिकार हो गए और उन्हें गंभीर चोटें आईं। जेनर को एयरलिफ्ट कर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जेनर के प्रवक्ता ने अपना हेल्थ अपडेट देते हुए बताया है कि एक्ट्रेस की हालत गंभीर है. जेनर की खराब हालत को जानकर बॉलीवुड एक्टर अनिल कपूर भी उनके लिए दुआ मांगते नजर आए हैं.
जेरेमी रेनर
जेरेमी रेनर के…
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Rishabh Pant: ऋषभ पंत से मिलने देहरादून पहुंचे अनिल कपूर और अनुपम खेर, जानें सेहत से जुड़ा ताजा अपडेट
Rishabh Pant: ऋषभ पंत से मिलने देहरादून पहुंचे अनिल कपूर और अनुपम खेर, जानें सेहत से जुड़ा ताजा अपडेट
ऋषभ पंत: बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर और अनुपम खेर क्रिकेटर ऋषभ पंत से मिलने देहरादून के मैक्स अस्पताल पहुंचे. दोनों ने यहां ऋषभ पंत और उनके परिवार का हालचाल जानने के लिए मुलाकात की। साथ ही ऋषभ पंत के ताजा स्वास्थ्य अपडेट के बारे में मेडिकल टीम से जानकारी ली।
अनिल कपूर और अनुपम खेर ने कहा कि हम ऋषभ पंत और उनकी मां से मिल चुके हैं. ऋषभ की हालत स्थिर है। लोगों से उनके लिए दुआ करने की अपील की ताकि ऋषभ…
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तस्वीरें: अनिल कपूर, दीया मिर्जा, तब्बू और अन्य बॉलीवुड सेलेब्स शबाना आज़मी की बर्थडे पार्टी में शामिल हुए - टाइम्स ऑफ़ इंडिया
तस्वीरें: अनिल कपूर, दीया मिर्जा, तब्बू और अन्य बॉलीवुड सेलेब्स शबाना आज़मी की बर्थडे पार्टी में शामिल हुए – टाइम्स ऑफ़ इंडिया
अनुभवी अभिनेत्री शबाना आज़मी आज एक साल बड़ा। अभिनेत्री ने अपना जन्मदिन अपने परिवार और करीबी दोस्तों के साथ जुहू, मुंबई में मनाया। के जन्मदिन में शामिल हुए अनिल कपूरउनकी पत्नी सुनीता कपूर, तब्बू, दीया मिर्जासतीश कौशिक अपनी पत्नी फराह खान तन्वी आजमी के साथ। जोया अख्तर, मनीष मल्होत्रा, सैयामी खेर, शाहाना गोस्वामी और अन्य। बर्थडे बैश में शामिल होने के लिए सेलेब्स ने कैजुअल पोशाक का विकल्प चुना।…
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अनिल कपूर ने सोनम कपूर और उनके बच्चे के बारे में बात की, भाई संजय कपूर ने टिप्पणी की, 'बच्चों की बारिश हो रही है...'
