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#व्यंजन विधि
nesnashreem · 2 years
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पकाने की विधि: इस सप्ताह के अंत में समुद्री भोजन की लालसा? हमाची केविच या येलो टेल फिश के विदेशी व्यंजन को व्हिप अप करें
पकाने की विधि: इस सप्ताह के अंत में समुद्री भोजन की लालसा? हमाची केविच या येलो टेल फिश के विदेशी व्यंजन को व्हिप अप करें
प्रोटीन का सेवन शायद हमारे सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक है रोज का आहार क्योंकि यह शरीर के विभिन्न हिस्सों की सेवा करता है, जिसमें हमारी समग्र शक्ति को बढ़ावा देना, मांसपेशियों की वृद्धि को सुविधाजनक बनाना, बालों और नाखूनों को मजबूत करना, ऊतक की मरम्मत, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना और हार्मोन का उत्पादन शामिल है। प्रोटीन तेईस अमीनो एसिड की एक श्रृंखला से बना है, जिनमें से चौदह प्रतिदिन शरीर द्वारा…
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rashid92786 · 5 months
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खीर बनाए बिलकुल नए तरीक़े से, चावल की रबड़ीदार खीर! Rice kheer Recipe
Rice kheer Recipe in Hindi: Simmo Kitchenwali की रसोई में आएं और उनके साथ खोजें चावल की खीर की एक अनोखी और नवीन रेसिपी। यह खास रेसिपी, जिसमें रबड़ीदार अंदाज में चावल की खीर बनाई गई है, आपको भारतीय मिठाइयों के पारंपरिक स्वाद के साथ-साथ एक नए जायके का अनुभव कराएगी। यह रेसिपी न सिर्फ स्वादिष्ट है, बल्कि इसे बनाने की विधि भी अनूठी है। इस अद्भुत खीर को बनाने के तरीके और स्वाद का राज जानने के लिए,…
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trendingwatch · 2 years
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दिवाली 2022: इस खास थाली के साथ मनाएं रोशनी का त्योहार
दिवाली 2022: इस खास थाली के साथ मनाएं रोशनी का त्योहार
दीवाली लगभग यहाँ है! जब हम त्योहार की तैयारी कर रहे हैं, अपने घर की सफाई कर रहे हैं और इसे रोशनी से सजा रहे हैं, हम भोजन के बारे में नहीं भूल सकते – जो दिवाली उत्सव में एक बड़ी भूमिका निभाता है। चलो सहमत हैं, भोजन और उत्सव साथ-साथ चलते हैं; दोस्त और परिवार स्वादिष्ट भोजन और पेय पर बंधने के लिए इकट्ठा होते हैं। अगर आप सोच रहे हैं कि रोशनी के त्योहार पर अपने प्रियजनों के लिए क्या तैयार किया जाए, तो…
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mwsnewshindi · 2 years
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रेसिपी: पीसीओएस फ्रेंडली स्नैकिंग विकल्प जिन्हें आपको जरूर आजमाना चाहिए
रेसिपी: पीसीओएस फ्रेंडली स्नैकिंग विकल्प जिन्हें आपको जरूर आजमाना चाहिए
के साथ लोग पीसीओ अक्सर लंबे भोजन के बीच यह सोचकर खाने से बचें कि यह स्वस्थ नहीं है। लेकिन सुनियोजित भोजन और नाश्ता पूरे दिन मददगार साबित होते हैं क्योंकि स्नैक्स एक भोजन से दूसरे भोजन के बीच एक सेतु का निर्माण कर सकते हैं। वे आपको अतिरिक्त प्रदान करते हैं पोषण और ऊर्जा। और वे आपको बाद में अधिक खाने या अधिक खाने से रोक सकते हैं। स्नैक्स चुनते समय सामग्री को ध्यान म���ं रखना जरूरी है। ऐसे स्नैक्स को…
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vegkhanakhazana · 2 months
