Tumgik
huljohar · 3 years
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To live is to change, and to have lived perfectly is to have changed often.
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huljohar · 3 years
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No Enemies
By Charles Mackay
(English Chartist poet, 1814–1889)
YOU have no enemies, you say?
Alas! my friend, the boast is poor;
He who has mingled in the fray
Of duty, that the brave endure,
Must have made foes! If you have none, 5
Small is the work that you have done.
You’ve hit no traitor on the hip,
You’ve dashed no cup from perjured lip,
You’ve never turned the wrong to right,
You’ve been a coward in the fight.
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huljohar · 4 years
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की उन्हें जन्नत की ऊंचाइयों और
जहन्नुम की गहराई तक ले चलें
पर क्या करें
ये इश्क़ है ये मुहब्बत है
की उनका हलाक़ होना मंज़ूर नहीं
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huljohar · 4 years
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Movie/Album: प्यासा (1957)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मो.रफ़ी
ये कूचे, ये नीलामघर दिलकशी के
ये लुटते हुए कारवाँ ज़िन्दगी के
कहाँ हैं, कहाँ है, मुहाफ़िज़ ख़ुदी के
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं
ये पुरपेच गलियाँ, ये बदनाम बाज़ार
ये ग़ुमनाम राही, ये सिक्कों की झन्कार
ये इस्मत के सौदे, ये सौदों पे तकरार
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं
ये सदियों से बेख्वाब, सहमी सी गलियाँ
ये मसली हुई अधखिली ज़र्द कलियाँ
ये बिकती हुई खोखली रंग-रलियाँ
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं
वो उजले दरीचों में पायल की छन-छन
थकी-हारी साँसों पे तबले की धन-धन
ये बेरूह कमरों में खाँसी की ठन-ठन
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं
ये फूलों के गजरे, ये पीकों के छींटे
ये बेबाक नज़रें, ये गुस्ताख फ़िकरे
ये ढलके बदन और ये बीमार चेहरे
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं
यहाँ पीर भी आ चुके हैं, जवाँ भी
तनोमंद बेटे भी, अब्बा, मियाँ भी
ये बीवी भी है और बहन भी है, माँ भी
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं
मदद चाहती है ये हौवा की बेटी
यशोदा की हमजिंस, राधा की बेटी
पयम्बर की उम्मत, ज़ुलयखां की बेटी
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं
ज़रा मुल्क के रहबरों को बुलाओ
ये कुचे, ये गलियाँ, ये मंजर दिखाओ
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर उनको लाओ
जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहाँ हैं
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huljohar · 4 years
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sāmne hai jo use log burā kahte haiñ
jis ko dekhā hī nahīñ us ko ḳhudā kahte haiñ
SUDARSHAN FAAKHIR
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huljohar · 5 years
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चलो हम हार जाते हैं
जरूरत ही नहीं उस जीत की, जिसमें साथ नहीं हो तुम..
तुम्हारे साथ के ख़ातिर, चलो हम हार जाते हैं....
~अनामिका अम्बर जी
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huljohar · 5 years
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Chedti hai kabhi lab ko
छेड़ती हैं कभी लैब को
कभी रुख़सारों को
तुमने बहुत सारे चढ़ा रखा है
अपने बालों को
Kiran bhai ke whatsapp status se copy kiya hua ;P
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huljohar · 5 years
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Mujhe Tum Mil Gaye Humdum, Sahara Ho Toh Aisa Ho
Jidhar Dekhoon, Udhar Tum Ho, Nazara Ho Toh Aisa Ho
Mujhe Tum Mil Gaye Humdum, Sahara Ho Toh Aisa Ho
Jidhar Dekhoon, Udhar Tum Ho, Nazara Ho Toh Aisa Ho
Mujhe Tum Mil Gaye Humdum. ...
Kisika Chand Sa Chehra, Nazar Se Choom Leti Hoon...
Kisika Chand Sa Chehra, Nazar Se Choom Leti Hoon...
Khushi Ki Intehaa Yeh Hai, Nashe Mein Jhoom Leti Hoon...
Nashe Mein Jhoom Leti Hoon...