अनिल कपूर ने सोनम कपूर और उनके बच्चे के बारे में बात की, भाई संजय कपूर ने टिप्पणी की, ‘बच्चों की बारिश हो रही है…’
छवि स्रोत: इंस्टाग्राम / अनिल कपूर अनिल कपूर ने सोनम कपूर और उनके बच्चे के बारे में बात की
अनिल कपूर दादा बनने के बाद उत्साहित हैं सोनम कपूर और आनंद आहूजा एक बच्चे के माता-पिता बने। परिवार में एक नए सदस्य के शामिल होने के बाद कपूर-आहूजा खानदान काफी उत्साहित है। हाल ही में सोनम अपने बेबी बॉय को डिलीवरी के बाद कुछ दिनों तक हॉस्पिटल में रहने के बाद घर ले आई। उनके पहुंचते ही नवजात के घर में स्वागत…
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#SaturdayMotivation
तत्त्वज्ञान प्राप्त भक्त के मन की दशा उस अनल (अलल) पक्षी के बच्चे जैसी होनी चाहिए।
#SaintRampalJiQuotes #सत_भक्ति_संदेश
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#कबीर_बड़ा_या_कृष्ण_Part94
“कबीर परमेश्वर द्वारा विभीषण तथा मंदोदरी को शरण में लेना”
परमेश्वर मुनिन्द्र जी अनल अर्थात् नल तथा अनील अर्थात् नील को शरण में लेने के उपरान्त श्री लंका में गए। वहाँ पर एक परम भक्त विचित्र चन्द्रविजय जी का सोलह सदस्यों का परिवार रहता था। वे भाट जाति में उत्पन्न पुण्यकर्मी प्राणी थे। परमेश्वर मुनिन्द्र(कविर्देव) जी का उपदेश सुन कर पूरे परिवार ने नाम दान प्राप्त किया। परम भक्त विचित्र चन्द्रविजय जी की पत्नी भक्तमति कर्मवती लंका के राजा रावण की रानी मन्दोदरी के पास नौकरी(सेवा) करती थी। रानी मंदोदरी को हँसी-मजाक अच्छे-मंदे चुटकुले सुना कर उसका मनोरंजन कराती थी। भक्त चन्द्रविजय, राजा रावण के पास दरबार में नौकरी (सेवा) करता था। राजा की बड़ाई के गाने सुना कर उसे प्रसन्न करता था। भक्त विचित्र चन्द्रविजय की पत्नी भक्तमति कर्मवती परमेश्वर से उपदेश प्राप्त करने के उपरान्त रानी मंदोदरी को प्रभु चर्चा जो सृष्टि रचना अपने सतगुरुदेव मुनिन्द्र जी से सुनी थी प्रतिदिन सुनाने लगी।
भक्तमति मंदोदरी रानी को अति आनन्द आने लगा। कई-कई घण्टों तक प्रभु की सत कथा को भक्तमति कर्मवती सुनाती रहती तथा मंदोदरी की आँखों से आँसू बहते रहते। एक दिन रानी मंदोदरी ने कर्मवती से पूछा आपने यह ज्ञान किससे सुना? आप तो बहुत अनाप-शनाप बातें किया करती थी। इतना बदलाव परमात्मा तुल्य संत बिना नहीं हो सकता। तब कर्मवती ने बताया कि हमने एक परम संत से अभी-अभी उपदेश लिया है। रानी मंदोदरी ने संत के दर्शन की अभिलाषा व्यक्त करते हुए कहा, आप के गुरु अब की बार आयें तो उन्हें हमारे घर बुला कर लाना। अपनी मालकिन का आदेश प्राप्त करके शीश झुकाकर सत्कार पूर्वक कहा कि जो आप की आज्ञा, आप की नौकरानी वही करेगी। मेरी एक विनती है, कहते हैं कि संत को आदेशपूर्वक नहीं बुलाना चाहिए। स्वयं जा कर दर्शन करना श्रेयकर होता है और जैसे आप की आज्ञा वैसा ही होगा। महारानी मंदोदरी ने कहा कि अब के आपके गुरुदेव जी आयें तो मुझे बताना मैं स्वयं उनके पास जाकर दर्शन करूंगी। परमेश्वर ने फिर श्री लंका में कृपा की। मंदोदरी रानी ने उपदेश प्राप्त किया। कुछ समय उपरान्त अपने प्रिय देवर भक्त विभीषण जी को उपदेश दिलाया। भक्तमति मंदोदरी उपदेश प्राप्त करके अहर्निश प्रभु स्मरण में लीन रहने लगी। अपने पति रावण को भी सतगुरु मुनिन्द्र जी से उपदेश प्राप्त करने की कई बार प्रार्थना की परन्तु रावण नहीं माना तथा कहा करता था कि मैंने परम शक्ति महेश्वर मृत्युंजय शिव जी की भक्ति की है। इसके तुल्य कोई शक्ति नहीं है। आपको किसी ने बहका लिया है।
