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studycarewithgsbrar · 2 years
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चाणक्य नीति: इस स्थिति में हार के बाद भी जीत जाता है, असफलता परेशान नहीं करती - Punjab News Latest Punjabi News Update Today
चाणक्य नीति: इस स्थिति में हार के बाद भी जीत जाता है, असफलता परेशान नहीं करती – Punjab News Latest Punjabi News Update Today
चाणक्य नीति: लक्ष्य के बिना मानव जीवन दिशाहीन और अर्थहीन है। जैसे बन्दूक बिना गोली के बेकार है, वैसे ही जिन लोगों का जीवन में कोई उद्देश्य नहीं है वे जीते हैं लेकिन भटकते हैं और किसी काम के नहीं हैं। लक्ष्य निर्धारित करने की राह आसान नहीं होती, उसमें कई बार गिरना पड़ता है। उसे असफलता का भी सामना करना पड़ता है। कभी-कभी ऐसी स्थिति भी आ जाती है जब व्यक्ति को हार का सामना करना पड़ता है, लेकिन चाणक्य…
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newsdaliy · 2 years
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फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर असफलता के बीच लाइगर की सह-निर्माता चार्ममे कौर ने सोशल मीडिया से ब्रेक की घोषणा की
फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर असफलता के बीच लाइगर की सह-निर्माता चार्ममे कौर ने सोशल मीडिया से ब्रेक की घोषणा की
छवि स्रोत: इंस्टाग्राम / चार्ममे कौर चार्ममे कौर चार्मी कौर, जो हाल ही में रिलीज हुई अखिल भारतीय फिल्म लिगर की निर्माताओं में से एक हैं, ने रविवार को घोषणा की कि वह सोशल मीडिया से ब्रेक ले रही हैं। उनकी घोषणा फिल्म लाइगर की रिलीज के कुछ दिनों बाद हुई, जो बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है। उनके साथ बनाई गई फिल्म करण जौहर, पुरी जगन्नाथ, अपूर्व मेहता और हीरू यश जौहर ने बॉक्स ऑफिस पर खराब…
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nationalnewsindia · 11 months
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news4me · 4 years
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Mayank Agarwal Double Ton: India vs Bangladesh- असफलता के डर को छोड़ने से बना रनों का भूखा: मयंक - letting go fear of failure made me hungrier says mayank agarwal after second s day play of indore test against bangladesh
Mayank Agarwal Double Ton: India vs Bangladesh- असफलता के डर को छोड़ने से बना रनों का भूखा: मयंक – letting go fear of failure made me hungrier says mayank agarwal after second s day play of indore test against bangladesh
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हाइलाइट्स
भारत ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक 6 विकेट पर 493 रन बनाए
मयंक अग्रवाल ने खेली 243 रनों की पारी, लगाया दूसरा टेस्ट दोहरा शतक
भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ बना ली है 343 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त
अग्रवाल ने कहा कि नाकामयाबी का डर छोड़ने से बढ़ी रनों की भूख
इंदौर बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन करियर की सर्वश्रेष्ठ दोहरी शतकीय पारी खेलने वाले भारत के सलामी बल्लेबाज…