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मसाला छाछ बनाने की विधि
मसाला छाछ एक प्रसिद्ध और प्रचलित भारतीय शीतल व्यंजन है जो गर्मी के दिनों में ठंडा करने के लिए उत्तम है। यह एक स्वादिष्ट, ताजा और पौष्टिक पेय है जो आमतौर पर मसाले से भरी होती है। मसाला छाछ बनाने की विधि आसान है और इसमें दही, पानी, हरे धनिये, पुदीना, नमक, काली मिर्च और अन्य मसाले का उपयोग होता है। इस विशेष व्यंजन को तैयार करके आप अपने भोजन को न केवल स्वादिष्टता से लेकिन उत्तेजना से भर सकते हैं। पूरी जानकारी के लिए विजिट करें: https://vegkhanakhazana.in/masala-chach/
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digitalshahid03 · 3 months
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Chicken Tikka Butter Masala Recipe in Hindi
Chicken Tikka Butter Masala Recipe – भारतीय खानपान में विविधता का स्वाद है, और इसमें चिकन टिक्का बटर मसाला एक अद्वितीय स्वाद अनुभव करने का एक मौका प्रदान करता है। यह एक अद्वितीय और स्वादिष्ट रेसिपी है जो हर खाने के शौकीन को मोहित कर देती है। इस ब्लॉग में, हम एक सरल और स्वादिष्ट चिकन टिक्का बटर मसाला बनाने की विधि को सीखेंगे, ताकि आप भी अपने घर में इस दिलचस्प और स्वादिष्ट व्यंजन को बना सकें।
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foodwada · 3 months
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Indian puran poli ki 1 amazing recipe (पूरन पोली बनाने की विधि)
Indian puran poli जो खाने मे बहुत ही स्वाद भोजन है जो एक लोकप्रिय भोजन है महाराष्ट्र की प्रसिद्ध और लोकप्रिय भोजन है जो आटे दाल गुड़ और इलायची से बनाई जाती है यह एक त्योहारी व्यंजन होता है इसे दीपावली, गणेश चतुर्थी और होली जैसे अधिकांश त्योहारों पर बनाए जाते है ये वहा की प्रसिद्ध है जो हर घर पर बनाई जाती है । इसे घर पर आसानी से और कम समय में बना सकते है यह खाने में बहुत ही स्वाद होता है और…
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13 या 14 नवंबर कब है गोवर्धन पूजा? जानें मुहूर्त, महत्व और भोग रेसिपी
इस साल दिवाली 12 नवंबर की है, लेकिन गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. तो चलिए जानते हैं क्या है गोवर्धन पूजा की सही डेट.
इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 13 नवंबर दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट से हो रही है और समापन अगले दिन 14 नवंबर दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर होगा. ऐसे में गोवर्धन पूजा का पर्व 14 नवंबर को मनाया जाएगा.
गोवर्धन पूजा विधि-
गोवर्धन पूजा के लिए घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है. उसे फूलों से सजाकर दीप, नैवेद्य, फल अर्पित किया जाता है. पूजा के बाद गोबर से गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा की जाती है.
इस श्रीकृष्ण को भोग में लगने वाली चीजें-
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्रीकृष्ण के लिए छप्पन भोग बनाया जाता है. छप्पन भोग में मीठे, तीखे, खट्टे सभी तरह के व्यंजन शामिल होते हैं. इसमें चावल, दाल, चटनी, कढ़ी, शरबत, बाटी, मुरब्बा, मठरी, मिठाई, खुरमा, खीर, मक्खन, रबड़ी, मोहन भोग तक शामिल होते हैं. अगर आप भी भगवान कृष्ण को मीठे में कुछ बना कर भोग लगाना चाहते हैं तो आप इस डिश को तैयार कर सकते हैं.