कुछ ही समय उपरान्त वनवास प्राप्त श्री सीता जी का अपहरण करके रावण ने अपने नौ लखा बाग में कैद कर लिया। भक्तमति मंदोदरी के बार-बार प्रार्थना करने से भी रावण ने माता सीता जी को वापिस छोड़ कर आना स्वीकार नहीं किया। तब भक्तमति मंदोदरी जी ने अपने गुरुदेव मु��िन्द्र जी से कहा महाराज जी, मेरे पति ने किसी की औरत का अपहरण कर लिया है। मुझ से सहन नहीं हो रहा है। वह उसे वापिस छोड़ कर आना किसी कीमत पर भी स्वीकार नहीं कर रहा है। आप दया करो मेरे प्रभु। आज तक जीवन में मैंने ऐसा दुःख नहीं देखा था।
परमेश्वर मुनिन्द्र जी ने कहा कि बेटी मंदोदरी यह औरत कोई साधारण स्त्री नहीं है। श्री विष्णु जी को शापवश पृथ्वी पर आना पड़ा है, वे अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र रामचन्द्र नाम से जन्में हैं। इनको 14 वर्ष का वनवास प्राप्त है तथा लक्ष्मी जी स्वयं सीता रूप में इनकी पत्नी रूप में वनवास में श्री राम के साथ थी। उसे रावण एक साधु वेश बना कर धोखा देकर उठा लाया है। यह स्वयं लक्ष्मी ही सीता जी है। इसे शीघ्र वापिस करके क्षमा याचना करके अपने जीवन की भिक्षा याचना रावण करें तो इसी में इसका शुभ है।
भक्तमति मंदोदरी के अनेकों बार प्रार्थना करने से रावण नहीं माना तथा कहा कि वे दो मसखरे जंगल में घूमने वाले मेरा क्या बिगाड़ सकते हैं। मेरे पास अनीगनत सेना है। मेरे एक लाख पुत्र तथा सवा लाख नाती हैं। मेरे पुत्र मेघनाद ने स्वर्ग राज इन्द्र को पराजित कर उसकी पुत्री से विवाह कर रखा है। तेतीस करोड़ देवताओं को हमने कैद कर रखा है। तू मुझे उन दो बेसहारा बन में बिचर रहे बनवासियों को भगवान बता कर डराना चाहती है। इस स्त्री को वापिस नहीं करूँगा। मंदोदरी ने भक्ति मार्ग का ज्ञान जो अपने पूज्य गुरुदेव से सुना था, रावण को बहुत समझाया। विभीषण ने भी अपने बड़े भाई को समझाया। रावण ने अपने भाई विभीषण को पीटा तथा कहा कि तू ज्यादा श्री रामचन्द्र का पक्षपात कर रहा है, उसी के पास चला जा।
एक दिन भक्तमति मंदोदरी ने अपने पूज्य गुरुदेव से प्रार्थना की कि हे गुरुदेव मेरा सुहाग उजड़ रहा है। एक बार आप भी मेरे पति को समझा दो। यदि वह आप की बात को नहीं मानेगा तो मुझे विधवा होने का दुःख नहीं होगा।
अपनी बचन की बेटी मंदोदरी की प्रार्थना स्वीकार करके राजा रावण के दरबार के समक्ष खड़े होकर परमेश्वर मुनिन्द्र जी ने द्वारपालों से राजा रावण से मिलने की प्रार्थना की। द्वारपालों ने कहा ऋषि जी इस समय हमारे राजा जी अपना दरबार लगाए हुए हैं। इस समय अन्दर का संदेश बाहर आ सकता है, बाहर का संदेश अन्दर नहीं जा सकता। हम विवश हैं। तब पूर्ण प्रभु अंतध्र्यान हुए तथा राजा रावण के दरबार में प्रकट हो गए। रावण की