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सफलता by-Sir ji Follow more such stories on @nojotoapp #sirji#सफलता#सफल#असफलता#सपनें#ख्वाहिश#nojoto#nojotohindi #sapne Read stories by SIR JI on Nojoto https://nojoto.com/post/f6fd9abdd8261fc89cc5418f23f1d2aa/ Best App to Write & Record Stories 👇👇👇 👉 Join Nojoto: http://bit.ly/Nojoto_Download #writersofinstagram #writeraofindia #shayaris #poetry #quote #wordporn #qotd #igwriters #Nojoto #NojotoApp #wordgasm #wordporn #indianwriters #poetsofindia #stories #storytelling #quoteoftheday #writersofindia #poetrycommunity #igpoets #wordsofwisdom #love #thoughts #igwriterclub (at Allahabadi Attitude) https://www.instagram.com/p/B2n0zBbl1sr/?igshid=1qwoh153a6bdd
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sachnews · 4 years
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा..प्रदेश सरकार की असफलता को जन जन तक पहुंचाए.. रजनीश ने कहा..पीएम ने गाड़ा मील का पत्थर
नेता प्रतिपक्ष ने कहा..प्रदेश सरकार की असफलता को जन जन तक पहुंचाए.. रजनीश ने कहा..पीएम ने गाड़ा मील का पत्थर
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बिलासपुर–केन्द्रीय की नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरी पाली में पहले साल की उपलब्धियों की उपलब्धियों को वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से बिल्हा विधानसभा के नेताओं के सामने रखा गया।
             बिल्हा विधानसभा के जनसंवाद कार्यक्रम को नेता प्रतिपक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा धरमलाल कौशिक ने संबोधित किया। कौशिक ने नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार के पहले कार्यकाल में किए…
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imsaki07 · 3 years
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Motivation Speech: जिंदगी में असफल होने के 5 कारण #news4
जिंदगी में असफल होने के कई कारण हो सकते हैं और असफलत होना कोई बुरी बात भी नहीं है। कई महान लोग ऐसे हैं जो अपनी जिंदगी में कई बार असफल होने के बाद ही सफल हुए हैं। असफल होने के कारणों की जांच करके वे सफल हो गए तो आप भी क्यों नहीं अपने असफल होने की जांच करते हैं? आओ जानते हैं असफल होने के 5 कारण। 1. रूटीन से बाहर नहीं निकलते हैं : कई लोग हैं जो निरंत बस रोज रूटीन वर्क करने में ही इस कदर लगे हुए हैं…
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khabaruttarakhandki · 4 years
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बच्चों में मानसिक तनाव(डिप्रेशन ) होने के कारण और लक्षण
    बच्चों में मानसिक तनाव(डिप्रेशन ) होने के कारण और लक्षण
बच्चों में मानसिक तनाव(डिप्रेशन ) होने के कारण
आज के इस बदलते आधुनिक युग में आधुनिक समय में बदलती जीवन शैली के साथ-साथ बच्चों बच्चे भी स्ट्रेस का शिकार हो रहे हैं इसके बहुत सारे मुख्य कारण है कई बार बच्चों को अधिक डांट लगाना बच्चों को अकेला छोड़ देना बच्चों को समझ नहीं पा ना बच्चों पर पढ़ाई का अधिक बोझ डालना बच्चों की बातों को अनसुना कर देना उनकी बातों में इंटरेस्ट ना लेना बच्चों को छोटी मोटी बातों पर ध्यान ना देना तथा उनकी बातों को ना सुनना या उनको इग्नोर करना या अपनी चीजों को उन पर थोपना उनकी डिप्रेशन का या उनके तनाव का कारण बन जाता है|