Gopal Shastri Ji
For More Detail Visit: - www.ptgopalshastri
Call : - 07888878978/+1(778)7663945
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dainiksamachar · 6 months
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शुद्ध ज्ञान देसी घी में बनाएं बादाम का हलवा, स्‍वाद और सेहत दोनों के लिए जबरदस्‍त
भारतीय रसोई में घी का अपना ही महत्‍व होता है। शुद्ध ताजा देसी घी जब किसी खाने में मिलाया जाता है, तो उसका स्‍वाद एकदम से दोगुना हो जाता है। घी का प्रयोग दाल में तड़का लगाने से लेकर लड्डू या मिठाई बनाने तक में किया जाता है। देसी घी ना केवल स्‍वादिष्‍ट होता है, बल्‍कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह गुणवत्ता और पौष्टिकता से भरपूर होता है। यही नहीं, आयुर्वेद में घी का इस्‍तेमाल कुछ प्रकार की बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है। यदि आप भी घी का पूरा लाभ पाना चाहते हैं, तो यहां हम आपको स्‍वादिष्‍ट बादाम के हलवे की रेसिपी बनाना सिखाएंगे जो शुद्ध घी के प्रयोग से बनाई गई है। तो चलिए देखते हैं इसकी रेसिपी:बादाम का हलवा रेसिपीसामग्री * 1/2 - किलो बादाम * चीनी - 250 ग्राम * केसर - 5 पत्‍ती (थोड़े से दूध में भिगोए हुए) * पिस्‍ता - 10 ग्राम कतरन * बादाम - 10 ग्राम कतरन * इलायची पाउडर - 1/2 चम्‍मच * दूध - 1/2 गिलास * पानी - 1/2 गिलास * आटा - 2 चम्‍मच * देसी घी - 250 ग्राम बादाम हलवा बनाने की विधि * सबसे पहले बादाम को एक बाउल में पानी डालकर रातभर के लिए भिगो दें। सुबह इसे छानकर उनका छिलका निकाल लें। * छिले हुए बादाम को मिक्‍सर ग्राइंडर में दूध का प्रयोग करते हुए पीस लें। याद रहे कि बादाम बारीक पिसा हुआ होना चाहिए। * एक गहरी कढ़ाई लें, उसमें घी डालें और गरम करें। एक गहरी कढ़ाई लें और उसमें ज्ञान शुद्ध देसी घी डालें। इसे गरम होने दें। * घी गरम होने पर उसमें दो चम्‍मच आटा डालें और कुछ देर तक इसे पकाएं। * जब आटा पक जाए तब उसमें पिसा हुआ बादाम डालें और लगातार चलाते रहें। * जब बादाम गहरे रंग का हो जाए और पक जाए तब इसमें चीनी मिला दें। * चीनी डालने के बाद इसमें थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी डालते जाएं। ध्यान रखें कि इतना पानी न डले कि हलवा पतला हो जाए। और ज्‍यादा पानी ना डालें नहीं तो हलवा पतला हो जाएगा। * थोड़ी देर तक हलवे को कढ़ाई में मिक्स करते हुए पकने दें और फिर भिगोया हुआ केसर डालें। * केसर डालने के बाद मध्‍यम आंच पर लगातार हिलाते हुए हलवे को पकाएं। * अब आखिर में इलायची पाउडर डालें और अच्‍छी तरह से मिलाएं। * लास्‍ट में इसे सर्विंग बाउल में निकालें और ऊपर से बादाम की कतरन डाल कर सजाएं। * अब आपका गरमा-गरम ज्ञान देसी घी से बना बादाम का हलवा सर्व करने के लिए तैयार है। घी से सेहत को पहुंचने वाले लाभ * हमारे घर के बड़े-बुजुर्गों ने हमेशा से ही हमें घी खाने की सलाह दी है। वे मानते हैं कि घी ना सिर्फ हमें शारीरिक रूप से बलशाली बनाता है, बल्‍कि स्‍वस्‍थ भी रखता है। घी विटामिन ए, डी और ई से भरपूर होता है। यह विटामिन आपकी स्‍किन, आंखों और इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूती प्रदान करता है। * NCBI की एक रिसर्च में पाया गया है कि घी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया, अस्थमा, आंत के रोग में फायदेमंद है। घी की एक खास बात है कि यह हमारे पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है। यदि आपको कब्‍ज या पाइल्‍स की परेशानी है तो रोज रात को गरम पानी में एक चम्‍मच घी डालकर सेवन कर���े से यह दिक्‍कत तुरंत ही