दृष्टि ऋषि पर गई तो गरज कर पूछा कि इस ऋषि को मेरी आज्ञा बिना किसने अन्दर आने दिया है उन द्वारपालों को लाकर मेरे सामने कत्ल कर दो। तब परमेश्वर ने कहा राजन् आप के द्वारपालों ने स्पष्ट मना किया था। उन्हें पता नहीं कि मैं कैसे अन्दर आ गया। रावण ने पूछा कि तू अन्दर कैसे आया? तब पूर्ण प्रभु मुनिन्द्र वेश में अदृश होकर पुनर् प्रकट हो गए तथा कहा कि मैं ऐसे आ गया। रावण ने पूछा कि आने का कारण बताओ। तब प्रभु ने कहा कि आप योद्धा हो कर एक अबला का अपहरण कर लाए हो। यह आप की शान व शूरवीरता के विपरीत है। सीता कोई साधारण औरत नहीं है यह स्वयं लक्ष्मी जी का अवतार है। श्री रामचन्द्र जी जो इसके पति हैं वे स्वयं विष्णु हैं। इसे वापिस करके अपने जीवन की भिक्षा माँगो। इसी में आप का श्रेय है। इतना सुन कर तमोगुण (भगवान शिव) का उपासक रावण क्रोधित होकर नंगी तलवार लेकर सिंहासन से दहाड़ता हुआ कूदा तथा उस नादान प्राणी ने तलवार के अंधाधँुध सत्तर वार ऋषि जी को मारने के लिए किए। परमेश्वर मुनिन्द्र जी ने एक झाडू की सींक हाथ में पकड़ी हुई थी। उसको ढाल की तरह आगे कर दिया। रावण के सत्तर वार उस नाजुक सींक पर लगे। ऐसे आवाज हुई जैसे लोहे के खम्बे (पीलर) पर तलवार लग रही हो। सींक टस से मस नहीं हुई। रावण को पसीने आ गए। फिर भी अपने अहंकारवश नहीं माना। यह तो जान लिया कि यह कोई साधारण ऋषि नहीं है। रावण ने अभिमान वश कहा कि मैंने आप की एक भी बात नहीं सुननी, आप जा सकते हैं। परमेश्वर अंतध्र्यान हो गए तथा मंदोदरी को सर्व वृतान्त सुनाकर प्रस्थान किया। रानी मंदोदरी ने कहा गुरुदेव अब मुझे विधवा होने में कोई कष्ट नहीं होगा।
श्री रामचन्द्र व रावण का युद्ध हुआ। रावण का वध हुआ। जिस लंका के राज्य को रावण ने तमोगुण भगवान शिव की कठिन साधना करके, दस बार शीश न्यौछावर करके प्राप्त किया था। वह क्षणिक सुख भी रावण का चला गया तथा नरक का भागी हुआ। इसके विपरीत पूर्ण परमात्मा के सतनाम साधक विभीषण को बिना कठिन साधना किए पूर्ण प्रभु की सत्य साधना व कृपा से लंकादेश का राज्य भी प्राप्त हुआ। हजारों वर्षों तक विभीषण ने लंका का राज्य का सुख भोगा तथा प्रभु कृपा से राज्य में पूर्ण शान्ति रही। सभी राक्षस वृति के व्यक्ति विनाश को प्राप्त हो चुके थे। भक्तमति मंदोदरी तथा भक्त विभीषण तथा परम भक्त चन्द्रविजय जी के परिवार के पूरे सोलह सदस्य तथा अन्य जिन्होंने पूर्ण परमेश्वर का उपदेश प्राप्त करके आजीवन मर्यादावत् सतभक्ति की वे सर्व साधक यहाँ पृथ्वी पर भी सुखी रहे तथा अन्त समय में परमेश्वर के विमान में बैठ कर सतलोक (शाश्वतम् स्थानम्) में चले गए। इसीलिए पवित्र गीता अध्याय 7 मंत्र 12 से 15 में कहा है कि तीनों गुणों (रजगुण ब्रह्मा जी, सतगुण विष्णु जी, तमगुण शिव जी) की साधना से मिलने वाली क्षणिक सुविधाओं के द्वारा जिनका ज्ञान हरा जा चुका है, वे राक्षस स्वभाव वाले, मनुष्यों में नीच, दुष्कर्म करने वाले मूर्ख मुझ (काल-ब्रह्म) को भी नहीं भजते।