आजकल इन सब समस्याएं बच्चों में देखने को मिल रही हैं  इन समस्याओं के लिए हमें यह जानना बहुत आवश्��क है कि यह बच्चों में डिप्रेशन होता क्या है  बच्चों में कभी भी उदासी मायूसी यह सब देखने को मिल जाए तो तुरंत समझ जाइए कि आपके बच्चे में कुछ डिप्रेशन है  और यह डिप्रेशन बहुत अधिक वक्त तक रहने से उसके ऊपर बुरा प्रभाव पड़ सकता है  बच्चों में नकारात्मक सोच काफी जब बढ़ जाती है जिसके कारण बच्चों में अकेलापन तथा चैट स्टार्ट हो जाती है जिसके कारण बच्चों में कॉन्फिडेंस लेवल भी कम हो जाता है या यूं कहिए कि समाप्त हो जाता है और वह एकाकीपन की तरफ चले जाते हैं और उनके अंदर डिप्रेशन की समस्या पैदा हो जाती है
डिप्रेशन की समस्या के लक्षण होते हैं बच्चों की बातों पर चिरचिरापन होना बिना किसी वजह के बच्चों का दुखी रहना उनका हमेशा मायूस और गुमसुम सा रहना हर बात पर गुस्सा करना उनके व्यवहार में परिवर्तन होना खाने-पीने की आदतों में भी परिवर्तन होना पढ़ाई तथा खेलकूद में उनका मन ना लगना हर वक्त यही सोचना और उनके स्कूलों से शिकायते आना आपस में  गुस्से वाला व्यवहार करना गुस्से में आंखें और  कानों का लाल हो जाना तथा बच्चों का खुद में ही अकेला रहना पसंद करना ही डिप्रेशन का मुख्य लक्षण है  बच्चों में डिप्रेशन होने के मुख्य कारण होते हैं जैसे कि बच्चों का पढ़ाई में तनाव बच्चों में ज्यादातर तनाव का कारण आजकल की बढ़ती हुई पढ़ाई और उसके तरीके का है जिसे बच्चे समय पर सिलेबस पूरा नहीं कर पाते हैं|
बच्चों में मानसिक तनाव(डिप्रेशन ) होने के  लक्षण
उनके नंबर काम आते हैं या उनका होमवर्क पूरा नहीं होता है या असली व से बहुत पीछे छूट जाते हैं माता-पिता का उनको डांटना उनको बार-बार बोलना इस चीज से बच्चों में तनाव पैदा हो जाता है तथा बच्चे बहुत ज्यादा डिस्टर्ब हो जाते हैं इसी वजह से उनको डिप्रेशन होने की संभावना ज्यादा हो जाती है । खेल कूद और एक्टिविटीज का ना होना आजकल इतने बिजी शेड्यूल की वजह से बच्चे पूरा दिन स्कूल जाना । पूरा दिन बच्चों का पढ़ाई करते रहता हमेशा कंप्यूटर पर बैठे रहना हमेशा लैपटॉप में बिजी रहना तथा साथ ही साथ वहां पर पूरा दिन पढ़ाई करते रहना। जिसमें कि बच्चों की खेलकूद की एक्टिविटीज नहीं हो पाते हैं। डिप्रेशन का दूसरा बड़ा कारण है बच्चों में असफल होने का डर जिसमें कि बच्चों के मन में हमेशा पढ़ाई करते रहना और टॉप में बने रहने के लिए अच्छे मार्क्स लाने के लिए भविष्य की चिंता होने के लिए पिछड़े ना रह जाने की वजह से बच्चों में एक डर सा पैदा हो जाता है
कि कहीं वह कम मार्क्स लाकर के पीछे ना रह जाए उनको डांट ना पड़े भविष्य में कोई उनको सफलता न प्राप्त हो इसी वजह से वह बच्चे उनका कॉन्फिडेंस लेवल कितना डाउन हो जाता है कि वह बच्चे असफलत होने के डर से  तनाव लेते रहते हैं और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं  तीसरा बड़ा मुख्य कारण है बच्चों को समय ना दे पाना आज के व्यस्त जीवनशैली शैली में अधिकतर मां-बाप अधिकतर अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं बच्चों की हर छोटी-छोटी समस्याओं का समय पर खाल निकालना जरूरी होता है बहुत सी छोटी-छोटी टेंशन वाली बातें बच्चों को डिप्रेशन का शिकार बना देती हैं  अक्षर बच्चों में पढ़ाई सिलेबस हाई स्टडीज प्रतियोगिताएं खेलकूद डर भय से संबंधित कई बातों का दुख हमेशा चिंता बनी रहती है बच्चों की बातों को सुनना और समझना तथा उनको प्यार से समझाना बहुत जरूरी होता है बच्चों को वक्त देना पेरेंट्स के लिए बहुत इंपोर्टेंट है