Hui Taqdeer Bhi Roshan, Sitara Ho Toh Aisa Ho...
Jidhar Dekhoon, Udhar Tum Ho, Nazara Ho Toh Aisa Ho...
Mujhe Tum Mil Gaye Humdum...
Meri Aankhon Mein Aansun Hain, Magar Aansun Khushi Ke hain...
Meri Aankhon Mein Aansun Hain, Magar Aansun Khushi Ke hain.
Kise Chodun Kise Paalun Yeh Rishte Zindagi Ke Hain...
Yeh Rishte Zindagi Ke Hain...
Humein Toh Naaz Hai Tum Par, humara Ho... Toh aisa ho
Jidhar Dekhoon, Udhar Tum Ho, Nazara Ho Toh Aisa Ho
Mujhe Tum Mil Gaye Humdum...
Udhar Dil Hai, Idhar Jaan Hai Ajab Mushkil Ka Sauda Hai
Udhar Dil Hai, Idhar Jaan Hai Ajab Mushkil Ka Sauda Hai
Labon Par Muskurahat Hai, Magar Sanson Mein Toofan Hai...
Magar Sanson Mein Toofan Hai...
Yeh Main Jaanun Ya Tum Jaanon, Ishara Ho Toh Aisa Ho
Jidhar Dekhoon Udhar Tum Ho, Nazara Ho Toh Aisa Ho...
Mujhe Tum Mil Gaye Humdum...
Jidhar Dekhoon Udhar Tum Ho, Nazara Ho Toh Aisa Ho...
Mujhe Tum Mil Gaye Humdum...
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huljohar · 5 years
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Ik adhuri jawaani ka kya fayeda
इक अधूरी कहानी का क्या फायदा
बिन कथानक कहानी का क्या फायदा
जिस में धुलकर नज़र भी न पावन बने
आँख में ऐसे पानी का क्या फायदा
वक़्त के क्रूर छल का भरोसा नहीं
आज जी लो के कल का भरोसा नहीं
दे रहे हैं वो अगले जनम की खबर
जिनको अगले ही पल का भरोसा नहीं
प्यार में इप्तदा का मज़ा लीजिये
उसमे ही इंतेहा का मज़ा लीजिये
प्यार का व्याकरण आचरण है अलग
प्यार की ना में हां का मज़ा लीजिये
– डॉ. कुमार विश्वास
Ik adhuri jawaani ka kya fayeda
bin kathanak kahaani ka kya fayeda
Jis me dhulkar nazar bhi na paawan bane
Aankh me aise paani ka kya fayeda..
Waqt ke krur chal ka bharosa nahi
Aaj ji lo ke kal ka bharosa nahi
De rahe hain wo agle janam ki khabar
jinko agle hi pal ka bharosa nahi..
Pyaar me iptada ka maza lijiye
Usme hi intehaa ka maza lijiye
Pyaar ka vyakaran aacharan he alag
Pyaar ki naa me haa ka maza lijiye.
– Dr. Kumar Vishwas
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huljohar · 5 years
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जिस में धुलकर नज़र भी न पावन बने
आँख में ऐसे पानी का क्या फायदा...
प्यार में इप्तदा का मज़ा लीजिये
उसमे ही इंतेहा का मज़ा लीजिये
प्यार का व्याकरण आचरण है अलग
प्यार की ना में हां का मज़ा लीजिये
– डॉ. कुमार विश्वास🙏
@DrKumarVishwas
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huljohar · 5 years
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Hamara daur aayega
Kuch der ki khamoshi hai
Fir shor aayega
Tumhara to samay aaya hai
Hamar daur aayega
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huljohar · 5 years
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Tumblr media
अपनी मर्ज़ी से चार कदम चलने दे । ज़िन्दगी हम तेरे कहने पे चलें हैं वर्षों
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huljohar · 5 years
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Tera roth jana
Mujhe manate mante tumhara roth jana
Mujhe manate mante tumhara roth jana
Bada aasan hai tera mujhe manana
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huljohar · 5 years
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Iss zami ke liye,
Tujhsa banane ka khuda ne na socha hoga....
Par jab tera chehra dil mein aaya,
To khud to na rok paya hoga.