फिर गीता अध्याय 7 मंत्र 18 में गीता बोलने वाला (काल-ब्रह्म) प्रभु कह रहा है कि कोई एक उदार आत्मा मेरी (ब्रह्म की) ही साधना करता है क्योंकि उनको तत्त्वदर्शी संत नहंी मिला। वे भी नेक आत्माऐं मेरी (अनुत्तमाम्) अति अश्रेष्ठ (गतिम्) गति में आश्रित रह गए। वे भी पूर्ण मुक्त नहीं हैं। इसलिए पवित्र गीता अध्याय 18 मंत्र 62 में कहा है कि हे अर्जुन तू सर्व भाव से उस परमेश्वर (पूर्ण परमात्मा अर्थात् तत् ब्रह्म) की शरण में जा। उसकी कृपा से ही तू परम शान्ति तथा सतलोक अर्थात् सनातन परम धाम को प्राप्त होगा।
इसलिए पुण्यात्माओं से निवेदन है कि आज इस दासन् के भी दास (रामपाल दास) के पास पूर्ण परमात्मा प्राप्ति की वास्तविक विधि प्राप्त है। निःशुल्क उपदेश लेकर लाभ उठाऐं।
प्रश्नः- धर्मदास जी ने प्रश्न किया हे प्रभु कुछ श्रद्धालु श्री हनुमान जी की पूजा करते हैं। यह शास्त्रविरूद्ध है या अनुकूल।
उत्तरः- कबीर देव ने कहा हे धर्मदास! अर्जुन को काल ब्रह्म ने श्रीमदभगवत् गीता अध्याय 16 श्लोक 23-24 में कहा है कि हे अर्जुन! जो व्यक्ति शास्त्रविधि को त्याग कर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण (पूजा) करता है। वह न सिद्धि को प्राप्त होता है न परमगति को न सुख को ही (गीता अ16/मं.23) इस से तेरे लिए कर्तव्य अर्थात् करने योग्य भक्ति कर्म तथा अकत्र्तव्य अर्थात् न करने योग्य जो त्यागने योग्य कर्म हैं उनकी व्यवस्था में शास्त्र में लिखा उल्लेख ही प्रमाण है। ऐसा जानकर तू शास्त्रविधि से नियत भक्ति कर्म अर्थात् साधना ही करने योग्य है। (गीता अ.16/ श्लोक 24) हे धर्मदास जी! गीता अध्याय 7 श्लोक 12 से 15 व 20 से 23 तथा गीता अध्याय 9 श्लोक 20 से 23 तथा 25 में गीता ज्ञान दाता काल ब्रह्म ने तीनों देवताओं (रजगुण ब्रह्मा, सतगुण विष्णु तथा तमगुण शिव) की पूजा करना भी व्यर्थ कहा है, भूतों की पूजा, पितरों की पूजा व अन्य सर्व देवताओं की पूजा को भी अविधिपूर्वक (शास्त्रविधि विरूद्ध) बताया है। हनुमान तो रामभक्त थे। वे स्वयं भी भक्ति करते थे तथा अन्य को भी राम की भक्ति करने को ही कहते थे। यदि कोई भक्त दूसरे भक्त की पूजा करता है। वह शास्त्रविधि विरूद्ध होने से व्यर्थ है। त्रेता युग में मैंने हनुमान को भी शरण में लिया था।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
https://online.jagatgururampalji.org/naam-diksha-inquiry
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गरल सुधा रिपु करहिं मिताई गोपद सिंधु अनल सितलाई
उसके लिए विष अमृत हो जाता है, शत्रु मित्रता करने लगते हैं समुद्र गाय के खुर के बराबर हो जाता है, अग्नि में शीतलता आ जाती है
गरुड़ सुमेरु रेनु सम ताही राम कृपा करि चितवा जाही
और हे गरुड़जी! सुमेरु पर्वत उसके लिए रज के समान हो जाता है, जिसे श्री रामचंद्रजी ने एक बार कृपा करके देख लिया
जय श्री राम🏹ᕫ🙏जय श्री हनुमानजी🚩🙏
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Word of The Hour: fire
English: fire 1. fuel in a state of combustion, as on a hearth, or in a stove or a furnace 2. the evolution of light and heat in the combustion of bodies 3. ardor of passion, whether love or hate ------------ - French: feu - Hindi: अनल - Italian: fuoco - Portuguese: fogo - Spanish: fuego ------------ Join our new subreddit for language learners @ https://reddit.com/r/LearnANewLanguage