ठीक हो सकती है। * शुगर पेशेंट्स के लिए घी का सेवन वरदान से कम नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि घी ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करता है। यह मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है, जिससे ब्‍लड शुगर शरीर में बहुत ही धीरे-धीरे बढ़ती है, जिससे डायबिटीज के रोगी को दिक्‍कत नहीं होती। इसलिए दोपहर के खाने में घी का सेवन जरूर करें। शुद्ध होने के साथ हेल्‍दी है ज्ञान घीइन दिनों आपको बाजार में तरह-तरह के ब्रांड के घी मिल जाएंगे, जो शुद्ध होने का दावा करते हैं। इस प्रकार के घी ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सस्ते दामों पर बेचे जाते हैं, लेकिन इनका सेवन सेहत के लिए बेहद हानिकारक साबित होता है। अगर आपको शुद्ध और सेहत को अनेक तरह से लाभ पहुंचाने वाला घी चाहिए, तो ज्ञान घी अपने घर ले आएं। हमने आज की इस रेसिपी में ज्ञान घी का ही इस्‍तेमाल किया है जो शुद्ध है और विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्‍सीडेंट से भरपूर है। यह टेक्‍सचर में दानेदार होता है और इसकी खुशबू जबरदस्त होती है।इससे बने हलवे या किसी भी व्यंजन को जब आप चखेंगे, तो इसका स्वाद आप भूल नहीं सकेंगे।Disclaimer: This article has been produced on behalf of C.P. Milk and Food Products Pvt Ltd by Times Internet’s Spotlight team. http://dlvr.it/SyG7tf
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sharpbharat · 7 months
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jamshedpur rural- उलदा में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए लगायी गयी अलग अलग व्यंजनों की प्रदर्शनी, विजेताओं को किया गया पुरस्कृत
गालूडीह: उलदा पंचायत के सुसनिगड़िया गांव में शनिवार को श्री अन्न व्यंजन विधि प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें क्षेत्र की कई ग्रामीण महिला गृहणियों ने भाग लिया. कार्यक्रम में मुख्य रूप में जिला परिषद देवयानी मुर्मू उपस्थित थीं. कार्यक्रम में मोटा अनाज को लेकर क्षेत्र में जागरुकता अभियान चलाने पर जोर दिया गया. महिलाओं द्वारा मोटा अनाज से बने व्यंजनों की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया. जिसका…
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eatgoodyfoody · 10 months
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Pasta Recipe | घर पर पास्ता बनाने की आसान विधि जानिए पास्ता रेसिपी
Pasta एक ऐसी डिश है जिसके प्रति लोगों को काफी रुचि और प्यार है. इसको खाना बहुत मज़ेदार है और इसकी विविधता और स्वाद लोगों को प्रभावित करता है। पास्ता एक इटालियन व्यंजन है जिसे पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है। इसे मज़ेदार तरीके से तैयार किया जाता है जिसमें आटे, मक्खन और अंडे के मिश्रण का उपयोग किया जाता है जिसका उपयोग पास्ता बनाने के लिए किया जाता है। Read More
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jigshub · 10 months
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Poha Recipe In Hindi
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नमस्ते खाना दोस्तों! आज मैं आपके लिए एक स्वादिष्ट और हेल्दी पोहा रेसिपी लेकर आई हूँ। पोहा भारतीय खाने की परंपरा का हिस्सा है और इसे सबसे ज्यादा सुबह के नाश्ते में पसंद किया जाता है। यह एक आसान तरीके से तैयार होने वाला व्यंजन है और उसमें बहुत सारे पोषक तत्व भी होते हैं। चलिए, बिना देर किए, शुरू करते हैं!
यह रेसिपी किसके लिए है?