बच्चों की छोटी-छोटी बातों को अनसुना कभी ना करें क्योंकि बच्चों की हर छोटी-छोटी बातों को बच्चे को सही  तरह से समझ कर तथा उनको समझा कर के उनका हौसला बढ़ा सकते हैं  बच्चों के साथ समय बिताना बहुत आवश्यक है तथा बच्चों का एक अच्छे तरीके से रूटीन बना कर उन्हें व्यस्त रखना बहुत जरूरी है अन्य मुख्य कारण है रात में बार बार बच्चों का उठना तथा उनकी अच्छे से नींद ना हो पाना अच्छे से नींद ना हो पाना सोने में बार-बार बीच में उठना एक सामान्य समस्या है फिर भी ऐसा रोज रोज हो तो यह उनको तकलीफ देता है|
अगर ऐसा होता है तो समझ जाना चाहिए कि आप  का बच्चा  तनाव से ग्रस्त है  कई बार देखा गया है कि तनाव के कारण बच्चों में शौच की आदतों में भी बदलाव आ जाता है कुछ मैं तो टॉयलेट जाने के नाम से भी बच्चों में भय पैदा हो जाता हैं।  ऐसे में आप घबराएं ना बल्कि बच्चों को समझाएं तथा जितना हो सके उनसे बात करें और समस्या का समाधान करने की कोशिश करें या हो सके तो डॉक्टर से परामर्श लें  कई बार बच्चों के पेट मैं दर्द बच्चों की तनाव की वजह से हो जाता है इसके लिए बच्चों को आहार में अच्छा वह फाइबर युक्त आहार देना चाहिए तथा बच्चो�� में कब्ज की समस्या ना हो ऐसा उनको आहार देते रहें|
जिससे कि उनका तनाव दूर रहे  बच्चों में इन सब लक्षणों में देखते हुए अगर आपको अपने बच्चे में कोई भी ऐसी तकनीक नजर आती है आपको नजर आता है कि आपका बच्चा तनाव से ग्रस्त है तथा वह अकेलापन या आपको उससे जुड़े हुए लक्षणों में से कुछ भी नजर आता है कि आपके बच्चे मैं डिप्रेशन की समस्या उत्पन्न हो रही है तो ऐसे में आप ना घबराए बल्कि जितना जल्दी हो सके बच्चे को किसी अच्छे से डॉक्टर को दिखा करके उनसे परामर्श लें और वह अवश्य ही जल्दी ही ठीक हो जाएगा
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aajkarashifal · 6 years
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राशिफल 25 मार्चः मिथुन राशि वालों के खर्चे बढ़ेंगे और आपके...
बेजन दारूवाला मेष (Aries): गणेशजी आज आपको नए कार्य करने की प्रेरणा देंगे। हालांकि आपके विचारों में स्थिरता का अभाव रहने से कुछ मामलों में उलझन अनुभव करेंगे। नौकरी या व्यवसाय में स्पर्धात्मक वातावरण रहेगा। छोटी दूरी की यात्रा कर सकते हैं। भाई-बंधुओं के साथ मेल-जोल बना रहेगा, उनसे लाभ होगा। वृषभ (Taurus): गणेशजी कहते हैं कि मन की अस्थिरता महत्त्वपूर्ण अवसरों से आपको वंचित कर सकती है। आज नए कार्य का आरंभ करना उचित नहीं है। बातचीत में आपका जिद्दी व्यवहार परेशानियों में डाल सकता है। आर्थिक लाभ होगा। विद्यार्थियों के लिए अच्छा समय है। मिथुन (Gemini): आज का दिन ताजगी और स्फूर्ति से परिपूर्ण रहेगा। उत्तम भोजन सुंदर वस्त्रालंकार और मित्रों स्वजनों के साथ आपका दिन खूब आनंद में व्यतीत होगा। दांपत्य जीवन में सुख-संतोष की भावना का अनुभव करेंगे। आर्थिक लाभ और आयोजनों के लिए अनुकूल दिन है। खर्च अधिक होगा संयम रखें। नकारात्मक विचारों से दूर रहने की गणेशजी सलाह देते हैं। कर्क (Cancer): परिवार में मनमुटाव के अवसर आएंगे, इसलिए मानसिक