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हजरत मुहम्मद जी सहित अनेकों पुण्य आत्माओं को मिले अल्लाहु अकबर
सभी काजी मौलवी मानते हैं कि अल्लाह बेचून (निराकार) है, अल्लाह दिखाई नहीं देता है, अल्लाह धरती पर नहीं आता है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
अगर है शौक अल्लाह से मिलने का, तो हरदम नाम लौ लगाता जा।।।।
न रख रोजा, न मर भूखा, न मस्जिद जा, न कर सिजदा।।
जिस अल्लाह ने 6 दिन में श्रष्टि रची तथा सातवे दिन तख्त पर जा विराजा वह अल्लाह कबीर अपने सिद्धांत अच्छी आत्माओं को मिलता है।
कबीर परमेश्वर जी अब्राहिम अधम सुल्तान जी को मिले और सार शब्द का उपदेश कराया।
कबीर सागर के अध्याय " सुल्तान बोध" में पृष्ठ 62 पर प्रमाण है:-
प्रथम पान प्रवाना लेई। पीछे सार शब्द तोई देई।।
तब सतगुरु ने अलख लखाया। करी परतीत परम पद पाया।।
सहज चौका कर दीन्हा पाना(नाम)। काल का बंधन तोड़ बगाना।।
एक अच्छी आत्मा समशतरबेज मुसलमान को जिंदा बाबा के रूप में मिले थे। उन्हें अल्लाहू अकबर (कबीर परमात्मा) यानि अपने विषय में समझाया, सतलोक दिखाया, वापिस छोड़ा। उसके पश्चात् कबीर परमात्मा यानि जिंदा बाबा नहीं मिले। उसे केवल एक मंत्र दिया ‘‘अनल हक’’ (यह सांकेतिक मंत्र है, वास्तविक मंत्र कुछ और है जो नाम दीक्षा के समय दिया जाता है)
समशतरबेज परमात्मा के दिए मंत्र का नाम जाप करता था।
उस नगरी के राजा की एक लड़की जिसका नाम शिमली था, समशतरबेज के ज्ञान व सिद्धि से प्रभावित होकर उनकी परम भक्त हो गई। किसी चुगलखोर व्यक्ति ने मंशूर अली से कहा कि आपकी बहन शिमली शाम के समय आश्रम में अकेली जाती है। यह शोभा नहीं देता। नगर में आलोचना हो रही है। एक दिन मंसूर जासूसी करने गया। संत जी ने ज्ञान सुनाया।
मंशूर ने भी प्रत्येक वचन ध्यान से सुना, वह तो दोष देखना चाहता था, परंतु उस तत्त्वज्ञान को सुनकर कृतार्थ हो गया।
परमात्मा की भक्ति अनिवार्य है। अल्लाह साकार है, कबीर है। ऊपर के आसमान में विराजमान है। पृथ्वी के ऊपर भी मानव शरीर में प्रकट होता है।
मंशूर का अंतःकरण साफ हो गया। मंशूर सीधा गुरू समशतरबेज के चरणों में गिर गया। अपने मन के पाप को बताया। अपने उद्धार की भीख माँगी। समशतरबेज ने दीक्षा दे दी।
‘‘अनल हक’’ (गुप्त मंत्र) को बोल-बोलकर जाप करने लगा। मुसलमान समाज ने विरोध किया। कहा कि मंशूर काफिर हो गया। परमात्मा को मानुष जैसा बताता है। पृथ्वी पर आता है परमात्मा, ऐसा कहता है। अनल हक का अर्थ गलत करके कहते थे कि मंशूर अपने को अल्लाह कहता है। इसे जिंदा जलाया जाए या अनल हक कहना बंद कराया जाए।
राजा को मंशूर की गलती बताई। परन्तु मंशूर अनल हक- अनल हक्क का जाप करता रहा। जनता ने कहा कि मंशूर को चौराहे पर बाँधकर रखा जाए। जनता(स्त्री पुरुष) पत्थर मरेंगे। मंशूर को लहूलुहान कर दिया लेकिन अनल हक्क कहना नहीं छोड़ा। पुनः राजा के पास ले जाया गया। राजा ने आदेश दिया कि इस काफिर को टुकड़े-टुकड़े करके जलाकर इसकी राख दरिया में बहा दी जाए।