यह पोहा रेसिपी सभी खाना दोस्तों के लिए बहुत ही अच्छी है। यह एक आसान और शक्तिशाली नाश्ता है जिसमें आपको स्वास्थ्यप्रद अनाज के लाभ मिलते हैं। इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करके आप उन्हें आनंदित और पूरी तरह से संतुष्ट कर सकते हैं।
सामग्री
2 कप पोहा
2 टेबलस्पून तेल
1/2 टेबलस्पून राई
1 चुटकी हींग
1 कटोरी प्याज़ (बारीक़ कटा हुआ)
1/2 कटोरी टमाटर (बारीक़ कटा हुआ)
2 हरी मिर्च (बारीक़ कटी हुई)
1 टेबलस्पून नींबू का रस
धनिया पत्ती (बारीक़ कटी हुई)
नमक स्वादानुसार
रेसिपी की विधि
सबसे पहले, पोहा को धो लें और उसे 10–15 मिनट के लिए पानी में भिगो दें। इससे पोहा नरम होगा और…Read More
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rashid92786 · 5 months
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Chicken Stew Recipe! बनाए बिहारी स्टाइल में चिकन स्टू 🐔
Chicken Stew Recipe: सिम्मो किचनवाली प्रस्तुत करती हैं एक अद्भुत चिकन स्टू रेसिपी, बिहारी स्टाइल में। इस विशेष रेसिपी में, आप सीखेंगे कैसे बनायें स्वादिष्ट और सेहतमंद चिकन स्टू, जो आपके परिवार के लिए परफेक्ट है। इसमें उपयोग किए गए सामग्री सरल हैं और पकाने की विधि आसान। अगर आप खोज रहे हैं एक नई और अनोखी चिकन रेसिपी, तो यह चिकन स्टू आपके लिए बिल्कुल सही है। मुख्य बिंदु बिहारी स्टाइल की विशेषता:…
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trendingwatch · 2 years
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आपका पसंदीदा सब्जी व्यंजन क्या है? Reddit उपयोगकर्ता अपना साझा करते हैं
आपका पसंदीदा सब्जी व्यंजन क्या है? Reddit उपयोगकर्ता अपना साझा करते हैं
चाहे उनके पोषण के लिए हो या सिर्फ उनके स्वाद के लिए – सब्जियां हमारे भोजन का एक अभिन्न अंग हैं। भारतीय व्यंजन, विशेष रूप से, यह सुनिश्चित करते हैं कि सब्जियों का उनकी अधिकतम क्षमता तक उपयोग किया जाए। हम सब्जी के छिलकों से सब्जी के चिप्स, तली हुई सब्जियां, ग्रेवी वाली सब्जियां और यहां तक ​​कि सब्जी भी बनाते हैं! अगर हम आपसे पूछें कि आपकी गो-टू वेजिटेबल डिश क्या है – तो आपका जवाब क्या होगा?…
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deepinsideheartsblog · 10 months
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#जनेऊ को #संस्कृत भाषा में #यज्ञोपवीत कहा जाता है। यह तीन धागों वाला सूत से बना पवित्र धागा होता है, जिसे व्यक्ति बाएं कंधे के ऊपर तथा दाईं भुजा के नीचे पहनता है। अर्थात् इसे गले में इस तरह डाला जाता है कि वह बाएं कंधे के ऊपर रहे। जनेऊ में तीन सूत्र – त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक – देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण के प्रतीक – सत्व, रज और तम के प्रतीक होते है। साथ ही ये तीन सूत्र गायत्री मंत्र के तीन चरणों के प्रतीक है तो तीन आश्रमों के प्रतीक भी। जनेऊ के एक-एक तार में तीन-तीन तार होते हैं। अत: कुल तारों की संख्‍या नौ होती है। इनमे एक मुख, दो नासिका, दो आंख, दो कान, मल और मूत्र के दो द्वारा मिलाकर कुल नौ होते हैं। इनका मतलब है – हम मुख से अच्छा बोले और खाएं, आंखों से अच्छा देंखे और कानों से अच्छा सुने। जनेऊ में पांच गांठ लगाई जाती है जो ब्रह्म, धर्म, अर्ध, काम और मोक्ष का प्रतीक है। ये पांच यज्ञों, पांच ज्ञानेद्रियों और पंच कर्मों के भी प्रतीक है।