बेचैनी रहेगी। मन दुविधा अनुभव करेगा इसलिए महत्त्वपूर्ण निर्णय टालना हितकर है। किसी के साथ गलतफहमी या वाद-विवाद होने की आशंका है। लापरवाही से स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, ध्यान रखें। कोर्ट कचहरी के मामलों में संभलकर काम लेना पड़ेगा। मानहानि और धन हानि की संभावना है। सिंह (Leo): गणेशजी कहते हैं कि आज का दिन आपके लिए लाभदायक साबित होगा। अस्थिर मानसिक स्थिति से परेशानी हो सकती है । स्त्री मित्रों से मुलाकात और लाभ होगा। बुजुर्गों से आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे। घर में मांगलिक कार्य होंगे। व्यापारियों के व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरी पेशावालों की आय में वृद्धि होगी। बाहर जाने का आयोजन होगा। कन्या (Virgo): गणेशजी की कृपा से नए कार्यों की शुरुआत करने के लिए मन में बनाई हुई योजनाएं साकार होंगी। पिता के साथ आत्मीयता बढ़ेगी। उनसे लाभ होगा। व्यापारी और नौकरी करने वालों को अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने का योग है। धन, मान-सम्मान में वृद्धि होगी। सरकार की तरफ से लाभ होगा। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। गृहस्थजीवन में सुखशांति और आनंद बना रहेगा। वसूली या व्यापार के काम से बाहर जाना पड़ सकता है। तुला (Libra): नए कार्य का आरंभ कर सकेंगे। लंबी दूरी की यात्रा या तीर्थस्थान पर जाना हो सकता है। विदेशगमन के लिए अवसर निर्मित होंगे तथा विदेश में बसनेवाले मित्रों या स्नेहीजनों के समाचार मिलेंगे। स्वास्थ्य थोड़ा नरम-गरम रहेगा। संतानों की समस्याओं से चिंता उत्पन्न होगी, ऐसा गणेशजी बताते हैं। वृश्चिक (Scorpio): गणेशजी कहते हैं कि वाणी और व्यवहार पर आज संयम रखना आवश्यक है। दैनिक कार्यों के अतिरिक्त नए कार्य हाथ में लेना उचित नहीं है। बीमार पड़ने का योग है। इसलिए खान-पान में ध्यान रखें। अचानक धन लाभ होगा। आध्यात्मिक साधना के लिए अच्छा समय है। चिंतन-मनन में समय व्यतीत करने से मानसिक शांति के साथ उपाधियों से दूर रह सकेंगे। धनु (Sagittarius): गणेशजी कहते हैं कि पार्टी पिकनिक प्रवास, सुंदर भोजन और वस्त्र परिधान आज के दिन की विशेषता रहेगी। मनोरंजन की दुनिया में डूबे रह सकते हैं। विपरीत लिंगीय व्यक्ति के साथ मुलाकात रोमांचक रहेगी। दांपत्यजीवन में उत्तम सुख की प्राप्ति होगी। सार्वजनिक सम्मान और ख्याति मिलेगी। बौद्धिक, तार्किक विचार-विनिमय होगा। साझेदारी में लाभ होगा। मकर (Capricorn): गणेशजी कहते हैं कि व्यापार-धंधे के विकास और आर्थिक आयोजन के लिए आज अनुकूल दिन है। वसूली या पैसे की लेन-देन करने में सफलता मिलेगी। आयात-निर्यात के व्यापारियों को लाभ होगा। परिवार में हर्षोल्लास का वातावरण रहेगा। आर्थिक लाभ मिलेगा। कानूनी उलझनों से सचेत रहें। तंदुरुस्ती अच्छी रहेगी। विरोधियों की चाल असफल होगी। कुंभ (Aquarius): मानसिक अशांति और उद्वेग भरा दिन है। तेजी से बदलते विचारों के कारण अनिर्णाय की स्थिति रहेगी। ठोस निर्णय नहीं ले सकेंगे। संतानों के प्रश्न उलझन में डालेंगे। पेट की बीमारी से पीड़ित होने की संभावना है, कार्य में असफलत हताशा पैदा करेगी और आकस्मिक धन खर्च होगा। साहित्य लेखन के लिए अनुकूल दिन होने के सम्बंध में गणेशजी कहते हैं। मीन (Pisces): पारिवारिक सदस्यों के साथ मतभेद हो सकता है। माता का स्वास्थ्य चिंता का कारण बनेगा। स्वास्थ्य खराब होने की संभावना है। मानसिक रूप से उलझन में रहेंगे, धन और मानहानि की आशंका है। नौकरी में परेशानी हो सकती है। स्थायी संपत्ति के कागजात के मामले में सावधानी बरतें। स्त्रियों के साथ सम्बंध हानिकारक साबित हो सकते हैं। मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट। http://dlvr.it/QMFszL