मंशूर बोला अनल हक- अनल हक्क
मंशूर के हाथ पैर गर्दन काट दी गयी और फूँककर राख को दरिया में बहा दिया। उस राख से भी अनल हक, अनल हक शब्द निकल रहा था। कुछ देर बाद एक हजार मंशूर नगरी की गली-गली में अनल हक कहते हुए घूमने लगे। सब डरकर अपने-अपने घरों में बंद हो गए। परमात्मा ने वह लीला समेट ली। एक मंशूर गली-गली में घूमकर अनल हक कहने लगा। फिर अंतर्ध्यान हो गया।
कबीर परमेश्वर हजरत मुहम्मद जी को मिले थे। कबीर साहेब हजरत मुहम्मद जी को सतलोक लेकर गए, सर्व लोकों की स्थिति से परिचय करवाया। किन्तु हज़रत मुहम्मद जी ने मान-बड़ाई के कारण कबीर साहेब का ज्ञान स्वीकार नहीं किया था।
कबीर साहेब ने कहा है-
हम मुहम्मद को सतलोक ले गया। इच्छा रूप वहाँ नहीं रहयो।।
उलट मुहम्मद महल पठाया, गुज बीरज एक कलमा लाया।।
इस प्रकार पुण्य कर्मों के प्रभाव से दृढ़ भगतों को परमात्मा मिलते हैं सद्भक्ति बताते हैं, जन्नत(स्वर्ग) से भी ऊपर सच्चे लोक से परिचित कराते हैं। जिनको अल्लाह प्राप्ति की तड़फ है वे सफल होते है तथा मान बड़ाई की चाह रहने वाले कष्ट पर कष्ट उठाते हैं।
किसकोमिलेपरमात्मा
SantRampalJiMaharaj
अधिक जानकारी के लिए अवश्य download करें
पवित्र पुस्तक "कबीर परमेश्वर"
https://bit.ly/KabirParmeshwarBook
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33 करोड़ देवी देवता |
23rd March 2024
एक प्रश्न जो कई बार चर्च का विषय रहा है- 33 करोड़ देवी देवता | यह सब जानते है की हिन्दू धर्म मे बहुत सारे देवी देवता की पूजा की जाती है | इस ब्लॉग मे आज हम 33 करोड़ देवी देवता का सच जानने की कोशिश करेंगे |
सनातन धर्म बहुत पुराना धर्म है और इसके धर्म ग्रन्थ भी बहुत प्रचीन है | इन ग्रंथो मे समय समय पर बातें जोड़ी गयी और बहुत सी बातो का अनुवाद भी किया गया | इसी कारण बहुत से भ्रम भी उत्पन हुए और 33 करोड़ देवी देवता का विषय इसी का परिणाम है | सनातन धर्म के कोई भी ग्रन्थ में 33 करोड़ देवी देवत का उल्लेख नहीं किया गया है, अपितु 33 कोटि का उल्लेख किया गया है | हमारी वर्णवाली मे कई शब्दों के दो मतलब है जैसे कोटि के दो मतलब है- प्रकार और करोड़ | हिंदी जाने वाले लोग को यह पता होगा की कोटि को ही करोड़ बोला जाता है |
यदि हम 33 कोटि देवी देवत की बात करते है तो इसमे 8 वसु, 11 रूद्र, 12 आदित्य, इंद्र और प्रजाप��ि शामिल है | कई जगहों पर इन्द्र इन्द्र इन्द्र एवं प्रजापति के स्थान पर तो 2 अश्विनी कुमार को कोटि में शामिल किया गया है | तो करोड़ के नाम इस प्रकार है:-
8 वसुओं के नाम- 1. आप 2. ध्रुव 3. सोम 4. धर 5. अनिल 6. अनल 7. प्रत्यूष 8. प्रभाष
11 रुद्रों के नाम- 1. मनु 2. मन्यु 3. शिव 4. महत 5. ऋतुध्वज 6. महिनस 7. उम्रतेरस 8. काल 9. वामदेव 10. भव 11. धृत-ध्वज
12 आदित्य के नाम- 1. अंशुमान 2. अर्यमन 3. इंद्र 4. त्वष्टा 5. धातु 6. पर्जन्य 7. पूषा 8. भग 9. मित्र 10. वरुण 11. वैवस्वत 12. विष्णु