जनेऊ की लंबाई : जनेऊ की लंबाई 96 अंगुल होती है क्यूंकि जनेऊ धारण करने वाले को 64 कलाओं और 32 विद्याओं को सीखने का प्रयास करना चाहिए। 32 विद्याएं चार वेद, चार उपवेद, छह अंग, छह दर्शन, तीन सूत्रग्रंथ, नौ अरण्यक मिलाकर होती है। 64 कलाओं में वास्तु निर्माण, व्यंजन कला, चित्रकारी, साहित्य कला, दस्तकारी, भाषा, यंत्र निर्माण, सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, दस्तकारी, आभूषण निर्माण, कृषि ज्ञान आदि आती हैं।
जनेऊ धारण के समय बालक के हाथ में एक दंड होता है। इस दौरान वो बगैर सिला एक ही वस्त्र पहनता है और उसके गले में पीले रंग का दुपट्टा होता है। मुंडन के बाद शिखा रखी जाती है। पैर में खड़ाऊ होती है। मेखला, कोपीन, दंड : कमर में बांधने योग्य नाड़े जैसे सूत्र को मेखला कहते हैं। मेखला को मुंज और करधनी भी कहते हैं। कपड़े की सिली हुई सूत की डोरी, कलावे के लम्बे टुकड़े से मेखला बनती है। कोपीन लगभग 4 इंच चौड़ी डेढ़ फुट लम्बी लंगोटी होती है। इसे मेखला के साथ टांक कर भी रखा जा सकता है। दंड रूप में लाठी या ब्रह्म दंड जैसा रोल भी रखा जा सकता है। यज्ञोपवीत को पीले रंग में रंगकर रखा जाता है।
बगैर सिले वस्त्र पहनकर, हाथ में एक दंड लेकर, कोपीन और पीला दुपट्टा पहनकर विधि-विधान से जनेऊ धारण की जाती है। जनेऊ धारण करने के लिए एक यज्ञ होता है, जिसमें जनेऊ धारक अपने संपूर्ण परिवार के साथ भाग लेता है। यज्ञ द्वारा संस्कार किए गए जनेऊ को विशेष विधि से ग्रन्थित करके बनाया जाता है। इसे गुरु दीक्षा के बाद ही धारण किया जाता है। अपवित्र होने पर इसे बदल लिया जाता है।
गायत्री ��ंत्र से शुरू होता है ये संस्कार : यज्ञोपवीत संस्कार गायत्री मंत्र से शुरू होता है। गायत्री- उपवीत का सम्मिलन ही द्विजत्व है। यज्ञोपवीत में तीन तार हैं,
गायत्री में तीन चरण हैं।
‘तत्सवितुर्वरेण्यं’ प्रथम चरण, ‘भर्गोदेवस्य धीमहि’ द्वितीय चरण, ‘धियो यो न: प्रचोदयात् ’
तृतीय चरण है।
गायत्री महामंत्र की प्रतिमा – यज्ञोपवीत, जिसमें 9 शब्द, तीन चरण, सहित तीन व्याहृतियां समाहित हैं। इस मन्त्र से करते हैं यज्ञोपवीत संस्कार : यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात् । आयुष्यमग्र��� प्र��िमुञ्च शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।।
यज्ञोपवित संस्कार प्रारम्भ करने के पूर्व यज्ञोपवीत का मुंडन करवाया जाता है। संस्कार के मुहूर्त के दिन लड़के को स्नान करवाकर उसके सिर और शरीर पर चंदन केसर का लेप करते हैं और जनेऊ पहनाकर ब्रह्मचारी बनाते हैं। फिर हवन करते हैं। विधिपूर्वक गणेशादि देवताओं का पूजन, यज्ञवेदी एवं बालक को अधोवस्त्र के साथ माला पहनाकर बैठाया जाता है। इसके बाद दस बार गायत्री मंत्र से अभिमंत्रित करके देवताओं के आह्‍वान के साथ उससे शास्त्र शिक्षा और व्रतों के पालन का वचन लिया जाता है। गुरु मंत्र सुनाकर कहता है कि आज से तू अब ब्राह्मण हुआ अर्थात ब्रह्म (सिर्फ ईश्वर को मानने वाला) को माने वाला हुआ। इसके बाद मृगचर्म ओढ़कर मुंज (मेखला) का कंदोरा बांधते हैं और एक दंड हाथ में दे देते हैं। तत्पश्चात्‌ वह बालक उपस्थित लोगों से भीक्षा मांगता है।
