गरीब, एक राम कहते राम है, जिनके दिल हैं एक। बाहिर भीतर रमि रह्या, पूर्ण ब्रह्म अलेख।।
जिन साधकों का दिल परमात्मा में रम (लीन हो) गया, वे एक परमात्मा का नाम जाप करके राम हो जाते हैं यानि आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करके देव के समान पद प्राप्त कर लेते हैं यानि देवताओं जितनी आध्यात्मिक शक्ति वाले हो जाते हैं। परमात्मा शरीर के कमलों में तथा बाहर सब जगह विद्यमान है।
आध्यात्मिक जानकारी प्राप्त करने के लिए अवश्य सुनें संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन Sant Rampal Ji Maharaj YouTube चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8:30 बजे तक। संत रामपाल जी महाराज ही इस विश्व में एकमात्र पूर्ण गुरु है। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि संत रामपाल जी महाराज से बिना एक सेकंड बर्बाद किये निःशुल्क नाम दीक्षा लें, और अपना मानव जीवन सफल बनाएं।
मेरे अजीज हिंदू भाइयों अपने धर्म ग्रंथ को स्वयं खोलकर देखें पूर्ण परमात्मा कौन है किसकी भक्ति करने से पूर्ण मोक्ष होता है और सर्वे सुख होते हैं पूर्ण परमात्मा की भक्ति करने से बहुत लाभ होते हैं वह पूर्ण परमात्मा कौन है जिसकी भक्ति करने से पूर्णतया मोक्ष होता है हमारे श्रीमद् भागवत गीता में कृष्णा भगवान भी कहते हैं कि मैं उसके शरण में हूं
वह सतनाम-सारनाम उपासक सतलोक चला जाता है। उसका पुनर्जन्म नहीं होता। हम सबने कबीर साहिब के ज्ञान को पुनः पढ़ना चाहिए तथा सोचना चाहिए कि सतलोक प्राप्ति केवल कबीर साहिब के द्वारा दिए गए मन्त्र से होगी।
वेदों को पढ़कर कंठस्थ करने वाले वेदों के गूढ़ रहस्यों को न समझकर उनके विरुद्ध साधना करते-कराते हैं।
वेदों में पत्थर की मूर्ति की पूजा का कहीं उल्लेख नहीं है, वे वेदों के विदान कहलाने वाले पत्थर पूजा करते तथा कराते हैं। वेदों में वर्णित सिर��नहार को भुला दिया है।
संत रामपाल जी महाराज विश्व के एकमात्र सतगुरु हैं जिनको सत्संग करने तथा नाम दीक्षा देने का अधिकार है। (एक समय में पूर्ण गुरु पूरे विश्व में एक ही होता है।) इनके अतिरिक्त किसी भी धर्मगुरु या कथावाचक को सत्संग का अधिकार नहीं है।
संत रामपाल जी महाराज जी के आध्यात्मिक ज्ञान का डंका सारे विश्व में बज रहा है। समाज सुधार और मानव कल्याण के अद्भुत काम करने वाले ऐसे महान संत की महिमा के चर्चे घर-घर में हो रहे हैं। उन्हीं परम संत रामपाल जी महाराज का 8 सितंबर को अवतरण दिवस है।
संत रामपाल जी महाराज जी ने तत्वज्ञान द्वारा समझाया है कि यदि आज हम किसी से रिश्वत लेते हैं तो अगले जन्म में पशु बनकर उसका ऋण उतारना पड़ेगा। व इस जन्म में भी कष्ट पर कष्ट सहन करने पड़ेंगे।
इस कारण उनके ज्ञान से परिचित होकर लाखों लोगों ने इस कुरीति से तौबा कर ली है।
समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ कन्या भ्रूण हत्याएं, छुआ छूत, तेरहवीं, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को भी समाज से दूर कर रहे हैं।
जहां आज़ दहेज के कारण न जाने कितनी ही बहन बेटियों को समाज में जिंदा जला दिया जाता है, या फिर बहुत से कष्ट दिए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर समाज सुधारक परम संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को दहेज मुक्त विवाह करने की शिक्षा देकर दहेज मुक्त समाज का निर्माण कर रहे हैं। बहन बेटियों को समाज में सम्मान के साथ जीने का अधिकार दे रहे हैं।
समाज में फैली कुरीतियों और पाखंडवाद को जड़ से समाप्त करके स्वच्छ समाज का निर्माण करने वाले महान संत रामपाल जी महाराज जी ही है ।
प्रेत बाधाओं से पीड़ित लोग जहां जगह-जगह लुट पिट कर भी समस्याओं से ग्रस्त रहते थे, वहीं संत रामपाल जी महाराज जी ने ऐसी सतभक्ति दी कि सिर्फ नाम का जाप करने से सदा के लिए ऐसी प्रेत बाधा दूर हो जाती है।
नशा मुक्त समाज का निर्माण अपने आध्यात्मिक ज्ञान से संत रामपाल जी महाराज जी कर रहे हैं ।
एक तरफ जहां नि:संतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था। वहीं संत रामपाल जी महाराज जी ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से नष्ट कर दिया और बताया कि नि:संतान तो बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। क्योंकि उसका किसी से कोई लेना देना बकाया नहीं है। सतगुरु शरण में आकर उसका सहज मोक्ष हो सकता है।
आम समाज में बेटे व बेटियों में बहुत फर्क समझा जाता रहा है। इसी सोच का शिकार होकर कुछ लोग कन्या भूर्ण हत्या जैसा भयंकर अपराध भी कर बैठते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी ने ये लिंग भेद स्थाई रूप से समाप्त किया है व उनके शिष्य लड़के व लड़की में किसी प्रकार का भेद नहीं समझते।
अश्लील फ़िल्मों से समाज में बढ़ती अश्लीलता, छोटे कपड़ों का चलन आम हो गया है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी उनके बताए सतमार्ग पर चलकर फिल्में, सिरियल, अश्लील गाने आदि पूर्ण रूप से त्याग चुके हैं। जो कि समाज सुधार की अद्भुत पहल है।
जिस संत के आध्यात्मिक ज्ञान से आज लाखों लोग सामाजिक बुराइयों को छोड़ शास्त्रानुकूल सतभक्ति कर रहे हैं। 8 सितंबर को उन परम संत रामपाल जी महाराज जी का अवतरण दिवस है।
संत दादू जी कहते हैं कि कबीर साहेब के बताए हुए रास्ते पर जो चलता है काल उसका बाल बांका भी नहीं कर सकता कबीर नाम इतना शक्तिशाली है कबीर का नाम सुनते ही ज्योति निरंजन काल कांपने लगता है जो भक्त कबीर साहेब के बताए हुए मार्ग पर चलकर जीवन की यात्रा सफल करता है ज्योति निरंजन काल उसका कुछ नहीं कर सकता
प्रभु ने मनुष्यों के खाने के लिए जितने बीज वाले छोटे पेड़ तथा जितने पेड़ों में बीज वाले फल होते हैं वे भोजन के लिए प्रदान किए हैं अर्थात जीव हत्या या माँस खाने के लिए नहीं कहा।
Must Read and Listen Book 📚📚 ‛गीता तेरा ज्ञान अमृत’