इन सभी देवताओं से 33 कोटि देवताओं की संख्या पूर्ण होती है | कोटि शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है प्राकार और कोटि शब्द को बहुत जगह करोड़ भी बोला गया है |
हिंदू धर्म में 33 करोड़ नहीं बल्की 33 कोटि अर्थात प्रकार के देवी देवता हैं |
PK
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" Manshoor Ali's Own Words "
अगर है शौक अल्लाह से मिलने का, तो हरदम नाम लौ लगाता जा।।
न रख रोजा, न मर भूखा, न मस्जिद जा, न कर सिजदा।
वजू का तोड़ दे कूजा, शराबे नाम जाम पीता जा ।। 1 ।।
पकड़ कर ईश्क की झाडू, साफ कर दिल के हूजरे को।
दूई की धूल रख सिर पर, मूसल्ले पर उड़ाता जा ।।2।।
धागा तोड़ दे तसबी, किताबें डाल पानी में।
मसाइक बनकर क्या करना, मजीखत को जलाता जा। 13 ||
कहै मन्सूर काजी से, निवाला कूफर का मत खा।
अनल हक्क नाम बर हक…
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खुशनसीब हूं कि मयंक अग्रवाल सनराइजर्स जैसी टीम के पास गए; नई सेटिंग वास्तव में उसकी मदद करेगी - अनिल कुंबले
खुशनसीब हूं कि मयंक अग्रवाल सनराइजर्स जैसी टीम के पास गए; नई सेटिंग वास्तव में उसकी मदद करेगी – अनिल कुंबले
दिग्गज भारत राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लेग स्पिनर अनिल कुंबले 31 वर्षीय मयंक अग्रवाल को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2023 मिनी-नीलामी में सनराइजर्स हैदराबाद (एसआरएच) के लिए 8.25 करोड़ रुपये में साइन करके खुश थे।
सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) ने मिनी नीलामी से पहले 12 खिलाड़ियों को रिलीज किया। उनके पास टीम में 12 खिलाड़ी थे, जिनमें चार विदेशी भी शामिल थे। सनराइजर्स हैदराबाद (एसआरएच) ने 42.25 करोड़ रुपये…
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अनिल कपूर की विशलिस्ट
अनिल कपूर की विशलिस्ट
कॉफी विद करण 7 के लेटेस्ट एपिसोड में नजर आए अनिल कपूर ने दीपिका पादुकोण के साथ काम करने की इच्छा जताई है। करण जौहर ने अनिल से पूछा, “अगर आपको हॉलीवुड की रोमांटिक फिल्म में कास्ट किया गया और आपको अपनी अभिनेत्री चुनने की आजादी दी गई, तो आप बॉलीवुड में से किसे चुनेंगे?” अनिल लेते हैं दीपिका का नाम
#करण जौहर
!function (f, b, e, v, n, t, s)
if (f.fbq) return; n = f.fbq = function ()
n.callMethod…
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तत्त्वज्ञान प्राप्त भक्त के मन की दशा उस अनल (अलल) पक्षी के बच्चे जैसी होनी चाहिए।
#SaintRampalJiQuotes
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#GodMorningMonday
तत्त्वज्ञान प्राप्त भक्त के मन की दशा उस अनल (अलल) पक्षी के बच्चे जैसी होनी चाहिए।
#SaintRampalJiQuotes #सत_भक्ति_संदेश
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#GodMorningWednesday
#हिन्दू_भाई_संभलो
आपका परिवार ऊपर सत्यलोक में है। आप इस पृथ्वी के ऊपर गिरे हो। तत्त्वज्ञान प्राप्त भक्त के मन की दशा उस अनल (अलल) पक्षी के बच्चे जैसी होनी चाहिए।
🙏अधिक जानने के लिए पढ़ें पुस्तक 📚📚 ‛गीता तेरा ज्ञान अमृत’
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