Abhinav Badal Soren
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huljohar · 5 years
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खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो,
दिल में इतना दर्द क्यूँ है वजह बता दो,
देर हो गयी याद करने में जरूर,
लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो।
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huljohar · 5 years
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तुम मुझको कब तक रोकोगे
मुठ्ठी में कुछ सपने लेकर, भरकर जेबों में आशाएं ।
दिल में है अरमान यही, कुछ कर जाएं… कुछ कर जाएं… । ।
सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे ।
सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे…
अपनी हद रौशन करने से, तुम मुझको कब तक रोकोगे…तुम मुझको कब तक रोकोगे… । ।
मैं उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है…
मैं उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है …
बंजर माटी में पलकर मैंने…मृत्यु से जीवन खींचा है… ।
मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ… मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ ..
शीशे से कब तक तोड़ोगे..
मिटने वाला मैं नाम नहीं… तुम मुझको कब तक रोकोगे… तुम मुझको कब तक रोकोगे…।।
इस जग में जितने ज़ुल्म नहीं, उतने सहने की ताकत है…
इस जग में जितने ज़ुल्म नहीं, उतने सहने की ताकत है ….
तानों के भी शोर में रहकर सच कहने की आदत है । ।
मैं सागर से भी गहरा हूँ.. मैं सागर से भी गहरा हूँ…
तुम कितने कंकड़ फेंकोगे ।
चुन-चुन कर आगे बढूँगा मैं… तुम मुझको कब तक रोकोगे…तुम मुझको कब तक रोकोगे..।।
झुक-झुककर सीधा खड़ा हुआ, अब फिर झुकने का शौक नहीं..
झुक-झुककर सीधा खड़ा हुआ, अब फिर झुकने का शौक नहीं..
अपने ही हाथों रचा स्वयं.. तुमसे मिटने का खौफ़ नहीं…
तुम हालातों की भट्टी में… जब-जब भी मुझको झोंकोगे…
तब तपकर सोना बनूंगा मैं… तुम मुझको कब तक रोकोगे…तुम मुझको कब तक रोक़ोगे…।।
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huljohar · 5 years
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Hum ladenge saathi
हम लड़ेंगे साथी, उदास मौसम के लिए
हम लड़ेंगे साथी, ग़ुलाम इच्छाओं के लिए
हम चुनेंगे साथी, ज़िन्दगी के टुकड़े
हथौड़ा अब भी चलता है, उदास निहाई पर
हल अब भी चलता हैं चीख़ती धरती पर
यह काम हमारा नहीं बनता है, प्रश्न नाचता है
प्रश्न के कन्धों पर चढ़कर
हम लड़ेंगे साथी
क़त्ल हुए जज़्बों की क़सम खाकर
बुझी हुई नज़रों की क़सम खाकर
हाथों पर पड़े घट्टों की क़सम खाकर
हम लड़ेंगे साथी
हम लड़ेंगे तब तक
जब तक वीरू बकरिहा
बकरियों का मूत पीता है
खिले हुए सरसों के फूल को
जब तक बोने वाले ख़ुद नहीं सूँघते
कि सूजी आँखों वाली
गाँव की अध्यापिका का पति जब तक
युद्ध से लौट नहीं आता
जब तक पुलिस के सिपाही
अपने भाइयों का गला घोंटने को मज़बूर हैं
कि दफ़्तरों के बाबू
जब तक लिखते हैं लहू से अक्षर
हम लड़ेंगे जब तक
दुनिया में लड़ने की ज़रूरत बाक़ी है
जब तक बन्दूक न हुई, तब तक तलवार होगी
जब तलवार न हुई, लड़ने की लगन होगी
लड़ने का ढंग न हुआ, लड़ने की ज़रूरत होगी
और हम लड़ेंगे साथी
हम लड़ेंगे
कि लड़े बग़ैर कुछ नहीं मिलता
हम लड़ेंगे
कि अब तक लड़े क्यों नहीं
हम लड़ेंगे
अपनी सज़ा कबूलने के लिए
लड़ते हुए जो मर गए
उनकी याद ज़िन्दा रखने के लिए
हम लड़ेंगे
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