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khabaruttarakhandki · 4 years
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बच्चों में मानसिक तनाव(डिप्रेशन ) होने के कारण और लक्षण
    बच्चों में मानसिक तनाव(डिप्रेशन ) होने के कारण और लक्षण
बच्चों में मानसिक तनाव(डिप्रेशन ) होने के कारण
आज के इस बदलते आधुनिक युग में आधुनिक समय में बदलती जीवन शैली के साथ-साथ बच्चों बच्चे भी स्ट्रेस का शिकार हो रहे हैं इसके बहुत सारे मुख्य कारण है कई बार बच्चों को अधिक डांट लगाना बच्चों को अकेला छोड़ देना बच्चों को समझ नहीं पा ना बच्चों पर पढ़ाई का अधिक बोझ डालना बच्चों की बातों को अनसुना कर देना उनकी बातों में इंटरेस्ट ना लेना बच्चों को छोटी मोटी बातों पर ध्यान ना देना तथा उनकी बातों को ना सुनना या उनको इग्नोर करना या अपनी चीजों को उन पर थोपना उनकी डिप्रेशन का या उनके तनाव का कारण बन जाता है|
आजकल इन सब समस्याएं बच्चों में देखने को मिल रही हैं  इन समस्याओं के लिए हमें यह जानना बहुत आवश्यक है कि यह बच्चों में डिप्रेशन होता क्या है  बच्चों में कभी भी उदासी मायूसी यह सब देखने को मिल जाए तो तुरंत समझ जाइए कि आपके बच्चे में कुछ डिप्रेशन है  और यह डिप्रेशन बहुत अधिक वक्त तक रहने से उसके ऊपर बुरा प्रभाव पड़ सकता है  बच्चों में नकारात्मक सोच काफी जब बढ़ जाती है जिसके कारण बच्चों में अकेलापन तथा चैट स्टार्ट हो जाती है जिसके कारण बच्चों में कॉन्फिडेंस लेवल भी कम हो जाता है या यूं कहिए कि समाप्त हो जाता है और वह एकाकीपन की तरफ चले जाते हैं और उनके अंदर डिप्रेशन की समस्या पैदा हो जाती है
डिप्रेशन की समस्या के लक्षण होते हैं बच्चों की बातों पर चिरचिरापन होना बिना किसी वजह के बच्चों का दुखी रहना उनका हमेशा मायूस और गुमसुम सा रहना हर बात पर गुस्सा करना उनके व्यवहार में परिवर्तन होना खाने-पीने की आदतों में भी परिवर्तन होना पढ़ाई तथा खेलकूद में उनका मन ना लगना हर वक्त यही सोचना और उनके स्कूलों से शिकायते आना आपस में  गुस्से वाला व्यवहार करना गुस्से में आंखें और  कानों का लाल हो जाना तथा बच्चों का खुद में ही अकेला रहना पसंद करना ही डिप्रेशन का मुख्य लक्षण है  बच्चों में डिप्रेशन होने के मुख्य कारण होते हैं जैसे कि बच्चों का पढ़ाई में तनाव बच्चों में ज्यादातर तनाव का कारण आजकल की बढ़ती हुई पढ़ाई और उसके तरीके का है जिसे बच्चे समय पर सिलेबस पूरा नहीं कर पाते हैं|
बच्चों में मानसिक तनाव(डिप्रेशन ) होने के  लक्षण