जनेऊ धारण करने की उम्र : जिस दिन गर्भ धारण किया हो उसके आठवें वर्ष में बालक का उपनयन संस्कार किया जाना चाहिए। जनेऊ पहनने के बाद ही विद्यारंभ होना चाहिए, लेकिन आजकल गुरु परंपरा के समाप्त होने के बाद अधिकतर लोग जनेऊ नहीं पहनते हैं तो उनको विवाह के पूर्व जनेऊ पहनाई जाती है। लेकिन वह सिर्फ रस्म अदायिगी से ज्यादा कुछ नहीं, क्योंकि वे जनेऊ का महत्व नहीं समझते हैं। किसी भी धार्मिक कार्य, पूजा-पाठ, यज्ञ आदि करने के पूर्व जनेऊ धारण करना जरूरी है। हिन्दू धर्म में विवाह तब तक पूर्ण नहीं होता जब तक कि जनेऊ धारण नहीं किया जाए।
मल-मूत्र विसर्जन के दौरान जनेऊ को दाहिने कान पर चढ़ा लेना चाहिए और हाथ स्वच्छ करके ही उतारना चाहिए। इसका मूल भाव यह है कि जनेऊ कमर से ऊंचा हो जाए और अपवित्र न हो। यह बेहद जरूरी होता है।
2. अगर जनेऊ का कोई तार टूट जाए या 6 माह से अधिक समय हो जाए, तो बदल देना चाहिए। खंडित प्रतिमा शरीर पर नहीं रखते। धागे कच्चे और गंदे होने लगें, तो पहले ही बदल देना उचित है।
3. घर में जन्म-मरण के सूतक के बाद इसे बदल देने की परम्परा है।
4. जनेऊ शरीर से बाहर नहीं निकाला जाता। साफ करने के लिए उसे कण्ठ में पहने रहकर ही घुमाकर धो लेते हैं। भूल से उतर जाए, तो प्रायश्चित की एक माला जप करने या बदल लेने का नियम है।
5. बालक जब इन नियमों के पालन करने योग्य हो जाएं, तभी उनका यज्ञोपवीत संस्कार करना चाहिए।
जनेऊ का वैज्ञानिक महत्व
1. बार-बार बुरे स्वप्न आने की स्थिति में जनेऊ धारण करने से ऐसे स्वप्न नहीं आते।
2. जनेऊ के हृदय के पास से गुजरने से यह हृदय रोग की संभावना को कम करता है, क्योंकि इससे रक्त संचार सुचारू रूप से संचालित होने लगता है।
3. जनेऊ पहनने वाला व्यक्ति सफाई नियमों में बंधा होता है। यह सफाई उसे दांत, मुंह, पेट, कृमि, जीवाणुओं के रोगों से बचाती है।
4. जनेऊ को दायें कान पर धारण करने से कान की वह नस दबती है, जिससे मस्तिष्क की कोई सोई हुई तंद्रा कार्य करती है।
5. दाएं कान की नस अंडकोष और गुप्तेन्द्रियों से जुड़ी होती है। मूत्र विसर्जन के समय दाएं कान पर जनेऊ लपेटने से शुक्राणुओं की रक्षा होती है।
6. कान में जनेऊ लपेटने से मनुष्य में सूर्य नाड़ी का जाग्रण होता है।
7. कान पर जनेऊ लपेटने से पेट संबंधी रोग एवं रक्तचाप की समस्या से भी बचाव होता है।
8. जनेऊ धारण करने से विद्युत प्रवाह रेखा नियंत्रित रहती है जिससे काम-क्रोध पर नियंत्रण रखने में आसानी होती है।
9. जनेऊ से पवित्रता का अहसास होता है। यह मन को बुरे कार्यों से बचाती है।
10. जनेऊ से कब्ज, एसीडीटी, पेट रोग, मूत्रन्द्रीय रोग, रक्तचाप, हृदय के रोगों सहित अन्य संक्रामक रोग नहीं होते।
🙏 🙏
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hdbfinancesblog · 11 months
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