उनके नंबर काम आते हैं या उनका होमवर्क पूरा नहीं होता है या असली व से बहुत पीछे छूट जाते हैं माता-पिता का उनको डांटना उनको बार-बार बोलना इस चीज से बच्चों में तनाव पैदा हो जाता है तथा बच्चे बहुत ज्यादा डिस्टर्ब हो जाते हैं इसी वजह से उनको डिप्रेशन होने की संभावना ज्यादा हो जाती है । खेल कूद और एक्टिविटीज का ना होना आजकल इतने बिजी शेड्यूल की वजह से बच्चे पूरा दिन स्कूल जाना । पूरा दिन बच्चों का पढ़ाई करते रहता हमेशा कंप्यूटर पर बैठे रहना हमेशा लैपटॉप में बिजी रहना तथा साथ ही साथ वहां पर पूरा दिन पढ़ाई करते रहना। जिसमें कि बच्चों की खेलकूद की एक्टिविटीज नहीं हो पाते हैं। डिप्रेशन का दूसरा बड़ा कारण है बच्चों में असफल होने का डर जिसमें कि बच्चों के मन में हमेशा पढ़ाई करते रहना और टॉप में बने रहने के लिए अच्छे मार्क्स लाने के लिए भविष्य की चिंता होने के लिए पिछड़े ना रह जाने की वजह से बच्चों में एक डर सा पैदा हो जाता है
कि कहीं वह कम मार्क्स लाकर के पीछे ना रह जाए उनको डांट ना पड़े भविष्य में कोई उनको सफलता न प्राप्त हो इसी वजह से वह बच्चे उनका कॉन्फिडेंस लेवल कितना डाउन हो जाता है कि वह बच्चे असफलत होने के डर से  तनाव लेते रहते हैं और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं  तीसरा बड़ा मुख्य कारण है बच्चों को समय ना दे पाना आज के व्यस्त जीवनशैली शैली में अधिकतर मां-बाप अधिकतर अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं बच्चों की हर छोटी-छोटी समस्याओं का समय पर खाल निकालना जरूरी होता है बहुत सी छोटी-छोटी टेंशन वाली बातें बच्चों को डिप्रेशन का शिकार बना देती हैं  अक्षर बच्चों में पढ़ाई सिलेबस हाई स्टडीज प्रतियोगिताएं खेलकूद डर भय से संबंधित कई बातों का दुख हमेशा चिंता बनी रहती है बच्चों की बातों को सुनना और समझना तथा उनको प्यार से समझाना बहुत जरूरी होता है बच्चों को वक्त देना पेरेंट्स के लिए बहुत इंपोर्टेंट है
बच्चों की छोटी-छोटी बातों को अनसुना कभी ना करें क्योंकि बच्चों की हर छोटी-छोटी बातों को बच्चे को सही  तरह से समझ कर तथा उनको समझा कर के उनका हौसला बढ़ा सकते हैं  बच्चों के साथ समय बिताना बहुत आवश्यक है तथा बच्चों का एक अच्छे तरीके से रूटीन बना कर उन्हें व्यस्त रखना बहुत जरूरी है अन्य मुख्य कारण है रात में बार बार बच्चों का उठना तथा उनकी अच्छे से नींद ना हो पाना अच्छे से नींद ना हो पाना सोने में बार-बार बीच में उठना एक सामान्य समस्या है फिर भी ऐसा रोज रोज हो तो यह उनको तकलीफ देता है|
अगर ऐसा होता है तो समझ जाना चाहिए कि आप  का बच्चा  तनाव से ग्रस्त है  कई बार देखा गया है कि तनाव के कारण बच्चों में शौच की आदतों में भी बदलाव आ जाता है कुछ मैं तो टॉयलेट जाने के नाम से भी बच्चों में भय पैदा हो जाता हैं।  ऐसे में आप घबराएं ना बल्कि बच्चों को समझाएं तथा जितना हो सके उनसे बात करें और समस्या का समाधान करने की कोशिश करें या हो सके तो डॉक्टर से परामर्श लें  कई बार बच्चों के पेट मैं दर्द बच्चों की तनाव की वजह से हो जाता है इसके लिए बच्चों को आहार में अच्छा वह फाइबर युक्त आहार देना चाहिए तथा बच्चों में कब्ज की समस्या ना हो ऐसा उनको आहार देते रहें|
जिससे कि उनका तनाव दूर रहे  बच्चों में इन सब लक्षणों में देखते हुए अगर आपको अपने बच्चे में कोई भी ऐसी तकनीक नजर आती है आपको नजर आता है कि आपका बच्चा तनाव से ग्रस्त है तथा वह अकेलापन या आपको उससे जुड़े हुए लक्षणों में से कुछ भी नजर आता है कि आपके बच्चे मैं डिप्रेशन की समस्या उत्पन्न हो रही है तो ऐसे में आप ना घबराए बल्कि जितना जल्दी हो सके बच्चे को किसी अच्छे से डॉक्टर को दिखा करके उनसे परामर्श लें और वह अवश्य ही जल्दी ही ठीक हो जाएगा
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